Friday, February 27, 2015

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--58

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--58

अब आगे
**********



 समीर भी अपनी आँखे बंद किए अपने लंड और बाल्स चुसवाने का मज़ा लेता रहा...पर एक बार जब चूत मारने की इच्छा हो जाए तो ऐसे लंड चुसवाने से कुछ नही मिलता....और तभी उसके कानों में नीचे से उसकी बीबी रश्मि की मदमस्त चीखों की आवाज़ आने लगी...और वो समझ गया की लोकेश उसे किस तरीके से चोद रहा होगा और वो भी काफ़ी मज़े ले रही होगी...

और अगले ही पल उसके मन में एक विचार आ गया...क्यों ना वो नीचे जाकर अपने दोस्त के साथ मिलकर रश्मि की बजाए...जैसा की दोनो दोस्त अक्सर किया करते थे...एक आगे से और दूसरा पीछे से....ऐसा करने में दोनों को काफ़ी मज़ा भी आता था..और उनसे मज़े लेने वाली भी खुश हो जाया करती थी..

और आज वो मजा वो रश्मि चाहता था, जब इतना कुछ हो रहा है तो ये भी सही

और वैसे भी समीर को इस वक़्त नीचे वाला छेद ही चाहिए था , उपर वाला नही...जो उसे इस वक़्त रश्मि ही दे सकती थी...उसकी बेटी काव्या नही...

और उसने काव्या को उपर उठाते हुए कहा : "सुनो काव्या....तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो...मैं नीचे जाकर तुम्हारी माँ के साथ ही कर लूँगा...''

अपने पापा की केयरिंग देखकर काव्या गदगद हो उठी और बोली : "ओहो...थॅंकयु पापा....मैं तो सोच रही थी की आपको कैसे मना करू...बट आप सच में काफ़ी केयरिंग हो...थॅंक्स अ लॉट...मैं टेबलेट लेकर अपने रूम में सो जाउंगी ..आप सब लोग नीचे एंजाय करो...''

और वो ऐसे ही नंगी भागती हुई अपने रूम में चली गयी..

और समीर अपने लंड को लहराता हुआ नीचे की तरफ़..






सीडियों से नीचे उतरते हुए समीर उन दोनो के जंगली प्यार को देखने लगा...रश्मि तो सोफे पर ओंधा लिटाकर वो उसकी चूत की कुटाई अपने मूसल जैसे लंड से कर रहा था..अपनी बीबी को अपने ही दोस्त से चुदते हुए देखकर समीर का लंड हुंकारने लगा..ऐसी दरियादिली हर पति में नही होती.

समीर ने देखा की रश्मि की चूत में आ-जा रहा लोकेश का लंड उसकी चूत के रस में डूबकर कितनी बुरी तरह से चमक रहा है...उसकी चूत से लगातार बह रहा पानी उसकी जांघों से होता हुआ नीचे गिर रहा था और चूत में ज़्यादा कीचड़ हो जाने की वजह से फच-2 की आवाज़ों से पूरा ड्रॉयिंग रूम गूँज रहा था..

और उन फच्च-2 की आवाज़ों को संगीत से सज़ा रही थी सुरो की मल्लिका रश्मि...जो अपनी उहह-आह के संगीत को लोकेश की तालों से मिलाकर एक अलग ही नगमा पेश कर रही थी..

''आआअहह उम्म्म्मम आआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स... ओह माय गॉड ...... उम्म्म्ममममम अहह ऐसे ही .......आआआआहह मर गयी रे...''

और तभी लोकेश की नज़रें समीर की तरफ चली गयी...और कुछ देर तक दोनो ने एक दूसरे को देखा और दोनों के चेहरे पर ही वही कुटिल मुस्कान आ गयी जो अक्सर किसी रंडी की एक साथ चुदाई करते हुए आया करती थी...और समीर ने उसे चुप रहने का इशारा करते हुए अपनी बीबी की चूत मारते रहने को कहा..

और खुद वो अपने लंड को मसलता हुआ उन दोनो के करीब जाकर खड़ा हो गया.

और समीर के कहने पर एकदम से लोकेश ने आगे की तरफ झुककर रश्मि के बाल उपर की तरफ खींचे और समीर ने भी बिना कोई देरी किए उसके खुले हुए गीले मुँह में अपना लंड पेल दिया..

रश्मि तो समझ रही थी की लोकेश उसके साथ रफ़ सेक्स करने की चाह में उसके बाल खींच रहा है...पर जैसे ही उपर मुँह करते हुए उसके होंठों के बीच समीर का लंड फँसा, उसने चौंकते हुए अपनी आँखे खोल दी...

अब और कोई मौका होता तो वो डर के मारे नंगी ही घर से बाहर भाग जाती, क्योंकि वो अपने पति के दोस्त से चुदवा रही थी..पर यहाँ सब कुछ उसके पति का ही रचाया हुआ था..और ऐसे में वो खुद आकर उनके साथ जाय्न करना चाहे तो वो भला कैसे मना कर सकती थी..पर अंदर ही अंदर ये सब करते हुए वो खुद को किसी रंडी से कम नही समझ रही थी..जो इस वक़्त 2-2 लंड से मज़े ले रही थी और उन्हे मज़े दे भी रही थी...

रश्मि ने भी खुद को उनके हवाले छोड़ दिया, वो समझ गयी थी की उसका पति यही चाहता है की वो और उसका दोस्त मिलकर उसकी चुदाई करे, और आप तो जानते ही है की रश्मि कितनी पतिव्रता स्त्री है, वो अपने पति को किसी भी बात के लिए मना कर ही नही सकती...

उसने समीर के लंड को अपने मुँह में रखा और उसकी आँखो में देखते-2 उसकी सेवा करनी शुरू कर दी...वो आज जिस तरीके से अपने पति का लंड चूस रही थी उससे साफ़ पता चल रहा था की वो उसे इसके माध्यम से थेंक यू बोल रही है...



दोनो दोस्तों के चेहरे एक दूसरे की तरफ थे, लोकेश रश्मि को घोड़ी बनाकर उसकी चूत मार रहा था तो समीर उसके मुँह में अपना लंड डालकर उसका मुँह चोद रहा था..


और आदत के अनुसार दोनो दोस्तों ने अपना हाथ एक दूसरे के हाथ पर मारते हुए एक दूसरे को हाइ फाइव किया..जिसका मतलब था की वो जो भी कर रहे हैं, उसमे मज़ा आ रहा है..यही उनका हमेशा का स्टाइल था..जब भी वो मिलकर किसी को चोदते थे.

पर आज कोई बाहर वाली रंडी नही बल्कि घर वाली रश्मि चुद रही थी, किसी रंडी की तरह...और उसे ऐसे चुदाई करवाने में मज़ा भी आ रहा था.

रश्मि अब घोड़ी बने हुए थक सी चुकी थी, उसने एंगल चेंज करते हुए अपने आप को पीठ के बल लिटा लिया..और समीर के लंड को चूसना चालू रखा...

लोकेश का लंड फिसल कर बाहर निकल आया था, जिसे वो उसकी चूत की दरारों पर ज़ोर-2 से रगड़ने लगा...ये रगड़ाहट उसे और भी ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी, क्योंकि उसे अंदर लेने की लालसा उसे और भी ज़्यादा तडपा रही थी.

लोकेश ने उसकी चूत के उपर की तरफ उंगली और अंगूठे का दबाव बनाकर उसकी चूत को भींच दिया और उसके होंठों के बीच अपने लंड को उपर नीचे करने लगा..



रश्मि चीख पड़ी अपने देवर पर..

''आआआआआआआअहह लोकेश ................ मत तरसाओ ना............... डालो अंदर.............. पहले की तरह ..............प्लीज़..........''

पर वो कमीना नही माना, वो उसी तरह से अपने लंड के ज़रिए उसकी रसीली चूत से खेलता रहा.

रश्मि ने अपने पति से शिकायत की ...: "देखिए ना.... समझाइये अपने दोस्त को...... कैसे तडपा रहा है मुझे .......प्लीज़ उसको बोलिए की अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाले...ऐसे बाहर से ही रगदाई ना करे....प्लीज़ बोलिए ना....''

पर समीर भी कुछ नही बोला, वो अपनी बीबी की बात सुनकर मुस्कुराने लगा..

तभी नीचे की तरफ मज़े लेता हुआ लोकेश बोला : "अरे भाभी ....आप चिंता मत करिए....बस हमारा खेल देखते रहिए..''

इतना कहते-2 लोकेश ने रश्मि को खड़ा किया और खुद सोफे पर लेट गया और रश्मि को अपने उपर खींचते हुए अपना लंड उसकी चूत पर टीका दिया, वो तो पहले से ही कुलबुला रही थी उसे अंदर लेने के लिए इसलिए जैसे ही उसे अपने दरवाजे पर उसके लंड का एहसास हुआ, वो झटका मारकर एक ही बार में उसे अंदर निगल गयी...

''आआआआआआआअहह ...... उम्म्म्ममममममममममममम .......... बस अब कोई शरारत मत करना.... और चोदो मुझे....जैसे पहले चोद रहे थे....''

लोकेश ने भी अपनी भाभी को ज़्यादा नाराज़ करना उचित नही समझा और नीचे से उसकी चूत के अंदर अपना रॉकेट दागने लगा...लगातार...बार-बार...


और तभी उसे पीछे की तरफ से अपनी गांड के छेद पर एक दस्तक सुनाई दी...जो समीर के लंड ने दी थी...और वो कुछ समझ पाती उससे पहले ही समीर ने अपना पूरा दम लगाकर अपने पहलवान को उसकी गांड के अखाड़े में उतार दिया...




''आआआआआआआआआआहह................... ओहsssssssssssssssss माय गॉड ...................... नोओओओओओओओऊऊऊ ...... उम्म्म्मममममममममममम ......... नूऊऊऊऊऊऊऊऊओ समीरsssssssssssssssssss .....................''

पर समीर उसकी कहा सुनने वाला था, वो अपने लंड को उसकी गांड के अंदर पहुचाकर लोकेश के झटकों के साथ लय मिलाने लगा..

आज रश्मि के जीवन का ये पहला मौका था जब वो पूरी तरह से भर गयी थी...आगे से भी और पीछे से भी...

एक अजीब से रोमांच का एहसास हो रहा था उसे...वैसे भी आज से पहले जितनी बार भी समीर ने उसकी गांड मारी थी वो उसे उतना ही एंजाय करती थी जितना चूत मरवाते हुए...पर आज एक साथ दोनो के अंदर लेने के बाद उसे पता चला की जब दुगने मज़े का एहसास होता है तो कैसा फील होता है...

वो शायद अपने शब्दों मे इस मज़े को कभी बयान नही कर पाएगी पर जो भी हो रहा था उसके साथ इस वक़्त, वो उसे उत्तेजना के एक नये शिखर पर ले जा रहा था...

और अपनी आदत के अनुसार उसने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया फिर से...और इस बार दर्द या शिकायत से नही, बल्कि खुशी के मारे..

''आआआआआहह ओह समईईईर .... आई एम लविंग इट ............... येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स...फक्क माय एस होल ...... ओ माय गॉड .............ऐसा मज़ा तो कभी नही मिला.............. अहह .....ओह लोकेश ............योउ आर फकिंग मी रियली गुड ...............फक्क मी ..........विद युअर कॉक ............अहहsssssssssssssssssssss .....चोदो मुझे ..............मारो मेरी गांड ..............अहह... ऊऊऊओह ''



दोनो ने लय ऐसे बना रखी थी की जब लोकेश का लंड अंदर जाता तो समीर का बाहर आता और जब समीर का अंदर जाता तो लोकेश का बाहर आता...

और अंदर - बाहर के इस एहसास को रश्मि अपने उत्तेजक शब्दों मे पिरोकार उन्हे सुना रही थी...जिसकी वजह से वो और तेज़ी से उसकी गांड और चूत बजा रहे थे...


अचानक समीर ने अपना लंड उसकी गांड से निकाल लिया और थोड़ा सा नीचे करते हुए उसे उसकी चूत के दरवाजे पर लगा दिया, जहाँ पहले से ही लोकेश का लंड फँसा हुआ था...रश्मि समझ गयी की वो क्या करने वाला है, वो एक ही म्यान में दो तलवारें डालने की कोशिश कर रहा था...

वो चीख पड़ी : "नूऊऊऊऊओ...समीईर.... ऐसा मत करना....मेरी फट जाएगी.......प्लीज़ समीर.....एक साथ मत डालो दोनो....''

पर समीर कहाँ मानने वाला था, उसने थोड़ा सा ज़ोर लगाया और लोकेश के लंड के साथ-2 अपने लंड को भी उसकी चूत में डाल दिया...और रश्मि बेचारी अपना मुँह फाड़े हुए दूसरे लंड को भी अपनी चूत में दाखिल होते हुए महसूस करने लगी...उसे तो लगा था की वो फट ही जाएगी पर उसकी चूत बड़े आशचर्यजनक रूप से रबड़ की तरह लचीली निकली और उसने धीरे- 2 करते हुए समीर को भी अंदर निगल लिया...

और अब दोनो एक साथ , एक ही छेद के अंदर अपना लंड पेल रहे थे..



इन दोनो की कलाकारी देखकर वो हैरान रह गयी..

बस अपना मुँह खोले वो उनसे चुदवाती रही..
 
 



हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--57

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--57

अब आगे
**********


 दोनो के शरीर पर पसीने की बूंदे चमक रही थी...और गहरी सांसो से पूरा कमरा गूँज रहा था..और ये सिर्फ़ उन दोनों की ही साँसे नही थी,उनमे छुपी हुई सी रश्मि की साँसे भी थी. जो उन्हे पागलो की तरहा चुदाई करते देखकर एक बार खुद ब खुद झड़ चुकी थी.

काव्या का तो मन ही नही कर रहा था उठकर अपनी चूत धोने का..वो ऐसे ही लिपट कर लेटी रही अपने पापा से...समीर ने इशारा करके रश्मि को भी बेड पर ही आने को कहा और वो भी आकर उसकी दूसरी बाजू पर लेट गयी. और समीर ने उन दोनो को अपनी तरफ करते हुए उन्हे अपने से लिपटा लिया .

ये था समीर के जीवन सबसे बड़ा और सुखद पल, जिसके बारे में उसने ना जाने कितनी बार सोचा था और जो आज पूरा हो चुका था...उसने काव्या की चूत उसकी ही माँ के सामने मारकर और अब उन दोनो माँ बेटियों के नंगे शरीर को अपने से लिपटा कर सुलाया हुआ था..एक अलग ही तरह का गर्व सा महसूस हो रहा था उसे अपने आप पर.

और कब उनके नंगे जिस्मों से लिपटे हुए उसे नींद आ गयी उसे भी पता नही चला.

सुबह जब उसकी नींद खुली तो सारे आसन बदल चुके थे...वो उकड़ू सा होकर काव्या की गांड से चिपका हुआ था और पीछे से हमेशा की तरह उसकी बीबी रश्मि अपनी मोटी छातियाँ उसकी पीठ पर गड़ा कर उससे लिपटी हुई सो रही थी..

समीर का लंड काव्या की गांड के बीच फँसा हुआ था..और वहाँ से मिल रही गर्मी से जल्द ही वो खड़ा भी हो गया..उसके हाथ भी हरकत में आ गये और आगे की तरफ लटक रहे फलों को उसने पकड़ लिया और होले -2 दबाने लगा..जल्द ही नींद में कसमसाती हुई सी काव्या उठ गयी..और धीरे-2 उसे रात की बात याद आई और अपने पीछे पापा और टाँगो के बीच पापा के बेटे को महसूस करते ही उसके चेहरे पर मुस्कान दौड़ गयी..

काव्या : "उम्म्म्मममममममम ... गुड मॉर्निंग पापा ...मुआााआअहह''

उसने पापा के हाथ पर ही चूम लिया, जो उसकी ब्रेस्ट को मसल रहे थे...

समीर : "ये भी कोई जगह होती है किस्स करने की...''

काव्या उसकी बात का मतलब समझ गयी और मुस्कुराती हुई वो उनकी तरफ मुँह करके पलट गयी और अपनी बाहें उनके गले मे डालकर अपने गरमा गरम होंठ उसके होंठो पर लगा दिए और ज़ोर से स्मूच करने के बाद बोली

"मुउआआआआआआअह्ह गुड मॉर्निंग पापा.... अब ठीक है ...''

जवाब में समीर ने भी उसके चेहरे पर चुंबनों की बारिश कर दी..कभी उसके होंठ और कभी उसके गाल, कभी उसकी आँखे और कभी उसकी गर्दन...वो हर किस्स से खिलखिलाकर हंस पड़ती...आज तो काव्या को ऐसा लग रहा था की उसकी शादी हो चुकी है और सुहागरात के बाद की पहली सुबह है उसकी जिंदगी की...

तभी पीछे से रश्मि की आवाज़ आई : "अब बेटी मिल गयी तो माँ को भूल गये हो तुम तो...''

रश्मि का लहज़ा भले ही शिकायत भरा था पर उसके चेहरे पर हँसी थी....समीर ने उसे अपने शरीर पर खींच लिया और उसका नंगा शरीर आधा समीर पर और आधा काव्या पर आकर टिक गया...और समीर ने उपर मुँह करते हुए उसके होंठों को भी ठीक वैसे ही चूमा और चूसा जैसे उसने काव्या के होंठों को चूमा था और जैसा वो रोज सुबह रश्मि के होंठों को चूमता ही था.

और उन दोनो की किस्स के बीच काव्या ने अपनी चोंच घुसा दी...यानी अपने होंठ भी उसने उन दोनो के बीच में घुसा दिए और अगले ही पल तीनो के होंठों के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी..और समीर कभी रश्मि और कभी काव्या के होंठों को चूमने लगा..और काव्या भी कभी अपने पापा और कभी अपनी मम्मी के होंठों को चूमती...ऐसा काफ़ी देर तक चलता रहा और तीनो एक सुखी पारीवार की तरह हंसते-खेलते हुए बेड से उठे.

और बताने की ज़रूरत नही थी, तीनो एक साथ बाथरूम में घुस गये , तीनों एक दूसरे के शरीर पर साबुन लगा रहे थे, बेतहाशा चूम रहे थे...चाट रहे थे...चूस रहे थे...समीर के हाथ सीधा काव्या की नयी चुदी चूत के उपर पहुँच गये और उसने अपनी 2 उंगलियाँ एक ही बार में अंदर घुसेड दी...और पिछली रात जोरदार चुदाई की वजह से जो सूजन उसकी चूत पर आई थी,वो समीर की उंगलियाँ लगते ही उसे महसूस हुई और वो ज़ोर से चीख पड़ी

''आआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईई मम्मी ....................... उन्हु दर्द हो रहा है..... प्लीज़ पापा ....निकालो अपनी फिंगर्स .....''


अपनी बेटी की करुण पुकार सुनकर रश्मि भी चिंतित हो गयी और वो काव्या से लिपट कर उसे दिलासा देने लगी और अपनी नर्म हथेलियों से बड़े ही प्यार से उसकी चूत को भी सहलाने लगी...

''समीर, आप भी ना, पता है ना आपको की कल इसका फर्स्ट टाइम था....अब 1-2 दिन के लिए प्लीज़ इसको कुछ मत करना ....''

समीर ने रश्मि को साइड में किया और खुद काव्या को अपने गले से लगाकर प्यार करने लगा...काव्या भी समीर के गले से लिपट कर एक ही पल मे अपना दर्द भूल गयी..

समीर का लंड अभी भी खड़ा था, और रश्मि की नज़रें उसपर ही लगी हुई थी...अब तो उसे पक्का विश्वास हो चुका था की आज सुबह की पहली चुदाई उसके नाम ही लिखी है...वो आगे बड़ी ही थी की मैन गेट की बेल बज उठी..रश्मि भी सोचने लगी की ऐसे मौके पर कौन आ मरा...

समीर ने रश्मि की तरफ देखा और बोला : "वो लोकेश आया होगा....हम दोनो ने आज एक साथ कोर्ट जाना है,हमारी नयी कंपनी का रेजिस्ट्रेशन करवाने के लिए, जो मैने काव्या के नाम से स्टार्ट की है..''

ये बात सुनकर दोनो माँ -बेटियाँ बहुत खुश हुई...रश्मि ये सोचकर की चलो अच्छा है, समीर ने काव्या को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर आगे बढ़ना शुरू कर दिया है और इस तरह से उसका भविश्ये भी सुरक्षित हो गया...और काव्या ये सोचकर ही खुश हो गयी की अब उसके नाम की भी कंपनी खुलेगी...अपनी सहेलियो पर वो इस बात का रोब दिखा सकेगी.

और काव्या ने भाव विभोर होकर समीर के लंड को हाथ में लेकर ज़ोर-2 से हिलाना शुरू कर दिया और अपने नर्म होंठों से उसके होंठों को चूमने लगी..


समीर ने मुस्कुराते हुए रश्मि से कहा : "तुम जाओ ज़रा...लोकेश की थोड़ी बहुत ''तिमारदारी'' करो ...तब तक मैं काव्या के साथ नहाकर आता हूँ ...''

शायद समीर को लग रहा था की अभी भी अगर थोड़ी बहुत मेहनत की जाए तो वो काव्या की चूत मार ही सकता है...पर इसके लिए वो उसकी माँ को बाहर भेजना चाहता था ताकि वो अपनी बेटी की ढाल बनकर उसे चुदाई से ना रोक दे...

और समीर ने जिस अंदाज में ''तिमारदारी'' कहा था उससे रश्मि समझ गयी की वो क्या कहना चाहता है...उसने अपना हाथ टॉवल की तरफ बढाया तो समीर फिर से बोला : "अब ऐसे ही चली जाओ....उसके लिए कुछ नया थोड़े ही होगा तुम्हे ऐसे देखना ...''

यानी वो खुलकर अपनी बीबी को अपने दोस्त से चुदाई के लिए परमिशन दे रहा था....और जो कुछ भी उनके घर में कल से चल रहा था, उसके बाद तो रश्मि भी थोड़ी बहुत बेशरम हो गयी थी...समीर ने कल भी उसकी और लोकेश की चुदाई देखी थी,और उसका ही फायदा उठा कर समीर ने काव्या को चोदा था..

रश्मि भी अपनी मोटी गांड मटकाती हुई बाहर की तरफ चल दी...और समीर और काव्या एक गहरी स्मूच में डूब गये.

रश्मि की चूत धड़क रही थी बाहर जाते हुए, अपने बाथरूम से निकल कर वो सीडियां उतरकर नंगी ही दरवाजे तक आई...और उसने धीरे से दरवाजा खोल दिया...और दरवाजे के पीछे छिप गयी.

बाहर लोकेश दत्त ही था...उसे सामने कोई नही दिखा जिसने दरवाजा खोला था..इसलिए वो थोड़ा हैरान हुआ..और बाहर ही खड़ा रहा.

तभी दरवाजे के पीछे से आवाज़ आई : "लोकेश जी...आप अंदर आइए ना जल्दी...मेरी हालत खराब हो रही है ऐसे खड़े हुए...''

रश्मि की थरथराती हुई आवाज़ सुनकर लोकेश भी चोंक गया और वो जल्दी से अंदर आया...और जैसे ही उसने दरवाजे के पीछे खड़ी हुई रश्मि को देखा तो उसके होश उड़ गये...वो एकदम नंगी थी...पानी की बूंदे उसके शरीर से फिसलकर नीचे गिर रही थी...उसके अंदर आते ही रश्मि ने झट से दरवाजा बंद कर लिया और धीरे-2 वो लोकेश की तरफ पलटी...उसकी नज़रें नीचे ज़मीन पर ही थी..


 और लोकेश ने उस सुंदरता की मूरत को ऐसे नंगा खड़े देखा तो उसके हाथ से ब्रीफ़केस छूटकर नीचे गिर गया और उसके मुँह से हकलाते हुए बस यही निकला : "अरे ....भ....भाभी....आप ऐसे....मेरा मतलब....समीर ...काव्या...घर नही है क्या....''

 रश्मि ने शरबती नज़रों से उसे देखा और उसकी तरफ चलना शुरू कर दिया..उसके हर कदम से पानी की बूंदे थिरक कर नीचे गिरती जा रही थी..और लोकेश के होंठ उन मोतियों को नीचे गिरते देखकर सूख रहे थे..

वो उसके बिल्कुल पास आ गयी और अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी और बोली : "वो दोनो भी घर पर ही हैं...और दोनो अपने में मस्त हैं...और तुम्हारे दोस्त समीर ने ही मुझे भेजा है तुम्हारी ''तिमारदारी'' करने के लिए..वो दोनों ऊपर के बाथरूम में बिज़ी है...हम यहाँ हो जाते हैं...क्यों, क्या ख़याल है...??''

ये बात सुनते ही उसका वक़ील वाला दिमाग़ सब समझ गया... वो समझ गया की उनके घर में क्या चल रहा है...वैसे भी उसने और समीर ने मिलकर ना जाने कितनी रंडियाँ चोदी थी..इसलिए वो उसकी फ़ितरत जानता था, वो सेक्स के बारे में काफ़ी खुले विचारो वाला आदमी था, इसलिए ये बात भी उसे पता थी की एक ना एक दिन वो रश्मि की बेटी की चूत मारकर ही रहेगा...और आज उसने वो कर ही दिखाया था...और इसलिए उसने शायद रश्मि को भी ये छूट दे दी थी की वो भी खुलकर सेक्स के मज़े ले..

जब सामने से ही ऐसा ऑफर आ रहा हो तो वो भला क्यों मना करे...उसने भी अपनी बाहें रश्मि के नंगे जिस्म के चारों तरफ लपेटते हुए उसे दबोच लिया और अगले ही पल दोनो प्यासे जानवरों की तरह एक दूसरे को पी रहे थे...


एक दूसरे को अच्छी तरह से चूसने के बाद लोकेश ने उसे रिक्लाईनिंग चेयर पर लिटा दिया और उसकी दोनो टांगे दोनो दिशाओं में फेला कर उसकी नंगी चूत को कुछ देर तक देखा और फिर अपनी लपलपाती हुई जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी..



''आआआआआआआआआअहह....................उम्म्म्ममममममममममममममम. ..... याअआआआआआआ सक्क मिईई..............''

रश्मि ने लोकेश के सिर पर हाथ फेरते हुए उसे अपनी चूत के अंदर की तरफ और ज़ोर से धकेला..और वो भी बड़े ही चाव से अंदर की मलाई अपनी जीभ की चम्मच से लपेट कर ख़ाता चला गया...

लोकेश के लंड की तरह उसकी जीभ भी काफ़ी लंबी थी...और रश्मि को तो ऐसा लग रहा था की जैसे वो किसी छोटे-मोटे लंड से ही चुद रही है इस वक़्त...क्योंकि लोकेश काफ़ी तेज झटके मार रहा था उसकी चूत पर अपने मुँह से...जीभ तो उसके अंदर तक जा रही थी और उसकी नाक हर बार उसकी क्लिट से टकरा रही थी...और उसमें से निकल रही गर्म साँसे उसकी चूत पर जमे रस को पिघला कर और ज़्यादा मात्रा में बाहर निकाल रही थी...



''उम्म्म्ममममममममममममम..... .बड़ा मज़ा आ रहा है,.......अहह ...ऐसे ही चूसो...नाआ....अहह..... ऐसा मज़ा आज से पहले कभी नही आया.....''

लोकेश ने भी मन में सोचा ' ये मज़ा आज इसलिए भी आ रहा है क्योंकि इसमे वो रोमांच भी छुपा है जो रश्मि को अभी महसूस हो रहा है,उसके खुद के पति ने जब उसे अपने दोस्त से मरवाने की परमिशन दे डाली है तो ये खुशी कहीं ना कहीं से तो निकलेगी ही ना...'

और यही खुशी महसूस करते हुए वो अपनी चूत को और तेज़ी से उसकी जीभ पर रगड़ने लगी..

अब एक बार फिर से रश्मि का मुँह सूखने लगा...

और उसे पता था की उसका मुँह कैसे गीला होगा...


 उसने लोकेश को पकड़कर उपर की तरफ खींचा और चेयर पर लेटे -2 ही उसकी पेंट उतार दी और उसके लहराते हुए लंड को पकड़कर सीधा अपने मुँह का रास्ता दिखाया..

और ज़ोर-2 से चूसने लगी..


उसका गीला बदन देखते हुए और गीले मुँह का एहसास लेते हुए लोकेश भी उसका मुख चोदन करने लगा....

लोकेश का लंड काफ़ी लंबा था, और वैसे भी अपने दोस्त की बीबी की चूत मारने का मौका मिले तो अपनी औकात से ज़्यादा लंबा हो जाता है ये लंड ...वही हाल हो रहा था उसका अभी..

उसने अपना लंड उसे चुस्वाते-2 ही अपने बाकी के बचे कपड़े उतार कर नीचे फेंक दिए और एक मिनट में ही पूरी तरह से नंगा होकर वो अपना लंड चुस्वा रहा था रश्मि से..

और लगभग 5 मिनट तक उसके लंड की ''तिमारदारी'' करने के बाद रश्मि की चूत में खुरक होने लगी...और वो उठ खड़ी हुई और वो लोकेश के लंड को पकड़कर सोफे की तरफ चल दी और लेट गयी वहां जाकर ...और अपनी दोनो टांगे फेला कर अपनी सुरंग लोकेश को दिखाई और ज़ोर से चिल्लाई : "अब डाल दो अंदर लोकेश....बर्दाश्त नही हो रहा मुझसे....प्लीज़......''

लोकेश ने भी कोई बदमाशी नही की...और सीधा अपना लंड उसकी गर्म चूत के अंदर पेल कर उसके उपर ओंधा गिर गया..

और अच्छी तरह से अड्जस्ट होने के बाद वो अपनी स्पीड पर आ गया...और हुमच-2 कर उसकी चुदाई करने लगा..



''ओह ..... अहह ....उम्म्म्ममममममममममम ....येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स.... ऐसे ही ................अहह ...और ज़ोर से .................. येसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ...ऐसे ..... ही अहह ....उम्म्म्ममममममममम ......''

रश्मि की हमेशा से ही आदत रही थी की वो चुदाई के समय काफ़ी चिल्लाती थी...पर आज वो ज़्यादा ज़ोर से इसलिए भी चिल्ला रही थी की वो उपर के बाथरूम में नहा रहे अपने पति समीर को ये बता देना चाहती थी की उसकी दरियादिली की वजह से जो उसकी चुदाई हो रही है, वो उससे कितनी खुश है...

पर वो ये नही जानती थी की ऐसे चिल्ला कर वो किस मुसीबत को बुला रही है...

रश्मि के नीचे चले जाने के बाद समीर और काव्या काफ़ी देर तक एक दूसरे को चूमते रहे...नहाते रहे...पर जब एक बार फिर से समीर ने उसकी चूत में उंगली डाली तो वो फिर से चिल्ला पड़ी..और इस बार तो उसकी आँखो मे आँसू भी थे...वो बड़े ही प्यार से,रिक्वेस्ट भरे स्वर में बोली : ''पापा प्लीज़.....आज शायद नही कर पाऊँगी कुछ भी....काफ़ी पैन हो रहा है मुझे...पर मेरा यकीन मानिए,मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है...और आपकी ये हालत मैं नही देख सकती...मैं आपको सक्क करके फ्री कर देती हूँ ...''

और इतना कहते-2 वो नीचे बैठ गयी और बड़े ही प्यार से अपने प्यारे पापा के लंड को मुँह में लेकर उसे चूसने लगी..उनकी बॉल्स को अपनी जीभ से सहलाने लगी




हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--56

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--56

अब आगे
**********




अपने होंठों पर अपने बाप के लंड का एहसास मिलते ही काव्या का पूरा शरीर झनझना उठा, क्योंकि ठीक उस लंड के पीछे थे उसकी माँ के नर्म और मुलायम होंठ...एक ही पल में उसे ये एहसास उत्तेजित कर गया की वो अपने माँ और बाप के अंगो को एक साथ चूम रही है...

अब रश्मि ने बीच मे से निकल जाना ही सही समझा...क्योंकि अब उसकी बेटी का नंबर था...जिसे वो अपने पति के कहने पर अच्छी तरह से तैयार कर चुकी थी..

उसके निकलने के साथ ही अब समीर के लंड पर सिर्फ़ काव्या का कब्जा रह गया...उसने अपने प्यारे पापा को पलंग पर खींचा और उन्हे लिटा दिया..और फिर उनके हथियार पर थूक लगा कर उसे अच्छी तरह से लुब्रीकेट कर दिया..और फिर बड़े ही प्यार से उनकी आँखो मे देखते-2 उसने वो 8 इंची लंड अपने मुँह के अंदर निगलना शुरू कर दिया.

जैसे -2 वो माँस का टावर काव्या के मुँह में जा रहा था, समीर की साँसे उसके अंदर से निकलनी मुश्किल हो रही थी, ऐसा लग रहा था की उसके दिल की धड़कन रेल की गति सी भागती चली जा रही है..

काव्या ने समीर की बॉल्स पर अपना पंजा सही से जमाया ताकि लंड चूसते वक़्त नीचे का बैस स्थिर रहे..और फिर उसने अपने होंठों से उसकी लंबाई नापनी शुरू कर दी..


काव्या ने एक ही झटके मे अपने बाप का पूरा का पूरा लंड निगल लिया..और बार-2 निगलती रही उतनी ही तेज़ी से...दूर बैठी रश्मि भी अपनी बेटी की कलाकारी देखकर अचंबित थी..वो समझ गयी की ये उसका पहली बार नही है जब वो इतना लंबा लंड चूस रही है, आज उसे अपनी बेटी के बारे में क्या-2 पता चल रहा था.

और समीर तो सातवें आसमान पर था, उसकी गांड हवा में उठी हुई थी,वो ज़्यादा से ज़्यादा अपने लंड को काव्या के मुँह के अंदर घुसेड रहा था...इतना अंदर तो शायद ही वो किसी के मुँह मे घुसा होगा...उसका बस चलता तो वो अपनी बॉल्स भी डाल देता उसके छोटे से मुँह में ,पर अभी के लिए उसे जो मिल रहा था वो उससे ही संतुष्ट था.

हालाँकि आज उसके लंड ने रिकॉर्ड तोड़ चुदाई की थी, पर कुछ देर पहले माँ-बेटी के सेक्स को देखकर और अब काव्या द्वारा उसके लंड के चूसे जाने के बाद वो जल्द ही एक बार फिर से झड़ने के करीब पहुँच गया...और वो ऐसा अभी के लिए तो हरगिज़ नही चाहता था..उसने तुरंत अपना लंबा लंड उसके मुँह से बाहर खींच लिया और उसके चेहरे को पकड़ कर अपने मुँह से लगाया और बेतहाशा स्मूच करने लगा..

उसके गीले मुँह से उसे अपने लंड की महक आ रही थी...पर उससे भी ज़्यादा समीर को काव्या का मीठापन महसूस हो रहा था जिसे वो चूसता चला गया.

उसकी उंगलियों ने सीधा जाकर काव्या की टाइट चूत को टटोला, जो काफ़ी गीली थी..पर उंगली अभी भी अंदर नही जा रही थी...उसे पता था की थोड़ा और गीला करने के लिए उसे क्या करना होगा.

समीर ने बड़े ही रफ़ तरीके से काव्या को बेड पर धक्का दिया और उसकी टांगे फेला कर उनके बीच लेट गया और लगा दी अपनी दहकति हुई जीभ उस नन्ही सी काव्या की गर्म चूत पर, और बेचारी बिलख उठी वो अपने बाप के इस प्रहार से..

''आआआआआआआआआआआआअहह ओह पापा ..................... उम्म्म्ममममममममममम .........''



और ये एक सिसकारी थी जिसे सुनकर उसकी माँ अंदर तक हिल गयी....उसे शायद अपनी बेटी की चिंता सताने लगी थी...वो सोचने लगी की अभी तो समीर ने सिर्फ़ अपनी 3 इंच की जीभ डाली है उसकी चूत में ...जब 8 इंची लंड जाएगा तो क्या हाल होगा उसका...वो मन ही मन उपर वाले से उसे शक्ति देने की प्रार्थना करने लगी.



पर वो नादान भला क्या जाने की काव्या का बिलखना दर्द भरा नही बल्कि मस्ती भरा था...अपनी ही माँ के सामने वो उसके पति से अपनी चूत चुसवा रही थी ये एहसास ही उसकी चूत में पानी का बाँध छोड़ने के लिए काफ़ी था...

और प्रेम रस में डूबकियां लगाती हुई काव्या के मुँह से गुनगुनाती हुई सिसकारियाँ निकालने लगी..

''ओह पापा ...............सक्क मी ...............एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स .....और अंदर .............. ओह फककक .....मी डियर पापा ............ उम्म्म्मममममममममम...''

और अपनी जीभ पर उसके रस को महसूस करते ही समीर समझ गया की वो घड़ी आ चुकी है जिसका उसे कब से इंतजार था..

वो बेड के किनारे पर खड़ा हुआ और काव्या की टाँगो को फेला कर अपने लंड को उसकी चिकनी चूत पर लगा दिया...

लंड का गर्म हिस्सा उसके अंदर तक सिहरन दौड़ा गया..और वो बेड पर बिन पानी मछली की तरह मचल उठी..

उसकी नज़रें सीधा दूर बैठी अपनी माँ की तरफ चली गयी और दोनो ने आँखो ही आँखो मे एक दूसरे को प्यार से देखा..

और अचानक काव्या को अपनी चूत पर लंड का दबाव महसूस होने लगा और उसने बेड की चादर पकड़ ली..और अपने दाँत भींच लिए..

और समीर ने बड़े ही प्यार से धीरे-2 अपना लंड उसकी गर्म और गीली चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया.


और अपने अंदर एक नयी तरह की चीज़ आती महसूस करती हुई काव्या का मुँह गोल होता चला गया..

''आआआआआआआआआआआहह ............... ओह गॉड .......................... उफफफफफफफफफफ फफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ... मम्मी ................ दर्द हो रहा है .................... अहह ...... नूऊऊऊऊऊऊऊ ...''

रश्मि के चेहरे पर चिंता की लकीरे आ गयी , वो तुरंत खड़ी होकर अपनी बेटी के पास पहुँच गयी और उसके चेहरे पर हाथ फेरते हुए दिलासा देने लगी...और समीर से बोली : "प्लीज़ समीर ..... थोड़ा धीरे करो ना ...देखो बेचारी को दर्द हो रहा है ....''

उसने तो आज से पहले ऐसी कुँवारी और टाइट चूत मारी ही नही थी...ये एहसास अलग ही था....एकदम टाइट चूत के अंदर जाता हुआ उसका लंड ऐसे लग रहा था की वो वापिस भी आ पाएगा या नही...और अचानक उसे काव्या की चूत का अवरोध यानी उसकी सील महसूस हुई ...और उसने एक जोरदार झटके से अपना बचा हुआ लंड अंदर डालते हुए उस अवरोध को भी पार कर लिया...और काव्या बेचारी एक बार फिर दर्द से बिलबिला उठी..

''आआआआआआआआहह ....ओह ... नूऊऊऊऊऊओ ....पापा ...............धीरे करो ना प्लीज़......''


समीर थोड़ी देर के लिए रुका और फिर धीरे-2 झटके देने लगा...यही तरीका होता है पहली चुदाई के बाद का...

ऐसा नही था की उसने आज से पहले कुँवारी चूत मारी ही नही थी..पर इतनी टाइट नही मारी थी ,ये बात पक्की थी...


उसके हर झटके से उसके छोटे-2 मुम्मे उपर उछल जाते और उसके मुँह की गर्म हवा उसके चेहरे से टकरा जाती...

अब काव्या भी शांत हो गयी...उसका दर्द कम हो चुका था...और धीरे-2 उस दर्द ने कब आनंद का रूप ले लिया, उसे भी पता नही चला..

अब रश्मि भी वापिस सोफे पर जाकर बैठ गयी...उसकी आँखो मे खुशी के आँसू भी थे, अपनी बेटी की जिंदगी की पहली चुदाई में वो उसके साथ रहेगी ये शायद उसने भी नही सोचा था...हर माँ को ये खुशी देखनी नसीब नही होती..शायद इसलिए उसकी आँखे छलक आई थी.

साइड मे बैठकर वो अपने पति द्वारा अपनी बेटी की चुदाई का सीन देखने लगी...



काव्या के चेहरे के भाव अब बदल चुके थे, वो बड़े ही प्यार से अपने प्यारे पापा को देखते हुए अपनी चुदाई करवा रही थी...उसके हिलते हुए मुम्मे देखकर रश्मि का मन किया की वो जाकर उन्हे चूस ले पर अभी वो उन्हे डिस्टर्ब नही करना चाहती थी..

काव्या का सेक्स से भरा चेहरा देखकर समीर भी काफ़ी उत्तेजित हो रहा था...वो अपने सेक्सी लिप्स को अपने दांतो के बीच दबाती और उन्हे खुद ही चूस्कर छोड़ देती...कभी दर्द से कराहती और कभी मज़े से हंस पड़ती..एक के बाद एक एक्सप्रेशन आ रहे थे उसके सेक्सी से चेहरे पर..



काव्या का दर्द तो कब का जा चुका था, अब वो पूरी तरह मज़े लेने के मूड में आ चुकी थी.

और उसे पता था की मज़े कैसे लिए जाते हैं..

वो चिल्ला-2 कर अपने मज़े को व्यक्त करने लगी.

''आआआआआआआआआअहह पापा ................... वाव .................. उम्म्म्ममममम ..... अब मज़ा आ रहा है ,.................ओह्ह्ह्ह माय गॉड ...............ये फक्किंग इतनी मजेदार होती है ..... मज़ा आ गया ..............और आपका ये लंबा लंड ...................मुझे ऐसे लग रहा है जैसे .......अहह मेरे पेट तक जा रहा है ............... अहह ओह ...उम्म्म्ममममम ...और ज़ोर से करो पापा ......और अंदर तक करो .......''

और वो बेड पर लेटी हुई अपनी कमर लहरा कर समीर के लंड को अंदर बाहर करने लगी...



उसकी माँ भी समझ गयी की उसपर चुदसी अब पूरी तरह से चढ़ चुकी है ...

और एक अब उसे खुशी भी हो रही थी की काव्या की पहली चुदाई समीर ने की क्योंकि जिस तरह से प्यार-2 से उसने ये सब किया था वो एक समझदार इंसान ही कर सकता था...

समीर भी अब खड़ा-2 थक चुका था.

वो बेड पर लेट गया और उसने काव्या को अपने उपर खींच लिया....और एक ही झटके में वो उसके उपर बैठ कर उसके लंड को निगल गयी अपनी चूत के अंदर, और नीचे मुँह करके चूत और लंड के मिलन को देखते हुए अपनी गांड मटकाते हुए चुदाई करवाने लगी..



''ओह पापा ......ऐसे तो और भी डीप जा रहा है ......उम्म्म्ममममममममममम .... येएस्स पापा ......और झटके मारो ...... ओफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ....... एसस्स्स्स्स्स्सस्स .... उम्म्म्मममममममम....''


समीर तो पुराना खिलाड़ी था ....वो एक ही झटके में उठकर बैठ गया और अपने उपर बैठी हुई काव्या की टाँगो को अपनी कमर के चारों तरफ लपेट कर उसे अपनी गोद में बिठा लिया...और ऐसा करते हुए जो डीपनेस काव्या को महसूस हुई उसे बताने के लिए उस बेचारी का मुँह खुल ही नही पाया...क्योंकि समीर ने उसके बाल पकड़कर उसे अपनी छाती से भींच लिया था...और नीचे से जोरदार झटके मारकर उसे चाँद की तरफ उछल रहा था...

नीचे से मिल रहे हर झटके से उसकी चूत का बेंड बज उठता..और एक उन्माद भरी चीख निकल जाती उसके मुँह से...


''ओह यएसस्स पापा ..................ओह येसस्स्स्स्स्स्स्सस्स.... उम्म्म्मममममम... अहह ...ओह..... ''

कुछ देर तक उसे इसी आसन में चोदता हुआ वो उसे मज़े देता रहा

पर काव्या के शरीर की हरकतों से और अपने लंड की अकड़न से उसे पता चल चुका था की दोनो तरफ जल्द ही बारिश होने वाली है...

और जल्द ही उसके लंड से माल निकलने का टाइम आ गया...उसने काव्या को वापिस बेड पर पटका और तिरछा करके उसकी चूत मारने लगा


और उसने आख़िरी वक़्त में अपना लंड बाहर निकाल लिया...वो पहली ही बार मे उसे प्रेगनेन्ट नही करना चाहता था..

पर तभी काव्या चिल्ला उठी...

''नूओsssssssssssssssssss पापा .....अंदर ही करो .......मुझे आपको अंदर ही फील करना है ......मैने टॅबलेट ले रखी है .....''

उसकी माँ भी ये बात सुनकर चोंक गयी....यानी उसे पता था की आज वो चुदकर रहेगी...इसलिए उसने पहले से ही टेबलेट ले ली ताकि वो अपने बाप के स्पर्म को अपनी चूत के अंदर महसूस कर सके...अब तो रश्मि को सॉफ पता चल गया था की ये उन दोनो की एक चाल थी...पर अब हो भी क्या सकता था...जो होना था वो तो हो ही चुका था.

समीर का लंड फिसलकर बाहर आ चुका था...उसने उसे पकड़ कर फिर से उसकी रसीली चूत के अंदर डाल दिया...और अंदर जाते ही उसके लंड ने पानी छोड़ दिया...और एक बार फिर से वो फिसलकर बाहर आ गया....

और पीछे-2 उसके लंड का पानी भी काव्या की नयी चुदी चूत से बाहर निकलने लगा..

उसके चेहरे पर आ रहे संतुष्टि के भाव देखकर समीर काफ़ी खुश था...

वो भी हांफता हुआ उसके उपर गिर पड़ा..

और काव्या ने उसे अपनी बाहों के घेरे मे लेकर चूम लिया..

और उसके कान मे फुसफुसाई

''थॅंक यू पापा''






हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

Thursday, February 26, 2015

FUN-MAZA-MASTI दो आंटी के साथ मज़ा

FUN-MAZA-MASTI



  दो आंटी के साथ मज़ा

 मैं २२ साल का एक साधारण लड़का हूँ। मेरी दिलचस्पी ३५ साल या उससे ज्यादा उम्र की औरतों में है, इसके दो कारण हैं, एक तो इन औरतों की गांड काफी मोटी और चूची काफी बड़ी होती है, दूसरे अगर कभी इनकी ब्रा दिख रही हो या सलवार का नाड़ा ढीला हो तो ये १०० लड़कों के बीच में उसे ठीक करने में नहीं शर्माती। अगर कभी इनकी गांड में ऊँगली डाल दी जाये या हाथ फेर लिया जाये या चूची दबा दी जाये तो इन्हें महसूस नहीं होता और अगर होता भी है तो नज़र-अंदाज़ कर देती हैं क्योंकि इनकी चूत तो पहले से ही फटी होती है। अगर आपकी दिलचस्पी इनमें नहीं भी है तो भी मेरी कहानी पढ़ो और फिर आपका लोड़ा भी मेरी तरह हर वक़्त इनकी मोटी गांड देख कर खडा हो जायेगा माल उगलने के लिए। दोस्तों ये घटना तब घटी जब मैं बस से सफ़र कर रहा था और बस में बिलकुल भी जगह नहीं थी। अचानक से बस एक स्टाप पर रुकी और आप विश्वास नहीं करेंगे पूरी की पूरी बस खाली हो गयी पर मुझे अभी भी सीट नहीं मिली थी। मैं सोच रहा था आज किस्मत ख़राब है वरना कोई ना कोई आंटी तो दबाने के लिए मिल ही जाती। पर भगवान् ने मेरी सुन ली। अगले बस स्टाप पर फैक्ट्री में काम करने वाली कुछ मजदूर औरतें चढी जो कि 3५-४० के बीच की थी। मेरे आगे एक बहुत ही छोटी पर मोटी औरत खड़ी हो गयी। कुछ ही मिनट में भीड़ फिर बढ़ गयी और वो औरत अब मेरे बिलकुल करीब थी। मेरा उसके बदन से बदबू आ रही थी और इसी बदबू ने मेरा लोड़ा खडा कर दिया। उसके बाल थोड़े थोड़े सफ़ेद होने लग गए थे। उसकी उमर ३८ के आस पास रही होगी। तभी वो पीछे की ओर हुई और अपनी गांड को मेरे लण्ड पे लगा दिया। मेरा लोड़ा २-३ सेकंड में ही खडा हो गया। उसने साड़ी पहनी थी और मैं उसकी गांड के दो टुकडो के बीच का गैप महसूस कर सकता था। अभी मैं अपने लण्ड का दबाव उसकी गाँड पर बढ़ा ही रहा था कि मेरी पीठ पर दो मोटी मोटी गोल चूचियां टकराई। मैंने पीछे मुड़ के देखा तो एक ४५ साल की औरत जो कि कम से कम ३ बच्चों की माँ खड़ी थी। उसका रंग एक दम काला था और शायद उसका शराबी पति उस गरीब औरत को सुख नहीं दे पाता था, तभी वो आज मुझ से मज़ा ले रही थी। मैं पीछे की ओर हुआ और जैसे ही मैंने अपनी पीठ पर उसके चुचों को महसूस किया, वो आगे वाली आंटी अपनी गांड को मेरे लोड़े पर धक्के दे कर मारने लगी। उसकी गांड चौड़ी थी और मेरा लोड़ा उसकी गांड में घुस जाता था। अब मेरी हालत ख़राब होती जा रही थी सभी लोग मुझे देख रहे थे। अब मैंने हिम्मत करके अपना हाथ आगे वाली आंटी की गांड की तरफ बढ़ाया और सीधा उसकी चूत को महसूस करने लगा। उसने पैंटी नहीं पहनी थी और उसकी चूत गीली और ढीली थी और मैं अब अपने हाथ से उसकी चूत की खुशबू सूंघने लगा। मैं पागल सा हो रहा था कि पीछे वाली आंटी ने मुझे देख लिया और मेरी गर्दन पर गर्म सांस छोड़ने लगी और उसने एक हाथ मेरे लोड़े पर पीछे से लगा दिया और उसे जोर से पकड़ लिया। तभी वो आगे वाली आंटी पीछे मुड़ गयी और देखने लगी कि किसका हाथ उसकी गांड में घुस रहा है। वो भी हंसने लगी। अब मेरे लण्ड पे दो काम हो रहे थे, एक पीछे वाली आंटी के हाथ का कमाल और आगे वाली की गांड का कमाल। पीछे वाली आंटी का स्टाप आ गया और अब मैं आगे वाली आंटी के साथ मज़ा लेने लगा पर तभी वो आगे वाली आंटी का स्टाप भी आ गया और उसने मुझे इशारे से उतरने को कहा। मैं भी उसके साथ उतर गया और पीछे चलने लगा। आगे जा कर गन्ने के खेत आ गए और वो मुझे उसके अंदर ले गयी। जाते ही उसने अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा दिया और नाली में लेट गयी उसकी चूत एकदम काली और सूखी थी। मैं उस पर लेट गया और उसका ब्लाऊज़ खोल कर उसकी चूची चूसने लगा। उसकी चूची एकदम काली थी और उसके लिप्स भी काले थे मैंने अपना लोड़ा उसकी चूत में डाल दिया और उसकी मोटी मोटी चूची चूसने लगा। अब बस वो मेरे ८ इंच के लोड़े को ले कर चीख रही थी और मज़ा ले रही थी। वो जैसे ही झड़ने वाली थी उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और मैं भी झड़ गया और सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया। अब मैं खेत से निकल कर बाहर आ गया। दोस्तों मैंने उस औरत से बात तक नहीं की और उसकी चूत चोद दी। तब से मैं ऐसी आंटी को ढूँढता रहता हूँ पर ऐसी औरत मुझे दोबारा नहीं मिली।

FUN-MAZA-MASTI आज भी प्यासी हूँ

FUN-MAZA-MASTI


आज भी प्यासी हूँ

हैल्लो दोस्तों..  सभी चाहने वालो को मेरी तरफ से नमस्ते। दोस्तों में अलका एक शादीशुदा हाउसवाईफ हूँ और मेरा एक 6 साल का बेटा भी है.. लेकिन में फिर भी बहुत खूबसूरत हूँ। ऐसा इसलिए कह सकती हूँ क्योंकि में जब भी अपने घर से बाहर निकलती हूँ तो जवान लड़के मुझे सेक्सी नज़रो से ताकते रहते है और यह सब मुझे बहुत अच्छा लगता है। मुझे लम्बे वाले मर्द बहुत पसंद है क्योंकि मेरी भी लम्बाई अच्छी खासी है। मेरी लम्बाई 5.4 इंच और फिगर 35-32-37 और में दिखने में बहुत सेक्सी लगती हूँ। मेरे पति का एक्सपोर्ट बिजनेस है और काम के सिलसिले में ज़्यादातर उनको बाहर ही रहना पड़ता है.. वो भी अलग अलग देशो में और वो बाहर जाकर मज़ा करते है और में हमेशा अधूरापन महसूस करती हूँ.. लेकिन एक औरत क्या कर सकती है? फिर भी में अपनी प्यास बुझाना चाहती थी तो मेरी नज़र हमेशा किसी को तलाशती रहती थी कि मेरी शादीशुदा लाईफ खराब भी ना हो और सिर्फ सेक्स का मज़ा लिया जाए। चलो दोस्तों में अब अपनी कहानी शुरू करती हूँ।
दोस्तों एक दिन मुझे एक बहुत अच्छा मौका मिल गया। में अपने बेटे के बाल काटवाने के लिय मेरे फ्लेट से थोड़ी दूरी पर एक कटिंग सलून में ले गई और दुकान के सामने मैंने अपना एक्टिवा पार्क किया और अंदर चली गयी वो दोपहर का टाईम था तो वहाँ पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी और वहाँ पर एक हेंडसम लड़का बैठा हुआ था और टीवी में मर्डर-2 का हॉट सीन चल रहा था और मुझे अंदर देखकर वो चेनल बदलने के लिए रिमोट ढूंडने लगा.. लेकिन उसे रिमोट मिल नहीं रहा था। तो उसने डाईरेक्ट टीवी से चेनल बदला और वो शरम से नज़रे चुराने लगा तो मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने मन ही मन में प्लान बना लिया कि मुझे सेक्स का हीरो मिल गया और मैंने उसको राहुल के बाल काटने को कहा.. तो उसने राहुल को कुर्सी पर बैठा दिया और फिर अपना काम शुरू किया.. लेकिन उसकी नज़रे बार बार मेरे बूब्स को देख रही थी.. मैंने गहरे गले का टॉप और जीन्स पहना हुआ था.. तो उसको मेरे आधे आधे बूब्स दिख रहे थे उसको पता नहीं.. लेकिन मुझे यह सीन सामने वाले आईने में साफ साफ दिख रहा था और मुझे समझ में आ गया कि वो भी यही चाहता है और मेरी काम वासना का कीड़ा छटपटा रहा था.. लेकिन शुरू कैसे करूं? और मैंने बात करना शुरू किया और मैंने पूछा कि अभी ग्राहक क्यों नहीं है? तो उसने बताया कि दोपहर एक बजे के बाद बहुत कम ग्राहक आते है।
फिर राहुल थोड़ा हिल डुल रहा था तो उसने मेरे सामने देखकर कहा कि क्या आप बच्चे को पकड़ कर यहाँ पर खड़े रह सकते हो? ताकि उसको कहीं पर चोट ना लग जाए। फिर में भी उसके नज़दीक जाने के मौका ढूँढ रही थी और उसने ही बोल दिया और में अब उसके सामने राहुल को पकड़ कर खड़ी हो गयी। में जब राहुल को कुछ समझाने के लिए थोड़ी जानबूझ कर झुकी तो मेरे दो बड़े बड़े बूब्स के उसको दर्शन दे रहे थे और यह देखकर उसका लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया यह मुझे उसकी पेंट की जिप के ऊपर होने से दिख रहा था। तो में राहुल को पकड़कर उसके साथ खड़ी हो गई और फिर जब वो अपने काम में व्यस्त था.. तो मैंने जानबूझकर उसके एक हाथ से मेरा एक बूब्स छू दिया। वो अब और उत्तेजित हो गया और धीरे धीरे बाल काटने लगा और वो फिर से मेरे बूब्स छूने करने की कोशिश करने लगा और में उसको सपोर्ट करने लगी। फिर एक दो बार ऐसा हुआ कि उसकी समझ में आ गया कि में भी उससे यही चाहती हूँ.. लेकिन उसकी मुझसे पूछने की हिम्मत नहीं हो रही थी। तो मैंने सामने से पूछा कि क्या तुम्हे लेडीस फेशियल का काम आता है? तो उसने बताया कि हाँ मुझे सभी काम आते है और फिर मैंने कहा कि क्या तुम मेरे घर पर आकर जो में कहूँ वो सभी काम कर सकते हो? तो वो बोला कि हाँ और वो मेरे घर पर आने को भी तैयार हो गया। तो मैंने उसको कहा कि ठीक है तुम कल दोपहर एक बजे के बाद मेरे घर पर आ जाना और मैंने उसे अपने घर का पता बता दिया। यह टाईम मेरे लिए बहुत सुरक्षित है क्योंकि मेरे पति एक हफ्ते के लिए मलेशिया गये हुए है और में बिल्कुल ऊपर वाली मंजिल पर रहती हूँ और वैसे भी सेक्यूरिटी की वजह से सभी के दरवाजे हमेशा बंद रहते है और एक बजे के बाद फ्लेट में घर पर रहने वाले सभी लोग सो जाते है और वो टाईम राहुल का स्कूल का होता है और में अकेले घर में नेट पर सेक्स करती रहती हूँ तो यह टाईम मेरे लिए भी बहुत सुरक्षित टाईम था।
मैंने भी थोड़ा रिस्क ले लिया और उसे आने को कह दिया और दूसरे दिन में सुबह से ही उसके इंतजार में थी। फिर मैंने राहुल को स्कूल छोड़ दिया और घर पर पहुंच कर एक सेक्सी ड्रेस पहनकर इंतजार करने लगी.. मैंने उस दिन सेक्सी नाईटी पहनी हुई थी.. जिसमे मेरा ज़्यादातर बदन बाहर से साफ साफ दिख रहा था क्योंकि मैंने जाली वाली नाईटी पहनी थी और उसमे मेरे दोनों बूब्स आधे से ज़्यादा बाहर दिख रहे थे और मेरे दोनों पैर जांघो तक दिख रहे थे। फिर एक बजे डोर बेल बजी और मैंने देखा कि बाहर कौन है और जब देखा कि यह वही है तो मैंने दरवाजा खोला.. अंदर आने के बाद मैंने दरवाजा फिर से दरवाजा बंद कर दिया। तो मुझे ऐसे कपड़ो में देखकर वो अपने आपे से बाहर हो रहा था और में देख सकती थी कि वो बार बार अपना लंड सहला रहा था और मेरे बूब्स पर नज़र मार रहा था। फिर मैंने उससे चाय के लिये पूछा तो उसने मना किया.. तो मैंने उससे कहा कि वो काम शुरू करे। तो उसने हाँ कहा और में अपने घर में आईने के सामने कुर्सी लगाकर बैठ गई और मैंने उसे फेशियल करने को कहा.. तो वो कुर्सी के पीछे खड़ा हो गया और कुछ पेस्ट वगेरह लगाने लगा और उसकी हाथों की उगलियाँ मेरे चेहरे पर घूम रही थी और बार बार मेरे होंठ उसकी ऊँगलियों को छू रहे थे। फिर में भी उत्तेजित हो रही थी.. लेकिन शुरुवात कैसे करूं? मेरे चहरे पर पेस्ट लगने की वजह से मेरी दोनों आंखे बंद हो गयी और तो उसने इस बात का फायदा उठाना चाहा।
तो वो धीरे से मेरे सामने आया और वो अपना मुहं मेरे होंठ के नज़दीक लाकर किस करने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी और में उसकी सांसो को महसूस कर रही थी। फिर मैंने ही स्टार्ट किया और मैंने अचानक एक हाथ उसके तने हुए लंड से छू दिया तो उसने अब सीधा मुझे किस कर दिया। तो मैंने भी उसका लंड अब पेंट ऊपर से पकड़ लिया तो वो बोला कि मेरी रानी में कब से सिग्नल का इंतजार कर रहा हूँ.. तुमने बहुत देर कर दी और वो मेरे दोनों बूब्स पर टूट पड़ा। फिर मैंने उसको सब बताया कि में शादीशुदा हूँ.. लेकिन चुपके चुपके प्यास बुझाना चाहती हूँ.. क्या तुम मुझे वादा करोगे कि यह बात कभी किसी को नहीं बताओगे? तो उसने मुझसे कहा कि मुझे माल खाने का शौक है मार खाने का नहीं। तो में समझ गयी कि मुझे अब कोई दिक्कत नहीं होगी। फिर मैंने अपना चेहरा साफ कर लिया और वापस उसके लंड को पेंट के ऊपर से सहलाने लगी वो मेरे बूब्स चूस रहा था और मेरे मुहं से आह उफ्फ्फ्फ़ आह ऐसी आवाज़ निकल रही थी। तो मैंने अब उसकी पेंट खोल दी और अंडरवियर के ऊपर से लंड पकड़ा और धीरे से अंडरवियर नीचे किया और लंड बाहर निकाला.. बहुत दिन हो गये थे लंड को देखे हुए और उसका लंड ज्यादा बड़ा नहीं था और थोड़ा काला भी था। फिर भी मुझे बहुत दिनों से लंड की चाह थी और मैंने उसके लंड पर किस किया और धीरे धीरे मुहं में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी। लंड अब थोड़ा और बड़ा हो गया.. लेकिन थोड़ी ही देर में उसने पानी छोड़ दिया और फिर एकदम ठंडा हो गया। तो मैंने कहा कि क्या हुआ इतनी जल्दी झड़ गए.. तो उसने बताया कि तुम्हारा यह सेक्सी बदन देखकर में दो बार पानी छोड़ चुका हूँ। तो में हंसने लगी और मैंने उससे कहा कि चलो बेडरूम में चलते है। तो उसने मुझे गोद में उठा लिया और बेड पर ले जाकर लेटा दिया। फिर वो मेरी दोनों जांघो को किस कर रहा था और मैंने अपनी नाईटी निकाल दी। तो में अब ब्रा और पेंटी में थी और मैंने सफेद ब्रा और काली पेंटी पहनी हुई थी और वो धीरे धीरे किस करते हुए वो मेरे ऊपर सो गया और मेरे दोनों बूब्स उसकी छाती को गरम कर रहे थे। 
फिर वो मुझे लेटाकर अपने लंड से मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत गरम कर रहा था.. तो मैंने उसको नीचे कर दिया और उसको किस करने लगी। पहला किस उसको छाती पर किया और उसके बाद उसके दोनों गालो पर फिर होंठो पर किस करके उसके होंठो पर मेरी जीभ घुमाने लगी और मेरा एक हाथ उसके लंड पर था। तो उसने मौका देखकर मेरी ब्रा निकाल दी और वो दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और चूस रहा था। फिर में धीरे धीरे किस करते हुए उसके लंड तक नीचे आ गयी और फिर से लंड को चूसना शुरू किया। तो अबकी बार थोड़ा टाईम ज़्यादा चूसना पड़ा.. लेकिन लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैंने कहा कि चलो अब चूत के अंदर डालो। तो उसने मुझे नीचे लेटा दिया और उसने मेरी चूत के ऊपर अपना लंड रखा दिया.. फिर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश करने लगा और मैंने अपने एक हाथ से उसके लंड को मेरी चूत के होल पर सेट करके दिया।
फिर लंड आराम से अंदर बाहर जा रहा था और वो धीरे धीरे झटके लगाने लगा.. लेकिन बहुत दिनों से मेरी चूत प्यासी थी तो मैंने उसको वापस नीचे लेटा दिया और फिर उसके लंड पर बैठकर अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से झटके लगाकर चुदाई करने लगी और उसने मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था और वो मुझे सहारा दे रहा था। फिर 5 -7 मिनट के बाद उसने बोला कि उसका लंड अब वीर्य छोड़ने वाला है। तो मैंने उसका लंड बाहर निकाल दिया और उससे कहा कि वो उसका सफेद पानी मेरे दोनों बूब्स पर और मुहं पर छोड़ दे। फिर वो पूछने लगा कि तुम्हे सेक्स करने का इतना जबरदस्त अनुभव कहाँ से मिला। तो मैंने उससे कहा कि में हर रोज दोपहर में तीन से चार घंटे नेट पर बैठकर कहानियाँ पढ़ती हूँ और मुझे बहुत से चुदाई के तरीके पता है।
फिर उसने कहा कि तो फिर तुम्हे चोदने में तो मुझे ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ेगा.. बस तुम बताती जाना और में तुम्हे चोदता जाऊंगा। फिर मैंने उससे कहा कि तुम अब अपने कपड़े पहन लो आज के लिए बस इतना ही.. अब बाकि की चुदाई कल एक बार फिर। वो अब हर सप्ताह फेशियल के बहाने मेरी चूत को भी शांत करने आने लगा.. जिसमे लंड उसका था और दिमाग हमेशा मेरा होता था और इस तरह मेरी चूत की प्यास आज भी वही बुझाता है और मेरी चूत के बाल भी साफ करता है। में अब पहले से भी और अच्छी दिखने लगी हूँ ।।





FUN-MAZA-MASTI माँ एक तरफ और बहन दूसरी तरफ

FUN-MAZA-MASTI



माँ एक तरफ और बहन दूसरी तरफ


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में 20 साल का हूँ। आज में अब आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना पेश कर रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह भी आप सभी को यह बहुत पसंद आएगी। दोस्तों मेरे घर में मम्मी, पापा में और मेरी एक छोटी बहन है। मेरे पापा एक सरकारी विभाग में नौकरी करते है और उन्हें रहने के लिए कॉलोनी में मकान मिला हुआ है। पापा अधिकतर समय बाहर टूर पर रहते है.. मेरे पापा का नाम हरीश है और उनकी उम्र 50 साल। मेरी माँ का नाम मीना और उनकी उम्र 45 साल और बहन का नाम कुसुम और उसकी उम्र 19 साल की है। में एक अच्छे कॉलेज में पड़ रहा हूँ। जिस कॉलोनी में हम लोग रहते है उसी में छज्जे पर फ्लेट बने हुए है.. हमारे छज्जे में 10 फ्लेट है। हमारा फ्लेट थोड़ा छोटा है और सारी कॉलोनी एक लाईन में बनी है। हमारी छत सड़क से लगभग दूसरी मंजिल पर है और हमारे फ्लेट के पीछे 10 फीट लम्बाई का एक खम्बा लगा है.. खम्बे और घर की पिछली दीवार के बीच 3 फीट की जगह है जिसमे एक नाली बनी है।
दोस्तों यह दिसम्बर 2013 की घटना है। वो सर्दियों का समय था और हम लोग 8 बजे खाना खाकर 9 बजे तक बिस्तर में चले जाते है। हमारे घर में 2 बेडरूम है.. माँ, पापा एक रूम में सोते है और मेरी छोटी बहन दूसरे बेडरूम में सोती है। घर में एक और बड़ा रूम है जिसे स्टोर के लिए काम लेते है और में उस रूम में सोता हूँ। मुझे सिगरेट पीने की आदत है और में घर के सभी लोगो से छुपकर सिगरेट पीता हूँ.. में ज्यादातर सोने से पहले घर की पिछली साईड की गली में जाकर सिगरेट पीता हूँ। हमारे घर के दोनों बेडरूम की खिड़की पिछली साईड गली की तरफ़ है और एक बेडरूम जिसमे मेरी बहन सोती है.. उसमे एक दरवाजा भी है।
10 दिसम्बर 2011 को शनिवार का दिन था और पापा को शनिवार और रविवार की छुट्टी थी.. तो पापा हमारे गावं वाले घर पर दो दिन के लिए चले गये थे.. क्योंकि उन्हें कुछ जरूरी काम था। तो में रात को 9 बजे के लगभग सिगरेट पीने गली में गया तो मैंने देखा कि कुसुम किसी से फोन पर बात करती हुई सुनाई दी। तो में सिगरेट जलाने के बाद कुसुम के बेडरूम की पिछली साईड के दरवाजे के साथ खड़ा हो गया था.. लेकिन कुसुम को पता था कि में सिगरेट पिता हूँ। में पापा और माँ से बहुत डरता था कि कहीं उन्हें पता ना लगे कि में सिगरेट पीता हूँ।
कुसुम फोन पर बोली कि में अभी नहीं आ सकती हूँ घर में मम्मी और भाई जाग रहे है। दूसरी तरफ से फोन पर कौन बोल रहा था.. यह मुझे कुछ नहीं पता था और में तो सिर्फ़ कुसुम की बात सुन पा रहा था। फिर कुसुम बोली कि एक तो तुम हर बार मुझे सुरेश अंकल के घर बुलाते हो और तुम्हे पता है कि सुरेश अंकल मुझे कितना तंग करते है? तो यह सुनकर मेरा माथा ठनका.. सुरेश अंकल 35-40 साल के हैं और उनकी वाईफ 3-4 साल पहले शांत हो चुकी है और उनके दोनों बच्चे उनकी मम्मी, पापा के पास रहते है। सुरेश अंकल पापा के ऑफीस में काम करते है और उनका फ्लेट बिल्कुल आख़िर में था और उसके पास एक नाला था। कुसुम की आवाज़ फिर सुनाई दी कि.. ठीक है में मम्मी और भाई के सोने के बाद आती हूँ। तो मैंने सोचा कि आज कुसुम का पीछा करता हूँ और में सिगरेट को फेंककर अपने रूम में आया और अपने रूम की लाईट बंद करके फिर बाहर निकल गया। करीब 9:30 बजे का टाईम हो चुका था और माँ के रूम की लाईट भी बंद हो चुकी थी.. शायद वो सो गई थी। तो कुसुम ने उसके बाद बड़े आराम से गली वाला दरवाजा खोला और गली से होती हुए सुरेश अंकल के बेडरूम के पिछली साईड के दरवाजे से अंदर चली गई। फिर में भी कभी दरवाजे से तो कभी रूम में लगी खिड़की से अंदर देखने लगा.. लेकिन परदा लगा होने कि वजह से मुझे जगह नहीं मिली। फिर खिड़की में थोड़ी सी जगह नज़र आई जिससे सारा रूम नज़र आ रहा था.. अंदर दो लड़के राज और अमन थे। राज और अमन मेरे साथ पड़ते थे और मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे और में तो उन्हें देखकर पागल हो गया कि राज और अमन ऐसा कैसे कर सकते है? तभी सुरेश अंकल रूम में आ गये।
कुसुम : रोते रोते बोलने लगी प्लीज़ क्यों मेरे पीछे पड़े हो? राज मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया था और तुम मुझे बर्बाद करने पर लगे हो।
राज : देख कुसुम लाईफ बहुत छोटी है पता नहीं किस टाईम क्या हो जाए? तो हम बस ऐसे ही एंजाय करते है।
कुसुम : राज तुम और अमन तो ठीक है.. लेकिन सुरेश अंकल.. में उनका लंड नहीं ले सकती क्योंकि उनका लंड बहुत बड़ा है और में उनका आखरी टाईम भी नहीं ले पाई थी तो मुझे उनका लंड मुँह में लेना पड़ा।
राज : कुसुम तुम चिंता मत करो हम आराम आराम से करेंगे और पिछली बार भी तुमने सुरेश अंकल का लंड लेने से मना कर दिया था.. तो तुझे मैंने बोला था कि मुँह में लेकर उनका वीर्य निकाल दे।
राज : कुसुम आज हम तुझे एक नई बात बताते है।
कुसुम : वो क्या?
राज : तुम्हे पता नहीं सुरेश अंकल तुम्हारी माँ को भी चोदते है।
कुसुम एकदम से चौंक गई और में भी यह बात सुनकर सोचने लगा कि यह तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता है।
कुसुम : नहीं राज.. यह तो कभी हो ही नहीं सकता है।
राज : में तुझे अभी इसका का पक्का सबूत दे देता हूँ.. सुरेश अंकल अभी तेरी माँ को भी चोदेंगे और तुम्हे हम फोन पर स्पीकर चालू करके सुनाएँगे।
फिर सुरेश अंकल ने माँ के मोबाईल पर कॉल किया और स्पीकर चालू कर दिया।
माँ : हैल्लो कैसे हो सुरेश?
सुरेश : हाँ में बिल्कुल ठीक हूँ और तुम सुनाओ।
माँ : में भी ठीक हूँ।
सुरेश : तो फिर आज का क्या प्रोग्राम है.. क्या में आ जाऊँ अभी?
माँ : हाँ आ जाओ।
फिर सुरेश ने फोन बंद कर दिया और राज को बोला कि में मीना के रूम में जाकर तेरे मोबाईल पर कॉल करूँगा तुम फोन चालू कर देना और स्पीकर भी चालू कर देना। तो में खिड़की से सब कुछ देख रहा था अब मुझे पता लग चुका था कि आज मेरी माँ और बहन दोनों की चुदाई होने वाली है। फिर 5 मिनट के बाद राज के फोन की घंटी बजी और उसने स्पीकर चालू कर दिया। राज, अमन और कुसुम रूम में सुनने लगे और मुझे भी बाहर सुनाई दे रहा था। फिर उधर से माँ की आवाज़ आई कि सुरेश तुम्हे किसी ने आते हुए तो नहीं देखा? सुरेश अंकल बोले कि नहीं मेरी जान। फिर उनकी इधर उधर की बातें होने के बाद किस करने की आवाज़े आने लगी और माँ की गरम गरम सांसो की आवाज़े आने लगी और शायद दोनों के कपड़े उतर चुके थे। तो माँ बोली कि सुरेश तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है और मुझे अंदर लेने में बहुत मुश्कील होती है तुम थोड़ा आराम आराम से देना। तो सुरेश बोला कि डार्लिंग मेरा लंड पूरा 7 इंच का है.. कुसुम, राज और अमन बिल्कुल चुप होकर बैठे थे और मोबाईल की बातें सुन रहे थे। तभी मोबाईल पर माँ की चीख सुनाई दी.. उईईई माँ प्लीज़ बाहर निकालो फट गई मेरी चूत प्लीज बाहर निकालो। तो सुरेश बोला कि अभी तो आधा ही लंड अंदर गया है अभी से ही तुम्हारा यह हाल है तो फिर आगे क्या होगा? फिर माँ की एक और आवाज़ आई उईईई उफफ्फ्फ्फ़ माँ मेरी चूत फट गई बस करो.. अब नहीं प्लीज निकाल दो। लगता था कि सुरेश ने अब पूरा लंड अंदर डाल दिया था और फिर माँ की चीखने की आवाजें और जोर जोर से आती रही.. उईईई उई हाअह्ह्ह्ह माँ मज़ा आ रहा है और फिर थोड़ी देर बाद में माँ कहने लगी कि और ज़ोर से करो में अब झड़ने वाली हूँ।
फिर फोन बंद हो गया.. शायद उनका खेल ख़त्म हो चुका था। तो राज ने कुसुम से बोला कि अब बोल? कुसुम बोली कि अब क्या बोलू सारी चुदाई का नज़ारा सुन लिया और कुसुम बोली कि सुरेश अंकल का लंड बहुत बड़ा है.. तेरी माँ भी कितनी जोर जोर से चिल्ला रही थी। तो राज बोला कि यार तुम तो ऐसे ही सोचती हो.. उन्हें भी मज़ा दे दो वो हमारे लिए इतना कुछ करते है हमे ऐश करने के लिये अपना पूरा घर दे दिया। फिर राज ने धीरे धीरे कुसुम के बूब्स पर हाथ घुमाना शुरू कर दिया और अमन कुसुम को चूमने लगा। कुसुम पर मस्ती छाने लगी और यह सब देखकर मेरा भी हाल खराब होने लगा था और कुछ टाईम बाद सुरेश अंकल भी आ गए.. तब तक कुसुम, राज और अमन नंगे हो चुके थे और सुरेश अंदर आते ही बोला कि कुसुम सच में तेरी माँ को चोदकर मुझे बहुत मज़ा आता है और ऐसे ही मज़े तुम कब दे रही हो? तो राज बोला कि कुसुम ले लो सुरेश अंकल का भी.. वो भी आराम आराम से करेंगे। 
फिर कुसुम रोते रोते बोले कि प्लीज़ नहीं में सुरेश अंकल का नहीं ले सकती उनका बहुत लंबा है और मोटा भी बहुत है और जब मेरी माँ ही इतनी ज़ोर से चिल्लाई तो मेरा क्या हाल होगा? तो राज ने कुसुम की चूत में अपनी दो उंगली घुसाई तो कुसुम उईईई माँ करके सिसकियाँ लेने लगी। फिर अमन ने अपना लंड कुसुम के मुँह में डालकर उसके मुँह को चोदने लगा और कुसुम अमन का लंड अंदर तक ले जा रही थी। राज और अमन के लंड मेरे बराबर ही थे.. लगभग 6 इंच लंबे। फिर राज ने कुसुम की चूत में लंड डाल दिया और कुसुम उईइ उफ्फ्फ माँ मरी ऐसी आवाज़े करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। तब तक सुरेश भी पूरा नंगा हो गया था और उसका लंड सच में बहुत बड़ा था और उसने लंड कुसुम के मुँह में डाला तो कुसुम को पूरा मुँह खोलना पड़ा। उधर राज, कुसुम की चूत को चोद रहा था और सुरेश ने अपना लंड कुसुम के मुँह से निकाला और अंडरवियर पहनकर दूसरे कमरे में चला गया। फिर अमन ने कुसुम के मुँह को चोदा और उसी के मुहं में झड़ गया और कुसुम के पूरे मुँह से अमन का वीर्य निकलने लगा। तब तक राज भी कुसुम की चूत में एक बार झड़ चुका था.. लेकिन शायद कुसुम अभी तक एक बार भी नहीं झड़ी थी। फिर कुसुम ने बोला कि अब में चलती हूँ.. अब काम पूरा हो गया ना तुम दोनों का। तो राज बोला कि क्यों अभी तो तुम्हे सुरेश अंकल भी चोदेंगे? फिर कुसुम रोने लगी और तब तक सुरेश शराब का गिलास लेकर कमरे में आया और बोला कि कुसुम आज कोई बहाना नहीं चलेगा आज तो कैसे भी तुझे चुदवाना पड़ेगा। तो कुसुम और जोर जोर से रोने लगी और कहने लगी कि प्लीज़ मुझ पर तरस खाओ.. मेरी चूत पूरी तरह से फट जाएगी।
फिर सुरेश पर शराब का नशा भी होने लगा था और उन्होंने अंडरवियर निकाल दिया और अपना 7 इंच लंबा लंड कुसुम के होंठ पर घुमाने लगा और कुसुम रोए जा रही थी और बार बार सुरेश अंकल से विनती कर रही थी कि प्लीज़ मत चोदो। फिर राज और अमन ने कुसुम के एक एक पैर पकड़ लिए और सुरेश अंकल अपना लंड कुसुम की चूत में घुसाने लगे तो कुसुम ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। अभी आगे का सुपाड़ा ही अंदर गया था तो कुसुम की हालत बहुत खराब होने लगी और सुरेश अंकल ने एक हल्का सा झटका दिया तो कुसुम चिल्ला गई.. माँ मुझे बचा ले.. में आज मार जाऊंगी। तो अमन बोलने लगा कि तेरी माँ तो आराम से सो रही होगी.. आज सुरेश अंकल ने बहुत देर तक उसे चोदा है। फिर कुसुम के रोने की परवाह ना करते हुए सुरेश ने पूरा लंड कुसुम की चूत के अंदर डाल दिया और कुसुम एक बार और ज़ोर से चिल्लाने के बाद शायद बेहोश हो गई।
तो यह देखकर में भी बहुत डर गया कि उसे क्या हो गया है? लेकिन सुरेश अंकल उसे लगातार धीरे धीरे धक्के देकर चोदते रहे और फिर कुसुम की चूत में ही झड़ गये और जैसे ही लंड चूत से बाहर निकाला तो लंड पर खून लगा था और सुरेश अंकल और कुसुम का माल कुसुम की चूत से बहने लगा। तो राज और अमन ने कुसुम को बेड पर लेटा दिया और उसके मुँह पर पानी के छींटे मारने लगे। फिर करीब 10 मिनट बाद कुसुम होश में आई और फिर से रोने लगी.. उससे अब खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। तो राज और अमन ने कुसुम के शरीर को कपड़े से साफ किया और उसे कपड़े पहनाए। फिर कुसुम लड़खड़ाते हुए उठी और बोली कि मैंने तुमसे पहले ही मना किया था कि में सुरेश अंकल का नहीं ले सकती और में अब सुबह क्या मुँह दिखाऊँगी जब माँ मुझसे पूछेगी कि तुझे क्या हुआ? और फिर रोने लगी। फिर उसकी हालत देखकर मुझे भी लग रहा था कि कुसुम की हालत ठीक नहीं है। तो राज ने बोला कि चल हम तुझे तेरे कमरे में छोड़ आते है। तो कुसुम बोली कि नहीं में खुद ही चली जाऊंगी.. फिर वो लड़खड़ाते हुए बाहर निकली और अपने रूम के पिछले दरवाजे की और जाने लगी। में साईड में आकर छुप गया था और कुसुम दरवाजे के पास आकर बैठ गई और उससे दरवाजा भी नहीं खुल रहा था। तभी में अचानक से उसके सामने आ गया और दरवाजा खोला तो मुझे देखकर वो चौक गई और बोली कि भैया आप क्या कर रहे हो यहाँ? तो मैंने उसे बोला कि में सिगरेट पीने आया था क्योंकि नींद नहीं आ रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि तू कहाँ गई थी? तो वो बोली कि मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है और में बाहर आए थी उल्टी करने को मन कर रहा था।
फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर लेटा दिया और दरवाजा बंद करके बोला कि मुझे पता है कि तुझे क्या हुआ है? और में सब कुछ देख चुका हूँ.. तो कुसुम रोने लगी और मैंने उसे बोला कि तू रो मत.. यह सब कब से चल रहा है? तो उसने बताया कि राज से उसके सम्बन्ध हो गये थे और फिर उसने अपने दोस्त अमन से भी कई बार करवाया। फिर मैंने उसे बोला कि.. मुझे कब दे रही हो अपनी चूत? तो कुसुम चकित हो कर बोली कि क्या बोल रहे हो तुम? तो मैंने उसे बोला कि इसमे हैरान होने की बात नहीं है। फिर वो बोली कि आज तो नहीं दे सकती फिर कभी ले लेना। तो मैंने उसे बोला कि.. तुम ठीक हो जाओ फिर उसके बाद ले लूँगा।
फिर सुबह कुसुम से उठा नहीं जा रहा था और माँ जब उसे बेड पर लेकर गई तो उसे समझते देर नहीं लगी। तो उसने कुसुम को गलियाँ देनी शुरू कर दी और कहने लगी कि कहाँ करवा कर आई है.. क्या तुझे शरम नहीं है? में भी साथ ही खड़ा था और माँ जब ज्यादा बोलने लगी कि आने दे तेरे पापा को में सब बताती हूँ। फिर कुसुम बोल पड़ी कि मुझे भी आपके बारे में सब पता है.. कल रात को सुरेश अंकल से क्या करवा रही थी? तभी यह बात सुनकर माँ के होश उड़ गये और मुझे बोलने लगी कि तू यहाँ पर खड़ा खड़ा क्या सुन रहा है? चल बाहर जा। फिर कुसुम बोलने लगी कि कोई फायदा नहीं है.. इसे सब पता है तो माँ भी नॉर्मल हो गई और कुसुम से उसकी चुदाई की कहानी सुनने को बोला और फिर कुसुम ने सब बता दिया। फिर सोमवार को पापा आए तो हम तीनों खामोश थे और फिर पापा ने बोला कि क्या हुआ सब लोग बहुत शांत से लग रहे हो? तो हम तीनो ने डिसाईड कर लिया था कि किसी को इस बात की खबर नहीं लगने देंगे।
तो पापा बोले कि में तुम्हे कुछ बताता हूँ और हम सभी पापा का मुँह देखने लगे। तो पापा ने बताया कि उनका तबादला हो गया है.. आज ही लेटर आया और 1-2 दिन में मकान खाली करना पड़ेगा। फिर हम तीसरे दिन अपना सामान लेकर दूसरे शहर में चले गये। फिर मैंने कुसुम को बोला कि तूने मुझसे वादा किया था कि जिस दिन तू ठीक हो जाएगी उस दिन तू मुझे अपनी चूत देगी। तो कुसुम बोली कि हाँ मैंने ऐसा बोला तो था और इतने में माँ अंदर आ गई और बोली कि कैसा वादा मुझे भी बताओ? तो कुसुम बोली कि माँ भैया मुझे चोदना चाहते है अब आप ही बताओ कि क्या यह ठीक रहेगा? तो माँ बोली कि हाँ अगर हमारी घर में ही चुदाई होती रहेगी तो बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है। वो दिन का टाईम था और पापा ऑफीस गये हुए थे। फिर मैंने, माँ और मेरी बहन तीनो ने ग्रुप सेक्स किया। आज भी जब पापा टूर पर जाते है तो में एक तरफ़ माँ और दूसरी तरफ़ बहन को लेकर सोता हूँ ।।


FUN-MAZA-MASTI जवान पूजा

FUN-MAZA-MASTI
जवान पूजा


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सूरज है और मैंने  सेक्सी स्टोरियाँ पढ़ी तो बहुत है.. लेकिन में स्टोरी लिख पहली बार रहा हूँ.. इसलिए मुझसे इसमें कोई ग़लती हो जाए तो मुझे माफ़ करना। दोस्तों यह मेरी पहली सच्ची स्टोरी है तो प्लीज़ मुझे रिप्लाई जरुर देना। में मुंबई के कल्याण का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 25 साल है.. मेरा लंड बहुत मोटा और लम्बा है। तो दोस्तों में अब सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.. यह कहानी उस समय की है जब में 10th क्लास में पड़ता था और उस समय मैंने एक लड़की को कहा था कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। उस लड़की का नाम पूजा था वो बहुत सेक्सी और मस्त फिगर वाली लड़की थी और उस टाईम उसका फिगर 36- 28- 36 के बराबर ही था.. लेकिन मुझे उसके बूब्स बड़े ही अच्छे लगते थे। तो हम अक्सर पार्क में ही मिलते थे और वो मेरे ही साथ मेरे स्कूल में थी.. लेकिन वहाँ पर हमारी ज्यादा बात नहीं हो पाती थी और इस तरह से महीने बीत गए थे।
मेरे पापा सुबह जब ऑफिस जाते और माँ घर पर ही रहती थी। फिर एक दिन मेरे गावं से कॉल आया कि वहाँ पर कोई जरूरी काम है और एक शादी भी है.. तो माँ को जाना पड़ा और पापा और में नहीं जा सके। तो मेरी माँ एक महीने के लिए हमारे गावं चली गई थी और शाम तक में घर पर अकेला ही रहा था। फिर दूसरे दिन जब मैंने यह बात पूजा को स्कूल में बताई तो वो सुनकर स्माईल देने लगी और बोली कि तो क्या करना है? फिर मैंने उससे बोला कि कल स्कूल मत जाना हम लोग मेरे घर पर ही मिलते है। तो वो मना करने लगी और बोली कि किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तो मैंने कहा कि तू डर मत किसी को कुछ नहीं पता चलेगा.. मेरा पापा के जाने के बाद तू आ जाना और उस दिन वो अपने घर पर चली गई और में भी बहुत खुश था.. क्योंकि में भी बहुत दिनों से उसे चोदने की सोच रहा था और हम दोनों एक ही उम्र के थे वो 15 साल की थी और में भी 15 साल का था.. लेकिन उसका फिगर देखकर लगता था कि वो 18-19 साल की होगी। उसके बड़े -बड़े बूब्स, थोड़ी मोटी गांड, गोरे रंग में वो बहुत अच्छी दिखती थी।
फिर उस रात को में यही सोच रहा था कि कल ना जाने क्या होगा? में उसके साथ कैसे कैसे करूंगा? कहीं वो मना ना कर दे? मैंने अब तक उसे किस ही किया था और एक दो बार उसके बूब्स को दबाया था बस.. लेकिन क्या करूं मुझे मौका ही नहीं मिल पा रहा था? फिर अगले दिन में सुबह जल्दी ही उठ गया था और पापा अपने टाईम पर ऑफिस चले गये और में उनके ऑफिस जाने के बाद ही स्कूल जाता था मेरी 07.30 बजे का स्कूल था और पापा 7 बजे ऑफिस जा चुके थे। मेरा दिल अब बहुत जोर जोर से धड़क रहा था और में सोच रहा था कि पता नहीं ना जाने क्या होगा? फिर में कॉलोनी के बाहर आ गया और पूजा का इंतज़ार करने लगा। वो हमेशा 7.10 तक आ जाती थी और हम लोग साथ में ही स्कूल जाते थे.. हमारे स्कूल का 10 मिनट का रास्ता था। तो उस दिन वो 07.15 पर आ गई तब जाकर मेरी जान में जान आई और मैंने उसे इशारे से मेरे पीछे आने को कहा। मेरा घर ग्राउंड फ्लोर पर था और बाकी के लोग वहाँ पर नहीं रहते थे। तो में जल्दी से अपनी बिल्डिंग के पास गया और पूजा को अंदर आने को कहा अंदर आने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और मेरा दिल जोर से धड़क रहा था और हम लोग बेड पर एक साथ बैठे थे। फिर 10 मिनट बैठने के बाद वो बोली कि क्या तुम्हे डर नहीं लगता कि तुम बिल्कुल अकेले रहते हो? तो मैंने ना में सर हिला दिया.. फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो आज कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी और मेरा तो मन कर रहा था कि अभी ही पकड़ कर उसको चोद दूँ.. लेकिन में सोच रहा था कि कहीं बात बिगड़ ना जाए। तो मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर उसे कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. तो वो शरमा गयी और वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने उससे पूछ कि क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो? तो वो बोली कि नहीं में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.. उसने एकदम धीरे से बोला। तो मैंने बोला कि प्लीज एक बार फिर से बोलो ना और में उसके एकदम पास आ गया और उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और बोली कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और मैंने झट से उसे उसके गाल पर किस किया तो वो कुछ नहीं बोली और में उसके और करीब आ गया था।
फिर थोड़ी देर के बाद में बेड पर बैठे बैठे ही उसको अपनी बाहों में लेने लगा तो वो भी मेरा साथ देने लगी थी। में एकदम सच कह रहा हूँ दोस्तों.. पहली बार मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि में जन्नत में आ गया हूँ। उसके बूब्स एकदम मुलायम मुलायम लग रहे थे और उसके बदन की खुश्बू ही कुछ अलग लग रही थी। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया तो वो बोली कि नहीं नहीं यह सब ग़लत है और हमे शादी के पहले यह सब नहीं करना चाहिए। तो दोस्तों मैंने सोचा कि आज चूत मिलने से तो रही.. फिर मुझे किसी फिल्म का एक सीन याद आया और में बोला कि क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती और मुझ पर विश्वास नहीं करती हो और यह बोलकर में खड़ा हो गया और उसका चेहरा एकदम से रोने के जैसा हो गया था। 


फिर एक मिनट के बाद उसने मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ किया और बोली कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और पागलो की तरह किस करने लगी और मैंने भी उसका साथ दिया। फिर मैंने उसे किस करते करते बेड पर लेटा दिया और उसे किस करने लगा, उसके गालो पर होंठो पर और फिर धीरे धीरे मैंने एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा तो उसने अपनी आंखे बंद कर ली और धीरे धीरे मैंने एक हाथ उसकी पीठ पर रख दिया और ऊपर नीचे करने लगा और हम लोग 20 मिनट तक यह सब करते रहे। फिर मैंने उससे कहा कि अपने स्कूल के कपड़े निकाल दो.. नहीं तो गंदे हो जाएगे। तो वो बोली कि मुझे शरम आ रही है। तो मैंने बोला कि तुम अपने ऊपर चादर ले लो। तो वो मान गई और उसने अपनी सलवार कमीज़ दोनों को निकाल दिया और चादर लेकर बैठ गयी और मैंने भी अपनी टी-शर्ट और पेंट निकाल दी और में उसके साथ लेट गया और अब हम दोनों लगभग नंगे थे और में उसे किस कर रहा था और उसके बूब्स को भी दबा रहा था.. उस टाइम मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और वो मेरी अंडरवियर से बाहर आ रहा था।
फिर मैंने उसकी ब्रा जो काली कलर की थी उसे निकाल दी और उसने गुलाबी कलर की पेंटी भी निकाल दी। तो हम दोनों एकदम से पूरे नंगे थे और मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था। उसकी चूत पर थोड़े थोड़े से बाल थे उसने भी अपनी आँखे बंद कर ली थी। मैंने उसको किस किया और अपना लंड उसकी चूत पर लगाया तो उसने आआहह उफफ किया। फिर में उसके ऊपर आ गया था और उसके निप्पल को मुहं में लेकर चूसने लगा.. वो एकदम से कड़क हो गई थी और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया था और मेरा लंड अब उसकी चूत के अंदर जाने के लिए मचल रहा था। तो मैंने उससे कहा कि मेरा मन अब चुदाई करने का हो रहा है। तो वो बोली कि नहीं मुझे बहुत डर लग रहा है और कहीं कुछ हो गया तो क्या होगा? तो मैंने बोला कि डरो मत कुछ नहीं होगा में हूँ ना। तो वो मान गई.. लेकिन बोली कि मुझे डर लग रहा है और मैंने सुना है कि पहली बार बहुत दर्द होता है? फिर मैंने कहा कि तुम डरो मत.. अगर तुम्हे ज्यादा दर्द हो तो बोल देना में नहीं करूंगा। फिर बहुत टाईम के बाद वो मान गई और मैंने उसे किस करना शुरू किया और एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और में धीरे धीरे नीचे चला गया और मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और एक ऊँगली से उसकी गीली चूत के अंदर डाल दिया तो वो आहह उूउफ्फ्फ्फ़स की आवाज़ निकाल रही थी।
तो में धीरे धीरे ऊँगली अंदर बाहर कर रहा था और वो आहाहह उउउ अहहाअ की आवाज कर रही थी। फिर मैंने उसकी एक जांघ को पकड़कर अलग किया और दोनों पैर फैला दिए और अपने लंड को उसकी छोटी सी चूत पर रख दिया और एक हाथ से चूत को फैलाने लगा और लंड को अंदर डालने लगा जैसे ही लंड का टोपा अंदर गया वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और मुझे दूर कर दिया। में थोड़ा डर गया और उसको फिर से समझाने लगा। फिर 30 मिनट के बाद मैंने फिर से ट्राई किया और इस बार मैंने थोड़ा सा तेल लिया और थोड़ा अपने लंड पर लगाया और थोड़ा उसकी चूत पर भी लगाया और इस बार मैंने अंदर नहीं डाला। पहले लंड को उसकी चूत पर लगा दिया और उसके ऊपर लेट गया और किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर में एक हाथ से लंड को पकड़ कर अंदर डालने लगा और साथ में किस भी कर रहा था और एक ज़ोर के झटके के साथ आधा लंड अंदर डाल दिया।
तो वो रोने लगी और थोड़ा सा खून भी निकल रहा था.. करीब 5 मिनट तक में उसे किस कर रहा था और मैंने लंड को अभी आधा ही अंदर डाला था। फिर जब वो शांत हुई तो मैंने पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया। पहली बार मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैंने पूजा की तरफ देखा तो वो रो रही थी। फिर धीरे धीरे वो शांत हो गई और वो भी अब मेरा साथ दे रही थी और अपनी गांड उठा उठाकर चुदवा रही थी और में अपना लंड उसकी चूत में पूरा अंदर डाल रहा था.. मेरा लंड खून से लाल हो गया था और उसकी आआहा उउउहह और ज़ोर से ज़ोर से चोदो और ज़ोर से चोदो कह रही थी में उसके ऊपर लेटकर पूजा को चोद रहा था और 15 मिनट के बाद पूजा का पानी निकल गया था और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम कस गयी थी.. मेरा लंड दब रहा था और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया था और किस करने लगी थी.. लेकिन मेरा लंड तो अभी भी तनकर खड़ा था। मैंने चोदना जारी रखा और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर पूजा को चोद रहा था और पूजा बार बार कह रही थी कि चोदो ना और चोदो आआहह उऊहह म्‍म्म्मम पूरे कमरे में आवाजें आ रही थी और लगभग 30 मिनट और चोदने के बाद मैंने पूजा की चूत में ही पानी निकाल दिया और उसके ऊपर लेट गया और उस दिन मैंने पूजा को 3 बार और चोदा उसकी हालत बहुत खराब हो गयी थी और में भी बहुत थक गया था। अब जब भी मुझे टाईम मिलता है में पूजा को चोदता रहता हूँ ।।

FUN-MAZA-MASTI भाभी का गुलाम

FUN-MAZA-MASTI

भाभी का गुलाम

 हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रॉयल सिहं है और मेरी उम्र 21 साल है। दोस्तों आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. अगर मुझसे इसमें कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करें। यह कहानी मेरी और मेरी भाभी जो कि अब मेरी मालकिन बन चुकी है.. उनकी चुदाई के ऊपर आधारित है। मेरी भाभी एकदम सेक्सी गोरी चिट्टी है। जिसके इतने गोरे बूब्स है कि दूध का रंग भी मेरी भाभी यानी कि मेरी मालकिन के बूब्स के आगे फीका लगने लगे। दोस्तों में हमेशा अपनी भाभी के बूब्स को देखा करता था और सोचता रहता था कि काश में भी इन बूब्स को चूसकर अपनी प्यास बुझाऊँ। भाभी की गांड तो गोल गोल तरबूज जैसी हो गयी थी.. जब भी भाभी झुकती तो में भाभी के बूब्स देखने के लिए तैयार रहता और भाभी ने उनके बूब्स को देखते हुए शायद मुझे देख लिया था.. इसलिए वो जानबूझ कर अपने बूब्स दिखाने की कोशिश करती थी।
फिर भाभी जब भी नहाती थी तो में उनके नहाने के बाद उनके बाथरूम में घुस जाता था और उनकी ब्रा जो की 36 नंबर की थी और में उनकी पेंटी को जमकर चूसता था और उनकी पेंटी में तो ना जाने उनकी चूत के रस की ऐसी क्या सुगंध थी कि में कई कई बार तो पेंटी को अपने मुहं में पूरा डाल लेता था। उनकी बाजुओ के नीचे के हिस्से में से जो सुगंध थी वो में उनके कपड़ो में से सूंघता था। भाभी के जिस्म की मदहोश कर देने वाली खुश्बू में उनके कपड़ो में सूंघता था और में कई बार अपनी भाभी को कपड़े बदलते हुए भी देख चुका था। फिर इतनी गोरी और सेक्सी भाभी का देवर होने के नाते मेरा लंड भी खड़ा हो जाता था। एक दिन भाभी अपने कपड़े बदल रही थी तो में खिड़की में से भाभी के बूब्स और उनकी गोरी और मोटी गांड को देख रहा था और भाभी की गोरी गांड को देखते ही मेरे मुहं में पानी आ गया और में उनकी गांड देखकर मदहोश सा हो गया था।
हो सकता है कि शायद मेरी भाभी के गोरे चूतड़ो ने मुझे दीवाना बना दिया था और में उनके चूतड़ो को चाटने के ख्याल मन ही मन सोचने लगा और में इन ख्यालो में खो गया और में ख्यालो से तब बाहर आया जब मेरी भाभी यानी मेरी मालकिन ने अपने कमरे से बाहर आकर मुझे एक जोरदार चांटा मेरे मुहं पर मारा। तो मेरे तो होश ही उड़ गए इतना ज़ोर से चांटा मारने के बाद भाभी का मुहं पूरा गुस्से से लाल था और वो मुझे बालों से घसीटते हुए अपने कमरे में ले गयी और उन्होंने मुझे खींचकर एक और चांटा मारा और बोली कि तुम्हारी इतनी हिम्मत कि मुझे खिड़की से कपड़े चेंज करते हुए देख रहे थे.. यह तो अच्छा हुआ कि शीशे में मुझे दिख गया। तो मैंने बोला कि भाभी सॉरी मुझे माफ़ कर दो.. में आपसे हाथ जोड़कर माफी माँगता हूँ.. प्लीज मुझे माफ़ कर दो। तो भाभी ने मेरे दोनों गालो पर थप्पड़ो की बरसात कर दी और कहने लगी कि आज तक मेरे पति यानी तुम्हारे भाई भी मुझे बिना मर्ज़ी के छू भी नहीं सकते और तुम ने तो मुझे नंगा देखने की हिम्मत की.. तुम्हारा तो में आज वो हाल करूँगी कि पूरी जिंदगी में कभी भी तुम मुझे बिना मेरी मर्ज़ी के आँख मिलकर भी नहीं देखोगे और मुझे फिर एक कसकर मेरे मुहं पर चांटा मारा। फिर मेरे मुहं पर चांटो से जलन होने लगी थी। में भाभी के आगे हाथ जोड़ने लगा प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. लेकिन भाभी ने तो शायद मेरा मुहं लाल करने की कसम खा रखी थी। चार और झनझनाते थप्पड़ मेरे मुहं पर बरसे और मैंने अपने मुहं पर हाथ रखा तो भाभी ने एक जोरदार लात मेरे लंड पर मारी और बोली कि जब तक में ना कहूँ तुम्हारा हाथ चहरे पर नहीं आना चाहिए। तो मैंने कहा कि जी भाभी और मैंने अपना हाथ नीचे कर लिया। उसके बाद तो भाभी ने एक हाथ से मेरे सीधे कान को पकड़ा और उल्टे गाल पर कम से कम जमकर 40 ज़ोर से चांटे मारे.. फिर उल्टे गाल का भी यही हाल किया। फिर में तो भाभी के चांटो से बहुत परेशान हुआ पड़ा था और जब मेरे गाल पूरे लाल हो गये तो भाभी बोली कि शीशे में देखो। फिर में शीशे में देखते ही डर गया और मेरा मुहं भाभी के चांटो से लाल हुआ पड़ा था। तो भाभी बोली कि अभी तो कुछ भी नहीं हुआ अभी तो तुम्हारा वो हाल करूँगी कि पूरी जिंदगी याद रखोगे। फिर भाभी बोली कि चलो मेरे पैरो पर अपनी नाक रगड़ो। तो मैंने बोला कि भाभी नहीं में यह सब नहीं करूँगा। फिर भाभी बोली कि तो ठीक है आने दो तुम्हारे भैया को में उन्हें यह सब बता दूँगी कि तुम मुझे नंगा देख रहे थे और तुम्हारे माँ बाप को भी। तो यह बात सुनते ही में तो भाभी के पैरो में गिर पड़ा और उनके पैर पकड़ कर बोला कि नहीं भाभी प्लीज आप यह सब किसी को मत बताना। तो भाभी बोली कि जैसा में कहूँ चुपचाप वैसा करते जाओ। तो मैंने बोला कि ठीक है भाभी। तो भाभी बोली कि चलो मेरे पैरो पर नाक रगड़ो फिर में भाभी के पैरो पर नाक रगड़ने लगा।
तो भाभी बोली कि एक नहीं दोनों पैरो पर और फिर में उनके दोनों पैरो पर नाक रगड़ने लगा। कभी सीधे तो कभी उल्टे पैर पर और भाभी ने यह देखते ही मेरे बालों को ज़ोर से खींचा और ताबड़तोड़ मेरे मुहं पर थप्पड़ो की बरसात कर दी। मेरे चहरे पर भाभी के थप्पड़ो का पहले से ही इतना दर्द हो रहा था और भाभी ने तो थप्पड़ो की ऐसी बरसात कर दी कि में तो बस रो ही पड़ा। वैसे तो में बहुत सहनशील हूँ.. लेकिन भाभी ने इतनी कसकर थप्पड़ मारे थे कि मेरी अब शक्ति जवाब दे गयी और मेरी आँखो से आँसू आने लगे। तो भाभी बोली कि तुमने मेरे पैरो और सेंडल को गंदा कर दिया है इन्हे साफ करो। तो मेरे मना करने पर भाभी ने अपने सेंडल खुद ही उतारे और उसके बाद तो मेरे मुहं पर भाभी के सेंडल बरसने लगे। जितने भाभी ने मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारे थे उससे भी ज़ोर से उन्होंने सेंडल मारे जिससे मेरे मुहं पर भी भाभी के सेंडलो के निशान पड़ गये और मेरे चहरे पर भाभी के सेंडल का नंबर 8 भी छप गया था।
फिर भाभी बोली कि अब मेरे तलवो को चाट कर साफ करो। तो में भाभी के तलवे चाटने लग गया.. लेकिन भाभी के तलवे बहुत ही गोरे और मुलायम थे जीभ लगते ही मुझे उनके तलवो का टेस्ट बहुत अच्छा लगने लगा था। फिर मैंने भाभी के तलवे चाट चाटकर साफ किए और फिर भाभी बोली कि यदि तुम यह चाहते हो कि में तुम्हारे भाई को यह बात ना बताऊँ तो जो में कहूँ आज के बाद वही करना और यह बात ध्यान रखना कि औरो के सामने तो में तुम्हारी भाभी हूँ और तुम्हारे सामने तुम्हारी मालकिन.. समझे? मैंने बोला कि जी भाभी समझ गया। फिर एक करारा थप्पड़ गाल पर पड़ा और भाभी बोली.. कहा ना कि तुम्हारे सामने तुम्हारी मालकिन। तो मैंने बोला कि जी मालकिन। तो भाभी बोली कि आज के बाद मेरे गुलाम बनकर रहना वरना में तुम्हारा क्या हाल करूँगी.. यह तुम बहुत अच्छी तरह जान गये होगे? फिर मैंने बोला कि जी मालकिन में हमेशा आपका गुलाम ही बनकर रहूँगा।
फिर भाभी बोली कि चलो अब पानी लेकर आओ और मेरे पैरो को भी साफ करो। तो में भाभी के पैरो को धोने के लिए पानी लेने गया और अपना चेहरा भी साफ करने लगा और जैसे ही में अपने चहरे को धोने लगा तो पीछे से भाभी ने एक जोरदार लात मेरी गांड पर मारी.. जिससे मेरा चेहरा नल की टूटी पर लगा जिससे मेरे नाक पर खून आने लगा। फिर भाभी जोर से चीखते हुए बोली कि मैंने तुम्हे अपने पैरो को धोने के लिए कहा था और तुम अपने चहरे को धो रहे हो.. तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई? मैंने कहा कि भाभी वो.. तो इस बार भाभी ने मेरे लंड पर लात मारी और बोली कि मैंने तुमसे पहले भी कहा था कि में तुम्हारी मालकिन हूँ। तो मैंने कहा कि सॉरी मालकिन और दर्द से मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था। तब भाभी बोली कि गुलाम हो गुलाम बनकर ही रहो और जैसा में कहूँ वैसा ही करो.. चलो पानी की बाल्टी उठाओ और मेरे साथ रूम में चलो। तो में बाल्टी उठाकर भाभी के रूम में चल पड़ा और रूम में जाकर भाभी सोफे पर बैठ गयी और मुझे अपने पैर धोने के लिए कहा। तो में उनके पैरो को धोने लगा और धो धो कर मैंने उनके पैरो को पहले से भी अधिक खूबसूरत बना दिया जिससे भाभी का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ।
फिर भाभी बोली कि अब तुम इस पानी से अपना मुहं धो सकते हो। फिर जिस पानी में मैंने अभी भाभी यानी कि मेरी मालकिन के पैरो को साफ किया था.. मैंने उस पानी में अपने चहरे को साफ किया और मुझे थोड़ा दर्द भी कम होने लगा.. ना जाने भाभी के पैरो में ऐसी क्या ताक़त थी कि पानी से धोते ही मेरा चेहरा पहले से भी साफ हो गया था। फिर भाभी बोली कि जाओ और याद रखना तुम मेरे गुलाम बनकर ही रहोगे। तो में बोला कि जी भाभी और रात को मेरा भाई आया और खाना खाकर कुछ देर बाद सो गया और फिर में भी अपना दर्द भुलाकर सो गया। तो भाभी मेरे कमरे में आई और मेरे मुहं पर सोते हुए एक तमाचा जड़ दिया। भाभी के तमाचे से मेरी नींद उड़ गयी और में जाग गया और मैंने बोला कि क्या हुआ भाभी जी.. आपने अब क्यों मारा? बस मेरा इतना ही कहना था कि भाभी ने मुझे बालों से पकड़कर बेड से नीचे खींचा और धनाधन थप्पड़ो की बरसात कर दी.. करीब 5 मिनट तक मेरे मुहं का भुर्ता बनाने के बाद वो बोली कि मैंने कहा था ना कि में तुम्हारी मालकिन हूँ.. तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे अपनी भाभी कहने की? तो में बोला कि मुझे माफ़ कर दो मालकिन.. में भूल गया था आपका थप्पड़ खाकर मेरा दिमाग काम करना बंद कर गया था। तो भाभी बोली कि आज में तुम्हारा दिमाग सही कर देती हूँ और उसके बाद भाभी मेरे रूम से बाहर गयी और दो मिनट बाद ही वापस आ गयी और अब उनके हाथ में एक गोल डंडा था और रूम में आते ही भाभी बोली कि चल कुत्ता बनकर दिखा। तो में तुरंत ही अपने दोनों हाथों और पैरो को ज़मीन पर रखकर कुत्ता बन गया और जैसे ही में कुत्ता बना भाभी ने खिचकर मेरी गांड पर डंडा मारा और में दर्द से चीख उठा भाभी ने खींचकर चार बार और मारा तो दर्द से मेरी जान निकल गई। तो में बोला कि प्लीज़ मालकिन इस बार माफ़ कर दो आगे से में हमेशा ध्यान रखूँगा कि आप मेरी मालकिन हो। तो भाभी ने मेरी गांड पर डॅंडो की बौछार कर दी और करीब 10 मिनट तक मेरी गांड लाल करने के बाद भाभी बोली कि इस बार छोड़ रही हूँ.. लेकिन अगली बार ग़लती हुई तो याद रखना तुम बैठने के काबिल भी नहीं रहोगे।
तो में बोला कि जी मालकिन में याद रखूँगा और फिर में बोला कि मालकिन आप इतनी रात रूम में क्यों आ गयी? तो भाभी बोली कि मेरे पैरो में आज पूरा दिन सेंडल पहनने के कारण दर्द हो रहा है तो मैंने सोचा कि मेरा गुलाम किस काम आएगा इसलिए में तुम्हारे पास आ गयी। फिर भाभी मेरे बेड पर बैठ गयी और अपने पैरो को मिनी टेबल जो कि गुलदस्ता या टेबल फेन रखने के काम आता है उस पर पैरो को रखकर बैठ गयी और मुझे बोली कि चलो मेरे तलवो को चाटो और याद रखना जब तक में ना कहूँ तुम्हारी जीभ मेरे पैरो से अलग नहीं होनी चाहिए। फिर में बोला कि जी मालकिन जैसी आपकी आज्ञा। फिर मैंने भाभी क तलवो को चाटना शुरू कर दिया भाभी के पैर बिल्कुल गोरे और एकदम साफ दिख रहे थे। तो मैंने जैसी ही भाभी के तलवो को चाटना शुरू किया उनके तलवो का स्वाद चखकर में तो अब पागल सा हो गया था और में कुत्तो की तरह भाभी के तलवो को चाटने लगा और अब मुझे भाभी के तलवो को चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर में भाभी के तलवो को अब अपने मुहं से चूसने लगा था.. ऐसे स्वाद से तो में पागल हो रहा था और करीब आधे घंटे तक भाभी के तलवे चाटने के बाद भाभी बोली कि बस रुक जाओ। अब मेरा दर्द खत्म हो गया है और एक बात और आज के बाद हर सुबह उठते ही मेरे पैरो को हाथ नहीं लगाना समझे।
तो में बोला कि क्यों मालकिन? फिर भाभी बोली कि क्योंकि अब से तुम्हे हर सुबह मेरे पैरो को चाटना है समझे.. में बोला कि जी मालकिन जैसा आपका हुक्म। फिर भाभी बोली कि कल मेरी छोटी बहन आ रही है उसके सामने मेरा पालतू कुत्ता बनकर रहना और अगर ज़रा भी तुमने कोई बात मानने से इनकार किया तो अपना चेहरा याद कर लेना कि मैंने तुम्हारा क्या हाल किया था? तो मैंने कहा कि जी मालकिन जैसा आप हुक्म देंगी में वैसा ही करूँगा और फिर भाभी अपने रूम में चली गयी और में बेड पर सोने लगा तो मेरी गांड में बहुत दर्द होने लगा.. क्योंकि भाभी ने डंडे मार मारकर मेरी गांड को लाल कर दिया था। मुझसे अब सोया भी नहीं जा रहा था। फिर करीब दो घंटे बाद दर्द कम हुआ और में सो गया। फिर सुबह उठते ही पहले में सीधा अपनी भाभी के रूम में गया तब भाभी रूम में नहीं थी और भैया नहा रहे थे। भाभी उनके लिए रसोई में खाना बना रही थी और फिर में सीधा रसोई में चला गया। 

भाभी रसोई में खड़े होकर खाना बना रही थी और में सीधा उनके पैरो में गिर पड़ा और उनके पैरो को चाटने लगा और दोनों पैरो को चाटने के बाद मैंने कहा कि गुड मॉर्निंग मालकिन। तो भाभी के चहरे पर हल्की सी मुस्कान आई और बोली कि मेरे देवर की यही जगह सही है मेरा देवर अब मेरा गुलाम बनकर रहेगा क्यों देवर जी? तो में बोला कि जी मालकिन तो भाभी बोली कि वाह्ह्ह् क्या बात है? तुम अब पूरी तरह मेरे गुलाम बन चुके हो और मेरे इशोरो पर नाचने लगे हो.. तुम मेरे पूरे पालतू कुत्ते बन चुके हो। फिर मैंने बोला कि जी मालकिन में तो हूँ ही आपका पालतू कुत्ता.. जैसा आप कहती है यह कुत्ता वैसा ही करता है आपके हर हुक्म को मानता है। तो भाभी बोली कि चलो जाओ अब तुम्हारी मालकिन के पति के लिए खाना बनाने दो.. तब तक तुम मेरे रूम में जाकर झाड़ू पोछा लगाओ। तो में बोला कि जी मालकिन अभी करता हूँ और फिर में भाभी के रूम में पहुँचा और आधे घंटे में भाभी के फर्श को पूरा चमका दिया और अब फर्श पर मिट्टी का एक दाना भी नहीं दिखाई दे रहा था।
फिर उसके बाद भैया खाना खाकर ऑफिस चले गये और दोपहर को भाभी की छोटी बहन आ गयी थी। उसका नाम प्रिया था वो लाल कलर की जिन्स और भूरे कलर की टी-शर्ट पहन कर आई थी और बहुत सेक्सी लग रही थी। उसके बूब्स बड़े बड़े और जिस्म एकदम मस्त था और में घूर घूरकर उसके बूब्स देख रहा था और में उसके बूब्स देखकर पगल हो गया और उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। फिर उस वक़्त भाभी नहा रही थी और मैंने उन्हें रूम में ले जाकर बैठा दिया और वहीं कुर्सी पर बैठकर उनके साथ बातें करने लगा। फिर कुछ देर बाद भाभी रूम में आई और मुझे देखते ही एक जोरदार थप्पड़ मेरे मुहं पर मारा और बोली कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहन के बराबर बैठने की? तुम्हे तुम्हारी औकात पता होनी चाहिए तुम्हारी औकात पैरो में बैठने की है.. चलो कुर्सी से खड़े हो जाओ और मेरी बहन के पैरो में जाकर बैठो। तो में अपने मुहं पर हाथ रखकर भाभी की बहन के पैरो के पास जाकर बैठ गया और भाभी की बहन भी यह सब देख रही थी। वो बोली कि दीदी यह सब क्या है? आप अपने देवर को क्यों मार रही हो? तो भाभी बोली कि अरे नहीं मेरी प्यारी बहना.. यह देवर नहीं अब मेरा गुलाम है और इस गुलाम को वही करना होगा जो में इसे करने को कहूँगी। इसे मेरा हर हुक्म मानना पड़ेगा यही इसकी सज़ा है मुझे देखने की। फिर प्रिया बोली कि देखने की क्या देखने की? तो भाभी बोली कि यह मुझे खिड़की से कपड़े चेंज करते हुए देख रहा था और वो तो शुक्र है कि मैंने शीशे में से इसे देख लिया था और उसके बाद मैंने इसका वो हाल किया है कि जिंदगी भर यह कभी मुझे देखने की हिम्मत नहीं करेगा और यह गुलामी भी इसे इसी वजह से करनी पड़ रही है।
तो प्रिया बोली कि दीदी यह तो सच में बहुत कमीना है.. ऐसे इंसान को तो चप्पलो से मारना चाहिए। तो भाभी बोली कि तुम ठीक कह रही हो बहना.. वैसे तो में इसे अपने सेंडलो से मार चुकी हूँ.. लेकिन तुम चाहो तो तुम भी अपने अरमान पूरे कर सकती हो। तब प्रिया बहुत खुश हो गयी और भाभी ने मुझे प्रिया के पैरो में बैठने को कहा और में बोला कि नहीं मालकिन जब से मैंने आपको कपड़े चेंज करते हुए देखा है तब से आप पहले ही मेरा बहुत बुरा हाल कर चुकी हो.. अब तो मुझ पर रहम करो। तभी भाभी ने आगे आकर एक जोरदार तमाचा मेरे मुहं पर मारा और बोली कि तुमसे जितना कहा गया है उतना ही करो मेरे आगे ज़्यादा ज़बान चलाने की कोशिश मत करो.. वरना में तुम्हारी खाल खींचकर रख दूँगी। तब में प्रिया के पैरो के सामने आकर बैठ गया और प्रिया ने अपना सीधे पैर का सेंडल उतारा और मुझे दिखाते हुए बोली कि आज इन सेंडलो से तुम्हारे चहरे का वो हाल करूँगी कि कभी मेरी बहन को देख नहीं पाओगे और ताबड़तोड़ मेरे मुहं पर सेंडल मारने चालू कर दिए।
भाभी का थप्पड़ खाकर पहले ही मेरे गाल पर दर्द हो रहा था.. लेकिन प्रिया ने तो इतने खींचकर मेरे मुहं पर सेंडल मारे कि मारे जिसके दर्द से मेरी तो जान ही निकल रही थी.. लेकिन में कुछ कर भी नहीं सकता था। प्रिया ने तो सेंडलो से मार मार कर मेरा पूरा चेहरा लाल कर दिया था और वो बोली कि कमीने तेरा तो चेहरा बिगाड़ दूँगी। यह मेरी जिंदगी में पहली बार हुआ था कि दो लड़कियों ने मुझे अपने सेंडलो से पीटा था और मुझे गुलामी करनी पड़ रही थी। प्रिया का सेंडल कभी मेरे सीधे गाल पर पड़ता तो कभी उल्टे गाल पर प्रिया ने सच में सेंडल मार मारकर मेरे चेहरे का नक्शा ही बिगाड़ दिया था और सेंडलो से पिटने के कारण मेरी आँख के नीचे सूजन आ गयी थी.. लेकिन प्रिया थी कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। उसके सेंडल तड़ातड़ मेरे गालो पर बरस रहे थे। फिर मेरी जान में जान तब आई जब मुझे प्रिया मार मारकर थक चुकी थी.. क्योंकि उसका शरीर थोड़ा हैल्थी था जिसके कारण वो जल्दी ही थक जाती थी।
उसके जिस्म पर अब पसीने की लहर चल पड़ी थी.. फिर वो रुकने के बाद बोली कि जाओ और मेरे लिए पानी लेकर आओ मुझे तब थोड़ा चैन मिला था। में पानी लेने गया और फिर वापस आया और उन्हें पानी दिया। तब जाकर उन्होंने मुझ पर रहम खाया और मुझे मारना रोक दिया और मेरे मुहं पर थूक थूककर बोली कि तू कमीना है और दोबारा मेरे मुहं पर थूककर बोली कि कमीना कुत्ता है। फिर मैंने अपने चहरे से थूक साफ किया तो भाभी ने पीछे से आकर मेरी कमर पर एक लात मारी और बोली कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अपना चेहरा साफ करने की? तो में बोला कि सॉरी मालकिन ग़लती हो गयी। तो भाभी ने मेरे बालों को पकड़कर ऊपर खींचा और मेरे मुहं पर थूकने लगी और बोली कि ले मेरा भी थूक। तो मेरा पूरा चहरा भाभी ने अपने थूक से भर दिया था और उसके बाद मुझे प्रिया ने अपने पास बुलाया और प्रिया ने फिर से मेरे मुहं पर थूक दिया। फिर प्रिया ने ज़मीन पर थूक दिया और हाथ से इशारा करके बोली कि अगर फर्श पर मुझे ज़रा सा भी थूक नज़र आया तो में तुम्हारी चमड़ी उधेड़ दूँगी और बोली कि जहाँ जहाँ पर मेरा थूक गिरा है.. उसे अपने मुहं से चाटना। फिर भाभी ने एक जोरदार लात मेरे पैरो के ऊपर मारी जिससे मेरे पैरो की उंगलियों में दर्द होने लगा क्योंकि मैंने उस वक़्त चप्पल वगेरह कुछ पहन नहीं रखा था। उसके बाद भाभी ने मेरे दोनों पैरो पर दो बार और खींचकर लात मारी और बोली कि चलो प्रिया शुरू हो जाओ। प्रिया ने पहले अपने सेंडल पर थूक दिया जिसे मैंने चाटकर साफ कर दिया। फिर प्रिया ने भाभी के सेंडलो पर भी थूक दिया उसे भी चाटकर मैंने साफ किया। उसके बाद आज तक में भाभी का गुलाम बना हुआ हूँ।

FUN-MAZA-MASTI ट्रैफिक लेडी

FUN-MAZA-MASTI

 ट्रैफिक लेडी

 हैल्लो फ्रेंडस.. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 23 साल है। में दिल्ली की एक प्राईवेट नौकरी के साथ साथ मसाज भी करता हूँ.. मैंने जब   बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी तो सोचा कि में भी अपनी एक सच्ची स्टोरी आप सभी को बताऊँ। यह कहानी एक ट्रैफिक लेडिस पुलिस की है.. जो की वेस्ट दिल्ली में नौकरी करती थी। एक दिन जब में अपने ग्राहक का इंतजार कर रह था.. तो मैंने देखा कि पास ही के एक क्लब में पार्टी चल रही है.. वो एक लेडीस किटी पार्टी थी। तभी में भी गेट पर खड़ा हो गया और पार्टी खत्म होने का इंतजार करने लगा। तो करीब रात के 9:30 बजे एक कार बाहर आयी और मुझे उसमे तीन आंटियां दिखाई पड़ी। वो सभी गाड़ी खड़ी करके दारू पी रही थी.. तो में समझ गया कि आज तो बड़िया पैसे मिल सकते है।
फिर में उनकी गाड़ी के पास गया तो एक आंटी बाहर आई और बोली कि तुम कपड़ो से तो अच्छे घर के लड़के लग रहे हो? तो में उनके शरीर को देखकर समझ गया कि वो मसाज करवाती होंगी और मैंने उसे बताया कि में अभी नया नया हूँ। तो वो बोली कि ठीक है.. चल अब बता कितना लेगा? फिर मैंने कहा कि आप मज़ा करो और जितना आप दोगे में ले लूँगा और फिर उसने मुझे 4000 रुपय दिए और कहा कि अगर काम अच्छा करोगे तो और भी मिलेगा। तो उन तीनो आंटियों ने मुझे साथ में लिया और अपनी कोठी पर ले गई वो तीनो पूरी नशे में थी.. लेकिन उनकी कोठी पर मुझे कोई भी नहीं दिखा शायद वो तीनो अकेली थी और मजे मस्ती कर रही थी। फिर उन्होंने मुझे अंदर ले जाकर सोफे पर बैठाया और थोड़ी देर बाद म्यूज़िक शुरू कर दिया और उन्ही में से एक ने मेरे मुहं पर एक कपड़ा बांध दिया और मुझसे डांस करने के लिए कहा.. उन्ही में से एक आंटी पूरी नंगी थी और मेरे वो साथ डांस कर रही थी। फिर उस नंगी आंटी जिसका नाम शालिनी था उसने मेरी अंडरवियर उतार दिया और वो बहुत हैरान थी क्योंकि मेरा लंड बहुत बड़ा है करीब 7 इंच लंबा और मोटा.. लेकिन वो मेरी गांड को दबा रही थी। उनमे से एक का नाम कल्पना और दूसरी का नाम शोभा था। उन तीनो की उम्र करीब 30-35 साल के आस पास थी और तीनो का फिगर भी बहुत अच्छा था मुझे यह सब उनको पहली बार देखकर पता चला था।
फिर कल्पना और शोभा ने भी अपने अपने कपड़े उतार दिए। वो तीनो सुंदर तो थी.. लेकिन बहुत मोटी भी थी। फिर शालिनी ने मुझे सोफा पर बैठाया और मेरे मुहं के सामने खड़ी हो गई और वो अब मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी.. तो वो उल्टी हो गये और मुझे गांड चटाने लगी वो सभी पागल सी हो गयी थी और उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे दोनों हाथ बाँध दिए।
तो शोभा बोली कि में सबसे पहले इससे चुदवाऊँगी और फिर शोभा ने मेरा लंड चाट चाटकर खड़ा कर दिया और जोर जोर से लोलीपोप की तरह चूसने लगी और 69 पोजिशन में आ गयी। फिर उसने सिसकियाँ भरना शुरू कर दिया और उसने अपनी चूत मेरे मुहं पर रखी और कहने लगी कि चाट ले मेरी चूत ऊह्ह्ह चाट ले चूत आज उफफ अम्म्म.. तो में भी उसकी चूत अपनी पूरी जीभ घुसकर चाटने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद शोभा ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़ा और अपनी चूत में डाला और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई। मेरा लंड भी पहले से ही खड़ा था और उसके लंड पर बैठते ही वो शोभा की चूत की गहराइयों में चला गया। फिर शोभा पूरा दम लगाकर अपनी मोटी गांड उठा उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी और वो खुद ही अपनी चूत को मेरे लंड से चोदने लगी। फिर करीब 10 मिनट चुदाई के बाद वो झड़ गयी और उठी.. लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था और वो सभी हंस रही थी और कह रही थी कि देख साले ने एक को ठंडा कर दिया और फिर भी तनकर खड़ा है।
तो शालिनी ने मुझे घोड़ा बनाकर बेड पर बांध दिया और वो खुद मेरे नीचे आ गयी और घोड़ी बनकर मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया। फिर मैंने एक ज़ोर से झटका दिया और लंड पूरा का पूरा एक ही बार में उसकी चूत में चला गया। शायद उन तीनों की चूत बहुत गीली और खुली हुई थी और वो इससे पहले भी कई बार किसी और से चुदाई करवा चुकी थी वो मुझे उनकी चूत की हालत महसूस करके पता चल रहा था। फिर में शालिनी की पूरी चुदाई कर रह था और मैंने उसे जोर जोर से धक्के देने शुरू किए। तभी कल्पना एक डंडा लाई और मुझे लगा कि वो शालिनी की चूत में डालेगी.. लेकिन वो मेरी गांड पर ही चड़ गई। उसने वो डंडा मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगी। फिर शालिनी ने मेरा लंड अपनी चूत से पकड़कर बाहर किया और शोभा ने उसकी जगह ले ली थी और फिर शालिनी ने अपनी गांड मेरे मुहं में घुसा दी और चिल्लाने लगी.. साले चाट मेरी गांड और में उसकी गांड चाट रह था और शोभा की चूत मार रहा था और कल्पना मेरी गांड मार रही थी। 

फिर उन सभी ने मुझे कई बार चोदा और बहुत तड़पाया और अब सुबह होने को थी.. तो कल्पना बोली कि चल में तुझे बाहर छोड़ती हूँ। तो वो मुझे अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गई.. सुबह के 6 बजे थे.. लेकिन थोड़ा बहुत अंधेरा था। तो वो बोली कि तूने मेरी अच्छे से नहीं चाटी चल अब चाट.. वो कुत्ते की पोज़िशन में बैठ गई और बोली कि चल मेरी चूत और गांड दोनों को बारी बारी से चाट। तो में चाटने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी आओऊँ उफ्फ्फ चाट कुत्ते गांडू चूत चाट आअम्म उफ्फ्फ चाट साले। फिर वो बोली कि चल अब जल्दी से लंड डाल और चोद मुझे। मैंने उसकी गांड पर लंड रखकर उसकी गांड मारी और 30 मिनट तक उसकी गांड और चूत मारी.. लेकिन अब वो थक चुकी थी और में भी। तो मैंने कहा कि अब मुझे और रुपये दो। तो उसने मुझे 6500 रुपय दिए पूरी रात के में और वो पूरी नंगी थी। तभी एक ट्रैफिक पुलिस की गाड़ी आई और उसने हमे पकड़ लिया.. तो उन्होंने कल्पना से पैसे लेकर उसे छोड़ दिया और वो चली गई और मुझे पकड़ लिया.. वो एक लेडीस इन्स्पेक्टर थी और फिर उसने हवलदार को जाने को कहा में बहुत डर गया। फिर वो बोली कि मादरचोद लगता है कि तेरे लंड में बहुत दम है। तो मैंने कहा कि नहीं.. में तो बस रोटी कमाता हूँ। मेरा लंड अभी खड़ा था और उसकी नज़र पड़ी और वो बोली कि चल अब आज मुझे भी चोद दे। तो में बहुत डर गया.. लेकिन वो हकीकत में बोल रही थी.. लेकिन वो एक काली और बदसूरत मोटी औरत थी।
फिर वो मुझे अपने हेड क्वॉर्टर ले गये और वो मुझे टॉयलेट में ले गई और अपनी मोटी काली गांड खोलकर बोली कि चल चाट साले दिखा अपना कमाल। तो में शुरू हो गया और फिर 20 मिनट तक उसकी चूत और गांड चाटने के बाद वो बहुत गरम थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो चिल्लाई और उसकी गांड फट गयी और मैंने उसके मुहं में रुमाल ठूँसा और 40 मिनट तक उसकी चूत और गांड मारी और उसे बंद करके वहां से अपने घर भाग गया ।।

 हैल्लो फ्रेंडस.. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 23 साल है। में दिल्ली की एक प्राईवेट नौकरी के साथ साथ मसाज भी करता हूँ.. मैंने जब   बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी तो सोचा कि में भी अपनी एक सच्ची स्टोरी आप सभी को बताऊँ। यह कहानी एक ट्रैफिक लेडिस पुलिस की है.. जो की वेस्ट दिल्ली में नौकरी करती थी। एक दिन जब में अपने ग्राहक का इंतजार कर रह था.. तो मैंने देखा कि पास ही के एक क्लब में पार्टी चल रही है.. वो एक लेडीस किटी पार्टी थी। तभी में भी गेट पर खड़ा हो गया और पार्टी खत्म होने का इंतजार करने लगा। तो करीब रात के 9:30 बजे एक कार बाहर आयी और मुझे उसमे तीन आंटियां दिखाई पड़ी। वो सभी गाड़ी खड़ी करके दारू पी रही थी.. तो में समझ गया कि आज तो बड़िया पैसे मिल सकते है।
फिर में उनकी गाड़ी के पास गया तो एक आंटी बाहर आई और बोली कि तुम कपड़ो से तो अच्छे घर के लड़के लग रहे हो? तो में उनके शरीर को देखकर समझ गया कि वो मसाज करवाती होंगी और मैंने उसे बताया कि में अभी नया नया हूँ। तो वो बोली कि ठीक है.. चल अब बता कितना लेगा? फिर मैंने कहा कि आप मज़ा करो और जितना आप दोगे में ले लूँगा और फिर उसने मुझे 4000 रुपय दिए और कहा कि अगर काम अच्छा करोगे तो और भी मिलेगा। तो उन तीनो आंटियों ने मुझे साथ में लिया और अपनी कोठी पर ले गई वो तीनो पूरी नशे में थी.. लेकिन उनकी कोठी पर मुझे कोई भी नहीं दिखा शायद वो तीनो अकेली थी और मजे मस्ती कर रही थी। फिर उन्होंने मुझे अंदर ले जाकर सोफे पर बैठाया और थोड़ी देर बाद म्यूज़िक शुरू कर दिया और उन्ही में से एक ने मेरे मुहं पर एक कपड़ा बांध दिया और मुझसे डांस करने के लिए कहा.. उन्ही में से एक आंटी पूरी नंगी थी और मेरे वो साथ डांस कर रही थी। फिर उस नंगी आंटी जिसका नाम शालिनी था उसने मेरी अंडरवियर उतार दिया और वो बहुत हैरान थी क्योंकि मेरा लंड बहुत बड़ा है करीब 7 इंच लंबा और मोटा.. लेकिन वो मेरी गांड को दबा रही थी। उनमे से एक का नाम कल्पना और दूसरी का नाम शोभा था। उन तीनो की उम्र करीब 30-35 साल के आस पास थी और तीनो का फिगर भी बहुत अच्छा था मुझे यह सब उनको पहली बार देखकर पता चला था।
फिर कल्पना और शोभा ने भी अपने अपने कपड़े उतार दिए। वो तीनो सुंदर तो थी.. लेकिन बहुत मोटी भी थी। फिर शालिनी ने मुझे सोफा पर बैठाया और मेरे मुहं के सामने खड़ी हो गई और वो अब मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी.. तो वो उल्टी हो गये और मुझे गांड चटाने लगी वो सभी पागल सी हो गयी थी और उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे दोनों हाथ बाँध दिए।
तो शोभा बोली कि में सबसे पहले इससे चुदवाऊँगी और फिर शोभा ने मेरा लंड चाट चाटकर खड़ा कर दिया और जोर जोर से लोलीपोप की तरह चूसने लगी और 69 पोजिशन में आ गयी। फिर उसने सिसकियाँ भरना शुरू कर दिया और उसने अपनी चूत मेरे मुहं पर रखी और कहने लगी कि चाट ले मेरी चूत ऊह्ह्ह चाट ले चूत आज उफफ अम्म्म.. तो में भी उसकी चूत अपनी पूरी जीभ घुसकर चाटने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद शोभा ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़ा और अपनी चूत में डाला और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई। मेरा लंड भी पहले से ही खड़ा था और उसके लंड पर बैठते ही वो शोभा की चूत की गहराइयों में चला गया। फिर शोभा पूरा दम लगाकर अपनी मोटी गांड उठा उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी और वो खुद ही अपनी चूत को मेरे लंड से चोदने लगी। फिर करीब 10 मिनट चुदाई के बाद वो झड़ गयी और उठी.. लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था और वो सभी हंस रही थी और कह रही थी कि देख साले ने एक को ठंडा कर दिया और फिर भी तनकर खड़ा है।
तो शालिनी ने मुझे घोड़ा बनाकर बेड पर बांध दिया और वो खुद मेरे नीचे आ गयी और घोड़ी बनकर मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया। फिर मैंने एक ज़ोर से झटका दिया और लंड पूरा का पूरा एक ही बार में उसकी चूत में चला गया। शायद उन तीनों की चूत बहुत गीली और खुली हुई थी और वो इससे पहले भी कई बार किसी और से चुदाई करवा चुकी थी वो मुझे उनकी चूत की हालत महसूस करके पता चल रहा था। फिर में शालिनी की पूरी चुदाई कर रह था और मैंने उसे जोर जोर से धक्के देने शुरू किए। तभी कल्पना एक डंडा लाई और मुझे लगा कि वो शालिनी की चूत में डालेगी.. लेकिन वो मेरी गांड पर ही चड़ गई। उसने वो डंडा मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगी। फिर शालिनी ने मेरा लंड अपनी चूत से पकड़कर बाहर किया और शोभा ने उसकी जगह ले ली थी और फिर शालिनी ने अपनी गांड मेरे मुहं में घुसा दी और चिल्लाने लगी.. साले चाट मेरी गांड और में उसकी गांड चाट रह था और शोभा की चूत मार रहा था और कल्पना मेरी गांड मार रही थी। 

फिर उन सभी ने मुझे कई बार चोदा और बहुत तड़पाया और अब सुबह होने को थी.. तो कल्पना बोली कि चल में तुझे बाहर छोड़ती हूँ। तो वो मुझे अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गई.. सुबह के 6 बजे थे.. लेकिन थोड़ा बहुत अंधेरा था। तो वो बोली कि तूने मेरी अच्छे से नहीं चाटी चल अब चाट.. वो कुत्ते की पोज़िशन में बैठ गई और बोली कि चल मेरी चूत और गांड दोनों को बारी बारी से चाट। तो में चाटने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी आओऊँ उफ्फ्फ चाट कुत्ते गांडू चूत चाट आअम्म उफ्फ्फ चाट साले। फिर वो बोली कि चल अब जल्दी से लंड डाल और चोद मुझे। मैंने उसकी गांड पर लंड रखकर उसकी गांड मारी और 30 मिनट तक उसकी गांड और चूत मारी.. लेकिन अब वो थक चुकी थी और में भी। तो मैंने कहा कि अब मुझे और रुपये दो। तो उसने मुझे 6500 रुपय दिए पूरी रात के में और वो पूरी नंगी थी। तभी एक ट्रैफिक पुलिस की गाड़ी आई और उसने हमे पकड़ लिया.. तो उन्होंने कल्पना से पैसे लेकर उसे छोड़ दिया और वो चली गई और मुझे पकड़ लिया.. वो एक लेडीस इन्स्पेक्टर थी और फिर उसने हवलदार को जाने को कहा में बहुत डर गया। फिर वो बोली कि मादरचोद लगता है कि तेरे लंड में बहुत दम है। तो मैंने कहा कि नहीं.. में तो बस रोटी कमाता हूँ। मेरा लंड अभी खड़ा था और उसकी नज़र पड़ी और वो बोली कि चल अब आज मुझे भी चोद दे। तो में बहुत डर गया.. लेकिन वो हकीकत में बोल रही थी.. लेकिन वो एक काली और बदसूरत मोटी औरत थी।
फिर वो मुझे अपने हेड क्वॉर्टर ले गये और वो मुझे टॉयलेट में ले गई और अपनी मोटी काली गांड खोलकर बोली कि चल चाट साले दिखा अपना कमाल। तो में शुरू हो गया और फिर 20 मिनट तक उसकी चूत और गांड चाटने के बाद वो बहुत गरम थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो चिल्लाई और उसकी गांड फट गयी और मैंने उसके मुहं में रुमाल ठूँसा और 40 मिनट तक उसकी चूत और गांड मारी और उसे बंद करके वहां से अपने घर भाग गया ।।

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator