हा तो मै कह रहा था कि सरिता चाय बनाने चली गयी कुछ देर बाद बह प्लेट मे
3 कप चाय लेकर आयी जब बह चाय के कप टेबिल पर रख रही थी तो जैसे ही बह
झुकती तो उसके बड़े-2 अधनन्गे दूध दिख जाते थे।चाय पीने के बाद मामा ने
मुझसे कहा कि धर्मेन्द्र मेरे दोस्त की लड़की की शादी है हम दोनो शादी मे
जा रहे है।तुम तीनो आराम से रहना बाहर के गेट बन्द कर लेना कल सुबह तक हम
बापस आ जायेगे यह सुनते ही मेरा दिल खुशी से झूम उठा मै भगबान को धन्यबाद
देने लगा मै इतना अच्छा मौका नही गबाना चाहता था।थोड़ी ही देर बाद दोनो
चले गये।शाम के 7 बज चुके थे राहुल अभी तक खेल कर बापस नही आया था तभी मै
नहाने चला गया नहाने के बाद मै मामा के बैडरुम जाकर बैठ गया मै केबल
टाबेल और बनियान मे था।सरिता मेरे सामने आकर बैठ गयी ।और मेरी ओर देखने
लगी उसकी आखोँ मे चुदाई की प्यास साफ नजर आ रही थी लग रहा था शायद उसने
अभी तक चुदाई का मजा न लिया हो फिर बो मुझसे बोली तुम मुझे बैठक मे
घूर-2कर क्यो देख रहे थे मैने कहा तुम इतनी सुन्दर हो ही मै क्या कोई भी
ऐसे ही देखता यह सुनकर वह शर्मा गयी उससे बात करते समय मेरा लण्ड पूरी
तरह खड़ा हो चुका था जो टाबेल के उपर से साफ झलक रहा था और मैने देखा
सरिता मेरे लण्ड को टकटकी लगाये देख रही थी मैने पुछा सरिता क्या देख रही
हो तो वह शर्मा गयी और कुछ नही कह कर चली गयी थोड़ी देर मे दरबाजे की
घन्टी बजी राहुल बाहर था सरिता ने उसे मुझसे मिलबाया उसने मेरे पैर छुए
और सरिता से खाना बनाने को कहने लगा सरिता किचिन मे खाना बनाने चली गयी
मुझसे सरिता के बिना एक पल भी नही रहा था मै उसके नन्गे बदन की कल्पना
लगा और अपने लण्ड को शान्त करने के लिए हाथ फेरने लगा मेरा लण्ड उफान ले
रहा था।कुछ देर मे खाना तैयार हो गया राहुल ने खाना खाया और अपने बिस्तर
तर चला गया रात का 8:30 बज रहा था राहूल थका हुआ था इसलिए जल्दी ही सो
गया।
मै मामा के बैडरुम मे था सरिता मेरे लिए खाना परोस कर लायी ।और उसने थाली
टेबिल पर रख दी मैने सरिता से पुछा तुमने खाना खा लिया उसने कहा अभी नही
मै अपने लिए लेकर आती हूँ मै बोला मेरे साथ खा लो उसने कहा तुम्हारा खाना
क्यो झुठा करू और चलने लगी तभी मैने उसका हाथ पकड़ा और अपनी ओर खीछ लिया
तभी उसके बुब मेरे मुँह लग गये मेरा लण्ड जोश से फटा जा रहा था फिर हम
दोनो ने खाना खाया ।खाना खाकर बो चलने लगी मै पूछा कहा जा रही हो बैठो
मेरे पास उसने कहा रुको मै अपनी नाइटी पहनकर आत
--
No comments:
Post a Comment