Friday, July 22, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..57

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..57


**********
अब आगे
*********


रचना ने भी अपनी जीन्स खोलकर पिछली सीट पर फेंकी और अपनी लंबी टाँग को लहरा कर उसने अजय के दूसरी तरफ किया और झट्ट से उसकी गोद में आ बैठी...

कार का ठंडा-2 एसी चल रहा था....अजय का लण्ड उसकी गीली चूत की परतों को छू रहा था...

रचना ने अजय के दोनो हाथों को पकड़ कर अपने उरोजों पर रखा और उन्हे दबा दिया...
और उपर मुँह करके खुद ही तड़प उठी...
चुदाई के खेल में उसे मुममे मसलवाना सबसे ज़्यादा पसंद था...
जब से उसने जवानी की दहलीज पर कदम रखा था, उनमे हमेशा से एक मीठा-2 दर्द होता रहता था....
अजय के जादुई हाथों से पीसकर उसकी ब्रेस्ट का वो मीठा दर्द एक सरूर सा बनकर उसके सिर चढ़ जाता था...
और फिर उस मीठे दर्द को वो बंद आँखों से पूरी तरह एंजाय करती थी...

आज भी वो यही कर रही थी.... अजय के हाथों को अपनी छाती पर लगाकर वो बड़बड़ाने लगी...


''ऑहहह अजय सर.... दबाओ इन्हे....हाँ ....ज़ोर से..... काट लो..... चबा जाओ...... उम्म्म्ममममम ...यसस्सस्स मेरे निप्पल्स ..... इन्हे मरोड़ो....... उफफफफफफ्फ़.फ...... सर ........ हाआन्ं... ऐसे ही ........ऑहहह माय गॉड ..... मर जाउंगी मैं ....... सर...... कुछ करो सर....... मर जाउंगी .......फक्क मी नाउ सर ...... फक्क्क्क्क्क मीीीीsssss ''

अब उसकी तड़प को देखकर अजय ने एकसाथ दो काम किए.....

पहला तो उसने उसके मोटे मुम्मों को पकड़कर उसके निप्पल्स को पूरा बाहर की तरफ उभार दिया.... और अपना मुँह उनपर लगाकर ज़ोर-2 से उन्हे चूसने लगा....

और दूसरा

नीचे हाथ लेजाकर उसने अपने लंड का रॉकेट उसकी चूत की दरार में फँसाया और एक जोरदार मर्दाना झटका मारकर उसके अंदर दाखिल हो गया...

बेचारी गरगरा कर रह गयी...अजय ने एक ही झटके में उसकी कुंवारी चूत में लंड पेलकर उसे लड़की से औरत बन दिया , कली से फूल बन दिया, उसकी जवानी को हर लिया उसने

''आआआआआआआआआआहहगगगह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ........ अजय ........... मररर्ररर गयी......... अहह''

उसकी चीख पूरे जंगल में गूँज गयी,

उसने अजय के सिर पर हाथ रखकर उसे अपनी छातियों में समेट लिया,दर्द तो उसे हुआ पर मजा उससे कही ज्यादा आया , धीरे-२ वो हल्का सा दर्द भी गायब हो गया और वो पूरी मस्ती में आ गयी

और वो खुद अपनी मोटी और फेली हुई गांड लहरा-2 कर उसके उपर कूदने लगी.... उसके लंड को अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर महसूस करने लगी.... अपनी चूत के दाने पर उसके लंड के सुपाड़े की गर्मी का एहसास लेने लगी....


और ये सब करते हुए उसके मुँह में जो आ रहा था वो बोल रही थी....
खुद को चोदने के लिए अजय को गलियां तक दे रही थी.... उसे उकसा रही थी.... वो ये भी भूल चुकी थी की वो उसका बॉस है.... चुदाई के इस नशे में वो एक रंडी बनकर अपनी चूत पिलवा रही थी और जिंदगी का असली मज़ा ले रही थी...

और ऐसा करते हुए वो करीब 3 बार झड़ भी गयी...

अजय को हर बार उसके निढाल हो रहे शरीर को उपर की तरफ करना पड़ता था और अगले ऑर्गॅज़म का एहसास होने के बाद वो फिर से छलांगे मारने लगती.... फिर झड़कर निढाल हो जाती...

अजय ने जो माल पूरे हफ्ते से जमा कर रखा था वो किसी ज्वालामुखी की तरह फटा और उसकी चूत के चिथड़े उड़ाता हुआ अंदर तक उसे भर गया....

''आआआआआआआआअहह ओह माय डार्लिंग...... आई एम कमिंग......''


हर एंगल से चुदी वो रचना, अजय ने उस छोटी सी कार में जगह बदल - 2 कर चोदा उसे

रचना बेचारी में तो हिम्मत भी नही बची थी की अजय से कुछ बोल पाती....
पर उसके लंड से निकली पिचकारी को महसूस करके वो एक बार और ज़रूर झड़ गयी...


और उसके बाद वो काफ़ी देर तक उसकी गोद में ऐसे ही बैठी रही....

अजय ने कार में रखे पेपेर टिश्यू नीचे लगा दिया जब वो उसके लंड से उठी...और करीब आधा कटोरी शरबत निकला उसकी चूत से....जिसमे ज़्यादा माल अजय का था....जो उसकी कुंवारी चूत से निकले खून में मिलकर गुलाबी रंग का हो चूका था

अपनी चूत और अजय के लंड को अच्छी तरह से सॉफ करने के बाद वो ऐसे ही नंगी कार से बाहर निकल गयी... और कुछ दूर बैठकर मूतने लगी...


अजय भी कपड़े पहेनटे हुए उसे पेशाब करते देखता रहा....

कुछ देर बाद दोनो ने अपने-2 कपड़े पहने और वहाँ से निकल आए.... एक और कुंवारी चूत को अपने लण्ड से चोदने के बाद उसमें एक नयी एनर्जी आ चुकी थी
हमेशा की तरह अजय ने उसे घर से थोड़ा दूर उतार दिया...और जाते-2 रोज की तरह रचना ने उसके गले से लगकर एक जोरदार स्मूच की.और आज के स्पेशल दिन के लिए उसने थेंक्स भी कहा , और ये भी बोली की ये रात वो हमेशा याद रखेगी

अजय जब घर पहुँचा तो साढ़े नो बज रहे थे.... सब उसका इंतजार कर रहे थे...

आज प्राची की तबीयत थोड़ा नाज़ुक सी थी... उसकी प्रेगञेंसी का आख़िरी महीना चल रहा था... आज उसकी माँ यानी अजय की सास रजनी ने रात को उनके घर रुकने का फेसला किया था..

और अजय और रजनी दोनो अच्छी तरह से जानते थे की आज की रात वो जबरदस्त चुदाई होने वाली हैं...

और साथ ही अजय को उस राज से भी पर्दा उठाना था, जिसने उसे पूरे हफ्ते से परेशान किया हुआ था..की उसका ससुर अपनी बीबी से इतना डरता क्यों है 


डिन्नर के बाद प्राची जल्दी ही सो गयी... अजय बाहर बैठकर टीवी देखने लगा.उसकी सास किचन का काम निपटाने के बाद बाथरूम में नहा रही थी.

वो आराम से बैठकर टीवी देख रहा था की अचानक पीछे से उसकी सास रजनी आई और उसने अजय के गले में बाहें डालकर उसे पीछे से गले लगा लिया..

आज वो कुछ ज़्यादा ही महक रही थी.

उनके भीगे हुए बाल अजय के चेहरे पर आ गिरे...
ठंडे-2 गाल वो उसके गालों पर रगड़ने लगी...
और रजनी के जिस्म से आ रही भीनी-2 खुश्बू ने एक मिनट में ही अजय के लंड को खड़ा कर दिया.

और कोई मौका होता तो वो उन्हे पीछे से खींचकर अपनी गोद में गिरा लेता और वहीं शुरू हो जाता..
पर आज उसे पहले अपने सवालों जा जवाब चाहिए था, उसके बाद ही उसने कुछ करने का सोच रखा था.

अजय की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना होते देखकर वो उसके कानो को जीभ से चाटती हुई बोली : "क्या हुआ जमाई राजा... आज इतने ढीले क्यो हो...''

उसका इशारा अजय के लंड की तरफ भी था, जिसका उभार उसे चाहकर भी नही दिख रहा था.

अजय ने अपने गर्दन से उसकी बाहें निकाली और खड़ा हो गया..
सबसे पहले उसने अपने बेडरूम की तरफ देखा, दरवाजा बंद था, पिछली बार की तरह बाहर से बंद नही किया था उसे... पहले बाहर से जब कुण्डी लगाई थी तो प्राची घबरा गयी थी, अब उसे दोबारा उसी सिचुएशन में नही डालना चाहते थे ये लोग..

रजनी : "प्राची की चिंता ना करो... वो दवाई लेकर गहरी नींद सो रही है....वो नही उठेगी...घबराओ मत..''

अजय : "मुझे पता है की दवाई लेकर वो नही उठती... पर मुझे चिंता इस वक़्त उसकी नही है... मुझे पहले वो बात बताओ जो पिछले हफ्ते हुई थी... ससुर जी ने क्यों आपको और मुझे रंगे हाथ पकड़ने के बाद भी कुछ नही कहा... ऐसा क्या है जो उन्हे कुछ भी करने या कहने से रोकता है.''

रजनी : "मुझे पता था की तुम्हे जब भी मौका मिलेगा, ये सवाल ज़रूर पूछोगे .. पर तुम्हे एक वादा करना पड़ेगा, ये सच जानने के बाद तुम हमारे खानदान के बारे में कुछ बुरा नही सोचोगे... क्योंकि तुम हमारे घर के दामाद हो, ये सच जानने के बाद सबसे ज़्यादा फ़र्क तुमपर ही पड़ेगा...''

अजय : "अब आप मुझे ज़्यादा उलझाओ मत... जो भी बात है, मुझे सच बताओ... एन्ड आई प्रोमिस, मेरे नज़रिए और हमारे संबंधो में कोई फ़र्क नही पड़ेगा...''

ये सुनकर वो थोड़ा आश्वस्त हुई...
क्योंकि रजनी को सबसे ज़्यादा डर इस बात का था की सच सुनने के बाद वो अजय का लंड कभी ले पाएगी या नही..

रजनी उसके पास आकर सोफे पर बैठ गयी... और अतीत में जाती चली गयी.


वो बोली : "तुमने मेरी बहन नीलम को तो देखा ही है... वो शुरू से ही बहुत चंचल थी... मुझसे ज़्यादा खूबसरत भी... मेरी शादी के बाद मेरे पति भी उसके रूप के दीवाने हो गये... और मुझे जब तक पता चलता , उन दोनो में बहुत कुछ हो चुका था...''

इतना कहकर वो चुप हो गयी.

अजय समझ गया की उसके ससुर ने अपनी कुंवारी साली की खूब बजायी थी

वो आगे बोली ''जब प्राची पैदा होने वाली थी, उस वक़्त वो मेरे घर रहने आई थी... मेरी देखभाल करने.. और उन दिनों में तुम्हारे ससुर ने उसे दिन रात रोंदा... कोई भी मौका नही होता था जब वो उनके कमरे में नही होती थी.... शक तो मुझे शुरू से ही था, पर एक दिन मैने उन्हे रंगे हाथों पकड़ लिया...उन दोनो ने फिर कभी भी वैसा कुछ ना करने की कसम खाई... पर जब मेरी सिस्टर वापिस घर गयी तो उसका फोन आया...वो 2 महीने से प्रेगञेन्ट थी....हमने आनन-फानन में उसका अबोर्शन करवा कर उसकी शादी दूर के रिश्ते में करवा दी... और वो हमेशा के लिए मुंबई शिफ्ट हो गयी...पर मेरे पति का झुकाव अब भी उसकी तरफ था और वो काम के सिलसिले में अक्सर मुंबई जाने के बहाने ढूंढते रहते थे, कई बार तो मुझे भी जबरदस्ती साथ ले जाते थे, और वहां जाकर उनकी हरकतें मेरी नजरों से छुपी नही रहती थी , वहां भी मैंने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया ''

वो फिर चुप हो गयी.

अजय ये सब सुनकर अपनी सास को देखे जा रहा था...

रजनी आगे बोली : "उस दिन के बाद मैने भी सोच लिया की जो इंसान अपनी बीबी के प्रति वफ़ादार नही है, उसके साथ वफ़ादारी करके क्या मिलेगा मुझे...इसलिए, मैने भी अपनी सारी सीमाएँ लांघ दी... और.... और...आवेश में आकर..और बदले की भावना में भरकर....मैने भी अपने जीजा से संबंध बना लिए....''

अजय का सिर चकरा गया ये सुनकर....

पर बात सिर्फ़ इतनी ही नही थी..

वो आगे बोली : "और...उस अफेयर का परीणाम ये हुआ की मैं एक बार फिर से प्रेगनेंट हुई... और पूजा पैदा हुई...''

ओ तेरी ....
यानी अपने पति से बदला लेने के चक्कर में अजय की सासू माँ अपने जीजा से जा चुदी...

रजनी : "उन्ही दिनों मेरी बहन भी प्रेग्नेंट थी, पूजा के जन्म के 2 महीने बाद ही उसने रिया को जन्म दिया, और मैं अच्छी तरह से जानती थी की वो असल में किसकी औलाद है"

यानी...

वो रिया...

मौसा जी की नही , बल्कि उसके ससुर की नाजायज़ औलाद थी..
अपनी साली को चोदकर पैदा की थी उन्होने वो रिया.

दोनो मर्दों ने अपनी-2 सालियों के थ्रू एक-2 लड़की पैदा की..

अजय : "पर...ये सब जानने के बाद भी आपके पति आपसे इतना डरकर क्यों रहते हैं... जो ग़लती उन्होंने की थी,वही आपने भी तो की, फिर फ़र्क क्या रह गया दोनो के बीच...''

रजनी : "फ़र्क है.... और वो ये की मैं तो उस राज को जानती हूँ , पर मेरे पति नही... उन्हे आज तक नही पता की पूजा उनकी बेटी नही है.... और रिया उनकी बेटी है, इस बात को लेकर मैं उन्हे अक्सर खरी खोटी सुनाती रहती हूँ , और अपने मामलो से दूर रहने की सलाह देती हूँ .... इसलिए वो डरते हैं... उन्हे ये तो पता है की मेरे कई लोगो से संबंध है, पर पूजा वाली बात उन्हे नही पता.... वो पता चल गयी तो ये डर उनके मन से हमेशा के लिए निकल जाएगा...

अजय समझ गया की इस खानदान में तो बहुत लोचे हैं,

अजय : "तो इसका मतलब, आपके मौसा जी के अलावा भी कई लोगो के साथ संबंध हैं ....''


रजनी : "हैं नही थे, पिछले २ सालों में सिर्फ तुम्हारे साथ ऐसा हुआ है, और उससे पहले का जानकर तुम्हे कुछ नहीं मिलेगा... सालों पहले जब मुझे अपने पति की बेवफ़ाई के बारे में पता चला तो एक पल तो मैने यही सोचा की उन्हे छोड़कर कहीं और चली जाऊ , पर ऐसा करके तो मैं उन्हे खुल्ले सांड की तरह नहीं छोड़ना चाहती थी... और मुझे अपनी बहन का भी पता था, भले ही मैं अपने पति को छोड़ देती, पर नीलम इन्हे कभी ना छोड़ती, मेरे बाद तो वो इनसे और भी ज़्यादा घुल मिल जाती और हो सकता है की अपना घर-बार छोड़कर इनके पास ही आ जाती... इसलिए मैने रुकने का फेसला किया और हर तरह से अपनी लाइफ को भी एंजाय करने का... शुरू-2 में तो उन्हे बहुत बुरा लगता था, पर मेरे धमकाने पर और समाज में अपनी इज़्ज़त बनाए रखने के डर से ये कुछ नही बोलते .... उस दिन जब इन्होने मुझे और तुम्हे रंगे हाथो पकड़ा था, उससे 2 दिन पहले वो मुझसे पूछ भी रहे थे की मैने तुम्हे भी अपने जाल मे फँसा लिया है क्या ?... तब भी मैने उन्हे खूब खरी खोटी सुनाई थी और ये कहा था की मैं अगर ऐसी बनी हूँ तो सिर्फ़ आपकी वजह से,उन्होंने अपने उपर अगर कंट्रोल किया होता तो शायद आज ये दिन ना देखना पड़ता... और जब उस दिन तुम घर आए तो कमरे रहा है , उनसे शायद बर्दाश्त नही हुआ की उनका दामाद भी इस दलदल में उतर रहा है ...वो सामने तो आ गये पर मेरा गुस्सा देखकर एक बार फिर से दबकर रह गये...''

इतना कहकर वो चुप हो गयी...

अजय को इस वक़्त अपनी सास पर बहुत तरस आ रहा था...और उसकी चालाकी पर हंसी भी ।

वैसे तो वो जानना चाहता था की उसके और मौसा जी के अलावा उन्होने और भी लोगों से चुदवाया है
पर वो उस बात को गोल कर गयी थी...
शायद इस वक़्त वो कुछ ज़्यादा बताना नही चाहती थी...
अजय ने भी ज़्यादा पूछना ज़रूरी नही समझा
क्योंकि जो बात उसे जाननी थी वो उसे पता चल ही चुकी थी.

अजय को चुप देखकर रजनी बोली : "अब ज़्यादा ना सोचो इन सब बातों के बारे में .. और एंजाय करो...''

अजय की नज़रें जब अपनी सास की तरफ उठी तो वो दंग रह गया...
उन्होने अपने गाउन की गले वाली चैन खोल दी थी...
और उसमे से झाँकति हुई उनकी मोटी-2 छातियाँ उसे सॉफ नज़र आ रही थी.

इतना सब होने के बाद भी अजय की सास के सिर से सैक्स का भूत नही उतरा था.... 


उसकी क्लीवेज बहुत सेक्सी लग रही थी 

और बोली : "चलो ना, दूसरे बेडरूम में चलते हैं....यहाँ कितनी गर्मी है...''

अब वो एक बार फिर से अपने सैक्सी रूप में आ चुकी थी....

अजय भी उसके मुम्मों को देखकर दीवाना सा होकर उसके पीछे चल दिया..

और वो अपनी मोटी गांड मटकाती हुई बेडरूम में घुस गयी.


अजय ने एक बार वापिस जाकर प्राची को चैक किया, वो आराम से गहरी नींद में सो रही थी...

वापिस आकर वो दूसरे बेडरूम में घुस गया, जहाँ प्राची की माँ यानी उसकी सास अपना रसीला बदन लिए उसकी सेवा करने के लिए तैयार थी..

अजय के गले से अभी तक अपनी ससुराल वालो की लाइफ का काला सच नीचे नही उतर रहा था...

उसके ससुर ने अपनी साली की चुदाई करके उसे माँ बना दिया

और उसकी सास ने बदले की भावना में भरकर अपने जीजा से चुदाई करवाई और उसके बच्चे की माँ बन गयी..
दोनो तरफ एक से बढ़कर एक कमीने थे...

अजय सोचने लगा की देखा जाए तो उससे बड़ा कमीना तो और कोई है ही नही

क्योंकि

उसने ना तो अपनी मौसेरी सास को छोड़ा,जिसकी चूत मारकर उसके ससुर ने रिया जैसा माल पैदा किया..

और ना ही अपनी सास और उसकी बेटी पूजा को... इस खानदान की सारी औरतों और लड़कियों को उसने चोद डाला था... सिर्फ रिया ही तो बची थी, और वो भी चुदने को लगभग तैयार थी.

अपने कमीनेपन पर उसे खुद ही हँसी आ गयी..और ना चाहते हुए भी उसे अपने लंड पर गुमान हो गया, जिसकी चाहत ने उसके आस पास की सभी चुतो को गीला करके चुदने पर मजबूर कर दिया था..

पर इसमें उसकी ठरक के साथ-2 उसके ससुराल वालों की चुदासी की भावना भी शामिल थी, वरना वो तो अपनी बीबी की चूत मारकर ही खुश था..ताली एक हाथ से तो नही बजती ना..

ये सोचकर उसने अपने दिमाग़ से उन सारी बातों को निकाल कर फेंक दिया जिसकी वजह से उसे अपने कमीनेपन का एहसास हो रहा था...

और चल पड़ा एक और जबरदस्त चुदाई के लिए...

अपनी प्यार सासू माँ की..

जो अपने कपड़े उतारकर उसका लंबा लंड लेने के लिए तैयार हो चुकी थी..


और एक बार जब अजय को नंगा बदन दिख जाता है तो उसके दिमाग़ में जो भी चल रहा होता है वो अपने आप ही बंद सा हो जाता है... क्योंकि उसके बाद तो सिर्फ लंड का दिमाग़ ही काम करता है...          












राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator