Friday, July 20, 2012

सेक्सी कहानियाँ दीदी को जीजा जी से छीना--2

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

दीदी को जीजा जी से छीना--2

गतान्क से आगे................
मैं मा की बात सुन कर बोला,"अगर मैं दीदी से प्यार करता हूँ तो क्या फरक
पड़ता है? विनोद ने तो पहले दिन ही दीदी को एक जानवर की तरह चोद डाला था.
मा, तुम नहीं जानती कि दीदी उस रात कितना रोई थी!! कितनी पीड़ा हुई थी
मेरी बेहन को!! मैं उसका भाई हूँ......उसको सुख देना चाहता हूँ....मा मैं
उसको प्यार करता हूँ और दीदी का अनुभव जो जीजा जी के साथ हुआ है दीदी पर
बहुत बुरा असर डाल चुका है...दीदी सभी मर्दों से नफ़रत करने लगी
है...सेक्स भी उसको अच्छा नहीं लगता...मैं दीदी को सही रास्ते पर ला सकता
हूँ" मा मेरे पास आई और बोली"बेटा मैं तेरी बात समझती हूँ. लेकिन ये समाज
नहीं समझेगा. तुम अपनी दीदी के पति तो नहीं बन सकते? सभी जानते हैं कि
तुम भाई बेहन हो!!" मा की बात ठीक थी लेकिन मेरी प्लान भी थी, मैं दीदी
का तलाक़ करवाने वाला था. इस गेम में हम जीजा जी को ब्लॅकमेल करने वाले
थे. मेरे पास जीजा जी की फोटोस थी. हम जीजा जी से बड़ी रकम हासिल कर
लेंगे और फिर हम तीनो इस शहर को छ्चोड़ देंगे. मैं और दीदी प्यार से
ज़िंदगी बसर करेंगे, मा मेरी बात सुन कर सोचने पर मज़बूर हो गयी. मा मेरे
गले लग गयी और बोली,"तुमने राधा से पूच्छ लिया है क्या? उसको पसंद है
तेरा प्लान?" "मा, दीदी को अभी तक सेक्स का मज़ा नहीं मिला...जब मिलेगा
तो दीदी खिल उठेगी....और दीदी की सेक्स की शुरुआत मैं करूँगा...एक
सुहावानी सेक्स की शुरुआत...मुझे तुम सहयोग देने का वादा करो....मुझे और
दीदी को अकेले छ्चोड़ दो...मुझे दीदी को सेक्स का सुखद अनुभव करने में
मदद करो,...राधा दीदी ज़रूर पट जाएगी, मा"

मा ने खुश हो कर मुझे होंठों पर किस कर लिया और जब मैने मा को वापिस किस
किया तो मेरी मा भी गरम हो उठी और अपनी चूत मेरे खड़े लंड पर रगड़ने लगी.
लेकिन मैने मा को अपने आप से अलग किया और दीदी के कमरे की तरफ बढ़ गया.
दीदी बिस्तर में थी लेकिन जाग रही थी. मैने उसको बाहों में भर कर ज़ोर से
होंठों पर किस किया और चुचि भी मसल डाली. अब नाटक करने का वक्त नहीं था.
अब मेरी प्यारी दीदी को पता चल जाना चाहिए था कि उसका भाई अब उसकी चूत का
दिवाना है और अपने जीजा जी जगह लेना चाहता है. दीदी को खूब चूमने के बाद
मैं उतेज़ित हो गया. दीदी नहाने चली गयी. जब वो बाहर निकली तो एक सफेद
नाइटी पहने हुई थी और नीचे कोई ब्रा या पॅंटी नहीं थी. "आज रात अपने भाई
के रूम में ही सोना, देखना कितना मज़ा आता है!!!" कह कर मैं अपनी अलमारी
से एक अडल्ट कहानी वाली बुक दीदी को देते हुए बोला,"इस किताब को पढ़
लेना. पता चलेगा कि प्यार क्या होता है और कैसे किया जाता है. रात को
विस्की ले कर आउन्गा...मम्मी से चोरी...हम थोड़ी सी पी लेंगे अगर मेरी
प्यारी दीदी चाहेगी तो...सच दीदी, बहुत सुंदर हो तुम....तेरा हुसन मेरे
दिल का क्या हाल बना रहा है, मुझ से पुछो!!!" दीदी शरम से लाल हो रही थी.
जो किताब मैने दीदी को दी थी वो राज शर्मा की कहानियो का एक भाई बेहन की
चुदाई का मस्त किस्सा था. अगर दीदी ने वो किताब पढ़ ली तो मेरे आने तक
उसकी चूत मचल रही होगी चुदने के लिए. बाहर जाते हुए मैने मा को सारा
प्लान बता दिया और वो शरारती ढंग से मुस्कुराने लगी.

रात जब मैं वापिस लौटा तो दीदी मेरा इंतज़ार कर रही थी जैसे कोई पत्नी
अपने पति का इंतज़ार करती हो. मुझ पर हवस का भूत सवार था. मैने दीदी को
बाहों में भर लिया और चूमने लगा. दीदी के जिस्म पर मेरे हाथों का स्पर्श
उस पर जादू कर रहा था. फिर मैने ग्लास में विस्की डाली और दीदी को ग्लास
पकड़ा दिया. दीदी बिना कुच्छ बोले पी गयी. थोड़ी देर में नशा होने की वजह
से दीदी के अंदर वासना ने ज़ोर पकड़ लिया लगता था. मैने अपना हाथ दीदी की
चूत पर रखा और उसको रगड़ने लगा."दीदी, मैं जानता हूँ की जीजा जी ने तुझे
प्यार नहीं किया. इस वक्त भी विनोद नीता के साथ चुदाई में व्यस्त है. तुम
अपने पति से उसकी बे वफाई का बदला नहीं लोगि? और दीदी मेरी किताब पढ़ी
आपने/ कैसी लगी? " दीदी मुस्कुराते हुए बोली ,"अच्छी थी लेकिन क्या भाई
अपनी बेहन के साथ ऐसा करते हैं?" मैं भी मुस्कुराता हुआ बोला"ज़रूर करते
हैं अगर बेहन आप जैसी सेक्सी हो और भाई मुझ जैसा प्यार करने वाला हो"


दूसरा पेग पी कर मैने दीदी को अपने आगोश में बिठाया और उसके जिस्म को
नाइटी के उप्पेर से सहलाने लगा. दीदी के मस्त चुट्टर बहुत गुदाज़ थे और
मेरा लंड उनके चूतर में घुसने लगा,"रॉकी मुझे तेरा....चुभ रहा
है....उई.....बस कर..." मैं आनी दीदी को लंड से प्यार करना सीखाना चाहता
था. 'दीदी, तुझे किताब वाली कहानी कैसी लगी...कहानी में भाई का
लंड,,,तुझे पसंद आया? कहानी में बेहन अपने भाई के लंड को कितना प्यार
करती है ना? तुम मेरे लंड को प्यार करोगी? इसको सहलायोगी? दीदी मैं भी
तेरे जिस्म को चुमुन्गा, चाटूँगा, इतने प्यार से जितने प्यार से विनोद ने
भीनही चूमा होगा" मैं अब राधा दीदी के जिस्म के हर अंग को प्यार से सहला
रहा था. और दीदी भी गरम हो रही थी."विनोद कुत्ते का नाम मत लो, मेरे भाई.
उसने मुझे इतना दर्द दिया है कि बता नहीं सकती. मुझे इस प्यार से भी दूर
लगने लगा है. रॉकी मुझे दर्द ना पहुँचना, मेरे भाई"

मैने देखा कि दीदी गरम है और अब उसको तैयार करने का वक्त आ गया है. मैने
दीदी की नाइटी उप्पेर उठाई और उसके जिस्म नंगा कर दिया. मेरी बहन का
गुलाबी जिस्म बहुत कातिलाना लगता था. राधा दीदी की जंघें केले की तरह
मुलायम थी और उसके नितंभ बहुत सेक्सी थे. सफेद ब्रा और पॅंटी में दीदी
बिल्कुल हेरोयिन लग रही थी. मैने अपना मुख दीदी के सीने पर रख कर उसकी
चुचि को किस करने लगा. दीदी ने आँखें बंद की हुई थी और वो सिसकियाँ भरने
लगी, मैने दीदी का हाथ अपने दहक रहे लंड पर रख दिया. दीदी अपना हाथ
खींचने लगी तो मैं बोला,"दीदी, इसको मत छ्चोड़ो. पकड़ लो अपने भाई के लंड
को. ये तुझे दर्द नहीं देगा, सुख देगा. जिसस तरह किताब में बेहन अपने भाई
की प्रेमिका बन कर मज़े लूटती है, उससी तरह तुम मेरी प्रेमिका बन जाओ और
फिर जवानी के मज़े लूट लो आज की रात. मेरा लंड अपनी बेहन की प्यारी चूत
को स्वर्ग के मज़े देगा. अगर मैने तुझे दर्द होने दिया तो कभी मुझ से बात
मत करना. मेरी रानी बहना ये लंड तुझे हमेशा खुश रखेगा!!" दीदी कुच्छ ना
बोली लेकिन उसने मेरा लंड पकड़े रखा. मेरा लंड किसी कबूतर की तर्रह फाड़
फाडा रहा था अपनी बेहन के हाथ में. मैने फिर दीदी की ब्रा को खोल दिया और
उसकी चुचि मस्ती से भर के मेरे हाथों में झूल उठी. दीदी के स्तन बहुत
मस्त हैं,"अहह....ऊऊहह...रॉकी क्या कर रहे हो?"वो सिसकी. "किओं दीदी,
अपने भाई का स्पर्श अच्छा नहीं लगा?"मैने दीदी के गुलाबी स्तन पर काली
निपल को रगड़ कर कहा.

"अच्छा लगा, रॉकी, लेकिन ऐसा पहले कभी महसूस ना हुआ है मुझे. ऐसा अनुभव
पहली बार हो रहा है!!!" मैने हैरानी से पूच्छ लिया,"किओं दीदी, क्या जीजा
जी एस नहीं करते थे तुझे प्यार?"अब मेरा दूसरा हाथ दीदी की फूली हुई चूत
सहला रहा था और दीदी अपनी चूत मेरे हाथ पर ज़ोर से रगड़ रही थी."तेरा
जीजा मदर्चोद तो बस मेरे मूह में डाल देता था अपना बदबू दार लंड और बाद
में मेरी चूत में धकेल देता था. मेरे भाई मैं दर्द से चीखती रहती थी और
वो मेरे उप्पेर सवार हो जाता था. लेकिन तू तो प्यार करता है मेरे
भाई...मुझे आनंद आ रहा है...तेरा लंड भी बहुत खुश्बुदार है...बहुत सुंदर
है..तेरा स्पर्श बहुत सेक्सी है..रॉकी यार तेरे हाथ मेरे अंदर एक मज़ेदार
आग भड़का रहे हैं...तेरी उंगलियाँ मेरी चूत में खलबली मचा रही
हैं....मेरी चूत से रस टपक रहा है...तेरा स्पर्श ही मुझे औरत होने का
एहसास करा रहा है...मैं तेरे अंदर समा जाना चाहती हूँ....चाहती हूँ कि तू
मेरे अंदर समा जाए....मेरे जिस्म का हर हिस्सा चूम लो मेरे भाई...मुझे
अपने जिस्म का हर हिस्सा चूम लेने दो!!!!!"

मैं जान गया था कि दीदी अब तैयार है. मैने एक पेग और बनाया और हम दोनो ने
पी लिया. मैं नहीं चाहता था कि दीदी अपना फ़ैसला बदल ले. आज मैं दीदी को
चोद कर सदा के लिया अपना बना लेना चाहता था. दीदी ने अपनी पॅंटी अपने आप
उतार डाली और मेरे लंड से खुलेआम खेलने लगी. एक हाथ दीदी अपनी चूत पर हाथ
फेर रही थी. मैने झुक कर दीदी के निपल्स चूसना शुरू कर दिया और दीदी मेरे
बालों में उंगलियाँ फेरने लगी. दीदी की चुचि कठोर हो चुकी थी और अब मैने
अपने होंठ नीचे सरकने शुरू कर दिए. जब मेरे होंठ दीदी की चूत के नज़दीक
गये तो वो उतेज्ना से चीख पड़ी," रॉकी, मेरे भाई...किओं पागल कर रहे हो
अपनी बेहन को? मुझे चोद डालो मेरे भाई...तेरी बेहन की चूत का प्यार मैने
तेरे लंड के लिया संभाल रखा है...डाल दो इसको मेरी चूत में!!!" मैं अपने
सारे कपड़े खोलते हुआ दीदी के उप्पेर चढ़ गया. दीदी का नंगा जिस्म मेरे
नीचे था और उसने बाँहे खोल कर मुझे आलिंगन में भर लिया. दीदी की चूत रो
रही थी, आँसू बहा रही थी. मैने प्यार से अपना सूपड़ा दीदी की चूत की
लंबाई पर रगड़ना शुरू कर दिया. हम भाई बेहन की कामुकता हद पार कर गयी और
दीदी ने बिनति की,"भैया, अब रहा नहीं जाता..घुसेड दो मेरी चूत में...होने
दो दर्द मुझे परवाह मत करो, पेलो मेरी चूत में अपना लंड!!"

लेकिन मैने अपना सूपड़ा चूत के मुख पर टिका कर हल्का धक्का मारा. चूत रस
के कारण सूपड़ा आसानी से घुस गया और दीदी तड़प उठी, जिस में दर्द कम और
मज़ा अधिक था"है भैया...मर गई...आआआः.....है...बहुत मज़ा दे रहे हो
तुम....और धकेल दो अंदर...पेलते रहो भैया...ऊऊहह..मेरी चूत प्यासी
है....आज पहली बार चुद रही है......बहुत प्यारे हो तुम मेरे
भाई.........डाल दो पूरा!!!!" मैने लंड धीरे धीरे आगे बढ़ाना शुरू कर
दिया. दीदी को तकलीफ़ नहीं देना चाहता था मैं. दीदी का मन जीजा जी की
ज़बरदस्ती से की गयी चुदाई से जो डर बन गया था उसको मज़े में बदल देना
चाहता था. चूत गीली होने से लंड ऐसे अंदर घुस गया जैसे माखन में च्छुरी.
राधा दीदी की चूत क्या थी बिल्कुल आग की भट्टी. मैं भी नशे में था. दीदी
के निपल्स चूस्ते हुए मैने पूरा लंड थेल दिया अंदर. दीदी की सिसकारियाँ
उँची आवाज़ में गूँज रही थी. मुझे शक था कि मा ना सुन ले. लेकिन मेरे मन
ने कहा,"अगर मा सुन लेती है तो सुन ले..उसकी बेटी पहली बार चुदाई के मज़े
लूट रही है...आख़िर मेरी दीदी को भी तो लंड का सुख चाहिए ही ना!!अगर उसका
पति नहीं दे सका तो भाई का फ़र्ज़ है उसको वो मज़ा देना!!"

फिर मैने धक्को की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. दीदी भी अपने चूतड़ उप्पेर
उठाने लग पड़ी. उसको लंड का मज़ा मिल रहा था. दीदी ने अपनी टाँगें मेरी
कमर पर कस दी और मुझ से पागलों की तरह लिपटने लगी. मेरा लंड तूफ़ानी गति
से चुदाई कर रहा था. दीदी के हाथ मेरे नितंभों पर कस चुके थे," दीदी कैसा
लगा ये चुदाई का मज़ा? मेरा लंड? तेरी चूत में दर्द तो नहीं हो रहा? मेरी
बहना तेरा भाई आज पहली बार चोद रहा है किसी लड़की को और वो भी अपनी सग़ी
बेहन को!!" दीदी नीचे से धक्के मारती हुई बोली,"रॉकी मुझे क्या पता था कि
चुदाई ऐसी होती है..इतनी मज़ेदार!!भाई मेरे अंदर कुच्छ हो रहा है...मेरी
चूत पानी छ्चोड़ने वाली है...मैं झड़ने को हूँ...ज़ोर से...और ज़ोर से
चोद मेरे भाई...उूउउफफफ्फ़...ज़ोर से भैय्ाआआ!!!" मैं भी तेज़ चुदाई कर
रहा था. मेरा लंड चूत की गहराई में जा कर चोद रहा था और मुझे भी झरने में
टाइम नहीं लगाने वाला था"फ़चा फ़च "की आवाज़ें आ रही थी. तभी मेरे लंड की
पिचकारी निकल पड़ी"आआआआहह.....डिदीईईई...मैं भी गया.....मैं गयाआअ" दीदी
की चूत से रस की धारा गिरने लगी और हम दोनो झार गये. हम इस बात से अंजान
थे कि दो आँखें हमारी चुदाई देख चुकी थी.


मा हम भाई बेहन को देख रही थी. लेकिन हम इस बात से अंजान थे. मैं राधा
दीदी के साथ लिपट कर सो गया. चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मुझे पता ही नहीं
चला कि मैं कब तक सोता रहा. जब नींद खुली तो दोपहर के 12 बज चुके थे.
दीदी मेरे बिस्तर में नहीं थी. उठ कर कपड़े पहने और मैं नहाने चला गया.
पिच्छले दिन की शराब का नशा मुझे कुच्छ सोचने से रोक रहा था.. सिर भारी
था. नहा कर जब बाहर निकला तो मैं चुस्त महसूस करने लगा. दीदी के साथ
चुदाई की याद मुझे अभी भी उतेज़ित कर रही थी. रात के बाद दीदी क्या अपना
मन तो ना बदल लेगी? कहीं मा इस संबंध से नाराज़ तो ना होगी? ये सवाल मेरे
दिमाग़ में कौंध रहे थे.

जब में मा के रूम से गुज़र रहा था तो मुझे मा और दीदी की आवाज़ सुनाई
पड़ी," मा, रॉकी ने मुझे ज़िंदगी का असल आनंद दिया है कल रात. सच मा,
विनोद ने तो जितना दर्द दिया सब भुला दिया भाई ने!! चाहे दुनिया इस प्यार
को जो चाहे नाम दे, या पाप कहे लेकिन मेरे लिए रॉकी किसी भगवान से कम
नहीं है. मैं तो अपने भाई के साथ ये ज़िंदगी बिताने के लिए कुच्छ भी करने
को तैयार हूँ. कल तक लंड, चूत चुदाई जैसे शब्द मुझे गाली लगते थे, लेकिन
आज ये सब मेरी ज़िंदगी हैं!! मा तू तो मेरी मा है. तुझे तो मेरी खुशी की
प्रार्थना करनी चाहिए. अब तो तुझे भी मर्द का सुख ना मिलने पर दुख हो रहा
होगा. मा मुझे रॉकी से मिला दो, प्लीज़. हमारी शादी करवा दो!! भाई बेहन
को पति पत्नी बना दो, मा!!!!!!!!" मुझे खुशी थी कि राधा दीदी खुद मुझ से
शादी करने के लिए मा को मना रही थी. वाह!!बेहन हो तो ऐसी!!!

राधा दीदी और मा को अकेले छ्चोड़ कर मैं अपने रूम में चला गया. कपड़े
चेंज किए और घर से निकल गया. शाम को जब वापिस आया तो मा मुझे अजीब नज़रों
से देख रही थी. मा ने भी आज लो कट गले वाली कमीज़ और सलवार पहनी हुई थी.
मेरे सामने मा आटा गूंधने लगी. जब वो आगे झुकती तो उसकी चुचि लग भाग पूरी
झलक जाती मेरी नज़र के सामने. मेरा लंड खड़ा होने लगा. सोचा कि चलो दीदी
को कमरे में ले जा कर चोद्ता हूँ. तभी मा फिर से आगे झुकी और मेरी तरफ
देखने लगी. उसकी नज़र से नहीं छुपा था कि मैं मा की गोरी चुचियो को घूर
रहा हूँ. तभी उसकी नज़र मेरी पॅंट के सामने वाले उभार पर पड़ी. मेरी
प्यारी मा मुस्कुरा पड़ी. मा की मुस्कुराहट को देख कर मेरे मन में आया कि
उसको बाहों में भर लूँ और प्यार करूँ. "मा, राधा दीदी कहाँ है? दिखाई
नहीं पड़ रही कहीं भी!!"

"अब सारा प्यार अपनी राधा दीदी को ही देता रहेगा या मा को भी कुच्छ
हिस्सा देगा? बेटा, राधा तुझ से बहुत खुश है. लेकिन हम लोगों को प्लान
करना पड़ेगा. हम तीनो को किसी ना किसी चीज़ की ज़रूरत है. सब से बड़ी
चीज़ पैसा है. जो हम को विनोद से लेना है. जमाई राजा ने जमाई का काम तो
कुच्छ नहीं किया लेकिन उसको हम ब्लॅकमेल ज़रूर कर सकते हैं....नीता के
साथ संबंधों को लेकर...जब तक राधा का तलाक़ नहीं हो जाता तुझे भी समझदारी
से काम लेना होगा. मैने राधा को वकील से मिलने भेजा है. आज रात को आराम
से बैठ कर प्लान बनाएँगे. ठीक है ना? तुम ऐसा करो कि कुच्छ बियर वगेरा ले
आयो और हम मिल कर रात को बियर पी कर बात करेंगे" मेरे मन में मा के लिए
इतना प्यार आया कि मैने उसको बाहों में ले कर चूम लिया. मा की साँस भी
तेज़ हो गयी और उसके सीने का उठान उप्पेर नीचे होने लगा. मा का सीना मेरी
छाती से चिपक गया. मुझे वोही फीलिंग हो रही थी जो राधा दीदी को किस करते
हुए हो रही थी. मुझे लग रहा था कि मेरा प्यार मेरी बाहों में है. जब मैने
मा के मुख में अपनी ज़ुबान डाल दी तो मा उसको चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा
आ रह आता और मेरा लंड अब मा के पेट से टकरा रहा था. मैने अब हर हद पार
करते हुए मा का हाथ अपने तड़प्ते हुए लंड पर रख दिया. मा ने पहले तो मेरा
लंड थाम लिया लेकिन फिर अचानक पीच्छे खींच लिया,' नहीं रॉकी बेटा...नहीं
...ये ठीक नहीं है.....छ्चोड़ दो मुझे!!"
क्रमशः.......................


Didi Ko Jijja Ji Se Chheena--2

gataank se aage................
Main maa ki baat sun kar bola,"Agar main didi se pyar karta hoon to
kia farak padta hai? Vinod ne to pehle din hi didi ko ek janwar ki
tarah chod dala tha. Maa, tum nahin janti ki didi uss raat kitna royi
thee!! Kitni peda hui thee meri behan ko!! Main usska bhai
hoon......Ussko sukh dena chahta hoon....Maa main ussko pyar karta
hoon aur didi ka anubhav jo jijja ji ke saath hua hai Didi par bahut
bura asar dal chuka hai...Didi sabhi mardon se nafrat karne lagi
hai...sex bhi ussko achha nahin lagata...Main didi ko sahi raste par
la sakta hoon" Maa mere pass aayi aur boli"Beta main teri baat
samajhati hoon. Lekin ye samaj nahin samajhega. Tu apni didi ke pati
to nahin ban sakte? Sabhi jante hain ki tum bhai behan ho!!" Maa ki
baat theek thee lekin meri plan bhi thee, Main didi ka talak karwane
wala tha. Iss game mein hum jijja ji ko blackmail karne wale thay.
Mere pass jijja ji ki photos thee. Hum Jijja ji se badi rakam hasil
kar lenge aur fir hum teeno iss shahar ko chhod denge. Main aur didi
pyar se zindagi basar karenge, Maa meiri baat sun kar sochne par
mazbur ho gayi. Maa mere gale lag gayi aur boli,"Tumne Radha se poochh
liya hai kia? Ussko pasand hai teri plan?" "Maa, didi ko abhi tak sex
ka maza nahin mila...Jab milge to didi khil uthegi....aur didi ki sex
ki shuruyat main karunga...ek suhavani sex ki shuruyat...Mujhe tum
sehyog dene ka vada karo....Mujhe aur didi ko akele chhod do...Mujhe
didi ko sex ka sukhad anubhav karane mein madad karo,...Radha didi
zarur par jayegi, maa"

Maa ne khush ho kar mujhe honthon par kiss kar liya aur jab maine maa
ko vapis kiss kia to meri maa bhi garam ho uthi aur apni chut mere
khade lund par ragadne lagi. Lekin maine maa ko apne aap se alag kia
aur didi ke kamre ki taraf badh gaya. Didi bistar mein thee lekin jag
rahi thee. Maine ussko bahon mein bhar kar zor se honthon par kiss kia
aur chuchi bhi masal dali. Ab natak karne ka wakt nahin tha. Ab meri
pyari didi ko pata chal jana chahiye tha ki usska bhai ab usski chut
ka dewana hai aur apne jija ji jagah lena chahta hai. Didi kokhub
chumne ke baad main utejit ho gaya. Didi nahane chali gayi. Jab vo
bahar nikali to ek safed nighty pehne hui thee aur neechey koi bra ya
panty nahin thee. "Aaj raat apne bhai ke room mein hi sona, dekhna
kitna maza aata hai!!!" Keh kar main apni almari se ek adult kahani
wali book didi o dete huye bola,"Iss kitab ko padh lena. Pata chalege
ki pyar kia hota hai aur kaise kia jata hai. Raat ko whiskey le kar
aayunga...mummy se chori...hum thodi see pee lenge agar meri pyari
didi chahegi to...Sach didi, bahut sundar ho tum....tera husan mere
dil ka kia haal bana raha hai, mujh se puchho!!!" Didi sharam se lal
ho rahi thee. Jo kitab maine didi ko dee thee ek bhai behan ki chudayi
ka mast kissa tha. Agar didi ne vo kitab padh lee to mere aaney tak
usski chut machal rahi hogi chudne ke liye. Bhar jate huye maine maa
ko sara plan bata diya aur vo sharati dhang se muskurane lagi.

Raat jab main vapis lauta to didi mera intzar kar rahi thee jaise koi
patni apne pati ka intzar karti hoi. Mujh par hawas ka bhoot sawar
tha. Maine didi ko bahon mein bhar liya aur chumne laga. Didi ke jism
par mere haathon ke sparsh uss par jadu kar raha tha. Fir maine glass
mein whiskey dali aur didi ko glass pakda diya. Didi bina kuchh bole
pee gayi. Thodi der mein nasha hone ki vajah se didi ke andar vasna
ne zor pakad liya lagata tha. Maine apna haath didi ki chut par rakha
aur ussko ragadne laga."Didi, main janta hoon ki jijja ji ne tujhe
pyar nahin kia. Iss wakt bhi Vinod Neeta ke saath chudayi mein vyast
hai. Tum apne pati se usski be vafayi ka badla nahin logi? Aur didi
meri kitab padhi aapne/ Kaisi lagi? " Didi muskurate huye boli ,"Achhi
thee lekin kia bhai apni behan ke saath essa karte hain?" Main bhi
muskurata hua bola"Zarur karte hain agar behan aap jaisi sexy ho aur
bhai mujh jaisa pyar karne wala ho"


Dusra peg pee kar maine didi ko apne agosh mein bithaya aur usske jism
ko nighty ke upper se sehlane laga. Didi ke mast chuttar bahut gudaz
thay aur mera lund unke chuttar mein ghusne laga,"Rocky mujhe
tera....chubh raha hai....ui.....bas kar..." Main ani didi ko lund se
pyar karna sikhana chahta tha. 'Didi, tujhe kitab wali kahani kaisi
lagi...Kahani mein bhai kaL,,,tujhe pasand aaya? Kahani mein behan
apne bhai ke lund ko kitna pyar karti hai na? Tum mere lund ko pyar
karogi? Issko sehlayogi? Didi main bhi tere jism ko chumumnga,
chatunga, itne pyar se jitne pyar se Vinod ne bhi chuma hoga" Main ab
Radha didi ke jism ke har ang ko pyar se sehla raha tha. Aur didi bhi
garam ho rahi thee."Vinod kutte ka naam mat lo, mere bhai. Ussne mujhe
itna dard diya hai ki bata nahin sakti. Mujhe iss pyar se bhi dur
lagne laga hai. Rocky mujhe dard na pahunchana, mere bhai"

Maine dekha ki didi garam hai aur ab ussko taiyar karne ka wakt aa
gaya hai. Maine didi ki night upper utahayi aur usska jism nanga kar
diya. Meri ebhan ka gulabi jism bahut katilana lagata tha. Radha didi
ki janghen kele ki tarah mulayam thee aur usske nitambh bahut sexy
thay. Safed bra aur panty mein didi bilkul heroine lag rahi thee.
Maine apna mukh didi ke seene par rakh kar usski chuchi ko kiss karne
laga. Didi ne aankhen band ki hui thee aur vo siskian bharne lagi,
Maine didi ka haath apne dehak rahe lund par rakh diya. Didi apna
haath kheenchne lagi to main bola,"Didi, issko mat chhodo. Pakd lo
apne bhai ke lund ko. Ye tujhe dard nahin dega, sukh dega. Jiss tarah
kitab mein behan apne bhai ki premika ban kar maxe lootati hai, ussi
tarah tum meri premika ban jayo aur fir jawani ke maze loot lo aaj ki
raat. Mera lund apni behan ki pyari choot ko sawarg ke maze dega. Agar
maine tujhe dard hone diya to kabhi mujh se baat mat karna. Meri rani
behana ye lund tujhe hamesha khush rakhega!!" Didi kuchh na boli lekin
ussne mera lund pakade rakha. Mera lund kissi kabutar ki tarrah phad
phada raha tha apni behan ke haath mein. Maine fir didi ki bra ko khol
diya aur usski chuchi masti se bhar ke mere haathon mein jhul uthi.
Didi ke satan bahut mast hain,"Ahhhhh....oooohhhh...Rocky kia kar rahe
ho?"Vo siski. "Kion didi, apne bhai ka sparsh achha nahin laga?"Maine
didi ke gulabi satan par kali nipple ko ragad kar kaha.

"Achha laga, Rocky, lekin essa pehle kabhi mehsoos na hua hai mujhe.
Essa anubhav pehli bar ho raha hai!!!" Maine hairani se poochh
liya,"Kion didi, kia Jijja ji esse nahin karte thay tujhe pyar?"Ab
mera dusra haath didi ki phuli hui chut sehla raha tha aur didi apni
chut mere haath par zor se ragad rahi thee."Tera jijja madarchod to
bas mere muh mein dal deta tha apna badbu dar lund aur baad mein meri
chut mein dhakel deta tha. Mere bhai main dard se cheekhti rehti thee
aur vo mere upper sawar ho jata tha. Lekin tu to pyar karta hai mere
bhai...mujhe anand aa raha hai...tera lund bhi bahut khushbudar
hai...bahut sundar hai..tera sparsh bahut sexy hai..Rocky yaar tere
haath mere andar ek mazedar aag bhadka rahe hain...Teri unglian meri
chut mein khalbali macha rahi hain....Meri chut se ras tapak raha
hai...Tera sparsh hi mujhe aurat hone ka ehsaas kara raha hai...Main
tere andar sama jana chahati hoon....chahti hoon ki tu mere andra sama
jaye....Mere jism ka har hissa chum lo mere bhai...Mujhe apne jism ka
har hissa chum lene do!!!!!"

Main jan gaya tha ki didi ab taiyar hai. Maine ek peg aur banaya aur
hum dono ne pee liya. Main nahin chahta tha ki didi apna faisla badal
le. Aaj main didi ko chod kar sada ke liya apna bana lena chahta tha.
Didi ne apni panty apne aap utaar dali aur mere lund se khuleyam
khelne lagi. Ek haath se didi apni chut par haath fer rahi thee. Maine
jhuk kar didi ke nipples chusna shuru kar diya aur didi mere balon
mein unglian ferne lagi. Didi ki chuchi kathor ho chuki thee aur ab
maine apne honth neechey sarkane shuru kar diye. Jab mere honth didi
ki chut ke nazdeek gaye to vo utejna se cheekh padi," Rocky, mere
bhai...kion pagal kar rahe ho apni behan ko? Mujhe chod dalo mere
bhai...teri behan ki chuty ka pyar maine tere lund ke liya sambhal
rakha hai...Dal do issko meri chut mein!!!" Main apne sare kapde
kholte hua didi ke upper chadh gaya. Didi ka nanga jism mere neechey
tha aur ussne balen khol kar mujhe alingan mein bhar liya. Didi ki
chut ro rahi thee, aansu baha rahi thee. Maine pyar se apna supada
didi ki chut ki lambayi par ragadna shuru kar diya. Hum bhai behan ki
kamukta had paar kar gayi aur didi ne binati ki,"Bhaiya, ab raha nahin
jata..ghused do meri chut mein...hone do dard mujhe parvah mat karo,
pelo meri chut mein apna lund!!"

Lekin maine apna supada chut ke mukh par tika kar halka dhaka mara.
Chut ras ke karan supada asani se ghus gaya aur didi tadap uthi, jiss
mein dard kam aur maza adhik tha"Hai bhaiya...mar
gai...aaaaah.....hai...bahut maza de rahe ho tum....aur dhakel do
andar...pelte raho bhaiya...oooohhhh..meri chut pyasi hai....aaj pehli
bar chud rahi hai......bahut pyare ho tum mere bhai.........dal do
pura!!!!" Maine lund dheere dheere aage badhana shuru kar diya. Didi
ko taklif nahin dena chahta tha main. Didi ka man jijja ji ki
zabardasti se ki gayi chudayi se jo dar ban gaya tha ussko maze mein
badal dena chahta tha. Chut geeli hone se lund esse andar ghjhus gaya
jaise makhan mein chhuri. Radha didi ki chut kia thee bilkul aag ki
bhathi. Main bhi nashe mein tha. Didi ke nipples chuste huye amine
pura lund thel dia andar. Didi ki siskarian unchi awaz mein goonj rahi
thee. Mujhe shak tha ki maa na sun le. Lekin mere man ne kaha,"Agar
maa sun leti hai to sun le..usski beti pehli bar chudayi ke maze loot
rahi hai...Akhir meri didi ko bhi to lund ka sukh chahiye hi na!!Agar
usska pati nahin de saka to bhai ka farz hai ussko vo maza dena!!"

Fir maine dhakon ki speed badhani shuru kar dee. Didi bhi apne chutad
upper uthane lag padi. Ussko lund ka maza mil raha tha. Didi ne apni
tangen meri kamar par kas dee aur mujh se pagalon ki tarah lipatne
lagi. Mera lund toofani gati se chudayi kar raha tha. Didi ke haath
mere nitambhon par kas chuke thay," Didi kaisa laga ye chudayi ka
maza? Mera lund? Teri chut mein dard to nahin ho raha? Meri behna tera
bhai aaj pehli baar chod raha hai kissi ladaki ko aur vo bhio apni
sagi behan ko!!" Didi neechey se dhake marti hui boli,"Rocky mujhe kia
pata tha ki chudayi essi hoti hai..itni mazedar!!Bhai mere andar kuchh
ho raha hai...meri chut pani chhodne wali hai...main jahrne ko
hoon...zor se...aur zor se chod mere bhai...uuuuffff...jor se
bhaiyaaaaaa!!!" Main bhi tez chudayi kar raha tha. Mera lund chut ki
gehrayi mein ja kar chod raha tha aur mujhe bhi jharne mein time nahin
lagane walal tha"Phacha Phach "ki awazen aa rahi thee. Tabhi mere lund
ki pichkari nikal padi"Aaaaaaaahhhhhhhhhhhhh.....Didiiiiiiii...main
bhi gaya.....main gayaaaaa" Didi ki chut se ras ki dhara girne lagi
aur hum dono jhar gaye. Hum iss baat se anjan thay ki do ankhen humari
chudayi dekh chuki thee.


Maa hum bhai behan ko dekh rahi thee. Lekin hum iss baat se anjan
thay. Main Radha didi ke saath lipat kar so gaya. Chudayi itni zordar
thee ki mujhe pata hi nahin chala ki main kab tak sota raha. Jan neend
khuli to dopahar ke 12 baj chuke thay. Didi mere bistar mein nahin
thee. Uth kar kapde pehne aur main nahane chala gaya. Pichhle din ki
sharab ka nasha mujhe kuchh sochne se rok raha tha.. Sir bhari tha.
Naha kar jab bahar nikla to main chust mehsoos karne laga. Didi ke
saath chudayi ki yaad mujhe abhi bhi utejit kar rahi thee. Raat ke
baad didi kia apna man to na badal legi? Kahin maa iss sambandh se
naraz to na hogi? Ye sawal mere dimag mein kaundh rahe thay.

Jab mein maa ke room se guzar raha tha to mujhe maa aur didi ki awaz
sunayi padi," Maa, Rocky ne mujhe zindagi ka asal anand diya hai kal
raat. Sach maa, Vinod ne to jitna dard dia sab bhula diya bhai ne!!
Chahe duniya iss pyar ko jo chahe naam de, ya paap kahe lekin mere
liye Rock kissi bhagwan se kam nahin hai. Main to apne bhai ke saath
ye zindagi bitane ke liye kuchh bhi karne ko taiyar hoon. Kal tak
Lund, Chut Chudayi jaise shabd mujhe gali lagate thay, lekin aaj ye
sab meri zindagi hain!! Maa tu to meri maa hai. Tujhe to meri khushi
ki prarthna karni chahiye. Ab to tujhe bhi mard ka sukh na milne par
dukh ho raha hoga. Maa mujhe Rocky se mila do, please. Hamari shadi
karwa do!! Bhai behan ko pati patni bana do, maa!!!!!!!!" Mujhe khushi
thee ki Radha didi khud mujh se shadi karne ke liye maa ko mana rahi
thee. Wah!!Behan ho to essi!!!

Radha didi aur maa ko akele chhod kar main apne room mein chala gaya.
Kapde change kiye aur ghar se nikal gaya. Sham ko jab vapis aaiya to
maa mujhe ajib nazaron se dekh rahi thee. Maa ne bhi aaj low cut gale
wala kameez aur salwar pehni hui thee. Mere samne maa aata goondhne
lagi. Jab vo aage jhukti to usski chuchi lag bhag puri jhalak jati
meri nazar ke samne. Mera lund khada hone laga. Socha ki chalo didi ko
kamre mein le ja kar chodta hoon. Tabhi maa fir se aage jhuki aur meri
taraf dekhne lagi. Usski nazar se nahin chupa tha ki main maa ki gori
chucho ko ghoor raha hoon. Tabhi usski nazar meri pant ke samne wale
ubhar par padi. Meri pyari maa muskura padi. Maa ki muskurahat ko dekh
kar mere man mein aaiya ki ussko bahon mein bhar loon aur pyar karun.
"Maa, Radha didi kahan hai? Dikhayi nahin pad rahi kahin bhi!!"

"Ab sara pyar apni Radha didi ko hi deta rahega ya maa ko bhi kuchh
hissa dega? Beta, Radha tujh se bahut khush hai. Lekin hum logon ko
plan karna padega. Hum teeno ko kissi na kissi cheez ki zarurat hai.
Sab se badi cheez paisa hai. Jo hum ko Vinod se lena hai. Jamai raja
ne jamai ka kaam to kuchh nahin kia lekin ussko hum blackmail zarur
kar sakte hain....Neeta ke saath sambandhon ko lekar...Jab tak Radha
ka talak nahin ho jata tujhe bhi samajhdari se kam lena hoga. Maine
Radha ko vakil se milne bheja hai. Aaj raat ko aram se baith kar plan
banayenge. Theek hai na? Tum essa karo ki kuchh beer vagera le aayo
aur hum mil kar raat ko beer pee kar baat karenge" Mere man mein maa
ke liye itna pyar aaiya ki maine ussko bahon mein le kar chum liya.
Maa ki saans bhi tez ho gayi aur usske seene ka uthan upper neechey
hone laga. Maa ka seena meri chhhati se chipak gaya. Mujhe wohi
feeling ho rahi thee jo Radha didi ko kiss karte huye ho rahi thee.
Mujhe lag raha tha ki mera pyar neri bahon mein hai. Jab maine maa ke
mukh mein apni zuban dal dee to maa ussko chusne lagi. Mujhe bahut
maza aa rah atha aur mera lund ab maa ke pet se takra raha tha. Maine
ab har had par karte huye maa ka haath apne tadapte huye lund par rajh
diya. Maa ne pehle to mera lund tham liya lekin fir achanak peechhey
kheench liya,' Nahin Rocky beta...nahin ...ye theek nahin
hai.....chhod do mujhe!!"
kramashah.......................


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