Friday, July 22, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..55

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..55


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अब आगे
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रजनी जब चुदाई के नशे से उबरी तो उसने देखा की पूजा एक कोने में दुबक गयी है और अजय के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ रही है...उसने तुरंत दरवाजे की तरफ देखा, जहाँ उसका पति खड़ा था.

एक पल के लिए तो उसके चेहरे के भाव भी बदल गये...

पर अगले ही पल जो हुआ उसे देखकर और सुनकर तो अजय के साथ -2 पूजा भी स्तब्ध रह गयी

रजनी ने गुस्से से भरी नज़र से अपने पति को देखा और गरज कर बोली : "क्या है....बोला था ना मेरे मामलों से दूर रहा करो....एक बार की बात समझ नही आती क्या ??''

उसकी तेज आवाज़ और गुस्सा देखकर तो अजय भी सहम गया.... ये तो वही बात हुई थी, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ..

क्योंकि रंगे हाथो तो वो खुद पकड़ी गयी थी और सुना अपने पति को रही थी...

और वो भी ऐसी अकड़ के साथ जैसे कुछ हुआ ही ना हो..

अजय के ससुर का चेहरा जो अभी कुछ देर पहले तक गुस्से से तमतमा रहा था,भीगी बिल्ली जैसा हो गया...

वो हकलाता हुआ बोला : "पर.... पर ... रजनी .... कुछ तो शर्म करो.... अपने ही घर पर... अपने ही बच्चों के साथ....''

इस बार तो रजनी का सिर ही घूम गया.... वो कुशल घुड़सवार की तरह अजय के घोड़े जैसे लौड़े से उछल कर नीचे उतर गयी और नंगी ही चलती हुई अपने पति के पास आई और बोली : "इतनी औकात नही है तुम्हारी जितना बोल रहे हो... समझे .... इतनी ही इज़्ज़त की फ़िक्र होती तो पहले अपने इस लंड को काबू में रखते...मेरा मुँह ना खुलवाओ, वरना अभी अपने इन्ही घर के बच्चों के सामने ऐसी शर्मिंदगी का सामना करना पढ़ेगा की यहीं डूब कर मर जाना चाहोगे... मेरी ज़ुबान ना खुलवाओ और ना ही मेरे किसी भी काम में दखल दो.... समझे.... चलो दफ़ा हो जाओ इस कमरे से...''

इतना कहकर उसने अपने पति को लगभग धक्का देते हुए कमरे से बाहर निकाल दिया...और दरवाजा ज़ोर से पटक कर बंद कर दिया...

और बुदबुदाती हुई बेड के करीब आई : "साला ... मुझे नसीहत देने आया था... अपनी गांड में दम नही है और मुझे शराफ़त का पाठ पढ़ाने निकला है.... मादरचोद साला ....''

अजय के लिए तो ये बिल्कुल नया था, पूजा के लिए भी किसी शॉक से कम नही था.... उसने आज तक अपने माँ बाप के बीच ऐसी नफ़रत कभी नही देखी थी.... और उसके पापा किस बात से दबकर रह गये की अपनी बीबी और बेटी को चुदते देखकर भी कुछ ना कर पाए.... ज़रूर कोई बड़ी बात है.... पर ये मौका नही था उस बात को जानने का, उसकी मॉम का मूड काफ़ी खराब सा लग रहा था...अजय भी चुप ही रहा .....उसने भी ज़्यादा कुरेदना सही नही समझा इस वक़्त...

रजनी का मूड ऑफ सा हो चुका था... पर फिर भी अपने चेहरे पर थोड़ी स्माइल लाते हुए वो अजय और पूजा के करीब आई और बोली : "फ़िक्र मत करो.... वो अब अंदर नही आएँगे... तुम एंजाय करो.... मैं तब तक वॉश करके आती हूँ ...''


इतना कहकर वो अपनी फेली हुई गांड मटकाती हुई बाथरूम की तरफ चल दी..



अजय और पूजा ने एक दूसरे को देखा और अगले ही पल दोनो बुरी तरह से हँसने लगे... उन्हे तो विश्वास ही नही हो रहा था की इतनी बड़ी मुसीबत से वो निकल चुके है...और यही सोचकर उनकी हंसी रुक ही नही रही थी

पूजा : "ओह्ह माय गॉड ..... मुझे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा है.... पापा ने मुझे और मॉम को तुम्हारे साथ देख लिया और फिर भी सब नॉर्मल है. ... वाउ.... आई कांट बिलिव इट....''

वो नंगी ही उछलती हुई उपर आई और बेड पर चड़कर अजय से लिपट गयी.

अजय : "हाँ यार.... हैरान तो मैं भी हूँ .... ऐसा कौनसा मर्द होगा जो अपनी बीबी और बेटी की चुदाई देखकर भी इस तरह से चुप रह जाए.... और तुम्हारी माँ की बातें सुनकर लग रहा था की ज़रूर कोई बहुत बड़ा सस्पेंस है, जिसे जानना ज़रूरी है...''

पूजा ने उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा और बोली : "अरे छोड़ो ना जीजू .... जब पापा आए थे तो मुझे लगा था की पहले मॉम की फकिंग करवाकर मैने तो अपना चांस खो ही दिया है....पर अब सब्र नही हो रहा है...जो हो गया सो हो गया.... अब प्लीज़ देर ना करो..... मेरी पुस्सी में अभी तक सेंसेशन हो रहा है... आपने जो कमाल अपनी जीभ से दिखाया है वो ज़रा 'इससे' भी दिखाओ ना.....''

इतना कहते हुए उसने अजय का लंड को पकड़ कर ज़ोर से निचोड़ दिया..

अजय कराह उठा उसकी उंगलियों के प्रहार से...और बोला : "आऊउच.... ओके ... ओके .... पर पहले बताओ तो सही, 'ये' होता क्या है...''

पूजा भी शायद बात को लंबा खींचने के मूड में नही थी... वो झट से बोली : "लंड ..... अपना लंड डालो जल्दी से मेरी पुस्सी में .....''

अजय मुस्कुराया और बोला : "ओके मेरी जान. ... पहले इसे तैयार तो करो ....ससुरजी को देखकर साला बैठ ही गया है ''

इतना कहते हुए उसने पूजा के सिर को पकड़कर अपने लंड पर दबा दिया....वो भी किसी प्यासी मछली की तरह उसके लंड का पानी पीने के लिए कूद पड़ी...

और कुछ ही देर में उसने अजय के लंड को पहले जैसा ताकतवर बना दिया.



उसके लंड को चूसते हुए वो नीचे तक आती और उसकी बॉल्स को सहलाकर वापिस चली जाती.

ऐसा करते हुए उसने अपने जीजे के लंड को अपनी कमसिन चूत के लिए जल्द ही तैयार कर लिया...

वैसे भी जीजाओं के लंड अपनी सालियों के लिए हमेशा तैयार ही रहते है..



अजय ने तुरंत उसे बेड पर लिटाया और उसकी टांगे खोलकर बीच में आ खड़ा हुआ....और अपना लंड उसने पूजा की चूत पर लगाया और धीरे से धक्का मारकर उसकी मखमली मांद में दाखिल होता चला गया...

''आआआआआआआअहह.... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........ मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी.................. उफफफफफफफफफफफ्फ़ जीजू ........ पहली बार जाने में हमेशा दर्द करता है.....''

बेचारी ने बड़े ही भोलेपन से अपने जीजू को शिकायत भी कर दी....

अजय मन ही मन बोला : 'थोड़ा टाइम और रुक जा मेरी जान, ये पहली बार का दर्द भी जल्द गायब हो जाएगा...'

और मुस्कुराते हुए वो ज़ोर-2 से उसकी चूत मारने लगा.

पूजा अपनी कमर उठा कर अधलेटी हालत में अपने जीजू के लंड को अपने अंदर जाते हुए देख रही थी.


और बुदबुदाई : "उम्म्म्ममममममममम पहले तो ...आह लगता ही नही था....... की ..... की .... आअहह .... इतना मोटा लंड ..... ऊहह ... अंदर चला जाएगा..... अहह पर देखो तो ज़रा...... स्स्स्स्स्स कैसे अंदर तक जा रहा है....''

सच में लड़कियों की चूत कमाल की होती है.... बड़े से बड़ा लंड निगल जाती है....

और मज़े अलग लेती है...

और वो मज़े इस वक़्त पूजा लेने में लगी थी..

अजय ने नीचे झुककर उसके मुम्मे चूम लिए और बोला : "अभी तो ऐसे और भी कमाल देखने है मेरी जान....''

अजय का इशारा उसकी गांड के छेद की तरफ था.... जिसमें लंड घुसना और भी मुश्किल होता है... पर अभी उसके बारे में बोलकर वो मज़ा खराब नही करना चाहता था... इसलिए चुदाई पर ही पूरा ध्यान लगाकर वो अपना लंड उसकी चूत में पेलता रहा..

अब तक रजनी भी बाहर आ चुकी थी..... उसकी चूत की हरारत अभी तक शायद ख़त्म नही हुई थी...

तब तक अजय ने पूजा को घोड़ी बना दिया था....और बेड के करीब पड़े छोटे सोफे पर झुकाकर पीछे से उसकी चूत को चोदने में लगा था...

रजनी तुरंत अजय की टाँगो के नीचे से घुसती हुई अपनी बेटी की चूत के नीचे मुँह करके उल्टी बैठ गयी और अपनी बेटी की चुद रही चूत पर जीभ लगाकर वहां से निकल रहा शहद चाटने लगी.


उसे तो ऐसा एहसास हो रहा था जैसे आइस्क्रीम की फेक्ट्री में घुसकर उसने सीधा मशीन पर ही मुँह लगा दिया है.... क्योंकि उसके दामाद के धक्को से, घर्षण के बाद जो मलाई जैसी क्रीम निकलकर बाहर आ रही थी, वो सीधा मुँह उचकाए रजनी के चेहरे और होंठों पर गिर रही थी.

इतना ताज़ा माल शायद ही किसी ने खाया होगा...और अपनी बेटी का तो शायद किसी माँ ने खाया ही नही होगा...

और रजनी की इस हरकत से पूजा और अजय पर जो बीती उसका तो कोई हिसाब ही नही था...

अपनी माँ के गर्म होंठ और ठंडी जीभ की चुभन उसे नीचे से अपनी चूत पर महसूस हो रही थी.... और उसी चूत में उसके जीजू के लंड ने कोहराम मचा रखा था....
उसकी आज तक हुई चुदाई में से ये सबसे मजेदार थी....
क्योंकि ऐसे आनंद की अनुभूति उसे आज तक नही हुई थी....
ऐसा लग रहा था जैसे वो आसमान में उड़ रही है....
उसे किसी बात की चिंता नही थी.....
ना तो इसकी की उसका जीजा उसे चोद रहा है
और ना ही इस बात की की उसकी माँ उसकी चूत को चूस रही है....

ऐसे आनंद की अनुभूति पाकर वो उत्तेजना के शिखर पर पहुँच गयी और ज़ोर -2 से चिल्लाने लगी...

''आआआआआआआआअहह माआआआआआआअ.... मज़ा आ रहा है .................. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... मम्मी..... ऐसे ही सक्क करो..... प्लीज़....... अहह ओह्ह्ह यस्स..... मॉम .... ऐसे ही ........ ऑहहह फककक ....हस्स्स्स्स ....''

बीच-2 में रजनी अपनी जीभ और होंठों से अपने ठरकी दामाद की सेवा भी कर देती थी....
अपनी लंबी जीभ निकाल कर वो जब अजय के लंड को टच करती तो वो काँप सा जाता और दुगनी ताक़त से उसकी बेटी की पिलाई करने में जुट जाता...

रजनी की चूत में हो रही खुजली और भी ज़्यादा बढ़ चुकी थी.... वो तुरंत बेड पर आकर लेट गयी....

घोड़ी बनी पूजा ने उसका इशारा समझा और अजय के लंड को अंदर लिए-2 ही वो अपनी बेलगाड़ी लेकर बेड के किनारे पर पहुँच गयी और टांगे फेलाइ हुई अपनी माँ की चूत के उपर मुँह रखकर उसे चाटना और चूसना शुरू कर दिया.

''आआआआआआआअहह मेरी जाअँ..... मेरी बच्ची .... शाबाश....... ऐसे ही चाट मेरी चूत को..... आआआआआआहह .... अंदर तक....''

वो एक आज्ञाकारी बेटी की तरह अपनी माँ की बात मानकर उसे चूसने लगी और पीछे से अजय उसकी मटकती हुई गांड को अपने हाथों से मसलता हुआ उसकी चूत को रौंदता रहा...


और जल्द ही अजय की गन और पूजा की जीभ ने अपना-2 कमाल दिखना शुरू कर दिया और साथ ही साथ अपनी साली की तंग गलियों जैसी चूत के चुंगल में फंसकर अजय के लंड ने भी जवाब दे दिया... और सभी एक साथ झड़ने लगे...

अजय अपनी साली पूजा की चूत में......

और रजनी अपनी बेटी पूजा के मुँह में .

यानी दोनो तरफ का हलवा पूजा ने अपनी चूत और मुँह में समेट लिया...

अजय ने उसकी चूत से अपना रस से लिबड़ा लंड निकाला

और पीछे -2 ढेर सारा सफेद रस भी बहकर बाहर निकल आया जो उसकी जांघों से होता हुआ नीचे गिरने लगा..

अजय : "आआआआआआआहह....... साली .... मेरे लंड का सारा पानी ऐसे ले गयी जैसे तेरे बाप की प्रॉपर्टी है ये ..''

वो भी मज़ाक मे बोली : "बाप का तो मुझे अब कोई डर ही नही है.... मेरी मॉम के आगे उनकी एक नही चलती.....क्यों मॉम ...''

अपनी बेटी और दामाद की बात सुनकर वो भी मुस्कुराइ और अपनी चूत को और भी ज़्यादा उभार कर उसने अपनी बेटी के आगे कर दिया....

पूजा ने अपनी माँ की चूत से निकला गाड़ा और सफेद रस अपनी जीभ को चम्मच बनाकर इकठ्ठा किया और गटक गयी 


तीनों पर मस्ती चढ़ी हुई थी , अजय तो दोनों माँ बेटियों की मदमस्त गांड का दीवाना हो चुका था , इसलिए उसके हाथ उनपर ही फिसले जा रहे थे, दोनों ने मस्ती में आकर अपनी -२ गांड उसके चेहरे पर घिसनी शुरू कर दी 

सभी हंसी में लोट पोट होकर ऐसे ही काफी देर तक मजे लेते रहे

कुछ देर बाद एक दूसरे के नंगे जिस्मों को रगड़ने के बाद उन्होंने अपने -२ कपड़े पहने और बाहर निकल आये, पर अजय के दिमाग में यही प्रश्न घूम रहा था की उसके ससुर की अपनी बीबी से इतनी फटती क्यों है , यही सोचता- २ वो अपने घर आ गया, जहाँ उसकी साली रिया उसका इन्तजार कर रही थी 


दरवाजे पर पहुँचकर उसने बेल नही बजाई वरना प्राची के जाग जाने का ख़तरा था...उसने रिया के मोबाइल पर मिस कॉल मारी,उसने तुरंत दरवाजा खोल दिया..रिया अजय को देखकर मुस्कुरा दी..वो भी हंस दिया..क्योंकि वो जानता था की इस वक़्त रिया अच्छी तरह से जानती है की वो उसकी मौसी और कजिन को चोद कर आ रहा है...

अंदर आकर अजय ने प्राची को बेडरूम में जाकर चेक किया...वो खर्राटे मारकर सो रही थी..वो बाथरूम में गया और कपड़े बदलकर बाहर आ गया...अब उसने एक शॉर्ट और सेंडो पहनी हुई थी.

अजय का बदन पूरा टूट रहा था...वो सोफे पर आकर बैठा तो रिया ट्रे में उसके लिए एक ग्लास ले आई...उसने सोचा की पानी है...पर पहला घूँट भरते ही उसे एहसास हुआ की ये तो दारु है..

रात के 2 बजने वाले थे...इतनी रात को रिया उसके लिए दारू ले आई थी...आख़िर चाहती क्या थी वो..

अजय : "ये क्या...इस वक़्त ये क्यों ले आई....''

अजय ने एक और सीप भरते हुए कहा..

रिया : "मुझे लगा की जीजू इतनी मेहनत करके आए है तो थोड़ी थकान मिटानी चाहिए आपकी...''

इतना कहकर वो घूमकर उसके सामने आई और अजय की गोद में बैठ गयी..

अजय की तो हालत खराब हो गयी...उसकी नर्म और कुँवारी गांड उसके लंड के ठीक उपर थी...और वो लंड इस वक़्त सूज कर आलू जैसा हुआ पड़ा था...इतनी भयंकर चुदाई के बाद उसमे हल्का सा दर्द भी था..ऐसे में रिया उसके साथ इस तरह के मज़े ले रही थी...और वैसे भी,उसके बेडरूम का दरवाजा खुला हुआ था...अगर प्राची की नींद खुल गयी तो अनर्थ हो जाएगा...

अजय ने जब बेडरूम की तरफ देखा तो रिया समझ गयी की जीजू की फट रही है...वो उछलकर खड़ी हुई और भागती हुई बेडरूम तक गयी और उसे बाहर से लॉक कर दिया...और एक बार फिर से आकर वो उसकी गोद में बैठ गयी.

अब थोड़ी तसल्ली थी उसे पर दर्द तो लंड में अब भी हो रहा था..

वो बोला : "मुझे लगता है की अब तुम्हे घर जाना चाहिए...रात काफ़ी हो गयी है...''

रिया ने बड़े ही प्यार से उसके गले में बाहे डाली और बोली : "चली जाउंगी ....यहाँ बैठकर जो ड्यूटी दी है मैने उसके चार्जस तो ले लूँ पहले...''

इतना कहते हुए उसने अपने होंठ आगे करके अजय के होंठों पर रख दिए..


अजय तब तक एक ग्लास गटक चुका था...भले ही वो इस वक़्त कुछ भी करने के मूड में नही था, पर रिया के गुलाब जैसी पंखुड़ी वाले होंठों को अपने मुँह में पकड़ा तो उससे भी सब्र नही हुआ और उसने उसकी किस्स का जवाब स्मूच से देना शुरू कर दिया..

और अगले ही पल दोनो एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे..रिया की आँखे गुलाबी हो गयी...उसकी साँसे तेज़ी से चलने लगी...

एक मिनट के बाद जब दोनो साँस लेने के लिए अलग हुए तो रिया के चेहरे पर कुछ और करने की चाहत देखकर अजय धीरे से बोला : "ओह्ह्ह रिया.... प्लीज़ समझने की कोशिश करो...अभी ज़्यादा कुछ पासिबल नही है.... पूजा और मॉम तुम्हारा वेट कर रहे है....तुम जाओ...''

पर रिया पर तो जैसे अपनी मज़दूरी के बदले कुछ 'ख़ास' वसूलने का भूत चढ़ चुका था ...

वो बोली : "प्लीज़ जीजू.... थोड़ी देर और.... आप समझते क्यो नही.... पूजा दीदी और मौसी की तरह मेरा बदन भी उसी आग में जल रहा है, उनकी आग तो आपने शांत कर दी, पर मेरा क्या... आप तो पता नही कब महूरत निकलोगे मेरे लिए... पता है पिछले कुछ टाइम से तो कुछ ज़्यादा ही मन कर रहा है.... प्लीज़ जीजू... कुछ करो... वरना मैं पागल हो जाउंगी ..''

इतना कहते-2 उसने अपनी टी शर्ट को नीचे करके अपनी एक ब्रेस्ट बाहर निकाल ली... 


उस पके हुए आम जैसे मम्मे को देखकर और रिया की बातें सुनकर अजय का मन पिघल गया...

उसका बस चलता तो अभी के अभी उसे वहीँ नंगा करके चोद देता...पर वो एक इंसान था, कोई रोबोट नही...

दिन में अंजलि भाभी की ऑफीस में चुदाई और अभी कुछ देर पहले पूजा और अपनी सास की डबल चुदाई करने के बाद उसके लंड में ज़रा भी ताक़त नही बची थी.... उसके लंड को दोबारा तैयार होने में करीब 5-6 घंटे का टाइम लगना था...पर रिया को इस बात से कोई मतलब नही था...वो तो आज ही अपनी चूत में अपने जीजू के लंड का ठप्पा लगवा लेना चाहती थी..

रिया ने अपनी टी शर्ट को पूरा उतार दिया और अब वो टॉपलेस होकर अजय के सामने थी...अजय के मुँह में पानी आ गया उन गोरी-2 छातियों को देखकर 


और उसने पूजा को अपनी तरफ खींचकर अपने होंठ लगा दिए उसके मुम्मों पर और जोरों से चूसने लगा..

रिया ने अजय के सिर को पकड़कर और ज़ोर से अपनी छाती में घुसा लिया और चिल्लाई : "ओह जीजू........ ज़ोर से सुक्क्क करो..... बहुत परेशान करते है ये.... दबाओ इन्हे..... चूसो.... काट लो दांतो से..... अहह ...ओह जीजू ...... सस्सस्स ..''

अजय ने उसके बूब्स पर मार्क बनाने शुरू कर दिए...

कुछ देर तक अपनी ब्रेस्ट चुसवाने के बाद वो बड़े ही प्यार से बोली : "जीजू..... मुझे भी चूसना है...''

अजय मुस्कुरा दिया उसके भोलेपन को देखकर...

कितनी मासूमियत से वो खुद ही उसके लंड को चूसने के लिए बोल रही थी...

इससे उसके उतावलेपन का सॉफ पता चल रहा था...

अजय जानता था की वो ज़्यादा देर तक तो इस खेल को बड़ा नही पाएगा, पर जितने मज़े वो ले सकता है उतने वो ले लेना चाहता था.

अजय ने हामी भर दी..
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 



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