Friday, May 31, 2013

हंसता खेलता परिवार-4

हंसता खेलता परिवार-4


प्रेषक : अरविन्द

सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के बीच में रगड़ कर उन्हें फ़ैलाया और मेरे हल्के से दबाव से मेरा सुपारा अन्दर फ़िसल गया।

"अओह…हा…आ…अई…" सोनम ने जोर से एक चीख मारी।

उधर से आवाज आई नील की- वाह सोनम ! बहुत अच्छे ! कितना अन्दर गया?

"ऊओह… नील ! अभी तो बास आगे का मोटा सा नॉब ही अन्दर घुसा है… उफ़्फ़्… कितना मोटा है यह ! तुम्हारे लण्ड से तो डेढ़ गुना मोटा और शायद डेढ़ गुना ही ज्यादा लम्बा है यह !" सोनम मेरी आँखों में झांकते हुए बोली।

और फ़िर एक बार माइक को हाथ से ढकते हुए फ़ुसफ़ुसाई- मैं सही कह रही हूँ पापा ! आपका सच में नील के से ड्योढ़ा तो है ही !

इस बात से बिल्कुल बेखबर कि उसकी पत्नी उसके पिता के लण्ड की बात कर रही है, नील ने उसे और अंदर तक घुसाने के लिये उकसाया- और अन्दर तक ले ना सोनू ! पूरा अन्दर घुसा ले !

"हाँ मेरे राजा हाँ !" सोनम हांफ़ते हुए से बोली और मुझे अपना लण्द उसकी चूत में और अन्दर घुसाने के लिए इशारा किया। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने अपनी जांघों को एक झटका दिया और मेरा आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी बहू सोनम की चूत के अन्दर था।

"ओ… मा… मर गईइ मैं… पापा जी आह मम्मा !"सोनम जोर से सीत्कारते हुए असली दर्द से चिल्लाई तो उसके मुँह से पापा निकल गया। और शायद अपनी इस भूल को छिपाने केल इये बाद में मम्मा बोली थी।

उधर मेरे बेटा खिलखिला कर हंसते हुए बोला- अपने मम्मी पापा को क्यों बुला रही हो? बुलाना है तो मेरे पापा को बुला ले ना ! तेरी फ़ाड़ कर रख देंगे वो !

"हट… ! बेशरम ! गन्दे कहीं के ! तुम्हारे पापा क्या फ़ाड़ेंगे मेरी चूत ! अब तो बुड्ढे हो गये वो !" मेरी तरफ़ तिरछी नजर से देख कर आँख़ मारते हुए सोनम बोली।

"अरे ! इस गलत फ़हमी में मत रहना ! मेरे पापा का लौड़ा इस डिल्डो का भी बाप है !"

"तो सुनो नील ! अब मैं यह कल्पना कर रही हूँ कि मेरी चूत में यह डिल्डो नहीं, तुम्हारे पापा का लौड़ा है !"

नील खिलखिलाया- ठीक है ! तुम यही सोच कर डील्डो से चुदो कि तुम मेरे पापा से चुद रही हो ! मैं भी सुनूँ कि मेरी रानी कैसे चुदती है अपने ससुर से !

नील इस मजाक पर मजा लेकर खूब जोर से हंसा।

सोनम ने एक वासना भरी सिसकारी लेते हुए कहा- अब मैं अपनी आँखें बन्द करके तुम्हारे पापा को अपने अन्दर महसूस कर रही हूँ। अरविन्द अब मेरे नंगे बदन के ऊपर लेटे हुए हैं, उनका लण्ड मैं अपनी चूत में महसूस कर रही हूँ, पापा के हाथ मेरी चूचियों पर हैं। अब सोनम ने मेरी तरफ़ अधीरता से देखा- हाँ पापा ! और पेलिये ना॥ रुक क्यों गये ! घुसाइए ! पूरा बाड़ दीजिए !अपने मोटे लौअड़े से अपने बेटे की पत्नी की चूत की धज्जियाँ उड़ा दीजिए !

मुझे फ़ोन पर अपने बेटे की वासना भरी सिसकारती आवाज सुनाई दी- ओह मेरी रानी… तुमने मेरा लण्ड पूरा सख्त कर दिया ! क्या कल्पना की है तुमने !

सोनम ने बोलना जारी रखा- नील्… तुम सही कह रहे थे… तुम्हारे पापा का लण्ड सच में लाजवाब है। इसने मेरी बुर फ़ैला कर रख दी ! और यह अभी भी थोड़ा मेरी फ़ुद्दी से बाहर दिख रहा है।

तब सोनम ने मुझे देखते हुए कहा- पेलिये ना अपना पूरा लौड़ा मेरी चूत के अन्दर पापा ! यह बाकी क्या मेरी ननदों के लिए बचा कर रखा हुआ है?

"पापा आप बड़े हरामी हैं ! आपने अपनी दोनों सालियों की चूत फ़ाड़ी और अब अपनी बहू की फ़ुद्दी को भी नहीं छोड़ा ! आपको शर्म आनी चाहिए पापा ! आप बहूचोद बन गए !"

उधर नील सुन सुन कर पागल हुए जा रहा था। उसकी आह ऊह साफ़ सुनाई दे रही थी फ़ोन पर !

"जब आपने अपने बेटे की दुल्हन पर हाथ साफ़ कर ही दिया तो अब अपना पूरा लौड़ा दे दीजिए ना उसे !"

नील उधर से बोला- अरे सोनम ! दरवाजे खिड़कियाँ तो अच्ची तरह बन्द कर लिए थे ना ! पापा घर में ही होंगे ! कहीं उन्होंने यह सब सुन लिया तो वे सच में ही ना… !

"घबराओ मत डार्लिंग ! मेरी शातिर बहू ने उत्तर दिया- कोई भी गैर मर्द हमारी बातें नहीं सुन सकता !

"रानी… तुम्हारी कल्पना शक्ति नायाब है ! मेरा लौड़ा तो तुम्हारी बातें सुन कर ऐसे टनटना गया कि क्या बताऊँ !"

"अरे नील राजा… यह तो अभी शुरुआत है ! आगे आगे देखो कि तुम्हारा चुदक्कड़ बाप अपनी बहू को कैसे कैसे चोदता है !"

" ठीक है सोनू… अपनी कल्पना चालू रखो ! और चुदो मेरे पापा से ! उनसे कहो कि तुम्हारी पूरी तसल्ली कर दें !"

अब सोनम ने अपनी चूचियों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- पापा मेरी चूचियाँ अपने मुँह से चूसो ना !

मैंने सोनम की चूचियों को आपस में इस तरह दबाया कि उनके निप्पल पास पास हो जाएँ और फ़िर मैंने दोनों चुचूकों को एक साथ अपने मुँह में ले लिया।

सोनम चहकी- अबे ओ नील ! देख तेरा बाप कैसे मेरे दोनों निप्पल एक साथ चूस रहा है। देख कैसे सालीचोद अपनी बहू की चूचियाँ चूस चूस कर उसे चोद रहा है अपने मोटे लौड़े से !

नील से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था- आज तुम मुझे मार ही दोगी सोनम ! मैं यहाँ अपने ऑफ़िस में बैठ कर मुट्ठ मार रहा हूँ। पर रुकना मत ! तुम बहुत बढ़िया ड्रामा कर रही हो !

"आई पापा ! काटो मत ! दुखता है !" जैसे ही मैंने सोनम के एक निप्पल को अपने दाँतों से काटा तो वो चिल्लाई।

"पापा… ये अक्षरा या आलिया मौसी के नहीं मेरे चुचूक हैं ! इन्हें प्यार से चूसो ! और मेरे होंठों को भी तो चूसो पापा ! अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल कर मेरे मुंह की चुदाई करो !"

"सुनो नील ! तुम्हारे पापा अब मेरी चुम्मी ले रहे हैं।" और सच में सोनम ने ऐसी आवाजें निकाली जैसी चूमा चाटी में आती हैं।

और मैं यह सोच रहा था कि कितनी शैतान दिमाग की है मेरी बहू ! अपने ससुर से सच में चुद रही है और अपने पति को फ़ोन पर अपनी चुदाई का आँखों देखा हाल सुना रही है। कैसे बाप बेटे दोनों को एक साथ सेक्स का मजा दे रही है।

अब वो खुल कर सिसकारियाँ भर रही थी, आनन्द से चीख रही थी, खुल कर मुझ से चुद रही थी बिना किसी डर के !

मुझे लग रहा था कि वो अब उस शिखर पर पहुँच रही है जिसे प्राप्त करने के लिये उसने इतने पापड़ बेले थे।

अपनी बहू के चरमोत्कर्ष का भान होते ही मेरे अन्दर भी जैसे एक ज्वालामुखी फ़टने को हुआ और मेरा लण्ड और गर्म और फ़ूलने लगा।

मेरे लण्ड की यह हलचल मेरी बहू सोनम ने भांप ली और वो फ़ोन पर बोली- नील, तेरे पापा मेरी चूत में झड़ना चाहते हैं ! क्या करूँ? झड़ने दूँ अन्दर या बाहर निकालने को कहूँ?

मेरे बेटे ने आनन्द से कहा- सोनू झड़ने दे पापा को अपनी चूत में ही !

"मगर मेरे को बच्चा ठहर गया तो?"

फ़िर आगे बोली- फ़िर तो मेरी चूत से तुम्हारा भाई पैदा हो जाएगा ! सोच लो ! नील खुल कर हंसा, फ़िर बोला- कोई बात नहीं ! तू अपनी चूत से मेरा भाई पैदा कर या मेरा बेटा ! जोरू तो तू मेरी ही रहेगी ना !

" तो ठीक है !"

सोनम मुझे देखते हुए और अपने पति को सुनाते हुए बोली- पापा, आपके बेटे ने मुझे इज़ाज़त दे दी कि मैं अपनी फ़ुद्दी में से उसका भाई पैदा करूँ ! आप मेरे गर्भ में अपना बीज बो दीजिए ! मेरी चूत अपने वीर्य के सराबोर कर दीजिए। मुझे गर्भवती कर दीजिए मुझे मेरे पति के भाई की माँ बना दीजिए !

ऐसा कहते हुए सोनम ने अपने पैर बिस्तर पर टिका कर अपने कूल्हे ऊपर झटकाए ताकि मेरा पूरा लण्ड उसकी पूरी गहराई में जाकर अपना बीज छोड़ सके और जानबूझ कर जोर से चीखते हुए भद्दी आवाज में बोली- आह पापा ! आपने मुझे चोद दिया आज ! चुदाई का इत्ना मजा मुझे कभी नहीं मिला ! मुझे आपसे प्यार हो गया है पापा ! मुझे आपके लौड़े से प्यार हो गया है पापा ! अब से नील के सामने मैं आपकी बहू हूँ और नील के पीछे आपकी रखैल !

यह बोलते बोलते सोनम एक बार फ़िर झड़ गई और साथ ही मेरे लण्ड ने अपना झरना उसकी योनि के सबसे गहरे स्थान में बहा दिया।

उसने मुझे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया और चिल्लाई- नील… देखो… तुम्हारे पापा ने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया। तेरे बाप ने मुझे चोद दिया !

मैं फ़ोन की दूसरी तरफ़ से अपने बेटे की वासना भरी सिसकारियाँ सुन पा रहा था, जाहिर था कि वो मुट्ठ मार रहा था।

मैं बड़े आराम से यह अनुमान लगा सकता था कि आज का दिन मेरे लिए, मेरे बेटे के लिये और सबसे ज्यादा मेरी बहू सोनम के लिए पूरे जीवन में कभी ना भूलने वाला दिन रहा।

अभी बस इतना ही, समय मिला तो कुछ और लिखूँगा !

हाँ कोई सक्षम पाठक/लेखक अगर इस काल्पनिक कहानी में अरविन्द-अक्षरा, अरविन्द-आलिया, आलिया-नील, अनुष्का-आलिया, अनुष्का-आलिया-सोनम, अनुष्का-सोनम या ऐसी ही कुछ अन्य बिखरी कड़ियाँ सहेजने का इच्छुक हो तो मुझ से सम्पर्क करें !



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