रूचि की मस्त गांड--1
दोस्तों, पिछले अंक में मैंने आपको स्वाति की चुदाई की कहानी सुनाई थी.
स्वाति का पहला टाइम था और अपुन इस टाइम तक एकदम एक्सपर्ट हो चुके थे.
स्वाति की चुदाई उसके बाद भी बहुत बार हुई, लेकिन मेरे स्मृति-पटल पे
सबसे साफ़ तस्वीर सिर्फ २-३ बार की है, पहली बार वाली, एक बार जब मैंने
पहली बार २ लड़कियों को एक साथ चौदा था और एक बार जब हम एक स्विंगर क्लब
गए थे. मैं कोई कासानोवा तो नहीं, लेकिन चुदाई के मामले में मेरी किस्मत
बहुत अच्छी रही है. शायद इसलिए कोई लड़की मेरे साथ शादी करने को तैयार
नहीं होती क्यूंकि उनके लिए मैं सिर्फ एक मजे का जरिया हूँ. मुझे ऐसी कोई
शिकायत फिलहाल तो नहीं है, जब होगी, तब देखा जाएगा. अभी तो मैं सिर्फ
भगवान् को धन्यवाद ही दे सकता हूँ मुझे कामदेव का अवतार बनाने के लिए.
स्वाति के साथ मैंने मुश्किल से एक साल गुजारा होगा के उसने मुझे छोड़ के
किसी और का हाथ पकड़ लिया और उससे शादी भी कर डाली. खैर, मेरा एक ही
सन्देश है उस के लिए के – जब याद तुम्हारी आती है, उठ उठ मारा करते हैं.
लेकिन मैं ये बात भी साफ़ कर दूं के ना तो स्वाति मुझ से चुदने वाली पहली
लडकी थी और ना आख़री. वैसे मैं थोड़े में संतोष करने वाला प्राणी हूँ, जब
लड़कियां न मिलें तो कॉल गर्ल्स से भी गुजारा किया है मैंने. उनके किस्से
भी जैसे जैसे मौके मिलते रहेंगे, आप को ज़रूर सुनाऊंगा.
इस बार मैं अपने दोस्त की गर्ल फ्रेंड के साथ पहली बार चुदाई की कहानी
सुनाऊंगा. आप को शायद याद हो, पिछली कहानी में मेरा स्वाति से परिचय मेरे
दोस्त की गर्ल फ्रेंड रूचि ने करवाया था. अब मैं बहुत फक्र से तो नहीं कह
सकता के मैंने अपने दोस्त की गर्ल फ्रेंड को पेला, लेकिन कम से कम शुरुआत
मैंने नहीं की थी. अब मेरा दोस्त और रूचि आपस में शादी-शुदा हैं, मेरे
साथ कोई बोलचाल भी नहीं है, तो उतना बुरा नहीं लगता. खैर, मैं भी कहाँ
सफाइयां देने लगा, आप लोग भी बोर हो रहे होंगे, मैं अपनी कहानी शुरू करता
हूँ.
मैंने रूचि को मेरे दोस्त की गर्ल फ्रेंड बनने से पहले भी देखा था, लेकिन
तब वो काफी छोटी थी, १७-१८ साल की उम्र में कॉलेज में आयी थी. मेरे दोस्त
ने बहुत पीछा किया. मेरी उससे तमीज़ से मुलाक़ात कोई २ साल बाद हुई थी,
मेरे दोस्त के अपार्टमेन्ट पे. दोनों साथ में काफी खुश दीखते थे और दोनों
का ही लॉन्ग-टर्म का प्लान था. रूचि काफी सुन्दर भी थी और काफी फ्रेंडली
भी. फोटो में या फिल्म में चिपकना कोई बड़ी बात नहीं थी. मैं ठहरा छोटे
शहर वाला आदमी, छोटी बुद्धि. जब भी फोटो खिंचवाने में वो मेरा बाजू पकड़
के खड़ी होती तो उसका मम्मा मेरे बाजू को छू जाता और मेरा लंड फुन्फकारें
मारने लगता. उसकी गांड पर हमेशा मेरा ख़ास ध्यान रहता था. रूचि की गांड
के नाम की बहुत मुटठ खराब की लेकिन कभी कोई संगीन इरादा नहीं बनाया चुदाई
का. वो सब कुछ एक दिनों में बदल गया जब उसने मेरी मुलाक़ात स्वाति से
करवाई. मैंने स्वाति की कैसे चुदाई की, उसकी कहानी तो आप से छिपी नहीं
है, अब मैं आगे की कहानी बयान करता हूँ. कभी वक़्त मिलेगा तो उससे पहले
की कहानी भी सुनाऊंगा. वैसे मित्रों, क्षमा करना, अगर मेरी हिंदी टाइपिंग
में थोड़ी गलतियाँ हों. मुझे लोगों से चोरी छिपे अपनी डायरी लिखनी पड़ती
है.
तो दोस्तों, उस शनिवार की चुदाई के बाद स्वाति मेरे यहाँ ही सो गयी.
लेकिन उसकी शर्म की हद ये के चूत चुदवा के चोदु के साथ सो रही है और कपडे
पहन के! उस रात लौड़े में २-३ बार उफान आया और मैंने लौड़ा स्वाति की
गांड पे रगडा, लेकिन स्वाति को नींद ज्यादा प्यारी थी. सुबह के ५ बजे
होंगे के लौड़े से और रहा नहीं गया. मैं खड़ा हुआ और अपना खड़ा लंड निकाल
के स्वाति के होंठों पे रख दिया. स्वाति ने ज़रा ज़रा आँखें खोली लेकिन
बिलकुल आश्चर्य ना जताया और मुंह खोल के लौड़े का सुपाडा मुंह में ले
लिया और हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया. उसके नर्म नर्म हाथ लौड़े के सामने
एकदम छोटे छोटे लग रहे थे. फिर उसने अपनी जीभ को थोड़ी देर सुपाड़े पे
फिराया और अपने हाथ से लौड़े को दबाते हुए ऊपर की चमड़ी को आगे से पीछे
ले गयी. मेरा सुपाड़ा एकदम सख्त हो गया. मैंने आँखें बंद करके अपना मुंह
ऊपर कर लिया और मेरे मुंह से एक आह निकल पडी. स्वाति लौड़े को मुंह में
लिये लिये बैठ गयी. फिर उसने लौड़ा चूसना शुरू कर दिया और अपने हाथ से
मेरे लंड को मुठीयाने लगी. थोड़ी देर में उसने लौड़े को मुंह से निकाला
और अपनी जीभ से लौड़े के सुपाडे पे फिराने लगी. फिर वो लौड़े को पकडे
पकडे अपनी जीभ को सुपाडे से नीचे दोडाते हुए टटटों तक ले गयी और फिर
वापिस अपनी जीभ फिराते और सुपाडे को मुंह में भर लिया.
मैंने सोचा, इसने चुदाई तो नहीं करवाई, लेकिन लौड़ा ज़रूर चूसा है. या हो
सकता है कोई ब्ल्यू फिल्म देख के सीखी हो. खैर, मेरा लंड पानी पानी हुआ
जा रहा था. मैंने अपनी कमर एक और मोड़ के नीचे झुक के उसका चूचा पकड़
लिया. स्वाति और जोर जोर से चूसने लगी और अपने हाथ से और जोर जोर से
लौड़े को मुठीयाने लगी. मेरा वीर्य विसर्जन हो ही जाता अगर मैं उसका हाथ
ना रोकता. मैंने उसका हाथ हटाया और बोला – मुंह से चूसो ना,हाथ से तो मैं
भी मुटठ लगा लेता हूँ. वो मुस्कराई के नहीं, पता नहीं क्यूंकि उसके छोटे
से मुंह में मेरा मोटा लंड घुसा बैठा था, लेकिन उसकी आँखों की शरारत से
लगा के अब वो सिर्फ लौड़ा चूसने वाली है. मैंने उसका मम्मा जोर से भींच
रखा था और दूसरा हाथ उसके सर के पीछे लगा के लौड़ा उसके मुंह में और
घुसाने का प्रय्तन किया, लेकिन आधे से ज्यादा उसने घुसने ना दिया. बड़ी
ज़ोरों से लौड़ा चूस चूस से वो बीच बीच में मुंह से निकाल लेती और लौड़े
के इर्द गिर्द किस्स करने लगती. जैसे जैसे मेरा लौड़ा वीर्य निकालने के
नज़दीक आता रहा, मेरा मम्मे पे दबाव बढ़ता रहा. जैसे ही माल निकलने वाला
था, मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह से निकाला और जोर से चूचा दबाया और दुसरे
हाथ से उसके बाल खींच डाले. इस बार पिचकारी सीधे आँखों में जा गिरी.
मैंने उसके नर्म गालों, होठों और यहाँ तक के नाप पे भी लौड़ा रगडा और
वापिस मुंह में डाल दिया. जब तक उसका लौड़ा चूसना सहन हुआ, चूसाता रहा और
फिर निकाल लिया. वो एक हाथ से अपनी आँख को ढके बैठी थी. हाथ हटाया तो
देखा के उसकी बांयीं आँख में मेरा वीर्य भरा हुआ था. उसने आँख बंद कर रखी
थी. फिर वो साफ़ करने के लिये उठ खड़ी हुई और नाहक ही बिगड़ने लगी. थोड़ी
देर बाद बोली – ओह, रूचि दोपहर तक घर से वापिस आ जायेगी. मुझे वापिस जाना
पड़ेगा, उसे पता नहीं चलना चाहिए के मैं यहाँ सोयी थी. मैंने बहुत मनाने
की कोशिश की के लंड एक दो घंटे में फिर टनाटन हो जाएगा और एक और राउण्ड
का समय है, लेकिन मेरी एक ना चली और मुझे उसे वापिस छोड़ के आना पड़ा.
अगले दिन सुबह जोग्गिंग जाने का प्रोग्राम बना. ये प्रोग्राम अगले एक साल
तक बीच बीच में बनता ही रहा. लेकिन सुबह जब मैं उसके घर के सामने पहुंचा
तो वो अकेली नहीं, रूचि भी स्वाति के साथ थी. मैंने थोडा आश्चर्यचकित रह
गया. मैंने रूचि को कभी ऐसे नहीं देखा था – ग्रे रंग की सपोर्ट ब्रा और
एकदम टाईट छोटी सी काली शोर्ट्स. स्वाति ने भी टाईट टी-शर्ट और जोग्गिंग
लोअर पहन रखा था. स्वाति बोली के रूचि भी साथ आना चाहती थी. मैंने कहा,
के ये तो और भी बढ़िया है. रूचि से थोडा शर्मा भी रहा था के कंही उसकी
गांड पे घूरता ना पकड़ा जाऊं. रूचि बोली- "क्या बात है, क्या बात है.
मिले हुए २ दिन ही हुए और साथ साथ जोग्गिंग भी शुरू कर दी." मैंने सोचा-
"जोग्गिंग क्या है मेरी जान, चुदाई भी शुरू कर दी. २ छेदों में तो घुसा
चुका हूँ, बस गांड बाकी है." लेकिन साथ में ये भी सोचता रहा के स्वाति ने
शनिवार रात के बारे में कितना कुछ बताया है. मैं खुद से बताना नहीं चाहता
था के हम लोग अब बॉय-फ्रेंड गर्ल-फ्रेंड हैं. हिन्दुस्तानी लड़कियों को
ना जाने क्यों खुले आम ये बताने में दिक्कत होती है के हम अब बॉय-फ्रेंड
गर्ल-फ्रेंड हैं, भले ही आयी रात चुदाई होती हो. या तो सिर्फ दोस्त या
सीधे मंगेतर. सो, मुझे पता नहीं था के स्वाति ये बात पब्लिक के सामने
बताना चाहती है के नहीं, सो चुप रहा. कहीं चुदाई से भी हाथ धो बैठूं. कम
से कम रूचि को इस तरह की कोई प्रोबलम नहीं थी. ये बात और है के उसके
बॉय-फ्रेंड ने मुझे कभी ये नहीं बताया के वो चुदाई करते हैं के नहीं,
लेकिन इतनी माल लड़की को जो ना चोदे, वो मूर्ख है. अपने दोस्त से मुझे
इतनी तो उम्मीद थी के आनंद उठा रहा होगा. लेकिन प्यार में लोग अक्सर
मूर्ख बन जाते हैं. ये बात मेरी समझ में कभी नहीं आयी क्यूंकि मेरा सारा
ध्यान हमेशा एक ही तरफ रहता था. मैं ऐसे ही सोचों में खोया था के रूचि ने
मुझे जगाया, "क्या हुआ, मैं तो मजाक कर रही थी", वो बोली. इससे पहले
मैंने कभी ध्यान नहीं दिया था के उसकी आवाज़ भी इतनी सेक्सी थी – एकदम
अलीशा चिनॉय के जैसे, के आवाज़ सुन के ही खड़ा हो जाए. मैं दिमाग में
तस्वीरें बनाने लगा के बोलेगी – "हाँ हाँ, और जोर से, गांड में घुसाओं,
जल्दी, आह, .., सी सी" तो कितना मज़ा आएगा. लंड में हलचल होने लगी, लेकिन
मैंने सोचा के अब छुपाने की क्या ज़रुरत है, एक लडकी तो काबू में है ही.
लौड़े को खड़ा देख के शायद इसका भी दिल मचल जाए. दिल मचला के नहीं, पता
नहीं, शायद मेरे ख्यालों में ही मेरा लंड इतना बुरी तरह खड़ा था के बाहर
से नज़र आ जाए.
सो, हम लोगों ने जोग्गिंग शुरू की. पहले तो हम साथ साथ थे, अपनी कनखियों
से दोनों प्यारी प्यारी लड़कियों के गोल गोल मम्मे उछलते देख के एकदम दिल
हलक तक आ गया था. आगे गली में थोड़ी कम जगह थी, हमारी बाजूएँ एक दुसरे से
बीच में छु जाने लगी. मैं पीछे हो लिया. अब मेरे आगे आगे दो एकदम खूबसूरत
कन्याएं अपनी गांड मटका मटका के जोग्गिंग कर रही थी. मेरी नज़र कभी एक
गांड पे कभी दूसरी पे. रूचि की गांड एकदम टाईट लग रही थी और लम्बी चीकनी
टांगें एकदम जैसे लौड़े को आमंत्रण दे रही थी. बाजू सेजाती हुई एक कार
वाले ने शायद मेरी एकटक नज़र देख के जोर से होर्न बजाया. "क्या पीछे से
हमे देख के मजे ले रहे हो?" रूचि ने फिर मेरी सोच भंग की. मैं थोडा
शरमाया और मेरा चेहरा शायद लाल हो गया. रूचि फिर बोली -" अरे अरे, मैं तो
मजाक कर रही थी". मैं मुस्कराया तो बोली – "कोई नहीं, ले लो मजे". अपना
राऊंड पूरा करके उन को उनके घर छोड़ के मैं वापस अपने घर आ गया. हमेशा की
तरह क्लास जाने का मन नहीं था.
घर बैठे बैठे मैं बार बार रूचि की गांड के बारे में सोचता रहा. रूचि ने
पहले कभी मेरे साथ फ्लर्ट नहीं किया था, इसलिए जो उस ने बोला, उसके बारे
में सोच सोच के लंड खड़ा करता रहा. हमे फ्लर्ट करने के ज्यादा मौके भी
नहीं मिले थे, ज्यादातर उसका बॉय-फ्रेंड करण साथ रहता था. मैंने काफी
कोशिश की के रूचि की गांड का ख्याल अपने दिल से निकाल दूं, लेकिन नाकाम
रहा. जैसे ही आँखें बंद करता, उसकी गांड मेरे सामने आके मचलने लगती और
रूचि की आवाज़ मेरे कानों में गूंजने लगती – ले लो, ले लो मजे. किसी
दोस्त से मैंने कभी धोखा नहीं किया था, ख़ास तौर पे लड़कियों के पीछे.
फिर सोचा के अगर रूचि गांड मरवाने पे आमादा ही है, तो किसी और से
मरवाएगी. उलझन में मैंने पूरा दिन निकाल दिया. शाम को दोस्तों से मिला,
लेकिन खराब मूड में. दोस्तों ने समझा के मैं स्वाति पे सेंटी हूँ, इसलिए
ऐसे उखड़ा हुआ हूँ.
अगले कुछ दिन ऐसे ही गुजरे, सुबह हम लोग जोग्गिंग पे जाते, रूचि साथ आ
जाती और मेरे आगे आगे दौड़ने लगती. मैं उसकी गांड पे घूरने लगता और वो
फ्लर्ट करने लगती, वो भी स्वाति के सामने. मुझे और स्वाति को पूरे हफ्ते
ज्यादा मौका नहीं मिल पाया चुदाई का. अब मुझे एक बात और खटकने लगी के करण
साथ में क्यूँ नहीं आता. दिन में जब मिलता तो उसने कभी सुबह की जोग्गिंग
के बारे में कभी बात नहीं की. "हम्म, तो रूचि ने इसे बताया नहीं है",
मैंने सोचा.
बहुत लम्बी चौड़ी बात न बताते हुए मैं सिर्फ इतना बताता हूँ के इस बार
वीकेंड पे स्वाति का नंबर था घर जाने का, सो रूचि अपने यहाँ अकेली थी.
मुझे ये बोल के बुला लिया के बोर हो रही हूँ, टीवी पे मूवी देखते हैं.
मैं लंड उठा के पहुँच गया. शाम का समय था और रूचि ने सोने जैसा माहौल बना
रखा था. एकदम पारदर्शी नाईटी में उसकी ब्रा और पेंटी साफ़ नज़र आ रही थी.
हम लोग फिल्म देखने बैठे तो एकदम चिपक कर बैठ गयी. अपने मम्मे मेरे
बाजूओं से सटा कर. मेरा लंड खड़ा हो गया और जींस के ऊपर से भी नज़र आने
लगा. रूचि बोली- सब नज़र आ रहा है, और हंसी. फिर उसने खुद ही अपना हाथ
मेरे लंड पे रख दिया और ऊपर ऊपर से सहलाने लगी. लौड़ा सख्त होता गया.
मैंने भी अपना हाथ उसकी कमर में दाल के नीचे की और ले जाते हुए उसका
कूल्हा पकड़ लिया. बरसों से उसकी गांड के नाम की मुठ लगाने के बाद आज
पहली बार हाथ में आयी थी. मैंने अपना हाथ उसके कुल्हे के नीचे घुसाने की
कोशिश की तो उसने अपना कूल्हा उठाया ताकि मेरा हाथ अन्दर घुस पाए. मैंने
अपना हाथ पूरा उसके कूल्हे के नीचे डाल दिया और जोर जोर से दबाने लगा.
रूचि सिस्कारियां भरने लगी और मेरे लौड़े को दबाने लगी. फिर उसने मेरी
पेंट की चेन खोल के टटोला और मेरी चड्ढी में हाथ डाल के लंड बाहर निकल
लिया. फिर उसके होंठ मेरे लौड़े से लिपट गए और मैं ज़ोरों से उसकी गांड
दबाने लगा. दूसरे हाथ से मैंने उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए. वो लौड़ा
चूसती रही और मैंने उसके गाऊन में हाथ डाल के उसकी ब्रा खोल दी. फिर उसकी
ब्रा ऊपर सरका के मैंने उसके दोनों निप्पलों पे जोर से चुंटी लगा दी.
"उफ़, मत करो, दर्द हो रहा है" रूचि बोली तो मैंने अपने एक हाथ से उसके
दोनों मम्मों को साथ साथ पकड़ के आपस में मिलाने की कोशिश की. उसके
निप्प्ल एकदम रेशम की तरह चिकने और नर्म थे. मैं बोला – रूचि, तेरे मम्मे
बहुत मस्त हैं. "हें हें हें, तुम्हारा लंड भी बड़ा मस्त है", वो बोली.
उसके मुंह से ऐसे शब्द सुन के मैं हैरान भी हुआ और खुश भी हुआ. मैंने
उसको खड़ा करके एकदम नंगा कर दिया और अपने कपडे भी उतार फेंके. अब मेरी
झिझक भी खुल गयी थी
क्रमशः................
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,
No comments:
Post a Comment