Friday, May 31, 2013

आपा हूँ तेरी !


आपा हूँ तेरी !

प्रेषक : आरिफ़ अली

मेरी यह कहानी सच्ची है। मैं हिंदी सेक्सी कहानियाँ की कहानियाँ वर्षों से पढ़ता था और सोचता था कि कब मुझे चुदाई करने का मौका मिलेगा।

मेरा नाम आरिफ है, बीस वर्ष का हूँ, मेरे लिंग की लम्बाई 9 इन्च है और मोटा है।

मेरे घर में अम्मी, अब्बू और नसरीन आपी हैं। आपी की शादी हो चुकी थी और वो यहाँ इम्तिहान देने आई हुई थी।

उसी दौरान एक दिन जब अम्मी-अब्बू निकाह में गए थे, तो आपी नहाने गई थी। जब वो नहाकर आने लगी तब अचानक फिसल गई और उनकी कमर में चोट आ गई। आपी सिर्फ तौलिया लपेटे हुई बाहर निकल आई थी। जब वो गिर गई तब मुझे आवाज दी, तब मैं उनके पास गया तो देख कर दंग रह गया। आपी का तौलिया खुल गया था और उनके चुच्चे नज़र आ रहे थे।

मैं उनके उभारों को देखता रह गया।

आपी ने कहा- क्या देख रहा है?

फिर उन्होंने तौलिये से अपनी छाती को ढका और बोली- मैं फ़िसल गई हूँ और तू मुझे घूर रहा है? चल मुझे उठा !

मैंने आपी को बोला- पहले अपने बदन को तो ढक लो !

तब उन्होंने कहा- मुझे उठा तो पहले !

मैंने आपी को बोला- अपने सीने पर हाथ रख लो ताकि तौलिया दुबारा न गिरे !

मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें उठाया तब मेरा लण्ड उनकी गांड में सैट गया।

फिर उन्होंने कहा- तू बाहर जा, मैं कपड़े पहन लूँ !

मैं बाहर चला गया।

आपी ने कपड़े पहन लिए तो फिर आपी पास जाकर मैंने पूछा- कैसे गिर गई थी?

वो कहने लगी- कमर में बहुत दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- आप झंडू बाम लगा लो !

उन्होंने कहा- मैं खुद नहीं लगा सकती, तू ही लगा दे !

आपी ने सलवार-सूट पहन रखा था, मैंने आपी से कहा- आप अपनी सलवार खोलो, तब ही तो मैं बाम लगाऊँगा।

आपी ने कहा- ठीक है, पहले एक चादर लाकर दे !

तब मैंने एक चादर आपी को दी तो आपी ने कहा- तू उधर देख, मुझे शरम आ रही है।

मैं घूम गया, आपी ने अपनी सलवार खोल कर नीचे कर ली और ऊपर से चादर डाल कर बोली- चल अब लगा दे !

मैं बोला- आपी, कैसे लगाऊँ? तुमने तो चादर डाल रखी है।

तब आपी ने कहा- मैंने सलवार नीचे कर ली है और पैंटी नहीं पहनी है।

तब मैंने थोड़ा सा बाम निकला और चादर के अन्दर हाथ डाला तो सीधे उनके चूतड़ों पर हाथ गया।

आपी ने कहा- क्या कर रहा है?

मैंने धीरे से बोला- गलत से लग गया !

फिर मैं कमर पर मालिश करने लगा, फिर धीरे धीरे उनके कूल्हों पर मालिश करने लगा। आपी ने कुछ नहीं कहा, मैं मालिश करते करते चूतड़ों की दरार में उंगली डालने लगा।

इस तरह करते करते मैंने चादर उठा कर देखा तो उसकी गांड गजब चमक रही थी।

मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मैंने अपनी ज़िप खोल कर आपी के ऊपर जब लंड सटाया तब उन्होंने कहा- यह गलत है ! तू अपनी चेन बंद कर, तब तुझे एक बात बताती हूँ।

मैंने अपनी ज़िप बंद कर ली, तब आपी ने कहा- तू उपर से मजे ले ले !

तब मैं अपनी पैंट उतार कर अंडरवीयर में हो गया और टीशर्ट भी उतार दिया, आपी को बोला- चलो, अब मेरे ऊपर बैठ जाओ।

आपी बोली- ठीक है !

आपी मेरे ऊपर बैठ गई तो थोड़ा सा लण्ड उनकी चूत में घुस गया और मैं उसी तरह धक्के मारने लगा और उसके बूब्स को चूसने लगा।

कुछ देर बाद मैंने आपी को बोला- तुम लेट जाओ !

और मैं उनकी चिकनी चूत को चाटने लगा। फिर उनकी चूत पर अपना लंड अंडरवीयर पहने ही रख दिया, अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा।

आपी पूरी तरह गर्म हो गई थी, उन्होंने बोला- मुझे भी वो डण्डा तो दिखा !

तब मैंने अपना लंड निकाल कर उनके हाथ में दे दिया और आपी उसे चूसने लगी।

अब हम 69 की हालत में थे। फिर मैंने आपी को बोला- आपी, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मैं तुम्हारी चूत नहीं मारूँगा, सिर्फ एक बार अपनी गांड मरवा लो !

आप बोली- चल ठीक है। बस मेरी गांड मारना और मेरी चूत की तरफ ध्यान भी मत करना, वरना अब्बू से कह दूँगी।

तब मैंने कहा- ठीक है, सिर्फ गांड मारूंगा !

आपी घोड़ी बन गई, मैं लंड उनकी गांड में न डाल कर चूत में घुसाने लगा, तब आपी बोली- यह मेरी चूत है, गांड थोड़ा ऊपर है।

फिर मैंने गांड में लंड एक बार में ही घुसा दिया तो आपी जोर जोर से चिल्लाने लगी, बोली- कुत्ता ! बहनचोद, रंडी समझ लिया है क्या ?? आपा हूँ तेरी ! रंडी नहीं कि तूने एक बार में ही लंड घुसा दिया।

मैं आपी से बोला- नसरीन डार्लिंग, नौशे भाई से मरवाती हो तो कुछ नहीं? मैं मारूँ तो बहनचोद?

और धक्के लगाने लगा।

आपी आह उहं उहं उहं उहं उहं की आवाज निकालने लगी।

आपी बोली- देख, मैंने अभी तक तेरे नौशे भाई से गांड नहीं मरवाई थी, तूने सबसे पहले ही मेरी गांड मारी है।

तब मैंने कहा- अगर नौशे भाई को पता चल गया कि मैंने आपकी गांड मारी है तब तुम क्या कहोगी?

तब आपी ने कहा- गांड मारने पे ये पता नहीं चलता है कि गाण्ड किसी ने पहले मारी हुई है ! अगर मेरी शादी होने से पहले अगर तूने मेरी चूत को चोदा होता तब पता चल जाता ! अब तू मेरी चूत भी चोदेगा तो पता नहीं चलेगा, क्यूंकि मेरे मियाँ ने मेरी सील तोड़ दी है।

मैं गांड मार ही रहा था कि अचानक मैं बोला- जब पता ही नहीं चलेगा, तब चूत भी मरवा लो !

आपी बोली- चल ठीक है, मार ले !

मैंने उनकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया और चोदने लगा। फिर धीरे धीरे मैंने अपना माल अंदर ही गिरा दिया और आपी भी झड़ गई।






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..............raj.....................

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