FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
चाची को पानी पिलाया
हैल्लो दोस्तों, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। में
आज आप सभी को अपनी एक मजेदार सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह मेरे और मेरी चाची के बीच की सेक्स की कहानी
है। में दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई करता
हूँ और में वहां पर अपने परिवार वालों के साथ रहता हूँ। में एक बार अपनी चाची के साथ जो कि राँची में रहती
है उनके साथ बस में पटना जा रहा था। में
और वो बस में एक स्लीपर ही में थे और उस समय ठंड के दिन थे इसलिए खिड़कियाँ भी बंद थी और वो रात का सफ़र
था और ठंड अधिक होने के कारण में तो अपने
पैरों को मोड़कर लेटा हुआ था और जैसा आप सभी लोगों को पता है कि बिहार झारखंड के रोड के बारे में वहां की सभी
बसे रोड बहुत ज्यादा खराब होने की वजह
से बहुत हिलती है। फिर उस क्रम में मेरा हाथ एक बार उनके बूब्स के पास चला गया, लेकिन
वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और मुझे भी उनके बूब्स को दबाकर बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर के बाद जब बस बिना उछलकूद किए
चल रही थी, तब में धीरे से उनके बूब्स से सट गया और
अपने हाथ उनपर लगाए। पहले एक ही हाथ
लगाया, लेकिन जब मुझसे सहा नहीं गया तो दूसरा
हाथ भी लगा दिया और फिर उसी समय बस ने एक ज़ोर का झटका खाया और
मैंने उनके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया।
तो उन्होंने एकदम झटके से मेरा हाथ हटा दिया और उन्हे लग रहा था कि में गहरी नींद में सोया हुआ था, लेकिन यह मेरा प्लान था में सोने का सिर्फ नाटक कर रहा था।
फिर उस समय मैंने अपनी चादर को धीरे से
अपने दोनों पैरों में बिल्कुल लपेट लिया और अपने
हाथ पैर को जोड़कर सो गया। उन्हे लगा कि
मुझे ठंड लग रही है और इसलिए उन्होंने मुझे अपनी चादर में घुसा लिया। फिर क्या था? सोने पर सुहागा और फिर जैसे ही वो गहरी नींद में सो गई तो में उनके पैर को अपने पैरों से मसाज देने
लगा और अब मेरे हाथ उनकी मस्त जगह पर लग
गया, मतलब कि चाची की चूत पर। फिर में उनसे
धीरे धीरे सट गया वो अपनी गांड
मेरे लंड की तरफ करके सो गई, मेरा लंड थोड़ा तो चूत का प्यासा था वो तुरंत उठकर खड़ा हो गया और अब में उसे
धीरे धीरे उनकी गांड पर रगड़ने लगा। तभी
मुझे थोरी देर में अहसास हुआ कि वो जागी हुई है और मेरे सब काम को एंजाय कर रही है। फिर मैंने उनके बूब्स
को अब ज़ोर से दबा दिया तो उन्होंने मेरे
हाथों को दूर हटाकर चादर से बाहर निकाल दिया, लेकिन
में अब उसे नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन मैंने भी वो चादर फेंक दी और फिर से जैसे ही बस आगे की तरफ हिली तो मैंने उनके बूब्स पर एक
बार फिर से हमला बोल दिया और इस बार मैंने
सोच रखा था कि मुझे उनके निप्पल को सहलाना है और फिर मैंने ऐसा ही किया। मेरे ऐसा करने से वो पूरी तरह
तड़पती रही और नींद में ही उन्होंने अपने
पैर को फैला दिया। मुझे अब इससे अच्छा मौका कब मिलता?
अब वो धीरे धीरे जोश में आ रही थी और अब उनकी चूत भी गीली हो रही थी।
फिर मैंने इस बात का फ़ायदा उठाया और मैंने पहले
तो अपने पैर की उंगलियों को चूत के बीच
सलवार के ऊपर से ही डाला और फिर पानी पीने के बहाने से उठा और उसकी सलवार के नाड़े को थोड़ा ढीला कर दिया और
अब दोनों कामुक जिस्म उस एक छोटी सी चादर
के अंदर हो गये और मेरा लंड भी अब अंडरवियर के अंदर नहीं रहने वाला था इसलिए मैंने उसे अब बिल्कुल आज़ाद कर
दिया और सीधा उनके जिस्म पर सटाकर हिलाने
लगा और में थोड़ी ही देर में झड़ गया। मैंने अपना सारा माल उसके स्वेटर और शमीज के ऊपर निकाल दिया। फिर
में उसे ज़ोर से अपनी बाहों में लेकर
नीचे से पूरा नंगी हालत में ही सो गया, लेकिन
जब में सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि में पेंट पहने हुए था और
सब कुछ साफ है और हम जब पटना उतरे तो
वहां से सीधे एक ऑटो पकड़कर अपने घर पर पहुंचे मतलब कि चाची के मायके और उस समय उनके पापा की तबीयत बहुत खराब थी
इसलिए हम वहां पर गये थे, लेकीन उस समय घर पर कोई नहीं था सिवाए एक नौकर के। घर पहुंचने के बाद
में बाहर जाकर एक रेज़र लाया, क्योंकि मेरे लंड पर एक बहुत बड़ा जंगल उग गया था और में उसे लेकर बाथरूम में नहाने चला गया।
वहां पर में और चाची एक ही रूम में ठहरे
हुए थे, लेकिन अब मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई
मुझे बाथरूम में बाहर दरवाजे से देख रहा है और कुछ देर के बाद
मुझे ऐसा लगा कि वो शायद चाची ही है, लेकिन फिर भी मैंने अपने लंड की सफाई को लगातार जारी रखा और
लंड की पूरी तरह से साफ सफाई होने के बाद मैंने
सरसों का तेल लगाकर अपने लंड की मालिश
कि और उसे 8 इंच लंबा और 2.5 इंच के आकार में ले आया और तनकर खड़ा कर दिया। यह सब कुछ मेरी चाची छुपकर देख रही थी और मेरे लंड का
साईज़ देखकर मानो वो अब मेरे साथ सेक्स करने के लिए
तड़प गई और अब वो खुद ही अपनी चूत में
उंगली करने लगी और धीरे धीरे मोनिंग करने लगी। इसका आभास मुझे तब हुआ जब मैंने पानी को बंद कर दिया और उस
आवाज़ को ध्यान से सुनने लगा। धीरे धीरे
वो आवाज़ और भी बड़ गयी और अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था। दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
तभी अचानक से मैंने बाथरूम का दरवाजा एक ही झटके से पूरा खोला
दिया। उस समय में पूरा नंगा था और फिर में
बाहर खड़ी हुई चाची को देखकर एकदम हैरान रह गया, क्योंकि
वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे
हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
मुझे देखकर वो कहने लगी कि बस अब मुझे और मत तड़पाओ अंदर तो बहुत तेज़ी दिखा रहा है फिर यहाँ पर इतना चुप क्यों
हो? अब मेरी चूत की प्यास बुझा दो ना। आपके लंड को देखकर में बस में ही
आपसे चुदवाने के सपने देखने लगी थी। फिर
उनके मुहं से यह बात सुनकर में कूदकर बेड पर आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा और दोस्तों में उसकी चूत का
स्वाद आज भी नहीं भूल सकता हूँ। वो फिर
मेरे लिए कुछ तेल जैसा लेकर आई जो कि शायद अंकल काम में लिया करते थे, जिससे में बहुत देर तक नहीं झड़ने वाला था। उन्होंने उसे मेरे
लंड पर लगाकर मालिश की और अब में उनकी चूत को चाटने
लगा। फिर क्या था? वो थोड़ी ही देर में झड़ गई तो मैंने उनसे पूछा कि क्यों औरत तो इतनी जल्दी नहीं
झड़ती है? तब उन्होंने कहा कि अगर आपके जैसा कोई चूत चाटने वाला मिले तो हम
क्या कर सकती है।
फिर मैंने उनकी चूत पर लंड को रखकर एक
ही धक्के में पूरा का पूरा लंड डालकर उन्हे ज़ोर ज़ोर से धक्के
देकर चोदने लगा और वो मोन करने लगी और
मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से, में आज तुम्हारे लंड आह्ह्हह्ह को अपने अंदर लेकर बहुत खुश हूँ। हाँ
आईईईईईइ और ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्हह्ह माँ
हाँ और थोड़ा और अंदर डालो। फिर में भी बहुत जोश में आकर जोरदार धक्के दे देकर उनकी चूत की चुदाई किए जा रहा
था और फिर करीब आघे घंटे की जबरदस्त चुदाई
के बाद अब में झड़ने वाला था। फिर मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं? तो उन्होंने झट से कहा कि में तुम्हारा वीर्य एक बार चखना चाहती हूँ और फिर मैंने लंड को चूत से बाहर
निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और अब वो मेरे लंड को
लोलीपॉप की तरह चूसने लगी। उसने मेरे
लंड को बहुत देर तक मज़े लेकर चूसा और जब में झड़ा तो वो मेरा सारा वीर्य भी पी गयी और बोली कि आख़िरकार
आपने आज मेरी प्यास बुजा दी। में कितने
दिनों से इस दिन के लिए तरस रही थी। तुमने मुझे आज चोदकर मुझे बहुत मज़ा दिया और मुझे खुश कर दिया। में
तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ। आज से तुम
मुझे कभी भी चोद सकते हो क्योंकि आज में तुम्हारी हूँ। दोस्तों यह थी मेरी चाची की एक सच्ची चुदाई की कहानी
इसके बाद मैंने उनको जब तक में उनके घर
पर रहा बहुत बार चोदा और उनको अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उसके बाद मैंने उनको कई बार अपने घर पर भी चोदा
और बहुत मज़े किए ।।
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