Saturday, April 14, 2012

सेक्सी कहानियाँ जीजा जी से चुदवाया--14

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
जीजा जी से चुदवाया--14
गतांक से आगे.......................
बाथरूम में बड़ा सा शीशा लगा हुआ था जीजाजी मुझे उस शीशे के सामने ले गए
और बोले देख हम साथ में नंगे खड़े केसे दीखते हे ! मेने शीशे में देखा हम
दोनों के कमर से ऊपर ऊपर का भाग दिख रहा था जीजाजी के काफी पेट भी आया
हुआ था जो कभी कपड़ो में दिखा नहीं था और मेरे स्तन भी इतनी चुदाई के बाद
लटक गए थे ! मेने कहा मुझे तो नंगा देखना अच्छा नहीं लगा हम तो कपड़ो में
ही अच्छे लगते हे !जीजाजी ने कहा ऐसा नहीं हे असलियत तो यही हे आज पहली
बार ऐसा देखा इसलिए ऐसा लग रहा हे धीरे धीरे आदत पड़ जाएगी जीजाजी मुझे
वाही खड़ी खड़ी को ही मसल और चूम रहे थे उनका खड़ा लंड मेरे पेट पर लग रहा
था मेने कहा में पेसब कर लेती हु उन्होंने कहा कर लो पर मेरे सामने !मुझे
अब उनसे इतनी शर्म नहीं आ रही थी और में जो खड़ी लेट्रिन होती हे उस पर
बेठ कर अपनी पेशाब का बांध खोल दिया तर्र्र्रर्र्र्र की आवाज़ के साथ
मेरी चूत से पेशाब की धार बह निकली मेने अब जीजाजी का लंड पहली बार देखा
मेरी आशा के विपरीत वो काफी छोटा था करीब ५.५ इंच का जबकि मेरे पति का ६
इंच से ज्यादा ही था मेने कई बार नापा था ! मेने सोचा ये क्या कला हे
इनमे चोदने की कि मुझे चुदते हुए मेरे पति से ज्यादा इनसे मज़ा आता हे और
इनका लंड बड़ा लगता हे ये सोचते में वहा से उठी और जीजाजी ने भी मेरे
सामने ही पेशाब किया पेशाब करते करते उनका लंड ढीला होकर बेठ गया और हम
अपने लंड और चूत को ठन्डे पानी से धोने लगे और फिर वापिस पलंग पर आ गए!

हम दोनों आकर पलंग पर लेट गए और टीवी देखने लगे!इस सारे प्रोग्राम में
टीवी बंद नहीं हुई थी वह तो लगातार चल ही रही थी ! सास बहु के सीरियल आते
जा रहे थे और पलंग पर हमारी कुश्ती चल रही थी !पर अब मेने रिमोट हाथ में
लेकर टीवी देखना शुरू किया और ऐसी से ठण्ड लगने का बहाना कर कम्बल से कमर
तक अपने को ढक लिया था ! में अधलेटी सी टीवी देख रही थी और जीजाजी फिर से
मंबल में गुस गए थे और मेरी जांघो पर हाथ फेर रहे थे और बाते भी कर रहे
थे ! उनकी बाते गुम फिर कर मोबाईल की फिल्मो पर आ रही थी अँगरेज़ लडकिया
केसे मुख मैथुन करती हे या गांड मराती हे मेने उन्हें साफ बता दिया की ये
दोनों ही बातें मुझे बिलकुल पसंद नहीं हे !मेने उन्हें बताया की सिर्फ
मुख मैथुन का सोच कर ही मुझे उबकाई आ जाती हे मुह के पास लंड आ गया तो
में उलटी कर दूंगी ! उन्होंने कहा कोई बात नहीं हे मुझे तुम्हे लंड
चुसाने की जरुरत ही नहीं हे ! वे फिर धीरे धीरे मेरी छुट पर अपनी अंगुली
फिरा रहे थे ! तभी मुझे अपनी चूत पर झनझनाहट सी मह्सुश हुई !मेने देखा
जीजाजी ने अपना नोकिया ६३०३ मोबाईल जो स्लिम आता हे और उसमे उन्होंने
वाइब्रेटर सोफ्टवेयर दोव्न्लोड़ किया हुआ था उसे चला कर मेरी चूत के दाने
के पास कर रहे थे!मेने कहा ये क्या हे तो वो बोले तुम हिलो मत तुम्हे मजा
आएगा और मोबाईल का पतला हिस्सा मेरी चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने
लगे!मुझे उसकी कंपकंपी अच्छी नहीं लग रही थी मेने कहा मुझे ये अच्छा नहीं
लग रहा हे!

ये जो कांप रहा हे मुझे ये पसंद नहीं हे इससे तो अच्छा हे की आप मेरी चूत
में अंगुली कर दो!उन्हें मेरी पसंद का पता चल गया और मोबाईल के वाइब्रेटर
को बंद कर एक तरफ रख दिया और मेरी चूत में दाने के पास अंगुली फिराने लगे
ये मुझे अच्छी लग रही थी फिर उन्होंने कुछ ज्यादा अन्दर किया मेने कहा
हा..ऐसे ही करते रहो मुझे चुदाई से ज्यादा मज़ा आ रहा हे पर ये आपकी
अंगुली या मेरे पति की अंगुली से ही आता हे मेरे खुद की अंगुली अच्छी
नहीं लगती हे! फिर उन्होंने दो अंगुलिया डाल कर मेरी चूत में चलाने लगे
मेरे मुह से सी....सी...की आवाज़े निकल रही थी थोड़ी देर में मेने मेरी
चूत में कुछ कड़ा कड़ा सा महशुस किया मेने देखा मेरे जीजाजी ने अपने नज़र
के चश्मे के कवर जो की चाइना का आता हे गोल गोल मोटे पेन जेसा उसे मेरी
चूत में डाल दिया हे और अन्दर बाहर कर रहे हे मेने कहा ज्यादा अन्दर मत
डाल देना दुखेगा उन्होंने कहा जितना तुझे सहन होगा उतना ही डालूँगा ये
वेसे भी ज्यादा बड़ा या मोटा नहीं हे में मुस्कुरा कर रह गई मुझे थोड़ी
देर में उन्होंने उस चश्मे के कवर से स्खलित करवा दिया और जब में
उत्तेजना में स्खलित हो रही थी तब करीब करीब आधा अन्दर तक था ! मेने
स्खलित होते ही जीजाजी का हाथ रोक दिया और उनसे लिपट गई!

जीजाजी ने लिपटे ही मेरा स्तन अपने मुह में भर लिया था और उसे चूसने लगे
! और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर धर दिया उनका लंड फिर से तन्ना रहा था
मेने जल्दी से हाथ हटा लिया तो जीजाजी बोले यार चूसने क थोड़ी कह रहा हु
थोडा लंड तो मसल दे अपने पति का भी मसला होगा ! मेने कहा कभी कभी मसलती
थी और उनका मन रखने के लिए मेने उनका लंड पकड़ कर दबा दिया वे सिहर कर
बोले धीरे साली तोड़ेगी क्या?मेने हंस कर धीरे धीरे उनके लंड की मालिश
करने लगी ! उन्होंने कहा केसा लगा मेरा लंड ?और आपको तो पता हे में साफ
बोल देती हु मेने कहा छोटा हे आपका ! वे थोडा बुझ से गए फिर मेने कहा
मेने या तो आपका देखा हे या मेरे पति का !उनका आपसे लम्बा और मोटा हे पर
आनंद मुझे आपसे ज्यादा आया हे ऐसा क्यों ?मेने जब तक नहीं देखा था तब तक
में आपका लंड उनसे बड़ा महशुश कर रही थी !तो उन्होंने कहा छोड़ने की कला
और आसन का ज्ञान होना चाहिए मेरे जितना लंड ही बहुत हे मे के लिए बहुत
बड़ा लंड हो और २ मिनिट में पानी छुट जाये तो उस लंड का कोई मतलब नहीं हे
बड़े लंड से अन्दर चोट भी लगती हे जो बाद में दुखती हे ओरत के चूत में
मक्सा सिर्फ २ इंच तक ही रहता हे इसलिए तो अंगुली से भी आनंद आ जाता हे
जो लंड से काफी छोटी और पतली होती हे इसलिए डाक्टर का कहना हे की ४ इंच
के लंड वाला भी सही आसन का प्रयोग कर स्त्री को संतुस्ट कर सकता हे में
उनकी बात से सहमत थी क्यूंकि मेरे पति से छोटे और पतले लिंग से उन्होंने
मुझे बहुत आनंद दिया था!ऐसी बाते करते करते में उनके लंड को मसल रही थी
अब लंड तन्ना गया था में सीधे लेती थी वे बैठ गए और मेरी टांगे थोड़ी ऊँची
कर बेठे बेठे अपना लंड मेरी चूत में सरका दिया और अपनी टांगे सीधी रखी जो
मेरे सर के आजू बाजु आ गई !

अब वे सीधे बेठे बेठे अपने हाथो के बल ऊपर उठकर धक्के लगा रहे थे ये मेरे
लिए नया आसन था उनके पैर मेरे सर के पास आगे पीछे हो रहे थे मेने उनके
पेरो के पंजो को चूमा !अब उन्होंने मेरे पेरो को अपने आजू बाजु नीचे कर
दिया था और मेरे कंधे पकड़ कर मुझे बेठा कर दिया था अब में उनकी गोद में
थी आमने सामने !उनका लंड मेरी चूत में हरकत कर रहा था वे मेरे स्तनों पर
चुम्बन देते देते मुझे हिला रहे थे और खुद भी आगे पीछे हिल कर चूत में
लंड अन्दर बाहर कर रहे थे अब मुझे उन्हें कुछ नया आनंद देने की सूझी मेने
उन्हें पीछे सुला दिया और में उनपर सवार हो गई थी और जो मेने अपनी गांड
पीछे कर ठाप मारी तो में दर्द से कराह उठी जल्दबाजी में मेने सीधा ठाप
नहीं लगाया था कुछ तिरछा लग गया था और उनका लंड मेरे सूजे पपोटो और जो
लंड और गांड के पास चमड़ी होती हे वहा टकरा गया था और दर्द से मेरी जान
निकल गई थी में थोड़ी देर हिल भी नहीं सकी जीजाजी ने पूछा क्या हुआ मेने
कहा अपने आप ही लगाली हे मेने!


में बस उनकी जांघो पर बेठी रह गई !ये चोट मेरी गलती से नहीं लगी थी मेने
कई बार अपने पति को ऐसे चोदा था पर उनके लंड और जीजाजी के लंड की लम्बाई
के अंतर के कारन जब में ऊपर होकर शोट लगा रही थी तो थोडा छोटा होने के
कारन वो चूत से पूरा निकल गया और वापिस सही जगह गुसा नहीं और मेरे चोट लग
गई !में उनका लंड डाले डाले ही बेठी रही और जीजाजी नीचे से धक्के लगाने
लगे थोड़ी देर में मेरा दर्द भी कम हुआ और मुझे भी माँ आने लगा तो में भी
उनके ऊपर कूदने लगी पर सवधानी के साथ कि कही दुबारा चोट न लग जाये ! थोड़ी
देर में में थक चुकी थी मेने कहा आप इतनी देर केसे चोद लेते हो मेरी तो
जांघे दुखने लगी अब में और नहीं कर सकती ! उन्होंने कहा उतर कर मेरे पास
लेट जाओ में लेट गई तो उन्होंने मुझे दूसरी तरफ गुम दिया और मेरी गांड से
चिपक कर लेट गए में सोच रही थी अब ये क्या करेंगे कही गांड में न गुसा दे
पर उन्होंने पीछे से मेरी टांग उठाई और अपने लंड को पकड़ कर पीछे से चूत
में गुसाने लगे मुझे ऐसे बहुत गुदगुदी होती हे इसलिए में एक दम आगे सरक
गई और उनका लंड बाहर ही झूलता रह गया ! उन्होंने कहा क्या हुआ मेने कहा
धीरे धीरे डालने से ऐसे मुझे गुदगुदी होती हे झटके से डाल दो फिर एक बार
गुस गया तो फिर गुदगुदी नहीं होगी ! उन्होंने कहा ठीक हे फिर उन्होंने
मेरी कमर पकड़ कर एक टांग थोड़ी ऊँची कि और एक झटके में अपना लंड मेरी चूत
में सरका दिया और धीरे धीरे गस्से लगाने लगे!

जीजाजी के धक्के मंथर गति से चल रहे थे ! वे मेरी बगलों से हाथ निकाल कर
मेरे मेरे स्तन भी दबा रहे थे एक हाथ उनका मेरे नंगे कंधे पर फिर रहा था
और में अपनी चुदाई से बेखबर तिरछी होकर टीवी में सीरियल देख रही थी ! में
सोच रही थी अभी वे डिस्चार्ज हो कर हट जायेंगे पर मेरा अनुमान गलत था वे
लगातार धक्के मार रहे थे कि मेरे मोबाईल की घंटी बज गई!मेने पास पड़े
रिमोट से टीवी की आवाज़ कम की ! जीजाजी को रुकने का इशारा किया जीजाजी
धक्के लगते रुक गए पर अपना लंड बाहर नहीं निकाला! मेने मोबाईल उठाया और
देखा मीना साहब का फोन था जीजाजी को पता था की वो साहब मुझ पे मरता था
इसीलिए उसने यहाँ बुलाकर ये नौकरी मुझे दी थी पर आगे उसकी हिम्मत नहीं
होती थी और में कोई लिफ्ट देती नहीं थी बस कभी कभी फोन पर बात कर लेती थी
पर जब मेरा मूड होता तब ही बाकि में फोन उठती ही नहीं थी उसे मेरा स्वभाव
पता था और वो मेरे गुस्से को भी जानता था इसलिए बस फोन पर भी वो सामान्य
बाते ही करता था और मुझे बात करनी होती तो भी में मिस कल ही करती थी अब
वो मुझसे पूछ रहा था की में गाँव पहुँच गई क्या ?अब उसे क्या पता में
होटल में बिलकुल नंगी हो कर चुदवा रही हु !मेने कह दिया हा पहुँच गई हु
और वो मेरे वर्क साथ में कम करने वालो के बारे में पूछने लगा की वे कोई
आपको परेशान तो नहीं करते हे तब तक जीजाजी ने अपने लंड को मेरी छुट में
अकड़ा कर झटके देना शुरू कर दिया मेने भी जबाब में अपनी चूत को संकुचन
किया उनका लंड मेरी चूत में फंसा तो उन्हें जोश आया और वो फिर से धक्के
मरने लगे अब मुझे फोन पर बात भी करनी पड़ रही थी और पीछे धक्के भी खाने पड़
रहे थे !


अब बात करते करते मुझे अपने आहो पर भी कंट्रोल करना पड़ रहा था शायद इसी
बात का जीजाजी को जोश आ रहा था अब उन्होंने अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी
मेरे भी सांसो की आवाज़ तेज़ होने लगी अब मुझे बात करना अच्छा नहीं लग
रहा था मुझे हांफता देख कर मीना साहब ने पूछा क्या हुआ?तो मेने बहाना
किया की मेरे रसोई में चूल्हे पर दूध चढ़ाया हुआ था वो उफन रहा हे इसलिए
बाहर से भागकर चूल्हे के पास आई हु उसे उतारने और अब में फोन रखती हु
बाय! ऐसा कहकर मेने फोन काट दिया और उसका स्विच ऑफ ही कर दिया और जीजाजी
को बनावटी गुस्से से बोली जब में किसी से फोन पर बात करती हु तो आपको
ज्यादा जोश आता हे क्या?जीजाजी ने कहा सही बात हे तेरी दीदी जब तेरी
मम्मी से रात को बात करती हे तब मुझे उसे चोदने का जोश ज्यादा आ जाता हे
फिर मेने भी उनको कहा अब ऊपर आकर चोद लो मुझे भी अब आनंद आने वाला हे तो
उन्होंने मुझे पलंग की किनारे पर घोड़ी बना दिया और खुद पलंग से नीचे खड़े
हो गए एक पांव अपना नीचे रखा और एक पांव पलंग पर रख दिया में पूरी पलंग
के ऊपर ही घोड़ी बनी हुई थी और उन्होंने अपना लंड का मुह पकड़ कर मेरी चूत
में उतर दिया और जबरदस्त धक्के मारने लगे मेरी चूत बिलकुल संकरी हो गई थी
और उनका लंड फंसता फंसता अन्दर बाहर हो रहा था मेने उनसे पूछा की आपको
कोई बीमारी हे क्या जो आपका पानी इतनी देर से निकलता हे या आपने को अफीम
या नशे की कोई गोली खाई हे तो जीजाजी हंस पड़े और बोले की मेरी प्रकति ही
ही ऐसी हे तेरी दीदी मुझसे २० सालों से चुदा रही और में चेलेज करता हु की
कोई उसे मेरे अलावा संतुस्ट नहीं कर सकता उसे भी २०-२५ मिनिट चुदाये और
३-४ बार उसका पानी नहीं निकले तब तक उसको शांति नहीं मिलती मेरे इस लम्बे
स्तम्भन के कारन जब में कई प्रेमिकाओ को चोदता था तो वे या तो कोई आने के
कारन या चुदाई से थककर मेरा पानी निकाले बिना ही भाग जाती थी और जो हाकिम
झड़ी बूटिया वाले आते और कहते बाबूजी यह झड़ी बूटी लेलो आपका लंड ज्यादा
उठेगा और काफी देर तक स्खलन नहीं होगा तो में कहता ऐसी झड़ी बूटी हे क्या
जिससे कम उठे और जल्दी पानी छुट जाये तो वे मेरा मुह ताकने लग जाते थे अब
मेरा बुढ़ापा हे उठता तो कम हे पर स्तम्भन तो वाही हे हालाँकि में अपने
दिमाग से कंट्रोल कर लेता हु की मुझे जल्द निकलना हो तो निकाल लेता हु पर
आज कहा प्रोब्लम हे तू चुदती रह में चोदता रहूँगा में निरुत्तर हो गई और
थक कर अपना मुह बिस्तर पर टिका दिया गांड उठी हुई थी और मेरी पतली कमर
दोनों तरफ से जीजाजी के दोनों हाथो के अंगूठे और उसके पास वाली अंगुली
में झकड़ी हुई थी और वो पुरे जोर से खींच खींच कर धक्के लगा रहे थे !
क्रमशः.......................


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