उफफफफफफफ्फ़ ये जवानी --2
गतान्क से आगे ...........
मैने हां में सिर हिला कर उसकी बात का समर्थन किया और बदस्तूर लंड को
चूस्ति रही. अब मैं पूरी तरह खुल गयी थी और चुदाई का आनंद लेने का इरादा
कर चुकी थी. वो मेरे मूह में धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. मैने अंदाज़ा
लगा लिया कि ऐसे ही धक्के वो चुदाई के समय भी लगाएगा.चुदाई के बारे में
सोचने पर मेरा ध्यान अपनी चूत की ओर गया, जिसे अभी उसने निवस्त्र नहीं
किया था. जबकि मुझे चूत में भी हल्की हल्की सिहरन महसूस होने लगी थी. मैं
कुछ ही देर में थकान का अनुभव करने लगी. लंड को मूह में लिए रहने में
परेशानी का अनुभव होने लगा. मैने उसे मूह से निकालने का मन बनाया मगर
उसका रोमांच मुझे मूह से निकालने नहीं दे रहा था. मूह तक गया तो मैने उसे
अंदर से तो निकाल लिया मगर पूरी तरह से मुक्त नहीं किया. उसके सुपादे को
होंठो के बीच दबाए उस पर जीभ फेरती रही. झिझक ख़त्म हो जाने के कारण मुझे
ज़रा भी शर्म नहीं लग रही थी.
तभी वो बोला, "हाई मेरी जान, अब तो मुक्त कर दो, प्लीज़ निकाल दो ना."
वो मिन्नत करने लगा तो मुझे और भी मज़ा आने लगा और मैं प्रयास करके उसे
और चूसने का प्रयत्न करने लगी. मगर थकान की अधिकता हो जाने के कारण, मैने
उसे मूह से निकाल दिया. उसने एका एक मुझे धक्का दे कर गिरा दिया और मेरी
जीन्स खोलने लगा और बोला,"मुझे भी तो अपनी उस हसीन जवानी के दर्शन करा
दो, जिसे देखने के लिए मैं बेताब हूँ."
मैं समझ गयी कि वो मेरी चूत को देखने के लिए बेताब था. और इस एहसास ने कि
अब वो मेरी चूत को नंगा करके देख लेगा साथ ही शरारत भी करेगा. मैं रोमांच
से भर गयी. मगर फिर भी दिखावे के लिए मैं मना करने लगी. वो मेरी जीन्स को
उतार चूकने के बाद मेरी पॅंटी को खींचने लगा तो मैं बोली, "छ्चोड़ो ना !
मुझे शर्म आ रही है."
"लंड मूह में लेने में शर्म नहीं आई और अब मेरा मन बेताब हो गया है तो
सिर्फ़ दिखाने में शर्म आ रही है." वो बोला. उसने खींच कर पॅंटी को उतार
दिया और मेरी चूत को नंगा कर दिया. मेरे बदन में बिजली सी भर गयी. यह
एहसास ही मेरे लिए अनोखा था उसने मेरी चूत को नंगा कर दिया था. अब वो चूत
के साथ शरारत भी करेगा.वो चूत को छूने की कोशिश करने लगा तो मैं उसे
जाँघो के बीच च्चिपाने लगी. वो बोला, "क्यों च्छूपा रही हो. हाथ ही तो
लगाउन्गा. अभी चूमने का मेरा इरादा नहीं है. हां अगर प्यारी लगी तो ज़रूर
चूमूंगा."
उसकी बात सुनकर मैं मन ही मन रोमांच से भर गयी. मगर प्रत्यक्ष में बोली,
"तुम देख लोगे उसे, मुझे दिखाने में शर्म आ रही है. आँख बंद करके च्छुओगे
तो बोलो."
"ठीक है ! जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. मैं आँख बंद करता हूँ, तुम मेरा हाथ
पकड़ कर अपनी चूत पर रख देना."
मैने हां में सिर हिलाया. उसने अपनी आँख बंद कर ली तो मैं उसका हाथ
पकड़ कर बोली, "चोरी छिपे देख मत लेना, ओके, मैं तुम्हारा हाथ अपनी चूत
पर रख रही हूँ."
मैने चूत पर उसका हाथ रख दिया. फिर अपना हाथ हटा लिया. उसके हाथ का
स्पर्श चूत पर लगते ही मेरे बदन में सनसनाहट होने लगी. गुदगुदी की वजह से
चूत में तनाव बढ़ने लगा. उस पर से जब उसने चूत को च्छेड़ना शुरू किया तो
मेरी हालत और भी खराब हो गयी. वो पूरी चूत पर हाथ फेरने लगा. फिर जैसे ही
चूत के अंदर अपनी उंगली घुसाने की चेष्टा की तो मेरे मूह से सिसकारी निकल
गयी. वो चूत में उंगली घुसाने के बाद चूत की गहराई नापने लगा. मुझे इतना
मज़ा आने लगा कि मैने चाहते हुए भी उसे नहीं रोका. उसने उंगली चूत की
काफ़ी गहराई में घुसा दी थी.
मैं लगातार सिसकारी ले रही थी. मेरी कुँवारी और नाज़ुक चूत का कोना कोना
जलने लगा. तभी उसने एक हाथ मेरी गांद के नीचे लगाया कमर को थोड़ा ऊपर
करके चूत को चूमना चाहा. उसने अपनी आँख खोल ली थी और होंठों को भी इस
प्रकार खोल लिया था जैसे चूत को होंठो के बीच में दबाने का मन हो. मेरी
हल्की झांतो वाली चूत को होंठों के बीच दबा कर जब उसने चूसना शुरू किया
तो मैं और भी बुरी तरह च्चटपटाने लगी. उसने कस कस कर मेरी चूत को चूसा और
चंद ही पॅलो में चूत को इतना गरम कर डाला कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और
होंठो से कामुक सिसकारी निकालने लगी. इसके साथ ही मैं कमर को हिला हिला
कर अपनी चूत उसके होंठों पर रगड़ने लगी.
उसने समझ लिया कि उसके द्वारा चूत चूसे जाने से मैं गरम हो रही हूँ. सो
उसने और भी तेज़ी से चूसना शुरू किया साथ ही चूत के सुराख के अंदर जीभ
घुसा कर गुदगुदाने लगा. अब तो मेरी हालत और भी खराब होने लगी. मैं ज़ोर
से सिसकारी ले कर बोली, "शिवम ये क्या कर रहे हो. इतने ज़ोर से मेरी चूत
को मत चूसो और ये तुम छेद के अंदर गुदगुदी……. ऊउउउईईई….. मुझसे बर्दस्त
नहीं हो पा रहा है. प्लीज़ निकालो जीभ अंदर से, मैं पागल हो जाउन्गि."
मैं उसे निकालने को ज़रूर कह रही थी मगर एक सच यह भी था कि मुझे
बहुत मज़ा आ रहा था. चूत की गुदगुदाहट से मेरा सारा बदन काँप रहा था.
उसने तो चूत को छेड़ छेड़ कर इतना गरम कर डाला कि मैं बर्दस्त नहीं कर
पाई. मेरी चूत का भीतरी हिस्सा रस से गीला हो गया. उसने कुच्छ देर तक चूत
के अंदर तक के हिस्से को गुदगुदाने के बाद चूत को मुक्त कर दिया. मैं अब
एक पल भी रुकने की हालत में नहीं थी. जल्दी से उसके बदन से बदन से लिपट
गयी और लंड को पकड़ने का प्रयास कर रही थी कि उसे चूत में डाल लूँगी कि
उसने मेरी टाँगो को पकड़ कर एकदम ऊँचा उठा दिया और नीचे से अपना मोटा लंड
मेरी चूत के खुले हुए च्छेद में घुसाने की कोशिश की. वैसे तो चूत का
दरवाज़ा आम तौर पर बंद होता था. मगर उस वक़्त क्योंकि उसने टाँगो को ऊपर
की ओर उठा दिया था इसलिए छेद पूरी तरह खुल गया था. रस से चूत गीली हो रही
थी. जब उसने लंड का सुपाड़ा छेद पर रखखा तो ये भी एहसास हुआ की छेद से और
भी रस निकालने लगा. मैं एक पल को तो सीसीया उठी. जब उसने चूत में लंड
घुसाने की बजाए हल्का सा रगड़ा. मैं सिसकारी लेकर बोली, "घुसाओ जल्दी
से………. देर मत करो प्लीज़…………….."
उसने लंड को चूत के छेद पर अड़ा दिया. पहली बार मुझे ये एहसास हुआ कि
मेरी चूत का सुराख उम्मीद से ज़्यादा ही छ्होटा है. क्योंकि लंड का
सुपाड़ा अंदर जाने का नाम ही नहीं ले रहा था. मेरी हालत तो ऐसी हो चुकी
थी कि अगर उसने लंड जल्दी अंदर नहीं किया तो शायद मैं पागल हो जाऊं. वो
अंदर डालने की कोशिश कर रहा था.मैं बोली,"क्या कर रहे हो जल्दी घुसाओ ना
अंदर. उूउउफफफफफफ्फ़ उूउउम्म्म्ममम अब तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
प्लीज़ जल्दी से अंदर कर दो."
वो बार बार लंड को पकड़ कर चूत में डालने की कोशिश करता और बार बार लंड
दूसरी तरफ फिसल जाता. वो भी परेशान हो रहा था और मैं भी. मैं सीसीयाने
लगी, क्योंकि चूत के भीतरी हिस्से में ज़ोरदार गुदगुदी सी हो रही थी. मैं
बार बार उसे अंदर करने के लिए कहे जा रही थी. वो प्रयास कर तो रहा था मगर
लंड की मोटाई के कारण चूत के अंदर नहीं जा पा रहा था. तभी उसने कहा,
"उफफफफफफफ्फ़ तुम्हारी चूत का सुराख तो इस कदर छ्होटा है कि लंड अंदर
जाने का नाम ही नहीं ले रहा है मैं क्या करूँ?"
"तुम तेज़ झटके से घुसाओ अगर फिर भी अंदर नहीं जाता है तो फाड़ दो मेरी
चूत को." मैं जोश में आ कर बोल बैठी. मेरी बात सुनकर वो भी बहुत जोश में
आ गया और उसने ज़ोर का धक्का मारा. एकदम जानलेवा धक्का था, भकक से चूत के
अंदर लंड का सुपाड़ा समा गया, इसके साथ ही मेरे मूह से चीख भी निकल गयी.
चूत की ओर देखा तो पाया कि बीच से फट गयी थी और खून निकल रहा था. खून
देखने के बाद तो मेरी घबराहट और बढ़ने लगी मगर किसी तरह मैने अपने आप पर
काबू किया.
उसके लंड ने चूत का थोड़ा सा ही सफ़र पूरा किया था और उसी में मेरी हालत
खराब होने लगी थी. चूत के एकदम बीचो बीच धंसा हुआ उसका लंड ख़तरनाक लग
रहा था. मैं दर्द से कराह-हते हुए बोली, "माइ गॉड ! मेरी चूत तो सचमुच फट
गयी उफफफफफफफफफ्फ़ दर्द सहन नहीं हो रहा है. अगर पूरा लंड अंदर घुसाओगे
तो लगता है मेरी जान ही निकल जाएगी."
"नहीं यार! मैं तुम्हे मरने थोड़े ही दूँगा." वो बोला और लंड को हिलाने
लगा तो मुझे ऐसा अनुभव हुआ जैसे चूत के अंदर बवंडर मचा हुआ हो. जब मैने
कहा कि थोड़ी देर रुक जाओ, उसके बाद धक्के मारना तो उसने लंड को जहाँ का
तहाँ रोक दिया और हाथ बढ़ा कर मेरी चूची को पकड़ कर दबाने लगा. चूची में
कठोरता पूरे शबाब पर आ गयी थी और जब उसने दबाना शुरूकिया तो मैने चूत की
ओर से कुच्छ राहत महसूस की. कारण मुझे चूचियों का डबवाया जाना अच्छा लग
रहा था. मेरा तो यहा तक दिल कर रहा था की वो मेरे निपल को मूह में लेकर
चूस्ता. इससे मुझे आनंद भी आता और चूत की ओर से ध्यान भी बाँट-ता. मगर
टाँग उसके कंधे पर होने से उसका चेहरा मेरे निपल तक पहुँच पाना एक प्रकार
से नामुमकिन ही था.
तभी वो लंड को भी हिलाने लगा. पहले धीरे धीरे उसके बाद तेज़ गति से.
चूची को भी एक हाथ से मसल रहा था. चूत में लंड की हल्की हल्की
सरसराहट अच्छी लगने लगी तो मुझे आनंद आने लगा. पहले धीरे और उसके
उसने धक्को की गति तेज़ कर दी. मगर लंड को ज़्यादा अंदर करने का प्रयास
उसने अभी नहीं किया था. एका एक शिवम बोला, "तुम्हारी चूत इतनी कमसिन और
टाइट है कि क्या कहूँ?"
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुरा कर रह गयी. मैने कहा, "मगर फिर भी तो तुमने
फाड़ कर लंड घुसा ही दिया."
"अगर नहीं घुसाता तो मेरे ख़याल से तुम्हारे साथ मैं भी पागल हो जाता."
मैं मुस्कुरा कर रह गयी.वो तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगा था. अब
चूत में दर्द अधिक तो नहीं हो रहा था हां हल्का हल्का सा दर्द उठ रहा था.
मगर उससे मुझे कोइ परेशानी नहीं थी. उसके मुक़ाबले मुझे मज़ा आ रहा था.
कुछ देर में ही उसने लंड को थेल कर काफ़ी अंदर कर दिया था. उसके बाद भी
जब और थेल कर अंदर घुसाने लगा तो मैं बोली, "और अंदर कहाँ करोगे, अब तो
सारा का सारा अंदर कर चुके हो. अब बाकी क्या रह गया है?"
"एक इंच बाकी रह गया है." कहते ही उसने मुझे कुछ बोलने का मौका दिए
बगैर ज़ोर से झटका मार कर लंड को चूत की गहराई में पहुँचा दिया.
मैं चिहुनक कर रह गयी. उसके लंड के ज़ोरदार प्रहार से मैं मस्त हो कर रह
गयी थी. ऐसा आनंद आया कि लगा उसके लंड को चूत की पूरी गहराई में दाखिल
करवा ही लूँ. उसी में मज़ा आएगा. यह सोच कर मैने कहा, "हाऐईयईईई…… और
अंदर…….. घुसाआअऊऊऊ. गहराई में पहुँचा दो."
उसने मेरी जाँघो पर हाथ फेरा और लंड को ज़ोर से ठेला तो मेरी चूत से अजीब
तरह की आवाज़ निकली और इसके साथ ही मेरी चूत से और भी खून गिरने लगा. मगर
मुझे इससे भी कोइ परेशानी नहीं हुई थी, बल्कि यह देख कर मैं आनंद में आ
गयी कि चूत का सुराख पूरा खुल गया था और लंड सारा का सारा अंदर था. एक पल
को तो मैं यह सोच कर ही रोमांचित हो गयी की उसके बॅमबू जैसे लंड को मैने
अपनी चूत में पूरा डलवा लिया था. उस पर से जब उसने धक्के मारने लगा, तो
एहसास हुआ कि वाकई जो मज़ा चुदाई में है वो किसी और तरीके से मौज-मस्ती
करने से नहीं है.
क्रमशः...............
उफफफफफफफ्फ़ ये जवानी --2
gataank se aage ...........
Main haan mein sir hilaa kar uski baat ka samarthan kiya aur badastoor
lund ko choosti rahi. Ab main poori tarah khul gayee thee aur chudai
ka anand lene ka iraada kar chuki thee. Wo mere mooh mein dheere
dheere dhakke lagane laga. Maine andaaza laga liya ki aise hi dhakke
wo chudai ke samay bhi lagayega.Chudai ke bare mein sochne par mera
dhyaan apni choot ki or gaya, jise abhi usne niwastra nahin kiya thaa.
Jabki mujhe choot mein bhi halki halki sihran mehsoos hone lagi thee.
Main kuch hi der mein thakaan ka anubhav karne lagi. Lund ko mooh mein
liyerehne mein pareshaani ka anubhav hone laga. Maine use mooh se
nikaalne ka man banaya magar uska romanch mujhe mooh se nikaalne nahin
de raha thaa. Mooh thak gaya to maine use andar se to nikaal liya
magar poori tarah se mukt nahin kiya. Uske supaade ko hontho ke beech
dabaye us par jeebh ferti rahi. Jhijhak khatm ho jaane ke kaaran mujhe
zara bhi sharm nahin lag rahi thee.
Tabhi wo bola, "Hai meri jaan, ab to mukt kar do, please nikaal do na."
Wo minnat karne laga to mujhe aur bhi maza aane laga aur main pryaas
karke use aur choosne ka praytn karne lagi. Magar thakaan ki adhikta
ho jaane ke kaaran, maine use mooh se nikaal diya. Usne eka ek mujhe
dhakka de kar gira diya aur meri @jeans kholne laga aur bola,"Mujhe
bhi to apni us haseen jawaani ke darshan kara do, jise dekhne ke liye
main betaab hoon."
Main samajh gayee ki wo meri choot ko dekhne ke liye betaab thaa. Aur
is ehsaas ne ki ab wo meri choot ko nanga karke dekh lega saath hi
shararat bhi karega. Main romanch se bhar gayee. Magar phir bhi
dikhaawe ke liye main mana karne lagi. Wo meri @jeans ko utaar chukne
ke baad meri panty ko kheenchne laga to main boli, "Chhodo na ! mujhe
sharm aa rahi hai."
"Lund mooh mein lene mein sharm nahin aayee aur ab mera man betaab ho
gaya hai to sirf dikhaane mein sha m aa rahi hai." Wo bola. Usne
kheench kar panty ko utaar diya aur meri choot ko nanga kar diya. Mere
badan mein bijli si bhar gayee. Yeh ehsaas hi mere liye anokha thaa I
usne meri choot ko nanga kar diya thaa. Ab wo choot ke saath shararat
bhi karega.Wo choot ko chhone ki koshish karne laga to main use
jaangho ke beech chhipane lagi. Wo bola, "Kyon chhupa rahi ho. Haath
hi to lagaunga. Abhi choomne ka mera iraada nahin hai. Haan agar
pyaari lagi to jaroor choomunga."
Uski baat sunkar main man hi man romanch se bhar gayee. Magar
pratyaksh mein boli, "Tum dekh loge use, mujhe dikhaane mein sharm aa
rahi hai. Aankh band karke chhuoge to bolo."
"Theek hai ! jaisi tumhari marzi. Main aankh band karta hoon, tum mera haath
pakad kar apni choot par rakh dena."
Maine haan mein sir hilaaya. Usne apni aankh band kar li to main uska haath
pakad kar boli, "Chori chhipe dekh mat lena, Ok, main tumhara haath
apni choot par rakh rahi hoon."
Maine choot par uska haath rakh diya. Phir apna haath hata liya. Uske
haath ka sparsh choot par lagte hi mere badan mein sansanahat hone
lagi. Gudgudi ki wajah se choot mein tanaav badhne laga. Us par se jab
usne choot ko chhedana shuru kiya to meri haalat aur bhi kharaab ho
gayee. Wo poori choot par haath ferne laga. Phir jaise hi choot ke
andar apni ungli ghusaane ki cheshta ki to mere mooh se siskaari nikal
gayee. Wo choot mein ungli ghusaane ke baad choot ki gehraai naapne
laga. Mujhe itna maza aane laga ki maine chahte hue bhi use nahin
roka. Usne choot ki kaafi gehraai mein ughusa di thee.
Main lagataar siskaari le rahi thee. Meri kunwaari aur naazuk choot ka
kona kona jalne laga. Tabhi usne ek haath meri gaand ke neeche lagaya
kamar ko thoda oopar karke choot ko choomna chaaha. Usne apni aankh
khol li thee aur honthon ko bhi is prakaar khol liya thaa jaise choot
ko hontho ke beech mein dabane ka man ho. Meri halki jhaanto waali
choot ko honthon ke beech daba kar jab usne chosna shuru kiya to main
aur bhi buri tarah chhatpataane lagi. Usne kas kas kar meri choot ko
choosa aur chand hi palo mein choot ko itna garam kar daala ki main
bardasht nahin kar payee aur hontho se kaamuk siskaari nikalne lagi.
Iske saath hi main kamar ko hila hila kar apni choot uske honthon par
ragadne lagi.
Usne samajh liya ki uske dwaara choot choose jaane se main garam ho
rahi hoon. So usne aur bhi tezi se choosna shuru kiya saath hi choot
ke suraakh ke andar jeebh ghusa kar gudgudaane laga. Ab to meri haalat
aur bhi kharaab hone lagi. Main zor se siskaari le kar boli, "Shivam
yes kya kar rahe ho. Itne zor se meri choot ko mat chooso aur ye tum
chhed ke andar gudgudi……. Uuuueeeeee….. mujhse bardasth nahin ho paa
raha hai. Please nikaalo jeebh andar se, main paagal ho jaungi."
Main use nikalne ko jaroor keh rahi thee magar ek sach yeh bhi thaa ki mujhe
bahut maza aa raha thaa. Choot ki gudgudahat se mera saara badan kaanp
raha thaa. Usne to choot ko chhed chhed kar itna garam kar dala ki
main bardasth nahin kar payee. Meri choot ka bheetri hissa ras se
geela ho gaya. Usne kuchh der tak choot ke andar tak ke hisse ko
gudgudaane ke baad choot ko mukt kar diya. Main ab ek pal bhi rukne ki
haalat mein nahin thee. Jaldi se uske badan se badan se lipat gayee
aur lund ko pakadne ka prayaas kar rahi thee ki use choot mein daal
loongi ki usne meri tango ke pakad kar ekdam ooncha uthaa diya aur
neeche se apna mota lund meri choot ke khule hue chhed mein ghusaane
ki koshish ki. Waise to choot ka darwaaza aam taur par band hota thaa.
Magar us waqt kyonki usne tango ko oopar ki or uthaa diya thaa isliye
chhed poori tarah khul gaya thaa. Ras se choot geeli ho rahi thee. Jab
usne lund ka supaada chhed par rakhkha to ye bhi ehsaas hua ki chhed
se aur bhi ras nikalne laga. Main ek pal ko to sisiyaa uthi. Jab usne
choot mein lund ghusaane ki bajaye halka sa ragada. Main siskaari
lekar boli, "Ghusaao jaldi se………. der mat karo please…………….."
Usne lund ko choot ke chhed par ada diya. Pehli baar mujhe ye ehsaas
hua ki meri choot ka suraakh ummed se jyada hi chhota hai. Kyonki lund
ka supaada andar jaane ka naam hi nahin le raha thaa. Meri haalat to
aisi ho chuki thee ki agar usne lund jaldi andar nahin kiya to shayad
main paagal ho jaaoon. Wo andar daalne ki koshish kar raha thaa.Main
boli,"Kya kar rahe ho jaldi ghusaao na andar. Uuuufffffff uuuummmmmm
ab to mujhse bardasht nahin ho raha hai. Please jaldi se andar kar
do."
Wo baar baar lund ko pakad kar choot mein daalne ki koshish karta aur
baar baar lund doosri taraf fisal jaat. Wo bhi pareshaan ho raha thaa
aur main bhi. Main sisiyaane lagi, kyonki zhoot ke bheetri hisse mein
zordaar gudgudi si ho rahi thee. Main baar baar use andar karne ke
liye kahe jaa rahi thee. Wo prayaas kar to raha thaa magar lund ki
motaai ke kaaran choot ke andar nahin jaa paa raha thaa. Tabhi usne
kaha, "Uffffffff tumhari choot ka suraakh to is kadar chhota hai ki
lund andar jaane ka naam hi nahin le raha hai main kya karoon?"
"Tum tez jhatke se ghusaao agar phir bhi andar nahin jaata hai to faad
do meri choot ko." Main josh mein aa kar bol baithi. Meri baat sunkar
wo bhi bahut josh mein aa gaya aur usne zor ka dhakka maara. Ekdam
jaanlewa dhakka thaa, bhakk se choot ke andar lund ka supaada sama
gaya, iske saath hi mere mooh se cheekh bhi nikal gayee. Choot ki or
dekha to paaya ki beech se fat gayee thee aur khoon nikal raha thaa.
Khoon dekhne ke baad to meri ghabraahat aur badhne lagi magar kisi
tarah maine apne aap par kaabu kiya.
Uske lund ne choot ka thoda sa hi safar poora kiya thaa aur usi mein
meri haalat kharaab hone lagi thee. Choot ke ekdam beecho beech dhansa
hua uska lund khatarnaak lag raha thaa. Main dard se karah-hate hue
boli, "My god ! meri choot to sachmuch fat gayee uffffffffff dard
sehan nahin ho raha hai. Agar poora lund andar ghusaaoge to lagta hai
meri jaan hi nikal jaayegi."
"Nahin yaar! main tumhe marne thode hi doonga." Wo bola aur lund ko
hilaane laga to mujhe aisa anubhav hua jaise choot ke andar bawandar
macha hua ho. Jab maine kaha ki thodi der ruk jaao, uske baad dhakke
maarna to usne lund ko jahan ka tahan rok diya aur haath badha kar
meri choochi ko pakad kar dabane laga. Choochi mein kathorta poore
shabaab par aa gayee thee aur jab usne dabana shurukiya to maine choot
ki or se kuchh rahat mehsoos ki. Kaaran mujhe choochiyon ka dabwaaya
jaana achcha lag raha thaa. Mera to yeh tak dil kar raha thaa ki wo
mere nipple ko mooh mein lekar choosta. Isse mujhe anand bhi aata aur
choot ki or se dhyaan bhi bant-ta. Magar taang uske kandhe par hone se
uska chehra mere nipple tak pahunch paana ek prakaar se namumkin hi
thaa.
Tabhi wo lund ko bhi hilaane laga. Pehle dheere dheere uske baad tez gati se.
choochi ko bhi ek haath se masal raha thaa. Choot mein lund ki halki halki
sarsarahat achchi lagne lagi to mujhe anand aane laga. Pehle dheere aur uske
usne dhakko ki gati tez kar di. Magar lund ko jyada andar karne ka
prayaas usne abhi nahin kiya thaa. Eka ek shivam bola, "Tumhari choot
itni kamsin aur tight hai ki kya kahoon?"
Uski baat sunkar main muskuraa kar reh gayee. Maine kaha, "Magar phir
bhi to tumne faad kar lund ghusa hi diya."
"Agar nahin ghusaata to mere khayaal se tumhare saath main bhi paagal ho jaata."
Main muskuraa kar reh gayee.Wo tezi se lund ko andar bahar karne laga
thaa. Ab choot mein dard adhik to nahin ho raha thaa haan halka halka
sa dard uth raha thaa. Magar usse mujhe koiee pareshaani nahin thee.
Uske muqabale mujhe maza aa raha thaa. Kuch der mein hi usne lund ko
thel kar kaafi andar kar diya thaa. Uske baad bhi jab aur thel kar
andar ghusaane laga to main boli, "Aur andar kahan karoge, ab to saara
ka saara andar kar chuke ho. Ab baaki kya reh gaya hai?"
"Ek inch baaki reh gaya hai." Kehte hi usne mujhe kuch bolne ka mauka diye
bagair zor se jhatka maar kar lund ko choot ki gehraayee mein pahuncha diya.
Main chihunk kar reh gayee. Uske lund ke zordaar prahaar se main mast
ho kar reh gayee thee. Aisa anand aaya ki laga uske lund ko choot ki
poori gehraayee mein daakhil karwa hi loon. Usi mein maza aayega. Yeh
soch kar maine kaha, "Haaaiiiiii…… aur andar…….. ghusaaaaaoooooo.
Gehraayee mein pahuncha do."
Usne meri jaangho par haath fera aur lund ko zor se thela to meri
choot se ajeeb tarah ki aawaaz nikli aur iske saath hi meri choot se
aur bhi khoon girne laga. Magar mujhe isse bhi koiee pareshaani nahin
huee thee, balki yeh dekh kar main anand mein aa gayee ki choot ka
suraakh poora khul gaya thaa aur lund saara ka saara andar thaa. Ek
pal ko to main yeh soch kar hi romanchit ho gayee ki uske bamboo jaise
lund ko maine apni choot mein poora dalwaa liya thaa. Us par se jab
usne dhakke maarne laga, to ehsaas hua ki waakai jo maza chudai mein
hai wo kisi aur tareeke se mauj-masti karne se nahin hai.
kramashah...............
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,
--
No comments:
Post a Comment