FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
देवर के साथ हनीमून
हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में
आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ
मुठ मारना ना भूलना। अब में ज्यादा समय
ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ। दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई। पहले
तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह
दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत
मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ। दोस्तों
सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते
है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है। उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके
30 साल का बेटा दीपक रहते है। दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो
दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा
है। दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है। दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह
खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो
थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है। एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में
उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत
सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में
सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी
नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता।
दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की
बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक
आ गए। दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में
उस पर लपक जाती हूँ। फिर एक दिन शाम को
में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई। फिर मैंने सुनील को फोन
किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस
में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ। फिर में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही
थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से
ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ। मेरी यह बात सुनकर
दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है। फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना
कैसे जाएँगे। फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप
आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में
जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर
हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे
ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो
ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती।
फिर वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे। फिर मैंने पास आकर उसके एक
कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम
हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे। तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू
गया। फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा
हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह
तो आम बात है। दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा। जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और
मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और
फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच
गये। फिर वो अपने घर पर चला गया और में
अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास
चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो
मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को
भी चाय देकर आती हूँ। फिर मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और
वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक
के रूम में चली गई। फिर में जब दरवाजा
खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ
रही थी। फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही
दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ
दिखाई दे रहा था।
फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से
भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे
साथ ऐसा हुआ। फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ
हुई बीच में तो आप आ गई हो। फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो। फिर वो
किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं
कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती
थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका
साथ देने लगी। फिर वो मेरी मेक्सी के
अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को
मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर
उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को
डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ
कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और
ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह।
फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को
अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड। वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने
लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश
में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू
मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू
मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़
तेरी चूत चोदनी होगी। फिर में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी
नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन
प्लीज चोद अभी मुझे। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन
तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था। में गुस्से से बोलने लगी कि साले
हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला। फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे
और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ। फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा। फिर मैंने
कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे। फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में
ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला
कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए
नहीं तो नहीं चोदूंगा। फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर
खड़ा करने लगी। जैसे ही उसका लंड खड़ा हो
गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी। 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया। फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड
डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य
मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे
चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी
और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर
है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई।
फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में
लग जाते थे और अब में उसकी असल में
रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर
सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे
थे। फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की
बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें
हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे। फिर एक दिन शाम
में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में। उसकी शादी तीन
जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के
लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक
है, में आ जाउंगी। फिर फोन काटने के बाद में
गीता से बोली कि क्या में भी
तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की
क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा। फिर हम
लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन
सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह
दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट
बनवाई। फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ
मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में
भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे
मिलना। फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे। दोस्तों
ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून
को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये। फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी
आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी। फिर में बोली कि
ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और
में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों
एक साथ नहीं होते। फिर वो बोली कि ठीक है। हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे
पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार
कर रहा हूँ। फिर मैंने कहा कि पहले हम
गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे। फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा
इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून
पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और
में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और
वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो
कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था। वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर
सकते थे। मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन
वहाँ पर कुछ और ही निकला। वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था। रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये। फिर मैंने कहा
कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी
तो में बोली कि मंगवा लो। फिर उसने एक
बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए। जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू
पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ
और फिर वो फोन पर बात करने लगा। करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो
दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था। जैसे ही
मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक
यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल
है।
फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन
तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही। फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला
कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और
दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो। फिर में बोली कि
धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे। पीने
के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू
का मज़ा नहीं आता। फिर निहाल बोला कि
यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है। में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार
मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं
आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो। में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया। फिर निहाल बोला कि
यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया। तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी
कलर की पेंटी में थी।
फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा
तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर
में बैठा हुआ था। मैंने दीपक से बोला
कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया।
अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर
में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक
घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे
ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा। दीपक
ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर
मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा। फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर
निकाला और चूसने लगी। फिर हम तीनो नंगे
हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स
को चूसने लगा। मुझे ऐसा महसूस हो रहा
था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा
रहे थे। फिर में बोली कि यारो अब मुझे
चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने
मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने
लगा। अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को
चाटने लगे। तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर
पर दोनों मूतने लगे। फिर हम तीनों बाथटब
में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट
कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में
निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा। फिर निहाल नीचे आ गया और
दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा। करीब 40 मिनट
के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड
चूसने लगी। फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर
ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और
जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट
गई। उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द
की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी
राहत मिली। फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना
दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और
उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया।
गीता :
हैल्लो, भाभी।
में :
हाँ गीता बोलो?
गीता :
अभी आप कहाँ पर हो?
में :
अरे में तो देहरादून में ही हूँ।
गीता :
और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से।
में :
हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है
वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?
गीता :
में आज शाम को आ रही हूँ।
में :
तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक
है?
गीता :
हाँ ठीक है बाय।
तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो
दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा। में
बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर
हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है। तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम
दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और
कल तक में दो लंड को संभाल रही थी। आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो
में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके
साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है। फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही
मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने
को। फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे। देखेंगे कितनी मर्दानगी
है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम
अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है। फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में
खाना भी और वेटर को 500 रूपये
दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की
ड्रिंक शुरू हो गई। निहाल बोला चलो एक गेम
खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों
को करना पड़ेगा। सब लोग राज़ी हो गए और
हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक
छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया।
गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे।
फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से
दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से
मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया। फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो
और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और
पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को
पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और
जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो। तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया। अब में अगले
राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा
कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो। फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी
खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे
लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे। कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल
और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम
दोनों की गांड भी मारी। उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो
गये। फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय
पी और घर आने का प्लान बनाया ।।
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