Thursday, June 7, 2012

हिंदी सेक्सी कहानियाँ अंजाना रास्ता --1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

 अंजाना रास्ता --1

ये कहानी तब की है जब मे 11 क्लास मे पढ़ता था . मे अपने चाचा जी के घर
पर पढ़ाई कर रहा था क्योंकि मेरा घर गाँव मे था और वाहा कोई अच्छा स्कूल
नही था इसलिए मेरे चाचा मुझे अपने साथ अपने घर ले आए थी. उनका घर काफ़ी
बड़ा था. अब मुझे मिलाकर घर मे चार मेंबर हो गये थी . पहले और घर के बड़े
चाची जी और चाची जी और उनकी एक लोति संतान अंजलि दीदी जिनकी उम्र उस वक्त
23 थी और चोथा था मे ( अनुज ).
अंजलि दीदी बहुत खूबसूरत थी उनकी हाइट 5' 5" , स्लिम , गोरा रंग और जो
मुझे सबसे ज़्यादा पसंद थी वो थी उनके रेशमी लंबे बाल जो कि उनकी लो बेक
तक आते थे. कुल मुलाकर अंजलि दीदी किसी फिल्म आक्ट्रेस से काम नही लगती
थी. वो मुझे बहुत प्यार्कर्ती थी इसकी वजह शायद ये भी थी कि उनके कोई
अपने छोटे भाई बहन नही थे. सो मेरे घर मे आने से वो अब अकेला महसूस नही
करती थी . अंजलि दीदी एम.कॉम कर रही थी उनकी मैथ बहुत अच्छी थी . सो वो
मुझे अक्सर मैथ मे हिल्प कर दिया करती थी. मेरे स्कूल मे मेरे ज़्यादा
फ्रेंड नही थे सिर्फ़ गिने चुने दोस्त थे. राज भी उनमे से एक था ..वो
पढ़ाई लिखाई मे कम और गुंडा गर्दि मे ज़्यादा लगा रहता था …उसकी मेरी
दोस्ती तब हुई थी जब मे स्कूल मे नया आया था. मे नया नया गाँव से आया था
सो ज़्यादा पता नही था सहर के लोगो के बारे मे इसलिए कुछ सीनियर लड़को ने
मुझे स्कूल मे पकड़ कर मेरे पैसे छीनने चाहे ..मे बहुत डर गया था..पर
मैने उन्हे पैसे देने से इनकार कर दिया ..तब एक लड़के ने मेरा गिरेवान
पकड़ कर मुझे मुक्का मारना चाहा कि तभी कही से राज आ गया वो लंबा चौड़ा
था ..उसको देख कर उन लड़को ने मुझे छोड़ दिया..तब से ही हम दोस्त थे…
मेरा स्कूल बाय्स स्कूल था सो एक दिन क्लास मे जब मे लंच टाइम मे लंच कर
रहा था तो राज मेरे पास आया और बोला .." अबे क्या अकले अकेले खा रहा है …
मैने उसको बोला ले भाई तू भी खा ले …वो हस्ने लगा और बोला जल्दी खाना खा
तुझे एक अच्छी चीज़ दिखाता हू….उसका चेहरा चमक रहा था..मुझे भी उत्सुकता
थी ज़ल्दी खाना खाया और फिर बोला " हा. राज बता क्या बात है' तब राज ने
इधर उधर देखा ..क्लास मे और कोई नही था ..उसने अपने बेग मे हाथ डाला और
के छोटी सी किताब निकाल ली…मैं बड़े ध्यान से उसे देख रहा था….जैसे ही
उसने वो किताब खोली मेरे रोंगटे खड़े हो गये ..उस किताब मे जो फोटो थी
उनमे लड़कियो की नंगी तस्वीरे थी….मेरा चेहरा लाल हो गया था शरम से. मुझे
देख राज हंस पड़ा. और बोला." अबे चुतिये क्या हुआ ..तेरी गांद क्यो फॅट
रही है…" मैने अपनी ज़िंदगी मे पहली बार ऐसे फोटो देखी थी .. मैने कहा
राज कोई देख लेगा यार..अगर पकड़े गये तो बहुत पिटाई होगी..तब राज बोला तू
तो बड़ा फटू है साले इतनी मुस्किल से तो इस किताब का जुगाड़ किया है मैने
..फिर वो उसके पन्ने पलट ने लगा ..दूसरे पन्नो मे एक आदमी खड़ा था और एक
लड़की उसका लंड अपने मूह मे ले रही थी..मुझे बहुत डर लग रहा था पर अब
मेरी इच्छा और बढ़ गई थी मे उस बुक को पूरा देखना चाहता था…तभी स्कूल बेल
बजी जिसका मुतलब था कि लंच टाइम ख़तम हो गया है ..राज ने उस किताब को
वापस अपने बेग मे रख लिया क्योंकि बाकी बच्चे क्लास मे आने लगे थे…मुझे
बड़ा गुस्सा आया क्योंकि मुझे उस किताब की बाकी फोटो भी देखनी थी ..पर
क्या करता क्लास अब बच्चो से भर चुकी थी और साइन्स का टीचर क्लास मे एंटर
हो चुका था.
उस दिन जब मे छुट्टी होने के बाद घर गया तब घर पर चाची ही थी . चाचा जी
तो ऑफीस से शाम को आते थे और अंजलि दीदी 4 बजे कॉलेज से आती थी . खैर
मैने खाना खाया और अपने कमरे मे थोड़ा आराम करने के लिए चला गया ( मे
आपको ये बता दू अंजलि दीदी और मेरा कमरा एक ही था बस बेड अलग थे
).गर्मियो के दिन थे सो मुझे नींद आ गयी..मुझे सपनो मे भी वोही तस्वीरे
..वो नंगी लड़किया..उनकी बूब्स..नज़र आ रही थी..कि तभी मुझे कुछ गिरने की
आवाज़ आई ..मैने अपनी आँखे खोली तो देखा की दीदी के बेड पर कुछ बुक्स
पड़ी है जिसका मुतलब सॉफ था कि दीदी घर आ चुकी है…तभी मेरी नज़र अपने
पाजामे पर गयी..उसका टेंट बना हुआ था ..मेरा लंड उन फोटो को याद करते
करते खड़ा हो चुका था..वो तो अच्छा था कि मे उल्टा सोया था नही तो दीदी
उसको देख सकती थी..मे उठ कर बैठा ही था कि अंजलि दीदी कमरे मे आए उन्होने
पिंक सूट और ब्लॅक सलवार पहने हुए थी . " और मिस्टर जाग गये तुम….कितना
सोते हो.." अंजलि दीदी अपना दुपट्टा उतार कर स्टडी टेबल पर रखते हुए
बोली….मे अभी भी थोड़ा नींद के नशे मे था …दुपपता उतारने से उनके बूब्स
और उभर कर बाहर आ गये थे..और मेरे नज़र सीधी उनपर गयी…वैसे तो मे दीदी को
काई बार विदाउट दुपपता देख चुका था फिर पता नही आज उनके बूब्स देखते ही
मेरा दिमाग़ उन नंगी लड़कियो के बूब्स को दीदी के बूब्स से कंपेर करने
लगा और मेरे लंड ने ज़ोर से झटका लिया..ऐसा मेरे साथ पहले बार हुआ था…"
दीदी बहुत थक गयी थी..पता नही कब नींद लग गयी मुझे." मैने दीदी की तरफ
देखा जो कि अपने बेड पर बैठ गयी थी..तभी दीदी ने कुछ ऐसा किया के मेरे
लंड ने दोसरा झटका मारा दीदी ने अपने जुड़े की पिन खोली और उनकी लंबे
सेक्सी रेस्मी बाल खुल गये फिर दीदी ने उनको आगे किया और मुझे देखते हुए
बोली " क्या हुआ मिस्टर. ऐसे क्या देख रहा है तू.." मेरा तो चहरा एक दम
से लाल हो गया मुझे ऐसा लगा जैसे की मे चोरी करते हुए पकड़ा गया हू… मे
घबरा कर बोला..एमेम…ह्म्म…का .कुकुच ..नही दीदी …वो आपके बाल …" मेरा गला
सुख चुका था. दीदी हस्ते हुए अपने बेड से उठ कर मेरी बगल मे बैठ गयी.
मुझे उनके बदन पर लगे डीयोडरेंट की खुशुबू आ रही थी..और साथ मे डर भी लग
रहा थी कि कही दीदी मेरे पाजामे की तरफ ना देख ले…खैर ऐसा कुछ नही हुआ और
दीदी ने मुझे गाल पर एक किस दिया और बाहर जाने लगी..मे उन्हे जाते हुए
देख रहा था..उनकी लंबे बाल उनकी कमर पर बड़े सेक्सी तरीके से लहरा रहे
थे..और मुझे चिड़ा रहे थे…

" अबे वो किताब कैसे लगी थी तुझे…मज़ा आया था." राज मुझे चिड़ाते हुई
बोला. हम क्लास मे पिछले डेस्क पर बैठे थे.
" कितनी बार मूठ मारा था तूने ..बोल बोल…शर्मा मत.." वो फिर बोला
"मैने ऐसा कुछ नही क्या" मे बोला
"अबे चूतिए वो तो सिर्फ़ फोटो थी …बोल उनकी मूवी देखे गा…ज़ल्दी बोल.."
ये सुन कर मेरे लंड मे हर्कात से होने लगी. और ना चाहते हुए भी मेरे मूह
से निकला " क..कहा..देखेंगे "
वो तू मुझ पर छोड़ दे ..चल स्कूल के बाद मेरे साथ चलना और.मैने हा मे सिर
हिला दिया.
स्कूल की छुट्टी होते ही राज मुझे स्कूल के पास वाले साइबर केफे ले
गया..हमने कोने वाली एक सीट ली ..कंप्यूटर को राज ओपरेट कर रहा था ..जिस
तरह से वो कंप्यूटर चला रहा था उससे पता लगता था कि वो इस काम मे काफ़ी
एक्ष्पर्त है..मैने उसे कई बार इस साइबर केफे से आते जाते देखा था…तभी
उसने कोई साइट खोली और सामने नंगी लड़कियो की तस्वीर आनी शुरू हो गयी..
ये सब देखते ही मेरा गला सूख गया मे ये सब पहली बार देख रहा था..फिर राज
ने किसी लिंक पर क्लिक किया और कुछ सेकेंड बाद एक क्लिप प्ले होने लगी
..उसमे एक आदमी एक लड़की के उप्पर चढ़ा हुआ था..लड़की झुकी हुई थी और वो
आदमी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था….ये देखते ही मेरा लंड ना जाने क्यू
मेरी पॅंट मे खड़ा हो गया ..
" इसको चुदाई कहते है ..देख कैसे चोद रहा है लड़की की चूत को….."
मे कुछ बोल नही रहा था मेरी आँखे तो कंप्यूटर स्क्रीन से चिपक गयी थी
..मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. ..और मन मे ये डर भी था कि कही कोई हमे
पकड़ ना ले ये सब देखते हुए..


अचानक मेरी आँखे नीचे गयी और मैने देखा कि राज के पेंट मे भी टेंट बना
हुआ है…सिर्फ़ अंतर इतना था कि उसका टेंट काफ़ी बड़ा लग रहा था.. मैने
फिर से कंप्यूटर की तरफ़ देखा..अब वहा दूसरी क्लिप चल रही थी ..इसमे एक
काला आदमी की गोरी लड़की को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था " गोरी लड़की बहुत
खूबसूरत थी और वो काला आदमी उतना ही बदसूरत..पता नही क्यू इसे देख मेरा
लंड और ज़्यादा कड़क हो गया..क्लिप्स छोटी छोटी ही थी..पर उन छोटी छोटी
क्लिप्स ने मेरे अंदर बड़े बड़े अरमान जगा दिए थे.. हम वहा १ घंटे तक रहे
फिर मे घर आ गया.
"आह….फक मी..ह्म्म…." लड़की चिल्ला रही थी. ये वोही लड़की थी जिसको मैने
उस मूवी क्लिप मे देखा था बस अंतर इतना था कि उस काले आदमी के जगह मे
उसको चोद रहा था…एमेम….ह्म..आ.आ….फक..मी..मेरे आँखे बंद थी . तभी मुझे
कुछ गीला गीला लगा..मेरी आँखे खुल चुकी थी ..और मेरा सपना भी टूट चुका
था…मेरे लंड ने सपना देखते देखते ही पानी छोड़ दिया था…मैने घड़ी की तरफ़
देखा तो रात के 2 बजे थे .कमरे मे नाइट बल्ब जल रह था….. यका यक मेरी
नज़र सामने अंजलि दीदी के बेड पर गयी. जिसको देख तेही मेरे रोंगटे खड़े
हो गये…….


दीदी बिस्तर पर सीधी सो रही थी ..उनकी चूचियाँ बिल्कुल सीधी तनी खड़ी थी
..जैसे जैसे दीदी सास लेती थी वो उप्पर नीचे होती थी…मेरे नज़र तो मानो
उन खोबसुर्रत उभारो पर ही जम गयी थी …अब मुझे अपने पाजामे मे फिर से वो
ही हरकत महस्सूस होनी लगी .मेरा लंड खड़ा हो रहा था….मुझे ये समझ नही आ
रहा थी कि मुझे अपनी दीदी को देख कर क्यू ऐसा लग रहा है..वो मुझे कितना
प्यार करती है ..मुझे अपने उप्पर गिल्टी होने लगी..मे फिर सीधा बाथरूम
गया और पेशाब कर कर अपने बेड पर आकर सो गया.

अगली सुबा मेरी आख 8 बजे खुली.मे उठ कर बैठा और चारो तरफ़ देखा तो पाया
की दीदी का बॅग टेबल पर रखा है. आज दीदी कॉलेज नही गयी शायद. खैर मे उठ
कर फ्रेश हुआ और ड्रॉयिंग रूम की तरफ़ चला ..अंजलि दीदी सोफे पर बैठी
टीवी देख रही थी… दीदी को देखते ही मुझे रात की बात याद आई ..और मेरे
अंदर फिर से गिल्टी फीलिंग आ गयी..
"अरे..मेरा राजा भैया जाग गया..आजा..यहा बैठ मेरे पास.." दीदी मुस्कुराते हुए बोली.
" आप कॉलेज नही गयी दीदी" मैने पूछा.
"लो कर लो बात …तुझे हुआ क्या है आज कल…अरे सनडे को कोई कॉलेज जाता है
क्या " दीदी मुझे अपने पास बैठाते हुए बोली.
ओह आज सनडे है मुझे अपने बेवकूफी पर गुस्सा आया. सच मे पछले कुछ दिनो से
राजके साथ रहकर मैं भी उसकी ही तरह हो गया हू.
"चाची और चाचा जी नज़र नही आ रहे." मे बोला
"अरे हा ..मे तुझे बताना भूल गयी मम्मी पापा आज बुआ जी के यहा गये है .
शाम तक आएँगे…" दीदी टीवी देखते हुए बोली.
"तुझे भूक लगी होगी ना..मम्मी खाना बना कर गयी है ..रुक मे तेरे लिए लाती
हू' और दीदी उठ कर किचिन मे चली गयी. मैने टीवी का रिमोट लिया और चैनल
चेंज करना चाहा पर रिमोट के सेल वीक हो गये थे सो कई बार बटन दबाने के
बाद चैनल चेंज हुआ..मैने बड़े मुस्किल से अनिमल प्लॅनेट चैनल लगाया..मुझे
अनिमल प्लॅनेट चैनल देखना बहुत पसंद था..थोड़ी देर के बाद दीदी खाना लेकर
आ गयी..वो मेरे पास बैठ गयी..हम दोनो ने खाना खाया.फिर दोनो टीवी देखने
लगे.. " तू ज़रूर बड़ा होकर जानवरो का डॉक्टर बनेगा ." दीदी मुस्कुराती
हुई बोली
" क्यू..दीदी" मैं उत्सुकता से दीदी की तरफ़ देखता हुआ बोला
सारे दिन अनिमल प्लॅनेट जो देखता रहता है तू.. दीदी अपने रेशमी बाल खोल
कर अपने सीने पर डालते हुए बोली..मेरा तो बुरा हाल होगया ..एक तो दीदी थी
ही इतनी खोब्सूरत उपर से जब अपने लंबे रेशमी बाल खोल लेती थी तो क्या
काहू..कटरीना कैफ़ भी फैल हो जाती थी उनकी सामने.
" ला अपना लेफ्ट हॅंड दे ..मे तुझे तेरा फ्यूचर बताती हू " कहते हुए दीदी
ने मेरा हाथ अपने हाथो मे ले लिया ( मे आपको बता दू कि दीदी नी लॉस
टी-शर्ट ऑफ पाजामा पहना हुआ था ) . " ओफ्फ….म्म..क्या मुलायम हाथ था दीदी
का..उनके गोरे गोरे हाथो मे मेरे हाथ भी काले नज़र आने लगे थे…
" तू..बड़ा होकर बनेगा ..म्म..एक..जोकर….हा .हा हा.." दीदी हस्ने लगी.
दीदी मज़ाक कर रही थी और मुझे हसाने की कोशिस कर रही थी पर मे तो उनकी
खूबसूरती को निहार रहा था.
पर थोड़ा मज़ाक करने के बाद हम दोबारा टीवी देखने लगे..कुछ 5 मिनट ही हुए
थे कि तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे मेरी ही नही दीदी की भी साँसे रुक गयी
थी….जैसा कि मैने आपको को बताया कि टीवी पर अनिमल प्लॅनेट चल रहा था..सब
कुछ सही चल रहा था ..कुछ ज़ब्रा घास चर रहे थे कि अचनाक एक बड़ा सा
ज़ीब्रा वाहा आया और एक फीमेल ज़ीब्रा की चूत को पीछे से सूंघने लगा..फिर
उसने अपनी ज़ीब निकाली और वो उसकी चूत को चाटने लगा..कॅमरा मॅन ने इसका
क्लोज़ अप लेना सुरू कर दिया..जैसे जैसे वो उसकी चूत चाट रहा था मैने
देखा कि अब कमरे का फोकस उस ज़ीब्रा की टाँगो की तरफ़ था चूत चाटते चाटते
उसका लंड बढ़ता ही जा रहा था..और ये सब मे अकेला नही बल्कि पास बैठी दीदी
भी देख रही थी..पूरे कमरे मे अब सिर्फ़ टीवी की आवाज़ ही आ रही थी..यका
यक पता नही मेरी नज़र दीदी पर गयी…तो मैने पाया कि दीदी बिना आँखे बंद
किए ये सब देख रही है…फिर मेरी नज़र दीदी की गर्दन से नीचे सीधे उनके
उभारो पर गयी..अब वे और ज़्यादा तन गयी थी .और जल्दी जल्दी उपर नीचे हो
रही थी.शायद दीदी की सासे तेज चल रही थी…तभी दीदी की नज़र मुझसे
मिली..कुछ सेकेंड के लिए.ही मिली थी …शर्म से उनका गोरा चहरा लाल हो रहा
था..वो कुछ ना बोली और आगे बाद कर रिमोट उठा कर चैनल चेंज करने लगी..पर
जैसे कि मैने पहले बताया था कि रिमोट के सेल वीक हो गये थे चैनल चेंज नही
हुआ..पर तभी टीवी स्क्रीन पर वो ज़ीब्रा उस फीमेल ज़ीब्रा पर चढ़
गया…मुझे तभी अहसास हुआ कि मेरा हाथ अब भी दीदी के कोमल हाथो मे था जो कि
अब उनकी राइट थाइ पर रखा हुआ था…उनकी सॉफ्ट थाइट की स्किन को मे उनके
पजामे के उपर से महसूस कर सकता था..मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा..उधर
ज़ीब्रा ने एक ही झटके मे अपना विशाल लंड फीमेल ज़ीब्रा की चूत मे घुसा
दिया..और जैसे ही उसने पहला झटका मारा दीदी ने मेरे हाथ को कस कर भीच
लिया..मेरी हालत बहुत बुरी हो गयी…मुझे लग रहा था कि एक तरह से मे दीदी
के साथ बैठा ब्लू फिल्म देख रहा हू..मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया..ज़ीब्रा
लगातार झटके मार रहा था…मुझ पर सेक्स का नशा चढ़ता जा रहा था …कुछ तो उन
जानवरो की चुदाई देख कर ..और कुछ दीदी के नरम हाथो और उनकी गरम जाँघो की
गर्मी..मुझसे रहा नही गया और अचानक मैने अपने हाथो को थोड़ा खोला और
अंजलि दीदी की राइट जाँघ जिस पर मेरा हाथ रखा था को कस्स कर दबा दिया…बस
मेरे लिए ये काफ़ी था और मेरे लंड से पानी छोड़ दिया…वो तो अच्छा था मैने
अन्दर्वेअर और उपर से पॅंट पहनी थी नही तो दीदी को पता चल जाता…तभी
टेलिफोन की घंटी बजी .दीदी तो मानो सपने से जागी उनको शायद ये भी पता नही
था कि मैने उनकी थाइस को दबाया है..वो फॉरन दूसरे कमरे की तरफ़ चली गयी
जहा फोन बज रहा था…..
क्रमशः.......................


Anjaana Rasta --1

Ye kahani tab ki hai jab me 11 class me padhtaa tha . Me apne Chacha
ji ke ghar par padhaai kar raha tha kyonki mera ghar gaanv me thaa aur
vaha koi achcha school nahi thaa isliye mere chacha mujhe apne sath
apne ghar le aaye thi. Unka ghar kaffi bada tha. Ab mujhe milakar ghar
me char membar ho gaye thi . Pahle aur ghar ke bade Chachi ji aur
chachi ji aur Unki ek loti santaan Anjali Didi jinki umr us vakt 23
thi aur chotha thaa me ( Anuj ).
Anjali didi bahut khubsoorat thi unki hiight 5' 5" , slim , gora rang
aur jo mujhe sabse jyaada pasand thi vo thi unke reshmi lambe baal jo
ki unki lowe beck taak aate thi. Kul mulakar Anjali Didi kise film
actress se kaam nahi lagtee thi. Vo mujhe bahut pyaarkartee thi iskee
vajah shaayad ye bhi thi ki unke koi apne chote bhai bahan nahi thi.
So mere ghar me aane se vo ab akela mehsoos nahi kartee thi . Anjali
Didi M.Com kar rahi thi unki math bahut achchie thi . So vo mujhe
aksar math me hilp kar diya kartee thi. Mere school me mere jyaada
friend nahi thi sirf gine chune dost the. Raj bhi unme se ek thaa ..vo
padhaai likhaai me kam aur gunda gardi me jyaada laga rahta thaa …uski
meree dosti tab huee thi jab me school me naaya ayya thaa. Me naaya
naaya gaanv se aaya tha so jyaada pata nahi tha sahar ke logo ke bare
me isliye kuch senior ladko ne mujhe school me pakad kar mere paise
chienane chahi ..me bahut dar gaya thaa..par maine unhi paise dene se
inkar kar diya ..tab ek ladke ne mera girevaan pakaad kar mujhe mukka
maarana chaha ki tabhi kahi se Raj aa gaya vo lamba chouda thaa ..usko
dekh kar un ladko ne mujhe chod diyaa..tab se hi ham dost the… Mera
school boys school thaa so ek din class me jab me lunch time me lunch
kar raha tha to Raj mere pass aaya   aur bola .." abe kya akale akele
kha raha hai … maine usko bola le bhai tu bhi khaa le …vo hasne laga
aur bola jaldi khana khaa tujhe ek achchi cheej dikhaataa hoo….uska
cheharaa chamak rahaa thaa..mujhe bhi utsukta thi zaldi khana khaaya
aur phir bola " ha. Raj bata kya baat hai' tab Raj ne idhar udhar
dekhaa ..class me aur koi nahi thaa ..usne apne beg me hath daala aur
ke choti see kitaab nikal lee…main bade dhyaan se use dekh raha
thaa….jaise hi usne vo kitab kholi mere rongte khade ho gaye ..us
kitab me jo photo thi unme ladakiyo ki nangi tasveere thi….mera
chehara laal ho gaya tha shaaraam se. Mujhe dekh Raj hans padaa. Aur
bola." Abe chutiye kyaa huaa ..teree gaand kyo phat rahi hai…" Maine
apnee zindagee me pahlee baar aise photo dekhi  thi .. Maine kaha Raj
koi dekh lega yaar..agar pakde gaye to bahut pitaaye hogi..tab Raj
bola tu to bada fatoo hai saale Itni muskil se to is kitab ka jugaad
kya hai maine ..phir vo uske panne palat ne laga ..dusare panno me ek
admi khada tha aur ek ladki uska Lund apne muh me le rahi thi..mujhe
bahut dar lag raha tha par ab meree ichchaa aur badh gai thi me us
book ko pura deknaa chahtaa thaa…tabhi school bell baji jiska mutlab
thaa ki lunch time khatam ho gaya hai ..Asalam ne us kitab ko vapas
apne beeg me rakh leya kyonki baki bachi class me aane lage thi…mujhe
bada guassa aayaa kyonki mujhe us kitab ki baki photo bhi deknee thi
..par kya karta class ab bachcho se bhar chuki thi aur Science ka
teacher class me enter ho chuka thaa.
Us din jab me chutti hone ke baad ghar gaya tab ghar par chachi hi thi
. Chaha ji to office se sham ko aate the aur Anjali didi 4 baje
college se aatee thi . khair maine khana khaaya aur apne kamre me
thoda aaraam karne ke leye chala gaya ( me appko ye bata doo me Anjli
didi aur mera kamra ek hi thaa bus bed alag the ).garmiyo ke din the
so mujhe neend aa gayeee..mujhe sapno me bhi vohi tasveere ..vo nangi
ladkyaa..unkee boobs..najar aa rahi thi..ki tabhi mujhe kuch girane ki
avaaj aayee ..maine apnee aankhe kholi to dekha ki Didi ke bed par
kuch books padi hai jiska mutlab saaf tha ki didi ghar aa chuki
hai…tabi meree najar apne pajaame par gayi..uska tent bana huaa thaa
..mera lund un photo ko yaad karte karte khada ho chuka thaa..vo to
achcha tha ki me ulta soya thaa nahi to didi usko dekh sakatee thi..me
uth kar baitha hi tha ki Anjali didi kamre me aaye unhone pink suit
aur black salwar pahine hue thi . " aur Mr jag gayee tum….kitna soote
ho.." Anjli didi apne dupatta uttar kar study table par rakte hue
boli….me abhi bhi thoda neend ke nase me thaa …duppataa utarne se unki
boobs aur ubhaar kar bahar aa gaye thi..aur mere najar sethi unpar
gayee…vaise to me didi ko kayii baar without duppta dek chuka tha phir
pata nahi aaj unki boobs dekhtee hi mere demaak un naagi ladki ke
boobs ko didi kee boobs se compare karne lagaa aur mere lund ne joor
se jhatka leyaa..aisa mera sath pahle baar hua thaa…" Didi bahut thaak
gaya thaa..pata nahi kaab neend lag gayee mujhe." Maine didi ki taraf
dekha jo ki apne bed par beth gaye thi..tabhi didi ne kuch aisa kya ke
mere lund nee dosra jhatak mara Didi ne apne judee ki pin kholi aur
unki labe sexy resmi baal khol gaye phir didi ne unko agee kyaa aur
mujhe dekhte hue boli " kya hua Mr. aise kya dekh raha hai tuu.." Mera
to chahra ek daam se laal ho gaya mujhe aisaa laga jaise ki me chori
karte hue pakda gay hoo… me khabra kar bola..mm…hmm…ka .kukuch ..nahi
didi …vo appke baal …" mera gala sukh chuka thaa. Didi haste hue apne
bed se uth kar mera bagal me beeth gaye. Mujhe unki badan par lage
deodorant ki kushboo aa rahi thi..aur sath me dar bhi lag raha thi ki
kahi didi mere pagayme ke taraf na dekh le…khair aissa kuch nahi hua
aur didi ne mujhe gaal par ek kiss diyaa aur bahar janii lagee..me
unhii jatii hue dekh raha thaa..unki lambe baal unki kamar par bade
sexy tarekee se lahara rahi thi..aur mujhe chida rahi thi…

" abe vo kitab kaise lagii thi tujhee…maja aayaa thaa." Raj mujhe
chidaate huee bola. Ham class me pechlle desk par baithi thi.
" KItni baar mutth mara thaa tune ..bol bol…sharma mutt.." vo phir bola
"maine aisa kuch nahi kyaa" me bola
"Abe chuteye vo to sirf photo thi …bol unki movie dekhie gaaa…zaldi bol.."
Ye sun kar mere lund me harkaat se hone lagii. Aur na chaate hue bhi
mere muh se nikla " K..kaha..dekhgee "
Vo tu mujh par chod dee ..chaal school ke baad mere sath chalna
aur.maine Ha me sir hila diyaa.
School ki chutti hoti hie Raj mujhe school ki pass wali cyber café le
gaya..hamne kone wali ek seat li ..computer ko Raj oparaate kar raha
tha ..jistarah se vo computer chala raha tha use pata lagta tha ki vo
is kaam me kafffi expart hai..maine use kai bar iss cyber café se aate
jati dekha thaa…tabhi usne koi site kholli aur samne nangi ladkyo ki
tasveer anee shuroo ho gayeee.. se sab dekhte hie mera gala shukh gaya
me ye sab pahle baar dek raha thaa..phir Raj nahi kise link par click
kya aur kuch second baad ek clip play hone lage ..uski ek adami ek
ladki ke uppar chada hua thaa..ladki jhuki hue thi aur woo adki joor
joor se dhake laga raha thaa….ye dekhtee hi mera lund na jane kyoo
mere pant me khada ho gaya ..
" Isko chudaaye kahte hai ..dek kaise chod raha hai ladki ki chot ko….."
Me kuch bol nahi rah tha mere ankhi to computer screen se chippak gaye
thi ..mera dil joro se dhadak raha thaa. ..aur mun me yee dar bhi tha
ki kahi koi hame pakad naa le ye sab dekhte huee..


Achank mer ankhi nechie gayee aur maine dekha ki Raj ke pent me bhi
tent bana hua hai…sirf unter itna tha ki uskaa tent kafii bada laag
raha thaa.. maine phir se computer ki tarf dekhaa..ab vaha dosri clip
chaal rahi thi ..ismain ek kala admi ki gori ladki ko bade behrami se
chod raha thaa " Goori ladki bahut kubsuraat thi aur vo kala admi utna
hi badsurat..pata nahi kyoo se dekh mera lund aur jyaada kadak ho
gayaaa..clips choti choti hi thi..par un choti choti clips ne mere
andar bade bade urman jaga deye thi.. ham vaha I hrs taak rahi phir me
ghar aa gaya.
"Ahhh….fuck me..hmm…." ladki cchilla rahi thi. Ye vohi ladki thi
jiskoo maine us movie clip me dekha thaa bus unter itna thaa ki us
kale admi ke jagah me usko chod raha
thaa…mm….hmm..aa.aa….fuck..me..mere akhhie bund thi . tabhi mujhe kuch
gela gela laga..mere aankhe khol chuki thi ..aur mera sapna bhi toot
chuka thaa…mere lund ne sappna dekhte dekhte ki panii chod diya
thaa…maine ghade ke tarf dekha to raat ke 2 baje thi .kamre me night
bulb jaal rah thaa….. yaka yak mere najar samne Anjli didi ke bed par
gayee. Jisko dekh te mere rongte khade ho gayee…….


"Ahhh….fuck me..hmm…." ladki cchilla rahi thi. Ye vohi ladki thi
jiskoo maine us movie clip me dekha thaa bus unter itna thaa ki us
kale admi ke jagah me usko chod raha
thaa…mm….hmm..aa.aa….fuck..me..mere akhhie bund thi . tabhi mujhe kuch
gela gela laga..mere aankhe khol chuki thi ..aur mera sapna bhi toot
chuka thaa…mere lund ne sappna dekhte dekhte ki panii chod diya
thaa…maine ghade ke tarf dekha to raat ke 2 baje thi .kamre me night
bulb jaal rah thaa….. yaka yak mere najar samne Anjali didi ke bed par
gayee. Jisko dekh te mere rongte khade ho gayee..didi bistar par
sedhie soo rahi thi ..unkee chochiyaa bilkul sedhi tane khade dee
..jaise jaise didi saas leti thi vo uppar neechi hoti thi…mere najar
to mano un khobsurrat ubharoor par hi jam gaye thi …ab mujhe apne
pagame me phir se vo hii harkkat mehssos honi lagi .mera lund khada ho
rah thaa….mujhe ye samajh nahi aa raha thi ki mujhe appni didi ko dekh
kar kyoo aisaa lag rahaa hai..vo mujhe kitna pyaar karte hai ..mujhe
apne uppar guilty hone lageee..me phir sedha bathroom gaya aur peshab
kar kar apne bed par akkar soo gayaa.

Agli subha mere aakh 8 baje khulii.me uth kar baitha aur charo tarf
dekha to paayaa ki didi ka bag table par rakha hai. Aaj didi college
nahi gayee shaayad. Khair me uth kar fresh hua aur drawing room kee
tarf chala ..Anjali Didi sofe par baithi TV dekh rahi thi… Didi ko
dekhte   hi mujhe raat ki baat yaad aayee ..aur mere andar phir se
guilty feeling aa gayee..
"Aree..mera raja bhaia jag gayaa..ajaa..yaha beth mere pass.." Didi
muskuraate hue boli.
" App college nahi gayee didi" maine poccha.
"loo kar loo baat …tujhe hua kya hai aaj kaal…are Sunday ko koi
college jata hai kyaa " didi mujhe apne pass bethdte hue boli. Oh aaj
Sunday hai mujhe apne bewakuffi par gussa aayaa. Sach me pechle kuch
deno se Rajke sath rahkar main bhi uske hi tarah dum ho gaya hoo.
"chahci aur chahca ji najar nahi aa rahi." Me bola
"are haa ..me tujhe batana bhol gaye mumi papa aaj bua ji ki yaha gaya
hai . sham taak aayengee…" didi tv dekte hua boli.
"tujhe bhok lage hogi naa..mumi kahna bana kar gaye hai ..rook me tere
leye latii hoo' aur didi uth kar kitchin me chali gaye. Maine TV ka
remote leya aur chaanel change karna chaha par remote ke cell week ho
gaye thi soo kaaye baar button dabane ke baad chaanel change
hua..maine bade muskil se Animal Planet chaanel lagaya..mujhe Animal
Planet chaanel dekna bahut pasand thaa..thodi der ke baad didi khana
lekar aa gayee..vo mere pas beth gayee..ham dono ne khana khaayaa.phir
dono Tv dekne lagee.. " tu jarooor bada hokar janvaroo ka doctor
banega ." Didi mukurati hue boli
" kyoo..didi" main utsukta se didi ki tarf dikhaataa hua bola
Sare din Animal Planet jo dikhaataa rahta ha tuu.. Didi apne reshmi
baal khol kar apne sene par daalte hue boli..mera to bura haal hogaya
..ek to didi thi Itni khobsoorat uppar se jab apne lambe reshmi baal
khol lete thi to kyaa kaho..katrina kaif bhi fail ho jati thi unki
samnee.
" laa appna left hand dee ..me tujhe tera future batati ho " kahte hue
didi ne mera hath apne hatho me leleyaa ( me appko bata do ki didi nee
losse t-shirt of pajama pahna hua thaa ) . " off….mm..kya mulaayam
hath thi didi ki..unki gore gore hatho me mere hath bhi kale najar
anee lagee thi…
" tuu..bada hokar banegaa ..mm..ek..jokar….ha .ha haa.." didi hasne
lagi. Didi majak kar rahi thi aur mujhe hasane ki koshis kar rahi thi
par me to unki khobsurrti ko nehaar raha thaa.
Par thoda majak karne ke baad ham dobara TV dekne lagee..kuch 5 min hi
hue thi ki tabhi kuch aisa huaa jisse mere hi nahie didi ki bhi hase
rook gayee thi….Jiasa ki maine appko ko baatya ki TV par Animal Planet
chaal raha tha..sab kuch sahi chal raha tha ..kuch zebra ghans chaar
rahi thi ki achnaak ek bada sa zebra vaha aayaa aur ek female zebra ki
chot ko peechi se sungne laga..phir usnee appna zeeb nikali aur vo
uski chot ko chatne lagaaa..camera Man nee iska close up lene suru kar
diyaa..jaise jaise vo uski chot chaat raha thaa maine dekkh ki ab
camre ka focus us zebra ki tango ki tarf thaa chot chaatte chaattee
uska Lund badta hi jaa rha thaa..aur ye saab me akela nahie balki pass
baithi didi bhi dekh rahi thi..pure kamre me ab sirf TV ki avaj hi aa
rahi thi..yaak yak pata nahi mere najar didi par gayee…too maine paaya
ki didi bina aankhe band keyee ye saab dekh rahi hai…phir mere najar
didi ke gardan se nechi sede unka Ubharoo par gayee..ab ve aur jyaada
taan gayee thi .aur jaldi jaldi uppar nechie ho rahi thi.shaayad didi
ki saasi teej chaal rahi thi…tabhi didi ki nagar mujhse milii..kuch
second ke leyee.hi mili thi …Sharm se unka gora chahra laal ho rah
thaa..vo kuch naa boli aur agge bad kar remote utha kar chaanel change
karne lagii..par jaise ki maine pahle bataaya tha ki remote ke cell
week ho gaye thi chaneel change nahi huaa..par tabhi TV screen par vo
zebra us female zebra par chaad gaya…mujhe tabhi ahsas hua ki mera
haath abe bhi didi ki komal hatho me tha joo ki ab unki right thigh
par rakha hua thaa…unki soft thight ki skin ko me unki pagame ki uppar
se mehsoos kar sakta thaa..mer dil joroo se dhadakne lagaa..udhar
zebra ne ek hi jhatke me appna vishal lund female zebra ki chot me
gussa diyaaa..aur jaise hi usnee pahle jhatka mara didi ne mere hath
ko kaas kar beech leyaa..mere halat bahut buri ho gayee…mujhe lag raha
tha ki ek tarh se me didi ke sath baitha Blue Film dekh raha hoo..mera
Lund pura khada ho gayaa..zebra lagatar jhatke baar raha thaa…muj par
sex ka nasha chadta ja rhaa thaa …kuch to un janvaroor ki chudaaye
dekh kar ..aur kuch didi ke naaaraam hatho aur unki gaaraam jangoo ki
garmi..mujhse raha nahi gaya aur achaank maine apne hatho ko thoda
khola aur Anjali didi ki right jangh jis par mera hath rakha thaa ko
kass kar daba diyaa…bus mere leye ye kafii thaa aur mere lund se pane
chod diyaaa…vo to achcha tha maine andarwear aur uppar se pant pahane
thi nahi to didi ko pata chaal jyaadaa…tabhi telephone ki ghante baje
.didi to mano sapnee se jagii unko shaayad ye bhi pata nahi tha ki
maine unkko thighs ko dabay hai..vo phoran dusare kamre ki tarf chali
gaye jaha phone bag raha thaa…..
kramashah.......................


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