FUN-MAZA-MASTI
हिंदी सेक्सी कहानियाँ
यह कैसा संगम-2
लेखिका : नेहा वर्मा
प्रिया ने अपने दोनों टांगें अपनी छाती से चिपका ली और अपनी गाण्ड पूरी तरह से खोल दी। प्रिया ने अपनी गाण्ड उभार कर सुन्दर के लण्ड से चिपका दी। प्रिया के चूतड़ों के बीच फ़ूल सा छेद खिल उठा। लण्ड के स्पर्श से वो अन्दर-बाहर होने लगा था। प्रिया को अपनी गाण्ड में एक अन्जानी सी गुदगुदी सी होने लगी। लण्ड बार बार उसके फ़ूल को दबा कर उत्तेजित कर रहा था। तभी सुन्दर के लण्ड का सुपाड़ा उसके छेद पर दबाव डालता हुआ आराम से भीतर प्रवेश कर गया।
प्रिया के मुख से एक मस्ती भरी आह सी निकली। सुन्दर के सुपाड़े से निकला हुआ प्री-कम की चिकनाई से प्रिया को बहुत आराम मिला। लण्ड के भीतर घुसते ही प्रिया ने अपनी गर्दन घुमा कर बड़ी आसक्ति से सुन्दर को निहारा। सुन्दर ने उसे चूम लिया और फिर अपने लण्ड का एक दबाव फिर डाला।
लण्ड प्रिया के शरीर में तरन्नुम छेड़ता हुआ, गुदगुदाता हुआ भीतर उतरने लगा। सुन्दर ने लण्ड घुसाने के साथ ही प्रिया के दोनों मम्मे थाम लिये। उसे बोबे मसलना उसे बहुत भा रहा था। सख्त घुण्डियों को अंगुलियों से वो मचक मचक करके मसल रहा था।
प्रिया की सांस तेज हो उठी थी। चेहरा लाल हो गया था। अब एक अन्तिम दबाव लण्ड का और बाकी था ... आह्ह्ह्ह्ह ... सुन्दर ... मार डाला रे ... पूरा लण्ड प्रिया की गाण्ड में समा गया था।
गाण्ड में लण्ड ले कर प्रिया तड़प उठी थी। फिर एक बार लण्ड थोड़ा सा बाहर निकला और फिर से पूरा की पूरा अन्दर घुस पड़ा। प्रिया आनन्द के मारे तड़प सी उठी थी। अब सुन्दर अपना लण्ड अन्दर बाहर करके उसकी गाण्ड मारने में लगा था। तड़पती प्रिया ने सुन्दर का हाथ ले कर अपनी चूत के दाने पर रख दिया।
जानू, इसे भी हौले हौले रगड़ता जा ! अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है।
सुन्दर ने अब अपनी रफ़्तार बढा दी थी। उसका दाना भी वो हिला हिला कर उसे बेहद उत्तेजित करता जा रहा था। तभी सुन्दर ने जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिये। प्रिया कुछ दर्द से कुछ आनन्द के मारे चीख सी उठी। पर बरसात के शोर से और बिजली की कड़कने से उसकी आवाज कही खो सी गई।
आण्टी, मैं गया ... मैं तो आह्ह्ह्ह ... भेन की चूत मारूँ ... गया रे ... उफ़्फ़्फ़्फ़ आण्टीऽऽऽऽऽऽऽ।
अरे छोड़ दे रे, हरामी, साले ... बस कर ... क्या फ़ाड़ ही डालेगा मेरी भोस... हाय राम मैं मर गई।
चीखते चीखते प्रिया का पानी भी छूट गया। वो जोर से झड़ गई थी। तभी सुन्दर भी तड़पता हुआ चीख उठा और वो उसकी गाण्ड में ही झड़ने लगा।
बस... बस सुन्दर ! हो गया, अब नहीं ... मेरी तो जोर से बजा दी तूने ... ओह्ह्ह्ह्ह बस कर।
नहीं आण्टी, मैने कुछ नहीं किया ... यह तो अपने आप हो गया !
चल हट शरीर कहीं का ... चल अब यहीं आराम कर ले, यह बरसात तो रात भर नहीं रुकने वाली।
पर आण्टी, वो राधा कहाँ रह गई?
उफ़ रहने दे ना ... चुदा रही होगी कहीं ...।
सुन्दर के मन में अब उथल पुथल होने लगी। क्या गोपाल उसे चोद रहा होगा ... नहीं , नहीं वो ऐसा नहीं कर सकता ... राधा तो मुझसे प्यार करती है !!!
आण्टी, मुझे भी राधा को चोदना है !
अरे ... क्या कहते हो? अभी तक चोदा नहीं क्या?
आप कैसी बातें करती हैं? वो तो मेरी जान है।
शादी करेगा उससे... मस्त चुदवायेगी वो तुझसे तो... फिर घर पर रह कर तू मेरी भी भोस मार देना।
क्या बात है आण्टी ... तो बात पक्की रही। एक तीर से दो चूत ...
सुन्दर का मन हल्का हो गया। उसे फिर नींद आने लगी। प्रिया भी उससे लिपट कर सो गई। बीच रात में बिजली जोर से कड़की और उसकी निद्रा भंग हो गई। पर उसे जल्दी ही समझ में आ गया कि उसकी नींद बिजली कड़कने से नहीं बल्कि सुन्दर का लण्ड के कारण हुई है जो उसकी चूत में ठोकरें मार रहा था।
प्रिया की चूत भी फ़ड़क उठी। उसने अपनी टांगें फ़ैला दी। सुन्दर धीरे से प्रिया के ऊपर चढ़ गया। सुन्दर ने प्रिया के चूचे दबाये और चूत पर जोर लगाया।
चिकनी गीली चूत ने लण्ड का स्वागत किया अपनी गहराइयों में उसे निगलने लगी। मोटा लण्ड उसकी चूत की मुलायम पर उत्तेजना से हुई कड़ी दीवारों को रगड़ता हुआ घुसने लगा। प्रिया के मुख से आनन्द भरी किलकारियाँ उसकी खुशी को दर्शा रहा था। वह अपनी चूत ऊपर की ओर उठा कर उसके लण्ड को पूरा घुसाने में सहयोग कर रही थी। दो तीन रगड़ में ही लण्ड प्रिया की चूत में पूरा समा चुका था। कुछ देर वो शान्त रह कर एक दूसरे को चूमते रहे। प्रिया के मम्मे को सहलाए जाते रहे।
फिर सुन्दर ने कस कर प्रिया की चूचियों को जोर से दबाया और लण्ड से उसकी चूत पर झटके पर झटके मारने लगा। प्रिया मदहोश हो उठी। उसकी चूत लय में आकर उसके लण्ड से ताल से ताल मिला रही थी। फ़च फ़च की मधुर आवाजों के साथ चुदाई चरम सीमा को छूने लगी थी। दोनों मदहोश, आंखे बन्द किये हुये जन्नत के आनन्द में खो चुके थे।
तभी प्रिया के झड़ने की चीख ने सुन्दर को भी होश में ला दिया। अब वो प्रिया को दबा दबा कर चोद रहा था। प्रिया झड़ने के बाद वो उसे धकेलना चाह रही थी। पर सुन्दर बलिष्ठ था। वो उसे अपने कठोर लण्ड से दाब दाब कर चोदता रहा। फिर एक तेज दौर आया, तेजी से लण्ड चलने लगा।
प्रिया चीख उठी। ... तब सुन्दर के लण्ड ने अपना माल उगल दिया... और वो निढाल सा होकर पास में लुढ़क गया। सुन्दर ने आज उसे सभी तरह से चोद कर उसे सन्तुष्ट कर दिया था।वो आज बहुत खुश थी। बरसात तेज थी, रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
लेकिन इस दौरान राधा घर आ चुकी थी। माँ की कमरे की लाईट देख कर वो ठिठकी जरूर थी। उसने सोचा कि माँ उसका इन्तजार करते करते सो गई होगी। उसने जल्दी जल्दी अपने भीगे हुये कपड़े उतारे और समय देखा। रात के साढ़े बारह बज रहे थे। राधा ने अपना नाईट गाऊन पहना और सर पर तौलिया बांध कर माँ के कमरे की लाईट बन्द करने आई।
जैसे ही वो कमरे में आई उसका दिल धक से रह गया। सुन्दर उसकी माँ को उसके ऊपर चढ़ कर चोद रहा था। उसका दिल जोर से धड़कने लगा था। वो चुपके से अपने कदम पीछे लेकर दरवाजे से बाहर आ गई। फिर उससे रहा नहीं गया तो वो चुपके से उसे झांक कर देखने लगी। मस्त चुदाई हो रही थी। राधा भी पिघलने लगी थी। उसकी आँखों में भी लाली आने लगी थी, चूचियाँ कड़ी होने लगी थी, चूत गीली होने लगी थी।
तभी उसे माँ की मधुर चीख सुनाई पड़ी। वो घबरा गई। वो धीरे से अपने कमरे में आ गई। उसके दिल में घमासान होने लगा था। पहले तो उसने बाथरूम जा कर अपनी चूत को बहुत रगड़ी फिर पानी छोड़ छोड़ दिया, तब वो कहीं जाकर शान्त हुई।
राधा बिस्तर पर लेटी लेटी अपने माँ के बारे सोचने लगी। पर उसे लगा कि माँ भी क्या करे ... अभी तो जवान ही है ... लण्ड खाने की इच्छा बलवती हो गई होगी ... इसमें गलत क्या है ... यह तो एक आम इन्सान की जरूरी इच्छा है, यह तो भगवान की देन है ... उंह्ह्ह्। फिर जाने कब सोचते सोचते उसकी आँख लग गई।
सवेरे माँ राधा को आवाज लगा रही थी। सुन्दर पास ही में ही बैठा हुआ चाय पी रहा था।
ओह ! हाय, कब आये? आज माँ की चाय याद आ गई ! राधा ने तिरछी निगाह से उसे देखा। सुन्दर मुस्करा उठा।
कब आई थी रात को? माँ की आवाज में कुछ शक सा था।
अरे माँ, वो गाड़ी बरसात में खराब हो गई थी। फोन करके मेकेनिक को बुलाया था। प्लीज सुन्दर, मेरी गाड़ी ले आना ना।
हाँ क्यों नहीं ? जरूर।
अरे कब आई थी यह तो बता?
ओफ़्फ़ोह माँ मुझे याद नहीं, बस आई और कपड़े बदल कर सो गई। कितनी तो नींद आ रही थी।
राधा की बातों से प्रिया को शक हो गया। पर वो चुप रही। सुन्दर के जाने के बाद प्रिया की आँखों में राधा को झिझक दिखाई देने लगी। माँ उससे आंखें चुराने लगी थी। राधा को यह सब अच्छा नहीं लग रहा था। अब सुन्दर से चुदा भी लिया तो क्या हुआ? हो गया सो हो गया?
माँ, मुझसे नाराज हो क्या? देर हो गई थी, सॉरी बाबा !
ना ... ना ... वो बात नहीं है... बस ऐसे ही मेरा मन बेचैन सा है।
माँ ! सॉरी ... मैं आपकी बात किसी को नहीं बताऊँगी।
प्रिया का मन धक से रह गया। प्रिया ने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढांप लिया। ओह्ह्ह तो इसने सब देख लिया है, अब क्या करूँ?
माँ... कहा ना, किसी को नहीं बताऊंगी। प्लीज, मेरा यकीन करो ... एक बात कहूं माँ?
माँ ने शरम से दूसरी ओर अपना मुख फ़ेर लिया।
क्या कहना है बोल?
सुन्दर से मुझे भी चुदाना है ... प्लीज।
माँ ने आश्चर्य से राधा को देखा ... क्या कहा? सुन्दर से क्या?
मुझे उससे चुदना है ... वो जब मुझे गले लगाता है तो उसका लण्ड मेरी चूत से रगड़ खा जाता है तो बहुत गुदगुदी लगती है।
प्रिया के मन को एकदम से सुकून सा मिला। उसकी झिझक भी एकदम से दूर हो गई। वो मुस्करा उठी।
अपने आप उसे पटा, देखना बहुत मजा आयेगा। वो तो फिसलपट्टू है, फिर तुम दोनों तो दोस्त हो ना, कोई मुश्किल नहीं आयेगी। ऐसे पटाने से जिस्म में बहुत रंग में आ जाता है।
राधा अपनी माँ से लिपट गई।
फिर माँ तुम भी मस्ती से खूब चुदना और मैं भी खूब चुदाऊँगी। थेंक्स माँ।
दोनों माँ बेटी ने एक दूसरे को समझ लिया और उनमें फिर से प्रेम की धारा उमड़ पड़ी।
अब तो जब भी सुन्दर घर आता तो प्रिया उनको मिलने का मौका देने लगी। वो बाजार के बहाने या गोपाल के घर उससे मिलने चली जाती। सुन्दर के आते ही वो उसे हमेशा की तरह उसके गाल पर चुम्बन करती। फिर दोनों गप्पें मारते। आज भी सुन्दर घर आया तो राधा ने शरारत से बजाये उसके गाल को चूमने के उसके होंठो को चूम लिया। सुन्दर उसे देखता रह गया।
तुम्हारे नरम नरम होंठ कितने मीठे हैं राधा।
तुम्हारे भी होंठ मीठे हैं, तुम्हे नहीं पता क्या?
तो एक बार और कर लें !
अच्छा तो आ जाओ, पर धीरे से और मस्त हो कर तबीयत से करना।
राधा और सुन्दर दोनों पास पास आ गये। दोनों के दिलों में चोर था। दोनों एक दूसरे को पाने के लिये बैचेन थे। जब दोनों हो राजी तो क्या करेगा काजी। दोनों के होंठ जब एक दूसरे से टकराये ... तो वासना का उफ़ान जोर मारने लगा। दोनों के जिस्म तड़प उठे। दोनों ने एक दूसरे होंठ खूब चूसे। राधा ने तो अपनी जीभ सुन्दर के मुख में ही डाल दी और उसका पूरा मुख अन्दर से जीभ से रगड़ डाला। उफ़्फ़्फ़ ! सुन्दर का लण्ड टन्न करके खड़ा हो गया था। चिकनी चिकनी राधा का जवान शरीर सुन्दर के हाथों से दबाया जा रहा था। उसकी चिकनी सुघड़ जांघें ऊपर उठ कर सुन्दर की टांगों से लिपट चुकी थी। राधा ने बड़ी अदा से अपनी चूत को उसके लण्ड पर दबा दी और सिसकारी भरने लगी।
सुन्दर, तुम कितने अच्छे हो, तुम्हें खूब प्यार करने को मन करता है।
तुम तो मेरे मन की रानी हो, बचपन से तुम मेरे दिल में हो।
सुन्दर, प्लीज अपने मर्दाना हाथों से मेरा सीना कुचल दो, दबा दो हाय राम।
सुन्दर ने उसके मुलायम रेशमी बालों पर हाथ फ़ेरा और फिर हाथों को उसके कठोर सीने के उभारों पर रख कर उसे दबाने लगा।
सीऽऽऽऽऽऽ आह्ह्ह्ह्ह और दबाओ मेरी जान ... उस्स्स्स्स्स्स ... जरा जोर से तो दबाओ ... उईईईईईईईईई।
राधा ... प्लीज, मेरा लण्ड हाथ में लेकर मसल दो।
हाय रे, मेरे मीत ...ये लो।
राधा ने हाथ बढ़ा कर उसका लण्ड पकड़ लिया और उसे मसलने लगी। सुन्दर तड़प सा गया। उसने राधा को अपनी गोदी में उठा लिया और उसे लेकर राधा के बेडरूम में आ गया। सुन्दर ने राधा का टॉप ऊपर खींच लिया। बिना ब्रा के राध की चूचियाँ सीधे तनी हुई थी, एकदम उत्तेजना से कड़ी हो चुकी थी। चुचूक तो फ़ूल कर कड़क हो गये थे। सुन्दर ने उसका पंजाबी पजामा नीचे उतार दिया।
ओह्ह्ह ! तो पैंटी भी नहीं पहनी थी। आह्ह्ह ये काली काली झांटें ... लगा उसे मार ही डालेगी।
राधा को नंगी करके उसने बिस्तर पर लेटा दिया। सुन्दर ने अपनी पैन्ट नीचे उतार कर फ़ेंक दी और अपना कड़क लण्ड राधा के मुख से सामने हिलाने लगा। राधा अपना मुख का निशाना लण्ड पर साध रही थी और फिर सफ़ल भी हो गई। सुन्दर ने उल्टा होकर अपना लण्ड उसके मुख के हवाले कर दिया और लेट कर अपना मुख उसकी चूत में घुसा दिया। उसकी चूत की मधुर सुगंध से सुन्दर मुग्ध हो गया और जीभ के एक ही सड़ाके से उसकी चूत से रिसता हुआ पानी पी गया।
राधा आनन्द से उछल पड़ी। सुन्दर ने जोर लगा कर राधा के मुख में अपना पूरा लण्ड घुसेड़ दिया था और जोर जोर से उसके मुख को चोदने लगा। वो स्वयं भी उसकी चूत का रस जीभ अन्दर डाल कर चाट रहा था। उसका दाना हिला हिला कर उसे मदहोश कर रहा था।
राधा तो आनन्द से भरी हुई सिसक सिसक कर आहें भर रही थी। तभी सुन्दर उठा और प्यार से उसने राधा को अपनी बाहों में ले लिया।
तभी राधा ने पलटी मार कर कर सुन्दर को अपने नीचे दबा लिया। राधा जवान थी, उसमें भी ताकत थी। राधा उसके ऊपर चढ़ी हुई थी। वो उसकी जांघों पर बैठी हुई थी। उसका तना हुआ लण्ड अपने हाथ में लेकर सहला रही थी।लाल सुपाड़ा उफ़न रहा था। उसमें थोड़ी सी चिकनी क्रीम अन्दर से निकल कर उसे चिकना बना रही थी। राधा उसे देख कर बहुत खुश हो रही थी। उसने मुस्करा कर सुन्दर को देखा और अपनी चूत उठा कर हौले से उसके लण्ड के ऊपर रख दी।
अब बच कर कहाँ जाओगे राजा।
बताऊँ ! तुम्हारी प्यारी सी चूत में...
यह बात हुई ना ... प्यारे।
राधा ने अपनी चूत के दोनों पलकों को फ़ैलाया और उसका लाल सुपारा अपनी लाल सुर्ख चूत में मांस पर धीरे से रख दिया। फिर उसे छोड़ दिया।
अरे हिलो मत ... सीधे लेटे रहो ... अब मुझे तुम्हारी बजाना जो है।
आह्ह्ह राधा, जल्दी से चोदो ना ... देखो ना लण्ड कैसा हो रहा है।
जल्दी मत करो ... मजे ले ले कर मुझे चुदना है।
राधा ने धीरे से जोर लगाया। उसे आशा नहीं थी कि सुन्दर का लण्ड वास्तव में इतना मोटा है ! वो तो थोड़ा सा ही अन्दर घुसा। बहुत जोर से चूत की दीवारों से रगड़ खा गया। राधा के मुख से एक सिसकी निकल गई। वो सुन्दर का लण्ड चूत में फ़ंसाये हुये ही उसके ऊपर लेट गई और उसके मुख से अपना अपना मुख जोड़ लिया और एक दूसरे के मुख में जीभ डाल कर मस्ताने लगे। चूत में गुदगुदी तेज होने लगी। खुजली बढ़ने लगी। अपने आप ही राधा की चूत का दबाव लण्ड पर बढ़ गया और वो बहुत ही प्यार से अन्दर सरकने लगा।
खुजली और भी तेज होने लगी। सुन्दर का लण्ड तेज खुजली भरी मिठास से उबल रहा था। दोनों ही एक दूसरे पर जोर लगा कर लण्ड घुसाने में लगे थे। धीरे धीरे राधा की चूत में सुन्दर का मस्त लण्ड पैन्दे तक बैठ गया। पर अभी भी वो जोर से लण्ड को दबाये जा रही थी। उसे पता ही नहीं चला कि कब लण्ड सरकता हुआ पूरा ही अन्दर तक बैठ गया था।
ओह्ह्ह मेरे सुन्दर राजा ... कितना आनन्द आ रहा है। अब तक क्यों नहीं चोदा था मुझे?
अब राधा धीरे धीरे अपनी चूत को उसके लण्ड पर आगे पीछे घिसने लगी थी। बहुत तेज वासना उमड़ रही थी। अब राधा अपनी चूत उठा उठा कर उसके लण्ड पर झटके मार रही थी। काफ़ी देर तक अपनी चूत उसके लण्ड पर वो रगड़ती रही। वो धीरे धीरे चरम सीमा पर पहुँचने लगी। उसके मुख से अब जोर जोर से आहें निकलने लगी थी। फिर एकाएक उसकी चूत सुन्दर के लण्ड पर जोर लगा कर दबाने लगी।
उंह्ह्ह्ह, मम्मी ... मर गई ... सुन्दर गई मैं तो ... हाय रे ... दबा दे मुझे ... ओह्ह्ह्ह आह्ह्ह चुद गई रे...
सुन्दर उसकी कामपीड़ा भरी आहें सुनकर नीचे से जोर जोर से उछल उछल कर शॉट मारने लगा। राधा का बदन एक बार तड़पा, फिर बल सा खा गया।
माँ रेऽऽऽऽऽऽऽ मेरा तो निकल गया।
उफ़्फ़.
राधा धीरे धीरे निढाल होती जा रही थी। उसका बदन शिथिल होता जा रहा था।
राधा की माँ उसे चुदता हुआ देख रही थी। वो बार बार दरवाजे से दोनों की चुदाई देखती और अपनी चूत दबा कर वो मुस्करा कर वापस बगीचे में आ जाती।
फिर माँ ने दरवाजा की घण्टी बजाई और आवाज लगाई।
राधा ... कहां चली जाती है ... यह सामान रसोई में रख दे।
फिर प्रिया मन ही मन आनन्द से मुस्कराती हुई अपने कमरे में चली आई।
राधा ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और सुन्दर को भी कपड़े पहना कर बाहर भेज दिया।
आ गई माँ ... क्या क्या ले आई?
अरे सुन्दर यहीं है अब तक? अब खाना यहीं खा कर जाना।
नहीं आण्टी ... अभी तो गोपाल के यहाँ भी जाना है ।
कह कर सुन्दर तो चला गया। राधा माँ से लिपट पड़ी।
मजा आ गया माँ ... क्या चोदता है साला ... मस्त लण्ड है उसका तो।
मुझे पता है, उस दिन तो तो सुन्दर ने मुझे रात भर चोदा था। मस्त मोटा लण्ड है उसका।
ओह्ह माँ ... मस्त चुदाई करता है ... उससे शादी करा दो माँ ... प्लीज मान जाओ ना।
अरे चुप ! चुदैल रण्डी, इतनी आग लगी है तेरी चूत में?
उफ़्फ़्फ़ ! माँ, साला सोलिड चीज है। मन तो मेरा गोपाल पर था, पर ये बढ़िया चोदेगा, मस्त हो कर चुदाऊंगी मम्मी। प्लीज मेरी प्यारी मम्मी ... शादी करवा दो ना।
प्रिया को तो जैसे मन मांगी मुराद मिल रही थी। एक ही घर में रह उसकी चुदाई भी तो मानो दहेज में हो जायेगी।
कहानी के कई भाग हैं।
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women
हिंदी सेक्सी कहानियाँ
यह कैसा संगम-2
लेखिका : नेहा वर्मा
प्रिया ने अपने दोनों टांगें अपनी छाती से चिपका ली और अपनी गाण्ड पूरी तरह से खोल दी। प्रिया ने अपनी गाण्ड उभार कर सुन्दर के लण्ड से चिपका दी। प्रिया के चूतड़ों के बीच फ़ूल सा छेद खिल उठा। लण्ड के स्पर्श से वो अन्दर-बाहर होने लगा था। प्रिया को अपनी गाण्ड में एक अन्जानी सी गुदगुदी सी होने लगी। लण्ड बार बार उसके फ़ूल को दबा कर उत्तेजित कर रहा था। तभी सुन्दर के लण्ड का सुपाड़ा उसके छेद पर दबाव डालता हुआ आराम से भीतर प्रवेश कर गया।
प्रिया के मुख से एक मस्ती भरी आह सी निकली। सुन्दर के सुपाड़े से निकला हुआ प्री-कम की चिकनाई से प्रिया को बहुत आराम मिला। लण्ड के भीतर घुसते ही प्रिया ने अपनी गर्दन घुमा कर बड़ी आसक्ति से सुन्दर को निहारा। सुन्दर ने उसे चूम लिया और फिर अपने लण्ड का एक दबाव फिर डाला।
लण्ड प्रिया के शरीर में तरन्नुम छेड़ता हुआ, गुदगुदाता हुआ भीतर उतरने लगा। सुन्दर ने लण्ड घुसाने के साथ ही प्रिया के दोनों मम्मे थाम लिये। उसे बोबे मसलना उसे बहुत भा रहा था। सख्त घुण्डियों को अंगुलियों से वो मचक मचक करके मसल रहा था।
प्रिया की सांस तेज हो उठी थी। चेहरा लाल हो गया था। अब एक अन्तिम दबाव लण्ड का और बाकी था ... आह्ह्ह्ह्ह ... सुन्दर ... मार डाला रे ... पूरा लण्ड प्रिया की गाण्ड में समा गया था।
गाण्ड में लण्ड ले कर प्रिया तड़प उठी थी। फिर एक बार लण्ड थोड़ा सा बाहर निकला और फिर से पूरा की पूरा अन्दर घुस पड़ा। प्रिया आनन्द के मारे तड़प सी उठी थी। अब सुन्दर अपना लण्ड अन्दर बाहर करके उसकी गाण्ड मारने में लगा था। तड़पती प्रिया ने सुन्दर का हाथ ले कर अपनी चूत के दाने पर रख दिया।
जानू, इसे भी हौले हौले रगड़ता जा ! अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है।
सुन्दर ने अब अपनी रफ़्तार बढा दी थी। उसका दाना भी वो हिला हिला कर उसे बेहद उत्तेजित करता जा रहा था। तभी सुन्दर ने जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिये। प्रिया कुछ दर्द से कुछ आनन्द के मारे चीख सी उठी। पर बरसात के शोर से और बिजली की कड़कने से उसकी आवाज कही खो सी गई।
आण्टी, मैं गया ... मैं तो आह्ह्ह्ह ... भेन की चूत मारूँ ... गया रे ... उफ़्फ़्फ़्फ़ आण्टीऽऽऽऽऽऽऽ।
अरे छोड़ दे रे, हरामी, साले ... बस कर ... क्या फ़ाड़ ही डालेगा मेरी भोस... हाय राम मैं मर गई।
चीखते चीखते प्रिया का पानी भी छूट गया। वो जोर से झड़ गई थी। तभी सुन्दर भी तड़पता हुआ चीख उठा और वो उसकी गाण्ड में ही झड़ने लगा।
बस... बस सुन्दर ! हो गया, अब नहीं ... मेरी तो जोर से बजा दी तूने ... ओह्ह्ह्ह्ह बस कर।
नहीं आण्टी, मैने कुछ नहीं किया ... यह तो अपने आप हो गया !
चल हट शरीर कहीं का ... चल अब यहीं आराम कर ले, यह बरसात तो रात भर नहीं रुकने वाली।
पर आण्टी, वो राधा कहाँ रह गई?
उफ़ रहने दे ना ... चुदा रही होगी कहीं ...।
सुन्दर के मन में अब उथल पुथल होने लगी। क्या गोपाल उसे चोद रहा होगा ... नहीं , नहीं वो ऐसा नहीं कर सकता ... राधा तो मुझसे प्यार करती है !!!
आण्टी, मुझे भी राधा को चोदना है !
अरे ... क्या कहते हो? अभी तक चोदा नहीं क्या?
आप कैसी बातें करती हैं? वो तो मेरी जान है।
शादी करेगा उससे... मस्त चुदवायेगी वो तुझसे तो... फिर घर पर रह कर तू मेरी भी भोस मार देना।
क्या बात है आण्टी ... तो बात पक्की रही। एक तीर से दो चूत ...
सुन्दर का मन हल्का हो गया। उसे फिर नींद आने लगी। प्रिया भी उससे लिपट कर सो गई। बीच रात में बिजली जोर से कड़की और उसकी निद्रा भंग हो गई। पर उसे जल्दी ही समझ में आ गया कि उसकी नींद बिजली कड़कने से नहीं बल्कि सुन्दर का लण्ड के कारण हुई है जो उसकी चूत में ठोकरें मार रहा था।
प्रिया की चूत भी फ़ड़क उठी। उसने अपनी टांगें फ़ैला दी। सुन्दर धीरे से प्रिया के ऊपर चढ़ गया। सुन्दर ने प्रिया के चूचे दबाये और चूत पर जोर लगाया।
चिकनी गीली चूत ने लण्ड का स्वागत किया अपनी गहराइयों में उसे निगलने लगी। मोटा लण्ड उसकी चूत की मुलायम पर उत्तेजना से हुई कड़ी दीवारों को रगड़ता हुआ घुसने लगा। प्रिया के मुख से आनन्द भरी किलकारियाँ उसकी खुशी को दर्शा रहा था। वह अपनी चूत ऊपर की ओर उठा कर उसके लण्ड को पूरा घुसाने में सहयोग कर रही थी। दो तीन रगड़ में ही लण्ड प्रिया की चूत में पूरा समा चुका था। कुछ देर वो शान्त रह कर एक दूसरे को चूमते रहे। प्रिया के मम्मे को सहलाए जाते रहे।
फिर सुन्दर ने कस कर प्रिया की चूचियों को जोर से दबाया और लण्ड से उसकी चूत पर झटके पर झटके मारने लगा। प्रिया मदहोश हो उठी। उसकी चूत लय में आकर उसके लण्ड से ताल से ताल मिला रही थी। फ़च फ़च की मधुर आवाजों के साथ चुदाई चरम सीमा को छूने लगी थी। दोनों मदहोश, आंखे बन्द किये हुये जन्नत के आनन्द में खो चुके थे।
तभी प्रिया के झड़ने की चीख ने सुन्दर को भी होश में ला दिया। अब वो प्रिया को दबा दबा कर चोद रहा था। प्रिया झड़ने के बाद वो उसे धकेलना चाह रही थी। पर सुन्दर बलिष्ठ था। वो उसे अपने कठोर लण्ड से दाब दाब कर चोदता रहा। फिर एक तेज दौर आया, तेजी से लण्ड चलने लगा।
प्रिया चीख उठी। ... तब सुन्दर के लण्ड ने अपना माल उगल दिया... और वो निढाल सा होकर पास में लुढ़क गया। सुन्दर ने आज उसे सभी तरह से चोद कर उसे सन्तुष्ट कर दिया था।वो आज बहुत खुश थी। बरसात तेज थी, रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
लेकिन इस दौरान राधा घर आ चुकी थी। माँ की कमरे की लाईट देख कर वो ठिठकी जरूर थी। उसने सोचा कि माँ उसका इन्तजार करते करते सो गई होगी। उसने जल्दी जल्दी अपने भीगे हुये कपड़े उतारे और समय देखा। रात के साढ़े बारह बज रहे थे। राधा ने अपना नाईट गाऊन पहना और सर पर तौलिया बांध कर माँ के कमरे की लाईट बन्द करने आई।
जैसे ही वो कमरे में आई उसका दिल धक से रह गया। सुन्दर उसकी माँ को उसके ऊपर चढ़ कर चोद रहा था। उसका दिल जोर से धड़कने लगा था। वो चुपके से अपने कदम पीछे लेकर दरवाजे से बाहर आ गई। फिर उससे रहा नहीं गया तो वो चुपके से उसे झांक कर देखने लगी। मस्त चुदाई हो रही थी। राधा भी पिघलने लगी थी। उसकी आँखों में भी लाली आने लगी थी, चूचियाँ कड़ी होने लगी थी, चूत गीली होने लगी थी।
तभी उसे माँ की मधुर चीख सुनाई पड़ी। वो घबरा गई। वो धीरे से अपने कमरे में आ गई। उसके दिल में घमासान होने लगा था। पहले तो उसने बाथरूम जा कर अपनी चूत को बहुत रगड़ी फिर पानी छोड़ छोड़ दिया, तब वो कहीं जाकर शान्त हुई।
राधा बिस्तर पर लेटी लेटी अपने माँ के बारे सोचने लगी। पर उसे लगा कि माँ भी क्या करे ... अभी तो जवान ही है ... लण्ड खाने की इच्छा बलवती हो गई होगी ... इसमें गलत क्या है ... यह तो एक आम इन्सान की जरूरी इच्छा है, यह तो भगवान की देन है ... उंह्ह्ह्। फिर जाने कब सोचते सोचते उसकी आँख लग गई।
सवेरे माँ राधा को आवाज लगा रही थी। सुन्दर पास ही में ही बैठा हुआ चाय पी रहा था।
ओह ! हाय, कब आये? आज माँ की चाय याद आ गई ! राधा ने तिरछी निगाह से उसे देखा। सुन्दर मुस्करा उठा।
कब आई थी रात को? माँ की आवाज में कुछ शक सा था।
अरे माँ, वो गाड़ी बरसात में खराब हो गई थी। फोन करके मेकेनिक को बुलाया था। प्लीज सुन्दर, मेरी गाड़ी ले आना ना।
हाँ क्यों नहीं ? जरूर।
अरे कब आई थी यह तो बता?
ओफ़्फ़ोह माँ मुझे याद नहीं, बस आई और कपड़े बदल कर सो गई। कितनी तो नींद आ रही थी।
राधा की बातों से प्रिया को शक हो गया। पर वो चुप रही। सुन्दर के जाने के बाद प्रिया की आँखों में राधा को झिझक दिखाई देने लगी। माँ उससे आंखें चुराने लगी थी। राधा को यह सब अच्छा नहीं लग रहा था। अब सुन्दर से चुदा भी लिया तो क्या हुआ? हो गया सो हो गया?
माँ, मुझसे नाराज हो क्या? देर हो गई थी, सॉरी बाबा !
ना ... ना ... वो बात नहीं है... बस ऐसे ही मेरा मन बेचैन सा है।
माँ ! सॉरी ... मैं आपकी बात किसी को नहीं बताऊँगी।
प्रिया का मन धक से रह गया। प्रिया ने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढांप लिया। ओह्ह्ह तो इसने सब देख लिया है, अब क्या करूँ?
माँ... कहा ना, किसी को नहीं बताऊंगी। प्लीज, मेरा यकीन करो ... एक बात कहूं माँ?
माँ ने शरम से दूसरी ओर अपना मुख फ़ेर लिया।
क्या कहना है बोल?
सुन्दर से मुझे भी चुदाना है ... प्लीज।
माँ ने आश्चर्य से राधा को देखा ... क्या कहा? सुन्दर से क्या?
मुझे उससे चुदना है ... वो जब मुझे गले लगाता है तो उसका लण्ड मेरी चूत से रगड़ खा जाता है तो बहुत गुदगुदी लगती है।
प्रिया के मन को एकदम से सुकून सा मिला। उसकी झिझक भी एकदम से दूर हो गई। वो मुस्करा उठी।
अपने आप उसे पटा, देखना बहुत मजा आयेगा। वो तो फिसलपट्टू है, फिर तुम दोनों तो दोस्त हो ना, कोई मुश्किल नहीं आयेगी। ऐसे पटाने से जिस्म में बहुत रंग में आ जाता है।
राधा अपनी माँ से लिपट गई।
फिर माँ तुम भी मस्ती से खूब चुदना और मैं भी खूब चुदाऊँगी। थेंक्स माँ।
दोनों माँ बेटी ने एक दूसरे को समझ लिया और उनमें फिर से प्रेम की धारा उमड़ पड़ी।
अब तो जब भी सुन्दर घर आता तो प्रिया उनको मिलने का मौका देने लगी। वो बाजार के बहाने या गोपाल के घर उससे मिलने चली जाती। सुन्दर के आते ही वो उसे हमेशा की तरह उसके गाल पर चुम्बन करती। फिर दोनों गप्पें मारते। आज भी सुन्दर घर आया तो राधा ने शरारत से बजाये उसके गाल को चूमने के उसके होंठो को चूम लिया। सुन्दर उसे देखता रह गया।
तुम्हारे नरम नरम होंठ कितने मीठे हैं राधा।
तुम्हारे भी होंठ मीठे हैं, तुम्हे नहीं पता क्या?
तो एक बार और कर लें !
अच्छा तो आ जाओ, पर धीरे से और मस्त हो कर तबीयत से करना।
राधा और सुन्दर दोनों पास पास आ गये। दोनों के दिलों में चोर था। दोनों एक दूसरे को पाने के लिये बैचेन थे। जब दोनों हो राजी तो क्या करेगा काजी। दोनों के होंठ जब एक दूसरे से टकराये ... तो वासना का उफ़ान जोर मारने लगा। दोनों के जिस्म तड़प उठे। दोनों ने एक दूसरे होंठ खूब चूसे। राधा ने तो अपनी जीभ सुन्दर के मुख में ही डाल दी और उसका पूरा मुख अन्दर से जीभ से रगड़ डाला। उफ़्फ़्फ़ ! सुन्दर का लण्ड टन्न करके खड़ा हो गया था। चिकनी चिकनी राधा का जवान शरीर सुन्दर के हाथों से दबाया जा रहा था। उसकी चिकनी सुघड़ जांघें ऊपर उठ कर सुन्दर की टांगों से लिपट चुकी थी। राधा ने बड़ी अदा से अपनी चूत को उसके लण्ड पर दबा दी और सिसकारी भरने लगी।
सुन्दर, तुम कितने अच्छे हो, तुम्हें खूब प्यार करने को मन करता है।
तुम तो मेरे मन की रानी हो, बचपन से तुम मेरे दिल में हो।
सुन्दर, प्लीज अपने मर्दाना हाथों से मेरा सीना कुचल दो, दबा दो हाय राम।
सुन्दर ने उसके मुलायम रेशमी बालों पर हाथ फ़ेरा और फिर हाथों को उसके कठोर सीने के उभारों पर रख कर उसे दबाने लगा।
सीऽऽऽऽऽऽ आह्ह्ह्ह्ह और दबाओ मेरी जान ... उस्स्स्स्स्स्स ... जरा जोर से तो दबाओ ... उईईईईईईईईई।
राधा ... प्लीज, मेरा लण्ड हाथ में लेकर मसल दो।
हाय रे, मेरे मीत ...ये लो।
राधा ने हाथ बढ़ा कर उसका लण्ड पकड़ लिया और उसे मसलने लगी। सुन्दर तड़प सा गया। उसने राधा को अपनी गोदी में उठा लिया और उसे लेकर राधा के बेडरूम में आ गया। सुन्दर ने राधा का टॉप ऊपर खींच लिया। बिना ब्रा के राध की चूचियाँ सीधे तनी हुई थी, एकदम उत्तेजना से कड़ी हो चुकी थी। चुचूक तो फ़ूल कर कड़क हो गये थे। सुन्दर ने उसका पंजाबी पजामा नीचे उतार दिया।
ओह्ह्ह ! तो पैंटी भी नहीं पहनी थी। आह्ह्ह ये काली काली झांटें ... लगा उसे मार ही डालेगी।
राधा को नंगी करके उसने बिस्तर पर लेटा दिया। सुन्दर ने अपनी पैन्ट नीचे उतार कर फ़ेंक दी और अपना कड़क लण्ड राधा के मुख से सामने हिलाने लगा। राधा अपना मुख का निशाना लण्ड पर साध रही थी और फिर सफ़ल भी हो गई। सुन्दर ने उल्टा होकर अपना लण्ड उसके मुख के हवाले कर दिया और लेट कर अपना मुख उसकी चूत में घुसा दिया। उसकी चूत की मधुर सुगंध से सुन्दर मुग्ध हो गया और जीभ के एक ही सड़ाके से उसकी चूत से रिसता हुआ पानी पी गया।
राधा आनन्द से उछल पड़ी। सुन्दर ने जोर लगा कर राधा के मुख में अपना पूरा लण्ड घुसेड़ दिया था और जोर जोर से उसके मुख को चोदने लगा। वो स्वयं भी उसकी चूत का रस जीभ अन्दर डाल कर चाट रहा था। उसका दाना हिला हिला कर उसे मदहोश कर रहा था।
राधा तो आनन्द से भरी हुई सिसक सिसक कर आहें भर रही थी। तभी सुन्दर उठा और प्यार से उसने राधा को अपनी बाहों में ले लिया।
तभी राधा ने पलटी मार कर कर सुन्दर को अपने नीचे दबा लिया। राधा जवान थी, उसमें भी ताकत थी। राधा उसके ऊपर चढ़ी हुई थी। वो उसकी जांघों पर बैठी हुई थी। उसका तना हुआ लण्ड अपने हाथ में लेकर सहला रही थी।लाल सुपाड़ा उफ़न रहा था। उसमें थोड़ी सी चिकनी क्रीम अन्दर से निकल कर उसे चिकना बना रही थी। राधा उसे देख कर बहुत खुश हो रही थी। उसने मुस्करा कर सुन्दर को देखा और अपनी चूत उठा कर हौले से उसके लण्ड के ऊपर रख दी।
अब बच कर कहाँ जाओगे राजा।
बताऊँ ! तुम्हारी प्यारी सी चूत में...
यह बात हुई ना ... प्यारे।
राधा ने अपनी चूत के दोनों पलकों को फ़ैलाया और उसका लाल सुपारा अपनी लाल सुर्ख चूत में मांस पर धीरे से रख दिया। फिर उसे छोड़ दिया।
अरे हिलो मत ... सीधे लेटे रहो ... अब मुझे तुम्हारी बजाना जो है।
आह्ह्ह राधा, जल्दी से चोदो ना ... देखो ना लण्ड कैसा हो रहा है।
जल्दी मत करो ... मजे ले ले कर मुझे चुदना है।
राधा ने धीरे से जोर लगाया। उसे आशा नहीं थी कि सुन्दर का लण्ड वास्तव में इतना मोटा है ! वो तो थोड़ा सा ही अन्दर घुसा। बहुत जोर से चूत की दीवारों से रगड़ खा गया। राधा के मुख से एक सिसकी निकल गई। वो सुन्दर का लण्ड चूत में फ़ंसाये हुये ही उसके ऊपर लेट गई और उसके मुख से अपना अपना मुख जोड़ लिया और एक दूसरे के मुख में जीभ डाल कर मस्ताने लगे। चूत में गुदगुदी तेज होने लगी। खुजली बढ़ने लगी। अपने आप ही राधा की चूत का दबाव लण्ड पर बढ़ गया और वो बहुत ही प्यार से अन्दर सरकने लगा।
खुजली और भी तेज होने लगी। सुन्दर का लण्ड तेज खुजली भरी मिठास से उबल रहा था। दोनों ही एक दूसरे पर जोर लगा कर लण्ड घुसाने में लगे थे। धीरे धीरे राधा की चूत में सुन्दर का मस्त लण्ड पैन्दे तक बैठ गया। पर अभी भी वो जोर से लण्ड को दबाये जा रही थी। उसे पता ही नहीं चला कि कब लण्ड सरकता हुआ पूरा ही अन्दर तक बैठ गया था।
ओह्ह्ह मेरे सुन्दर राजा ... कितना आनन्द आ रहा है। अब तक क्यों नहीं चोदा था मुझे?
अब राधा धीरे धीरे अपनी चूत को उसके लण्ड पर आगे पीछे घिसने लगी थी। बहुत तेज वासना उमड़ रही थी। अब राधा अपनी चूत उठा उठा कर उसके लण्ड पर झटके मार रही थी। काफ़ी देर तक अपनी चूत उसके लण्ड पर वो रगड़ती रही। वो धीरे धीरे चरम सीमा पर पहुँचने लगी। उसके मुख से अब जोर जोर से आहें निकलने लगी थी। फिर एकाएक उसकी चूत सुन्दर के लण्ड पर जोर लगा कर दबाने लगी।
उंह्ह्ह्ह, मम्मी ... मर गई ... सुन्दर गई मैं तो ... हाय रे ... दबा दे मुझे ... ओह्ह्ह्ह आह्ह्ह चुद गई रे...
सुन्दर उसकी कामपीड़ा भरी आहें सुनकर नीचे से जोर जोर से उछल उछल कर शॉट मारने लगा। राधा का बदन एक बार तड़पा, फिर बल सा खा गया।
माँ रेऽऽऽऽऽऽऽ मेरा तो निकल गया।
उफ़्फ़.
राधा धीरे धीरे निढाल होती जा रही थी। उसका बदन शिथिल होता जा रहा था।
राधा की माँ उसे चुदता हुआ देख रही थी। वो बार बार दरवाजे से दोनों की चुदाई देखती और अपनी चूत दबा कर वो मुस्करा कर वापस बगीचे में आ जाती।
फिर माँ ने दरवाजा की घण्टी बजाई और आवाज लगाई।
राधा ... कहां चली जाती है ... यह सामान रसोई में रख दे।
फिर प्रिया मन ही मन आनन्द से मुस्कराती हुई अपने कमरे में चली आई।
राधा ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और सुन्दर को भी कपड़े पहना कर बाहर भेज दिया।
आ गई माँ ... क्या क्या ले आई?
अरे सुन्दर यहीं है अब तक? अब खाना यहीं खा कर जाना।
नहीं आण्टी ... अभी तो गोपाल के यहाँ भी जाना है ।
कह कर सुन्दर तो चला गया। राधा माँ से लिपट पड़ी।
मजा आ गया माँ ... क्या चोदता है साला ... मस्त लण्ड है उसका तो।
मुझे पता है, उस दिन तो तो सुन्दर ने मुझे रात भर चोदा था। मस्त मोटा लण्ड है उसका।
ओह्ह माँ ... मस्त चुदाई करता है ... उससे शादी करा दो माँ ... प्लीज मान जाओ ना।
अरे चुप ! चुदैल रण्डी, इतनी आग लगी है तेरी चूत में?
उफ़्फ़्फ़ ! माँ, साला सोलिड चीज है। मन तो मेरा गोपाल पर था, पर ये बढ़िया चोदेगा, मस्त हो कर चुदाऊंगी मम्मी। प्लीज मेरी प्यारी मम्मी ... शादी करवा दो ना।
प्रिया को तो जैसे मन मांगी मुराद मिल रही थी। एक ही घर में रह उसकी चुदाई भी तो मानो दहेज में हो जायेगी।
कहानी के कई भाग हैं।
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women
No comments:
Post a Comment