Saturday, November 10, 2012

सेक्सी कहानियाँ ब्लेक रोज-8

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
ब्लेक रोज-8
गतांक से आगे..........................
गाउन मेरे बदन पर झूलने लगा मैं फिर भी नाचती रही फिर बॉस के पास आई तो
उसने गाउन पकड़ लिया मैं आगे बढ़ी तो बढ़ नहीं पाई, कमला जाने कबसे
दरवाजे पर खड़ी ये सब देख रही थी मुझे रुकते देख वो बोली, "अरे ,मैडम ऐसे
आगे बढ़ो की गाउन मालिक के हाथ में रह जाए अपने हाथ से अपने कंधे से
उतारो इसको," मैंने उसकी बात सुनी तो मुझे भी एहसास हुआ की मैं गलती कर
रही थी कमला ने मुझे अच्च्छी सीख दी मैंने झट से कंधे से गाउन हटाया और
आगे बढ़ी तो गाउन अब बॉस के हाथ में था और मैं ब्रा और पेंटी में नाच रही
थी. दोस्तों मुझे नाचते नाचते ५ मिनट ही हुए थे लेकिन मैं थकने लगी थी
फिर भी नाच रही थी, मैं किसी भी कीमत पर बॉस को अपना दीवाना बनाना चाहती
थी, मैं नाचते नाचते बॉस के पास आई की वो मेरी ब्रा का बंद खोलेगा लेकिन
उसने मेरी गांड पर हाथ फेरा जाने कैसे अचानक कमला की बात याद आ गई और
मैंने आगे झुक के अपनी गांड बॉस के सामने कर दी. बॉस बोला, "वाह, ये हुई
ना बात, कमला तुने तो इसको बहुत जल्दी समझदार बना दिया." और मेरी गांड पर
चटाक से एक जोरदार चांटा मारा बॉस का हाथ बहुत भारी था और कोई मौक़ा होता
तो मेरी मुह से चीख नहीं तो आह ज़रूर निकलती लेकिन क्योंकि मैं तैयार थी
चांटा खाने के लिए चुप रह गई. मैं फिर आगे बढ़ी बॉस फिर बोला, " गांड
बड़ी मस्त है इसकी, बिलकुल इसकी चूची के जैसी मन करता है साली को मार मार
के लाल कर दूँ." कमला बोली, "मालिक आपकी गुलाम है ये, मुझे भी बोल रही थी
की आपका हर हुकुम मानेगी जो आपकी मर्ज़ी वो कीजिये मैं तो ये पूछने आई थी
की खाना मैंने तैयार कर दिया है जब आप बोलोगे गरम गरम परांठे बना दूंगी."
कमला वहाँ से चली गई लेकिन उन दोनों के बीच की बात सुन के मुझे अपने पर
गर्व हुआ और मैं दुगने जोश से नाचने लगी फिर बॉस के पास आई और झुकी तो
उन्होंने ब्रा के बंद खोलने के बजाय पेंटी के बंद खोल दिए पेंटी एक झटके
में नीचे गिर पड़ी मैंने फिर गांड बॉस को पेश की उन्होंने खुश हो के
सहलाया और फिर ब्रा के बंद भी खोल दिए. मैं तो फिर से चांटा खाने को
तैयार थी लेकिन बॉस ने सिर्फ सहलाया. दोस्तों बॉस औरत से खेलना और उसको
तडपाना बहुत अच्छे से जानता था वो समझ गया था की मैं चांटा खाने को तैयार
हूँ तो उसने सिर्फ सहला के छोड़ दिया इससे भी मुझे अपनी औकात का एहसास
हुआ की मैं गुलाम ही रहूंगी. मैं आगे बढ़ने लगी तो बॉस ने मुझे पकड़ लिया
और मेरी ब्रा का बंद भी खोल दिया और मुझे पलता के मेरी दोनों निप्पल पकड़
के मुझे नीचे खींचा और बोला "कल इनमें डायमंड रिंग पहना दूंगा पूनम फिर
तो तेरे ये काले काले मम्मे जैसे ही इन पर लाईट पड़ेगी चमकने लगेंगे
कोयले से हीरे बन जायेंगे." अब मुझे कुछ बोलने का मौक़ा मिला तो बोली, "
सर मेरा क्या है सब कुछ आपका ही है, मेरे बदन का रोम रोम आपका है सर जैसे
चाहे वापरें इसको, चाहो तो हीरा बना दो चाहो तो कोयला बना दो." मेरी बात
सुन के बॉस खुश हो गया और जो पहले भी बोल चुका था फिर एक बार बोला, "तेरी
ये ही बात तो मुझे पसंद है पूनम, देख तुझे कैसी बढ़िया रंडी बनाता हूँ.

बॉस ने मेरे बदन से बेदर्दी से खेलना शुरू किया बीच बीच में मेरी गांड पर
चांटा भी मारता था मेरे मुह से आह, उह्ह, उम् आदि निकालने लगे जब आह
ज्यादा निकली तो बॉस ने बोला "चल अब २ पेग बना ले अपन दोनों के लिए १-२
पेग तेरे अन्दर जायेंगे तो तुझे मज़ा आयेगा मेरे साथ रहने का, साली
कुतिया की इतनी बढ़िया गांड है इसकी सिकाई करूंगा तो चेन मिलेगा मुझे
लेकिन तू तो हाथ से हल्का चांटा मारने पर ही आह्ह उह्ह कर रही है चल पहला
पेग एक सांस में खाली कर फिर दूसरा पिलाऊँगा." बॉस का हुकुम मान कर मैंने
२ पेग बनाए और हम दोनों ने ही जल्दी से उनको खाली किया फिर २ पेग बनाए
लेकिन बॉस के इशारे पर दोनों को १ ही गिलास में डाल दिया अब बॉस और मैं
एक ही गिलास से धीरे धीरे पीने लगे. बॉस बार बार मेरे मम्मे से खेलता,
निप्पल मसलता, खींचता, मुह में ले कर चुमलाता, कभी काटता मैं तो उसके
पहलू में मचल मचल रही थी.मेरी चूत में पानी भर आया था आखिर मुझसे रहा
नहीं गया तो मैं बोली, "सर एक बार कर दो ना अब मुझसे रहा नहीं जा रहा
है." बॉस हंसा "देखो हरामजादी को पराये मर्द के सामने नंगी पड़ी है लेकिन
कुतिया बोलती है कर दो ना सर. अरे रंडी के जैसे बोल की सर चोद दो मेरी
चूत." मैं तो खुद भी यही चाहती थी झट से बोली, "सर मेरी चूत चोद दो." बॉस
ने मेरी निप्पल जोर से पकड़ी और बोला, " कैसे चोद दूँ डार्लिंग." मैं
मुस्कुराई बॉस का लैंड पकड़ा और बोली, "सर अपना ये तगड़ा लंड इसमें डाल
के चोद दो बहुत तकलीफ दे रही है सर , चोद चोद के इसको पूरी फाड़ दो आज कल
जैसे." बॉस खुश हुआ लेकिन अभी चोदने का उसकाकोई इरादा नहीं था. "बोला जा
एक बार मूत आ ज़रा गर्मी कम हो जायेगी डार्लिंग अभी तो तेरी चूची के भी
पुरे मज़े नहीं लिया अभी तो गांड की सिकाई बाकी है." बोल के जोर से हंसा
और कमला को आवाज़ लगाईं कमला आई तो बोला "कमला तू तो बहुत तारीफ कर रही
थी इस रंडी की देख इस कुतिया को अभी से पानी छोड़ने लगी." मैं बाथरूम
जाते जाते रुकी तो मुझे बोला, "तू क्यों रुकी है जा माँ की लौड़ी मोट
निकाल के आ अपना." मैं गांड मटकाते चली तो फिर कमला की तरफ देख के हंसा
और बोला, " देख इसकी गांड सच में कुतिया है ये बढ़िया गांड है मटकाती भी
अच्छी है सोच रहा हूँ आज इसकी सिकाई कर दूँ." कमला मुस्कुराई "बात तो
आपकी ठीक है मालिक लेकिन ज़रा आहिस्ता ही करना अभी नई है वो पतली वाली
बेंत ठीक रहेगी मैं अभी ले आती हूँ.." कमला चली गई मैं भी खुद को हलका
करके बाथरूम से वापस आई तो दीवार के सहारे कड़ी अलमारी से बेंत छनत के
निकाल लाइ और बॉस के पास वाली टेबल पर रख दी. बेंत देख के मैं अपने आप को
उसकी पिटाई के लिए तैयार करने लगी पास आई तो बॉस ने मेरी चूत पे हाथ फेरा
और उसकी गर्मी फील करके बोला "बहुत गरम रांड है तू मज़ा आयेगा तेरे साथ,"
सहलाते सहलाते उसने चूत का गीलापन भी महसूस कियस और बोला अरे तेरी चूत तो
अभी भी टपक रही है लगता है एक बार चोदना ही पडेगा इसको." बॉस की बात सुन
के मियन खुश हो गई और बोली, "सर आप कल भी मुझे तरसता छोड़ के आ गए प्लीज़
एक बार पहले चोद दीजिये ना फिर जो आपकी मर्ज़ी कर लेना सर." मैंने चूत
उभार के बॉस के हाथ पर रख दी, बॉस ने गपाक से एक उंगली अन्दर डाल के
घुमाई तो मेरे मुह से जोरदार सीत्कारी निकल गई. "सी.सी.ई.ई.ई. आह....
उफ़. सर ... आम्म्म्म. उंगली नहीं सर ... अम्म्म.. लंड डालिए ना.. " बॉस
हंसा "हाँ डार्लिंग लगता है पहले लंड ही डालना पडेगा चल बैठ जा नीचे और
ले इसको मुह में." मैं जल्दी से नीचे बैठ के बॉस का लंड लुंगी से बाहर
निकाला और कच्च से मुह में लिया. सुपाडे पर जीभ घुमाई और उसको चूसा जैसे
बरफ का गोला चूस रही हूँ. बॉस को मज़ा आ गया उसके मुह से भी सीत्कारी
निकली मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा और मुस्कुराई फिर गपाक से आधे से
ज्यादा मुह में लिया होंठ बंद करके पूरी तरह लंड के ऊपर कास लिए और धीरे
धीरे बाहर निकालने लगी सुपाडे के मुह तक आ कर मैंने फिर पूरा मुह खोला और
गपाक से अन्दर लिया.

थोड़ी देर लंड चुसाने के बाद बॉस ने मुझे सीधा लिटाया और पैर ऊपर करके
हाथ से पकडाए और मेरे दोनों मम्मे पकड़ के जो जोरदार शाट लगाया की मेरे
मुह से .आह निकली लगा जैसे एक तेज नश्तर मेरे अन्दर उतर गया हो बॉस का
लंड मेरी बच्चे दानी के अन्दर तक चला गया लग रहा था लेकिन इस दर्द से मैं
निहाल हो गई मुझे इतना अमज़ा आया की क्या बताऊँ. मेरी चूत के मुह तक पानी
आ गया लगा की बस लंड अन्दर जाने मात्र से मैं झड जाउंगी मैंने अपने आप को
रोखा और बॉस ने धक्के लगाने शुरू किये १५०२० धक्के ही लगाए थे की मैं झड
गई. और अब चूत से फच फच की आवाजें आने लगी. बॉस मुस्कुराया, "झड गई
कुतिया." जोर से निप्पल मसाले, "माँ की लौड़ी लंड डालते ही झड जायेगी तो
मज़ा कैसे लेगी." मैं भी मुस्कुराई, "सर आप चोदिये ना, मुझे बहुत मज़ा आ
रहा है, चोद चोद के चिथड़े उड़ा दीजिये मेरी चूत के आप उसके मालिक हो
लेकिन ये हरामजादी मुझे बहुत तकलीफ देती है." मेरी बात सुन के बॉस खुश
हुआ और पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा और मुझे जन्नत का मज़ा आने लगा. बॉस
ने मुझे २० मिनिट चोदा और मैं ३ बार झड़ी आखरी बार तो बॉस और मैं साथ साथ
झडे. साथ साथ झड़ने का मज़ा ही अलग था. फिर बॉस ने पूरा अन्ब्दर जा के
पानी छोड़ा मुझे तो लगा की आज की चुदाई से मैं माँ बन जाउंगी. मेरा बरसों
का सपना पूरा हो जाएगा.

जोरदार चुदाई के बाद मैं बाथरूम गई और अपने आप को साफ़ किया बॉस के लिए
नेपकिन गीला करके लाइ और उनका लंड भी साफ़ किया. बॉस ने गिलास में बची
हुई शर्बा मुझे दी और मैं भी धीरे धीरे पीने लगी बॉस मुझे पीते देख रहा
था उनकी नज़रों से नज़रें मिली तो मैं बोली, "सर आप भी लीजिये ना." और
अपना गिलास रख के बॉस के लिए एक नया पेग बना के दिया मुझे शराब का और
चुदाई का भी सुरूर था मैं बार बार बॉस को देख के मुस्कुरा रही थी. थोड़ी
देर बाद कमला आई और बोली, "मालिक खाना लगा दूँ क्या?" बॉस ने बोला हाँ
लगा दे लेकिन उसके पहले इस रंडी को बोल की गाउन पहन ले ज्यादा देर नंगी
रहेगी मेरे सामने तो मेरे लंड के साथ हाथ भी मचलने लगते हैं." बॉस की बात
सुन के मैं मुस्कुराई और कमला हंसी और बोली, " आपकी ही रंडी है मालिक
जैसे चाहो रखो, जो मचले उसको शांत कर लो मना थोड़े ही करेगी. आपकी गुलामी
करने ही तो आई है. क्यों मैडम मैंने सही बोला ना." मैं मुस्कुराई हाँ
कमला दीदी आपने बिलकुल सही बोला, मैं तो बॉस की गुलाम ही हूँ, अब जैसे
इनकी मर्ज़ी वापरें इनका हुकुम सिर माथे पर ही है." मैं उठी और गाउन
पहना. बॉस और मैंने खाना खाया खाना खाते खाते मुझे शर्बा का पूरा नशा हो
गया और मेरी आवाज़ भी लड़खड़ाने लगी थी. मैं बॉस के साथ झूमती हुई बेड
रूम में आई बॉस मेरी गांड पर हाथ रख के सहलाता और उंगली से गांड का छेद
खोदता हुआ मुझे ले के आया. कमरे में आ कर उसने कमला को आवाज लगाईं की वो
अपना काम करके चली जाए लेकिन जाने से पहले जो बेंत उसने निकाली है ला कर
दे दे. बॉस ने मुझे पलंग पट पटका और मेरे पास बैठा मेरे गाल पर ओप्यार से
हाथ फेरा और बोला "क्यों डार्लिंग मज़ा आया" मैंने लड़खादाती आवाज़ में
ही जवाब दिया बहुत मज़ा आया सर, आप ग्रेट हो सर आप सच में मर्द हो सर.
मेरी चूत भी भी दुःख रही है सर. लिकिन मज़ा भी बहुत आ रहा है सर. आज आप
इसके चिथड़े उड़ा दो सर बहुत तकलीफ देती है मुझे." बॉस हंसा "डार्लिंग
तेरी चूत तो मस्त है ही तेरी गांड भी मस्त है अब पहले इसको देखूंगा की
कितना सहन कर सकती है." गाल का हाथ मम्मे पर लाया और उससे खेलने लगा मुझे
उठ कर बैठने का बोला मैं उठी तो खुद लेट गया और अपने ऊपर आ कर मम्मे
पिलाने का बोला. मैं उसके ऊपर आई और झुकी तो मेरे मम्मे पूरी तरह लुनके
चेहरे के सामने लटक गए, लटके हुए मम्मे बहुत ही सेक्सी लग रहे थे और
देखने वाले को साफ़ साफ़ निमंत्रण दे रहे थे की आओ और खेलो इनसे, चूस लो,
खा जाओ. झुक के जो एक मम्मा उसके मुह में रखा तो उसने किचकिचा के काट
खाया मेरे मुह से जोर की आह निकली तो बोला, "हरामजादी आह उह मत कर आदत
डाल ले इसकी मम्मे तो ज़रूर काटूंगा." और फिर उसी मम्मे को जोर से दांत
लगा के बाहर की तरफ खींचा तो मैं दर्द और उनके खींचने से उनके मुह पर गिर
पड़ी.जल्दी से फिर ऊपर हुई तो उसने मम्मा मुह से बाहर निकाल के उस पर जीभ
घुमाने लगा बड़े प्यार से जैसे दवा लगा रहा हो इससे मुझे कुछ राहत हुई तो
दूसरा मम्मा हाथ से जोर से भींचा मेरे चेहरे पर फिर दर्द आया लेकिन मुझे
अच्छा लगा मैं इसी तरह का सेक्स तो चाहती थी. बॉस बोला, "देख पूनम अभी जो
मेरे मुह पर गिरी थी ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए अगली बार माफ़ी नहीं
मिलेगी. और फिर वही मम्मा मुह में ले के चुमलाने लगा, मेरे मुह से
सीत्कारी निकलने लगी, मेरी चूत फिर गरम होने लगी उसमें पानी आने लगा.
मैंने अपने आप को मज़बूत बनाया और हाथो को ठीक से पोजीशन में ले लिया की
फिर कहीं इन्होने मम्मा खींचा और मैं गिर ना पडूं. लेकिन बॉस तो पुराना
और माहिर खिलाड़ी था वो ५ मिनिट तक मम्मे से इसी तरह खेलता रहा, मसलता,
दबाता, चाटता, चूसता उसका एक हाथ दुसरे मम्मे से खेल रहा था और दूसरा हाथ
मेरी गांड पर खिलवाड़ कर रहा था कभी सहलाता, कभी छेद में उंगली करता, कभी
हल्का चपत लगता और फिर अचानक वही किया जोर से दांतों में दबा के जो खींचा
तो मैं फिर गिर पड़ी. इस बार तो मैं मज़े से भी भरी थी, शुरुआत में इतनी
गरम नहीं हुई थी फिर शराब का भी नशा था अपने आप को संभालना बहुत ही
मुश्किल था. मेरे गिरते ही बॉस ने मम्मा छोड़ा और गरजा "मादरचोद, बहन की
लौड़ी साली कुतिया को समझाया था ना गिरना नहीं लगता है बिना सज़ा के तुझे
समझ नहीं आएगी. जा वो बेंत उठा के ला और गांड उठा के खडी हो यहाँ अभी
बताता हूँ तुझे. मैं उठ के बेंत ले के आई.
क्रमशः................................

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