Wednesday, April 30, 2014

FUN-MAZA-MASTI नमकीन मम्मी--2

FUN-MAZA-MASTI

 नमकीन मम्मी--2

 जीतू बोला आंटी मेरे एक अंकल यहा अंधेरी में रहते है.तो मम्मी बोली की उनकी फॅमिली कहा है तो जीतू बोला की वो तो आगरा मैं है तो मम्मी बोली तो क्या वो अकेले रहते है तो जीतू बोला नही उन के 3 फ्रेंड भी है.ओर बाबा बोला मेरा भी एक कज़िन यहाँ पर अपने दोस्तो के साथ कंदीवाली में रहता है वो यहाँ से mba कर रहा है ,ओर फिर वो दोनो बोले की आंटी क्या आप हमे वाहा पे मिलवा लाएँगी तो मम्मी बोली की चलो आज कही एक जगह चलते है तो बाबा ओर जीतू मैं बहस होने लगी की मम्मी किस के साथ जाएँगी तो मम्मी बोली टॉस कर लो जो भी जीता उस के साथ जाउगी ओर टॉस जीतू ने जीत लिया . फिर मम्मी ने गुलाबी रंग की जाली दर साड़ी पहनी ओर जीतू के साथ चल दी बाबा बोला क्या माल लग रही हो आंटी.

हमेशा की तरह साड़ी मम्मी ने नाभि से नीचे बँधी थी ओर मम्मी की नेवेल में एक तोतई कलर का मोती घुसा था ओर फिर बाबा ने मम्मी के होंटो का ज़ोर दर चुंबन लिया ओर बोला आंटी जल्दी आना.मम्मी के जाते ही बाबा ने अपने कज़िन को कॉल किया की कल तेरे रूम पर एक माल को लाऊगा जितने दोस्तो को चूत चाहिए बता देना .कुछ देर बाद बाबा के कज़िन ने बताया की कुल 4 लोग है बाबा बोला ठीक है. उधर वो दोनो जीतू के अंकल के यहा शाम के 7 बजे पहुच गये जीतू ने भी अंकल को पहले ही बता दिया था की एक सेक्सी आंटी की चूत दिलवाएगा ओर आज सनडे होने की वजह से उनके सारे दोस्त घर पर ही थे जीतू ने मम्मी को सब से मिलवाया ( जीतू बोला की ये मेरे अंकल कमल है ओर ये उन के दोस्त अनिल,अभय ओर मोहित है).

फिर शाम को 7.30 बजे कुछ कोल्ड ड्रिंक ओर स्नैक से साथ जीतू ने मम्मी की कोल्ड ड्रिंक में हल्के नशे की गोली मिला रखी थी ओर कुछ देर बाद मम्मी को मदहोशी चढ़ने लगी तो उन्हे कुछ शक होने लगा वो वहाँ से उठ कर बालकोनी में आ गाई ओर पीछे पीछे जीतू भी आ गया तो मम्मी बोली की जीतू तुम ने मेरी कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाया था ओर तुम मुझे यहाँ पर चुदवाने लाए हो क्या.तो जीतू हसने लगा ओर मम्मी भी ओर फिर मम्मी बोली मेरे राजा तुमको मेरी चूत का बहुत ख्याल है. ओर फिर मम्मी हस्ती हुई जीतू के संग अंदर आ गाई. उधर वो चारो मम्मी के जिस्म को घूर रहे थे लगता था महीनो से चूत नही मिली.

फिर मम्मी ड्रॉयिंग रूम में ज़मीन में पड़े बिस्तर पर लेट गई ओर वो 4 भी वहाँ पर आ गए ओर मम्मी के चारो तरफ बैठ गये उन में से एक ने मम्मी की सारी पेटीकोट ओर ब्लाउस उतार दिया अब मम्मी का जिस्म पेर केवल ब्रा ओर पैंटी थी तभी जीतू बोला अंकल मैंने कहा था ना बहुत मस्त माल है ओर फिर उन्होने मम्मी की ब्रा ओर पैंटी भी उतार दी ओर वो मम्मी की चुचियो ओर चूत से खेलने लगे. उनमे से दो तो मम्मी की चुचियो को मसल रहे थे ओर एक मम्मी की चूत को मसल रहा था जीतू बोला कमल अंकल आंटी की नाभि में से ये मोती निकल दो इनकी नाभि बहुत मस्त है ओर बहुत गहरी है चूसने में बहुत मज़ा आता है. ओर फिर कमल अंकल ने मम्मी की नाभि से मोती निकल दिया ओर फिर वो मम्मी की नेवेल को चूसने लगे.

जीतू ने मम्मी की नेवेल रूहफ्ज़ा से भर दिया ओर बोला की अब चूसो इस रांड की नाभि को. फिर अभय ने मम्मी की चूत को चूसना शुरू किया ओर फिर मम्मी की चूत पर अपना लंड सटा दिया मम्मी चिल्लाई ऊऊुुउउइईई अहह अभय ने एक ज़ोरदार झटके के साथ अपना 8 इंच का लौड़ा एक ही बार में मम्मी कि प्यासी बुर कि गहराई में उतार दिया और धक्के मरने शुरू किए. उनका पूरा लंड मम्मी की बुर मे घुस गया था और वो मम्मी की बुर के नीचे जाकर धक्के मार रहा था. मम्मी के मुह से उकुक्कककक ऊओउउइईई की आवाज़े निकल रही थी और उसने अपनी आखें बंद कर ली थी. अचानक वो बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगे और थोड़ी देर मे उसने अपना पूरा गरम माल मम्मी के बुर मे छोड दिया.



जीतू ने कैंडल जला ली पर उसे कहा चिपकाए तो वो मम्मी से बोला की आंटी आप के यहाँ पर कैंडल स्टॅंड नही है तो बाबा बोला इतना अच्छा कैंडल स्टॅंड है तो जीतू ने पूछा कहा है तो वो बोला आंटी की नाभि में सीधा खड़ा कर दे तो मम्मी बोली नही मेरी नाभि में वॅक्स भर जाए गा तो जीतू बोला की आंटी हम सॉफ कर देंगे आप की नेवेल को ओर फिर जीतू ने मम्मी की नाभि में कॅंडल घुसेड दी. 20 मीं. बाद लाइट आ गई तो मम्मी ने अपनी नाभि में से कॅंडल निकल के देखा तो मम्मी की नेवेल वॅक्स से भर गई थी तो मम्मी ने जीतू से कहा की चलो क्लीन करो मेरी नेवेल तो जीतू किचन से एक चाकू लाया ओर उस ने वो चाकू मम्मी की नाभि में घुसा दिया ओर खुरछ खुरछ कर नाभि में से सारा वॅक्स निकल दिया .

बाबा में टीवी ऑन किया तो रें टीवी पर BF आ रही थी तो जिस में दो आदमी एक औरत को चोद रहे थे तो जीतू बोला आंटी हमे भी जन्नत का सुख देदो तो मम्मी बोली ले लो मेरे बच्चो मैं तो बहुत सालो सी प्यासी हू आज मेरी चूत को फाड़ दो ना . फिर बाबा मम्मी की ब्रा ओर पैंटी खोल दी मम्मी उन दोनो के सामने नंगी पड़ी थी फिर बाबा मम्मी की चुचियो को चूस ने लगा ओर जीतू मम्मी की चूत को. बाबा मम्मी की चुचियो की निप्पल को चुस रहा था ओर वो कभी कभी मम्मी की चुचियो की निप्पल को दांतो से खिचता मम्मी बस यही कह रही थी फाड़ दो मेरी चूत चीर दो इसे......

बाबा मम्मी की चुचियो को हाँतो से मसल रहा था ओर वो मम्मी की चुचियो की निप्पल को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था, उधर जीतू मम्मी की चूत चाट रहा था वो मम्मी की चूत की को दांतो से खिचता ओर मम्मी की चूत को चूस रहा था ओर फिर उसने मम्मी की चूत में दो उंगली डाल दी ओर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा. ओर फिर उस ने मम्मी की चूत में अपना लंड पेल दिया ओर मम्मी की ज़ोर दर चीख निकल गई . ओर फिर अपना लंड चूत में अंदर बाहर करने लगा. आआआहहाा आआआ अहहाहहहाहाह." मम्मी बोली " ओह येस fuck me like that " , हहाआह और डालो और ज़ोर से डीईईईईप्पपप्पेर्र्ररर." एयाया उूउुआााअ प्लस्सस सस्स सस्स.धीरे. मैं मार गई.आआआआआ और तेज़ ईईए आआआमम्म्मममिईीईईईई मजा आ रहा है .मुझीईई आ हहा 


चुदाई की रफ़्तार जीतू ने बढ़ा दी मम्मी बोली ऊऊऊहह आआहह अब मज़ा आ रहा है और चोद ज़ोर से चोद फाड़ दे इस हसीन चूत को ऊऊुउउइईई तुम ने मुझे जन्नत पंहुचा दिया मैं झड़ गाइिईई रे.फिर थोड़ी देर बाद बाबा बोला आंटी चलिए मम्मी बोली चल तू भी चोद तो बाबा बोला क्या खूबसूरत चूत के दर्शन कराए है आंटी आपने तो मम्मी बोली फ्रिज मैं कुछ राबड़ी रखी है जीतू राबड़ी लेआ ओर फिर बाबा ने राबड़ी में अपना लंड डुबो कर मम्मी की चूची पर राबड़ी लगाई ओर नाभि को भी राबड़ी से भर दिया ओर चूत पर भी राबड़ी लगा दी.

फिर बाबा मम्मी की मीठी चूत को चूसने लगा ओर जीतू मम्मी की चुचियो पर लगी राबड़ी चूस रहा था ओर फिर बाबा ने मम्मी की नाभि में भारी राबड़ी में अपनी एक उंगली घुसा दी ओर मम्मी की नेवेल को उंगली से कुरेदने ने लगा ओर फिर उस ने मम्मी की नेवेल को चूस लिया फिर चिकनी बुर को फिर से चाटा और किस के बहाने दाँत भी गाड़ा दिया, और वो ज़ोर से मचल उठती थी. अब उठ भी जा तो मम्मी ने बोला सारी राबड़ी ख़तम हो गयी चलो अब मैं जैसे बोलती हू वैसा करो मेरी बुर को शांत करो, नई मस्ती दो. बाबा उठा मम्मी को फिर चाटने लगा और उनकी बुर में उंगली डालने लगा.

आआआआअ उउंम कितना सताइएगा आआआआआ उूुुुुुउउ एमेम एम्म अरे आआआआ मुझे चोद . अब बाबा मम्मी के लेग्स अपने कंधो पर रखे और अपना उठा हुआ लंड निकल कर मम्मी के बुर पर फिरने लगा, वो बोली जल्दी अंदर कर बाबा लंड को बुर पे लगाया और ज़ोर से मम्मी को झटका दिया बाबा का लंड गप से फिसल कर अंदर तक घुस गया.

ऊऊआाआँियीईईईई मम्मीआ, मम्मीआअ. उई आ आआ, आआ म्म्म्मममममममममम मैईईईईईईईई आआआआअ उूुुउउ बहुत बड़ा है रे तेरा, ईइसस्स ज़ोर से झटके मार, बड़ा मज़ा आ रहा है आआआवउ. बाबा झटके और बढ़ने लगा और मम्मी और चिल्लाती रही म्म्म्मममम क्या बात अहैइ आह आहंमी ऊऊवई उः. अच्छा लग रहा है यय्ाआआआमम्म वो भी नीचे से अपनी कमर हिला कर बाबा का साथ दे रही थी एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्साआआअ .बाबा बोला आज रबरी की चूत है ना तभी बाबा ने ज़ोर से झटका मारा वो मुह से आवाज़ निकल रही थी आआआआ उूउउंम म्म्मिईीईईईईईईई और बाबा भी जोरदार झटके मरने लगा हह आअहह उनह ऊओह ऊऊहह हाआआं मेरे राजा मर गई रे उईईईईईई मीईईरीईई मम्मीआअ, फ़ाआआअत गाआआईई रीईई. वो भी मज़्ज़ा ले रही थी आ क्या बात है आाश हह ओह और ज़ोर ज़ोर से लगाओ बहुत मज़ा आ रहा है, बाबा भी पूरी ताक़त से लंड को भीतर ठोकने लगा.

वो ज़ोर से चिल्लाई फट गयी रे मेरी चूत बाबा का माल निकालने वाला था मम्मी ने बोला की माल को अंदर ही टपका दे कुछ नही होगा उसने कस के पकड़ लिया ओर एक दम से स्पीड तेज कर दी ओर माल को रोकने की पूरी कोशिश की ओर फिर 5 मिनिट में एक दम से बहुत सारा माल निकल दिया मम्मी की चूत के अंदर .ओर फिर पूरी रात उन दोनो ने मेरी मम्मी की चुदाई की ओर सुबह 6 बजे वो सोये . बाबा ओर जीतू के कुछ जानने वाले मुंबई में ही रहेते थे .अगली दिन बाबा ओर जीतू ने प्लान बनाया की वो मम्मी को अपने जानने वालो से भी चुदवायेंगे.
 
 
 










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FUN-MAZA-MASTI नमकीन मम्मी--1

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 नमकीन मम्मी--1

 मेरा नाम पवन है मैं बी टेक 2nd इयर में आगरा में स्टडी करता हू. मेरा घर मुंबई मैं है, मेरे पापा सॉफ्टवेर कंपनी में है ओर सिंगपुर मैं जॉब करते है मम्मी का अपना एक बुटीक है. पापा 6-7 महीनो मैं 2-3 दिन के लिए आते है. मम्मी मुंबई मैं अकेले रहती हैं ओर वो बहुत फ्रॅंक है. मेरी मम्मी का फिगर बहुत मस्त है बूब्स 36 वेस्ट 30 ओर हिप्स 38 है मम्मी की हाइट 5 फुट 6 इंच है ओर मम्मी का वेट 55 kg . है ओर मम्मी की उम्र अभी 37 साल है.

हम लोग हॉस्टिल मैं एक दिन एक BF की सीडी लाए BF का नामे अमेज़िंग रिलेशन्षिप था ओर ये BF माँ बेटे के रीलेशन शिप पर थी ओर वो भी माँ बेटे की चुदाई . BF में एक मम्मी अपने बेटे ओर उसके फ्रेंड्स से चूत मरवाती है. हम सभी ये देख कर एक प्लान बनाने लगे की हम सब अपनी अपनी मम्मी को मिल कर इस सेमेस्टर ब्रेक में चोदेगे.

हम 7 दोस्त हैं जिन में से 4 आगरा के हैं ओर 2 जयपुर ओर 1 दिल्ली का है. हम सब ने पहले अपने आगरा वाले दोस्तो की मम्मी को मिलकर खूब चोदा . फिर मेरे दोस्तो ने मेरी मम्मी को चोदने का प्लान बनाया.मेरी मम्मी ओर सब की मम्मी से बहुत खूबसूरत है. मैं ये भी जनता था की मम्मी आसानी से चुदने के लिए मान जायेगी क्यूकि मम्मी की चुदाई 6-7 महीनो में 1-2 दिन होती इस लिए मम्मी की चूत प्यासी रहती होगी .फिर हम सब 7 दोस्त मुंबई में मेरे घर पर पहुच गये.

मैंने डोर बेल बजाई तो डोर नही खुला तो मेरे एक दोस्त अपने अंगूठे के पास वाली उंगली से डोर पर लगे कुंडे को खड़कने लगा ओर डोर ओपन हो गया ओर मेरे दोस्त की उंगली मेरी मम्मी की नाभि मैं घुस गई मम्मी के मुह से उई की आवाज़ निकल गयी क्यो की मम्मी की नेवेल पियर्स हो रही है ओर मम्मी की नेवेल में एक छोटी सी चीन लटक रही है ओर मेरे दोस्त नई शरमाते हुए मम्मी की टुंडी से उंगली निकल ली. मेरी मम्मी जायदातर साड़ी पहनती है ओर उनकी नेवेल हमेशा विज़िबल रहती है. फिर हम सब लोग मेरे रूम मैं आ गये तो मेरे दोस्त ने अपनी उंगली मुझे सुँघाई उस की उंगली से मम्मी की नाभि की महक आ रही थी. मेरे दोस्त बोल रहे थे क्या पटाका माल है क्यो रे तूने कभी आंटी को नही चोदा . तो मैं बोला मान तो बहुत करता था पेर कभी मौका हाथ नही लगा. 


फिर मम्मी हम सब के लिए कोल्ड ड्रिंक्स ले कर मेरे रूम में गई , कोई उन के गुलाबी होंटो को देख रहा था तो कोई उन की गोल ओर गहरी नाभि को तो कोई मम्मी की तनी हुई चुचियो को. फिर मैं ने अपने दोस्तो का इंट्रो मम्मी से कराया मैं अपने सभी दोस्तो के नाम मम्मी को बताए ( मैं बोला की ये बाबा, जीतू ,विपुल ,नितिन , नीतू , चेतन , अजय है ) फिर हम सब बातें करने लगे मम्मी ने पूछा तुम्हारे एग्ज़ॅम कैसे हुए तो मैं कहा की हर बार की तरह बहुत अच्छे हुए है ओर हम सब यहा पर अपनी हॉलिडे मानने आए है .

फिर बाबा ने कहा की आंटी आपकी बुटीक कैसी चल रही है तो मम्मी बोली इस बार कुछ सेल जयादा रही है . जीतू नई पूछा आंटी आप की बुटीक मैं क्या क्या आइटम है तो मम्मी बोली जयादातर विमन के आइटम है जैसे अंडर गारमेंट्स , ज्वलेरी,लॅडीस गारमेंट्स. फिर अगले दिन मुझे ओर मेरे 5 दोस्तो को एक कम से पुणे जाना था 3 दिन के लिए . बाबा ओर जीतू मम्मी के साथ घर पर रुक गये फिर वो तीनो हमे ट्रेन में छोड़ कर घर लॉट आए , जब वो घर जा रहे थे तो मैं कहा की जीतू चुदाई कर दे ना तो जीतू बोला फ़िक्र मत यार चूत को फाड़ देंगे.फिर तीसरे दिन मैं ओर मेरे 5 दोस्त पुणे से लौट आए पेर मम्मी अभी सो रही थी बाबा ओर जीतू ने बताया की इन 2 दिनों में हमने तेरी मम्मी की चूत को खूब जम के चोदा है ओर फिर उन्होने सारी कहानी हमे बता दी .

फिर वो लोग बोले उस दिन हम तुम सब को ट्रेन मैं छोड़ घर पर आ गए ,और मम्मी खाना बनाना लगी उस दिन बहुत गर्मी थी तो मम्मी ने अपनी सारी ज्वेलरी उतार दी मम्मी ने नेवेल ज्वेलरी को भी निकल दिया ओर किचन मैं खाना बनाना लगी. इधर मेरे दोस्त मम्मी की चुदाई का प्लान बना रहे था ओर मम्मी भी ये महसूस कर रही थी . मम्मी ने जीतू को आवाज़ लगाई की किचन में उप्पर रखे डिब्बे को उत्तर दे तो उस ने कोशिस की पर वो डब्बा नही उत्तरा तो उस ने मम्मी से कहा की वो उन को उप्पर उठता है ओर वो डब्बा उतार ले, मम्मी बोली ठीक है ओर फिर जीतू मैं मम्मी को पेट की तरफ से ऊपर उठा दिया इस से मम्मी की गहरी नाभि जीतू के मुह तक आ गई, मम्मी की नाभि की महक जीतू की नाक मैं घुस रही थी. मम्मी की नेवेल की महक जीतू को पागल कर रही थी तो जीतू ने मम्मी की टुंडी पर अपने होठ छुआ दिए तो ओर मम्मी की नाभि का चुंबन ले लिया ओर मम्मी ने भी अपनी नाभि को अंदर खिच लिया जिससे जीतू नई मम्मी की नाभि को चूस लिया.


और फिर जीतू ने मम्मी को नीचे उतार दिया तो मम्मी ने हॅसते हुए कहा की चल बदमाश अब खाना बनाना दे. जब खाना बन गया तब वो दोनो सेंटर टेबल पर आ गये ओर मम्मी खाना लगाने लगी मम्मी के दोनो हाथो में दो सब्जियो से भरे हुए कटोरे लगे हुए थे तब ही बाबा बोला आंटी आप नींबू नही लाई सलाद में डालने के लिए तो मम्मी हॅसते हुए बोली मेरी नेवेल में से निकल लो ,बाबा समझ नही पाया ओर उस ने देखा की मम्मी की नाभि में नींबू घुसा था तब मम्मी बोली मेरे दोनो हाथो में ये कटोरिया थी इस लिए मैंने ने ये नीबू अपनी नाभि में घुसा लिया प्लीज निकल लो तो बाबा मम्मी की नाभि में से नींबू निकल ने लगा पर वो नींबू और टाइट हो गया था , इस लिए बाबा की उंगलिया मम्मी की नाभि से नींबू नही निकल पाई , तो जीतू ने मम्मी से कहा की आंटी इधर आइए मैं ये चाकू आप की नाभि में घुसा कर नीबू निकल देता हूँ.

जीतू ने मम्मी की नाभि से नीबू निकल दिया .फिर वो तीनो खाना खाते हुए बात कर ने लगे ओर मम्मी बहुत ज्यादा ओपन हो गई ओर वो बाबा से बोली की क्यो आज तक किसी लड़की के जिस्म को भी नही छुआ तुमने तो बाबा हसने लगा ओर बोला नही आंटी ऐसी कोई बात नही तो मम्मी बोली की तो फिर मेरी नाभि को छूते टाइम तुम्हारे हाथ क्यो काप रहे थे. फिर वो तीनो हसने लगे.

रात को ओर गर्मी हो गई ओर मम्मी ने एसी चला दिया फिर भी गर्मी थी . तो वो जीतू ओर बाबा से बोली की बहुत गर्मी है मैं तो नहाने जा रही हो ओर वो नहाने चली गई . ओर मम्मी ने सारे कपड़े उतार दिए ओर मम्मी नंगी हो कर अपनी चूत के बाल सॉफ करने लगी. मेरे दोनो दोस्त keyhole में सब देख रहे थे उस के बाद मम्मी की निकालने से पहले वो दोनो नीचे आ गए . 


फिर मम्मी अपने चेंजिंग रूम में गई ओर उन्होने कॉर्ड वाली ब्रा ओर पैंटी पहनी ओर फिर मम्मी ने अपनी नाभि में अपनी नेवेल चैन को पहन लिया ओर फिर अपनी मस्त जवानी को मिरर में देखने लगी फिर वो जैसे ही पलटी उनका पैर स्लिप हो गया चिल्लाने की आवाज़ सुन कर मेरे दोनो दोस्त ऊपर आ गये.

मम्मी को लेकेर नीचे ड्रॉयिंग रूम में आ गये फिर जीतू ने मम्मी की कमर पर मूव लगाई ओर मम्मी कुछ देर में सही हो गई ओर फिर मम्मी ने जीतू से फ्रिज में रखी बियर लाने को कहा ओर फिर जीतू 3 गिलासो में बियर ला रहा था तो तोड़ा सा मिस बॅलेन्स हो जाने से कुछ बियर मम्मी के गोरे पेट पर गिर गई ओर उस बियर ने मम्मी की नाभि को बियर से भर दिया तो मम्मी जीतू से बोली कि जाओ कपड़ा ले कर आओ वर्ना मेरी पैंटी में दाग पड़ जाएगा.

जीतू कपड़ा लेने चला गया लेकिन पास में लेटे बाबा ने मम्मी की नाभि में बियर को चुस लिया ओर वो मम्मी की नेवेल को चूस्ता रहा ओर फिर उसने मम्मी की नेवेल में पड़ी चैन को दांतो से खीचा तो मम्मी के मुह से हल्की सी सिसकी निकालने लगी ओर फिर जीतू आगया तो मम्मी बोली अब कपड़े की ज़रूरत नही है बाबा ने मेरी नाभि में भरी बियर को चूस लिया तो बाबा बोला देखा तू तो आंटी की नाभि को होंटो से चूस पाया मैंने तो इसे चूम भी लिया ओर चूस भी लिया . तो जीतू बोला बेटे हम भी तुम्हारे उस्ताद है हम तो आंटी की नेवेल को पहले ही किस कर लिया था ,ओर दोनो की बात सुन कर मम्मी हसने लगी तब ही लाइट चली गई .


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FUN-MAZA-MASTI मैं और मेरी बीवी एग्जीबिशन में

FUN-MAZA-MASTI

 मैं और मेरी बीवी एग्जीबिशन मे

 मैं सुनील 26 साल का हूँ और मेरी हॉट एंड सेक्सी बीवी काम्या 24 साल की है काम्या और मेरी लव मैरिज हुई है हमारी शादी को अभी एक साल ही हुआ है हम दोनों एक दूसरे को कॉलेज के समय से जानते थे और तभी से एक दूसरे को चाहते भी थे कॉलेज में काम्या के ऊपर हर कोई मरता था क्योंकि वो है ही इतनी सेक्सी मेरी प्यारी और सेक्सी बीवी काम्या का फिगर है 32-30-34 जो भी उसे देखता है उसके बदन को बस निहारता ही रहता है उसके मोटे मोटे कोमल बाहर आते हुए बोबे उसकी पतली कमर और सेक्सी सी गांड को जो भी देखता है बस पागल ही हो जाता है हर कोई मेरी सेक्सी बीवी काम्या को चोदना चाहता है हम दोनों एक दूसरे को बहुत पहले से जानते थे इसीलिए हम दोनों एक दूसरे से हर चीज़ के बारे में खुल के बात करते है सेक्स के मामले में चाहे कोई भी फेनटेसी हम दोनों एक दूसरे को बताते है और फिर उसे किसी तरह से पूरी करके सेक्स का मजा लेते है


लेकिन मेरी 1 फेनटेसी थी जो काम्या को अच्छी नहीं लगती थी उसे मेरी इस फेनटेसी पे बहुत गुस्सा आता था और वो फेनटेसी थी की भीड़ भाड़ वाली जगह जैसे मार्किट में ,बस में, ट्रेन में दूसरे मर्द मेरी बीवी काम्या के बदन से खेले उसके सेक्सी बदन को महसूस करें उसके बदन से छेड़छाड़ करें उसके बदन पे सब जगह हाथ लगायें वैसे काम्या को मेरी इस फेनटेसी के बारे में पता था लेकिन उसे इन सब चीज़ों में मजे से ज्यादा डर जबरदस्ती
और रेप जैसा लगता था इसीलिए मैं कई बार छुप कर ये चीज़ें करता था जैसे की काम्या को बहुत ही सेक्सी और टाइट कपडे पहना कर किसी बहुत ही भीड़ वाली ट्रेन और बस में लेके जाना ताकि दूसरे मर्द काम्या के बदन को महसूस करें उसके मोटे मोटे टाइट टाइट बोबो को दबाये उसके निप्पल को अपनी उँगलियों से टच करें उसके टाइट मोटी गांड पे अपना हाथ फेरे उसकी गांड दबाये मैं ये सब चीज़ें जान कर के करता था और छुप कर देखता था की कौनसा मर्द मेरी बीवी काम्या के कहाँ हाथ लगा रहा है मुझे इस से बहुत ज्यादा हॉट एंड सेक्सी फील होता था लेकिन कुछ समय बाद मैंने काम्या को इस बात पे राजी कर लिया की वो मेरी फेनटेसी को पूरी करने के लिए उसमे अपने मन से ख़ुशी ख़ुशी शामिल हो क्योंकि इस से मुझे बहुत ज्यादा इरोटिक फील होता था और रात को काम्या को चोदते समय मैं जोश से भरपूर रहता था जिस से काम्या को भी चुदने में मजा आता था और काम्या ने भी ये चीज़ नोटिस की थी

एक बार
मैं जानभूज के काम्या को एक टाइट रेड टॉप और टाइट ब्लैक जींस पहना कर एक बहुत ही भीड़ वाली बस में घुस गया था बस में सब मेरी सेक्सी बीवी को घूर रहे थे और जैसे ही वो बस में चढ़ी उसके पीछे मैं था लेकिन उसके बस चढ़ते ही बीच में जल्दी से एक आदमी उसके पीछे जाके खड़ा हो गया काम्या आगे थी वो आदमी उसके पीछे और उस आदमी के पीछे मैं वो आदमी काम्या से बिलकुल चिपक के खड़ा हुआ था और थोड़ी देर बाद थोडा थोडा हिलने लगा मैं समझ गया की वो काम्या की टाइट गांड पर अपना लंड रगड़ रहा है वो जिस तरह से हिल रहा था मुझे पता था की वो क्या कर रहा है ये सब महसूस करते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया था उस आदमी ने पहले अपने दोनों हाथों से बस का हैंडल पकड़ रखा था थोड़ी देर बाद वो अपना एक हाथ नीचे ले गया मैंने देखा उसका हाथ काम्या की गांड पे था और वो जींस पे से काम्या की गांड को अपने हाथ से सहला रहा था फिर थोड़ी देर तक काम्या की गांड सहलाने के बाद उसका हाथ काम्या की कमर पे गया और वो उसकी कमर सहलाने लगा

फिर उसने अपना दूसरा हाथ भी बस के हैंडल से नीचे कर लिया अब वो अपने दोनों हाथों से काम्या की कमर को सहला रहा था फिर वो अपना हाथ नीचे लेके गया और अपने दोनों हाथों से उसने काम्या की गांड पकड़ ली और उसे दबाने लगा उसे सहलाने लगा फिर उसने अपनी पेंट की चेन खोली और अपना लंड बाहर निकाल दिया अब वो अपने लंड को मेरी बीवी काम्या की गांड पे फेर रहा था उसके हाथ काम्या की कमर पे थे और उसका नंगा लंड काम्या की जींस पे से उसकी गांड पे था फिर धीरे धीरे अपने दोनों हाथ ऊपर लेके जाने लगा और काम्या के टॉप पे उसकी ब्रा के हुक उसकी ब्रा की स्ट्रेप्स को महसूस कर रहा था फिर वो धीरे धीरे अपना हाथ सामने की तरफ लेके जाने लगा काम्या के बोबे दबाने के लिए तभी काम्या पलटी मुझे देखने के लिए उस आदमी ने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया वो मेरे पास आने के लिए उस आदमी को आगे करने लगी और बोली "एक्सक्यूसमी....." और उस आदमी से पीछे आने लगी मेरे पास और तभी मैंने देखा उस आदमी अपने दोनों हाथ से मेरी बीवी काम्या के मोटे बाहर आते हुए बोबो को जल्दी से दबा दिया काम्या के दोनों बोबे उसके हाथ में थे और काम्या ने जल्दी से अपने दोनों हाथ को अपने बोबो के सामने कर लिया लेकिन तब तक वो आदमी मजे ले चुका था

काम्या मेरे पास आई और बोली "क्या करते हो यार तुम भी इतनी भीड़ वाली बस में लेके आये हो कम से कम देख ही लेते पहले पता है क्या हुआ अभी " मैंने कहा
"नहीं तो क्यों क्या हुआ" काम्या बोली "यार ये आदमी साला कमीना है मेरे इधर उधर हाथ लगा रहा था" मैंने कहा "क्या !! रुको मैं देखता हूँ इसे" काम्या बोली "रहने दो अभी सीन क्रिएट करके क्या होगा" मैं चुप हो गया अब काम्या मेरे आगे खड़ी थी मैंने अपनी पेंट की चैन खोली और अपना खड़ा हुआ लंड बाहर निकाल लिया और उसे काम्या की गांड पे फेरने लगा काम्या ने धीरे से कहा "सुनील क्या कर रहे हो और तुम्हारा खड़ा हुआ कैसे है" मैंने कहा "काम्या मूड हो रहा है बहुत पकड़ो ना मेरा लंड अपने हाथ से और अपनी गांड पे सहलाओ ना" काम्या बोली "पागल हो क्या कोई देख लेगा" मैंने कहा "नहीं देखेगा" और मैंने काम्या हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया काम्या भी अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी और बोली "अच्छा मिस्टर सब नोटिस कर रहे थे तुम है ना तभी इतने मूड में हो" मैंने काम्या से कहा "नहीं तो " और फिर मैंने अपना हाथ काम्या के टॉप के अंदर डाल दिया सामने से और उसकी ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा भरी हुई बस में काम्या मेरे नंगे लंड को अपने हाथ से अपनी गांड पे सहला रही थी और मैं उसकी वाइट ब्रा पे से
उसके मोटे बोबे बस में दबा रहा था फिर हमारा स्टॉप आ गया उस रात को मैंने काम्या को भरपूर जोश के साथ चोदा बहुत बार जिस से काम्या को भी चुदने में बहुत मजा आया था उस दिन के बाद से काम्या भी मेरी इस फेनटेसी का हिस्सा बनने लगी क्योंकि उसे भी पता था की इस से हम दोनों की चुदाई का जोश और मजा दुगना हो जाता है

मैं अक्सर काम्या को भीड़भाड़ वाली जगह पे ले जाता उसे ऐसे कपडे पहना कर जिसमे कभी उसकी ब्रा की स्ट्रैप्स दिखे कभी उसकी ब्रा का डिजाईन दिखे कभी उसका क्लीवेज दिखे कभी उसकी झांगें दिखे सब उसे देख देख कर मजे लेते उसे छूने की कोशिश करते काम्या को अपनी आँखों से चोदते और इन सब चीज़ों के बाद जब हम दोनों रात को अपने बिस्तर में चुदाई करते तो मैं काम्या को चोदते समय उस से पूछा करता "काम्या जान उस बुड्ढे का लंड कितना बड़ा था क्या उसका पूरा खड़ा हो गया था क्या तुमने महसूस किया था क्या" और जब काम्या बोलती की "हाँ उस हरामी बुड्ढे का लंड पूरा खड़ा हो गया था मैंने महसूस किया था अपनी साडी पे से अपनी गांड पे" तो मुझे बहुत मजा आता है और मैं उसकी भरपूर जोश से चुदाई करते हुए कहता "साली रंडी तेरी जवानी देख के तो बुड्ढों के भी लंड खड़े हो जाते है तो साले जवान लडको का क्या होता होगा" और कभी मैं काम्या को चोदते समय उस से पूछता "अरे डार्लिंग वो तेरे पीछे जो दो तीन लड़के खड़े थे वो क्या बोल रहे थे आपस में तेरी जवानी के बारे में" और फिर काम्या कुछ ऐसा कहती जिस से मैं और ज्यादा जोश में आ जाता हालाँकि मुझे पता नहीं था की काम्या सच बोलती थी या बस केवल मुझे ज्यादा उत्तेजित करने के लिए झूठ बोलती थी लेकिन जो भी था मुझे काम्या के बारे में ऐसे गंदे कमेंट्स उसी के मुंह से सुनने में बहुत आनंद मिलता था और फिर मैं काम्या को जम के चोदता और काम्या को भी मुझसे चुदने में बहुत मजा आता था


लेकिन मुझे हमेशा से ही काम्या के बारे में इस तरह की
फेनटेसी नहीं थी एक बार कुछ ऐसा हुआ था जिस से मुझे ये सब अच्छा लगने लगा था बात तब की है जब काम्या और मेरी शादी को 6 महीने हो चुके थे जैसा की मैंने
बताया की काम्या बहुत ही सेक्सी लगती थी और जब हमारी नयी नयी शादी हुई थी तब वो बिलकुल सज धज कर नयी दुल्हन की तरह रहती थी हाथों में बहुत सारी लाल चूड़ियाँ होंठो पर डार्क लिप ग्लॉस हल्का सा मेकअप आँखों में काजल जो भी उसे देखता बस देखता ही रह जाता चाहे काम्या साडी पहने या जींस और टॉप वो हमेशा इसी तरह से तैयार होती थी नयी दुल्हन की तरह मेरे सारे दोस्त उसके बदन को घूरते रहते और मजाक मजाक में मुझसे कहते भी थे "यार सुनील क्या बीवी पायी है तूने तू तो काम्या को दिन रात बजाता होगा" लेकिन वो हद से ज्यादा नहीं बढते थे क्योंकि वो जानते थे की मुझे बुरा लग सकता
है बात तब की है जब होली आने वाली थी और हम तीन कपल थे मैं काम्या , मेरा फ्रेंड नील और उसकी बीवी संध्या , और मेरा फ्रेंड रवि और उसकी बीवी निकिता हम सब
मेरे घर पे बैठे हुए थे और होली खेलने का प्लान बना रहे थे :-
नील - सुनील इस बार होली पे क्या प्लान है यार
मैं - कुछ नहीं वही हर बार की तरह
रवि - लेकिन किसके घर खेलेंगे
निकिता - हमारे घर आजाओ सब लोग खूब मस्ती करेंगे
मैं - नहीं भाभी फिर आपके सास ससुर है ना
निकिता - हाँ वो तो है
काम्या - सब हमारे यहाँ आ जाना हम तो बस दोनों ही है
संध्या - नहीं नहीं तुम्हारी तो शादी के बाद पहली होली है तुम दोनों तो पहले अकेले में अच्छी तरह से अपनी पहली होली खेलना हा हा हा हा हा
रवि - हां यार संध्या सही कहा तुमने
मैं - अरे छोड़ो ना भाभी क्यों आप टांग खींच रही हो आप सब आ जाना हमारे यहाँ पे ही
काम्या - हाँ हाँ ये फाइनल है इस बार होली सेलिब्रेशन हमारे यहाँ पे है
नील - अब काम्या भाभी आप हमारे साथ होली खेलो तो आयें हम तो
काम्या (हँसते हुए) - भैया फिर तो आप रहने ही देना हा हा हा हा
और काम्या संध्या निकिता उठ कर किचन में चली गयी और मैं टॉयलेट थोड़ी देर बाद मैं वापस आया तो मुझे नील और रवि की धीरे धीरे बात करने की आवाज आई मैं छुप
कर उनकी बातें सुनने लगा
नील - यार ये काम्या रेड साडी में आज क्या सेक्सी लग रही है ना
रवि - हाँ यार काम्या ने आज वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी है रेड ब्लाउज के अंदर साफ़ साफ़ दिख रही है ब्लाउज में से
नील - हाँ यार क्या बोबे है साली के एक दम मोटे मोटे क्या शेप बन रहा था ब्लाउज में से
रवि - हाँ यार काम्या का साइज़ क्या होगा
नील - यार 32 या 34 होगा पक्का तूने देखा था जब वो झुकी थी तब उसकी वाइट ब्रा की स्ट्रेप कंधे पे से दिख रही थी
रवि - हाँ यार वही तो देख रहा था काम्या बहुत ही सेक्सी है यार क्या होंठ है क्या बाल है क्या बदन है
नील - हाँ यार मैं तो रोज जब संध्या को चोदता हूँ तो काम्या को सोच सोच कर ही चोदता हूँ एक बार मुझे काम्या की पेंटी मिल गयी थी टॉयलेट में बस उसे रख ली फिर तब से जब भी संध्या को चोदता हूँ तो काम्या की पेंटी सूंघ सूंघ के सोचता हूँ की काम्या को चोद रहा हूँ
रवि - क्या बात कर रहा है साले लेकिन यार ये काम्या चीज़ बड़ी शानदार है इसकी चूत कितनी टाइट होगी
नील - क्यों बे निकिता की ढीली हो गई क्या हा हा हा हा हा
रवि - नहीं यार संध्या की चूत से तो टाइट ही है निकिता की हा हा हा हा हा अब बोल
नील - छोड़ ना यार ये बता काम्या को कैसे चोदे
रवि - भाई मुझे लगता नहीं है की काम्या अपने से चुदवाएगी वो सुनील से बहुत प्यार करती है और वो ऐसा नहीं करेगी
नील - हाँ यार वो तो है चल तो उसको छू के उसके बदन के मजे तो ले पहले फिर चुदाई भी कर लेंगे


मैं उनकी सब बातें सुन रहा था और मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा हो चुका था मैं सोच भी नहीं सकता था की मेरे दोस्त मेरी बीवी के बारे में ऐसा सोचते हैं लेकिन इसमें कुछ नया भी नहीं था क्योंकि जब मेरी शादी नहीं हुई थी तब मैं भी निकिता और संध्या के बारे में यही सोचता था उनके बदन को किसी भी बहाने से छूता निकिता को तो मैंने नंगी नहाते हुए देखा हुआ था बाथरूम की खिड़की में से और संध्या को कपडे चेंज करते हुए देखा हुआ था अपने दोनों दोस्तों की दोनों बीवियों को मैंने नंगी देखा हुआ था तो इसमें कोई नयी बात नहीं थी की मेरी काम्या के बारे में ऐसा सोचे और मैं भी देखना चाहता था की आगे क्या होता है होली का दिन था मैंने सफ़ेद कुरता पजामा पहना था और काम्या ने वाइट साडी अंदर वाइट ब्रा और वाइट पेंटी पहले तो काम्या और मैंने होली खेली उसकी चूत बोबे सब जगह कलर लगाया उसे पूरा रगड़ दिया थोड़ी देर बाद सब आगये हमारे घर और होली खेलने लगे नील और रवि अपने साथ ऑरेंज कोल्ड ड्रिंक भी लाये थे उन्होंने सबके ग्लास बनाये और सबने कोल्ड्रिंक पी कोल्ड्रिंक पीते ही मैं समझ गया की उसमे वोदका मिक्स थी शायद ये प्लान
था काम्या को मस्ती में लाने का या उसे नशे में लाके उसे चोदने का लेकिन मैं पूरी तरह से सचेत था मैंने भी सोच लिया था की मैं देखूंगा की बात कहाँ तक जाती है लेकिन
काम्या का पूरा ध्यान रखूँगा


थोड़ी देर में सबने ड्रिंक्स ख़त्म कर दी काम्या,संध्या और निकिता तीनो पर वोदका का असर साफ़ दिख रहा था तीनो मस्त हो चुकी थी और डांस करने लगी तभी नील गया और काम्या के साथ डांस करने लगा वो डांस करते करते कभी काम्या का हाथ पकड़ता कभी उसकी कमर पे अपना हाथ रखता थोड़ी देर बाद रवि भी काम्या के साथ डांस करने लगा काम्या बीच में थी और नील एक तरफ और रवि दूसरी तरफ दोनों डांस करते करते काम्या के बदन को छूने की कोशिश कर रहे थे मैं भी उठ कर गया और संध्या और निकिता के साथ डांस करने लगा लेकिन मेरा ध्यान काम्या की तरफ ही था तभी निकिता मेरे बिलकुल पास आ गयी वो पूरी तरह से नशे में थी वो मेरे पास आके मुस्कुराते हुए मेरे बिलकुल पास डांस करने लगी फिर निकिता मुझसे चिपक गयी वो डांस करते हुए अपना पूरा शरीर मेरे शरीर पर रगड़ रही थी डांस करते करते उसने तीन चार बार अपने कुरते के गले को सामने से नीचे किया था और मुझे उसकी ब्रा और ब्रा के कप्स साफ़ साफ़ नजर आये थे


निकिता के इस सेक्सी डांस से मेरा लंड बिलकुल टाइट ही चुका था फिर निकिता ने डांस करते हुए अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी मैं भी निकिता से एक दम चिपका हुआ था तो मैंने भी जल्दी से उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस कर दिया थोड़ी देर बाद निकिता ने संध्या को बुलाया और कहा "यार संध्या एक एक ग्लास और ला ना" और संध्या ग्लास बनाने चली गयी और निकिता वापस मुझे चिपक कर डांस करने लगी और तभी निकिता मेरे बहुत पास आ गयी और उसने अपने दोनों हाथ से सामने से अपने कुरते के गले को खींच कर नीचे तक कर दिया मुझे साफ साफ कुरते में से निकिता की वाइट ब्रा नजर आई और उसके गोर गोर बोबे नजर आये फिर निकिता ने अपने ब्रा के कप्स को पकड़ा और उन्हें भी मेरे सामने नीचे कर दिए
निकिता के दोनों गोरे गोरे बोबे मेरी आँखों के सामने नंगे थे थोड़ी देर तक निकिता ने अपने नंगे मोटे बोबे मुझे दिखाए और अपनी ब्रा और कुर्ते का गला वापस ऊपर कर लिया फिर निकिता ने मेरा हाथ पकड़ा और कुरते पे से अपने बोबे पे लगा दिया मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं भी डांस करते हुए निकिता के वाइट कुर्ते पे से उसके दोनों बोबे दबाने लगा तभी संध्या ग्लास लेके आ गयी मैंने फटाफट अपना हाथ निकिता के बोबो पे से हटाया निकिता ने जल्दी से ग्लास लिया और गटक गयी


वहां दूसरी तरफ नील और राज काम्या के साथ डांस कर रहे थे नील के दोनों हाथ काम्या की कमर पे थे और वो सामने की तरफ से काम्या से चिपका हुआ था और रवि पीछे की तरफ से काम्या से चिपक के डांस कर रहा था मैंने साफ नोटिस किया की रवि काम्या की गांड पे अपना लंड रगड़ रहा था डांस करते हुए अब रवि अपना लंड पीछे से काम्या की गांड पर रगड़ रहा था और उसने अपने हाथ काम्या के कंधों पे रख दिए फिर वो धीरे धीरे अपने हाथ से काम्या के दोनों हाथों को चौड़ा करने लगा और काम्या के पेट पर अपने हाथ रखे और धीरे धीरे ऊपर लेके जाने लगा काम्या के बोबो की तरफ तभी लाइट चली गयी म्यूजिक बंद हो गया सब जेसे होश में आये मैं निकिता से दूर हुआ और रवि और नील काम्या से


काम्या हिलते डुलते मेरे पास आई वो बहुत नशे में थी और बोली "बेबी ये म्यूजिक क्यों बंद हो गया इसे चालू करो ना मुझे आज बहुत सारा डांस करना है" मैंने कहा "काम्या तुम बैठ जाओ अभी" उधर मैंने निकिता और संध्या को देखा तो वो भी सोफे पर लुढ़क चुकी थी मैं नील और रवि के पास गया और कहा "अबे इतनी कितनी मिला लाए थे कोल्ड ड्रिंक में देखो तीनो का क्या हाल हो रहा है" रवि ने कहा "अरे यार इन्होने ज्यादा मार ली अब क्या करें निकिता को भी ज्यादा हो गयी है और उसे नार्मल करना पड़ेगा नहीं था पापा मम्मी समझ जाएँगे और प्रॉब्लम हो जाएगी" नील ने कहा "हाँ यार सुन एक काम करते है संध्या निकिता दोनों को ज्यादा हो गई है तो सुनील यार इन दोनों को पास वाले रूम में सुला दे" मैंने कहा "ठीक है और नील और मैं निकिता और संध्या को रूम में लिटा के आये " मैंने वापस आके पूछा "काम्या कहाँ है" तभी मैंने पलट के देखा तो काम्या पूरी कोल्ड्रिंक की बोतल ख़त्म कर चुकी थी अब वो बहुत ज्यादा नशे में थी मैंने नील से कहा की यार तू काम्या का ध्यान रखना मैं लेमन जूस बना के लाता हूँ और मैं चला गया और छुप कर देखने लगा काम्या को अब कुछ होश नहीं था तभी लाइट वापस आ गयी और म्यूजिक बजने लगा काम्या फिर मदहोश होके नाचने लगी
तभी नील ने रवि को इशारा किया और दोनों ने अपनी अपनी जेब से गुलाल का पैकेट निकाला और काम्या के पास गए और बोले भाभी "अब तो आपको हमारे साथ होली खेलनी पड़ेगी" और काम्या नहीं नहीं करने लगी लेकिन रवि ने काम्या को कमर से पकड़ा और उसके मुंह पे गुलाल लगाने लगा अब काम्या बोली "अच्छा भैया अब आपकी भाभी भी आप के साथ होली खेलेगी
" और काम्या ने भी रवि के हाथ से गुलाल लिया और उसके मुंह पे लगाने लगी


तभी पीछे से नील आया गुलाल लेके और काम्या के मुंह और उसकी गर्दन और उसके हाथों पर गुलाल लगाने लगा काम्या पलटी और बोली "अच्छा नील भैया आपको भी मेरे साथ होली खेलनी है लो और वो पलट के नील को गुलाल लगाने लगी" जैसे ही वो पलटी रवि ने काम्या के कंधे और पीठ पर गुलाल लगा दिया और उसके कंधे पीठ और कमर पर गुलाल मलने लगा और तभी नील ने काम्या की साडी का पल्लू पकड़ा और उसे सामने से नीचे कर दिया काम्या के वाइट ब्लाउज में से मोटे मोटे बोबे बाहर निकल रहे थे नील ने गुलाल लिया और सामने से काम्या के ब्लाउज के गले पे गुलाल लगा दिया और मलने लगा अब काम्या ने भी गुलाल लिया और नील के गले पे मलने लगी मैं ये सब छुप के देख रहा था और मेरा लंड पूरी तरह से तन चुका था फिर रवि ने काम्या के ब्लाउज को कंधे से थोडा नीचे किया और उसकी वाइट ब्रा की स्ट्रेप्स पे गुलाल लगाने लगा फिर नील ने हँसते हुए कहा "भाभी बुरा ना मानो होली है" और वो गुलाल लेकर काम्या ब्लाउज पे से उसके बोबो पे लगाने लगा काम्या के बोबे दबाने लगा रवि ने भी पीछे से काम्या को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा और ब्लाउज पे उसके बोबे दबाने लगा काम्या की साडी का पल्लू नीचे था और नील और रवि वाइट ब्लाउज पे से उसके दोनों मोटे बाहर आते हुए बोबो को दबा रहे थे दोनों को बहुत मजा आ रहा था काम्या के बोबे मसलते हुए काम्या भी हँसते हुए नही नहीं छोड़ो ना भैया कह रही थी

फिर नील सामने से काम्या के ब्लाउज के हुक खोलने लगा और पीछे से रवि काम्या के ब्लाउज के गले को खींच उसके अंदर गुलाल डालने लगा नील सामने से काम्या के ब्लाउज के तीन हुक खोल चुका था और अब काम्या की वाइट ब्रा के कप्स उसके आधे खुले हुए ब्लाउज में से साफ़ नजर आ रहे थे तभी रवि ने ज्यादा जोर से काम्या का ब्लाउज पीछे से खींच दिया जिस से वो फट गया अब काम्या की ब्रा की वाइट स्ट्रेप्स और हुक रवि के सामने था वो उसपे गुलाल मलने लगा अब नील ने काम्या के ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए थे और काम्या का ब्लाउज खुल गया था और वो वाइट ब्रा में नील के सामने थी नील काम्या की ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा और रवि पीछे से हाथ सामने की तरफ करके काम्या की ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा काम्या के बोबे दबाते हुए नील ने काम्या का हाथ पकड़ा और उसे अपने पजामे पे से अपने खड़े हुए लंड पे रख दिया काम्या भी नील का लंड अपने हाथों से सहलाने लगी नील को देखते हुए रवि ने भी ऐसा ही किया उसने भी काम्या का दूसरा हाथ पकड़ा और अपने खड़े हुए लंड पे रख दिया अब नील और रवि काम्या की ब्रा पे से उसके बोबे दबा रहे थे और काम्या अपने दोनों हाथों से उन दोनों के लंड सहला रही थी

फिर नील ने काम्या की पूरी साडी खोल दी और उसके पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया काम्या का पेटीकोट नीचे गिर गया अब काम्या नील और रवि के बीच बस अपनी वाइट ब्रा और वाइट पेंटी में ही थी और उनके साथ ब्रा पेंटी में डांस कर रही थी काम्या का पेटीकोट नीचे करने के बाद नील सामने से काम्या की पेंटी पे से उसकी चूत सहलाने लगा और पीछे से रवि ने अपना पजामा खोल दिया और उसका नंगा लंड बाहर आ गया और वो पीछे से काम्या से चिपक कर उसकी पेंटी के ऊपर से अपना नंगा लंड काम्या की गांड पे फेरने लगा काम्या ने भी पीछे हाथ करके रवि का नंगा लंड अपने हाथ से पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी और रवि पीछे से हाथ डाल कर काम्या के बोबे दबाने
लगा फिर नील ने भी अपना पजामा खोल दिया और काम्या के हाथ से अपना नंगा लंड सहलाने लगा और काम्या की पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा फिर नील सामने से काम्या के बिलकुल चिपक गया नील का लंड काम्या की पेंटी पे से उसकी चूत से रगड़ खा रहा था काम्या नील और रवि के बीच में थी और दोनों काम्या से चिपके हुए थे और काम्या भी वाइट ब्रा और पेंटी में उनके साथ डांस कर रही थी तभी रवि ने काम्या से कहा "भाभी जो आपके हाथ में है आप उसे होली विश नहीं करोगी उसे किस नहीं करोगी" काम्या बोली "नहीं भैया" तो नील काम्या के बोबे दबाते और चूत सहलाते हुए कहा "प्लीज भाभी एक बार अपने कोमल होंठ से इस पे एक किस कर दो ना प्लीज" रवि ने भी कहा "हाँ भाभी प्लीज किस करो ना इस पे" और वो काम्या को नीचे की तरफ धक्का देने लगे ताकि वो घुटनों के बल बैठ कर उन दोनों का लंड
चूसे उनके धक्का देने से काम्या बोली "ठीक है भैया बस एक किस आप दोनों के उस पे एक बार ही एक एक किस करुँगी" और काम्या घुटनों के बल बैठने लगी लेकिन वो इतने नशे में थी की वो लुढ़क कर जमीन पर गिर गयी काम्या की हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी उस से अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था काम्या को कुछ होश नहीं था और तभी नील ने रवि से कहा "चल रंडी को चोद देते है उठा इसे और ले चल अंदर वाले कमरे में" और तभी मैंने चिल्लाते हुए नील और रवि को आवाज दी दोनों फटाफट अपना पजामा पेहेन के आये मैंने कहा "निकिता और संध्या को बहुत ज्यादा उल्टी हो रही है जाके संभालो उन्हें" वो दोनों गए और मैं जल्दी से दूसरे कमरे में आया जहाँ काम्या थी लेकिन मैंने देखा वहां काम्या नहीं थी शायद उसने मेरी आवाज सुन ले थी वो हमारे बेडरूम वाले बाथरूम में आ गयी थी मैंने गेट खटखटा के पूछा "काम्या कहाँ हो क्या हुआ " काम्या बोली "कुछ नहीं मुझे थोड़ी वोमिट हो रही है " मैंने कहा "गेट खोलो" काम्या ने गेट खोला काम्या ब्रा पेंटी में ही थी मैंने कहा "काम्या तुम ब्रा पेंटी में क्या कर रही हो " काम्या बोली "अभी उतारी ना साडी बाथरूम में आके चेंज करने के लिए" मैंने सोचा काम्या ने मुझसे झूठ क्यों बोला फिर मैं काम्या को उठा कर रूम में लेके गया उसे टी शर्ट और लोअर पहनाया और उसे बेड पे सुला कर गेट बाहर से लॉक कर दिया इतने में नील और रवि वापस आये और बोले "निकिता और संध्या सो रही है अरे सुनील काम्या भाभी कहाँ गयी" मैंने कहा "उसको भ ज्यादा हो गयी है मैंने भी उसे सुला दिया है तुम भी अपने अपने घर जाके नहा लो तब तक निकिता और संध्या की भी उतर जाएगी तो उन्हें ले जाना" उन दोनों का मुंह लटक गया वो बोले चलो "ठीक है" और वो दोनों चले गए (इस इंसिडेंट के बाद से मुझे काम्या को लेके इस फेनटेसी की आदत लगी थी) मैं फुल मूड में था जो भी आज काम्या के साथ नील और रवि ने किया था वो बहुत इरोटिक था और मैं पूरी तरह से जोश में था





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FUN-MAZA-MASTI अतिथि कब चोदोगे--2

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 अतिथि कब चोदोगे--2


 करवटे बदलते बदलते पप्पू ने देखा मुनमुन थक कर सो गयी है, उसको पुराने दिन याद आ गए, शादी के पहले जब शादी से पहले केवल सगाई हुई थी और वोह मुनमुन के पीछे दीवाना था और हर समय उसकी सांसो में केवल मुनमुन की ही खुसबू बसी रहती थी, उधेर मुनमुन का हाल भी कमोबेश यही था .............

अपने गांड को अबतक बचाती आ रही, किशोर यौवना मुनमुन; वो एक दम मेरे सपनों की मल्लिका थी, दिखने में बिल्कुल नरगिस की तरह बड़ी बड़ी आंखें, पतली नाक, गुलाब जैसे होंठ( जो मुझे बिना पैंटी खोले ही उसकी चूत की दरार की याद दिला देते थे) । बस जहां देखा पकड़ लिया और वो बिल्कुल एक छुईमुई की तरह मुझसे आके लिपट जाती। जब मैंने उसे पहली बार चोदा था तो उसकी चूत सील बंद थी, उफ़्फ़ कितनी दिक्क्त हुई थी उसे और उसकी हायमन भी तो कितनी सख्त थी जल्दी फ़ट ही नही रही थी जब कि मेरा लौंड़ा एक चुत रानी के लिए खंजर से कम नही है।

और आज मैं फ़िर उससे मिलने आया था लेकिन इसबार कहानी बदली हुई थी इस बार उसे सरप्राईज देना था; सरप्राईज भी ऐसा कि उसे जिन्दगी भर याद रहे। अमूमन उसके घर में मम्मी पापा मुझपे बहुत यकीन करते थे और इस लिए चोदने में कोई लफ़ड़ा नही उठाना था कभी भी बस अपने तरीके से लेना था। मैंने आज उसकी छोटी सी नाजुक गांड का कत्ल करने का मन बनाया था और हां इस नथ की उतराई के लिए उसे कोई गिफ़्ट भी चाहिए था वो मैं लेकर ही आया था।शाम को जल्दी ही खाना बनाकर वो उपर मेरे कमरे में आ गई। मैने पूछा कि मम्मी पापा तो वो बोली उन्हे खिला दिया वो सो गए हैं। मैंने पूछा मेरा खाना जानेमन?? तो वो बोली तुम्हारा खाना तो चूत के साथ परोसूंगी मेरे राजा!

और उसकी इसी बात पर मेरा लंड खतरनाक तरीके से खड़ा हो गया। वो खाना ले आई परांठे, दही और चटनी। साथ में उसे हरी मिर्च खाने का बहुत शौक था तो चार हरी मिर्च भी ले आई थी प्लेट में ।डाईनिंग टेबल पर हम बैठे तो उसने मुझे पहला कौर खिलाने के लिए हाथ आगे बढाया मैंने अपना मुह खोला इससे पहले कि मैं निवाले को खाता उसका एक पैर मेरे लंड पर सीधा हरकत करने लगा। मैने अपना लोवर निकाल के फ़ेंक दिया और टेबल पर बैठा रहा वो मुझे खिलाती रही। एकाद निवाले के बाद मैंने उसे डाईनिंग टेबल पर खींच लिया और खाने को किनारे कर दिया।मैंने टमाटर की मीठी चटनी उसकी चूत पर गिरा दी और उसके मम्मों को चूसने लगा । चटनी अब और टेस्टी लग रही थी

परांठे का रौल बना कर उसे बिल्कुल लंबा बेलन की तरह कर दिया धीरे से उसकी चूत में डाल दिया और पूरा अंदर कर दिया वो आंहे भर रही थी। चूत की प्यास के साथ अभी उसकी भूख भी मिटानी थी अंदर बाहर करने के बाद मैंने दही उसकी चूत में डाल दी । दही बल्बला कर उसके चूत और गांड के गहरे रास्ते में बह कर टेबल पर गिरने लगी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और परांठा उसकि चूचियो पर लगे चटनी में घंस कर उसको पकड़ा दिया वो बडे चाव से उसे खा रही थी और चूत चाट कर मैं उसके गांड को भी छू रहा था। दही की चिकनाहट उसकी गांड को मुलायम कर चुकी थी।

मैंने अपनी छोटी उंगली उसकी गांड में डाल दी धीरे से उसे दर्द हुआ और वो चिल्लाई “इतनी छोटी गांड तो है क्यू परेशान करते हो मुझे?? मैंने कहा जानू इसे दही खिला रहा हूं लेकिन वो गुस्सा हो गई और बोली लो परांठे खा लो और उसने परांठे मेरे मुंह में ठूस दिए। उसकी चूत से निकली खूश्बू, दही और चटनी मिलकर वो परांठे एकदम किसी अफ़्रिकन डिश की अजीब खूश्बू से मजेदार हो रहे थे। एक बाईट ली और उसे पकड़ा दिया। अब बारी थी उसकी गांड से खेलने की।

मैंने अपनी जीभ उसकी गांड पर लगा दी और एक गहरा चुम्मा लिया बिल्कुल ऐसे जैसे कि उसकी गांड को चूस लिया हो । वो खुश हो गई जानू!!! तुमने मेरी गांड का चूम्मा लिया हाउ स्वीट!!!!!!!! आई लव यू!! तो मैंने कहा अभी तो शुरुआत है जाने मन तुम पराठा खाओ और इसे भूल जाओ !! लगभग 5 मिनट तक मैं उसके चूत में तीन उंगलियां डाल्कर जोर से हिलाता रहा और उसकी चूत से पानी निकलने लगा वो बिल्कुल बदहवास सी परांठे खा रही थी लेकिन उसे पता नही था कि चूत में उंगली पेलने के साथ मैं उसकी गांड का क्रिया करम करने की तैयारी कर रहा हूं। असल में मैं बुर में जोर दार पेलने के साथ उसकी गांड में पूरी एक उंगली पेल चुका था और उसे इस बात का अहसास ही नही था या शायद उसे मजा आ रहा था।

और अब बारी थी फ़ाइनल टच देने की और मैं किसी तरह उसका ध्यान उसकी गांड से हटाए रखना चाहता था और एक तरीका मुझे सूझा!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

मैंने एक मिर्च उसके मुंह मे डालते हुए कहा जानू!!! डू यू लव मी!! क्या तुम मेरे लिए मिर्च खा सकती हो ? उसने कहा तुम्हारे लिए तो हम कुछ भी करेंगे राजा। और उसने पूरी मिर्च खा लिया। मारे जलन के वो सी सी करने लगी आंखो से पानी बहने लगा और यही मौका था मेरे लिए मैंने धीरे से थूक उसकी गांड और अपने लंड पर मली और आराम से घुसाना शुरु कर दिया ।मिर्ची की जलन के आगे अपनी गांड के साथ हो रही ज्यादती वह भूल चुकी थी। उसने जैसे ही महसूस किया कि उसकी गांड में कुछ है मैं रफ़्तार पकड़ चुका था और उसे मजा आने लगा था। मिर्ची की जलन अब गांड मरवाने के आनंद के आगे कम हो गयी था। अंत में मैने सारा माल उसकी गांड में ही डाल दिया और वो निढाल पड़ी रही। मैंने उसे आर्चीज गैलरी के इयर रिंग्स दिए और कहा जब भी गांड मरवाने का मन हो यही पहनना मैं उस दिन तुम्हारी गांड ही मारुंगा!!!!!!!!






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FUN-MAZA-MASTI अतिथि कब चोदोगे--1

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 अतिथि कब चोदोगे--1
 दोस्तों, कहते है की अतिथि भगवान का रूप होता है.

लाबोदर चाचा इलाहाबाद के रहने वाले थे और जब से पप्पू से मिल के आये थे मुंबई से तब से अपने गांव में एक ही चर्चा करते थे की देखो कितने संस्कार दिए है पप्पू को पुतानी ने.
जब हम मुंबई गए रहे तो हमारे सामने कभी भी अपनी पत्नी मुनमुन को चोदे नहीं रहे. कितना सेवा संस्कार किये रहे हमारा मुंबई में.

लेकिन गजोधर, जब से हमने उसकी पत्नी को देखा है बस मत पुछो बस मन में उसकी का ख्याल आता है. कितनी सुन्दर, सुशिल और सदाचारी पत्नी पी है पप्पू ने. लेकिन का करे गजोधर जब से सरला मरी है तबसे मैंने चुदाई के तरफ से ध्यान हटा दिया है. आज सरला जिन्दा होती तो हम भी चुदाई का आनंद उठा रहे होते.

इतना कह कर लाबोदर रोने लगे. तो गजोधर ने कहा की भैया कहे रोते हो. नयी शादी कर लो या कोई गर्ल फ्रेंड बना लो. फिर जितनी बार चुदाई करनी है कर लेना तुम्हे कौर रोकता है.

अरे का बताये गजोधर, जब हम मुंबई गए रहे न घूमने तो का लड़की देखे रहे जुहू बिच पे. ससुरी खुले आम चुदाई का आनंद लूटे रहे. भैया बस मन में एक ही ख्वाइश है की एक बार फिर से मुंबई चले जाये और पप्पू की पत्नी मुनमुन की हाथ का बना हुआ खाना फिर खाए.

गजोधर बोला भैया मुझे तो तुम्हारी नियत ठीक नहीं लग रही है. कही तुम्हारा दिल पप्पू की पत्नी मुनमुन पे तो नहीं आ गया है. गजोधर ने अपने कान पकडे और बोला की राम राम का बोलते हो गजोधर अब अपनी उम्र तो पचास पर करने वाली है. पप्पू तो जवान है, सुन्दर है वो पप्पू से न चुदायेगी तो क्या इस बुढ्ढे चाचा से चुदवाएगी. और हम तो उसके चाचा लगते हो. सरला यदि ऊपर से देखेगी तो कितनी कोसेगी हमको की हम चाचा होके अपने बेटी सामान बहु पर गन्दी नजर रखते है. न बाबा न ऐसी बात तो सोचना भी पाप है.

गजोधर बोला अरे चाचा अब जमाना बदल गया है और कितनी ही बहुए अपने ससुर से चुदवाती है. अब देखो आदमी काम से पीछे इतना परा हुआ है की किसको फुर्सर है चुदाई करने की. तुम ये बात मन से निकल दो और की मुनमुन का मन नहीं होगा चुदवाने का. बस तुम एक काम करना की तुम अपनी धोती के निचे लगोट या अपना कच्छा मत पहनना और किसी तरह अपना १० इंच का लंड उसको दिखा देना फिर देखना की कैसे वो तुमसे चुदवाने के लिए बेताब हो जाती है. हाँ बस ये बात पप्पू को मत पता चलना चाहिए.

अगले ही दिन लाबोदर ने तत्काल का टिकट कराया भागलपुर दादर एक्सप्रेस में और २ दिन के सफर के बाद पहुच गए उसी अपार्टमेंट के पास जहाँ पे आखरी बार वो पप्पू से मिले थे.

जैसे ही लम्बोदर चाचा लिफ्ट के पास पहुचे की फिर उसी चौकीदार से उसकी मुलाकात हो गई जिसको लम्बोदर ने थप्पर मरकर सीधा किया था.

‘राम राम चाचा जी! और घर में सबकुछ ठीक है. बहुत दिनौ के बाद मुलाकात हुई. सब खौरियत से तो है’ चौकीदार ने पूछा .

लम्बोदर ने झट से एक थप्पर रसीद किया चौकीदार के गाल पे और बोला की बुरबक भूल गए की सरला तो मर गई है और हम घर में अकेले है तो घर का हाल चल पूछ के सरला की याद काहे दिला देते हो बुरबक कही का. अभी पापा का नंबर दो फोन करते है.

माफ कर दो चाचा जी गलती हो गई. हम भूल गए थे. चौकीदार लम्बोदर के पैर पे गिर पड़ा.
लाबोदर ने झट से चौकीदार को सामान उठा के पप्पू के घर पे ले चलने को कहा. बेचारे ने झट से चाचा जी का सामान उठाया और चल पड़े पप्पू के फ्लेट में.

उधर पप्पू और मुनमुन की जिंदगी काफी बदल गयी थी. अब पप्पू कहानी लेखक नहीं रहा, फिल्म निर्देशक बन गया था और मुनमुन ने एक कंपनी बना ली थी फैशन हाउस की. अब वो उस कंपनी की सीईओ थी. उसका बेटा जो पांचवी में पढता था अब उसके साथ नहीं रहता था. पप्पू ने उसे शिमला के एक बोअर्डिंग स्कूल में भर्ती करा दिया था. इसके दो कारण थे. पहली तो ये की अब पप्पू और मुनमुन काफी ब्यस्त रहते थे और अपने बेटे को ठीक से टाइम नहीं दे पाते थे दूसरी उसके चलते वो दोनों चुदाई नहीं कर पाते थे. जाहिर है वो साथ ही सोता था और दोनों बेचारे पप्पू और मुनमुन चुदाई के लिए तरस तरस के रह जाते थे. इसलिए दोनों ने ये प्लान बनाया और अपने बेटे को शिमला के बोअर्डिंग स्कूल में दाखिला करा दिया. अब दोनों अकेले थे और जम के एन्जॉय कर लेते थे. फिर भी काम का काफी दबाव था दोनों पर और बड़ी मुश्किल से दोनों एक दूसरों को समय दे पाते थे.

लम्बोदर ने दरवाजे पे कॉल बेल बजायी और मुनमुन ने दरवाजा खोला. उस समय सुबह के ७ बज रहे थे. इसलिए दोनों ड्यूटी पे नहीं गए थे.

‘अरे चाचा जी, प्रणाम कैसे है. बहुत दिन के बाद दर्शन दिए है. बड़ी खुशी हुयी आपके फिर से दर्शन हुए.’ मुनमुन ने चाचा जी के चरण स्पर्श किये.

लाबोदर तो मुनमुन को देख के दंग रह गया. अब मुनमुन का चेहरा और शारीर दोनों काफी खिल गए थे. गाल ज्यादा शुर्ख लग रहे थे और देखने में बिलकुल अप्सरा लग रही थी.

‘खुश रहो बिटिया और जुग जुग जियो. जी किया की बहुत दिन तो हो गए बहु से मिले हुए इसलिए फिर चला आया. बेटी पप्पू नहीं दिखाई दे रहा है.’ बस इनता ही कह पाया था लम्बोदर.

‘अंदर आएये न चाचाजी. पप्पू जी तो अभी सो रहे है. अभी जगाए देती हूँ. आप तब तक फ्रेश हो जाईये ना.

‘ठीक है बिटिया जैसी तुम्हारी मर्जी’ ऐसा कहते ही लामोदर चाचा ने बड़े जोर की पाद लगायी. पूरा कमरा चाचा जी की पादने ने गमक उठा.

बेचारी मुनमुन ने झट से रूम फ्रेशनर लगाया.

चाचाजी तो चले गए नहाने के लिए और मुनमुन गयी पप्पू के पास जो अभी तक घोड़े बेच के सो रहा था.

‘अजी सुनते हो! उठो न जी !’ मुनमुन ने पप्पू के कान में आवाज दी’

पप्पू अभी सो रहा था. लेकिन मुनमुन की आवाज सुनकर अन्मनाते हुए उठा और मुनमुन की चूची को दबतें हुए बोला की डार्लिंग आओना एक बार चुदाई करतें है. रात को मन नहीं भरा था. और इतना कह कर झट से मूनमून के होठ को चूमने लगा.

‘मुनमुन ने अपने चेहरे हो दूर करतें होए बोला की ये जी देखो एसा न करो. आपके इलाहबाद वाले चाचा जी पधारे है और गुसलखाने में नहा रहे है. कही उसने देख लिया तो क्या सोचेंगे’

पप्पू को तो जैसे जोर का झटका धीरे से लगा. उसे लगा की मुनमुन मजाक कर रही है. उसने इस बार मुनमुन की चूची को जोर से दबाया और उसके निप्पल को अपने अंगूठे में दबाते हुए बोला की जरुर तुम मजाक कर रही हो.

मुनमुन बोली की मैं मजाक नहीं कर रही हो. आपको बिस्वास नहीं होता तो आप गुसलखाने में जाके देखिये न और उनका सामन भी तो सोफे के पास रखा हुआ है.

पप्पू को फिर भी बिस्वास नहीं हुआ और वो जैसे ही सोफे के पास पंहुचा और चाचाजी का सामान देख कर मानो बेहोश ही हो गया. और सोचने लगा की बड़ी मुश्किल से तो अपने बेटे को शिमला भेजा ताकि अपनी मून के साथ जम के चुदाई कर सके और ये चाचाजी भी फिर से बिन बुलाए मेहमान की तरह आ धमके.

खैर, अब चाचा जी आ चुके है तो उनका स्वागत तो करना ही पड़ेगा. पप्पू सोचने लगा की एसा क्या किया जाये जिससे चाचा जी जल्दी ही घर छोड़ के वापस अपने गांव चले जाएँ.

जब चाचा जी नहा के बाहर निकले तो पप्पू ने उसे प्रणाम किया और हमेशा की तरह चाचा जी ने उसे ढेर सारा आशीर्वाद दिया.

पप्पू और मुनमुन दोनों अपने अपने काम पे चलने के लिए तैयार हुए. हमेशा की तरह चाचाजी ने खाने की रंग बिरंगी फरमाइश की और मून को वो सारा चीज बनाना पड़ा.

जब वो दोनों अपने काम पे जाने लगे तो चाचाजी ने बोला की बेटे मैं ट्रेन में काफी थक गया हुआ हूँ इसलिए आज जी भर के आराम करूँगा. तुमलोग मेरी चिंता मत करो और मजे से काम के लिए जाओ.

पप्पू रास्ते भर यही सोचता रहा की क्या किया जाये. फिर मन में उसे एक ख्याल आया की क्यों न चाचाजी को परेशान करते है. चाचाजी तो ठहरे गांव के रहने वाले और चाची तो कब की मर चुकी है. सेक्स से बढ़िया और बोरिंग चीज उसके लिए क्या होगी. अब उनकी उम्र भी बहुत हो गई इसलिए सेक्स का ख्याल तो उनके मन में आता नहीं होगा उलटे इससे नफरत करते होंगे. उसने सोचा की रात को मून को जम के चोदुंगा और इनता जम के चोदुंगा की मुनमुन की चीख निकल जाये चुदते वक्त. जब मुनमुन की सेक्स में तडपते हुए आवाज दो तीन तक चाचाजी के कान में पड़ेंगे तो खुद की उकता कर अपने गांव की ओर प्रस्थान कर देंगे. ये ख्याल दिमाग में आते ही वो काफी खुश हुआ और फिर उसका पूरा दिन मजे से काम में गुजरा.

उधर मुनमुन ये सोच रही थी की अब रात को चुदाई कैसे करेंगे. जब पप्पू चोदेगा तो उसकी मस्ती भरी चीख कही चाचाजी के कानो में न पर जाये. फिर उसने सोचा की वो पप्पू को कहेगी की वो धीरे धीरे और प्यार से उसे चोदे ताकि उसकी कोई आवाज चाचाजी के कानो में न पड़ने पाए. फिर वो ये सोच के काफी खुश हुयी और उसका भी पूरा दिन मजे से गुजरा.

उधर मून और पप्पू के अपने अपने काम से घर से बहार चले जाने के बाद चाचा जी ने जम के सोने का आनंद उठाया. फिर जब वो २ बजे उठा तो सोचने लगा की यहाँ क्या क्या करूँगा. उसका ध्यान अपने लंड पे गया और सोचने लगा की इसकी प्यास कैसे बुझाउ. फिर वो सोचने लगा की कुछ दिन जब तक की कोई लड़की नहीं पट जाती मुठ मार के काम चला लेगा. फिर वो सोचने लगा की किसके नाम की मुठ मारूंगा. अब सरला के नाम से तो नहीं मार सकता. वो बेचारी क्या सोचेगी की मन में. वो सोचने लगा. फिर मन में अचानक एक ख्याल आया और वो खुशी से उछल पड़ा.

उसने सोचा की अपनी मूनमून कितनी सुन्दर लग रही है. क्यों न इसके नाम की मुठ मर लूँ. फिर दूसरे मन में ख्याल आया की नहीं ये गलत है. बहु के बारे में एसे नहीं सोचना चाहिए. फिर पहले मन ने कहा की तू उसके साथ कोई चुदाई थोड़े न कर रहा है. बस मुठ ही तो मार रहा है. क्या फर्क पड़ता है. आजकल के लड़के फिल्म हेरोइन के नाम से मुठ मारते है. कई कई हेरोइन तो मुठ मरने वाले की उम्र से दोगुने उम्र के होते है. जैसे की यदि कोई काजोल के नाम की मुठ कोई १७ साल का लड़का मारे तो. काजोल है ३४ साल की और ये १७ साल का . ये तो लगभग दोगुनी उम्र हो गयी न. मेरी उम्र है ५० साल और मुनमुन की यही कोई २२-२३ होगी. तो ये भी लगभग वही बात हुई. कोई बात नहीं मुठ मारने में कोई गलत बात नहीं है.

फिर लम्बोदर ने सोचा की मैं मुठ मरते वक्त क्या सोचूंगा. क्या मैं ये सोचूंगा की मैं मून की चुदाई कर रहा हूँ. नहीं ये बात गलत है. हाँ मैं मन में ये सोच सकता हूँ की मैं ही पप्पू हूँ और मून की योनि चोद रहा हूँ. हाँ ये ठीक रहेगा. फिर उसके मन में एक और जबरदस्त ख्याल आया और फिर वो एक बार और खुशी से उछल पड़ा.

उसने सोचा की मुनमुन और पप्पू रात में चुदाई तो अवस्य करते होंगे. यदि इनदोनो की चुदाई को अपने आँखों से देखने का मौका मिल जाये तो बहुत अछ्छा होगा. फिर उसने सोचा की क्यों न दिवार में या दरवाजे में एक छेद बनाया जाय. जिससे की उसकी चुदाई बड़े ही सरलता के साथ देखि जा सकती है.लाबोदर बड़े ही शातिर दिमाग का था और हमेशा अपने साथ पेचकश और नट लिए चलता था. फिर उसने दो छेद किये. एक हल्का सा सुराख़ बनाया दरवाजे पे, बिलकुल छोटा सा इतना छोटा की सरलता से दिखाई न पड़े की यहाँ पे कोई छेद है. और फिर एक कोने में दिवार पे भी एक छोटा सा छेद बना दिया. हाँ दिवार पे छेद बनाने में थोड़ी मुश्किल जरुर हुई पर वो कामयाब रहा. अरे गांव में तो उसे कितनी ही एसी समस्याओ का सामना करना पड़ता था. जब दोनों छेद बन गए तो उसके मन में ये ख्याल आया की कही पप्पू ने मेरा रूम बदल दिया तो बड़ी मुश्किल हो जायेगी और पुरे प्लान की माँ चुद जायेगी. फिर उसने दूसरे रूम के दरवाजे पे भी वही किया. अब पप्पू और मून ज्यादा कमाते थे इसलिए अब दोनों कमरे में AC लगा लगा हुआ था. फिर चाचा जी बाहर गए और बिलकुल दरवाजे और दीवाल के ही रंग का रंगीन कपडा ख़रीदा और गम की सहायता से और पिन की सहायता से चारो छेद को ढक् दिया. अब सब कुछ पहले जैसा नोर्मल लग रहा था.

फिर लम्बोदर रसोई घर में गया और जो सुबह का खाना बचा हुआ था उसको जम के खाया. ५ बज गए थे. अभी भी उन दोनों को आने में कम से कम २ घंटे बचे थे. लम्बोदर ने सोचा की क्या किया जाये. फिर वो टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद उसके मन में ख्याल आया की क्यों न कोई अच्छी सी सीडी से फिल्म देखू. ससुरी टीवी पे प्रचार बहुत आता है और फिल्म देखने का मजा बिलकुल खराब हो जाता है. फिर वो सर्च करने लगा. उसे एक कोने में ४-५ सीडी का एक पैक मिला जोकि बड़ी ही शानदार तरीके से पैक किया हुआ था. उसने एक सीडी निकाली और सीडी प्लयेर में लगा दिया. जैसे ही फिल्म चालू हुआ तो लम्बोदर के होश उड़ गए. ये तो एक ब्लू फिल्म थी. लम्बोदर ने ब्लू फिल्म तो बहुत देखि थी गांव में लेकिन ये बिलकुल अलग किस्म की थी. इसमें तो एक इंडियन लड़की जोकि किसी हेरोइन से कम नहीं लग रही थी अपने किसी बॉय फ्रेंड के साथ मस्ती के मुद् में लग रहे थे. अरे बाबा क्या फिल्म थी. पहले दोनों ने फ्रेंच किस की फिर लड़की लड़के का लंड चूसने लगी. बिलकुल ओरिजिनल लग रहा था. लग रहा था की किसी ने चुपके से कैमरा लगा दिया था जब दोनों चुदाई कर रहे थे. एक बेडरूम था बिलकुल घर जैसा और दोनों मजे से फोर प्ले कर रहे थे. जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ रही थी लम्बोदर के शारीर में से कपडे भी कम हो रहे थे. अब फिल्म में लड़का लड़की की चुत में लंड घुसा के पेलने की तयारी कर रहा था. लड़की मस्ती में सिसक रही थी. जब लंड अंदर घुसा तो लम्बोदर ने अपना लंड अपने हाथ में लिया और ऊपर निचे हिलाने लगा. लम्बोदर ने मन में सोचा की इस लड़के के जगह पर वो ही इस लड़की की चुत मार रहा है. फिर जब लड़का जम के चुदाई करने लगा तो लम्बोदर ने भी अपना हाथ जोर से हिलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर के बाद लड़के ने अपना लंड बाहर निकला और लड़की को अपना लंड चूसने के लिए बोला. लड़की झर चुकी थी इसलिए बड़े ही तेजी से उसका लंड चूस रही थी. थोड़ी देर बाद लड़के ने अपना लंड उसके मुह से बहार निकला और लड़की के चेहरे पे अपना पूरा वीर्य भर दिया. लड़की के गाल, नाक, गला, कान सब जगह वीर्य से तर हो चूका था. थोडा सा वीर्य उसकी सुनहरे बाल और उसकी चूची पे भी गिर गया था. ये दृश्य देख कर लम्बोदर पागल हो गया और अपना आपा खो बैठा और अपना वीर्य सोफे पे ही डाल दिया. जब गर्मी पूरी शांत हुई तो लम्बोदर बहुत पछताया. सोफा उजले रंग का था और उसकी वीर्य का दाग सोफे पे लग गया था. लेकिन अब वो क्या कर सकता था. लेकिन उसे मजा बहुत आया था. पहली बार इतना ओरिजिनल ब्लू फिल्म देखा था और मस्त हो गया था. फिर उसने उस सीडी को वही पर बिलकुल उसकी तरह से रख दिया जहा से उसने उसे निकाला था. फिर उसे फर्श को साफ करने वाला एक क्रीम मिला और और उसने बड़ी मुश्किल से अपने वीर्य का दाग छुडाया. फिर भी पूरी तरह से नहीं छूट पाया था. लेकिन अब कोई यदि ध्यान से उसे देखेगा तभी वो दाग नजर आयेगी. इसलिए लम्बोदर ने थोड़ी राहत की साँस ली और चल पड़ा नहाने के लिए. उसने जम के नहाया और अपने लंड को सरसों तेल से मालिश किया. अब उससे लग रहा था की अब तो बिना चुदाई के रहा नहीं जायेगा. इसलिए अब वो अपने लंड की खाश हिफाजत करने लगा. उसे जल्द ही वो रौनक नजर आने लगी जो उस सीडी में वो लड़का उठा रहा था.

वो नहा के वापस निकला और सोफे पे बैठा ही था की कॉल बेल बजी. जैसे ही लम्बोदर ने दरवाजा खोला की पप्पू और मुनमुन सामने खड़े थे. पप्पू रोज मुनमुन को उसके ऑफिस से आते वक्त पिक कर लिया करता था.


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FUN-MAZA-MASTI मैं कल फिर आउंगी--3

FUN-MAZA-MASTI
 मैं कल फिर आउंगी--3

 मैं काफी थका हुआ था लेकिन आज का दिन ही मैं सोमलता को अपने घर में रख सकता था. कल से फिर कोई और उपाय लगाना पड़ेगा. मेरे लिंग से तेज सनसनी के साथ हल्की जलन हो रही थी. मैंने लिंग को देखा तो वह रगड़ खाकर लाल हो गया था. मैं बाथरूम की और चला. बाथरूम के पास जाकर देखा की सोमलता नंगी आदमकद शीशे के सामने खड़ी होकर पुरी ध्यान के साथ अपने बदन को निहार रही है. मैं दरवाजे के पीछे छिपकर देखने लगा. वह हल्की मुस्कराहट के साथ बदन का मुयायना कर रही थी साथ में स्तन से लेकर जांघो को ऊपर से निचे सहला रही थी. आज पहली बार मैंने उसको इतना खुलकर मुस्कुराते देखा था. बदन से वह अपनी उम्र से 5-7 साल छोटी लग रही थी. मैं धीरे –धीरे उसके पीछे गया और कमर को पकड़ कर उसकी गर्दन चूमने लगा. मेरे अचानक आने से वह शरमा गयी और नज़रें झुका के बोली – “बाबु, तंग मत करो. मुझे अच्छा नहीं लगता.” मैंने उसको अपनी तरफ लाकर उसकी गालो को हथेलियों में भर चेहरे को उठाकर पूछा – “अच्छा, क्या-क्या हमने अच्छा नहीं लगता. मैं अच्छा लगता हूँ? मेरा प्यार अच्छा लगता है? और मेरा लंड?” वह थोड़ा उदास होकर बोली – “बाबु, मुझे तुम्हारा सब कुछ अच्छा लगता है लेकिन यह कब तक चलेगा? कल से फिर मैं मजदूरी करुँगी और तुम बाहर अपने दुनिया में रम जाओगे.” मैंने उसकी छाती को अपने से चिपकाकर कहा – “नहीं रानी, ऐसा नहीं होगा. हम भले दूर रहे, लेकिन हमेशा मिलते रहेंगे और इसी तरह मिलते रहेंगे.” उसकी बालो को सहलाते हुए मैंने बड़े प्यार से वादा किया था. वह आखों में उम्मीद लाकर कही – “सच?” मैं उसको चुमते हुए बोला – “बिल्कुल सच, अब चलो बाहर कमरे में चलते है.” वह अपना सर मेरे कंधे में रखकर मेरी कमर को पकड़ते हुए मेरे साथ बाहर आ गयी.

हम दोनों कमरे में अगल-बगल लेट गए. सोमलता मेरे सीने में सर रखकर मेरी छाती के बालो से खेलने लगी. बोली – “बाबु, तुम शादी कब करोगे?” मैं गहरी साँस लेकर कहा – “पता नहीं. कोई अच्छी लड़की भी तो मिलनी चाहिए.” वह भी गंभीर हो बोली – “”हाँ. बात तो सही है!” मैं उसकी पीठ को सहलाते हुए पूछा – “अच्छा तुम मजदूरी छोड़ और कोई काम नहीं कर सकती हो?” वह उदास लहजे में बोली – “कोई काम आता भी नहीं है.” मैं बोला – “सुनो, मेरे एक दोस्त की बीवी का ब्यूटी पार्लर है. मैं तुम्हे वहां काम पर लगा सकता हूँ, अगर तुम चाहो तो?” वह सर घुमाकर मेरी और देखते हुए बोली – “वहां क्या काम करना होगा बाबु?” मैं शरारती होते हुए बोला – “वोही जो मैं तुम्हारे लिया किया. औरतों के चूत और बगलों के बाल साफ़ करने होंगे.” वह मेरी छाती पर हल्का चपत लगते हुए बोली – “धत बाबु, मुझे ऐसा गन्दा काम नहीं करना.” मैंने कहा – “इसमें कौन सी गन्दगी है. कितनी लडकिया यह काम करती है. सोच लो तुम्हारा भी काम हो जायेगा.” मेरी आँखों में आँखें डालकर बोली – “सच बोलो ना बाबु?” मैंने हँसते हुए बालो को सहलाते हुए कहा – “आरे नहीं. वहां तुमको औरतों के बाल बनाने होंगे. नाख़ून बनाने होंगे. सजावट वगैरह का काम करना होगा. वैसे वो काम भी होता है.” वह थोड़ा मायूस हो गयी. नज़र झुककर बोली – “लेकिन मुझे यह सारा काम नहीं आता है.” उसको दोनों बांहों से कसकर पकड़ते हुए बोला – “तुम चिंता मत करों रानी. मेरी भाभी तुमको एक्सपर्ट बना देगी. कल मैं उससे बात करूँगा. अब बस तुम सिर्फ मेरे बारे में सोचो.” वह शरमाकर मेरे छाती में माथा गड़ाकर बोली – “बाबु तुम बड़े वह हो” उसकी बातों पर मैं जोर से हंस दिया. हम एक दुसरे की बांहों में खोये रहे अगले एक घन्टे तक.











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FUN-MAZA-MASTI मैं कल फिर आउंगी--2

FUN-MAZA-MASTI
 मैं कल फिर आउंगी--2

 सोमलता कमरे से बाहर चली गई. मैं बहुत खुश था क्योंकि यह मेरी जिंदगी की सबसे बढ़िया सेक्स था. मैं हमेशा से ही एक अच्छा बेटा, अच्छा छात्र, अच्छा कर्मचारी बनने में ही अपनी आधी जिंदगी गुजारी थी. मेरी पिछली प्रेमिका से मेरा नाता टूटने का कारण थी यही था. खैर पिछली जिंदगी तो बीत गयी, अब वक़्त मुझे इतना अच्छा मौका दे रही है मुझे इसका इस्तेमाल करना चाहिए. मैं नंगा ही कमरे से बाहर गया. वह बाहर बरामदे में बैठकर बाकी काम करने वाले का इंतज़ार कर रही थी. मैं मेन गेट बंद कर बाथरूम में गया, ब्रश किया, नहाया खासकर मेरे लिंग को अच्छे तरह से धोया. मैंने पाया की मेरे लंड के आस-पास झांट काफी बढ़ गए है. मैं अगले आधे घन्टे उसको कैंची से काटने में बिताये फिर अच्छे तरह से नहाये. नहाते नहाते फिर सोमलता की बदन, उसकी चूचियां, उसकी मस्ती मेरे दिमाग में घुम रही थी जो मेरे लंड को फुल-साइज़ में लाने लगी. मुझसे रहा नहीं गया और शावर में ही मुठ मरने लगा. मैं कल सुबह तक का इंतज़ार नहीं कर सकता था उसकी चूत पाने के लिए. मेरे पास आज और कल का समय था फिर मेरे परिवार के आने के बाद मुझे छुपकर मुठ मारकर की काम निकलना पड़ेगा. मैं बाथरूम से बाहर निकला और सोमलता को फिर से बिस्तर में लाने का तरीका सोचने लगा. 9 बज गए थे. बाकी के काम करनेवाले आ गए थे, सोमलता बिल्कुल साधारण भाव से काम कर रही थी और मुझसे तो बिल्कुल साधारण थी. न ज्यादा चिपक रही थी ना ही ज्यादा भाग रही थी. एक औरत जो मेरे साथ सोई, मुझे जिंदगी का सबसे अच्छा सेक्स अनुभव दी, वह मेरे सामने मजदूरी कर रही है यह देखकर मुझे दुःख हो रहा था लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था.

जैसे-तैसे दोपहर हुआ. बाकी सबके जाने के बाद वह खाना खाकर पानी पीने अन्दर आई. मैंने उसको लपक लिया और एक चुम्मा जड़ दिया होंठो पर. वह मुझे धक्का देकर अलग हो गयी और बनावटी गुस्से से बोली – “तुम मर्दों को और कुछ नहीं सूझता क्या? हमेशा चूत और चूची में ही घुंसे रहते हो. अभी नहीं हो सकता. मुझे पानी पिलाओ.” मैं शरारत से अपनी बॉक्सर नीचे करते हुए लंड हिलाकर बोला – “इसका पानी तो तुम खुद निकल कर पी सकती हो” वह दौड़ कर मेरा बॉक्सर ऊपर कर धीरे से चिल्लाई – “क्या करते हो बाबु? थोड़ा ख्याल रखो, इस भरी दोपहर में ऐसा मत करो. जाओ पीने का पानी लाकर दो.” मैं किचेन से पानी लाया और देते हुए बोला – “रानी, हमारे पास सिर्फ दो दिन है और मैं कल सुबह का इंतज़ार नहीं कर सकता. आज रात भर तुम यहाँ नहीं आ सकती?” वह पानी पीकर जग मुझे देकर बोली – “मुझे घर जाना पड़ेगा और कल काम पर आना भी पड़ेगा” मैंने बोला – “अरे उसकी चिंता मर करो. मैं देर रात को तुम्हे तुम्हरे गाँव से लेकर आऊंगा और कल की छुट्टी ले लो. बोलो की तबियत ख़राब है, काम पे नहीं आ सकती.” वह जाते हुए बोली – “ठीक है. सोच के देखूंगी.” मैं घुटनों पर बैठकर उसकी दोनों हाथो को पकड़कर विनती की – “प्लीज रानी” वह हँसते हुए बोली – “ठीक है” और अपनी कमर कुछ ज्यादा ही लचकते हुए चली गयी.

शाम को जब मैंने सारे लोगो का भुगतान किया तो वह ठेकेदार को बोली – “बाबु, मेरा सर बहुत दुःख रहा है मैं कल नहीं आ पाऊँगी. घर में आराम करुँगी.” मैं कहा – “मेरे पास सरदर्द की दवा रक्खी है. तुम चाहो तो ले सकती हो.” इतने में ठेकेदार बोला – “ठीक है. तू कल मत आ. वैसे कल काम भी कम है. हम लोग चलते है. तू साहब से दवा लेकर आ पीछे.” सोमलता मेरे पीछे घर के अन्दर आई. मैंने उसे एक फ़ोन दिया जो पहले से ही साइलेंट मोड पर था और उसका नंबर नया था. मैं फ़ोन देकर बोला – “देख रात के 11 बजे मैं मोटर बाइक से आऊंगा और तुझे फ़ोन करूँगा. तू बस यह अपने साथ रखना. फ़ोन आने पर यह वाला बटन दबाना और मुझसे बात कर लेना” मैं उससे उसकी घर का पूरा नक्सा समझ लिया. वह बोली – “बाबु एक दिक्कत है. मोटर साइकिल से आने पर आवाज होगी और रौशनी भी. आस पास के लोगो को पता चल जायेगा. तुम साइकिल से आना” मैं बोला – “ठीक है” वह मुझसे फ़ोन ली, उसको पेटीकोट की जेब में डाली और चली गयी. मैं रात की तैयारी में जुट गया. मार्किट गया, चिकेन खरीदा, एक पैकेट कंडोम लिया और घर आया. रात के खाने के लिए चिकेन-रोटी बनाया. फ्रिज में पहले से ही बियर की चार बोतलें थी. आज रात को मैं मेरी रानी पर चढ़ने वाला था. पूरा नियंत्रण मेरे हाथ में था. बस जल्दी से रात हो और 11 बजे.

रात के 10:30 बजे मैं घर से साइकिल लेकर निकला. उसका गाँव लगभग 6 km दूर है. रात के सुनसान शहर में गाँव पहुँचने में आधा घंटा लगा. मैं गाँव का बाहर एक बड़े झाड़ के पीछे रुक गया और उसको फ़ोन किया. पहली रिंग में ही उसने फ़ोन उठा लिया जैसे मेरा फ़ोन का इंतज़ार कर रही थी. मैंने उसे झाड़ के पीछे आने को कहा, दस मिनट में वह आती दिखी. घूँघट में पूरा चेहरा ढका था. मेरे पास आकर बोली – “जल्दी से चलो. कोई देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी.” मैंने उसे साइकिल के सामनेवाले बार पे बैठाया और जोर-जोर से पैडल मरने मेन रोड पर आने के बाद मुझे आराम मिला. अब मैं बिल्कुल निश्चिंत था क्योंकि कोई देखना वाला नहीं था. मैं साइकिल चलाते उसकी गर्दन को चूम भी रहा था. वह थोड़ा डरते हुए बोली – “बाबु, जल्दी से घर चलो. इस रात में पुलिस मिल गयी तो बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाओगे.” मैंने भी वक़्त को समझते हुए सारी ताकत से जोर लगते हुए घर पहुंचा. चुपचाप कोई आवाज नहीं करते हुए अन्दर दाखिल हुआ और सोमलता को अन्दर ले आया. अन्दर दरवाजा बंद करते हुए उसको जोर से अपनी बाँहों में लिया और होंठो को चूसने लगा. मुझे परे हटाते हुए बोली – “बाबु थोड़ा सब्र करो. तुम्हारे पास मेरे लिए कोई कपड़े होंगे? ” मैंने उसको मेरी टी-शर्ट और बॉक्सर दी. वह लजाते हुए बोली – “इसको कैसे पह्नुगी?” मैंने कहा – “रानी जैसे मैंने पहना है.” वह मुस्कुराते हुए कपड़े लेकर बाथरूम चली गयी. मैं किचेन में खाना लगाने लगा. खाना टेबल पर रखा तब वह बाथरूम से बाहर आई. मैं उसको देखता ही रहा, क्या गजब की पारी लग रही थी. बाल खुले हुए थे, टी-शर्ट इसकी बड़ी-बड़ी मम्मो पर कसकर लगी हुई थी. अन्दर शायद उसने ब्रा नहीं पहना था. मुझसे नज़र मिलाने के बोली – “क्या देख रहे हो बाबु? ठीक नहीं लग रही हूँ इस कपड़ो में?” मैंने उसे अपनी और खींचते और उसकी गांड को देख के बोला – “रानी पुरी आइटम लग रही हो आज. जी करता है आज तुझे खा ही जाऊ.” वह हँसते हुए बोली – “ठीक है. पहले चलो खाना खाते है.” खाते हुए बोली – “बाबु, तुमने खाना बहुत ही बढ़िया बनाया है. तुम्हारी बीवी तुमसे बहुत खुश रहेगी. इतना प्यार करती हो, खाना भी अच्छा बनाते हो और सबका ख्याल रखते हो.” मैं जवाव में मुस्कुरा दिया. खाना ख़तम करने के बाद मैं बियर को दो बोतले फ्रिज से निकली. वह तबतक अन्दर के कमरे में जा चुकी थी और गद्दे बिछाकर मेरा इन्तेजार कर रही थी. मैंने एक बोतल उसकी ओर बढ़ाई तो शरमाते हुए बोली – “बाबु मैं शराब नहीं पीती” मैं बोतले उसकी हाथ में पकडाते हुए बोला – “रानी पीकर तो देखो” बोली – “थोड़ा-सा पियूंगी” मैं हाँ में सर हिलाया और बियर की एक घूंट ली. मैं पुरी बोतल ख़तम कर चूका था तो वह चोथाई पिने के बाद बोतल मुझे दे दी. मैंने उसको भी पिया और खाली बोतलें बगल में रखते हुए उसको बाँहों में ले लिया. वह बोली – “बाबु, खाने के तुरंत बाद चुदाई ठीक नहीं. थोड़ा आराम करते है.” मैं कहाँ “ठीक है” लेकिन नंगे होकर. वह मेरे माथे पर हल्का चपत लगते हुए बोली – “बदमाश” और अपनी टी-शर्ट उतरने लगी. मैंने उसको रोककर कहा – “नहीं रानी. आज यह काम मैं करूँगा. तुम मेरे कपड़े उतारो.” और मैं उसके सामने खड़ा हो गया. वह मेरी शर्ट निकाली, फिर जीन्स फिर अंडरवियर. मेरा लंड तो औरत की महक सूंघकर की टनटना गया था. वह मेरे लंड को गौर से देखी फिर मेरे पेट में एक चिकोटी काटी और बोली – “बाबु तुम्हारा डंडा बहुत बदमाश है. हमेशा तंग करता है.” मैं हंसा और उसकी टी-शर्ट उतरने लगा. टी-शर्ट खोलते ही मम्मे आजाद हो गए. फिर मैंने पेंट उतारी. अंदर उसने कुछ भी नहीं पहना था. मैं उसको गॉड में उठाकर मेरे बेडरूम में ले गया. बेड पर लेटाने के बाद मैं उसकी बगल मैं लेट गया. हम दोनों एक दुसरे की बदन को मल रहे थे. वह मेरे सख्त लिंग और गोटी को सहला रही थी और मैं उसकी मम्मों को मसाज कर रहा था.

आधे घन्टे तक हम बिना किसी आवाज के एक-दुसरे से बदन से खेलते रहे. अब खेल को आगे बढ़ाने का वक़्त था. मैंने उसको अपने नीचे लिया और उसको चूमने लगा. मेरा लंड उसकी जांघो के बीच में फंस गया. मैं उसको लगातार चूमे जा रहा था और उसकी मम्मो को दोनों हाथो से दबाया जा रहा था. वह चुदास में पागल हो रही थी और अजीब-अजीब आवाज कर रही थी. अपने नाखुनो से मेरे पीठ को खरोंचे जा रही थी. अब मैंने उसकी चुचियों को चुसना शुरू किया. एक को दबाता तो दुसरे को चूसता. वह एकदम चढ़ चुकी थी मेरे इस चुसाई से. मेरे सर को बालो से पकड़ कर अपनी चुचियों में और दबा रही थी और बके जा रही थी – “हाँ बाबु, जोर से चुसो.... चुसो और दूध निकल दो.... पियो दूध अपनी छिनाल का.... मर गई रे.... हाँ रंडवे, अपनी माँ का भी इसी तरह से चूसा होगा तूने.... मैं तुझे अपनी दूध पिलाऊंगी... आजा मेरे राजा... मेरे बालम” बीच-बीच में गाली भी बक रही थी. अचानक वो बैठ गयी और मेरे लंड को दोनों हाथो से पकड़कर बोली – “आज तो इसकी सारी पानी निकल दूंगी” फिर हाथ में थूक लगाकर तेज़ी से मुठ मरने लागी. मेरा लंड 1 घन्टे से टनटना रहा था इसलिए ज्यादा वक़्त नहीं लगा. एक तेज़ धार के साथ मेरा पानी छुट गया और मैं निढाल हो गया. सोमलता मेरे बगल में लेट गयी और मुझे चूमने लगी और मेरे लंड को सहलाने लगी. उसने मेरा बिर्य को साफ़ भी नहीं किया जो उसकी हथेलियों और मेरी कमर में गिरा था. दस मिनट के बाद मेरा लिंग जागने लगा और एक और पारी के लिए तैयार होने लगा. 


अब मेरे लंड में खून भर चूका था और और अपने पुरे आकार में आ चूका था. मैंने एक तकिया लिया और उसकी गांड के नीचे लगा दिया. उसकी गांड ऊपर आ गयी और मुझे उसकी झांट भरी चूत का पूरा नजारा मिला. उसकी झांटे घनी और काली थी. मैं उँगलियों से उसे टटोलने लगा. आखिर उसकी चूत का दरवाजा मिल ही गया. चूत में दो उँगलियाँ डाली तो पता चला की उसकी चूत पहले ही पानी छोड़ चुकी थी. मैं उसकी गर्म चूत में तेजी से ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा. मेरी रानी अपनी गांड को उछाल रही थी और मस्त सिसकारी मर रही थी. मैंने मन-ही-मन उसकी चूत को साफ़ करने का मन बना लिया. मेरी ऊँगली से चूत चुदाई में सोमलता को गर्म कर दिया और एक बार फिर उसका बदन अकड़ गया. उसने कस कर मेरे सर को पकड़ किया और एक गर्म पानी का फव्वारा छोड़ दिया. चूत से पानी बहते हुए गद्दे में टपकने लगा. कुछ देर के लिए वह खामोश लेटी रही फिर मेरे सर को खींचकर मेरे मुँह में उपनी जीभ डाल दी. हम दोनों एक दुसरे को चुसे जा रहे थे और हमारी लार एक-दुसरे के मुँह में घुल रहे थे. अब मेरे कान के पास होंठ लाकर धीरे से बोली – “बाबु अब मत तड़पाओ. बस अब अपने डंडा डाल दो. बहुत दिनों से तरस रही हूँ लंड के लिए.” मैंने उसकी चुचियों को मसलते हुए मस्ती में बोला – “सोमलता मेरी रानी, आज तेरा राजा तुझे और तेरी चूत को सोने नहीं देगा.” मेरे पाकेट से कंडोम निकाला और अपने लिंग को पहना दिया. मेरा लंड कंडोम में लंबा मोटा काला नाग जैसा लग रहा था. मेरे मोटे-ताजे लंड को देखकर सोमलता की आँखे फट गयी. हाथो में लेकर बोली – “यह बहुत मज़ा देनेवाला लग रहा है बाबु. आज मेरी चूत रानी की प्यास मिट जाएगी.” मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर डाला और उसकी चूत के दरवाजे पर लंड को टिका दिया. लंड के सुपारा से उसकी चूत से दानो को रगड़ने लगा. वह बेक़रार होए जा रही थी और सिसकारी मर रही थी - “हम्म्म्म, आःह्ह्ह, म्म्म्म्म्म्म, आऐईई, अआह्ह” मैं जान-बुझकर उसको तड़प रहा था. वह अपनी जीभ को दांत से काट रही थी. मेरा लंड us वक़्त किसी लोहे जैसा सख्त था.

मैंने लंड को चूत की फांको के बीच टिककर एक ज़ोरदार धक्का मारा. लंड सरसराता हुआ पूरा-का-पूरा उसकी चूत में घुंस गया. वह दर्द से पागल हो गयी. 2 सेकंड रुकने के बाद मैंने लंड को आधा निकाला और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. उसका दर्द थोड़ा कम हुए और मेरे धक्के पर गांड उछालने लगी. फच-फच की आवाज से कमरा गूंजने लगा. मैंने गति बढ़ाई. मेरा पूरा शरीर पसीने से भींग गया. सोमलता आखें बंद कर हल्की आवाज में सिसकारी ले रही थी और गांड को उछालते हुए मेरी कमर को पकडे हुए थी. अचानक मुझे लगा की मेरा लंड फुल रहा है. मैं धक्का लगाना बंद किया. थोड़ी देर रुका और लंड सामान्य हो गया. फिर से मैंने तेजी से धक्का लगाना चालू किया. उसकी चूत से पानी रिसने लगा और मेरा लंड ज्यादा आसानी से जाने लगा. 10-15 धक्को के बाद उसकी चूत मेरे लंड को कसने लगी. सोमलता का बदन कांपने लगा और मुँह से अजीब आवाज निकाल रही थी. मैंने वक़्त को देखकर और तेजी से धक्का लगाना शुरू किया. 8-10 धक्को के बाद वह झड गयी और कुछ देर में मेरा लंड भी प्रेम-रस छोड़ दिया. मैं उसके ऊपर गिर गया. मेरा लंड रुक-रुककर पिचकारी मारी और सारा मुठ कंडोम में छोड़ दिया. लेकिन लंड सिकुड़ने का नाम नहीं ले रहा था. मेरा गला सुख चूका था और सारा बदन पसीने से तर था. हम दोनों एक-दूसके को बाँहों में लेकर तेजी से साँस ले रहे थे. कुछ देर बाद लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया मैंने कंडोम को उतारा और एक गांठ लगाकर उसको बगल में फेंककर सोमलता को बाँहों के लेकर उसकी बगल में सो गया. हम दोनों ही एक मस्त चुदाई से काफी थके थे, इसलिए जल्दी नींद भी आ गयी


सुबह लगभग 7 बजे मेरी नींद खुली. सीने पर भार महसूस हुआ. मैंने देखा सोमलता मेरे बगल में चिपक के सोई थी लेकिन उसकी छाती मेरे सीने पर थी और मुझे सोते हुए देख रही थी. मैंने उसे देख मुस्कुराया और वह भी मुस्कुराई. अब उसकी आँखों से आंसू की बुँदे गिरने लगी. मैं फिक्रमंद हो गया, उसकी गालो को हथेलियों में भरकर प्यार से पूछा – “क्या हुआ रानी? तुम रो क्यों रही हो.” वह आंसू पोंछते हुए बोली – “कुछ नहीं बाबु. मेरी ज़िन्दगी में अचानक इतनी ख़ुशी पाकर रो पड़ी. जानते हो बाबु, 15 साल की उम्र में मेरी शादी हो गयी. आज अगर मेरा मरद मेरे साथ रहता तो तुम्हारे उम्र का मेरा बेटा होता. तुम बहुत अच्छे हो बाबु. सबका ख्याल रखते हो. तुम्हारी औरत बहुत खुश रहेगी.” मैंने उसको गालो को चुमते हुए बोला – “अब तुमको फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है. मैं तुम्हारा मरद, बेटा सबकुछ हूँ. वैसे भी अब मुझे तुम्हे मजदूरी करते देख अच्छा नहीं लगता. कुछ करूँगा तुम्हारे लिए. ठीक है. चलो अब मुँह-हाथ धोकर कुछ खाते है.” मैंने उसको खिंच कर उठाया. मैं बाथरूम में गया और वह कपड़े पहनने लगी. मुझे बाज़ार से खाने-पिने का सामान लाना था. मैं कपड़े पहन के तैयार हो गया. मैं उसको बोला – “सुनो मैं आधे घन्टे में आता हूँ. तब तक तुम तैयार होजाना. मैं बाहर से दरवाजा बंद कर दूंगा. ज्यादा आवाज मत करना. ठीक है?” उसने हाँ में सर हिलाया. वह फिर मेरी टी-शर्ट और बरमूडा पहने हुए थी लेकिन अन्दर ब्रा था. in कपड़ो में वह बिल्कुल अलग लग रही थी. मैं बाज़ार निकला. जाते-जाते मैं आज के कार्यक्रम के बारे में सोच रहा था. आज कुछ अलग करना था. जैसे उसको कुतिया बनाकर चोदना है, उसको चूत की झांटो को साफ़ करना है, उसकी चूत को चुसना है, उसको मेरा लंड चुसवाना है वगैरह. गाँव की औरत है इसलिए शायद यह सब नहीं जानती है. बाजार में मैंने अन्डे, ब्रेड, चोकलेट बगैरह ख़रीदे. एक पैक औरतों के सेविंग रेजर भी लिए. आज मेरी रानी की चूत को चमकाकर रहूँगा. उसकी चिकनी चूत की कल्पना मेरा लंड खड़ा कर रही थी. हड़बड़ी में मैंने अंडरवियर भी नहीं पहना था. बगल में स्कूल जाती कुछ लड़कियां मुझे देख हंस रही थी, तब मुझे पता चला की मेरा बरमूडा चलता-फिरता तम्बू बन गया है. मैंने बाज़ार का थैला सामने कर उसको छुपाने की कोशिश की. यह मेरे लिए एक नया तजुर्बा था. 40 मिनट के बाद मैं घर आया तबतक सोमलता बाथरूम से निकल ड्राइंग रूम में आ गयी थी. वह काफी खुश और ताज़ी लग रही थी. रंग भी काफी खुला लग रहा था. मैंने सोचा – “काश, मैं इसको हमेशा ऐसे ही रख पाता. कुछ तो करना पड़ेगा.” मैं चाय बनायीं, अंडे उबाले और हमने नास्ता किया. हमने नास्ता ख़तम किया ही था की गेट पर दस्तक हुई. मैंने इशारे से उसको चुप रहने और अन्दर के कमरे में जाने के लिए बोला. बाहर देखा, एक मजदूर था. मुझे देख बोला – “बाबु, आज कोई काम नहीं होगा. आदमी कम है. 2 दिन बाद काम चालू होगा” मैंने कहा – “ठीक है” वह आदमी चला गया. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. वाह! आज दिन भर हमे तंग करनेवाला कोई नहीं है. आज दिन-भर हम काम-लीला करेंगे. मैं गेट बंद कर अन्दर गया तो सोमलता भी अन्दर के कमरे से ड्राइंग रूम में आ गयी – “कौन था बाबु? क्या बोल रहा था?” मैंने दोनों बांहे उसके कंधे में डालते हुए कहा – “आज काम बंद रहेगा. कोई हमें परेशान नहीं करेगा.” वह जवाब में मुस्कुराई. मैंने कपड़े उतारे और पूरा नंगा होते हुए बोला – “चलो जल्दी से कपड़े उतारो” वह मेरी पीठ में चिकोटी काटते हुए बोली – “तुम बाबु हमेशा लंड पे सवार रहते हो” मैंने उसकी गाल पर एक चुम्मा देते हुए कहा – “रानी आज साथ में नहायेंगे”. “पर मैं तो नहा चुकी हूँ बाबु!” बहुत मासूमियत से वह बोली. मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर की और खींचते हुए बोला – “मेरे साथ तो नहाओ रानी. आज तुम पागल हो जाओगी.” “अच्छा” हँसते हुए उसने मेरी गांड पर एक चपत लगा दी. आज मैं उसकी झांटो को साफ़ करनेवाला हूँ. वह सारे कपड़े उतार दी सिर्फ पेंटी रहने दी. उसकी कमर को धक्का देकर बाथरूम में ले गया. उसको एक टांग स्टूल पर रख खड़ा कराया और पेंटी उतार दी. उसकी चूत की झांटे काफी लंबी थी. मैं निचे बठकर झांटो में उँगलियाँ फिरने लगा. वह बोली –“क्या इरादा है बाबु?” मैंने उसकी आँखों में देखकर पूछा – “अच्छा रानी, तुम्हे in झांटो से दिक्कत नहीं होती है?” वह बोली – “हाँ बाबु, दिक्कत तो होती है. पहले जब मरद था तो कटती थी. अब किसके लिए करूँ?” मैंने उसकी झांटो के ऊपर एक चुम्मा जड़ते हुए बोला – “अब मैं हूँ ना मेरी रानी.” उसकी चूत से मादक महक आ रही थी. उसके मेरे माथे को हल्का धक्का दे डांटते हुए बोली – “छि बाबु, वहां गन्दा है, मुँह मत लगाओ” मैं बोला – “अभी साफ़ कर देता हूँ.” प्लास्टिक बैग से क्रीम और रेजर निकाला और ढेर सारा फोमिंग क्रीम उसकी झांटो पर मलने लगा. सोमलता थोड़ी डरी हुई लग रहू थी. डरते हुए बोली – “बाबु, कुछ होगा तो नहीं?” मैंने उसको तसल्ली देकर कहा – “कुछ नहीं होगा मेरी रानी, सब औरतें ऐसे ही साफ़ करते है. देखना तुम पुरी चिकनी चमेली बन जाओगी” वह धीरे से हंस पड़ी. मैंने रेजर से चूत की दूर से छिलना शुरू किया. रेजर चलने से उसको गुदगुदी होती और वह कांपती. मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ते हुए बोला – “रानी हिलो मत. रेजर चलने में दिक्कत होता था” आस-पास की बालो को साफ़ करने के बाद मैंने तोलिये से चूत को पोंछा. अब सिर्फ चूत का होंठो के झांट बचे थे जिसको साफ़ करने में सावधानी की जरूरत थी. सोमलता तो आँख बंद कर पुरे बदन को कसकर खड़ी थी. फिर से चूत पर क्रीम लगाया और चूत की होंठो को ऊँगली से खींचकर रेजर चलाना शुरू किया. जैसे-जैसे बाल साफ़ होते गए, उसकी चूत चमकने लगी. अब सारे बाल साफ़ हो चुके थे. मैंने पानी से अच्छी तरह धोया और स्किन क्रीम लगाया. उसकी बदन का रंग सांवला था लेकिन उसकी चूत की फांके गहरे गुलाबी थी और झांटो के हटने के बाद चमक रही थी. शायद चूत में ऊँगली करने के कारण पानी छोड़ रही थी. मैंने एक छोटा आइना दिया और बोला – “देख लो. तुम्हरी चूत रानी कैसे चमक रही है” वह शीशे के चूत के निचे लगाकर देखी और थोड़ा शरमा गई और मुझसे लिपट गई.
“अभी और काम बाकी है मेरी रानी” मैंने उसको अलग करते हुए कहा. वह पूछी – “अब क्या” मैंने उसकी बायीं हाथ को ऊपर उठाया और सिर के दूसरी और रखते हुए बोला – “ऐसी ही रहना” अब बारी-बारी से दोनों बगलों पर फोमिंग क्रीम लगाकर साफ़ किया. अब वह बिल्कुल एक शहरी औरत जैसी लग रही थी. “चलो हो गया. अब नहाते है” मैंने सेविंग का सामान बैग में रखते हुए कहा. “आज मैं तुमको नहलाउंगी” मुझे स्टूल पर बैठाया और शावर चला दी. अब साबुन से मेरी पीठ मलने लगी. जोर-जोर से मेरी पीठ मलती हुई वोह मेरी छाती भी मलने लगी. साबुन लगाने के दौरान उसकी चूचियां मेरे शरीर को छू जाती जो मेरे लंड को इंच-इंच लंबा करती. अब वह मेरे सामने आ गयी और मेरी छाती, कमर और पैरो को साबुन लगाने लगी. मैंने उसकी चेहरे को देख रहा था. उसकी चेहरे में कहीं भी वासना नहीं था. बड़ी मासूमियत से मुझे साबुन लगा रही थी जैसे कोई माँ अपने बच्चे को नहलाती है. मुझे मलने के समय उसकी चूचियां हिल रही थी, जिसको देख मैं पागल हो रहा था. मेरा लंड तो अपना चमड़ा फाड़ना चाहता था. सोमलता ने मुझे खड़ा किया और मेरे कमर के निचे साबुन मलने लगी. मेरे लंड के आस-पास के इलाके को रगड़ने लगी. मेरे लंड को भी हाथ से पकड़कर रगड़ने लगी. मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी. उसने मेरी और देखा और हँसते हुए बोली – “बाबु यह हमेशा खड़ा रहता है क्या?” मैंने भी मस्ती कहा – “रानी, तुम जैसी जवान औरत के हाथ में अगर खड़ा ना हो तो फिर किस काम का” वह जोर से हंसी और बोली – “बहुत मस्त माल है बाबु तुम्हारा लंड. इसे पाकर तो मेरी जवानी वापस आ गयी. चलो तुम्हारा काम हो गया. इसका भी काम कर देती हूँ.” मेरे लंड की मुठ मरने लगी. साबुन के झाग के कारण काम आसन हो गया. मुठ मरने में उसको काफी मेहनत करनी पड़ी. लगभग 25 मिनट में मेरा मुठ छुटा और लंबी पिचकारी मरते हुए सारा पानी उसकी चुचियों पर गिरा. अब वह शवोर चलाकर मेरे बदन में लगी साबुन को धोकर मुझे टॉवल से सुखाकर बोली – “बाबु जाओ. अब मैं नहाती हूँ.” मैंने उसको पकड़ कर कहा – “रानी, अब मुझे नहलाने दे” वह बोली – “आज नहीं, आज मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए अकेले. अब जाओ भी” मुझे धक्का देकर निकलते हुए बोली. मैं मायूस होकर नंगा ही बाथरूम से निकला. बॉक्सर डाला और नास्ता की तैयारी करने लगा. लगभग आधे घन्टे के बाद वह सिर्फ तोलिया लपेट कर बाहर आई. आज बहुत खुश और निखरा हुआ लग रही थी. तोलिया उसकी चुचियों को ढकने में नाकाम लग रहे थे. दो स्तनों की गहरी घाटी ज्यादा गहरी लग रही थी और आधा स्तन तो ढका ही नहीं था. निप्पल के गोल घेरे भी तोलिये के किनारे से दिख रहे थे. वह खाने के टेबल के कुर्सी को खींचकर बैठते हुए बोली – “बहुत भूख लगी है बाबु, खाना लगाओ ना.” मैंने हँसते हुए कहा – “इतनी भूख लगी है की कपड़े भी नहीं पहनी?” वह मासूमियत से बोली – “क्या फायदा जब उतरना ही है” मैं उसको चूमने वाला ही था की वह हाथ दिखाकर मुझे रोकते हुए बोली – “पहले खाना खा ले. बाद में मुझे खाना” मैंने एक ठहाका लगाया और चाय, ब्रेड और अंडे का नास्ता करने लगा.
 


 हमदोनो टेबल पर आमने-सामने बैठे थे. मैं सिर्फ बॉक्सर पहना था और मेरी सोमलता तो टॉवल छाती से लपेटे हुए थी. जब वह बैठ खाना खा रही थी तो टॉवल सिर्फ उसकी कमर को ढक रहा था, उसकी गोरी चिकनी जांघे नंगी थी. उसकी जांघों का मस्त नज़ारा मेरे लंड को बहुत अच्छा लग रहा था जो रह-रहकर बॉक्सर फाड़ने को बेताब हो रहा था. मैं मन में सोचा – “आज इसको चुसाई का मज़ा देना है. लेकिन इससे पहले इसको राज़ी करना पड़ेगा. कल परिवार आ जायेगा तो फिर हमारा यह कार्यक्रम नहीं हो पायेगा.” मेरे दिमाग में एक तरकीब आया. नास्ता ख़त्म करने के बाद, मै उसको अपने कमरे ले ले गया. सारे दरवाजे-खिड़कियाँ बंद करने के बाद उसको एक चेयर पे बैठाया और बोला – “रानी, फिल्म देखोगी?” वह फ़ौरन हामी भरते हुए बोली – “हाँ, कौन सी फिल्म बाबु?” मैंने कहा – “देखो मज़ा आएगा” मैं दौड़ कर दो बियर फ्रिज से निकल लाया और उसके बगल चेयर में बैठ गया. मैंने एक पोर्न विडियो लगाया था जिसमे एक सौतेली माँ बेटे को बताती है की उसकी गर्ल-फ्रेंड को कैसे चूमना है. बात चुम्मी से शुरू होकर चुदाई तक पहुँचती है. वह माँ उससे चूत चुसवाती है फिर उसका लंड चूसती है. दोनों डौगी स्टाइल में चुदाई करते है और आखिर में सौतेली माँ बेटे का मुठ मरती है, सारा बिर्य पि जाती है. यह विडियो धीमा होने के साथ-साथ काफी सेक्सी है. ना जाने मैंने कितनी बार इसको देख मुठ मारा है. विडियो की नायिका की फिगर उसकी उम्र के वावजूद लाजवाब था. जैसे ही फिल्म शुरू होती है, सोमलता की आँखें बड़ी होनी शुरू होती है. मैं उसकी कुर्सी को अपने पास खिंच लेता हूँ. जब फिल्म का नायक अपनी सौतेली माँ की स्तन को मसलता-चूसता है तो सोमलता अकड़ कर सीधी हो जाती है. उसकी आँखें अब लैपटॉप स्क्रीन पर गड जाती है और उसे अपना ख्याल तक नहीं रहता. फिल्म आगे बढती है. अब नायक अपनी माँ की चूत को चूमना-चाटना शुरू करता है और साथ-साथ उसे अपनी ऊँगली से चोदता भी है. माँ जोर-जोर से सिसकारी लेती है और अपने बदन को उछलती है. यह गर्म दृश्य देखकर सोमलता गर्माने लगती है. उसका हाथ खुद-ब-खुद योंनी पर चला जाता है और उसे रगड़ने लगती है. उसकी चूचियां इतनी कास जाती है की वो जो तोलिया लपेटे हुए थी वह खुल का गिर जाता है. उसकी चूचियां सख्त और निप्पल सीधे खड़े हो जाते है. मैं अपने दायें हाथ से उसकी नंगी मांसल जन्घो को सहलाना शुरू करता हूँ. अब उसके मुँह से सिसिकारी निकलना आरंभ होता है. वह आँखें बंद कर सिसिकारी मारे जा रही है और ऊँगली से अपनी चूत को मसले जा रही है. मैंने उसकी हाथ को रोक अपनी ऊँगली से उसकी चूत के भागनासे को छेड़ना शुरू करता हूँ. मेरी ऊँगली की हर हरकत पर उसकी आंह निकलती है. “आःह्ह्ह....... माई री......... हाय बाबु........... मै मर जाउंगी मेरे राजा........ सिसिसिसी.........................”

अब यह खेल कुर्सी पर खेलना असंभव था. मैंने उसकी कमर से उठाया और मेरे बिस्तर पर पटक दिया. वह मेरी और प्यासी नज़रो से देख रही थी. मानो वह कई दिनों की प्यासी है और मेरे पास शरबत का गिलास है. मै उसके पास गया और उसकी टांगो के निचे बैठ गया. उसकी दोनों हथेलियों को अपनी हथेलियों में लेकर पुरी बदन को अपने बदन के निचे लाया और उसकी होंठो का रस चूसने लगा. चूसने के दौरान मैं अपनी लिंग को उसकी चूत के ऊपर रगड़ भी रहा था. इसके बाद उसकी चुचियो की बारी थी. उसकी चूचियां इतनी सख्त हो गयी थी की मैं उसे मुँह से पकड़ नहीं पा रहा था. अब मैं उसकी नाभि के पास जीभ से चाटना शुरू करता हूँ. मेरी जीभ उसकी गहरी नाभि में जब-जब घुसती, तब-तब वह पेट तो सिकोड़ देती. अब मैं उसकी चूत के उपरी हिस्से को चाटते हुए उसकी क्लिट को छेड़ना शुरू करता हूँ. उसकी चूत के गुलाबी होंठ फूलकर पावरोटी जैसे हो गए. मैंने जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी. वह उछल कर बैठ गयी. मैंने उसको निचे गिराया उसकी चुचियों पर हाथ रखा और फिर से चूत में जीभ डाल दी. वह सर को उठाकर आंहे भरे जा रही थी और उसकी चूत जीभ के लिए और गहरी जगह बानी रही थी. जब मैंने देखा की जीभ आसानी से अन्दर-बाहर हो रही है तो मैंने अपनी बीचवाली ऊँगली चूत में डाल दी. उसकी चूत अन्दर से काफी गर्म था. उसकी सिसिकारी की आवाज बढती जा रही थी. मैंने ऊँगली को डालना चालू रखा और जीभ से चूत की क्लिट को चाटना भी. 10 मिनट के बाद सोमलता का बदन अकड़ने लगा. वह मेरे बालो को जोर से पकड़कर मेरे माथे को अपनी चूत में दबाने लगी. अब उसकी चूत गीली हो रही थी जो बता रही थी की वह चरम आनंद के पास पहुँच रही है. अब उसकी बदन के निचे का हिस्सा जोर जोर से कांपने लगा. मैंने चुसना और ऊँगली से छेड़ना जरी रखा. अचानक उसकी चूत ने जोर की पिचकारी मारी और मेरा मुँह उसकी योनिरस में भर गया. नमकीन गर्म पानी के स्वाद ने मुझे मदहोश कर दिया. सोमलता की मेरे बालो पर पकड़ ढीली हो गयी और वह ढीली होकर लेती रही. मैं ऊपर आकर उसकी बालो को सहलाने लगा. उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव था. कुछ देर के बाद उसकी बांहों में मुझे जकड़ा और मुझे अपने करीब खिंच लिया. उसकी चूचियां अब भी सख्त थी जो मेरे सीने में गड रही थी. वह मेरे कान के पास आकर धीरे से बोली – “बाबु, किसी ने पहली बार बिने चोदे मुझे इतना सुख दिया. तुम बहुत अच्छे हो.” अब वह मेरे लंड को टटोलने लगी. मुझे लगा की वह भी मुझे मुख-मैथुन का सुख देना चाहती है. लेकिन लगता है वह अभी भी इसके लिए तैयार नहीं थी.

मेरे लंड को पकड़ कर बोली – “बाबु, इसको प्यासा मत रखो. मेरी चूत में तो बारिश हो गयी. इसको भी डूबने का मौका दो.” “ठीक है. चलो अब घोड़ी बन जाओ” मैंने उसको कमर से पकड़ कर घोड़ी जैसा स्थिति बनाने की कोशिश की. वह थोड़ा असहज महसूस कर रही थी क्योंकि यह उसका पहला बार था. मैंने बड़ी मुस्किल से उसकी पोजीशन बनायीं और उसकी कमर को बाएं हाथ से कसकर लपेट लिया. उसकी गीली चूत को द्दो-चार बार ऊँगली से मसलने के बाद लंड में सूपड़ा योनी के द्वार पर रख दिया. मैं उसकी कान में बोला – “रानी तैयार हो मेरे लंड राजा के लिए?” वह थूक निगलते हुए बोली – “हाँ मेरे सैंया राजा, डाल दो अपना डंडा” मैंने धीरे से धक्का लगाया. लंड आधा जाकर फास गया. चूत की दिवार लंड को कसकर पकडे थी. उसकी गले से एक हल्की चीख निकली. मैंने फिर से ज़ोरदार धक्का लगाया. लंड चूत की दीवारों को फाड़ते हुए सीधे बच्चेदानी से जा टकराया. मेरे इस धक्के ने सोमलता की बदन को हिलाकर रख दिया और मेरा कमर जोर से उसकी गांड से टकराया. उसने बड़ी मुस्किल से अपनी चीख को बाहर आने से रोका. मैं कुछ सेकंड के लिए रुका, उसकी स्थिति को सही किया और धीरे से लंड को बाहर खिंचा. लंड के सुपाड़े को बिना बाहर निकाले फिर से धक्का दिया. अब कुछ कम तकलीफ हुई. अब मैं धीरे-धीरे धक्का लगता रहा. एक हाथ से उसकी चुचियों को बीच-बीच में मसलता भी था. अब मेरा लंड फूलने लगा. मैंने धक्के की रफ़्तार बढ़ाई. मेरा कमर जोर-जोर से उसकी गांड में टकराता गया. वह भी धक्के के ताल पर अपनी गांड को आगे-पीछे करने लगी. 20 थापों के बाद मेरा लंड झड़ गया. मै बिना लंड को निकले उसके ऊपर निढाल हो गया. मेरी सांसे जोर-जोर से चल रही थी. मेरा लंड सिकुड़ने तक उसकी चूत में अटका रहा और बाद में फच्च की आवाज के साथ बाहर निकल गया. हमदोनो लगभग 15 मिनट तक लेते रहे. बाद में वह उठकर बाथरूम में चली गयी और मैं लेटा रहा. मैंने घडी में वक्त देखा, दोपहर के 12 बज रहे थे.







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