Tuesday, June 11, 2013

हिंदी सेक्सी कहानियाँ] प्यासी मकान मालिक की बेटी --1


 

प्यासी मकान मालिक की बेटी --1
मेरा नाम किरन मल्होत्रा है और मै भोपाल के एक प्राईवेट कालेज से एम बी ए कर रहा हू ।
यह कहानी बिल्कुल सत्य घट्नाओ पर आधारित हैं और मैन इस कहानी को कुछ सन्क्षेप में लिख रहा हूँ। यह बात सन 2010 कि है, जब मैन भोपाल के
मन्दीदीप मे एक निजी कम्पनी मे काम करता था, मैने अरेरा कालोनी मे एक कमरा किराये पर ले रखा था। वहाँ मैं कंपनी मे इंजिनीयर था। और मैने
अपना कमरा दुसरी मंजिल पर ले रखा था। ताकी मुझको कोइ ड़िस्ट्र्ब ना कर सके। मेरे मकान मालिक कि बेटी 20 साल कि हैं, और उसका नाम नेहा हैं।
नेहा का फ़िगर 34-28-36 के लगभग हैं, और उसका कद 5'6'' हैं। उसका भरा हुआ बदन देख कर के मेरे लन्ड़ में आग सी लग जाती हैं। वो बिल्कुल
चिंकनी चमेली जैसी हैं। मकान मालीक का अपना खुद का बिजनेस् हैं, और वो अपने काम मे इतना बिजी रह्ता हैं कि अपने बिवी को भी समय नहि दे
पाता हैं, वो कुछ अधेड़ उम्र का लगता हैं जैसे की वो बिल्कुल ही झड़ गया हो। क्युकी मेरि नौकरी ही ऐसी थी की मुझको सवेरे सवेरे जाना पड़ता था और
शाम को ही आता था।इसलिए मैं उन लोगो से ज्यादा बातचीत नही हो पाती थी, कभी कभी बस हाय हेलो ही हो जाति थी। पर नेहा हमेशा मुझशे हमेशा
बातचीत करने के बहाने खोजती रहती थी, क्युकी मैं भी कुछ कम नही दिखता हूँ।मेरा कद 6 फ़िट हैं। और शरीर भी कफ़ी अच्छा हैं। जिस कारण वो मुझ
पर फ़िदा हो गई हैं। एक दिन मै घर पर जल्दी आ गया था, और शायद नेहा उस्स दिन कालेज नहि गेइ थी,तो नेह ने मुझको चाय पर बुलाया, नेहा कि
माँ कुछ दिनो के लिये अपनी माँ के घर गई हुई थी, उस दिन नेहा ने एक पतली सी नाईटी पहेन रखी थी,जिसके अन्दर नेहाने एक रेड कलर का ब्रा और
पेन्टी पहेन रेखी थी, जिसमे वो काफ़ी सेक्शी लग रहि थी, नेहा को इस कपडे मे देख कर मेरा लन्ड अपने आकार मे आने लगा था, और शायद नेहा ने
इस्स बात को भाफ़ लिया था,तो वो मुस्कराते हुए चाय बनाने चली गई, कुछ देर मे नेहा ने चाय के साथ कुछ नम्कीन भी लेते हुए आई। मेरी नज़र नेहा के
बूब्स से हट ही नही रही थीं। नेहा मेरी इस हर्कत को देख कर मन्द मन्द मुस्करा रही थी, फ़िर हम दोनो में बातचीत शुरु हो गई, नेहा ने पुछा कि आपने
अभि तक शादी क्युं नहि कि तो मैने कहा कि पहले मैन अपनी लाइफ़ मे कुछ बन जाऊ फ़िर शादि करुन्गा। फ़िल्हाल तो मैन अप्ने कैरियर पर धयन दे
रहा हूँ नेहा ने कहा कि ऐसे मे तो आपकी उमर हि निकल जयेगी तो फ़िर्र कोइ भी अच्छी लड्की नहि मिलेगी तो फ़िर्र मैने कह कि यदि मेरि लाईफ़ मे
कोइ भि अच्छी लड्की होगी तो वो मुझको जरुर मिलेगी । फ़िर्र नेहा बोली कि आपको अपने शरीर का भी खयाल तो आपको हि रखना है।यह सुन कर् मैन
खुश हो गया और बोला कि अपने शरीर की जरुरत का तो मैन खुद हि पुरी कर लेता हूँ नेहा कि बात सुन कर मैन एक दम से चोक गाया और सोचा कि
लगता है कि आज काम बन हि जयेगा। फ़िर नेहा ने पुछा कि आपकी कोइ गर्ल फ़्रेन्ड नही है क्या तो मैने कह कि इतना समय नही है की कोइ गर्ल फ़्रेन्ड
बनाया जाय्। फ़िर मैने पुछा की तुम्हारा कोइ बोय फ़्रेन्ड है कि नहि तो नेहा ने कह कि मैन भी बस आपकी तरह हि हून, मैन ये बोय फ़्रेन्ड बानाने पर
बिशवास नही करती हून फ़िर मैने थोडी सी हिम्मत कर के कहा कि क्यु न हम दोनो हि एक दुसरे का हि खयाल रखा करे तो नेहा राजी हो गई । मैने
कहा कि नेहा तुम बहुत हि सुन्दर हो और मैन बस तुम्हारी हि वजह से इस घर मे रह रहा हूँ। इत्ने दिनो से मैन अप्ने दिल कि बात ब्स अप्ने दिल मे
हि रेख कर हि घुम रहा था कि कभि न कभि तो मैन अप्ने दिल्ल कि बात तुम्से जरुरु कहुन्गा। नेहा मेरि इस बात को सुन कर खुश हो गई और कहा कि
अब पापा क आने का समय हो गया है तुम अब जाओ हुम कल बात करते है। मैने अपनी चाय खतम की और नेहा को थैन्क्स बोल कर अपने रूम मै आ
गया। अगली सुबह पान्च बजे हि नेहा ने मेरे दरवाजे कि घन्टी बजाई और मैने दरwअजा खोला तो देख कि नेहा खडी है । वो मुझ्को देख कर हस्ने लगी
और गुड माँनिर्ग बोल कर छत पर चली गई मुझ्को कुछ समझ मे न्ही आया कि वो हसने क्यु लगी थी, फ़िर मैने देखा तो मेरा लन्ड तम्बू तने हुए खडा
था।


शेष भाग अगले कहानी में--

आपको मेरी कहानि कैसी लगी मुझे आप के जबाब का इन्तजार रहेगा

मेरी मेल आईडी---
jamsebond0009@gmail.com
 

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