Friday, April 13, 2012

सेक्सी कहानियाँ पारिवारिक सम्भोग

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

पारिवारिक सम्भोग


मेरा नाम "अरमान सिंह" है |मेरी उम्र २२ साल है | मै दिल्ली का रहने वाला
हूँ , परन्तु अपनी इंजीनियरिंग करने के बाद एक एम् एन सी में जॉब करने के
लिए बंगलोर शिफ्ट होना पड़ा | १ साल के बाद मेरा प्रोमोशन हो गया और मै
इंडिया चीफ ओपरेशन अधिकारी बन गया | मेरे बॉस जो की शिकागो में रहते है
उन्होंने मेरे काम से खुश होकर मुझे १ बड़ा सा विला , दो गाड़ियाँ ( १
निसान और १ बी एम् डब्लू ) भेंट की थी | मेरी ज़िन्दगी अछे से चल रही थी
|

मै आपको अपने परिवार के बारे में बताना ही भूल गया | मेरी माँ जिनका नाम
रीता सिंह , उम्र ४० साल है | चूंकि मेरी माँ खुद एक डॉक्टर हैं तो उनकी
शारीरिक बनावट काफी मनमोहक है | वो दिल्ली में एक बहुत बड़ी लेडी डॉक्टर
थीं पर मेरी जॉब लगने के बाद उन्होंने हॉस्पिटल जाना बंद कर दिया था और
जिम में खुद को फिट रखती थीं |
उन्हें देखकर कोई ये नहीं कह सकता था की वो ४० की है बल्कि लोग पार्टी
में हम दोनों को प्रेमी प्रेमिका समझ लेते थे तब मै झेंप जाया करता था |
मेरी दो बहनें स्तुति - २० साल और अनामिका १८ साल | स्तुति ने अभी कॉलेज
ख़तम किया और उसे मोडेलिंग का बहुत शौक था | वो भी बहुत सुन्दर थी | और
दूसरी छोटी बाहें अनामिका ने १२ वीं पास करके फोटोग्राफर बन्ने के लिए
कोर्स शुरू किया था |
मेरे पिता जी का देहांत जब मै १७ साल का था तभी हो चुका था | वो एक बहुत
बड़े व्यवसायी थे |
मेरी माँ और दोनों बहने दिल्ली में रहती थी और मै अकेला बंगलोर में | कुछ
दिनों के बाद मेरी बाहें स्तुति का फोने आया और कहने लगी की मुझे बंगलोर
घूमना है भैय्या | तो मैंने माँ से इजाज़त लेकर उसे फ्लाईट से बंगलोर बुला
लिया | काम के कारण इतने व्यस्त होने के कारण मै माँ और बहनों से १ साल
तक मिल नहीं पाया था | आज जब मै अपनी बाहें को लेने एअरपोर्ट गया -
मै सीधे ऑफिस से लेने गया था , थोड़ा काम होने की वजह से लेट हो गया था |
मैंने एअरपोर्ट पहुच कर उसे कॉल किया और वो गुस्सा होकर बिही थी | मै उसे
देखता ही रह गया | उसने एक शोर्ट्स काली रंग की और एक सफ़ेद टी शर्ट पहेन
रखी थी | मुझे देखते ही उसका गुस्सा दूर हो गया और वो आकर मुझे झट से गले
लगा के मेरे गालों पे किस करते हुए बोली - "भैय्या आप नहीं सुधरेंगे
|आपकी लेट होने की आदत पता नहीं कब जायेगी |" मैंने कहा -"सॉरी छुटकी ,
आज काम बहुत था ऑफिस में| चल चलते हिं घर , तुझे अपना नया घर भी दिखाना
है |" वो बोली - "ज़रूर भैय्या |"
मै सीधा गाडी से उसे लेकर घर पंहुचा | उसने मेरा घर देखकर कहा - " वाव
भैय्या | मस्त घर लिया है |" अन्दर आकर मैंने उसे फ्रेश होने के लिए कहा
और उसका सामान अपने बगल वाले रूम में रख दिया | मैंने अभी तक कोई नौकर
नहीं रखा था | वो बहार गयी और स्वीमिंग पूल देखते ही खुश होकर बोली
भैय्या मै नहा लूँ, तो मैंने कहा अभी नहीं कल |क्योंकि हमें खाने बहार
जाना था | फिर जल्दी से तैयार होकर हम बहार खाना खाने निकले | एक अच्छे
पब में जाकर हमने थोड़ी बहुत ड्रिंक की और डिनर करके ११ बजे रात तक घर आ
गए | मैंने ऑफिस से १२ दिन की छुट्टी ले रखी थी तो कोई परेशानी नहीं थी
की कल ऑफिस भी जाना है |
 घर आते ही मैंने उससे कहा की अब सो जा बहेना , कल सुबह घूमने चलना है |
उसने कहा नहीं भैय्या मुझे तो नीद नहीं आ रही आपको आ रही हो तो सो जाओ|
मै तो स्वीमिंग पूल में नहा के सो जाउंगी| मैंने कहा अच्छा चल ठीक है मै
भी तेरे साथ बैठ जाता हूँ , ढेर साड़ी बातें करनी है | उसने कहा थैंक्स
भैय्या मै चेंज करके आती हूँ | मैंने कहा हाँ मै भी चेंज कर लूं | मै
अपने रूम में गया और अपने शोर्ट्स और १ हाफ टी शर्ट पहेन के बहार अपने
मिनी बार से एक व्हिस्की का पेग बना के स्वीमिंग पूल के किनारे पानी में
पैर दाल के बैठ गया | कुछ देर बाद स्तुति अपने कमरे से आई - मै तो उसे
देखता रह गया | उसने एक काली बिकिनी पहेन रखी थी | ब्रा विथ स्ट्रिप्स
एंड पैंटी विथ स्ट्रिप | पैंटी उसकी थोंग थी | मै उसे देखकर हैरान रह गया
| उसने मुझे जैसे जागते हुए पुछा क्या देख रहे हो भाई | मैंने कहा नही
कुछ नहीं तुम बहुत सुन्दर हो | उसने हंस के पूल में छलांग लगा दी , मेरे
कपडे भी भीग गए थे | फिर वो स्विम कर रही थी | हमने बातें शुरू की | उसने
मुझे बीच में कहा भैय्या आप अकेले अकेले पि रहे हो | मुझे भी पीना है |
मै उठा और उसके लिए उसकी पसंदीदा वोदका का पेग बना लाया | अब हम दोनों
भाई बाहें आपस में बातें कर रहे थे और दारु भी पिटे जा रहे थे | कुछ देर
बार उसने मुझे भी पानी में खीच लिया |

अब हम दोनों को थोड़ा थोड़ा सुरूर दारु का छाने लगा था | अब हम दोनों आपस
में कुछ अश्लील बातें भी करने लगे थे जैसे तू बहुत हॉट है | तेरे बूब्स
बहुत अच्छे हैं | वो शर्मा के बस हाँ या ना कह रही थी | मैंने उसे एक बार
में अपने पास खीचा और उसके लिप्स पे किस कर दिया | वो कुछ नहीं बोली | अब
मैंने कहा रात बहुत हो गयी है चलो अन्दर चलते हैं नहीं तो तुम्हारी तबियत
ख़राब हो जायेगी |

फिर वो उठ कर बाथरूम में चली गई नहाने. पर नहाने के बीच में उसने कहा
भैय्या मैंने नाईटी नहीं ली है तो दूसरा तौलिया दे दीजिये.
बाथरूम में शटर लगा हुआ था शावर केबिन में और कोई लाक नहीं था। बस अलग
अलग केबिन थे, इसलिए मै अन्दर आ गया । मैंने शटर ज़रा सा सरका कर तौलिया
दे दिया ।


आगे की कहानी मेरी बहेन स्तुति के मुह से -

मैंने ध्यान नहीं दिया पर शायद वो भी तौलिया लपेटे थे क्योंकि उन्होंने
भी नहाना था। वो शीशे के सामने अपना चेहरा धोने लगे। मैं शटर से जैसे ही
बाहर निकली और वो जैसे ही मुड़े तो हम दोनों टकरा गए और मेरा तौलिया खुल
गया। मैं घबरा गई और तुरन्त अपने दोनों हाथ अपने स्तनों पर रख लिए
क्योंकि अब मैं पूरी तरह से नंगी थी। मेरा योनि-क्षेत्र पूरी तरह से बाल-
रहित किया हुआ था। भैया ने मुझ पर ऊपर से नीचे तक नज़र डाली, उनके तौलिये
के अन्दर भी कुछ उभार सा आ रहा था, पर उस वक्त मैं समझ नहीं पाई. मेरी
आंखों में आँसू थे। भैया ने तुरन्त तौलिया उठाया। यह सब इतनी जल्दी हुआ
कि कुछ समझने क मौका ही नहीं मिला। मैं भी सन्न चुपचाप सर झुकाए खड़ी थी।
भैया ने तौलिया मेरे कन्धे पर डाला और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और
मैं भी उनसे चिपक गई। मैंने यह भी ध्यान नहीं दिया कि मैं अभी भी नंगी
हूँ। मेरे बूब्स उनके सीने से चिपके हुए थे। उनका भी शायद तौलिया खुल
चुका था और उनका औज़ार यानि लिंग करीब ८-९" लम्बा और २" मोटा मेरी कुँवारी
योनि पर टिका हुआ था। पर उस वक्त मेरा इन सब बातों पर ध्यान ही नहीं गया।
भैया मुझे चुप कराते हुए बोले।" अरे पगली सिर्फ़ मैं ही तो हूँ ! क्या
हुआ?" ये कहते कहते उन्होंने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और कमरे में
ले गये और बिजली बंद करके मद्धम रोशनी कर दी ताकि मेरी शर्म दूर हो जाए।
ये सब ३-४ मिनट में हो गया था। उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरे
माथे को किस किया और कहा- चिन्ता मत करो। मैंने उन्हें चिपका लिया और
उन्होंने मुझे। उनका लम्बा मोटा लिंग मेरी कुँवारी योनि पर रगड़ खा रहा था
पर इस बात पर काफ़ी देर बाद मेरा ध्यान गया।
भैया ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में के कर होठों को किस किया तो मेरे
शरीर में बिजली सी दौड़ गई। मैंने कहा- भैया! यह सब ठीक नहीं है। मैं यह
कहना चाहती थी कि भैया मुझे होठों पर किस करने लगे । फ़िर रुक कर मेरे
बालों को हटा कर मेरी गरदन पर किस किया तो मैं उनसे कस कर लिपट गई। वो
फ़िर मुझे बिस्तर पर ले गए और लिटा कर मेरे ऊपर लेट गए। हम दोनों के नंगे
बदन एक दूसरे से कस कर चिपके हुए थे और हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे
थे। वो मेरे होठों को और मेरी जीभ को चूस रहे थे, मैं अपने होश खोती जा
रही थी।उनका लण्ड मेरी अनचुदी चूत पर रगड़ खा रहा था जिससे मैं पागल हुई
जा रही थी।
फ़िर भैया मेरी एक चूची को जोर से दबाने लगे और दूसरी के निप्पल को चूसने
लगे जिससे मैं और पगला गई। अचानक मैं ज़रा होश में आई तो कहा- भैया ये सब
ठीक नहीं है, अगर किसी को पता चला तो मैं तो मर ही जाऊंगी। वो बोले- जान
! क्या तुम मुझे ज़रा भी नहीं चाहती ! मैं तुम्हारे लिए इतने दिनों से तड़प
रहा था और आज तुम्हें पूरी तरह से अपना बनाना चाहता हूँ।

मैंने कहा- भैया…ऽऽऽ… ! और मेरे आगे कुछ कहने से पहले उन्होंने अपने
होठों को मेरे होठों पर रखा, फ़िर कहा- आज से मैं भैया नहीं, तुम्हारा पति
और जान हूँ, अगर ज़रा भी तुम्हारे दिल में मेरे लिए कोई जगह है तो बोलो।
मैंने कहा- मैं आपको चाह्ती तो हूँ पर … !
मेरे आगे बोलने से पहले उन्होंने मेरे होठों पर उंगली रख दी और कहा- बस
हम आज से पति-पत्नी हैं और आज हमारी सुहागरात है।
मैंने कहा- लोग क्या कहेंगे?
उन्होंने कहा- मैं किसी की परवाह नहीं करता और अब हम तुम पति-पत्नी बन कर
एक दूसरे को सुखी रखेंगे ………. मैं तुम्हें प्यार करता हूँ जान !
मैंने कहा- मैं भी तुम्हें प्यार करती हूँ ……. भैया !
 भैया कहते ही उन्होंने मुझे कहा- आज से मैं तुम्हारा भाई नहीं पति हूँ
और अब तुम मुझे कुछ और कहा करो!
मैंने कहा- क्या !
वो बोले- कुछ भी … जैसे जान या कुछ भी !
मैंने कहा- ठीक है भैया .. ओह सोरी … जान ……. आई लव यू !
हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे से कस के चिपके हुए थे। भैया ने फ़िर मुझे
किस किया और मेरी जांघों के बीच में आ गए। मैंने अपनी टांगें उनके पैरों
पर रख ली थी। उन्होंने अपने एक हाथ को मेरे सर के नीचे रख कर किस किया और
दूसरे से मेरी अनचुदी कुँवारी चूत में उँगली की तो मेरे मुंह से सिसकारी
सी निकली-आऽऽऽऽऽऽह !
भैया ने कहा- जान अपने पति के लण्ड को अपनी कुँवारी चूत पर रखना जरा !
मैंने कहा- क्या होगा जान …! कहते हुए उनके लण्ड को अपनी चूत पर रखा। हम
दोनों अब एक दूसरे का साथ देने लगे थे। भैया पहले धीरे धीरे मेरे अन्दर
अपना डालने लगे। मैं सिसकारी लेने लगी थी। एक इन्च जाते ही मुझे दर्द का
अनुभव हुआ तो मैंने कहा- आऽऽऽऽह्ह्ह …… अब बस … जान, अब बस भी करो, दर्द
हो रहा है …!
वो बोले- चिन्ता मत करो, आज सब कुछ होगा … दर्द, मज़ा और हमारी सुहागरात
…… आऽऽह ! कहते हुए उन्होंने एक झटका दिया कस के
आऽ…॥अऽऽऽऽअऽह्ह्हहहाऽआऽऽऽ। ऊईऽऽऽ माँ मर गई मैं ! प्लीज़ भैया अब निकाल लो
अब और दर्द नहीं सहा जा रहा है ! मैं रोते हुए बोली।
उन्होंने कहा- भैया बोलोगी ? यह कहते हुए एक और झटका मारा, लण्ड शायद ५"
अन्दर जा चुका था। मैंने कहा- सोरी जान ……. लेकिन बहुत दर्द हो रहा है !
वो बोले- जान चिन्ता मत कर, थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा। वो फ़िर मेरे
बूब्स चूसने लगे। थोड़ी देर में मुझे कुछ आराम मिला तो उन्होंने फ़िर ३-४
जोरदार झटके मारे तो मेरी हालत ही बिगड़ गई और चीख निकल गई- आऽऽऽऽऽऽऽऽऽह
……………… मर गई … … माँअऽऽऽऽऽ ……!
मेरी आंखों में आँसू थे। मैं उनसे चिपक गई और अपनी टांगों को उनकी कमर पर
जकड़ लिया। वो मुझे किस करने लगे और हम दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ
डाल कर चूमने लगे। थोड़ी देर में मैं सामान्य होने लगी। तब भैया ने मेरे
बूब्स को पकड़ा और अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगे। मुझे तकलीफ़ हो रही
थी पर थोड़ा मज़ा भी था कुछ अलग तरह का- आऽऽऽऽह्ह्ह. ……. जान ……..
आऽऽऽऽऽह्ह्ह्हाअ …… आज पूरी तरह से अपनी बना लो जानऽऽऽ … आऽऽऽअऽऽऽह्ह
मैंने कहा तो भैया ने भी कहा- ओहऽऽ … जान …!. कमरे में हमारी आवाज़ें गूंज़
रही थी। मेरी सिसकारियाँ ज्यादा ही थी क्योंकि उनका ८ -९ इन्च लम्बा लण्ड
मुझसे झेला नहीं जा रहा था। ५ मिनट तक वो मुझे लगातार रौंदते रहे, फ़िर
मैं चीखी-जान आऽऽऽऽअऽऽआऽऽह्ह मुझे कुछ हो रहा है, पता नही क्या हो रहा
है, मज़ाऽऽ आ रहा है आऽअ॥अऽ॥आऽऽऽह !
"ओऽऽह जान तू चरम पर है और मै भी ऽऽऽ जान ! मैं गया ऽऽ मेरा झड़ रहा है अआ
…….." उन्होंने लगातार ६-७ झटके मारे और हम दोनो एक साथ आनन्द के शिखर तक
पहुँच गए।
भैया मेरे ऊपर ही पसर गए और हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़
लिया। कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से
लिपटे हुए किस कर रहे थे। थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और स्नानघर में जाने
लगे तो देखा बिस्तर खून से भरा हुआ था। मैं घबरा गई और बोली," ये क्या ……
अब क्या होगा?"
भैया बोले," इसमें डर कुछ नहीं, पहले पहले यही होता है"
मेरी कमर में दर्द होने लगा था। हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाने गए तो
एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया। मेरी चूत अब कुँवारी नहीं रही थी। भैया
ने रगड़ कर मेरी चूत को धोया और मैंने उनके लण्ड को, जिससे हम दोनों गर्म
हो गए। मैं थोड़ा शरमाई पर काफ़ी झिझक निकल चुकी थी। हम दोनों फ़व्वारे के
नीचे खड़े थे। भैया नीचे बैठे तो मैंने कहा,"ये क्या करने जा रहे हो जान
!"
"मैं तो अपने होठों की मुहर लगाने जा रहा हूँ …… और अब तुम भी लगाना"
 वो मेरी चूत में उँगली करने लगे थे और जीभ भी फ़िराने लगे। मैं पागल हो
उठी। मैं अपने एक स्तन को मसलने लगी और भैया हाथ बढ़ा कर दूसरे को। भैया
मेरी हालत समझ गए और फ़र्श पर ही लिटा लिया। मेरी चूत में उनकी जीभ तैर
रही थी और मेरे हाथ उनके सर को पकड़ कर मेरी चूत को दबा रहे थे। मैं अपने
होठों को काट रही थी और लम्बी लम्बी सिसकारियाँ ले रही थी। मेरी टांगें
उनकी गरदन में लिपट गई थी।
फ़िर वो मेरे ऊपर आ गए और मैंने अपनी टांगें उनकी कमर पे लपेट ली। मेरे
दोनों हाथ उनकी गरदन में लिपट गए। उन्होंने फ़िर जोर का झटका मारा तो
आऽऽऽह्हऽऽआ …॥अ…अह्…… जैसे मेरी जान ही निकल गई। फ़िर भैया मेरे बूब्स को
दबाते और झटके मारते जाते। वो वहशी होते चले गए, मेरे बूब्स को निर्दयता
से मसल रहे थे और दांतों से काट रहे थे, मेरी गरदन पर भी प्यार से काटा।
वो जहाँ जहाँ अपने दाँत गड़ाते वहाँ खून सा जम जाता। मैं भी पागल हो जाती
तो बदले में अपने नाखून उनकी पीठ में गड़ा देती और उनकी गरदन पर काट लेती।
जंगलीपने से बाथरूम में मेरी प्यार भरी चीखें गूंज रही थी, जिससे भैया का
जोश बढ़ता ही जा रहा था। यह सिलसिला आधे घण्टे तक चला और उतनी देर में मैं
दो बार झड़ चुकी थी और भैया रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फ़िर जब हम
शांत हुए तो मैं तीसरी बार झड़ी थी। हम फ़्रेश हो कर कमरे में चले गए और
थोड़ा आराम करके खाना खाया। फ़िर हम नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर बातें
करने लगे।
मैंने कहा,"भैया … ओह सोरी … जान, अब मेरा क्या होगा, मैं क्या करूँ और
अब आगे का क्या प्लान है, मेरा मतलब भविष्य का, क्योंकि अब मुझे घबराहट
हो रही है, मैं आपके बिना नहीं रह सकती।" वो बोले "चिंता मत करो जान । आज
हम नहीं सोयेंगे। आज हम एक दूसरे को पूरा सुख देंगे। आप मेरे साथ जी भर
कर और जम कर करो और अपनी बीवी को रौंद डालो जान." फिर भइया ने मुझे रात
में तीन बार और जम कर चोदा और वो भी आधे आधे घंटे तक। और तब तक मैं
बेहोशी की हालत में आ चुकी थी। हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए।


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