FUN-MAZA-MASTI
प्यार , सम्भोग ओर धोखा-1
आज मेरे सभी दुश्मन खत्म हो चुके हैं मगर फिर भी जीवन म बोहुत उथल पुथल है क्योंकि जिनको खोया वो भी अपने है और जिनको खत्म किया वो भी अपने है कहने को एक परिवार मगर सब एक दूसरे के दुश्मन छल कपट , धोखा है हर मोड़ पर मगर म ऐसा नही हु मुजे सिर्फ प्यारे देना ही आता है किसी को प्यार देने के लिए सुख देने के लिए हिफाजत करने के लिए अगर किसी की जान भी लेनी पड़ी तो में लूंगा ली भी है ओर लेता भी रहूंगा । पहले म ऐसा नही था पहले में कमजोर था अपाहिज था मगर कहते ह न आवश्यकता अविष्कार की जननी है और मरता क्या ना करता और प्यार और जंग में सब जायज है ये सब वो कहावते ह जो मेरे काम को सही सिद्ध करती है मुजे मेरे किये का कुछ अफसोस नही जो किया पूरे होशो हवास में किया अपने कर्मो की माफी जिनसे मांगनी थी उनसे मांगी भी ओर मिल भी गयी आज हम सब साथ ओर खुश है । तो कहानी शुरू होती है आज से 50 साल पहले मेरे दादा जी जो एक राज घराने के एकलौते राज कुमार थे उनकी शादी एक दूसरे राज घराने की लड़की से हुई मेरी दादी । मेरी दादी की एक जुड़वा बहेन भी थी बड़ी दादी थी तो रिश्ता भी उनका पक्का हो गया मेरे दादा से ओर देखते ही देखते शादी भी हो गयी मगर कोई था जो इस शादी से खुश नही था वो थी मेरी दादी की बहेन वो मन ही मेरे दादा जी को दिल दे बैठी थी । जुड़वा बहेन होते हुए भी मेरी दादी ओर उनकी बहेन नदी के वो किनारे थे जो एक ही नदी के होके एक दूसरे से अलग थे । उनकी आदतें स्वभाव चरित्र सब एक दूसरे से विपरीत था । एक पानी की तरह शीतल थी और एक अग्नि की तरह ज्वलनशील । मगर अब दोनों किनारों को एक नई नदी का साथ मिलने जा रहा था । एक का भाग्य थे मेरे दादा जी और एक का जुनून । मेरी दादी की बहेन ने ठान लिया था के चाहे जो हो जाए वो मेरे दादा जी को पके रहेंगी ओर हुआ भी कुछ ऐसा ही शादी के महीने बाद भी दादा जी छोटी दादी को शादी करके ले कारण मुजे आज तक नही पता चला मगर उस दिन के बाद से सब बंट गया बराबर बराबर आधा छोटी मालकिन को आधा बड़ी मालकिन को दादा जी भी बंट गए एक महीना एक साथ ओर एक महीना एक के साथ फेर दादा जी को मेरी दादी से 2 पुत्र और 2 पुत्री का जन्म हुआ और छोटी दादी से भी 2 पुत्र और 2 पुत्री ओर जब तक मेरे दादा जी रहे तब तक सब ठीक जा रहा था उनकी अर्थी उठते ही मानो भाई भाई नही रहा मेरी दादी फिर भी रोकती अपने बच्चों को मगर छोटी दादी के बच्चों को सब चाहिए था और छोटी दादी भी उनका पूरा साथ देती बोहुत खून खराबा हुआ और इसी बीच सभी बच्चों की शादी हुई और नाइ नस्ल पैदा होने लगी अब जो भाई हुआ करते थे वो जानी दुश्मन बन गए मारने मारने का सिलसिला जारी था मगर कहावत है आटे के साथ घुन भी पिसता है और इस लड़ाई म घुन था में ओर मेरा परिवार । मेरा पूरा परिवार में मै किसी को पराया मानता ही नही था मेरे लिए सभी अपने थे बस कुछ था तो सिर्फ सही या गलत
अब आते है अपने परिवार पे जो इतिहास नही था मेरे दादा ओर दादी की तरह मेरे दादा जी ने अपने सभी बछो की शादी कराई ओर मेरे पिताजी की 2 शादी हुई उनकी पहली पत्नी रहस्यमयी तरीके से मारी गयी थी । मेरे पिताजी को उनकी पहली बीवी से एक पुत्र हुआ विशाल और दूसरी बीवी से उन्हें यानी मेरी माँ से उन्हें एक ओर पुत्र की प्राप्ती विश्वास यानी कि में मेरी माँ को एक पुत्री ओर चाहिए थी मगर मेरे होने बाद मेरे पिता ने ओर बच्चे पैदा करने से मना कर दिया क्योंकि मेरे समय म कुछ कॉम्प्लिकेशन्स हो गयी थी माँ और मुजमे । मेरे चाचा को दो बेटी थी । मेरा बड़ा भाई मुझसे 10 साल बड़ा था वो मेरे लिए मेरे फादर फिगर था उनका आदेश मेरी सर आंखों पे था और मेरी हर ज़िद उनका फरमान लाडला म सभी का था क्योंकि सबसे छोटा जो था मगर कभी फायदा नही उठाया मेने इस बात का मुजे ओर मेरी माँ को कभी भी ऐसा महसूस नही हुआ कि हम इनसबके अपने नही है सौतेले है में जबसे हुआ बोहुत कमजोर था । शारीरिक रूप से इतना के मुजे चलने में तकलीफ होती थी । मेने अपनी पूरी पढ़ाई घर से ही कि क्योंकि सब को डर था मेरी जान का क़्योंकि म सबकी जान था । ऐसा नही था म दुनिया से कटा हुआ था बस फर्क इतना था कि मेरी दुनिया ही अलग थी । में बोहुत खुश था । मेरा इलाज भी चल रहा था । कुछ सालों तक तो मुजे पता ही नही था कि मुजे खतरा है किससे 16 साल की उमर में मुजे पता लगा के मुजे खतरा उन अपनो से है जो पराए हो चुके है तभी मुजे पता लगा मेरे 2 चाचा 2 बुआ ओर है जिनका अपना एक इतिहास है जो हमे अपना दुश्मन मानते है एक प्रोपेर्टी के लिए तभी से ही मेरा उनसे मिलने का बोहुत मन था मगर ये ही एक बात थी जो मेरी नही मानी जाती थी । मुजे पता लगा मेरी अपनी ओर एक फैमिली है मेरी 2 बहेन ओर है उस फैमिली से ओर 2 ओर बहेन ह मेरी बुआ की बेटियां ये है मेरी छोटी सी फैमिली 12 तक घर पर ही पड़ने से मेरे दोस्त भी नही बने थे मगर हम सब भाई बहेन में बोहुत एकता थी सब एक दूसरे के लिए मरमिटने को तैयार रहते है अब में 17 साल का हु ओर मुजे मेरे डॉक्टर ने कहा है कि 18 साल होने पे मुजे एक नई जिंदगी मिलने वाली ह एक प्रयोग चल रहा है वो पूरा हुआ तो फिर मेरी दुनिया ही बदल जाएगी अब लास्ट एक हफ्ता बचा था मेरा इलाज चल रहा था और में एक सुरक्षित जगह पे हु अब मिलते ह सीधा एक हफ्ते बाद मेरे जन्मदिन पर कल रात को ।
मेरे ठीक होने से पहले में आप लोगो को अपने परिवार की दुश्मनी की दास्तान बताना चाहता हु ये सब शुरू हुआ मेरे दादा जी के मोत के बाद हमारे झगड़े बोहुत होने लगे प्रोपेर्टी को लेकर हमारे बोहुत लोग मारे गए उनके बोहुत लयोग मारे गए घर को कोई नुकसान नही हुआ मगर वो कहते है ना आपातकाले विपरीत बुद्धि और यही हुआ मेरे दूसरे घर के दोनों फुफ़ाओं हमे ऐसी चोट दी कि नफरत दुश्मनी में बदल गयी फेर यहां से मेरे दोनों फुफ़ाओं ने मेरे उन फुफ़ाओं को मौत के घाट उतार दिया । ये एक बोहुत बड़ा प्रहार था हमारी ओर से जिसने ये निश्चित किया कि अब हमारे बीच कभी कुछ ठीक नही हो सकता फेरे मेरे चाचा ने अपनी बहनों के सुहाग का बदला लेने के लिए मेरे दोनों फुफ़ाओं को मार दिया इस लड़ाई में बोहुतो ने बोहुत कुछ खो दिया किसी ने अपने बेटे किसे ने अपने बाप को ओर सबसे बड़ी बात मीठी 4 बुआओं ने अपने पति खो दिया बिना किसी गलती के ये लड़ाई सिर्फ गम दे रही थी कभी हमे कभी उन्हें जिस तरह प्रोपेर्टी की के दो हिस्से हुए उसी प्रकार बिज़नेस के भी दो हिस्से हुए जहाँ वो दूसरी फॅमिली उस पैसे को भोग रही थी मज़ा उड़ा रही थी गलत काम कर रही थी वही मेरे पिताजी चाचा ओर भाई बिज़नेस को एक अलग उचाईयों पे ले जा रहे थे वो भी उनसे ना देखा गया अब उन्हें हमारा बिज़नेस भी चाहिए था और अब उनका निशाना था मेरे पिताजी ओर बड़ा भाई और कोई हमारा अपना उनसे जा मिला था मगर पता नही कोंन । एक इंसान जिसने सुख दुख म मेरे पिताजी का बोहुत साथ दिया वो है पटवारी जी ओर उनकी एक बेरी है जो बचपन से ही मेरे साथ खेली उसमे मुजे एक अच्छी दोस्त मिली । अब वापिस चलते है उस जगह जहाँ मेरा इलाज चल रहा था । बोहुत ही दर्द नाक प्रयोग था ये मगर एक नई जिंदगी के लिए थोड़ा दर्द सहन करना कोई बड़ी बात नही थी । मगर आज एक चेहरा बोहुत ही गम्भीर लग रहा था और एक बोहुत ही उत्सुक ।
मेंडी – डॉक्टर कावेरी क्या ये सब हम ठीक कर रहे ह इस जान के साथ आपको पता है ना इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते है जो अभी दिखाई नही देंगे एक साल बाद ये इंसान कुछ और ना बन जाए ।
कावेरी – डॉक्टर मेंडी आप बस अपना काम करे और चुप हो जाए कोई सुन लेगा इसे अपनी फैमिली के लिए तगिक होना ही होगा इसके परिवार को बोहुत उम्मीद ह हमसे ओर हम बोहुत पैसा भी ले चुके ह इनसे ओर जादू होते ह इस दुनिया मे आज भी होगा कुछ नही होगा इसे ओर हुआ तो उसकी जिम्मेवारी म ओर आप मिलके उठाएंगे आप चिंता न करे और खुश हो जाए आज हम जो करने जा रहे है वो कभी किसी ने नही किया ह ओर ना ही कभी होगा क्योंकि ये पहली और आखिरी बार है और इसके बाद हम भूल जाएंगे हमने क्या किया है ।
मेंडी – मेरा बस चले तो में ये भी ना करू मगर मजबूरी है करना पड़ेगा नतीजा जानते हुए भी ।
कावेरी – ये हुई ना बात और अब चेहरे पे मुस्कान लाइए ।
फेर मेरी पूरी बॉडी में रसायन इंजेक्ट किया गया और हर 4 घंटे में ये कार्य किया गया बिना रुके 4 दिन तक ओर दो दिन दिए उस रसायन को मुझपे काम करने के लिए ओर जो नतीजा निकला वो अद्भुत था अब काल मेरा जन्मदिन था ओर काल आ रहा हु में अपने परिवार वालो के सामने ओर दुनिया का सामना करने ।
तो आज हम बात करते है मेरी 7 दिन का दर्दनाक उपचार करा के मुजे ओर मेरे डॉक्टर और फैमिली को कुछ अच्छा होने की उम्मीद है वैसे में आप लोगो को कुछ जरूरी बता दु की उस फैमिली के लिए जो हमारी दुश्मन है मै हु ही नही उनके लिए में 18 साल पहले ही मर चुका हूं कयोंकि में कमजोर था तो मेरे पिताजी ने ये अफवाह फैलादी थी जो मुजे बाद में पता लगा डॉक्टर के अलावा जिन लोगो ने मुजे जिंदा देखा ह उन्हें ये नही पता के में हु कोंन किसकी औलाद हु । तो में एक रहस्य हु । अब आते है आज के दिन पे मेरे जन्मदिन को आने म सिर्फ एक घंटा बाकी है ओर मुजे एक नया अवतार मिल गया है और मिशन कामियाब रहा और एक जो दुबला पतला लड़का जो दो कदम ठीक से चल भी नही पाता था हर वक्त बीमार रहता था थका थका रहता वो कही पीछे छूट गया था और अब जो सामने आया वो एक नई पर्सनलिटी थी एक 6 फ़ीट का लंबा चौड़ा हट्टा कट्टा मर्द बन गया था आवाज भी अच्छी भारी हो गयी थी कोई सुपर नेचुरल पॉवर नही आई थी मगर जिस्मानी ताकत 10 गृणा बढ़ गयी थी शरीर के एक एक अंग मके कसाव आ गया था गठीला बदन बन गया था मानसिक अक्षमता भी 10 गृणा बाढ़ गयी थी । रंग एक दम साफ नैन नक्श तो पहले से ही सुंदर थे क्योंकि मा बाप दोनों सूंदर है सेक्स पावर भी बढ़ गयी थी मगर भी मेरा उससे दूर दूर तक कोई लेना देना नही है मेरा लंड बढ़ के 10इंच का हो गया जो सामान्य से बोहुत बड़ा था दोनों डॉक्टर अपने कारनामे से बोहुत खुश थे । और जश्न मना रही थी और मेरे होश में आने का इंतजार रही थी और वो लम्हा भी आ गया और में होश में आ गया म उठा तो निर्वस्त्र था और तने के बाद दोनों डॉक्टर ने मुजे हेल्प की उठने में ओर मुजे खुद से मिलाया में खुद को देख के शोकड था के में ऐसा भी दिख सकता हु ए मुजे ऐसा दिखना चाहिए था जो में 18 साल बाद बना मगर देर आए बोहुत मस्त आए मुजे देखते ही खुद से प्यार हो गया । दोने डॉक्टर ने मुजे बर्थडे विश किया और दोनों मुजे ऐसे ही अपने साथ एक बंद शोरूम ले गयी और उसे इमरजेंसी में खुलवाक़े मेरे लिए नए उटफीट लिए काल की पार्टी के लिए ओर कुछ घर के लिए क्योंकि पुराना मुजे अब कुछ आना नही था में बोहुत ही खुश हूं अपनी पुरानी जिंदगी को पीछे छोड़ के एक नई जिंदगी में आने के लिए ओर फेर कपड़े लेके वापिस वही आ गया क्योंकि अभी मुजे घर नही जाना था वो सरप्राइस था सबके लिए ओर म दिन भर अपने घर वालो से मिलने के लिए तैयारी करता रहा ।
तो आज थी मेरे जन्मदिन की बोहुत बड़ी पार्टी जिसमे शहर के नामी गिनामी लोग आ रहे थे ये पहली बार था के इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा था मेरे लिए क्योंकि मेरे पिता जी को अब समज आ गया था के ये ही सही समय है मुजे दुनिया के आगे लाने का सब को खबर मिल गयी थी कि मैं ठीक हो गया हूं पूरे शहर को बुलाया दोस्त क्या दुश्मन क्या दूसरी फैमिली को भी बुलाया और इधर मैं बन ठन गया था और मैने अपने पूरे परिवार के लिए कुछ गिफ्ट्स लिए ओर शाम होने का इंतजार करने लगा इतने में मुजे याद आया के भाई का गिफ्ट तो रह ही गया तो में एक बोहुत ही बड़ी गिफ्ट शॉप पे रुका अंदर घुसते ही मेरी टक्कर एक बला की खूबसूरत लड़की से हुई जिसे में देखता ही रह गया ये पहला एहसास था जब में किसी अनजान लड़की से टकराया था मुजे तो वही स्वर्ग के दर्शन हो गए में सब कुछ भूल गया और जब उस लड़की ने गुस्से में मुजे हिलाया तो मेरा ख्वाब टूटा ओर में असली जिंदगी में लौट आया ।
लड़की – ए मिस्टर अंधे हो क्या ।
विश्वास – माफ् करना में जल्दी में था तो प्लीज ।
लड़की – चलो कोई नही आज मेरा मूड अच्छा है तो माफ किया ।
फेर मेने अपने गिफ्ट के ओर उस लड़की के गिफ्ट के उसे बिना बताए पैसे दिए और दुकार मालिक से बोला के लड़की से पैसे नही लोगे ओर सच भी नही बोलोगे ।
मालिक – जी
मालिक – सुनिए मैडम आप हमारी दुकान की 1000वी ग्राहक हो तो आप जो भी ले रही ह सब हमारी तरफ से आपको फ्री ।
लड़की – थैंक्स भईया आज का दिन ही बोहुत खास है सब अच्छा ही हो रहा है ।
फेर में बाहर आया और अपनी कार में बैठ गया और जैसे ही जाने लगा थी उसी लड़की ने मुजे पीछे से रोका ।
लड़की – हेलो रुको प्लीज रुको ।
विश्वास – जी अपने मुझसे कुछ कहा ।
लड़की – यार मेरी कार खराब हो गयी है मुजे जल्दी घर पोहुचना है तो प्लीज क्या आप मुजे छोड़ देंगे ।
विश्वास – जी आइए ।
लड़की – हाए में नंदिनी ओर आप ।
विश्वास – जी में विश्वास । वेसे एक बात पुछु बुरा ना माने तो ।
लड़की – जी बोलिये
विश्वास – ये इतने सारे गिफ्ट्स किसके लिए बॉयफ्रेंड ।
लड़की – नही नही डैड के फ्रेंड के बेटे का आज बर्थडे है उसके लिए ये देखिए इनविटेशन ।
मेने इनविटेशन देखा तो वो मेरे ही बर्थडे के लिए था और म बोहुत खुश था के चलो आज पार्टी में रौनक तो लगेगी ।
विश्वास – अरे ये तो बोहुत ही बड़े लोग है तुमने कभी इसे देखा है ।
नंदिनी – नही यार ये लड़का 18 साल में किसी को नही दिखा ।
विश्वास – सुना है ये मार गया था खबर थी ऐसी अब अचानक जिंदा हो गया वह भाई बड़े लोग बड़ी बातें ।
नंदिनी – रुको रुको मेरा घर आ गया ।
विश्वास – वेसे आज मेरा भी बर्थडे है ।
नंदिनी – हैप्पी बर्थडे डिअर ।
विश्वास – सो फैएंड्स ।
नंदिनी – इतनी जल्दी में अजनबी से दोत्ती नही करती मगर तुम अच्छे इंसान दिखते हो तो तुम्हे एक मौका दिया इस घर के अलावा अगली बार हम कहि भी मिले भगवान की इच्छा से तो हम दोस्त अब सब भगवान पे है ।
विश्वास – ओके बोहुत जल्द हम फिर मिलेंगे ।
नंदिनी – गुड लक डिअर बाई ।
ओर में वापिस उसी जगह आ गया और दोनों डॉक्टर को उ के गिफ्ट्स दिए और रात की पार्टी में इनवाइट किया पहले तो दोनों मना कर रही थी फिर मेने उन्हें अपनी फैमिली माना और हक़ से उन्हें आने को कहा तो वो राज़ी हो गयी अब वो मेरी पर्सनल डॉक्टर थी सिर्फ मेरे लिए ही काम करती थी । ऐसे ही शाम के सात बजे गए और अब टाइम आ गया था घर जाने का में घर के रास्ते मे था और काफी खुश था जो होने वाला था उसके लिए करीब 8 बजे में घर पाहुचा पर पार्टी पे नही गया वहाँ मेरी एंट्री अभी नही थी अभी तो महमान नही आए थे सारे तो सभी के आने का इंतजार किया जा रहा और करीब करीब 8:30 सब आ गए मेरा पूरा परिवार जो हमे अपना समझते थे वो भी जो दुश्मन समझते थे वो भी सभी फैमिली फ्रेंड्स मेरी बुआए सब बस अब मेरा इंतजार हो रहा था । और ठीक 9 बजे मेने एंट्री ली एक हीरो की एंट्री बिल्कुल राजाओ के जेसे एक शेर के जैसे ओर मुजे देख के सभी की आंखे फटी की फटी रह गयी किसी को भी भरोसा नही हो रहा था के ये में ही हु मेरे भाई और माँ ने मुजे अपने गले लगा लिया और फिर पापा ने मुजे गर्व के साथ सभी से इंट्रोड्यूस कराया और देखते ही देखते में सेंटर ऑफ अट्रेक्शन बन गया सभी बहने जो मेरे अपने घर की थी मुजे छू छू के देख रही थी दूसरे घर से जो थी वो तिरछी नजरो से देख रही थी अचानक मेरे सौतेले चाचा को मेरे पिताजी की ताकत आधे से दुगनी दिखाई देने लगी । मगर में उस चेहरे को ढूंढ रहा था जो मुजे देख के दंग रह गयी थी नंदिनी फेर सभी ने बारी बारी मुजे आशीर्वाद दिए गिफ्ट दिए सब मेरे साथ सेल्फी ले रहे थे फिर में भी पार्टी एन्जॉय करने लगा अपनी बहनों के साथ डांस करने लगा भाई के साथ एक छोटी सी ड्रिंक ली अब समय था नंदिनी से मिलने का । तो में उसे ढूंढने लगा जल्द ही मुजे वो मिल गयी ओर में उसके पास गया ।
विश्वास – क्या हुआ नंदिनी जी आप एन्जॉय नही कर रही हो अच्छी नही लगी पार्टी ।
नंदिनी – तुमने पहले क्यों नही बताया मुजे ।
विश्वास – पहले तुम मुझसे दोस्ती सिर्फ नाम की वजह से करते अब तो तुमने वादा किया है तुम करोगी तो ये दोस्ती मेने गुड लक से कमाई है ।
यहां हमारी बात चल रही थी वह दो दोस्त जाम छलका रहे थे मेरे पिता जी ओर नंदिनी के पिता जी । वहां दोस्ती को रिश्तेदारी में व्यपार को रिश्तेदरी में बदलने की बात चल रही थी जहाँ मेरे बड़े भाई और नंदनी का रिश्ता दोनों ने पक्का कर दिया अपने पिता की बात न नंदिनी मना कर सकती थी ना विशाल तो ये रिश्ता तो होना ही था । वही दूसरी तरफ में नंदिनी के साथ एन्जॉय कर रहा था ।
विश्वास – मेरा गिफ्ट ।
नंदिनी – गिफ्ट अभी तो दिए इतने सारे ।
विश्वास – वो गिफ्ट तुमने उसे दिए जिसका इनविटेशन था तुम्हे ना कि अपने फ्रेंड को आज मेरा भी तो बर्थडे है ।
नंदिनी मेरा हाथ पकड़ के मुजे अंदर ले गयी हम दोनों एक टॉयलेट में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया ।
विश्वास – ये क्या कर रही हो ।
नंदिनी – क्यों फट गई अभी तो कुछ किया नही है ।
ओर नंदिनी ने मेरी आँखों पे हाथ रख ओर अपने होठ मेरे होठ से जोड़ दिए कुछ 5 मिनट तक हमारा किस्स चला फेर सांस उखाड़ने के कारण किस टूट गया फिर पहले नंदिनी बाहर गयी फेर में वो तो अच्छा था हमे किसी ने नही देखा था । जैसे ही में बाहर गया तो नंदनी को सभी ढूंढ रहे थे फिर हम दोनों ही एक साथ सबके पास पोहुचे तो पापा ने सभी को खुशखबरी सुनाई के उन्होंने नंदिनी वे विशाल भाई की शादी फिक्स करदी है जो अगले महीने ही है तो टाइम काम था और तैयारिया बोहुत ज्यादा विशाल भाई बोहुत खुश थे पर नंदिनी नही में अपनी फीलिंग्स बया नही कर पा रहा था मगर कर कोई कुछ नही सकता था । फिर सबने डिनर किया और सब अपने अपने घर को हो लिए सब थक चुके थे तो सब सोने चले गए मगर कोई बोहुत परेशान था ।
मेंडी – डॉक्टर कावेरी अपने देखा न आज जो हुआ शेर के मुंह खून लग गया है आज से काउंटडाउन शुरू हमारे पास सिर्फ एक साल है कुछ सोचिए ।
कावेरी – डॉक्टर मेंडी आप टेंशन ना ले कुछ नही हुआ ह बस हमे पूरी नजर रखनी होगी अब इसपे चाहे अब हमारा कैरियर खत्म ही क्यों ना हो जाए ।
kramashah...............
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प्यार , सम्भोग ओर धोखा-1
आज मेरे सभी दुश्मन खत्म हो चुके हैं मगर फिर भी जीवन म बोहुत उथल पुथल है क्योंकि जिनको खोया वो भी अपने है और जिनको खत्म किया वो भी अपने है कहने को एक परिवार मगर सब एक दूसरे के दुश्मन छल कपट , धोखा है हर मोड़ पर मगर म ऐसा नही हु मुजे सिर्फ प्यारे देना ही आता है किसी को प्यार देने के लिए सुख देने के लिए हिफाजत करने के लिए अगर किसी की जान भी लेनी पड़ी तो में लूंगा ली भी है ओर लेता भी रहूंगा । पहले म ऐसा नही था पहले में कमजोर था अपाहिज था मगर कहते ह न आवश्यकता अविष्कार की जननी है और मरता क्या ना करता और प्यार और जंग में सब जायज है ये सब वो कहावते ह जो मेरे काम को सही सिद्ध करती है मुजे मेरे किये का कुछ अफसोस नही जो किया पूरे होशो हवास में किया अपने कर्मो की माफी जिनसे मांगनी थी उनसे मांगी भी ओर मिल भी गयी आज हम सब साथ ओर खुश है । तो कहानी शुरू होती है आज से 50 साल पहले मेरे दादा जी जो एक राज घराने के एकलौते राज कुमार थे उनकी शादी एक दूसरे राज घराने की लड़की से हुई मेरी दादी । मेरी दादी की एक जुड़वा बहेन भी थी बड़ी दादी थी तो रिश्ता भी उनका पक्का हो गया मेरे दादा से ओर देखते ही देखते शादी भी हो गयी मगर कोई था जो इस शादी से खुश नही था वो थी मेरी दादी की बहेन वो मन ही मेरे दादा जी को दिल दे बैठी थी । जुड़वा बहेन होते हुए भी मेरी दादी ओर उनकी बहेन नदी के वो किनारे थे जो एक ही नदी के होके एक दूसरे से अलग थे । उनकी आदतें स्वभाव चरित्र सब एक दूसरे से विपरीत था । एक पानी की तरह शीतल थी और एक अग्नि की तरह ज्वलनशील । मगर अब दोनों किनारों को एक नई नदी का साथ मिलने जा रहा था । एक का भाग्य थे मेरे दादा जी और एक का जुनून । मेरी दादी की बहेन ने ठान लिया था के चाहे जो हो जाए वो मेरे दादा जी को पके रहेंगी ओर हुआ भी कुछ ऐसा ही शादी के महीने बाद भी दादा जी छोटी दादी को शादी करके ले कारण मुजे आज तक नही पता चला मगर उस दिन के बाद से सब बंट गया बराबर बराबर आधा छोटी मालकिन को आधा बड़ी मालकिन को दादा जी भी बंट गए एक महीना एक साथ ओर एक महीना एक के साथ फेर दादा जी को मेरी दादी से 2 पुत्र और 2 पुत्री का जन्म हुआ और छोटी दादी से भी 2 पुत्र और 2 पुत्री ओर जब तक मेरे दादा जी रहे तब तक सब ठीक जा रहा था उनकी अर्थी उठते ही मानो भाई भाई नही रहा मेरी दादी फिर भी रोकती अपने बच्चों को मगर छोटी दादी के बच्चों को सब चाहिए था और छोटी दादी भी उनका पूरा साथ देती बोहुत खून खराबा हुआ और इसी बीच सभी बच्चों की शादी हुई और नाइ नस्ल पैदा होने लगी अब जो भाई हुआ करते थे वो जानी दुश्मन बन गए मारने मारने का सिलसिला जारी था मगर कहावत है आटे के साथ घुन भी पिसता है और इस लड़ाई म घुन था में ओर मेरा परिवार । मेरा पूरा परिवार में मै किसी को पराया मानता ही नही था मेरे लिए सभी अपने थे बस कुछ था तो सिर्फ सही या गलत
अब आते है अपने परिवार पे जो इतिहास नही था मेरे दादा ओर दादी की तरह मेरे दादा जी ने अपने सभी बछो की शादी कराई ओर मेरे पिताजी की 2 शादी हुई उनकी पहली पत्नी रहस्यमयी तरीके से मारी गयी थी । मेरे पिताजी को उनकी पहली बीवी से एक पुत्र हुआ विशाल और दूसरी बीवी से उन्हें यानी मेरी माँ से उन्हें एक ओर पुत्र की प्राप्ती विश्वास यानी कि में मेरी माँ को एक पुत्री ओर चाहिए थी मगर मेरे होने बाद मेरे पिता ने ओर बच्चे पैदा करने से मना कर दिया क्योंकि मेरे समय म कुछ कॉम्प्लिकेशन्स हो गयी थी माँ और मुजमे । मेरे चाचा को दो बेटी थी । मेरा बड़ा भाई मुझसे 10 साल बड़ा था वो मेरे लिए मेरे फादर फिगर था उनका आदेश मेरी सर आंखों पे था और मेरी हर ज़िद उनका फरमान लाडला म सभी का था क्योंकि सबसे छोटा जो था मगर कभी फायदा नही उठाया मेने इस बात का मुजे ओर मेरी माँ को कभी भी ऐसा महसूस नही हुआ कि हम इनसबके अपने नही है सौतेले है में जबसे हुआ बोहुत कमजोर था । शारीरिक रूप से इतना के मुजे चलने में तकलीफ होती थी । मेने अपनी पूरी पढ़ाई घर से ही कि क्योंकि सब को डर था मेरी जान का क़्योंकि म सबकी जान था । ऐसा नही था म दुनिया से कटा हुआ था बस फर्क इतना था कि मेरी दुनिया ही अलग थी । में बोहुत खुश था । मेरा इलाज भी चल रहा था । कुछ सालों तक तो मुजे पता ही नही था कि मुजे खतरा है किससे 16 साल की उमर में मुजे पता लगा के मुजे खतरा उन अपनो से है जो पराए हो चुके है तभी मुजे पता लगा मेरे 2 चाचा 2 बुआ ओर है जिनका अपना एक इतिहास है जो हमे अपना दुश्मन मानते है एक प्रोपेर्टी के लिए तभी से ही मेरा उनसे मिलने का बोहुत मन था मगर ये ही एक बात थी जो मेरी नही मानी जाती थी । मुजे पता लगा मेरी अपनी ओर एक फैमिली है मेरी 2 बहेन ओर है उस फैमिली से ओर 2 ओर बहेन ह मेरी बुआ की बेटियां ये है मेरी छोटी सी फैमिली 12 तक घर पर ही पड़ने से मेरे दोस्त भी नही बने थे मगर हम सब भाई बहेन में बोहुत एकता थी सब एक दूसरे के लिए मरमिटने को तैयार रहते है अब में 17 साल का हु ओर मुजे मेरे डॉक्टर ने कहा है कि 18 साल होने पे मुजे एक नई जिंदगी मिलने वाली ह एक प्रयोग चल रहा है वो पूरा हुआ तो फिर मेरी दुनिया ही बदल जाएगी अब लास्ट एक हफ्ता बचा था मेरा इलाज चल रहा था और में एक सुरक्षित जगह पे हु अब मिलते ह सीधा एक हफ्ते बाद मेरे जन्मदिन पर कल रात को ।
मेरे ठीक होने से पहले में आप लोगो को अपने परिवार की दुश्मनी की दास्तान बताना चाहता हु ये सब शुरू हुआ मेरे दादा जी के मोत के बाद हमारे झगड़े बोहुत होने लगे प्रोपेर्टी को लेकर हमारे बोहुत लोग मारे गए उनके बोहुत लयोग मारे गए घर को कोई नुकसान नही हुआ मगर वो कहते है ना आपातकाले विपरीत बुद्धि और यही हुआ मेरे दूसरे घर के दोनों फुफ़ाओं हमे ऐसी चोट दी कि नफरत दुश्मनी में बदल गयी फेर यहां से मेरे दोनों फुफ़ाओं ने मेरे उन फुफ़ाओं को मौत के घाट उतार दिया । ये एक बोहुत बड़ा प्रहार था हमारी ओर से जिसने ये निश्चित किया कि अब हमारे बीच कभी कुछ ठीक नही हो सकता फेरे मेरे चाचा ने अपनी बहनों के सुहाग का बदला लेने के लिए मेरे दोनों फुफ़ाओं को मार दिया इस लड़ाई में बोहुतो ने बोहुत कुछ खो दिया किसी ने अपने बेटे किसे ने अपने बाप को ओर सबसे बड़ी बात मीठी 4 बुआओं ने अपने पति खो दिया बिना किसी गलती के ये लड़ाई सिर्फ गम दे रही थी कभी हमे कभी उन्हें जिस तरह प्रोपेर्टी की के दो हिस्से हुए उसी प्रकार बिज़नेस के भी दो हिस्से हुए जहाँ वो दूसरी फॅमिली उस पैसे को भोग रही थी मज़ा उड़ा रही थी गलत काम कर रही थी वही मेरे पिताजी चाचा ओर भाई बिज़नेस को एक अलग उचाईयों पे ले जा रहे थे वो भी उनसे ना देखा गया अब उन्हें हमारा बिज़नेस भी चाहिए था और अब उनका निशाना था मेरे पिताजी ओर बड़ा भाई और कोई हमारा अपना उनसे जा मिला था मगर पता नही कोंन । एक इंसान जिसने सुख दुख म मेरे पिताजी का बोहुत साथ दिया वो है पटवारी जी ओर उनकी एक बेरी है जो बचपन से ही मेरे साथ खेली उसमे मुजे एक अच्छी दोस्त मिली । अब वापिस चलते है उस जगह जहाँ मेरा इलाज चल रहा था । बोहुत ही दर्द नाक प्रयोग था ये मगर एक नई जिंदगी के लिए थोड़ा दर्द सहन करना कोई बड़ी बात नही थी । मगर आज एक चेहरा बोहुत ही गम्भीर लग रहा था और एक बोहुत ही उत्सुक ।
मेंडी – डॉक्टर कावेरी क्या ये सब हम ठीक कर रहे ह इस जान के साथ आपको पता है ना इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते है जो अभी दिखाई नही देंगे एक साल बाद ये इंसान कुछ और ना बन जाए ।
कावेरी – डॉक्टर मेंडी आप बस अपना काम करे और चुप हो जाए कोई सुन लेगा इसे अपनी फैमिली के लिए तगिक होना ही होगा इसके परिवार को बोहुत उम्मीद ह हमसे ओर हम बोहुत पैसा भी ले चुके ह इनसे ओर जादू होते ह इस दुनिया मे आज भी होगा कुछ नही होगा इसे ओर हुआ तो उसकी जिम्मेवारी म ओर आप मिलके उठाएंगे आप चिंता न करे और खुश हो जाए आज हम जो करने जा रहे है वो कभी किसी ने नही किया ह ओर ना ही कभी होगा क्योंकि ये पहली और आखिरी बार है और इसके बाद हम भूल जाएंगे हमने क्या किया है ।
मेंडी – मेरा बस चले तो में ये भी ना करू मगर मजबूरी है करना पड़ेगा नतीजा जानते हुए भी ।
कावेरी – ये हुई ना बात और अब चेहरे पे मुस्कान लाइए ।
फेर मेरी पूरी बॉडी में रसायन इंजेक्ट किया गया और हर 4 घंटे में ये कार्य किया गया बिना रुके 4 दिन तक ओर दो दिन दिए उस रसायन को मुझपे काम करने के लिए ओर जो नतीजा निकला वो अद्भुत था अब काल मेरा जन्मदिन था ओर काल आ रहा हु में अपने परिवार वालो के सामने ओर दुनिया का सामना करने ।
तो आज हम बात करते है मेरी 7 दिन का दर्दनाक उपचार करा के मुजे ओर मेरे डॉक्टर और फैमिली को कुछ अच्छा होने की उम्मीद है वैसे में आप लोगो को कुछ जरूरी बता दु की उस फैमिली के लिए जो हमारी दुश्मन है मै हु ही नही उनके लिए में 18 साल पहले ही मर चुका हूं कयोंकि में कमजोर था तो मेरे पिताजी ने ये अफवाह फैलादी थी जो मुजे बाद में पता लगा डॉक्टर के अलावा जिन लोगो ने मुजे जिंदा देखा ह उन्हें ये नही पता के में हु कोंन किसकी औलाद हु । तो में एक रहस्य हु । अब आते है आज के दिन पे मेरे जन्मदिन को आने म सिर्फ एक घंटा बाकी है ओर मुजे एक नया अवतार मिल गया है और मिशन कामियाब रहा और एक जो दुबला पतला लड़का जो दो कदम ठीक से चल भी नही पाता था हर वक्त बीमार रहता था थका थका रहता वो कही पीछे छूट गया था और अब जो सामने आया वो एक नई पर्सनलिटी थी एक 6 फ़ीट का लंबा चौड़ा हट्टा कट्टा मर्द बन गया था आवाज भी अच्छी भारी हो गयी थी कोई सुपर नेचुरल पॉवर नही आई थी मगर जिस्मानी ताकत 10 गृणा बढ़ गयी थी शरीर के एक एक अंग मके कसाव आ गया था गठीला बदन बन गया था मानसिक अक्षमता भी 10 गृणा बाढ़ गयी थी । रंग एक दम साफ नैन नक्श तो पहले से ही सुंदर थे क्योंकि मा बाप दोनों सूंदर है सेक्स पावर भी बढ़ गयी थी मगर भी मेरा उससे दूर दूर तक कोई लेना देना नही है मेरा लंड बढ़ के 10इंच का हो गया जो सामान्य से बोहुत बड़ा था दोनों डॉक्टर अपने कारनामे से बोहुत खुश थे । और जश्न मना रही थी और मेरे होश में आने का इंतजार रही थी और वो लम्हा भी आ गया और में होश में आ गया म उठा तो निर्वस्त्र था और तने के बाद दोनों डॉक्टर ने मुजे हेल्प की उठने में ओर मुजे खुद से मिलाया में खुद को देख के शोकड था के में ऐसा भी दिख सकता हु ए मुजे ऐसा दिखना चाहिए था जो में 18 साल बाद बना मगर देर आए बोहुत मस्त आए मुजे देखते ही खुद से प्यार हो गया । दोने डॉक्टर ने मुजे बर्थडे विश किया और दोनों मुजे ऐसे ही अपने साथ एक बंद शोरूम ले गयी और उसे इमरजेंसी में खुलवाक़े मेरे लिए नए उटफीट लिए काल की पार्टी के लिए ओर कुछ घर के लिए क्योंकि पुराना मुजे अब कुछ आना नही था में बोहुत ही खुश हूं अपनी पुरानी जिंदगी को पीछे छोड़ के एक नई जिंदगी में आने के लिए ओर फेर कपड़े लेके वापिस वही आ गया क्योंकि अभी मुजे घर नही जाना था वो सरप्राइस था सबके लिए ओर म दिन भर अपने घर वालो से मिलने के लिए तैयारी करता रहा ।
तो आज थी मेरे जन्मदिन की बोहुत बड़ी पार्टी जिसमे शहर के नामी गिनामी लोग आ रहे थे ये पहली बार था के इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा था मेरे लिए क्योंकि मेरे पिता जी को अब समज आ गया था के ये ही सही समय है मुजे दुनिया के आगे लाने का सब को खबर मिल गयी थी कि मैं ठीक हो गया हूं पूरे शहर को बुलाया दोस्त क्या दुश्मन क्या दूसरी फैमिली को भी बुलाया और इधर मैं बन ठन गया था और मैने अपने पूरे परिवार के लिए कुछ गिफ्ट्स लिए ओर शाम होने का इंतजार करने लगा इतने में मुजे याद आया के भाई का गिफ्ट तो रह ही गया तो में एक बोहुत ही बड़ी गिफ्ट शॉप पे रुका अंदर घुसते ही मेरी टक्कर एक बला की खूबसूरत लड़की से हुई जिसे में देखता ही रह गया ये पहला एहसास था जब में किसी अनजान लड़की से टकराया था मुजे तो वही स्वर्ग के दर्शन हो गए में सब कुछ भूल गया और जब उस लड़की ने गुस्से में मुजे हिलाया तो मेरा ख्वाब टूटा ओर में असली जिंदगी में लौट आया ।
लड़की – ए मिस्टर अंधे हो क्या ।
विश्वास – माफ् करना में जल्दी में था तो प्लीज ।
लड़की – चलो कोई नही आज मेरा मूड अच्छा है तो माफ किया ।
फेर मेने अपने गिफ्ट के ओर उस लड़की के गिफ्ट के उसे बिना बताए पैसे दिए और दुकार मालिक से बोला के लड़की से पैसे नही लोगे ओर सच भी नही बोलोगे ।
मालिक – जी
मालिक – सुनिए मैडम आप हमारी दुकान की 1000वी ग्राहक हो तो आप जो भी ले रही ह सब हमारी तरफ से आपको फ्री ।
लड़की – थैंक्स भईया आज का दिन ही बोहुत खास है सब अच्छा ही हो रहा है ।
फेर में बाहर आया और अपनी कार में बैठ गया और जैसे ही जाने लगा थी उसी लड़की ने मुजे पीछे से रोका ।
लड़की – हेलो रुको प्लीज रुको ।
विश्वास – जी अपने मुझसे कुछ कहा ।
लड़की – यार मेरी कार खराब हो गयी है मुजे जल्दी घर पोहुचना है तो प्लीज क्या आप मुजे छोड़ देंगे ।
विश्वास – जी आइए ।
लड़की – हाए में नंदिनी ओर आप ।
विश्वास – जी में विश्वास । वेसे एक बात पुछु बुरा ना माने तो ।
लड़की – जी बोलिये
विश्वास – ये इतने सारे गिफ्ट्स किसके लिए बॉयफ्रेंड ।
लड़की – नही नही डैड के फ्रेंड के बेटे का आज बर्थडे है उसके लिए ये देखिए इनविटेशन ।
मेने इनविटेशन देखा तो वो मेरे ही बर्थडे के लिए था और म बोहुत खुश था के चलो आज पार्टी में रौनक तो लगेगी ।
विश्वास – अरे ये तो बोहुत ही बड़े लोग है तुमने कभी इसे देखा है ।
नंदिनी – नही यार ये लड़का 18 साल में किसी को नही दिखा ।
विश्वास – सुना है ये मार गया था खबर थी ऐसी अब अचानक जिंदा हो गया वह भाई बड़े लोग बड़ी बातें ।
नंदिनी – रुको रुको मेरा घर आ गया ।
विश्वास – वेसे आज मेरा भी बर्थडे है ।
नंदिनी – हैप्पी बर्थडे डिअर ।
विश्वास – सो फैएंड्स ।
नंदिनी – इतनी जल्दी में अजनबी से दोत्ती नही करती मगर तुम अच्छे इंसान दिखते हो तो तुम्हे एक मौका दिया इस घर के अलावा अगली बार हम कहि भी मिले भगवान की इच्छा से तो हम दोस्त अब सब भगवान पे है ।
विश्वास – ओके बोहुत जल्द हम फिर मिलेंगे ।
नंदिनी – गुड लक डिअर बाई ।
ओर में वापिस उसी जगह आ गया और दोनों डॉक्टर को उ के गिफ्ट्स दिए और रात की पार्टी में इनवाइट किया पहले तो दोनों मना कर रही थी फिर मेने उन्हें अपनी फैमिली माना और हक़ से उन्हें आने को कहा तो वो राज़ी हो गयी अब वो मेरी पर्सनल डॉक्टर थी सिर्फ मेरे लिए ही काम करती थी । ऐसे ही शाम के सात बजे गए और अब टाइम आ गया था घर जाने का में घर के रास्ते मे था और काफी खुश था जो होने वाला था उसके लिए करीब 8 बजे में घर पाहुचा पर पार्टी पे नही गया वहाँ मेरी एंट्री अभी नही थी अभी तो महमान नही आए थे सारे तो सभी के आने का इंतजार किया जा रहा और करीब करीब 8:30 सब आ गए मेरा पूरा परिवार जो हमे अपना समझते थे वो भी जो दुश्मन समझते थे वो भी सभी फैमिली फ्रेंड्स मेरी बुआए सब बस अब मेरा इंतजार हो रहा था । और ठीक 9 बजे मेने एंट्री ली एक हीरो की एंट्री बिल्कुल राजाओ के जेसे एक शेर के जैसे ओर मुजे देख के सभी की आंखे फटी की फटी रह गयी किसी को भी भरोसा नही हो रहा था के ये में ही हु मेरे भाई और माँ ने मुजे अपने गले लगा लिया और फिर पापा ने मुजे गर्व के साथ सभी से इंट्रोड्यूस कराया और देखते ही देखते में सेंटर ऑफ अट्रेक्शन बन गया सभी बहने जो मेरे अपने घर की थी मुजे छू छू के देख रही थी दूसरे घर से जो थी वो तिरछी नजरो से देख रही थी अचानक मेरे सौतेले चाचा को मेरे पिताजी की ताकत आधे से दुगनी दिखाई देने लगी । मगर में उस चेहरे को ढूंढ रहा था जो मुजे देख के दंग रह गयी थी नंदिनी फेर सभी ने बारी बारी मुजे आशीर्वाद दिए गिफ्ट दिए सब मेरे साथ सेल्फी ले रहे थे फिर में भी पार्टी एन्जॉय करने लगा अपनी बहनों के साथ डांस करने लगा भाई के साथ एक छोटी सी ड्रिंक ली अब समय था नंदिनी से मिलने का । तो में उसे ढूंढने लगा जल्द ही मुजे वो मिल गयी ओर में उसके पास गया ।
विश्वास – क्या हुआ नंदिनी जी आप एन्जॉय नही कर रही हो अच्छी नही लगी पार्टी ।
नंदिनी – तुमने पहले क्यों नही बताया मुजे ।
विश्वास – पहले तुम मुझसे दोस्ती सिर्फ नाम की वजह से करते अब तो तुमने वादा किया है तुम करोगी तो ये दोस्ती मेने गुड लक से कमाई है ।
यहां हमारी बात चल रही थी वह दो दोस्त जाम छलका रहे थे मेरे पिता जी ओर नंदिनी के पिता जी । वहां दोस्ती को रिश्तेदारी में व्यपार को रिश्तेदरी में बदलने की बात चल रही थी जहाँ मेरे बड़े भाई और नंदनी का रिश्ता दोनों ने पक्का कर दिया अपने पिता की बात न नंदिनी मना कर सकती थी ना विशाल तो ये रिश्ता तो होना ही था । वही दूसरी तरफ में नंदिनी के साथ एन्जॉय कर रहा था ।
विश्वास – मेरा गिफ्ट ।
नंदिनी – गिफ्ट अभी तो दिए इतने सारे ।
विश्वास – वो गिफ्ट तुमने उसे दिए जिसका इनविटेशन था तुम्हे ना कि अपने फ्रेंड को आज मेरा भी तो बर्थडे है ।
नंदिनी मेरा हाथ पकड़ के मुजे अंदर ले गयी हम दोनों एक टॉयलेट में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया ।
विश्वास – ये क्या कर रही हो ।
नंदिनी – क्यों फट गई अभी तो कुछ किया नही है ।
ओर नंदिनी ने मेरी आँखों पे हाथ रख ओर अपने होठ मेरे होठ से जोड़ दिए कुछ 5 मिनट तक हमारा किस्स चला फेर सांस उखाड़ने के कारण किस टूट गया फिर पहले नंदिनी बाहर गयी फेर में वो तो अच्छा था हमे किसी ने नही देखा था । जैसे ही में बाहर गया तो नंदनी को सभी ढूंढ रहे थे फिर हम दोनों ही एक साथ सबके पास पोहुचे तो पापा ने सभी को खुशखबरी सुनाई के उन्होंने नंदिनी वे विशाल भाई की शादी फिक्स करदी है जो अगले महीने ही है तो टाइम काम था और तैयारिया बोहुत ज्यादा विशाल भाई बोहुत खुश थे पर नंदिनी नही में अपनी फीलिंग्स बया नही कर पा रहा था मगर कर कोई कुछ नही सकता था । फिर सबने डिनर किया और सब अपने अपने घर को हो लिए सब थक चुके थे तो सब सोने चले गए मगर कोई बोहुत परेशान था ।
मेंडी – डॉक्टर कावेरी अपने देखा न आज जो हुआ शेर के मुंह खून लग गया है आज से काउंटडाउन शुरू हमारे पास सिर्फ एक साल है कुछ सोचिए ।
कावेरी – डॉक्टर मेंडी आप टेंशन ना ले कुछ नही हुआ ह बस हमे पूरी नजर रखनी होगी अब इसपे चाहे अब हमारा कैरियर खत्म ही क्यों ना हो जाए ।
kramashah...............
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