हिंदी सेक्सी कहानियाँ
लवली फ़ोन सेक्स --39
गतांक से आगे ...........
मैं लगभग भागते हुए दरवाजे के पास गया और उसे थोडा सा खोलकर बाहर की और देखा..मेरे कमरे और ड्राईंग रूम के बीच एक स्टोर रूम और बाथरूम है, और उसके बाड़ बीच में में सोफे के ऊपर बैठी हुई कनिष्का को जब मैंने देखा तो देखता ही रह गया..एकदम परी जैसी थी वो, पिंक कलर के सूट में वो बार्बी की गुडिया जैसी लग रही थी...एकदम गोरी, छाती भी पूरी भरी हुई, और बाल कंधे से थोडा नीचे तक थे..मैं उसे निहार रहा था की तभी मेरे पीछे से अंशिका के हाथ आगे की तरफ आकर मुझसे लिपट गए और उसके सोफ्ट सी ब्रेस्ट मेरी नंगी कमर के ऊपर रगड़ खाने लगी..अंशिका ने मेरे दोनों निप्पल पकड़कर उन्हें मसलना शुरू कर दिया, मुझे थोड़ी गुदगुदी सी हो रही थी, और साथ ही साथ उसने अपने गीले होंठो से मेरी पीठ पर अनगिनत किस्सेस करनी शुरू कर दी.
ड्राईंग रूम के दूसरी तरफ किचन थी..मम्मी वहां खड़ी हुई चाय बना रही थी..और साथ ही साथ कनिष्का से कुछ बाते भी कर रही थी, कनिष्का का ध्यान मेरे कमरे की तरफ ही था, उसकी बहन जो अंदर थी, पर वो अपना काम अच्छी तरह से कर रही थी, मम्मी से गप्पे लगाकर उन्हें उलझाये रखने का..वो क्या बात कर रहे थे, मुझे सुनाई तो नहीं दे रहा था, पर बीच-२ में दोनों के हंसने की आवाजें जरुर सुनाई दे रही थी..कनिष्का जब भी मेरे कमरे की तरफ देखती तो मुझे डर लगने लगता की कहीं उसे मैं खड़ा हुआ तो दिखाई नहीं दे रहा, पर वो काफी दूर थी, और इतनी दुरी से दरवाजें में थोड़ी सी दरार को देखना लगभग नामुमकिन था..मुझे भी अब इस नए अड्वेंचर में मजा आने लगा था..खासकर अंशिका के "सॉरी" बोलने के तरीके पर
अब अंशिका का हाथ मेरी छाती से फिसलता हुआ नीचे की और आने लगा..और उसने फिर से मेरा लंड पकड़ लिया..और अगले ही पल दुसरे हाथ से उसने मेरा टावल खोल दिया..टावल मेरी टांगो के बीच आकर गिर गया और मेरा लंड अंशिका के हाथ में आ गया..
मैं अपने कमरे के दरवाजे में अब नंगा खड़ा हुआ था, और बाहर मेरी मम्मी और उसकी बहन थी, पर उसे इन बातों से जैसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था...वो तो बस "सॉरी" बोलने में लगी हुई थी..मैं तो नंगा था पर मुझे मालुम था की वो यहाँ नंगी नहीं हो सकती थी..पर अब मेरे जिस्म में भी अजीब सी तरंगे उठने लगी थी, मैं एकदम से उसकी तरफ घुमा और उसके होंठों को अपने होंठों से जकड कर जोरों से चूसने लगा...उसके गीले मुंह से निकलता सारा रस मेरे मुंह में जाने लगा, उसके होंठों का नमपन आज कुछ ज्यादा ही मीठा लग रहा था..मेरे दोनों हाथ उसकी छाती पर जम गए और उन्हें मसलने लगे, सूट और ब्रा पहनने के बावजूद उसके खड़े हुए निप्पल मुझे साफ़ महसूस हो रहे थे.
अंशिका भी हलकी -२ आवाजें निकलती हुई अपने शरीर को मेरे नंगे बदन से रगड़ रही थी..उसके दोनों हाथ मेरे लंड के ऊपर जमे हुए थे..और वो उन्हें काफी तेजी से आगे-पीछे कर रही थी..
मुझे लगा की अगर उसने एक-दो और झटके दिए तो मैं तो गया काम से...मैंने झट से उसके कंधे पर दबाव डाला और उसे नीचे बिठा दिया...और अगले ही पल मेरा पूरा लंड उसके मुंह के अंदर था..
अह्ह्ह्हह्ह .... यस बेबी ...सक मी....सक मी....हार्ड.....
मैंने दिवार से टेक लगाकर नीचे पंजो के बल बैठी अंशिका के मुंह में अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया..और सर घुमाकर बाहर की और देखा कहीं कोई आ तो नहीं रहा..
मम्मी चाय बनाकर ले आई थी..और उन्होंने मुझे बाहर से ही आवाज लगायी..."विशाल्ल्ल....ओ विशाल...बेटा बाहर आओ, चाय बन चुकी है.."
मेरे लंड से एकदम से में ऐसा प्रेशर बन गया की किसी भी पल बाड़ आ सकती थी.....मैं वहीँ दरवाजे में खड़ा हुआ चिल्लाया..."कमिंग...आई एम् कमिंग....." और अगले ही पल मेरे लंड से पिचकारियाँ निकल-२ कर अंशिका के मुंह में जाने लगी...
अब बेचारी कनिष्का और मम्मी को थोड़े ही मालुम था की मैंने "कमिंग" किसलिए बोला था...
अंशिका ने मेरा सारा माल चूस-चूसकर पी लिया..और ऊपर की तरफ देखकर अपने उसी अंदाज में बोली...यम्मी...
मैंने उसे जल्दी से बाहर जाने को कहा, वो अपने रुमाल से चेहरा साफ़ करती हुई बाहर की और चली गयी..
बाहर जाकर उसकी आवाज मुझे सुनाई दी "आंटी...विशाल आ रहा है बस..."
और वो बैठकर अपनी बहन से खुसर फुसर करने लगी.
मैंने बिजली की तेजी से कपडे पहने और एक मिनट के अंदर ही मैं भी बाहर आ गया..
कनिष्का ने जब मुझे देखा तो वो मंत्रमुग्ध सी मुझे देखती हुई उठ खड़ी हुई..
अंशिका : विशाल, ये है मेरी सिस्टर..कनिष्का, इसी के एडमिशन के लिए मैंने तुमसे बात करी थी..
मैं भी कनिष्का की सुन्दरता देखकर अपनी सुध बुध खो सा बैठा..अंशिका की बात सुनकर मैं थोडा मुस्कुराया और कनिष्का की तरफ हाथ बढाकर कहा "हाय..कनिष्का, हाव आर यु..."
कनिष्का ने भी अपना हाथ मुझे थमा दिया, बिलकुल रुई जैसा था उसका एहसास.....मैंने उसे छुआ तो मेरे पुरे बदन में करंट सा लग गया, जिसे शायद कनिष्का ने भी महसूस किया होगा.
मैंने उन दोनों को चाय ऑफर की और मैं किचन में खड़ी हुई मम्मी के पास गया, जो अजीब सी नजरों से मुझे घूरे जा रही थी..
मम्मी : तेरी फ्रेंड्स भी है, तुने तो कभी बताया भी नहीं..
मैं : मम्मी, ये क्या बताने की बातें होती हैं...ये तो बस ऐसे ही..
मम्मी से मेरी काफी अच्छी बनती है, वो अक्सर मुझसे मेरे कॉलेज के बारे में और मेरी गर्ल फ्रेंड्स के बारे में पूछती रहती है..पर मैं उनसे शर्म की वजह से कुछ नहीं बोल पाता..और वैसे भी आजकल के हर माँ बाप जानते है की उनके बच्चे अब ये सब नहीं करेंगे तो क्या उनकी उम्र में जाकर करेंगे..
मम्मी : वैसे दोनों बहने हैं काफी सुन्दर..तुझे कोनसी पसंद है..
मैं : मोम...आप भी ना...ऐसा कुछ नहीं है..
मम्मी : कुछ तो है बेटा, मैंने भी पूरी दुनिया देखि है, कोई लड़की पहली ही बार में लड़के के बेडरूम में नहीं चली जाती...खासकर जब उसकी मम्मी बैठि हो..
मैं : मोम..आजकल ये सब चलता है, आपके ज़माने में ऐसा नहीं होता होगा, और आपको ये सब अच्छा नहीं लगता इसलिए मेरी फ्रेंड्स घर नहीं आती, और ये आई तो अंदर भी चली गयी, इसमें कोनसी बड़ी बात है...वैसे भी ये अंशिका अपनी बहन के एडमिशन को लेकर काफी परेशान है, और मेरी एक-दो कॉलेज में अच्छी पहचान है, बस तभी ये उसे लेकर आई है, और आप है की पाता नहीं क्या-२ सोच रही हो..
मम्मी : ठीक है..ठीक है, नाराज क्यों होता है, मैं तो बस तेरी टांग खींच रही थी..हा हा .. चल बाहर चल, नहीं तो वो दोनों समझेंगी की मैं उन दोनों में से किसी को अपनी बहु बनाने के लिए तुझसे लडाई कर रही हूँ..
मैं और मम्मी हँसते हुए बाहर आ गए..
फिर सबने चाय पी, मैंने हल्का सा नाश्ता किया और मैं उन दोनों के साथ बाहर आ गया.
अंशिका आज अपने पापा की कार लेकर आई थी, मारुती स्विफ्ट. उसने चाभी मेरी तरफ फेंकी और खुद आगे जाकर बैठ गयी, कनिष्का पीछे जाकर बेठी और मैंने कार चलानी शुरू कर दी.
कार के चलते ही पीछे बैठी हुई कनिष्का की चंचल अकाज गूंजी : "वाव दीदी...आपने तो कमाल कर दिया..आई एम् इम्प्रेस..."
मैं कुछ समझा नहीं की वो क्या बोल रही है.
और फिर कनिष्का मेरी तरफ सर घुमा कर बोली : यु नो विशाल, दीदी ने मुझे चेलेंज किया था की वो आज तुम्हारे कमरे में जाकर दिखाएगी...और वो भी पहली बार में ही..और इन्होने वो कर दिया..
ओहो..अब समझा, तो ये सब पहले से तय था और इसलिए वो इतनी दिलेरी दिखा रही थी..
मैं (कनिष्का की तरफ देखते हुए) : तो इसमें कोनसी बड़ी बात है..किसी के कमरे में जाना तो बहुत आसान है..कोई भी कर सकता है.
कनिष्का : नहीं, मेरी दीदी नहीं कर सकती ये सब, ये ऐसी है ही नहीं, तभी तो मैंने इन्हें ये चेलेंज दिया था, यहाँ आते वक़्त...
मैं (अंशिका की आँखों में देखकर मुस्कुराते हुए) : मुझे मालुम है की तुम्हारी दीदी ऐसी नहीं है, पर अब हो गयी है, मेरी संगत में आकर..
अंशिका ने शरमाकर अपना चहरा दूसरी तरफ घुमा लिया और बाहर की और देखने लगी..
कनिष्का थोडा आगे खिसक आई और हम दोनों के बीच अपनी गर्दन लाकर बोली : वैसे क्या मैं पूछ सकती हूँ की आप दोनों इतनी देर तक कर क्या रहे थे अन्दर..??
उसकी बात सुनकर अंशिका के चेहरे की लालिमा और गहरी हो गयी..
मैं : तुम्हे इतनी फिकर हो रही थी अपनी दीदी की तो अन्दर ही आकर देख लेती की हम क्या कर रहे थे..
अब शर्माने की बारी कनिष्का की थी, मैंने इतने करीब से उसके चेहरे पर आते शर्म के भाव देखे की मेरा तो मन किया की उसे वहीँ चूम लू..उसमे से आती भीनी खुशबू पूरी कार में भरी हुई थी..और बड़ी मदहोश सी करने वाली थी..
अंशिका (अपनी बहन से) : तू अपने काम से काम रख कन्नू...अभी इतनी बड़ी नहीं हुई है तू जो इन सबमे इतना इन्तरस्त ले रही है तू..
कनिका : ओहो दीदी..आप भी न, मुझे तो आप बच्ची ही समझते रहना, आई एम् यंग नाव..कॉलेज में आ गयी हूँ अब तो..
मैं उन दोनों बहनों की बातें सुनता रहा और मजे लेता रहा.
मैं : अच्छा अब मुझे ये बताओ की मुझे क्यों साथ लेकर आई हो तुम, और चलना कहाँ है..
अंशिका : वो तुम कल नाराज हो गए थे न, इसलिए मैंने सोचा की तुम्हे भी आज साथ ले चलू और तुम थोड़ी हेल्प भी करा देना हमारी , ठीक है न..
मैं क्या कहता, बस मुस्कुरा दिया और हम पहले कॉलेज में जा पहुंचे.
वहां बड़ी भीड़ थी,लम्बी-२ लाईन लगी हुई थी फार्म लेने के लिए.. पर मेरा एक दोस्त था उसी कॉलेज में, मैंने उसे फोन किया और सब बताया, उसने सिर्फ पांच मिनट में ही मुझे अन्दर जाकर फॉर्म लाकर दे दिया..इतनी जल्दी काम होते देखकर वो दोनों बहने बड़ी खुश हुई..
उसके बाद हम दो -तीन कॉलेज में और गए और हर बार मैंने किसी न किसी तरह की तिकड़म लगा कर उनका काम जल्दी करवा दिया..ये सब देखकर कनिष्का बड़ी खुश हुई..
कनिष्का : वाव विशाल, तुमने हमारा ये दो दिनों का काम एक ही दिन में करवा दिया, मुझे तो लगा था की इन पांच कॉलेजेस के फार्म लेने में ही दो दिन लग जायेंगे..
अंशिका : आखिर दोस्त किसका है..
कनिष्का : सिर्फ दोस्त..या..
अंशिका :सिर्फ दोस्त..और तू अपना दिमाग बेकार की बातों में मत चला..समझी.
उन दोनों बहनों की नोक-झोंक देखने में बड़ा मजा आ रहा था..
क्रमशः.....................
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
लवली फ़ोन सेक्स --39
गतांक से आगे ...........
मैं लगभग भागते हुए दरवाजे के पास गया और उसे थोडा सा खोलकर बाहर की और देखा..मेरे कमरे और ड्राईंग रूम के बीच एक स्टोर रूम और बाथरूम है, और उसके बाड़ बीच में में सोफे के ऊपर बैठी हुई कनिष्का को जब मैंने देखा तो देखता ही रह गया..एकदम परी जैसी थी वो, पिंक कलर के सूट में वो बार्बी की गुडिया जैसी लग रही थी...एकदम गोरी, छाती भी पूरी भरी हुई, और बाल कंधे से थोडा नीचे तक थे..मैं उसे निहार रहा था की तभी मेरे पीछे से अंशिका के हाथ आगे की तरफ आकर मुझसे लिपट गए और उसके सोफ्ट सी ब्रेस्ट मेरी नंगी कमर के ऊपर रगड़ खाने लगी..अंशिका ने मेरे दोनों निप्पल पकड़कर उन्हें मसलना शुरू कर दिया, मुझे थोड़ी गुदगुदी सी हो रही थी, और साथ ही साथ उसने अपने गीले होंठो से मेरी पीठ पर अनगिनत किस्सेस करनी शुरू कर दी.
ड्राईंग रूम के दूसरी तरफ किचन थी..मम्मी वहां खड़ी हुई चाय बना रही थी..और साथ ही साथ कनिष्का से कुछ बाते भी कर रही थी, कनिष्का का ध्यान मेरे कमरे की तरफ ही था, उसकी बहन जो अंदर थी, पर वो अपना काम अच्छी तरह से कर रही थी, मम्मी से गप्पे लगाकर उन्हें उलझाये रखने का..वो क्या बात कर रहे थे, मुझे सुनाई तो नहीं दे रहा था, पर बीच-२ में दोनों के हंसने की आवाजें जरुर सुनाई दे रही थी..कनिष्का जब भी मेरे कमरे की तरफ देखती तो मुझे डर लगने लगता की कहीं उसे मैं खड़ा हुआ तो दिखाई नहीं दे रहा, पर वो काफी दूर थी, और इतनी दुरी से दरवाजें में थोड़ी सी दरार को देखना लगभग नामुमकिन था..मुझे भी अब इस नए अड्वेंचर में मजा आने लगा था..खासकर अंशिका के "सॉरी" बोलने के तरीके पर
अब अंशिका का हाथ मेरी छाती से फिसलता हुआ नीचे की और आने लगा..और उसने फिर से मेरा लंड पकड़ लिया..और अगले ही पल दुसरे हाथ से उसने मेरा टावल खोल दिया..टावल मेरी टांगो के बीच आकर गिर गया और मेरा लंड अंशिका के हाथ में आ गया..
मैं अपने कमरे के दरवाजे में अब नंगा खड़ा हुआ था, और बाहर मेरी मम्मी और उसकी बहन थी, पर उसे इन बातों से जैसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था...वो तो बस "सॉरी" बोलने में लगी हुई थी..मैं तो नंगा था पर मुझे मालुम था की वो यहाँ नंगी नहीं हो सकती थी..पर अब मेरे जिस्म में भी अजीब सी तरंगे उठने लगी थी, मैं एकदम से उसकी तरफ घुमा और उसके होंठों को अपने होंठों से जकड कर जोरों से चूसने लगा...उसके गीले मुंह से निकलता सारा रस मेरे मुंह में जाने लगा, उसके होंठों का नमपन आज कुछ ज्यादा ही मीठा लग रहा था..मेरे दोनों हाथ उसकी छाती पर जम गए और उन्हें मसलने लगे, सूट और ब्रा पहनने के बावजूद उसके खड़े हुए निप्पल मुझे साफ़ महसूस हो रहे थे.
अंशिका भी हलकी -२ आवाजें निकलती हुई अपने शरीर को मेरे नंगे बदन से रगड़ रही थी..उसके दोनों हाथ मेरे लंड के ऊपर जमे हुए थे..और वो उन्हें काफी तेजी से आगे-पीछे कर रही थी..
मुझे लगा की अगर उसने एक-दो और झटके दिए तो मैं तो गया काम से...मैंने झट से उसके कंधे पर दबाव डाला और उसे नीचे बिठा दिया...और अगले ही पल मेरा पूरा लंड उसके मुंह के अंदर था..
अह्ह्ह्हह्ह .... यस बेबी ...सक मी....सक मी....हार्ड.....
मैंने दिवार से टेक लगाकर नीचे पंजो के बल बैठी अंशिका के मुंह में अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया..और सर घुमाकर बाहर की और देखा कहीं कोई आ तो नहीं रहा..
मम्मी चाय बनाकर ले आई थी..और उन्होंने मुझे बाहर से ही आवाज लगायी..."विशाल्ल्ल....ओ विशाल...बेटा बाहर आओ, चाय बन चुकी है.."
मेरे लंड से एकदम से में ऐसा प्रेशर बन गया की किसी भी पल बाड़ आ सकती थी.....मैं वहीँ दरवाजे में खड़ा हुआ चिल्लाया..."कमिंग...आई एम् कमिंग....." और अगले ही पल मेरे लंड से पिचकारियाँ निकल-२ कर अंशिका के मुंह में जाने लगी...
अब बेचारी कनिष्का और मम्मी को थोड़े ही मालुम था की मैंने "कमिंग" किसलिए बोला था...
अंशिका ने मेरा सारा माल चूस-चूसकर पी लिया..और ऊपर की तरफ देखकर अपने उसी अंदाज में बोली...यम्मी...
मैंने उसे जल्दी से बाहर जाने को कहा, वो अपने रुमाल से चेहरा साफ़ करती हुई बाहर की और चली गयी..
बाहर जाकर उसकी आवाज मुझे सुनाई दी "आंटी...विशाल आ रहा है बस..."
और वो बैठकर अपनी बहन से खुसर फुसर करने लगी.
मैंने बिजली की तेजी से कपडे पहने और एक मिनट के अंदर ही मैं भी बाहर आ गया..
कनिष्का ने जब मुझे देखा तो वो मंत्रमुग्ध सी मुझे देखती हुई उठ खड़ी हुई..
अंशिका : विशाल, ये है मेरी सिस्टर..कनिष्का, इसी के एडमिशन के लिए मैंने तुमसे बात करी थी..
मैं भी कनिष्का की सुन्दरता देखकर अपनी सुध बुध खो सा बैठा..अंशिका की बात सुनकर मैं थोडा मुस्कुराया और कनिष्का की तरफ हाथ बढाकर कहा "हाय..कनिष्का, हाव आर यु..."
कनिष्का ने भी अपना हाथ मुझे थमा दिया, बिलकुल रुई जैसा था उसका एहसास.....मैंने उसे छुआ तो मेरे पुरे बदन में करंट सा लग गया, जिसे शायद कनिष्का ने भी महसूस किया होगा.
मैंने उन दोनों को चाय ऑफर की और मैं किचन में खड़ी हुई मम्मी के पास गया, जो अजीब सी नजरों से मुझे घूरे जा रही थी..
मम्मी : तेरी फ्रेंड्स भी है, तुने तो कभी बताया भी नहीं..
मैं : मम्मी, ये क्या बताने की बातें होती हैं...ये तो बस ऐसे ही..
मम्मी से मेरी काफी अच्छी बनती है, वो अक्सर मुझसे मेरे कॉलेज के बारे में और मेरी गर्ल फ्रेंड्स के बारे में पूछती रहती है..पर मैं उनसे शर्म की वजह से कुछ नहीं बोल पाता..और वैसे भी आजकल के हर माँ बाप जानते है की उनके बच्चे अब ये सब नहीं करेंगे तो क्या उनकी उम्र में जाकर करेंगे..
मम्मी : वैसे दोनों बहने हैं काफी सुन्दर..तुझे कोनसी पसंद है..
मैं : मोम...आप भी ना...ऐसा कुछ नहीं है..
मम्मी : कुछ तो है बेटा, मैंने भी पूरी दुनिया देखि है, कोई लड़की पहली ही बार में लड़के के बेडरूम में नहीं चली जाती...खासकर जब उसकी मम्मी बैठि हो..
मैं : मोम..आजकल ये सब चलता है, आपके ज़माने में ऐसा नहीं होता होगा, और आपको ये सब अच्छा नहीं लगता इसलिए मेरी फ्रेंड्स घर नहीं आती, और ये आई तो अंदर भी चली गयी, इसमें कोनसी बड़ी बात है...वैसे भी ये अंशिका अपनी बहन के एडमिशन को लेकर काफी परेशान है, और मेरी एक-दो कॉलेज में अच्छी पहचान है, बस तभी ये उसे लेकर आई है, और आप है की पाता नहीं क्या-२ सोच रही हो..
मम्मी : ठीक है..ठीक है, नाराज क्यों होता है, मैं तो बस तेरी टांग खींच रही थी..हा हा .. चल बाहर चल, नहीं तो वो दोनों समझेंगी की मैं उन दोनों में से किसी को अपनी बहु बनाने के लिए तुझसे लडाई कर रही हूँ..
मैं और मम्मी हँसते हुए बाहर आ गए..
फिर सबने चाय पी, मैंने हल्का सा नाश्ता किया और मैं उन दोनों के साथ बाहर आ गया.
अंशिका आज अपने पापा की कार लेकर आई थी, मारुती स्विफ्ट. उसने चाभी मेरी तरफ फेंकी और खुद आगे जाकर बैठ गयी, कनिष्का पीछे जाकर बेठी और मैंने कार चलानी शुरू कर दी.
कार के चलते ही पीछे बैठी हुई कनिष्का की चंचल अकाज गूंजी : "वाव दीदी...आपने तो कमाल कर दिया..आई एम् इम्प्रेस..."
मैं कुछ समझा नहीं की वो क्या बोल रही है.
और फिर कनिष्का मेरी तरफ सर घुमा कर बोली : यु नो विशाल, दीदी ने मुझे चेलेंज किया था की वो आज तुम्हारे कमरे में जाकर दिखाएगी...और वो भी पहली बार में ही..और इन्होने वो कर दिया..
ओहो..अब समझा, तो ये सब पहले से तय था और इसलिए वो इतनी दिलेरी दिखा रही थी..
मैं (कनिष्का की तरफ देखते हुए) : तो इसमें कोनसी बड़ी बात है..किसी के कमरे में जाना तो बहुत आसान है..कोई भी कर सकता है.
कनिष्का : नहीं, मेरी दीदी नहीं कर सकती ये सब, ये ऐसी है ही नहीं, तभी तो मैंने इन्हें ये चेलेंज दिया था, यहाँ आते वक़्त...
मैं (अंशिका की आँखों में देखकर मुस्कुराते हुए) : मुझे मालुम है की तुम्हारी दीदी ऐसी नहीं है, पर अब हो गयी है, मेरी संगत में आकर..
अंशिका ने शरमाकर अपना चहरा दूसरी तरफ घुमा लिया और बाहर की और देखने लगी..
कनिष्का थोडा आगे खिसक आई और हम दोनों के बीच अपनी गर्दन लाकर बोली : वैसे क्या मैं पूछ सकती हूँ की आप दोनों इतनी देर तक कर क्या रहे थे अन्दर..??
उसकी बात सुनकर अंशिका के चेहरे की लालिमा और गहरी हो गयी..
मैं : तुम्हे इतनी फिकर हो रही थी अपनी दीदी की तो अन्दर ही आकर देख लेती की हम क्या कर रहे थे..
अब शर्माने की बारी कनिष्का की थी, मैंने इतने करीब से उसके चेहरे पर आते शर्म के भाव देखे की मेरा तो मन किया की उसे वहीँ चूम लू..उसमे से आती भीनी खुशबू पूरी कार में भरी हुई थी..और बड़ी मदहोश सी करने वाली थी..
अंशिका (अपनी बहन से) : तू अपने काम से काम रख कन्नू...अभी इतनी बड़ी नहीं हुई है तू जो इन सबमे इतना इन्तरस्त ले रही है तू..
कनिका : ओहो दीदी..आप भी न, मुझे तो आप बच्ची ही समझते रहना, आई एम् यंग नाव..कॉलेज में आ गयी हूँ अब तो..
मैं उन दोनों बहनों की बातें सुनता रहा और मजे लेता रहा.
मैं : अच्छा अब मुझे ये बताओ की मुझे क्यों साथ लेकर आई हो तुम, और चलना कहाँ है..
अंशिका : वो तुम कल नाराज हो गए थे न, इसलिए मैंने सोचा की तुम्हे भी आज साथ ले चलू और तुम थोड़ी हेल्प भी करा देना हमारी , ठीक है न..
मैं क्या कहता, बस मुस्कुरा दिया और हम पहले कॉलेज में जा पहुंचे.
वहां बड़ी भीड़ थी,लम्बी-२ लाईन लगी हुई थी फार्म लेने के लिए.. पर मेरा एक दोस्त था उसी कॉलेज में, मैंने उसे फोन किया और सब बताया, उसने सिर्फ पांच मिनट में ही मुझे अन्दर जाकर फॉर्म लाकर दे दिया..इतनी जल्दी काम होते देखकर वो दोनों बहने बड़ी खुश हुई..
उसके बाद हम दो -तीन कॉलेज में और गए और हर बार मैंने किसी न किसी तरह की तिकड़म लगा कर उनका काम जल्दी करवा दिया..ये सब देखकर कनिष्का बड़ी खुश हुई..
कनिष्का : वाव विशाल, तुमने हमारा ये दो दिनों का काम एक ही दिन में करवा दिया, मुझे तो लगा था की इन पांच कॉलेजेस के फार्म लेने में ही दो दिन लग जायेंगे..
अंशिका : आखिर दोस्त किसका है..
कनिष्का : सिर्फ दोस्त..या..
अंशिका :सिर्फ दोस्त..और तू अपना दिमाग बेकार की बातों में मत चला..समझी.
उन दोनों बहनों की नोक-झोंक देखने में बड़ा मजा आ रहा था..
क्रमशः.....................
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
No comments:
Post a Comment