Thursday, December 2, 2010

FUN-MAZA-MASTI पति ने गुंडे से चुदवाया

FUN-MAZA-MASTI

पति ने गुंडे से चुदवाया
हाय मेरा नाम नीलू हें और आज में आपको अपनी जिंदगी की बाते बता रही हूँ ,मेरी शादी अंकित जैन से हुई हें जो कोटा के रहने वाले हें \शादी के बाद हर लड़की के जो सपने होते हें वो मेरे भी थे,हालाँकि शादी से पहले मेने किसी के साथ सेक्स तो नहीं किया था पर ये जरुर जानती थी की हर मर्द के पास लोडा नाम का एक ओजार होता हें जो ओरत की चूत में घुसता हें और उस ओरत की चूत और उसको मस्त कर देता हें\जानदार मर्द का लोडा ९"इंच तक होता हें और साधारण आदमियों का लोडा बित्तीभर का होता हें\
सुहागरात के दिन मेने अपने पति का लोडा देखा तो मेरा दिल धक् सा रह गया ४"इंच का मुरझाया सा लोडा,हें महावीर स्वामी क्या मेरी तक़दीर में इस जनखे का लोडा ही लिखा था,चलो मेने सोचा साइज़ से क्या होता हें अगर इस लोडे को भी अगर इस भाडू ने सही इस्तेमाल कर लिया तो में काम चला लुंगी पर ये क्या मेरा पति बड़ी मुश्किल से तो अपना लोडा खड़ा कर पाया जब तक में गरम होती ,तब तक तो उनका veerya पात भी हो गया और में और मेरी चूत दोनों ही प्यासी रह गयी\
मेने सोचा शायद पहली बार जल्दबाजी में ये जल्दी हो गया होगा और दूसरी चोट में कसर निकल जाएगी पर ये क्या उन्होंने तो अपना जांघिया चडाया करवट बदली और सो गए ,मेने अगले दिन का इंतजार किया पर अगले दिन तो उन्होंने अपना लोडा बहार ही नहीं निकाला,मुझे बाद में पता चला इन्हें ये ग़लतफ़हमी हें की वीर्य बड़ी मुश्किल से बनता हें और ओरत को हफ्ते में १ बार ही चोदना चाहिए ,मेरे तो सारे सपने टूट गए,हफ्ते में १ बार चुदाई और वो भी इस लोड़ी[अब ४"इंच लोडे को तो लोड़ी ही कहेंगे]से मेरा क्या होगा\
मेरी तो हालत बिलकुल ख़राब हो गयी,में और मेरी चूत दोनों हर दिन अपनी तक़दीर को कोसते थे,शादी से पहले इसलिए किसी से नहीं चुदवाया की शादी के बाद अपने पति को अपने कोम्मार्य का तोहफा दूंगी लेकिन ये पता नहीं था की तोहफे की एसी माँ चुदेगी\शादी के २ साल बाद तक एसा ही चला\हफ्ते में एक दिन कंजूसी वाली चुदाई,रात भर फिर मेरा तरपना ,पति को मन ही मन गालीया बकना\
आखिर मेने सोचा अब कोई रास्ता ही निकलना होगा ,मेरी तक़दीर से अंकित को नेतागिरी का शोक हो गया और उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ने की ठानली,नेतागिरी में आते ही उन्हें पिने का चस्का भी लग गया,अब वो रोजाना ही शराब पीकर घर आने लगे,मेने सुना था की शराबी आदमी की सेक्स पावर bad जाती हें और उसे नशे में जो कहो वो उस बात को मान लेता हें \मेने भी अंकित के शराब पिने की आदत का फायदा उठाने की सोची\
अब जब भी वो शराब पीकर आते मुझे गलिया भी बकने लगते मुझे बड़ा ही अच्छा लगता की ये भाडू कुछ तो सीखा\अपनी लोड़ी को खड़ा कर वो मेरे उप्पर आते तो गालियों से शुरू हो जाते में तो गुस्से में होती थी सो में भी उन्हें जमकर गलिया देती\एक बार वो मेरी चुदाई करते समय गलिया देने लगे "ले खा भोसड़ी की, मेरा लौड़ा खा जा, साली कुतिया तुझे तो एक दिन अपनेदोस्तों
के साथ मिल कर चोदूंगा, भेन की लौड़ी, तुझे तो तेरी माँ के सामने चोद चोद कर तेरी चूत का भोंसड़ा बना दूँगा, तेरी मां दी फ़ुद्दी... हाय क्या गाण्ड है तेरी तो साली, तुझे तो कॉल गर्ल होना चाहिये था छिनाल !"
मेने भी उनका जोश बड़ाने के लिए कहाहाय और मारो राजा, मेरे चोदू छैला, जोर से मारो मेरी गाण्ड, हाय रे तेरा मस्त लौड़ा, मैं तो हारामजादे रण्डी बन गई, हाय अंकित मुझे गालियाँ दे ! भेनचोद, रण्डी, चुदैल, छिनाल बुला मुझे साले ! तेरी मां की चूत !"
मेरे गलिया बकते ही अंकित को जोश आ गया और वो तेजी से धक्के लगाने लगा मेने उसका जोश बड़ाने के लिए कहा "गाण्डू, साले मुझे मेरी मां के सामने चोदेगा तो मम्मी भी नंगी हो कर तेरे नीचे लेट जायेगी, तेरे लण्ड को देख कर वो भी रण्डी बन कर तेरा लौड़ा खायेगी, मादरचोद साले चोद मुझे पटक पटक कर, रन्डी बना कर चोद सजना, आज हलाल कर दे मुझे, जैसे कसाई बकरे को हलाल करता है, तड़पने दे मुझे, तेरी तो भेन की चूत ! तेरी बहन चुदवा दूंगी तेरे लौड़े से\
अंकित को पहली बार सेक्स में और वो भी नशे में ये सुन कर जोश आ गया और वो अपना लोडा मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा में उत्तेजना में कहने लगी
मेरे सरताज़, बस अब लगा दो पूरा जोर, मुझे कुतिया बना कर चोद दो और कुत्ते की तरह लण्ड गाण्ड में फ़ंसा दो, बरबाद कर दो मुझे, रण्डी से भी गई गुजरी कर दो हाय रे, मेरे चोदू रण्डवे, ऐसा चोदना कि गाण्ड और चूत में कोई फ़रक करना मुश्किल हो जाये !"
असल में ये मेरे दिल की भड़ास थी जो में अंकित के सामने निकलती,मेने मोका देखकर कहा भोसड़ी वाले बारबारअपने दोस्तों की धमकी देता हें किसी को लाकर तो मेरी चूत फ़दवा मेरी गांड का बाजा बजवा ,अंकित कहने लगा बोलमादर चोदनी बोल किसका लोडा खाएगी उसी को बुला कर तेरी चूत का पानी निकलवा दू\
मेने कहा मुझे क्या पता की तेरा कोनसा दोस्त मर्द हें तू ही किसी को कह दे पर धयान रखना वो तेरी तरह जनखा नहीं हो \
में अपनी बाते सुन कर ही बहुत गरम हो चली थी में अपने चूतड जोर जोर से हिला रही थी और अपने पति की लोड़ी को अपनी चूत में टिकने की कोशिश कर रही थी ,लेकिन थोड़ी देर में ही अंकित ढेर हो गया और में प्यासी की प्यासी रह गयी\
अब मेरी नजर अंकित के दोस्तों पर टिक गयी की में किसको अपनी चूत फाड़ने का मोका दू ,असल में नशे में तो अंकित सब बाते कर लेता लेकिन होश में तो वो मेरे मुंह से सेक्स की बात सुनकर ही बोखला जाता\मेने अब नशे में ही अंकित का फायदा उठाने की सोची\अंकित अब जब भी पीकर आता में उसे मेरे शरीर से खेलने का पूरा मोका देती,वो भोसड़ी का मुझे चोद तो नहीं पाता
था लेकिन गरम जरुर कर देता था\
एक दिन जब वो नशे में ता मेने कहा तुम्हारा कोई दोस्त तो होगा जो मेरे पर मरता होगा जो कहता होगा की तेरी बीबी को चोदुंगा ,अंकित ने नशे में कहा कोई दोस्त तो नहीं कहता लेकिन कालोनी का एक गुंडा मुन्ना रोजाना मुझसे कहता हें तेरी बीबी की चूत मर्वाले,में मुन्ना का नाम सुनकर सन्न रह गयी,मेने कोलोनी की कई औरतो से सुना था की इस हरामी ने मोहल्ले की कई औरतो को निबटाया हें इसका लोडा घोड़े जेसा हें जो औरत इसका लोडा खा लेती ही वो इसके गुण गाती रहती हें\मेने मुन्ना को आज से पाहिले इस नजर से नहीं देखा था लेकिन अंकित ने जब उसका नाम लिया तो मेने ठान ली की में इस मुन्ना को टेस्ट जरुर करुँगी\
अब अंकित जब भी नशे में मेरी चुदाई करते में मुन्ना का नाम जरुर लेती उसका नाम सुनते ही अंकित को जोश चढ़ जाता और वो मेरे बोबो को मसलते हुए कहता मादर चोदनी मुन्ना की याद आ रही हें ,बुलवाऊ उसको फद्वाएगी अपनी चूत मरवाएगी अपनी गांड खाएगी उसका लोडा\में भी कहती बुला तो सही भाडू फिर देखना तेरी बीबी कितनी बड़ी चुदाऊ हें\
अब मेने रस्ते में आते जाते मुन्ना को देखना शुरू किया ,था तो वो लम्बा पूरा ,मेने मन ही मन उसके लोडे की कल्पना भी कर ली ,पर एक मन ये भी कहता की ये हरामी अगर चुदाई करने पर आया तो फाड़ के रख देगा ,लेकिन दूसरा मन ये भी कहता तू २ साल से लोड़ी खा रही हें अब लोडा खाने का दिन आया हें तो तेरी फट क्यों रही हें \
अब मुझे मुन्ना से प्लानिंग से चुदवाना था,चूत भी चुद जाये और अंकित को पाता भी नहीं चले,अब मुझे उस मोके का इंतजार था जब अंकित नशे में हो में उसी से मुन्ना को बुल्वों चुदाई करू और इस भाडू को अंदाजा भी नहीं हो\रविवार के दिन मेने अंकित से कहा तुम हमेशा बहार से पीकर आते हो आज तुम घर पर ही पियो में तुम्हारे सलाद का इंतजाम करती हु \अंकित को तो मोका चाहिए था वो शुरू हो गया जब वो हाफ सेज्यादा रम पि चूका और नशा उसके सर चड़कर बोलने लगा ,तो मेने कहा राजा एसे तो रोज कहते हो की तुझे लोडा खिलाऊंगा आज खिलाओ तो मानू,अंकित नशे में तो था ही उसने कहा में अभी मुन्ना को बुलाता हूँ और उसने तुरंत मुन्ना को फोने लगा दिया और उसे घर पर बुला लिया\
मेरी चूत ने तो मुन्ना का नाम सुनते ही पानी छोड दिया में तुरंत कमरे में चली गयी मेने नयी ब्रा पहनी नयी पेंटी पहनी और नया सलवार सूट पहन लिया में आज मुन्ना को एसा रिझाना चाहती थी की हमेशा मेरी चूत का दीवाना हो जाये \
थोड़ी देर में काल्ल्बेल्ल बजी में समझ गयी की मुन्ना आ गया ,में कमरे में रही में साँस रोक कर इंतजार करती रही की अंकित कब मुझे बुलाते हें और मुन्ना को केसे मुझे चोदने के लिया कहते हें \थोड़ी देर में अंकित ने आवाज लगाई,में बहार निकली मुन्ना अंकित के सामने बेठा था ,अंकित ने मुझे आँख मारतेहुए कहा तुम कमर में दर्द बता रही थी न,ये मालिश कर सारा दर्द दूर कर देते हें \
मेने मुन्ना को देखा उसकी आँखों में वासना के लाल लाल डोरे साफ दिख रहे थे,असल में अंकित ने उसे ये कहा था की वो अपनी बीबी को उस से चुदवाना चाहता हें लेकिन उसकी बीबी तेयार नहीं होगी इसलिए वो कमर दर्द दूर करने के बहाने उसे भेजेगा\यानि हम तीनो जानते थे की होगा क्या लेकिन तीनो अपना नाटक कर रहे थे \
मुन्ने ने मुझे दीवान पर लेटने को कहा में पेट के बक लेट गयी, मुन्ना ने मेरी कमर पर हाथ रख दिया और होले होले उसे दबाने लगा मेरी तो जान ही निकल गयी में तो चाहती थी ये भाडू कमर क्या दबा रहा हें ये तो मेरी गांड सहलाये जेसे मुन्ना ने मेरे दिल की बात भाप ली उसके हाथ अब मेरी कमर से हट गए और वो मेरे चुत्डो को दबाने लगा ,हाय पहली बार कोई मर्द मेरे चुत्डो को दबा रहा था में तो उतेजना में मरी जा रही थी \
मेने सोचा इसे तो काफी समय ख़राब हो जायेगा ,मेने अंकित से कहा मुझे तुम्हारा सामने शर्म आ रही हें में अंदर बेडरूम में जाकर अपनी कमर दबवा लेती हूँ अंकित तो नशे में था उसने हाँ भर दी में मुन्ना को लेकर बेडरूम में चली गयी और अंदर जाकर कुण्डी लगा ली \में अंदर जाते ही मुन्ना से चिपट गयी मुन्ना मेरी भावना समझ गया उसने मुझे बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगा उसके होठ मेरे होठो पर थे उसके हाथ मेरी गांड सहला रहे थे उसका लंड कपड़ो में ही खड़ा होकर मेरी चूत का दरवाजा खटखटा रहा था\
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे, फिर मैंने अपने होंट उसके होंटों से मिला दिए और चूसने लगी । करीब दस मिनट तक उसने भी मेरा साथ दिया। चूसते-चूसते उसका एक हाथमेरी चूचियों को और दूसरा हाथमेरी गांड को सहलाने लगा।उसका लंड पैंट के अंदर तूफान मचा रहा था, ऐसा लग रहा था कि पैंट फाड़ कर बाहर निकल आएगा।

मैं कुछ देर उसके बदन की खुशबू लेती हुआ वहीं पड़ी रही ....

उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो ...

फ़िर उसने मेरे टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से अपने कपड़े उतरवा रही थी और वो मुझे चूमे जा रहा था ..

अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी ही थी ....
उसने मेरे बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था !में इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि उसे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगाड़ना सा लगता था ....

तो वो फ़िर सेमुझे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, मेरे समतल पेट को चूमा और अब मेरी नाभि की ओर बढ़ा।

अपनी जीभ को घुमाया मेरी नाभि में और चाटना शुरू किया ! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था ...उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ....वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही था और उसका काला सा बदन मचल रहा था। मगर अब भीमें चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ....

वो चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब उसका मुँह मेरी पैंटी के ऊपर था ...पैंटी से ही उसने चूत को चूमा और मुँह को दबाया मेरी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ....

उसने धीरे से मेरी पैंटी को नीचे सरकाया ...वाह क्या गुलाबी चूत थी मेरी ... बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है मेरी चूत जो उसकी काली सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है ...

उसने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए मेरी चूत को चूमने लगा ...बहुत ही मीठी खुशबू मेरी चूत से आ रही थी और वो पागल हुए जा रहा था ...मेरी चूत के बीच के हिस्से मेंवो चूम रहा था ...चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी ...बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ....

मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और उसने चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए मेरी गांड को सहलाने लगा। उसी वक्त मैंने उसके लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और वो जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा।

उसका लण्ड पैन्ट से बाहर आ चुका था और अब उसके हाथों में खेल रहा था। अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी,में पूरी तरह बेताब और तैयार थी चुदाने को !

मैं अब धीरे से ६९ की पोसिशन में आ गयी और उसके लण्ड को अपने मुँह के पास कर दिया ... लण्ड को इतना करीब देख के मुझसे भी रहा नहीं गया और चूत को चटाती रही और लण्ड को अपने मुँह में ले लिया ...ऐसे चाट रही थी मानों जन्मों की प्यासी हो और खा जाने वाली हो लण्ड को ! ....अब मैं अपनी पूरी रवानी में थी उसका लण्ड मेरे मुँह में चुदाई कर रहा था और वो मेरी चूत को जीभ से चाट रहा था ....उसने जीभ के साथ अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में घुसेड़ दी और चुदाई करता रहा। साथ साथ एक ऊँगली मेरी गांड में भी घुसेड़ दी।

वो मस्ती से गांड मार रहा था, चूत चोद रहा था और लण्ड चुसवा रहा था ...मानो वो जन्नत की सैर कर रहा था ....मेरेको चोदने की उसे कोई जल्दी नहीं थी क्यूंकि एक दो बार ऊँगली से चोद के मेरी कंवारी चूत को मस्त बना के फ़िर चोदना था मुझे .... बहुत तेज रफ्तार से गांड और चूत की चुदाई हो रही थी और में भी लण्ड को टट्टों से टिप तक चाट रही थी। कभी एकदम से लण्ड को मुँह में ले के आगे पीछे कर देती थी ....ऐसे ही कुछ पल गुजरे और हम दोनों झड़ गए .....
अब मैं उसकी बगल में आगयी और उसके साथ ही लेट गयी । चँद मिनटों में मैंने उसके हाथ को अपने बदन को सहलाता पाया और मैं भी उसके बदन को सहलाने लगी ..मैं बहुत ही प्यार से उसके बदन को सहला रहा थी । अपने पाँव मैंने उसके पाँव पर जमा दिए थे .... हम प्यार में डूबे जा रहे थे !

तभी उसने कहा- अब मैं सिर्फ़तुम्हारा हूँ जान ! जी भर के मेरे साथ जितना प्यार करना है करो !! आई लव यू रानी ....!!!

उसने मेरे बदन को जोर से सहलाना शुरू किया और मेरी ब्रा को अब निकाल दिया मेरे मशरूम से बदन परमेरे स्तन क़यामत ढा रहे थे।वो धीरे धीरेउन्हें सहलाने लगा, गोल गोल मालिश करते हुए मेरे स्तनों को मसल रहा था।

अब उसके अनछुए होठों पर अपने गरम होठों को रख दिया और चूमने लगी ,वो मेरे स्तन मसल रहा था और होठों का रस पी रहा था,में भी मस्ती से साथ निभा रही थी !

हम दोनों अब होठों से होठों का रस पी रहे थे औरमेरे स्तनों को निचोड़ रहा था वो ! वोमेरी गाण्ड को सहला रही था । वो मेरे बूब्स और होठों पर टूट पड़ा था। धीरे धीरे बूब्स पर जोर बढ़ता गया उसका और अबउसने मेरे चूचुकों को भी चुसना शुरू किया- चूचुकों पर जीभ घुमा रहा थामेरे बूब्सउसके हाथो में मचल रहे थे और वो मेरे चूचुकों के आगे पीछे गोल गोल जीभ घुमाते हुए बूब्स चाट रहा था। ....उसी दौरान उसका लण्ड मेरी चूत पर रगड़ रहा था ...मेरी चूत का गीलापन उसके लौड़े पर महसूस हो रहा था, लौड़ा मस्त हुए जा रहा था ... बूब्स गोरे से लाल होने चले थे ....

उसका लंड बहुत सख्त होते जा रहा था. मैंने
ज़िन्दगी में पहली बार किसी मर्द का इतना सख्त लंड पकड़ा था.
क्या मर्द था ! कभी ऐसा आनंद नहीं लिया था मैंने ! वो मुझे 69 में करके मेरी चूत
चाटने लगा। मेरे दाने को चबाने लगा। मैं पागलों जैसे उसका लण्ड चूसने में मस्त थी।
वो जब अपनी ज़ुबान तेज़ करता तो मैं भी लण्ड उतनी तेज़ी से चुसती। थोड़ी देर में मुझे
लगा मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है. मै मचलने लगी. उसका सर मेरी चूत पर दबाया.. वो शायद समझ गया. वो जल्दी से उठा और उसने मेरी कमर के नीचे तकिया लगाया और मेरी टांगों के बीच में बैठ अपना लण्ड मेरे दाने पे रगड़ने लगा। मुझसे जवानी की आग सही नहीं गई, मेरे मुंह से निकल गया- मुन्ना .. अब सहन नहीं हो रहा.. मै मर जाउंगी.. अंदर डालोगे या बाहर ही छुटने का इरादा है !
उसने कहा रानी.. पहली बार है.. फिर भी इतनी बेताबी.. ले.. और उसने झटका मारा, आधा लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। मेरी चूत का पर्दा उस झटके से फट गया और मेरी चीखें निकल गई। उसने मेरी दोनों बाहें पकड़ कर अपने होंठों से मेरे होंठ दबा लिए। मेरी तो जैसे दर्द से जान ही निकल गयी..
मैं चीखती रही- मर गई !अहह !निकाल कमीने ! फट गई मां ! मैं चुद गई री ईईईईईईईई... बाहर निकालो.. बस.. अब नहीं..
लेकिन वो नहीं माना .. मेरी चुन्चियो को चूसने लगा मुझे चूमने लगा और हलके हलके धक्के लगाने लगा.. धीरे धीरे उसका लंड फिसलते हुए अन्दर जा रहा था.. उसने मेरे पैर और ऊपर उठा दिए. मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था... अब लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा. वो पूरा लंड बाहर खिंच कर अन्दर करते हुए मुझे चोदने लगा.
फ़िर लण्ड अंदर-बाहर आसानी से होने लगा, मानो मैं स्वर्ग में पहुँच गई।
चोद मुन्ना ! चोद दे आज मुझे ! तेरी रखैल बन जाऊंगी ! कायल हो गई तेरी मर्दानगी पे ! कभी किस से चूत नहीं मरवाई मेरे दिलबर ! आशिक़ फाड़ दे ! अब करता ही जा ! ज़ोर ज़ोर से ! हाए दैया रे ! दैया मसल डाल मुझे ! फाड़ डाल मेरी ! अपना बीज आज मेरे अंदर बो दे !
उसने लण्ड निकाल लिया और मुझे कहा- कुतिया ! कमीनी ! हरामजादी ! चल हो जा घुटनो पे ! बन जा कुत्ती ! और वो पीछे से आकर मेरी चूत मारने लगा, घोड़ी बना के लेने लगा, साथ साथ में उसने अपनी उंगली मेरी पोली पोली गाण्ड के छेद में डाल दी। मुझे दोहरा मजा दिया उसने !
एकदम से चूत से उसने लण्ड खींचा और मेरी गाण्ड में पेल दिया।
हाए साले यह क्या किया? इसको तो बहुत चुदवाया है ! तू चूत मार मेरी, प्यास बुझा मेरी !
थोड़ी देर मारने दे कमीनी
फिर उसने निकाल लिया अपना लण्ड मेरी गाण्ड से। मुझे खड़ा करके कहा- अपने हाथ दीवार से लगा ले और उसने पीछे अपना लंड मेरी चूत में लगा कर जोर से दबाया.. कासी चूत ने उसका लंड फच्च के घुसा उसके बाद उसने बेदर्दी से पीछे से चूत मारी। मै चिल्ला रही थी.. ओह..आह.. हाई.. मर गयी.. बोहोत मोटा है..
हाए ! गई !गई !
वो बोला- आह ! मैं झड़ने वाला हूँ !
मैंने कहा- ले चल बिस्तर पे ! मेरे उपर लेट जा ! ताकि जब झड़ जायें तो तुझे अपनी बाहों में भींच लूँगी।
उसने मुझे सीधा लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।
ओईईईईईईई माआआअ क्या नज़ारा है ! हाए सईयाँ दीवाने ! मैं झड़ने वाली हूँ ! आह !
वो बोला- हाँ ले साली ले !
मैं झड़ गई और आधे मिनट बाद उसके लण्ड ने शावर की तरह अपना सा माल मेरे पेट में डाल दिया, जब उसका पानी निकलने लगा तब इतना मजा आया चुदाई से भी ज्यादा !
मैंने आँखें बंद कर के उसको जकड़ लिया- निकाल दे सारा माल !
एक एक बूंद उसने निकाल लिया और मेरे मुंह में अपना लण्ड डाल कर बोला- साफ कर दे अपने होंठों से ! ज़ुबान से !मेने जी भर कर उसके वीर्य को पि लिया \मेने कहा मुन्ना अब इस चूत की प्यास तेरे लोडे बगेर नहीं बुझेगी \इतने में बहार से अंकित की आवाज आई क्या कर रहे हो तुम दोनों अब बहार निकलो मेने मुन्ना से कहा एसा नहीं ही की इस भाडू को होश आ गया हो ,उसने कहा इतनी जल्दी नहीं आएगा \मुन्ना ने कहा आओ एक बार फिर से चुदाई करते हें\



" उसके ये कहते ही मैंने भी उसके गले में बाहें डाल दी और बोली- आप भी असली मर्द हो। आपकी यह चौड़ी छाती, घने बाल, मर्दानगी की कायल तो मैं हो गई आपकी !मुझे भी असली मर्द से चुदवाने की चाह है. आज से मै आपकी हो गयी. .. उसका लंड मैंने जितने लंड लिए उनसे दुगुना लम्बा और मोटा था. करीब आठ इंच लम्बा और तीन इंच के करीब मोटा. .. काला सा था.. लेकिन लंड का सुपाड़ा बोहोत मोटा और गहरे लाल रंग का था. उसके छेद से कुछ लिसलिसा निकल रहा था. मेरी चूत भी काफी गीली होने लगी थी. उसने मेरे जिस्म के हर हिस्से को चूमा और जीभ से गीला किया... उसने मेरे चूतड फैलाकर अपनी जीभ मेरी गांड से चूत तक फेरा... मै तो जैसे जन्नत की सैर कर रही थी. सामने उसका हल्बी लंड.. मै बंद कमरे में उसके हाथो में मचल रही थी.. काफी देर तक ऐसे ही चाटने के बाद उसने मुझे बेड पर लेटने को कहा. मै नंगी थी. लेकिन बेशर्मी से चल कर बेड पर सीढ़ी लेट गयी..
मेरे दोनों टांगो को फैला कर वो मेरी दोनों टांगों के बीच बैठ कर अपनी ज़ुबान से मेरी चूत चाटने लगा। जब वो मेरे दाने को चबाता, कसम से आग मच जाती ! अहह उह !!! मेरी चूत गीली हुयी जा रही थी और वो चपर चपर जीभ से चाट रहा था. होंठो में मेरे चूत के दाने को लेकर चुस्त तो मै तड़प उठती.. और थोड़ी देर में.. मै खुद को रोक नहीं सकी.. और आ..आ..आह.. मुंह हटाओ... मेरा छुटने वाला है.. उफ़.. गयी..ई..ई...ई.. और मेरा पानी निकल गया..
मैंने उसको धकेलते हुए पीछे किया और जल्दी से उसका लंड पकड़ लिया और घुटनो के बल बैठ कर चूसने लगी।मेरे मुंह में उसका लंड नहीं आ रहा था.. उसने मेरे बाल पकड़ कर सर को दबाया और सुपाड़ा मेरे मुंह में घुसा दिया.. मै उसे ही चूसने लगी.. उसका हाथ मेरे कमर से मेरी गांड और फिर मेरी चूत पर पहुँच गया...
वो बोला- हाय जान ! रानी ! राण्ड ! माँ की लौड़ी ! चूस !
वो अपने पैर से नीचे मेरी गाण्ड के छेद में अंगूठा डालने की कोशिश करने लगा। मुझे भी फिर से मजा आने लगा था.. अंगूठा चूत के दाने पर रगड़ने से चूत फिर से गरम होने लगी थी... उसने मुझे अब सीधा लिटाया मेरे दोनों पैर ऊपर सर तक उठाये और फिर.. लंड का सुपाड़ा मेरे चूत पर ऊपर नीचे इस तरह रगड़ रहा था की मेरी चूत लंड खाने के लिए बेचैन होने लगी.. मै समझ रही थी की मेरी चूत के हिसाब से उसका लंड काफी मोटा है.. और मेरा छेद बहुत छोटा.. फिर भी ना जाने क्यों मै खुद को रोक नहीं पा रही थी.. मैंने कहा मुन्ना .जी.. बहोत धीरे से डालना.. आपका बहुत मोटा है.. मुझे दर्द होगा.. लेकिन शायद उसने सुना ही नहीं ..फिर दारू में टल्ली उसने मुझे सीधा लिटाते हुए अपना मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत में धकेल दिया। मै तो चिल्ला उठी.. मर गयी..ई..ई...ई...ई.. बहुत मो..टा.. है.. और उसे धकेल रही थी.. लेकिन उसने मुझे बहुत कस के पकड़ा हुआ था. उसने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए.. और चूसने लगा.. हाथो से मेरी चून्चियों को मरोड़ रहा था.. मै दर्द से मरी जा रही थी.. और तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया और पूरा लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ मेरी बच्चेदानी से टकराया.. मेरी आँखों से आंसू निकल पड़े.. मैंने कहा
आह.. धीरे ये क्या कर दिया..आ..आ.. मर गई मै.. छोड़ दो मुझे.. बहुत दर्द हो रहा है.. !
बोला- कमीनी ! चुप साली रंडी ! और फिर तो जैसे उस पर जूनून छा गया .. पूरा लंड बाहर तक खींच कर उसने अन्दर पेलना शुरू कर दिया.. थोड़ी देर में मेरा दर्द कम हुआ और मुझे भी मजा आने लगा.. मैंने भी अब अपनी गांड हिला कर उसका साथ देना शुरू कर दिया..
मैं ज़ोर ज़ोर से चुदने लगी। जब जब उसका लंड मेरी बच्चेदानी से रग़ड़ ख़ाता, मानो स्वर्ग बिस्तर पे आ गया लगता था।
अब मैं खुद नीचे से बोली- हाए मेरे ख़सम ! फाड़ डाल ! छोड़ना मत !
और मैं गाण्ड उठा उठा के चुदने लगी। उसने मुझे घोड़ी बना लिया और पेलने लगा। मैं झड़ गई लेकिन वो थमा नहीं। करीब २५ मिनट यूँ ऐसे ही गैर मर्द की बाहों में झूलती हुई जो चुदी।
उसने अपना गरम गरम पानी जब मेरी बच्चेदानी के पास में छोड़ा, मैं पागल हो गई। कितना लावा निकालता था उसका लंड !








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