Monday, February 15, 2016

FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--38

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--38


कामया के लिए भी उसके हनिमून की आज की रात उसके लिए सारी जिंदगी के लिए यादगार बनने वाली थी ! सुबह पाँच बजे जब वो कामया के कमरे से निकला तो कामया से उठा भी नही जा रहा था ! बड़ी मुश्किल से वो कमरा बंद कर पाई !
अब आगे - - - - --
सन्नी थकाहारा अपने कमरे मे पहुँचा तो देखा जीजा अभी भी सो रहा था ! वो भी बाजू मे लेट गया और तुरंत उसे भी नींद आ गई ! इधर सुबह दस बजे के करीब कामया की नींद टूटी तो उसने सबसे पहले रूम सर्विस से बोलकर चादर बदलवाई पूरी चादर भाई बहन के काम रस से गीली हो गई थी ! ! वो तो अच्छा हुआ क़ि रात वाले कर्मचारी बदल चुके थे ! फिर नहाने चली गई उसकी मांसल जाँघ भाई के वीर्य से सनी पड़ी थी ! वो बड़े प्यार से छू छू कर उसे सॉफ करने लगी ! फ़ुर्सत होकर वो सन्नी के कमरे मे जाकर बेल बजाने लगी ! घंटी की आवाज़ सुनकर सन्नी की नींद टूटी तो उसने दरवाजा खोला ! सामने कामया खड़ी हुई थी ! कामया अंदर आई तब तक सुनील भी हल्का सा जाग गया था ! अपने को सन्नी के रूम मे देख कर और वहाँ कामया को देखकर वो सकपका गया ! कामया ने नकली गुस्से से आँखे तरेरकार पूछा
कामया - - - कहाँ थे रात भर आप ?
सुनील - - - वो यहीं तो था ! सॉरी वो ज़रा नींद लग गई थी ! सुनील ने सकपकाते हुए कहा !
कामया - - - नींद लग गई थी या ज़्यादा पी ली थी इसलिए होश नहीं रहा ! !
सुनील - - - नहीं डार्लिंग थोड़ी सी पी थी !
कामया - - - थोड़ी सी पीने मे कोई इतना बेहोश हो जाता है क्या क़ि उसे ये भी याद नहीं पराए शहर मे बीवी रात को अकेली है !
सुनील - - - सॉरी डार्लिंग ! पता नहीं अचानक नींद लग गई और ये तुम्हारा भाई भी सो गया ! सन्नी तो अपनी दीदी की एक्टिंग देख कर हैरान था ! रात भर वो उससे चुदवा रही थी और अब झन्दु बाम को क्या तरीके से डाँट रही थी !
सन्नी - - - सॉरी दीदी वो ऐसे ही नींद लग गई थी !
कामया - - - सन्नी तुम चुप रहो ! तुम्हे सफाई देने की ज़रूरत नहीं !! जो लेके आया है उसे ही चिंता नहीं तो तुमसे क्या शिकवा करूँ ! और अब चुपचाप मेरे रूम मे आ जाओ मैं नाश्ता का ऑर्डर दे रही हूँ ! बोलते हुए कामया वहाँ से चली गई ! वैसे तो वो वहाँ और भी रुक सकती थी मगर सन्नी केवल शॉर्ट मे था और कामया ने कनखियों से देख लिया था क़ि सन्नी के शॉर्ट मे टेंट बनना शुरू हो गया है ! अगर वो ज़रा देर और रुकती तो सन्नी की स्थिति असहज हो सकती थी !
नाश्ते के बाद सन्नी ने जीजा से घूमने चलने के लिए पूछा मगर जीजा अभी भी नींद की खुमारी मे था ! दारू का नशा तो उतर चुका था मगर सन्नी जनता था की गोली का नशा दिन भर रहने वाला है !
सन्नी - - - ठीक है जीजा जी ! आज आराम करते हैं !
सुनील - - - अरे नहीं यार तुम मेरे कारण अपना ट्रिप क्यों खराब कर रहे हो ! देखो आज हमारा आख़िरी दिन है यहाँ ! कल तो जाना ही है सो तुम लोग आज भी घूम लो कोई नई जगह !
सन्नी - - - जीजा जी जगह तो बस अब केवल बरगी बाँध ही बची है !
जीजा - - - तो ठीक है अपने दीदी को बाँध दिखा लाओ इसने पहले कभी बाँध देखा भी नहीं होगा ! मुझे थोड़ा ऑफीस का काम भी है !
सन्नी - - - ओके जीजा जी ! चलो दीदी आप तैयार हो जाओ और हाँ नदी मे नहाना हो तो कपड़े रख लेना !
दोनो बरगी बाँध पहुँच गये ! कामया तो बाँध की विशालता देख कर ही दंग रह गई ! पुण्या सलिला मा नर्मदा का अथाह जलराशि किसी सागर के सामान दिख रही थी शायद इसी लिए इसका नाम भी इंदिरा सागर रखा हुआ था !
वहाँ वॉटर स्पोर्ट्स के कई इंतज़ाम भी थे ! दोनो ने वॉटर स्कूटर का मज़ा लिया और फिर क्रुस का भी मज़ा लिया !
क्रुस के सफ़र के दौरान सन्नी को लगा अगर वो क्रुस के बाद इधर की ओर कामया को ले आए तो वॉटर स्पोर्ट के साथ साथ एक बार जवानी के खेल का मज़ा भी लिया जा सकता है !
इस तरफ सुनसान था और चारों तरफ चट्टानो की प्राकृतिक दीवार भी थी !
यात्रा ख़त्म होने के बाद वो कामया से बोला
सन्नी - - - दीदी थक तो नहीं गई !
कामया - - - अभी मैं कौन सा पैदल चली हूँ जो थक जाऊंगी !
सन्नी - - - तो चलो उस तरफ चलते हैं उधर की सीन बड़ी अच्छी लग रही है ! कामया को कुछ समझ नहीं आया ! दोनो चलते चलते एक किलो मीटर तक आ गये ! यहाँ से रिज़ॉर्ट सॉफ दिख भी नहीं रहा था ! सामने बाँध का पानी हिलोरें मार रहा था और चारो तरफ चट्टान बिखरी पड़ी थी ! सन्नी बोला
सन्नी - - - चलो दीदी नहा लेते हैं यहाँ कोई है भी नहीं
कामया - - - नहीं भैया मैं नहाने का कपड़ा नहीं लाई !
सन्नी - - - कोई बात नहीं यार अंडर गारमेंट्स मे नहा लो
कामया - - अच्छा बड़े बेशरम हो तुम ! कोई देख लेगा तो ?
सन्नी - - - कोई नहीं देखेगा दीदी ! अगर जीजा तुम्हे गोआ ले गये होते तो वहाँ तुम्हे कपड़े पहने एक भी औरत नहीं दिखती ! वहाँ तो सी बीच मे सब औरतें ब्रा पेंटी मे ही रहती है या वो भी नहीं !
कामया - - - वो भी नहीं मतलब ? क्या बिना कपड़ों मे रहती हैं ? कामया ने शरमाते हुए पूछा ! हालाकी उसने भी ऐसा सुन रखा था की कहीं कहीं न्यूड बीच होते हैं !
सन्नी - - - और क्या सही तो बोल रहा हूँ ! फिर सन्नी ने अपने कपड़े उतारे और कामया के भी उतारने लगा ! कामया ने शुरू मे थोड़ी कोशिश की फिर चुप हो गई वैसे भी यहाँ भेदा घाट की तुलना मे बिल्कुल एकांत था ! केवल ब्रा पेंटी मे वो दोनो पानी के पास आकर एक चट्टान मे आकर खड़े हो गये ! अंतर वस्त्रों मे अपनी दीदी की गदराई और अच्छे अच्छे के होश उड़ा देने वाली जवानी को देख कर सन्नी के कोबरा ने फन उठाना शुरू कर दिया !
 

अपने को घूरता देख कामया ने शर्मा कर पूछा
कामया - - - ऐसा क्यों देख रहे हो भैया ?
सन्नी - - - दीदी आपका हुश्न औरशवाब ऐसा है क़ि लगता है आपको सारी जिंदगी बस बिना कपड़ों के ही देखता रहूं !
कामया - - - चुप करो भैया आप हमेशा शुरू हो जाते हो ! जहाँ वो खड़े थे वहाँ से पानी सॉफ दिख रहा था क़ि केवल कमर तक ही होगा !
सन्नी - - - चलो ना दीदी उतरो नहाते हैं !
कामया - - - नहीं भैया मुझे तो देख कर ही डर लग रहा है ! बाप रे चारो तरफ पानी ही पानी है ! वास्तव मे अथाह पानी था मगर सन्नी गाँव का लड़का था और बढ़िया तैराक था किंतु उसे मालूम था क़ि इतना पानी देख कर तो कोई भी लड़की भयभीत हो जाएगी !
सन्नी - - - दीदी डरो मत पानी केवल कमर तक ही है ! और फिर कामया का डर दूर करने वो नदी मे कूद पड़ा !
पानी सन्नी की कमर से भी नीचे था इस लिए उसने कामया को फिर कहा
सन्नी - -- जान डरो मत आ जाओ और मैं हूँ ना ! देखो यहाँ तो पानी मेरी कमर से भी नीचे है !
कामया - - - नहीं भैया मुझे अब भी डर लग रहा है ! सन्नी ने जल्दी से कामया का हाथ पकड़ा और उसे पानी मे खींच लिया ! जो होना था वो हो चुका था अब तो कामया भीग चुकी थी ! वो भी अब साहस करके नहाने लगी !
कामया जल से खिलवाड़ कर रही थी जबकि उसका भाई केवल उसे ही देखे जा रहा था ! पानी की बूँदों से भरा उसका स्वर्णिम शरीर ऐसा लग रहा था जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरकर जल विहार करने आई है !
 

दोनो भाई बहन एकांत का फ़ायदा उठाते हुए काफ़ी देर तक पानी मे नहाते रहे ! सन्नी मौके का फ़ायदा उठाते हुए कामया के अंगों से खिलवाड़ भी कर रहा था ! कभी वो ब्रा मे क़ैद कामया के बूब सहला देता तो कभी दीदी की नंगी मांसल जांघों को रगड़ देता ! वो कामया को गरम कर देना चाहता था ताकि अगर वो अपना कार्यक्रम करना चाहे तो वो ज़्यादा ना नुकुर ना कर पाए ! उसकी इन हरकतों का कामया पर असर भी पड़ रहा था उसके अंदर गर्मी भरती जा रही थी ! जब जब सन्नी उसके मम्मो को छेड़ता तो कामया आँख बंद कर लेती और आनंद मे डूब जाती ! दोनो थोड़ी देर तक जल क्रीड़ा करने के बाद पानी से बाहर निकल आए ! कामया एक चट्टान की ओट मे अपने कपड़े बदलने लगी !
 

कामया जब कपड़े बदल रही थी तो सन्नी एक टक अपनी दीदी की गदराई जवानी को घूर रहा था ! कामया ने लापरवाही से उसके सामने ही अपनी पेंटी ओर ब्रा बदल ली ! सन्नी को ये मौका अच्छा लगा ! दीदी इस समय पूरे कपड़े मे नहीं थी सन्नी फ़ौरन उसके पीछे गया और उसे अपनी बाहों मे भर लिया
कामया - - - भैया क्या कर रहे हो ?
सन्नी - -- दीदी आपको प्यार कर रहा हूँ
कामया - - - भैया चारों तरफ खुला है ! प्लीज़ छोड़िए मुझे !
सन्नी - - -दीदी दूर दूर तक कोई नहीं है ! आप चिंता मत करो ! और सन्नी ने उसका शॉर्ट घुटनों तक नीचे खिसका दिया !
कामया - - - भैया नहीं !! खुले मे नहीं प्लीज़ !! कामया ने हड़बड़ाते हुए कहा ,वो सन्नी के खड़े लंड को अपनी गांद की दरार मे महसूस कर रही थी !
सन्नी - - दीदी कुछ नहीं होता वैसे भी आज अपने हनिमून का आख़िरी दिन है ! कल तो जाना ही है और बोलते हुए सन्नी ने कामया की कमर को थोड़ा पीछे खींच कर उसे आधा झुका दिया और लंड को उसकी बुर के मुहाने पर रख कर एक करारा धक्का मार दिया ! कामया के मुख से सिसकारी निकल गई ! सन्नाटे मे उस चीख को सुनने वाला कोई नहीं था ! सन्नी पीछे से ताबाद तोड़ चुदाई करने लगा ! कामया ने शर्म के मारे आँख बंद कर रखी थी ! उसने चट्टान के सहारे अपने को संभाला हुआ था !
 

दोनो बेख़बर से अपनी दुनिया मे खोए हुए थे ! तभी वहाँ जंगल की तरफ से दो महिलाएँ लकड़ी की गठरी उठाए अचानक चट्टान के पीछे से प्रकट हो गई ! कामया की आँख तो अभी भी बंद थी मगर सन्नी उनको देख कर घबडा सा गया ! वो दोनो औरतें भी सन्नी के अंदर बाहर जाते लंड को देख कर शर्मा गई दोनो औरतें जवान थी उसमे से एक बोली
पहली - - - है दैया !! जे शहरी लोगन को घरे समय नहीं मिलत का जो बाहर ही शुरू हो जात हैं ? तभी दूसर बोली
दूसरी वाली - - - अरे घरवाली होत तो घरे करत ! हुहे बाहरवाली तबई तो बाहराई करवा रही है ! सन्नी एकदम झदाने के करीब था इसलिए हट भी नहीं सका और तब तक जुटा रहा जब तक उसका काम नहीं हो गया ! शाम को जब दोनो लौट रहे थे तो सन्नी ने फिर एक बोतल ले ली !
कामया - - - भैया आप ने फिर ले ली ?
सन्नी - - - दीदी आज ज़्यादा नहीं पिएँगे ! आज आपके कमरे मे ही पिएँगे ! दीदी बस आप एक काम कर देना ?
कामया - - कौन सा काम ?
सन्नी - - - जब हम लोग दो पेग पी लेंगे तो आप एक मिनिट के लिए जीजा जी को वहाँ से बुला लेना !
कामया - - - क्यों क्या करना चाहते हो तुम !
सन्नी - - - कुछ नहीं बस आप मेरे इतना काम कर देना आपको मेरी कसम है ?
होटेल आकर दोनो पाने अपने कमरे मे जाने लगे !
कामया - - - भैया हमारे कमरे मे आकर पियोगे क्या ?
सन्नी - -- हाँ
कामया - - - तो एक घंटा बाद आना मुझे कुछ देर आराम करना है और तुम्हारे जीजा जी को भी देखना है ! सन्नी उसकी बात सुनकर समझ गया की दीदी अब जीजा जी से चूड़ेगी ! कामया ने भी अंदर जाकर अपने नाज़ नखरों से सुनील को रिझाया और एक बार उससे सेक्स किया आख़िर उसे कुछ दिन बाद अपने को प्रेगञेन्ट जो बताना था !
सन्नी ने रूम मे जाकर सबसे पहले नींद की गोली पीसकर पूडिया अपनी जेब मे डाली और फिर एक घंटे बाद जीजा के रूम मे पहुँच गया ! एक पेग पीने के बाद दूसरा पेग बना तो सन्नी ने कामया को इशारा किया तो वो उठ कर बाथरूम मे चली गई और वहाँ से सुनील को आवाज़ लगा कर बोली
कामया - -- सुनिए एक मिनिट इधर आइए ! सुनील उठकर वहाँ गया तो अंदर कामया केवल ब्रा मे खड़ी थी ! कामया ने बड़े नज़ाकत से लाजाते हुए अपनी ब्रा कीतरफ इशारा करते हुए कहा
कामया - - इसका हुक खोल दीजिए लगता है फँस गया है ! सन्नी के लिए इतना समय काफ़ी था उसने अपना काम कर दिया ! जीजा साला पीते रहे जबकि कामया उनके साथ स्नॅक खाती रही ! आधे घंटे के अंदर ही जीजा बेड मे ही पसार कर खर्राटे लेने लगा ! कामया ने चौंकाते हुए कहा
कामया - - - भैया कहीं आपने आज भी इन्हे गोली तो नहीं खिला दी ?
सन्नी - - - दीदी वो तो खिलानी ही थी !
कामया - - - लेकिन आज तो ये यहीं पर हैं ?
सन्नी - - - तो क्या हुआ ये अब जाग नहीं सकते चाहे हम कुछ भी कर लें !
कामया - - - नहीं भैया हम ऐसी रिस्क नहीं ले सकते ! मगर सन्नी को तो बस पारदर्शी कपड़े से दिखता अपनी दीदी का बदन ही दिख रहा था उसने कहा
सन्नी - - - मैं तो आज यहीं सूवंगा ! और उसने सब सामान हटाया और वहीं पसर गया ! एक किनारे पर जीजा था एक किनारे पर सन्नी था और कामया को मजबूरी मे बीच मे सोना पड़ गया ! कामया सुनील की तरफ करवट करके लेट गई !
अभी पाँच मिनिट ही बीता था की सन्नी आकर उससे चिपक गया और पीछे से हाथ डाल कर दीदी के बूब्स दबाने लगा !
कामया - - - भैया प्लीज़ आज नहीं ! कामया ने फुसफुसाते हुए कहा वो सुनील के वहीं होने के कारण बेहद डरी हुई थी ! और उसके इस डर का फ़ायदा सन्नी उठा रहा था वो जानता था की दीदी ना तो ज़्यादा तेज़ बोलेगी ना ज़्यादा हाथ पाँव चला पाएगी ! वो लगातार कामया के बदन से खेलता रहा और उसे गरम करता रहा और फिर उसने कामया की पाज़ामी नीचे घुटनों तक सरका दी !
 

सन्नी अब बड़े ही जोरदार तरीके से दीदी की गांद से खेल रहा था और उसे अपने हरकतों से पगला दे रहा था ! और जब कामया का विरोध बिल्कुल ख़त्म हो गया तो उसने दीदी को अपने तरफ़ पलटा दिया ! अब वो दीदी की कुरती उपर कर के उसके मस्त संतरों को चूस रहा था जबकि हाथों से दीदी की मस्तानी गांद को सहला रहा था !
 


कामया को अभी भी सुनील का भय बना हुआ था वो बार बार उसकी तरफ देख लेती थी ! एक लंबी किस के बाद जैसे ही कामया ने पलट कर सुनील की तरह की ओर देखा सन्नी ने अपना मोटा अंगूठा उसकी बुर मे पेल दिया ! कामया सिसक पड़ी मगर बड़े धीरे से ! सन्नी अब दीदी के बूब्स पी रहा था और उसकी बुर को अंगूठे से चोद रहा था !
सुनील के अंगूठे ने कामया के बदन मे लगा दी इधर पतिदेव भी बेहोश पड़े थे इन सब बातों ने कामया का भय हटा दिया उसने भैया के शॉर्ट मे हाथ डाला और अपने सबसे प्रिय खिलोने को बाहर निकाल कर उस से खेलने लगी ! वो बहुत प्यार से सन्नी के लंड को सेवा दे रही थी !
 

सन्नी ने भी अब अपना सारा ध्यान दीदी के जी स्पॉट पर केंद्रित कर दिया वो अंगूठे को जी स्पॉट के चारों तरफ घुमा रहा था और दीदी की जवानी को बेकाबू किए जा रहा था ! दो मिनिट के अंदर ही कामया चरम पर आ गई और उसने अपने बाँध के गेट खोल दिए ! तेज़ी से उसका पानी निकाला और सन्नी के हाथों को भिगोने लगा ! जब गरमी निकली तो उसे कुछ शांति महसूस हुई ! इधर सन्नी अभी भी भरा बैठा था और अब उसे शांति की ज़रूरत थी !
सन्नी - - - दीदी आपका तो हो गया ना ?
कामया - - - हाँ तेरा नही हुआ है मुझे मालूम है
सन्नी - - - मालूम है तो कुछ करो ना मुझे भी अब बर्दास्त नहीं हो रहा
कामया - - - मैं क्या करूँ ? करना तो तुझे ही पड़ेगा ? तेरा काम है तू ही कर
सन्नी - - - दीदी फर्स्ट राउंड तो आप ही कर दो चलो आओ उठो ! कामया समझ गई की भाई उससे ब्लो करवाना चाहता है उसके दोनो प्रेमी ससुर और भाई लंड चुसवाने के बहुत ही शोकीन थे ! उसे मालूम था की भाई उसे चोदने से ज़्यादा उससे चुसवाना ज़्यादा पसंद करता है ! वो उठी और भाई के बदमाश को मुँह मे भर ली !! जब कामया ने चूसना चालू किया तो सन्नी के आँखें बंद होने लगी ! बड़ा ही अदभुद दृश्य था ! कामया जैसी संस्कारी पति से प्रेम करने वाली स्त्री अपने अतृप्त वैवाहिक जीवन के कारण अपने ही पति के बाजू मे अपने भाई को ब्लो दे रही थी ! इस वक्त उसे इस बात की भी चिंता नहीं थी की अगर सुनील जाग गया तो क्या होगा !
 

सन्नी बहुत देर तक अपने को रोके रहा और जब नहीं सहा पाया तो उसने दीदी के मुँह को अपनी रबड़ी से भर दिया ! कामया ने भी सारी मलाई चाट ली और भाई के बदमास को चाट कर अच्छे से सॉफ कर दिया ! दोनो भाई बहन लिपट कर लेट गये जबकि जीजा बाजू मे लेटा बेहोश सा पड़ा था ! कुछ देर के आराम के बाद सन्नी फिर अपनी दीदी के जवान जिस्म के हर गुदाज़ अंगों से खेलने लगा !

कामया कुपचाप लेटे हुए भैया के खिलवाड़ का मज़ा लेने लगी वो बार बार सुनील की तरफ भी देखती रहती और उसे गाफील पा फिर सन्नी के प्यार मे डूब जाती ! सन्नी के हाथ उसके अंदर फिर अरमानो को जगा रहे थे वैसे भी अभी तक वो चुदि नहीं थी और उसे मालूम था भैया उसे चोदेन्गे ज़रूर सिर्फ़ ब्लो करने भर से उनका दिल नहीं भर जाएगा ! उसे मर्दों की आदत का पता अच्छे से चल चुका था जब तक मर्द अपनी कमर ना चला ले उन्हे अधूरा अधूरा सा ही लगता है ! सन्नी उसे चिपका कर उसके होंठों गर्दन कंधो बूब्स पर चुंबन ले रहा था जबकि उसके हाथ अपनी दीदी की मांसल चिकनी जांघों मे उलझे हुए थे वो कभी कामया की थाइस सहलाता तो कभी उसकी गद्देदार गांद को मसलने लगता ! फिर सन्नी ने दीदी को पट कर दिया ! कामया भी सहज होकर लेट गई और अपनी नज़र सुनील की तरफ रख ली ! अब वो उसके बदन के पूरे पृष्ट भाग पर चुंबन करने लगा ! गर्दन के पीछे से शुरू कर के वो पीठ की ओर बड़ा तो कामया का बदन बल खाने लगा वो जगह जगह कामया के बदन पर काट रहा था !
 
सन्नी कामया के नाज़ुक कंधों ,बलखाती कमर और उसके बड़े बड़े मांसल नितंबों पर जीभ चलाता तो कभी दाँत से हल्का हल्का काट लेता ! उसकी तर्जनी और मध्यमा उंगली अपनी दीदी की चूत की सैर पर जा चुकी थी ! सन्नी ने चूत के अंदर अपनी दोनो उंगलियों को गोल गोल घूमना चालू कर दिया जिससे कामया बेहाल होने लगी ! कुछ देर तक तो वो स्त्री सुलभ लज्जा के कारण साँस रोके सहती रही मगर जब शरीर कंट्रोल से बाहर हो गया तो वो अपने नितंब उपर नीचे करने लगी जिससे अपने आप ही सन्नी की उंगलियाँ अंदर बाहर होने लगी ! तजुर्बेकार सन्नी समझ गया की दीदी आप फूल मूड मे आ गई है तो वो भी मस्ती मे आ गया और ज़ोर ज़ोर से उंगली अंदर बाहर करने लगा ! कामया को बहुत मज़ा आ रहा था मगर वो इतने मज़े से संतुष्ट नहीं थी उसे तो पूरा मज़ा चाहिए था जो सन्नी की उंगली नहीं दे सकती थी वो तो सन्नी का मर्दाना अंग ही दे सकता था ! अंत मे वो फुसफुसा कर बोल पड़ी
कामया - - - - भैया अच्छे से कीजिए ना ! सन्नी कामया की बेकरारी समझ गया
सन्नी - - - ठीक है और अच्छे से कर देते हैं ! और सन्नी तेज तेज उंगली अंदर बाहर करने लगा !
कामया - - - भैया अच्छे से मतलब उससे करिए ना
सन्नी - - - किससे ?
कामया - - - धत ! मैं नहीं बोलूँगी ! आप उससे करिए बस
सन्नी - - - दीदी बताओ तो किससे करना है ? कामया ने हाथ पीछे किया और सन्नी के कोबरा का मुँह पकड़ कर बोली
कामया - - - - इससे करिए ना ! करने के लिए तो ये है ! सन्नी भी अब ज़्यादा समय खराब नहीं करना चाहता था उसने दीदी की मनमोहक गांद को अच्छी तरह से फैलाया और चूत के मुहाने पर अपना सुपाड़ा फिट कर दिया ! गरम गरम माँस के टुकड़े को चूत मे अहसास करते ही कामया ने गहरी साँस छोड़ी और उसी समय सन्नी ने कमर का दबाव बढ़ा दिया ! सुपाड़ा बुर को फैलाता हुआ अंदर दाखिल हो गया ! कामया को हल्का सा दर्द होने लगा ! पट पोज़िशन होने के कारण उसकी चूत बहुत ही टाइट हो गई थी जिसे सन्नी के सुपादे ने बुरी तरह से चीर कर अंदर प्रवेश किया था
 


दर्द के मारे वो फुसफुसा कर बोली
कामया - - - आ उई मा !! आहह पापा मर गई !! भाई धीरे धीरे ! ऐसे मे दर्द दे रहा है !
सन्नी - - - दीदी बस थोड़ा दर्द देगा फिर टाइट मे और मज़ा आएगा तुमको ! सन्नी अब धीरे धीरे लंबे शॉट मारने लगा ! कामया का दर्द भी अब गायब हो गया था और वो भाई के लंड की मस्ती मे डूबती जा रही थी ! दोनो भाई बहन जवानी के नशे मे डूबते जा रहे थे !
सन्नी को कामया ने कुछ देर पहले ही ब्लो देके ठंडा किया था इसलिए उसके भी जल्दी निपटने के चांस नहीं थे ! मिनिट दर मिनिट दोनो का आनंद बढ़ता ही जा रहा था ! सन्नी ने दीदी के पैर आपस मे चिपका के रखे थे जबकि खुद के पैरों को दीदी के दोनो तरफ किए हुए था ! चिपके पैर होने के कारण कामया की बुर बिल्कुल चिपक गई थी और बहुत टाइट फील हो रही थी ! सन्नी के हर धक्के मे उसकी पेट बेड से चिपक जाता और उसकी दोनो चुचियाँ भी कुचल जाती जिससे कामया के अंदर कामग्नी और भड़क जाती ! वो मस्ती मे आँखें बंद किए हुए भाई के लंड का मज़ा लूट रही थी अब उसे सुनील की भी कोई चिंता नहीं थी !
जब तक चुदाई शुरू नहीं हो जाती कामया को सुनील का डर बना रहता था मगर एक बार चूत मे लंड धँस जाता तो उसका दिमाग़ मे और कुछ नहीं आता और वो बिल्कुल बेफिकर होकर मज़ा लेने लगती ! शायद उसके अंतर्मन मे कहीं इस बात का भी भरोसा था की अगर कभी पोल खुल भी गई तो वो सुनील को उसकी नमार्दानगी का अहसास करा कर चुप करा देगी ! दोनो मर्दों के पौरुष के अंतर ने उसे इतना दिलेर बना दिया था की उसे लगता था की विकट स्थिति मे वो सुनील को उसकी कमज़ोरी की याद दिलाकर शांत कर देगी ! उसे ये भी पता था क़ि उसका पति भी इस बात से वाकिफ़ है क़ि वो सेक्स के मामले मे पूर्ण पुरुष नहीं है ! मगर पता नहीं क्यों इतना सब होने के बाद भी उसे अपने पति से प्यार भी था शायद ये भारतीय नारी होने का संस्कार था जहाँ पति उसके लिए देवता के समान था ! भाई का मूसल सटासॅट अंदर बाहर हो रहा था और कामया हर धक्के के मज़े को पूरी शिद्दत से महसूस कर रही थी की तभी उसका फ़ोन वाय्ब्रेट होने लगा ! दोनो की नज़र उधर पड़ी तो स्क्रीन मे बाबूजी का चेहरा उभर आया !
कामया - - - भैया बाबूजी का फोन है !
सन्नी - - - बात कर लो
कामया - - - मगर ये भी हैं कहीं बात करने से जाग गये तो !
सन्नी - - - जीजा की चिंता मत करो उन्हे मैने सुबह तक के लिए फ़ुर्सत कर दिया है ! तुम बात करो लगता है अंकल भी बहुत बैचेन हैं अपनी बहू के लिए ?
कामया - - - शट अप ! उत्पाटांग मत बोलो और उसने फोन उठा लिया ! सन्नी का मूसल अभी भी उसकी नन्हीं सी बुर मे घुसा पड़ा था !
कामया - - - हाँ बाबूजी कैसे हैं आप !
मदनलाल - - - ठीक हूँ तुम कैसी हो बहू ! मदनलाल ने बड़ी शालीनता से कहा ?
कामया - - - जी मैं तो बिल्कुल ठीक हूँ !
मदनलाल - - - और सुनील क्या कर रहा है
कामया - - - जी वो तो सो गये हैं !
मदनलाल - - - क्या इतनी जल्दी सो गया ! सब ठीक तो है वहाँ ?
कामया - - - जी बाबूजी आज उन्होने ज़रा पी ली थी तो हमको एकबार परेशान करके सो गये ! अब तो खर्राटे मार रहे हैं ?और आप क्या कर रहें हैं बाबूजी ?
सुनील के सोने की खबर ने मदनलाल को थोड़ा किन्कि बना दिया वो बोला
मदनलाल - - - बस बहू बहुत दिन से तुम्हे देखा नहीं तो तुम्हारी याद आ रही थी ! सन्नी भी कान लगाकर दोनो की बात सुन रहा था !
कामया - - - क्यों हमारी याद क्यों आ रही थी ? कामया ने इठलाते हुए पूछा
मदनलाल - - - तुम्हारी याद नहीं आएगी तो किसकी याद आएगी ! आँखों मे तो तुम बसी हो !
कामया - - - बाबूजी चुप करिए मम्मी सुन लेंगी
मदनलाल - - - जान हम उपर टावर मे हैं ?
कामया - - - क्यों वहाँ क्या कर रहे हो इतनी रात को ?
मदनलाल - - - बहू आज तुम्हारी बहुत याद आ रही थी तो यहाँ आ गये ! टावर से तुम्हारी बहुत सी याद जुड़ी हुई हैं !
कामया - - - हमारी याद क्यों करते हो ? मम्मी तो हैं ना आपके लिए ?
मदनलाल - - - बहू ऐसा ना कहो तुम्हे मालूम तो है ना अब हम सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही जी रहे हैं ! मदनलाल की बेकरारी देख कामया ने शरमाते हुए कह दिया
कामया - - - बाबूजी बस आज रात की ही तो बात है कल शाम तक तो हम आपके पास होंगे !
मदनलाल - - - बहू आज की रात ही तो काटना मुश्किल हो रहा है ! आज सुबह से बार बार तुम ही तुम आँखों के सामने घूम रही हो इसीलिए तो कॉल किया वरना अभी हम तुम को डिस्टर्ब नहीं करते !
कामया - - - तो अब हम कर भी क्या सकते हैं हम तो यहाँ हैं दूसरे शहर मे !
मदनलाल - - - तुम चाहो तो सबकुछ कर सकती हो !
कामया - - - मतलब ?
मदनलाल - - - बहू बस थोड़ा सा प्यार फ़ोन से ही कर लेने दो ?
कामया - - - ये क्या है ? हमे ऐसा कुछ नहीं आता !
मदनलाल - - - झूट मत बोलो बहू हमने कई बार देखा है तुम सुनील से फोन मे भी प्यार करती थी !
कामया - - - हे राम आपने कब देख लिया ?
मदनलाल - - - खिड़की से देखा है एक दो बार ! तुम फ़ोन मे ही उसे ठंडा कर देती थी !
कामया - - - हे बाबूजी आप तो बहुत बेशरम हो ! हमे नही मालूम था की आप खिड़की से झाँकते हो ! अब से हम खिड़की अच्छी तरह बंद रखेंगे !
मदनलाल - - - नहीं नहीं बहू ! ऐसा ज़ुल्म नहीं करना ! खिड़की भी खुली रखना और खुद को भी खुला रखना ! रात को कभी नींद टूट जाती है तो देख कर ज़रा शुकून मिल जाता है ! कामया के ऊपर लेटा हुआ सन्नी सब सुन रहा था और दिल मे मे सोच रहा था की "" साला बुड्दा तो अपने आशु भाई से भी ज़्यादा ठरकी है ""
कामया - - - लेकिन बाबूजी यहाँ आप के लाड़ले सो रहे हैं कहीं उन्होने कुछ सुन लिया तो ?
मदनलाल - - - बहू उसकी चिंता मत करो ! वो तो ऐसे ही नहीं उठता है फिर दारू पीकर तो क्या उठेगा ! बस थोड़ा सा प्यार कर लेने दो
कामया - - - बाबूजी आप वहाँ हैं तो प्यार कैसे कर पाएँगे
मदनलाल - - - जान सब हो जाएगा बस तुम हाँ तो बोलो
कामया - - - ठीक है करिए क्या करना है !
मदनलाल - - - हम तो बाद मे करेंगे पहले तुम अपना वाला काम तो कर दो !
कामया - - - हमे क्या करना है ? कामया ने बनते हुए कहा हालाकी उसे समझ आ गया था की बाबूजी ब्लो के लिए ही कहेंगे
मदनलाल - - - जानेमन कब से बाहर निकाल कर हिला रहा हूँ ले अब थोड़ा मुँह मे लेके चूस ले ! अब मदनलाल शरिफ्ताइ छोड़ अपनी औकात पर आ गया !
मदनलाल के ऐसा कहते ही कामया शरम से पानी पानी हो गई ! कितनी रोमांचक स्तिथि मे ती वो इस वक्त ! उसका पति बाजू मे सो रहा था ! भाई का लंड उसकी चूत मे धंसा पड़ा था और उधर ससुर फोन मे ही लंड मुँह मे लेने को बोल रहा था ! वो शरम के मारे कुछ कह नहीं पा रही थी तभी सन्नी ने उसे इशारा किया की वो शुरू हो जाए ! तब कामया ने मदनलाल से कहा
कामया - - - बाबूजी मुँह मे ले लिए हैं ! आज तो आपका बहुत गरम लग रहा है !
मदनलाल - - - बहू गरम तो होगा ही कितने दिनो से खाली नहीं हुआ है ! बस आज फोन मे ही खाली कर दो मेरी जान उसके बाद अब तुम्हारे अंदर ही खाली करना है जैसे पहले करता था ! तभी सन्नी ने लंड उपर निकाल कर एक करारा शॉट मार दिया जिससे कामया के मुख से दर्द भरी चीख निकल गई
कामया - - - आ उई मा ?
मदनलाल - - - क्या हुआ बहू चिल्लाई क्यों ? कामया ने तुरंत संभलते हुए कहा
कामया - - - आप तो पूरा गला चोक कर दिए इतना अंदर क्यों धकेल दिए हो ?
मदनलाल - - - सॉरी बहू बहुत दिन बाद चूस रही हो ना इस लिए हम कंट्रोल नहीं कर पाए ! और अंजान ससुर मस्त होता हुआ ज़ोर ज़ोर से अपना हाथ चलाने लगा
कामया - -- रहने दीजिए आप हमेशा ही अपनी बहू को ऐसे ही परेशान करते हैं ! आपका बस चले तो जिंदगी भर मुँह मे ही फँसा रहने दें ! सुनील अपनी दीदी की बात सुन बड़ा गर्माता जा रहा था उसने फिर से एक थाप मार दी ! उधर से मदनलाल कामया दिखाने के लिए मुँह से कराहें लेने लगा
मदनलाल - - - आ आह हाँ बहू बस ऐसे ही चूसती रहो ! जान तुम बड़ी गजब का चूसती हो ! ज़रा हल्का हल्का दाँत से भी काटो ना ? सुनते ही कामया ने दाँत गाड़ दिए
मदनलाल - - - आ मर गया ! बहू जान ही ले लोगी क्या धीरे से काटो ना ! दोनो ऐसे ही सेक्सी बातें करते रहे फिर कामया ने कहा
कामया - - - बाबूजी अब हमसे नहीं रुका जा रहा प्लीज़ अब करिए
मदनलाल - - - जानेमन हमसे भी अब रुका नही जा रहा है बोलो कैसे करें ? कामया पहले से ही चुद रही थी इसलिए उसने कह दिया
कामया - - - बाबूजी हम बिस्तर मे पट लेटे हैं बस आप ऊपर से चॅड जाइए और भर दीजिए अपने बीज़ से हमको
मदनलाल - - - ठीक है जान लो हमने पीछे से तुम्हारी मुनिया मे अपना मुन्ना डाल दिया ! इतना सुनते ही सन्नी ने भी जोरदार धक्का लगा दिया !
 

कामया - -- आई मार गई ! बाबूजी धीरे डालिए आपने तो सूखा ही पेल दिया ! क्यों सताते हो हमे इतना ? मगर अब मदनलाल ज़ोर ज़ोर से सटाका लगा रहा था ! उसकी साँसों की आवाज़ सुनकर सन्नी भी दीदी की गद्देदार गांद पर टूट पड़ा ! पूरा बेड थरथरा रहा था पर उसका झनदू जीजा सोया पड़ा था ! सन्नी के ज़ोरदार चुदाई से कामया के मुख से चीख निकलने लगी जबकि मदनलाल उसे अपनी तारीफ़ मान रहा था !
मदनलाल - - - बहू क्या बात है बहुत गरम ही गई हो ?
कामया - - - बाबूजी हम आपके साथ हमेशा बहुत गरम हो जाते हैं
मदनलाल - -- क्यों सुनील नहीं करता हमारी प्यारी बहूरानी को गरम ?
कामया - - - कोशिश तो करते हैं मगर उनका बहुत छोटा है आप ने तो देखा ही है ? उससे हम गरम नहीं हो पाते !
हमारे अंदर गरमी तो आप ही चड़ा पाते हैं !
मदनलाल - - - अच्छा बहू सन्नी कहाँ है अभी ? कामया के मुख से निकल गया
कामया - - - हमारे ऊपर
मदनलाल - - - तुम्हारे ऊपर क्या मतलब ?
कामया - - - जी मेरा मतलब उनका रूम हमारे ऊपर वाले फ्लोर मे है इसलिए हमने कहा की हमारे ऊपर है !
मदनलाल - -- बहू लो अब हमारा निकल रहा है लो भर लो अपने को और इतना बोलते हुए मदनलाल फ़ोन मे कराहा और फिर टावर मे ही माल गिराने लगा !
उसकी सेक्शी कराहें सुन सन्नी भी बावला होकर अपनी दीदी को चोदने लगा ! सन्नी अपनी दीदी को हर तरीके से चोद चुका था मगर आज इस तरह पट लिटा कर वो पहली बार चोद रहा था ! इस आसान मे सन्नी को पूरा भार अपनी बहन पर पड़ रहा था और खास कर जब कामया की मांसल भरी भरी गद्देदार गांद पर उसका कठोर बदन दबाव डालता तो सन्नी को उसका अहसास बड़ा अच्छा लग रहा था ! यूँ कामया की गांद का अपने लिंग प्रदेश पर स्पर्श बड़ा ही सुख देने वाला था वो सोचने लगा काश पहले से ही ऐसी चुदाई कर रहा होता ! इस तरह लेटने से कामया ने भी अपनी बुर को अच्छी तरह से सुम्मट बाँध रखी थी जिससे उसकी पहले सी ही टाइट बुर बहुत ही बुरी तरह सन्नी के लंड को जकड़ ले रही थी ! और अंत मे ताबड़तोड़ थाप मारते हुए उसने अपनी सेक्सी दीदी की बुर को अपने पानी से भर दिया ! कामया तो अब तक ना जाने कितने बार गीली हो चुकी थी ! दोनो भाई बहन तक कर नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये !
 


दोनो को नींद लग गई लगभग एक घंटे बाद सन्नी को अपने मूसल पर किसी के हाथ का अहसास हुआ ! उसने आँख खोली तो देखा कामया उसके पेट पर सिर रखे उसके लंड से खेल रही थी ! दीदी की ऐसी बेकरारी देख कर सन्नी दिल दिल मे बहुत खुश हो गया ! अगर कोई भी लड़की किसी भी मर्द के लंड की ऐसी दीवानी हो जाए तो मर्द का खुश होना लाजिमी है ! सन्नी ने धीरे से हाथ बढ़ाया और दीदी के मम्मे सहलाने लगा !
कामया - - - भैया नींद टूट गई ?
सन्नी - - - इतना सुंदर मसाज मिलेगा तो कौन सो पाएगा ?
कामया - - - लो और सुंदर ट्रीट दे देती हूँ ! ऐसा कहते हुए कामया ने भैया के बदमाश को अपने मुँह मे ले लिया !
 

सन्नी का खून उबलने लगा ! उसके लंड ने तुरंत विकराल रूप ले लिया ! कामया भी उसे मसल मसल कर चूसने लगी ! सन्नी की उंगलियाँ अब कामया के खजाने को ढूंड कर उसके अंदर अतिक्रमण कर गई ! दोनो भाई बहन फोर प्ले के नशे मे डूबने लगे ! जब सन्नी का मूसल पत्थर जैसा कड़ा हो गया तो कामया उसके बाजू मे आकर लेट गई ! सन्नी धीरे से फुसफुसाया
सन्नी - - - क्या बात है दीदी नींद क्यों नहीं आ रही ?
कामया - - - भैया कल जाना है फिर आप भी गाँव निकल जाओगे पता नहीं कब आपका आना होगा ?
सन्नी - -- रानी चिंता क्यों करती हो जब दिल हो कॉल कर देना आ जाऊँगा अपनी बहन की सेवा करने ?
कामया - - - ठीक है मगर अभी तो सीधा बुलावा दी हूँ लो करो ना अब सेवा !
सन्नी - - - बिल्कुल रानी इस सेवा के लिए तो मैं मरते दम तक तैयार रहूं ! कामया ने फ़ौरन उसके मुँह मे उंगली रखते हुए कहा
कामया - - - भैया मरने की बात मत करो ! मरे आपके दुश्मन ! मुझे तो जीवन भर आपकी सुहागन ही रहना है और जीवन भर मुझे आपका केला खाना है !
सन्नी - - - रानी जीवन भर केला खिलाऊँगा मगर ले पहले तो अभी खा ! और सन्नी ने उसकी टाँग पकड़ कर घुटनों से मोडी और दूर फैला कर खुद कामया की हसीन क़ैद मे आ गया !
एक बार फिर दोनो भाई बहन आनंद की डगर पर निकल गये ! इस बार दोनो बहुत ही शांत थे कामया बड़ी दीवानगी से अपने भैया को देखे जा रही थी और साथ ही साथ अपने भैया ले लंड का सुख भी ले रही थी !
 

दोनो को एक दूसरे पर बहुत प्यार आ रहा था ! कल बिछुड़ने की बात से ही दोनो भावुक हो गये थे ! कामया का हाल ज़्यादा बुरा था उसका दिल कर रहा था काश सन्नी ही उसका पति होता तो वो इस स्वर्गीय आनंद को रोज दोनो हाथों से लूटती ! इस एमोसनल चुदाई का लुत्फ़ दोनो उठा रहे थे लगभग पंद्रह मिनिट तक सन्नी एक ही आसान मे अपनी सेक्शी दीदी को ठंडी मे भी गरमी का अहसास दिलाता रहा और फिर अंत मे कामया मे अपना बीज़ भरने लगा !








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