FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
सेक्सी मकान मालकिन
हैल्लो दोस्तों, सेक्सी
लड़कियों और भाभियों आप सभी अब अपनी अपनी चूत को
नंगी कर लो, क्योंकि
मुझे विश्वास है कि इस कहानी को पढ़ते पढ़ते आप सभी
की चूत का पानी निकल जाएगा और लंड वालों आप सभी अपना अपना
लंड हाथ में पकड़ लो और मुठ मारना शुरू कर दो, क्योंकि यह मेरी
कहानी बहुत
गर्म है। दोस्तों मेरा नाम प्रदीप है और में जालंधर के एक कॉलेज में सिविल
इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ। दोस्तों आज में जो कहानी आप सभी के सामने
पेश कर रहा हूँ वो मेरे साथ उस वक्त घटित हुई थी जब में कॉलेज के दूसरे
साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था और में यहाँ पर एक मकान में किराए से रहता
था। उस मकान में मकान मालिक का परिवार जिसमे एक छोटा लड़का उम्र 2 साल लेकिन
वो बहुत शरारती है और उस लड़के की माँ जिसे में भाभी कहता हूँ उनकी उम्र
करीब 27 साल
है और मकान में दादा, दादी
भी रहते है। दोस्तों उन भाभी के पति जो कि अभी
कनाडा में रहते है और उन्हे यहाँ से गये हुए पूरे दो साल हो
गये थे। दोस्तों यह बात फरवरी 2013 की है उस वक़्त पंजाब में बहुत ज्यादा
ठंड होती है, क्योंकि
मकान में जवान सिर्फ़ भाभी है तो हर काम उन्हे ही
देखना पड़ता है, लेकिन
जब से में उनके मकान में रहने लगा हूँ तब से उन्हे
मेरी तरफ से थोड़ी बहुत मदद मिल जाती थी, क्योंकि में बाहर से
कुछ भी जरुरी
सामान लाने में उनकी हमेशा मदद किया करता था।
दोस्तों थोड़ा बहुत
में अपनी भाभी के बारे में भी बता दूँ कि उनकी उम्र 27 साल, गोरा चेहरा, उनके
फिगर का साईज़ 32-30-34 है
और वो दिखने में बहुत मस्त है। उन्हे एक बार देखने
से ही किसी का भी चोदने का दिल कर जाए। अब में अपने मन की
बताऊँ तो भी ऐसा परिवार पाकर बहुत खुश था और भाभी के बूब्स तो मुझे बहुत ज्यादा
अच्छे लगते थे और वो मकान पर अधिकतर समय सूट पहनती थी और उन कपड़ो में
तो वो बिल्कुल कयामत लगती थी, उन्हे देखते ही मेरा दिल करता है कि बस पकड़कर
चोद दूँ। दोस्तों अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ। तो एक दिन हुआ यह
कि मुझे उस मकान में कमरा लिए हुए अभी दो महीने ही हुए थे और में उनके मकान
पर एक परिवार के सदस्य की तरह रहने लगा था और उनका मुझ पर विश्वास भी पूरा
बन गया था, मेरा
रूम ऊपर वाला था और मुझे खाना देने भाभी खुद ही आया करती
थी, क्योंकि
में बाहर के कामों में उनकी मदद कर देता था और जब मकान के सभी
सदस्य खाना खा लेते थे तो उसके बाद भाभी मुझे खाना लाकर ऊपर दे दिया करती
थी। दोस्तों पहले पहले तो में भाभी को चोदने के बारे में नहीं सोचा करता
था, लेकिन
थोड़े दिनों के बाद भाभी की शायद मुझमें रूचि ज्यादा ही बन गई
थी और अब वो मेरे साथ कुछ अजीब सा व्यहवार करने लगी थी, उन्होंने
मेरे साथ
अब हंसी मज़ाक भी करना शुरू कर दिया था और में भी कभी कभी उन्हे मज़ाक में
पकड़ लिया करता था, लेकिन
वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी और अब मुझे उनका व्यहवार देखकर
लगने लगा था कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है? लेकिन मैंने उस
काम में ज्यादा जल्दी नहीं की। दोस्तों में हर रोज शाम को जिम जाया करता था
और फिर वहां से आकर नहाता था।
एक दिन जब में शाम को जिम से वापस आया
तो मैंने देखा कि मकान में सिर्फ़ भाभी और उनका लड़का ही था। तो मैंने उनसे
पूछा कि मकान के सब लोग कहाँ गये? तो वो मुझसे बोली कि दादा दादी पास में
किसी के मकान पर जागरण में गए हुए है, लेकिन मुझे लगता कि
शायद वो आज घर
नहीं आएँगे। तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर
में बाथरूम में नहाने चला गया। दोस्तों में हमेशा नंगा होकर नहाता हूँ और
हर रोज की तरह आज भी में नंगा ही नहा रहा था, वो बाथरूम इस तरह से
बना है
कि अगर कोई छत पर खड़ा हो तो उसे ऊपर से अंदर की तरफ सब कुछ दिखेगा, लेकिन
वहां पर ज्यादा कोई नहीं जाता है, सिर्फ़ कपड़े सुखाने के लिए तार लगा
हुआ है। उस दिन शायद भाभी ने अपने कुछ कपड़े तार पर डाल रखे थे और वो छत
पर उन्हे उतारने गई हुई थी, लेकिन
मैंने उस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और फिर मैंने
अपने लंड पर साबुन लगाया तो वो धीरे धीरे तनकर खड़ा होने लगा
और इसी बीच मेरा मुठ मारने का मन किया और फिर में शुरू हो गया और शायद यह
सब भाभी देख रही थी, लेकिन
मैंने ध्यान नहीं दिया। फिर मैंने मुठ मारी और नहाकर बाहर आ गया।
दोस्तों मेरा लंड 6 इंच
का है। तो उसी रात को भाभी रूम में खाना लेकर आई
और फिर पानी वग़ैरह रखकर मेरे सामने ही बैठ गयी। तभी मैंने
उनसे मुस्कुराते हुए पूछा कि लगता है आज आप अपने सभी कामों से बिल्कुल
फ्री है? तो
उन्होंने कहा कि हाँ और फिर मैंने उनसे पूछा कि छोटू कहाँ
है? तो
वो बोली कि वो सो गया है।
फिर हम बातें करने लगे और जब मैंने
खाना खा लिया तो वो बर्तन ले जाकर रसोईघर में रख आई और फिर दोबारा मेरे
रूम में आई और बोली कि आज मेरा मन नहीं लग रहा है क्या हम कुछ देर बात कर
सकते है? तो
मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं? चलो भाभी हम दोनों आज छत पर बिल्कुल
खुले में बैठकर बातें करते है और फिर हम छत पर चले गये, वो
मेरे पास
में बैठी हुई थी और फिर हम दोनों ने बातें करनी शुरू की। दोस्तों भाभी ने
अपनी शादी से पहले बी.ए. की हुई है इसलिए में उनकी कॉलेज लाईफ के बारे में
पूछने लगा कि उनकी कॉलेज लाईफ कैसी थी? तो उन्होंने मुझे
बताया कि उस समय
उनके पीछे कॉलेज के बहुत सारे लड़के थे, लेकिन वो एक लड़के को
बहुत पसंद करती
थी। फिर वो मेरे बारे में मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड
है? तो
मैंने कहा कि हाँ एक है, तो
वो मुझसे मजाक में बोली कि क्यों इसका मतलब तुम
तो पूरा मज़ा ले रहे होंगे? और
वैसे भी आज कल तो सब बहुत तेज़ हो गया है। मैंने भी उनकी यह
बात सुनकर उनको स्माइल किया और मैंने भाभी से कहा कि
भाभी क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ, आप मुझसे गुस्सा
तो नहीं हो जाओगी?
फिर वो बोली कि नहीं तुम पूछ लो ऐसा कुछ नहीं
होगा। तो मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा कि आपने शादी से पहले कभी किसी
के साथ कुछ किया है? तो
यह बात सुनते ही वो मुझे एकदम हैरान होकर देखने लगी और फिर वो
हंसकर बोली कि तुम यह मुझसे क्या पूछ रहे हो? तो मैंने कहा
कि क्यों हम इतनी बात तो कर ही सकते है ना? तो वो हंसने लगी और
फिर बोली
कि नहीं पहले कभी मैंने ऐसा कुछ नहीं किया था, लेकिन जिस लड़के को
वो दिल
से चाहती थी वो एक बार उन्हे अकेले में ले गया था और वहां पर हमने किस किए
थे और उसने मेरे बूब्स दबाए थे और मुझसे मेरी चुदाई करने की कह रहा था, लेकिन
में नहीं मानी। फिर मैंने उनकी बात खत्म होते ही उनसे पूछा कि क्या आप
अपनी इस लाइफ से खुश हो? तो
वो एकदम से बोली कि हाँ और फिर वो मेरी बात को काटते हुए मुझसे
पूछने लगी कि तुम बाथरूम में क्या कर रहे थे? दोस्तों उनके
मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तो होश ही उड़ गये और उस घबराहट में मेरे
मुहं से आवाज़ नहीं निकली। में पसीने से गीला हो गया, मेरे
चेहरे का रंग
उड़ गया और में ये, वू, में
वो कर रहा था और कुछ भी बड़बड़ाने लगा। फिर वो स्माइल
करते हुए बोली कि क्या हुआ मुझसे इतना डर क्यों रहे हो? तुमने
तो मुझसे
बहुत आसानी से सब कुछ पूछ लिया और जब मैंने तुमसे कुछ तुम्हारे बारे में
पूछा तो तुम्हारी आवाज़ नहीं निकल रही ऐसा क्यों? वैसे अब तुम मुझसे बिल्कुल
भी मत डरो क्योंकि मैंने तुम्हे वो सब करते हुए देख लिया था। फिर मैंने
कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर शांत रहा, लेकिन मन ही मन कुछ
सोचता रहा और
फिर मैंने कुछ देर बाद उनसे कहा कि भाभी प्लीज आप यह बात किसी से मत कहना।
तो वो बोली कि यहाँ पर इस समय कहने और सुनने के लिए सिर्फ़ तुम ही हो और
कोई नहीं है। जिससे में यह सब कहूँगी और फिर वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली
कि वैसे तुम्हे वो सब करने की ज़रूरत ही नहीं। मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए
बहुत हल्की आवाज से पूछा कि क्यों? लेकिन वो कुछ नहीं
बोली बस शरारती अंदाज
में मुस्कुराती रही। फिर मैंने पूछा कि भाभी भैया को बाहर गये हुए दो साल
हो गये है तो आप कैसे रह लेते हो? फिर वो झट से बोली कि कैसे रह लेती हो
का क्या मतलब् है? तो
मैंने कहा कि वो सब जो एक पति पत्नी करते है उसका क्या? तो
वो बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारा कहने का मतलब समझ गयी, लेकिन वो
थोड़ी देर बिल्कुल चुप रही और फिर वो अपनी आंख से आँसू साफ करते हुए बोली
कि चलो अब नीचे सोते है, क्योंकि
अब रात भी बहुत ज्यादा हो गयी है। दोस्तों में उनकी इन
सब बातों से समझ गया था कि भाभी बहुत प्यासी है और उन्हे
अब लंड की ज़रूरत है और मैंने भी मन ही मन सोचा कि आज में इसे इस बात का
एहसास करा देता हूँ कि उसका पति नहीं है तो क्या हुआ लंड मेरे पास भी है
और में उसके पास हूँ ना? दोस्तों
ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी को
बैठे हुए ही पीछे से कंधे पर हाथ रखा और मेरे
ऐसा करते ही भाभी मेरे कंधे पर अपना सर रखकर रोने लगी और
में उन्हे अपनी तरफ खींचकर उनकी पीठ को सहलाने लगा। वो करीब पांच मिनट तक
रोती रही। फिर जब उन्होंने अपना चेहरा मेरे कंधे से हटाया और अपने चेहरे को
ऊपर किया तो मैंने अचानक से उनके गुलाबी, मुलायम होंठो पर अपने
होंठ रख दिए, लेकिन
भाभी ने कुछ नहीं कहा बस उन्होंने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया
और जिसकी वजह से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और अब मैंने भाभी को स्मूच करना
शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद भाभी ने भी मेरा पूरा पूरा साथ देना शुरू
कर दिया। फिर थोड़ी देर के किस के बाद मैंने भाभी को खड़ा किया और अपने
साथ उन्हे अपने रूम में ले गया, कमरे की लाइट चालू की और दरवाजा बंद कर
दिया और जब मेरी और भाभी की नजरें एक दूसरे से मिली तो हम दोनों ने एक दूसरे
को स्माइल किया और में भाभी को पकड़कर बेड पर ले गया और फिर मैंने उन्हे
चूमना शुरू कर दिया और इस काम में भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, भाभी
ने उस समय सूट पहना हुआ था।
फिर मैंने उनकी चुन्नी को उतार दिया और
सूट के ऊपर से ही दोनों बूब्स को दबाने लगा। जिसकी वजह से भाभी अब धीरे धीरे
गरम हो रही थी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस कर रही थी और अब हम दोनों की
जीभ एक दूसरे के मुहं में थी और करीब 15 मिनट किस करने के बाद
मैंने भाभी
को अलग किया और उनका सूट उतार दिया। अब भाभी सिर्फ़ सलवार में थी और ऊपर
ब्रा पहन रखी थी। मैंने फिर से भाभी को पकड़ा और स्मूच करने लगा और ब्रा
के ऊपर से ही दोनों बूब्स दबाने लगा। वाह दोस्तों क्या मस्त बूब्स थे और
किस करते ही मैंने सलवार का नाड़ा खोल दिया और वो नीचे सरक गई। भाभी ने उस
समय काले रंग की पेंटी पहनी हुई थी और में किस करते वक़्त कभी भाभी के बूब्स
दबाता तो कभी पेंटी में हाथ डाल रहा था। तो भाभी ने मुझे अपने जिस्म से
अलग किया और मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि कितना
मस्त है? मैंने
तुम्हे आज पहली बार तब देखा जब तुम नहाते समय बाथरूम में
मुठ मार रहे थे और उसी वक़्त मेरा तुम से चुदने का दिल किया, लेकिन
में तुमसे
बात नहीं कर सकी और फिर वो मुझसे इतना कहकर मेरे लंड को मुहं में लेकर
चूसने लगी। तो आअहह ऊऊओह भाभी मेरे मुहं से आवाज़ निकल पड़ी और भाभी तो
पूरी तरह से लंड चूसने में अनुभवी लग रही थी और वो मेरे लंड को बहुत देर तक
चूसती रही। फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी ब्रा और पेंटी को उतार फेंका
और उसके दोनों गोरे गोरे पैरों को फैलाया, लेकिन अब उसकी चूत को देखकर
मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी और मेरा चेहरा देखकर भाभी बोली कि क्या
हुआ? तो
मैंने कहा कि कुछ नहीं भाभी आपकी चूत तो बहुत मस्त है। मैंने आज
तक एसी चूत कभी किसी ब्लूफिल्म में भी नहीं देखी। दोस्तों उसकी चूत एकदम गोरी, चिकनी, कामुक
और बहुत सुंदर थी और उसकी चूत का दाना बिल्कुल लाल रंग का
था। फिर मैंने कहा कि भाभी आप अपनी इस बैचेन चूत को अब तक मुझसे क्यों छुपाकर
रख रही थी? तो
वो बोली कि नहीं में तो कब से तुमसे चुदने को तैयार थी, लेकिन
तुम ही मुझ में बिल्कुल भी रूचि नहीं ले रहे थे। फिर मैंने उनसे कहा
कि सॉरी भाभी और मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाया और मैंने अपना मुहं उसकी
चूत के दाने पर रख दिया तो वो एकदम से उछल पड़ी और उसके मुहं से आहह्ह्ह्हह्ह
आईईई की आवाज़ आई और मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया।
दोस्तों वाह
क्या मस्त स्वाद था उसकी चूत के पानी का और उसे में चूसता ही रहा और करीब
दस मिनट तक चाटता ही रहा, तो
इसी बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और जब मैंने उसकी तरफ़ देखा
तो वो ज़ोर ज़ोर से हाँफ रही थी और स्माईल कर रही थी। मैंने
उसे किस किया और बोला कि भाभी क्या आप हमेशा अपनी चूत को क्लीन शेव रखती
हो? तो
वो बोली कि नहीं मैंने आज ही खाना बनाने से पहले अपनी चूत को साफ
किया है और हम फिर से किस करने लगे और उसने मेरे लंड को दोबारा चूसना शुरू
कर दिया और जब मेरा लंड पूरा टाइट हो गया तो वो मुझसे बोली कि प्रदीप प्लीज
मेरी चूत बहुत प्यासी है आज इसकी प्यास बुझा दो और फिर मैंने अपना लंड
उसकी चूत के छेद पर रख दिया और एक ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन
उसकी चीखने
की आवाज़ उसके मुहं में दबकर रह गयी और आँखे जैसे बाहर आ गयी। तो यह सब
देखकर में थोड़ा सा रुका और वो बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे डालो, मैंने
इसमें पिछले दो साल से एक उंगली भी नहीं डाली है और फिर मैंने धीरे धीरे
धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गांड को
उछालने लगी और मेरे हर एक धक्के के साथ आअहह आईईईई उफफ्फ्फ् आआआहह ऊऊऊओह की
आवाज़ निकालने लगी और में भी उसे ज़ोर ज़ोर से धक्कों के साथ चोदने लगा, उसने
मस्ती में अपनी दोनों आँखे बंद कर रखी थी और में उसे इस कामुक अवस्था
में देखकर और भी पागल हुआ जा रहा था और उसे ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था।
फिर वो भी अब मुझे बोल रही थी हाँ और
ज़ोर से चोदो मुझे प्रदीप आआआहह और ज़ोर से चोदो
मेरी चूत को, दो
साल से वो साला कुत्ता मुझे प्यासी छोड़कर गया हुआ है और
वहां पर वो रंडियों को चोद रहा होगा और में यहाँ पर बिना
लंड के चुदने के लिए तरस रही हूँ आआआहह ऊऊऊओभ और वो अपनी गांड को ज़ोर ज़ोर
से उछालने लगी। मैंने उसे सीधा लेटाया हुआ था और उसके दोनों पैर मेरे कंधे
पर थे, जब
वो एक बार झड़ गयी तब उसने अपनी आँखे खोली और स्माईल के साथ आअहह
कर रही थी। में उसे लगातार धक्के मार रहा था और उसे किस कर रहा था, उसके
बूब्स को बारी बारी से चूस रहा था दबा रहा था और फिर करीब दस मिनट तक लगातार
धक्के मारने के बाद मेरा भी वीर्य अब निकलने वाला था और में ज़ोर ज़ोर
से चोदने लगा। तो उसने कहा कि प्लीज अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही निकालकर
आज इसकी प्यास बुझा दे मेरे राजा। फिर यह बात सुनकर मैंने जोश में आकर
धक्के और तेज़ कर दिए और दो मिनट में मैंने अपने लंड का सारा वीर्य उसकी
चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया। वो मुझे किस करने लगी और सहलाने
लगी और थोड़ी देर के बाद जब मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हुआ तब भी मेरा लंड
उसकी चूत में ही था और वो मुझसे बोली कि प्रदीप तुम बहुत अच्छे हो और में
तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और आज से तुम मुझे जब भी ठीक टाईम मिले और मौका
मिले तो चोदना, तुम
इस बात का मुझसे वादा करो। फिर मैंने कहा कि मेरी जान
में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ और इतनी मस्त, रसीली, कामुक
चूत और
गांड वाली भाभी को में कैसे बिना चोदे छोड़ सकता हूँ और अब तो दिल करता है
कि में तुम्हारी चूत से अपने लंड को बाहर ही नहीं निकालूँ। तो इस पर वो बोली
कि तो मैंने कब कहा है कि तुम अपना लंड कभी मेरी चूत से बाहर निकालो। मेरा
लंड अब उसकी चूत में ही खड़ा होने लगा था और उसे लंड टाईट होता हुए महसूस
हुआ तो वो बोली कि वाह मेरा शेर फिर से एक बार तैयार हो रहा है और इस बार
में घोड़ी बनती हूँ। तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है में तुझे डोगी स्टाइल में
चोदूंगा और फिर वो कुतिया बन गयी और डोगी स्टाइल में इस बार मैंने उसे करीब
15 मिनट
तक लगातार चोदा और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत में अपना वीर्य
निकाल दिया, लेकिन
मुझे तो अब उसकी गांड मारने का दिल कर रहा था।
फिर मैंने
उससे कहा कि भाभी में अब तुम्हारी गांड मारूँगा। तो वो बोली कि ठीक है, लेकिन
तुम मुझे अभी से भाभी नहीं, रेशमा
बोलो, दोस्तों
क्योंकि उसका नाम
रेशमा था और फिर मैंने उसकी एक बार गांड मारी और उसके साथ उसी के रूम में
गया और उसके साथ दो बार और चुदाई करके वहीं पर सो गया और उसके बाद हमें जब
भी मौका मिलता तो हम चुदाई करते है।
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