Tuesday, October 18, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..63

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..63


**********
अब आगे
*********


बेचारी की आवाज़ इस बार मुँह में ही दब कर रह गयी....
क्योंकि जो गांड फटनी थी, वो पिछले शॉट में ही फट चुकी थी....
अब तो बस अंदर की गहराई नापी जानी बाकी थी...

अजय ने धीरे-2 उसे चूमते हुए, अपना लंड पूरा का पूरा उसकी गांड के अंदर उतार दिया....
और आख़िरी में जाकर जब वो रुका तो दोनो की नज़रें एक साथ नीचे की तरफ गयी....
गीली छूट के पीछे की तरफ, अजय का लंड उसकी गांड की गहराई में जाकर दफ़न सा हो चुका था....
इस नये एहसास को महसूस करके वो रोमांचित हो उठी और अपना दर्द भूलकर उसका हाथ स्वतः ही अपनी चूत के उपर जा पहुँचा और वो अपनी उंगलियों से उसे सहलाने लगी.

अब अजय धीरे-२ धक्के मारने लगा , रिया को दर्द तो नहीं हो रहा था, इसलिए उसने आँखे बंद करके मजा लेना शुरू कर दिया



जल्द ही अजय ने धक्को की स्पीड बढ़ा दी, रिया भी उसका साथ देने लगी, उसे भी अब मजा मिलना शुरू हो चूका था , रिया भी हैरान थी की पिछले छेद में लंड है फिर भी उसका सेंसेशन उसे अपनी चूत में महसूस हो रहा है, ऐसा कुदरत का करिश्मा देखकर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ

जल्द ही अजय के लंड ने जवाब दे दिया, क्योंकि टाइट छेद में लंड पेलना आसान काम नहीं होता

आखिरी वक़्त में उसने लंड को बाहर निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया ताकि वहां भी थोड़ी सिंचाई हो पाए



अपनी चूत में गर्म लावा महसूस करके रिया भी झड़ गयी

अपनी ये गांड मराई उसे उम्र भर याद रहने वाली थी


रिया अपनी गांड मरवाने के बाद सारी रात ढंग से सो भी नही पाई...

रह-रहकर उसकी गांड से जो तरंगे उठ रही थी, वो उन्हे महसूस करके बेचैन होती रही.
वहीं दूसरी तरफ अजय तो अपने लंड के सारे घोड़े बेचकर आराम से सो रहा था.

एक कुँवारी गांड की खुदाई करके बेचारा काफ़ी थक गया था.
हालाँकि रिया ने पैन किल्लर ले ली थी, पर उसका असर अभी तक नही हो पा रहा था.

सुबह करीब 5 बजे रिया की आँख लगी और उसके बाद जब उसे अपने बूब्स पर गीलेपन का एहसास हुआ तब जाकर उसकी नींद खुली...

अजय उसके निप्पल को बड़ी शिद्दत से चूस रहा था...
रिया ने टाइम देखा तो 8 बजने वाले थे...
अजय को 10 बजे तक क्लाइंट के ऑफीस पहुँचना था...
सिर्फ़ आज का ही काम बचा था, रात को उनकी वापिसी की फ्लाइट थी..

इसलिए शायद अजय आज के पूरे दिन को सही ढंग से एन्जॉय कर लेना चाहता था...
शायद ही उसे अपनी लाइफ में ये मौका दोबारा मिले जब उसकी कमसिन साली इस तरह से उसके साथ होटल में आकर रहे.

रिया ने महसूस किया की उसका पैन अब बिल्कुल नही है...
शायद गोली असर कर गयी थी...
और इसलिए उसके शरीर और चूत से भी रिस्पोन्स निकलना शुरू हो गया...

और आज इस आख़िरी दिन वो अपनी एक और फेंटसी पूरी कर लेना चाहती थी....
अपने जीजू के साथ बाथरूम में चुदाई करवाने की.

वो बड़े प्यार से अपने जीजू के कान के पास अपने होंठ लेकर आई और बोली

''उम्म्म्म जीजू..... गुड मॉर्निंग.... चलो ना.... बाथरूम में चलते है....''

ऐसा कहते हुए वो अपनी छिपकली जैसी जीभ से अजय के कानों को सहला भी रही थी..

अजय समझ गया की उसके दिमाग़ में क्या है...
वो पहले भी इसका ज़िक्र कर चुकी थी...
वैसे भी हर इंसान को ऐसी ही पार्टनर्स पसंद आती है जो खुद आगे बढ़कर इस तरह की बातों को करे....
रिया बिल्कुल वैसी ही थी.

वो उठ खड़ा हुआ... और उसके पीछे-2 रिया भी बिस्तर से निकल कर सामने आ गयी...
इस वक़्त दोनो ने कपड़े का एक कतरा तक नही पहना हुआ था...
अजय अपना लंड मसलता हुआ बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा हो गया...
और नींद से जागी अपनी प्यारी साली की नग्नता को निहारने लगा..


अजय उसकी मॉर्निंग वाली सुंदरता देखकर दंग रह गया...


रिया अपनी ताज़ा चुदी गांड मटकाते हुए उसे धक्का देते हुए बाथरूम के अंदर ले गयी..

अजय का तो बुरा हाल हो रहा था उसके मोटे मुममे देखकर...
उसने नोट किया की पिछले 2-3 दिनों में उसके बूब्स पहले से ज़्यादा बड़े हो चुके हैं...



अब दिन रात वो उन्हे अपने हाथो से दोहेगा तो उसके स्तनो में ये विकास स्वाभाविक ही था.

रिया भी उसकी नज़रों का पीछा करके समझ गयी की उसके 'ठरकी जीजू' की नज़रें कहाँ घूर रही है...
अभी कुछ देर पहले भी वो उसके बूब्स को चूस रहे थे...
और अब भी वो उन्हे ही घूर रहे हैं...
उसके जीजू इन बूब्स के दीवाने हैं, ये तो वो काफ़ी समय से जानती थी...
और इस बात पर उसे गर्व भी था की उसके बूब्स अजय को आकर्षित करने में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है..

वैसे ये बूब्स होते ही ऐसी चीज़ है, किसी को भी पागल कर देने में सक्षम होते हैं..

रिया अंदर आई और उसने हेंड शावर लेकर अपने बूब्स के उपर ठंडा पानी डालकर उन्हे गीला किया...
क्योंकि गीला होने के बाद उसके निप्पल्स में जो कड़कपन आता है, वो उसे अपने जीजू को दिखाना चाहती थी.

वो रगड़ -2 कर अपने बूब्स को पानी से सॉफ करने लगी... और अपने निप्पल्स को पूरे आकार में ले आई..



और वो जानती थी की अब क्या होगा..

और वही हुआ

अजय उसके खुरदुरे निप्पल्स की चमक देखकर खुद को रोक नही पाया और किसी नेवले की तरह रेंगकर उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया... और उसकी उभरी हुई गांड पर अपने लंड का काँटा लगा कर खड़ा हो गया..

''उम्म्म्मममममममममममममममममम..... जीजू............ कस कर पकड़ो मुझे..... रगड़ दो....... मसल दो.....''

अजय तो वही करने आया था...



अजय ने शावर चलाया और साबुन हाथ में लेकर अपने हाथों मे लगाया और उसे उसके बूब्स पर रगड़ना शुरू कर दिया...
उसकी मोटी और लंबी उंगलियाँ रिया के बूब्स की मालिश करने लगे..
उपर से गिर रही पानी की बूंदे दोनो के शरीर को भिगो रही थी..



अपने जीजे से सुबह -2 बूब्स मालिश मिल जाए तो साली के तो मज़े हो जाते है...

यही मज़े इस वक़्त रिया लूट रही थी..

उसने हाथ पीछे करके अजय के लंड को सहलाना शुरू कर दिया...
जो उसकी गांड में घुसने को आतुर हो रहा था..

पर उसे गांड या चूत में लेने से पहले वो उसे अपने मुँह में लेना चाहती थी....
सुबह उठकर जीजू के लंड से ब्रश नही किया तो क्या फायदा इतने मोटे लंड का...

वो झट्ट से पलटी और नीचे बैठ गयी..

और उसने अपने सामने लहराते लंड को हाथ में लिया और निगल गयी..

पानी मे भीगे लंड से अपनी प्यास बुझाने की इच्छा आज जाकर पूरी हुई थी उसकी..

वो पूरी लगन से अजय के लंड को मुँह में लेकर उसे कुल्फ़ी की तरह चूसने लगी..

और अजय महाशय आराम से अपने हाथ पीछे बांधकर अपनी साली की लंड चुसाई की कला को परखने लगे..



पर ज़्यादा देर तक वो उस अवस्था में खड़ा नही रह पाया

क्योंकि जल्द ही उसके लंड से तरंगे उठने लगी..

पर वो इतनी जल्दी झड़कर इस रोमॅंटिक मॉर्निंग का जल्दी वाला अंत नही करना चाहता था..

उसने तुरंत लंड उसके मुँह से निकाला..
और रिया को दीवार के सहारे खड़ा करके खुद नीचे बैठ गया..
और उसकी चूत और गांड को एक ही साँस में चाटने लगा....


उपर से नीचे तक...

नीचे से उपर तक



वो अपने खड़े हो चुके लंड को थोड़ा आराम देना चाहता था, ताकि चुदाई ज़्यादा देर तक चल सके...
अगर अभी के अभी वो उसकी चूत में लंड डाल देता तो उसे झड़ने में ज़्यादा समय नही लगना था..

इसलिए उसने रिया की नर्म चूत को चूसना ही सही समझा अभी के लिए..

कुछ देर मे उसके लंड के सिरे तक आए वीर्य ने जब वापिसी कर ली तो वो उठ खड़ा हुआ....
वो उसे लेकर बाथ टब के किनारे पर बैठ गया और अपनी गोद में लेकर बड़े प्यार से उसने रिया की चूत पर लंड को रखा..

और वो हिरनी, उसके लंड पर कूदकर एक ही साँस में मोटे तगड़े लंड को गाजर मूली की तरह निगल गयी.



और उसके बाद उसने जिस अंदाज में अपनी कमर थिरका कर लंड लेना शुरू किया, उसे देखकर अजय को दाद देनी ही पड़ी की लौंडिया अब चुदाई में पूरी पर्फेक्ट हो गयी है..

ऐसी थिरकन औरत के जिस्म से तभी निकलती है जब वो अपनी चुदाई को पूरी तरह से एंजाय करती है...
बिना किसी डर के...
बिना किसी दर्द के...
सिर्फ मजे का नशा....

और इस वक़्त रिया वही नशा फील कर रही थी...

अचानक अजय ने उसे गोद में बिठाये -2 हवा में उठा लिया..

वो पहले भी अपने शक्तिशाली जीजू की ताक़त को महसूस कर चुकी थी..
ऐसे हवा में चुदाई करने की उनकी इस कला को देखकर वो और ज़्यादा उत्तेजित हो गयी...

और अजय के गले में अपनी बाहें फँसा कर उसका साथ देने लगी



और ज़ोर-2 से चिल्लाने भी लगी

''आआआआआआआआअहह जीजू............... उम्म्म्ममममम.... ज़ोर से करो....... चोदो मुझे...... आह्ह .... जीजू ....... यूउू आर द बेस्ट......... ऐसी फकिंग शायद ही कोई कर पाए..... आह्ह्ह ....आई केन फील यू डीप इनसाइड मी..... अहह... ओह जीजू......''

अजय को तो चुदाई के समय ऐसी बड़बोली लड़किया ही ज़्यादा पसंद आती थी....
जो चुदाई भी करवाये और चिल्लाये भी
और उसके लंड की तारीफ करे....

बस फिर क्या था...

अपने लंड की तारीफ सुनकर अजय में तो जैसे सुपरमैन की आत्मा घुस गयी....

उसने और ज़ोर-2 से धक्के मारकर उसकी चूत के सारे पेच ढीले कर दिए...

आज वो उसे अच्छी तरह से चोदकर रिया को अपने लंड का हमेशा-2 के लिए गुलाम बना लेना चाहता था...
ताकि जब उसकी शादी भी हो जाए तो वो उसके लंड की ठुकाई याद कर-करके उसके पास अक्सर चुदने चली आया करे..


पर अजय को इसी में संतुष्टि नही मिली

उसने उसे नीचे उतारा और घोड़ी बना कर बाथटब के सहारे खड़ा कर दिया..

और इस बार उसके लंड के निशाने पर आई कल रात चुदी उसकी गांड.

उसने जैसे ही लंड को गांड के छेद पर रखा वो थोड़ा कसमसाई...
पर साबुन की झाग और गीलेपन की वजह से ज़्यादा परेशानी नही हुई...

लंड उसकी गांड की टनल में उतरता चला गया..

''आआआआआआआआआआआअहह जीजू....................... फकककककककक''



अजय का लंड थोड़ा उँचाई पर था, इसलिए वो अपने पंजो पर खड़ी होकर गांड मरवा रही थी...
गांड मरवाने की ऐसी लगन कम ही लड़कियो में देखने को मिलती है.

वो अजय के हर झटके को अपने दिल तक महसूस कर रही थी....
उसकी गांड के रास्ते मिल रहे अजय के जोरदार धक्के अंदर तक ट्रेवल करके उसके दिल की धड़कन को और ज़्यादा धड़का रहे थे.

अजय की चुदाई की सबसे बड़ी ख़ासियत ये थी की वो पोज़ बदल-2 कर चुदाई करता था....
ऐसा करने से चुदाई ज़्यादा समय तक चलती थी और उसके पार्ट्नर को भी हर एंगल से उसका मोटा लंड लेने में मज़ा आता था...

इसलिए अजय ने उसकी गांड की ठुकाई करने के बाद फिर से एक एंगल चेंज करने की सोची ...
बाथरूम में चुदाई करने का सबसे बड़ा फायदा ये है की उसमे काफ़ी एक्सपेरिमेंट कर सकते है...
जो इस वक़्त अजय करने में लगा था.

उसने अपना लंड बाहर निकाला और बाथटब एमें क टाँग अंदर और एक बाहर करके उसके किनारे पर बैठ गया... रिया को भी उसने अपनी तरफ मुँह करके आधा अंदर और आधा बाहर करके अपनी गोद में खींच लिया...
अब उसका लंड ऐसे एंगल से उसकी चूत की उस सतह तक जा रहा था जिसमें वो दो दिनों से जमकर खुदाई कर रहा था.

रिया उसके चेहरे को चूमती हुई, अपने कड़क मुम्मों को उसके चेहरे और छाती पर रगड़ती हुई, कूद-कूदकर नाचने लगी



''ओह जीजू.................... यू आर ग्रेट...... उम्म्म्ममममममममममममम..... ये सबसे बेस्ट है..... अहह ...... .ज़ोर से चोदो जीजू................... फक्क मी हार्ड..... अहह अहह अहह''

अजय जानता था की उसकी ये एंगल चेंज करके चोदने की खूबी रिया को उसका दीवाना बना रही है...
वो तो पहले से ही थी, पर ऐसा करके वो उसे अपना गुलाम बना लेना चाहता था...
जैसा की उसने सोचा हुआ था.


अजय बाथटब के अंदर घुस गया और एक बार फिर से उसने रिया को घोड़ी बना कर अपना लंड उसकी गांड में पेल दिया..
और जोरों से उसे चोदने लगा...



गांड के बाद चूत और फिर से गांड ..
ये आगे-पीछे का कॉम्बिनेशन अजय के साथ-2 रिया को भी पसंद आ रहा था....
अपने शरीर के दोनो छेदों से मिलने वाले इस डबल मज़े को 3 दिन के अंदर एक साथ महसूस करके वो अपने आप को काफ़ी खुशनसीब समझ रही थी..

अजय भी उसके शरीर का लचकपन और लंड की भूख देखकर काफ़ी खुश था....
ऐसी लड़कियां अपनी लाइफ में चुदाई करके हर वो खुशी पा लेती है, जो दुनिया की आधे से ज़्यादा लड़कियां नही पा पाती...
अजय जानता था की चुदाई के मामले में वो काफ़ी दूर तक जाएगी...

दूर तक तो वो जा ही रही थी, अजय के धक्कों ने उसे किसी दूसरी दुनियां में पहुंचा दिया था, रिया पूरी मस्त हो चुकी थी.

वो अपनी गांड मरवाते हुए पलटी और फफकती आवाज में बोली

''आआआअहह जीजू..... उम्म्म्ममम कभी.... आपने .... दीदी को भी..... इस तरह से..... बाथरूम में .... फक्क किया है.... अहह''



अजय मुस्कुराया और बोला : "नही मेरी जान.... ये 'साली स्पेशल' है.... मैं सिर्फ़ सालियों को ही बाथरूम में फक्क करता हूँ .... ''

उसे बाथरूम में पूजा की चुदाई याद आ गयी.
जब उसकी सास ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया था.

रिया : "उम्म्म....... फिर तो वापिस जाकर पूजा दीदी के साथ मिलकर बाथरूम में थ्रीसम करेंगे....''

वो आने वाले पलों को याद करके अपनी चूत को रगड़ने लगी...

अजय : "वापिस जाकर तो फोरसम होगा मेरी जान.... अपनी मौसी को भला क्यो भूल रही हो....''

अजय ने उसकी गांड पर पंजा जमाकर एकसाथ तीनो रांडो को चोदने की सोचकर उत्तेजित हो उठा...

अजय का लंड अपनी गांड में लेती हुई रिया को ये सब सुनने मे इतना अच्छा लग रहा था तो जब उसके साथ वो फॉरसम होगा तो क्या हाल होगा उसका...


बस उसी सोच के साथ उसकी चूत का पानी भरभराकर निकल पड़ा...
पर पिछले 3 दिनों में जितनी चुदाई उसने करवाई थी, उसके बाद तो एक साथ 2-3 बार झड़ना उसके लिए आम बात हो चुकी थी...

इसलिए झड़ने के बावजूद उसके हौंसले में कोई फ़र्क नही आया, बल्कि वो अपने जीजू के लंड को और ज़ोर से अपनी गांड में दबाकर उसका मर्दन करने लगी..

पानी के अंदर खड़े होकर अजय के रंगीले झटकों से पानी भी छम-छम करके सुरीली आवाज़ में नाच रहा था..
और उस पानी में अपनी गांड मरवाती रिया भी मस्ती में सराबोर होकर अपनी आँखे बंद करके जीवन का आनंद ले रही थी.



रिया ने थोड़ा उपर होकर शावर ओंन कर दिया
पानी के नीचे घोड़ी बनकर अपनी गांड मरवाते हुए उसके अंदर एक बार फिर से नये ऑर्गॅज़म का निर्माण हो गया..

और वो फिर से चिल्लाने लगी..

''आआआआआआहह जीजू....... फक्क माय एसssss...... बहुत मज़ा आ रहा है..... आआआआआआआहह..... मस्त हो यार जीजू तुम..... उफफफफफफफफफफफ्फ़..... कितना बड़िया.... अहह उफ़फ्फ़.... गांड मारते हो ...... उम्म्म्ममममम...... यससस्स...... ज़ोर से.....''

रिया के उत्तेजना से भरे शब्दों का अजय पर जादुई असर हुआ....

वो उसकी फेली हुई गांड को दोनो सिरो से पकड़ कर अपने इंजन को उसकी गांड के प्लेटफार्म पर बुरी तरह से दौड़ाने लगा...



रिया को अजय के लंड की आख़िरी चोट एक बार अपनी चूत के अंदर चाहिए थी..

वो झट से पलटी और अजय को बाथटब के किनारे पर लिटा कर उसके उपर सवार हो गयी...

अजय को उसकी यही अदा काफ़ी पसंद आई थी पिछले 2-3 दिनों में की वो अपने हिसाब से चुदाई कराने के लिए बिना किसी शर्म के उसके लंड को अपने जीजे का लंड समझ कर अपनी चूत में ले लेती थी...

यही इस वक़्त भी हुआ...

अजय को नीचे लिटा कर उसके लंड को अपनी चूत में निगला और शुरू हो गयी घुड़सवारी करने....

अपनी आँखे बंद करके ...
अजय के मोटे लंड को अपनी चूत में महसूस करके.....
वो एक बार फिर से ऑर्गॅज़म से प्राप्त होने वाले आनंद प्राप्ति के मार्ग पर निकल पड़ी...



उसे ज़्यादा दूर नही दौड़ाना पड़ा अजय के घोड़े को...
 


राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator