Tuesday, February 23, 2016

FUN-MAZA-MASTI दिल्ली की आंटी को चोदा

FUN-MAZA-MASTI




दिल्ली की आंटी को चोदा


दोस्तों में एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ, में पढ़ने में बहुत तेज़ था इसलिए मेरी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लग गई और इसलिए में अपने शहर से नई दिल्ली आ गया और जब में दिल्ली आया तो में यहाँ की लड़कियों और औरतों को देखता था जो कि बहुत छोटे छोटे कपड़ों में रहती थी, कोई अपने बूब्स को हिला हिलाकर चलती तो कोई अपनी गांड को मटका मटकाकर चलती थी। मुझे दिल्ली की आंटी बहुत अच्छी लगती थी, उनकी गांड और बूब्स में तो जैसे मेरा लंड खड़ा करने की जादुई ताक़त थी। दोस्तों मुझे पढ़ाई के साथ सेक्स का भी बहुत शौक था। में हर वक्त केवल चुदाई के बारे में ही सोचता रहता था और फन मज़ा मस्तीपर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता था और फिर दिन में दो तीन बार मुठ मार लेता था। जब में नई दिल्ली आया तो मैंने किराए पर एक फ्लेट लिया, वो फ्लेट 10वीं मंजिल पर था और जहाँ मैंने फ्लेट लिया था वहां पर केवल दो ही फ्लेट थे और वहाँ एकदम सुनसान रहता था तो वहाँ पर ज़्यादा कोई आता जाता भी नहीं था। फिर मैंने अपना सारा सामान अपने नये फ्लेट में सेट किया और बाहर लॉन में घूमने निकल गया। फिर जब में बाहर घूम रहा रहा था तभी मुझे मेरे पास वाले फ्लेट में से एक औरत बाहर निकलते हुए दिखी, उसकी उम्र करीब 32 साल की होगी, उसने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसे ही कलर का गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था, शायद वो कहीं बाहर जा रही थी।
जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मेरे होश उड़ गये, उसके बड़े बड़े बूब्स क्या मस्त थे और जब वो चल रही थी तो उसके बूब्स उछल उछलकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे और उसकी गांड इतनी बड़ी और ब्रेड की तरह फूली हुई थी कि उसमे अगर 12 इंच का लंड भी डालो तो कम पड़ जाएगा और जब वो चल रही थी तो उसके चूतड़ ऊपर नीचे हो रहे थे, उसका चेहरा थोड़ा सांवला था, लेकिन उसके फिगर के आगे उसका चहरा और खिल रहा था। उसका पूरा जिस्म बहुत सेक्सी था, उसके फिगर का साईज करीब 36-24-36 था। दोस्तों में मन ही मन बहुत खुश हुआ कि मेरे फ्लेट की मंजिल पर केवल दो ही फ्लेट है और उसमें से एक उसका है, फिर मैंने सोचा कि अगर यह एक बार मुझे मिली तो में उसके दोनों बूब्स के बीच की दरारों में अपना 8 इंच का लंड डालकर चुदाई जरुर करूंगा और उसकी गांड के छेद में अपनी सारी उंगलियाँ एक ही बार में डालकर इसे इतना चोदूंगा कि यह भी मेरे लंड की दीवानी हो जाएगी और इतना सोचते ही मेरे लंड ने मेरी जिन्स में ही वीर्य निकाल दिया। वो तनकर एकदम सीधा खड़ा हो गया और उसकी चूत को सलामी देने लगा था। फिर में झट से अपने कमरे में चला गया और अपनी पेंट खोलकर अपने लंड की तरफ देखा तो उसमे से इतना वीर्य निकल रहा था जैसे कि उसको किसी ने अपने मुहं में लेकर बाहर निकाला हो और उसका लार मेरे लंड पर रह गया हो। फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा हल्के से पीछे किया तो मेरा सारा वीर्य मेरे हाथ पर गिरने लगा और फिर मैंने हल्के से अपने लंड का सुपाड़ा पकड़ा और उसे हल्के हल्के ऊपर नीचे करना चालू कर दिया। फिर मैंने जैसे ही अपनी आखें बंद की तो उन आंटी का फिगर मेरे सामने आ गया। मैं उसके बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारे जा रहा था और में उसकी उभरी हुई गांड के बारे में सोचकर मुठ मारे जा रहा था, तो मेरी हालत एकदम खराब हो गई थी। मेरे काले, मोटे, लंबे, लंड का तो एकदम बुरा हाल हो गया था और उसका सुपाड़ा तो एकदम लाल हो गया था। फिर में उठा और अपने हाथ को चूत के आकर का बनाया और उसमे अपना लंड डाल दिया आआहहााआअहह क्या बताऊँ दोस्तों मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था। में उसकी चूत को सोचकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था और अभी तक मेरी आँखे बंद थी। फिर मेरे धक्के और भी तेज़ हो गये और अब में झड़ने वाला था। फिर आअहह की आवाज़ के साथ मेरा सारा वीर्य मेरे हाथ पर गिर गया, वो एकदम सफेद गाढ़ा था और जब मैंने अपने हाथों की तरफ देखा तो मेरा वीर्य मेरे पूरे हाथों पर फैला हुआ था। फिर मैंने अपना वीर्य अपने लंड पर लगाया और उसकी मालिश करने लगा। मैंने अपना थोड़ा सा वीर्य अपनी एक उंगली पर लिया और उस उंगली को अपने मुहं में लगा लिया, मुझे मेरा वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा और उसके बाद मैंने ठान लिया कि में अब आंटी को चोदकर ही रहूँगा और फिर एक अच्छे मौके की तलाश करने लगा। दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
फिर धीरे धीरे ऐसे ही समय गुजरता चला गया। में अपने ऑफिस के कामों में लग गया, लेकिन चाहकर भी में आंटी की मदहोश कर देने वाली जवानी को नहीं भुला पा रहा था और में उनसे बात करने की नई नई तरकीब सोचता रहता था, लेकिन मेरी किस्मत मेरा साथ नहीं देती, क्योंकि सारा दिन वो अपना कमरा बंद करके रखती थी जिसकी वजह से मुझे मौका नहीं मिल पता था। फिर एक दिन जब में सो रहा था तभी किसी ने मेरा दरवाजा बजाया, मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि सामने आंटी खड़ी हुई है, दोस्तों वो क्या लग रही थी? वो गुलाबी कलर की मेक्सी पहने हुई थी क्योंकि उसे गुलाबी कलर बहुत पसंद था। वो मेक्सी थोड़ी जालीदार थी, जिसमें से उनके बूब्स के काले काले दाने साफ दिखाई दे रहे थे, क्योंकि उस समय आंटी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। दोस्तों उसके बूब्स इतने बड़े बड़े थे कि मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और मेरे खड़े लंड को शायद उन्होंने देख लिया था और मुझे हल्की सी स्माइल दी।
में : क्या हुआ आंटी जी?
आंटी : वो मेरा डीवीडी प्लेयर खराब हो गया है, क्या तुम उसे ठीक कर सकते हो, मुझे एक मूवी देखनी है?
में : ठीक है आंटी जी, में ठीक कर दूँगा।
(में अंदर ही अंदर बहुत खुश था क्योंकि आज में पहली बार अपनी सपनों की आंटी से बात कर रहा था)
फिर में आंटी के फ्लेट पर गया, लेकिन मुझे वहाँ पर थोड़ा अजीब सा लगा और वहाँ पर एक अजीब सी सुगंध आ रही थी। जैसे कोई सेक्स करने के बाद आती है, मुझे उनका फ्लेट किसी रंडीखाने जैसे महससू हो रहा था। उनके कमरे में कुछ एडल्ट फोटो लगी हुई थी और कई जगह तो आंटी की भी एडल्ट फोटो लगी हुई थी। फिर में समझ गया कि आंटी बहुत सेक्सी टाइप की है, में मन ही मन बहुत खुश हो रहा था।
में : आंटी जी कहाँ है डीवीडी?
तो आंटी मुझे दूसरे रूम में ले गई, मैंने वहाँ पर देखा कि कई सारे केमरे लगे हुए है मुझे थोड़ा अजीब सा लगा, लेकिन में डीवीडी ठीक करने लगा और मुझे कुछ गड़बड़ लग रही थी। फिर अचानक आंटी मेरा ध्यान काम पर से हटाते हुए बोली।
आंटी : क्या तुम यहाँ पर अकेले रहते हो, क्या तुम्हारे साथ और कोई नहीं है?
में : में यहाँ पर एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ, लेकिन क्या आप भी यहाँ पर अकेली रहती हो?
आंटी : हाँ में अकेली ही रहती हूँ, मेरे पति की तीन साल पहले मौत हो चुकी है।
अब में समझ गया कि आंटी को कोई रोकने वाला नहीं है। अब तो में इन्हे जब चाहे दिन हो या रात कभी भी चोद सकता हूँ, मेरे तो लंड में एकदम सरसरी दौड़ रही थी और जब आंटी मुझसे बोल रही थी तो में उनके बूब्स को देख रहा था और वो थोड़ा स्माईल दे रही थी और अब में भी खुलकर उनसे बातें करने लगा और बातें करते करते मैंने उनका डीवीडी ठीक कर दिया। फिर जब मैंने उसे शुरू किया तो मैंने देखा कि उस डीवीडी में एक पॉर्न फिल्म चल रही थी और उसमे जो एक्ट्रेस थी उसकी शक्ल आंटी से बहुत मिल रही थी या फिर वो आंटी ही थी और अब में सब कुछ समझ गया, तभी आंटी उसे बंद करने की कोशिश करने लगी और दौड़कर उस डीवीडी को बंद करने के लिए जाने लगी। तभी मैंने सोचा कि यह एक अच्छा मौका है साली को पकड़कर चोद देता हूँ जो होगा देखा जायेगा। तभी मेरे अंदर ना जाने कहाँ से हिम्मत आ गई और मैंने आंटी का हाथ पकड़ लिया और मैंने उसको दीवार के सहारे लगाकर उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया।
में : तो यह सब करती हो तुम? तुम तो एक नंबर की रंडी हो, अब में तुम्हारी बहुत बेदर्दी से चुदाई करूँगा मेरी जान, तुम देखती जाओ में आज तुम्हारी चूत को फाड़कर फैला दूंगा और तुम्हे कोई नहीं बचाएगा।
आंटी : थोड़ा शरमाते हुए, प्लीज छोड़ो मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी।
में : तो मैंने उनके बूब्स को तेज़ी से एक हाथ से पकड़ लिया और बोला कि जब इतने मर्दों के साथ चुदवाती हो तो मुझसे चुदवाने से क्या फ़र्क पड़ेगा? और फिर में उसके बालों को बड़े प्यार से सहलाने लगा और अब मैंने भी उसकी आँखो में मुझसे चुदने की इच्छा देखी।
आंटी : (आंटी थोड़ा नॉर्मल होते हुए) में यह जानबूझकर नहीं करती हूँ, में यह सब पैसों के लिए करती हूँ।
में : तुम्हे जितना पैसा मिलता है में उससे दुगना देने के लिए तैयार हूँ, लेकिन अभी भी वो मान नहीं रही थी
फिर मैंने इतना बोलकर उसके होंठो पर अपने होंठ लगा दिये और किस करने लगा, वो मुझसे बचने की कोशिश करने लगी और में ज़ोर ज़ोर से उसको किस करने लगा। मैंने उसको दिवार के सहारे और ज़ोर से टिका दिया और अब में अपना एक हाथ उसके बूब्स पर धीरे धीरे घुमाने लगा और फिर उसे दबाने लगा और अब मेरे दोनों हाथ उसके मोटे मोटे बूब्स पर थे। फिर आंटी का विरोध थोड़ा काम हो गया था और फिर मैंने उसको किस करना बंद किया और उसे अपनी बाहों में उठाकर बेड पर ले गया और ज़ोर से पटक दिया।
आंटी : साले हरामी मारेगा क्या तू मुझे?
में : साली रंडी आज में तेरी फूली हुए गांड मारूँगा और तेरा सारा रस निकल दूँगा।
आंटी : यहाँ पर तेरे जैसे रंडवे रोज आते है, लेकिन वो लोग आज तक मेरी चूत का एक बाल भी नहीं हिला सके।
फिर मुझे बहुत गुस्सा आ गया और मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकल दिए और अब में पूरी तरह नंगा था। मेरा काला लंड जो कि अब काला नाग बन चुका था उसे देखकर फनफना रहा था।
आंटी : ऊईईईईईईईईईई माँ तेरा लंड तो बहुत बड़ा है। में तो आज मर ही जाउंगी।
में : मेरी जान तुझे में ऐसे कहाँ मरने दूँगा, लेकिन यह तो अभी और भी बड़ा होगा।
अब वो मेरे लंड पर अपना कोमल कोमल हाथ फेरने लगी, वो मेरे सुपाड़े को पकड़कर कभी ऊपर करती तो कभी नीचे करती और एक नशीली सी स्माईल दे रही थी। फिर मैंने उसे बेड से उठा दिया और उसके कपड़े उतारने लगा, मैंने सबसे पहले उसकी मेक्सी को ऊपर किया, वाह दोस्तों क्या कामुक जिस्म था उसका? फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स बाहर आने के लिए उछल रहे है और मेरे हाथों में आने के लिए बैचेन थे, तभी मैंने उसकी ब्रा को पकड़कर एक ही झटके में फाड़ दिया।
आंटी : आह्ह्ह कुत्ते, बहनचोद यह क्या किया? तूने मेरी ब्रा फाड़ दी, मादरचोद।
दोस्तों मुझे उसके मुहं से गालियाँ सुनकर बहुत मस्ती चढ़ रही थी और जब मैंने उसके दोनों बूब्स देखे तो भगवान कसम में बिल्कुल पागल हो गया और में अपने हाथों से उसको धीरे धीरे सहलाने लगा और अब उसे भी ज्यादा मज़ा आने लगा और उसकी आँखे बंद होने लगी। फिर मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा तेज़ किया और उसके बूब्स को मसलने लगा तो वो सिसकियाँ भरने लगी ऊईईई अह्ह्ह्हह क्या कर रहा है कुत्ते, हरामी? फिर मैंने दस मिनट तक उसके बूब्स दबाने के बाद जब उसके बूब्स को देखा तो वो एकदम तनकर खड़े हो गये थे और एकदम लाल हो गये थे, उन्हे देखकर मेरे मुहं में तो पानी ही आ गया था। फिर मैंने झट से उसके बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और उसके चारों तरफ़ अपनी जीभ घुमाने लगा, मेरे ऐसा करने से उसका तो बहुत बुरा हाल हो रहा था और वो अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने दोनों हाथों से बेड पकड़कर सिसकियाँ भरे जा रही थी। फिर आंटी ने कहा कि अह्ह्ह्हह आईईईई हाँ छोड़ मुझे, लेकिन में कहाँ मानने वाला था। में तो उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से किसी छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था और दबा रहा था और उसके बूब्स के काले काले दाने को अपने दांतो से काट रहा था, यह मैंने दस मिनट तक किया और फिर मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी पेंटी की तरफ ले गया तो मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी बिल्कुल भीग चुकी है। फिर मैंने झट से उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब मेरे हाथ में उसकी तड़पती हुई चूत थी और उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी, उसमे से पानी निकल रहा था तो मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया।
आंटी : सिसकियाँ लेते हुए बोली आह्ह्ह्हह्ह माँ अरे में आईईईईइ मर गई, तू यह क्या कर रहा है कुत्ते?
फिर में अपनी उंगली को आगे पीछे करने लगा और वो पागलों की तरह चिल्ला रही थी। फिर मैंने अपनी 4 उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया और फिर उन्हे धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, लेकिन अब मेरी भी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। में एकदम उठकर खड़ा हुआ तो वो मेरी तरफ देखने लगी, फिर में अपना काला लंड पकड़कर उसकी तरफ मुस्कुराया और उसने भी मुझे एक स्माईल दी। फिर मैंने अपना लंड आगे की तरफ बढ़ाया और उसे उसके मुहं के चारो तरफ घुमाने लगा। कभी उसके नाक पर तो कभी उसके कान पर और फिर उसने मेरे खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और उसे एक जोरदार थप्पड़ मारा जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ। फिर मैंने कहा कि चूस साली रंडी इसे और वो बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी। मेरी तो हालत देखने वाली थी, वो मेरे लंड को गन्ने की तरह चूस रही थी। मैंने उसके बालों को ज़ोर से पकड़ा और अपने लंड की तरफ धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसके गले तक चला गया और उसको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और फिर मैंने उसे छोड़ दिया। उसकी आँखो में आँसू आ गये और लगभग 15 मिनट तक चूसने के बाद में झड़ने वाला था और जब मैंने उससे बोला तो उसने कहा कि मेरे मुहं में झाड़ दो मैंने आहह की आवाज़ के साथ पूरा वीर्य उसके मुहं में झाड़ दिया।
फिर में उठा और उसकी चूत की तरफ बढ़ा, मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वो बिल्कुल रस से भरी हुई थी जिसकी वजह से मेरे मुहं में पानी आ गया और मैंने उसकी चूत में अपनी पूरी जीभ को डाल दिया और उसे धीरे धीरे पीने लगा। में उसकी चूत का सारा वीर्य पी गया और अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और इधर मेरा लंड भी अपनी औकात पर आ गया था। तो मैंने देर ना करते हुए उसको उठाया और डॉगी स्टाइल की पोज़िशन में करके अपना 8 इंच का काला लंड उसकी चूत के सामने ले जाकर उसकी गांड के चारों तरफ़ रगड़ने लगा, जिसकी वजह से आंटी बिल्कुल मदहोश होने लगी। फिर मैंने उसकी गांड पर दो थप्पड़ मारे, मेरा थप्पड़ इतना तेज़ था कि उसकी गांड पर मेरे हाथ का निशान बन गया और आंटी दर्द से तिलमिला उठी और कहने लगी।
आंटी : साले रंडी के बीज, जल्दी डाल ना मेरी चूत में अपना लंड क्यों मुझे तड़पा रहा है?
में : हाँ मेरी कुतिया यह ले।
फिर मैंने इतना कहते हुए उसकी चूत में एक धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ 5 इंच अंदर चला गया, आंटी का तो बुरा हाल हो गया था अऊऊऊउ आईईईइ बाहर निकाल अपने लंड को ऊईईईईईइ में मर जाउंगी, लेकिन मैंने अपना एक हाथ उसके मुहं पर रख दिया और फिर एक जोरदार झटका लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ अंदर चला गया। उसकी आखें लगभग बड़ी हो गई थी ऊईईईईई माँ मर गई यह क्या किया तूने बाहर निकाल अपने लंड को उह्ह्ह्हह्ह माँ कोई बचाओ मुझे इस जानवर जैसे लंड से, प्लीज छोड़ दे मुझे औऊऊउ। फिर में अपने लंड को बाहर निकालकर झटके पे झटके मारने लगा और उसकी चूत को चोदने लगा और वो दर्द से चीखती चिल्लाती रही और मुझे गालियाँ देती रही और मेरा जोश बढ़ाती रही।
आंटी : आहह्ह्ह्हह उईईईईई माँ में मर गई।
लेकिन में अब कहाँ रुकने वाला था, मैंने अपनी स्पीड को और बड़ा दिया और अब आंटी का दर्द थोड़ा थोड़ा कम हो गया था और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी थी और मुझसे कहने लगी थी कि आहहह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे आईईई ऊईईई चोद मुझे मादरचोद अह्ह्ह्ह और जल्दी जल्दी चोद, तू आज मेरी चूत का सारा रस निकल दे।
फिर मेरी स्पीड और बढ़ गई और में उससे कहने लगा कि हाँ ले रंडी और ले।
फिर मैंने उसे और तेज़ धक्कों के साथ चोदना शुरू कर दिया, आंटी का बेड पूरी तरह से हिल रहा था। वो कुतिया की स्टाइल में तो एकदम पॉर्न मूवी वाली लग रही थी और पूरे रूम में फच फच फच की आवाज़ आ रही थी और आंटी को इतना मज़ा आ रहा था कि उसकी आवाज़ इतनी ज़ोर से निकल रही थी कि अगर कोई बाहर हो तो उसे भी सुनाई दे जाए, लेकिन हमारा फ्लेट ऊपर था तो हमे कोई डर नहीं था और लगभग एक घंटे तक लगातार उसकी चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था और मैंने अपने झटके की रफ्तार को इतना तेज़ कर दिया था कि आंटी की गांड बुरी तरह हिल रही थी और आंटी सिसकियाँ ले रही थी आह्ह्ह्हह उउइईईईईईई हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोद मुझे। फिर में उन्हे और भी तेज धक्कों से चोदने लगा, लेकिन अब थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उससे बोला कि में झड़ने वाला हूँ, कहाँ निकालू इसे? फिर उसने कहा कि मेरे मुहं में ही झड़ जाओ, तो में उसके मुहं में ही झड़ गया और आंटी मेरा सारा वीर्य पी गई। फिर उसके कुछ देर के बाद वो भी झड़ गई और अब हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े थे और पूरे रूम में हमारी तेज़ सांसो की आवाज़ आ रही थी, थोड़ी देर के बाद हम दोनों की आँखे एक दूसरे से मिली और आंटी मुझसे बोली।
आंटी : तुम तो बहुत बुरी तरह चुदाई करते हो।
में : जान, में हमेशा तुम्हे देख देखकर रात में तीन बार मुठ मारता हूँ तो तुम्हे ऐसे ही थोड़ी ना छोड़ सकता था।
आंटी : हाँ अब तो यह जवानी भी तेरी और में भी हमेशा के लिए तेरी हूँ, तूने आज इस तरह से मेरी चूत को चोदकर मुझे बिल्कुल संतुष्ट कर दिया है। आज से यह चूत तेरी और में तेरी गुलाम तू जब, जैसे, जहाँ चाहे मुझे चोद सकता है। फिर मैंने उसकी तीन बार चूत मारी और गांड को भी चोदा और मैंने उसे कुछ पैसे भी दिए। फिर में वहां से चला गया ।।
















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