Thursday, November 22, 2012

कामुक कहानिया साधु बाबा का चुदाई भरा प्रसाद

raj sharma stories
साधु बाबा का चुदाई भरा प्रसाद

हेलो.. दोस्तो ये उस समय की बात है जब मैं अपने नाना जी के यहा गयी हुई
थी. पिछली स्टोरीस मे मेने आपको बताया कि हरिया, वीरू के साथ मस्ती की
मेने और हीना ने. जब अगले दिन अम्मी को साधु से करवाते देखा तो हमारा भी
मन हुआ. मेने और हीना ने प्लान बना लिया कि कल क्या करना है.

अंधेरा होने पर मैं और हीना घर वापस आ गये खेत से. खाना वगेरा खाने के
बाद हम सोने की तैयारी करने लगे. इतने मे अम्मी के पास मेरे अब्बू का कॉल
आया. कुछ देर बात हुई. फिर अम्मी ने बताया कि हमे परसो वापस शहर जाना है.
अब्बू को किसी काम से आउट ऑफ स्टेशन जाना हे . यहा नाना की तबीयत ठीक थी.
सो परसो का पक्का हो गया.

सोने के समय हीना उदास हो गयी, बोली तेरी बहुत याद आएगी. कल हम लास्ट
चुदाई करवाएँगी साधु से. कल का चान्स मिस ना हो जाए, फिर पता नही कब
मिलना हो. हीना ने 2 शॉर्ट स्कर्ट निकाली. मेने उन्हे पहन कर देखा. पूरी
जाँघ दिखती थी. ज़रा सा झुको तो पॅंटी दिखने लगती थी. हीना ने दोनो बुक
वाले बॅग मे रख ली. 2 टॉप निकाली जो स्किन टाइट थी. एक पोलिथीन का बॅग
लिया, उतरे हुए कपड़े रखने के लिए. फिर हम सो गये.

सवेरे उठ कर नहा धो कर हम दोनो तैयार हो गये. फिर अम्मी के पास गये. पूछा
कि आप चलॉगी क्या खेत? मा बोली नही, आज नही जाउन्गि, यहा लास्ट डे हैं,
सबसे मिलूंगी, समान पॅक करूँगी, एट्सेटरा इसी मे सारा वक़्त निकल जाएगा.

हीना ने कहा कि ठीक है फूफी, हम आज लास्ट स्टडी कर लेते हैं. 10 दिन की
जगह 5 दिन मे जा रही हैं तो आज शाम तक स्टडी करेंगी. अम्मी ने ओके कह
दिया. हमने नाश्ता किया और चल दिए. दिन का खाना तो खेत मे ही बनना था. हम
दोनो ने सलवार कुर्ता पहना हुआ था.. हम खेत पहुच गये.हरिया ने हमको देख
के पूछा आज क्या प्रोग्राम हे बिटिया? हीना ने कहा कि उसके पापा ने कहा
है कि शायरा को खेत, अपनी ज़मीन

मंदिर पहाड़ सब घुमाना है आज. और ये सब उसे ही करना है. हरिया ने कहा कि
अगर कहें तो वो और वीरू साथ चलते हैं घुमने.के साथ साथ चुदाई का
कार्यक्रम भी होता रहेगा. हीना ने कहा कि हम दिन मे आ जाएँगी, तब करेंगे
ये कार्यक्रम. हरिया राज़ी हो गया.हम दोनो कमरे मे गये. प्लास्टिक मे
शॉर्ट स्कर्ट, और टॉप्स रखे और चल दिए. काफ़ी दूर जाने के बाद जब खेत
वाला मकान दिखना बंद हो गया तो हमने अपनी सलवार कुरती उतार दी. शॉर्ट
स्कर्ट और टॉप पहन लिया. उतरे हुए कपड़े बॅग मे रखे और मंदिर की तरफ चल
दिए.

थोड़ी देर मे हम मंदिर पहुच गये. मंदिर के गेट के भीतर दीवाल मे आला बना
हुआ था जहाँ समान रख सकते हैं, हमने वो पोलिथीन वहाँ रखी और मंदिर मे घुस
गये. हमने देखा भीतर वो साधु बैठा हुआ हे. मंदिर के चारो तरफ खिड़किया
थी. जहाँ से साधु वो खिड़की देख सकता था हीना उस खिड़की पर चली गयी .

मैं दूसरी खिड़की पर गयी. मेने हीना को देखा, वो बाहर झुक कर खिड़की से
पहाड़ का नज़ारा देख रही थी. उसके झुकने से आधी से ज़्यादा पॅंटी दिख रही
थी. शायद वो जान बुझ कर वैसे खड़ी थी. शायद साधु को दिखाने के लिए. पता
नही साधु ने देखा कि नही.

मैं दूसरी खिड़की पर चुपचाप खड़ी रही और इंतजार करने लगी कि देखते हैं
आगे क्या होता है. 5/6 मिनिट मे वो साधु हीना की तरफ जाता हुआ दिखाई
दिया. उसने सिर्फ़ धोती पहनी हुई थी. वो हीना के पीछे जा कर खड़ा हो गया.
उसकी पॅंटी और बम्स को ध्यान से देखा. इतने मे हीना मूडी तो साधु ने उसको
बाहर का नज़ारा देखने को कहा.

वो हीना से सॅट कर खड़ा हो गया. एक हाथ उसने हीना की कमर पर रखा. दोनो
बाहर देख रहे थे. उसका हाथ धीरे धीरे नीचे की तरफ आ रहा था. अब उसका हाथ
पॅंटी पर आ गया. वो वहाँ हाथ फेरने लगा, बीच बीच मे हल्के से दबा भी रहा
था. हीना ने साधु को देखा तो वो मुस्काराया.

हाथ फेरते हुए उसने अपना हाथ उसकी पॅंटी मे घुसा दिया और चूतर दबाने लगा.
हीना को मज़ा ज़रूर आ रहा होगा. शायद इस मज़े को मैं मिस ना कर दू , उसने
आवाज़ लगाई शायरा , यहाँ आ. साधु ने हाथ बाहर निकाल लिया. वो यही सोचा के
रखा था कि वो अकेली हे,

मैं भी उस खिड़की पर पहुच गयी. मेने भी बाहर देखना शुरू किया. मैं साधु
के लेफ्ट साइड मे थी और हीना राइट मे. जब एक मिनिट हो गयी तो मुझे लगा कि
आधु ऑलरेडी हीना के चूतर दबा रहा हे. मेरे उपर साधु ने हाथ नही लगाया. तब
मेने खुद को साधु के सामने किया और हीना से सॅट कर खड़ी हो गयी.

अब साधु मेरे पीछे था और वो हीना की पॅंटी मे हाथ डाले हुए था. ये सब
होते होते साधु कब मेरे पीछे आ कर सॅट गया मालूम नही हुआ. उसका लंड मुझे
अपने बम्स पर चुभता हुआ महसूस हुआ. मेने अपना लेफ्ट हॅंड पीछे किया जैसे
मुझे अपने पीछे से कुछ हटाना हो.

मेरे हाथो मे साधु का लंड टच हुआ. वो धोती से बाहर था. मेने पकड़ कर छोड़
दिया. फिर बाहर देखने लगी. इतने मे साधु ने कहा आओ दूसरी जगह से दिखाता
हू. हम दोनो घूमे तो साधु के सामने आ गये, हमे उसका लंड दिखाई दिया.

हीना ने अंजान बन कर पूछा- ये क्या है बाबा? साधु ने कहा कि ये लंड बाबा
हैं, ये प्रसाद देते हैं. पर इसके लिए तुम्हे अपने अंतर-वस्त्र (भीतर के
कपड़े) उतारने होंगे. यहाँ कोई नही आता इसलिए शरमाने की ज़रूरत नही हे.
हम दोनो ने अपनी पॅंटी उतार दी. अब साधु बाबा हमे मंदिर की छत पर ले गये.
वहाँ सीढ़िया चढ़ते वक़्त हम आगे थे और साधु

पीछे. ज़रूर साधु को सीढ़िया चढ़ते समय हमारी चूत और गंद दिख रही
होगी.खैर, हम सब छत पर आ गये, हम वहाँ से नज़ारा देखने लगे. बाबा ने हम
दोनो की चूतर खूब दबाई. मेने और हीना ने एक दूसरे को देखा. हीना ने आँखो
से इशारा किया जिसका मतलब था, अब बाबा जी को पकाते हैं.

हीना- बाबा, आप हमे क्यू दबा रहे हो?
बाबा- क्या तुम्हे अच्छा नही लग रहा?
हीना- लग रहा है बाबा, पर हम नंगी हो गयी है ना.
बाबा- तभी तो मज़ा मिलेगा. (ये कहकर बाबा ने धोती से अपना लंड बाहर निकाला)

हीना- ये क्या है बाबा?
बाबा- बताया तो था ये प्रसाद देता है.
हीना- पर ये प्रसाद क्यू देता हे.
बाबा- जिससे सबका जीवन सफल हो.
हीना - ये प्रसाद कब देता हे?
बाबा- जब इसका आदर किया जाए तो ये प्रसाद देता हे.

हीना- क्या हमे भी मिलेगा प्रसाद?
बाबा- ज़रूर मिलेगा. (ये कहकर बाबा ने हीना का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया)
हीना- हाए अल्लाह, ये तो बहुत गरम है.. क्यू ?
बाबा- ये प्रसाद देना चाहता हे इसलिए.
हीना- पर हम दोनो मुस्लिम है. हमे मिलेगा प्रसाद?
बाबा- ईश्वर के दरबार मे सब भक्त हैं, कोई जात नही, सबको मिलेगा प्रसाद.
हीना- ठीक है बाबा, हमे भी प्रसाद दो. कैसे पूजा करनी है?

बाबा- पहले इसको कुछ देर तक आगे पीछे हिलाओ, दबाओ.
(हीना बड़े प्रेम से बाबा के लंड को हिलाने लगी, उसके बॉल को भी सहलाने लगी)
बाबा- वाह बेटी, बहुत अच्छे, अपनी बहन को भी ये मौका दो.
(हीना ने मुझे इशारा किया, मेने भी वो लंड अपने हाथ मे लिया. शायद वीरू
से इक्कीस ही होगा वो)
मैं- बाबा जी, ये तो बहुत मोटा हे, क्या सबका ऐसा ही होता है?
बाबा- नही बेटी, हम रोज इसकी तेल से मालिश करते हैं, इसलिए ये ऐसा है.

मैं- अच्छा. (ये कहकर मैं और हीना दोनो बारी बारी से लंड मसल्ने लगी..
बाबा लेट गये और हम दोनो उनके आजू बाजू बैठ कर लंड से खेलने लगे. काफ़ी
देर ये सब चलता रहा)
बाबा- बस बेटियों, अब तुम दोनो को इसे प्यार करना हे, चुम्मा देना है, चूसना है.

इतना सुनते ही हीना ने वो लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. अच्छी
तरह चूसने के बाद उसने वो मुझे दे दिया. अब मैं चूस रही थी. कभी हीना,
कभी मैं बारी बारी से चुस्ती रही.

बाबा- तुम दोनो अपना नाम बताओ.
हीना- ये शायरा हे और मैं हीना.
बाबा- अच्छा हीना बेटी. तुम जिस तरह से चूस रही हो वो 2 या 3 इंच तक चूस
रही हो. अगर तुम इसको पूरा अपने मूह मे ले सको तो ये खुस हो जाएगा.
हीना- पर ये पूरा कैसे जाएगा मूह मे.
बाबा- ये गले तक जाएगा. मूह से होकर ये भीतर जाते जाएगा और गले तक
पहुचेगा. घबराना नही, कुछ नही होगा.

हीना ने अच्छा बोल कर कोसिस की पर वो 4 इंच से ज़्यादा न्ही गया. तब बाबा
ने लेटे लेटे हीना को अपने उपर कर लिया. हीना का मूह अपने लंड की तरफ और
चूत अपने मूह के पास. हीना की टाँग फैला कर बाबा उसकी चूत चूसने लगे.
हीना ने भी बाबा का लंड मूह मे ले लिया था. कोसिस करते करते 4 - 5 इंच
चला गया.
बाबा- सबाश बेटी. अपना मूह पूरा खोलो, मैं तुम्हारे गले तक पहुचा दूँगा.

ये कह कर बाबा ने नीचे से ज़ोर लगाया और हीना के सिर को लंड की तरफ
दबाया. मेने सॉफ देखा, पूरा लंड हीना के मूह मे चला गया. हीना का मूह
खुला हुआ था और बाबा के लंड की सिर्फ़ बॉल दिख रही थी हीना के मूह के
बाहर. 5 सेकेंड मे बाबा ने लंड बाहर कर लिया.

बाबा- कैसा लगा बेटी हीना.
हीना- पहली बार लिया मेने . पूरा गले मे था, लग रहा था कि साँस रुक जाएगी.
बाबा- वो तो है पर अच्छा लगा या नही.
हीना- हाँ बाबा, अच्छा लगा. लग रहा था पूरी दुनिया मेरे मूह मे है और
सिर्फ़ लंड की बॉल बाहर है. बहुत अच्छी फीलिंग थी.

बाबा- ठीक है. अब तुम अपनी चूत मेरे मूह पर रखो और मेरी तरफ घूम जाओ.
बेटी शायरा अब तुम लंड को अपने मूह मे लो और अपनी बहन हीना की तरह ट्राइ
करो.
मैं - जो आग्या बाबा.

हीना ने अपनी चूत बाबा के होंठो पर टिका दी. बाबा उसकी चूत को चाट रहे
थे. अपनी जीव उसमे घुसा रहे थे. हीना को मज़ा आ राहा था. वो हिल हिल के
अपनी चूत बाबा के मूह पर रगड़ रही थी. मेने बाबा के लंड को अपने मूह मे
ले लिया. काफ़ी कोसिस की पर वो मेरे गले तक नही गया. डर भी लग रहा था.
करीब 15 मिनिट चूसने के बाद बाबा ने कहा.
बाबा- तुम दोनो उठो और अपना मूह खोल के बैठ जाओ. प्रसाद मिलने वाला है.

हम दोनो बैठ गयी और उपर करके अपना मूह खोल लिया. बाबा अपना लंड हमारे मूह
के पास आ कर जोरो से हिलाने लगे. लंड की चमड़ी आगे पीछे हो रही थी और
गोरे रंग के लंड की गोरी टॉप बार बार दिख रही थी. बहुत सुंदर लग रहा था.
अचानक बाबा ने अपना लंड हीना के मूह से सटा दिया. उसमे से पिचकारी जैसी
निकली जूस की.

पहली पिचकारी हीना को मिली, दूसरी मुझे. अब बाबा हम दोनो के मूह मे थोड़ा
थोड़ा डाल रहे थे. कुछ देर बाद जब जूस ख़तम हुआ तो हमे वो पीने को कहा..
हम ने वो जूस गटक लिया. टेस्टी तो था ही पर ज़्यादा भी था.
बाबा- थोड़ी देर मे हम असली पूजा शुरू करेंगे. बोलो कॉन साथ देगा मेरा.
हीना- बाबा मैं दूँगी.
बाबा- और शायरा बिटिया?
हीना- बाबा, उसको आप पीछे मे प्रसाद देना. मुझे दोनो जगह देना.
बाबा- ठीक है बच्चियो.

साधु बाबा, नीचे चले गये, हम दोनो छत पर लेट कर बात करने लगी. सर्दियो का
मौसम था, ठंडी हवा भी थी और हल्की सी धूप भी थी. हमने सिर्फ़ टॉप पहना
हुआ था. नीचे कुछ नही. हम दोनो बहने एक दूसरे की कमर पर टाँग रखे हुए थी
और आपस मे बात कर रही थी कि अब क्या होगा, कैसा होगा. हमे ध्यान ही नही
रहा कि कब साधु बाबा छत पर आ गये थे और हमे देख रहे थे.

मैं- अरे बाबा,,, आप ? कब आए?
बाबा- मैं तो आ गया था पहले, तुम बहने आपस मे बात कर रही थी. मैं तुम
दोनो की चूत और गंद के दर्शन कर रहा था.
साधु बाबा इस वक़्त एक येल्लो रंग का बनियान पहने हुए थे. नीचे कुछ नही
था. जब हमारी नज़र उनके लंड पर पड़ी तो उन्होने अपने लंड को अपने हाथो से
सहलाना स्टार्ट किया.

हीना- बाबा, आपका लंड तो काफ़ी बड़ा है. क्या ये हमरी छ्होटी सी कच्ची
चूत या गंद मे जाएगा?
बाबा- ज़रूर जाएगा बेटी, ये इसीलिए तो बना है. अगर दर्द हो तो ज़ोर से
चिल्ला सकती हो.. वैसे भी यहाँ कोई आने या सुनने वाला नही है.
हीना- हमे डर लग रहा है बाबा. अगर हमारी चूत या गंद फट गयी तो घर वाले
क्या करेंगे ?
बाबा- शायरा का ध्यान रखना पड़ेगा मुझे.. वैसे तुम्हारी चूत और शायरा की
गंद मे जा सकता है ये. ज़्यादा तकलीफ़ नही होगी.

बाते करते करते साधु का लंड टाइट हो गया. उसने हीना को एक तेल की सीसी दी
और लंड पर तेल लगाने को कहा. हीना ने तेल लगाया अच्छे से. अब साधु ने
हीना को चौपाया की तरह बनाया . अपने हाथो से उसकी पतली कमर पकड़ी. हीना
का मूह ज़मीन पर था. साधु ने मुझे हीना के मूह के नीचे उल्टा लेटने को
कहा अपनी गंद हीना के मूह की तरफ करने. मैं लेट गयी तो हीना का मूह मेरी
गंद के छेद पर आ गया.

उधर साधु ने हीना की चूत मे पीछे से लंड टीकाया और हल्का सा धक्का दिया.
मेने बाबा से कहा कि मुझे बताते रहिए क्या हो रहा है. बाबा ने बताया टोपी
भीतर चली गयी. शायद फिर एक धक्का लगा. वो मुझे ऐसे मालूम था कि हर धक्के
से हीना का मूह मेरी गंद पर थोड़ा आगे हो जाता.

इसी तरह हल्के हल्के धक्के लगते रहे और बाबा ने बताया कि आधा लंड भीतर
चला गया है. अब बाबा थोड़ा रुके. हीना को कस कर पकड़ा. अपने लंड को टोपी
तक बाहर खींचा और एक ज़ोर का धक्का मारा. हीना के मूह से चीख निकल गयी...
म्माआआ... मर गाइिईई.

हीना ने अपने दाँत मेरे चूतर पर लगा दिए और मेरे चूतर उसके दांतो मे,
उसने अपने दांतो को भींच लिया. मेरे चूतर पर हीना के काटने से मेरी भी
चीख निकल गयी.. मेने पूछा क्या हुआ बाबा? बाबा ने बताया कि तुम्हारी बड़ी
बहन ने मेरा पूरा लंड ले लिया है. एक मिनिट तक रुकने के बाद धक्के लगने
शुरू हो गये.

हर धक्के के साथ मेरी भी गंद की चटाई हो रही थी हीना के मूह से. अब सब
सिस्टम मे आ गया था. हीना की चूत की चुदाई होने लगी. अब मैं नीचे से उठ
गयी और हीना की चुदाई देखने लगी. ऐसा लग रहा था कि किसी भूखे शेर को कई
दिन बाद उसका खाना मिला हे. जबरदस्त शॉट्स लगा रहे थे और हीना का सरीर
बहुत तेज़ी से हिल रहा था.

मेने देखा बाबा अब पूरा लंड बाहर निकाल के एक झटके मे पूरा घुसा दे रहे
हैं.. हीना बस आअहह अया अया अयाया अयाया अयाया कर रही थी हर धक्के के
साथ. बाबा के लंड की बॉल भी हीना से टकरा रही थी.. मैं सोच रही थी कि
इसके बाद मेरा नंबर है. करीब आधे घंटे तक हीना चुद्ती रही. अब उसके मूह
से आवाज़ कम निकल रही थी.

लास्ट मे साधु बाबा ने स्पीड बढ़ा के अपना सारा जूस हीना की चूत मे छोड़
दिया. दो मिनिट तक जूस भीतर निकालने के बाद साधु ने अपना लंड बाहर खींच
लिया. हीना के सरीर मे दम नही रहा, वो उसी पोज़िशन मे लेटी रही. बाबा ने
कहा हीना बेटी, तुम शायरा को तैयार करो, मैं आता हूँ अभी. वो नीचे उतर
गये.

मैं हीना के पास गयी , पूछा- क्या हुआ हीना.
हीना- आज तो भयंकर चुदाई हुई.
मैं - हां देखा मेने. मुझे तो डर लग रहा है.
हीना - डर मत, कल तो तू चली जाएगी, फिर कब ऐसा मौका मिलेगा. मैं तो जब
मर्ज़ी यहा आकर चुदवा लूँगी.. तू डर मत, मैं हू ना, कुछ भी हो जाए आज का
मौका मत छोड़ना.
मैं- हां, ये बात तो है, चलो, जो होगा देखा जाएगा.
हम साधु बाबा का वेट करने लगी.

थोड़ी देर मे वो आए.. आते ही मुझे कुतिया पोज़िशन मे आने को कहा. हीना
मेरे सामने चूत फैला कर लेट गयी. उसकी चूत फूल गयी थी. साधु ने मेरी कमर
पकड़ी और हीना की तरह मेरे कार्यक्रम की शुरूवात हुई. 5 मिनिट तक कोसिस
करने के बाद साधु ने कहा 2 इंच घुस गया है. मेने सोचा इतनी देर मे सिर्फ़
2 इंच. पता नही क्या होगा, कैसे जाएगा पूरा. सोचा अगर नही जाएगा तो इतने
से ही चुदवा लूँगी.

मैं ये सब सोच रही थी कि हीना की तरह मुझे भी कस कर पकड़ा और ज़ोर से
अपने लंड को मेरी गंद मे ठेला. लंड मेरी गंद की दीवारो को चीरता हुआ भीतर
जाता हुआ मालूम हुआ. मेरे मूह से भयंकर चीख निकली. लगा आज दुनिया ख़तम
हो जाएगी. अगर गंद फट गयी तो क्या होगा.. कैसे चलूंगी. घर मे सबको क्या
बताउन्गी, इलाज़ कैसे होगा. मेरी चीख निकले जा रही थी. मेरा मूह लाल हो
गया और आँखो से पानी निकलने लगा.

उसी तकलीफ़ मे मेने पूछा, चला गया क्या? बाबा ने कहा हां चला गया.पर लग
रहा था कि बाबा का लंड मेरी गंद मे फस गया है. अगर वो ज़रा भी हीले तो
गंद की दीवार फट जाएगी. मेने रोते हुए कहा- बस बाबा, बाहर निकालो. मेरा
दम निकल गया.

हीना ने उठ कर मेरी पोज़िशन देखी. वो भी बोली बस हो गया सायरा. एक मिनिट
झेल ले, फिर मज़ा आएगा. मैं दाँत भींच कर ओंधी लेटी रही. जब मेरे को कुछ
रिलॅक्स लगा तो बाबा ने अपना लंड बाहर निकाला, फिर से पकड़ा और ज़ोर का
धक्का लगाया. इस बार पहले से भी ज़्यादा तकलीफ़ हुई और लगा कि मेरी गंद
फट चुकी है. मैं च्चटपटाने लगी.

मेने रोते हुए बाबा से मुझे छोड़ देने की गुज़ारिस की. मेरी हालत देख कर
हीना ने भी बाबा से मुझे छोड़ देने को कहा. बाबा ने बात अनसुनी करके मुझे
हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए. मेरी तो आवाज़ ही रुक गयी थी समझो.
मन मे हुआ कि आज के बाद कभी गंद नही मर्वाउन्गि. आज लास्ट.

मैं अपने सिर को ज़मीन पर टिकाए, अपने घुटनो पर थी, मेरी गंद उपर उठी हुई
थी. और उसमे बाबा का लंड था. चुदाई हो रही थी. मेने कई बार मना किया पर
चुदाई होती रही.. मुझे तो ये रेप लग रहा था. मैं बाबा की पकड़ से निकल भी
नही पा रही थी. लेकिन थोड़ी देर बाद दर्द हल्का होते होते ख़तम हो गया.अब
बाबा ने स्पीड बढ़ा ली. मेने एंजाय करने की कोसिस शुरू कर दी.

मैं- हां बाबा, अब ठीक लग रहा है. आपके दूसरे धक्के मे ज़्यादा दर्द क्यू हुआ बाबा?
बाबा- बेटी, पहले धक्के मे लंड 4 इंच गया था .
मैं- पर अपने तो कहा था पूरा चला गया.
बाबा- अगर नही बोलता तो तुम और डर जाती. पूरा लंड दूसरे धक्के मे गया.
मैं- अभी क्या पूरा जा रहा हे?
बाबा- हां बेटी, अब तो मज़े से जा रहा है पूरा.

मैं- मेरी फट गयी है क्या?
बाबा- नही बेटी, सब ठीक है
मैं- मुझे देखना है.
बाबा- अच्छा, ऐसा करते हैं, मैं तुम्हे गोदी मे उठा लेता हू. लंड
तुम्हारी गंद मे ही रहेगा, निकालूँगा नही. उसी पोज़िशन मे तुम नीचे चलो,

इतना कहकर बाबा ने अपने हाथो मे मुझे उठाया. उनका लंड मेरी गंद मे ही
रहा. वैसे ही सीढ़िया उतरने लगे. हर सीढ़ी पर उतरने के साथ भी उनका लंड
भीतर बाहर हो रहा था. वो अपने कमरे तक गये. वहाँ आईना था. उसके सामने
खड़े होकर मुझे देखने को कहा.

मेने देखा बाबा का लंड मेरी गंद मे एक दम कसा हुआ था. इतना मोटा लग रहा
था. बाबा खड़े हुए थे, मैं उनकी गोदी मे लंड पर बैठी हुई थी और वो लंड
मेरी गंद मे था. बाबा ने मेरे पैर फैला दिए. अब तू लंड और गंद के साथ
मुझे मेरी चूत भी दिखने लगी. उसी पोज़िशन मे बाबा ने मुझे चोदना शुरू कर
दिया.

अब मैं खुद ही अपने गंद मारी जाती हुई सामने आईने मे देख रही थी. बाबा ने
गोदी मे लिए हुए ही मेरी गंद मारनी जारी रखी. उनको मेरा वजन नही लग रहा
था. उस समय मेरा वजन 26 किलो था और बाबा के लिए कोई ज़्यादा नही. मेरी
हाइट भी 3 फुट से थोड़ी ज़्यादा थी. बाबा को तो मैं कोई खिलोना लग रही
हूँगी.

थोड़ी देर बाद बाबा ने मुझको मेरी पीठ के बल लिटाया. मेरे पैर अपने कंधो
पर रखे और मेरी गंद मारने लगे. पता न्ही कितनी देर तक चोद्ते रहे. बाबा
का दो बार पानी निकल चुका था, शायद इसीलिए देरी हो रही थी.. वो तो बाद मे
हीना ने बताया कि करीब पचपन मिनिट तक मेरी गंद मारी गयी है.

खैर लास्ट मे बाबा ने अपना सारा सफेद जूस मेरी गंद मे डाल दिया. और अपना
लंड बाहर खींच के निकाला. आख़िर इतना फसा हुआ जो था. फिर वो रूम से बाहर
गये.
हीना- सायरा आज तो बहुत चुदाई हुई हम दोनो की.
मैं- हां री, इतनी देर और ताक़त से आज पहली बार चुदी हैं हम दोनो.
हीना- हां, देख मेरी तो चूत फूल गयी है.
मैं- हां, अब ऐसी चुदाई पता नही कब मिले.
हीना- हां तेरे लिए प्राब्लम हे. मैं तो अक्सर आ जाया करूँगी यहाँ.
मैं- हां, तेरे तो मज़े हैं. अब चलें यहा से.

हीना के कुछ बोलने से पहले साधु की आवाज़ आई. अभी नही. अभी हीना को एक
बार प्रसाद और मिलेगा. हीना बोली बस बाबा, आज और नही, कल दे देना. बाबा
बोले- प्रसाद की कमी नही है, कल फिर ले लेना.

हमने टाइम देखा. करीब दिन के बारह बाज रहे थे, खेत मे खाना बन गया होगा.
अरे हां, खाना खाने जाएँगे तो वहाँ हरिया और वीरू भी तो हमे चोदेन्गे.
हमने बाबा को कई बार मना किया पर बाबा ने हीना को अपनी गोदी मे बैठा लिया
और उसको समझाने मनाने लगे, उसकी चूत मे उंगली करने लगे और फिर अपना लंड
भी डाल दिया. हीना को उठने नही दिया.

अब लंड भीतर चला ही गया तो एक बार और सही , ये सोच कर हीना चुदवाने
लगी.करीब 40 मिनिट बाद वो फ्री हुई और हम वहाँ से चल दिए खेत की तरफ.
हीना ने बाबा से वादा किया कि वो रोज मंदिर आएगी और उनसे चुदवायेगि. हमने
मंदिर के गेट से अपने कपड़े लिए. सलवार कुरती, उसको पहना, शॉर्ट ड्रेस
प्लास्टिक मे रखी और खेत की तरफ चल दिए. हम दोनो को चलने मे थोड़ी तकलीफ़
थी पर हम खेत पहुच गये.

हम थक चुके थे. खाना खाने के बाद हम आराम करने लगे. इतने मे हरिया और
वीरू आ गये. हमने मना भी किया पर वो दोनो चुदाई के मूड मे थे. हम शाम तक
वाहा रहे.. उस दौरान हमारी कितनी बार चुदाई हुई ये हमे याद नही. हां ये
पक्का है कि मेरे से ज़्यादा हीना की हुई. दोनो ने एक साथ चोदा हीना को
इन एवेरी पासिबल होल.अंधेरा होने के पहले हम घर चले आए. बस यही था वो
इन्सिडेंट जो मेरे साथ उस विलेज मे हुआ. नेक्स्ट डे मैं मा के साथ सहर आ
गयी.
समाप्त

Sadhu Baba kA Chudai Bhara Prasad

Hello.. dosto Ye us samay ki baat hai jab mai apne nana ji k yaha gayi
hui thi. pichli stories me mene apko bataya ki hariya, viru ke sath
masti ki mene aur heena ne. jab agle din ammi ko sadhu se karwate
dekha to hamara bhi man hua. mene aur heena ne plan bana liya ki kal
kya karna he.

Andhera hone par main aur heena ghar wapas aa gaye khet se. khana
wagera khane k baad ham sone ki taiyari karne lage. itne me ammi k
paas mere abbu ka call aaya. kuch der baat hui. fir ammi ne bataya ki
hame parso wapas saahar jana hai. abbu ko kisi kaam se out of station
jana he . yaha nana ki tabiyat theek thi. so parso ka pakka ho gaya.

Sone k samay heena udas ho gayi, boli teri bahut yad ayegi. kal ham
last chudai karwayengi sadhu se. kal ka chance mis na ho jaye, fir
pata nhi kab milna ho. heena ne 2 short skirt nikali. mene unhe pahan
kar dekha. poori jaangh dikhti thi. jara sa jhuko to panty dikhne
lagti thi. heena ne dono book wale bag me rakh li. 2 top nikali jo
skin tight thi. ek polithene ka bag liya, utare hue kapde rakhne k
liye. fir ham so gaye.

Savere uth kar naha dho kar ham dono taiyar ho gaye. fir ammi k pas
gaye. poocha ki aap chalogi kya khet? ma boli nahi, aaj nahi jaungi,
yaha last day he, sabse milungi, samaan pack karungi, etc isi me sara
waqt nikal jayega.

heena ne kaha ki thik he fufi, ham aaj last study kar lete hain. 10
din ki jagah 5 din me ja rahi hain to aaj sham tak study karengi. ammi
na ok kah diya. hamne nasta kiya aur chal diye. din ka khana to khet
me he banna tha. ham dono ne salwar kurta pahna hua tha.. ham khet
pahuch gaye.hariya ne hamko dekh k poocha aaj kya program he bitiya?
heena ne kaha ki uske papa ne kaha he ki shaira ko khet, apni jameen

Mandir pahad sab ghumana he aaj. aur ye sab usey he karna hai. hariya
ne kaha ki agar kahein to wo aur veeru sath chalte hain ghumane. sath
sath chudayi ka karyakram bhi hota rahega. heena ne kaha ki ham din me
aa jayengi, tab karenge ye karyakram. hariya raji ho gaya.ham dono
kamre me gaye. plastic me short skirt, aur tops rakhe aur chal diye.
kafi dur jane k baad jab khet wala makaan dikhna band ho gaya to hamne
apni salwar kurti utar di. short skirt aur top pahan liya. utare hue
kapde bag me rakhe aur mandir ki taraf chal diye.

Thodi der me ham mandir pahuch gaye. mandir k gate k bheetar diwaal me
aala bana hua tha jahan samaan rakh sakte hain, hamne wo polithene
waha rakhi aur mandir me ghus gaye. hamne dekha bheetar wo sadhu betha
hua he. mandir k charo taraf khidkiya thi. jahan se sadhu wo khidki
dekh sakta tha heena us khidki par chali gayi .

Main dusri khidki par gayi. mene heena ko dekha, wo bahar jhuk kar
khidki se pahaad ka najara dekh rahi thi. uske jhukne se adhi se jyada
panty dikh rahi thi. shayad wo jaan kar wese khadi thi. shayad sadhu
ko dikhane k liye. pata nhi sadhu ne dekha ki nahi.

Main dusri khidki par chupchap khadi rahi aur intajar karne lagi ki
dekhte hain aage kya hota he. 5/6 minute me wo sadhu heena ki taraf
jata hua dikhayi diya. usne sirf dhoti pahni hui thi. wo heena k piche
jaa kar khada ho gaya. uski panty aur bums ko dhyan se dekha. itne me
heena mudi to sadhu ne usko bahar ka najara dekhne ko kaha.

Wo heena se sat kar khada ho gaya. ek hath usne heena ki kamar par
rakha. dono bahar dekh rahe thay. uska hath dhire dhire niche ki taraf
aa raha tha. ab uska hath panty par aa gaya. wo waha hath ferne laga,
beech beech me halke se daaba bhi raha tha. heena ne sadhu ko dekha to
wo muskaraya.

Hath ferte hue usne apna hath uski panty me ghusa diya aur chutar
dabane laga. heena ko maja jarur aa raha hoga. shayad is maje ko main
miss na kar du , usne awaz lagayi shaira , yaha aa. sadhu ne hath
bahar nikal liya. wo yahi socha k rakha tha ki wo akeli he,

Main bhi us khidki par pahuch gayi. mene bhi bahar dekhna shuru kiya.
main sadhu ke left side me thi aur heena right me. jab ek minute ho
gayi to mujhe laga ki adhu already heena ki chutar daba raha he. mere
upar sadhu ne hath nahi lagaya. tab mene khud ko sadhu ke samne kiya
aur heena se sat kar khadi ho gayi.

Ab sadhu mere piche tha aur wo heena ki panty me hath daale hue tha.
ye sab hote hote sadhu kab mere piche aa kar sat gaya malum nahi hua.
uska lund mujhe apne bums par chubhta hua mahsoos hua. mene apna left
hand piche kiya jaise mujhe apne piche se kuch hatana ho.

Mere hatho me sadhu ka lund touch hua. wo dhoti se bahar tha. mene
pakad kar chhor diya. fir bahar dekhne lagi. itne me sadhu ne kaha aao
dusri jagah se dikhata hu. ham dono ghume to sadhu ke samne aa gaye,
hame uska lund dikhayi diya.

Heena ne anjaan ban kar poocha- ye kya he baba? sadhu ne kaha ki ye
lund baba hain, ye prasad dete hain. par iske liye tumhe apne
antar-vastra (bheetar ke kapde) utarne honge. yahan koi nahi aata
isliye sharmane ki jarurat nahi he. ham dono ne apni panty utar di. ab
sadhu baba hame mandir ke chhat par le gaye. waha sidhiya chadhte waqt
ham aage thay aur sadhu

Piche. jarur sadhu ko sidhiya chadhte samay hamari chut aur gand dikh
rahi hogi.khair, ham sab chhat par aa gaye, ham waha se najara dekhne
lage. baba ne ham dono ki chutar khoob dabayi. mene aur heena ne ek
dusre ko dekha. heena ne aankho se ishara kiya jiska matlab tha, ab
baba ji ko pakate hain.

Heena- baba, aap hame kyu daba rahe ho?
baba- kya tumhe achha nahi lag raha?
heena- lag raha he baba, par ham nangi ho gayi he na.
baba- tabhi to maja milega. (ye kahkar baba ne dhoti se apna lund bahar nikala)

Heena- ye kya he baba?
baba- bataya to tha ye prasad deta he.
heena- par ye prasad kyu deta he.
baba- jisse sabka jeevan safal ho.
heena - ye prasad kab deta he?
baba- jab iska aadar kiya jaye to ye prasad deta he.

Heena- kya hame bhi milega prasad?
baba- jarur milega. (ye kahkar baba ne heena ka hath pakad k apne lund
par rakh diya)
heena- haye allah, ye to bahut garam he.. kyu ?
baba- ye prasad dena chahta he isliye.
heena- par ham dono muslim he. hame milega prasad?
baba- ishwar ke darbar me sab bhakt hain, koi jaat nhi, sabko milega prasad.
heena- thik he baba, hame bhi prasad do. kaise pooja karni he?

Baba- pahle isko kuch der tak aage piche hilao, dabao.
(heena bade prem se baba k lund ko hilane lagi, uske ball ko bhi sahlane lagi)
baba- wah beti, bahut achhe, apni bahan ko bhi ye mauka do.
(heena ne mujhe ishara kiya, mene bhi wo lund apne hath me liya.
shayad viru se ikkis he hoga wo)
main- baba ji, ye to bahut mota he, kya sabka aisa he hota he?
baba- nahi beti, ham roj iski tel se malish karte hain, isliye ye aisa he.

Main- achha. (ye kahkar main aur heena dono bari bari se lund masalne
lagi.. baba late gaye aur ham dono unke aaju baju baith kar lund se
khelne lage. kafi der ye sab chalta raha)
baba- bas betiyon, ab tum dono ko isey pyar karna he, chumma dena hai,
choosna hai.

Itna sunte he heena ne wo lund apne muh me le liya aur chusne lagi.
achhi tarah chusne k baad usne wo mujhe de diya. ab main choose rahi
thi. kabhi heena, kabhi main bari bari se chusti rahi.

Baba- tum dono apna naam batao.
heena- ye shaira he aur main heena.
baba- achha heena beti. tum jis tarah se choose rahi ho wo 2 ya 3 inch
tak chus rahi ho. agar tum isko poora apne muh me le sako to ye khus
ho jayega.
heena- par ye poora kaise jayega muh me.
baba- ye gale tak jayega. muh se hokar ye bheetar jate jayega aur gale
tak pahuchega. ghabrana nhi, kuch nhi hoga.

Heena ne achha bol he kosis ki par wo 4 inch se jyada nhi gaya. tab
baba ne lete lete heena ko apne upar kar liya. heena ka muh apne lund
ki taraf aur chut apne muh k pas. heena ki taang faila kar baba uski
chut chusne lage. heena ne bhi baba ka lund muh me le liya tha. kosis
karte karte 4 - 5 inch chala gaya.
baba- sabash beti. apna muh poora kholo, main tumare gale tak pahucha dunga.

Ye kah kar baba ne niche se jor lagaya aur heena k sir ko lund ki
taraf dabaya. mene saaf dekha, poora lund heena he muh me chala gaya.
heena ka muh khula hua tha aur baba ke lund ki sirf ball dikh rahi thi
heena k muh ke bahar. 5 second me baba ne lund bahar kar liya.

Baba- kaisa laga beti heena.
heena- pahli bar liya mene . poora gale me tha, lag raha tha ki saans
ruk jayegi.
baba- wo to hai par achha laga ya nahi.
heena- ha baba, achha laga. lag raha tha poori duniya mere muh me he
aur sirf lund ki ball bahar he. bahut achhi feeling thi.

Baba- thik he. ab tum apni chut mere muh par rakho aur meri taraf
ghoom jao. beti shaira ab tum lund ko apne muh me lo aur apni bahan
heena ki tarah try karo.
main - jo aagya baba.

Heena apni chur baba k hoth par tika di. baba uski chut ko chat rahe
thay. apni jeev usme ghusa rahe thay. heena ko maja aa raaha tha. wo
hil hil ke apni chut baba k muh par ragad rahi thi. mene baba ke lund
ko apne muh me le liya. kafi kosis ki par wo mere gale tak nahi gaya.
dar bhi lag raha tha. kareeb 15 minute chusne ke baad baba ne kaha.
baba- tum dono utho aur apna muh khol ke baith jao. prasad milne wala he.

Ham dono baith gayi aur upar karke apna muh khol liya. baba apna lund
hamare muh ke pas aa kar joro se hilane lage. lund ki chamri aage
piche ho rahi thi aur gore rang ke lund ki gori top bar bar dikh rahi
thi. bahut sundar lag raha tha. achanak baba ne apna lund heena k muh
se sata diya. usme se pichkari jaisi nikli juice ki.

Pahli pichkari heena ko mili, dusri mujhe. ab baba ham dono k muh me
thoda thoda daal rahe thay. kuch der baad jab juice khatam hua to hame
wo pine ko kaha.. ham ne wo juice gatak liya. tasty to tha he par
jyada bhi tha.
baba- thodi der me ham asli pooja shuru karenge. bolo kon sath dega mera.
heena- baba main dungi.
baba- aur shaira bitiya?
heena- baba, usko aap piche me prasad dena. mujhe dono jagah dena.
baba- thik he bachhiyo.

Sadhu baba, niche chale gaye, ham dono chhat par late kar baat karne
lagi. sardiyo ka mausam tha, thandi hawa bhi thi aur halki si dhoop
bhi thi. hamne sirf top pahna hua tha. niche kuch nahi. ham dono bahne
ek dusre ki kamar par taang rakhe hue thi aur apas me baat kar rahi
thi ki ab kya hoga, kaisa hoga. hame dhyan he nahi raha ki kab sadhu
baba chhat par aa gaye thay aur hame dekh rahe thay.

Main- arey baba,,, aap ? kab aaye?
baba- main to aa gaya tha pahle, tum bahne apas me baat kar rahi thi.
main tum dono ki chut aur gand ke darshan kar raha tha.
sadhu baba is waqt ek yellow rang ka baniyan pahne hue thay. niche
kuch nahi tha. jab hamari najar unke lund par padi to unhone apne lund
ko apne hatho se sahlana start kiya.

Heena- baba, apka lund to kafi bada he. kya ye hamri chhoti si kachhi
chut ya gand me jayega?
baba- jarur jayega beti, ye isiliye to bana he. agar dard ho to jor se
chilla sakti ho.. wese bhi yahan koi aane ya sunne wala nahi he.
heena- hame dar lag raha he baba. agar hamari chut ya gand fat gayi to
ghar wale kya karenge ?
baba- shaira ka dhyan rakhna padega mujhe.. wese tumari chut aur
shaira ki gand me ja sakta he ye. jyada takleef nahi hogi.

Baate karte karte sadhu ka lund tight ho gaya. usne heena ko ek tel ki
sisi di aur lund par tel lagane ko kaha. heena ne tel lagaya achhe se.
ab sadhu ne heena ko chaupaya ki tarah banaya . apne hatho se uski
patli kamar pakdi. heena ka muh jameen par tha. sadhu ne mujhe heena k
muh ke niche ulta letne ko kaha apni gand heena ke muh ki taraf karne.
main late gayi to heena ka muh mere gand ke chhed par aa gaya.

Udhar sadhu ne heena ke chut me piche se lund tikaya aur halka sa
dhakka diya. mene baba se kaha ki mujhe batate rahiye kya ho raha he.
baba ne bataya topi bheetar chali gayi. shayad fir ek dhakka laga. wo
mujhe aise malum tha ki har dhakke se heena ka muh mere gand par thoda
aage ho jata.

Isi tarah halke halke dhakke lagte rahe aur baba ne bataya ki adha
lund bheetar chala gaya he. ab baba thoda ruke. heena ko kas kar
pakda. apne lund ko topi tak bahar kheencha aur ek jor ka dhakka
maara. heena ke muh se cheekh nikal gayi... mmaaaaaa... mar gayiiii.

Heena ne apne daant mere chutar par laga diye aur mere chutar uske
daanto me, usne apne daanto ko bheench liya. mere chutar par heena ke
kaatne se meri bhi cheekh nikal gayi.. mene poocha kya hua baba? baba
ne bataya ki tumari badi bahan ne mera poora lund le liya he. ek
minute tak rukne k baad dhakke lagne shuru ho gaye.

Har dhakke ke sath meri bhi gand ki chatayi ho rahi thi heena k muh
se. ab sab system me aa gaya tha. heena ki chut ki chudayi hone lagi.
ab main niche se uth gayi aur heena ki chudayi dekhne lagi. aisa lag
raha tha ki kisi bhukhe sher ko kai din baad uska khana mila he.
jabardast shots lag rahe thay aur heena ka sarir bahut teji se hil
raha tha.

Mene dekha baba ab poora lund bahar nikaal ke ek khatke me poora ghusa
de rahe hain.. heena bas aaahhh aaah aaah aaaah aaaah aaaah kar rahi
thi har dhakke ke sath. baba k lund ki ball bhi heena se takra rahi
thi.. main soch rahi thi ki iske baad mera number hai. kareeb aadhe
ghante tak heena chudti rahi. ab uske muh se awaaz kam nikal rahi thi.

Last me sadhu baba ne speed badha ke apna sara juice heena ki chut me
chhor diya. do minute tak juice bhetar nikalne k baad sadhu ne apna
lund bahar kheench liya. heena ke sarir me dam nahi raha, wo usi
position me leti rahi. baba ne kaha heena beti, tum shaira ko taiyar
karo, main aata hoon abhi. wo niche utar gaye.

Main heena k paas gayi , poocha- kya hua heena.
heena- aaj to bhayankar chudayi hui.
main - haan dekha mene. mujhe to dar lag raha he.
heena - dar mat, kal to tu chali jayegi, fir kab aisa mauka milega.
main to jab marji yaha aakar chudwa lungi.. tu dar mat, main hu na,
kuch bhi ho jaye aaj ka mauka mat chhorna.
main- haan, ye baat to he, chalo, jo hoga dekha jayega.
ham sadhu baba ka wait karne lagi.

Thodi der me wo aaye.. aate he mujhe kutiya position me aane ko kaha.
heena mere samne chut faila kar late gayi. uski chut ful gayi thi.
sadhu ne meri kamar pakdi aur heena ki tarah mere karyakram ki
shuruwat hui. 5 minute tak kosis karne k baad sadhu ne kaha 2 inch
ghus gaya he. mene socha itni der me sirf 2 inch. pata nhi kya hoga,
kaise jayega poora. socha agar nahi jayega to itne se he chudwa lungi.

Main ye sab soch rahi thi ki heena ki tarah mujhe bhi kas kar pakda
aur jor se apne lund ko meri gand me thela. lund meri gand ki diwaro
ko cheerta hua bheetar jata hua malum hua. mere muh se bhayanka r
cheekh nikli. laga aaj duniya khatam ho jayegi. agar gand fat gayi to
kya hoga.. kaise chalungi. ghar me sabko kya bataungi, ilaz kaise
hoga. meri cheekh nikli ja rahi thi. mera muh laal ho gaya aur ankho
se pani nikalne laga.

Usi takleef me mene poocha, chala gaya kya? baba ne kaha haan chala
gaya.par lag raha tha ki baba ka lund meri gand me fas gaya he. agar
wo jara bhi hile to gand ki diwar fat jayegi. mene rote hue kaha- bas
baba, bahar nikalo. mera dam nikal gaya.

Heena ne uth kar meri position dekhi. wo bhi boli bas ho gaya saira.
ek minute jhel le, fir maja aayega. main daant bheench kar ondhi leti
rahi. jab mere ko kuch relax laga to baba ne apna lund bahar nikala,
fir se pakda aur jor ka dhakka lagaya. is baar pahle se bhi jyada
taklif huiaur laga ki meri gand fat chuki he. main chhatpatane lagi.

Mene rote hue baba se mujhe chhor dene ki gujaris ki. meri halat dekh
kar heena ne bhi baba se mujhe chhor dene ko kaha. baba ne baat ansuni
karke mujhe halke halke dhakke lagane shuru kar diye. mere to awaz he
ruk gayi thi samjho. man me hua ki aaj ka baad kabhi gand nahi
marwaungi. aaj last.

Main apne sir ko jameen par tikaye, apne ghutno par thi, meri gand
upar uthi hui thi. aur usme baba ka lund tha. chudayi ho rahi thi.
mene kai bar mana kiya par chudayi hoti rahi.. mujhe to ye rape lag
raha tha. main baba ki pakad se nikal bhi nhi pa rahi thi. lekin thodi
der baad dard halka hote hote khatam ho gaya.ab baba ne speed badha
li. mene enjoy karne ki kosis shuru kar di.

Main- haan baba, ab thik lag raha he. apke dusre dhakke me jyada dard
kyu hua baba?
baba- beti, pahle dhakke me lund 4 inch gaya tha .
main- par apne to kaha tha poora chala gaya.
baba- agar nahi bolta to tum aur dar jati. poora lund dusre dhakke me gaya.
main- abhi kya poora ja raha he?
baba- haan beti, ab to maje se jaa raha he poora.

Main- meri fat gayi he kya?
baba- nahi beti, sab theek he
main- mujhe dekhna he.
baba- achha, aisa karte hain, main tumhe godi me utha leta hu. lund
tumari gand me he rahega, nikalunga nahi. usi position me tum niche
chalo,

Itna kahkar baba ne apne hatho me mujhe uthaya. unka lund meri gand me
he raha. wese he sidhiya utarne lage. har sidhi par utarne k sath bhi
unka lund bheetar bahar ho raha tha. wo apne kamre tak gaye. waha
aaina tha. uske samne khade hokar mujhe dekhne ko kaha.

Mene dekha baba ka lund meri gand me ek dam kasa hua tha. itna mota
lag raha tha. baba khade hue thay, main unki godi me lund par baithi
hui thi aur wo lund meri gand me tha. baba ne mere pair faila diye. ab
tu lund aur gand ke sath mujhe meri chut bhi dikhne lagi. usi position
me baba ne mujhe chodna shuru kar diya.

Ab main khud he apne gand maari jati hui samne aaine me dekh rahi thi.
baba ne godi me liye hue he meri gand marni jaari rakhi. unko mera
wajan nahi lag raha tha. us samay mera wajan 26 kg tha aur baba ki
liye koi jyada nahi. meri height bhi 3 foot se thodi jyada thi. baba
ko to main koi khilona lag rahi houngi.

Thodi der baad baba ne mujhko meri peeth ke bal letaya. mere pair apne
kandho par rakhe aur meri gand marne lage. pata nhi kitni der tak
chodte rahe. baba ka do bar pani nikal chuka tha, shayad isiliye deri
ho rahi thi.. wo to baad me heena ne bataya ki kareeb pachpan minute
tak meri gand mari gayi he.

Khair last me baba ne apna sara safed juice meri gand me daal diya.
aur apna lund bahar kheench ke nikala. akhir itna fasa hua jo tha. fir
wo room se bahar gaye.
heena- saira aaj to bahut chudayi hui ham dono ki.
main- haan re, itni der aur takat se aaj pahli baar chudi hain ham dono.
heena- haan, dekh meri to chut fool gayi he.
main- haan, ab aisi chudayi pata nahi kab mile.
heena- haan tere liye problem he. main to aksar aa jaya karungi yahan.
main- haan, tere to maje hain. ab chalein yaha se.

Heena k kuch bolne se pahle sadhu ki awaz aayi. abhi nahi. abhi heena
ko ek bar prasad aur milega. heena boli bas baba, aaj aur nahi, kal de
dena. baba bole- prasad ki kami nahi he, kal fir le lena.

Hamne time dekha. kareeb din k barah baj rahe thay, khet me khana ban
gaya hoga. arey haan, khana khane jayenge to wahan hariya aur viru bhi
to hame chodenge. hamne baba ko kai baar mana kiya par baba ne heena
ko apni godi me betha liya aur usko samjhane manane lage, uski chut me
ungli karne lage aur fir apna lund bhi daal diya. heena ko uthne nahi
diya.

Ab lund bhitar chala he gaya to ek bar aur sahi , ye soch kar heena
chudwane lagi.kareeb 40 minute baad wo free hui aur ham waha se chal
diya khet ki taraf. heena ne baba se wada kiya ki wo roj mandir aayegi
aur unse chudwayegi. hamne mandir ke gate se apne kapde liye. salwar
kurti, usko pahna, short dress plastic me rakhi aur khet ki taraf chal
diye. ham dono ko chalne me thodi taklif thi par ham khet pahuch gaye.

Ham thak chuke thay. khana khane k baad ham araam karne lage. itne me
hariya aur viru aa gaye. hamne mana bhi kiya apr wo dono chudaayi k
mood me thay. ham sham tak waha rahe.. us dauran hamari kitni bar
chudayi hui ye hame yad nahi. haan ye pakka he ki mere se jyadaa heena
ki hui. dono ne ek sath choda heena ko in every possible hole.andhera
hone k pahle ham ghar chale aaye. bas yahi tha wo incident jo mere
sath us village me hua. next day main maa k sath sahar aa gayi.

--
Raj sharma

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