FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..62
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अब आगे
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अजय ने वापिस जाकर किसी तरह से मीटिंग निपटाई....
पर उसका सारा ध्यान अपनी साली रिया की तरफ ही था... एक तरह से देखा जाए तो वो उसके साथ हनिमून ही मना रहा था, लेकिन ओंन द जॉब रहकर.
पर ऑफीस का काम भी ज़रूरी था, उसी काम की आड़ में तो वो उसे यहाँ लेकर आया था, पर अब जितना उसे मिल रहा था उससे भी संतुष्टि नही मिल पा रही थी उसे. उसका लालच बढ़ता ही जा रहा था.
मीटिंग से फ्री होकर वो जल्दी से होटल पहुँचा...
शाम का वक़्त था, रिया उसे होटल के पीछे बने स्वीमिंग पूल के किनारे बने कॉफी हाउस में मिल गयी जहां बैठकर वो दोनो काफ़ी देर तक प्यार भरी बाते करते हुए कॉफी पीते रहे.
उसके बाद दोनो तैयार होकर मूवी देखने निकल गये... उन्होने एक रोमॅंटिक मूवी देखी जिसे देखते हुए रिया उससे चिपक कर बैठी रही.
दोनो जब बाहर निकले तो बाहर का मौसम बड़ा ही ख़ुशगवार था, हल्की बारिश हो रही थी... ऐसे रोमॅंटिक मौसम में रिया को अपने जीजू के साथ घूमने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो दोनो न्यूली वेड कपल की तरह चल रहे थे.
रिया की आँखो में अजय को एक बार फिर से चुदने की ललक दिखने लगी...
वो जिस अंदाज से अजय को देखकर, उसे छूकर , मुस्कुरा रही थी, अजय समझ पा रहा था की उसकी चूत में इस वक़्त किस किस्म की कुलबुली हो रही होगी...
ठीक वैसी ही जैसी एक हनिमून पर गयी लड़की की ताज़ा चुदी चूत में होती है की कब उसमें फिर से लंड जाएगा....
कब उसे फिर से उसी आनंद की अनुभूति होगी...
कब वो पिछली बार से ज़्यादा चिल्लाकर अपने यार के लंड को एंजाय करेगी.
अजय का भी लगभग यही हाल था....
वो भी जब मौका मिलता उसकी ब्रेस्ट को अपनी कोहनी से छूकर या उसके नितंबो को दबाकर अपने खड़े लंड की भूख का एलान कर देता...
और जल्द ही ऐसा माहौल पैदा हो गया की दोनो से सब्र नही हुआ...
वो वापिस होटेल की तरफ चल दिए.
कमरे में घुसते ही अजय ने रिया को दबोच लिया...
रिया ने किसी तरह से दरवाजा लॉक किया और वो भी अजय पर टूट पड़ी...
दोनो ने एक दूसरे के कपड़े नोच कर फेंक दिए...
अजय ने उसे दीवार के सहारे खड़ा करके उसके नंगे स्तनों को मुँह में लेकर ज़ोर से चूस डाला..
वो तड़प उठी...
''आआआआआआआआआअहह जीजू................. उम्म्म्मममममममममममममममम...... लव यूउू जीजू.....''
अजय ने उसे हवा में उठा लिया, रिया ने अपनी टांगे उसकी कमर से लपेट ली और अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी...
किसी मूवी सीन जैसा था ये सब...
रिया ने स्कर्ट पहनी हुई थी...
अजय ने अपनी पेंट की जीप खोली और अपने लंड को बाहर निकाल लिया..
और उसकी स्कर्ट में हाथ डालकर उसकी पेंटी को साइड में करते हुए उसके मुहाने पर लंड टीका कर नीचे से जोरदार शॉट मारा...
इतनी निर्दयता और रफ तरीके से उसकी चूत में पहली बार कुछ गया था ...
और वो भी इतना मोटा तगड़ा उसी के जीजू का लंड ...
बेचारी के आँखे ही बाहर आ गयी अजय के इस जोरदार झटके से.
''आआआआआआआआआआआआआआअहह जीजू............. माआर डाला......... हाआआआआआआआअ..... फकककक मिईीईईईईईईईईईई...... आई लाइक इट...... सूऊऊऊऊ मच .................. अहह ओह.... ओफफफफ्फ़''
अजय उसकी फेली हुई गांड को दोनो हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड पर उपर नीचे कर रहा था...
उसकी बलिष्ट बुझाओं की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था की उसने 58 किलो की जवान साली को किसी फूल की तरह उठाया हुआ था और उसे हवा में चोद भी रहा था...
ये एक ऐसा एंगल था जिसमे रिया की चूत के आख़िरी सिरे तक अजय का लंड जा रहा था...
उसकी चूत की टनल का आख़िरी हिस्सा ही था वो....
वहां मिल रही अजय के लंड के सिरे की सिकाई से वो सांतवे आसमान पर पहुँच गयी...
हर लड़की की चूत जब पहले से ज्यादा बड़े लंड से चुदती है तो उसे सुख का ऐसा एहसास होता है जिसे वो शब्दो में बयान नही कर सकती...
सिर्फ़ उसकी सिसकारियाँ ही उसके अंदर चल रही खुशी को जाहिर कर सकती है..
'' आआआअह्ह्ह्ह्ह जीजू सससससससस ममममममममम ''
पर रिया की खुशकिस्मती ये रही की उसे शुरू में ही ऐसा लंड मिल गया था जिसने उसकी चूत की नपाई पूरी कर दी थी...
इसके बाद तो रास्ता ही बंद था...
और शायद इसी भराव को महसूस करके वो उसके लंड पर कूदियां मारने में लगी थी.
रिया ने अपने जीजू के होंठों पर अपने होंठ जोंक की तरह चिपका दिए, उन्हे अपने होंठों से निकल रहा शहद पिलाते हुए वो लंड पर उछलना नही भूली थी..
अजय भी बीच-2 में किस्स तोड़कर उसके हाथ उपर दीवार से बाँध देता और उसके स्तनों को ज़ोर-2 से चूसता , ऐसा करते हुए जब वो टेड़ा होकर अपना एंगल बदल कर लंड अंदर पेलता तो वो रिरिया कर अजय को वापिस उपर कर लेती...और अपनी निप्पल को उसके मुँह से निकलवा कर अपने होंठों को उसके मुँह में ठूस देती...
एक कामुकता से भरी लड़ाई चल रही थी जीजा साली में ... जिसमे कभी जीजा तो कभी साली जीत जाती..
इसी तरह से चूड़ते-2 रिया का ऑर्गॅज़म अपने चरम पर पहुँच गया और उसने अजय के बालों को पकड़ कर अपने सीने में छुपा लिया और उपर मुँह करके किसी चुदाई करवाती लोमड़ी की तरह चिल्लाई।
''उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममम जीजू..................... उफफफफफफ्फ़ मैं तो गयी.......''
उसके शरीर की अकड़ ऑर्गॅज़म के साथ बाहर निकल गयी....
अब वो बेजान सी होकर अजय की बाहों में झूल रही थी.
ऐसे एंगल में जब सामने से बॉडी का रिस्पोन्स ना मिले तो चोदने में कितनी मुश्किल होती है, ये अजय को अब समझ आ रहा था...
उसके ढलके जा रहे शरीर को हवा में उठाकर रखना अब थोड़ा मुश्किल हो गया था, इसलिए वो उसे लेकर अंदर बेड पर आया और बड़ी निर्दयता से उसने रिया को बेड पर फेंक दिया...
अपनी चुदी हुई चूत लिए वो बेड पर किसी चादर की तरह बिछ गयी
अपनी चूत से निकल रहे अपने ही गरमा गर्म लावे को उंगलियों से मसलते हुए वो अपने जीजू को देख रही थी...
जो धीरे-2 अपनी पेंट को उतार कर नंगा हो गया...
अजय का चमकता हुआ लंड दूर से ही खड़ा होकर उसे चूसने का लालच दे रहा था...
और इतने लुभावने ऑफर को वो मना नही कर पाई और उठकर उसने अजय के लंड को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया...
''अहह.... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स रिया ...................... सक्क करो इसे...... ज़ोर से......''
रिया तो पहले से सोच कर बैठी थी की 'जो जीजाजी बोलेंगे, वो मैं करूँगी'
वो उनकी इतनी प्यारी सी रीक़ुएस्ट को वो कैसे नकार सकती थी....
वो ज़ोर -2 से उनके लंड को चूसने में लग गयी..
एक बार फिर से अजय अपनी उत्तेजना के शिखर पर पहुँच गया और उसने लंड बाहर खींच लिया...
और रिया को बेड पर गिराकर उसके उपर चढ़ गया...
आज रिया को मर्द का औरत पर चढ़ने का मतलब अच्छी तरह से समझ आ रहा था...
ऐसा बलिष्ट और ताकतवर मर्द जब फूल जैसी औरत पर जोरदार झटके मारता हुआ चड़ता है तो नीचे लेटी औरत का क्या हाल होता है , ये वो आज अच्छी तरह से समझ पा रही थी...
अजय ने उसकी चूत को टटोल कर उसके मुहाने पर अपना हैदराबादी लंड रखा और अपना पूरा भार उसने लंड पर केंद्रित करके उसकी चूत की गहराइयों में उतरता चला गया..
''आआआआआआआआआआआअहह जीजू.......... उम्म्म्मममममममममममममम''
एक चुदी हुई चूत के मुँह से सिर्फ़ यही निकल सका...
उसके बाद तो अजय के झटकों ने उसे चैन से आँखे बंद भी नही करने दी...
अजय ने उसके दोनो हाथों को उपर करके , उसकी टाँगों को दोनो दिशाओं में फेलाकर, अपने लंड से जोरदार प्रहार करने शुरू कर दिए उसकी चूत पर.....
वो बेचारी अपने नन्हे मुम्मों को उपर नीचे होते हुए देखती, उनके बीच से दूर अपनी चूत के अंदर अजय के लंड को पिस्टन की तरह अंदर बाहर जाते देखती और अपनी उखड़ती सांसो को नियंत्रित करके एक और बन रहे ओर्गास्म का मज़ा लेने में जुट गयी..
''आआआआआआआआआआआआआआआआहह जीजे....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या चोदते हो यार...... उम्म्म्ममममममममम .... हर बार नये तरीके से...... नये जोश से...... अहह जीजू...... फिर से कुछ हो रहा है ..................... अहह और ज़ोर से चोदो ...... फक मी जीजू...... फक मी........''
अजय तो वैसे भी फक्क कर रहा था, ऐसे प्रोत्साहन मिलने से उसकी फकिंग करने की स्पीड और तेज हो गयी...... अब तो उसकी राजधानी एक्सप्रेस को रोकना बहुत मुश्किल सा हो गया और आख़िरकार उसकी ब्रेक फैल हुई राजधानी दनदनाती हुई आख़िरी प्लॅटफॉर्म को ध्वस्त करती हुई उसकी अंदरूनी दीवार से जा भिड़ी.... और उसके इंजन का सारा तेल बाहर निकल आया..... जिसने उसकी चूत के प्लेटफॉर्म को लबालब भर दिया.
फिर वो उसके उपर से नीचे उतार कर साइड मे लेट गया और गहरी साँसे लेने लगा..
रिया ने पास पड़े नेप्किन से अपने मेहनती जीजे के चेहरे का पसीना सॉफ किया....उसके लंड और अपनी फुददी को पोंछा और फिर बड़े ही प्यार से उनके सीने पर सर रखकर लेट गयी
वो दोनों जानते थे की अभी तो पूरी रात पड़ी है.
वो लेटे -2 कुछ बात कर ही रहे थे की अजय का मोबाइल बज उठा.
प्राची का कॉल था, अजय ने उसे चुप रहने का इशारा किया और फोन पर बाते करने लगा.. रोजाना की तरह दोनो ने एक दूसरे का हाल पूछा, खाना खाया, दवाई ली, कोई प्राब्लम तो फील नही हो रही वगेरह - 2..
प्राची थोड़ी उदास सी लग रही थी....
वो बोली की अजय के साथ-2 उसे रिया की भी याद आ रही है...
जब से वो आई है , उससे रोज बातें करने की आदत सी बन गयी थी... इसलिए वो उसे भी मिस कर रही थी..
अजय ने उससे कहा की ज़्यादा ही याद आ रही है तो उसे कॉल कर लो...
ऐसा कहते हुए वो अपनी बाहों में पड़ी नंगी रिया को देखकर मुस्कुरा भी रहा था..
अजय से बात करने के तुरंत बाद ही रिया का भी मोबाइल बज उठा..
रिया ने भी हंसते-2 फोन उठाया : "हाय दी.... कैसी हो.... तबीयत ठीक है ना आपकी''
और उसने उसी तरह के सवाल पूछने शुरू कर दिए जैसे अजय ने पूछे थे.
प्राची : "हा हा.... तू तो बिल्कुल अपने जीजू की तरह सवाल कर रही है... उनसे भी अभी बात हुई, वो भी यही सब पूछ रहे थे...''
अब उस बेचारी को भला क्या पता था की दोनो एक दूसरे से लिपट कर ही उससे बाते कर रहे है...
वो अगर दोनो के मोबाइल ट्रेस करती तो उनके मोबाइल भी शायद एक दूसरे के उपर चड़े हुए मिलते उसे...
पर बेचारी, भोली भाली ग्रहणी की तरह , दूर बैठी , इन सब बातों से अंजान, बड़े प्यार से उनसे बातें करने मे लगी थी.
प्राची ने जब पूछा की उसकी टूर कैसा चल रहा है तो वो बोली : "बस दीदी, पूछो मत... इतना मज़ा तो शायद ही मुझे अपनी लाइफ में दोबारा मिले... कल से आज तक अपनी लाइफ ऐसे जी रही हूँ जैसे फेयरी टेल स्टोरीस में होती है... बस आप ये समझ लो की मेरी जिंदगी के ये सबसे हसीन पल है...''
और उसने मन में कहा 'जो आपके पति, यानी मेरे जीजू की वजह से इतने अच्छे तरीके से कट रहे है...'
उसके बाद अजय की सासू माँ और पूजा, जो उस वक़्त प्राची के साथ ही बैठी थी, उन्होने भी रिया से बात की, पर ये जाहिर नही होने दिया की वो अजय के साथ ही है उस वक़्त...
फोन रखने के बाद अजय ने डिनर का ऑर्डर दे दिया...
सैक्स करने के बाद जो भूख लगती है वो अलग ही तरीके की होती है....
खाना खाने के बाद कुछ देर तक तो टीवी देखते रहे...
पर जल्द ही दोनो के शरीर मे एक बार फिर से सैक्स के कीड़े कुलबुलाने लगे..
अजय उठकर बाथरूम में गया और आज के काम के लिए स्पेशल लाई हुई सरसो के तेल की शीशी उठा कर ले आया..
यानी वो वक़्त आ चुका था जब रिया की गांड का उदघाटन होने वाला था.
रिया , जो 2 दिन पहले ही अपनी चूत पहली बार चुदवा कर अपना कुँवारापन खो चुकी थी, उसके लिए ये पल एक बार फिर से चिंता से भरा बन गया....
ठीक वैसी ही डर से भरी भावनाए उसके मन में आने लगी, जो पहली चुदाई से पहले आ रही थी..लेकिन पहले वो जितना डर रही थी, उसके हिसाब से तो ज़्यादा दर्द नही हुआ था चुदाई करवाते हुए..
पर बेचारी ये नही जानती थी की चूत की चुदाई और गांड की ठुकाई में कितना बड़ा अंतर होता है...
और सामने अगर अजय जैसा तगड़ा और मोटा लंड हो तो मुसीबत और भी ज़्यादा हो जाती है.
अजय ने पहले तो उसे गर्म करने के लिए उसे उपर से नीचे तक चूमा....
उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके हाथ पाँव दोनो दिशाओ में फेला कर आइस्क्रीम की तरह चाटा ..
और फिर अपनी गीली जीभ लेकर वो उसकी चूत के उपर पहुँच गया.
गांड मारने से पहले मर्द के लिए ये बहुत ज़रूरी है की वो औरत को हर वो सुख दे डाले, जो उसे सैक्स के बारे में सबसे अच्छे लगते है....
ताकि मर्द के उन सभी एहसानो के नीचे दब कर वो गांड मरवाते समय ज़्यादा चूं -चपड़ ना करे...
चूत चुसवाना भला किसे पसंद नही आता...
रिया भी अजय की जादुई जीभ को अपनी टाँगो के बीच महसूस करते ही पागल सी हो गयी और उसने अजय का सिर पकड़ कर अपनी चूत में और ज़ोर से दबा डाला..
''आआआआआआआआआआआअहह जीजू................. यू सकर ...... आप कितना अच्छा ... अहह.... चूसते ... होओओओ ..... उम्म्म्मममममममम.... आई लव इट......''
पर उसे नही पता था की अजय उसे गांड मरवाई के लिए तैयार कर रहा था..
इतनी उत्तेजना में भरकर वो बाद मे किसी भी काम को करने से मना नही करेगी...
हालाँकि वो पहले ही इस बारे में बोल चुकी थी और उसे पता भी था की आज उसकी गांड के छल्ले का उद्घाटन होने वाला है...पर फिर भी इस तरह की उत्तेजना का डोज़ देना आवश्यक था.
और वही हुआ जो अजय चाहता था...
उसके शरीर से जवानी के आवेग भरपूर मात्रा में निकलने लगे...
उसका शरीर गोल्ड फिश की तरह हवा में लहराने लगा...
वो अपनी गांड हवा में उठाकर अजय के बालों को जोरदार तरीके से पकड़कर अपना साली होने का पूरा हक अजय के मुँह से अपनी चूत में खींच रही थी...
''ओह जीजू.......................उम्म्म्मममममममममममममममम....... क्या मस्त तरीके से चूसते हो आप........ आआआआआआआआआअहह........ और ज़ोर से .......आआईयईईईईईईईईईईई ....एससस्स....... यहीं....... अहह उफफफ्फ़..... ये ...ये दाना..... हाँ .... उसे लो..... मुँह में लो...... ईईईईईईईईईईईईई.... काटो मत ना..... ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ओफफफफफफ्फ़..... आई एम कमिंग........''
और जैसे ही उसने अपने झड़ने की घोषणा की, अजय ने उसे चूसना छोड़ दिया....
वो कटी पतंग की तरहा बेड पर आ गिरी.....
और आश्चर्य भरी नज़रों से अपने जीजू को देखने लगी...
अजय ने मुस्कुराते हुए तेल की शीशी उठाई और बेड पर चढ़ गया....
वो समझ गयी की जीजू उसे तडपा रहे हैं...
और ये सब उसकी गांड मारने के लिए किया जा रहा है...
पर रिया ने अपनी शिकायत कर ही दी..
''यार जीजू.... ऐसे भला कोई करता है क्या.... मेरा बस होने ही वाला था.... थोड़ा सा और कर देते तो क्या चला जाता आपका...''
अजय : "चला तो नही जाता..पर ..जब पीछे से करूँगा तो वो ऑर्गॅज़म महसूस करके जो मज़ा आएगा, वो तुम भूल नही सकोगी.... समझी...''
रिया ने अच्छी बच्ची की तरह सिर हिला दिया...
अजय ने उसे उल्टा लिटा दिया और खुद उसके सिर की तरफ पैर करके लाइट गया... और उसने तेल की लंबी धार बना कर सीधा उसकी गांद के छेद पर डाली..
ठंडे तेल के एहसास से वो कंपकंपा सी गयी....
एक अलग ही तरह का सेंसेशन उसे अपने पूरे शरीर पर महसूस हुआ.
अजय ने अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी गांड के छेद पर रखी और धीरे -2 उसे मसाज देने लगा.
कुछ देर बाद अजय ने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर देकर अंदर घुसा दिया... रिया का सारा शरीर टाइट हो गया... और धीरे-2 करके अजय ने अपनी 3 इंच लंबी उंगली उसकी गांद के छेद में पूरी उतार दी...
सरसों के तेल ने उंगली को अंदर खिसकाने में काफ़ी मदद की...और वही मदद उस तेल को लंड अंदर करने में भी करनी थी..
आज इस सरसों के तेल पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी..
अजय ने जब अपनी दूसरी उंगली भी अंदर डाली तो वो चिहुंक उठी...
शायद दर्द सा हो रहा था...
अजय ने सोचा की 6 उंगलियो को मिला कर उसके लंड की मोटाई बनती है, 2 उंगलियों में ही इसे दर्द हो रहा है तो लंड डालते वक़्त कितना होगा...
उसने थोड़ा और तेल डाला...
वो उसकी गांड को अच्छी तरह से रंवा करना चाहता था..
दर्द मे बिलखती रिया को उसने एक टॉय दे दिया.
अपना लंड
दोनो 69 के पोज़ में ही थे...अजय ने उसके चेहरे को अपने लंड की तरफ घुमाया और अपना लटका हुआ लंड उसके मुँह में दे दिया...
वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे कोई सच में कोई खिलोना मिल गया हो खेलने के लिए...
वो पूरी लगन से अपनी चूत चुसाई का लगान अपने जीजू का लंड चूस्कर देने में लग गयी.
इसी बीच अजय ने अपनी तीसरी उंगली भी अंदर घुसेड दी... पर अजय को अपनी ग़लती जल्द ही पता चल गयी जब दर्द में तड़पकर उसने अजय के लंड को ज़ोर से काट लिया...
''आआआआआआआआआआआआअहह साआआआाअली..... उसे क्यो काट री है.....''
रिया : "आप भी तो मेरे अंदर फिंगर्स डाले जा रहे हो..... गंदे जीजू....''
और सुबक्ते हुए उसने फिर से अपने 'गंदे जीजू' का गंदा लंड चूसना शुरू कर दिया..
अजय की जीभ उसकी चूत में चप्पू की तरह चल रही थी... और उसकी उंगलियाँ रिया की गांड में किसी ड्रिल मशीन की तरह गहराई खोदने में लगी थी...
तीन के बाद 4थी उंगली में तो वो बिफर ही गयी...
और उसने वो 69 पोज़िशन का लव लॉक तोड़ दिया...
और बेड पर लेट कर उसने अपनी टांगे उपर हवा में उठा दी और बोली : "जीजू...जो भी करना है, अपने इस लंड से करो.... कम से कम एक ही बार में जो होना होगा हो जाए.... ऐसे तो उंगलियाँ डालकर आप दर्द ही दे रहे हो बस...''
उसने बड़ी बहादुरी से ये बात कह तो दी...
पर उसका अंजाम क्या होगा, ये उसे पता नही था....
अजय बेचारा तो उसी के आने वाले दर्द को कम करने का इलाज कर रहा था...
पर अब वो सब करना बेकार था....
उसने इस बार तेल को अपने लंड पर लगाया और उसकी गांड के छेद के पास उसे रखकर बोला
''अब ना चिल्लाना बस....''
इतना कहने के साथ ही अजय ने अपनी गांड आगे करते हुए अपना लंड उसके सुनहरे छल्ले में फँसा दिया...
उंगलियाँ इतनी जगह तो बना ही चुकी थी की उसका सुपाड़ा अंदर घुस गया...
अजय को ऐसा एहसास हुआ जैसे किसी टाइट रबड़ ने उसके लंड को बाँध दिया है....
गांड मरवाना औरत के साथ-2 मर्द के लिए भी कितना कष्ट भरा होता है, ये बात अजय को अब पता चल रही थी...
उसने थोड़ा और ज़ोर लगा कर अपना लंड 2 इंच अंदर डाल दिया...
रिया ने तड़प कर अपने जीजू की पीठ को खुरच डाला..
अजय ने उसके उपर लेटते हुए थोड़ा और ज़ोर लगाया....
इस बार कमरा रिया की चीख से गूँज उठा...
''आआआआआआआआआयययययीीईईई जीजू................ दर्द हो रहा है बहुत...... अहह निकालो....''
पर ये वो सड़क थी , जिसपर एक बार चल दो तो वापिस मुड़ना मुमकिन नही होता....
अजय ने भी थोड़ा आगे बढ़ते हुए एक और शॉट मारा और अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी गांड के अंदर उतार दिया...
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ठरकी की लाइफ में ..62
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अजय ने वापिस जाकर किसी तरह से मीटिंग निपटाई....
पर उसका सारा ध्यान अपनी साली रिया की तरफ ही था... एक तरह से देखा जाए तो वो उसके साथ हनिमून ही मना रहा था, लेकिन ओंन द जॉब रहकर.
पर ऑफीस का काम भी ज़रूरी था, उसी काम की आड़ में तो वो उसे यहाँ लेकर आया था, पर अब जितना उसे मिल रहा था उससे भी संतुष्टि नही मिल पा रही थी उसे. उसका लालच बढ़ता ही जा रहा था.
मीटिंग से फ्री होकर वो जल्दी से होटल पहुँचा...
शाम का वक़्त था, रिया उसे होटल के पीछे बने स्वीमिंग पूल के किनारे बने कॉफी हाउस में मिल गयी जहां बैठकर वो दोनो काफ़ी देर तक प्यार भरी बाते करते हुए कॉफी पीते रहे.
उसके बाद दोनो तैयार होकर मूवी देखने निकल गये... उन्होने एक रोमॅंटिक मूवी देखी जिसे देखते हुए रिया उससे चिपक कर बैठी रही.
दोनो जब बाहर निकले तो बाहर का मौसम बड़ा ही ख़ुशगवार था, हल्की बारिश हो रही थी... ऐसे रोमॅंटिक मौसम में रिया को अपने जीजू के साथ घूमने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो दोनो न्यूली वेड कपल की तरह चल रहे थे.
रिया की आँखो में अजय को एक बार फिर से चुदने की ललक दिखने लगी...
वो जिस अंदाज से अजय को देखकर, उसे छूकर , मुस्कुरा रही थी, अजय समझ पा रहा था की उसकी चूत में इस वक़्त किस किस्म की कुलबुली हो रही होगी...
ठीक वैसी ही जैसी एक हनिमून पर गयी लड़की की ताज़ा चुदी चूत में होती है की कब उसमें फिर से लंड जाएगा....
कब उसे फिर से उसी आनंद की अनुभूति होगी...
कब वो पिछली बार से ज़्यादा चिल्लाकर अपने यार के लंड को एंजाय करेगी.
अजय का भी लगभग यही हाल था....
वो भी जब मौका मिलता उसकी ब्रेस्ट को अपनी कोहनी से छूकर या उसके नितंबो को दबाकर अपने खड़े लंड की भूख का एलान कर देता...
और जल्द ही ऐसा माहौल पैदा हो गया की दोनो से सब्र नही हुआ...
वो वापिस होटेल की तरफ चल दिए.
कमरे में घुसते ही अजय ने रिया को दबोच लिया...
रिया ने किसी तरह से दरवाजा लॉक किया और वो भी अजय पर टूट पड़ी...
दोनो ने एक दूसरे के कपड़े नोच कर फेंक दिए...
अजय ने उसे दीवार के सहारे खड़ा करके उसके नंगे स्तनों को मुँह में लेकर ज़ोर से चूस डाला..
वो तड़प उठी...
''आआआआआआआआआअहह जीजू................. उम्म्म्मममममममममममममममम...... लव यूउू जीजू.....''
अजय ने उसे हवा में उठा लिया, रिया ने अपनी टांगे उसकी कमर से लपेट ली और अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी...
किसी मूवी सीन जैसा था ये सब...
रिया ने स्कर्ट पहनी हुई थी...
अजय ने अपनी पेंट की जीप खोली और अपने लंड को बाहर निकाल लिया..
और उसकी स्कर्ट में हाथ डालकर उसकी पेंटी को साइड में करते हुए उसके मुहाने पर लंड टीका कर नीचे से जोरदार शॉट मारा...
इतनी निर्दयता और रफ तरीके से उसकी चूत में पहली बार कुछ गया था ...
और वो भी इतना मोटा तगड़ा उसी के जीजू का लंड ...
बेचारी के आँखे ही बाहर आ गयी अजय के इस जोरदार झटके से.
''आआआआआआआआआआआआआआअहह जीजू............. माआर डाला......... हाआआआआआआआअ..... फकककक मिईीईईईईईईईईईई...... आई लाइक इट...... सूऊऊऊऊ मच .................. अहह ओह.... ओफफफफ्फ़''
अजय उसकी फेली हुई गांड को दोनो हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड पर उपर नीचे कर रहा था...
उसकी बलिष्ट बुझाओं की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था की उसने 58 किलो की जवान साली को किसी फूल की तरह उठाया हुआ था और उसे हवा में चोद भी रहा था...
ये एक ऐसा एंगल था जिसमे रिया की चूत के आख़िरी सिरे तक अजय का लंड जा रहा था...
उसकी चूत की टनल का आख़िरी हिस्सा ही था वो....
वहां मिल रही अजय के लंड के सिरे की सिकाई से वो सांतवे आसमान पर पहुँच गयी...
हर लड़की की चूत जब पहले से ज्यादा बड़े लंड से चुदती है तो उसे सुख का ऐसा एहसास होता है जिसे वो शब्दो में बयान नही कर सकती...
सिर्फ़ उसकी सिसकारियाँ ही उसके अंदर चल रही खुशी को जाहिर कर सकती है..
'' आआआअह्ह्ह्ह्ह जीजू सससससससस ममममममममम ''
पर रिया की खुशकिस्मती ये रही की उसे शुरू में ही ऐसा लंड मिल गया था जिसने उसकी चूत की नपाई पूरी कर दी थी...
इसके बाद तो रास्ता ही बंद था...
और शायद इसी भराव को महसूस करके वो उसके लंड पर कूदियां मारने में लगी थी.
रिया ने अपने जीजू के होंठों पर अपने होंठ जोंक की तरह चिपका दिए, उन्हे अपने होंठों से निकल रहा शहद पिलाते हुए वो लंड पर उछलना नही भूली थी..
अजय भी बीच-2 में किस्स तोड़कर उसके हाथ उपर दीवार से बाँध देता और उसके स्तनों को ज़ोर-2 से चूसता , ऐसा करते हुए जब वो टेड़ा होकर अपना एंगल बदल कर लंड अंदर पेलता तो वो रिरिया कर अजय को वापिस उपर कर लेती...और अपनी निप्पल को उसके मुँह से निकलवा कर अपने होंठों को उसके मुँह में ठूस देती...
एक कामुकता से भरी लड़ाई चल रही थी जीजा साली में ... जिसमे कभी जीजा तो कभी साली जीत जाती..
इसी तरह से चूड़ते-2 रिया का ऑर्गॅज़म अपने चरम पर पहुँच गया और उसने अजय के बालों को पकड़ कर अपने सीने में छुपा लिया और उपर मुँह करके किसी चुदाई करवाती लोमड़ी की तरह चिल्लाई।
''उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममम जीजू..................... उफफफफफफ्फ़ मैं तो गयी.......''
उसके शरीर की अकड़ ऑर्गॅज़म के साथ बाहर निकल गयी....
अब वो बेजान सी होकर अजय की बाहों में झूल रही थी.
ऐसे एंगल में जब सामने से बॉडी का रिस्पोन्स ना मिले तो चोदने में कितनी मुश्किल होती है, ये अजय को अब समझ आ रहा था...
उसके ढलके जा रहे शरीर को हवा में उठाकर रखना अब थोड़ा मुश्किल हो गया था, इसलिए वो उसे लेकर अंदर बेड पर आया और बड़ी निर्दयता से उसने रिया को बेड पर फेंक दिया...
अपनी चुदी हुई चूत लिए वो बेड पर किसी चादर की तरह बिछ गयी
अपनी चूत से निकल रहे अपने ही गरमा गर्म लावे को उंगलियों से मसलते हुए वो अपने जीजू को देख रही थी...
जो धीरे-2 अपनी पेंट को उतार कर नंगा हो गया...
अजय का चमकता हुआ लंड दूर से ही खड़ा होकर उसे चूसने का लालच दे रहा था...
और इतने लुभावने ऑफर को वो मना नही कर पाई और उठकर उसने अजय के लंड को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया...
''अहह.... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स रिया ...................... सक्क करो इसे...... ज़ोर से......''
रिया तो पहले से सोच कर बैठी थी की 'जो जीजाजी बोलेंगे, वो मैं करूँगी'
वो उनकी इतनी प्यारी सी रीक़ुएस्ट को वो कैसे नकार सकती थी....
वो ज़ोर -2 से उनके लंड को चूसने में लग गयी..
एक बार फिर से अजय अपनी उत्तेजना के शिखर पर पहुँच गया और उसने लंड बाहर खींच लिया...
और रिया को बेड पर गिराकर उसके उपर चढ़ गया...
आज रिया को मर्द का औरत पर चढ़ने का मतलब अच्छी तरह से समझ आ रहा था...
ऐसा बलिष्ट और ताकतवर मर्द जब फूल जैसी औरत पर जोरदार झटके मारता हुआ चड़ता है तो नीचे लेटी औरत का क्या हाल होता है , ये वो आज अच्छी तरह से समझ पा रही थी...
अजय ने उसकी चूत को टटोल कर उसके मुहाने पर अपना हैदराबादी लंड रखा और अपना पूरा भार उसने लंड पर केंद्रित करके उसकी चूत की गहराइयों में उतरता चला गया..
''आआआआआआआआआआआअहह जीजू.......... उम्म्म्मममममममममममममम''
एक चुदी हुई चूत के मुँह से सिर्फ़ यही निकल सका...
उसके बाद तो अजय के झटकों ने उसे चैन से आँखे बंद भी नही करने दी...
अजय ने उसके दोनो हाथों को उपर करके , उसकी टाँगों को दोनो दिशाओं में फेलाकर, अपने लंड से जोरदार प्रहार करने शुरू कर दिए उसकी चूत पर.....
वो बेचारी अपने नन्हे मुम्मों को उपर नीचे होते हुए देखती, उनके बीच से दूर अपनी चूत के अंदर अजय के लंड को पिस्टन की तरह अंदर बाहर जाते देखती और अपनी उखड़ती सांसो को नियंत्रित करके एक और बन रहे ओर्गास्म का मज़ा लेने में जुट गयी..
''आआआआआआआआआआआआआआआआहह जीजे....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या चोदते हो यार...... उम्म्म्ममममममममम .... हर बार नये तरीके से...... नये जोश से...... अहह जीजू...... फिर से कुछ हो रहा है ..................... अहह और ज़ोर से चोदो ...... फक मी जीजू...... फक मी........''
अजय तो वैसे भी फक्क कर रहा था, ऐसे प्रोत्साहन मिलने से उसकी फकिंग करने की स्पीड और तेज हो गयी...... अब तो उसकी राजधानी एक्सप्रेस को रोकना बहुत मुश्किल सा हो गया और आख़िरकार उसकी ब्रेक फैल हुई राजधानी दनदनाती हुई आख़िरी प्लॅटफॉर्म को ध्वस्त करती हुई उसकी अंदरूनी दीवार से जा भिड़ी.... और उसके इंजन का सारा तेल बाहर निकल आया..... जिसने उसकी चूत के प्लेटफॉर्म को लबालब भर दिया.
फिर वो उसके उपर से नीचे उतार कर साइड मे लेट गया और गहरी साँसे लेने लगा..
रिया ने पास पड़े नेप्किन से अपने मेहनती जीजे के चेहरे का पसीना सॉफ किया....उसके लंड और अपनी फुददी को पोंछा और फिर बड़े ही प्यार से उनके सीने पर सर रखकर लेट गयी
वो दोनों जानते थे की अभी तो पूरी रात पड़ी है.
वो लेटे -2 कुछ बात कर ही रहे थे की अजय का मोबाइल बज उठा.
प्राची का कॉल था, अजय ने उसे चुप रहने का इशारा किया और फोन पर बाते करने लगा.. रोजाना की तरह दोनो ने एक दूसरे का हाल पूछा, खाना खाया, दवाई ली, कोई प्राब्लम तो फील नही हो रही वगेरह - 2..
प्राची थोड़ी उदास सी लग रही थी....
वो बोली की अजय के साथ-2 उसे रिया की भी याद आ रही है...
जब से वो आई है , उससे रोज बातें करने की आदत सी बन गयी थी... इसलिए वो उसे भी मिस कर रही थी..
अजय ने उससे कहा की ज़्यादा ही याद आ रही है तो उसे कॉल कर लो...
ऐसा कहते हुए वो अपनी बाहों में पड़ी नंगी रिया को देखकर मुस्कुरा भी रहा था..
अजय से बात करने के तुरंत बाद ही रिया का भी मोबाइल बज उठा..
रिया ने भी हंसते-2 फोन उठाया : "हाय दी.... कैसी हो.... तबीयत ठीक है ना आपकी''
और उसने उसी तरह के सवाल पूछने शुरू कर दिए जैसे अजय ने पूछे थे.
प्राची : "हा हा.... तू तो बिल्कुल अपने जीजू की तरह सवाल कर रही है... उनसे भी अभी बात हुई, वो भी यही सब पूछ रहे थे...''
अब उस बेचारी को भला क्या पता था की दोनो एक दूसरे से लिपट कर ही उससे बाते कर रहे है...
वो अगर दोनो के मोबाइल ट्रेस करती तो उनके मोबाइल भी शायद एक दूसरे के उपर चड़े हुए मिलते उसे...
पर बेचारी, भोली भाली ग्रहणी की तरह , दूर बैठी , इन सब बातों से अंजान, बड़े प्यार से उनसे बातें करने मे लगी थी.
प्राची ने जब पूछा की उसकी टूर कैसा चल रहा है तो वो बोली : "बस दीदी, पूछो मत... इतना मज़ा तो शायद ही मुझे अपनी लाइफ में दोबारा मिले... कल से आज तक अपनी लाइफ ऐसे जी रही हूँ जैसे फेयरी टेल स्टोरीस में होती है... बस आप ये समझ लो की मेरी जिंदगी के ये सबसे हसीन पल है...''
और उसने मन में कहा 'जो आपके पति, यानी मेरे जीजू की वजह से इतने अच्छे तरीके से कट रहे है...'
उसके बाद अजय की सासू माँ और पूजा, जो उस वक़्त प्राची के साथ ही बैठी थी, उन्होने भी रिया से बात की, पर ये जाहिर नही होने दिया की वो अजय के साथ ही है उस वक़्त...
फोन रखने के बाद अजय ने डिनर का ऑर्डर दे दिया...
सैक्स करने के बाद जो भूख लगती है वो अलग ही तरीके की होती है....
खाना खाने के बाद कुछ देर तक तो टीवी देखते रहे...
पर जल्द ही दोनो के शरीर मे एक बार फिर से सैक्स के कीड़े कुलबुलाने लगे..
अजय उठकर बाथरूम में गया और आज के काम के लिए स्पेशल लाई हुई सरसो के तेल की शीशी उठा कर ले आया..
यानी वो वक़्त आ चुका था जब रिया की गांड का उदघाटन होने वाला था.
रिया , जो 2 दिन पहले ही अपनी चूत पहली बार चुदवा कर अपना कुँवारापन खो चुकी थी, उसके लिए ये पल एक बार फिर से चिंता से भरा बन गया....
ठीक वैसी ही डर से भरी भावनाए उसके मन में आने लगी, जो पहली चुदाई से पहले आ रही थी..लेकिन पहले वो जितना डर रही थी, उसके हिसाब से तो ज़्यादा दर्द नही हुआ था चुदाई करवाते हुए..
पर बेचारी ये नही जानती थी की चूत की चुदाई और गांड की ठुकाई में कितना बड़ा अंतर होता है...
और सामने अगर अजय जैसा तगड़ा और मोटा लंड हो तो मुसीबत और भी ज़्यादा हो जाती है.
अजय ने पहले तो उसे गर्म करने के लिए उसे उपर से नीचे तक चूमा....
उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके हाथ पाँव दोनो दिशाओ में फेला कर आइस्क्रीम की तरह चाटा ..
और फिर अपनी गीली जीभ लेकर वो उसकी चूत के उपर पहुँच गया.
गांड मारने से पहले मर्द के लिए ये बहुत ज़रूरी है की वो औरत को हर वो सुख दे डाले, जो उसे सैक्स के बारे में सबसे अच्छे लगते है....
ताकि मर्द के उन सभी एहसानो के नीचे दब कर वो गांड मरवाते समय ज़्यादा चूं -चपड़ ना करे...
चूत चुसवाना भला किसे पसंद नही आता...
रिया भी अजय की जादुई जीभ को अपनी टाँगो के बीच महसूस करते ही पागल सी हो गयी और उसने अजय का सिर पकड़ कर अपनी चूत में और ज़ोर से दबा डाला..
''आआआआआआआआआआआअहह जीजू................. यू सकर ...... आप कितना अच्छा ... अहह.... चूसते ... होओओओ ..... उम्म्म्मममममममम.... आई लव इट......''
पर उसे नही पता था की अजय उसे गांड मरवाई के लिए तैयार कर रहा था..
इतनी उत्तेजना में भरकर वो बाद मे किसी भी काम को करने से मना नही करेगी...
हालाँकि वो पहले ही इस बारे में बोल चुकी थी और उसे पता भी था की आज उसकी गांड के छल्ले का उद्घाटन होने वाला है...पर फिर भी इस तरह की उत्तेजना का डोज़ देना आवश्यक था.
और वही हुआ जो अजय चाहता था...
उसके शरीर से जवानी के आवेग भरपूर मात्रा में निकलने लगे...
उसका शरीर गोल्ड फिश की तरह हवा में लहराने लगा...
वो अपनी गांड हवा में उठाकर अजय के बालों को जोरदार तरीके से पकड़कर अपना साली होने का पूरा हक अजय के मुँह से अपनी चूत में खींच रही थी...
''ओह जीजू.......................उम्म्म्मममममममममममममममम....... क्या मस्त तरीके से चूसते हो आप........ आआआआआआआआआअहह........ और ज़ोर से .......आआईयईईईईईईईईईईई ....एससस्स....... यहीं....... अहह उफफफ्फ़..... ये ...ये दाना..... हाँ .... उसे लो..... मुँह में लो...... ईईईईईईईईईईईईई.... काटो मत ना..... ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ओफफफफफफ्फ़..... आई एम कमिंग........''
और जैसे ही उसने अपने झड़ने की घोषणा की, अजय ने उसे चूसना छोड़ दिया....
वो कटी पतंग की तरहा बेड पर आ गिरी.....
और आश्चर्य भरी नज़रों से अपने जीजू को देखने लगी...
अजय ने मुस्कुराते हुए तेल की शीशी उठाई और बेड पर चढ़ गया....
वो समझ गयी की जीजू उसे तडपा रहे हैं...
और ये सब उसकी गांड मारने के लिए किया जा रहा है...
पर रिया ने अपनी शिकायत कर ही दी..
''यार जीजू.... ऐसे भला कोई करता है क्या.... मेरा बस होने ही वाला था.... थोड़ा सा और कर देते तो क्या चला जाता आपका...''
अजय : "चला तो नही जाता..पर ..जब पीछे से करूँगा तो वो ऑर्गॅज़म महसूस करके जो मज़ा आएगा, वो तुम भूल नही सकोगी.... समझी...''
रिया ने अच्छी बच्ची की तरह सिर हिला दिया...
अजय ने उसे उल्टा लिटा दिया और खुद उसके सिर की तरफ पैर करके लाइट गया... और उसने तेल की लंबी धार बना कर सीधा उसकी गांद के छेद पर डाली..
ठंडे तेल के एहसास से वो कंपकंपा सी गयी....
एक अलग ही तरह का सेंसेशन उसे अपने पूरे शरीर पर महसूस हुआ.
अजय ने अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी गांड के छेद पर रखी और धीरे -2 उसे मसाज देने लगा.
कुछ देर बाद अजय ने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर देकर अंदर घुसा दिया... रिया का सारा शरीर टाइट हो गया... और धीरे-2 करके अजय ने अपनी 3 इंच लंबी उंगली उसकी गांद के छेद में पूरी उतार दी...
सरसों के तेल ने उंगली को अंदर खिसकाने में काफ़ी मदद की...और वही मदद उस तेल को लंड अंदर करने में भी करनी थी..
आज इस सरसों के तेल पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी..
अजय ने जब अपनी दूसरी उंगली भी अंदर डाली तो वो चिहुंक उठी...
शायद दर्द सा हो रहा था...
अजय ने सोचा की 6 उंगलियो को मिला कर उसके लंड की मोटाई बनती है, 2 उंगलियों में ही इसे दर्द हो रहा है तो लंड डालते वक़्त कितना होगा...
उसने थोड़ा और तेल डाला...
वो उसकी गांड को अच्छी तरह से रंवा करना चाहता था..
दर्द मे बिलखती रिया को उसने एक टॉय दे दिया.
अपना लंड
दोनो 69 के पोज़ में ही थे...अजय ने उसके चेहरे को अपने लंड की तरफ घुमाया और अपना लटका हुआ लंड उसके मुँह में दे दिया...
वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे कोई सच में कोई खिलोना मिल गया हो खेलने के लिए...
वो पूरी लगन से अपनी चूत चुसाई का लगान अपने जीजू का लंड चूस्कर देने में लग गयी.
इसी बीच अजय ने अपनी तीसरी उंगली भी अंदर घुसेड दी... पर अजय को अपनी ग़लती जल्द ही पता चल गयी जब दर्द में तड़पकर उसने अजय के लंड को ज़ोर से काट लिया...
''आआआआआआआआआआआआअहह साआआआाअली..... उसे क्यो काट री है.....''
रिया : "आप भी तो मेरे अंदर फिंगर्स डाले जा रहे हो..... गंदे जीजू....''
और सुबक्ते हुए उसने फिर से अपने 'गंदे जीजू' का गंदा लंड चूसना शुरू कर दिया..
अजय की जीभ उसकी चूत में चप्पू की तरह चल रही थी... और उसकी उंगलियाँ रिया की गांड में किसी ड्रिल मशीन की तरह गहराई खोदने में लगी थी...
तीन के बाद 4थी उंगली में तो वो बिफर ही गयी...
और उसने वो 69 पोज़िशन का लव लॉक तोड़ दिया...
और बेड पर लेट कर उसने अपनी टांगे उपर हवा में उठा दी और बोली : "जीजू...जो भी करना है, अपने इस लंड से करो.... कम से कम एक ही बार में जो होना होगा हो जाए.... ऐसे तो उंगलियाँ डालकर आप दर्द ही दे रहे हो बस...''
उसने बड़ी बहादुरी से ये बात कह तो दी...
पर उसका अंजाम क्या होगा, ये उसे पता नही था....
अजय बेचारा तो उसी के आने वाले दर्द को कम करने का इलाज कर रहा था...
पर अब वो सब करना बेकार था....
उसने इस बार तेल को अपने लंड पर लगाया और उसकी गांड के छेद के पास उसे रखकर बोला
''अब ना चिल्लाना बस....''
इतना कहने के साथ ही अजय ने अपनी गांड आगे करते हुए अपना लंड उसके सुनहरे छल्ले में फँसा दिया...
उंगलियाँ इतनी जगह तो बना ही चुकी थी की उसका सुपाड़ा अंदर घुस गया...
अजय को ऐसा एहसास हुआ जैसे किसी टाइट रबड़ ने उसके लंड को बाँध दिया है....
गांड मरवाना औरत के साथ-2 मर्द के लिए भी कितना कष्ट भरा होता है, ये बात अजय को अब पता चल रही थी...
उसने थोड़ा और ज़ोर लगा कर अपना लंड 2 इंच अंदर डाल दिया...
रिया ने तड़प कर अपने जीजू की पीठ को खुरच डाला..
अजय ने उसके उपर लेटते हुए थोड़ा और ज़ोर लगाया....
इस बार कमरा रिया की चीख से गूँज उठा...
''आआआआआआआआआयययययीीईईई जीजू................ दर्द हो रहा है बहुत...... अहह निकालो....''
पर ये वो सड़क थी , जिसपर एक बार चल दो तो वापिस मुड़ना मुमकिन नही होता....
अजय ने भी थोड़ा आगे बढ़ते हुए एक और शॉट मारा और अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी गांड के अंदर उतार दिया...
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