Sunday, February 28, 2016

FUN-MAZA-MASTI दोस्त की माँ और बहन मसालेदार

FUN-MAZA-MASTI



दोस्त की माँ और बहन  मसालेदार

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में भी आप लोगों की तरह फन मज़ा मस्तीका लगातार चाहने वाला हूँ और में हर रोज यहाँ आकर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ, मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है और कभी कभी अपने लंड को हिलाकर मुठ मारकर मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। दोस्तों आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह कहानी मेरे और मेरे दोस्त की बहन के प्यार की है जो आगे बढ़कर उसकी और उसकी माँ की चुदाई पर खत्म हुई और जिसमें मैंने उसको बहुत मज़े से चोदा और साथ में उसकी भी भूख को शांत किया। दोस्तों मेरी उम्र 20 साल है और मेरा लंड 7 इंच लंबा है और मेरा शरीर भी बहुत अच्छा है और मेरे दोस्त की बहन का नाम तानिया है और उसकी उम्र 21 साल की है। उनके बड़े बड़े बूब्स और गोल गोल गांड है। उनके फिगर का साईज 38-32-38 है और दोस्तों जब मैंने पहली बार उन्हे देखा था तो उन्हे देखकर मेरी आँखें खुली की खुली रह गई, क्योंकि उनकी माँ की उम्र करीब 42 साल है और उनका फिगर भी बहुत तगड़ा है, करीब 42-34-40 है और वो शादीशुदा होने के बाद भी बहुत सेक्सी दिखती है और मुझे उन्हे देखकर तो पहले दिन से ही प्यार हो गया था, लेकिन वो उनकी माँ थी इसलिए में कुछ कर ना सका। दोस्तों चलो अब में पहले आप सभी को वो घटना बताता हूँ कि यह सब स्टार्ट कैसे हुआ।
में उस समय अपने दोस्त के यहाँ पर पढ़ने जाया करता था और उसकी बड़ी बहन हम दोनों को पढ़ाती थी और तब तक मेरे मन में उनके लिए कोई भी ग़लत विचार नहीं था, लेकिन धीरे धीरे मेरी उनसे बातें कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी और अब हम एक दूसरे से बहुत ज्यादा हंसी मजाक और हर रोज फोन पर भी बातें किया करते थे, लेकिन मेरे दोस्त को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि हमारे बीच में अब क्या चल रहा था और हम हमेशा उससे छुपकर बातें किया करते थे और हम थोड़ी बहुत पढ़ाई की बातें भी किया करते थे। फिर हम धीरे धीरे एक दूसरे की जिन्दगी की छुपी हुई बातों के बारे में जानने लगे थे। एक दिन जब वो हमे पढ़ा रही थी तो उनके टॉप का गला थोड़ा बड़ा था और फिर वो जैसे ही थोड़ा नीचे झुकी तो मेरी नज़र उनकी छाती पर गई और उस नजारे देखकर मेरा लंड एकदम हरकत करने लगा। में करीब दो मिनट तक लगातार छुप छुपकर उनकी छाती को ही देखता रहा, लेकिन वहां पर मेरा दोस्त भी मेरे साथ बैठा हुआ था इसलिए में इसके आगे कुछ भी नहीं कर सका और अब में रोज उनके यहाँ पर जाता और सुबह से शाम तक उनके घर पर ही रहता, लेकिन में हमेशा यहीं बात सोचता रहता कि कैसे में उनके बूब्स को देखूं? और हर रोज में किसी ना किसी तरह से एक दो बार उनके बूब्स तो देख ही लेता था, जिससे मेरे मन को थोड़ी बहुत संतुष्टि मिल जाती थी और वो मेरी तरफ देखकर मेरी आग को और भी बढ़ा देती, लेकिन में फिर भी शांत रहता। फिर एक दिन मेरा दोस्त किसी जरूरी काम से कहीं बाहर गया हुआ था और मेरा उसके अगले दिन एक पेपर था तो में सुबह से ही उनके यहाँ पर पढ़ने चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वहां पर सिर्फ़ मेरे दोस्त की बहन और उसकी माँ घर पर अकेली थी। वो नहाकर बाथरूम से बाहर आई थी तो उन्हे देखकर में बिल्कुल चकित रह गया, वो उस एकदम टाईट टी-शर्ट में मेरे सामने खड़ी थी, जो अब पानी से पूरी तरह गीली होकर उनके सुंदर बदन पर चिपक रही थी और जिसकी वजह से मुझे उनके जिस्म का हर एक अंग साफ साफ नजर आ रहा था, मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और में खुद जानबूझ कर उनको देखकर अपने लंड को सहला रहा था और फिर मैंने महसूस किया कि उनके जिस्म से बहुत ही अच्छी खुश्बू आ रही थी और जिसे सूंघकर में उनकी तरफ आकर्षित हो रहा था। तभी उन्होंने मुझे देखकर मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि तू अंदर जाकर बैठ में अभी थोड़ी देर में आती हूँ, अब में ना चाहते हुए भी जबरदस्ती उनके कहने पर अंदर जाकर चुपचाप सोफे पर बैठ गया और फिर उनके गदराए बदन के बारे में सोचने लगा और में पागल हुए जा रहा था।
तभी कुछ देर बाद वो आईं और मुझे पढ़ाने लगी और अब उनके बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स ठीक मेरी आखों के सामने थे और मेरा पूरा ध्यान उन्ही पर था। उनकी टी-शर्ट बहुत टाईट थी तो उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्होंने उसे ज़बरदस्ती पहन रखी हो और मेरा लंड अब अपने पूरे जोश में तनकर खड़ा हो गया था और में बहुत कोशिश में था कि किसी ना किसी तरह आज में उनके बूब्स दबा लूँ। तभी उन्होंने मुझे देखा कि मेरा पूरा ध्यान उनके बूब्स पर था और फिर वो अचानक से उठकर दूसरे रूम में चली गई और अब एक चुन्नी ओढ़कर आ गई और फिर से मेरे सामने बैठ गई। फिर में समझ गया था कि शायद उन्हे मेरी कोई बात बहुत बुरी लग गई है, जिसकी वजह से उन्होंने ऐसा किया है और मैंने जल्दी से पढ़ा और चुपचाप अपने घर पर चला गया। मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था तो मैंने उन्हे अपने घर पर पहुंचने से पहले ही फोन करके सॉरी कहा और मैंने उनसे बोला कि आप हो ही इतनी सुंदर कि मेरी नज़र आपके ऊपर जाते हुए रुकी ही नहीं। मैंने तो बहुत बार कोशिश की थी, लेकिन में हर बार ना काम रहा, प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो।
तभी वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और फिर बोली कि आज तक किसी और लड़के ने मुझसे ऐसा कभी नहीं कहा है। फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए मज़ाक में उनसे कहा कि एक हीरे की असली पहचान सिर्फ एक ज़ोहरी ही कर सकता है। वो मेरी यह बात सुनकर एक बार फिर से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी तो मैंने बात को और आगे बड़ाने के लिए उनसे पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है? तो वो बोली कि नहीं मुझे उनकी यह बात सुनकर महसूस हो गया था कि वो थोड़ी उदास है, लेकिन फिर वो मुझसे कहने लगी कि चल हम घर पर बिना बताए कहीं बाहर घूमने चलते है। मैंने बहुत खुश होकर झट से कहा कि ठीक है चलो हम कोई फिल्म देखने चलेंगे और फिर में उनके बताए हुए ठीक समय पर और पते पर पहुंच गया और हम लोग फिल्म देखने चले गये और वहां पर पहुंचने के कुछ घंटो बाद बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे पूछा कि तू क्या मेरा बॉयफ्रेंड बनना चाहेगा? में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और झट से बोला कि हाँ क्यों नहीं? तो उन्होंने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और एक किस भी किया। उनके दोनों बूब्स मेरी छाती से दब गये थे और मैंने भी जोश में आकर उनके बूब्स पर हाथ रख दिए, लेकिन तभी उन्होंने कहा कि अभी नहीं, आज तो बस हम आराम से फिल्म देखकर घर पर जाएगें और यह सब फिर कभी करेंगे। ऐसे ही एक दो सप्ताह निकल गये और अब हम घंटो तक छुप छुपकर फोन पर बातें किया करते थे। फिर एक दिन बातों ही बातों में उन्होंने मुझे बताया कि वो अभी तक वर्जिन है, लेकिन वो कभी कभी छुपकर ब्लूफिल्म देखती है और अपनी चूत में उंगली भी कर लेती है। मैंने हंसकर कहा कि में भी यही सब करता हूँ और फिर हम लोग फोन सेक्स करने लगे। ऐसा करने से हमें बहुत मज़ा आता था। फिर एक दिन उनका फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि आज घर पर कोई नहीं है और में बिल्कुल अकेली हूँ, तुम जल्दी से आ जाओ।
फिर मैंने इस बात का पूरा पता करने के लिए अपने दोस्त के फोन नंबर पर फोन किया और उससे पूछा कि तू इस समय कहाँ पर है? तो वो बोला कि में अपने मामा के यहाँ पर किसी काम से आया हूँ और अब में समझ गया था कि वो मुझसे बिल्कुल सच कह रही थी, लेकिन उसने मुझसे अपनी मम्मी की बात मुझसे जरुर छुपाई थी। मैंने सोचा कि आज जो भी होगा देखा जायेगा और फिर में जल्दी से तैयार होकर उनके घर पर गया। मैंने वहाँ पर पहुंचकर देखा कि वो मेरा बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही थी और अब वो मुझसे बोली कि चल मेरे रूम में चलते है। मैंने कहा कि लेकिन आंटी भी तो घर पर है? तो वो बोली कि वो अभी इस समय सो रही है और वो इतनी आसानी से उठने वाली नहीं है क्योंकि वो बहुत गहरी नींद में सोती है और वैसे भी आज तो वो नींद की गोली खाकर सोई है तो उनके उठने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और अब उनकी चुदाई के सपने देखने लगा। में उनकी बात को सुनकर बिल्कुल फ्री हो गया था और मुझे अब किसी भी बात का कोई भी डर नहीं था। दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
अब हम उनके रूम में चले गए और मैंने सीधा उनको कसकर पकड़ लिया और उनके गुलाबी रस भरे होंठो को चूसने लगा और वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी। तभी मैंने जल्दी से अपना एक हाथ उनके टॉप के अंदर डाल दिया और उनके मुलायम बूब्स को एक एक करके दबाने मसलने लगा और अब मेरा लंड फौलाद की तरह तनकर खड़ा हो गया था और उन्होंने जल्दी से उनके कपड़े उतारे और फिर उन्होंने मेरे भी कपड़े बारी बारी से खोल दिए। उन्हे देखकर मुझे लग रहा था कि वो भी अब पूरे जोश में थी और में उनके बूब्स को देखे ही जा रहा था। तभी वो मुझसे बोली कि बस ऐसे ही देखता रहेगा या कुछ करेगा भी और फिर उन्होंने मुझे अपने बूब्स की तरफ खींच लिया और में ज़ोर ज़ोर से उनके दोनों बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा। वो आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हहह आईईइईईईई करने लगी। दोस्तों मेरी तड़प भी अब धीरे धीरे बढती जा रही थी और अब मैंने सीधा उनकी पेंटी को नीचे किया और मुझे उनकी सुंदर कामुक चूत को देखकर ऐसा लगा कि जैसे मुझे जन्नत के दर्शन हो गए हो और वो पूरी साफ तो नहीं थी, लेकिन उस पर थोड़े थोड़े बाल बहुत अच्छे लग रहे थे। मैंने उन्हे अपनी बाहों में लेकर बेड पर बिल्कुल सीधा लेटा दिया और अब धीरे धीरे उनकी चूत के साथ साथ पूरे जिस्म को चाटने लगा। वो पहले तो मना करने लगी, लेकिन धीरे धीरे उन्हे भी मज़ा आने लगा था और फिर वो मुझसे बोलने लगी कि हाँ और तेज और तेज चाटो खा जाओ इसे हाँ उह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और ज़ोर से चाटो। फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए और वो मेरा लंड हिलाने लगी। दोस्तों हमें ऐसा करते हुए बस पांच मिनट ही हुए थे कि हम दोनों एक बार झड़ गये और अब मैंने धीरे धीरे उनकी चूत में उंगली करना शुरू किया और मेरी उंगली भी उनकी चूत में आसानी से घुस नहीं रही थी इसलिए मैंने अपने हाथ पर थोड़ा सा तेल लगा लिया और ऊपर ऊपर मसलने लगा। इतने में उन्हे भी जोश चड़ गया और मेरा लंड अब पूरा तनकर खड़ा हो गया था।
फिर मैंने सोचा कि अब ज़्यादा देर करना बेकार है और मैंने अपने लंड का टोपा उनकी चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे धीरे अंदर धक्का देने लगा, लेकिन उन्हे भी अब बहुत दर्द हो रहा था और मुझे भी। में उन्हे किस करने लगा और एक हाथ से उनके बूब्स को दबाने लगा और फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का अंदर दिया और अब मेरा आधा लंड अंदर घुस गया था जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी और उन्होंने मेरी कमर पर अपने नाखून गड़ा दिए। एक दो मिनट तक हम एक दूसरे से ऐसे ही चिपके रहे और फिर कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया वो आह्ह्हहह ऊऊहह उफफ्फ्फ्फ़ करने लगी और बोलने लगी कि प्लीज थोड़ा आराम से कर मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे सर पर तो चुदाई का भूत चड़ा हुआ था। में उनकी कैसे कोई बात सुनता। मैंने एक और ज़ोर का धक्का दिया और मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर घुस गया। उनकी ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने की आवाज को सुनकर अब उनकी माँ भी वहां पर आ गई और हम दोनों को इस तरह पूरे नंगे चुदाई करते हुए देखकर बिल्कुल चकित हो गई। एक दो मिनट तक वो एकदम चुपचाप खड़ी रही।
हमने जल्दी से कपड़े पहने और उन्हे समझाने लगे और ऐसी गलती कभी भी नहीं करने की कहने लगे और माफ़ी मांगने लगे, लेकिन तभी पता नहीं उन्हे क्या हुआ? उन्होंने धीरे से कहा कि तुम दोनों अकेले अकेले चुदाई के मज़े कर रहे हो क्या तुमने एक बार भी मेरे बारे में सोचा? अब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वो यह सब क्या बोल रही है? फिर वो मुझसे बोली कि तुझे मेरी बेटी को चोदने से पहेल मुझे चोदना पड़ेगा। दोस्तों अब तो मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि मुझे आज वो सब मिल गया था जिसको में कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था। उन दोनों की चुदाई अब मेरे लंड से होनी थी। में यह बात मन ही मन सोचकर बहुत खुश था और भगवान को धन्यवाद कह रहा था। तभी उन्होंने मेरे बिल्कुल पास आकर मेरा लंड पकड़ा और फिर मुझसे कहा कि इतना बड़ा लंड तो इसके बाप का भी नहीं है। फिर मैंने जल्दी से उनकी साड़ी को उतारा और उनके बड़े बड़े बूब्स को घूरकर देखने लगा और मैंने अपने दोस्त की बहन को भी उनके साथ में खड़ा कर दिया और फिर मैंने बहुत ध्यान से देखा कि उन दोनों के बूब्स एक से बढ़कर एक थे फिर उनकी माँ ने मेरा लंड पकड़कर झट से मुहं में ले लिया और बोली कि वाह आज पहली बार सेक्स करने में मज़ा आ गया और इतने में वो अपनी बेटी को सीखाने लगी कि मुहं में लंड को कैसे लेते है, लेकिन अब मुझसे तो कंट्रोल नहीं हो रहा था और में करीब दस मिनट में दूसरी बार झड़ गया। अब उसकी माँ मुझसे मुस्कुराते हुए बोली कि कोई बात नहीं बेटा तुम अभी इस काम में नये नये हो तो ऐसा हो जाता है और फिर उन्होंने अपनी बेटी को कहा कि तू इसका लंड चूस में अभी आती हूँ फिर वो दो मिनट में आ गई और अपने साथ एक कंडोम लेकर आई और मुझसे बोली कि बेटा तू सेक्स जरुर कर, लेकिन कल अगर मेरी बेटी गर्भवती हो गयी तो बहुत दिक्कत हो जाएगी तू यह पहन ले और फिर जमकर सेक्स कर।
इतने में मेरा लंड खड़ा हो गया और उन्होंने लंड को पकड़कर कंडोम लगा दिया, क्योंकि मुझे नहीं आता था और फिर अपनी बेटी को बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुहं रखकर कुछ देखा और मुझसे कहा कि चल अब मार इसकी भी मेरी जैसी है। मैंने उन्हे एक बार में पूरा का पूरा लंड डालकर चोदना शुरू कर दिया और मुझे उनकी चुदाई करते समय धक्के देने से बिल्कुल भी ऐसा नहीं लग रहा था कि वो दो बच्चों की माँ है। उनकी चूत एकदम चिकनी और गोरी थी। उस दिन में आधे घंटे तक नहीं झड़ा और जबकि इस बीच मेरे दोस्त की माँ भी एक बार झड़ गई थी और में तब भी ज़ोर ज़ोर से धक्के दिए जा रहा था और फिर उसकी बहन दो बार झड़ गई थी उस दिन के बाद आज तक में हर सप्ताह में एक बार कम से कम अपने दोस्त की बहन और माँ को बारी बारी से चोदता हूँ। उस दिन भी मैंने ऐसा ही किया और उनकी चूत को बहुत जमकर चोदा। दोस्तों यह थी मेरी अपने दोस्त की माँ और बहन की चुदाई की कहानी ।।















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