FUN-MAZA-MASTI
प्यार , सम्भोग ओर धोखा-3
अगले दिन सभी सुबह सुबह घर चले गए यहां बस वकील राधिका डॉक्टर कावेरी वेदिका दीदी सीमा ओर जास्मिन ओर उसकी टीम रह गयी थी और लक्ष्मी जो यही की थी हमारे साथ ही हवेली पे रहने लगी हमारे खाने पीने का सारा इंतजाम वो ही देख रही थी । तो सुबह सुबह सब चले गए तो 5 बज रहे थे तो हम भी फ्रेश होके छत पे चले गए मौसम का मज़ा लेने और थोड़ी एक्सरसाइस करने के लिए मगर जैसे ही में ऊपर आया तो नजारा ही अलग था । वहां जास्मिन ओर राधिका एक्सरसाइस कर रहे थे योगा कर रहे और में छत पे आके ऐक टक उन्हें ही देखता जा रहा मुजे कोई होश नही था जमाने का ओर में बस दीवार के साथ लग के नजारे ले रहा था तभी मेरी चेतना एक आवाज से वापिस आई ।
जास्मिन – सर सर आप सुबह सुबह यहां ।
विश्वास – जी… जी बस ताज़ी हवा लेने आ गया और एक्सरसाइस करने क्या में आपको जॉइन कर सकता हु ।
राधिका – हाँजी जी सर क्यों नही आइए ना ।
राधिका की आवाज में एक अलग ही निमंत्रण है । फिर थोड़ी देर बाद में भी अपनी बनियान निकल के पुशअप ओर करंचीस करने स्टार्ट कर दिए राधिका ओर जास्मिम मुजे चोर आंखों से देख रहे थे थोड़ी देर एक्सरसाइस करते करते ही नैचरली मेरे बॉडी में कसाव आ गया में ओर आकर्षित हो गया ।
जास्मिन – सर आपको बॉयगार्ड की जरूरत नही है काफी मेहनत की हुई है अपने खुद पे ।
विश्वास – थैंक्स मैडम मगर अब सेवा ली है तो पूरा फायदा उठाएंगे । आप दोनों भी काफी फिट हो काफी मेन्टेन किया हुआ है अच्छा फिगर बनाया है सिर्फ योगा का कमाल है या जिम ।
राधिका – में तो सिर्फ योगा करती हूं और हेल्थी डाइट लेती हूं ।
जास्मिन – में जिम में वर्कआउट के साथ साथ जिम भी ।
फेर हम युही इधर उधर की बाते करने लगे ओर 1 घंटे बाद हम नीचे अपने अपने कमरे में आ गए और नहा धो के ब्रेकफास्ट के लये 8 बजे तयार हो गए जैसे ही लक्ष्मी मेरे लिए खाना मेरे रूम में लाने लगी सीमा ने उसे रोक दिया ।
सीमा – रुक जाओ लक्ष्मी ये मेरा काम है में ही करूँगी विश्वास को में ही खिलाती हु अपने हाथो से पहले में चक्ति हु फेर वो कहते है सेकयुरिटी को ध्यान में रखते हु 13 साल से ये काम मे ही कर रही हु ।
लक्ष्मी – दीदी इसमे कुछ नही है ये मेने खुद बनाया है में क्यों उन्हें चोट पोहुचाऊंगी मेरा सिश्वास करे ये एक दम ठीक है ।
सीमा – इनकी मा भी अगर खाना बनाती तो भी में चेक करती ।
लक्ष्मी को ये बात बोहुत चुभी बुरी लगी मगर वो कुछ ना कर पाई और अपनी आंखों में आंसू लिए वापिस रसोई में चली गयी । ऐसे ही 2 दिन ओर निकल गए फिर सीमा ओर वेदिका दीदी भी घर चली गयी शदी में हाथ बटाने ओर सीमा का काम जास्मिन ने संभाल लिया और मेरी ओर राधिका ओर जस्मिन की नजदीकिया बढ़ने लगी ऐसे ही कुछ दिन ओर निकल गए और इंडस्ट्री का काम दिन रात खूब जोरो शोरो से चल रहा । एक हफ्ते में 25% काम पूरा हो गया था और कल संडे था तो सोचा कुछ खास किया जाए और यही सोचते सोचते सैटरडे रात को में गहरी नींद में खो गया काल संडे के इंतजार में ।
वही दूसरी ओर भानुप्रताप किसी से बात कर रहा था ।
भानुप्रताप – जी सर नही हमे कभी वहाँ कुछ नही मिला ।
??? – वो वही है हमारे पुरखो ने वही छोड़ा था उसी जमीन में ओर मेरे सुनने में आया है वहां कोई घुस गया है क्यों आया है वो क्या चाहता है उसे भी तो वो ही नही चाहिए ।
भानुप्रताप – नही मालिक वो एक छोटा बच्चा है वो तो कुछ जानता भी नही होगा इन सबके बारे में ।
??? – मुजे कुछ नही पता हटाओ उसे वहां उसकी पूरी कुंडली निकल के दो उसकी मुजे रास्ते से हटाओ उसे ओर तुमसे नही होगा तो मुझे बताओ ।
भानुप्रताप – नही नही मालिक आप तकलीफ ना ले वो एक नन्हा सा बालक है और मेरा पुराना हिसाब किताब है उनसे उसके परिवार से उसे में ही रास्ते से हटाऊंगा आप बस हुकुम कीजिये आज तक आपको कभी निराश किया है ।
??? – ठीके ठीके अपना काम करो और उस चीज को ढूंढते रहो ।
ओर फिर फ़ोन कट गया और भानुप्रताप बोहुत ही गुस्से में अपने भाई स्वरभानु को बुलाता है ।
भानुप्रताप – स्वरभानु इधर आओ अभी ।
स्वरभानु – जी भइया ।
भानुप्रताप – सुनो समय आ गया है एक ओर बाली चढ़ाने का उस घर से उनकी नाइ ताकत बोहुत उड़ान उड़ रही है उसे मार दो ।
स्वरभानु – जी में अभी अपने आदमी वहां भेज देता हूं उस बच्चे पे नअजर रखने के लिए मौका मिलते ही वार कर दूंगा ।
फेर अगले दिन में सुबह उठ के छत पे गया जहाँ दो सुंदरिया कसरत कर रही थी योगा कर रही थी मेने भी वहां आसान डाला और एक्सरसाइस करने लगा । तभी मेरे दिमाग मे एक प्लान आया और मैने बात की जास्मिन आज में बाहर घूमने जाना चाहता हु । तो तुम तयार हो जाओ । राधिका जी आप आना चाहो तो आ सकती हो । 2 घंटे में तयार होके आप मिले मुझे में भी तयार होने जा रहा हु । फेर में तयार होने जा रहा था तो मुझे डॉक्टर कावेरी मिली मेने उसे अपना प्लान बताया और तयार होने लगा फेर में तयार हो ही रह था तो मेरे कमरे में लक्ष्मी आई मेरा नाश्ता लेके ।
लक्ष्मी – कहि जा रहे हो आप ।
विश्वास – हा आज बाहर घूमने जा रहा हु ओर मेरे पीछे से सारा काम तुम्हे ही देखना है कोई भी समस्या आए तुरंत मुझे बताओगी में आ जाऊंगा जब तक मे न अउ सारा जिम्मा तुम्हारा है ।
लक्ष्मी – जी आप बेफिकर होक जाइए ।
फेर में नाश्ता करके बाहर आया और ओपन जीप में बैठ गया । तभी ।
जास्मिम – सर इसमे नही इसमे चलिए वो सेफ नही है हमे बुलेट प्रूफ कार में जाना होगा फोर सेफ्टी पर्पस ओर कार आप नही ड्राइवर चलाएगा ।
थोड़ी देर में राधिका जी भी आ गयी और में सिर्फ आंखे फाडे उन्हें ही देख रहा था खा जाने वाली नजरो से घूर रहा था ।
राधिका – क्या हुआ अच्छी नही लग रही क्या में ।
विश्वास – अच्छी आप बोहुत ही सेक्सी लग रही हो ब्यूटीफुल अब चलिए जल्दी ।
फेर हम निकल पड़े अपने सफर को एंजॉय करते हुए बाते करते हुए ।
जास्मिन – सर हम जा कहा रहे है ।
विश्वास – वाटर पार्क जा रहे और तुम मुजे सर नही नाम से बुलाओ ।
तो जास्मिम फ़ोन करे वाटर पार्क बोलती है ओर राधिका आज सुबह से ही पता नही किस्से एमएसजी पे लगी हुई थी । फिर हम 12 बजे वहां पोहुचे फेर हम इधर उधर घूमे तभी मेने पानी मे जाने की सोची तो मैने जास्मिन से पूछा आप आएंगी तो उसने मना कर दिया और ड्यूटी की बात करके मुजे मना कर दिया फेर मेने राधिका से कहा तो वो चेंजिंग रूम में कपड़े चेंज करने चले गए और बाहर आई तो जैसे जन्नत से उर्वशी उतर आई हो एक एक अंग का उभार पता लग रहा था 38 30 38 का फिगर केहर ढा रहा था और मेरे अंग अंग घुन का प्रवाह बाद रहा था जैसे कोई ऊर्जा अपना असर दिखा रही हो और मेरा उसे दबाने का कोई मन नही था । फिर में राधिका को लेके पूल में उतार गया और उसके अंगों को चुने लगा उन्हें महसूस करने लगा जिमसें उसे कोई आपत्ति नही थी में उसकी गांड पे हाथ फेर रहा था कभी बूब्स पे पानी के नीचे से ओर वो भी मुझसे चिपक रही थी मुजे भी इसमें मजा आ रहा था फिर हम दोनों अंडर वाटर जाके किस्स वो मेरी लाइफ की पहली किस्स ओर वो भी भरपूर साथ दे रही थी । फिर हम ऊपर आए एक बार फिर किस्स करने के लिए में अंदर गया थोड़ी देर बाद वो आई तो में वहां नही था कुछ सेकंड बाद वो उठी और जास्मिन को आवाज लगाने लगी के में मिल नही रहा हु तो आखिर में गया तो गया कहा
जास्मिन ने मुजे हर कही ढूंढने की कोशिश की मगर में कही नही मिला फेर कुछ देर बाद जास्मिन भी पूल में कूद गई और मुजे अंडर वाटर ढूंढने तभी में एक दम पानी मे से निकला तभी राधिका ओर जास्मिन के मन को शांति मिली मुझसे उन्होंने खूब पूछा क्या हुआ बट में वो बात करके अपना दिन नही खराब करना चाहता था तो हम तीनों पानी से बाहर आ गए और ओर कपड़े चेंज करके सीधा कार में बैठ के हम किसी दूसरे पार्क में पोहच गए जहाँ बोहुत शांति हो । फिर कुछ देर हम युही बात करते रहे फिर मेने जास्मिन से पूछा ।
सिश्वास – अपने बारे में बताओ कुछ जास्मिन ।
जास्मिन – अपने क्लिंट को में कुछ नही बता सकती ।
विश्वास – दोस्त को तो बता सकती हो ।
जास्मिन – अभी सही समय नही आया है ।
फिर मेने यही सवाल राधिका से किया ।
राधिका – में वेसे तो दिल्ली से हु शादी भी वही हुई थी मेरी एक लड़की भी है 10 साल की चोटी उम्र में शादी हो गयी थी बेटी अपनी नानी के पास रह कर पड़ रही है 5 साल हो गए मेरे डाइवोर्स को 5 साल से ही वकालत कर रही हु आज तक कोई केस नही हरि ओर पहला केस आपने पति के खिलाफ ही जीती थी उसी को सजा दिलवाई थी ।
फेर हम बातें करने के बाद खाना खाने के लिए एक मॉल में चले गए वहां फ़ूड कोर्ट में हमने खाना खाया और फिर हम शॉपिंग करने चले गए हमने राधिका , लक्ष्मी , कावेरी , जास्मिन के लिए ओर खुद के लिए कुछ कपड़े लिए ओर जैसे ही वहां से निकलने लगे तो एक गोली चली जो सीधा मेरी बाजू में लगी ये मुझपे हुआ आज दूसरा हमला था पहला जब में पूल में था तब हुआ था तब तो में लड़के वापिस आ गया था मगर अब गोली लगी तो वहां से मुजे हॉस्पिटल ले जाया गया और जास्मिन निकल गयी उस गोली मारने वाले के पीछे ओर ओर हॉस्पिटल में मेरे भाई को बुलाया गया वो घर पे बिना बताए सीधा मेरे पास आ गए वो एक दम गुस्से से लाल लहो रखे थे उनकी आंखों में खून सवार था आते ही उन्होंने डॉक्टर से बात की तो अब तक डॉक्टर कावेरी भी आ गयी उन्होंने मुजे मेरी स्पेशल डोस देदी जिससे में 24 घंटे में पहले जैसा हो जाऊंगा गोली पहले ही निकली जा चुकी थी । तभी भाई का फ़ोन बजता है ।
भाई – कोन
जास्मिन – सिर वो मेरे हाथ लग गया है क्या करूँ ।
भाई – पकड़ के रख हरामजादे को उसमे में खुद पीतल भरूँगा आ रहा हु में ।
फेर भाई वहां पोहुचे जहाँ जास्मिन ने उसे बंदी बना रखा था ।
आदमी – साहब मुजे बक्श दो मुजे पैसे मील थे साहब प्लीज ।
भाई – बोल मादरचोद बोल किसने भेजा है तुजे ।
आदमी – नही बता सकता साहब उसने मेरे घर वालो को पकड़ रखा है ।
भाई – बोल हरामखोर नाम बता नही तो आभी सारा पीतल उतार दूंगा अंदर ।
आदमी – उसके हाथो मेरी फैमिली मरे इससे अच्छा है आपके हाथों में मार जाऊ ।
तभी जास्मिम ओर भाई दोनों अपनी पिस्तौल की सारी गोलिया उस आदमी में उतार दी ।
भाई – मुजे पता है ये किसका काम है ये बोलता तो गवाही होती आज हमारे पास ।
तभी भाई एक आदमी को बोलके उस आदमी की लाश भानुप्रताप के घर फिकवा देता है । जिसे देख के भानुप्रताप तिलमिला जाता है और एक कॉल करता है ।
भानुप्रताप – तो वो अभी तक जिंदा है ।
??? – आपका आदमी नही मार पाया तो में क्या करूँ मेरा काम पक्का था आपको उसके एक एक जगह की इन्फो में दे रही थी ना ओर में क्या करूँ ।
भानुप्रताप – ए लड़की मुझसे होशियारी नही अब तू मेरे लिए काम करती है उसके लिए नही ओर जो मेरे काम का नही उसे कोई और काम करने लायक में छोड़ता नही ज्यादा टाइम नही है हमारे पास ।
??? – में कोशिश कर तो रही हु आप बेफिकर रहिए ।
भानुप्रताप – तुम्हारे लिए ये ही अच्छा है के मुजे तकलीफ ना हो ।
??? – सर आप आराम से सो में हु ना ।
कोन है वो लड़की जो दुश्मनों से जा मिली यही विचार मेरे भाई के मन मे भी था मगर उसे नही पता था के कोई जाके मिल गया है वो सोच रहा था के ये हमले के पीछे सिर्फ भानुप्रताप नही है कोई और भी है जो पल पल नजर रखे हुए है मगर कोंन उसने जास्मिन से मिलके मेरी सुरक्षा और बड़ा दी पर सब पर बराबर नजर रखने को कहा और सबके फ़ोन टेप करवा दिए और वापिस घर चले गए ताकि किसी को भी शक ना हो के कुछ हुआ है फिर अगले दिन मुजे घर शिफ्ट किया गया और कावेरी मेरी पूरा ध्यान रखने लगी 4 लड़कियो ने 6 , 6 घंटो के लिए मेरे पास शिफ्ट लगाई सुबह 6 से 12 लक्ष्मी फिर 12 से 6 डॉक्टर कावेरी फिर शाम 6 से रात 12 जास्मिन फिर रात 12 से 6 राधिका जी । असली काम था मेरा मुजे हर टाइम चौकन्ना रहना पड़ता था क्योंकि जान पर भी मेरे ही बनी थी । शुरू शुरू के एक हफ्ता कमजोरी के कारण में कुछ नही कर पाया मगर एक हफ्ते बाद में बिल्कुल ठीक था और अब ये रोजका था सभी औरते 6 घंटे मुजे देती थी अपने कभी कभी मुजे मेरी राधिका के साथ हुआ मज़ा भी याद आता मगर आगे कुछ कर नही पाया था क्योंकि कब कौन दुश्मन निकल जाए पता नही ना मगर ये दिल इसे कोंन समझाए ये तो राधिका राधिका करना शुरू कर देता था ना रात होते ही । इसी बीच मेरी फैक्ट्री ओर इंडस्ट्री का काम आधा हो चुका था और अब भाई की भी शादी नजदीक थी में कावेरी ओर जास्मिन मेरे साथ घर जाएंगे राधिका अपनी बच्ची से मिलने जाएगी और लक्ष्मी यहां रहके सारा काम देखेगी । तो अब बस 7 दिन थे मेरे पास अपनी ओर राधिका की बात आगे बढ़ाने का ओर मेने सोच रखा था के आज से ही में अपना काम शुरू कर दूंगा राधिका के करीब जाऊंगा ।
उसी रात में अपने कमरे में लेटा हुआ राधिका का इंतजार कर रहा था के तभी कमरे का गेट खुलने की आवाज आई और जिसका मुजे इंतजार था वो आ गयी थी ।
राधिका – क्या हुआ विश्वास सोए नही अभी तक तबियत तो ठीक है ना ।
विश्वास – नही राधिका जी किसी का इंतजार कर रहा हु ।
राधिका – मुस्कुराते हुए किसका वो भी इतनी रात को ।
विश्वास – वही जिसने मेरी रातो की नींद उड़ा रखी है तो उसका इंतजार भी तो रात को ही होगा ना ।
राधिका – अच्छा कब तक आएगी वो आप कहे तो में चली जाऊ में कबाब में हड्डी नही बनना चाहती ।
विश्वास – नही नही आप कही नही जाएंगी यहां रहना आपकी ड्यूटी है और रही बात उससे मिलने की तो वो में आपके सामने भी मिल सकता हु आप भी मिल लेना उससे ।
राधिका – ठीक है में नहा के फ्रेश होके आती हु तब तक वो आ भी जाएगी ।
राधिका – मन में में भी तो देखु क्या चीज है वो जो मेरा नशा इतनी जल्दी उत्तर दिया विश्वास पे से ।
फिर राधिका के जाते ही मेने रूम को सजना शुरू कर दिया कैंडल से ओर गुलाबों से बेड को सजा दिया और बीएड पे आके लेट गया और साइड में अपनी पसंद को लिटा लिया । कुछ देर बाद राधिका आई तो एक दम से चोंक गयी के ये सब क्या है ऐसे पल उसकी जिंदगी में पहली बार आ रहा था मगर वो अभी नही जानती थी के ये उसके लिए है या किसी ओर के लिए है ।
राधिका – ये सब क्या है विश्वास ओर जिसके लिए है वो आई के नही आई मुजे तो नही दिख रही है कहा है वो ।
विश्वास – यही तो है मेरे पास मेरी बहो में ।
फिर मेने अपनी माशूका जिसे मेने कपड़े से ढका हुआ था मेरे साथ रखा हुआ था उसपे से मैने कपड़ा उठाया और कहा यहाँ देखो और जैसे ही राधिका ने मेरे पास पड़े शीशे में देखा और खुद का चेहरा देख के शर्मा गयी और बोली ।
राधिका – विश्वास क्या तुम सच मे इससे प्यार करते हो मगर ये हो नही सकता इस औरत के कुछ दायरे है बंधन है इसकी कुछ जिम्मेदारी है ।
विश्वास – राधिका प्यार से बड़ा रिश्ता जरूरत का होता है मुजे तुम्हारी है और तुम्हे मेरी है रही बात प्यार की मेरा प्यार किसी एक के लिए नही है मगर जितना जिसके लिए उतना उसके लिए भरपूर है आज से तुम्हारी सारी जिम्मेदारी मेरी ओर तुम अब यही गांव में रो जहाँ कोई बंधन नही है ना ही कोई सवाल पूछेगा तुमसे बोलो तुम्हे मंजूर है तो मैने अपने दिल की बात कर दी है । इतना सुनते ही राधिका जोर से मेरे गले लग गयी और कब हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए पता ही नही चला मन कर रहा था बस यही सारी रात होंठ चुस्त रह मुजे इसीमे ही जन्नत दिखने लगी थी और फिर किस्स तोड़े बिना हमने एक दूसरे के शरीर से कपड़े अलग कर दिए और फिर में उसे उठा के अपनी गोद मे बेड पे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और हाथो से बूब्स दबाने लगा फिर जब सांस उखाड़ने लगे तो हमारे होंठ अलग हो गए और मैने अपना मुंह राधिका के बूब्स पे ले गया और निप्पल चूसने लगा दांतो से काटने लगा और राधिका तिलमिला गयी और मेरे बालो में हाथ फेरने लगी और अपने बूब्स पे दबाने लगी फिर में हाथो से बूब्स दबाने लगा और उसके पेट को चाटने लगा चूसने लगा राधिका बिन पानी मछली के जैसे फड़फड़ा रही थी और बोल रही थी के प्लीज अब चोद दो और बर्दाश्त नही हो रहा है में मार जाऊंगी । फिर मेने अपनी जीभ राधिका की क्लीन चूत पे रख दिया और मेरी जिब रखते ही मानो राधिका हो करंट लगा हो और उसने अपनी टंगे भीच के मुजे कैद कर लिया और में मज़े से उनकी चूत चूस रहा था ओर उंगली कर रहा था के तभी राधिका का शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत से खूब सारा पानी भहने लगा और में सारा पानी पी गया राधिका अब रिलेक्स थी और मैने भी अगला वॉर करने की सोची ओर मेने अपना 10इंच का लंड उसकी चुत पे टिकाया ओर एक जोरदार धक्का के बाद मेने अपना 5इंच ला लंड उसकी चुत में डाल दिया और वो तड़प उठी वो तो अच्छा था मेने अपने होंठ उसके होंठ से जोड़ रखे थे नही तो पूरी हवेली उठ के यहां आजाती फिर में कुछ देर धक्के लगता रहा जब तक वो नार्मल नही हो गयी फिर मेने एक ओर जोरदार धक्का लगाया पर पूरा चुत में उतार दिया 1 घंटे तक लगातार चोदता रहा इस बीच राधिका 4 बार झड़ी अब मेरे भी झड़ने का टाइम आ गया था तो मैने पुछा कहा छोड़ू तो उसने चुत में ही झड़ने को कहा और में उसकी चुत में झाड़ गया । पूरी रात चुदाई करने के बाद 4 बजे राधिका अपने रूम में जाके सो गई क्योंकि 6 बजे लक्ष्मी ने आना था तो दो घंटे में सो गया । 7 दिन तक अब बस यही चलता रहा ।
kramashah.............
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
प्यार , सम्भोग ओर धोखा-3
अगले दिन सभी सुबह सुबह घर चले गए यहां बस वकील राधिका डॉक्टर कावेरी वेदिका दीदी सीमा ओर जास्मिन ओर उसकी टीम रह गयी थी और लक्ष्मी जो यही की थी हमारे साथ ही हवेली पे रहने लगी हमारे खाने पीने का सारा इंतजाम वो ही देख रही थी । तो सुबह सुबह सब चले गए तो 5 बज रहे थे तो हम भी फ्रेश होके छत पे चले गए मौसम का मज़ा लेने और थोड़ी एक्सरसाइस करने के लिए मगर जैसे ही में ऊपर आया तो नजारा ही अलग था । वहां जास्मिन ओर राधिका एक्सरसाइस कर रहे थे योगा कर रहे और में छत पे आके ऐक टक उन्हें ही देखता जा रहा मुजे कोई होश नही था जमाने का ओर में बस दीवार के साथ लग के नजारे ले रहा था तभी मेरी चेतना एक आवाज से वापिस आई ।
जास्मिन – सर सर आप सुबह सुबह यहां ।
विश्वास – जी… जी बस ताज़ी हवा लेने आ गया और एक्सरसाइस करने क्या में आपको जॉइन कर सकता हु ।
राधिका – हाँजी जी सर क्यों नही आइए ना ।
राधिका की आवाज में एक अलग ही निमंत्रण है । फिर थोड़ी देर बाद में भी अपनी बनियान निकल के पुशअप ओर करंचीस करने स्टार्ट कर दिए राधिका ओर जास्मिम मुजे चोर आंखों से देख रहे थे थोड़ी देर एक्सरसाइस करते करते ही नैचरली मेरे बॉडी में कसाव आ गया में ओर आकर्षित हो गया ।
जास्मिन – सर आपको बॉयगार्ड की जरूरत नही है काफी मेहनत की हुई है अपने खुद पे ।
विश्वास – थैंक्स मैडम मगर अब सेवा ली है तो पूरा फायदा उठाएंगे । आप दोनों भी काफी फिट हो काफी मेन्टेन किया हुआ है अच्छा फिगर बनाया है सिर्फ योगा का कमाल है या जिम ।
राधिका – में तो सिर्फ योगा करती हूं और हेल्थी डाइट लेती हूं ।
जास्मिन – में जिम में वर्कआउट के साथ साथ जिम भी ।
फेर हम युही इधर उधर की बाते करने लगे ओर 1 घंटे बाद हम नीचे अपने अपने कमरे में आ गए और नहा धो के ब्रेकफास्ट के लये 8 बजे तयार हो गए जैसे ही लक्ष्मी मेरे लिए खाना मेरे रूम में लाने लगी सीमा ने उसे रोक दिया ।
सीमा – रुक जाओ लक्ष्मी ये मेरा काम है में ही करूँगी विश्वास को में ही खिलाती हु अपने हाथो से पहले में चक्ति हु फेर वो कहते है सेकयुरिटी को ध्यान में रखते हु 13 साल से ये काम मे ही कर रही हु ।
लक्ष्मी – दीदी इसमे कुछ नही है ये मेने खुद बनाया है में क्यों उन्हें चोट पोहुचाऊंगी मेरा सिश्वास करे ये एक दम ठीक है ।
सीमा – इनकी मा भी अगर खाना बनाती तो भी में चेक करती ।
लक्ष्मी को ये बात बोहुत चुभी बुरी लगी मगर वो कुछ ना कर पाई और अपनी आंखों में आंसू लिए वापिस रसोई में चली गयी । ऐसे ही 2 दिन ओर निकल गए फिर सीमा ओर वेदिका दीदी भी घर चली गयी शदी में हाथ बटाने ओर सीमा का काम जास्मिन ने संभाल लिया और मेरी ओर राधिका ओर जस्मिन की नजदीकिया बढ़ने लगी ऐसे ही कुछ दिन ओर निकल गए और इंडस्ट्री का काम दिन रात खूब जोरो शोरो से चल रहा । एक हफ्ते में 25% काम पूरा हो गया था और कल संडे था तो सोचा कुछ खास किया जाए और यही सोचते सोचते सैटरडे रात को में गहरी नींद में खो गया काल संडे के इंतजार में ।
वही दूसरी ओर भानुप्रताप किसी से बात कर रहा था ।
भानुप्रताप – जी सर नही हमे कभी वहाँ कुछ नही मिला ।
??? – वो वही है हमारे पुरखो ने वही छोड़ा था उसी जमीन में ओर मेरे सुनने में आया है वहां कोई घुस गया है क्यों आया है वो क्या चाहता है उसे भी तो वो ही नही चाहिए ।
भानुप्रताप – नही मालिक वो एक छोटा बच्चा है वो तो कुछ जानता भी नही होगा इन सबके बारे में ।
??? – मुजे कुछ नही पता हटाओ उसे वहां उसकी पूरी कुंडली निकल के दो उसकी मुजे रास्ते से हटाओ उसे ओर तुमसे नही होगा तो मुझे बताओ ।
भानुप्रताप – नही नही मालिक आप तकलीफ ना ले वो एक नन्हा सा बालक है और मेरा पुराना हिसाब किताब है उनसे उसके परिवार से उसे में ही रास्ते से हटाऊंगा आप बस हुकुम कीजिये आज तक आपको कभी निराश किया है ।
??? – ठीके ठीके अपना काम करो और उस चीज को ढूंढते रहो ।
ओर फिर फ़ोन कट गया और भानुप्रताप बोहुत ही गुस्से में अपने भाई स्वरभानु को बुलाता है ।
भानुप्रताप – स्वरभानु इधर आओ अभी ।
स्वरभानु – जी भइया ।
भानुप्रताप – सुनो समय आ गया है एक ओर बाली चढ़ाने का उस घर से उनकी नाइ ताकत बोहुत उड़ान उड़ रही है उसे मार दो ।
स्वरभानु – जी में अभी अपने आदमी वहां भेज देता हूं उस बच्चे पे नअजर रखने के लिए मौका मिलते ही वार कर दूंगा ।
फेर अगले दिन में सुबह उठ के छत पे गया जहाँ दो सुंदरिया कसरत कर रही थी योगा कर रही थी मेने भी वहां आसान डाला और एक्सरसाइस करने लगा । तभी मेरे दिमाग मे एक प्लान आया और मैने बात की जास्मिन आज में बाहर घूमने जाना चाहता हु । तो तुम तयार हो जाओ । राधिका जी आप आना चाहो तो आ सकती हो । 2 घंटे में तयार होके आप मिले मुझे में भी तयार होने जा रहा हु । फेर में तयार होने जा रहा था तो मुझे डॉक्टर कावेरी मिली मेने उसे अपना प्लान बताया और तयार होने लगा फेर में तयार हो ही रह था तो मेरे कमरे में लक्ष्मी आई मेरा नाश्ता लेके ।
लक्ष्मी – कहि जा रहे हो आप ।
विश्वास – हा आज बाहर घूमने जा रहा हु ओर मेरे पीछे से सारा काम तुम्हे ही देखना है कोई भी समस्या आए तुरंत मुझे बताओगी में आ जाऊंगा जब तक मे न अउ सारा जिम्मा तुम्हारा है ।
लक्ष्मी – जी आप बेफिकर होक जाइए ।
फेर में नाश्ता करके बाहर आया और ओपन जीप में बैठ गया । तभी ।
जास्मिम – सर इसमे नही इसमे चलिए वो सेफ नही है हमे बुलेट प्रूफ कार में जाना होगा फोर सेफ्टी पर्पस ओर कार आप नही ड्राइवर चलाएगा ।
थोड़ी देर में राधिका जी भी आ गयी और में सिर्फ आंखे फाडे उन्हें ही देख रहा था खा जाने वाली नजरो से घूर रहा था ।
राधिका – क्या हुआ अच्छी नही लग रही क्या में ।
विश्वास – अच्छी आप बोहुत ही सेक्सी लग रही हो ब्यूटीफुल अब चलिए जल्दी ।
फेर हम निकल पड़े अपने सफर को एंजॉय करते हुए बाते करते हुए ।
जास्मिन – सर हम जा कहा रहे है ।
विश्वास – वाटर पार्क जा रहे और तुम मुजे सर नही नाम से बुलाओ ।
तो जास्मिम फ़ोन करे वाटर पार्क बोलती है ओर राधिका आज सुबह से ही पता नही किस्से एमएसजी पे लगी हुई थी । फिर हम 12 बजे वहां पोहुचे फेर हम इधर उधर घूमे तभी मेने पानी मे जाने की सोची तो मैने जास्मिन से पूछा आप आएंगी तो उसने मना कर दिया और ड्यूटी की बात करके मुजे मना कर दिया फेर मेने राधिका से कहा तो वो चेंजिंग रूम में कपड़े चेंज करने चले गए और बाहर आई तो जैसे जन्नत से उर्वशी उतर आई हो एक एक अंग का उभार पता लग रहा था 38 30 38 का फिगर केहर ढा रहा था और मेरे अंग अंग घुन का प्रवाह बाद रहा था जैसे कोई ऊर्जा अपना असर दिखा रही हो और मेरा उसे दबाने का कोई मन नही था । फिर में राधिका को लेके पूल में उतार गया और उसके अंगों को चुने लगा उन्हें महसूस करने लगा जिमसें उसे कोई आपत्ति नही थी में उसकी गांड पे हाथ फेर रहा था कभी बूब्स पे पानी के नीचे से ओर वो भी मुझसे चिपक रही थी मुजे भी इसमें मजा आ रहा था फिर हम दोनों अंडर वाटर जाके किस्स वो मेरी लाइफ की पहली किस्स ओर वो भी भरपूर साथ दे रही थी । फिर हम ऊपर आए एक बार फिर किस्स करने के लिए में अंदर गया थोड़ी देर बाद वो आई तो में वहां नही था कुछ सेकंड बाद वो उठी और जास्मिन को आवाज लगाने लगी के में मिल नही रहा हु तो आखिर में गया तो गया कहा
जास्मिन ने मुजे हर कही ढूंढने की कोशिश की मगर में कही नही मिला फेर कुछ देर बाद जास्मिन भी पूल में कूद गई और मुजे अंडर वाटर ढूंढने तभी में एक दम पानी मे से निकला तभी राधिका ओर जास्मिन के मन को शांति मिली मुझसे उन्होंने खूब पूछा क्या हुआ बट में वो बात करके अपना दिन नही खराब करना चाहता था तो हम तीनों पानी से बाहर आ गए और ओर कपड़े चेंज करके सीधा कार में बैठ के हम किसी दूसरे पार्क में पोहच गए जहाँ बोहुत शांति हो । फिर कुछ देर हम युही बात करते रहे फिर मेने जास्मिन से पूछा ।
सिश्वास – अपने बारे में बताओ कुछ जास्मिन ।
जास्मिन – अपने क्लिंट को में कुछ नही बता सकती ।
विश्वास – दोस्त को तो बता सकती हो ।
जास्मिन – अभी सही समय नही आया है ।
फिर मेने यही सवाल राधिका से किया ।
राधिका – में वेसे तो दिल्ली से हु शादी भी वही हुई थी मेरी एक लड़की भी है 10 साल की चोटी उम्र में शादी हो गयी थी बेटी अपनी नानी के पास रह कर पड़ रही है 5 साल हो गए मेरे डाइवोर्स को 5 साल से ही वकालत कर रही हु आज तक कोई केस नही हरि ओर पहला केस आपने पति के खिलाफ ही जीती थी उसी को सजा दिलवाई थी ।
फेर हम बातें करने के बाद खाना खाने के लिए एक मॉल में चले गए वहां फ़ूड कोर्ट में हमने खाना खाया और फिर हम शॉपिंग करने चले गए हमने राधिका , लक्ष्मी , कावेरी , जास्मिन के लिए ओर खुद के लिए कुछ कपड़े लिए ओर जैसे ही वहां से निकलने लगे तो एक गोली चली जो सीधा मेरी बाजू में लगी ये मुझपे हुआ आज दूसरा हमला था पहला जब में पूल में था तब हुआ था तब तो में लड़के वापिस आ गया था मगर अब गोली लगी तो वहां से मुजे हॉस्पिटल ले जाया गया और जास्मिन निकल गयी उस गोली मारने वाले के पीछे ओर ओर हॉस्पिटल में मेरे भाई को बुलाया गया वो घर पे बिना बताए सीधा मेरे पास आ गए वो एक दम गुस्से से लाल लहो रखे थे उनकी आंखों में खून सवार था आते ही उन्होंने डॉक्टर से बात की तो अब तक डॉक्टर कावेरी भी आ गयी उन्होंने मुजे मेरी स्पेशल डोस देदी जिससे में 24 घंटे में पहले जैसा हो जाऊंगा गोली पहले ही निकली जा चुकी थी । तभी भाई का फ़ोन बजता है ।
भाई – कोन
जास्मिन – सिर वो मेरे हाथ लग गया है क्या करूँ ।
भाई – पकड़ के रख हरामजादे को उसमे में खुद पीतल भरूँगा आ रहा हु में ।
फेर भाई वहां पोहुचे जहाँ जास्मिन ने उसे बंदी बना रखा था ।
आदमी – साहब मुजे बक्श दो मुजे पैसे मील थे साहब प्लीज ।
भाई – बोल मादरचोद बोल किसने भेजा है तुजे ।
आदमी – नही बता सकता साहब उसने मेरे घर वालो को पकड़ रखा है ।
भाई – बोल हरामखोर नाम बता नही तो आभी सारा पीतल उतार दूंगा अंदर ।
आदमी – उसके हाथो मेरी फैमिली मरे इससे अच्छा है आपके हाथों में मार जाऊ ।
तभी जास्मिम ओर भाई दोनों अपनी पिस्तौल की सारी गोलिया उस आदमी में उतार दी ।
भाई – मुजे पता है ये किसका काम है ये बोलता तो गवाही होती आज हमारे पास ।
तभी भाई एक आदमी को बोलके उस आदमी की लाश भानुप्रताप के घर फिकवा देता है । जिसे देख के भानुप्रताप तिलमिला जाता है और एक कॉल करता है ।
भानुप्रताप – तो वो अभी तक जिंदा है ।
??? – आपका आदमी नही मार पाया तो में क्या करूँ मेरा काम पक्का था आपको उसके एक एक जगह की इन्फो में दे रही थी ना ओर में क्या करूँ ।
भानुप्रताप – ए लड़की मुझसे होशियारी नही अब तू मेरे लिए काम करती है उसके लिए नही ओर जो मेरे काम का नही उसे कोई और काम करने लायक में छोड़ता नही ज्यादा टाइम नही है हमारे पास ।
??? – में कोशिश कर तो रही हु आप बेफिकर रहिए ।
भानुप्रताप – तुम्हारे लिए ये ही अच्छा है के मुजे तकलीफ ना हो ।
??? – सर आप आराम से सो में हु ना ।
कोन है वो लड़की जो दुश्मनों से जा मिली यही विचार मेरे भाई के मन मे भी था मगर उसे नही पता था के कोई जाके मिल गया है वो सोच रहा था के ये हमले के पीछे सिर्फ भानुप्रताप नही है कोई और भी है जो पल पल नजर रखे हुए है मगर कोंन उसने जास्मिन से मिलके मेरी सुरक्षा और बड़ा दी पर सब पर बराबर नजर रखने को कहा और सबके फ़ोन टेप करवा दिए और वापिस घर चले गए ताकि किसी को भी शक ना हो के कुछ हुआ है फिर अगले दिन मुजे घर शिफ्ट किया गया और कावेरी मेरी पूरा ध्यान रखने लगी 4 लड़कियो ने 6 , 6 घंटो के लिए मेरे पास शिफ्ट लगाई सुबह 6 से 12 लक्ष्मी फिर 12 से 6 डॉक्टर कावेरी फिर शाम 6 से रात 12 जास्मिन फिर रात 12 से 6 राधिका जी । असली काम था मेरा मुजे हर टाइम चौकन्ना रहना पड़ता था क्योंकि जान पर भी मेरे ही बनी थी । शुरू शुरू के एक हफ्ता कमजोरी के कारण में कुछ नही कर पाया मगर एक हफ्ते बाद में बिल्कुल ठीक था और अब ये रोजका था सभी औरते 6 घंटे मुजे देती थी अपने कभी कभी मुजे मेरी राधिका के साथ हुआ मज़ा भी याद आता मगर आगे कुछ कर नही पाया था क्योंकि कब कौन दुश्मन निकल जाए पता नही ना मगर ये दिल इसे कोंन समझाए ये तो राधिका राधिका करना शुरू कर देता था ना रात होते ही । इसी बीच मेरी फैक्ट्री ओर इंडस्ट्री का काम आधा हो चुका था और अब भाई की भी शादी नजदीक थी में कावेरी ओर जास्मिन मेरे साथ घर जाएंगे राधिका अपनी बच्ची से मिलने जाएगी और लक्ष्मी यहां रहके सारा काम देखेगी । तो अब बस 7 दिन थे मेरे पास अपनी ओर राधिका की बात आगे बढ़ाने का ओर मेने सोच रखा था के आज से ही में अपना काम शुरू कर दूंगा राधिका के करीब जाऊंगा ।
उसी रात में अपने कमरे में लेटा हुआ राधिका का इंतजार कर रहा था के तभी कमरे का गेट खुलने की आवाज आई और जिसका मुजे इंतजार था वो आ गयी थी ।
राधिका – क्या हुआ विश्वास सोए नही अभी तक तबियत तो ठीक है ना ।
विश्वास – नही राधिका जी किसी का इंतजार कर रहा हु ।
राधिका – मुस्कुराते हुए किसका वो भी इतनी रात को ।
विश्वास – वही जिसने मेरी रातो की नींद उड़ा रखी है तो उसका इंतजार भी तो रात को ही होगा ना ।
राधिका – अच्छा कब तक आएगी वो आप कहे तो में चली जाऊ में कबाब में हड्डी नही बनना चाहती ।
विश्वास – नही नही आप कही नही जाएंगी यहां रहना आपकी ड्यूटी है और रही बात उससे मिलने की तो वो में आपके सामने भी मिल सकता हु आप भी मिल लेना उससे ।
राधिका – ठीक है में नहा के फ्रेश होके आती हु तब तक वो आ भी जाएगी ।
राधिका – मन में में भी तो देखु क्या चीज है वो जो मेरा नशा इतनी जल्दी उत्तर दिया विश्वास पे से ।
फिर राधिका के जाते ही मेने रूम को सजना शुरू कर दिया कैंडल से ओर गुलाबों से बेड को सजा दिया और बीएड पे आके लेट गया और साइड में अपनी पसंद को लिटा लिया । कुछ देर बाद राधिका आई तो एक दम से चोंक गयी के ये सब क्या है ऐसे पल उसकी जिंदगी में पहली बार आ रहा था मगर वो अभी नही जानती थी के ये उसके लिए है या किसी ओर के लिए है ।
राधिका – ये सब क्या है विश्वास ओर जिसके लिए है वो आई के नही आई मुजे तो नही दिख रही है कहा है वो ।
विश्वास – यही तो है मेरे पास मेरी बहो में ।
फिर मेने अपनी माशूका जिसे मेने कपड़े से ढका हुआ था मेरे साथ रखा हुआ था उसपे से मैने कपड़ा उठाया और कहा यहाँ देखो और जैसे ही राधिका ने मेरे पास पड़े शीशे में देखा और खुद का चेहरा देख के शर्मा गयी और बोली ।
राधिका – विश्वास क्या तुम सच मे इससे प्यार करते हो मगर ये हो नही सकता इस औरत के कुछ दायरे है बंधन है इसकी कुछ जिम्मेदारी है ।
विश्वास – राधिका प्यार से बड़ा रिश्ता जरूरत का होता है मुजे तुम्हारी है और तुम्हे मेरी है रही बात प्यार की मेरा प्यार किसी एक के लिए नही है मगर जितना जिसके लिए उतना उसके लिए भरपूर है आज से तुम्हारी सारी जिम्मेदारी मेरी ओर तुम अब यही गांव में रो जहाँ कोई बंधन नही है ना ही कोई सवाल पूछेगा तुमसे बोलो तुम्हे मंजूर है तो मैने अपने दिल की बात कर दी है । इतना सुनते ही राधिका जोर से मेरे गले लग गयी और कब हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए पता ही नही चला मन कर रहा था बस यही सारी रात होंठ चुस्त रह मुजे इसीमे ही जन्नत दिखने लगी थी और फिर किस्स तोड़े बिना हमने एक दूसरे के शरीर से कपड़े अलग कर दिए और फिर में उसे उठा के अपनी गोद मे बेड पे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और हाथो से बूब्स दबाने लगा फिर जब सांस उखाड़ने लगे तो हमारे होंठ अलग हो गए और मैने अपना मुंह राधिका के बूब्स पे ले गया और निप्पल चूसने लगा दांतो से काटने लगा और राधिका तिलमिला गयी और मेरे बालो में हाथ फेरने लगी और अपने बूब्स पे दबाने लगी फिर में हाथो से बूब्स दबाने लगा और उसके पेट को चाटने लगा चूसने लगा राधिका बिन पानी मछली के जैसे फड़फड़ा रही थी और बोल रही थी के प्लीज अब चोद दो और बर्दाश्त नही हो रहा है में मार जाऊंगी । फिर मेने अपनी जीभ राधिका की क्लीन चूत पे रख दिया और मेरी जिब रखते ही मानो राधिका हो करंट लगा हो और उसने अपनी टंगे भीच के मुजे कैद कर लिया और में मज़े से उनकी चूत चूस रहा था ओर उंगली कर रहा था के तभी राधिका का शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत से खूब सारा पानी भहने लगा और में सारा पानी पी गया राधिका अब रिलेक्स थी और मैने भी अगला वॉर करने की सोची ओर मेने अपना 10इंच का लंड उसकी चुत पे टिकाया ओर एक जोरदार धक्का के बाद मेने अपना 5इंच ला लंड उसकी चुत में डाल दिया और वो तड़प उठी वो तो अच्छा था मेने अपने होंठ उसके होंठ से जोड़ रखे थे नही तो पूरी हवेली उठ के यहां आजाती फिर में कुछ देर धक्के लगता रहा जब तक वो नार्मल नही हो गयी फिर मेने एक ओर जोरदार धक्का लगाया पर पूरा चुत में उतार दिया 1 घंटे तक लगातार चोदता रहा इस बीच राधिका 4 बार झड़ी अब मेरे भी झड़ने का टाइम आ गया था तो मैने पुछा कहा छोड़ू तो उसने चुत में ही झड़ने को कहा और में उसकी चुत में झाड़ गया । पूरी रात चुदाई करने के बाद 4 बजे राधिका अपने रूम में जाके सो गई क्योंकि 6 बजे लक्ष्मी ने आना था तो दो घंटे में सो गया । 7 दिन तक अब बस यही चलता रहा ।
kramashah.............
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
1 comment:
Why did you stop writing since January? Please continue writing. Your stories are superb. Mind-Blowing.
Post a Comment