ट्रेन मे भाई से सुहागरात--2
गतान्क से आगे...................
वो लोग जिस कॅबिन में थे वो बिकुल खाली था तो उस ने कहा कि तुम दोनो यही
पे सोने अजाना, तो में ने कहा आप ही मोम से कहना कि हम दोनो यही पे
सोएंगे, उस ने कहा ठीक है में तुम्हारी मोम से बात कर लूँगी, थोड़ी देर
में एक स्टेशन आया हम ने चाइ पे फिर में और भाई मोम के पास आए रात के
8:30 बज चुके थे हम ने खाना खाया, फिर हम बैठे ही हुए थे कि वो लड़की उस
का नाम तन्नू था वो आई और मोम से बोली आंटी बिल्लो और जस्सी को आप वाहा
पे भेज दो में अकेली हूँ अपने भाई के साथ उस कॅबिन में कोई नही है तो मैं
बोर हो रही हूँ हम वाहा पे बातें करेंगे फिर ये दोनो वही सो जाएगी, सुबा
आजाएगी , तो मोम ने कहा ठीक है तुम लोग जाओ वही सो जाना, मेरी तो खुशी का
कोई ठिकाना नही था ट्रेन में भी मुझे जुगाड़ मिल गया था, हम वाहा पे आए
और हम चारो बैठ कर बातें करने लगे हम हम चारो एक दम खुल के बातें कर रहे
थे तन्नू ने मुझे और मेरे भाई जस्सी को अपने भाई से अपनी चुदाई के कई
किस्से सुनाए, जिस से मेरी चूत उसी वक्त लंड माँग रही थी,
सेक्स की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी , पता ही नही चला कि कब रात के 10 बज
गये हम टाइम हो चुका था कि कुछ किया जाय तो में ने तन्नू से पुछा कि केसे
करना है तो उस ने कहा तुम दोनो बेहन भाई एक एक कर के बाथ रूम में जाना और
वही चुदाई कर लेना, और फिर चाहो तो हम चारो एक साथ बातरूम चलेंगे क्यो कि
रात में कोई बाथरूम नही आएगा तो में ने उस लड़के उस का नाम गौरव था उस से
कहा कि जाओ देख कर आओ कि मेरी मोम सोई है या नही तो वो गया और आकर बताया
कि मोम सो गई है,
तो में ने तन्नू से कहा के पहले तुम गौरव के साथ कर्लो,फिर हम चले
जाएँगे. फिर तन्नू और गौरव दोनो बाथरूम चले गये. पहले हम ने देखा कि हमे
कोई देख तो नही रहा है वाहा पे कोई नही था तो हम दोनो भाई बेहन एक दूसरे
से लिपट गये और किस करने लगे.मैने भाई को कहा के' जस्सी वो तो बाथरूम मे
करके आएँगे, आजा हम यहीं बर्त पर ही जल्दी-2 कर लेते हैं".जस्सी बोला के
दीदी जल्दी-2 मे क्या मज़ा आएगा,जी चाहता है सारी रात करूँ. मेने उसके
गाल पर चिकोटी काट ते हुए कहा बाकी कसर घर चल कर पूरी कर लेना.अभी तो
जल्दी करले.उनके सामने मुझे शरम आएगी.
तन्नू ने बाद मे मुझे बताया था कि जैसे ही बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया
गौरव अपनी बेहन के उपर टूट पड़ा और उसे पागलो की तरहा किस करने लगा, उसे
भी उसका किस करना अछा लग रहा था तो उस ने भी किस का जवाब देना शुरू कर
दिया, वो बार बार उसकी चुचि को दबाता जा रहा था उसे किस किए जा रहा था
कभी उसकी चूत को दबाता और कभी उसकी गंद को , उसे अब बर्दाश्त करना
मुश्किल हो रहा था तो उस ने उसे दूर हटा दिया और जल्दी जल्दी अपने सारे
कपड़े उतार दिए, उसे कपड़े उतारते देख कर वो भी अपने कपड़े उतार कर नंगा
हो गया, अब वो दोनो एक दम नंगे थे, तन्नू ने उस का लंड अपने हाथ में पकड़
लिया उस का लंड बहुत ज़्यादा मोटा लंबा था , और फिर उसने तन्नू को किस
करना शुरू कर दिया,तन्नू भी उसे बेतहाशा किस किए जा रही थी उस ने किस
करते हुए अपने हाथ मे गौरव के लंड को लेकर सहलाने लगी. फिर उसके भाई ने
उसा घोड़ी बना कर खूब चोदा.
इधर मुझे भी बड़ा मज़ा आरहा था काफ़ी देर तक मैं और जस्सी किस करते रहे,
उसी बीच में एक बार झाड़ भी गई थी,
फिर जस्सी ने मुझे लंड चूसने को कहा में वही बैठ गई और उस का लंड चूसने
लगी, थोड़ी ही देर में उस ने मेरे सिर को ज़ोर से अपने लंड पे दबा लिया
में समझ गई की इस का पानी निकलने वाला है, और उसी टाइम उस के लंड का पानी
निकल कर सीधे मेरे मूह में गया में ने भी सारा पानी पी लिया एक बूँद भी
नीचे नही गिरने दिया ,आख़िर भाई के लंड से निकला अमृत जो था. फिर उस ने
अपना लंड मेरे मूह से निकालना चाहा मगर में ने नही निकाला में उस के लंड
को अपने मूह में भरी रही ,जी चाहता था के सारी उमर यूही लंड को मूह मे
लिए रहू.मगर उस ने ज़ोर लगा कर अपने लंड निकाल लिया, और अपने कपड़े पहनने
लगा मुझे अच्छा नही लगा ,
में ने तुरंत ही उसे किस करना शुरू कर दिया जिस से वो दोबारा जोश में
आगेया , और एक बार फिर से उस का लंड खड़ा होगया, हम थोड़ी देर तक किस
करते रहे फिर, उस ने अपना लंड मेरी चूत में सटा दिया मगर में ने उसे हटा
दिया तो उस ने कहा क्या हुआ में ने कहा नही अभी चूत नही अभी तुम मेरी
गांद ही मार लो तो भाई मेरे पिच्छवाड़े पे हाथ फेरने लगा.मे उनकी तरफ देख
कर मुस्कुराइ , दोनो तरफ फिर चिंगारी भड़क चुकी थी.मे बेबस हो कर बर्त पर
पेट के बल लेट गयी और अपने घुटनो के बल होकर अपने चूतर हवा मे उठा चौपाया
बन गयी.मेरे गोल मटोल गोरे गोरे चूतर भाई की आँखों के सामने लहरा रहे थे.
भाई से रहा नही गया और झुक कर चूतर को दन्तो से कस कर काट लिया. भाई पिछे
हो कर चूत के साथ साथ गांद पे भी जीभ फेरने लगा तो सारा बदन एक नयी
लज़्ज़त से रोशन हो गया.मेने कूल्हे और उँचे कर लिए. भाई जैसे ही मेरे
उपर चढ़ा तो लंड का सूपड़ा सीधा गांद पे जा लगा. फिर भाई ने मेरे चूतर को
दोनो हाथों से पकड़ कर ज़ोर का धक्का लगाया और भाई का सुपरा मेरी गंद की
छेद मे चला गया. मेरी कसी गंद ने भाई के लंड के सुपरे को जाकड़ लिया.
मुझे थोडा दर्द हुआ. भाई ने दोबारा धक्का दिया और मेरी गंद को फड़ता हुआ
भाई का आधा लंड गंद मे दाखिल हो गया. मे ज़ोर से चीख उठी, "उईइ मा,
दुख़्ता है मेरे राजा." पर भाई ने मेरी चीख पर कोई ध्यान नही दिया और लंड
थोड़ा पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगाया. भाई का 9" का लंड मेरी गंद को
चौड़ा हुआ पूरा का पूरा अंदर दाखिल हो गया. मे फिर चीख उठी.
मैं बार बार अपनी कमर को हिला हिला कर भाई के लंड को बाहर निकालने की
कोशिश कर रही थी. भाई ने आगे को झुक कर मेरी चूंची को पकड़ लिया और उन्हे
सहलाने लगा.भाई मेरी गर्दन और गालों की चुम्मियाँ ले रहा था. लंड अभी भी
पूरा का पूरा मेरी गंद के अंदर था. कुछ देर बाद मेरी गंद मे लंड डाले
डाले मेरी चूंची को सहलाता रहा. जब मे कुच्छ नॉर्मल हुए तो अपने चूतर
हिला कर बोली, "चलो राजा अब ठीक है." मेरा सिग्नल पाकर भाई ने दोबारा
सीधे होकर मेरे चूतर पकड़ कर धीरे-धीरे कमर हिला अंदर-बाहर करना शुरू कर
दिया. मेरी गंद बहुत ही टाइट थी. भाई को चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था.
अब मे भी अपना दर्द भूल कर सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगी. मेने अपनी एक
उंगली चूत मे डाल कर कमर हिलाना शुरू कर दिया. मेरी मस्ती देख कर भाई भी
जोश मे आ गया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. भाई का लंड अब पूरी
तेज़ी से मेरी गंद मे अंदर-बाहर हो रहा था. मे भी पूरी तेज़ी से कमर आगे
पीछे करके भाई के लंड का मज़ा ले रही थी. लंड ऐसे अंदर-बाहर हो रहा था
मानो एंजिन का पिस्टन. पूरी कॅबिन मे चुदाई की ठप ठप की आवाज़ गूँज रही
थी. जब मेरे थिरकते हुए चूतर से भाई के अंडकोष टकराते थे तो लगता कोई
तबलची तबले पर ठप दे रहा हो. मे पूरी जोश मे पूरी तेज़ी से चूत मे उंगली
अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर कर भाई से गांद मरवा रही थी.
हम दोनो ही पसीने पसीने हो गयी थे पर कोई भी रुकने का नाम नही ले रहा था.
मे भाई को बार बार ललकार रही थी, "चोद लो मेरे राजा चोद लो अपनी बेहन की
गंद. आज फाड़ डालो इससे. शाबाश मेरे साजन, और ज़ोर से राज्ज्जा और ज़ोर
से. फाड़ डाली तुमने मेरी तो." भाई भी हुमच हुमच कर शॉट लगा रहा था. पूरा
का पूरा लंड बाहर खीच कर झटके से अंदर डालता तो मेरी चीख निकल जाती. भाई
का लावा अब निकलने वाला था. उधेर मे भी अपनी मंज़िल के पास थी. तभी भाई
ने एक झटके से लंड मेरी गांद मे जड़ तक धंसा दिया. भाई मेरे बदन को पूरी
तरह अपनी बाहों मे समेत कर दनादन शॉट लगाने लगा. मे भी सम्हल कर ज़ोर
ज़ोर से आह उहह करती हुई चूतर आगे-पीछे करके अपनी गांद मे भाई का लंड
लेने लगी. हम दोनो की सांस फूल रही थी. आख़िर भाई का ज्वाला मुखी फुट
पड़ा और भाई मेरी पीठ से चिपक कर मेरी गांद मे झाड़ गया. मे भी झड़ने को
थी और चीख़्ती हुई झाड़ गयी.
तन्नू और गौरव के आने से पहले ही हमने कपड़े पहन लिए, मेने तन्नू से
मज़ाक करते हुए कहा क्या बात है काफ़ी टाइम लगा दिया, कितने स्वाद लिए?
तन्नू ने भी कहा के एक बार मूह में और एक बार गांद में तो मेने कहा अरे
चूत में नही उसने कहा के अभी टाइम है हर जगह पे चुदवाउन्गि, फिर हम बैठ
कर बातें करने लगे,और फिर थोड़ी देर बाद गौरव और जस्सी का फिर से मूड बन
गया, गौरव ने तन्नू को बाहों मे भरते हुए कहा क यार अब हमारे बीच क्या
परदा और हम अपने-2 भाई की बाहों मे समा गयी.अब की बार हम शरमाये नही और
उनके सामने ही किस करने लगे.
उन्हे हमारी सुध कहाँ थी,मेने देखा के गौरव का लंड तन्नू की चूत मे समा
चुका है.लगता था कि वो इसके पहले ही आदि थे.तन्नू बड़े मज़े से ताल से
ताल मिला कर अपने भाई से चुदवा रही थी,मुझे तो डर भी लग रहा था कि पता
नही भाई का मोटा लंड मेरी कुँवारी चूत झेल पाएगी या नही .मेरी पहली रात
थी,फिर भी उनकी चुदाई को देख कर मे रुक ना सकी और तकिये पे पुराना कपड़ा
डाल कर अपने चूतड़ टिकाए और भाई को अपने ऊपेर खींच लिया.जस्सी ने मोटे
लंड का गरम सूपड़ा जैसे ही मेरी चूत पर लगाया,मेरी तो एईद हो गयी.मेने
नीचे से चूतड़ उच्छाले तो गॅप से लंड का सूपड़ा योनि को चौड़ा करता हुआ
अंदर चला गया.मेने बाहों का घेरा भाई पर कस दिया तो भाई ने एक जोरदार
घस्सा मारा, कपड़ा फटने जैसी आवाज़ हुई और उनके अंडकोष मेरी गांद से आ
लगे.चूत को फाड़ कर लंड मेरी नाभि से टकरा रहा था. बर्त पर ही जोरदार
चुदाई शुरू हो गयी.भाई के धक्के तेज होते गये और जल्दी ही मे भी ताल से
ताल मिलाने लगी.ट्रेन के हिचकोलो के साथ कॅबिन मे फ़च फ़च..पाट..पाट..की
आवाज़ें गूँज रही थी.दो भाई और दो बहने स्वर्ग मे गोते लगा रहे थे.
मुझे तो लग रहा था के जैसे ये मेरी सुहागरात है.जब भाई का गरम गरम वीर्य
मेरे गरभ मे गिर रहा था तो मे तीसरी बार झाड़ रही थी.जब सखलन का नशा उतरा
तो हमारा ध्यान दूसरी तरफ गया.वो लड़का अपनी बेहन को घोड़ी बना कर चोद
रहा था और उसकी बेहन भी मज़े से आँख बंद करके गपा गॅप पिछे से भाई का लंड
डलवा रही थी.ये नज़ारा देख कर हमने एक दूजे को देखा और भाई का इशारा समझ
कर मैं घूम कर झुक गई. उस ने अपना लंड पिछे से मेरी चूत में डाल दिया
.लंड मोटा था इस लिए एक बार चूत मरवाने के बाद भी आराम से चूत में नही
गया, और मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था,पर भाई का दिया हुआ दर्द था जो कि
बहुत मीठा लग रहा था.
फिर उस ने चूत मे शॉट लगाने शुरू किए. उस के हर घस्से पे में आसमान की
सेर कर रही थी .करीब 10 मिंट तक उस ने मेरी चूत की चुदाई की , इस दौरान
मे दो बार फिर से झाड़ चुकी थी. फिर भाई की रफ़्तार बढ़ गई में समझ गई कि
इस का पानी निकलने वाला है तो में ने उस का लंड अपनी चूत से निकाल कर मूह
में भर लिया और एक बार फिर उस का पानी मेरे मूह में गिरा, इस तरहा से
चलती ट्रेन में चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था,वो भी अपने सगे भाई से.
कभी चूत तो कभी गांद हम दोनो जोड़े सारी रात चुदाई मे लगे रहे.सुबह होने
पर हम बेहन भाई मम्मी के पास आकर ऐसे बैठ गये जैसे कुच्छ हुआ ही ना हो.पर
मेरी उलझी लतें और चेहरा पे खुशी का नूर तो सब कुच्छ बता रहा था.सारी रात
की किस्सिंग से मेरे होंठ भी कुच्छ सूज से गये थे.जस्सी मेरे पास मे बैठ
कर फिर मुझे छेड़ने लगा तो मेने धीरे से उसके कान मे कहा के क्या कर रहे
हो, मा देख लेगी,सारी रात तो सोने नही दिया,थोड़ा सा सबर भी नही होता, घर
चल कर दे दूँगी".और ये सिलसिला अब रुकने का नाम नही ले रहा है.हम एक दूजे
के बिना नही रह सकते.
समाप्त
Train Me Bhai Se Suhagraat--2
gataank se aage...................
wo log jis cabin mein the wo bikul khali tha to us ne kaha ki tum dono
yahi pe sone aajana, to mein ne kaha aap hi mom se kehna ki hum dono
yahi pe soyenge, us ne kaha thik hai mein tumhari mom se baat kar
lungi, thodi der mein ek station aaya hum ne chai pe fir mein aur bhai
mom ke pass aye rat ke 8:30 baj chuke the hum ne khana khaya, fir hum
baithe hi hue the ki wo ladki us ka naam Tannu tha wo aai aur mom se
boli anti Billo aur Jassi ko aap waha pe bhej do mein akeli hun apne
bhai ke sath us cabin mein koi nahi hai to mein bore ho rahi hun hum
waha pe baatein karenge fir ye dono wahi soo jayegi, subha aajayegi ,
to mom ne kaha thik hai tum log jao wahi so jana, meri to khushi ka
koi thikana nahi tha Train mein bhi mujhe jugad mil gaya tha, hum waha
pe aaye aur hum charo baith kar baatein karne lage hum hum charo ek
dam khul ke baatein kar rahethe Tannu ne mujhe aur mere bhai Jassi ko
apne bhai se apni chudai ke kai kisse sunaye, jis se meri choot usi
vakt lund maang rahi thi,
sex ki ichha badhti hi ja rahi thi , pata hi nahi chala ki kab raat ke
10 baj gaye hum time ho chuka tha ki kuch kiya jaya to mein ne Tannu
se puchha ki kese karna hai to us ne kaha tum dono behan bhai ek ek
kar ke bath room mein jana aur wahi chudai kar lena, aur fir chaho to
hum charo ek sath bathroom chalenge kiun ki raat mein koi bathroom
nahi aayega to mein ne us ladke us ka naam Gaurav tha us se kaha ki
jao dekh kar aao ki meri mom soi hai ya nahi to wo gaya aur akar
bataya ki mom so gai hai,
to mein ne Tannu se kaha ke pehle tum Gaurav ke sath karlo,phir hum
chale jayenge. fir Tannu aur Gaurav dono bathroom chale gaye. pehle
hum ne dekha ki hume koi dekh to nahi raha hai waha pe koi nahi tha to
hum dono bhai behan ek dusre se lipat gaye aur kiss karne lage.Maine
bhai ko kaha ke' Jassi wo to bathroom me karke ayenge, aaja hum yahin
berth par hi jaldi-2 kar lete hain".Jassi bola ke didi jaldi-2 me kya
maja ayega,jee chahta hai sari raat karun. Mene uske gaal par chikoti
kat te hue kaha baki kasar ghar chal kar puri kar lena.Abhi to jaldi
karle.Unke samne mujhe sharam ayegi.
Tannu ne baad me mujhe bataya tha k Jaise hi bathroom ka darwaza band
kiya Gaurav apni behanke upar tut pada aur use pagalo ki tarha kiss
karne laga, use bhi uska kiss karna acha lag raha tha to us ne bhi
kiss ka jawab dena shuru kar diya, Wo bar bar uski chuchi ko dabata ja
raha tha use kiss kiye ja raha tha kabhi uski chut ko dabata aur kabhi
uski gand ko , use ab bardash karna mushkil ho raha tha to us ne use
dur hata diya aur jaldi jaldi apne sare kapde utar diye, use kapde
utarte dekh kar wo bhi apne kapde utar kar nanga ho gaya, ab wo dono
ek dam nange the, Tannu ne us ka lund apne hanth mein pakad liya us ka
lund bahut zyada mota lumba tha , aur fir usne Tannu ko kiss karna
shuru kar diya,Tannu bhi use betahasha kiss kiya ja rahi thi us ne
kiss karte hue apne hath me Gaurav ke lund ko lekar sehlane lagi. phir
uske bhai ne usai ghodi bana kar khoob choda.
Idhar mujhe bhi bada maza aaraha tha kafi der tak mai aur Jassi kiss
karte rahe, usi bich mein ek bar jhad bhi gai thi,
Fir Jassi ne mujhe lund chusne ko kaha mein wahi baith gai aur us ka
lund chusne lagi, thodi hi der mein us ne mere sir ko zor se apne lund
pe daba liya mein samjh gai ki is ka pani nikalne wala hai, aur usi
time us ka lund ka pani nikal kar sidhe mere muh mein gaya mein ne bhi
sara pani pee liya ek bund bhi niche nahi girne diya ,akhir bhai ke
lund se nikla amrit jo tha. fir us ne apna lund mere muh se nikalna
chaha magar mein ne nahi nikala mein us ke lund ko apne muh mein bhari
rahi ,jee chahta tha ke sari umar yuhi lund ko muh me liye rahu.magar
us ne zor laga kar apne lund nikal liya, aur apne kapde pehnne laga
mujhe achha nahi laga ,
mein ne turant hi use kiss karna shuru kar diya jis se wo dobara josh
mein aagaya , aur ek bar fir se us ka lund khada hogaya, hum thodi der
tak kiss karte rahe fir, us ne apna lund meri chut mein sata diya
magar mein ne use hata diya to us ne kaha kya hua mein ne kaha nahi
abhi chut nahi abhi tum meri gaand hi mar lo tau bhai mere pichhwade
pe hath pherne laga.Me unki taraf dekh kar muskurai , dono taraf phir
chingari bhadak chuki thi.Me bebas ho kar berth par pet ke bal let
gayee aur apne ghutno ke bal hokar apne chutar Hawa me utha chaupaya
ban gayi.mere gol matol gore gore chutar bhai ki ankhon ke samne
lahara rahe the.
bhai se raha nahee gaya aur jhuk kar chutar ko danto se kas kar kat
liya. Bhai pichhe ho kar choot ke sath sath gaand pe bhi jibh pherne
laga tau sara badan ek nayee lazzat se roshan ho gaya.Mene kulhe aur
unche kar liye. Bhai jaise hi mere upar charha tau lund ka supada
sidha gaand pe ja laga. Phir bhai ne mere chutar ko dono hathon se
pakar kar jor ka dhakka lagaya aur bhai ka supara meri gand ki chhed
me chala gaya. meri kasi gand ne bhai ke lund ke supare ko Jakar liya.
Mujhe thora dard hua. bhai ne dobara dhakka diya aur meri gand ko
pharta hua bhai ka adha lund gand me dakhil ho gaya. me jor se cheekh
Uthee, "uiii ma, dukhta hai mere raja." Par bhai ne meri cheekh par
koi dhyan nahee diya aur lund thora peeche kheench kar jordar shot
lagaya. bhai ka 9" ka laura meri gand ko chaura hua pura ka pura andar
dakhil ho gaya. me phir cheekh uthee.
me bar bar apni kamar ko hila hila kar bhai ke lund ko bahar nikalne
ki koshish kar rahee thee. bhai ne aage ko jhuk kar meri chunchee ko
Pakar liya aur unhe sahalane laga.bhai meri gardan aur galon ki
chummian le raha tha. Lund abhi bhi pura ka pura meri gand ke andar
tha. Kuch der bad meri gand me lund dale dale meri chunchee ko
Sahalata raha. Jab me kuchh normal hue to apne chutar hila kar boli,
"chalo raja ab theekh Hai." Mera signal pakar bhai ne dobara seedhe
hokar mere chutar pakar Kar dhire-dhire kamar hila andar-bahar karna
shuru kar diya. meri Gand bahut hi tight thee. bhai ko chodne me bara
maza aa raha tha.
Ab me bhi Apna dard bhool kar siskaree bharte hue maza lene lagee.
mene apni ek unglee choot me dal kar kamar hilana shuru kar diya.
meri mastee dekh kar bhai bhi josh me a gaya aur dhire-dhire apni
raftar barah dee. bhai ka lund ab puree tezee se meri gand me
andar-bahar ho raha tha. me bhi puree tezee se Kamar aage peeche karke
bhai ke lund ka maza le rahee thee. Lund aiese andar-bahar Ho raha tha
mano engine ka piston. Puree cabin me chudai ki thap thap ki awaj gunj
rahee thee. Jab mere thirkte hue chutar se bhai ke andkosh takrate the
to lagta koi tabalchee tabale par thap de raha ho. me puree josh me
puree tezee se choot me unglee andar-bahar kartee huee siskaree bhar
kar bhai se gaand marwa rahee thee.
Hum Dono hi paseene paseene ho gayee the par koi bhi rukne ka nam
nahee le raha tha. me bhai ko bar bar lalkar rahee thee, "chod lo mere
raja chod lo apni behan Ki gand. Aaj phar dalo isse. Shabash mere
sajan, Aur jor se rajjja aur jor se. Phar dalee tumne meri to." bhai
bhi humach humach kar shot laga raha tha. Pura ka pura lund bahar
keench kar jhatke se andar dalta to meri cheekh nikl jatee. bhai ka
lava ab niklne wala tha. Udher me bhi apni manzil ke pas thee. Tabhi
bhai ne ek jhatke se lund meri gaand me jar tak dhans diya. bhai mere
badan ko puree tarah apni bahon me samet kar danadan shot lagane laga.
me bhi samhal kar jor jor se Ahhh uhhhh kartee huee chutar
aage-peeche karke apni gaand me bhai ka lund lene Lagee. Hum dono ki
sans phul rahee thee. Akhir bhai ka jwala mukhi fut para aur bhai meri
peeth se chipak kar meri gaand me jhar gaya. me bhi jharne ko thi aur
cheekhtee huee jhar gayee.
Tannu aur Gaurav ke aane se pehle hi humne kapde pehan liye, mene
Tannu se mazak karte hue kaha kiya baat hai kafi time laga diya, kitne
swad liye? Tannu ne bhi kaha ke ek bar muh mein aur ek bar gaand mein
to mene kaha are chut mein nehi usne kaha ke abhi time hai har jagha
pe chudaungi, fir hum baith kar baatein karne lage,aur fir thodi der
baad Gaurav aur Jassi ka fir se mood ban gaya, Gaurav ne Tannu ko
bahon me bharte hue kaha k yaar ab hamare bich kya parda aur hum
apne-2 bhai ki bahon me sama gayi.Ab ki bar hum sharmaye nahi aur unke
samne hi kiss karne lage.
Unhe hamari sudh kahan thi,mene dekha ke Gaurav ka lund Tannu ki chut
me sama chuka hai.lagta tha ki wo iske pehle hi aadi the.Tannu bade
maje se taal se taal mila kar apne bhai se chudwa rahi thi,mujhe tau
dar bhi lag raha tha k pata nahi bhai ka mota lund meri kunwari choot
jhel payegi ya naì .Meri pehli raat thi,phir bhi unki chudai ko dekh
kar me ruk na saki aur takiye pe purana kapda dal kar apne chutad
tikaye aur bhai ko apne ooper khinch liya.Jassi ne mote lund ka garam
supada jaise hi meri chut par lagaya,meri to eid ho gayi.Mene niche se
chutad uchhale to gap se lund ka supada yoni ko chauda karta hua ander
chala gaya.Mene bahon ka ghera bhai par kas diya to bhai ne ek jordar
ghassa mara, kapda phatne jaisi awaz hui aur unke andkosh meri gaand
se aa lage.Choot ko phaar kar lund meri nabhi se takra raha tha. berth
par hi jordar chudai shuru ho gayi.Bhai ke dhakke tej hote gaye aur
jaldi hi me bhi taal se taal milane lagi.Train ke hichkolo ke sath
cabin me phach phach..pat..pat..ki awazen gunj rahi thi.Do bhai aur do
behane swarg me gote laga rahe the.
Mujhe to lag raha tha ke jaise ye meri suhagraat hai.Jab bhai ka garam
garam virye mere garabh me gir raha tha tau me tisri bar jhad rahì
thì.Jab sakhlan ka nasha utra tau hamara dhyan dusri taraf gaya.Wo
ladka apni behan ko ghodi bana kar chod raha tha aur uski behan bhi
maze se aankh band karke gapa gap pichhe se bhai ka lund dalwa rahi
thi.Ye nazara dekh kar humne ek duje ko dekha aur bhai ka ishara
samajh kar mein ghum kar jhuk gai. us ne apna lund pichhe se meri
choot mein dal diya .lund mota tha is liye ek bar choot marwane ke
baad bhi aram se choot mein nahi gaya, aur mujhe kafi dard ho raha
tha,par bhai ka diya hua dard tha jo ki bahut mitha lag raha tha.
Fir us ne choot me shot lagane shuru kiye. us ke har ghasse pe mein
asman ki ser kar rahi thi .karib 10 mint tak us ne meri choot ki
chudai ki , is dauran me do bar phir se jhad chuki thi. fir bhai ki
raftar badh gai mein samjh gai ki is ka pani nikalne wala hai to mein
ne us ka lund apni choot se nikal kar muh mein bhar liya aur ek bar
fir us ka pani mere muh mein gira, is tarha se chalti train mein
chudane ka maza hi kuch aur tha,wo bhi apne sage bhai se.
Kabhi choot tau kabhi gaand hum dono jode sari raat chudai me lage
rahe.Subah hone par hum behan bhai mummy ke pas aakar aise baith gaye
jaise kuchh hua hi na ho.Par meri uljhi laten aur chehra pe khushi ka
noor to sab kuchh bata raha tha.Sari raat ki kissing se mere honth bhi
kuchh sooj se gaye the.Jassi mere pas me baith kar phir mujhe chhedne
laga to mene dhire se uske kaan me kaha ke kya kar rahe ho, maa dekh
legi,sari raat to sone nahi diya,thoda sa sabar bhi nahi hota, ghar
chal kar de dungi".Aur ye silsila ab rukne ka naam nahi le raha
hai.Hum ek duje ke bina nahi rah sakte.
samaapt
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