FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
नौकरानी की बुर
हैल्लो दोस्तों, यह मेरी फन मज़ा मस्तीपर पहला सेक्स अनुभव है जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ, वैसे में फन मज़ा मस्तीका बहुत समय से बहुत बड़ा फेन हूँ और
इसकी सभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा
हूँ और में उन्हे पढ़कर बहुत मज़े करता हूँ तो एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना में भी अपना सेक्स अनुभव आप
सभी लोगो के साथ शेयर करूं? मुझे शादीशुदा समझदार औरते बहुत पसंद है, खास करके उनकी उम्र 35-40 साल
के आसपास होनी चाहिए। दोस्तों मेरी जिस घटना को
में आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ वो
करीब एक साल पहले हुई थी जब में अपने कॉलेज की क्लास में जाया करता था, लेकिन वो हमारे कॉलेज से थोड़ा दूरी पर थी और वो क्लास बहुत ही
छोटी सी थी। उसमे करीब अलग अलग शिफ्ट में 100 बच्चे ही आते थे और वहां पर एक नौकरानी झाड़ू मारने के लिए आया करती थी, लेकिन
वो दिखने में इतनी अच्छी नहीं थी, लेकिन उसकी नज़र बहुत कातिल थी और उसका
नाम चंद्रिका था। वो थोड़ी सी मोटी थी, बड़ी गांड और एक हाथ में भी ना आए इस आकार के बूब्स और वो जब
झाड़ू मारती थी तो उसकी छाती बहुत आराम से दिख
जाती थी और जब में उसके सामने देखता
था तो वो मुझे कुछ अजीब तरीके से देखती थी। उसके चेहरे पर साफ लिखा था कि उसे कुछ चाहिए जो उसे मज़े दे सके?
तो एक दिन मुझे एक ऑनलाइन टेस्ट देना था और में सबसे पहले पहुंच
गया, लेकिन हमारी क्लास के सर को उसी दिन कहीं किसी जरूरी काम से अचानक बाहर
जाना था और मेरी उनसे बहुत अच्छी बनती
थी। उन्होंने मुझे क्लास की चाबी दे दी क्योंकि उस दिन सिर्फ मुझे ही वहां पर सबसे पहले पहुंचना था और अपनी
तैयारी करनी थी और फिर उन्होंने मुझसे
बोला कि तुम टेस्ट देने के बाद लॉक कर देना और चाबी पास वाले ऑफिस में दे देना। में तो कंप्यूटर चालू करके
सब कुछ देखने लगा और तभी चंद्रिका आई
और हाथ में अपना झाड़ू लिए उसने मुझसे पूछा कि क्यों आज साहब नहीं आए? मैंने बोला कि हाँ आज वो किसी काम से बाहर गये हुए है इसलिए वो
आज नहीं आ सकते। फिर उसने अपना काम मतलब कि झाड़ू
मारना शुरू कर दिया, लेकिन अब मेरा ध्यान कंप्यूटर पर लगता ही नहीं था। में बीच बीच में उसकी तरफ
देखने लगता था और अब सबसे मज़े की बात यह थी कि वो
भी मुझे झाड़ू मारते मारते स्माईल देती
जा रही थी। फिर कुछ देर बाद जब वो झाड़ू मारकर जा रही थी तो मैंने थोड़ी बहुत हिम्मत करके उससे पूछा कि आपका नाम
क्या है? उसने मुस्कुराकर बोला कि मेरा नाम चंद्रिका है और अब उसकी आवाज़
सुनकर मेरे पूरे बदन में कुछ हो रहा
था तो मैंने थोड़ी और हिम्मत करके उससे कहा कि हाँ में कब से आपका ही इंतज़ार कर रहा था? मेरे मुहं से यह बात सुनते ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो थोड़ा थोड़ा शरमाने
लगी। फिर मैंने उससे कहा कि अगर आपको देर
ना हो रही हो तो क्या आप मुझसे थोड़ी देर बात कर सकती है? तो वो बोली कि
हाँ क्यों नहीं और अब वो मेरे पास में पड़ी हुई एक बेंच पर बैठ गयी और फिर मेरे कुछ बोलने का बहुत बेसब्री से
इंतज़ार करने लगी। फिर मैंने उसके बारे
में सब जानकारी पूछना शुरू की और तब मुझे पता चला कि उसके पति की पिछले कुछ सालों पहले म्रत्यु हो चुकी
है और वो अब अपने इकलोते बेटे के साथ रहती
है और उसका बेटा करीब अब मेरी उम्र का है। दोस्तों वो जब बोलती थी तो मेरे बदन में एक आग सी लग जाती थी। मेरा
मन करता था कि में इसे अभी पकड़कर चोद
डालूं, लेकिन मैंने अपने आप पर बहुत काबू रखा।
फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी तरफ एक और तीर मारा और
मैंने उससे पूछा कि क्यों आपको आपके पति
की कभी कमी महसूस नहीं होती? तो उसने झट से कहा कि हाँ होती तो है, लेकिन अब में क्या कर सकती हूँ? तो
मैंने जल्दी से उसकी बात खत्म होते ही बोला
कि में हूँ ना, में आपकी मदद करूँगा। तो मेरे मुहं से
यह बात सुनकर वो मुझे बहुत ही अजीब तरीके से देखने लगी
और बहुत देर तक इधर उधर की बातें करने
के बाद वो बोली कि ठीक है अब में घर जाती हूँ और बाकी की बातें हम लोग कल करेंगे, लेकिन दोस्तों अब मेरा लंड मानने को तैयार ही नहीं था। उसे तो बस अब चंद्रिका की चूत का रस चूसना था
और अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उससे
बोला दिया कि प्लीज थोड़ा और रुक जाओ ना, आपसे
बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
फिर उसने कहा कि वैसे भी हमने इतनी देर
इतनी सारी बातें तो कर ली और अब क्या करें? मैंने बोला कि हाँ फिर भी मेरा मन नहीं मान रहा, आओ हम अंदर वाली क्लास में चलते है और
फिर में उसे अंदर वाली क्लास में लेकर चला गया और फिर मैंने
क्लास का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। मुझे
वैसे तो बहुत डर लग रहा था कि कहीं मेरे सर आ गये तो मेरी तो आज शामत ही आ जाएगी, लेकिन मेरा चंद्रिका को छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था और जैसा कि मैंने सबसे पहले आप सभी
को बताया है कि मुझे आंटी बहुत पसंद है
और उनको देखकर मुझे कुछ कुछ होने लगता है। खेर फिर हम दोनों अंदर वाली क्लास में गये में तो उसे अचानक से
पकड़कर अब जबरदस्ती चूमने लगा और उसे भी बहुत
मज़ा आ रहा था, लेकिन उसने मेरा कोई भी किसी भी तरह का
विरोध नहीं किया और अब वो धीरे धीरे गरम हो रही थी।
मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और
चूमने लगा चूसने लगा। दोस्तों में आप सभी को अपने शब्दों में नहीं बता सकता कि चंद्रिका के क्या रसीले होंठ थे, बहुत मजेदार, यम्मी। फिर में उसे बेंच के ऊपर बैठाकर उसके ब्लाउज पर हाथ
घुमाने लगा और उसके बूब्स को दबाने मसलने
लगा। तो वो बस अब अपना मुहं खोलकर आहें भर रही थी और अब यह सब देखकर तो कोई भी लंड खड़ा होकर नाचने लगे।
दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
फिर धीरे धीरे मैंने उसके ब्लाउज के एक
एक बटन को खोलना शुरू किया तो मैंने देखा कि उसने
अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और मेरे सामने
अब दो बड़े बड़े बूब्स लटक रहे थे। वाह दोस्तों क्या मस्त नज़ारा था वो में आप सभी को नहीं बता सकता में तो
उसके बूब्स को मुहं में लेकर एक छोटे
बच्चे की तरह चूसने लगा। फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी उतार दिया तो मैंने देखा कि उसने अंदर
पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी और में तो
उसकी चूत देखकर अब बिल्कुल हैरान रह गया, क्योंकि
मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम साफ चिकनी थी जिसे देखकर लग
रहा था कि वो अपनी चूत के बालों को लगातर
साफ करती है और में तो उसकी चूत को अब बिल्कुल पागल की तरह चूमने, चाटने लगा और जोश में आकर वो ज़ोर ज़ोर से आहे भर रही थी और
सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईइ हाँ और ज़ोर
से उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ हाँ और चूसो। फिर
में उसे घुमाकर उसकी बड़ी सी गांड को देखने लगा और अब उसके दो बड़े बड़े कूल्हे ठीक मेरी आँखो के सामने थे।
में तो ज़ोर ज़ोर से उसके कूल्हों को
दबाने लग गया। फिर उसे नीचे लेटाकर जब में पहली बार अपना लंड उसकी प्यासी चूत में डाल रहा था तो मैंने
उससे पूछा कि क्यों यह सब ऐसे क्या सुरक्षित
होगा? मेरा मतलब कि ऐसे ही बिना कंडोम के कैसे
कर सकते है? तो उसने कहा कि तुम बिल्कुल सही कह रहे हो और फिर में उठकर भागकर
नीचे दवाई की दुकान से एक चोकलेट फ्लेवर वाला कंडोम
ले आया और मैंने उसे कंडोम दिया और कहा
कि इसे मेरे लंड पर लगा दो, लेकिन वो तो मेरे लंड पर कंडोम लगाने से पहले ही मेरे लंड को पागलों की तरह
चूसने लगी और फिर कुछ देर चूसने के बाद उसके
लंड को छोड़ा और उस पर कंडोम लगाया। मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रख
दिए। उसकी चूत अब इतनी गीली हो चुकी थी
कि बड़ी ही आसानी से मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा अंदर चला गया। अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और
बोल रही थी कि में दस साल से राह देख रही
थी कि कोई आए और मेरी चूत को फाड़ दे हाँ उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे, आज
तुम अह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी चूत को अपनी आईईईई समझकर चोदो, यह मेरी चूत
आज से बस तुम्हारी है उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह माँ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उईईईईइ माँ में बहुत सालों से में
प्यासी हूँ।
दोस्तों में बता नहीं सकता कि मुझे उस चुदाई में कितना मज़ा
आया। फिर हमने करीब एक घंटे तक लगातार
जमकर सेक्स किया और इस बीच मैंने उसकी गांड में भी लंड डाला और उसको अपनी भरपूर चुदाई के मज़े लिये और उसकी
प्यास को बुझा दिया और अपने लंड से उसको
पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया। उसकी चूत को चोदकर अपने लंड का उसे पूरा पूरा मज़ा दिया। उस चुदाई के बाद हमारी
कभी भी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन आज भी में उसके नंगे गदराए हुए बदन को याद करता हूँ तो मेरा
लंड तनकर खड़ा हो जाता है ।।
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