Tuesday, January 12, 2016

FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--36

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--36


वो कभी बड़े प्यार से भैया के टोपे पर जीभ फेरती तो कभी एकदम से वाइल्ड होके उसे दाँत से काटने लगती तो कभी
टोपे के छेद मे जीभ की नोक डालने लगती ! कभी लंड को पूरा गले तक उतारने की कोशिश करने लगती तो कभी
पीछे के शॅफ्ट को दाँत से काट देती ! कामया अब पूरी मस्ती से लंड चूस रही थी जिससे सन्नी जैसा धेर्यवान पुरुष भी
अधीर होता जा रहा था ! सन्नी के मुख से अजीब अजीब सी आवाज़ आने लगी ! भैया के मुख से निकलने वाली आवाज़ से कामया और जंगली होने लगी वो अब भैया के अंडों को भी सहलाने लगी हालाकी वो अंडों को बहुत ही नाज़ुक ढंग से ट्रीट
कर रही थी शायद उसे मालूम था की मर्दों का ये अंग बहुत नाज़ुक होता है ! सन्नी भी अब बावला हुआ जा रहा था वो
कामया के हर नाज़ुक जनाने अंग को मसल रहा था ! वो कामया के चूचियाँ को बहुत बेदर्दी से मसलने लगा मगर
कामया चुपचाप रही और अपने हर उभारों को मसलवाने का मज़ा लेने लगी ! सन्नी उसकी चुचि ,जाँघ और विशाल
भरे हुए नितंबों को नोच खसोट रहा था और कामया को उसका हर सितम बड़ा प्यारा लग रहा था ! जब कामया के अंदर
लावा बाहर आने को मचल उठा तो उसने कहा
कामया - - - भैया अब सहन नहीं होता ! प्लीज़ डाल दो अब ! चोद डालो मुझे ,अपनी प्यारी बहन को चोद डालो !
सन्नी भी अब अपने को रोकने असमर्थ था उसने कामया की कमर पकड़ कर उसे चौपाया बनाया और पीछे से अपना
मूसल उसकी गीली बुर मे पेल दिया !
 

फिर तो जीजा के कमरे मे भाई बहन के प्यार का तूफान आ गया ! सन्नी ज़ोर ज़ोर से पीछे से लंड पेलता और कामया भी उतनी ही ज़ोर से अपने नितंब पीछे कर लंड राजा का स्वागत करती ! दोनो वासना के सैलाब मे डूबते चले जा रहे थे ! कामया आज तीसरी बार चुद रही थी एक बार पति से दो बार भैया से और मज़े की बात ये थी की तीनो ही बार उसकी पीछे से ही धुनाई हुई थी ! वो सोचने लगी पता नहीं ये मर्द औरत को हमेशा कुतिया ही क्यों बना के रखते हैं ! दोनो ज़ोर दार ढंग से दौड़े जा रहे थे मगर मंज़िल तो आनी ही थी सो आ गई और दोनो अपना प्रेमरस बहकर एक दूसरे की बाहों मे
पसर गये !
दोनो जी भर के चुदाई के बाद एक दूसरों की बाहों मे सो गये ! कामया के चेहरे मे असीम तृप्ति के भाव थे ! सुनील
सेक्स के बाद उसे इस तरह बाहों मे लेकर नहीं सोता था जैसा सन्नी भाहों मे भरकर सो रहा था ! आधा एक घंटा बाद
सन्नी ने अपने कपड़े पहने और कामया भी सॉफ सुथरी होकर तैयार हो गई ! सन्नी अपनी शरीफताई दिखाने के लिए होटेल के बाहर आ गया और गेट के सामने एक पान ठेले पर आकर पेपर पढ़ने लगा और उसे जीजा वहीं लौटते मे मिल गया !दोनो साथ ही कामया के कमरे मे आए कामया बिस्तर मे पढ़ी हुई थी उसके बदन मे अभी भी भैया की जबरदस्त चुदाई
का खुमार चढ़ा हुआ था ! आज सन्नी के कहने पर सुनील भी घूमने को तैयार हो गया ! सन्नी दिल मे खुश हो गया की
आज सुबह ही अपनी रानी की दो बार बजा ली वरना आज का दिन काम होना मुश्किल था ! सबने ग्वारिघाट देखने का
प्रोग्राम बनाया कामया तो सलवार सूट मे जाना चाहती थी किंतु सुनील के ज़ोर देने पर वो एक स्कर्ट और स्लीव लेस टॉप पहन कर गई ! उसको इस ड्रेस मे होटेल का सारा स्टाफ देख कर आहें भर रहा था आख़िर वो थी ही एकदम सेक्स बोम !
 

ग्वारिघाट जाकर सब ने कुछ समय वहाँ बिताया ! कामया ने वहाँ भी जल मे किल्कारियाँ की और अपने पति और प्रेमी दोनो को नयन सुख पहुँचाती रही ! सुनील को तो कोई ख़ास फ़र्क नहीं .रहा था किंतु सन्नी समझ गया क़ि आज फिर रात को
नींद आना मुश्किल ही है ! जब वो एक चट्टान से दूसरे मे कूद कर जाती तो उसकी स्कर्ट उपर को उछल जाती और उसकी भरी पूरी गुदाज़ जांघें आस पास के सब मर्दों के दिलों पर कहर बन कर टूट पड़ती ! सन्नी तो बस उसे देखने मे ही लगा रहा
 

दो घंटे वहाँ रहा कर वो वहाँ से चल दिए और माल मे फिल्म देखने चले गये ! बाजीराव मस्तानी फिल्म के कई सीन
सन्नी को मस्त कर रहे थे किंतु बेचारे की मस्तानी तो जीजा के बाजू मे बैठी थी सो मस्ती का कोई चांस ही नहीं था ! तीनो हाल मे सबसे पीछे की सीट मे बैठे थे इसलिए सन्नी पीछे से हाथ ले जाकर कामया की गोरी चिकनीपीठ और बाहें सहला रहा था अचानक सुनील बीच फिल्म मे टोईलेट के लिए गया तो सन्नी ने कामया को अपनी तरफ खींचा और उसके बूब्स दबाने लगा कामया मना करती रह गई पर वो नहीं माना और उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डालकर कामया की गीली चूत सहलाने लगा ! जब तक सुनील लौटता वो अपनी दो उंगली कामया की बुर मे डाल कर अंदर बाहर करता रहा !उसकी इस दिलेरी ने कामया के बदन मे कामग्नी भड़का दी !
 

फिल्म देखने के बाद वे पैदल ही टहलते हुए होटल की ओर लौट रहे थे तभी रास्ते मे एक वाइन शॉप नज़र आई ! सन्नी ने नोट किया की जीजा बार बार शराब की दुकान की ओर देख रहे हैं ! उसे मौका सही समझ आया तो कह उठा
सन्नी - - - जीजा जी लेते हो क्या ?
जीजा - - - यार कभी कभी मुंबई मे ले लेता हूँ !
सन्नी - - - तब तो यहाँ पार्टी बनती ही , अगर हनिमून मे ना लिया तो क्या एंजाय किया !
कामया - - - सन्नी लगता तुम भी पीते हो तभी तुम्हे ज़्यादा तलब लगी है ?
सन्नी - - - दीदी मैं तो कभी कभी तीज़ त्योहार मे ले लेता हूँ ! जीजा जी आप बोलो तो ले आऊँ !
कामया - - - रहने दो कोई ज़रूरी है क्या ? कामया की बात सुनकर सुनील चुप हो गया वो कामया की किसी बात को काटता नहीं था किंतु होटल के गेट मे आते आते तक जीजा और साले मे आँखों ही आँखों मे ही कुछ बात हुई और जीजा ने सन्नी को इशारा कर दिया ! कमरे मे पहुँचने के पाँच मिनिट बाद सुनील फिर बाहर निकल गया अपने जीजा को आज वो जी भर कर पिलाने के मूड मे था ! सन्नी शराब लेने जा रहा था और अपनी योजना पर भी विचार कर रहा था ! वो जो नींद की गोली का पत्ता लेकर आया था अगर उसे आज कामयाबी से इस्तेमाल कर पाया तो आज की पूरी रात वो कामया के कमरे मे गुज़ार सकता था ! सन्नी ने एक बाड़िया अद्धि खरीदी और नमकीन आदि लेकर अपने कमरे मे आ गया !












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