Tuesday, October 18, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..60

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..60


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अब आगे
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अजय ने अपने लिए पेग बना लिया...और स्नेक्स आइटम्स के साथ आराम से बैठकर पीने लगा..
दोनो आमने-सामने बैठे थे की तभी अजय का फोन बज उठा..
वो प्राची का फोन था.

अजय ने मोबाइल पर चमकता हुआ प्राची का नाम रिया को दिखाया और मुस्कुराते हुए फोन उठा लिया.

दोनो ने कुछ देर तक इधर-उधर की बाते करते रहे...जैसे खाना खा लिया, तबीयत कैसी है, दवाई ली या नही... .प्राची की माँ उसी के पास थी, उन्होने सब संभाल रखा था.

अजय जैसे ही फोन रखने लगा तो प्राची ने कहा ''रूको, माँ भी तुमसे बात करना चाहती है....शायद मेरी कोई शिकायत लगानी होगी अपने प्यारे दामाद से इन्हे.... ये लो...''

इतना कहकर प्राची ने फोन अपनी माँ रजनी को दे दिया.

अजय समझ गया की वो क्या बात करना चाहती है.

फोन लेकर उन्होने भी कुछ देर इधर -2 उधर की बाते की और फिर बात करती-2 किचन में आ गयी...और फिर असली बात पूछी

रजनी : "क्यो बेटा.... कहाँ तक पहुँचे.... रिया का उद्घाटन कर दिया या नही...''

अजय ने मुस्कुराते हुए रिया को देखा, जो बड़े इत्मीनान से चिकन की टंगड़ी किसी लण्ड की तरह चूस रही थी..

अजय : "बस....वही सब चल रहा है.... ''

रजनी की आवाज़ थोड़ी भारी सी हो गयी....
शायद वो आँखे बंद करके रिया और अजय को चुदाई की कल्पना करके उत्तेजित हो रही थी.

रजनी : "बताओ ना अजय.... क्या -2 हो गया अभी तक...''

अजय समझ चुका था की वो प्राची से दूर आ चुकी है, वरना इतना खुलकर वो नही बोल रही होती...

उसने दारु का सिप लेते - 2 अभी तक की सारी बातें डिटेल में बता दी अपनी सासू माँ को...

और रजनी किचन में खड़ी होकर अपने हाथ को चूत पर ले गयी और बुरी तरह से उसकी घिसाई करते-2 अपने ठरकी दामाद के कारनामे सुनती रही....

और अंत में आकर जब अजय ने कहा की उसने रिया की चूत का सारा रस अपनी जीभ से चाट लिया तो इतना बहुत था रजनी को ओर्गास्म तक पहुंचाने के लिए...

वो किचन में खड़ी-2 ही झड़ गयी..

''ओह अजय.......... ज़ोर से चाटना उसे..... और वापिस आकर मेरी भी....... उम्म्म्ममममम लंड लेना है मुझे तेरा...... आहहssssss .... जल्दी आजा......... तब तक रिया भी तैयार हो जाएगी...... उम्म्म्मम...... पूजा भी तड़प रही है...... मेरी तरह....... सबकी प्यास तूने ही बुझानी है...... अहह.... एक साथ .... तीनो को ...... उम्म्म्मम .... चोदना तू....... माँ बेटियों को....... सभी को..... अहह....... ओह''


रिया खाना खाते हुए देख पा रही थी की अजय किस तरह से अभी तक की सारी जानकारी उसकी मौसी को दे रहा है, उसे भी सुनकर काफ़ी मज़ा आ रहा था...
और अब तो उसे फोन से निकल रही सिसकारियाँ भी सॉफ सुनाई दे रही थी...
वो समझ चुकी थी की उसकी मौसी फोन पर बात करते-2 मुठिया रही है...
अपनी बूढ़ी होती मौसी को ऐसे जवान लड़की की तरह हरकत करते देखकर वो भी मुस्कुरा दी...
उसका ध्यान अजय के लंड की तरफ गया, जो अब धीरे-2 अकड़ चुका था..

और अजय का लंड तो ये सोचकर खड़ा हो रहा था की अब वो एक ही कमरे में अपनी सास और दोनो सालियों को एक साथ चोदेगा.

उस रंगीन नज़ारे की तस्वीर उसकी नज़रों के सामने तैर गयी....
जहाँ उसकी सास और सालियन अपनी गांड फेलाए उसके सामने चुदने को तैयार बैठी थी.


अजय भी कुनमुनाया : "उम्म्म....... सासू माँ ..... आपका ये सपना वापिस आते ही पूरा करूँगा....आई प्रोमिस... अब आप फोन रखो... मुझे बाकी का बचा हुआ काम भी निपटाना है....''

फोन रखते-2 वो बोली : "सुनो अजय....आने से पहले उसकी गांड भी ज़रूर मार लेना.... ऐसी हिरनी की कसी हुई गांड कम ही मिलती है.... यहाँ आकर मरोगे तो उसकी चीखे सुनकर पूरा मोहल्ला आ जाएगा... बाद में वहाँ जैसा मौका मिले या नही....''

वो तो ऐसे कह रही थी जैसे उसकी गांड मरवा कर वो अपने पति से कोई बदला लेना चाहती हो...
पर उनकी इच्छा सुनकर अजय भी हंस दिया...
वैसे भी, रिया की गांड मारना तो उसके चुदाई के मेन्यू में आलरेडी था..

अजय ने फोन रखा और जल्दी-2 खाना निपटाने में लग गया.....
आज उसने मटन की डिश मँगवाई थी, उसे पता था की ताक़त की ज़रूरत पड़ेगी आज की रात...
साथ में वो विस्की के पेग भी ले रहा था....

जल्द ही उन्होने सब निपटा डाला...
अजय एक और पेग बनाने लग गया और रिया बाथरूम में हाथ-मुँह धोने चली गयी...
अजय ने वेटर को कॉल करके प्लेट्स उठाने के लिए कहा.

वेटर के जाने के बाद अजय ने रिया को पुकारा, कुछ देर में वो एक सेक्सी सी बेबी डॉल स्टाइल की नाईट ड्रेस पहन कर बाहर आ गयी...

और उस ड्रेस में वो कमाल की लग रही थी , ऊपर से उसके सेक्सी चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन ग़ज़ब ढा रहे थे  

क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता था की अब वो घड़ी आ चुकी है जिसके लिए वो पिछले एक महीने से तड़प रही थी...
वो अपने जीजू के करीब आई और उसने अपनी बाहें अजय के गले में डाल दी
एक भीनी सी मादकता से भरी महक उसके बदन और बालों से आ रही थी...
अजय ने मदहोशी के सागर में डुबकी लगाते हुए उसके बदन को गले से लगा लिया और उसे एक बार फिर से बेतहाशा चूमने लगा..

रिया के हाथ भी हरकत मे आए और उसने अजय की शॉर्ट्स नीचे गिरा दी...
और उसके कदमों में बैठकर उसके लण्ड को मुँह में लेकर आख़िरी जंग के लिए तैयार करने लगी...
साथ ही साथ वो अपनी चूत में उंगली डालकर उसे भी चिकना कर रही थी.

और जल्द ही अजय का लंड स्टील जैसा हो गया...
अब तो वो किसी दीवार में भी छेद कर सकता था.

उसने रिया को उठाया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया...और एक - 2 करके उसके बदन के सारे कपडे उतार दिए , अब वो अजय की आँखों के सामने नंगी थी



रिया ने अपनी टांगे दोनो दिशाओ में फेला कर अजय के सामने अपनी अनचुदी फुददी रख दी.

अजय ने बड़े ही प्यार से उसके मदमस्त बदन को बिस्तर पर मचलते हुए देखा और फिर अपने लंड पर थूक लगाकर वो उसके उपर झुक गया...

लंड को उसकी चूत की फांको में रखकर वो उसकी आँखों में देखता हुआ बोला : "तुम तैयार हो ना रिया...''

रिया ने जवाब में अपनी टाँगो को अजय की गांड के उपर रखकर उसे अपनी तरफ खींचा और बड़े ही सेक्सी अंदाज में बोली : "हाँ मेरी जान.... बिल्कुल तैयार हूँ .....''

और उसके दबाव और अजय के धक्के की वजह से वो लंड उसकी चिकनी चूत में उतरता चला गया....

एक पल के लिए तो वो साँस लेना भी भूल गयी....उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने गर्म भुट्टा उसकी चूत में डाल दिया है....


दर्द तो ज़्यादा नही हुआ पर अजीब सा लगा...
उसे ऐसा लगा जैसे अजय के गर्म भुट्टे ने उसकी चूत में रेंग रही चींटियों को भून कर रख दिया हो, क्योंकि अब उसकी चूत में हो रही सनसनाहट की जगह हल्के दर्द और जलन ने ले ली थी

पर उसे समझ नही आ रहा था की जब इतना दर्द होता है और कुछ महसूस ही नही होता तो लड़कियाँ चुदाई के लिए क्यों मरी जाती है...
पर उसका जवाब भी उसे जल्द ही मिलने वाला था

अजय ने अगले दो झटको में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया...
उसकी चूत हर बार ककड़ी की तरह चीरती चली जाती और अजय के लंड के लिए और जगह निकालती जाती ...

अब उसे बहुत ज्यादा दर्द महसूस हुआ..

''आआआआआआआआआहह जीजू........ मररर गयी........ आआआआआआहह दर्द हो रा है..... उफफफ्फ़ जीजू..... निकालो इसे.......''



अजय ने अपने लंड और चूत के मिलन स्थान को देखा.... उसका लंड पूरा अंदर घँस चुका था....
 
 



 अजय ने धीरे-2 उसे निकालना शुरू किया...दोनो की नज़रें उसी पर थी.... अजय का लंड पूरा बाहर निकला और उसके सिरे पर हल्का सा खून लगा दिखाई दिया...

अजय ने उसकी आँखो मे मुस्कुराते हुए देखा और बोला : "मुबारक हो मेरी जान....अब तुम कली से फूल बन चुकी हो....''

वो भी मुस्कुरा दी...
पर अगले ही पल वो मुस्कान फिर से चीख में बदल गयी....
क्योंकि अजय ने अपना लंड एक बार फिर से उसकी चूत में घुसा दिया था..

''आआआआआआआआआआआआआआहह गंदे जीजू........................... उफफफफफफफफफफ्फ़.... निर्दयी कही के...... दर्द हो रहा है...... बोला तो है...... अहह.......... अब ज़्यादा मत हिलाओ..... उम्म्म्मम.... ऐसे ही रहो.... बस...''

पर अजय जानता था की ऐसे मौके पर लड़कियों की ज़्यादा नही सुननी चाहिए , वो एक सेकेंड के लिए रुका और फिर से उसने अपनी कमर मटकानी शुरू कर दी....

अब रिया को पहले जैसा दर्द नही हो रहा था....
बल्कि चूत के अंदर से हल्के-2 सेंसेशन निकलने शुरू हो चुके थे...

और उसने एक बार फिर से उसकी गांड पर पैर रखकर अपने अंदर खींचना शुरू कर दिया..

अजय समझ गया की उसपर चुदासी चढ़ रही है

उसने अपने धक्को की गति और तेज कर दी...

और अब तो सच मे रिया को मज़ा आने लगा था...
जिस चुदाई को कुछ देर पहले तक आम सी बात समझ रही थी, अब उसे पूरा मज़ा मिलने लगा था....

और उसके मुँह से अपने जीजू के लिए फूल बरसने लगे..

''अहह जीजू...... उम्म्म्मममममममम...... अब मज़ा आ रहा है.............. आआआआआअहह बहुत मज़ा ............. इसके लिए तो कब से तड़प रही थी...... उफफफफफफफफफफफफ्फ़... क्या चीज़ है ये लंड भी...... अंदर जाकर तो इसका मज़ा दुगने से भी ज़्यादा हो जाता है...... अहह....... यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू....... अब करो..... ज़ोर से करो........ चोदो मुझे......... आआआआआआआहह ज़ोर से चोदो अपनी जान को....... अपनी साली को....अपनी आधी घरवाली को ''

अब वो खुल कर चिल्ला भी रही थी और चूत से मिल रहे मज़े को महसूस करके अपने दिल की बातें भी बयान कर रही थी.

आज तक उसने अजय के लंड को सिर्फ़ मुँह में ही लिया था...
उसे उसकी असली जगह पर महसूस करके उसे दिल से खुशी हो रही थी...

अजय ने झुक कर उसके निप्पल को मुँह मे दबोच लिया...

रिया ने भी अपने जीजू को अपना दूध पिलाते हुए उनके लंड को चूत में लेना जारी रखा..

टाइट चूत की एक डिसएडवांटेज भी होती है....
सामने वाला बंदा जल्दी झड़ जाता है....
और यही अजय के साथ भी हुआ...
रिया की चूत की दीवारों ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था की उसकी घिसाई से वो झड़ने के करीब पहुँच गया....



पर आख़िरी वक़्त में अजय ने अपना लंड बाहर खींच लिया...
ऐसा करना हर किसी के बस की बात नही होती...
पर अजय जानता था की अपने मज़े को और देर तक महसूस करना है तो ऐसा करना ही पड़ेगा...

अजय ने जैसे ही लंड खींचा ,रिया की चूत सुनी सी हो गयी....
वो तो बिफर ही गयी....
उसने आनन फानन में अजय का गीला लंड वापिस डालना चाहा पर अजय ने रोक दिया..
और कुछ देर तक उसे किस्स करता रहा

कुछ देर तक उसे किस्स करके अजय ने उसे अपने उपर बिठा लिया....
रिया ने अपने दोनो पैर मोड़कर अपनी चूत को उसके लंड पर रखा और नीचे सरकती चली गयी..



''उम्म्म्ममममममममममममम........ क्या मज़ा है........ इस मज़े से मैं इतने सालों तक दूर थी....... अब नही रहूंगी...... रोज चोदना मुझे जीजू..... रोज..... दिन रात.... जब आपकी मर्ज़ी हो.... जहाँ कहो वहाँ..... बस इशारा कर देना..... अहह.... इस लंड को लेने के लिए तो मैं कुछ भी कर दूँगी जीजू...... उफफफफफ्फ़ ज़ोर से घुसाओ अंदर..... यस्स..... मेरी ब्रेस्ट दबाओ जीजू..... काटो मेरे निप्पल्स को...... चूस जाओ सारा रक्त इनका..... ओह्ह्ह्ह जीजू....... अहह....आई एम कमिंग जीजू...... मैं झड़ने वाली हूँ .......''



अजय ने भी काफ़ी देर से अपने अंदर एक सैलाब रोक कर रखा था.....
रिया ने जैसे ही अपने झड़ने की बात कही,अजय ने भी अपने सैलाब को बह जाने दिया....
और उसके लंड का ताज़ा सफेद पानी झर-झर करता हुआ रिया की चूत की खाड़ियों में भरता चला गया...

ये रिया की लाइफ का पहला मौका था जब वो लंड लेकर झड़ी थी...
आज से पहले तो ये काम उसकी उंगली ने ही किया था...
पर उंगली कुछ उगलती तो नही थी...
यहाँ तो अजय के लंड ने ढेर सारा वीर्य निकाल दिया था उसके अंदर....
जिसके नमकीन पानी की गर्मी को महसूस करके उसे बहुत मज़ा आ रहा था....
उसकी चोट में जो दर्द हो रहा था,इस गर्म पानी की सिंकाई से उसे आराम मिल रहा था.

अजय पहले ही उसके लिए गर्भ निरोधक टेबलेट्स ले आया था, ताकि उसे चोदने में कोई प्राब्लम ना हो....
कॉन्डम को बीच में लाकर वो अपना मज़ा खराब नही करना चाहता था...
वैसे भी कॉन्डम पहन कर उसे ऐसा लगता था जैसे उसके लंड का कोई गला दबा रहा है.
 
 
 



रिया काफ़ी देर तक उसके सीने पर लेटी रही....
उसने लंड बाहर निकाल दिया...और उसके पीछे-2 ढेर सारा रस भी बाहर निकल आया...



रिया ने टॉवल उठा कर अपनी चूत और अजय का लंड सॉफ किया....
उसके लंड को सॉफ करके उसने 'मेरा राजा बेटा' कहकर उसे काफी देर तक चूसा भी...

फिर दोनो एक दूसरे से लिपट कर नंगे ही सो गये...

रिया के नंगे बदन को अपने उपर चादर की तरह ओढ़कर लेटा हुआ अजय सोच रहा था की अभी तो 3 रातें और है.... और उन रातों को भी वो इसी तरह हर पल एंजाय करना चाहता था.

और वैसे भी, अगले दिन और रात के लिए उसने कुछ ख़ास ही सोच कर रखा हुआ था.


अगले दिन अजय की मॉर्निंग बड़ी कमाल की हुई....

वो उठा तो उसने देखा की रिया उससे पूरी तरह चिपक कर सो रही है...
एसी चल रहा था
रज़ाई नीचे गिरी पड़ी थी
इसलिए ठंड के मारे वो अजय के अंदर घुसी पड़ी थी.



और उस ठंड और अजय के मॉर्निंग इरैक्शन की वजह से उसका लंड पूरे शबाब पर था...
और वो उसकी चूत से सिर्फ़ एक इंच की दूरी पर था.

अजय ने उसके चेहरे पर आए बालों को पीछे किया और उसे चूमा, उसका नाम पुकारा पर वो नींद में थी...
रात भर की चुदाई के बाद उसे कुछ भी होश नहीं था, वैसे भी पूजा ने उसे एक बार बताया था की वो काफी गहरी नींद में सोती है, उसकी तो कोई सोते हुए मार भी ले तो उसे पता ना चले.

बस, फिर क्या था, अजय ने उसकी कही बात को आज आजमाने की सोची
उसने अपनी उंगली से रिया की चूत की फांके फैलाई और उसे अंदर धकेल दिया.

गर्म-2 चूत ने अजय की उंगली का स्वागत खुलेदिल से किया.

वो अभी तक नींद में थी.

अजय ने उंगली चलानी शुरू कर दी.

धीरे-2 उसकी चूत से पानी निकलने लगा जिसकी वजह से वो एकदम गीली हो गयी.

अजय ने अपने हाथ के उपर सो रही रिया को अपने उपर खींच लिया...
उसका सिर अजय की गर्दन पर था और पूरा शरीर अजय के उपर..
और इस अवस्था में उसकी चूत के बिल्कुल नीचे अजय का गुर्राता हुआ लंड था.

कमाल की बात ये थी की अभी तक वो गहरी नींद में थी.

अजय ने उसके कंधो पर ज़ोर देकर उसे नीचे की तरफ धकेलना शुरू किया.
रिया के कठोर होते निप्पलों ने अजय की छाती पर हल चलाने शुरू कर दिए...
और नीचे उसकी चूत में अजय का लंड धीरे-2 अंदर घुसने लगा..

आज अजय देखना चाहता था की वो किस हद तक सोई रह सकती है...
इसलिए वो बड़े ही आराम और प्यार से एक-एक इंच उसे नीचे खिसका रहा था..

हालाँकि जैसे-2 उसका लण्ड रिया की गीली चूत में उतर रहा था, उसके शरीर में कसावट सी आने लगी थी...
पर उसकी नींद अभी तक नही घुली थी...
हल्की-2 स्नोरिंग अभी भी आ रही थी उसकी नाक से.


वो उसे खिसकाता चला गया....
और अंत में करीब 3 मिनट की सावधानी भरी मेहनत के बाद उसका लंड रिया की चूत में पूरा समा गया.

सोए रहने की वजह से उसकी चूत की कसावट अजय के लंड पर ज़्यादा नही थी...
इसलिए अजय को फील हो रहा था जैसे किसी मखमली बिल में उसने लंड पेल दिया है...
बड़ा ही गुदगुदी भरा एहसास हो रहा था उसे.
पूजा की बात सही निकली थी, रिया की चूत में लंड पूरा घुसा देने के बाद भी उसकी नींद नही खुली थी
काश दुनिया की सारी सालियों की नींद इतनी ही पक्की होती, तो उनके जीजाओं के कितने मजे होते।

उसने अपने दोनो हाथों को उसकी फेली हुई गांड पर रखा और धीरे -2 अपना लंड बाहर निकाल लिया और फिर से अंदर पेल दिया..

इस बार रिया के मुँह से आउच निकल गया....
वैसे भी अब अजय को उसकी नींद खुल जाने की चिंता नही थी....
वो ज़ोर-2 से उसकी चूत में अपना लंड पेलने लगा...

कुछ ही झटकों में रिया की नींद खुल गयी...
और वो अजय को अपनी चूत मारते देख हैरान रह गयी...
उसे शायद अपने आप पर शर्म भी आ रही थी की कैसे वो नींद ही नींद में चुद गयी और उसे पता नही चला...
पर ये टाइम शरमाने का नही था....
क्योंकि लंड ने उसकी चूत के अंदर जाकर जो हाहाकार मचाया हुआ था उसके बाद उसे कुछ होश ही नही रह गया...
और वो खुद ही अपनी चूत को अपने जीजू के लंड के उपर मारने लगी..



''आहह जीजू........ गुड मॉर्निंग....... उम्म्म्मममम वॉट ए मॉर्निंग......... काश ऐसी सुबह रोज हो....... अहह उहह रोज मेरी नींद खुले...... सस्स्स्स्स्सस्स और रोज आप मेरे अंदर ऐसे ही मिलो....... अहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... ऑश यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू........ फककक मिईीईईई हार्ड..... जीजू........... ज़ोर से...... उम्म्म्मममम और ज़ोर से................ आआआआआआआआआअहह ....... यू आअर सोssssss गुड़ssss जीजूजू....... चोदो मुझे.......''



अजय क्या बोलता बेचारा....
उसके मुँह में तो रिया का मुम्मा था....
वो उसे चुसते हुए उसे चोदने में लगा रहा....



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