गतांक से आगे...........
इसके बाद हमलोगों को चुदाई का मौका ही नहीं मिला | परीक्षा काफी नजदीक आ
गया था और मेरा घर पर दिन में सिर्फ मै रहता था इसलिए मेरा एक दोस्त
कंबाइंड स्टडी के लिए मेरे पास आ जाता था | हाँ एक दिन अपने दोस्त के साथ
अपने लिंगो की तुलना कर ही ली | उसका तो मेरा आधा ही था , हमने इंच टेप
से नापा ...मेरा ८.५ इंच लम्बा और परिधि (गोलाई ) ९.४ इंच था जबकि उसका
५.२५ इंच लम्बा और ५.५ इंच गोलाई था | वो कहने लगा - यार तेरा बहुत बड़ा
है, तू किसी कुवांरी लड़की को कर ही नहीं पायेगा | अब मै उसे क्या बताता
की एक कमसिन कुवांरी लड़की को तो चोद ही चूका हूँ और आगे मौके नहीं मिलने
से परेशान हूँ | बुआ के घर पर उसकी माँ जनवरी की ठण्ड की वजह से अपने
घुटने के दर्द के कारण बाहर नहीं निकलती थी और मेरे वहाँ जाने पर वो भी
हुक्का लेकर वहीँ दरवाजे पर बैठ जाती | इसलिए हमें मौका नहीं मिल रहा था
, हाँ चालाकी से मौका देखकर उनके घर पर हमलोग एक दुसरे को सहला और दबा
जरुर लेते थे | बुआ दरवाजे की तरफ पीठ करके कुर्सी पर बैठ जाती और मै
सामने | वो सामने से बटन खोलकर चुंचियां बाहर निकाल देती और जैसे ही कोई
आनेवाला होता तो मेरे इशारे पर फटाफट चुन्चियों को अन्दर कर लेती , मै
बहाने से टेबल के नीचे कई बार झुकता और बुआ नीचे से नाइटी उठाकर और टाँगे
फैलाकर अपने गुलाबी चूत के दर्शन कराती | मैं नीचे पैर के अंगूठे से बुआ
के बुर के फांको को छेड़ते रहता और वो मस्ती में अपने होंटों को काटती
रहती |मैंने टेबल के नीचे अँधेरे में देखने के लिए एक पेन-टॉर्च खरीद
लिया था |बस इतना ही कुछ हो पता | इसी बीच हमने परीक्षा दिया और इधर बुआ
की शादी ठीक हो गयी | ठीक उसी दिन मेरे ममेरे भाई की भी शादी थी | माँ
मुझे उधर मामा के यहाँ जाने को कही क्योंकि गर्मियों की छुट्टी से पहले
उन्हें कालेज का हिसाब - किताब क्लियर करना था लेकिन मैं बुआ को आखरी बार
ठीक से देखना चाहता था | बुझे मन से मै मामा के यहाँ चला गया
पहले तो मामी ने माँ के नहीं आने काफी शिकायत की लेकिन मैंने जब उन्हें
बताया की माँ गर्मियों की छुट्टी में आ जायेगी तो मान गयी | अगले दिन
शादी थी , घर में काफी लोग आये हुए थे | रात को सारे मर्दों को सोने का
इंतजाम दलान में था वो भी नीचे दरी पर , मुझे सारी रात नींद नहीं आयी
|अगले दिन हम बारात के साथ छपरा( बिहार ) पहुंचे | चूँकि मेरे मामा को और
कोई लड़का नहीं था केवल दो लड़कियां थी इसलिए दुल्हे का इकलौता भाई होने
के कारण मेरा भी खूब आव - भगत हो रहा था | शादी की रशमो के दौरान दुल्हे
की माँ - बहन – मौसी- बुआ को खुलेआम गालियाँ दी जा रही थी वो भी
लाउडस्पीकर से , ये सब सुन के मै हैरान था और छिनाल एवं चुदाई जैसे
शब्दों को सुनकर गनगना भी रहा था | तभी ख्याल आया की दुल्हे की बुआ तो
मेरी माँ है और गालियों में उसे भी छिनाल , चुदक्कर आदि उपसंहारों से
नवाजा जा रहा है .. माँ का गठीला बदन याद आया और उनके चुदने की कल्पना
मात्र से ही शारीर में अजीब सा रोमांच भर आया | शादी के बाद हमलोग अगले
दिन दोपहर तक वापस आ गए | दिन भर रश्मों - रिवाजो के बाद जब रात को सोने
की बारी आयी तो मै परेशान हो गया , तीन रातों से मै ठीक से सोया नहीं था
| मैंने मामी को बताया कि मै दालान में नहीं सोना चाहता | वहां बस तीन
कमरे थे , एक दूल्हा- दुल्हन के लिए रिजर्ब था , एक में दहेज़ का सामन और
फल-मिठाइयों का टोकरा ठुंसा पड़ा था और एक कमरे में संभ्रांत महिलायों का
इंतजाम था | फिर मामी ने कहा - ठीक है , राजन तुम दुसरे कमरे में सो जाओ
, घर में कम से कम एक मर्द तो रहेगा और तुम्हारे कमरे में रहते चोरों से
सामन भी सुरक्षित रहेगा , यहाँ चोरों का बहुत हल्ला है | फिर मैंने बेड
से सामन उतारकर इधर- उधर सेट किया , पलंग बहुत बड़ा था | फिर मैंने
बिस्तर झाड़कर , कछुआ छाप जलाकर बिस्तर पर लेट गया | चूँकि कमरे में सामन
लाने - ले जाने के लिए रुक-रूककर आवाजाही थी इसलिए दरवाजा सिर्फ भिड़ा
दिया था , सोचा था जब सब शांत हो जाएगा तब दरवाजा बंद कर लूँगा | लेकिन
लेटते ही जाने कब मुझे नींद आ गयी | हाँ , अर्ध-निद्रा में मुझे चूड़ियों
की खनक और महिलायों के बोलने की आवाज आ रही थी लेकिन मेरी चेतना नहीं थी
| एकाएक कुत्तों के भूंकने से मेरी नींद हलकी खुली तो मुझे चोरों का ख़याल
आया , मेरा अर्धचेतन मन तुरंत सक्रिय हुआ और दरवाजे का ख़याल आया | मैंने
पेन-टॉर्च निकालकर दरवाजे पर फोकस किया , दरवाजा अन्दर से बंद था | मुझे
अच्छी तरह से याद था की मैंने दरवाजा बंद नहीं किया था फिर ये दरवाजा बंद
हुआ तो हुआ कैसे ? फिर मै उठकर बैठ गया और बेड पर निगाह केन्द्रित किया
तो मुझे कोई सोया जान पड़ा , वो कोई स्त्री थी | वो चित लेटी थी फिर
मैंने टॉर्च जलाकर चेहरा देखा , वो मेरी बड़ी ममेरी बहन रागनी थी | शायद
बिस्तर पर जगह देखकर और मुझे बच्चा समझकर मामी ने उसे भेज दिया था
उनका दायाँ पैर ( मेरी तरफ वाला ) मुड़ा हुआ था और साडी घुटनों तक उठी हुई
थी , दूसरा पैर बिलकुल सीधा था जो जांघो तक नंगी थी | मैंने तुरंत टॉर्च
बंद कर दिया और लेट गया | लेकिन चिकनी जांघो के झलक मात्र से नींद मेरी
आँखों से कोसो दूर जा चुकी थी , मुझे बुआ याद आ रही थी | फिर मै अपनी
ममेरी बहन रागनी के बारे में सोचना शुरू किया | वो २२ साल की थी और ६ साल
पहले उनकी शादी हुई थी |२ साल पहले उनका २ साल का एकमात्र लड़का बिमारी
की वजह से मर गया था | जीजाजी तक़रीबन एक साल से गल्फ में नौकरी करने चले
गए थे |मैंने अपनी घडी देखा उससमय रात का १:१० बजा था | थोड़ी देर बाद मै
उठकर पेशाब करने बाहर निकला , आँगन में कई सारी औरते अस्त-व्यस्त हालत
में सो रही थी | चांदनी रात की चांदनी में ढेर सारी नंगी चिकनी जांघे और
पिंडलियाँ देखकर मेरा लंड फनफना उठा ,पर उतने सारे औरतो के बीच नंगी
अधेड़ जवानियों को देखने के लिए टॉर्च जलाने की हिम्मत नहीं पड़ी | कमरे
में आकर दरवाजा आहिस्ते से बंद किया एवं बाहर वाली खिड़की के पल्लो को
सटा दिया और रागिनी दीदी के पैर के पास खड़ा हो गया | फिर मैंने टॉर्च के
शीशे के ऊपर हाथ रखकर जलाया ताकि रौशनी कम हो और चारो तरफ न फैले और उसका
फोकस दीदी के पैर के बीच कर दिया | उनका बायाँ पैर जो बिलकुल सीधा था
तक़रीबन जाँघों तक बिलकुल नंगी था और दायाँ पैर जो मुड़ा हुआ था वहाँ से
साडी के नीचे एक गैप बन रहा था | मैंने टॉर्च उस गैप में बिलकुल साडी के
नीचे कर दिया और बिस्तर के साइड में जमीन पर घुटनों के बल बैठकर अन्दर
झाकने लगा | आह .... क्या नजारा था ... दीदी ने तो पैंटी भी नहीं पहना था
,जांघो के जोड़ के पास नीचे चुतर का थोडा उभार था जो उनके चूतरों के भी
सौलिड होने की चुगली कर रहा था और उसके ऊपर बुर की हलकी दरारें दिख रही
थी ,बस पेटीकोट का आखरी हिस्सा ऊपर से लटककर बुर के खुले दर्शन में
व्यवधान डाल रहा था | मुझे डर भी लग रहा था आखिर रिश्तेदारी वाली बात थी
पर दीदी की बुर देखने का यह सुनहला मौका हाथ से जाने भी नहीं देना चाहता
था | फिर मैंने साडी को पेटीकोट समेत थोडा ऊपर करने की कोशिश की लेकिन
जैसे ही मैंने थोडा खींचा वैसे ही दीदी थोडा कुनमुनाई | डर से कलेजा मेरे
मुह में आ गया , मैंने फट से टॉर्च बंद कर दिया और हाथ बाहर खींच लिया और
वहीँ बैठकर अपनी भारी चल रही साँसों को व्यवस्थित करने लगा | थोड़ी देर
बाद उठकर बिस्तर पर अपने जगह पर जाकर लेट गया और सोंचने लगा कि अब क्या
करूँ ?
तभी मुझे एक उपाय सुझा , मैंने अपना बायाँ पैर मोड़कर दीदी के मुड़े दायें
पैर से सटा दिया | सहारा पाते ही उनका पैर मेरे पैर पर लदने लगा | फिर
मैंने धीरे-धीरे अपने सटे पैर को वहां से हटाने लगा जिससे उनका पैर मुड़े
-मुड़े ही बिस्तर कि तरफ झुकने लगा , फिर मैंने धीरे से अपना पैर वहां से
हटा लिया |अब दीदी का एक पैर सीधा , दूसरा मुड़ा हुआ बिस्तर से सटा था और
घुटने पर फंसा हुआ पेटीकोट अब कमर तक खिसक गया था | मैंने अनुमान लगाया
दीदी अब पूरी नंगी है और मुझे उनकी बुर देखने में कोई परेशानी नहीं होगी
| फिर मै उठकर बैठ गया और फिर टॉर्च जलाया ... हे भगवान् ! क्या सीन था
... हलकी झांटो से भरी बुर बिलकुल नंगी थी और बुर के पपोटे थोड़े खुले
हुए थे | वैसे बुआ की कमसिन बुर और दीदी की खेली खायी बुर में बाहर से
ज्यादा अंतर नहीं दिखाई देता था पर हलकी झांटो से भरी दीदी की सलोनी बुर
बड़ी प्यारी लग रही थी | काफी देर तक मै वैसे ही बुर को निहारता रहा और
पगलाता रहा | अब मुझे कंट्रोल करना मुश्किल होता जा रहा था , जी कर रहा
था अभी दीदी के ऊपर चढ़ जाऊं और पेल दूँ | फिर हाथ बढाकर डरते डरते एक
ऊँगली से बुर को छुआ ... जब कुछ नहीं हुआ तो हिम्मत करके ऊँगली को बुर की
दरारों में फिराया | बुर मुझे काफी गरम लगी और ऊँगली में चिपचिपाहट का
एहसास हुआ | टॉर्च से देखा तो बुर की दरारों से पानी निकल रहा था और
रिसकर चूतरों की तरफ जा रहा था | हे भगवान् ! तो क्या दीदी जगी हुई है और
मेरे क्रियाकलापों से उत्तेजित हो उठी है ,तभी तो चूत से पानी रिस रहा था
| मैंने तुरंत टॉर्च को दीदी के चेहरे की तरफ जलाया | बंद आँखों में ही
पलकों की हलकी मूवमेंट मैंने महसूस किया जैसे तेज रौशनी से जबरदस्ती
आँखों को बंद कर रही हो | फिर ज़रा नीचे देखा , उनके ब्लाउज का ऊपर वाला
हुक खुला था और गदराई बड़ी बड़ी चुंचियां आधी बाहर छलकी हुई थी और मस्त
अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी | मैं कन्फर्म नहीं हो पाया की वो जगी या
नहीं |मैंने टॉर्च बंद किया और सोंचने लगा की क्या करूँ क्योंकि अब मुझसे
रहा नहीं जा रहा था | फिर मै अपने स्थान पर लेट गया और दीदी की तरफ करवट
लेकर अपना एक हाथ दीदी के पेट पर रख दिया जैसे मैं नींद में होऊं |
सहलाने की बड़ी इच्छा थी पर मै वैसे ही लेटा रहा, बस अपना पैंट नीचे कर
लंड बाहर निकालकर उनके जांघो से थोडा दूर हटकर मुठीयाने लगा |
करीब दस मिनट बाद दीदी मेरे तरफ करवट बदली | मैंने फटाफट अपना हाथ लंड
हटा लिया नहीं | करवट बदलने के साथ ही उन्होंने एक अपना पैर मेरे पैर के
ऊपर रख दिया ....आह ... अब दीदी की नंगी बुर मेरे खड़े नंगे लंड से स्पर्श
कर रही थी और उनका मुंह मेरे मुंह से बस इंच भर फासले पर था और उनकी गरम
साँसे मेरे चेहरे पर पड़ रही थी ,साथ ही उन्होंने एक हाथ मेरी पीठ पर रख
दिया था | अब उनकी बड़ी बड़ी चुंचियां अब मेरे सीने से दबी थी जिसका
गुद्दाज एहसास अनोखा ही था | मेरा एक हाथ जो पेट पर था वो उनके कमर पर आ
गया था ,जिसे मैंने थोडा नीचे खिसककर उनके चूतरों पर जमा दिया | थोड़ी देर
तक मै बिना हिले डुले वैसे ही पड़ा रहा | मै सोंच ही रहा था कि अब कुछ
आगे बढूँ तभी मैंने महसूस किया कि दीदी अपनी बुर को मेरे खड़े लंड बहुत
हल्का -हल्का रगड़ रही है , लंड के सुपाडे पर हल्का दबाब बनता और फिर हट
जाता ...फिर दबाब बनता ..और ये मै उनके चूतरों पर रखे हाथ से भी महसूस कर
रहा था | अब शक कि कोई गुंजाइश नहीं थी कि दीदी जगी हुई थी और वासना के
चरम पर चुदास से भरी हुईथी तभी अपने छोटे भाई के लंड पर अपना चूत रगड़
रही थी | समय बर्बाद करना वेवकुफी थी , मैंने अपना मुंह आगे बढाकर दीदी
के होंटो पर रख दिया और उसे चूसने लगा और हाथ को और नीचे ले जाकर उनके
नंगे चूतरों को सहलाने लगा और साथ ही चूतरों को अपने लंड पर दबाने लगा |
अपने दुसरे हाथ से उनकी चुन्चियों को भी दबा रहा था | तभी दीदी अपने
दोनों हाथो से मेरा चेहरा पकड़ कर मेरे पुरे चेहरे को चूमने लगी , वो मेरे
गर्दन और छातियों को भी चूम रही थी और एक हाथ से अपनी ब्लाउज खोलकर अपनी
नंगी चुंचियां मेरे मुंह में पकड़ा दिया , मै बच्चे कि तरह उसे चुसना शुरू
कर दिया | अब वो सिसिया रही थी ... इ.इ.इ.श.श.श ... अब मैं उनके ऊपर चढ़
गया और एक झटके में अपने झनझनाते लंड को दीदी कि पनिआइ बुर में पेल दिया
| वो चिंहुकी... आ..आ..आ..ह..हह....ज.ज..र.आ.आ..धी..रे.पेलो..भ. इ.या
एक.. साल बाद चुद रही हूँ.......और तुम्हारा बहूत तगड़ा है .....ठी.क...
है ..दी..दी तू..जै.से. .क..हे..गी वैसे .. ही चोदुंगा..ये कहते हुए
मैंने धीरे धीरे दीदी को चोदना शुरू किया | कब मेरा पूरा लंड दीदी कि बुर
में घुस गया पता ही नहीं चला , और जैसे ही मुझे पता चला कि पूरा लंड
अन्दर घुस चूका है मैंने जोर जोर से चोदना शुरू किया | नीचे दीदी सिसकने
लगी थी .. मा..र.. डा ला आ ..रे...बहनचोद .. इतना जबरदस्त चोदु निकलेगा
.... ये तो सोचा ही नहीं ,..था ..मै तो गयी.. ई ...ई ..ई | इधर मैंने भी
आठ दस धक्के लगाने के बाद दीदी कि बुर में ही झड़ने लगा | दीदी ने कसकर
मुझे अपने बदन से चिपका लिया और झड़ने के काफी देर बाद तक मुझे अपने
बांहों में समेटे रही |
समाप्त...............
--
{Raj Sharma}
हिंदी सेक्सी कहानियाँ
Your Ad Here
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,