Monday, January 29, 2018

FUN-MAZA-MASTI प्यार , सम्भोग ओर धोखा-4

FUN-MAZA-MASTI

प्यार , सम्भोग ओर धोखा-4


आज मुजे घर जाना था और एक हफ्ता रह गया था भाई की शादी को तो पहले मेने राधिका जी को घर छुड़वाया ओर में लक्ष्मी को गांव की जिम्मेदारी देखे बाकी सबके साथ घर आ गया इंडस्ट्री का काम 75% पूरा हो गया था अगले हफ्ते भाई की शादी के बाद इंडस्ट्री का उद्घाटन होना था उसकी जिम्मेदारी भी लक्ष्मी पे थी । घर जेक मेरी खूब खातिर हुई माँ मुजे इतने टाइम बाद देख रही थी तो उनकी आंखों में आंसू से चाची का भी ये ही हाल था वही मेरी सारी भहने बोहुत खुश थी मुजे देख कर पर मुजे सीमा कही नही दिख रही थी बोहुत पूछने पर मा ने बताया के उसके पिता की तबियत ठीक नही है जब ठीक होगी तो वो आ जाएगी मगर मुजे कुछ गड़बड़ लगी क्योंकि ऐसा पहले कभी हुआ नही था सीमा ऐसे गयी नही थी कभी भी फेर आज क्यों मगर घर की खुशी देखते हुए मेने बात ओर नही बढ़ाई ओर लग गया घर के कामो में मेरा काम था कि घर की लेडीज़ को कोई असुविधा ना हो उनकी जरूरतों का सारा ध्यान मुजे ही रखना था बोहुत सारे रिश्तेदार आए हुए थे कुछ के रहने का इंतजाम घर मे था तो कुछ का बाहर होटल्स में मेरे सभी करीबी घर पे ही थे फिर शाम को में सभी लेडीज को शॉपिंग करने ले गया तो माँ ने नंदिनी को भी शॉपिंग मॉल में बुला लिया ताकि शादी का जोड़ा उसकी पसंद का हो अपनी सभी बहनों को मैने शॉपिंग कराई ओर थोड़ी देर में नंदिनी भी आ गयी जिसकी नजर मुझपे ही थी जैसे कुछ कहना चाह रही हो बात करना चाह रही हो तो में उसे साइड में ले गया बात करने के लिए ।
विश्वास – नंदिनी सब ठीक तो है ना क्या हुआ ।

नंदिनी – हाँ में ठीक हु ओर खुश भी हु इस शादी से अब मुजे समाज आ गया है के तुम्हारे भाई मुजे बोहुत प्यार देंगे उस एक महीने में मैं उन्हें बोहुत अच्छे से परख लिया है जान लिया है ।

विश्वास – ये तो बोहुत अच्छी बात है ।

नंदिनी – पर मेरा पहला प्यार तो तुम ही हो क्या में एक चीज मांगू दोगे ।

विश्वास – मांगो जो चाहिए

नंदिनी – मुजे अपनी लाइफ की एक शाम देदो में तुम्हारे साथ रहना चाहती हु एन्जॉय करना चाहती हु ।

विश्वास – पर ये नही हो सकता में अपनी होने वाली भाभी के साथ कैसे नही नही ।

नंदिनी – में कुछ नही जानती में सेक्स के लिए तो नही बोल रही ना मुजे कुछ नही सुन्ना बस मुजे चाहिए ।

विश्वास – ठीक है दिया मगर मेरी शर्तो पे जब में चाहू तब ।

नंदिनी – हाँ लेकिन शादी से पहले ही । में इंतजार करूँगी ।

विश्वास – ओक काल हम आ रहे है तुम्हारा दुल्हन का जोड़ा लेके ओर हळद ही तुम सरप्राइज भी दूंगा चलो अब चलते है नही तो कोई गलत समझेगा ।

फेर हम बाहर आ गए और अपने अपने घर आ गए आज बोहुत थक गया था तो में जल्दी ही सोने की सोची आज पूरे एक हफ्ते बाद बिना सेक्स के सो रहा था तो आदत सी हो गयी थी । तो मैने लैपटॉप में से पोर्न निकाली और मुठ मारने लगा और जैसे ही क्लीमेक्स कि ओर पाहुचा के तभी रश्मि दीदी कमरे में आ गयी मेरा ध्यान तो पोर्न में था में लगा रहा मुजे पता नही लगा लेकिन दीदी कुछ देर तक मेरे लंड को देखती थी और जैसे ही मेरा पानी निकला और मेरा ध्यान दीदी पे गया मेरी फट के हाथ मे आ गयी अब क्या करूँ । तभी

रश्मि – आई आम सॉरी विश्वास मुजे नोक करके आना चाहिए था ये तुम्हारा दुद रखा है पी लेना ।

में कुछ बोलता उससे पहले ही दीदी जा चुकी थी और मेरी थोड़ी जान में जान आई के सहली बच गया आज तो नही तो लेने के देने पड़ जाते । ये लंड भी किसी दिन मार खीलवाएगा ओर कटवाएगा मेरी नाक ओर यही सोचता सोचता में सो गया ।


अगली सुबह में उठा नहा धो के सबको नाश्ते की टेबल पे मिला सबको गुड मॉर्निंग विश किया और फिर पापा से बिज़नेस की बात की ओर फिर भाई से पूछा के आज कोई खास प्रोग्राम तो नही तो पता लगा आज घर पे पाठ का प्रोग्राम है तो सभी औरते उसी की तैयारिया कर रही थी तो अब मेने सोच के में क्या करूँ तभी मुजे सभी बहनों का प्रोग्राम का पता चला उन्होंने आज सारा दिन जब तक पाठ का प्रोग्राम पूरा न हो जाए बाहर मस्ती करने की सोची ओर उसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी थी फिर हमने प्लान बनाया के हम सारी बहन और में मिलके पहले नंदिनी के घर जाएंगे उसे शादी का जोड़ा देंगे उसके बाद झा भी घूमने जाना हो वहां चलेंगे । फिर हम सब नाश्ता करके अपने अपने कामो में लग गए तभी मुजे लगा कि जैसे बार बार कोई मुजे चोर नजरो से देख रहा है और उस नजर का पीछा करते हुए पता लगा वो रश्मि दीदी उर उनको देख के मेने इशारे में पूछा क्या हुआ तो वो इशारे में बोली कुछ नही ओर शर्मा के अपने कमरे में चली फेर में तयार हो गया और सबका इंतजार करने लगा तभी मेने देखा मेरी सभी भहने चली आ रही थी सभी अपने अपने सूट सलवार में थी मगर एक बहन ऐसी थी जिसे देखते ही मेने उसे देखने का नजरिया बदल दिया दिमाग कह रहा था कि वो बहन है मगर मन मानने से मना कर रहा था के ये बहन है मन कर रहा था के अभी होंठ से होंठ चिपका लू आज पहली बार उसके एक एक अंग का पता लग रहा था मेरी रश्मि बहन टाइट टॉप ओर स्किन फिट जीन्स में कमर को लचकाते बलखाते मटकते मटकते आई और सीधा मेरे बगल में आ के बैठ गयी ये पहली बार था जब में जान बूझ के काम रास में लिप्त होजे अपने बहन के एक एक अंग की खुशबू महसूस कर रहा था उसका स्पर्श महसूस कर रहा था बोहुत ही सुखद अनुभव था वो राधिका के साथ बिताए लम्हो से भी सुखद कार में नही चलाने वाला था तो सभी बहन और में पीछे बैठ गए और कार जास्मिन चला रही थी कुछ देर बाद हम नंदिनी के घर चले गए वहां हमारी अच्छी खातिरदारी हुई नंदिनी की माँ बोहुत ही अच्छी नेचर की है बोहुत ही खूबसूरत महिला है आज तो एक के बाद एक माल टकरा ही रहे है पता नही कैसे कंट्रोल कर रहा हु में उनकी चल ढल देख के लगता है के ये बिल्कुल राधिका जैसी है और फिगर तो उससे भी मस्त है कामिनी आंटी का ओर जैसे प्यार दिखा रही है लगता है बेटी से पहले मा बिस्तर पे आएगी । और फिर हम वहां शादी का जोड़ा देखे वहां से निकल गए ।
विश्वास – तो हाँ बहनो क्या आज्ञा है कहा चलना है ।

देविका – विश्वास यहां से हम चले जाएंगे झा हमने जाना है हम गर्ल्स की शॉपिंग में तुम्हारा क्या काम तुम अपना एन्जॉय करो जब हम फ्री हो जाएंगे तब तुम्हे कॉल करेंगे तुम अजाना ओर फिर हम खा पी के घर चलेंगे ।

विश्वास – ओक दी हेव फन ।

रश्मि – अरे रुको में भी तुम्हारे साथ ही चलती हु ना तुम्हे भी कंपनी हो जाएगी ।

विश्वास – ओक चलो ।

देविका – मन में क्या अजीब लड़की है पहले खुद ही प्लान बनाती है और अब खुद रुक रही है । ठीक है तुम जाओ विश्वास के साथ हम काल करके बुला लेंगे ।

फिर वो सब अपने रास्ते ओर में जास्मिन ओर राधिका अपने रास्ते हम वहां से पास में ही एक फेमस पार्क था वहां चले गए जास्मिम ने हेड क्वाटर 10 जानो की ओर टीम मंगवा ली थी जो पार्क के आस पास ही थी तो जास्मिन भी पार्क के बाहर से ही हम पे नजर जमाए हुए थी ये तो में बताना भूल ही गया कि वो पार्क फेमस क्यों था वो फेमस था कपल्स के लिए जहा वो खुले में रोमांस करते है कोई रोक नही कोई टोक नही तो हम भी वहां जेक एक कोने में पेड़ के नीचे बैठ गए कुछ देर तो शांति रही फिर मेने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा ।

विश्वास – आई आम सॉरी रश्मि दीदी ।

रश्मि – सॉरी किसलिए ।

विश्वास – वो काल रात जो भी हुआ ।

रश्मि – काल रात ऐसा क्या हुआ काल रात जो तू माफी मांग रहा है ।

विश्वास – दीदी आप जानती हो में किस बारे में बात कर रहा हु वो मुजे नही पता क्या हो जाता है आजकल कंट्रोल ही नही होता है मुझसे ओर ये किये बगैर शांति भी नही मिलती ।

रश्मि – देख विश्वास जो भी हुआ तू अपने रूम में कर रहा था वो तो में बिना खटखटाए आ गयी तो गलती मेरी है ओर रही बात कंट्रोल की इस उम्र में ये आम बात है नही होता पाता कंट्रोल इसमे कोई गलत बात नही है हस्तमैथुन सब करते है लड़के हो या लडकिया जब तक उन्हें उनका पार्टनर ना मिल जाए ।

दीदी के मुंह से ऐसी बाते सुनके मुजे शोक लगा मुजे नही पता था दीदी इतनी फ्रैंक है मगर अच्छा भी लग रहा था कोई तो है बात करने के लिए ।

विश्वास – तो क्या दी आप भी करती हो ।

रश्मि – हाँ भई में भी तो नार्मल हु तो में भी करती हूं ।

विश्वास – तो दीदी आपको नही मिला अभी तक पार्टनर अभी तक ।

रश्मि – नही यार शादी तो माँ की मर्जी से ही करनी है तो बाहर वालो से डर लगता है कही प्यार हो गया तो कही माँ ही न दिल तोड़ दे शादी से मना करके या फिर कोई फायदा ना उठा ले मुजे नाजुक काली का । ओर यार तू मुजे दीदी मत बोल तुझमे ओर मुजमे एज का ज्यादा फर्क नही है तो तू मुजे नाम से बुला समझा ।

विश्वास – ओक रश्मि ।

रश्मि – तू बता तेरी गर्लफ्रैंड है ।

विश्वास – नही रश्मि यहां तो अपना हाथ जगन्नाथ ।

रश्मि – केसी लड़की चाहिए तुझे ।

विश्वास – तुम्हारे जैसी सेक्सी बोल्ड फ्रैंक केअर करने वाली मगर मेरी ऐसी किस्मत कहा चिराग लेके ढूंढने से भी नही मिलती ।

रश्मि – फिर तो तेरी प्रॉब्लम भी मेरे जैसी ही है काश हम दोनों भाई बहन ना होते तो में तुजे ही बॉयफ्रेंड बना लेती ।

विश्वास – यही बात तो में तब से सोच रहा हु जब से तुम्हे इन कपड़ो में देखा है और आंख मर्दि ।

रश्मि – वेसे एक काम हो सकता है अगर तुम्हें मंजूर हो तो तू ओर में , में ओर तू गर्लफ्रैंड बॉयफ्रेंड बन जाए किसी को कुछ पता भी नही चलेगा न ही हम पे शक होगा बोल मंजूर है ।

विश्वास – सोचले गर्लफ्रैंड होने के सारे फ़र्ज़ निभाने पड़ेंगे ओर मुजे सारे हक़ भी चाहिए बॉयफ्रेंड होने के ।

रश्मि – सोच लिया पर मेरा हक़ ओर तुम्हारे फ़र्ज़ का क्या तुम निभाएगे ।

विश्वास – आज़मा के देखलो ।

रश्मि – तुम भी आज़मा लो ।

विश्वास – किस्स में यहां खुले में सबके सामने अभी ।

रश्मि कुछ सोचती हुई ।

विश्वास – क्यों डर गई ।

रश्मि – डरी होती तो जो कल रात देखा उसके बाद तुम्हे बॉयफ्रेंड नही बनाती ।

इतना बोलते ही रश्मि ने अपने होठ मेरे होंठो से जोड़ दिए और चालू हो गया स्मूच ओर हमारा स्मूच कब वाइल्ड हो गया पता ही नही चला और दस मिनट तक मे रश्मि को युही चूसता रहा और मेरा हाथ ना जाने कब रश्मि की गान्ड पे चला गया और हमारा चुम्बन रश्मि के फ़ोन की विबेरेशन से टूटा जब चेक किया तो पता लगा वो कॉल दीदी का था हमे पार्क में 2 घंटे हो गए थे । रश्मि ने कॉल बैक किया तो पता लगा उन्हें दुकान से पिक करने को बोल रही थी ।

रश्मि – तुम ऐसा करो फ़िल्म की जितने हम लोग है उतनी टिकट बुक करा लो और ध्यान रहे हम दोनों की टिकट अलग हो और शाम वाले शो में बुक करना ।

विश्वास – हमारी अलग क्यों सब क्या कहेंगे ।

रश्मि – क्यों अब तुम डर गए बॉयफ्रेंड हो तो मेरा फ़र्ज़ है तुम्हे एन्जॉय करना वो ही कर रही हु ओर तुम किसी से कुछ मत कहना सब मे देख लुंगी । अब चलो ।

फिर मेने सबको पिक किया और चलदिये उस माल की तरफ जहाँ फ़िल्म बुक कराई थी वही कुछ खा पी भी लेंगे फेर हम उस माल में पोहुचे हमने खाना खाया ओर फिर दीदी जो शॉपिंग करके लाई थी वो रश्मि दीदी को दिखाने लगी कुछ देर बाद हमारी फ़िल्म देखने का टाइम आ गया मेने सबको सबकी टिकट दी ।

देविका – ये तुम दोनों की अलग सीट क्यों है ।

रश्मि – दी विश्वास का बोहुत मैन था फ़िल्म देखने का सभी जगह हाउस फुल था बस लडके यही सीट मिली तो ऐसे ही बैठना पड़ेगा भाई इतने टाइम बाद बाहर आया है इतना तो कर ही सकते है उसके लिए ।

मेरा नाम आते ही सब राज़ी हो गयी किसी को कोई शिकायत नही थी फिर हम थिएटर में पोहुचे फर्स्ट हाफ तक तो हम फ़िल्म देखते रहे ताकि ओरो का पूरा इंटरेस्ट बन जाए फेर सब उठके इंटरवल बाहर चले गए रश्मि टॉयलेट चली गयी वापिस फ़िल्म शुरू होने में 5 मिनेट थे तो सब अपनी अपनी जगह बैठ गए अब सबका ध्यान सिर्फ फ़िल्म में ही था तो यहां रश्मि ने मेरा हाथ पकड़ लिया पहले तो हाथ सहलाती रही फिर मेरा हाथ एक गर्म भट्टी जैसी जगह पे रख दिया कुछ ही देर में मैने भाप लिए की ये रश्मि की कुवारी चुत है ओर उसने वहां पैंटी नही पहन रखी थी में बोहुत ही प्यार से उसकी चुत सहला रहा था और अब मेरा दूसरा हाथ मेरे लंड पे था जो मेने पेंट से बाहर निकाल लिया था एक हाथ से मुठ मार रहा था एक हाथ से चुत सहला रहा था के तभी रश्मि में अपनी जेब से अपनी पैंटी निकली और मेरे लंड पे लगा के रगड़ने लगी सहलाने लगी जब तक मेरा पानी नही निकल गया तब तक फिर वो अपनी पेंटी जिसमे मेरा वीर्य था उसे लेके बाहर चली गयी और कुछ देर बाद वापिस आके बेथ गयी मेने अपना हाथ वापिस उसकी चुत पे रखा तो वहां पेंटी थी जो आगे से गीली थी फिर कुछ देर बाद फ़िल्म खत्म हो गयी और हम सब कार में बैठ के घर की ओर निकल गए कार में बैठने के बाद मेने उसे मेंसेज किया कि दम है तो यहां किस्स करो और मैने कार में नजर दौड़ाई तो सब सो रहे थे सिर्फ में जास्मिन ओर रश्मि जग रहे थे तो रश्मि ने मुजे छोटा सा किस्स किया और हम घर पोहच गए सभी लड़कियां थक गई थी तो अपने अपने रूम में जेक सो गई लेकिन में सबके साथ खाने की टेबल पे बैठ गया और कल क्या होने वाला के उसकी बात करने लगा तो पता लगा काल जो है बेचलर पार्टी है भाई की ।


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राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

FUN-MAZA-MASTI प्यार , सम्भोग ओर धोखा-3

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प्यार , सम्भोग ओर धोखा-3

अगले दिन सभी सुबह सुबह घर चले गए यहां बस वकील राधिका डॉक्टर कावेरी वेदिका दीदी सीमा ओर जास्मिन ओर उसकी टीम रह गयी थी और लक्ष्मी जो यही की थी हमारे साथ ही हवेली पे रहने लगी हमारे खाने पीने का सारा इंतजाम वो ही देख रही थी । तो सुबह सुबह सब चले गए तो 5 बज रहे थे तो हम भी फ्रेश होके छत पे चले गए मौसम का मज़ा लेने और थोड़ी एक्सरसाइस करने के लिए मगर जैसे ही में ऊपर आया तो नजारा ही अलग था । वहां जास्मिन ओर राधिका एक्सरसाइस कर रहे थे योगा कर रहे और में छत पे आके ऐक टक उन्हें ही देखता जा रहा मुजे कोई होश नही था जमाने का ओर में बस दीवार के साथ लग के नजारे ले रहा था तभी मेरी चेतना एक आवाज से वापिस आई ।
जास्मिन – सर सर आप सुबह सुबह यहां ।

विश्वास – जी… जी बस ताज़ी हवा लेने आ गया और एक्सरसाइस करने क्या में आपको जॉइन कर सकता हु ।

राधिका – हाँजी जी सर क्यों नही आइए ना ।

राधिका की आवाज में एक अलग ही निमंत्रण है । फिर थोड़ी देर बाद में भी अपनी बनियान निकल के पुशअप ओर करंचीस करने स्टार्ट कर दिए राधिका ओर जास्मिम मुजे चोर आंखों से देख रहे थे थोड़ी देर एक्सरसाइस करते करते ही नैचरली मेरे बॉडी में कसाव आ गया में ओर आकर्षित हो गया ।

जास्मिन – सर आपको बॉयगार्ड की जरूरत नही है काफी मेहनत की हुई है अपने खुद पे ।

विश्वास – थैंक्स मैडम मगर अब सेवा ली है तो पूरा फायदा उठाएंगे । आप दोनों भी काफी फिट हो काफी मेन्टेन किया हुआ है अच्छा फिगर बनाया है सिर्फ योगा का कमाल है या जिम ।

राधिका – में तो सिर्फ योगा करती हूं और हेल्थी डाइट लेती हूं ।

जास्मिन – में जिम में वर्कआउट के साथ साथ जिम भी ।

फेर हम युही इधर उधर की बाते करने लगे ओर 1 घंटे बाद हम नीचे अपने अपने कमरे में आ गए और नहा धो के ब्रेकफास्ट के लये 8 बजे तयार हो गए जैसे ही लक्ष्मी मेरे लिए खाना मेरे रूम में लाने लगी सीमा ने उसे रोक दिया ।

सीमा – रुक जाओ लक्ष्मी ये मेरा काम है में ही करूँगी विश्वास को में ही खिलाती हु अपने हाथो से पहले में चक्ति हु फेर वो कहते है सेकयुरिटी को ध्यान में रखते हु 13 साल से ये काम मे ही कर रही हु ।

लक्ष्मी – दीदी इसमे कुछ नही है ये मेने खुद बनाया है में क्यों उन्हें चोट पोहुचाऊंगी मेरा सिश्वास करे ये एक दम ठीक है ।

सीमा – इनकी मा भी अगर खाना बनाती तो भी में चेक करती ।

लक्ष्मी को ये बात बोहुत चुभी बुरी लगी मगर वो कुछ ना कर पाई और अपनी आंखों में आंसू लिए वापिस रसोई में चली गयी । ऐसे ही 2 दिन ओर निकल गए फिर सीमा ओर वेदिका दीदी भी घर चली गयी शदी में हाथ बटाने ओर सीमा का काम जास्मिन ने संभाल लिया और मेरी ओर राधिका ओर जस्मिन की नजदीकिया बढ़ने लगी ऐसे ही कुछ दिन ओर निकल गए और इंडस्ट्री का काम दिन रात खूब जोरो शोरो से चल रहा । एक हफ्ते में 25% काम पूरा हो गया था और कल संडे था तो सोचा कुछ खास किया जाए और यही सोचते सोचते सैटरडे रात को में गहरी नींद में खो गया काल संडे के इंतजार में ।


वही दूसरी ओर भानुप्रताप किसी से बात कर रहा था ।
भानुप्रताप – जी सर नही हमे कभी वहाँ कुछ नही मिला ।

??? – वो वही है हमारे पुरखो ने वही छोड़ा था उसी जमीन में ओर मेरे सुनने में आया है वहां कोई घुस गया है क्यों आया है वो क्या चाहता है उसे भी तो वो ही नही चाहिए ।

भानुप्रताप – नही मालिक वो एक छोटा बच्चा है वो तो कुछ जानता भी नही होगा इन सबके बारे में ।

??? – मुजे कुछ नही पता हटाओ उसे वहां उसकी पूरी कुंडली निकल के दो उसकी मुजे रास्ते से हटाओ उसे ओर तुमसे नही होगा तो मुझे बताओ ।

भानुप्रताप – नही नही मालिक आप तकलीफ ना ले वो एक नन्हा सा बालक है और मेरा पुराना हिसाब किताब है उनसे उसके परिवार से उसे में ही रास्ते से हटाऊंगा आप बस हुकुम कीजिये आज तक आपको कभी निराश किया है ।

??? – ठीके ठीके अपना काम करो और उस चीज को ढूंढते रहो ।

ओर फिर फ़ोन कट गया और भानुप्रताप बोहुत ही गुस्से में अपने भाई स्वरभानु को बुलाता है ।

भानुप्रताप – स्वरभानु इधर आओ अभी ।

स्वरभानु – जी भइया ।

भानुप्रताप – सुनो समय आ गया है एक ओर बाली चढ़ाने का उस घर से उनकी नाइ ताकत बोहुत उड़ान उड़ रही है उसे मार दो ।

स्वरभानु – जी में अभी अपने आदमी वहां भेज देता हूं उस बच्चे पे नअजर रखने के लिए मौका मिलते ही वार कर दूंगा ।

फेर अगले दिन में सुबह उठ के छत पे गया जहाँ दो सुंदरिया कसरत कर रही थी योगा कर रही थी मेने भी वहां आसान डाला और एक्सरसाइस करने लगा । तभी मेरे दिमाग मे एक प्लान आया और मैने बात की जास्मिन आज में बाहर घूमने जाना चाहता हु । तो तुम तयार हो जाओ । राधिका जी आप आना चाहो तो आ सकती हो । 2 घंटे में तयार होके आप मिले मुझे में भी तयार होने जा रहा हु । फेर में तयार होने जा रहा था तो मुझे डॉक्टर कावेरी मिली मेने उसे अपना प्लान बताया और तयार होने लगा फेर में तयार हो ही रह था तो मेरे कमरे में लक्ष्मी आई मेरा नाश्ता लेके ।

लक्ष्मी – कहि जा रहे हो आप ।

विश्वास – हा आज बाहर घूमने जा रहा हु ओर मेरे पीछे से सारा काम तुम्हे ही देखना है कोई भी समस्या आए तुरंत मुझे बताओगी में आ जाऊंगा जब तक मे न अउ सारा जिम्मा तुम्हारा है ।

लक्ष्मी – जी आप बेफिकर होक जाइए ।

फेर में नाश्ता करके बाहर आया और ओपन जीप में बैठ गया । तभी ।

जास्मिम – सर इसमे नही इसमे चलिए वो सेफ नही है हमे बुलेट प्रूफ कार में जाना होगा फोर सेफ्टी पर्पस ओर कार आप नही ड्राइवर चलाएगा ।

थोड़ी देर में राधिका जी भी आ गयी और में सिर्फ आंखे फाडे उन्हें ही देख रहा था खा जाने वाली नजरो से घूर रहा था ।

राधिका – क्या हुआ अच्छी नही लग रही क्या में ।

विश्वास – अच्छी आप बोहुत ही सेक्सी लग रही हो ब्यूटीफुल अब चलिए जल्दी ।

फेर हम निकल पड़े अपने सफर को एंजॉय करते हुए बाते करते हुए ।

जास्मिन – सर हम जा कहा रहे है ।

विश्वास – वाटर पार्क जा रहे और तुम मुजे सर नही नाम से बुलाओ ।
तो जास्मिम फ़ोन करे वाटर पार्क बोलती है ओर राधिका आज सुबह से ही पता नही किस्से एमएसजी पे लगी हुई थी । फिर हम 12 बजे वहां पोहुचे फेर हम इधर उधर घूमे तभी मेने पानी मे जाने की सोची तो मैने जास्मिन से पूछा आप आएंगी तो उसने मना कर दिया और ड्यूटी की बात करके मुजे मना कर दिया फेर मेने राधिका से कहा तो वो चेंजिंग रूम में कपड़े चेंज करने चले गए और बाहर आई तो जैसे जन्नत से उर्वशी उतर आई हो एक एक अंग का उभार पता लग रहा था 38 30 38 का फिगर केहर ढा रहा था और मेरे अंग अंग घुन का प्रवाह बाद रहा था जैसे कोई ऊर्जा अपना असर दिखा रही हो और मेरा उसे दबाने का कोई मन नही था । फिर में राधिका को लेके पूल में उतार गया और उसके अंगों को चुने लगा उन्हें महसूस करने लगा जिमसें उसे कोई आपत्ति नही थी में उसकी गांड पे हाथ फेर रहा था कभी बूब्स पे पानी के नीचे से ओर वो भी मुझसे चिपक रही थी मुजे भी इसमें मजा आ रहा था फिर हम दोनों अंडर वाटर जाके किस्स वो मेरी लाइफ की पहली किस्स ओर वो भी भरपूर साथ दे रही थी । फिर हम ऊपर आए एक बार फिर किस्स करने के लिए में अंदर गया थोड़ी देर बाद वो आई तो में वहां नही था कुछ सेकंड बाद वो उठी और जास्मिन को आवाज लगाने लगी के में मिल नही रहा हु तो आखिर में गया तो गया कहा


जास्मिन ने मुजे हर कही ढूंढने की कोशिश की मगर में कही नही मिला फेर कुछ देर बाद जास्मिन भी पूल में कूद गई और मुजे अंडर वाटर ढूंढने तभी में एक दम पानी मे से निकला तभी राधिका ओर जास्मिन के मन को शांति मिली मुझसे उन्होंने खूब पूछा क्या हुआ बट में वो बात करके अपना दिन नही खराब करना चाहता था तो हम तीनों पानी से बाहर आ गए और ओर कपड़े चेंज करके सीधा कार में बैठ के हम किसी दूसरे पार्क में पोहच गए जहाँ बोहुत शांति हो । फिर कुछ देर हम युही बात करते रहे फिर मेने जास्मिन से पूछा ।
सिश्वास – अपने बारे में बताओ कुछ जास्मिन ।

जास्मिन – अपने क्लिंट को में कुछ नही बता सकती ।

विश्वास – दोस्त को तो बता सकती हो ।

जास्मिन – अभी सही समय नही आया है ।

फिर मेने यही सवाल राधिका से किया ।

राधिका – में वेसे तो दिल्ली से हु शादी भी वही हुई थी मेरी एक लड़की भी है 10 साल की चोटी उम्र में शादी हो गयी थी बेटी अपनी नानी के पास रह कर पड़ रही है 5 साल हो गए मेरे डाइवोर्स को 5 साल से ही वकालत कर रही हु आज तक कोई केस नही हरि ओर पहला केस आपने पति के खिलाफ ही जीती थी उसी को सजा दिलवाई थी ।

फेर हम बातें करने के बाद खाना खाने के लिए एक मॉल में चले गए वहां फ़ूड कोर्ट में हमने खाना खाया और फिर हम शॉपिंग करने चले गए हमने राधिका , लक्ष्मी , कावेरी , जास्मिन के लिए ओर खुद के लिए कुछ कपड़े लिए ओर जैसे ही वहां से निकलने लगे तो एक गोली चली जो सीधा मेरी बाजू में लगी ये मुझपे हुआ आज दूसरा हमला था पहला जब में पूल में था तब हुआ था तब तो में लड़के वापिस आ गया था मगर अब गोली लगी तो वहां से मुजे हॉस्पिटल ले जाया गया और जास्मिन निकल गयी उस गोली मारने वाले के पीछे ओर ओर हॉस्पिटल में मेरे भाई को बुलाया गया वो घर पे बिना बताए सीधा मेरे पास आ गए वो एक दम गुस्से से लाल लहो रखे थे उनकी आंखों में खून सवार था आते ही उन्होंने डॉक्टर से बात की तो अब तक डॉक्टर कावेरी भी आ गयी उन्होंने मुजे मेरी स्पेशल डोस देदी जिससे में 24 घंटे में पहले जैसा हो जाऊंगा गोली पहले ही निकली जा चुकी थी । तभी भाई का फ़ोन बजता है ।

भाई – कोन

जास्मिन – सिर वो मेरे हाथ लग गया है क्या करूँ ।

भाई – पकड़ के रख हरामजादे को उसमे में खुद पीतल भरूँगा आ रहा हु में ।

फेर भाई वहां पोहुचे जहाँ जास्मिन ने उसे बंदी बना रखा था ।

आदमी – साहब मुजे बक्श दो मुजे पैसे मील थे साहब प्लीज ।

भाई – बोल मादरचोद बोल किसने भेजा है तुजे ।

आदमी – नही बता सकता साहब उसने मेरे घर वालो को पकड़ रखा है ।

भाई – बोल हरामखोर नाम बता नही तो आभी सारा पीतल उतार दूंगा अंदर ।

आदमी – उसके हाथो मेरी फैमिली मरे इससे अच्छा है आपके हाथों में मार जाऊ ।

तभी जास्मिम ओर भाई दोनों अपनी पिस्तौल की सारी गोलिया उस आदमी में उतार दी ।

भाई – मुजे पता है ये किसका काम है ये बोलता तो गवाही होती आज हमारे पास ।

तभी भाई एक आदमी को बोलके उस आदमी की लाश भानुप्रताप के घर फिकवा देता है । जिसे देख के भानुप्रताप तिलमिला जाता है और एक कॉल करता है ।

भानुप्रताप – तो वो अभी तक जिंदा है ।

??? – आपका आदमी नही मार पाया तो में क्या करूँ मेरा काम पक्का था आपको उसके एक एक जगह की इन्फो में दे रही थी ना ओर में क्या करूँ ।

भानुप्रताप – ए लड़की मुझसे होशियारी नही अब तू मेरे लिए काम करती है उसके लिए नही ओर जो मेरे काम का नही उसे कोई और काम करने लायक में छोड़ता नही ज्यादा टाइम नही है हमारे पास ।

??? – में कोशिश कर तो रही हु आप बेफिकर रहिए ।

भानुप्रताप – तुम्हारे लिए ये ही अच्छा है के मुजे तकलीफ ना हो ।

??? – सर आप आराम से सो में हु ना ।


कोन है वो लड़की जो दुश्मनों से जा मिली यही विचार मेरे भाई के मन मे भी था मगर उसे नही पता था के कोई जाके मिल गया है वो सोच रहा था के ये हमले के पीछे सिर्फ भानुप्रताप नही है कोई और भी है जो पल पल नजर रखे हुए है मगर कोंन उसने जास्मिन से मिलके मेरी सुरक्षा और बड़ा दी पर सब पर बराबर नजर रखने को कहा और सबके फ़ोन टेप करवा दिए और वापिस घर चले गए ताकि किसी को भी शक ना हो के कुछ हुआ है फिर अगले दिन मुजे घर शिफ्ट किया गया और कावेरी मेरी पूरा ध्यान रखने लगी 4 लड़कियो ने 6 , 6 घंटो के लिए मेरे पास शिफ्ट लगाई सुबह 6 से 12 लक्ष्मी फिर 12 से 6 डॉक्टर कावेरी फिर शाम 6 से रात 12 जास्मिन फिर रात 12 से 6 राधिका जी । असली काम था मेरा मुजे हर टाइम चौकन्ना रहना पड़ता था क्योंकि जान पर भी मेरे ही बनी थी । शुरू शुरू के एक हफ्ता कमजोरी के कारण में कुछ नही कर पाया मगर एक हफ्ते बाद में बिल्कुल ठीक था और अब ये रोजका था सभी औरते 6 घंटे मुजे देती थी अपने कभी कभी मुजे मेरी राधिका के साथ हुआ मज़ा भी याद आता मगर आगे कुछ कर नही पाया था क्योंकि कब कौन दुश्मन निकल जाए पता नही ना मगर ये दिल इसे कोंन समझाए ये तो राधिका राधिका करना शुरू कर देता था ना रात होते ही । इसी बीच मेरी फैक्ट्री ओर इंडस्ट्री का काम आधा हो चुका था और अब भाई की भी शादी नजदीक थी में कावेरी ओर जास्मिन मेरे साथ घर जाएंगे राधिका अपनी बच्ची से मिलने जाएगी और लक्ष्मी यहां रहके सारा काम देखेगी । तो अब बस 7 दिन थे मेरे पास अपनी ओर राधिका की बात आगे बढ़ाने का ओर मेने सोच रखा था के आज से ही में अपना काम शुरू कर दूंगा राधिका के करीब जाऊंगा । 

उसी रात में अपने कमरे में लेटा हुआ राधिका का इंतजार कर रहा था के तभी कमरे का गेट खुलने की आवाज आई और जिसका मुजे इंतजार था वो आ गयी थी ।
राधिका – क्या हुआ विश्वास सोए नही अभी तक तबियत तो ठीक है ना ।

विश्वास – नही राधिका जी किसी का इंतजार कर रहा हु ।

राधिका – मुस्कुराते हुए किसका वो भी इतनी रात को ।

विश्वास – वही जिसने मेरी रातो की नींद उड़ा रखी है तो उसका इंतजार भी तो रात को ही होगा ना ।

राधिका – अच्छा कब तक आएगी वो आप कहे तो में चली जाऊ में कबाब में हड्डी नही बनना चाहती ।

विश्वास – नही नही आप कही नही जाएंगी यहां रहना आपकी ड्यूटी है और रही बात उससे मिलने की तो वो में आपके सामने भी मिल सकता हु आप भी मिल लेना उससे ।

राधिका – ठीक है में नहा के फ्रेश होके आती हु तब तक वो आ भी जाएगी ।

राधिका – मन में में भी तो देखु क्या चीज है वो जो मेरा नशा इतनी जल्दी उत्तर दिया विश्वास पे से ।

फिर राधिका के जाते ही मेने रूम को सजना शुरू कर दिया कैंडल से ओर गुलाबों से बेड को सजा दिया और बीएड पे आके लेट गया और साइड में अपनी पसंद को लिटा लिया । कुछ देर बाद राधिका आई तो एक दम से चोंक गयी के ये सब क्या है ऐसे पल उसकी जिंदगी में पहली बार आ रहा था मगर वो अभी नही जानती थी के ये उसके लिए है या किसी ओर के लिए है ।

राधिका – ये सब क्या है विश्वास ओर जिसके लिए है वो आई के नही आई मुजे तो नही दिख रही है कहा है वो ।

विश्वास – यही तो है मेरे पास मेरी बहो में ।

फिर मेने अपनी माशूका जिसे मेने कपड़े से ढका हुआ था मेरे साथ रखा हुआ था उसपे से मैने कपड़ा उठाया और कहा यहाँ देखो और जैसे ही राधिका ने मेरे पास पड़े शीशे में देखा और खुद का चेहरा देख के शर्मा गयी और बोली ।

राधिका – विश्वास क्या तुम सच मे इससे प्यार करते हो मगर ये हो नही सकता इस औरत के कुछ दायरे है बंधन है इसकी कुछ जिम्मेदारी है ।

विश्वास – राधिका प्यार से बड़ा रिश्ता जरूरत का होता है मुजे तुम्हारी है और तुम्हे मेरी है रही बात प्यार की मेरा प्यार किसी एक के लिए नही है मगर जितना जिसके लिए उतना उसके लिए भरपूर है आज से तुम्हारी सारी जिम्मेदारी मेरी ओर तुम अब यही गांव में रो जहाँ कोई बंधन नही है ना ही कोई सवाल पूछेगा तुमसे बोलो तुम्हे मंजूर है तो मैने अपने दिल की बात कर दी है । इतना सुनते ही राधिका जोर से मेरे गले लग गयी और कब हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए पता ही नही चला मन कर रहा था बस यही सारी रात होंठ चुस्त रह मुजे इसीमे ही जन्नत दिखने लगी थी और फिर किस्स तोड़े बिना हमने एक दूसरे के शरीर से कपड़े अलग कर दिए और फिर में उसे उठा के अपनी गोद मे बेड पे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और हाथो से बूब्स दबाने लगा फिर जब सांस उखाड़ने लगे तो हमारे होंठ अलग हो गए और मैने अपना मुंह राधिका के बूब्स पे ले गया और निप्पल चूसने लगा दांतो से काटने लगा और राधिका तिलमिला गयी और मेरे बालो में हाथ फेरने लगी और अपने बूब्स पे दबाने लगी फिर में हाथो से बूब्स दबाने लगा और उसके पेट को चाटने लगा चूसने लगा राधिका बिन पानी मछली के जैसे फड़फड़ा रही थी और बोल रही थी के प्लीज अब चोद दो और बर्दाश्त नही हो रहा है में मार जाऊंगी । फिर मेने अपनी जीभ राधिका की क्लीन चूत पे रख दिया और मेरी जिब रखते ही मानो राधिका हो करंट लगा हो और उसने अपनी टंगे भीच के मुजे कैद कर लिया और में मज़े से उनकी चूत चूस रहा था ओर उंगली कर रहा था के तभी राधिका का शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत से खूब सारा पानी भहने लगा और में सारा पानी पी गया राधिका अब रिलेक्स थी और मैने भी अगला वॉर करने की सोची ओर मेने अपना 10इंच का लंड उसकी चुत पे टिकाया ओर एक जोरदार धक्का के बाद मेने अपना 5इंच ला लंड उसकी चुत में डाल दिया और वो तड़प उठी वो तो अच्छा था मेने अपने होंठ उसके होंठ से जोड़ रखे थे नही तो पूरी हवेली उठ के यहां आजाती फिर में कुछ देर धक्के लगता रहा जब तक वो नार्मल नही हो गयी फिर मेने एक ओर जोरदार धक्का लगाया पर पूरा चुत में उतार दिया 1 घंटे तक लगातार चोदता रहा इस बीच राधिका 4 बार झड़ी अब मेरे भी झड़ने का टाइम आ गया था तो मैने पुछा कहा छोड़ू तो उसने चुत में ही झड़ने को कहा और में उसकी चुत में झाड़ गया । पूरी रात चुदाई करने के बाद 4 बजे राधिका अपने रूम में जाके सो गई क्योंकि 6 बजे लक्ष्मी ने आना था तो दो घंटे में सो गया । 7 दिन तक अब बस यही चलता रहा ।

 
kramashah.............   












राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

FUN-MAZA-MASTI प्यार , सम्भोग ओर धोखा-2

FUN-MAZA-MASTI

प्यार , सम्भोग ओर धोखा-2


अगले दिन में उठा और तयार होके नीचे आया तो माँ आरती की थाल लिए मेरा इंतजार कर रही थी । उनकी आंखें तरस गयी थी मुजे ऐसे देखने के लिए उन्होंने मेरी आरती उतारी ओर फेर हम सब पूरा परिवार एक साथ नाश्ते के लिए बैठ गए ।
पिता जी – तो विश्वास बेटा अब फ्यूचर के क्या प्लान है क्या करना चाहते हो लाइफ में ।

विश्वास – पिता जी जो आप कहे वेसे मेरे कुछ प्लान है में शेयर तो करूँगा आपके साथ मगर कोई दबाव नही है जैसा आप कहेंगे वैसा ही होगा ।

विशाल – अरे भाई तू खुल के बोल तेरे शब्द मेरे आर्डर है बोल क्या करना है में तेरे साथ हु ।

पिताजी – विशाल ऐसा नही होता जैसा तुम बोल रहे हो उसे उसका प्लान रखने दो साबित करने तो दो एक बिज़नेस मैन का बेटा है ।

विश्वास – जी पिताजी अभी तो में आगे पड़ना चाहता हु कॉलग लाइफ जीना चाहता हु लेकिन में साथ मे अपना खुद का बिज़नेस भी करना चाहता हु अपने दम पे ।

विशाल – पर भाई हमारी इतनी इंडस्ट्री है फैक्ट्री है ये भी तो तुजे ही देखनी है ना फेर अलग से क्यों दोने भाई साथ काम करेंगे ।

पिताजी – हा विशाल सही बोल रहा है ।

विश्वास – पिताजी में चाहता हु की में आपकी ताकत में जुड़ के नही उसे बड़ा के चलू । में देखना चाहता हु मुजमे कितनी काबिलियत है । जब भी भाई को आपको मेरी जरूरत होगी सब काम छोड़ के पहले आपका साथ दूंगा में ।

पिताजी – अपना प्लान बताओ ।

विश्वास – पिताजी में एक गांव गोद लेना चाहता हु हम शहर के सबसे बड़े बिज़नेस मैन है हमारे दायरे में ये आता है और उस गांव के विकास की पूरी जिम्मेदारी मेरी । में चाहता हु के वहा की ताकत वही रहे और अपनों के काम आए शहर आके तो वो आधी हो जाती है अपने परिवार से दूर में उन्हें वही अच्छा जीवन देना चाहता हु ।

पिताजी – ये तो चाहत है अब आईडिया भी तो दो

विश्वास - वहां में 24/7 चलने वाली दो लार्ज स्केल इंडस्ट्री खोलना चाहता हु एक महिला के लिए ओर एक मर्दो के लिए । टेक्सटाइल इंडस्ट्री ओर हैंडक्राफ्ट एंड हैण्डलूमस । जगह में आपको काल ही फाइनल करके बता दूंगा आज में देखने जा रहा हु ।

पिताजी – गांव कोनसा है ।

विश्वास – पिताजी रतनगढ़ ।

पिताजी – क्या तुम सच मे ये करने वाले हो क्योंकि वह लोग बोहुत काम बंजर इलाका है वो लोग छोड़ छोड़के जा रहे है वो गांव ।

विश्वास – आपने कभी कोई आसान काम किया है और आसान काम करने के लिए शरीर नही लिया है ।

पिताजी – मेरी क्या मदद चाहिए ।

विश्वास – सिर्फ बता दीजिए किस्से बात करनी है कॉन्टेक्ट्स ओर सिर्फ दो इंडस्ट्री के लिए फाइनेंस ओर आपको वो गांव बंजर दिखता है मुजे वहां मौका दिखता है खुद को साबित करने का वहाँ से जुड़ी नदी 5 गांव से होक निकलती है वह बोहुत रॉ मटेरियल है । बस आप गांव की कागजी कारवाही पूरी करदे बस काम मे कोई रुकावट ना आए ।

पिताजी – मुजे तुमपे गर्व है बेटे मुजे तुमसे यही उम्मीद थी तुम पूरे तयार हो में कल ही तुम्हारा काम कर दूंगा ओर BBA में एडमिशन तुम्हारा जुलाई में होगा ।

विश्वास – पिताजी एक जरुरी बात आप कहे तो मेरी इच्छा है के मेरी सारी बहेन इस प्रोजेक्ट में मेरे साथ काम करे और मेरी पार्टनर बने ।

पिताजी – अब तुम्हारा काम है तुम देखो । विशाल इसकी पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारी है इसे तांग किये बगैर ।

विशाल – पिताजी ये कोई बोलने की बात है जान है ये मेरी । भाई मेरी कोई हेल्प चाहिए हो तो बेझिझक बोल दिओ एक आवाज में तेरे सारे काम हो जाएंगे ।

विश्वास – जी भाई

माँ – चलो अब बाप बेटो की बात हो गयी हो तो नाश्ता करलो ।

फेर हम सबने नाश्ता किया और में अपने कमरे में आ गया और फिर मेने सबको सबके गिफ्ट्स दिए जो मेने सबके लिए लिए थे । में वापिस रूम मेये ओर मोबाइल चेक किया तो नंदिनी के काफी सारे मिस कॉल थे तो मैने उसे कॉल की ओर उसने मिलने की ज़िद की ओर हम कैफ़े में चले गए ।

नंदिनी – कैसे हो ।

विश्वास – ठीक हु भाभी ।

नंदिनी – शटअप विश्वास में कोई तुम्हारे भाई से शादी नही करूँगी मुजे तुम पसंद हो ।

विश्वास – ये कबसे हुआ ।

नंदिनी – जब काल किस्स की तब

विश्वास – देखो तुम दोस्त हो तो में बता रहा हु मुजे प्यार नही हुआ है सिर्फ अट्रेक्शन है कल रिश्ता पक्का हो चुका अब कोई बखेड़ा खड़ा ना करना करलो मेरे भाई से शादी रानी बनके रखेगा तुम राज करोगी ।

नंदिनी – मुजे तो तुमपे राज करना है ना बस ओर किसी पर नही ।

विश्वास – देखो दोनों परिवारों के लिए एक बार शादी करके मेरे घर तो आ जाओ में अपने भाई को जनता हु तुम्हारी मर्ज़ी के बगैर तुम्हे छुएगा भी नही । तुम्हे उससे भी प्यार हो जाएगा और तब भी मेरे लिए प्यार रहा या तुम मेरे दिलमें अपने लिए प्यार जग पाई तो घर की शांति के लिए हमारी शांति के लिए जैसा कहोगी करूँगा । बूत शफी तो करनी होगी मेरे करीब आना है तो ।

नंदिनी – तुम जानते हो ना क्या बोल रहे हो तुम तो ठीक अब ऐसा ही होगा घर टूटा रिश्ते टूटे उसके जिम्मेदार तुम होंगे सिर्फ तुम आ रही हु में तुम्हारी भाभी बनके ।

में जनता था ये गलत कर रहा हु में पर मुजे खुद पे भरोसा था में जनता कुछ गलत नही होगा । और में फिर घर आ गया और कल्कि तयारी करने लगा जिन जिनसे काल काम था सबके नाम हिस्ट्री सब निकल ली थी और अब में तयार था मेरी पहली मंजिल की ओर जाने के लिए रतनगढ़ में आ रहा हु । 


रात को मैने पिता जी से बात की सारी इन्फॉर्मेशन ली और कल की तैयारी करने लगा प्रोजेक्ट बनाने लगा क्या होगा कैसे होगा आसान भाषा मे ताकि में गांव को समझा सकू । मेने पिता जी से वेदिका दीदी ओर सीमा को ले जाने की बात की वेदिका दी एक सिविल इंजीनियर है और सीमा एक सी ए है दोनों की ही मुजे जरूरत थी और दोनों ही मेरे बोहुत करीब भी है तो मैने अपनी पैकिंग करली ओर काल का इंतजार करने लगा फेर मुजे याद आया के कुछ जगह के बारे में रिसर्च की जाए तो मैने इंटरनेट खोल ओर पड़ने लगा तो एक कहानी सामने आई कि रतन गढ़ की जमीन में वहां के पहले राजा की एक चमत्कारी अंगूठी दबी हुई है बोहुत ही चमत्कारी अंगूठी है मंगाए इतने साल से वो किसी को नही मिली मुजे ऐसी कहानियो पे जरा भी विश्वास नही था तो में पड़ा और सो गया । अगली सुबह में जल्दी उठा दीदी को भी उठाया सीमा को भी उठाया और तयार होने को बोला और में भी तयार होने चला गया मा ने हमारे लिए रास्ते मे खाने के लिए नाश्ता बना के दिया और मैने चाचा से भाई से पिता जी से आशीर्वाद लिया ओर चल दिया मंजिल की ओर 4 घंटे का लंबा सफर तय करके वहाँ हम सरपंच के घर पोहुचे काफी बड़ा मकान था उसे पहले ही बता दिया गया था के हम आ रहे है । दोपहे के 1 बज रहे थे खाना भी तयार था तो सरपंच ने हमे खाने पे बिठाया ओर हमारी अच्छी महमान नवाजी की । मेरी बहेन ओर सीमा थक चुके थे तो सरपंच ने उन्हें उनका कमरा दिखाया मगर में यहां काम करने आया था । था तो मैने सरपंच से बात की जमीन की तो उन्होंने अपने बेटे को मेरे साथ भेज दिया तो मैने कहा ।
विश्वास – सरपंच जी मे यहां काम मर्दो के लिए ओर औरतो के लिए दोनों के लिए देखने आए हु तो सिर्फ बीटा ही क्यों अपनी बेटी को भी भेजिए हमारे साथ बेटे से ज्यादा वो काम की है मेरे उसे यह कि औरतो की दिक्कतों का पता होगा । आप चिंता न कीजिये में अपनी जिम्मेदारी पे उसे ले जा रहा हु कुछ नही होगा ।

सरपंच – ठीक है बेटा ले जाओ बेटी लक्ष्मी जाओ तुम भी ओर बेटा राजू छोटे मालिक का ध्यान रखना कोई दिक्कत ना हो ।

लक्ष्मी – जी पिताजी चलिए बाबूजी ।

विश्वास – बाबूजी मेरा नाम विश्वास है तो नाम से ही बुलाओ अब तो हमे साथ ही काम करना है है तो नो फॉर्मेलिटी ।

फेर हम घर से बाहर आ गए । और गांव घूमने लगे बोहुत ही रखा सूखा गांव है ये सब लोग मुजे ही घूर रहे थे ।

विश्वास – राजू भाई बोहुत हो गया घूमना अब काम की बात करे ।

राजू – जी भाई बोलिये ।

विश्वास – क्या काम करते हो तुम । महीने का कितना कमा लेते हो ।

राजू – भाई में काम करने शहर जाता हूं और कमाई ना के बराबर ही है बस गुजरा चल रहा है किसी तरह ।

विश्वास – ये ही समस्या तो में दूर करने आया हु । अब मुजे तुम लक्ष्मी एक ऐसी जगह दिखाओ जहाँ आस पास के 5 गांव की औरते यहां आसानी से जल्दी पोहच जाए और जगह नदी के पास हो ।

लक्ष्मी – एक जगह है तो मगर थोड़ी डरावनी ओर खतरनाक है ।

विश्वास – मतलब ।

लक्ष्मी – मतलब उस एरिए में एक हवेली है जो यह के राजा की हुआ करती थी मगर उनके मारने के बाद वहां कोई नही जाता कहते वो श्रापित है ।

विश्वास – चलो दिखाओ मुजे अछि लगी जगह तो बात पक्की हो जाएगी ।

फेर हम वहां चल दिये एक दम सुनसान हवेली बोहुत बड़ी थी और जगह एक दम परफेक्ट है ।

विश्वास – मुजे ये हवेली ओर ये जगह चाहिए किसी भी कीमत पे ।

फेर में घर आ गया और सारी बात सरपंच को बताई दीदी को भी बताई सभी बोहुत खुश थे सभी को में बोहुत बड़े बड़े सपने दिखा चुका था । और अगले दिन मेने पिताजी को ओर भाई को गांव बुला लिया जमीन दिखाने के लिए ओर रात का खाना खाया और सो गए । रात को में अपने कमरे कपड़े चेंज कर रहा था के तभी लक्ष्मी मेरे रूम में आई । दूध का गिलास लेके ओर अंदर आते ही मेरा कसा हुआ शरीर देख के देखती ही रह गयी ।

विश्वास – क्या हुआ लक्ष्मी आओ अंदर आओ ।

लक्ष्मी – जी वो दूध पी ली जियेगा ।

विश्वास – जी

विश्वास – वेसे कितना पड़ी लिखी हो तुम ।

लक्ष्मी – जी में एम.बी.ए कर चुकी हूं । अवसर ना मिलने की वजह से कुछ कर नही पाई ।

विश्वास – में दूंगा ना अवसर तुम्हे बस जो अवसर मिले उसे पकड़ लेना छोड़ना मत ।

लक्ष्मी – जी अब में चलती हु काल बोहुत काम है आपको भी ओर मुजे भी ।

फेर वो चली गयी और में भी सो गया एक नसी सुबह के इंतजार में ।  


सुबह उठके में नहाया धोया ओर उठ कर पिता जी को कॉल किया ।
पिताजी – हेलो

विश्वास – पिताजी प्रणाम आप आ रहे है ना ।

पिताजी – हाँ मेरे बच्चे आ रहा हु कोई और काम है तो बता ।

विश्वास – नही बस आप ओर भाई को ले आओ ओर वकील को भी ले आओ ।

पिताजी – हाँ बेटा याद है मुजे वकील साहिबा आ रही है हमारे साथ तुम चिंता ना करो जमीन आज ही हमारे नाम हो जाएगी ।

विश्वास – यही ठीक रहेगा पिताजी मेने खुद के लिए समय निर्धारित किया है और मेरे पास समय कम है ।

पिताजी – ओक बेटा हम निकल रहे है इतने तुम गांव वालों से बात करो ।

फेर बात करके में राजू ओर लक्ष्मी के पास गया उन्हें उठाया तयार होने को कहा फेर अपनी बहनों को उठाया ओर उन्हें भी तयार होने के लिए बोल दिया और हम निकल गए अपनी मंजिल की ओर मेने अपनी दोनों बहनों को जगह दिखाई वेदिका दीदी प्रोजेक्ट तयारी में लग गयी और सीमा लग गयी बही खाता संभालने में फिर मेने उन्हें सरपंच के घर वापिस भेज दिया और सरपंच को कहा के पंचायत बुलाओ ओर सभी मर्द औरत ओर 16 साल से बड़े बच्चों को भी बुला लिया और सबका आना जरूरी कर दिया । करीब 2 घंटे बाद लोग आने शुरू हो गए मगर लोग कम थे तो मैने सरपंच को कहा के आस पास के जो ओर 4 गांव है उनके सरपंच को भी बुला लिया और उनके लोगो को भी सबमे टाइम तो लगा पर देखते ही देखते लोगो का जमावड़ा लग गया अब बोहुत भीड़ जमा हो गति थी तो लग रहा था है कुछ बड़ा होने जा रहा है जैसे ही सब आए तो सरपंच ने मेरा परिचय कराया और मुजे कहा के अब में इन गांव वालों को सम्भोदित करू मेरे लिए ये अनुभव नया तो था ही मगर करना तो था ही तो मैने माइक पकड़ लिया ।

विश्वास – मेरे प्यारे गांव वालों जी हां अपने सही सुना है आज से आप मेरे है में आज इस गांव को गोद लेने वाला हु तो अब आप ये सोच रहे होंगे कि इस गांव को गोद ले रहा हु तो बाकी 4 गांव को क्यों बुलाया है मेरा मानना है कि किसी का विकास जब होता है जब उसके आसपास भी विकास हो रहा हो और वो मिलेगी महनत से महनत आप सबकी विकास आप सबका आपके आने वाली पीढ़ी का आज ज्यादा महनत करली तो आने वाली पीढ़ी को कम महनत करनी पड़ेगी और आज महनत नही की तो आने वाली पीढ़ी की भी महनत कुछ रंग नही लाएगी । आज में आप सबके पास एक अवसर लाया और मेरा मानना है जहाँ जो अवसर मिले लेलो आपको में काम दूंगा पैसा दूंगा अच्छी शिक्षा दूंगा अच्छी सेहत दूंगा मगर ये तो मेरी योजना है में दूंगा मगर आप लोग लेंगे कैसे महनत से आप पे निर्भर करता है कि कितनी जल्दी आप लोग ये सब अपने लिए कमा पाएंगे । एक ओर बात मेरी नजर में अब ये देश पुरुष प्रधान नही रह औरते भी देश चला रही है तो में चाहता हु इस गांव को भी मर्द ओर औरत मिलके चलाए अवसर दोनों को बराबर दूंगा तो कोंन चलेगा मेरे साथ कोंन देगा मेरा साथ इस विकास में ।

सभी एकसाथ – मैं

तभी उनमे से एक सरपंच बोला बेटा सब तो इस गांव को मिलेगा हमारा क्या फायदा इसमे ।

विश्वास – ये एक गांव नही 5 गांव है जो एक ही राजा का राज्य था फिर ये बट के 5 हो गए है अब समय है फिर एक होने का थोड़ा मुश्किल है मगर नामुमकिन नही है

सरपंच – वो कैसे ओर हम क्यों साथ दे ।

विश्वास – क्यों नही सरपंच जी जरा सोच के देखिए यहां 5 गांव है और मैने खुद को 10 साल का समय दिया एक गांव पे 2 साल लगाए तो हो सकता है मेरे पास प्लान है नदी के सबसे करीब जो गांव है वो सारा का सारा हम खेती बाड़ी में लगा देंगे पूरा गांव वहां सिर्फ किसानों के घर होंगे गरीब किसानों के एक जो सबसे बड़ा गांव है उसमें हम हॉस्पिटल , स्कूल , कॉलेज , मॉल बनवाएंगे 2 गांव में पूरे पांच गांव के लोगो के रहना का इंतजाम होगा पक्के घर और एक गांव में बड़ी बड़ी इंडस्ट्री कोल्ड स्टोरेज व्हेर हाउस सब बनेगा यहां पे गांव के बच्चों का एक पीढ़ी तक मुफ्त इलाज मुफ्त पढ़ाई होगी और मुफ्त घर उसके बाद इस गांव के लोगो को कभी कोई चीज मुफ्त में लेने की जरूरत नही होगी बाहर से लोग यहां आएगे काम करने यहां के लोगो गांव से बाहर जाने की जरूरत नही है वो लोग यहां आके पैसे देंगे हमे । हम पहले इंडस्ट्री वाले प्रोजेक्ट पे काम कर रहे है 2 साल बाद आपके रहने का इंतजाम हो जाएगा उसके बाद आपके लिए स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल की मॉल का इंतजाम किया जाएगा फेर खेती आप लोगो को बस अपना 100% देना है । में भी दूंगा में भी ज्यादा से ज्यादा यहां रहूंगा ओर आपकी सुरक्षा जो में भूल गया था माफ करिए उसका भी इंतजाम होगा वो भी मेरी जिम्मेदारी उसका इंतजाम सबसे पहले होगा । और आप सभी सरपंच आजसे मेरे साथ काम कीजिये काम रुकना नही चाहिए आपकी जिम्मेवारी है । गांव आपका है इसे कैसा बनाना है आपके ऊपर है ।

सभी मुझसे खुश थे उन्हें मेरी बात समज आ गयी थी । तभी सरपंच पूछता है किस चीज की इंडस्ट्री है ।

विश्वास – पहले दो इंडस्ट्री लगेगी हैंडीक्राफ्ट्स ओर टेक्सटाइल जो दिन रात चलेगी दो 3 शिफ्टों में चलेगी मर्द औरत सब इसमे हिस्सा लेंगे और 18 के होते ही खुद ब खुद बच्चों को पार्ट टाइम जॉब मिल जाएगी आप सभी को आदर कार्ड जमा करना है और 0 अनोउन्ट पे बैंक में खाता खोलना है आपकी कमाई बैंक में अति रहेगी जिन्हें जमा नही करनी उनकी तनख्वाह उनके घर पाहुचा दी जाएगी ।

सरपंच – आप रहेंगे कहा ।

विश्वास – जी वो राजा जी की हवेली है ना वो खरीद ली है मेने वही रहूंगा में जनता हु उस जगह को लेके बोहुत कहानिया जे बाटे है पर मुजे विश्वास नही है आप बस आज से ही काम पे ध्यान दीजिए बोहुत जल्द यहां काम शुरू हो जाएगा ।

तभी आवाज आती है ।

पिताजी – जल्द नही काल से ही ओर एक महीने बाद तुम काम कर पाओगे यहां पे ।

विश्वास – अब तो खुश है ना आप सब । पिताजी वो हवेली का क्या हुआ और काम करने के पेपर्स ।

पिताजी – बीटा इनसे मिलो ये आज से तुम्हारी वकील राधिका आज से ये ही सारे लीगल काम देखेगी तुम्हारे ।

ओर में वकील को देखता ही रह गया । बोहुत ही खूबसूरत औरत है राधिका नंदिनी के बाद मुजे दूसरी बार किसी से अट्रेक्शन हुई वो थी राधिका फेर मेने देखा पिताजी के साथ मेरी पर्सनल दोनों डॉक्टर भी थी पिताजी पूरी तैयारी के साथ आए है उन्हें पता है में यही रहने वाला हु । फेर शाम को पिताजी ने 5 सरपंचों से बात की उन्हें समझाया शराब पिलाई थोड़ीसी मिठाई भी खिलाई ताकि कोई अड़चन न आए और में जेक सो गया काल मुजे मेरी हवेली में दाखिल होना है और कल हवन हो महाभोज भी है भूमि पूजन है कल मेरी इंडस्ट्री की जमीन का ।


अगले दिन फिर जल्दी उठके में तयार हो गया पिताजी से आशीर्वाद लिया । आज मेरे लिए बोहुत बड़ा दिन था तो में लग गया तैयारियो के लिए आज मेरी जमीन की भूमि पूजन थी । देश भर से काफी बड़े बड़े बिजनेसमैन आने वाले थे बड़े बड़े राजनेता आने वाले थे बड़े बड़े अफ़सर आने वाले थे ये एक तरह से हमारा शक्ति प्रदर्शन था हमने अपने दूसरे परिवार वालो को भी बुलाया मगर उन्होंने न्योता ठुकरा दिया । मगर बाद में उस घर की सभी बेतिया आने को तयार हो गयी क्योंकि आगे का उनका सारा बिज़नेस वो ही देखने वाली थी और उनके मन मे मेरे हिसाब से कोई नफरत भी नही थी । फिर में सभी इंतजामात देखने लगा कोंन क्या कर रहा था मेने हवेली की सफाई कराई गांव के लोग तयार नही थे तो हमने बाहर से सफाई वाले बुलाए जो रात से ही काम कर रहे थे बस अब थोड़ा ही काम बचा था तो में सीमा वेदिका दीदी वकील साहिबा डॉक्टर कावेरी ओर लक्ष्मी मेरे साथ कार में बैठ के हवेली की ओर निकल पड़े हवेली बोहुत ही बड़ी थी तो सभी को उनके अलग अलग कमरे दिए गए मेरा कमरा खास था रातो रात पिताजी ने वहां काफी सुरक्षा के इंतजामात करा दिए थे । अपने रूम से में बाहर हो रही सारी तैयारियो पे नजर रख रहा था । अब धीरे धीरे महमान आने लगे थे और भाई भी पूरी फैमिली बुआओं ओर नंदिनी की फैमिली को ले आया था सभी के ठहरने की व्यवस्था हवेली में की गई और कुछ ही देर मे मेरी दूसरी फैमिली से भी सभी भहने आ गयी उनको भी हवेली पे ही रुकने का न्योता दिया गया । बाहर पिताजी महमानों को देख रहे थे शहर के कमिश्नर भी आ गए थे जो पिताजी के दोस्त थे और एम.एल.ए भी आ गए थे थोड़ी देर में सब आ गए सभी के आने के बाद में सभी फैमिली वालो से मिला उनका आशीर्वाद लिया और उनके खाने पीने की व्यवस्था की सभी बोहुत खुश थे भाई भी आते ही काम मे लग गए फेर थोड़ी देर बाद हवन का बुलावा आ गया पहले हमने भूमि पूजन कराया और पहला पत्थर एम.एल.ए से रखवाया ओर काम का श्री गणेश करवाया ओर इस काम को पूरा करने का जिम्मा मेरी बहेन का था और गांव के लोग जो मजदूर थे वो भी हाथ बटा रहे थे और उनको उनकी ध्याड़ी देने का भी एलान कर दिया फेर एक बड़ा सा हवन हमने हवेली में रखा जिसमे सिर्फ खास ही लोग थे खास महमान ओर घर के लोग हवन पूरा होते ही सभी ओरते इधर उधर की बाते करने लगे सभी बहेनो ने एक अलग कमरे में डेरा जमा लिया दूसरे फैमिली से लडकिया अपने रूम में चली गयी और सभी मर्द लोग एक अलग रूम में चले गए मीटिंग करने जहा कमिष्नर एम.एल.ए 5 सरपंच नंदिनी के पिताजी भाई चाचा ओर पिताजी ओर में थे जहाँ में एक बार फिर सबको अपना प्लान बता रहा था सभी मुझसे इम्प्रेस थे और मुजे बधाई दे रहे थे । तभी मेने कमिश्नर से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बात की ओर उनको कहा ।
विश्वास – सर मुजे एक ऐसी टीम चाहिए जो मेरे इशारे पे चले कानून और न्याय व्यवस्था से नही ओर भरोसा कीजिये गलत फायदा नही उठाऊंगा ये पांच गांव मेरे भरोसे है अब ।

कमिश्नर – बेटा हो जाएगा एक टीम है मेरे पास अंडर कवर है स्पेशल टास्क फोर्स है वो आज शाम तक यहां पोहच जाएगी ।

पिताजी – भाई मुजे एक बॉडीगॉर्ड भी चाहिए इसके लिए उसका भी इंतजाम कर दो । तो में मुक्त हो जाऊंगा ।

कमिश्नर – हा भी वो भी हो ही गया उस टीम की टीम लीडर साये के जैसे तेरे बेटे के पास रहेगी ।

विश्वास – रहेगी सिर ये लड़की है ।

कमिश्नर – हा बेटे ये 10 लड़कियों की टीम है जिसकी हेड है जास्मिन जो आज से तुम्हारे साथ साये के जैसे रहेगी ।

विश्वास – सिर इनसे हो पाएगा ।

कमिश्नर – भरोसा रखो इनसे ही हो पाएगा । किसी को इनपे शक भी नही होगा और जो भी इन्हें कमजोर समझने की कोशिश करेगा वो उसकी आखिरी गलती होगी । बोहुत बड़े बड़े मिशन देखब चुकी है बेटे । रुको में अभी कॉल करता हु ।

फेर जास्मिन को कॉल किया गया और उसे उसके नए मिशन के बारे में बताके बुला लिया गया । फिर सभी फैमली ने गांव वालों ने लंच किया मेने भी गांव वालों के साथ बैठक उनके बीच लंच किया । और उन्हें फील कराया के अब में उनमे से ही एक हु । ओर आज रात से ही इंडस्ट्री ओर आफिस बनाने का शुरू हो जाएगा जो अब बिना रुके दिन रात चलता जाएगा । फेर सब थक गए थे और सभी आराम करने चले गए शाम को उठे तो जैस्मिन भी अपनी टीम के साथ आ चुकी थीं एक बोहुत ही खूबसूरत लेडी थी और अपने काम को लेके काफी सीरियस लग रही थी आज सबको आराम था मगर वो अपनी टीम के साथ पूरे गांव के चक्कर लगा रही थी । शाम को दूसरे घर से आई लडकिया अपने घर जा चुकी ओर ओर कमिश्नर ओर एम.एल.ए भी जा चुका था बस हमारी फैमिली ही रह गयी थी और रात तक सभी ने बोहुत मस्ती की नाच गाना किया गांव वालों के साथ फेर थक हार के सब सो गए क्योंकि काल सबको वापिस जाना था । में ओर मेरी पूरी टीम रही रुकने वाली थी । और वहां घर जेक अब भाई की शादी की भी तैयारियां करनी है शादी से एक हफ्ता पहले में भी घर चला जाऊंगा मगर अभी यहाँ काम देखना था ।


kramashah................   











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FUN-MAZA-MASTI प्यार , सम्भोग ओर धोखा-1

FUN-MAZA-MASTI

प्यार , सम्भोग ओर धोखा-1

आज मेरे सभी दुश्मन खत्म हो चुके हैं मगर फिर भी जीवन म बोहुत उथल पुथल है क्योंकि जिनको खोया वो भी अपने है और जिनको खत्म किया वो भी अपने है कहने को एक परिवार मगर सब एक दूसरे के दुश्मन छल कपट , धोखा है हर मोड़ पर मगर म ऐसा नही हु मुजे सिर्फ प्यारे देना ही आता है किसी को प्यार देने के लिए सुख देने के लिए हिफाजत करने के लिए अगर किसी की जान भी लेनी पड़ी तो में लूंगा ली भी है ओर लेता भी रहूंगा । पहले म ऐसा नही था पहले में कमजोर था अपाहिज था मगर कहते ह न आवश्यकता अविष्कार की जननी है और मरता क्या ना करता और प्यार और जंग में सब जायज है ये सब वो कहावते ह जो मेरे काम को सही सिद्ध करती है मुजे मेरे किये का कुछ अफसोस नही जो किया पूरे होशो हवास में किया अपने कर्मो की माफी जिनसे मांगनी थी उनसे मांगी भी ओर मिल भी गयी आज हम सब साथ ओर खुश है । तो कहानी शुरू होती है आज से 50 साल पहले मेरे दादा जी जो एक राज घराने के एकलौते राज कुमार थे उनकी शादी एक दूसरे राज घराने की लड़की से हुई मेरी दादी । मेरी दादी की एक जुड़वा बहेन भी थी बड़ी दादी थी तो रिश्ता भी उनका पक्का हो गया मेरे दादा से ओर देखते ही देखते शादी भी हो गयी मगर कोई था जो इस शादी से खुश नही था वो थी मेरी दादी की बहेन वो मन ही मेरे दादा जी को दिल दे बैठी थी । जुड़वा बहेन होते हुए भी मेरी दादी ओर उनकी बहेन नदी के वो किनारे थे जो एक ही नदी के होके एक दूसरे से अलग थे । उनकी आदतें स्वभाव चरित्र सब एक दूसरे से विपरीत था । एक पानी की तरह शीतल थी और एक अग्नि की तरह ज्वलनशील । मगर अब दोनों किनारों को एक नई नदी का साथ मिलने जा रहा था । एक का भाग्य थे मेरे दादा जी और एक का जुनून । मेरी दादी की बहेन ने ठान लिया था के चाहे जो हो जाए वो मेरे दादा जी को पके रहेंगी ओर हुआ भी कुछ ऐसा ही शादी के महीने बाद भी दादा जी छोटी दादी को शादी करके ले कारण मुजे आज तक नही पता चला मगर उस दिन के बाद से सब बंट गया बराबर बराबर आधा छोटी मालकिन को आधा बड़ी मालकिन को दादा जी भी बंट गए एक महीना एक साथ ओर एक महीना एक के साथ फेर दादा जी को मेरी दादी से 2 पुत्र और 2 पुत्री का जन्म हुआ और छोटी दादी से भी 2 पुत्र और 2 पुत्री ओर जब तक मेरे दादा जी रहे तब तक सब ठीक जा रहा था उनकी अर्थी उठते ही मानो भाई भाई नही रहा मेरी दादी फिर भी रोकती अपने बच्चों को मगर छोटी दादी के बच्चों को सब चाहिए था और छोटी दादी भी उनका पूरा साथ देती बोहुत खून खराबा हुआ और इसी बीच सभी बच्चों की शादी हुई और नाइ नस्ल पैदा होने लगी अब जो भाई हुआ करते थे वो जानी दुश्मन बन गए मारने मारने का सिलसिला जारी था मगर कहावत है आटे के साथ घुन भी पिसता है और इस लड़ाई म घुन था में ओर मेरा परिवार । मेरा पूरा परिवार में मै किसी को पराया मानता ही नही था मेरे लिए सभी अपने थे बस कुछ था तो सिर्फ सही या गलत 

 अब आते है अपने परिवार पे जो इतिहास नही था मेरे दादा ओर दादी की तरह मेरे दादा जी ने अपने सभी बछो की शादी कराई ओर मेरे पिताजी की 2 शादी हुई उनकी पहली पत्नी रहस्यमयी तरीके से मारी गयी थी । मेरे पिताजी को उनकी पहली बीवी से एक पुत्र हुआ विशाल और दूसरी बीवी से उन्हें यानी मेरी माँ से उन्हें एक ओर पुत्र की प्राप्ती विश्वास यानी कि में मेरी माँ को एक पुत्री ओर चाहिए थी मगर मेरे होने बाद मेरे पिता ने ओर बच्चे पैदा करने से मना कर दिया क्योंकि मेरे समय म कुछ कॉम्प्लिकेशन्स हो गयी थी माँ और मुजमे । मेरे चाचा को दो बेटी थी । मेरा बड़ा भाई मुझसे 10 साल बड़ा था वो मेरे लिए मेरे फादर फिगर था उनका आदेश मेरी सर आंखों पे था और मेरी हर ज़िद उनका फरमान लाडला म सभी का था क्योंकि सबसे छोटा जो था मगर कभी फायदा नही उठाया मेने इस बात का मुजे ओर मेरी माँ को कभी भी ऐसा महसूस नही हुआ कि हम इनसबके अपने नही है सौतेले है में जबसे हुआ बोहुत कमजोर था । शारीरिक रूप से इतना के मुजे चलने में तकलीफ होती थी । मेने अपनी पूरी पढ़ाई घर से ही कि क्योंकि सब को डर था मेरी जान का क़्योंकि म सबकी जान था । ऐसा नही था म दुनिया से कटा हुआ था बस फर्क इतना था कि मेरी दुनिया ही अलग थी । में बोहुत खुश था । मेरा इलाज भी चल रहा था । कुछ सालों तक तो मुजे पता ही नही था कि मुजे खतरा है किससे 16 साल की उमर में मुजे पता लगा के मुजे खतरा उन अपनो से है जो पराए हो चुके है तभी मुजे पता लगा मेरे 2 चाचा 2 बुआ ओर है जिनका अपना एक इतिहास है जो हमे अपना दुश्मन मानते है एक प्रोपेर्टी के लिए तभी से ही मेरा उनसे मिलने का बोहुत मन था मगर ये ही एक बात थी जो मेरी नही मानी जाती थी । मुजे पता लगा मेरी अपनी ओर एक फैमिली है मेरी 2 बहेन ओर है उस फैमिली से ओर 2 ओर बहेन ह मेरी बुआ की बेटियां ये है मेरी छोटी सी फैमिली 12 तक घर पर ही पड़ने से मेरे दोस्त भी नही बने थे मगर हम सब भाई बहेन में बोहुत एकता थी सब एक दूसरे के लिए मरमिटने को तैयार रहते है अब में 17 साल का हु ओर मुजे मेरे डॉक्टर ने कहा है कि 18 साल होने पे मुजे एक नई जिंदगी मिलने वाली ह एक प्रयोग चल रहा है वो पूरा हुआ तो फिर मेरी दुनिया ही बदल जाएगी अब लास्ट एक हफ्ता बचा था मेरा इलाज चल रहा था और में एक सुरक्षित जगह पे हु अब मिलते ह सीधा एक हफ्ते बाद मेरे जन्मदिन पर कल रात को ।

मेरे ठीक होने से पहले में आप लोगो को अपने परिवार की दुश्मनी की दास्तान बताना चाहता हु ये सब शुरू हुआ मेरे दादा जी के मोत के बाद हमारे झगड़े बोहुत होने लगे प्रोपेर्टी को लेकर हमारे बोहुत लोग मारे गए उनके बोहुत लयोग मारे गए घर को कोई नुकसान नही हुआ मगर वो कहते है ना आपातकाले विपरीत बुद्धि और यही हुआ मेरे दूसरे घर के दोनों फुफ़ाओं हमे ऐसी चोट दी कि नफरत दुश्मनी में बदल गयी फेर यहां से मेरे दोनों फुफ़ाओं ने मेरे उन फुफ़ाओं को मौत के घाट उतार दिया । ये एक बोहुत बड़ा प्रहार था हमारी ओर से जिसने ये निश्चित किया कि अब हमारे बीच कभी कुछ ठीक नही हो सकता फेरे मेरे चाचा ने अपनी बहनों के सुहाग का बदला लेने के लिए मेरे दोनों फुफ़ाओं को मार दिया इस लड़ाई में बोहुतो ने बोहुत कुछ खो दिया किसी ने अपने बेटे किसे ने अपने बाप को ओर सबसे बड़ी बात मीठी 4 बुआओं ने अपने पति खो दिया बिना किसी गलती के ये लड़ाई सिर्फ गम दे रही थी कभी हमे कभी उन्हें जिस तरह प्रोपेर्टी की के दो हिस्से हुए उसी प्रकार बिज़नेस के भी दो हिस्से हुए जहाँ वो दूसरी फॅमिली उस पैसे को भोग रही थी मज़ा उड़ा रही थी गलत काम कर रही थी वही मेरे पिताजी चाचा ओर भाई बिज़नेस को एक अलग उचाईयों पे ले जा रहे थे वो भी उनसे ना देखा गया अब उन्हें हमारा बिज़नेस भी चाहिए था और अब उनका निशाना था मेरे पिताजी ओर बड़ा भाई और कोई हमारा अपना उनसे जा मिला था मगर पता नही कोंन । एक इंसान जिसने सुख दुख म मेरे पिताजी का बोहुत साथ दिया वो है पटवारी जी ओर उनकी एक बेरी है जो बचपन से ही मेरे साथ खेली उसमे मुजे एक अच्छी दोस्त मिली । अब वापिस चलते है उस जगह जहाँ मेरा इलाज चल रहा था । बोहुत ही दर्द नाक प्रयोग था ये मगर एक नई जिंदगी के लिए थोड़ा दर्द सहन करना कोई बड़ी बात नही थी । मगर आज एक चेहरा बोहुत ही गम्भीर लग रहा था और एक बोहुत ही उत्सुक ।

मेंडी – डॉक्टर कावेरी क्या ये सब हम ठीक कर रहे ह इस जान के साथ आपको पता है ना इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते है जो अभी दिखाई नही देंगे एक साल बाद ये इंसान कुछ और ना बन जाए ।

कावेरी – डॉक्टर मेंडी आप बस अपना काम करे और चुप हो जाए कोई सुन लेगा इसे अपनी फैमिली के लिए तगिक होना ही होगा इसके परिवार को बोहुत उम्मीद ह हमसे ओर हम बोहुत पैसा भी ले चुके ह इनसे ओर जादू होते ह इस दुनिया मे आज भी होगा कुछ नही होगा इसे ओर हुआ तो उसकी जिम्मेवारी म ओर आप मिलके उठाएंगे आप चिंता न करे और खुश हो जाए आज हम जो करने जा रहे है वो कभी किसी ने नही किया ह ओर ना ही कभी होगा क्योंकि ये पहली और आखिरी बार है और इसके बाद हम भूल जाएंगे हमने क्या किया है ।

मेंडी – मेरा बस चले तो में ये भी ना करू मगर मजबूरी है करना पड़ेगा नतीजा जानते हुए भी ।

कावेरी – ये हुई ना बात और अब चेहरे पे मुस्कान लाइए ।

फेर मेरी पूरी बॉडी में रसायन इंजेक्ट किया गया और हर 4 घंटे में ये कार्य किया गया बिना रुके 4 दिन तक ओर दो दिन दिए उस रसायन को मुझपे काम करने के लिए ओर जो नतीजा निकला वो अद्भुत था अब काल मेरा जन्मदिन था ओर काल आ रहा हु में अपने परिवार वालो के सामने ओर दुनिया का सामना करने ।


तो आज हम बात करते है मेरी 7 दिन का दर्दनाक उपचार करा के मुजे ओर मेरे डॉक्टर और फैमिली को कुछ अच्छा होने की उम्मीद है वैसे में आप लोगो को कुछ जरूरी बता दु की उस फैमिली के लिए जो हमारी दुश्मन है मै हु ही नही उनके लिए में 18 साल पहले ही मर चुका हूं कयोंकि में कमजोर था तो मेरे पिताजी ने ये अफवाह फैलादी थी जो मुजे बाद में पता लगा डॉक्टर के अलावा जिन लोगो ने मुजे जिंदा देखा ह उन्हें ये नही पता के में हु कोंन किसकी औलाद हु । तो में एक रहस्य हु । अब आते है आज के दिन पे मेरे जन्मदिन को आने म सिर्फ एक घंटा बाकी है ओर मुजे एक नया अवतार मिल गया है और मिशन कामियाब रहा और एक जो दुबला पतला लड़का जो दो कदम ठीक से चल भी नही पाता था हर वक्त बीमार रहता था थका थका रहता वो कही पीछे छूट गया था और अब जो सामने आया वो एक नई पर्सनलिटी थी एक 6 फ़ीट का लंबा चौड़ा हट्टा कट्टा मर्द बन गया था आवाज भी अच्छी भारी हो गयी थी कोई सुपर नेचुरल पॉवर नही आई थी मगर जिस्मानी ताकत 10 गृणा बढ़ गयी थी शरीर के एक एक अंग मके कसाव आ गया था गठीला बदन बन गया था मानसिक अक्षमता भी 10 गृणा बाढ़ गयी थी । रंग एक दम साफ नैन नक्श तो पहले से ही सुंदर थे क्योंकि मा बाप दोनों सूंदर है सेक्स पावर भी बढ़ गयी थी मगर भी मेरा उससे दूर दूर तक कोई लेना देना नही है मेरा लंड बढ़ के 10इंच का हो गया जो सामान्य से बोहुत बड़ा था दोनों डॉक्टर अपने कारनामे से बोहुत खुश थे । और जश्न मना रही थी और मेरे होश में आने का इंतजार रही थी और वो लम्हा भी आ गया और में होश में आ गया म उठा तो निर्वस्त्र था और तने के बाद दोनों डॉक्टर ने मुजे हेल्प की उठने में ओर मुजे खुद से मिलाया में खुद को देख के शोकड था के में ऐसा भी दिख सकता हु ए मुजे ऐसा दिखना चाहिए था जो में 18 साल बाद बना मगर देर आए बोहुत मस्त आए मुजे देखते ही खुद से प्यार हो गया । दोने डॉक्टर ने मुजे बर्थडे विश किया और दोनों मुजे ऐसे ही अपने साथ एक बंद शोरूम ले गयी और उसे इमरजेंसी में खुलवाक़े मेरे लिए नए उटफीट लिए काल की पार्टी के लिए ओर कुछ घर के लिए क्योंकि पुराना मुजे अब कुछ आना नही था में बोहुत ही खुश हूं अपनी पुरानी जिंदगी को पीछे छोड़ के एक नई जिंदगी में आने के लिए ओर फेर कपड़े लेके वापिस वही आ गया क्योंकि अभी मुजे घर नही जाना था वो सरप्राइस था सबके लिए ओर म दिन भर अपने घर वालो से मिलने के लिए तैयारी करता रहा ।

तो आज थी मेरे जन्मदिन की बोहुत बड़ी पार्टी जिसमे शहर के नामी गिनामी लोग आ रहे थे ये पहली बार था के इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा था मेरे लिए क्योंकि मेरे पिता जी को अब समज आ गया था के ये ही सही समय है मुजे दुनिया के आगे लाने का सब को खबर मिल गयी थी कि मैं ठीक हो गया हूं पूरे शहर को बुलाया दोस्त क्या दुश्मन क्या दूसरी फैमिली को भी बुलाया और इधर मैं बन ठन गया था और मैने अपने पूरे परिवार के लिए कुछ गिफ्ट्स लिए ओर शाम होने का इंतजार करने लगा इतने में मुजे याद आया के भाई का गिफ्ट तो रह ही गया तो में एक बोहुत ही बड़ी गिफ्ट शॉप पे रुका अंदर घुसते ही मेरी टक्कर एक बला की खूबसूरत लड़की से हुई जिसे में देखता ही रह गया ये पहला एहसास था जब में किसी अनजान लड़की से टकराया था मुजे तो वही स्वर्ग के दर्शन हो गए में सब कुछ भूल गया और जब उस लड़की ने गुस्से में मुजे हिलाया तो मेरा ख्वाब टूटा ओर में असली जिंदगी में लौट आया ।
लड़की – ए मिस्टर अंधे हो क्या ।

विश्वास – माफ् करना में जल्दी में था तो प्लीज ।

लड़की – चलो कोई नही आज मेरा मूड अच्छा है तो माफ किया ।

फेर मेने अपने गिफ्ट के ओर उस लड़की के गिफ्ट के उसे बिना बताए पैसे दिए और दुकार मालिक से बोला के लड़की से पैसे नही लोगे ओर सच भी नही बोलोगे ।

मालिक – जी

मालिक – सुनिए मैडम आप हमारी दुकान की 1000वी ग्राहक हो तो आप जो भी ले रही ह सब हमारी तरफ से आपको फ्री ।

लड़की – थैंक्स भईया आज का दिन ही बोहुत खास है सब अच्छा ही हो रहा है ।

फेर में बाहर आया और अपनी कार में बैठ गया और जैसे ही जाने लगा थी उसी लड़की ने मुजे पीछे से रोका ।

लड़की – हेलो रुको प्लीज रुको ।

विश्वास – जी अपने मुझसे कुछ कहा ।

लड़की – यार मेरी कार खराब हो गयी है मुजे जल्दी घर पोहुचना है तो प्लीज क्या आप मुजे छोड़ देंगे ।

विश्वास – जी आइए ।

लड़की – हाए में नंदिनी ओर आप ।

विश्वास – जी में विश्वास । वेसे एक बात पुछु बुरा ना माने तो ।

लड़की – जी बोलिये

विश्वास – ये इतने सारे गिफ्ट्स किसके लिए बॉयफ्रेंड ।

लड़की – नही नही डैड के फ्रेंड के बेटे का आज बर्थडे है उसके लिए ये देखिए इनविटेशन ।

मेने इनविटेशन देखा तो वो मेरे ही बर्थडे के लिए था और म बोहुत खुश था के चलो आज पार्टी में रौनक तो लगेगी ।

विश्वास – अरे ये तो बोहुत ही बड़े लोग है तुमने कभी इसे देखा है ।

नंदिनी – नही यार ये लड़का 18 साल में किसी को नही दिखा ।

विश्वास – सुना है ये मार गया था खबर थी ऐसी अब अचानक जिंदा हो गया वह भाई बड़े लोग बड़ी बातें ।

नंदिनी – रुको रुको मेरा घर आ गया ।

विश्वास – वेसे आज मेरा भी बर्थडे है ।

नंदिनी – हैप्पी बर्थडे डिअर ।

विश्वास – सो फैएंड्स ।

नंदिनी – इतनी जल्दी में अजनबी से दोत्ती नही करती मगर तुम अच्छे इंसान दिखते हो तो तुम्हे एक मौका दिया इस घर के अलावा अगली बार हम कहि भी मिले भगवान की इच्छा से तो हम दोस्त अब सब भगवान पे है ।

विश्वास – ओके बोहुत जल्द हम फिर मिलेंगे ।

नंदिनी – गुड लक डिअर बाई ।

ओर में वापिस उसी जगह आ गया और दोनों डॉक्टर को उ के गिफ्ट्स दिए और रात की पार्टी में इनवाइट किया पहले तो दोनों मना कर रही थी फिर मेने उन्हें अपनी फैमिली माना और हक़ से उन्हें आने को कहा तो वो राज़ी हो गयी अब वो मेरी पर्सनल डॉक्टर थी सिर्फ मेरे लिए ही काम करती थी । ऐसे ही शाम के सात बजे गए और अब टाइम आ गया था घर जाने का में घर के रास्ते मे था और काफी खुश था जो होने वाला था उसके लिए करीब 8 बजे में घर पाहुचा पर पार्टी पे नही गया वहाँ मेरी एंट्री अभी नही थी अभी तो महमान नही आए थे सारे तो सभी के आने का इंतजार किया जा रहा और करीब करीब 8:30 सब आ गए मेरा पूरा परिवार जो हमे अपना समझते थे वो भी जो दुश्मन समझते थे वो भी सभी फैमिली फ्रेंड्स मेरी बुआए सब बस अब मेरा इंतजार हो रहा था । और ठीक 9 बजे मेने एंट्री ली एक हीरो की एंट्री बिल्कुल राजाओ के जेसे एक शेर के जैसे ओर मुजे देख के सभी की आंखे फटी की फटी रह गयी किसी को भी भरोसा नही हो रहा था के ये में ही हु मेरे भाई और माँ ने मुजे अपने गले लगा लिया और फिर पापा ने मुजे गर्व के साथ सभी से इंट्रोड्यूस कराया और देखते ही देखते में सेंटर ऑफ अट्रेक्शन बन गया सभी बहने जो मेरे अपने घर की थी मुजे छू छू के देख रही थी दूसरे घर से जो थी वो तिरछी नजरो से देख रही थी अचानक मेरे सौतेले चाचा को मेरे पिताजी की ताकत आधे से दुगनी दिखाई देने लगी । मगर में उस चेहरे को ढूंढ रहा था जो मुजे देख के दंग रह गयी थी नंदिनी फेर सभी ने बारी बारी मुजे आशीर्वाद दिए गिफ्ट दिए सब मेरे साथ सेल्फी ले रहे थे फिर में भी पार्टी एन्जॉय करने लगा अपनी बहनों के साथ डांस करने लगा भाई के साथ एक छोटी सी ड्रिंक ली अब समय था नंदिनी से मिलने का । तो में उसे ढूंढने लगा जल्द ही मुजे वो मिल गयी ओर में उसके पास गया ।

विश्वास – क्या हुआ नंदिनी जी आप एन्जॉय नही कर रही हो अच्छी नही लगी पार्टी ।

नंदिनी – तुमने पहले क्यों नही बताया मुजे ।

विश्वास – पहले तुम मुझसे दोस्ती सिर्फ नाम की वजह से करते अब तो तुमने वादा किया है तुम करोगी तो ये दोस्ती मेने गुड लक से कमाई है ।

यहां हमारी बात चल रही थी वह दो दोस्त जाम छलका रहे थे मेरे पिता जी ओर नंदिनी के पिता जी । वहां दोस्ती को रिश्तेदारी में व्यपार को रिश्तेदरी में बदलने की बात चल रही थी जहाँ मेरे बड़े भाई और नंदनी का रिश्ता दोनों ने पक्का कर दिया अपने पिता की बात न नंदिनी मना कर सकती थी ना विशाल तो ये रिश्ता तो होना ही था । वही दूसरी तरफ में नंदिनी के साथ एन्जॉय कर रहा था ।

विश्वास – मेरा गिफ्ट ।

नंदिनी – गिफ्ट अभी तो दिए इतने सारे ।

विश्वास – वो गिफ्ट तुमने उसे दिए जिसका इनविटेशन था तुम्हे ना कि अपने फ्रेंड को आज मेरा भी तो बर्थडे है ।

नंदिनी मेरा हाथ पकड़ के मुजे अंदर ले गयी हम दोनों एक टॉयलेट में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया ।

विश्वास – ये क्या कर रही हो ।

नंदिनी – क्यों फट गई अभी तो कुछ किया नही है ।

ओर नंदिनी ने मेरी आँखों पे हाथ रख ओर अपने होठ मेरे होठ से जोड़ दिए कुछ 5 मिनट तक हमारा किस्स चला फेर सांस उखाड़ने के कारण किस टूट गया फिर पहले नंदिनी बाहर गयी फेर में वो तो अच्छा था हमे किसी ने नही देखा था । जैसे ही में बाहर गया तो नंदनी को सभी ढूंढ रहे थे फिर हम दोनों ही एक साथ सबके पास पोहुचे तो पापा ने सभी को खुशखबरी सुनाई के उन्होंने नंदिनी वे विशाल भाई की शादी फिक्स करदी है जो अगले महीने ही है तो टाइम काम था और तैयारिया बोहुत ज्यादा विशाल भाई बोहुत खुश थे पर नंदिनी नही में अपनी फीलिंग्स बया नही कर पा रहा था मगर कर कोई कुछ नही सकता था । फिर सबने डिनर किया और सब अपने अपने घर को हो लिए सब थक चुके थे तो सब सोने चले गए मगर कोई बोहुत परेशान था ।

मेंडी – डॉक्टर कावेरी अपने देखा न आज जो हुआ शेर के मुंह खून लग गया है आज से काउंटडाउन शुरू हमारे पास सिर्फ एक साल है कुछ सोचिए ।

कावेरी – डॉक्टर मेंडी आप टेंशन ना ले कुछ नही हुआ ह बस हमे पूरी नजर रखनी होगी अब इसपे चाहे अब हमारा कैरियर खत्म ही क्यों ना हो जाए ।

  
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