Friday, July 20, 2012

सेक्सी कहानियाँ बुआजी की लड़की की चुदाई

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

बुआजी की लड़की की चुदाई

मेरी बड़ी बुआजी, फूफाजी और उनकी इकलौती लड़की दिल्ली रहते हैं | मेरे
फूफाजी कपड़ों के कारखाने में ब्रांच मेनेजर की पद पर काम करते हैं और
बुआजी लोकल बैंक में अकाउंट मेनेजर हैं | मैं भी कुछ इस तरह की नौकरी की
तलाश में था और करीब ४ महीने पहले इसी सिलसिले में मेरी बुआजी ने मुझे
अपने घर आने का निवेदन दिया |

मैं अपनी बुआजी के यहाँ कुछ ही दिनों में पहुँच गया | अपनी बुआ से ५
सालों के बाद मिल रहा था और उनकी बेटी सुमन से भी | मेरी बुआजी बिलकुल
नहीं बदली थीं, वो एक दम पहले की तरह ही मुझसे हंसी – मजाक कर रही थी पर
उनकी बेटी सुमन अब बड़ी हो चुकी थी और सयानी भी जैसे उसे हर चीज़ का ज्ञान
हो |
मैंने बुआजी से पूछा, मैं – हाँ . . वो सुमन कौन सी कक्षा में पढ़ रही है
. . ? बुआजी – मुझसे तो वो नाराज़ है . . सो तुम ही पूछ लो. .

तभी मैं सुमन के कमरे में गया और उसका दरवाज़ा खट – खटाया जिसपर सुमन बोली,
सुमन – आजाओ भईया. . मैं आप ही का इंतजार कर रही थी, आप कितने सालों के
बाद घर आए हो . .मुम्मी आपको बहुत याद करती थीं |
मैं – बस वक्त नहीं मिला अपनी पढाई के सिवा कहीं और निकालने को .. और अब
जाके थोड़ा – सा मिला है तो चला आया तुम्हारे पास मिलने की लिए . .! !
(मुस्कराते हुए)
सुमन मुझे देख कर हँसने लगी और फिर हम दोनों इधर – उधर की बातें करने लगे
| इतने में बुआजी ने सबको आवाज़ लगाई खाना खाने के लिए बुला लिया और फिर
हम दोनों नीचे चले गए |
सुमन देल्ही पब्लिक स्कूल में १२ में पढाई कर रही थी और उन दिनों उसके
विद्यालय की तरफ से १० दिन की चुट्टी चल रही थी | अब सुमन घर पर अपना
विद्यालय का कार्य करने के बाद घर का भी काफी काम संभाल लेती मगर बुआजी
और फूफाजी को दफ्तर जाना रहता था, और वो दोनों हर दिन की तरह उस दिन भी
१० बजे चले गए |

अब केवल घर में, मैं और सुमन ही रह गए थे | मैं सुमन के साथ उसके कमरे
में चला गया और फिर हम दोनों बातें करने लगे, कुछ देर बाद हम दोनों एक –
दूसरे से खुल गए और अपनी हर निजी बातें एक दूसरे से बांटने लगे | सुमन ने
मुझे बताया की उसका एक प्रेमी था और वो दोनों ने हरउस काम – क्रिया के
मज़े लूट चुके हैं जो किन्ही पति – पत्नी के नसीब में होती है | उसके मुंह
से ऐसी बातें सुनकर मैं गरम हो गया और मेरा पप्पू (लंड) खड़ा हो गया और
मेरे रोम- रोम भी खड़े हो गए थे |
सुमन घर में छोटा वाला निक्कर(कच्छा) पहने हुए थी उसकी गोरी – गोरी चिकनी
टाँगे मुझे साफ़ दिख रहीं थी और उसके पहने हुए टॉप में उसके ब्रा का निशान
दिखाई दे रहा था | उसकी ऐसी कामुक बातें सुनकर और उसके अधनंगे तन को देख
कर मुझे सुमन को चोदने का मन कर रहा था ऊपर से हम दोनों ही घर में अकेले
थे | फिर मैंने सुमन से काम – क्रीडा के विषय से सम्बंधित बातें करना
शुरू कर दिया और देखा सुमन को मेरी इन बातों और सवालों में मज़ा आने लगा
था |

मैं अंदर से तनने लगा था मेरा शरीर से जैसे सुमन की बाहों में अंगडाई
लेने को तरस रहा था | तभी मैंने सुमन से एक ग्लास पानी मंगाया और फिर
धीरे से रसोई में जाकर पीछे से सुमन को जकड़ लिया | पहले तो सुमन झटपटाई
और मुझेसे झेंप होने लगी | फिर बाद में जब मैंने अपनी आखों को उसकी आँखों
में डाल उसकी बाहों को सहलाने लगा तो उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया |
मैंने सुमन की गर्दन को चूमना शुरू कर दिया और एक हाथ से उसकी गांड को
दबाना भी चालू कर दिया | मैं उसकी गर्दन को चुमते – चुमते होठों पर आया
और देखा की सुमन मेरी चड्डी में से लंड निकाल कर मसलने लगी | मुझे बहुत
मज़ा आ रहा था और अंदर से सुमन की चुत मारने की चाह और बढ़ गयी | मैंने
सुमन को बेड – रूम मै लेजाकर पलंग पर फ़ेंक दिया और उसके उप्पर चडकर उसके
दुदों को दबाने लगा | सुमन का गोरा -गोरा बदन धीरे -धीरे गरम होने लगा था
और जब मै उसके दुदों को दबाता तो वो मचलती हुई सिसकियाँ भरने लगती |

कुछ देर बाद मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके काले ब्रा को चाटने लगा
और फिर धीरे से ब्रा की हुक को खोला | तभी मैंने सुमन के मुम्मों को
दबाते हुए उन्हें पिने लगा | मेरा मुहँ के स्पर्श को अपने चुचों पर महसूस
करते ही सुमन जोर – जोर से सिसकियाँय लेने लगी और मुझे पास में खींच कर
मेरा लंड मुहँ में लेना शुरू कर दिया | मुझे लगा की में जन्नत के सेर –
सपाटे पर निकल पड़ा हूँ, कुछ देर मेरा लंड लंड चूसने के बाद मैंने सुमन को
उठाया और उसके पेट पर नाभि के चरों ओर अपना हाथ फेरने लगा और उसके पेट को
चुमते हुए उसके निक्कर को उतारा और उसकी जांघ पर हाथ रख कर अपनी उँगलियों
से सहलाने लगा फिर धीरे – धीरे और उसकी उसकी उसकी जांघों को मसलते हुए
उसकी पैंटी पर अपना हाथ फेरने लगा और अपनी जीभ से उसकी पैंटी के उप्पर से
उसकी चुत में देने की कोशिश करने लगा जिसपर सुमन ने जोर से कहा, "अब नहीं
इंतज़ार होता. . .मिटा दो यह सारी दूरियां . ."

तभी मैंने सुमन की पैंटी उतार कर उसकी चुत को चाटना शुरू कर दिया जब तक
की उसकी चुत गीली हुई और फिर उठकर पहले अपने लंड को सुमन की चुत पर रख कर
थोडा मसला और फिर धीरे- धीरे अपने लंड को सुमन की कमर की पकड़ के सहारा
लगाते हुए उसकी चुत में धक्का मारने लगा और अपनी गति बढ़ाते हुए उसकी
चुदाई शुरू कर दी | सुमन जोर- जोर से चिल्ला रही थी और अपने दातों से
मेरे कंधे को काट रही थी | हम अपनी सारी हद्दें पार कर एक दुरे से चिपके
हुए अपनी काम – क्रियाओं की प्यास बुझाने लगे | ३० मिनट की चुदाई करने के
बाद मैं झड गया और सुमन को अपनी बाहों मै लेकर सो गया |

उसदिन के बाद मेरा जब भी मन करता तो मैं बुआजी के घर किसी – न – बहने आ
जाता और सुमन के साथ लिपटे हुए अपनी जवानी के खूब मज़े लेता |


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सेक्सी कहानियाँ चुत का पुजारी

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
चुत का पुजारी

यह कहानी लगभग २ साल पुरानी है और मैं आपको अपने ही रिश्ते में लगने
वाले भाई की प्रेमिका साथ की यौन हरकतों के बारे में विवरण करना चाहता
हूँ | उन भिया का नाम वीरेन था और वो कई सालों से अपनी प्रेमिका के साथ
बंधन में जुड़े हुए थे जिसका नाम लक्ष्मी था | भईया ने अपनी प्रेमिका से
मेरी बात खुद ही करवाई थी पर वो नहीं जानते थे की वो दुनिया की सबसे बड़ी
गलती करने जा रहे है | अब कभी – कभी उनकी प्रेमिका मुझे मेरे फोन पर मसेज
कर दिया कर थी जिससे मेरी और लक्ष्मी की बात बढती चली गयी | वीरेन भईया
तो अपनी नौकरी पर इतने व्यस्त रहते की लक्ष्मी से बात करने और मिलने का
समय ना निकला पाते |

इस वक्त के दौरान लक्ष्मी और मेरे बीच की दूरियां घटती चली गयी और वो
अपना दिल बहलाने के लिए मेरे साथ कहीं बाहर घूमने भी चली जाती | मैंने
हमारे मिलने – जुलने में एक चीज़ पर ध्यान दिया की जब – कभी भी मेरा हाथ
लक्ष्मी से छू जाया करता तो वो कभी अपना हाथ ना हटाती | मतलब अब मेरा
दिमाक में खराफूती इरादे आने लगे | अब धीरे – धीरे मैं लक्ष्मी से
रोमांटिक फिर कामुक बातें करने लगा और वो भी उनसे इन सभी बातों पर खुलती
चली गयी | अब तो लक्ष्मी मुझे यह भी बताने लगी की वो दिन में कितनी बार
और कितनी उँगलियाँ मेरी कामुक बातों को सुनने के कारण अपनी चुत में दिया
करती है | उसकी ऐसी बातों को सुन मैं भी अकसर अपना होश खो बैठ दिया करता
था | मैंने अब एक दिन जब मेरा घर खाली था तो लक्ष्मी को बुला लिया और
काफ़ी देर उससे इधर – उधर की बातें करते हुए कामुक बातों का विषय छेड
डाला जिसपर पर लक्ष्मी मुझे कामुक नज़रों से देखने लगी
|

मेरा दिमाक में ज्यादा कुछ ना सुजा और मैंने उसके होठ मेरे होठों के
कब्ज़े में आ चुके थे और धीरे – धीरे उसे उसके अंगों को छेड़ता हुआ गरम
करने लगा | मैंने उसके होठों को अपने होठों से दबा कर चूसने लगा और अपने
हाथों से उसकी देई को सहलाता रहा | मैंने अब वहीँ लक्ष्मी के साथ सब कुछ
भोल चूमी – छाती में इतना मग्न हो गया की उसक उप्पर का टॉप भी खींच के
निकल दिया और उसके चुचों को बारी – बारी दबाते हुए चूसने लगा | अब
लक्ष्मी ने भी इस पर मेरे पजामें को नीचे कर मेरे लंड को निकाला और जैसे
ही अपने हाथों का स्पर्श दिया तो मेरे लंड ने भी उसके तनकर सलामी देना
शुरू कर दिया और उसने अपने मुंह में भर लिया और मेरे लंड के सुपाडे पर
अपनी जीभ को इतराते हुए अंदर – बाहर करने लगा |

अब मैंने लक्ष्मी को अच्छे से बिस्तर पर चढाते हुए उसकी पैंट को उतार
फ़ेंक और देखा की उसने कोई पैंटी नहीं पहनी थी , ऐसा लग रहा था मानो आज
वो चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आई है | अब मैंने उसकी चुत को
सहलाते हुए उसकी टांगों को खोल दिया | मैंने अपने होठों से उसकी चुत को
चूमने लगा और फट से अपने फौलादी लंड उसकी चुत पर टिकाते हुए जोर का धक्का
मारा जिससे मेरा लंड सुपाडा सहित ही उसकी चुत में एक बार में अंदर चला
गया | लक्ष्मी हो हल्का – हल्का दर्द तो हुआ पर वो नशे में बिलकुल धुत्
हो चुकी थी और कमर को आगे पीछे हिलाने लगी | उसकी मोरनी जैसे कमर कमर को
सहलाते हुए मैंने थोड़ा अपने लंड के सुपाडे पर लगाते हुए उसकी गुफा के
अंदर अपने को जोर – जोर से पीछे की ओर धकेलने लगी |

उसकी निराली चुत में हर बार अपने लंड को अंदर धेकेलते हुए मेरे सांसें
परम सीमा पर पहुँच जाती | मैं अपनी हवस को बस अब अपने लंड के धक्कों के
द्वारा ही बयान कर पा रहा था | माशा आलाह्ह्ह . . कितनी फुर्सत से बनाया
है उप्पर वाले चुत की दीवारों को. . .! ! अब लक्ष्मी अपनी उंगलियों को
चुस्ती हुए अपनी चुत को फटवानें के लिए गिडगिडा रही थी | मैंने भी आधे
घंटे तक उसकी चुत अंधाधुंध रफ़्तार से अपन्द को बरसाया और अचानक मेरे लंड
पर काले बदल भी इस तरह आये की अपना साल माल झड़ने को हो लिया | मैंने
फ़ौरन लंड निकाला और उसके मुंह के पास लाकर मसलने लगा जिससे कुछ पल में
मेरा लोले के माल से लक्ष्मी का मुंह पूरा भीग चूका था | जो हुआ सो हुआ
और जब इस कहानी का भईया को भी पता चल गया जिसपर खामखाँ खूब हंगामा हुआ और
आखिरकार मैंने दोनों को ही ठोकर मार फिर निकल पड़ा चुत की तलाश में और
मेरा नाम पड़ गया चुत का पुजारी ! !

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ट्रेन मे भाई से सुहागरात--2

raj sharma stories

ट्रेन मे भाई से सुहागरात--2

गतान्क से आगे...................
वो लोग जिस कॅबिन में थे वो बिकुल खाली था तो उस ने कहा कि तुम दोनो यही
पे सोने अजाना, तो में ने कहा आप ही मोम से कहना कि हम दोनो यही पे
सोएंगे, उस ने कहा ठीक है में तुम्हारी मोम से बात कर लूँगी, थोड़ी देर
में एक स्टेशन आया हम ने चाइ पे फिर में और भाई मोम के पास आए रात के
8:30 बज चुके थे हम ने खाना खाया, फिर हम बैठे ही हुए थे कि वो लड़की उस
का नाम तन्नू था वो आई और मोम से बोली आंटी बिल्लो और जस्सी को आप वाहा
पे भेज दो में अकेली हूँ अपने भाई के साथ उस कॅबिन में कोई नही है तो मैं
बोर हो रही हूँ हम वाहा पे बातें करेंगे फिर ये दोनो वही सो जाएगी, सुबा
आजाएगी , तो मोम ने कहा ठीक है तुम लोग जाओ वही सो जाना, मेरी तो खुशी का
कोई ठिकाना नही था ट्रेन में भी मुझे जुगाड़ मिल गया था, हम वाहा पे आए
और हम चारो बैठ कर बातें करने लगे हम हम चारो एक दम खुल के बातें कर रहे
थे तन्नू ने मुझे और मेरे भाई जस्सी को अपने भाई से अपनी चुदाई के कई
किस्से सुनाए, जिस से मेरी चूत उसी वक्त लंड माँग रही थी,

सेक्स की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी , पता ही नही चला कि कब रात के 10 बज
गये हम टाइम हो चुका था कि कुछ किया जाय तो में ने तन्नू से पुछा कि केसे
करना है तो उस ने कहा तुम दोनो बेहन भाई एक एक कर के बाथ रूम में जाना और
वही चुदाई कर लेना, और फिर चाहो तो हम चारो एक साथ बातरूम चलेंगे क्यो कि
रात में कोई बाथरूम नही आएगा तो में ने उस लड़के उस का नाम गौरव था उस से
कहा कि जाओ देख कर आओ कि मेरी मोम सोई है या नही तो वो गया और आकर बताया
कि मोम सो गई है,

तो में ने तन्नू से कहा के पहले तुम गौरव के साथ कर्लो,फिर हम चले
जाएँगे. फिर तन्नू और गौरव दोनो बाथरूम चले गये. पहले हम ने देखा कि हमे
कोई देख तो नही रहा है वाहा पे कोई नही था तो हम दोनो भाई बेहन एक दूसरे
से लिपट गये और किस करने लगे.मैने भाई को कहा के' जस्सी वो तो बाथरूम मे
करके आएँगे, आजा हम यहीं बर्त पर ही जल्दी-2 कर लेते हैं".जस्सी बोला के
दीदी जल्दी-2 मे क्या मज़ा आएगा,जी चाहता है सारी रात करूँ. मेने उसके
गाल पर चिकोटी काट ते हुए कहा बाकी कसर घर चल कर पूरी कर लेना.अभी तो
जल्दी करले.उनके सामने मुझे शरम आएगी.

तन्नू ने बाद मे मुझे बताया था कि जैसे ही बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया
गौरव अपनी बेहन के उपर टूट पड़ा और उसे पागलो की तरहा किस करने लगा, उसे
भी उसका किस करना अछा लग रहा था तो उस ने भी किस का जवाब देना शुरू कर
दिया, वो बार बार उसकी चुचि को दबाता जा रहा था उसे किस किए जा रहा था
कभी उसकी चूत को दबाता और कभी उसकी गंद को , उसे अब बर्दाश्त करना
मुश्किल हो रहा था तो उस ने उसे दूर हटा दिया और जल्दी जल्दी अपने सारे
कपड़े उतार दिए, उसे कपड़े उतारते देख कर वो भी अपने कपड़े उतार कर नंगा
हो गया, अब वो दोनो एक दम नंगे थे, तन्नू ने उस का लंड अपने हाथ में पकड़
लिया उस का लंड बहुत ज़्यादा मोटा लंबा था , और फिर उसने तन्नू को किस
करना शुरू कर दिया,तन्नू भी उसे बेतहाशा किस किए जा रही थी उस ने किस
करते हुए अपने हाथ मे गौरव के लंड को लेकर सहलाने लगी. फिर उसके भाई ने
उसा घोड़ी बना कर खूब चोदा.
इधर मुझे भी बड़ा मज़ा आरहा था काफ़ी देर तक मैं और जस्सी किस करते रहे,
उसी बीच में एक बार झाड़ भी गई थी,

फिर जस्सी ने मुझे लंड चूसने को कहा में वही बैठ गई और उस का लंड चूसने
लगी, थोड़ी ही देर में उस ने मेरे सिर को ज़ोर से अपने लंड पे दबा लिया
में समझ गई की इस का पानी निकलने वाला है, और उसी टाइम उस के लंड का पानी
निकल कर सीधे मेरे मूह में गया में ने भी सारा पानी पी लिया एक बूँद भी
नीचे नही गिरने दिया ,आख़िर भाई के लंड से निकला अमृत जो था. फिर उस ने
अपना लंड मेरे मूह से निकालना चाहा मगर में ने नही निकाला में उस के लंड
को अपने मूह में भरी रही ,जी चाहता था के सारी उमर यूही लंड को मूह मे
लिए रहू.मगर उस ने ज़ोर लगा कर अपने लंड निकाल लिया, और अपने कपड़े पहनने
लगा मुझे अच्छा नही लगा ,

में ने तुरंत ही उसे किस करना शुरू कर दिया जिस से वो दोबारा जोश में
आगेया , और एक बार फिर से उस का लंड खड़ा होगया, हम थोड़ी देर तक किस
करते रहे फिर, उस ने अपना लंड मेरी चूत में सटा दिया मगर में ने उसे हटा
दिया तो उस ने कहा क्या हुआ में ने कहा नही अभी चूत नही अभी तुम मेरी
गांद ही मार लो तो भाई मेरे पिच्छवाड़े पे हाथ फेरने लगा.मे उनकी तरफ देख
कर मुस्कुराइ , दोनो तरफ फिर चिंगारी भड़क चुकी थी.मे बेबस हो कर बर्त पर
पेट के बल लेट गयी और अपने घुटनो के बल होकर अपने चूतर हवा मे उठा चौपाया
बन गयी.मेरे गोल मटोल गोरे गोरे चूतर भाई की आँखों के सामने लहरा रहे थे.

भाई से रहा नही गया और झुक कर चूतर को दन्तो से कस कर काट लिया. भाई पिछे
हो कर चूत के साथ साथ गांद पे भी जीभ फेरने लगा तो सारा बदन एक नयी
लज़्ज़त से रोशन हो गया.मेने कूल्हे और उँचे कर लिए. भाई जैसे ही मेरे
उपर चढ़ा तो लंड का सूपड़ा सीधा गांद पे जा लगा. फिर भाई ने मेरे चूतर को
दोनो हाथों से पकड़ कर ज़ोर का धक्का लगाया और भाई का सुपरा मेरी गंद की
छेद मे चला गया. मेरी कसी गंद ने भाई के लंड के सुपरे को जाकड़ लिया.
मुझे थोडा दर्द हुआ. भाई ने दोबारा धक्का दिया और मेरी गंद को फड़ता हुआ
भाई का आधा लंड गंद मे दाखिल हो गया. मे ज़ोर से चीख उठी, "उईइ मा,
दुख़्ता है मेरे राजा." पर भाई ने मेरी चीख पर कोई ध्यान नही दिया और लंड
थोड़ा पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगाया. भाई का 9" का लंड मेरी गंद को
चौड़ा हुआ पूरा का पूरा अंदर दाखिल हो गया. मे फिर चीख उठी.

मैं बार बार अपनी कमर को हिला हिला कर भाई के लंड को बाहर निकालने की
कोशिश कर रही थी. भाई ने आगे को झुक कर मेरी चूंची को पकड़ लिया और उन्हे
सहलाने लगा.भाई मेरी गर्दन और गालों की चुम्मियाँ ले रहा था. लंड अभी भी
पूरा का पूरा मेरी गंद के अंदर था. कुछ देर बाद मेरी गंद मे लंड डाले
डाले मेरी चूंची को सहलाता रहा. जब मे कुच्छ नॉर्मल हुए तो अपने चूतर
हिला कर बोली, "चलो राजा अब ठीक है." मेरा सिग्नल पाकर भाई ने दोबारा
सीधे होकर मेरे चूतर पकड़ कर धीरे-धीरे कमर हिला अंदर-बाहर करना शुरू कर
दिया. मेरी गंद बहुत ही टाइट थी. भाई को चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था.

अब मे भी अपना दर्द भूल कर सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगी. मेने अपनी एक
उंगली चूत मे डाल कर कमर हिलाना शुरू कर दिया. मेरी मस्ती देख कर भाई भी
जोश मे आ गया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. भाई का लंड अब पूरी
तेज़ी से मेरी गंद मे अंदर-बाहर हो रहा था. मे भी पूरी तेज़ी से कमर आगे
पीछे करके भाई के लंड का मज़ा ले रही थी. लंड ऐसे अंदर-बाहर हो रहा था
मानो एंजिन का पिस्टन. पूरी कॅबिन मे चुदाई की ठप ठप की आवाज़ गूँज रही
थी. जब मेरे थिरकते हुए चूतर से भाई के अंडकोष टकराते थे तो लगता कोई
तबलची तबले पर ठप दे रहा हो. मे पूरी जोश मे पूरी तेज़ी से चूत मे उंगली
अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर कर भाई से गांद मरवा रही थी.

हम दोनो ही पसीने पसीने हो गयी थे पर कोई भी रुकने का नाम नही ले रहा था.
मे भाई को बार बार ललकार रही थी, "चोद लो मेरे राजा चोद लो अपनी बेहन की
गंद. आज फाड़ डालो इससे. शाबाश मेरे साजन, और ज़ोर से राज्ज्जा और ज़ोर
से. फाड़ डाली तुमने मेरी तो." भाई भी हुमच हुमच कर शॉट लगा रहा था. पूरा
का पूरा लंड बाहर खीच कर झटके से अंदर डालता तो मेरी चीख निकल जाती. भाई
का लावा अब निकलने वाला था. उधेर मे भी अपनी मंज़िल के पास थी. तभी भाई
ने एक झटके से लंड मेरी गांद मे जड़ तक धंसा दिया. भाई मेरे बदन को पूरी
तरह अपनी बाहों मे समेत कर दनादन शॉट लगाने लगा. मे भी सम्हल कर ज़ोर
ज़ोर से आह उहह करती हुई चूतर आगे-पीछे करके अपनी गांद मे भाई का लंड
लेने लगी. हम दोनो की सांस फूल रही थी. आख़िर भाई का ज्वाला मुखी फुट
पड़ा और भाई मेरी पीठ से चिपक कर मेरी गांद मे झाड़ गया. मे भी झड़ने को
थी और चीख़्ती हुई झाड़ गयी.

तन्नू और गौरव के आने से पहले ही हमने कपड़े पहन लिए, मेने तन्नू से
मज़ाक करते हुए कहा क्या बात है काफ़ी टाइम लगा दिया, कितने स्वाद लिए?
तन्नू ने भी कहा के एक बार मूह में और एक बार गांद में तो मेने कहा अरे
चूत में नही उसने कहा के अभी टाइम है हर जगह पे चुदवाउन्गि, फिर हम बैठ
कर बातें करने लगे,और फिर थोड़ी देर बाद गौरव और जस्सी का फिर से मूड बन
गया, गौरव ने तन्नू को बाहों मे भरते हुए कहा क यार अब हमारे बीच क्या
परदा और हम अपने-2 भाई की बाहों मे समा गयी.अब की बार हम शरमाये नही और
उनके सामने ही किस करने लगे.

उन्हे हमारी सुध कहाँ थी,मेने देखा के गौरव का लंड तन्नू की चूत मे समा
चुका है.लगता था कि वो इसके पहले ही आदि थे.तन्नू बड़े मज़े से ताल से
ताल मिला कर अपने भाई से चुदवा रही थी,मुझे तो डर भी लग रहा था कि पता
नही भाई का मोटा लंड मेरी कुँवारी चूत झेल पाएगी या नही .मेरी पहली रात
थी,फिर भी उनकी चुदाई को देख कर मे रुक ना सकी और तकिये पे पुराना कपड़ा
डाल कर अपने चूतड़ टिकाए और भाई को अपने ऊपेर खींच लिया.जस्सी ने मोटे
लंड का गरम सूपड़ा जैसे ही मेरी चूत पर लगाया,मेरी तो एईद हो गयी.मेने
नीचे से चूतड़ उच्छाले तो गॅप से लंड का सूपड़ा योनि को चौड़ा करता हुआ
अंदर चला गया.मेने बाहों का घेरा भाई पर कस दिया तो भाई ने एक जोरदार
घस्सा मारा, कपड़ा फटने जैसी आवाज़ हुई और उनके अंडकोष मेरी गांद से आ
लगे.चूत को फाड़ कर लंड मेरी नाभि से टकरा रहा था. बर्त पर ही जोरदार
चुदाई शुरू हो गयी.भाई के धक्के तेज होते गये और जल्दी ही मे भी ताल से
ताल मिलाने लगी.ट्रेन के हिचकोलो के साथ कॅबिन मे फ़च फ़च..पाट..पाट..की
आवाज़ें गूँज रही थी.दो भाई और दो बहने स्वर्ग मे गोते लगा रहे थे.

मुझे तो लग रहा था के जैसे ये मेरी सुहागरात है.जब भाई का गरम गरम वीर्य
मेरे गरभ मे गिर रहा था तो मे तीसरी बार झाड़ रही थी.जब सखलन का नशा उतरा
तो हमारा ध्यान दूसरी तरफ गया.वो लड़का अपनी बेहन को घोड़ी बना कर चोद
रहा था और उसकी बेहन भी मज़े से आँख बंद करके गपा गॅप पिछे से भाई का लंड
डलवा रही थी.ये नज़ारा देख कर हमने एक दूजे को देखा और भाई का इशारा समझ
कर मैं घूम कर झुक गई. उस ने अपना लंड पिछे से मेरी चूत में डाल दिया
.लंड मोटा था इस लिए एक बार चूत मरवाने के बाद भी आराम से चूत में नही
गया, और मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था,पर भाई का दिया हुआ दर्द था जो कि
बहुत मीठा लग रहा था.

फिर उस ने चूत मे शॉट लगाने शुरू किए. उस के हर घस्से पे में आसमान की
सेर कर रही थी .करीब 10 मिंट तक उस ने मेरी चूत की चुदाई की , इस दौरान
मे दो बार फिर से झाड़ चुकी थी. फिर भाई की रफ़्तार बढ़ गई में समझ गई कि
इस का पानी निकलने वाला है तो में ने उस का लंड अपनी चूत से निकाल कर मूह
में भर लिया और एक बार फिर उस का पानी मेरे मूह में गिरा, इस तरहा से
चलती ट्रेन में चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था,वो भी अपने सगे भाई से.

कभी चूत तो कभी गांद हम दोनो जोड़े सारी रात चुदाई मे लगे रहे.सुबह होने
पर हम बेहन भाई मम्मी के पास आकर ऐसे बैठ गये जैसे कुच्छ हुआ ही ना हो.पर
मेरी उलझी लतें और चेहरा पे खुशी का नूर तो सब कुच्छ बता रहा था.सारी रात
की किस्सिंग से मेरे होंठ भी कुच्छ सूज से गये थे.जस्सी मेरे पास मे बैठ
कर फिर मुझे छेड़ने लगा तो मेने धीरे से उसके कान मे कहा के क्या कर रहे
हो, मा देख लेगी,सारी रात तो सोने नही दिया,थोड़ा सा सबर भी नही होता, घर
चल कर दे दूँगी".और ये सिलसिला अब रुकने का नाम नही ले रहा है.हम एक दूजे
के बिना नही रह सकते.
समाप्त


Train Me Bhai Se Suhagraat--2

gataank se aage...................
wo log jis cabin mein the wo bikul khali tha to us ne kaha ki tum dono
yahi pe sone aajana, to mein ne kaha aap hi mom se kehna ki hum dono
yahi pe soyenge, us ne kaha thik hai mein tumhari mom se baat kar
lungi, thodi der mein ek station aaya hum ne chai pe fir mein aur bhai
mom ke pass aye rat ke 8:30 baj chuke the hum ne khana khaya, fir hum
baithe hi hue the ki wo ladki us ka naam Tannu tha wo aai aur mom se
boli anti Billo aur Jassi ko aap waha pe bhej do mein akeli hun apne
bhai ke sath us cabin mein koi nahi hai to mein bore ho rahi hun hum
waha pe baatein karenge fir ye dono wahi soo jayegi, subha aajayegi ,
to mom ne kaha thik hai tum log jao wahi so jana, meri to khushi ka
koi thikana nahi tha Train mein bhi mujhe jugad mil gaya tha, hum waha
pe aaye aur hum charo baith kar baatein karne lage hum hum charo ek
dam khul ke baatein kar rahethe Tannu ne mujhe aur mere bhai Jassi ko
apne bhai se apni chudai ke kai kisse sunaye, jis se meri choot usi
vakt lund maang rahi thi,

sex ki ichha badhti hi ja rahi thi , pata hi nahi chala ki kab raat ke
10 baj gaye hum time ho chuka tha ki kuch kiya jaya to mein ne Tannu
se puchha ki kese karna hai to us ne kaha tum dono behan bhai ek ek
kar ke bath room mein jana aur wahi chudai kar lena, aur fir chaho to
hum charo ek sath bathroom chalenge kiun ki raat mein koi bathroom
nahi aayega to mein ne us ladke us ka naam Gaurav tha us se kaha ki
jao dekh kar aao ki meri mom soi hai ya nahi to wo gaya aur akar
bataya ki mom so gai hai,

to mein ne Tannu se kaha ke pehle tum Gaurav ke sath karlo,phir hum
chale jayenge. fir Tannu aur Gaurav dono bathroom chale gaye. pehle
hum ne dekha ki hume koi dekh to nahi raha hai waha pe koi nahi tha to
hum dono bhai behan ek dusre se lipat gaye aur kiss karne lage.Maine
bhai ko kaha ke' Jassi wo to bathroom me karke ayenge, aaja hum yahin
berth par hi jaldi-2 kar lete hain".Jassi bola ke didi jaldi-2 me kya
maja ayega,jee chahta hai sari raat karun. Mene uske gaal par chikoti
kat te hue kaha baki kasar ghar chal kar puri kar lena.Abhi to jaldi
karle.Unke samne mujhe sharam ayegi.

Tannu ne baad me mujhe bataya tha k Jaise hi bathroom ka darwaza band
kiya Gaurav apni behanke upar tut pada aur use pagalo ki tarha kiss
karne laga, use bhi uska kiss karna acha lag raha tha to us ne bhi
kiss ka jawab dena shuru kar diya, Wo bar bar uski chuchi ko dabata ja
raha tha use kiss kiye ja raha tha kabhi uski chut ko dabata aur kabhi
uski gand ko , use ab bardash karna mushkil ho raha tha to us ne use
dur hata diya aur jaldi jaldi apne sare kapde utar diye, use kapde
utarte dekh kar wo bhi apne kapde utar kar nanga ho gaya, ab wo dono
ek dam nange the, Tannu ne us ka lund apne hanth mein pakad liya us ka
lund bahut zyada mota lumba tha , aur fir usne Tannu ko kiss karna
shuru kar diya,Tannu bhi use betahasha kiss kiya ja rahi thi us ne
kiss karte hue apne hath me Gaurav ke lund ko lekar sehlane lagi. phir
uske bhai ne usai ghodi bana kar khoob choda.
Idhar mujhe bhi bada maza aaraha tha kafi der tak mai aur Jassi kiss
karte rahe, usi bich mein ek bar jhad bhi gai thi,

Fir Jassi ne mujhe lund chusne ko kaha mein wahi baith gai aur us ka
lund chusne lagi, thodi hi der mein us ne mere sir ko zor se apne lund
pe daba liya mein samjh gai ki is ka pani nikalne wala hai, aur usi
time us ka lund ka pani nikal kar sidhe mere muh mein gaya mein ne bhi
sara pani pee liya ek bund bhi niche nahi girne diya ,akhir bhai ke
lund se nikla amrit jo tha. fir us ne apna lund mere muh se nikalna
chaha magar mein ne nahi nikala mein us ke lund ko apne muh mein bhari
rahi ,jee chahta tha ke sari umar yuhi lund ko muh me liye rahu.magar
us ne zor laga kar apne lund nikal liya, aur apne kapde pehnne laga
mujhe achha nahi laga ,

mein ne turant hi use kiss karna shuru kar diya jis se wo dobara josh
mein aagaya , aur ek bar fir se us ka lund khada hogaya, hum thodi der
tak kiss karte rahe fir, us ne apna lund meri chut mein sata diya
magar mein ne use hata diya to us ne kaha kya hua mein ne kaha nahi
abhi chut nahi abhi tum meri gaand hi mar lo tau bhai mere pichhwade
pe hath pherne laga.Me unki taraf dekh kar muskurai , dono taraf phir
chingari bhadak chuki thi.Me bebas ho kar berth par pet ke bal let
gayee aur apne ghutno ke bal hokar apne chutar Hawa me utha chaupaya
ban gayi.mere gol matol gore gore chutar bhai ki ankhon ke samne
lahara rahe the.

bhai se raha nahee gaya aur jhuk kar chutar ko danto se kas kar kat
liya. Bhai pichhe ho kar choot ke sath sath gaand pe bhi jibh pherne
laga tau sara badan ek nayee lazzat se roshan ho gaya.Mene kulhe aur
unche kar liye. Bhai jaise hi mere upar charha tau lund ka supada
sidha gaand pe ja laga. Phir bhai ne mere chutar ko dono hathon se
pakar kar jor ka dhakka lagaya aur bhai ka supara meri gand ki chhed
me chala gaya. meri kasi gand ne bhai ke lund ke supare ko Jakar liya.
Mujhe thora dard hua. bhai ne dobara dhakka diya aur meri gand ko
pharta hua bhai ka adha lund gand me dakhil ho gaya. me jor se cheekh
Uthee, "uiii ma, dukhta hai mere raja." Par bhai ne meri cheekh par
koi dhyan nahee diya aur lund thora peeche kheench kar jordar shot
lagaya. bhai ka 9" ka laura meri gand ko chaura hua pura ka pura andar
dakhil ho gaya. me phir cheekh uthee.

me bar bar apni kamar ko hila hila kar bhai ke lund ko bahar nikalne
ki koshish kar rahee thee. bhai ne aage ko jhuk kar meri chunchee ko
Pakar liya aur unhe sahalane laga.bhai meri gardan aur galon ki
chummian le raha tha. Lund abhi bhi pura ka pura meri gand ke andar
tha. Kuch der bad meri gand me lund dale dale meri chunchee ko
Sahalata raha. Jab me kuchh normal hue to apne chutar hila kar boli,
"chalo raja ab theekh Hai." Mera signal pakar bhai ne dobara seedhe
hokar mere chutar pakar Kar dhire-dhire kamar hila andar-bahar karna
shuru kar diya. meri Gand bahut hi tight thee. bhai ko chodne me bara
maza aa raha tha.

Ab me bhi Apna dard bhool kar siskaree bharte hue maza lene lagee.
mene apni ek unglee choot me dal kar kamar hilana shuru kar diya.
meri mastee dekh kar bhai bhi josh me a gaya aur dhire-dhire apni
raftar barah dee. bhai ka lund ab puree tezee se meri gand me
andar-bahar ho raha tha. me bhi puree tezee se Kamar aage peeche karke
bhai ke lund ka maza le rahee thee. Lund aiese andar-bahar Ho raha tha
mano engine ka piston. Puree cabin me chudai ki thap thap ki awaj gunj
rahee thee. Jab mere thirkte hue chutar se bhai ke andkosh takrate the
to lagta koi tabalchee tabale par thap de raha ho. me puree josh me
puree tezee se choot me unglee andar-bahar kartee huee siskaree bhar
kar bhai se gaand marwa rahee thee.

Hum Dono hi paseene paseene ho gayee the par koi bhi rukne ka nam
nahee le raha tha. me bhai ko bar bar lalkar rahee thee, "chod lo mere
raja chod lo apni behan Ki gand. Aaj phar dalo isse. Shabash mere
sajan, Aur jor se rajjja aur jor se. Phar dalee tumne meri to." bhai
bhi humach humach kar shot laga raha tha. Pura ka pura lund bahar
keench kar jhatke se andar dalta to meri cheekh nikl jatee. bhai ka
lava ab niklne wala tha. Udher me bhi apni manzil ke pas thee. Tabhi
bhai ne ek jhatke se lund meri gaand me jar tak dhans diya. bhai mere
badan ko puree tarah apni bahon me samet kar danadan shot lagane laga.
me bhi samhal kar jor jor se Ahhh uhhhh kartee huee chutar
aage-peeche karke apni gaand me bhai ka lund lene Lagee. Hum dono ki
sans phul rahee thee. Akhir bhai ka jwala mukhi fut para aur bhai meri
peeth se chipak kar meri gaand me jhar gaya. me bhi jharne ko thi aur
cheekhtee huee jhar gayee.

Tannu aur Gaurav ke aane se pehle hi humne kapde pehan liye, mene
Tannu se mazak karte hue kaha kiya baat hai kafi time laga diya, kitne
swad liye? Tannu ne bhi kaha ke ek bar muh mein aur ek bar gaand mein
to mene kaha are chut mein nehi usne kaha ke abhi time hai har jagha
pe chudaungi, fir hum baith kar baatein karne lage,aur fir thodi der
baad Gaurav aur Jassi ka fir se mood ban gaya, Gaurav ne Tannu ko
bahon me bharte hue kaha k yaar ab hamare bich kya parda aur hum
apne-2 bhai ki bahon me sama gayi.Ab ki bar hum sharmaye nahi aur unke
samne hi kiss karne lage.

Unhe hamari sudh kahan thi,mene dekha ke Gaurav ka lund Tannu ki chut
me sama chuka hai.lagta tha ki wo iske pehle hi aadi the.Tannu bade
maje se taal se taal mila kar apne bhai se chudwa rahi thi,mujhe tau
dar bhi lag raha tha k pata nahi bhai ka mota lund meri kunwari choot
jhel payegi ya naì .Meri pehli raat thi,phir bhi unki chudai ko dekh
kar me ruk na saki aur takiye pe purana kapda dal kar apne chutad
tikaye aur bhai ko apne ooper khinch liya.Jassi ne mote lund ka garam
supada jaise hi meri chut par lagaya,meri to eid ho gayi.Mene niche se
chutad uchhale to gap se lund ka supada yoni ko chauda karta hua ander
chala gaya.Mene bahon ka ghera bhai par kas diya to bhai ne ek jordar
ghassa mara, kapda phatne jaisi awaz hui aur unke andkosh meri gaand
se aa lage.Choot ko phaar kar lund meri nabhi se takra raha tha. berth
par hi jordar chudai shuru ho gayi.Bhai ke dhakke tej hote gaye aur
jaldi hi me bhi taal se taal milane lagi.Train ke hichkolo ke sath
cabin me phach phach..pat..pat..ki awazen gunj rahi thi.Do bhai aur do
behane swarg me gote laga rahe the.

Mujhe to lag raha tha ke jaise ye meri suhagraat hai.Jab bhai ka garam
garam virye mere garabh me gir raha tha tau me tisri bar jhad rahì
thì.Jab sakhlan ka nasha utra tau hamara dhyan dusri taraf gaya.Wo
ladka apni behan ko ghodi bana kar chod raha tha aur uski behan bhi
maze se aankh band karke gapa gap pichhe se bhai ka lund dalwa rahi
thi.Ye nazara dekh kar humne ek duje ko dekha aur bhai ka ishara
samajh kar mein ghum kar jhuk gai. us ne apna lund pichhe se meri
choot mein dal diya .lund mota tha is liye ek bar choot marwane ke
baad bhi aram se choot mein nahi gaya, aur mujhe kafi dard ho raha
tha,par bhai ka diya hua dard tha jo ki bahut mitha lag raha tha.

Fir us ne choot me shot lagane shuru kiye. us ke har ghasse pe mein
asman ki ser kar rahi thi .karib 10 mint tak us ne meri choot ki
chudai ki , is dauran me do bar phir se jhad chuki thi. fir bhai ki
raftar badh gai mein samjh gai ki is ka pani nikalne wala hai to mein
ne us ka lund apni choot se nikal kar muh mein bhar liya aur ek bar
fir us ka pani mere muh mein gira, is tarha se chalti train mein
chudane ka maza hi kuch aur tha,wo bhi apne sage bhai se.

Kabhi choot tau kabhi gaand hum dono jode sari raat chudai me lage
rahe.Subah hone par hum behan bhai mummy ke pas aakar aise baith gaye
jaise kuchh hua hi na ho.Par meri uljhi laten aur chehra pe khushi ka
noor to sab kuchh bata raha tha.Sari raat ki kissing se mere honth bhi
kuchh sooj se gaye the.Jassi mere pas me baith kar phir mujhe chhedne
laga to mene dhire se uske kaan me kaha ke kya kar rahe ho, maa dekh
legi,sari raat to sone nahi diya,thoda sa sabar bhi nahi hota, ghar
chal kar de dungi".Aur ye silsila ab rukne ka naam nahi le raha
hai.Hum ek duje ke bina nahi rah sakte.
samaapt

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ट्रेन मे भाई से सुहागरात--1

raj sharma stories

ट्रेन मे भाई से सुहागरात--1

मेरा नाम बलविंदर कौर है और घर वाले प्यार से मुझे बिल्लो कहते हैं.भाई
का नाम जसविंदर है और हम उसा जस्सी कह कर पुकारते हैं.
मोम को देल्ही में कुछ ज़रूरी काम था और वो जम्मूतवी ट्रेन से देल्ही जा
रही थी..घूमने के बहाने भाई मोम के साथ हो लिया तो मैं भी जाने की ज़िद
करने लगी तो मोम मान गयी.दर असल जो मज़ा आजकल मुझे भाई की छेड़ खानी मे आ
रहा था उस से मैं महरूम रह जाती.ज़रा सा मौका मिलते ही भाई कभी मेरी चुचि
दबा देता तो कभी चुम्मा ले लेता था.

हम नकली लड़ाई भी लड़ते रहते थे जिसमे कभी वो मेरे उप्पर चढ़ कर फ्रॉक
हटा कर मेरी गांद मे लंड गढ़ाता और चुचियाँ मसलता तो कभी मैं उसके लंड को
भींच देती.जवानी मे कदम रखते ही मज़ा आ रहा था.इसी मज़े की मारी मैं भाई
और मोम के साथ चल पड़ी.मज़े की सुरुआत भाई ने ट्रेन मे चढ़ते टाइम ही
मुझे सहारा देने के बहाने मेरी चुचि दबा कर की.सफ़र का पूरा लुतफ उठाने
के लिए मेने ब्रा पहनी ही नही थी. फिर भाई ने मेरी गांद पे भी चिकोटी काट
ली.मेने गांद को सहलाते हुए भाई को एक हल्का सा मुक्का मारा.मोम हमारे
आगे थी इसलिए उन्हे कुच्छ पता नही था कि पिछे उनके लाड़ले बेटा बेटी क्या
गुल खिला रहे हैं. हम एसी-2 के कॅबिन के अंदर दाखिल हो गये ....प्राइवसी
के लिए भाई ने पर्दे खींच दिए.यहा से 3 बजे के करीब ट्रेन चली .

मोम ने नीचे की बर्त पे पसरते हुए कहा क मुझे रेस्ट करने दो, तुम उपर की
बर्त पे चले जाओ.भाई ने वहीं खड़े हो कर टवल लपेट कर जीन्स उतारी और सफ़र
के लिए एलास्टिक वाला पायज़मा पहन लिया.मेने गौर किया कि जीन्स के साथ
भाई ने अंडरवेर भी उतार दिया था...मुझे लगा कि आज तो मुआ चोद के ही
मानेगा.ये सोच कर ही मेरी चूत गिल्ली हो गयी.मेने मोम को सुनाते हुए भाई
से कहा कि वीर जी थोरी देर के लिए कॅबिन से बाहर जाओ, मेने भी कपड़े चेंज
करने हैं.

मोम बीच मे बोल पड़ी "अरी अब कहाँ जाएगा ये, बेटे जस्सी उधर मूह फेर
ले..बिल्लो कपड़े चेंज कर लेगी.भाई ने दूसरी तरफ मूह कर लिया.मैं सलवार
उतारने लगी लेकिन गोल गाँठ लगने की वजह से मेरी सलवार का नारा नही खुला
तो मैं मोम के नज़दीक गयी और नारा खोलने की रिक्वेस्ट की .मोम ने मूह से
खोलने की नाकाम कोशिश की और थक हार कर लेट गयी और जस्सी से बोली कि बेटे
तेरे दाँत मजबूत हैं,बिल्लो का नारा खोल दे.मैं बोल पड़ी...क्या भैया से
? मोम मेरी बात को अनसुना करके बोली कि कल तक तो तुम्हे इकट्ठा नहलाती थी
अब इतना शरमाती है, और जस्सी को कहा कि बेटे नारा खोलते टाइम तुम आँखें
बंद कर लेना,और बिल्लो अगर तुम्हे ज़्यादा शरम आए तो तू भी आँखे बंद कर
लेना,अब मुझे रेस्ट करने दो. मेने देखा कि भाई की नज़र मेरे सलवार के
नारे पे थी जिसे मैं अभी भी हाथ से पकड़े हुए थी. भाई ललचाई नज़रो से
मुझे देखते हुए सामने के बर्त पे बैठ गया.

मेने देखा कि मोम ने भी दूसरी तरफ मूह फेर लिया था.मैं शरमाती सी आगे
बढ़ी और सलवार के नारे का सिरा भाई को पकड़ा दिया और शर्ट को चुचिओ तक
उपर उठा दिया.भाई ने एक हाथ मेरे हेवी चूतड़ पे रखा और मेरी नाभि को चूम
लिया.फिर भाई जीभ नाभि मे डाल कर घुमाने लगा.मेरे सारे बदन मे करेंट सा
दौड़ने लगा.फिर भाई दांतो से सलवार का नारा खोलने लगा और जल्दी ही सलवार
खुल कर मेरे पैरों मे जा गिरी.भाई ने तेज़ी से मेरी चढ्ढि नीचे खिसका दी
और दोनो हाथ मेरे चूतदों पे लगा कर मेरी फूली हुई चूत का चुम्मा ले लिया.

आज सवेरे ही मेने चूत को साबुन की तरह चिकना बनाया था.मेने मूड कर मोम को
देखा, वो अभी भी दूसरी तरफ मूह करके लेटी हुई थी .जब भाई ने चूत पे जीभ
फेरना शुरू किया तो मेने मूह पे हाथ रख के सिसकारी को रोका. मेने भाई को
कंधा पकड़ कर हिलाया, उसने मेरी तरफ देखा तो मेने उपर वाली बर्त पे चलने
का इशारा किया.फिर मेने भी चढ्ढि और शर्ट उतार कर नाइटी पहन ली, ब्रा तो
मे पहले ही उतार कर चली थी.मोम ने हमारी तरफ देखे बगैर ही पुछा " बेटी
नारा खुल गया क्या ?".मेने कहा कि हाँ मम्मी मेने कपड़े भी बदल लिए
हैं.मोम बोली कि अच्छा बेटी, अब तुम भी रेस्ट कर लो". मैं बोली कि मम्मी
हम उपर वाले बर्त पे लेट जाते हैं . मोम ने कहा कि ठीक है बेटा, जहाँ
तुम्हारा दिल करे , सारे कॅबिन मे हम तीन ही तो हैं.मोम के ठीक उपर वाली
बर्त पे पहले मैं उपर चढ़ि तो भाई ने दोनो हाथों से मेरे कूल्हे पकड़े और
मेरे चूतदों के बीच मूह गढ़ा कर मुझे उपर चढ़ाया.फिर भाई भी उपर आगाया और
साथ लेट कर मुझे बाहों मे भर लिया.

मैं डरती हुई भाई के कान मे फुस्फुसाइ "भैया कहीं मम्मी ने देख लिया तो?
भाई मेरे कान से मूह लगा कर धीमी आवाज़ मे बोला " मम्मी हमारे ठीक नीचे
वाली बर्त पे आँख बंद करके लेटी हुई है, उसे हम नज़र नही आएँगे."फिर तो
हम एक दूजे से लिपट गये, हमारे होंठ जुड़ गये.मेने भाई के मूह मे जीभ डाल
दी तो भाई भी मेरी जीभ चूस्ते हुए नाइटी के अंदर हाथ डाल कर मेरी चुचि
दबाने लगा.उमड़ता हुआ तूफान चूत की तरफ इक्कथा हो रहा था.भाई का लंड खड़ा
होकर मेरी चूत पे गाढ़ने लगा.मेने भाई का पायज़मा नीचे खिसका दिया और गरम
मोटे लॉड को हाथ मे ले लिया.भाई ने भी मेरी नाइटी उपर सरका दी और मेरी
चूत को मुति मे भींच दिया.मैं फुर्ती के साथ नाइटी कमर तक उठा कर भाई के
उपर इस तरह हो गयी कि उसका लंड मेरे मूह के पास था और मेरी चूत उनके मूह
पर.

मेने मोटे लंड का सूपड़ा चाटना शुरू किया तो भाई भी जीभ निकाल कर मेरी
चूत को चाटने लगा..फिर मैं लौदे को गले तक निगल कर मूह को उपर नीचे करने
लगी तो भाई भी चूत के टींट से लेकर गांद के छेद तक चाटने लगा.सफ़र का
बड़ा मज़ा अरहा था.मे 2 मिनिट मे ही खलास हो गयी.भाई चूत से निकला सारा
कुँवारा अमृत पी गया.थोड़ी देर की सुस्ती के बाद मे फिर लंड को चूसने लगी
क्योकि भाई अभी नही झाड़ा था.भाई की जीभ ने फिर कमाल दिखाना शुरू कर
दिया...जीभ की नोक चूत के टिंट को गिट्टार बजाने की तरह छेड़ रही थी.मैं
दुबारा झड़ने लगी तो भाई ने भी नीचे से झटका सा मारा और लंड के पानी की
तेज बोच्चरें मेरे गले से टकरा कर नीचे उतरने लगी. लंड को दबा दबा कर मैं
आखरी बूँद तक चाट गयी. थोड़ी देर के बाद मैं सुसू करने के लिया गई. आगे
के कॅबिन में एक स्मार्ट लड़का था .

उस ने मुझे देखा में ने भी उसे देखा और फिर में टाय्लेट चली गई, वो भी
टाय्लेट के बाहर आ कर खड़ा हो गया, मैं जैसे ही निकली उस ने मुझ से पुछा
आप कहा जा रही हो तो में ने बताया कि में अपनी मोम और भाई के साथ देल्ही
जा रही हूँ, मैं वही खड़ी होकर उस से बातें करने लगी , उस ने बताया कि वो
अपनी सिस्टर को लेकर देल्ही जा रहा है फिर मैं उस की सीट पे बैठ गई और उस
की सिस्टर से बातें करने लगी , में ने ध्यान दिया कि वो लड़का बार बार
मेरी चुचि की तरफ देख रहा है, में ने भी उसे छूट देदी और अपना दुपट्टा
थोड़ा नीचे कर दिया , फिर में ने कहा कि मैं अपनी मोम और भाई से कह कर
आती हूँ कि में यहा बैठी हूँ नही तो मोम परेशान होगी, और मैं अपनी मोम के
पास चली गई और जा कर कहा कि मेरी एक फ्रेंड मिल गई है मैं उसी के पास
बैठने जा रही हूँ, मोम ने कहा ठीक है तुम भैया के साथ चली जाओ, ट्रेन
करीब करीब खाली ही थी कुछ ज़्यादा लोग नही थे , मेरा भाई भी मेरे साथ
आगेया, मेरा भाई और मैं दोनो ही मिलन के लिए मरे जा रहे थे..

ख़ासकर मेरा दिल तो बस भाई से चुदाई के लिए तड़फ़ रहा था .पर हम आपस मे
शरमाते थे.यह अलग बात है के वो भाई का प्यार दिखाने के लिए मुझे बाहों मे
भर लेता,मेरे गाल का चूमा ले लेता और कई बार मेरे चूतादो पर चिकोटी भी
काट लेता पर चुदाई के अरमान हम दोनो के दिल मे ही थे.आज हम बहुत आगे बढ़
चुके थे.मुझे इस बात का पूरा अहसास था कि भाई आज मेरी ज़रूर लेगा . ये तो
हम जानते थे के एक बार बस शुरुआत हो गई तो फिर हम सारी कसर निकाल
देंगे.एक दूसरे से पहल करने की उम्मीद लगाए बैठे थे. हम वाहा पे बैठ कर
बातें करने लगे तो मेरे भाई ने मेरे कान मे कहा कि दीदी वो लड़का
तुम्हारी चुचि को देख रहा है तो में ने कहा हां मुझे मालूम है इसी लिए तो
दिखा रही हूँ ,तुम भी उसकी बेहन को अपना निकाल कर दिखा दो.

हम बातें करते रहे फिर उस लड़के की सिस्टर को सुसू लगी और वो सुसू करने
चली गई, मुझे मोका मिल गया, और में ने उस लड़के से बात करना शुरू कर दिया
उस ने एक किताब ली हुई थी, हम ने अभी बातें शुरू ही की थी कि उस की
सिस्टर वापिस आगाई, और वो उठ कर जाने लगा तो में ने पुछा आप कहा जा रहे
हो तो उस ने कहा में बाथरूम जा रहा हूँ तो में ने कहा कि ज़रा ये बुक
देते जाए तो उस ने कहा नही में ये बुक नही दे सकता, में समझ गई कि ये कॉन
सी बुक है, फिर भी मैने उस के हाथ से बुक लेने की कोशिश की और कहा प्ल्ज़
बुक दीजिए ना जब आप आओगे तो मैं बुक दे दूँगी और झटके से बुक मेरे हाथ
में आगाई , मालूम नही उस ने क्या सोचा और चुप चाप वाहा से चला गया जब में
ने बुक खोला तो उस के अंदर एक बुक थी, जब में ने उस बुक को खोला तो मेरे
शक सही निकला वो एक सेक्सी स्टोरी की बुक थी. मैं और मेरा भाई दोनो ही उस
बुक को पढ़ने लगे हम ने थोड़ी देर में ही सारी स्टोरी पढ़ ली,स्टोरी भाई
बेहन की चुदाई की थी.मेने उस लड़की से पुछा के तुम्हे पता है के तुम्हारा
भाई कैसी किताब पढ़ता है तो उसने कहा इसमे हैरानी की क्या बात है,हम तो
अक्सर दोनो इकट्ठे पढ़ते हैं . आजकल तो भाई बेहन का लव अफेर आम बात
है.क्या तुम अपने भाई से प्यार नही करती?"

मेने कहा के प्यार तो हम भी आपस मे करते हैं पर ये किताब वाला प्यार नही.
इस पर वो बोली के" इसका मतलब है के असली स्वाद तो तुमने अभी चखा ही नही
है, गरम पानी से घर नही जला करते, आग मे डूब कर देखो"और फिर बुक को हाथ
में लेकर बैठ गई थोड़ी देर में वो लड़का वापिस आया, तो में ने उसे बुक
देते हुए कहा इस बुक की कहानी बहुत अच्छी है , इसी बीच उस की सिस्टर उपर
के बर्थ पे सोने चली गई, जब में ने उस से उस बुक की तारीफ की तो वो समझ
गया कि लाइन क्लियर है, तो उस ने मुझ से धीरे से कहा कि अगर आप अपने भाई
को जाने को कहो तो में एक और बुक देता हूँ उस में इस से भी अच्छी कहानी
है तो में ने उस से कहा कि कोई बात नही है मेरा भाई और में एक दम दोस्त
की तरहा है आप हमे बुक दो हम साथ में पढ़ेंगे, तो उस ने इशारे से पुछा की
बुक पढ़ने दूँगा तो कोई फ़ायदा होगा क्या?

तो में ने भी कह दिया रात होने दो कुछ ना कुछ तो फ़ायदा दिलाउन्गि, इस पर
उस ने कहा कि तुम अपने भाई से खुली हो तो उसे भी कुछ फ़ायदा होगा, तो में
ने अपने भाई से कहा क्यू तुम्हे इस से कुछ फ़ायदा होगा और आँख मार दी तो
मेरा भाई ने मेरी चुचि अपने हाथ से दबाते हुए कहा हां होगा, इस पर वो खुश
हो गया और अपने बॅग से एक बुक निकाल कर दिया वो रंगीन बुक थी उस में एक
से बढ़ कर एक फोटो और कई कहानिया थी मेने उस से कहा कि में बुक लेकर अपनी
मोम के पास जा रही हूँ क्योंकि अगर वो यहा पे आगाई तो ग़लत समझेंगी तुम
थोड़ी देर बाद अपनी सिस्टर को मेरे पास भेजना वो मुझे बुलाकर यहा पे ले
कर आएगी तब तक रात भी हो जाएगी और फिर हम सब को फ़ायदा हो जाएगा.इस पर उस
ने कहा ठीक है में ऐसा ही करूँगा, फिर में और मेरा भाई वो बुक लेकर मोम
के पास आए, और फिर में उपर के बर्त पे चली गई और उस में रंगीन फोटो देखने
लगी, थोड़ी देर में भाई भी उपर आया और मेरे साथ फोटो देखने लगा और मेरी
चुचि दबाने लगा, में फोटो देख कर काफ़ी हॉट हो चुकी थी, में ने अपने भाई
का हाथ पकड़ कर सलवार के नारे पर रख दिया.वो समझ गया और धीरे से मेरी
सलवार का नारा खोल कर मेरी बाल रहित योनि के ऊपेर हथेली रख दी.

तवा गरम हो चुका था. मेने उसकी हथेली को अपनी चूत के ऊपेर दबाया तो वो
मेरी चूत को मुति मे भरने लगा ,फिर चूत मे उंगली करने लगा और मेने भी
आहिस्ता से उसका पयज़ामा खोल कर विकराल लंड को थाम लिया. हाए कितना मोटा
और गरम था.मेरे बदन मे मज़े की मद होशी सी छाने लगी.मेने एक बार नीचे
झाँक कर देखा, मोम हमारी बर्त के बिल्कुल नीचे आँखें बंद किए लेटी हुई
थी.बेफिकर हो कर मेने भाई के लंड का चुम्मा लिया.

मैं लंड को मूह मे भरने लगी तो कुच्छ आहट सी हुई.सर उठा कर देखा तो उस
लड़के की बहेन थी .वो मेरी मोम से मिली थोड़ी देर बाद उस ने मुझ से कहा
चलो ना वही पे बैठते है तो मेरी मोम ने कहा की हां हां तुम लोग जाओ अपनी
फ्रेंड के साथ , भाई को भी साथ ले जाओ मगर जल्दी अजाना और खाना खा लेने
फिर खाना खा के चली जाना, हम ने कहा ठीक है, मगर जब हम वाहा पे गये तो वो
लड़का वही पे बैठा था उस ने अपनी सिस्टर को थॅंक्स कहा , और फिर हम बातें
करने लगे, बातो बातो में पता चला कि वो दोनो सगे भाई बहेन है मगर वो भी
आपस में चुदाई का मज़ा लेते है, उस लड़की ने मुझ से खुल कर कहा कि "घर पे
कई दिन से मौका नही मिल रहा था,मैं आज मेरे भाई से चुदवाउन्गि, मुझे खुशी
हुई कि अब कोई डर नही है हम आराम से चुदाई का मज़ा ट्रेन में भी ले सकते
हैं,
क्रमशः.........................

Train Me Bhai Se Suhagraat--1

Mera naam Balwinder Kaur hai aur ghar wale pyar se mujhe Billo kehte
hain.Bhai ka naam Jaswinder hai aur hum usai Jassi keh kar pukarte
hain.
Mom ko delhi mein kuch jaruri kam tha aur wo Jammutawi train se Delhi
ja rahi thi..Ghumne ke bahane bhai mom ke sath ho liya to me bhi jane
ki jid karne lagi to mom maan gayi.Dar asal jo maza aajkal mujhe bhai
ki chher khani me araha tha us se me mehroom reh jati.Jara sa mauka
milte hi bhai kabhi meri chuchi daba deta tau kabhi chumma le leta
tha.

Hum nakli ladai bhi ladte rahte the jisme kabhi wo mere uppar chadh
kar frock hata kar meri gaand me lund gadata aur chuchian masalta tau
kabhi me uske lund ko bhinch deti.Jawani me kadam rakhte hi maza araha
tha.Isi maze ki mari me bhai aur mom ke sath chal padi.Maze ki suruwat
bhai ne train me chadhte time hi mujhe sahara dene ke bahane meri
chuchi daba kar ki.Safar ka poora lutaf uthane ke liye mene bra pehni
hi nahi thi. Phir bhai ne meri gaand pe bhi chikoti kat li.Mene gaand
ko sehlate hue bhai ko ek halka sa mukkaa mara.Mom hamare aage thi
isliye unhe kuchh pata nahi tha k pichhe unke ladle beta beti kya gul
khila rahe hain. hum AC-2 ke cabin ke ander dakhil ho gaye ....Privacy
ke liye bhai ne parde khinch diye.yaha se 3 baje ke karib train chali
.

Mom ne niche ki berth pe pasarte hue kaha k mujhe rest karne do, tum
upar ki berth pe chale jao.Bhai ne wahin khade ho kar towel lapet kar
jeans utari aur safar ke liye elastic wala payzama pehan liya.Mene
gaur kiya k jeans ke sath bhai ne underwear bhi utar diya tha...Mujhe
laga k aaj tau mua chod ke hi manega.ye soch kar hi meri choot gilli
ho gayi.mene mom ko sunate hue bhai se kaha k vir ji thori der ke liye
cabin se bahar jao, mene bhi kapde change karne hain.

Mom bich me bol padi "ari ab kahan jayega ye, bete Jassi udhar muh
pher le..Billo kapde change kar legi.Bhai ne dusri taraf muh kar
liya.Me salwar utarne lagi lekin gol gaanth lagne ki vajah se meri
salwar ka nara nahi khula tau me mom ke najdik gayi aur nara kholne ki
request ki .Mom ne muh se kholne ki nakaam koshish ki aur thak haar
kar let gayi aur Jassi se boli k bete tere daant majboot hain,Billo ka
nara khol de.Me bol padi...Kya bhaiya se ? Mom meri baat ko ansuna
karke boli k kal tak tau tumhe ikktha nahlati thì ab itna sharmati
hai, aur Jassi ko kaha k bete nara kholte time tum ankhen band kar
lena,Aur Billo agar tumhe jyada sharam aye tau tu bhi ankhe band kar
lena,ab mujhe rest karne do. Mene dekha k bhai ki nazar mere salwar ke
nare pe thi jise me abhi bhi hath se pakde hue thi. Bhai lalchai nazro
se mujhe dekhte hue samne ke berth pe baith gaya.

Mene dekha k mom ne bhi dusri taraf muh pher liya tha.Me sharmati si
aage barhi aur salwar ke nare ka sira bhai ko pakra diya aur shirt ko
chuchion tak upar utha diya.Bhai ne ek hath mere heavy chutad pe rakha
aur meri nabhi ko chum liya.phir bhai jibh nabhi me dal kar ghumane
laga.mere sare badan me current sa daurne laga.phir bhai daanto se
salwar ka nara kholne laga aur jaldi hi salwar khul kar mere pairon
me ja giri.bhai ne teji se meri chadhi niche khiska di aur dono hath
mere chutadon pe laga kar meri phuuli hui choot ka chumma le liya.

Aaj savere hì mene choot ko sabun ki tarah cìkna banaya tha.mene mud
kar mom ko dekha, wo abhi bhi dusri taraf muh karke leti hui thi .jab
bhai ne choot pe jibh pherna shuru kiya tau mene muh pe hath rakh ke
siskari ko roka. mene bhai ko kandha pakad kar hilaya, usne meri
taraf dekha tau mene upar wali berth pe chalne ka ishara kiya.phir
mene bhi chadhi aur shirt utar kar nighty pehan li, bra tau me pehle
hi utar kar chali thi.mom ne hamari taraf dekhe bagair hi puchha "
beti nara khul gaya kya ?".mene kaha k han mummy mene kapde bhi badal
liye hain.mom boli k achha beti, ab tum bhi rest kar lo". me boli k
mummy hum upar wale berth pe lait jate hain . mom ne kaha k thik hai
beta, jahan tumhara dil kare , sare cabin me hum tin hi tau hain.Mom
ke thik upar wali berth pe pehle me upar charhi tau bhai ne dono
hathon se mere kulhe pakde aur mere chutadon ke beech muh gada kar
mujhe upar charhaya.Phir bhai bhi upar agaya aur sath lait kar mujhe
bahon me bhar liya.

Me darti hui bhai ke kaan me phusphusai "bhaiya kahin mummy ne dekh
liya tau? Bhai mere kaan se muh laga kar dhimi awaz me bola " mummy
hamare thik niche wali berth pe aankh band karke leti hui hai, usai
hum nazar nahi ayenge."phir tau hum ek duje se lipat gaye, hamare
honth jur gaye.Mene bhai ke muh me jibh dal di tau bhai bhi meri jibh
chuste hue nighty ke ander hath dal kar meri chuchi dabane
laga.Umadta hua tufaan choot ki taraf ikkatha ho raha tha.Bhai ka lund
khada hokar meri choot pe garne laga.mene bhai ka payzama niche khiska
diya aur garam mote laude ko hath me le liya.bhai ne bhi meri nighty
upar sarka di aur meri choot ko muthi me bhinch diya.me furti ke sath
nighty kamar tak utha kar bhai ke upar is tarah ho gayi k uska lund
mere muh ke paas tha aur meri choot unke muh par.

Mene mote laude ka supada chatna shuru kiya tau bhai bhi jibh nikal
kar meri choot ko chatne laga..phir me laude ko gale tak nigal kar muh
ko upar niche karne lagi tau bhai bhi choot ke teent se lekar gaand ke
chhed tak chatne laga.safar ka bada maza araha tha.Me 2 minute me hi
khalas ho gayi.Bhai choot se nikla sara kunwara amrit pi gaya.Thodi
der ki susti ke baad me phir lund ko choosne lagi kyoki bhai abhi nahi
jhada tha.Bhai ki jibh ne phir kamal dikhana shuru kar diya...Jibh ki
nok choot ke tint ko gittar bajane ki tarah chher rahi thi.Me dubara
jhadne lagi tau bhai ne bhi niche se jhatka sa mara aur lund ke pani
ki tej bochharen mere gale se takra kar niche utarne lagi. lund ko
daba daba kar me akhri boond tak chat gayi. thodi der ke baad me susu
karne ke liya gai. aage ke cabin mein ek smart ladka tha .

us ne mujhe dekha mein ne bhi use dekha aur fir mein toilet chali gai,
wo bhi toilet ke bahar aa kar khada ho gaya, mein jaise hi nikli us ne
mujh se puchha aap kaha ja rahi ho to mein ne bataya ki mein apni mom
aur bhai ke sath delhi ja rahi hun, mein wahi khadi hokar us se
baatein karne lagi , us ne bataya ki wo apni sister ko lekar delhi ja
raha hai fir mein us ki seat pe baith gai aur us ki sister se baatein
karne lagi , mein ne dheyan diya ki wo ladka bar bar meri chuchi ki
taraf dekh raha hai, mein ne bhi use chhut dedi aur apna dupatta thoda
niche kar diya , fir mein ne kaha ki mein apni mom aur bhai se keh kar
aati hun ki mein yaha baithi hun nahi to mom pareshan hogi, aur mein
apni mom ke pass chali gai aur ja kar kaha ki meri ek friend mil gai
hai mein usi ke pass baithne ja rahi hun, mom ne kaha thik hai tum
bhaiya ke sath chali jao, train karib karib khali hi thi kuch zyada
log nahi the , mera bhai bhi mere sath aagaya, mera bhai aur mein dono
hi milan ke liye mare ja rahe the..

Khaskar mera dil tau bas bhai se chudai ke liye tadaf raha tha .par
hum apas me sharmate the.Yeh alag baat he ke wo bhai ka pyar dikhane
ke liye mujhe bahon me bhar leta,mere gaal ka chuma le leta aur kai
bar mere chutado par chikoti bhi kat leta par chudai ke arman hum
dono ke dil me hi the.Aaj hum bahut aage barh chuke the.Mujhe is baat
ka pura ahsas tha k bhai aaj meri jarur lega . ye to hum jante the ke
ek bar bas shuruwat ho gai to phir hum sari kasar nikal denge.Ek dusre
se pehal karne ki umeed lagaye baithe the. hum waha pe baith kar
baatein karne lage to mere bhai ne mere kaan me kaha ki didi wo ladka
tumhari chuchi ko dekh raha hai to mein ne kaha haan mujhe malum hai
isi liye to dikha rahi hun ,tum bhi uski behan ko apna nikal kar dikha
do.

hum baatein karte rahe fir us ladke ki sister ko susu lagi aur wo susu
karne chali gai, mujhe moka mil gaya, aur mein ne us ladke se bat
karna shuru kar diya us ne ek kitab li hui thi, hum ne abhi baatein
shuru hi ki thi ki us ki sister wapis aagai, aur wo uth kar jane laga
to mein ne puchha aap kaha ja rahe ho to us ne kaha mein bathroom ja
raha hun to mein ne kaha ki zara ye book dete jaye to us ne kaha nahi
mein ye book nahi de sakta, mein samajh gai ki ye kon si book hai, fir
bhi mein us ke hath se book lene ki koshish ki aur kaha plz book
dijiye na jab aap aaoge to mein book de dungi aur jhatke se book mere
hanth mein aagai , malum nahi us ne kya socha aur chup chap waha se
chala gaya jab mein ne book khola to us ke andar ek book thi, jab mein
ne us book ko khola to mere shak sahi nikla wo ek sexy story ki book
thi. mein aur mera bhai dono hi us book ko padhne lage hum ne thodi
der mein hi sari story padh li,story bhai behan ki chudai ki thi.Mene
us ladki se puchha ke tumhe pata hai ke tumhara bhai kaisi kitab
padhta hai to usne kaha isme hairangi ki kya bat hai,hum to aksar dono
ekathe padhte hain . Aajkal to bhai behan ka love affair aam baat
hai.kya tum apne bhai se pyar nahi karti?"

Mene kaha ke pyar to hum bhi apas me karte hain par ye kitab wala pyar
nahi. Is par wo boli ke" iska matlab hai ke asli swad to tumne abhi
chakha hi nahi hai, garam pani se ghar nahi jala karte, aag me doob
kar dekho"aur fir book ko hanth mein lekar baith gai thodi der mein wo
ladka wapis aaya, to mein ne use book dete hue kaha is book ki kahani
bahut achhi hai , isi bich us ki sister upar ke barth pe sone chali
gai, jab mein ne us se us book ki tarif ki to wo samjh gaya ki line
clear hai, to us ne mujh se dhire se kaha ki agar aap apne bhai ko
jane ko kaho to mein ek aur book deta hun us mein is se bhi achhi
kahani hai to mein ne us se kaha ki koi baat nahi hai mera bhai aur
mein ek dam dost ki tarha hai aap hume book do hum sath mein padhenge,
to us ne ishare se puchha ki book padhne dunga to koi faida hoga kya?

To mein ne bhi keh diya raat hone do kuch na kuch to faida dilaungi,
is par us ne kaha ki tum apne bhai se khuli ho to use bhi kuch faida
hoga, to mein ne apne bhai se kaha kiun tumhe is se kuch faida hoga
aur aankh mar di to mera bhai ne meri chuchi apne hanth se dabate hue
kaha haan hoga, is par wo khush ho gaya aur apne bag se ek book nikal
kar diya wo rangeen book thi us mein ek se badh kar ek photo are kai
kahaniya thi meine us se kaha ki mein ne book lekar apni mom ke pass
ja rahi hun kiun ki agar wo yaha pe aagai to galat samjhengi tum thodi
der bad apni sister ko mere pass bhejna wo mujhe bulakar yaha pe kar
aayegi tab tak raat bhi ho jayegi aur fir hum sab ko faida ho
jayega.is par us ne kaha thik hai mein aisa hi karunga, fir mein aur
mera bhai wo book lekar mom ke pass aye, aur fir mein upar ke berth pe
chali gai aur us mein ki rangeen photo dekhne lagi, thodi der mein
bhai bhi upar aaya aur mere sath photo dekhne laga aur meri chuchi
dabane laga, mein photo dekh kar kafi hot ho chuki thi, mein ne apne
bhai ka hath pakar kar salwar ke nare par rakh diya.Wo samjh gaya aur
dhire se meri salwar ka nara khol kar meri baal rahit yoni ke ooper
hatheli rakh di.

Tawa garam ho chuka tha. Mene uski hatheli ko apni choot ke ooper
dabaya to wo meri chut ko muthi me bharne laga ,phir choot me ungli
karne laga aur meine bhi ahista se uska payjama khol kar vikral lund
ko tham liya. Haye kitna mota aur garam tha.Mere badan me maje ki mad
hoshi si chhane lagi.Mene ek bar niche jhank kar dekha, mom hamari
berth ke bilkul niche ankhen band kiye leti hui thi.befikar ho kar
mene bhai ke lund ka chumma liya.

Me lund ko muh me bharne lagi tau kuchh ahat si hui.sar utha kar dekha
tau us ladke ki behen thi .wo meri mom se mili thodi der baad us ne
mujh se kaha chalo na wahi pe baithte hai to meri mom ne kaha ki haan
haan tum log jao apni friend ke sath , bhai ko bhi sath le jao magar
jaldi aajana aur khana kha lene fir khana kha ke chali jana, hum ne
kaha thik hai, magar jab hum waha pe gaye to wo ladka wahi pe baitha
tha us ne apni sister ko thanks kaha , aur fir hum baatein karne lage,
baato baato mein pata chala ki wo dono sage bhai behen hai magar wo
bhi apas mein chudai ka maza lete hai, us ladki ne mujh se khul kar
kaha ki "ghar pe kai din se mauka nahi mil raha tha,mei aaj mere bhai
se chudaongi, mujhe khushi hui ki ab koi dar nahi hai hum aram se
chudai ka maza train mein bhi le sakte hain,
kramashah.........................


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सेक्सी कहानियाँ दीदी को जीजा जी से छीना--3

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

दीदी को जीजा जी से छीना--3

गतान्क से आगे................
मैं भी संभाल गया और मैने मा को छ्चोड़ दिया और मा किचन में चली गयी.
मैने सोचा कि शायद मा अपने बेटे के साथ पहले नाजायज़ संपर्क से घबरा गयी
थी. लेकिन चिंता की कोई बात ना थी. रात को बियर वाली बात मेरे लिए
फ़ायदेमंद होगी. शराब से आदमी की झिझक ख़तम हो जाती है. मैं बाज़ार से
कुच्छ बियर और एक बॉटल वोद्का की ले आया जिसको मैने फ्रिड्ज में रख दिया.
राधा दीदी भी वापस आ चुकी थी. उसने एक सिल्क की हल्के नीले रंग की
पारदर्शी सारी पहनी हुई थी. मा और दीदी ड्रॉयिंग रूम में बैठे हुए थे.
मैं दीदी के साथ सॅट कर छ्होटे सोफे पर बैठ गया. दीदी के जिस्म से भीनी
भीनी सुगंध उठ रही थी और उसका मखमली बदन मुझे उतेज़ित कर रहा था. "मा मैं
बियर लाया हूँ. किओं ना थोड़ी सी हो जाए.

दीदी का मूड भी ठीक हो जाएगा और हम वकील से हुई बात भी डिसकस कर लेंगे"
मा ने सिर हिला दिया और मैं तीन ग्लास में बियर के साथ वोड्का मिक्स कर
के ले आया. मा और राधा दीदी ने ग्लास पकड़ लिए और धीरे से पीने लगी. शराब
के अंदर जाते ही मेरे लंड में आग भड़क उठी. मुझे अपनी दीदी और मा बहुत ही
कामुक लगने लगी. एक प्लेट में मैने फ्राइड फिश और सॉस रखी हुई थी. दीदी
ने जब चुस्की लेने के बाद फिश खाई तो उसके होंठों पर सॉस फैल गयी." राधा
ध्यान से खा...देख अपना मुख गंदा कर लिया है तूने...मैं नॅपकिन ले कर आती
हूँ" मा उठी और बाहर चली गयी. मैने देखा कि दीदी के मुख पर सॉस लगी हुई
थी. मैने दीदी को बाहों में लेते हुए उसके होंठों से सॉस चाटनी शुरू कर
दी,"मा तो पागल है...मेरे स्वीट दीदी के स्वीट होंठों से सॉस सॉफ करने के
लिए जब उसका भाई बैठा है तो नॅपकिन की क्या ज़रूरत...भाई है ना दीदी के
होंठों को प्यार से सॉफ करने के लिए!!!" मैने दीदी को कस कर आलिंगन में
ले लिया और उसके चेहरे को चूमने लगा. दीदी भी उतेज़ित हो रही थी किओं कि
वो मुझे वापिस किस कर रही थी.

जब मा वापिस आई तो हम भाई बेहन के मुख एक दूसरे से ऐसे जुड़े हुए थे जैसे
की कोई प्रेमी हों. मा चुप चाप बैठ गयी."रॉकी बेटा, मैने तुझे यही सबक
दिया था कि जब तक तेरी दीदी का तलाक़ नहीं हो जाता तब तक ध्यान से. तू
यहाँ अपनी दीदी से किस कर रहा है और बाहर दरवाज़ा खुला है. अगर कोई अंदर
आ जाता तो? मेरे बच्चो, मेरी खुशी तुम्हारी खुशी मैं ही है. मैने कल रात
सब कुच्छ देख लिया था और राधा ने मुझे सब कुच्छ बता दिया था. मैं तुम
दोनो के साथ हूँ. रॉकी बेटा, वकील ने कहा है कि विनोद को उसकी बेहन के
साथ संबंध के साथ ब्लॅकमेल कर के अच्छा पैसा बनाया जा सकता है...खास कर
जब तेरे पास उनकी फोटोस के साथ. अगर हम उस से 3-4 करोड़ ले लेते हैं तो
इस शहर को छ्चोड़ कर किसी दूसरी जगह जा सकते हैं. लेकिन तब तक बहुत ध्यान
से रहना होगा. बेटा तू जवान है...पर थोड़ा ध्यान से!!!"

मैने दूसरा ग्लास बनाया जब सब ने पहला ग्लास खाली कर दिया था. इस बारी
मैने ग्लास में वोड्का की मात्रा बढ़ा दी ता कि सब को नशा जल्दी हो जाए.
मेरी प्लान आज रात को अपने परिवार की दोनो औरतों को चोद लेने की थी. राधा
दीदी के साथ मैं रात बिता चुका था जिसका मा को पता था. अब मा को छ्चोड़
देना बेवकूफी होगी. आख़िर मा की भी कुच्छ ज़रूरतें थी. मेरी मा की भी लंड
की भूख मुझे ही मिटानी होगी. अपनी मा के गदराए जिस्म को देख कर मैं पागल
हो रहा था. मैं दीदी को ग्लास पकड़ा कर मा के साथ सॅट कर बैठ गया. मा ने
घूँट भरा तो शराब उसके होंठों से नीचे बह गयी और उसकी गर्दन तक शराब के
कारण उसका जिस्म भीग गया. मैने जीभ से शराब चाटना शुरू कर दिया. मा ने
अपने आप को छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन मैने उसको जाकड़ रखा था. कुछ
हिस्सा मा की चुचि तक चला गया जिसको मैं चूम चूम कर चाटने लगा. दीदी चुप
चाप देख रही थी जब मेरे हाथ मा की चुचि पर कस चुके थे. मा की साँस ऐसे चल
रही थी जैसे कोई जानवर चुद्ते वक्त साँस लेता हो.

मैं थोड़ी देर में मा से अलग होता हुआ बोला"मा, आज से हम दोनो तेरी हर
बात मानेगे, लेकिन मेरी एक बात तुम दोनो को माननी होगी. तुम दोनो के साथ
मेरा रिश्ता वैसा ही होगा जैसा तुमने कल रात दीदी के साथ देखा था. आज से
मेरा क़ब्ज़ा ना सिर्फ़ राधा पर होगा बल्कि मा, तुझ पर भी होगा. मैं
जानता हूँ मा, की तुझे भी जिस्म की भूख लगती है और दीदी के भी कुच्छ
अरमान हैं. मैं घर का मर्द हूँ. आप दोनो का मेरे जिस्म पर पूरा हक है और
मेरा तुम दोनो पर. यानी पति एक पत्नियाँ दो. रॉकी कल बना था बेह्न्चोद और
आज बनेगा मदर्चोद!!! बोलो मज़ुर है आपको?" कहते हुए मैं मा का हाथ अपने
लंड पर रख दिया. इस बरी मा ने अपना हाथ नहीं खींचा. "राधा क्या तुम मुझे
मा के साथ बाँट सकती हो?" मैने पुछा तो राधा अपनी सीट से उठी और मा के
होंठों पर होंठ रख कर किस करने लगी. किसी जवाब की ज़रूरत ना थी. मा मेरे
लंड से खेलने लगी और अपनी बेटी को किस करने लगी.

मैने मा की जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और दीदी की सारी खोल डाली.
"रॉकी बेटा, तू और राधा तो ठीक हो, मुझे इस काम में मत घसीतो. मैं अब
जवान नहीं हूँ. यूँ दोनो की शादी मैं करवा दूँगी. मेरा वादा रहा. मुझे
तुम जैसा जमाई और राधा बेटी जैसी बहू कहाँ मिलेगी और मैं तुम दोनो का
प्यार अपनी आँखों के सामने देख सकूँगी" मैं मा की बात सुन कर खुश तो हुआ
लेकिन बिना मा के मेरी ग्रहस्ति पूरी होने वाली नहीं थी. आज रात को मेरी
मा मेरे लिए मेरी प्यारी सुजाता बन जाएगी. बिल्कुल मेरी बेहन जैसी एक
चोदने वाली औरत. मेरी एक और पत्नी!!! मैने अपनी ज़िप खोल दी और मा का हाथ
अपने गरम लंड पर रख दिया," सुजाता, अपने बेटे का लंड पकड़ कर देखो कि
आपके पति से बड़ा है या नहीं? मेरी प्यारी सुजाता, चाहे ये लंड तेरी चूत
से निकला हो, आज तेरी चूत को चोद कर तुझे औरत का सुख देगा, तुझे मेरे बाप
की कमी महसूस ना होने देगा!!!"

मा ने मेरा लंड सहलाया और वो और भी कड़ा हो गया. राधा दीदी ने अपना हाथ
मा की कमीज़ में डाल कर उसकी चुचि को सहलाना शुरू कर दिया. मेरी मा
सुजाता का जिस्म आप वासना से गुलाबी होने लग चुका था. राधा दीदी भी बहुत
सेक्सी अंदाज़ से माँ को किस कर रही थी. "मा, रॉकी तुझे भी उसी तरह प्यार
करेगा जिस तरह मुझे कर चुका है. बहुत प्यारा है मेरा भाई....तेरा
बेटा.....हमारा ख्याल रखेगा....हमारा मर्द रॉकी....हम दोनो इसकी बन के
रहेंगी...और ये हमारा....ना मेरा ...ना तेरा...मा और बेटी का एक
मर्द...एक यार..एक लंड.....जो मेरा भी है और तेरा भी!!!!!"

मा का चेहरा और गुलाबी हो गया. शायद शरम और वासना का मिला जुला असर
था."हां बेटी, जिसको जमाई बनाया था वो तो धोका दे गया. अब अपने खून पर ही
भरोसा है मुझे. रॉकी मेरा बेटा भी है और दामाद भी और पति भी....हे भगवान
मेरे प्यार भरे परिवार को किसी की नज़र ना लगे. हां रॉकी, मेरे बेटे,
तेरा लंड तेरे बाप से भी बड़ा है और मोटा भी...मुझे यकीन है तुम इस से हम
मा बेटी दोनो को संतुष्ट रखोगे. तेरे लंड का स्पर्श मेरे अंदर एक जवाला
भड़का रहा है. मेरे अंदर की औरत को जगा रहा है. मुझे कोई आपत्ति नहीं अगर
राधा मुझे भी तेरा प्यार बाँटने के लिए राज़ी है. मेरे बेटा जैसा मस्त
जवान हमारे लिए बहुत है. जो मन मे आए कर ले तू बेटा!"

मैं उठ खड़ा हुआ और मा की कमीज़ उतारने लगा. मैने मा के बालों का जुड़ा
भी खोल दिया. राधा दीदी ने अपना ब्लाउस और पेटिकोट उतार दिया. राधा दीदी
का गोरा जिस्म प्यार और शराब के नशे से बहुत गुलाबी हो रहा था."मा, राधा
दीदी को चोद चुका हूँ मैं. तुझे चोद कर आज की रात यादगार बनाना चाहता
हूँ. सुजाता कहूँ तो कोई एतराज़ तो नहीं होगा? मुझे यकीन है कि राधा दीदी
को भी जलन ना होगी अगर मैं आप दोनो को चोदु!!!" राधा ने अपनी पॅंटी
उत्तरते हुए कहा"रॉकी, मेरे भाई, मा बेटी में कैसी जलन? घर का माल घर में
ही तो रहेगा. और वैसे भी सुजाता की मर्ज़ी से ही हमारा मिलन संभव होगा.
तेरा जितना हक अपनी बेहन पर है, उतना ही अपनी मा सुजाता पर होगा. मैं तुम
दोनो को चुदाई करते देख कर मा से कुच्छ सीख लूँगी. किओं मा?"

"ठीक है बेटी. मुझे भी आज 20 साल के बाद लंड नसीब हो रहा है और वो भी
अपने बेटे का. सच बेटा, तेरा लंड बिल्कुल तेरे बाप जैसा है, बस मोटा
थोड़ा अधिक है. आज अपनी मा को वो सुख दे दो जो तेरा बाप देता था. राधा
बेटी, चुदाई का सब से पहला कदम है मर्द का लंड सहलाना, मुठियाना, इस से
प्यार करना, इसको चूमना, चाटना. जो मैं करती हूँ तू भी वैसे ही करना.
जितना मज़ा रॉकी को आएगा, उतना ही तुझे और मुझे भी आएगा." मा ने मेरा लंड
अपने गरम हाथों में ले लिया और उप्पेर नीचे करने लगी. उसने मेरे सूपदे पर
ज़ुबान फेरी तो राधा दीदी के मूह से आह निकल गयी. राधा अब मा की हर हरकत
गौर से देखने लगी. मेरा लंड बेकाबू हो रहा था. राधा दीदी ने मा की नकल
करते हुए मेरे लंड पर ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी. ड्रॉयिंग रूम में ये सब
करना मुझे आरामदायक नहीं लग रहा था. मैने दोनो से कहा,"हमको बेड पर चलना
चाहिए. यहाँ मज़ा नहीं आएगा. मुझे लगता है कि मा के बेड पर चला जाए. उसी
बेड पर जहाँ मा को पहली बार पापा ने चोद कर गर्भवती किया था, उसी बेड पर
बेटा भी अपनी प्यारी मा की चुदाई का महुरत करना चाहता है!!किओं क्या
विचार है सुजाता?"

मा के चेहरे पर एक खास मुस्कान उभर आई. आज मा का चेहरा ऐसे चमक रहा था
जैसे किसी नई नवेली दुल्हन अपनी पहली चुदाई की प्रतीक्षा कर रही हो. हम
तीनो पूरी तरह से नंगे हो कर मा के बेडरूम की तरफ बढ़ गये. जब मा आगे आगे
चल रही थी तो मुझे उसकी गांद बहुत उतेजक लग रही थी. सुजाता मेरी मा के
चूतड़ बहुत सेक्सी थे. "एक दिन सुजाता के मखमली नितंभों के बीच से उसकी
गांद ज़रूर चोदुन्गा" मैने अपने आप से वादा किया! "तुम दोनो बिस्तर पर
चलो, मैं एक लास्ट पेग बना कर लाता हूँ" मैने कहा और पेग बनाने लग पड़ा.
शराब के नशे को वासना ने दोगुना बढ़ा दिया था. मैने तीन बड़े पेग बनाए और
मा के रूम में जा घुसा. बिस्तर पर जो नज़ारा था देख कर दिल खुश हो गया.
मेरी मा और बेहन दोनो एक लेज़्बीयन 69 की पोज़िशन में साइड बाइ साइड लेटी
हुई थी. सुजाता की चूत पर राधा के होंठ और राधा की चूत पर सुजाता के होंठ
थे. मैं समझ गया कि दोनो औरतें छुड़ासी हो रही हैं. राधा दीदी की जीभ
सुजाता की चूत की फांकों को चूस रही थी और मा अपनी बेटी की चूत का रस चाट
रही थी. मैने ग्लास टेबल पर रखे और नज़दीक जा कर मुझ से ना रहा गया और
मैने एक उंगली मा की गांद में धकेल डाली. सुजाता को इस बात की कोई उम्मीद
नहीं थी और हाड़ बदाहट में उसने राधा की चूत को काट खाया. 'उई...मा ये
क्या...मर गयी!!!!" राधा दीदी छ्ट पटा पड़ी.

मा ने अपना मूह राधा दीदी की चूत से हटा लिया और बनावटी गुस्सा दिखाती
हुई बोली,"सॉरी बेटी, ये साला रॉकी मदर्चोद शरारत कर रहा था. इसने मेरी
गांद में उंगली डाल दी थी जिसस के लिए मैं तैयार नहीं थी" मैने मा के
नितंभ पर किस किया और बोला" कोई बात नहीं सुजाता रानी, अब गांद तो तभी
स्पर्श करूँगा जब तू तैयार होगी, अपने मदर्चोद बेटे से गांद मरवाने के
लिए. तब तक राधा दीदी को भी तैयार करो. सच कहूँ तो मेरा विचार तुम दोनो
को अपनी पत्नी बनाने का है, अगर तुम दोनो चाहो तो! मैं जीजा और बाप दोनो
का फ़र्ज़ निभाना चाहता हूँ. तुम्हारी दोनो की गांद है है ही बहुत
सेक्सी!!!"

राधा दीदी ने झट से अपना ग्लास उठाया और एक ही साँस में गटक गयी. मैं
सुजाता से लिपट कर उसको चूमने लगा और उसकी चुचि को मसल्ने लगा. राधा दीदी
ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. अब उसको अपने भाई के लंड से प्यार हो
गया था,और होता भी किओं नहीं. मैं अपने लंड को साबुन से धो कर रखता हूँ
और वो भी खुश्बुदार साबुन से.

राधा दीदी ने पहले तो अपने गालों पर मेरा सूपड़ा फेरा और फिर प्यार से
उसको किस किया. मैं किस करते हुए एक हाथ से मा की चुचि मसल रहा था और
दूसरे से उसकी चूत स्पर्श कर रहा था. तीन जिस्म अब हवस की आग में जल रहे
थे. रुकना मुनासिब ना था. राधा ने अब मेरा लंड हाथ में ले लिया था और
मेरे अंडकोष चूसने शुरू कर दिए थे. 'बेटा, अब जल्दी से डाल दो मेरी चूत
में अपना लंड. बहुत तर्सि हूँ मैं लंड के लिए. कल रात जब मैने तेरा लंड
राधा की चूत में जाते हुए देखा था, तब से मेरी निगोडी चूत भी इसकी कामना
कर रही है. तेरे लंड की चमक अभी तक मेरे दिलो दिमाग़ में बसी हुई है. बस
देरी ना करो, रॉकी बेटा. ठोक दो अपनी मा को, अपनी सुजाता को चोद कर निहाल
कर दो. हम मा बेटी के स्वामी बन जाओ. ओह बेटा, मेरी चूत में आग लगी हुई
है!!!

मैने मा को लिटा लिया और उसकी जांघों को खोलते हुए उसकी चूत को प्यार से
सूँघा. मा की चुदसी चूत रो रही थी खुशी के मारे. फिर मैने अपना सूपड़ा
सुजाता की चूत पर टीकाया और चूत पर रगड़ने लगा. "उफफफफफ्फ़ रॉकी!!!! किओं
तरसा रहे हो? डाल दो ना!!" राधा दीदी मेरी पीठ से सॅट कर मुझ से लिपटने
लगी."भाई, पेल डालो अपनी सुजाता को. फिर मेरी बारी आएगी अपने प्यारे भाई
के लंड से चुदवाने की. रॉकी, सुजाता की चूत मस्ती से भरी पड़ी है. मसल
डालो इसको अपनी मा की प्यासी चूत को. जो काम पापा ने किया था आज उनका
बेटा भी कर डाले. भैया मा के बाद फिर मुझे कल वाली जन्नत दिखा देना. मैं
महसूस कर रही हूँ कि आज तेरा लंड कल से भी अधिक उतावला हो रहा है. और
मेरा राजा भैया का लंड उतावला हो भी क्यो ना? आज बेहन के साथ साथ मा भी
मेरे भाई की हमबिस्तर हो रही है. शाबाश भाई, चोदना शुरू करो, तब तक मैं
मा से अपनी चूत चुस्वाति हूँ. मेरी चूत भी जल रही है!!!" फिर राधा दीदी
ने मेरा लंड पकड़ कर मा की चिुत के अंदर धकेल दिया. मेरी मा की चूत से
इतना पानी बह रहा था कि लंड आसानी से चूत की गहराई में उत्तर गया. मा की
टाँगों ने मेरी कमर को कस लिया और वो अपनी गांद उच्छालने लगी.

राधा दीदी ने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत मा के मुख पर रख दी और
सुजाता ने अपनी ज़ुबान उसकी चूत में घुसा डी. राधा अब मा की ज़ुबान पर
चूत हिलाने लगी. राधा की साँस भी बहुत भारी हो चुकी थी. मा और दीदी दोनो
कामुक सिसकारियाँ भर रही थी. मैने सुजाता की चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए
धक्कों की स्पीड बढ़ा डाली. लंड फ़चा फ़च चूत के अंदर बाहर होने लगा. जब
मैने मा के निपल्स चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गयी और पागलों की तरह
चुदवाने लगी. सुजाता ने अपना मुख मेरी बेहन की चूत से अलग करते हुए कहा,"
वाह बेटा, वाह, चोद मुझे....चोद अपनी मा की चूत....चोद मेरी
चूत!!....अपनी मा की चूत से पैदा हो कर आज उसको चोद, मदर्चोद....तू अपनी
मा को जो आनंद दे रहा है, उसका का कोई मुकाबला नहीं...आआआहह....रॉकी!!!!!
ओह्ह्ह्ह मदर्चोद.........राधा...तेरा भाई वाकई ही बहुत दमदार है...तुझे
हमेशा खुश रखेगा...हम दोनो को खुश रखेगा...खूब चोदेगा हम दोनो को!!!!"

राधा अब उठ कर आई और मेरे अंडकोष से खेलने लगी और मा की गांद में उंगली
करने लगी. लगता था कि अब मेरी बहना चुदाई में अधिक दिलचस्पी लेने लगी थी.
जिओं ही राधा की उंगली मा की गांद में गयी तो मा का जिस्म ऐंठने लगा.
उसकी गांद तूफ़ानी गति से उप्पेर उठने लगी. मा अब झड़ने वाली थी. मैने भी
चुदाई और तेज़ कर दी लेकिन मुझ से पहले मा झाड़ गयी." ऑश बेटा....मैं
गयी....रॉकी...तेरी सुजाता झारीईए...तेरी माआ झार रही है...आआअहह!!"
सुजाता की चूत का रस उसकी जांघों से होता हुआ बिस्तर पर गिरने लगा. कोई 2
मिनिट छ्ट पटाने के बाद सुजाता शांत हो गयी. लेकिन मैं अभी नहीं झारा था.
मैने अपना भीगा हुआ लंड सुजाता की चूत से निकाला और मा की बगल में ही
राधा दीदी को लिटा दिया. दीदी मेरे लंड को भूखी नज़रों से देख रही थी. वो
आगे झुकी और मेरे लंड को चूसने लगी, चाटने लगी. राधा दीदी मकी आँखें
उतेज्ना कारण बंद थी और वो किसी रांड़ की तरह अपने भाई का लंड चूस रही
थी. मुझे खुशी थी कि वो राधा जिसको अपने पति का लंड गंदा लगता था, आज
अपने भाई के लंड को किस तरह प्यार से चूम रही थी.

मैने दीदी को बालों से खींच कर घोड़ी बनाया और लंड घुसेड दिया एक ही झटके
में,"उम्म्फफफ्फ़... उम्म्फहफ़फ
इन्न्ननननननन्‍न्‍नममममममम......म्‍म्म्मफफफ्फ़...इट...आआहह......
म्‍म्म्फह...भैयाआअ....धीरे....माआआ....मर गइई" राधा बिलबिलाने लगी. मैं
अब दीदी को बेरेहमी से चोदने लगा. "राधा...कैसा लग रहा है? मेरा लंड तेरी
चूत में घुस चुका है...बहुत टाइट है तेरी चूत.....मुझे बहुत मज़ा दे रही
है ये" उधर मा हम दोनो को देख कर मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराती भी किओं
ना. आख़िर घर का मर्द घर की औरत को चोद कर आनंदित कर रहा था.

मेरा हाथ कई बारी राधा दीदी की चुचि मसल देता और कई बार उसके चूतर पर चपत
मार देता जिस से मेरी दीदी की कामुकता और तेज़ हो जाती. दीदी आगे की तरफ
झुकी हुई थी और मैं उसको घोड़ी बना कर चोद रहा था. घोड़ी बना कर चोदने का
मज़ा ही कुच्छ और होता है. कमरे के अंदर सेक्स की खुश्बू फैली हुई थी.
मुझे दीदी के नंगे जिस्म की तस्वीर और भी कामुक बना रही थी. धक्के
तूफ़ानी हो चुके थे और दीदी अपने चूतर पीछे धकेल कर मेरे मज़े को दोगुना
कर रही थी."रॉकी मेरे भाई, तेरी बेहन जा रही है...मेरी चूत पानी छ्चोड़
रही है.....आआहह मैं झाड़ रही हूँ...ज़ोर से....चोदो भाई......मैं मर
गयी....चोदो भैयाआ!!!" मेरा लंड भी चोद रहा था. मैं अपना रस दीदी की चूत
के अंदर छ्चोड़ने वाला था. मैने राधा को कस के पकड़ रखा था और तबाद तोड़
चोद रहा था." ऊऊऊहह......उूुउऊहह...म्‍म्म्ममममंणणन्...........आआआआमम्म्ममम!!!!!!!!"
मेरा लंड अपना फॉवरा छ्चोड़ने लगा. मैं कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. राधा
दीदी का भी हाल बुरा हो रहा था. मैं दीदी की चूत में लंड डाल कर सो गया.

अगले दिन जब मैं उठा तो दीदी और मा दोनो कमरे में नहीं थी. सवेर के 8 बज
रहे थे. मैं उठ कर बाथरूम में गया. नहा धो कर जब बाहर निकला तो देखा कि
मा पूजा कर रही थी और दीदी उसके साथ बैठी हुई थी. जब मैं वहाँ पहुँचा तो
पहले दीदी ने और फिर मा ने झुक कर मेरे पैरों को स्पर्श किया. जब मैने
उनको ऐसा करने से रोका तो वो शर्मा कर बोली," रॉकी तुम आज से हमारे पति
हो और हम तेरी पत्नियाँ. दुनिया हमारे रिश्ते को कुच्छ भी समझे, लेकिन
तुम हमारे स्वामी हो"

समाप्त

Didi Ko Jijja Ji Se Chheena--3

gataank se aage................
Main bhi sambhal gaya aur maine maa ko chhod diya aur maa kitchen mein
chali gayi. Maine socha ki shayad maa apne bete ke saath pehle najayaz
sampark se ghabra gayi thee. Lekin chinta ki koi baat na thee. Raat ko
beer wali baat mere liye fayademand hogi. Sharab se adami ki jhijhak
kahtam ho jati hai. Main bazar se kuchh beer aur ek bottle vodka ki le
aaiya jissko maine fridge mein rakh diya. Radha didi bhi vaps aa chuki
thee. Ussne ek silk ki halke neele rang ki pardarshi sari pehni hui
thee. Ma aaur didi drawing room mein baithey huye thay. Main didi ke
saath sat kar chhote sofe par baith gaya. Didi ke jism se bheeni
bheeni sugandh uth rahi thee aur usska makhmali badan mujhe utejit kar
raha tha. "Maa main beer laya hoon. Kion na thodi see ho jaye.

Didi ka mood bhi theek ho jayega aur hum vakil se hui baat bhi
discuss kar lenge" Maa ne sir hila diya aur main teen glass mein beer
ke saath vodka mix kar ke le aaiya. Maa aur Radha didi ne glass pakad
liye aur dheere se peene lagi. Sharab ke andar jate hi mere lund mein
aag bhadak uthi. Mujhe apbni didi aur maa bahut hi kamuk lagne lagi.
Ek plate mein maine fried fish aur sauce rakhi hui thee. Didi ne jab
chuski lene ke baad fish khayi to usske honthon par sauce fail gayi."
Radha dhyan se kha...dekh apna mukh ganda kar liya hai timne...main
napkin le kar aati hoon" Maa uthi aur bahar chali gayi. Maine dekha ki
didi ke mukh par sauce lagi hui thee. Maine didi ko bahon mein lete
huye usske honthon se sauce chatni shuru kar dee,"Maa to pagal
hai...mere sweet didi ke sweet honthon se sauce saaf karne ke liye jab
usska bhai baitha hai to napkin ki kia zarurat...bhai hai na didi ke
honthon ko pyar se saaf karne ke liye!!!" Maine didi ko kas kar
alingan mein le liya aur usske chehre ko chumne laga. Didi bhi utejit
ho rahi thee kion ki vo mujhe vapis kiss kar rahi thee.

Jab maa vapis aayi to hum bhai behan ke mukh ek dusre se esse jude
huye thay jaise ki koi premi hon. Maa chup chap baith gayi."Rocky
beta, maine tujhe yahi sabak dia tha ki jab tak teri didi ka talak
nahin ho jata tab tak dhyan se. Tu yahan apni didi se kiss kar raha
hai aur bahar darwaza khula hai. Agar koi andar aa jata to? Mere
bacho, meri khushi tumhari khushi main hi hai. Maine kal raat sab
kuchh dekh liya tha aur Radha ne mujhe sab kuchh bata diya tha. Main
tum dono ke saath hoon. Rocky beta, vakil ne kaha hai ki Vinod ko
usski behan ke saath sambandh ke saath blackmail kar ke achha paisa
banaya ja sakta hai...khas kar jab tere pass unki photos ke saath.
Agar hum uss se 3-4 crore le lete hain to iss shahar ko chhod kar
kissi dusri jagah ja sakte hain. Lekin tab tak bahut dhyan se rehna
hoga. Beta tu jawan hai...par thoda dhyan se!!!"

Maine dusra glass banaya jab sab ne pehla glass khali kar diya tha.
Iss bari maine glass mein vodka ki matra badha dee ta ki sab ko nasha
jaldi ho jaye. Meri plan aaj raat ko apne pariwar ki dono auraton ko
chod lene ki thee. Radha didi ke saath main raat bita chuka tha jisska
maa ko pata tha. Ab maa ko chhod dena bewkoofi hogi. Akhir maa ki bhi
kuchh zaruraten thee. Meri maa ki bhi lund ki bhookh mujhe hi mitani
hogi. Apni maa ke gadraye jism ko dekh kar main pagal ho raha tha.
Main didi ko glas pakada kar maa ke saath sat kar baith gaya. Maa ne
ghunt bhara to sharab usske honthon se neechey beh gayi aur usski
gardan tak sharab ke karan usska jism bheeg gaya. Maine jeebh se
sharab chatna shuru kar diya. Maa ne apne aap ko chhudane ka prayas
kia lekin maine ussko jakad rakha tha. Kucch hissa maa ki chuchi tak
chala gaya jissko main chum chum kar chatne laga. Didi chup chap dekh
rahi thee jab mere haath maa ki chuchi par kas chukey thay. Maa ki
saans esse chal rahi thee jaise koi janwar chudte wakt saans leta ho.

Main thodi der mein maa se alag hota hua bola"Maa, aaj se hum dono
teri har baat manege, lekin meri ek baat tum dono ko manani hogi. Tum
dono ke saath mera rishta vaisa hi hoga jaisa tumne kal raat didi ke
saath dekha tha. Aj se mera kabza na sirf Radha par hoga bal ki maa,
tujh par bhi hoga. Main janta hoon maa, ki tujhe bhi jism ki bhookh
lagati hai aur didi ke bhi kuchh armaan hain. Main ghar ka mard hoon.
Aap dono ka mere jism par pura hak hai aur mera tum dono par. Yani
pati ek patnian do. Rocky kal bana tha behnchod aur aaj banega
madarchod!!! Bolo mazur hai aapko?" Kehte huye main maa ka haath apne
lund par rakh diya. Iss bari maa ne apna haath nahin kheencha. "Radha
kia tum mujhe maa ke saath baant sakti ho?" maine puchha to Radha apni
seat se uthi aur maa ke honthon par honth rakh kar kiss karne lagi.
Kisi jawab ki zarurat na thee. Maa mere lund se khelne lagi aur apni
beti ko kiss karne lagi.

Maine maa ki janghon par haath ferna shuru kar diya aur didi ki sari
khol dali. "Rocky beta, tu aur Radha to theek ho, mujhe iss kaam mein
mat ghaseeto. Main ab jawan nahin hoon. Yum dono ki shadi main karwa
doongi. Mera vada raha. Mujhe tum jaisa jamai aur Radha beti jaisi
bahu kahan milegi aur main tum dono ka pyar apni ankhon ke samne dekh
sakungi" Main maa ki baat sun kar khush to hua lekin bina maa ke meri
garahsthi puri hone wali nahin thee. Aj raat ko meri maa mere liye
meri pyari Sujata ban jayegi. Bilkul meri behan jaisi ek chodne wali
aurat. Meri ek aur patni!!! Maine apni zip khol dee aur maa ka haath
apne garam liund par rakh diya," Sujata, apne bete ka lund pakad kar
dekho ki aapke pati se bada hai ya nahin? Meri pyaru Sujata, chahe ye
lund teri choot se nikla ho, aj teri chut ko chod kar tujhe auarat ka
sukh dega, tujhe mere baap ki kami mehsoos na hone dega!!!"

Maa ne mera lund sehlaya aur vo aur bhi kada ho gaya. Radha didi ne
apna haat maa ki kameez mein dal kar usski chuchi ko sehlana shuru kar
diya. Meri maa Sujata ka jism ap vasna se gulabi hone lag chuka tha.
Radha didi bhi bahut sexy andaz se mee ko kiss kar rahi thee. "Maa,
Rocky tujhe bhi ussi tarah pyar karega jiss tarah mujhe kar chuka hai.
Bahut pyara hai mera bhai....tera beta.....humara khyal
rakhega....hamara mard Rocky....hum dono isski ban ke rahengi...aur ye
hamara....na mera ...na tera...maa aur beti ka ek mard...ek yaar..ek
lund.....jo mera bhi hai aur tera bhi!!!!!"

Maa ka chehra aur gulabi ho gaya. Shayad sharam aur vasan ka mila jula
asar tha."Haan beti, jissko jamai banaya tha vo to dhoka de gaya. Ab
apne khoon par hi bharosa hai mujhe. Rocky mera beta bhi hai aur damad
bhi aur pati bhi....Hey bhagwan mere pyar bhare pariwar ko kissi ki
nazar na lage. Haan Rocky, mere bete, tera lund tere baap se bhi bada
hai aur mota bhi...mujhe yakeen hai tu iss se hum maa beti dono ko
santusht rakhoge. Tere lund ka sparsh mere andar ek jawala bhadka raha
hai. Mere andar ki aurat ko jaga raha hai. Mujhe koi apati nahin agar
Radha mujhe bhi tera pyar baantne ke liye razi hai. Mere beta jaisa
mast jawan humarae liye bahut hai. Jo man main aaye kar le tu beta!"

Main uth khada hua aur maa ki kameez uttarne laga. Maine maa ki balon
ka juda bhi khol dia. Radha didi ne apna blouse aur petticoat uttar
diya. Radha didi ka gora jism pyar aur sharab ke nashe se bahut gulabi
ho raha tha."Maa, Radha didi ko chod chuka hoon main. Tujhe chod kar
aaj ki raat yadgaar banana chahta hoon. Sujata kahun to koi etraz to
nahin hoga? Mujhe yakeen hai ki Radha didi ko bhi jalan na hogi agar
main aap dono ko chodun!!!" Radha ne apni panty uttarte huye
kaha"Rocky, mere bhai, maa beti mein kaisi jalan? Ghar ka maal ghar
mein hi to rahega. Aur vaise bhi Sujata ki marzi se hi hamara milan
sambhav hoga. Tera jitna hak apni behan par hai, utna hi apni maa
Sujata par hoga. Main tum dono ko chudayi karte dedkh kar maa se kuchh
seekh loongi. Kion Maa?"

"Theek hai beti. Mujhe bhi aaj 20 saal ke baad lund nasib ho raha hai
aur vo bhi apne bete ka. Sach beta, tera lund bilkul tere baap jaisa
hai, bas mota thoda adhik hai. Aj apni maa ko vo sukh de do jo tera
baap deta tha. Radah beti, chudayi ka sab se pehla kadam hai mard ka
lund sehlana, muthiana, iss se pyar karna, issko chumna, chatna. Jo
main karti hoon tu bhi vaise hi karna. Jitna maza Rocky ko aayega,
utna hi tujhe aur mujhe bhi aayega." Maa ne mera lund apne garam
haathon mein le lia aur upper neechey karne lagi. Ussne mere supade
par zuban feri to Radha didi ke muh se aah nikal gayi. Radha ab maa ki
har harkat gaur se dekhne lagi. Mera lund bekabu ho arha tha. Radha
didi ne maa ki nakal karte huye mere lund par zuban ferni shuru kar
dee. Drawing room mein ye sab karna mujhe aramdayak nahin lag raha
tha. Maine dono se kaha,"Humko bed par chalna chahiye. Yahan maza
nahin aayega. Mujhe lagata hai ki maa ke bed par chala jaye. Ussi bed
par jahan maa ko pehli baar papa ne chod kar garbhwati kia tha, ussi
bed par beta bhi apni pyari maa ki chudayi ka mahurat karna chahta
hai!!Kion kia vichar hai Sujata?"

Maa ke chehre par ek khas muskan ubhar aayi. Aaj maa ka chehra esse
chamak raha tha jaiese kissi nai naveli dulhan apni pehli chudayi ki
parteeksha kar rahi ho. Hum teeno puri tarah se nange ho kar maa ke
bedroom ki taraf badh gaye. Jab maa aage aage chal rahi thee to mujhe
usski gaand bahut utejak lag rahi thee. Sujata meri maa ke chutad
bahut sexy thay. "Ek din Sujata ke makhmali nitambhon ke beech se
usski gaand zarur chodunga" maine apne aap se vada kia! "Tum dono
bistar par chalo, main ek last peg bana kar lata hoon" Maine kaha aur
peg banane lag pada. Sharab ke nashe ko vasna ne doguna badha diya
tha. Maine teen bade peg banaye aur maa ke room mein ja ghusa. Bistar
par jo nazara tha dekh kar dil khush ho gaya. Meri maa aur behan dono
ek lesbian 69 ki position mein side by side leti hui thee. Sujata ki
chut par Radha ke honth aur Radha ki chut par Sujata ke honth thay.
Main samajh gaya ki dono auraten chudasi ho rahi hain. Radha didi ki
jeebh Sujata ki chut ki phankon ko chus rahi thee aur maa apni beti ki
chut ka ras chat rahi thee. Maine glass table par rakhe aur nazdeek ja
kar mujh se na raha gaya aur maine ek ungli maa ki gaand mein dhakel
dali. Suajata ko iss baat ki koi umeed nahin thee aur had badahat mein
ussne Radha ki chut ko kat khaya. 'Ui...maa ye kia...mar gayi!!!!"
Radha didi chhat pata padi.

Maa ne apna muh Radha didi ki chut se hata liya aur banawati gussa
dikhati hui boli,"Sorry beti, ye sala Rocky madarchod shararat kar
raha tha. Issne meri gaand mein ungli dal dee thee jiss ke liye main
taiyar nahin thee" Maine maa ke nitambh par kiss kia aur bola" Koi
baat nahin Sujata Rani, ab gaand to tabhi sparsh karunga jab tu taiyar
hogi, apne madarchod bete se gaand marwane ke liye. Tab tak Radha didi
ko bhi taiyar karo. Sach kahun to mera vichar tum dono ko apni patni
banane ka hai, agar tum dono chaho to! Main jijja aur baap dono ka
farz nibhana chahta hoon. Tumhari dono ki gaand hai hio bahut sexy!!!"

Radha didi ne jhat se apna glass uthaya aur ek hi saans mein gatak
gayi. Main Sujata se lipat kar ussko chumne laga aur usski chuchi ko
masalne laga. Radha didi ne mera lund chusna shuru kar diya. Ab ussko
apne bhai ke lund se pyar ho gaya tha,aur hota bhi kion nahin. Main
apne lund ko sabun se dho kar rakhta hoon aur vo bhi khushbudar sabun
se.

Radha didi ne pehle to apne galon par mera supada fera aur fir pyar se
ussko kiss kia. Main kiss karte huye ek haath se maa ki chuchi masal
raha tha aur dusre se usski chut sparsh kar raha tha. Teen jism ab
hawas ki aag mein jal rahe thay. Rukna munasib na tha. Radha ne ab
mera lund haath mein le liya tha aur mere andkosh chusne shuru kar
diye thay. 'Beta, ab jaldi se dal do meri chut mein apna lund. Bahut
tarsi hoon main lund ke liye. Kal raat jab maine tera lund Radha ki
chut mein jate huye dekha tha, tab se meri nigodi chut bhi isski kamna
kar rahi hai. Tere lund ki chamak abhi tak mere dilo dinag mein basi
hui hai. Bas deri na karo, Rockt beta. Thok do apni maa ko, apni
Sujata ko chod kar nihal kar do. Hum maa beti ke swami ban jayo.
Ohhhhh Beta, meri chut mein aag lagi hui hai!!!

Maine maa ko lita liya aur usski janghon ko kholte huye usski chut ko
pyar se soongha. Maa ki chudasi chut ro rahi thee khushi ke maare. Fir
maine apna supada Sujata ki chut par tikaya aur chut par ragadne laga.
"Uffffff Rocky!!!! Kion tarsa rahe ho? Dal do na!!" Radha didi meri
peeth se sat kar mujh se lipatne lagi."Bhai, pel dalo apni Sujata ko.
Fir meri bari aayegi apne payare bhai ke lund se chudwane ki. Rocky,
Sujata ki chut masti se bhari padi hai. Masal dalo issko apni maa ki
pyasi chut ko. Jo kam papa ne kia tha aaj unka beta bhi kar dale.
Bhaiya maa ke baad fir mujhe kal aat wali jannat dikha dena. Main
mehsoos kar rahi hoon ki aaj tera lund kal se bhi adhik utawla ho raha
hai. Aur mera raja bhaiya ka lund utawla ho bhi koin na? Aj behan ke
saath saath maa bhi mere bhai ki humbistar ho rahi hai. Shabash bhai,
chodna shuru karo, tab tak main maa se apni chut chuswati hoon. Meri
chut bhi jal rahi hai!!!" Fir Radha didi ne mera lund pakad kar maa ki
chiut ke andar dhakel diya. Meri maa ki chut se itna pani beh raha tha
ki lund asani se chut ki gehrayi mein uttar gaya. Maa ki tangon ne
meri kamar ko kas liya aur vo apni gaand uchhalne lagi.

Radha didi ne apni tangon ko faila kar apni chut maa ke mukh par rakh
dee aur Sujata ne apni zuban usski chut mein ghusa dee. Radha ab maa
ki zuban par chut hilane lagi. Radha ki saans bhi bahut bhari ho chuki
thee. Maa aur didi dono kamuk siskarian bhar rahi thee. Maine Sujata
ki chuchi ko zor se masalte huye dhakkon ki speed badha dali. Lund
phacha phach chut ke andar bahar hone laga. Jab maine maa ke nipples
chusna shuru kia to vo bekabu ho gayi aur pagalon ki tarah chudwane
lagi. Sujata ne apna mukh meri behan ki chut se alag karte huye kaha,"
Wah beta, Wah, chod mujhe....chod apni maa ki chut....chod meri
chut!!....apni maa ki chut se paida ho kar aaj ussko chod,
madarchod....Tu apni maa ko jo anand de raha hai, usska ka koi mukabla
nahin...aaaaaahhhhhh....Rocky!!!!! Ohhhh
madarchod.........Radha...tera bhai vakai hi bahut dumdar hai...tujhe
hamesha khush rakhega...hum dono ko khush rakhega...khub chodega hum
dono ko!!!!"

Radah ab uth kar aayi aur mere andkosh se khelne lagi aur maa ki gaand
mein ungli karne lagi. Lagata tha ki ab meri behna chudayi mein adhik
dilchaspi lene lagi thee. Jion hi Radha ki ungli maa ki gaand mein
gayi to maa ka jism ainthne laga. Usski gaand toofani gati se upper
uthne lagi. Maa ab jhadne wali thee. Maine bhi chudayi aur tez kar dee
lekin mujh se pehle maa jahr gayi." Ohhh beta....main
gayi....Rocky...Teri sujata jhareeeee...Teri maaa jhar rahi
hai...aaaaahhhhh!!" Sujata ki chut ka ras usski janghon se hota hua
bistar par girne laga. Koi 2 minute chhat patane ke baad Sujata shant
ho gayi. Lekin main abhi nahin jhara tha. Maine apna bhega hua lund
Sujata ki chut se nikala aur maa ki bagal mein hi Radha didi ko lita
diya. Didi mere lund ko bhookhi nazaron se dekh rahi thee. Vo aage
jhuki aur mere lund ko chusne lagi, chatne lagi. Radha didi mki ankhen
utejna karan band thee aur vi kissi raand ki tarah apne bhai ka lund
chus rahi thee. Mujhe khushi thee ki vo Radha jissko apne pati ka lund
ganda lagata tha, aaj apne bhai ke lund ko kiss tarah pyar se chum
rahi thee.

Maine didi ko balon se kheench kar ghodi banaya aur lund ghused diya
ek hi jhatake mein,"Ummphhhfff... Ummphhff
Innnnnnnnnnnmmmmmmm......mmmmffff...it...aaaahhhhhhhhh......
mmmfhhh...bhaiyaaaaa....dheere....maaaaaa....mar gayeeee" Radha
bilbilane lagi. Main ab didi ko berehmi se chodne laga. "Radha...kaisa
lag raha hai? Mera lund teri chut mein ghus chuka hai...bahut tight
hai teri chut.....mujhre bahut maza de rahi hai ye" Udhar maa hum dono
ko dekh kar muskura rahi thee aur muskurati bhi kion na. Akhir ghar ka
mard ghar ki aurat ko chod kar anandit kar raha tha.

Mera haath kai baari Radha didi ki chuchi masal deta aur kai bar usske
chutar par chapat mar deta jiss se meri didi ki kamukta aur tez ho
jati. Didi aage ki taraf jhuki hui thee aur main ussko ghodi bana kar
chod raha tha. Ghodi bana kar chodne ka maza hi kuchh aur hota hai.
Kamre ke andar sex ki khushbu faili hui thee. Mujhe didi ke nange
jism ki tasveer aur bhi kamuk bana rahi thee. Dhake toofani ho chukey
thay aur didi apne chuttar peechhey dhakel kar mere maze ko doguna kar
rahi thee."Rocky mere bhai, teri behan ja rahi hai...meri chut pani
chhod rahi hai.....aaaahhhh maij jhad rahi hoon...jor se....chodo
bhai......main mar gayi....chodo bhaiyaaaa!!!" Mera lund bhi choot
raha tha. Main apna ras didi ki chut ke andar chhodne wala tha. Maine
Radha ko kas ke pakad rakha tha aur tabad tod chod raha tha."
Oooooohhh......uuuuuhhhhhh...mmmmmmmnnnn...........aaaaaaaammmmmm!!!!!!!!"
mera lund apna fowara chhodne laga. Main kutte ki tarah haanf raha
tha. Radha didi ka bhi haal bura ho raha tha. Main didi ki chut mein
lund dal kar so gaya.

Agle din jab main utha to didi aur maa dono kamre mein nahin thee.
Saver ke 8 baj rahe thay. Main uth kar bathroom mein gaya. Naha dho
kar jab bahar nikla to dekha ki maa puja kar rahi thee aur didi usske
saath baithi hui thee. Jab main wahan pahuncha to pehle didi ne aur
fir maa ne jhuk kar mere pairon ko sparsh kia. Jab maine unko essa
karne se roka to vo sharma kar boli," Rocky tum aaj se hamare pati ho
aur hum teri patnian. Duniya hamare rishtey ko kuchh bhi samjhe, lekin
tum hamare swami ho"

samaapt


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