Friday, July 22, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..59

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..59


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अब आगे
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होटल पहुँचकर उसने नीचे से ही फोन करके बता दिया की वो आ चुका है.

अपने रूम के बाहर पहुँचकर उसने बेल बजाई तो अंदर से रिया की सेक्सी आवाज़ आई : "दरवाजा खुला है जीजू....आ जाओ..''

उसे इस वक़्त उसका "जीजू" इतना सैक्सी लग रहा था की उसके लंड ने अपन अकड़ दिखानी शुरू कर दी.

वो दरवाजा खोल कर अंदर आ गया...

पर ये क्या...
कमरे में तो अंधेरा था...
सिर्फ़ बाथरूम से हल्की रोशनी निकल कर बाहर आ रही थी...जहां अजय खड़ा था..

अंदर से फिर आवाज़ आई : "जीजू....आप अपने कपड़े वहीं उतार कर बाथरूम में जाओ...और नहाने के बाद सिर्फ़ टावल में ही बाहर आना...''

अजय को थोड़ा अजीब लगा रिया का ये रवैय्या..

उसकी आवाज़ में थोड़ा कड़कपन सा था...जैसे कोई हुक्म सुना रही हो.

वो तो ऐसे डोमिनेटिंग नेचर वाली थी ही नही, फिर क्यों वो उसपर हुक्म चला रही है...
पर फिर भी उसे उसका ये अंदाज पसंद आया...

उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए...
कमरा ए सी की वजह से बिल्कुल ठंडा हुआ पड़ा था...
जैसे-2 वो कपड़े उतार रहा था, उसके रोँये खड़े हो रहे थे...
लंड तो पहले से ही खड़ा था.

वो बोला : "तुम भी आओ ना....एक साथ नहाएँगे...''

उसकी खिलखिलती हुई सी आवाज़ आई : "अभी नही ना जीजू.... बाद में .. अभी आप जल्दी से नहाकर वापिस आओ...''

अजय भी अपना प्रोग्राम शुरू करने के लिए मरे जा रहा था...
वो अपना खड़ा हुआ लंड अपने हाथ से मसलता हुआ बाथरूम में घुस गया...

शावर चला कर उसने अपने पूरे शरीर पर शावर जैल लगाया और उसका पूरा शरीर खुश्बू से नहा उठा...और फिर वो जल्दी से टावल लपेट कर बाहर आ गया.

धीरे-2 चलता हुआ वो आगे गया. उसके पूरे शरीर में रोमांच सा भरा हुआ था..

और तभी रिया ने लाइट जला दी...
पूरा कमरा रोशनी से नहा उठा..
और तब उसे सामने खड़ी हुई रिया दिखाई दी...

और वो भी एकदम नंगी.



अपने नंगे शरीर की नुमाइश करते हुए उसे ज़रा भी शर्म नही आ रही थी... और आए भी क्यों, वो यहां शरमाने के लिए थोड़े ही आई थी...


बड़ी ही अदा से वो अपनी कमर को मटका कर अपना छरहरा नंगा बदन अपने प्यारे जीजू को दिखा रही थी

उसके नंगे बदन को उपर से नीचे तक निहारने के बाद अजय से कंट्रोल करना मुश्किल हो गया और उसने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया...
भले ही कमरा पूरा ठंडा था
पर रिया का बदन बहुत गर्म था....
ऐसा मखमली एहसास उसे आज तक कभी नही मिला था...
अपनी नंगी साली को अपनी बाहों में भरकर उसने उसे अपने सीने से रगड़ डाला..
नरम मुलायम छातियों को अपने शरीर से रगड़ने का एहसास अलग ही होता है , उसका कोई मुकाबला नही.

''आआआआआआआआआआआआआअहह ओह जीजू....... आई लव यू .....''

इतना कहते हुए रिया ने अपने प्यारे जीजू के होंठों पर अपने होंठ रखे और उन्हे चूसने लगी...

चूसने क्या लगी तो वो टूट ही पड़ी उनपर...

ऐसे पागलपन से वो अजय के होंठों को चूस रही थी जैसे वो उन्हे कच्चा ही चबा जाएगी...

उसके अंदर की आग ने ही उसके शरीर को इतना गर्म कर दिया था की वो हुंकारे मार-मारकर और हुमच-2 कर अपना शरीर और नन्हे मुम्मे अजय के सीने से घिस रही थी और उसे चूम रही थी.

अजय को कुछ करने की ज़रूरत ही महसूस नही हुई...

वो आराम से खड़ा हुआ रिया से अपने होंठ नुचवाता रहा...


रिया का हाथ नीचे गया और उसने टावाल के उपर से ही अजय के लॅंड को पकड़ लिया...

''ओह जीजू..... उम्म्म्मममममममममममम....... .कितना लंबा लग रहा है ये तो......''

अजय भी उसके कानो को मुँह में लेकर चुभलाता हुआ बोला : "अभी तो ये तेरी चूत में जाएगा मेरी जान.... तब पता चलेगा की ये कितना लंबा है....''

ये सुनकर तो वो बावरी सी हो गयी...
और अजय के गाल और गर्दन पर काटने लगी...
जैसे पागल बिल्ली हो.

और अजय को बेड की तरफ धक्का देते हुए बोली : "पहले तो इसे मैं अपने मुँह में लूँगी.... बाद मे डालना इसे जहां मर्ज़ी हो आपकी.....''

वैसे अजय भी यही चाहता था....

रिया ने उसका टावल निकाल कर फेंक दिया और अब वो भी रिया की तरह पूरा नंगा उसके सामने था.

रिया के तो मुँह में पानी आ गया अजय का लंड देखकर...

उसने उसे अपनी जीभ से चाट लिया  


हालाँकि वो पहले भी उसका स्वाद चख चुकी थी, पर उसे एक बार फिर से मुँह मे लेने की ललक उसे पागल सा किए जा रही थी...

उसने अपनी जीभ के कोने से उसने लंड के छेद को छुआ

''आआआआआआआआआआआआआहह रिया........ मेरी ज़ाआाआआआअंन्न''

वो फुसफुसाई : "आप जब मुझे जान बोलते हो ना तो मुझे बहुत अच्छा लगता है....''

अजय ने उसके गालों को सहलाया और बोला : "जान तो तू है ही मेरी.... मेरी सबसे प्यारी साली है तू..... और मुझे जान से प्यारी भी है तू...''

बस फिर क्या था.... रिया की गाड़ी के लिए इतना पेट्रोल बहुत था आज की रात पूरी तरह से अपने जीजू की बन जाने के लिए...

उसने अपना मुँह खोला और अजय के लंड को अपने मुँह के हाइवे पर रखकर दौड़ा दिया...


रिया की गर्म जीभ, पैने दाँत, गर्म साँसे और नर्म होंठों ने उसके लंड को किसी राजा की तरह ट्रीट करना शुरू कर दिया...

और वो अजय के लंड को उपर से नीचे तक चूसने लगी....

कभी उसके टोपे को मुँह में लेकर चुभलाती

तो कभी उसकी बॉल्स को...


ऐसा करते-2 उसने अपनी थूक से उस लौड़े को उपर से नीचे तक नहला डाला..

उसके चूसने की पावर ही इतनी तेज थी की अजय से कंट्रोल करना मुश्किल हो गया...

वो बोला : "रियाssssssss आआआआअ........ मेरा निकलने वाला है..... आई एम कमिंग.......''

उसका इतना कहना था की रिया ने अपना मुँह पूरा खोलकर उसके सामने थाली की तरह सज़ा दिया और बोली : "यसस्स जीजू..... म्म्म्म्म्म ..... कम ओंन माय फेस....... आई लव टू ड्रिंक योर कम''

रिया ये बात पहले भी उसे बता चुकी थी की उसे अजय के वीर्य का स्वाद बहुत पसंद है....
इसलिए आज भी वो अपनी प्यास उससे बुझा लेना चाहती थी.

अजय ने भी बिना देरी किए अपने लंड की पिचकारियों से उसे नहलाना शुरू कर दिया...


एक के बाद एक कई सफेद लकीरों ने रिया के चेहरे पर उसकी होने वाली चुदाई की भविष्यवाणी लिखनी शुरू कर दी...

रिया ने वो सारा माल अपनी उंगलियों से इकट्ठा किया और उसे अपने मुँह में लेकर निगल गयी....
बाद मे उसने अपना खाली मुँह दिखाकर अजय को बताया भी की वो सारा माल खा गयी है.

अजय मुस्कुरा दिया.

अब अजय को उसकी चूत चूसकर उसे चुदाई के लिए तैयार करना था..


और इसके लिए उसने रिया को बेड पर पटक दिया..

अब उसकी कुंवारी चूत उसके सामने थी...
जो उपरवाले की कारीगरी का उत्कर्ष नमूना थी
अजय ने अपने अंगूठे से उसकी चूत की परतों को फेला कर अंदर का रंगीन नज़ारा देखा..


उसे संकरी चूत में उसका मटर दाना नज़र आ गया....
दाना क्या नज़र आया उसे अपना लक्ष्य नज़र आ गया..

अजय ने उसकी टांगे फेला दी और उनके बीच अपना मुँह घुसेड़ दिया..

नरम चूत पर अपने जीजू के गर्म होंठों के एहसास से रिया सिसक उठी

''आआआआआआआआआआआआहह जीजू........... मेरी ज़ाआाआआनssssss ''

वो भी अपने जीजू को 'जान' कहकर उन्हे अपने प्यार का सबूत दे रही थी..

अजय ने रिया की चूत की परतों को अपनी जीभ से साइड करते हुए उसके दाने पर उसे रगड़ा....
और फिर एक गहरी साँस लेकर अपने होंठों को उसकी चूत के अंदरूनी भाग पर लगा दिया और जोरों से उसे सक्क करने लगा....रिया को तो ऐसा लगा की उसके जीजू उसकी चूत के थ्रू उसकी आत्मा निकाल कर अपने मुँह में खींच रहे हैं...

उसका पूरा शरीर झंझणा उठा....
मचल उठी वो ऐसे
जैसे कोई करंट लगा रहा हो उसकी टाँगो के बीच..


उसने अजय के बालों को पकड़ कर अपनी चूत पर किसी खीरे की तरह घिस डाला...

अजय की जोरदार पकड़ ने उसे ज़्यादा हिलने डुलने का मौका ही नही दिया...
वो बेचारी कसक कर अपनी काँपती टाँगो को अजय के सिर के चारों तरफ लपेटने के अलावा कुछ कर ही नही पाई..अजय उसकी चूत को बड़ी ही बेरहमी से चूस रहा था, जिसमें उसे एक अलग ही आनंद आ रहा था

और सच में
आज जैसी चुसाई उसकी चूत की कभी नही हुई थी....
ना तो अजय ने पहले उसे इस तरह से चूसा था
और ना ही उसकी बहन पूजा ने....


और सबसे बड़ी बात ये थी की आज वो खुलकर अपनी चूत चुस्वाई को एंजाय भी कर रही थी....
और ज़ोर से चीखें भी मार पा रही थी...
जो अपने घर मे रहकर वो आज तक नही कर पाई थी.


''आआआआआआआआआआआअहह जीजू...... सक मी हाआआाआरड् ...... यसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... चूसो मेरी पुस्सी को..... मेरी चूत को....... चाटो इसे अंदर तक..... चाटो मेरी फुददी..... ओह यसस्स... मेरे जीजू..... यस्स....... अहह ज़ोर से सकक् करो ना....... बुझा दो अंदर की ये आग .....उम्म्म्ममममममममम ऑश माय गॉड ...... वॉट ए फीलिंग जीजू...... यू आर सोssssss गुड ...... उम्म्म्ममममम...... आई एम कमिंग जीजू...... आई एम कमिंग......''

और जैसी पिचकारियाँ अजय ने अपने लंड से निकाल कर रिया का चेहरा रंगा था, ठीक वैसे ही रिया ने अपनी चूत के रस से उसके चेहरे को नहला दिया.

हिसाब बराबर.

और रिया की तरह अजय को भी उसकी चूत के रस का स्वाद बहुत पसंद था...
वैसे भी कुँवारी चूत के रस का तो कोई मुकाबला ही नही है...
अपनी जीभ और होंठो से वो उसकी चूत के हर हिस्से पर फिसल रही बूँदों को इकट्ठा करके चाट गया....


रिया ने उसे अपनी टाँगो के बीच से उठा कर उपर खींच लिया और दोनो एक बार फिर से एक गहरी स्मूच में डूब गये..

रिया ने खाने का ऑर्डर पहले से दे रखा था....
उसने फोन करके वो मंगवा लिया...
वेटर के आने से पहले अजय ने कपड़े पहन लिए पर रिया चादर मे नंगी ही घुस गयी, उसने अपना पूरा शरीर ढक लिया, सिर्फ़ गर्दन बाहर निकली रही.....और जब वेटर अंदर खाना रख रहा था तो अजय उसे देखकर मुस्कुरा रहा था... ऐसी शरारत तो प्राची ने भी नही की थी अपने हनिमून में ...

उसके जाने के बाद रिया बाहर निकल आई और नंगी ही खाना खाने में लग गयी.
भूख तो काफ़ी लगी थी उन्हे...

और वैसे भी पूरी रात पड़ी थी उनके पास.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 











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