सेक्सी कहानियाँ
चुदाई का दूसरा रूप--3
गतान्क से आगे.....................
मैने प्यार से उसका हाथ पकड़ा और कहा - देखो सारा........ हम दोस्त हैं.
अगर तुम मुझे कुछ बताना या कहना चाहती हो तो मैं हूँ यहाँ तुम्हारे लिए.
अगर तुम्हे कोई दुख है तो बाँटने से हल्का हो जाएगा.
अचानक, सारा रोने लगी. मैने उसको गले से लगाया और वो मेरे कंधे पर अपना
सिर रख कर लगातार रोए जा रही थी. मैने उसको कुछ देर रोने दिया ताकि वो
हल्का महसूस करे. कई लोग हमारी तरफ देखने लगे थे और सारा ने भी ये महसूस
किया.
स्रो बोली - अगर तुम कुछ देर फ्री हो तो मेरे रूम मे चलते हैं.
मैं - ज़रूर. चलो चलते है.
मैने अपनी मा को मेरे मोबाइल से फोन कर्दिया की मैं अपनी कॉलेज की दोस्त
के साथ हूँ और मुझे घर आने मे थोड़ा वक़्त लगेगा.
हम दोनो उसी होटेल मे, सारा के रूम मे आ गई.
मैं सोफा पर बैठी थी और ये देख कर मुझे आस्चर्य हुआ की सारा ने खुद के
लिए ब्लॅक लेबल का एक पेग बनाया और मुझसे ड्रिंक के लिए पुच्छा. मैने
उससे कहा कि मैं उसका साथ देने के लिए हल्की बियर ले लूँगी. अब वो ठीक थी
और रो नही रही थी. मैं समझ गई थी की वो अपनी शादी से या पति से खुश नही
है. एक दोस्त होने के नाते मैं जो भी संभव हो, उसके लिए करना चाहती थी.
अपना विषकी का पेग और मेरे लिए बीआर ले कर हम पास पास सोफा पर बैठ गयी.
मुझे फिर से आस्चर्य हुआ जब उसने सिगरेट सुलगाई.
मैने सारा के अंदर बहुत बदलाव देखा. सारा, जो कॉलेज मे एक शर्मीली लड़की
थी, जिसको मैं जानती थी, आज वो अलग ही सारा थी. कॉलेज मे सारा एक बहुत
अच्छी, सुंदर, शर्मीली लड़की थी. उसका कोई बाय्फ्रेंड नही था. कई लड़के
उसके पीछे पड़े थे मगर उसने किसी लड़के से दोस्ती नही की. मेरी जो भी
लड़कियाँ कॉलेज मे दोस्त थी, वो हमेशा चुदाई के बारे मे बात करती थी मगर
सारा ने कभी ऐसी बातों मे भाग नही लिया. उस का तो बस एक ही शौक था, वो था
तैरना, स्विम्मिंग. वो अपने मा बाप की पसंद के लड़के के साथ ही शादी करना
चाहती थी, और वो अपनी शादी के समय कुँवारी ही थी, यानी उसने कभी भी, किसी
से नही चुदवाया था. कॉलेज की पढ़ाई ख़तम करने के बाद मैं ज़्यादा उसके
संपर्क मे नही थी.
थोड़ी देर खामोश रहने के बाद सारा ने मुझे अपनी शादीशुदा जिंदगी की भयानक
कहानी सुनाई. मैं वो सब सुनकर दंग रह गई. उसकी कहानी सुनकर मैं कुछ नही
बोल पाई क्यों कि मैं उसके लिए कुछ नही कर सकती थी. उसकी जिंदगी तो एक
नर्क थी. मैं आगे आप को सारा की जिंदगी का कड़वा सच बताने जा रही हूँ जो
मुझे सारा ने बताया था.
ये तो आप समझ ही गये होंगे की सारा उसका असली नाम नही है. ये नाम तो मैं
सिर्फ़ उसके बारे मे लिखने के लिए इस्तेमाल कर रही हूँ.
सारा एक बहुत सुंदर, शर्मीली और लड़कों से हमेश दूर रहने वाली लड़की थी.
उस के पिताजी का ज़मीन जायदाद खरीदने बेचने का धंधा था और वो अपनी सुंदर
बेटी सारा की शादी के लिए किसी अच्छे लड़के की तलाश मे थे. इस तरह सारा
की शादी मुंबई के एक बड़े व्यापारी के सुंदर लड़के के साथ पक्की हो गई.
और फिर जल्दी ही उसकी शादी भी हो गई.
शादी के बाद, दुल्हन बनी सारा, अपने ससुराल, मुंबई मे अपने बिस्तर पर
बैठी, सुहाग्रात के लिए अपने पति का इंतज़ार कर रही थी. वो बहुत खुश थी
और उसे गर्व था की वो अबतक कुँवारी है और वो अपना कुँवारापन अपने पति को
देना चाहती थी. उसका पति भी काफ़ी सुंदर था और ये एक अच्छी जोड़ी थी.
काफ़ी देर हो चुकी थी और वो आधी रात के बाद का वक्त था जब उसके पति कमरे
मे आए. उसने देखा की उसका पति सीधा नही चल पा रहा था, शायद दोस्तों के
बीच मे काफ़ी शराब पी ली थी. सारा पीने के खिलाफ नही थी पर चाहती थी कि
पीने का काम समय और सीमा मे किया जाए तो ठीक है. खैर, जब उसके पति ने देर
से आने और शराब पी कर आने के लिए उस से माफी माँगी तो सारा उसके व्यवहार
से खुश हो गई.
सारा अपनी पीठ के बल नंगी लेटी हुई अपने पति के साथ प्यार और चुदाई का
खेल, अपनी जिंदगी मे पहली बार खेल रही थी. बेडरूम की धीमी रोशनी मे उसने
देखा की उसके पति का लॉडा काफ़ी लंबा और काफ़ी मोटा है. वो अपने उस दर्द
के बारे मे सोचने लगी जब उसके पति का मोटा ताज़ा, लंबा लंड उसकी सफाचत
कुँवारी चूत मे पहली बार घुसेगा. वो अपने पति के लंड से खेलना चाहती थी
पर उसके पति को शायद चोदने की जल्दी थी. उसने अपने मन मे सोचा कि कोई बात
नही, उसके पति का लंड उसका ही तो है, उस से बाद मे भी कभी भी खेल सकती
है. इसलिए उसने अपने पति को, जो सुहाग्रात को उसे जल्दी से जल्दी चोदना
चाहता था, रोका नही और दर्द सहने को तय्यार हो गई. हालाँकि उसकी अपनी चूत
भी थोड़ी गीली हो गई थी पर वो जानती थी की दर्द तो होने वाला है, पर मज़ा
भी आएगा. उसके पति उसकी चौड़ी टाँगों के बीच बैठ कर अपने लंबे और मोटे
लंड को उसकी चूत के दरवाजे पर रखा और थोडा ज़ोर लगाया. सारा ने सॉफ सॉफ
महसूस किया कि उसके पति का लंबा और गरम लंड उसकी चूत मे घुस रहा है. उसके
पति ने अपने लंड का थोड़ा और ज़ोर उसकी चूत मे लगाया तो सारा को अपनी चूत
पर कुछ गरम गरम महसूस हुआ जो सारा समझ नही सकी कि क्या है. उस का पति
नंगी सोई सारा के उपर सो गया और उसने सारा से सॉरी कहा. अब उसके पति का
लंड उसकी चूत मे नही था और फिसल कर बाहर आ गया था. सारा समझ नही सकी कि
उसका पति उस से सॉरी क्यों बोल रहा है. सारा अपना हाथ अपनी चूत पर ले गई
तो उसके हाथ मे उसके पति का नरम पड़ता लंड आया. अपनी चूत पर जब उसने अपने
पति के लंड का पानी महसूस किया तो सारी बात सारा की समझ मे आ गई. उस ने
कहीं पढ़ा था की पहली बार नये नये शादीशुदा जोड़े के बीच ये उत्तेजना की
वजह से हो जाता है. इसमे चिंता की कोई बात नही है. उसने अपने पति का
चुंबन लिया और कहा कि कोई बात नहीं, हम बाद मे चुदाई करने की कोशिश
करेंगे. जल्दी ही उसके पति को नींद आ गई.
अगले दिन सारा अपने नये घर मे आ गई जो उसके ससुरजी ने उसके पति को शादी
के तोहफे मे दिया था ताकि शादी के बाद नया जोड़ा जैसे चाहे वैसे रह सके.
ये तीन बेडरूम का, सारी सुविधाओं के साथ उँची इमारत मे बड़ा और आलीशान घर
था. वहाँ एक नौकरों के लिए भी कमरा था और एक 24 घंटे काम के लिए औरत भी
थी. उस औरत के ज़िम्मे घर के सारे काम थे.
अब, आज उसकी शादी के बाद दूसरी रात थी और इस नये घर मे पहली. उस का पति
शाम को जल्दी घर आया और वो दोनो बाहर खाना खाने गये. दोनो ने अपना हनी
मून का कार्यक्रम खाने की टेबल पर बनाया. अगले साप्ताह वो अपना हनिमून
मनाने ऑस्ट्रेलिया जाने वाले थे. सारा ये सुनकर बहुत खुश हुई. वो दोनो
रात के करीब 10 बजे घर वापस आए और सीधे अपने नये बेडरूम मे गये. सारा
बहुत रोमांचित थी अपनी पहली चुदाई को लेकर. पर वैसा कुछ नही हुआ. उन दोनो
के बीच आज भी कोई चुदाई नही हो सकी क्यों कि आज भी उसका पति उसको चोद नही
पाया. लगातार दो दिनों मे दो कोशिश करने के बाद भी उसका पति उसको चोद नही
पाया. उन दोनो मे प्यार, छेड़ छाड़, लंड पकड़ना, चुचि दबाना आदि कुछ नही
हुआ. उसका पति सीधा उसको चोदना चाहता था और इस बार भी चोदने की कोशिश मे
उसके लंड का पानी निकल गया था. इस बार वो कुछ नही बोला और करवट ले कर सो
गया . और सारा, अपने बिस्तर पर नंगी सोई हुई अपनी जिंदगी के बारे मे सोच
रही थी. वो अभी भी इस विश्वास मे थी की सब ठीक हो जाएगा और सोने की कोशिश
करने लगी. उसका पति तो गहरी नींद सो भी चुका था.
सारा जब अपने पति के साथ हनिमून से वापस आई तो वो अभी तक कुँवारी,
अनचुड़ी थी क्यों की उसका पति अभी तक उसको चोद नही पाया था. उस के पति का
लंबा और मोटा लंड किसी काम का नही था जो की अभी तक अपनी पत्नी को चोद नही
सका था. सारा ने अपने पति को किसी डॉक्टर की सलाह लेने को कहा क्यों कि
वो समझती थी कि सब ठीक हो सकता है. लेकिन उसके पति ने उसकी ये बात नही
मानी और कहा कि उसकी और उसके पिता की समाज मे बहुत इज़्ज़त है और उसके
पिता बहुत बड़े बिज़्नेसमॅन है, इसलिए वो अपनी नमार्दी की बात किसी भी
डॉक्टर को नही बता सकता. लोगों को पता चलने पर उनलोगों की इज़्ज़त मिट्टी
मे मिल जाएगी.
इसी तरह दिन बीत ते रहे. हर रात वो सारा को चोदने की कोशिश करता पर चोद
नही पाता. हमेश ही उसके लंड से पानी निकल जाता था जब वो अपना लंड थोडा सा
ही सारा की चूत मे घुसता था. सारा हर रात असंतुष्ट रह जाती. वो कर भी
क्या सकती थी. वो ये बात किसी को बता भी नही सकती थी.
एक दिन उनकी नौकरानी जमुना ने सारा को उसकी चुदाई के बारे मे पूछा. अपनी
नौकरानी के मूह से ये बात सुनकर सारा को बहुत आस्चर्य हुआ. जमुना ने तब
सारा को बताया कि वो उसके ससुराल मे तीन साल से काम कर रही है और ये
जानती है कि उसका पति चुदाई करने के काबिल नही है, क्यों कि उनकी शादी के
पहले वो उसको पैसे का लालच दे कर चोदने की कई बार कोशिश कर चुका है पर
कभी भी चोद नही पाया. सारा को ये सुनकर बहुत गुस्सा आया. वो एक ऐसी
असंतुष्ट शादीशुदा औरत थी जिसकी प्यास उसका पति बुझाने के बदले रोज़ उसकी
चूत पर अपने लंड का पानी निकाल कर भड़का रहा था.
समय बीत ता गया और अपनी शादी के तीन महीने बाद सारा ने अपनी नौकरानी
जमुना के साथ लेज़्बीयन चुदाई का संभंध बनाया ताकि वो अपनी चूत की आग को
शांत करसाके. जमुना एक सुंदर दिखने वाली, दो साल की शादी के बाद विधवा हो
गई औरत, चुदाई की कला जानने वाली औरत थी जबकि सारा तो चुदाई के बारे मे
बहुत कम जानती थी. जमुना बे- औलाद विधवा थी. सारा उसके साथ खुश रहने लगी
थी. वो दोनो आपस मे रोज़ दोपहर को लेज़्बीयन चुदाई करती थी जब घर मे कोई
नही होता था. वो दोनो एक दूसरी को चुदाई मे संतुष्ट करती और सारा उसको,
उसकी चुदाई के काम के लिए अलग से तोहफे और पैसे भी देती थी.
एक दिन जमुना ने बताया कि उनका ड्राइवर बसंत, सारा को अलग ही नज़रों से
देखा करता है. अगर वो बसंत से चुदवाना चाहती है तो वो बसंत से सारा की
चुदाई के लिए बात कर सकती है. बसंत एक पढ़ा लिका, अच्छे स्वाभव का
ड्राइवर था जो दिन भर पार्किंग मे बैठा रहता था. वो सारा की कार चलाने के
लिए रखा गया था. सारा जब भी बाहर जाती, बसंत गाड़ी चलाता था. हालनी सारा
जमुना के साथ लेज़्बीयन चुदाई से अंतुष्ट थी लेकिन वो लेज़्बीयन नही थी.
हर औरत की तरह वो भी चाहती की कोई मर्द उसको चोद कर संतुष्ट करे. लेकिन
सारा को डर लगता था की अगर उसके पति को पता चल गया की वो ड्राइवर से
चुदवाती है तो क्या होगा. पर जैसे जैसे समय बीत ता गया , सारा की चुदवाने
की चाहत भी बढ़ती गई, और आख़िर एक दिन जमुना ने दोनो की चुदाई का
बंदोबस्त उनके बेडरूम मे कर्दिया. जमुना और बसंत, दोनो ने ही ये बात किसी
को भी ना बताने की कसम खाई थी और सब कुछ ठीक चलने लगा. हालाँकि बसंत का
लॉडा उसके पति के लॉड जैसा लंबा और मोटा नही था, पर वो एक लंड जैसा लंड
था जो किसी औरत की प्यास बुझाने के काबिल था. आख़िर, सारा की चूत का
कुँवारापन बसंत के लंड के हिस्से मे आया. बसंत काफ़ी ग़रीब था और सारा
रुपये पैसे से उसकी सहायता करने लगी. बीच बीच मे वो जमुना के साथ भी
लेज़्बीयन चुदाई कर लेती थी. दो साल तक चुदाई का ये सिलसिला बिना किसी को
पता चले चलता रहा.
एक दिन, जब सारा अपने ड्राइवर बसंत से दोपहर मे अपने बेडरूम मे चुदवा रही
थी तो उसको उसके पति ने रंगे हाथ पकड़ लिया. उस वक़्त उसका पति कुछ
ज़रूरी कागजात लेने के लिए आया था. जमुना भी घर मे नही थी और उसके पति ने
अपने पास की चाबी से घर का दरवाजा खोला था.
उसने सारा को बहुत बुरी तरह मारा था और बसंत को भी मार कर नौकरी से निकाल
दिया. अब सारा के बुरे दिन शुरू हो चुके थे. वो अपने ही घर मे एक कैदी की
तरह रहने लगी. वो किसी से बात नही कर सकती थी और कहीं भी अकेली नही जा
सकती थी. उसका मोबाइल फोन उसके पति ने ले लिया था और घर की सभी टेलिफोन
लाइन कटवा दी गई. घर पर सारा पर नज़र रखने के लिए 24 घंटे गार्ड तैनात
कर्दिये गये थे. वो बाहर जा सकती थी पर अकेली नही. हमेशा एक या दो गार्ड
उसके साथ जाते थे और उसे किसी के भी घर मे जाना मना था. उसका पति अब उस
से कोई बात नही करता था. अब तो उसे जमुना से भी बात करने मे डर लगता था.
करीब 6 महीने बाद, एक शाम को उसका पति उसके बेडरूम मे आया और उस से माफी
माँगी. सारा को अपने कानों पर विस्वास नही हुआ. उसके पति ने कहा की जो भी
पिछले 6 महीने मे हुआ है, वो उस से खुश नही है पर वो इसकी भरपाई करने की
कोशिश करेगा. उसके पति ने उसको ब्लॅक लेबल का एक पेग दिया पर सारा ने
पीने से मना कर्दिया क्यों की वो शराब नही पीती थी. उसके पति ने कहा कि
अब वो अपने काम की कुछ ज़िम्मेदारी सारा को भी देना चाहता है और पीने मे
कुछ ग़लत नही है. उल्टा, पीने पीलाने से सारा को काम के सिलसिले मे बड़े
बड़े लोगों से संभंध बनाने मे और काम निकालने मे आसानी होगी. उसके पति ने
उसको धूम्रपान करने को भी कहा.
सारा पीना और धूम्रपान नही करना चाहती थी पर अपने पति के ज़ोर देने पर,
एक आधुनिक बिज़्नेस वुमन की तरह अपने पति के साथ शराब पीने लगी और
धूम्रपान भी करने लगी. वो अपने पति के साथ कभी कभी ऑफीस भी जाने लगी और
काम समझने की कोशिश करने लगी. पीने और धूम्रपान मे सारा कुछ शांति खोजने
की कोशिश करने लगी. जब भी वो अपने आप को अकेला महसूस करती या चुदाई का मन
होता, वो शराब पीती और धूम्रपान करती, धीरे धीरे वो आदत से एक शराबी और
धूम्रपान की आदि बन गई. दिन रात अपनी गति से बीतने लगे.
कुछ ही दीनो मे सारा पूरी तरह बदल गई. एक दिन जब उसका पति ऑफीस से वापस
आया तो उसके साथ एक जाना पहचाना राज्नीतिग्य लीडर भी था. उसके पति ने
सारा को बताया कि वो नेता उनके साथ शराब पीएगा और रात का खाना भी खाएगा
क्यों कि उसके पति को उस नेता की सहयता की ज़रूरत थी सरकार से अपना एक
काम निकलवाने के लिए.
उसके पति ने जमुना से नेता की पसंद का खाना बनाने को कहा और घर मे बने
बार मे उस नेता के साथ बैठ कर बातें करने लगा. उस ने सारा से भी साथ देने
को कहा. वो दोनो पी रहे थे और धूम्रपान भी कर रहे थे. सारा भी उनका साथ
दे रही थी पर उनकी बातें सारा को समझ मे नही आ रही थी. बीच बीच मे वो
दोनो सारा से भी बात कर्लेते थे. रात का खाना खाने के पहले वो नेता और
सारा का पति अकेले मे कुछ बात करने के लिए कुछ देर बेडरूम के अंदर गये और
धीरे धीरे बातें करने लगे.
रात का खाना खाने के बाद सारा के पति ने जमुना को उसके कमरे मे जाने को
कहा. जमुना के कमरे के दो दरवाजे थे, एक घर के अंदर रसोई मे खुलता था और
दूसरा घर के बाहर खुलता था. जमुना अपने रूम मे गई तो सारा के पति ने घर
के अंदर खुलने वाले दरवाजे को बंद किया ताकि जमुना उस दरवाजे से घर के
अंदर ना आ सके. अगर ज़रूरत हो तो अपने कमरे के दूसरे दरवाजे से बाहर
निकलकर, सारा के घर के मुख्य द्वार से घर के अंदर आ सकती थी. घर मे रहने
वाले गार्ड भी घर भेज दिए गये.
क्रमशः.........................
chudaai Ka Dusara Roop--3
gataank se aage.....................
Maine pyar se uska hath pakda aur kaha - Dekho Sara........ Ham dost
hain. Agar tum mujhe kuch batana ya kahna chahti ho to main hun yahan
tumhare liye. Agar tumhe koi dukh hai to baantne se halka ho jaayega.
Achanak, Sara rone lagi. Maine usko gale se lagaya aur wo mere kandhe
par apna sir rakh kar lagataar roye jee rahi thi. Maine usko kuch der
rone diya taki wo halka mahsoos kare. Kai log hamari taraf dekhne lage
the aur Sara ne bhi ye mahsoos kiya.
Saro boli - Agar tum kuch der free ho to mere room me chalten hain.
Main - Jaroor. Chalo chalten hai.
Maine apni maa ko mere mobile se phone kardiya ki main apni college ki
dost ke sath hun aur mujhe ghar aane me thoda waqt lagega.
Ham dono usi hotel me, Sara ke room me aa gai.
Main sofa par baithi thi aur ye dekh kar mujhe aascharya hua ki Sara
ne khud ke liye BLACK LABLE ka ek peg banaya aur mujhse drink ke liye
puchha. Maine usse kaha ki main uska sath dene ke liye halki beer le
lungi. Ab Wo thik thi aur ro nahi rahi thi. Main samajh gai thi ki wo
apni shadi se ya pati se khush nahi hai. Ek dost hone ke naate main jo
bhi sambhav ho, uske liye karna chahti thi. Apna wishky ka peg aur
mere liye beear le kar ham paas paas sofa par baith gayi. Mujhe phir
se aascharya hua jab usne cigrate sulgaai.
Maine Sara ke andar bahut badlaaw dekha. Sara, jo college me ek
sharmeeli ladki thi, jisko main jaanti thi, aaj wo alag hi Sara thi.
College me Sara ek bahut achhi, sundar, sharmeeli ladki thi. Uska koi
boyfriend nahi tha. Kai ladke uske peeche pade the magar usne kisi
ladke se dosti nahi ki. Meri jo bhi ladkiyan college me dost thi, wo
hamesha chudai ke baare me baat karti thi magar Sara ne kabhi aisi
baaton me bhaag nahi liya. Us ka to bas ek hi shauk tha, wo tha
tairna, swimming. Wo apne maa baap ki pasand ke ladke ke sath hi shadi
karna chahti thi, aur wo apni shadi ke samay kunwari hi thi, yani usne
kabhi bhi, kisi se nahi chudwaya tha. College ki padhaikhatam karne ke
baad main jyada uske sampark me nahi thi.
Thodi der khamosh rahne ke baad Sara ne mujhe apni shadishuda jindgi
ki bhayanak kahani sunaai. Main wo sab sunkar dang rah gai. Uski
kahani sunkar main kuch nahi bol paayi kyon ki main uske liye kuch
nahi kar sakti thi. Uski jindgi to ek nark thi. Main aage aap ko Sara
ki jindgi ka kadwa sach batane jaa rahi hun jo mujhe Sara ne bataya
tha.
Ye to aap samajh hi gaye honge ki Sara uska asli naam nahi hai. Ye
naam to main sirf uske baare me likhne ke liye istemaal kar rahi hun.
Sara ek bahut sundar, sharmeeli aur ladkon se hamesh door rahne wali
ladki thi. Us ke pitaji ka jameen jaydaad kahreedne bechne ka dhanda
tha aur wo apni sundar beti Sara ki shadi ke liye kisi achhe ladke ki
talash me the. Is tarah Sara ki shadi Mumbai ke ek bade vyapaari ke
sundar ladke ke sath pakki ho gai. Aur phir jaldi hi uski shadi bhi ho
gai.
Shadi ke baad, dulhan bani Sara, apne sasuraal, Mumbai me apne bistar
par baithi, suhaagraat ke liye apne pati ka intzaar kar rahi thi. Wo
bahut khush thi aur use garv tha ki wo abtak kunwari hai aur wo apna
kunwarapan apne pati ko dena chahti thi. Uska pati bhi kafi sundar tha
aur ye ek achhi jodi thi. Kafi der ho chuki thi aur wo aadhi raat ke
baad ka qaqt tha jab uske pati kamre me aaye. Usne dekha ki uska pati
seedha nahi chal paa raha tha, shayad doston ke beech me kafi sharaab
pee li thi. Sara peene ke khilaaf nahi thi par chahti ki ki peene ka
kaam samay aur seema me kiya jaaye to thik hai. Khair, jab uske pati
ne der se aane aur sharaab pee kar aane ke liye us se maafi mangi to
Sara uske vyawahaar se khush ho gai.
Sara apni peeth ke bal nangi leti hui apne pati ke sath pyar aur
chudai ka khel, apni jindgi me pahli baar khel rahi thi. Bedroom ki
dheemi roshni me usne dekha ki uske pati ka lauda kafi lamba aur kafi
mota hai. Wo apne us dard ke baare me sochne lagi jab uske pati ka
mota taza, lamba lund uski safachat kunwari chut me pahli baar
ghusega. Wo apne pati ke lund se khelna chahti thi par uske pati ko
shayad chodne ki jaldi thi. Usne apne man me socha ki koi baat nahi,
uske pati ka lund uska hi to hai, us se baad me bhi kabhi bhi khel
sakti hai. Isliye usne apne pati ko, jo suhaagraat ko use jaldi se
jaldi chodna chahta tha, roka nahi aur dard sahne ko tayyar ho gai.
Halanki uski apni chut bhi thodi geeli ho gai thi par wo jaanti thi ki
dard to hone wala hai, par maza bhi aayega. Uske pati uski chaudi
taangon ke beech baith kar apne lambe aur mote lund ko uski chut ke
darwaje par rakha aur thoda jor lagaya. Sara ne saaf saaf mahsoos kiya
ki uske pati ka lamba aur garam lund uski chut me ghus raha hai. Uske
pati ne apne lund ka thoda aur jor uski chut me lagaya to Sara ko apni
chut par kuch garam garam mahsoos hua jo sara samajh nahi saki ki kya
hai. Us ka pati nangi soyi Sara ke upar so gaya aur usne sara se sorry
kaha. Ab uske pati ka lund uski chut me nahi tha aur phisal kar bahar
aa gaya tha. Sara samajh nahi saki ki uska pati us se sorry kyon bol
raha hai. Sara apna hath apni chut par le gai to uske hath me uske
pati ka naram padta lund aaya. Apni chut par jab usne apne pati ke
lund ka paani mahsoos kiya to sari baat Sara ki samajh me aa gai. Us
ne kahin padha tha ki pahli baar naye naye shadishuda jode ke beech ye
uttejna ki wajah se ho jaata hai. Isme chinta ki koi baat nahi hai.
Usne apne pati ka chumban liya aur kaha ki koi baat nahin, hum baad me
chudai karne ki koshish karenge. Jaldi hi uske pati ko neend aa gai.
Agle din Sara apne naye ghar me aa gai jo uske sasurji ne uske pati ko
shadi ke tohfe me diya tha taki shadi ke baad naya joda jaise chahe
waise rah sake. Ye teen bedroom ka, sari suvidhaaon ke sath unchi
imaarat me bada aur aalishaan ghar tha. Wahan ek naukaron ke liye bhi
kamra tha aur ek 24 ghante kaam ke liye aurat bhi thi. Us aurat ke
jimme ghar ke sare kaam the.
Ab, aaj uski shadi ke baad dusri raat thi aur is naye ghar me pahli.
Us ka pati sham ko jaldi ghar aaya aur wo dono bahar khana khane gaye.
Dono ne apna honey moon ka karyakram khane ki table par banaya. Agle
saptaah wo apna honeymoon manane AUSTRALIA jaane wale the. Sara ye
sunkar bahut khush hui. WO dono raat ke kareeb 10 baje ghar wapas aaye
aur seedhe apne naye bedroom me gaye. Sara bahut romanchit thi apni
pahli chudai ko lekar. Par waisa kuch nahi hua. Un dono ke beech aaj
bhi koi chudai nahi ho saki kyon ki aaj bhi uska pati usko chod nahi
paya. Lagataar do dinon me do koshish karne ke baad bhi uska pati usko
chod nahi paya. Un dono me pyar, chhed chhad, lund pakadna, chuchi
dabana aadi kuch nahi hua. Uska pati sidha usko chodna chahta tha aur
is baar bhi chodne ki koshish me uske lund ka paani nikal gaya tha. Is
baar wo kuch nahi bola aur karwat le kar so gaya . Aur Sara, apne
bistar par nangi soi hui apni jindgi ke baare me soch rahi thi. Wo
abhi bhi is vishwaas me thi ki sab thik ho jayega aur sone ki koshish
karne lagi. Uska pati to gahri neend so bhi chuka tha.
Sara jab apne pati ke sath honeymoon se wapas aayi to wo abhi tak
kunwari, anchudi thi kyon ki uska pati abhi tak usko chod nahi paya
tha. Us ke pati ka lamba aur mota lund kisi kaam ka nahi tha jo ki
abhi tak apni patni ko chod nahi saka tha. Sara ne apne pati ko kisi
doctor ki salah lene ko kaha kyon ki wo samajhti thi ki sab thik ho
sakta hai. Lekin uske pati ne uski ye baat nahi maani aur kaha ki uski
aur uske pita ki samaj me bahut izzat hai aur uske pita bahut bade
businessman hai, isliye wo apni namardi ki baat kisi bhi doctor ko
nahi bata sakta. logon ko pata chalne par unlogon ki izzat mitti me
mil jaayegi.
Isi tarah din beet te rahe. Har raat wo Sara ko chodne ki koshish
karta par chod nahi pata. Hamesh hi uske lund se paani nikal jaata tha
jab wo apna lund thoda sa hi Sara ki chut me ghusata tha. Sara har
raat asntusht rah jaati. Wo kar bhi kya sakti thi. Wo ye baat kisi ko
bata bhi nahi sakti thi.
Ek din unki naukarani Jamuna ne Sara ko uski chudai ke baare me
poocha. Apni naukarani ke muh se ye baat sunkar Sara ko bahut
aascharya hua. Jamuna ne tab Sara ko bataya ki wo uske sasuraal me
teen saal se kaam kar rahi hai aur ye jaanti hai ki uska pati chudai
karne ke kaabil nahi hai, kyon ki unki shadi ke pahle wo usko paise ka
lalach de kar chodne ki kai baar koshish kar chuka hai par kabhi bhi
chod nahi paya. Sara ko ye sunkar bahut gussa aaya. Wo ek aisi
asntusht shadishuda aurat thi jiski pyas uska pati bujhne ke badle roz
uski chut par apne lund ka paani nikaal kar bhadka raha tha.
Samay biit ta gaya aur apni shadi ke teen mahine baad Sara ne apni
naukarani Jamuna ke sath lesbian chudai ka sambhandh banaya taki wo
apni chut ki aag ko shant karsake. Jamuna ek sundar dikhne wali, do
saal ki shadi ke baad vidhwa ho gai aurat, chudai ki kala jaanne wali
aurat thi jabki Sara to chudai ke baare me bahut kam jaanti thi.
Jamuna be- aulaad vidhwa thi. Sara uske sath khush rahne lagi thi. Wo
dono aapas me roz dopahar ko lesbian chudai karti thi jab ghar me koi
nahi hota tha. Wo dono ek dusri ko chudai me santusht karti aur Sara
uako, uski chudai ke kaam ke liye alag se tohfe aur paise bhi deti
thi.
Ek din Jamuna ne bataya ki unka driver Basant, Sara ko alag hi nazron
se dekha karta hai. Agar wo Basant se chudwana chahti hai to wo Basant
se Sara ki chudai ke liye baat kar sakti hai. Basant ek padha lika,
achhe swabhhav ka driver tha jo din bhar parking me baitha rahta tha.
Wo Sara ki car chalane ke liye rakha gaya tha. Sara jab bhi bahar
jaati, Basant gadi chalata tha. Haalani Sara Jamuna ke sath lesbian
chudai se antusht thi lekin wo lesbian nahi thi. Har aurat ki tarah wo
bhi chahti ki koi mard usko chod kar santusht kare. Lekin Sara ko dar
lagta tha ki agar uske pati ko pata chal gaya ki wo driver se chudwati
hai to kya hoga. Par jaise jaise samay biit ta gaya , Sara ki chudwane
ki chahat bhi badhti gai, aur aakhir ek din Jamuna ne dono ki chudai
ka bandobast unke bedroom me kardiya. Jamuna aur Basant, dono ne hi ye
baat kisi ko bhi naa batane ki kasam khayi thi aur sab kuch thik
chalne laga. Halanki Basant ka lauda uske pati ke laude jaisa lamba
aur mota nahi tha, par wo ek lund jaisa lund tha jo kisi aurat ki pyas
bujhane ke kaabil tha. Aakhir, Sara ki chut ka kunwarapan Basant ke
lund ke hisse me aaya. Basant kafi gareeb tha aur Sara rupaye paise se
uski sahayata karne lagi. Beech beech me wo Jamuna ke sath bhi lesbian
chudai karleti thi. Do saal tak chudai ka ye silsila bina kisi ko pata
chale chalta raha.
Ek din, jab Sara apne driver Basant se dopahar me apne bedroom me
chudwa rahi thi to usko uske pati ne range haat pakad liya. Us waqt
uska pati kuch jaroori kagjaat lene ke liye aaya tha. Jamuna bhi gar
me nahi thi aur uske pati ne apne paas ki chabi se ghar ka darwaja
khola tha.
Usne Sara ko bahut buri tarah maara tha aur Basnat ko bhi maar kar
naukari se nikaal diya. Ab Sara ke bure din shuru ho chuke the. Wo
apne hi ghar me ek kaidi ki tarah rahne lagi. Wo kisi se baat nahi kar
sakti thi aur kahin bhi akeli nahi jaa sakti thi. Uska mobile phone
uske pati ne le liya tha aur ghar ki sabhi telephone linen katwa di
gai. Ghar par Sara par nazar rakhne ke liye 24 ghante guard tainaat
kardiye gaye the. Wo bahar jaa sakti thi par akeli nahi. Hamesha ek ya
do guard uske sath jaate the aur use kisi ke bhi ghar me jaana mana
tha. Uska pati ab us se koi baat nahi karta tha. Ab to use Jamuna se
bhi baat karne me dar lagta tha.
Kareeb 6 mahine baad, ek sham ko uska pati uske bedroom me aaya aur us
se maafi maangi. Sara ko apne kaanon par viswaas nahi hua. Uske pati
ne kaha ki jo bhi pichle 6 mahine me hua hai, wo us se khush nahi hai
par wo iski bharpaai karne ki koshish karega. Uske pati ne usko BLACK
LABLE ka ek peg diya par Sara ne peene se mana kardiya kyon ki wo
sharaab nahi peeti thi. Uske pati ne kaha ki ab wo apne kaam ki kuch
jimmedaari Sara ko bhi dena chahta hai aur peene me kuch galat nahi
hai. ulta, peene peelane se Sara ko kaam ke silsile me bade bade logon
se sambhandh banane me aur kaam nikaalne me aasaani hogi. Uske pati ne
usko dhumrapaan karne ko bhi kaha.
Sara peena aur dhumrapaan nahi karna chahti thi par apne pati ke jor
dene par, ek aadhunik business woman ki tarah apne pati ke sath
sharaab peene lagi aur dhumrapaan bhi karne lagi. Wo apne pati ke sath
kabhi kabhi office bhi jaane lagi aur kaam samajhne ki koshish karne
lagi. Peene aur dhumrapaan me Sara kuch shanti khojne ki koshish karne
lagi. Jab bhi wo apne aap ko akela mahsoos karti ya chudai ka man
hota, wo sharaab peeti aur dhumrapaan karti, dheere dheere wo aadat se
ek sharaabi aur dhumrapaan ki aadi ban gai. Din raat apni gati se
beetne lage.
Kuch hi dino me Sara poori tarah badal gai. Ek din jab uska pati
office se wapas aaya to uske sath ek jaana pahchana rajnitigya leader
bhi tha. Uske pati ne Sara ko bataya ki wo neta unke sath sharaab
peeyega aur raat ka khana bhi khayega kyon ki uske pati ko us neta ki
sahayta ki jaroorat thi sarkaar se apna ek kaam nikalwane ke liye.
Uske pati ne Jamuna se neta ki pasand ka khana banane ko kaha aur ghar
me bane bar me us neta ke sath baith kar baaten karne laga. Us ne Sara
se bhi sath dene ko kaha. Wo done pee rahe the aur dhumrapaan bhi kar
rahe the. Sara bhi unka sath de rahi thi par unki baaten Sara ko
samajh me nahi aa rahi thi. Bech beech me wo dono Sara se bhi baat
karlete the. Raat ka khana khane ke pahle wo neta aur Sara ka pati
akele me kuch baat karne ke liye kuch der bedroom ke andar gaye aur
dheere dheere baaten karne lage.
Raat ka khana khane ke baad Sara ke pati ne Jamuna ko uske kamre me
jaane ko kaha. Jamuna ke kamre ke do darweaje the, ek ghar ke andar
rasoi me khulta tha aur dusra ghar ke bahar khulta tha. Jamuna apne
room me gai to Sara ke pati ne ghar ke andar khulne wale darwaje ko
band kiya taki Jamuna us darwaje se ghar ke andar naa aa sake. Agar
jaroorat ho to apne kamre ke dusre darwaje se bahar nikalkar, Sara ke
ghar ke mukhya dwar se ghar ke andar aa sakti thi. Ghar me rahne wale
guard bhi ghar bhej diye gaye.
kramashah.........................
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