ब्लेक रोज-13
गतांक से आगे..........................
सुबह उठ कर मैं बाथरूम जाते जाते अशोक से बोली की वो चाय बना ले मुझे देर
हो गई है जल्दी जाना है. उसने चाय नाश्ता बनाया तब तक मैं फ्रेश हो के आई
और नाश्ता करके मैंने बॉस के ड्रायवर को फोन लगाया वो१५ मिनिट में ही आ
गया उसके साथ पहले फ़ार्म हाउस गई और कमला से बातें की. कमला ने मुझे
बताया की बेंत की मार और चाबुक की मार में बहुत फर्क है. बेंत की मार
तुमने सहन कर लीलेकिन चाबुक अगर चमड़े के तस्मे की हो तो खाल खींच लेती
है लेकिन अभी शुरुआत में मालिक चमड़े की चाबुक नहीं वापरेंगे. मैंने कमला
से बोला की मैं बॉस को किसी भी हालत में खुश रखना चाहती हूँ तो उसी ने
सुझाव दिया की मैं थोड़ी चाबुक की मार खा के एक्स्पिरिंस ले लूँ तो ठेके
रहेगा और इस काम में मेरा आपति मेरी मदद कर सकता है. उसकी बात सुन के
मुझे हंसी आ गई, मैं तो अपने पति को अपना अगुलाम बनाना चाहती थी उससे
कैसे बोलती की वो मुझे चाबुक से मारे. मैंने बहाना बना के कमला से ही
रिक्वेस्ट की की वो ही मेरी कुछ मदद करे, क्योंकि मेरा अपती मुझे बहुत
प्यार करता है वो मुझे सही तरीके से नहीं मार पायेगा. कमला ने मुस्कुराते
हुए हामी भर ली तो मैंने उसको चूम लिया. लेकिन कमला बोली पहले मैं डांस
क्लास हो आऊं नहीं तो वहाँ मुझे तकलीफ होगी डांस क्लास के बाद वो मुझे
लंच भी करा देगी और चाबुक का स्वाद भी चखा देगी. उसने फिर वार्निंग दी की
अगर एक्स्पिरिंस लेना है तो बस ३ दिन ही हैं मेरे पास क्योंकि चाबुक के
निशान जाने में २-३ दिन लग सकते हैं और मालिक को अगर मेरे बदन पर मार के
निशान दिखे तो वो नाराज़ होंगे. मैं समय पर डांस क्लास गई और टीचर आज
मुझसे उतना नाराज़ नहीं था जितना कल था मेरा आज का परफार्मेंस देख के वो
बोला इसी तरह प्रेक्टिस की तो मैं १ हफ्ते नहीं तो १० दिन में तो एकदम
परफेक्ट हो जाउंगी. उसकी बात सुन के मुझमें और भी उत्साह भर गया और में
खूब मन लगा के प्रेक्टिस करने लगी.
डांस क्लास की आधी छुट्टी में मैं फिर कमला के पास आई और उसने मुझे लंच
खिलाया फिर से डांस क्लास आ कर प्रेक्टिस में लग गई. शाम को जब कम्लाके
पास आई तो उसने मुस्कुरा के मेरा स्वागत किया और मुझे चाय बना कर पिलाई.
फिर बोली "मैडम बोलो क्या अकारण अहै , डांस क्लास में थक गई हो तो थोड़ा
आराम कर लो फिर चाबुक का स्वाद लेना या फिर अभी लोगी." मैं तो अपने आप को
पूरी तरह जल्दी से जल्दी तैयार करना चाहती थी बोली, " दीदी, जब करना अहि
है तो अभी ही करते हैं, ये थकान तो अब रोज की बात है, इसको ले के बैठ गई
तो बाकी प्रेक्टिस कब करुँगी, डांस टीचर ने तो बोला है की घर में भी मैं
डांस की प्रेक्टिस करती रहूँ. कमला मुस्कुराई और बोली ठीक है फिर तैयार
हो जाओ मैडम. आज पहली बार इसीलिए शुरुआत तुम्हारी पेंटी के ऊपर से
करेंगे. मैं तैयार हो कर गांड ऊपर करके झुकी तो कमला ने मेरी गांड पर हाथ
फेरा और बोली, " मैडम सच में आपकी गांड बहुत मस्त है, इस पर सटके लगाने
में मालिक को बहुत मज़ा आयेगा, मेरे ख्याल से तो तो वो बेंत से ही ज्यादा
मारेंगे क्योंकि उसमें मालिक को ज्यादा मज़ा आयेगा. और हलके हलके मेरी
गांड चाबुक से थपथपाई बोली तैयार और खींच के जोर से मारा तो मेरी चीख
निकल गई. कमला बोली, मैडम क्या करती हो, अभी तो पेंटी पहनी है मालिक नंगी
गांड पर मारेंगे ऐसे चीखोगी तो मालिक १ दिन भी नहीं टिकने देंगे आपको.
मैं भी बोली पहली बार है न अदिदी बहुत जोर से लगी इसीलिए चीख निकली, अब
नहीं चीखूंगी और बॉस के सामने नहीं चीख निकले इसीलिए तो आपसे ट्रेनिंग ले
रही हूँ. आप तो मारिये, चीखती हूँ तो चीखने दीजिये लेकिन मुझे मालिक के
जैसे ही मारिये जिससे मालिक की मार सहन करके उनको खुश कर सकूँ. कमला ने
सता सट करके ४-५ चाबुक मारे मेरी चीख निकलती रही गांड जैसे जलने लगी
मैंने उसको रुकने का इशारा किया और सीधी होने लगी तो उसने पास आ के मुझे
फिर नीचे किया और दनादन करके ३-४ फिर मारे मैं तो हाय हाय कर उठी जैसे
किसी ने जलाते हुए तवे पे मुझे बैठा दिया हो. कमला फिर पास आई और गांड
सहलाने लगी. उसके सहलाने से मुझे कुछ राहत मिली. कमला ने मुझे खडा किया
मेरी टांगें काँप रही थी कमला ने मेरे सिरपर हाथ फेरा और बोली, "बस इतने
से दर गई बन्नो बोल रही थी कुछ भी करुँगी. अभी तो १० चाबुक भी नहीं पड़े
तुमको, कम से कम २० की मार सहने की आदत डालनी पड़ेगी अगर मालिक को खुश
रखना है तो." मैं ज़बरन मुस्कुराई "दीदी सच में चाबुक की मार ज्यादा जोर
से लगती है बॉस ने १० बेंत मारे थे उससे इतनी तकलीफ नहीं हुई थी जीतनी
आपके ४-५ चाबुक से होने लगी थी."
कमला हंसी, "मैंने तो पहले ही बोला था आपको मैडम, और फिर ये तो साधारण
चाबुक है बाद में जब चमड़े के चाबुक से मारेंगे मालिक तो तुम तो बस २-३
में ही ढेर हो जाओगी." मैंने अपने आप को कडा किया और बोली दीदी आप बस
थोड़ी देर और रुक जाइए फिर पुरे २० ही मारना चाहे मेरी जान ही क्यों ना
निकल जाए रुकना मत." हंसी कमला," ऐसे मत बोलो मैडम २० के पहले ही आप उठ
कर भाग जाओगी" मैंने जिद की नहीं भागुंगी तो बोली "मैं नहीं मानती मैडम
अगर भाग गई तो मैं क्या कर लुंगी और फिर बाद में भी नहीं आई तो मालिक
मेरी ही खाल उतार लेंगे." मैंने जिद की तो बोली " अच्छा ठीक है मैडम
लेकिन आप भागो नहीं इसके लिए कुछ करना अहोगा वो देखिये उस टेबल पर आप
गांड ऊपर करके कड़ी होना टेबल के दोनों पायों से आपके पैर और आपके हाथ
टेबल के दूसरी तरफ करके बाँध दूंगी जिससे आप भाग नहीं सको मंज़ूर हो तो
बोलिए." मैं एहामी भर दी तो कमला मुस्कुराई "आप थोड़ा आराम कर ले मैं
आपके लिए बढ़िया बादाम शरबत बना कर लाती हूँ फिर शुरू करेंगे." मैंने भी
हमे भर दी. और पलंग पर लेती. गांड बिस्तर पर रखते ही जोर से जलन और दर्द
हुआ लेकिन मैंने उसको सहन किया और उसका मज़ा लेने की कोशिश करने लगी.
थोड़ी देर बाद ही मैं गांड बिस्तर पर सहला सहला के उठाने वाली टीस का
मज़ा लेने लगी. बिस्तर पर गांड सहलाने से टीस जोर से उठती थी और मेरी चूत
फुदकने लगती थी. मैं मुस्कुराई मेरी मेहनत रंग लाइ थी और अब मैं बॉस की
पिटाई का मज़ा लेने लगूंगी इसका मुझे विश्वास हो गया था. कमला करीब १५
मिनिट बाद कमरे में आई और मेरी हालत देख के मुस्कुराई बोली, " अरे वा
मैडम आप तो सच में बहुत हिम्मत वाली निकली जो इस तरह गांड रगड़ रही हो
आपके बदले दूसरी होती तो गांड ऊपर करके पडी होती. वो जो पहले मालिक के
साथ ४ महीने रही उसकी भी इतनी हिम्मत नहीं थी. लगता है मालिक का और आपका
साथ लंबा चलेगा." उसकी बात सुन के मैं मुस्कुराई , "दीदी दर्द और जलन तो
मुझे भी है लेकिन मैं इसका मजा लेने की कोशिश कर रही हूँ, क्योंकि इतना
दर्द तो फिर भी ठीक है लेकिन जलन सहन नहीं होती और इसको भूलना असंभव है
इसीलिए मैंने ये तरिका सोचा की इसका मज़ा लेने लगूंगी तो ठीक से बॉस को
खुश रख सकुंगी." कमला जोर से हंसी. वाह मैडम आप हिम्मती के साथ साथ
समझदार भी हो. लो आप शरबत पी लो फिर शुरू करते हैं. मैंने शरबत पीया और
उठ के खडी हुई. कमला ने जैसे बताया था मुझे टेबल के साथ बाँध दिया और
बोली "मैडम गिनती आप लगना जोर जोर से मुझे सुनाई देना चाहिए, मालिक भी
ऐसा ही करते हैं." मैंने भी हामी भरी और अपना बदन टाईट कर लिया मार सहने
को तैयार हो गई.
कमला ने अब चाबुक चलाना शुरू किया और मुझे गिनती करने के लिए फिर याद
दिलाई. मैंने गिनना शुरू किया पहली चोट से ही मेरे मुह से कराह निकली
लकिन मैंने जोर से अपने जबड़े भींचे और चीख निकालने से रोकने लगी कमला ने
६ चाबुक मारे तो तब तक तो मैंने सहन किया लेकिन छठे के बाद तो मैं अपने
बंधन तोड़ के भाग जाना चाहती थी. कमला ने अच्छा ही किया की मुझे बंद के
चाबुक चलाना शुरू किया था. उसने कुल १३ चाबुक मारे मुझे और मैं तो जैसे
निढाल हो गई थी अगर टेबल पर नहीं होती तो निश्चित गिर गई होती. कमला ने
मुझे खोला और सहारा दे के पलंग पर लाइ गांड हलके हलके सहलाते बोली, "
मैडम आपकी हालत देख के मैंने २० के बदले १३ चाबुक ही मारे हैं और आपकी
हालत देखिये कैसी हो गई मालिक को ये पसंद नहीं आयेगा ५-७ चाबुक तो वो खेल
खेल में ही मार देते हैं. और अभी तो सिर्फ गांड पर पड़ी है मालिक तो इन
मम्मों पर भी मारेंगे" मम्मे सहला के बोली तो मुझे भी याद आया की कमला ने
पहले भी ये बात बोली थी मुझे. मैंने अपने आप में हिम्मत बटोरी और बोली,
"दीदी गांड पर तो अब मेरी हिम्मत नहीं है वैसे भी कुल मिला कर २१ चाबुक
हो गए हैं. आप इन पर भी मार दीजिये इनका भी स्वाद चख लेती हूँ. मुझे तो
अब बस आपका ही सहारा है, आप ही मुझे ट्रेनिंग दीजिये और मालिक को भी आप
ही बोलना की शुरू में मेरे साथ ज़रा नरमी बरतें. मैं अपनी पूरी कोशिश
करुँगी उनको खुश रखने की." कमला मुस्कुराई "जाने क्यों मुझे आप पर प्यार
अता हैमदम, शायद आपने मुझे दीदी बोला इसीलिए मैं आपको अपनी छोटी बहन
समझने लगी हूँ. मेरा बस चले तो आपके इस नाज़ुक बदन पर एक भी मार नहीं
पड़ने दूँ, लेकिन मैंने मालिक का नमक खाया है और छोटी बहन तो क्या मालिक
मेरी भी खाल खींच लें तो मैं उफ़ नहीं करुँगी. इसीलिए तुमको ये ट्रेनिंग
दे रही हूँ. की जब मालिक मारें तो आपको कम तकलीफ हो." मैं मुस्कुरा के
बोली "मैं जानती हूँ दीदी और मैं इसके लिए आपकी अहसानमंद हूँ. चलिए दीदी
अब ये काम भी कर लीजिये, मैंने मम्मे उभारे और सीढ़ी लेती, मारिये इन पर
भी जो होगा सब सहन करुँगी."
कमला ने मुझे १० मिनिट रुक के आराम करने का बोला और फिर चाय बना कर पिलाई
चाय ख़तम होते ही बोली, "चलो मैडम उठ कर कड़ी हो जाओ आप. मैं कड़ी हुई तो
उसने जो चाबुक फटकारी की उसकी शांय शांय की आवाज़ से मैं सिहर उठी. कमला
बोली, "मालिक ऐसे ही मारेंगे मैडम हो जाओ तैयार" बोल कर उसने मेरे तैयार
होने से पहले से जो चाबुक चलाई तो वो मेरी चुचियों पर एक लकीर खींच गई
मेरे मुह से चीख निकली. कमला बोली चीखना नहीं , और फिर उसने चाबुक चलाई,
इस तरह उसने मेरे दोनों तरफ आ के ३-३ चाबुक मारे और बोली, " बस मैडम आज
केलिए इतना ठीक है कल आओगी तो थोड़ा बढ़ा के आगे बढ़ेंगे" मैंने कमला से
घर जाने के लिए बोला तो उसने मुझे एक क्रीम ला के दी, " लो मैडम ये
इम्पोर्टेड क्रीम है इसको १ घंटे बाद लगा के हलके हलके मालिश कर लेना,
इससे जलन भी कम होगी और निशान भी १ दिन में ही ठीक हो जायेंगे." मैंने
कमला का धन्यवाद किया और ड्रायवर के साथ घर चली आई. घर पहुंचाते मुझे रात
के ८.३० हो गए थे. आज मैंने बहुत सहन किया था और आज पहली बार सिर्फ जलन
और दर्द ही था आज किसी प्रकार की मस्ती नहीं चढ़ रही थी मुझ पर. यी यूँ
कहिये की दर्द और जलन के सामने मेरी मस्ती बहुत कम हो गई थी. वैसे भी आज
सिर्फ मार ही पड़ी थी सेक्स का कोई खेल तो हुआ नहीं था. ये सब सोच का
र्मुझे बॉस की बहुत शिद्दत से याद आई अगर वो होते तो मेरा ये दर्द और जलन
मस्ती में बदल जाते. कितनी गलत सोच थी मेरी, जो मार लगी थी वो आसानी से
ठीक होने वाली नहीं थी लेकिन मुझे एक बात का संतोष था की मैं कसौटी पर
परखने पर खरी ही उतरती.
घर आ कर मैं निढाल सी पड़ गई. अशोक ने पूछा, "क्या हुआ डार्लिंग ऐसे कैसे
पड़ी हो आ कर." मैं बोली," आज ट्रेनिंग के लिए गई थी ना, पहले तो डांस
टीचर ने थका दिया फिर कमला दीदी के पास गई की वो मुझे कुछ ट्रेनिंग दे दे
जिससे बॉस को खुश रख सकूँ. उसने चाबुक से पिटाई की ट्रेनिंग दी. सच कहती
थी वो, बेंत और चाबुक में बहुत फर्क है, चाबुक की मार ऐसे लगता है जैसे
चमड़ी चीर गई हो. २०-२५ चाबुक गांड पर और ६ चाबुक चूची पर मारे उसने इतने
से ही मेरी तो जान निकल गई. अब जा के कुछ जलन कम होने लगी है. बॉस भी
नहीं थे जो थोड़ा मेरे से खेलते तो ध्यान दूसरी तरफ जाता तो जैसे बेंत की
मार सहन कर ली थी चाबुक की भी करने में सहायता मिलती ये लो ये क्रीम दी
है कमला दीदी ने इससे निशान भी जल्दी ठीक होंगे और जलन भी कम पड़ेगी.
इसको हलके हलके मालिश कर दो ज़रा. हाय रे बहुत ही जलन हो रही है, तुम ही
उतार लो ना साड़ी और ब्लाउज." अशोक ने मेरी साड़ी और ब्लाउज उतारा तो
चाबुक के निशान देख के वो भी सिहर उठा' "बाप रे पूनम तुम रहने दो इतनी
मार पड़ेगी तो मुझसे सहन नहीं होगा डार्लिंग. हम अभी कहीं भाग चलते हैं
मुझसे तुम्हारी ऐसी दुर्दशा नहीं देखि जाती." मैं मुस्कुराई, "ऐसा मत
बोलो अशोक मेरी हिम्मत मत तोड़ो, मुझे कम से कम एकं १ करोड़ रुपया चाहिए
और वो मुझे इसी तरह मिल सकता है. तुम बस अपना काम करो हलके हलके मालिश कर
दो इस क्रीम की." अशोक ने बड़े प्यार से बहुत हलके हाथ से मेरी मार पर
क्रीम लगाईं मर्द का हाथ गांड और मम्मे पर लगा तो मेरे अन्दर की सेक्स की
भूख जाग गई लेकिन अब मैं अशोक से चुदवाना नहीं चाहती थी, बॉस का अशोक से
कम से कम डबल लंड ले लेने के बाद अशोक तो मेरी भूख को और बढ़ाता ही. अशोक
क्रीम लगा के उठा तो मैं करवट हो कल लेटी. अशोक बोला, "खाना तैयार है
पूनम जब तुम्हारी मर्ज़ी हो बता देना लगा दूंगा."मैंने हामी भरी फिर अशोक
मेरे पास आ के बैठा और बोला, "क्या क्या हुआ दिन भर ये बताओ मुझे." मैंने
बताया, "पहले तो कमला के पास गई, उससे बातें की फिर डांस क्लास में ३
घंटे प्रेक्टिस की फिर कमला के पास गई उसने खाना खिलाया और फिर डांस
क्लास ३ घंटे फिर प्रेक्टिस. डांस टीचर खुश है उसने बोला है की ऐसे ही
कराती रही तो २ दिन बाद ही नंगे मम्मे उछालने की ट्रेनिंग शुरू कर देगा.
फिर कमला के पास गई. उसने चाबुक से मार की ट्रेनिंग देना शुरू किया अभी
६-७ चाबुक ही मारे थे की मैं तो हार गई और पलंग पर पड़ गई उसी ने सहलाया
मुझे और समझाया तो मैं दूसरी बार चाबुक खाने के लिए तैयार हुई दूसरी बार
में उसने करीब १५ गांड पर और ६ मम्मे पर मारे. और समझाया की मैडम बस ये
मार सहन कर लोगी तो मालिक तुमको नहीं छोड़ेंगे खूब माल लुटाएँगे तुम पर
सारे नौकरों पर आपका हुकुम चलेगा फिर उसी ने बताया की मैं हुकुम चलाना
शुरू कर दूँ. मालिक के जो भी नौकर हैं उनके साथ अपने नौकरों से भी बदतर
व्यवहार करुँगी तो मालिक को अच्छा लगेगा. उनको ये फीलिंग आती है की इतने
लोगों पर हुकुम चलाने वाली उनकी गुलाम है तो वो अपने आप को दुनिया का
बादशाह समझते हैं. उसने जोर दे के बोला है की मार सहना, बेशर्मी के साथ
ही नौकरों को कुत्ता समझना उनको गाली देना और ज़रा सी बेअदबी या गलती पर
सज़ा देना भी सीख लुंगी तो मालिक ज्यादा खुश रहेंगे. " मेरी बातें सुन के
अशोक चुप रह गया. फिर बोला." पूनम तुमने पक्का सोच लिया है की तुम बॉस को
छोड़ के यहाँ भागना नहीं चाहती.? मैंने जैसे गुस्से से झुंझला केकाहा. "
तुमसे कितनी बार बोलूं ये बात, तुमको जाना है तो जाओ मरो यहाँ से . मैं
पैसे केलिए कुछ भी करुँगी. मुझे पैसा चाहिए अबस पैसा फिर बॉस के साथ तो
तन का सुख भी मिलता है जो तुम्हारे साथ आज तक नहीं मिला मुझे. और पैसे
तुम खुद देखो तुम्हारे साथ ३ साल में तुमने ३००० की गिफ्ट नहीं दी मुझे
बॉस ने ३ लाख की दे दी और मेरे कहने से ३ लाख तुमको दे दिए. मैं ऐसे आदमी
को नहीं छोड़ सकती. तुमको जाना है तो जाओ मरो यहाँ से." मेरी झुंझलाहट और
गुस्से से अशोक डर गया और बोला "नाराज़ क्यों होती हो डार्लिंग, तुमको
छोड़ के मैं कहना जाउंगा मैं तो इसलिए पूछ रहा था की तुमने पक्का इरादा
कर लिया है तो फिर ओउरी ट्रेनिंग ही शुरू करो ना. मैं भी तो बॉस का नौकर
हूँ मेरे साथ भी नौकरों जैसा कुत्ते जैसा व्यवहार करना शुरू करो जिससे
तुमको सब काम की बढ़िया ट्रेनिंग मिल सके. बस अब के बाद से मैं आपको, आप
कहके बुलाउंगा और आप मुझे तू ही कहना, मेरी कोई गलती हो या आपकी शान कोई
बेअदबी हो तो पूरा अधिकार है की मुझे गालियाँ दो और चाहो तो सज़ा भी दो."
क्रमशः................................
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