Friday, July 22, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..58

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..58


**********
अब आगे
*********


उसके लंड ने काम करना शुरू कर दिया था....
पूरा खड़ा होकर उसने शॉर्ट्स में टेंट बना लिया था...

उसकी सास अपनी कमर लचकाती हुई उसके करीब आई और बड़े ही प्यार से उसके गले में बाहें डालकर उसके गले से लग गयी... अपनी सास का नंगा बदन अपनी बाहों में भींचकर अजय ने एक सिसकारी मारी..

रजनी ने उसके कान में धीरे से एक गान गाया : ''आजा तुझे जन्नत दिखाउंगी ...''

और इतना कहते हुए वो उसके उसी कान को पूरा का पूरा अपने मुँह में निगल गयी..और धीरे-२ अपना गीला मुंह नीचे करके उसकी गर्दन भी चूस डाली 


अजय सिसक उठा...

रजनी ने अपना हाथ उसके शॉर्ट्स में डालकर उसके शेर को दबोच लिया...
और एक बार फिर से फुसफुसाई : "बड़ा उछल रहा है ये तो... आज इसकी 'अच्छे' से खबर लेती हूँ ...''

वो अपना लाड उसके लंड पर लुटा रही थी... जैसा एक माँ करती है, फ़र्क इतना था की ये उसकी सासू माँ थी और जिसपर वो लाड लुटाने को तैयार थी वो उसका लंड था..

अपने एक हाथ में उसके लंड को पकड़कर उसने दबाए रखा और दूसरे हाथ से शॉर्ट्स को नीचे खिसकाते हुए वो भी नीचे बैठ गयी...
अब उसके भूखे चेहरे के सामने था अजय का मोटा लंड ....

एक पल के लिए तो वो उसे देखती रह गयी और फिर उसके लंड को अपने चेहरे पर हर जगह लगाया

उसके लंड को पकड़ कर अपनी आँखो पर सुरमे की तरह पिरोया ...
अपने होंठों पर लिपस्टिक की तरहा रगड़ा...
और गालों पर किसी पाउडर की तरह घिस दिया....
और फिर अपने होंठों को गोल करके अपने दाँतों में फँसाया और उसे निगल लिया...


अजय तो चिंचिया उठा उसके इस प्रहार से....
उसने अपनी सास के बालों को ज़ोर से पकड़ कर पीछे खींचना चाहा पर वो उसके लंड पर किसी जोंक की तरह चिपकी रही...
हालाँकि उसने दांतो की पकड़ थोड़ी कम कर दी थी पर फिर भी अजय उसके मुँह में अपने लंड को रखे रहने से अब घबरा सा रहा था...


उसने उसके बालों को दोनो हाथों से मसलते हुए धीरे-2 उसके मुँह को अपने लंड पर मारना शुरू किया.... अब उसे भी मज़ा आ रहा था और अजय के लंड से निकल रहे प्रीकम को महसूस करके रजनी को भी...

वो काफ़ी देर तक उसके लंड को चूसती रही....
बाहर निकालती....
उसे देखती और उसे पप्पी करके फिर से निगल जाती....

फिर निकालती और फिर उसके टट्टों को मुँह में लेकर उन्हे चुभलाती....

उसके लंड को और उसके आस पास के पाँच इंच के रेडियस में जो कुछ भी था, हर चीज़ को उसने चूस डाला .... अपनी गर्म जीभ से धो डाला...

अब अजय के लंड का पारा बहुत उपर तक जा चुका था...
इतना उपर की वो चाहकर भी अपने माल को निकलने से नही रोक पाया और उसने बड़ी ही बेदर्दी से अपनी सास के जुंडे पकड़कर अपने लंड का पानी उसके मुँह में निकाल दिया..


रजनी को तो जैसे मन चाही मुराद मिल गयी...
हर सास की किस्मत में उसके दामाद के लंड का पानी कहाँ लिखा होता है...
रजनी की किस्मत में था...

और उसे महसूस करके वो अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर उसे पीती चली गयी.... 


अजय ने लंड को बाहर निकाल कर बचे हुए सफेद पेंट से उसका चेहरा रंग दिया....

भले ही झड़ा अजय था, पर संतुष्टि के भाव रजनी के चेहरे पर ज़्यादा थे..
बिना झड़े ही उसे एक अजीब सा एहसास अंदर तक मिल चुका था, अपने दामाद के गरमा गरम वीर्य की ठंडक ने उसके शरीर के तापमान को काफ़ी हद तक गिरा दिया था...

वो अपने चेहरे से सारी मलाई समेट कर निगल गयी और पास पड़े टॉवल से चेहरे को सॉफ करके बिस्तर पर जाकर लेट गयी... और उसने अपनी टांगे दोनो दिशाओं में फेला डाली...

अजय उसकी फेली हुई चूत देखता हुआ उसकी तरफ बढ़ने लगा.. इसी चूत से निकली प्राची को उसने ना जाने कितनी बार चोदा था... आज उसे इतने गोर से देखकर उससे सब्र नही हुआ और वो अपनी जीभ लपलपता हुआ उसकी टाँगो के बीच लेट गया और उसकी चूत के रस का प्याला एक ही बार में पी डाला..

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह अजय.................. मेरा बच्चा ........ अआहह.. ..... ज़ोर से ...... चूसो...... अहह''


इस उम्र की औरतों में चूत चुसवाने की चाह कितनी बलवंत होती है,ये आज अजय को पता चल रहा था....

रजनी ने उसके सिर को अपनी टाँगो के बीच भींच सा लिया, की कहीं वो निकल कर भाग ना जाए...
और उसके बालों को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचे जा रही थी....
उसकी जीभ जब -2 उसकी क्लिट से टकराती वो अपनी गांड हवा में उभार कर अपनी खुशी प्रकट करती....

अजय भी उसके मटर दाने को चुभलाता हुआ , अंदर से निकल रहा फ्रेश लाइम जूस पीने में लगा था....
आज जैसा स्वाद उसे पहले कभी नही आया था.... शायद आज उसकी सास ज़रूरत से ज़्यादा उत्तेजित थी..
इसलिए अजय पूरी लगान से सासू माँ की सेवा कर रहा था...


रजनी ने अजय को बेड पर खींच लिया और उसे चित्त लिटा कर उसके मुँह पर सवार हो गयी....
ये पोज़िशन अजय को हमेशा से पसंद थी... इस आसन में उपर से जब रसीली चूत का दबाव पूरे शरीर के भार के साथ मुँह पर पड़ता है तो उसे चूसने में बड़ा मज़ा आता है...

और साथ ही नर्म मुलायम गांड को भी मसलने का मौका मिल जाता है..


अजय उनकी चूत चूस्कर अंदर से शहद निकालने में जुट गया.






और जल्द ही अपनी खुली चूत को उसके चेहरे पर रगड़ती हुई रजनी ओर्गास्म के करीब पहुँच गयी...

वो अपनी चूत की दरारों के नीचे अजय के होंठों को, उसकी ठुड्डी को रगड़ रही थी... यहाँ तक की उसकी नाक को भी रगड़ती हुई उसने अपनी चूत के अंदर भींच डाला था....
और अंदरूनी दाने को मिल रही रगड़ को महसूस करके उसके अंदर उत्तेजना का भयंकर संचार होता चला गया जो एक ज्वालामुखी के रूप में उसकी चूत फाड़कर बाहर निकल आया...

और अजय के चेहरे को पूरा भिगो दिया..

''आआआआआआआआआआआआआआहह अजय ......................... माय गॉड ...... मैं तो गयी रे...... अजय.... मैं तो गयी.....''
 
 
 
 
 
 
 
 



इतना कहकर वो आगे की तरफ लुडक गयी....
अजय की जीभ पक्क की आवाज़ के साथ उसकी चूत से निकल गयी....
और रजनी आधी बेहोशी वाली हालत में गहरी साँसे लेने लगी..

पर अब अजय का लंड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था...


उसने बिना कोई देरी किए अपनी सास को घोड़ी बनाया और अपने लंड को ताज़ा झड़ी चूत के मुहाने पर रखा और एक जोरदार धक्का मारकर अंदर घुस गया..



बेचारी कराह भी नही पाई क्योंकि उसकी चूत तो सुन्न सी हुई पड़ी थी....

पर कुछ देर बाद जब उसकी चूत में हल्का-2 सेंसेशन आना शुरू हुआ तो उसे होश सा आया...
और अपने प्यारे दामाद को अपने उपर चड़ा हुआ देखकर वो अपनी छातियाँ खुद ही दबाने लगी...

''आआआआहह ..अजय..... येस्स..... .ज़ोर से..... चोदो अजय..... अपनी सास की चूत को आज फाड़ कर रख दो.... अहह और ज़ोर से अजय..... आज अपना ये मूसल लंड अंदर तक ठोंक दो.... फाड़ डालो मेरी चूत को ..... अपनी सास को चोदो अजय... अपनी सास को चोदो .... अहह.... सस्सस्स्स्स्स्स ....... सस्स..... ऐसे ही. ...... अहह..... ''


वो बुदबुदाती जा रही थी और अजय पागलों की तरह उसकी चूत चोदने में लगा रहा....

और अंत में दोनो के बदन ऐसे ऐंठने लगे जैसे कोई बुरी आत्मा ने कब्जा कर लिया हो....
और वो ऐंठन तब निकली जब अजय के लंड का पानी उसकी सास की चूत में पूरा भर गया...

और वो उनके बदन पर ओंधे लेटकर गहरी साँसे लेने लगा..

और रजनी उसके बालों को सहलाती हुई बड़े ही प्यार से उसके चेहरे को चूमती रही..

थोड़ी देर बाद रजनी बोली : "अजय....एक बात बोलूं ... मना तो नही करोगे ना...''

अजय : "हम्म्म .......''


रजनी : "तुम नेक्स्ट वीक मुंबई जा रहे हो ना.......''

अजय : "हाँ ....''

रजनी : "तो...क्या तुम......तुम.....रिया को साथ ले जाओगे....प्लीस...''

अजय तो एकदम उठकर बैठ गया ये सुनकर... रिया उसकी बहन की बेटी थी, पर एक तरह से देखा जाए तो उसके पति की ही बेटी थी वो भी.... इसलिए शायद उसके साथ रजनी को शुरू से ही प्यार था..

और पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी घर में चल रहा था, वो सब चोरी छुपे था... पूजा और रिया का जब अपनी मॉम के सामने पर्दाफाश हुआ था , तबसे तीनो के बीच जो तालमेट अजय को देखने को मिल रहा था, वो उनके आपसी प्रेम को ही दर्शा रहा था...
ना तो रजनी ने अपनी बेटी पूजा को अजय से चुदने के लिए मना किया और ना ही पूजा ने अपनी माँ के बारे में कुछ ऑब्जेक्ट किया...
रिया को अभी तक चुदाई का मौका नही मिल पाया था पर वो भी अपनी तरफ से जितना हो सकता था अपनी कजिन और मौसी की चुदाई में पूरा साथ दे रही थी...
और शायद इसलिए रजनी चाहती थी की उसका भी नंबर लग जाए ताकि इतने दिनों से जो सुख वो नहीं ले पा रही है वो उसे मिल जाए ...

पर एक और भी कारण था इसका, जो रजनी ने खुद बताया

वो बोली : "मैं जानती हूँ की अपने घर की बेटी के बारे में ऐसा बोलना सही नही है.... पर मैने जो महसूस किया है और देखा है, उसके बाद मुझे लगता है की रिया के पहली बार के लिए तुम एकदम पर्फेक्ट रहोगे...

अजय समझ गया की अपनी पहली चुदाई का किस्सा पूजा ने भी जरूर अपनी माँ को सुनाया होगा

अजय ने मन में सोचा 'वो तो सासू माँ अगर तुम ना भी बोलती तो मैं उसे चोदने ही वाला था...'

पर एक बार परमिशन के साथ चुदाई करने को मिल जाए तो उसका मज़ा ही दुगना हो जाता है....

अब बात ही ऐसी थी की मना करने का सवाल ही नही उठता था.... उसने फ़ौरन हाँ कर दी.... वो क्या बोलकर अजय के साथ मुंबई जाएगी...ये उनकी सिरदर्दी थी...

उन्हे वहीं लेटा हुआ छोड़कर अजय वापिस अपने बेडरूम में आकर सो गया..

अब तो उसके मन में बस आने वाले हफ्ते में अपनी कुँवारी साली को जी भरकर चोदने के प्लान बनने शुरू हो चुके थे.  


अगले दिन प्राची का रुटीन चेकप था...
अजय खुद उसे लेकर डॉक्टर के पास गया.... सब ठीक था...
सिर्फ़ एक महीना और बचा था डेलिवरी के लिए... कुछ ज़रूरी हिदायतें देकर डॉक्टर ने उन्हे वापिस भेज दिया.

वैसे तो प्राची का कल से ही चुदाई का मन कर रहा था, पर ऐसे में अजय ने चुदाई ना ही करना सही समझा... वो लास्ट टाइम में आकर कोई कॉम्पलीकेशन नही चाहता था...

इसी बीच अजय की सासू माँ ने रिया के साथ मिलकर एक प्लान बना लिया... ताकि उसे अजय के साथ भेजा जा सके..

उनके कहे अनुसार रिया ने घर पर ये कहा की कॉलेज की तरफ से उन्हे 4 दिन के लिए मंसूरी जाना है... अजय की सासू माँ तो पहले से ही उसके साथ मिली हुई थी... पूजा भी मिल गयी और उसे जाने के लिए एनकरेज करने लगी... हालाँकि 4 दीनो के लिए अपनी जवान बहन को इस तरह से बाहर भेजने पर प्राची ने कुछ आपत्ति उठाई थी, पर अजय के समझाने पर वो भी चुप हो गयी... रजनी ने अपनी बहन से बात करके उससे भी परमिशन ले ली... कुल मिलाकर रिया का प्रोग्राम पूरी तरह से सेट हो चुका था...

रिया के अनुसार उसे कॉलेज से ही बस के द्वारा मंसूरी निकलना था, जबकि असल बात ये थी की वो अजय से पहले एयरपोर्ट पहुँचकर उसका इंतजार करेगी , वो ये सब इसलिए कर रहे थे की किसी के मन में 1 पेर्सेंट भी शक की गुंजाइश ना रहे... क्योंकि दोनो ही 4 दीनो के लिए जा रहे थे.

रिया सुबह तैयार होकर कॉलेज निकल गयी...

अजय भी अपना बेग पेक करके तैयार हो गया...जाने से पहले वो प्राची के पास आया...अजय की सास किचन में कुछ काम कर रही थी..

वो सेंटी हो रही थी... वैसे ही लास्ट मंथ चल रहा था...ऐसे में उसे अजय का दूर जाना शायद थोड़ा उदास कर रहा था..उसकी आँखो में आँसू थे.

अजय : "ओले...मेरा बैबी उदास हो रहा है....बट मैं जल्दी आ जाऊंगा ..और डेली 3-4 बार कॉल भी करूँगा...ऑफीस का काम है,वरना तुम भी जानती हो की ऐसी हालत में तुम्हे छोड़कर जाने का मेरा भी मन नही है...''

प्राची उसके गले लग गयी...और बोली : "जानती हूँ अजय.... पर तुम इतने दिनों के लिए तुम जा रहे हो और वो भी इस समय,इसलिए थोड़ा अजीब लग रहा है....वरना यहाँ तो सब है मेरा ध्यान रखने के लिए...''

उसके बदन को भींचकर वो उसकी कमर सहलाने लगा...उसने ब्रा नही पहनी हुई थी...वैसे भी आजकल उसके मुम्मे फूले हुए से रहते थे...उसे ब्रा में काफ़ी तकलीफ़ होती थी.

उसे गले लगाते ही उसकी गहरी साँसे और तेज हो गयी...
अजय को पता था की कल से उसकी चूत में खुजली हो रही है,पर वो खुद ही उसे अवॉयड कर रहा था... पर कम से कम उसे किस्स तो कर ही सकता था...

उसने धीरे से उसका चेहरा आगे किया और उसे चूम लिया...


प्राची के चेहरे पर शरारत वाली हँसी आ गयी और बोली : "मरवाओगे तुम... मम्मी किचन में ही है.... वो देखेगी तो क्या सोचेगी...''

अजय : "वो यही सोचेगी की उनकी बेटी कितनी खुशनसीब है, उनका दामाद सुबह -2 उसे खुश कर रहा है....''

इतना कहकर उसने अपने होंठ प्राची के होंठों पर रख दिए...

वो तो खुद भी अंदर से कुछ करने को मचल रही थी....ऐसे में किस्स ही उसे बहुत मस्ती का एहसास दे गयी..उसके होंठ नम पड़ गये...और उनमें से मीठा रस निकलने लगा... जिसे अजय बुरी तरह से चूसने लगा..


अजय के हाथ उसके मुम्मों पर चले गये और उन्हे दबा दिया....
आजकल प्राची के बूब्स इतने बड़े और सख़्त हो चुके थे की उन्हे दबाने में अलग ही मज़ा मिलता था...
पर अजय को हमेशा लगता था की वो ज़ोर से दबा देगा तो उनमे से दूध ही ना निकल पड़े...
पर ऐसा कुछ हुआ नही...
पर उन्हे दबाने से प्राची की आग ज़रूर भड़क गयी...

वो अपनी छातियों को अजय के सीने पर रगड़ने लगी...
ठीक वैसे ही जैसे अपने होंठों से वो उसके होंठों को रगड़ रही थी..

अजय मस्ती में भरकर उसे स्मूच कर रहा था की अचानक उसे कमरे के दरवाजे पर अपनी सास दिखाई दी...
जो शायद प्राची का नाश्ता लेकर आई थी...
और उन्हे इस तरह से चूमते देखकर वहीं जड़वत होकर रह गयी....
अपने दामाद और बेटी को इस तरह चूमते देखकर उसकी चूत भी गुनगुना उठी और वो बिना कोई आवाज़ किए उन्हे ऐसा करते देखती रही...
प्राची की पीठ थी उनकी तरफ इसलिए वो बड़े इतमीनान से वो सब देख रही थी.

अजय भी अपनी सास के सामने उनकी बेटी को चूमकर अपने नाम एक नया कीर्तिमान स्थापित कर चुका था...
ये काम वो ऑलरेडी पूजा और रिया के साथ उनके सामने कर चुका था...
सिर्फ़ प्राची ही बची थी
आज उसे भी उनके सामने स्मूच करके एक तरह से रजनी की सारी बेटियों को उनके सामने चूमने का कीर्तिमान बना लिया था...

अजय ने घड़ी देखी, जाने का वक़्त भी हो रहा था, वरना प्राची तो उसका लंड भी चूसने को तैयार थी इस वक़्त...

वक़्त की कमी और अपने लंड का माल रिया के लिए बचाने का लालच था अजय को ...
इसलिए उसने किस्स तोड़ दी....
और बड़े ही प्यार से बोला : "जान.... फ़िक्र ना करो... ये जुदाई के पल जल्द ख़त्म होंगे... वापिस आकर ये अधूरा काम पूरा करूँगा... लव यू ....''

इतना कहकर उसने अपना बेग उठा लिया.... प्राची ने भी मौके की नज़ाकत को समझा और हंसकर उसने अजय को एक और किस्स करके जाने की इजाज़त दे दी... तब तक रजनी वापिस जाकर एक बार फिर से कमरे में दाखिल हुई और अजय ने उन्हे और प्राची को सारी हिदायते दी और बाहर निकल आया...

नीचे टैक्सी उसका वेट कर रही थी.....
पूजा ने भी बाहर निकल कर अपने जीजू को बाइ कहा और रिया को आराम से चोदने की हिदायत दी...
अजय ने हंसते-2 घर से विदा ली और सीधा एयरपोर्ट पहुँच गया...
जहाँ पहले से ही रिया उसका वेट कर रही थी...


अजय जब उसे लेकर प्लान की तरफ जा रहा था तो ऐसा एहसास हो रहा था जैसे वो एक बार फिर से अपने हनिमून पर जा रहा है....
वैसे था तो वो एक हनिमून ही....
कम से कम रिया के लिए तो था...
क्योंकि वहाँ जाकर उसकी पहली बार चुदाई होने वाली थी...
जिसके लिए हर लड़की कितने सपने देखती है...

उसे तो विश्वास ही नही हो रहा था की जिस चुदाई के लिए वो इतने दिनों से अपने जीजू के पीछे पड़ी थी,वो आख़िरकार होने जा रही है...और वो भी मुंबई जैसे सपनों के शहर में .
और वो भी पूरे 4 दिनों के लिए....
जहाँ उन्हे रोकने टोकने वाला कोई नही होगा...
वो हर तरह से कुछ भी कर सकेंगे..

ऐसी आज़ादी अपने जीजू के साथ शायद ही उसे दोबारा मिलेगी...
इसलिए वो इस टाइम को पूरी तरह से एंजाय करना चाहती थी..

और रिया ने इसके लिए सारी तैयारी भी कर ली थी...
अपनी पूरी बॉडी को वॅक्स करवाया था उसने पार्लर जाकर ....
नये-2 कपड़े और अंडरगार्मेंट्स भी लिए थे...
वो अपनी खूबसूरती को पूरा उजागर करके दिखाना चाहती थी अपने प्यारे जीजू को..

और दूसरी तरफ अजय भी अपने आप को खुशकिस्मत समझ रहा था इस घर का दामाद बनने के बाद....
उसकी जैसी किस्मत का शायद ही कोई और दामाद होगा इस दुनिया में जिसे अपनी पत्नी, सास और सालियों से इतना प्यार मिला हो...
और वो भी एक से बढ़कर एक नये तरीकों के साथ...
भले ही वो मुंबई ऑफीस के काम से जा रहा था पर उसे काम से ज़्यादा इस वक़्त अपनी साली को चोदने का ख्याल था.. इसके लिए उसने भी ज़ोर शोर से तैयारी की थी..

उसका बॉस तो वैसे ही इस प्रॉजेक्ट के लिए अजय पर पूरा डिपेंड था, इसलिए उसे बड़िया से बड़िया 5 स्टार होटल में रहने की इजाज़त दे दी... और वहाँ रहकर खुल कर खर्चा करने की भी... आख़िर वो प्रॉजेक्ट करोड़ो का था, इसके लिए कुछ लाख खर्च भी हो जाए तो कोई परेशानी नही थी.

इसलिए अजय ने अपना रूम ताज महल होटल में बुक करवाया... जिसके सामने विशाल समुंदर बहुत ही हसीन लगता था.

प्लेन में बैठकर पूरे रास्ते रिया ने अजय का हाथ पकड़े रखा...
ठीक वैसे ही जैसे एक नव-विवाहित जोड़ा चिपक कर रहता है...

वो करीब 5 बजे होटेल में पहुँच गये...
अजय को अपने क्लाईंट से मिलना था, इसलिए वो रिया को होटल रूम में छोड़कर वहीं चला गया...
और आते-2 उसे 9 बज गये.

भले ही वो बेहद थका हुआ था, पर रिया से मिलने की चाहत ने उसकी सारी थकान दूर कर दी थी..

पर उसे क्या पता था की रिया ने होटेल रूम में उसकी थकान मिटाने का क्या-2 इंतज़ाम कर रखा है..

आज की रात दोनो के लिए एक यादगार रात होने वाली थी.
 
 
 
 
 








राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator