FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..42
अजय ने उसे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया...पूजा के कुल्हों पर शावर की बूंदे पड़ रही थी और चूत में अपने जीजू के लंड की दस्तक....इसी एहसास को लेने के लिए वो यहाँ आई थी.....अब तो बस उसे इंतजार था अजय के लंड का...जो कभी भी उसके अंदर दाखिल हो सकता था...
अजय ने एक ही झटके में अपना हथियार उसकी गर्म गुफा के अंदर घुसा दिया , पानी से भीगे लंड ने जब उसकी शहद में भीगी चूत के अंदर कदम रखा तो दोनों के शरीर झनझना उठे
अभी 4 -5 झटके ही लगे थे की तभी बाहर की बेल बजी.....और एक ही पल के अंदर दोनो की धड़कने बड़ गयी... अजय ने तुरंत शावर बंद कर दिया...पूजा ने एक टावल लेकर अपने शरीर को लपेट लिया....और चिंता भरे स्वर मे बोली : "इतनी सुबह-2 कौन आ गया....कहीं....दीदी तो नही...''
**********
अब आगे
**********
अजय : "अर्रे नही.....वो भला उपर कैसे चढेगी ...हाँ .....दूध वाला होगा.....8 बज गये है ना....वो रोज इसी वक़्त आता है...''
ये सुनकर पूजा ने चैन की साँस ली....ये दूध वाला ही होगा...क्योंकि उनके घर भी वही दूध देने आता था...इसी टाइम पर...8 बजे..
अजय ने एक टावल अपनी कमर पर लपेटा और बाहर निकल आया....बाहर निकलकर सबसे पहले तो उसने रिया के रूम का दरवाजा बंद किया...अपने टावल में लिपटी पूजा भी बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी होकर अजय को देखने लगी...अजय ने की-होल से बाहर देखा और फिर उसने मुस्कुराते हुए पूजा की तरफ देखा और धीरे से बोला : "वही है...दूध वाला....''
पूजा की भी जान में जान आई....वो तो यही सोचकर वहां खड़ी थी की अगर उसके घर से कोई हुआ तो वो भागकर कहीं छुप जाएगी...लेकिन दूध वाला था इसलिए वो निश्चिंत सी हो गयी और वापिस बाथरूम में घुस गयी..और अपना टावल निकाल कर टाँग दिया और बुदबुदाई "साले दूध वाले ने डरा ही दिया ..''
और फिर वो नंगी खड़ी होकर बेसब्री से अजय के लोटने का इन्तजार करने लगी..
जितनी जल्दी उसे थी, उससे ज़्यादा अजय को थी...उसने दरवाजा खोलकर फटाफट दूध लिया और उसे किचन में रखकर लगभग भागता हुआ सा वापिस बाथरूम में घुस गया...उसने तो अंदर घुसने से पहले ही अपनी कमर में बँधा टावल निकाल दिया और नंगा ही अंदर घुस आया...
और एक बार फिर से हुस्न से लदी हुई अपनी सेक्सी साली के गले से लगकर उसे बेतहाशा चूमने लगा..
लेकिन उन्हे चूमते हुए अभी एक मिनट ही हुआ था की एक बार फिर से बाहर की बेल बज उठी...उन दोनो को एक बार फिर से अपना कार्यकर्म रोकना पड़ा...और साथ ही साथ वो दोनो ये भी सोचने लगे की अब कौन हो सकता है...
अजय बाहर जाने की सोच ही रहा था की बाहर का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई...और साथ ही उसकी सास की आवाज़ भी सुनाई दी...जो दरवाजा धकेलकर अंदर घुसती चली आई और अजय को पुकारने लगी : "अजय......कहाँ हो तुम.....अजय...ये दरवाजा खोलकर क्यों सो रहे हो ? ''
अजय ने अपना माथा पीट लिया....दूध लेने के बाद उसने जल्दबाज़ी में बाहर का दरवाजा ही बंद नही किया...उसने घबराते हुए पूजा की तरफ देखा...उसकी भी गांड फटकर हाथ में आ चुकी थी...चेहरा एकदम पीला पड़ चुका था...अगर उसकी मॉम ने उसे इस वक़्त नंगी हालत में उसके जीजू के साथ पकड़ लिया तो क्या होगा...
उसकी सासू माँ अजय को आवाज़ लगाती हुई उसके बेडरूम तक गयी, लेकिन वहां कोई नही था...तो वो बाहर निकल आई और एक बार फिर से अजय को आवाज़ दी..."अजय, कहाँ हो तुम .... अजय "
अब तो अजय को उनका जवाब देना ही था...क्योंकि अगर वो जवाब नही देगा तो वो उसे ढूँढते हुए दूसरे बेडरूम में ज़रूर जाएगी...और वहां रिया को सोते हुए देखकर वो एक ही पल में सब समझ जाएगी...अगर रिया वहां है तो पूजा भी वहीँ होनी चाहिए..इसलिए उन्हे दूसरे कमरे में जाने से रोकना बहुत ज़रूरी था...
इस बीच उन्हे एक पल के लिए भी ऐसा मौका नही मिल पाया जिसमे पूजा भागकर बाथरूम से बाहर निकलकर जा सके...अजय के साथ उसका बाथरूम में होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी मुसीबत थी...और कोई भी माँ शायद ये नही चाहेगी की उसकी बेटी का उसके ही दामाद के साथ ऐसा कोई रिश्ता हो...
अजय ने दिल को कड़ा करते हुए ज़ोर से उनको जवाब दिया : "हांजी....मैं यहाँ हूँ ..बाथरूम में ...नहा रहा हूँ ....''
उसके नहाने की बात सुनते ही उसकी सासू माँ रजनी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और वो दरवाजे के पास पहुँचकर बोली : "इतनी सुबह -2 कोई नहाता है क्या....चलो खोलकर दिखाओ जल्दी...''
अजय : "आप अंदर मेरे रूम में बैठिये , मैं बस एक मिनट में आया "
अब तक रजनी भी पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी, वैसे वो इतनी सुबह इसीलिए तो वहां आई थी, वो अब किसी भी कीमत पर अजय से चुदना चाहती थी ,उनकी नींद भी दूध वाले की वजह से खुली थी, दूध लेने के बाद ना जाने एकदम से उनके मन में ये विचार आया की चलो अजय के पास चला जाए , प्राची तो अभी सो ही रही थी, और उनके पति भी 9 बजे से पहले उठने वाले नहीं है, और उनके अनुसार तो पूजा और रिया अपनी सहेली के घर गयी हुई थी , इसलिए ये मौका वो छोड़ना नहीं चाहती थी , और अपने दामाद को सरप्राइज देने के लिए वो सुबह-२ उसके घर पहुँच गयी.
रजनी ने जब दरवाजा खोलने के लिए कहा तो अजय और पूजा की हालत और भी खराब हो गयी....
पूजा तो रोने लगी और वो रोते -२ फुसफुसाई : "जीजू, प्लीज कुछ करो, मुझे बचा लो, माँ ने मुझे आज यहाँ देख लिया तो मैं पूरी जिंदगी उन्हें मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी, प्लीज जीजू, कुछ करो न, प्लीज.... "
लेकिन अंदर ही अंदर अजय समझ चुका था की अब उसके पास कोई और चारा भी नही है....अचानक उसके दिमाग़ में एक प्लान आया....उसने तुरंत पूजा को बाथटब के अंदर जाने को कहा और आगे से शावर कर्टन लगा कर उस हिस्से को छुपा दिया...
और पूजा को ये भी समझा दिया की अब चाहे कुछ भी हो जाए...उसके और उसकी माँ के बीच कुछ भी हो...वो बाहर ना निकले...बस यही एक तरीका है पूजा को बचाने का...
पूजा की तो कुछ भी समझ मे नही आया की आखिर ये अजय चाहता क्या है....और वो ऐसा क्या करने वाला है उसकी माँ के साथ की वो उसकी बात एक ही बार में समझ जाएगी...
लेकिन अगले एक घंटे में जो भी वहां होने वाला था, उसकी ना तो पूजा ने कल्पना की थी और ना ही अजय ने सोचा था की उसकी ये योजना इस तरह से रंग लाएगी...या रंग बदलेगी ।
अजय अंदर खड़ा होकर पूजा को समझा रहा था और बाहर खड़ी उसकी सास अधीर सी होकर दरवाजा पीट रही थी..
''अब खोल भी दो ना अजय....इतना भी क्या शर्मा रहे हो...और वो भी मुझसे...''
तब तक पूजा पीछे जाकर छिप चुकी थी और कर्टन आगे कर दिया था...लेकिन अपनी माँ की ये आख़िरी बात सुनकर उसके दिमाग़ के घोड़े भी तेज गति से दौड़ने लग गये की आख़िर उसकी माँ ये क्या कह रही है...और वो भी अपने दामाद के सामने...कहीं ऐसा तो नही...की....की...
उसके दिमाग़ में बहुत बुरे-2 ख़याल आने लगे...लेकिन उसने एक ही झटके में उन्हे झटक दिया और मन में बोली 'नही नही...ऐसा भी कही होता है क्या...कहां अजय जैसा जवान मर्द और कहाँ उसकी दुगनी उम्र की माँ ...भले ही वो देखने में अभी तक काफ़ी अच्छी लगती है, लेकिन अजय के ऐसे दिन भी नही आए की वो अपनी जवान बीबी और सेक्सी सालियों के होते हुए उनकी माँ की तरफ आकर्षित हो...'
लेकिन उसकी सोच पर ऐसा पानी फिरने वाला था की वो भी नही जानती थी..
अजय ने सब कुछ सेट करने के बाद दरवाजा खोल दिया...उसने अपना भीगा हुआ बदन नीचे से टावल में लपेट लिया था...उसके दिमाग़ में जो प्लान था, उसके अनुसार तो वो अपनी सासू माँ को अपने बेडरूम में ले जाना चाहता था...ताकि जो कुछ भी उनके बीच हो वो ना तो पूजा सुन पाए और ना ही देख पाए...और उसके बाद उन्हे जल्द से जल्द वापिस रवाना भी करना था..ताकि उन्हे पूजा और रिया के वहां होने का आभास ही ना हो...लेकिन ये सब करना काफ़ी चुनोती भरा काम था...आज उसे ये सब करके अपने इन नाजायज़ रिश्तो के बीच की परदेदारी सलामत रखनी थी..
लेकिन उपर वाले को शायद अजय का ये प्लान पसंद नही आया था...
क्योकि जैसे ही अजय ने दरवाजा खोलकर बाहर निकलना चाहा, रजनी उसे धक्का देती हुई अंदर ही घुसती चली आई और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
अजय ने दबी आवाजमें कहा : "ये क्या...आप...आप अंदर चलिए ना...मेरे ..मेरे ...बेडरूम में ...''
रजनी : "क्यों .यहाँ क्या प्राब्लम है....वैसे भी मैं अभी तक नहाई नही हूँ ..और अपने दामाद के साथ आज पूरी तरह से नहाना चाहती हूँ ...बोलो नहलाओगे ना मुझे..आज....''
इतना कहते-2 रजनी ने अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी...
अजय का ध्यान बार-2 कर्टन की तरफ जा रहा था....वो ये बात तो समझ ही चुका था की पूजा ने ये सब सुन ही लिया है...और उसके दिल पर क्या बीत रही होगी ,ये सोचकर की उसके जीजू का उसकी माँ के साथ भी चक्कर है...यानी एक भांडा तो फुट ही चुका था अब तक....
फिर भी वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था की जो भी हो, वहां से बाहर निकल कर ही हो...क्योंकि एक राज पर से तो परदा उठ ही चुका था...पूजा को पता चल चुका था की अजय और रजनी के बीच कुछ है...लेकिन वो वहाँ रहकर दूसरा परदा भी नही हटवाना चाहता था, जिसमें रजनी को ये पता चले की पूजा का भी अजय के साथ कुछ ऐसा ही संबंध है...
लेकिन अजय के लाख मिन्नत करने के बाद भी रजनी अपनी जगह से हिली नही...बल्कि उसने अपने गाउन को भी उतार कर कुण्डी पर टाँग दिया...और अब वो पूरी तरह से नंगी होकर खड़ी थी....शायद उन्हे भी रात के समय अपने शरीर पर ब्रा और पेंटी की पाबंदिया पसंद नही थी..
भले ही अजय की हालत खराब थी...लेकिन ऐसी हालत में भी अपने लंड की उत्तेजना फिर से बढ़ने से वो नही रोक सका...आख़िर नज़ारा ही इतना सेक्सी था...वो आज अपनी सास को पहली बार पूरा नंगा देख रहा था...वो उपर से नीचे तक बिना कपड़ो के खड़ी थी...
एक पल के लिए तो अजय अपनी पलकें झपकाने के साथ-2 ये भी भूल गया की पूजा भी उसी बाथरूम में है....
और इसी पल मे उसके होंठ अपने आप आगे होते हुए कब रजनी के मोटे होंठों से आ टकराए, उसे भी पता नही चला...रजनी ने भी एक ही झटके मे उसका टावल खींचकर उसे अपनी तरहा नंगा कर दिया...और अपनी चूत उपर उसके खड़े हुए लंड का दबाव महसूस करते हुए वो उससे बुरी तरह लिपट गयी और अजय की किस्स का जवाब देने लगी...
दोनो एक दूसरे के जिस्म को बुरी तरह से नोच रहे थे और स्मूच कर रहे थे.
पर्दे के पीछे खड़ी पूजा को जब उनकी चुम्मियों की आवाज़ें सुनाई दी तो उसका शक़ यकीन में बदलता चला गया...एक पल के लिए तो उसकी आँखो के सामने अंधेरा सा छा गया की ये हो क्या रहा है...उसने एक कोने का हिस्सा उठाकर बाहर की तरफ झाँका तो उसके पसीने छूट गये...उसकी माँ और उसके ठरकी जीजा, दोनो एक दूसरे को नंगे होकर चूम रहे थे...ठीक उसी तरह जैसे कुछ देर पहले वो और अजय चूम रहे थे..
रजनी ने शावर ऑन कर दिया और एक ही पल में दोनो के बदन पानी में भीग गये...और ऐसे भीगे हुए बदन को मसलने में अलग ही मज़ा मिलता है...और वो मजा इस वक़्त अजय बखूबी ले रहा था
अजय ने अपनी सासू माँ के मुम्मों को पकड़ा और उन्हे निचोड़ डाला....रजनी ने भी अजय के लंड को हाथ में लेकर आगे-पीछे करना शुरू कर दिया...और धीरे-2 वो उसके सामने बैठती चली गयी...और अंत में जब वो अपने घुटने टेककर नीचे फर्श पर बैठी तो अपने दामाद के उस बेटीचोद लंड को सामने पाकर वो फूली ना समाई और एक ही झटके में उसे अपने मुँह में लेकर चूस डाला...
मन ही मन वो ये सोच रही थी की यही वो लंड है जो उसकी बेटी की चूत में ना जाने कितनी बार जा चुका है...और ना जाने कितनी बार वो इसे अपने मुँह में भी ले चुकी होगी...
लेकिन वो बेचारी ये नही जानती थी की प्राची के अलावा अब उसके इस लंड को उसकी दूसरी बेटी पूजा भी अपने मुँह में ले चुकी है...और कल रात तो उसे अपनी चूत में लेकर अपना कुंवारापन भी इसी लंड पर लूटा चुकी है...और अब उसी लंड को वो बड़े मज़े ले-लेकर चूस रही है जिसपर कल रात को उसकी बेटी पूजा की चूत का खून लगा हुआ था.
और पर्दे के पीछे से झाँक रही उनकी लाडली अपनी माँ को ऐसी काम वासना के अवतार में लिप्त होकर लंड चूसते देखकर बेहोश होते-2 बची....उसे अपनी माँ पर बेहद गुस्सा आ रहा था की क्यों वो ऐसे मौके पर आ गयी और अब उसके जीजू के साथ वो सब भी कर रही है जो उसे करना चाहिए था...लेकिन ये सब देखकर वो एक बात तो समझ ही चुकी थी की ये इनका पहली बार नही है...क्योंकि जिस कॉन्फिडेंस से उसकी माँ बाथरूम में आकर ये सब कर रही थी वो पहली बार करने से तो नही होता है...और इन सबके लिए उसे अपने जीजू पर भी काफी गुस्सा आ रहा था...आख़िर क्यों उन्होने उसकी माँ के साथ भी ऐसे संबंध बनाए ...
लेकिन फिर खुद ही उसके दिमाग़ ने उसके सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया ...जिस अजय के भोले चेहरे और लंबे लंड की वो खुद दीवानी हो चुकी थी, उसकी दीवानी उसकी मॉम भी ना हो तो क्या हो...और वैसे भी इस उम्र में उन्हे भी वो सुख उसके पापा से नही मिल पाता होगा जो मिलना चाहिए...ऐसे में अगर उसके जीजू कुछ कर रहे है तो उसे क्यों बुरा लग रहा है...और जहाँ तक उसकी माँ की बात छुपाने वाली बात है,वो उन्होने ठीक ही किया...ऐसे अगर वो एक दूसरे की बाते किसी के भी सामने बोलने लगे तो उनकी इज़्ज़त ही क्या रह जाएगी...
ये सब बाते सोचते-2 वो अपनी माँ को भी देखे जा रही थी...जो किसी प्यासी चुड़ैल की तरह उसके जीजू के लंबे लंड को चूस रही थी...और एक हाथ से खुद की गीली हो चुकी चूत को भी मसल कर अपने उस ख़ास दाने को रगड़ रही थी जो हद से ज़्यादा ही मोटा था..
उन्हे ऐसा करते देखकर ना चाहते हुए भी पूजा के हाथ खुद ब खुद उसकी चूत पर जा टिके और वो भी अपने नन्हे से दाने को रगड़ने लगी...
अजय अब जल्द से जल्द इस किस्से को ख़त्म कर देना चाहता था...इसलिए उसने अपनी सास को खड़ा किया और उन्हे घोड़ी बना कर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया...ठीक उसी पोज़ में जिसमे वो कुछ देर पहले तक पूजा को चोद रहा था...
और अजय का लंड एक बार फिर से चूत की सड़क पर दौड़ने की तैयारी करने लगा, ये वही लंड था जो कुछ देर पहले तक बेटी की चूत देखकर हिनहिना रहा था, और अब उसकी माँ की चूत देखकर उसका वही हाल था, कहने का मतलब ये है की लंड को तो सिर्फ़ चूत से मतलब है, वो किसकी है ये वो नहीं जानता, उसे तो बस चूत का बेंड बजाना आता है बस ।
अजय ने अपना लौड़ा रजनी की रसीली चूत पर टिका दिया, अपनी चूत पर अजय के लंड का आभास मिलते ही वो सिहर उठी...और ज़ोर से तड़प कर बोली : "आजा मेरे ठरकी दामाद....मेरे चोदू राजा....डाल दे अपनी सास के अंदर अपने मोटे लंड को....कितने दिनों से तरसा रहा है तू....आज मेरी प्यास पूरी तरह से बुझा दे.....डाल दे इसे अंदर...मेरी चूत में ....और चोद डाल अपनी सासू माँ को मेरे चिकने जमाई राजा.....''
अपनी सास की इतनी करुण पुकार सुनकर अजय का जोश दुगना हो गया...और उसने रजनी की फेली हुई गांड को अपने हाथो में पकड़ कर अपने लंड को ज़ोर से आगे की तरफ किया...जो उनकी चिकनी और गर्म चूत में ऐसे घुसता चला गया जैसे गर्म चाक़ू किसी मक्खन की टिकिया में जाता है...और ऐसा करते हुए दोनो के मुँह से गरमा गरम सिसकारियाँ निकलने लगी...
''आआआआआआअहह ..... मररर्र्र्र्र्र्ररर गयी रे.................... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........ क्या मस्त है रे....... .तेरा लंड ....................... अहह .....अजय ...................... चोदो .... मुझे .................. ज़ोर से चोदो .............................. अहह....''
अजय ने भी झटके मारते हुए उनके गदराये हुए बदन को झींझोड़ते हुए कहा : "आआआआआअहह ओह...... माय गॉड ..................... कसम से.................... आपकी चूत इतनी मजेदार है..... बिल्कुल आपकी बेटी की चूत जैसी.......'
टब के अंदर बैठी , अपनी चूत मसलती हुई, पूजा बुदबुदाई : "साले ...ठरकी ....जीजू....अह्ह्ह्ह , ये तो बता दे...स्स्स्स्स , उम्म्म्म्म , कौन सी बेटी की चूत जैसी.....''
पूजा की चूत के होंठ भी फड़फडा से रहे थे....और वो उनकी कसमसाहट को अपने लंबे नेल वाली उंगलियों से मसल कर शांत करवा रही थी...
अजय अब पूरी मस्ती में आ चुका था...अब उसे इस बात की चिंता तो बिल्कुल भी नही रह गयी थी की पूजा को ये बात पता चल चुकी है और वो कैसे रिएक्ट करेगी...आज वो अपनी जिंदगी मे पहली बार किसी रसीली औरत की चूत मार रहा था...और ऐसा करते हुए वो पूरे मज़े लेना चाहता था...
एक बात उसने नोट करी की भले ही उसकी सास की चूत थोड़ी ढीली थी लेकिन अपनी तरफ से वो जिस तरीके से उसके हर झटके का जवाब दे रही थी, ऐसा लग रहा था की अजय उसे नही बल्कि वो उसे चोद रही है...अजय जितनी तेज गति से उसकी गांड पर झटके मारता, वो दुगने ज़ोर के साथ अपनी भरी हुई गांड पीछे की तरफ मरती , जिससे धपा - धप्प की जोरदार आवाज़ निकलती...
पूरे बाथरूम में उन दोनो की सिसकारियां और ढप्प-2 की आवाज़ें गूँज रही थी...
''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह अजय.................... कितना मोटा और लंबा है....... सच में .................. इतना बड़ा तो आज तक किसी का भी नही गया मेरे अंदर................ उम्म्म्मममममममममममममम ..... और ज़ोर से मारो ....... मेरी चूऊतत............आअहह मेरे राजा....... मेरे प्यारे जमाई राजा ..................... मारो.............. मेरी बेटी कितनी लक्की है,जिसे तुम जैसा लम्बे लंड वाला चोदू पति मिला है इसे , आआआआआअह्ह्ह , मैं भी तुम्हारा दहेज का माल हूँ .................. चोदो मुझे .................... अहह ...... ऊओह''
अजय मुस्कुराया और मन में बोला : "दहेज में तो मुझे तुम्हारे घर की सभी चूतें मिल चुकी है...... मेरी प्यारी सासू माँ ......''
और वो उसे और ज़ोर-2 से धक्के मारकर उसकी चुदाई करने लगा...
फिसलन भरी ज़मीन और गीली टाईल वाली दीवारों की वजह से सरकते-2 वो हर झटके से आगे ही निकलती चली गयी....और धीरे-2 वो उस पर्दे के बिल्कुल करीब जा पहुँची, जिसके पीछे उसकी बेटी खड़ी होकर अपनी चूत मसल रही थी...
लेकिन इस बात का आभास ना तो अजय को हुआ और ना ही रजनी और पूजा को....सभी अपनी-2 चुदासी में डूबे हुए सम्मोहित से हो चुके थे....
और आख़िर में जब अजय के लंड ने आख़िर वाले 10-12 शॉट्स लगाए, उन्हे महसूस करते हुए तो रजनी के भी अस्तबल के घोड़े खुल गये, और वो करीब 1 महीनो के बाद झड़ी...और ऐसी झड़ी जैसी आज तक अपनी जिंदगी में नही झड़ी थी...एकदम खुलकर...एकदम मचलकर...एकदम जंगली घोड़ी की तरह हिनहिनाटी हुई सी...
''आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआयययययययययययययययययीीई ...... ऊऊऊऊऊऊऊओह अजय ............................ मैं तो गअईईईईईईईईईईईईईईई रे ........................ अहह.... मजाआ आआआआआ....गग्ग्ग''
उसका आख़िरी वाक़या ''गया'' तो उसके मुँह में ही रह गया....क्योंकि उत्तेजना में आकर वो जब झड़ने लगी तो उसके हाथ में शावर का पर्दा आ गया.... और उसने उसे पकड़कर बुरी तरह से नीचे की तरफ खींच डाला....और रजनी के जोरदार झटके से , पर्दे के प्लासिक वाले रिंग टूटते चले गये... और जब वो परदा गिरा तो अपनी आँखे बंद करके , अपनी चूत में उंगलिया मारती हुई पूजा वहां थी... एकदम नंगी...और वो भी शायद झड़ने के आख़िरी पल में थी...क्योंकि परदा के टूटने की आहट भी उसकी आँखे नही खुलवा सकी, वो तो बस बंद आँखो के पीछे अपनी चूत में अपने प्यारे जीजू के लंड को लेती हुई झड़ती चली गयी.....
'' स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म्म्म्म्म जिजुउउउउउउउउ ''
और जब उसने आँखे खोली तो उसके सामने का परदा हट चुका था... और उसके सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर उसकी माँ रजनी, घोड़ी बनकर अपने दामाद से चुद रही थी.... और अपनी बेटी को ऐसी हालत में वहां देखकर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल चुके थे.... उसका मुँह गोल सा होकर, हैरानी से खुला का खुला रह गया....आँखे फटी रह गयी....और उसे एक पल भी नही लगा ये समझते की वहां उसके आने से पहले क्या हो रहा था..
और इन सबसे अंजान अजय अभी तक अपनी आँखे मूंदे अपनी सास की चूत बजा रहा था....वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में था.... और अगले ही पल वो पूरी गति से अपने अंदर का लावा अपनी प्यारी सास की चूत में उड़ेलने लगा...
और जब उसने अपनी आँखे खोली तो झुकी हुई सासू माँ से पहले उसकी नज़रें सहमी हुई सी खड़ी पूजा पर गयी... टूटे हुए पर्दे को नीचे गिरा देखकर वो भी एक पल में सब समझ गया... उसका परदा ऐसे फ़ाश होगा, ये तो उसने सपने में भी नही सोचा था... उसका लंड मरा हुआ चूहा बनकर बाहर फिसल कर निकल आया...
हैरान-परेशान सी रजनी सीधी हुई, उसे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी जवान और कुँवारी बेटी उसी बाथरूम में थी जिसमें वो अपने दामाद से चुदवा रही थी... उसे शायद ये समझ नही आ रहा . की उसे अपनी बेटी के वहां होने पर गुस्सा होना चाहिए या ऐसे रंगे हाथो चुदाई करवाते हुए पकड़े जाने के बाद शर्मिंदा होना चाहिए..
पूजा भी अपनी माँ और अजय से नज़रे नही मिला पा रही थी... उसके मन में भी शायद यही अंतर्द्वंद चल रहा था की अपनी माँ को अपने जमाई से चुदवाने की बात पर कोसे या अपने वहां होने की सफाई पेश करे...
अजय तो बिल्कुल ब्लेंक सा हो चुका था... उसने दोनो की चूतें तो मार ली पर उसकी ऐसी बुरी तरह से लगेगी, ये तो उसने सोचा भी नही था... हैरान परेशान सा खड़ा हुआ वो भी यही सोचे जा रहा था की अपनी सास को ये समझाए की पूजा वहां क्या कर रही है या पूजा को ये समझाए की उसने उसकी माँ की चूत क्यों मारी...
तीनो एक दूसरे का मुँह ताके जा रहे थे... किसी में भी शायद हिम्मत नही थी की बात की शुरूवात करे...
वो इस मुश्किल मे फँसे ही हुए थे की तभी वो हुआ जिसकी उन तीनो ने कल्पना भी नहीं की थी...
बाथरूम का दरवाजा खोलकर, नींद से भरी हुई आँखे मलती हुई , रिया अंदर दाखिल हुई... और बोली : "क्या जीजू.... आप लोग मुझे बिना बताए नहाने घुस आए.... अकेले-2 कब तक मज़े लेते रहोगे....''
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
ठरकी की लाइफ में ..42
अजय ने उसे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया...पूजा के कुल्हों पर शावर की बूंदे पड़ रही थी और चूत में अपने जीजू के लंड की दस्तक....इसी एहसास को लेने के लिए वो यहाँ आई थी.....अब तो बस उसे इंतजार था अजय के लंड का...जो कभी भी उसके अंदर दाखिल हो सकता था...
अजय ने एक ही झटके में अपना हथियार उसकी गर्म गुफा के अंदर घुसा दिया , पानी से भीगे लंड ने जब उसकी शहद में भीगी चूत के अंदर कदम रखा तो दोनों के शरीर झनझना उठे
अभी 4 -5 झटके ही लगे थे की तभी बाहर की बेल बजी.....और एक ही पल के अंदर दोनो की धड़कने बड़ गयी... अजय ने तुरंत शावर बंद कर दिया...पूजा ने एक टावल लेकर अपने शरीर को लपेट लिया....और चिंता भरे स्वर मे बोली : "इतनी सुबह-2 कौन आ गया....कहीं....दीदी तो नही...''
**********
अब आगे
**********
अजय : "अर्रे नही.....वो भला उपर कैसे चढेगी ...हाँ .....दूध वाला होगा.....8 बज गये है ना....वो रोज इसी वक़्त आता है...''
ये सुनकर पूजा ने चैन की साँस ली....ये दूध वाला ही होगा...क्योंकि उनके घर भी वही दूध देने आता था...इसी टाइम पर...8 बजे..
अजय ने एक टावल अपनी कमर पर लपेटा और बाहर निकल आया....बाहर निकलकर सबसे पहले तो उसने रिया के रूम का दरवाजा बंद किया...अपने टावल में लिपटी पूजा भी बाथरूम के दरवाजे पर खड़ी होकर अजय को देखने लगी...अजय ने की-होल से बाहर देखा और फिर उसने मुस्कुराते हुए पूजा की तरफ देखा और धीरे से बोला : "वही है...दूध वाला....''
पूजा की भी जान में जान आई....वो तो यही सोचकर वहां खड़ी थी की अगर उसके घर से कोई हुआ तो वो भागकर कहीं छुप जाएगी...लेकिन दूध वाला था इसलिए वो निश्चिंत सी हो गयी और वापिस बाथरूम में घुस गयी..और अपना टावल निकाल कर टाँग दिया और बुदबुदाई "साले दूध वाले ने डरा ही दिया ..''
और फिर वो नंगी खड़ी होकर बेसब्री से अजय के लोटने का इन्तजार करने लगी..
जितनी जल्दी उसे थी, उससे ज़्यादा अजय को थी...उसने दरवाजा खोलकर फटाफट दूध लिया और उसे किचन में रखकर लगभग भागता हुआ सा वापिस बाथरूम में घुस गया...उसने तो अंदर घुसने से पहले ही अपनी कमर में बँधा टावल निकाल दिया और नंगा ही अंदर घुस आया...
और एक बार फिर से हुस्न से लदी हुई अपनी सेक्सी साली के गले से लगकर उसे बेतहाशा चूमने लगा..
लेकिन उन्हे चूमते हुए अभी एक मिनट ही हुआ था की एक बार फिर से बाहर की बेल बज उठी...उन दोनो को एक बार फिर से अपना कार्यकर्म रोकना पड़ा...और साथ ही साथ वो दोनो ये भी सोचने लगे की अब कौन हो सकता है...
अजय बाहर जाने की सोच ही रहा था की बाहर का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई...और साथ ही उसकी सास की आवाज़ भी सुनाई दी...जो दरवाजा धकेलकर अंदर घुसती चली आई और अजय को पुकारने लगी : "अजय......कहाँ हो तुम.....अजय...ये दरवाजा खोलकर क्यों सो रहे हो ? ''
अजय ने अपना माथा पीट लिया....दूध लेने के बाद उसने जल्दबाज़ी में बाहर का दरवाजा ही बंद नही किया...उसने घबराते हुए पूजा की तरफ देखा...उसकी भी गांड फटकर हाथ में आ चुकी थी...चेहरा एकदम पीला पड़ चुका था...अगर उसकी मॉम ने उसे इस वक़्त नंगी हालत में उसके जीजू के साथ पकड़ लिया तो क्या होगा...
उसकी सासू माँ अजय को आवाज़ लगाती हुई उसके बेडरूम तक गयी, लेकिन वहां कोई नही था...तो वो बाहर निकल आई और एक बार फिर से अजय को आवाज़ दी..."अजय, कहाँ हो तुम .... अजय "
अब तो अजय को उनका जवाब देना ही था...क्योंकि अगर वो जवाब नही देगा तो वो उसे ढूँढते हुए दूसरे बेडरूम में ज़रूर जाएगी...और वहां रिया को सोते हुए देखकर वो एक ही पल में सब समझ जाएगी...अगर रिया वहां है तो पूजा भी वहीँ होनी चाहिए..इसलिए उन्हे दूसरे कमरे में जाने से रोकना बहुत ज़रूरी था...
इस बीच उन्हे एक पल के लिए भी ऐसा मौका नही मिल पाया जिसमे पूजा भागकर बाथरूम से बाहर निकलकर जा सके...अजय के साथ उसका बाथरूम में होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी मुसीबत थी...और कोई भी माँ शायद ये नही चाहेगी की उसकी बेटी का उसके ही दामाद के साथ ऐसा कोई रिश्ता हो...
अजय ने दिल को कड़ा करते हुए ज़ोर से उनको जवाब दिया : "हांजी....मैं यहाँ हूँ ..बाथरूम में ...नहा रहा हूँ ....''
उसके नहाने की बात सुनते ही उसकी सासू माँ रजनी के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और वो दरवाजे के पास पहुँचकर बोली : "इतनी सुबह -2 कोई नहाता है क्या....चलो खोलकर दिखाओ जल्दी...''
अजय : "आप अंदर मेरे रूम में बैठिये , मैं बस एक मिनट में आया "
अब तक रजनी भी पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी, वैसे वो इतनी सुबह इसीलिए तो वहां आई थी, वो अब किसी भी कीमत पर अजय से चुदना चाहती थी ,उनकी नींद भी दूध वाले की वजह से खुली थी, दूध लेने के बाद ना जाने एकदम से उनके मन में ये विचार आया की चलो अजय के पास चला जाए , प्राची तो अभी सो ही रही थी, और उनके पति भी 9 बजे से पहले उठने वाले नहीं है, और उनके अनुसार तो पूजा और रिया अपनी सहेली के घर गयी हुई थी , इसलिए ये मौका वो छोड़ना नहीं चाहती थी , और अपने दामाद को सरप्राइज देने के लिए वो सुबह-२ उसके घर पहुँच गयी.
रजनी ने जब दरवाजा खोलने के लिए कहा तो अजय और पूजा की हालत और भी खराब हो गयी....
पूजा तो रोने लगी और वो रोते -२ फुसफुसाई : "जीजू, प्लीज कुछ करो, मुझे बचा लो, माँ ने मुझे आज यहाँ देख लिया तो मैं पूरी जिंदगी उन्हें मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी, प्लीज जीजू, कुछ करो न, प्लीज.... "
लेकिन अंदर ही अंदर अजय समझ चुका था की अब उसके पास कोई और चारा भी नही है....अचानक उसके दिमाग़ में एक प्लान आया....उसने तुरंत पूजा को बाथटब के अंदर जाने को कहा और आगे से शावर कर्टन लगा कर उस हिस्से को छुपा दिया...
और पूजा को ये भी समझा दिया की अब चाहे कुछ भी हो जाए...उसके और उसकी माँ के बीच कुछ भी हो...वो बाहर ना निकले...बस यही एक तरीका है पूजा को बचाने का...
पूजा की तो कुछ भी समझ मे नही आया की आखिर ये अजय चाहता क्या है....और वो ऐसा क्या करने वाला है उसकी माँ के साथ की वो उसकी बात एक ही बार में समझ जाएगी...
लेकिन अगले एक घंटे में जो भी वहां होने वाला था, उसकी ना तो पूजा ने कल्पना की थी और ना ही अजय ने सोचा था की उसकी ये योजना इस तरह से रंग लाएगी...या रंग बदलेगी ।
अजय अंदर खड़ा होकर पूजा को समझा रहा था और बाहर खड़ी उसकी सास अधीर सी होकर दरवाजा पीट रही थी..
''अब खोल भी दो ना अजय....इतना भी क्या शर्मा रहे हो...और वो भी मुझसे...''
तब तक पूजा पीछे जाकर छिप चुकी थी और कर्टन आगे कर दिया था...लेकिन अपनी माँ की ये आख़िरी बात सुनकर उसके दिमाग़ के घोड़े भी तेज गति से दौड़ने लग गये की आख़िर उसकी माँ ये क्या कह रही है...और वो भी अपने दामाद के सामने...कहीं ऐसा तो नही...की....की...
उसके दिमाग़ में बहुत बुरे-2 ख़याल आने लगे...लेकिन उसने एक ही झटके में उन्हे झटक दिया और मन में बोली 'नही नही...ऐसा भी कही होता है क्या...कहां अजय जैसा जवान मर्द और कहाँ उसकी दुगनी उम्र की माँ ...भले ही वो देखने में अभी तक काफ़ी अच्छी लगती है, लेकिन अजय के ऐसे दिन भी नही आए की वो अपनी जवान बीबी और सेक्सी सालियों के होते हुए उनकी माँ की तरफ आकर्षित हो...'
लेकिन उसकी सोच पर ऐसा पानी फिरने वाला था की वो भी नही जानती थी..
अजय ने सब कुछ सेट करने के बाद दरवाजा खोल दिया...उसने अपना भीगा हुआ बदन नीचे से टावल में लपेट लिया था...उसके दिमाग़ में जो प्लान था, उसके अनुसार तो वो अपनी सासू माँ को अपने बेडरूम में ले जाना चाहता था...ताकि जो कुछ भी उनके बीच हो वो ना तो पूजा सुन पाए और ना ही देख पाए...और उसके बाद उन्हे जल्द से जल्द वापिस रवाना भी करना था..ताकि उन्हे पूजा और रिया के वहां होने का आभास ही ना हो...लेकिन ये सब करना काफ़ी चुनोती भरा काम था...आज उसे ये सब करके अपने इन नाजायज़ रिश्तो के बीच की परदेदारी सलामत रखनी थी..
लेकिन उपर वाले को शायद अजय का ये प्लान पसंद नही आया था...
क्योकि जैसे ही अजय ने दरवाजा खोलकर बाहर निकलना चाहा, रजनी उसे धक्का देती हुई अंदर ही घुसती चली आई और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
अजय ने दबी आवाजमें कहा : "ये क्या...आप...आप अंदर चलिए ना...मेरे ..मेरे ...बेडरूम में ...''
रजनी : "क्यों .यहाँ क्या प्राब्लम है....वैसे भी मैं अभी तक नहाई नही हूँ ..और अपने दामाद के साथ आज पूरी तरह से नहाना चाहती हूँ ...बोलो नहलाओगे ना मुझे..आज....''
इतना कहते-2 रजनी ने अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी...
अजय का ध्यान बार-2 कर्टन की तरफ जा रहा था....वो ये बात तो समझ ही चुका था की पूजा ने ये सब सुन ही लिया है...और उसके दिल पर क्या बीत रही होगी ,ये सोचकर की उसके जीजू का उसकी माँ के साथ भी चक्कर है...यानी एक भांडा तो फुट ही चुका था अब तक....
फिर भी वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था की जो भी हो, वहां से बाहर निकल कर ही हो...क्योंकि एक राज पर से तो परदा उठ ही चुका था...पूजा को पता चल चुका था की अजय और रजनी के बीच कुछ है...लेकिन वो वहाँ रहकर दूसरा परदा भी नही हटवाना चाहता था, जिसमें रजनी को ये पता चले की पूजा का भी अजय के साथ कुछ ऐसा ही संबंध है...
लेकिन अजय के लाख मिन्नत करने के बाद भी रजनी अपनी जगह से हिली नही...बल्कि उसने अपने गाउन को भी उतार कर कुण्डी पर टाँग दिया...और अब वो पूरी तरह से नंगी होकर खड़ी थी....शायद उन्हे भी रात के समय अपने शरीर पर ब्रा और पेंटी की पाबंदिया पसंद नही थी..
भले ही अजय की हालत खराब थी...लेकिन ऐसी हालत में भी अपने लंड की उत्तेजना फिर से बढ़ने से वो नही रोक सका...आख़िर नज़ारा ही इतना सेक्सी था...वो आज अपनी सास को पहली बार पूरा नंगा देख रहा था...वो उपर से नीचे तक बिना कपड़ो के खड़ी थी...
एक पल के लिए तो अजय अपनी पलकें झपकाने के साथ-2 ये भी भूल गया की पूजा भी उसी बाथरूम में है....
और इसी पल मे उसके होंठ अपने आप आगे होते हुए कब रजनी के मोटे होंठों से आ टकराए, उसे भी पता नही चला...रजनी ने भी एक ही झटके मे उसका टावल खींचकर उसे अपनी तरहा नंगा कर दिया...और अपनी चूत उपर उसके खड़े हुए लंड का दबाव महसूस करते हुए वो उससे बुरी तरह लिपट गयी और अजय की किस्स का जवाब देने लगी...
दोनो एक दूसरे के जिस्म को बुरी तरह से नोच रहे थे और स्मूच कर रहे थे.
पर्दे के पीछे खड़ी पूजा को जब उनकी चुम्मियों की आवाज़ें सुनाई दी तो उसका शक़ यकीन में बदलता चला गया...एक पल के लिए तो उसकी आँखो के सामने अंधेरा सा छा गया की ये हो क्या रहा है...उसने एक कोने का हिस्सा उठाकर बाहर की तरफ झाँका तो उसके पसीने छूट गये...उसकी माँ और उसके ठरकी जीजा, दोनो एक दूसरे को नंगे होकर चूम रहे थे...ठीक उसी तरह जैसे कुछ देर पहले वो और अजय चूम रहे थे..
रजनी ने शावर ऑन कर दिया और एक ही पल में दोनो के बदन पानी में भीग गये...और ऐसे भीगे हुए बदन को मसलने में अलग ही मज़ा मिलता है...और वो मजा इस वक़्त अजय बखूबी ले रहा था
अजय ने अपनी सासू माँ के मुम्मों को पकड़ा और उन्हे निचोड़ डाला....रजनी ने भी अजय के लंड को हाथ में लेकर आगे-पीछे करना शुरू कर दिया...और धीरे-2 वो उसके सामने बैठती चली गयी...और अंत में जब वो अपने घुटने टेककर नीचे फर्श पर बैठी तो अपने दामाद के उस बेटीचोद लंड को सामने पाकर वो फूली ना समाई और एक ही झटके में उसे अपने मुँह में लेकर चूस डाला...
मन ही मन वो ये सोच रही थी की यही वो लंड है जो उसकी बेटी की चूत में ना जाने कितनी बार जा चुका है...और ना जाने कितनी बार वो इसे अपने मुँह में भी ले चुकी होगी...
लेकिन वो बेचारी ये नही जानती थी की प्राची के अलावा अब उसके इस लंड को उसकी दूसरी बेटी पूजा भी अपने मुँह में ले चुकी है...और कल रात तो उसे अपनी चूत में लेकर अपना कुंवारापन भी इसी लंड पर लूटा चुकी है...और अब उसी लंड को वो बड़े मज़े ले-लेकर चूस रही है जिसपर कल रात को उसकी बेटी पूजा की चूत का खून लगा हुआ था.
और पर्दे के पीछे से झाँक रही उनकी लाडली अपनी माँ को ऐसी काम वासना के अवतार में लिप्त होकर लंड चूसते देखकर बेहोश होते-2 बची....उसे अपनी माँ पर बेहद गुस्सा आ रहा था की क्यों वो ऐसे मौके पर आ गयी और अब उसके जीजू के साथ वो सब भी कर रही है जो उसे करना चाहिए था...लेकिन ये सब देखकर वो एक बात तो समझ ही चुकी थी की ये इनका पहली बार नही है...क्योंकि जिस कॉन्फिडेंस से उसकी माँ बाथरूम में आकर ये सब कर रही थी वो पहली बार करने से तो नही होता है...और इन सबके लिए उसे अपने जीजू पर भी काफी गुस्सा आ रहा था...आख़िर क्यों उन्होने उसकी माँ के साथ भी ऐसे संबंध बनाए ...
लेकिन फिर खुद ही उसके दिमाग़ ने उसके सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया ...जिस अजय के भोले चेहरे और लंबे लंड की वो खुद दीवानी हो चुकी थी, उसकी दीवानी उसकी मॉम भी ना हो तो क्या हो...और वैसे भी इस उम्र में उन्हे भी वो सुख उसके पापा से नही मिल पाता होगा जो मिलना चाहिए...ऐसे में अगर उसके जीजू कुछ कर रहे है तो उसे क्यों बुरा लग रहा है...और जहाँ तक उसकी माँ की बात छुपाने वाली बात है,वो उन्होने ठीक ही किया...ऐसे अगर वो एक दूसरे की बाते किसी के भी सामने बोलने लगे तो उनकी इज़्ज़त ही क्या रह जाएगी...
ये सब बाते सोचते-2 वो अपनी माँ को भी देखे जा रही थी...जो किसी प्यासी चुड़ैल की तरह उसके जीजू के लंबे लंड को चूस रही थी...और एक हाथ से खुद की गीली हो चुकी चूत को भी मसल कर अपने उस ख़ास दाने को रगड़ रही थी जो हद से ज़्यादा ही मोटा था..
उन्हे ऐसा करते देखकर ना चाहते हुए भी पूजा के हाथ खुद ब खुद उसकी चूत पर जा टिके और वो भी अपने नन्हे से दाने को रगड़ने लगी...
अजय अब जल्द से जल्द इस किस्से को ख़त्म कर देना चाहता था...इसलिए उसने अपनी सास को खड़ा किया और उन्हे घोड़ी बना कर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया...ठीक उसी पोज़ में जिसमे वो कुछ देर पहले तक पूजा को चोद रहा था...
और अजय का लंड एक बार फिर से चूत की सड़क पर दौड़ने की तैयारी करने लगा, ये वही लंड था जो कुछ देर पहले तक बेटी की चूत देखकर हिनहिना रहा था, और अब उसकी माँ की चूत देखकर उसका वही हाल था, कहने का मतलब ये है की लंड को तो सिर्फ़ चूत से मतलब है, वो किसकी है ये वो नहीं जानता, उसे तो बस चूत का बेंड बजाना आता है बस ।
अजय ने अपना लौड़ा रजनी की रसीली चूत पर टिका दिया, अपनी चूत पर अजय के लंड का आभास मिलते ही वो सिहर उठी...और ज़ोर से तड़प कर बोली : "आजा मेरे ठरकी दामाद....मेरे चोदू राजा....डाल दे अपनी सास के अंदर अपने मोटे लंड को....कितने दिनों से तरसा रहा है तू....आज मेरी प्यास पूरी तरह से बुझा दे.....डाल दे इसे अंदर...मेरी चूत में ....और चोद डाल अपनी सासू माँ को मेरे चिकने जमाई राजा.....''
अपनी सास की इतनी करुण पुकार सुनकर अजय का जोश दुगना हो गया...और उसने रजनी की फेली हुई गांड को अपने हाथो में पकड़ कर अपने लंड को ज़ोर से आगे की तरफ किया...जो उनकी चिकनी और गर्म चूत में ऐसे घुसता चला गया जैसे गर्म चाक़ू किसी मक्खन की टिकिया में जाता है...और ऐसा करते हुए दोनो के मुँह से गरमा गरम सिसकारियाँ निकलने लगी...
''आआआआआआअहह ..... मररर्र्र्र्र्र्ररर गयी रे.................... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........ क्या मस्त है रे....... .तेरा लंड ....................... अहह .....अजय ...................... चोदो .... मुझे .................. ज़ोर से चोदो .............................. अहह....''
अजय ने भी झटके मारते हुए उनके गदराये हुए बदन को झींझोड़ते हुए कहा : "आआआआआअहह ओह...... माय गॉड ..................... कसम से.................... आपकी चूत इतनी मजेदार है..... बिल्कुल आपकी बेटी की चूत जैसी.......'
टब के अंदर बैठी , अपनी चूत मसलती हुई, पूजा बुदबुदाई : "साले ...ठरकी ....जीजू....अह्ह्ह्ह , ये तो बता दे...स्स्स्स्स , उम्म्म्म्म , कौन सी बेटी की चूत जैसी.....''
पूजा की चूत के होंठ भी फड़फडा से रहे थे....और वो उनकी कसमसाहट को अपने लंबे नेल वाली उंगलियों से मसल कर शांत करवा रही थी...
अजय अब पूरी मस्ती में आ चुका था...अब उसे इस बात की चिंता तो बिल्कुल भी नही रह गयी थी की पूजा को ये बात पता चल चुकी है और वो कैसे रिएक्ट करेगी...आज वो अपनी जिंदगी मे पहली बार किसी रसीली औरत की चूत मार रहा था...और ऐसा करते हुए वो पूरे मज़े लेना चाहता था...
एक बात उसने नोट करी की भले ही उसकी सास की चूत थोड़ी ढीली थी लेकिन अपनी तरफ से वो जिस तरीके से उसके हर झटके का जवाब दे रही थी, ऐसा लग रहा था की अजय उसे नही बल्कि वो उसे चोद रही है...अजय जितनी तेज गति से उसकी गांड पर झटके मारता, वो दुगने ज़ोर के साथ अपनी भरी हुई गांड पीछे की तरफ मरती , जिससे धपा - धप्प की जोरदार आवाज़ निकलती...
पूरे बाथरूम में उन दोनो की सिसकारियां और ढप्प-2 की आवाज़ें गूँज रही थी...
''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह अजय.................... कितना मोटा और लंबा है....... सच में .................. इतना बड़ा तो आज तक किसी का भी नही गया मेरे अंदर................ उम्म्म्मममममममममममममम ..... और ज़ोर से मारो ....... मेरी चूऊतत............आअहह मेरे राजा....... मेरे प्यारे जमाई राजा ..................... मारो.............. मेरी बेटी कितनी लक्की है,जिसे तुम जैसा लम्बे लंड वाला चोदू पति मिला है इसे , आआआआआअह्ह्ह , मैं भी तुम्हारा दहेज का माल हूँ .................. चोदो मुझे .................... अहह ...... ऊओह''
अजय मुस्कुराया और मन में बोला : "दहेज में तो मुझे तुम्हारे घर की सभी चूतें मिल चुकी है...... मेरी प्यारी सासू माँ ......''
और वो उसे और ज़ोर-2 से धक्के मारकर उसकी चुदाई करने लगा...
फिसलन भरी ज़मीन और गीली टाईल वाली दीवारों की वजह से सरकते-2 वो हर झटके से आगे ही निकलती चली गयी....और धीरे-2 वो उस पर्दे के बिल्कुल करीब जा पहुँची, जिसके पीछे उसकी बेटी खड़ी होकर अपनी चूत मसल रही थी...
लेकिन इस बात का आभास ना तो अजय को हुआ और ना ही रजनी और पूजा को....सभी अपनी-2 चुदासी में डूबे हुए सम्मोहित से हो चुके थे....
और आख़िर में जब अजय के लंड ने आख़िर वाले 10-12 शॉट्स लगाए, उन्हे महसूस करते हुए तो रजनी के भी अस्तबल के घोड़े खुल गये, और वो करीब 1 महीनो के बाद झड़ी...और ऐसी झड़ी जैसी आज तक अपनी जिंदगी में नही झड़ी थी...एकदम खुलकर...एकदम मचलकर...एकदम जंगली घोड़ी की तरह हिनहिनाटी हुई सी...
''आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआयययययययययययययययययीीई ...... ऊऊऊऊऊऊऊओह अजय ............................ मैं तो गअईईईईईईईईईईईईईईई रे ........................ अहह.... मजाआ आआआआआ....गग्ग्ग''
उसका आख़िरी वाक़या ''गया'' तो उसके मुँह में ही रह गया....क्योंकि उत्तेजना में आकर वो जब झड़ने लगी तो उसके हाथ में शावर का पर्दा आ गया.... और उसने उसे पकड़कर बुरी तरह से नीचे की तरफ खींच डाला....और रजनी के जोरदार झटके से , पर्दे के प्लासिक वाले रिंग टूटते चले गये... और जब वो परदा गिरा तो अपनी आँखे बंद करके , अपनी चूत में उंगलिया मारती हुई पूजा वहां थी... एकदम नंगी...और वो भी शायद झड़ने के आख़िरी पल में थी...क्योंकि परदा के टूटने की आहट भी उसकी आँखे नही खुलवा सकी, वो तो बस बंद आँखो के पीछे अपनी चूत में अपने प्यारे जीजू के लंड को लेती हुई झड़ती चली गयी.....
'' स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म्म्म्म्म जिजुउउउउउउउउ ''
और जब उसने आँखे खोली तो उसके सामने का परदा हट चुका था... और उसके सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर उसकी माँ रजनी, घोड़ी बनकर अपने दामाद से चुद रही थी.... और अपनी बेटी को ऐसी हालत में वहां देखकर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल चुके थे.... उसका मुँह गोल सा होकर, हैरानी से खुला का खुला रह गया....आँखे फटी रह गयी....और उसे एक पल भी नही लगा ये समझते की वहां उसके आने से पहले क्या हो रहा था..
और इन सबसे अंजान अजय अभी तक अपनी आँखे मूंदे अपनी सास की चूत बजा रहा था....वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में था.... और अगले ही पल वो पूरी गति से अपने अंदर का लावा अपनी प्यारी सास की चूत में उड़ेलने लगा...
और जब उसने अपनी आँखे खोली तो झुकी हुई सासू माँ से पहले उसकी नज़रें सहमी हुई सी खड़ी पूजा पर गयी... टूटे हुए पर्दे को नीचे गिरा देखकर वो भी एक पल में सब समझ गया... उसका परदा ऐसे फ़ाश होगा, ये तो उसने सपने में भी नही सोचा था... उसका लंड मरा हुआ चूहा बनकर बाहर फिसल कर निकल आया...
हैरान-परेशान सी रजनी सीधी हुई, उसे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी जवान और कुँवारी बेटी उसी बाथरूम में थी जिसमें वो अपने दामाद से चुदवा रही थी... उसे शायद ये समझ नही आ रहा . की उसे अपनी बेटी के वहां होने पर गुस्सा होना चाहिए या ऐसे रंगे हाथो चुदाई करवाते हुए पकड़े जाने के बाद शर्मिंदा होना चाहिए..
पूजा भी अपनी माँ और अजय से नज़रे नही मिला पा रही थी... उसके मन में भी शायद यही अंतर्द्वंद चल रहा था की अपनी माँ को अपने जमाई से चुदवाने की बात पर कोसे या अपने वहां होने की सफाई पेश करे...
अजय तो बिल्कुल ब्लेंक सा हो चुका था... उसने दोनो की चूतें तो मार ली पर उसकी ऐसी बुरी तरह से लगेगी, ये तो उसने सोचा भी नही था... हैरान परेशान सा खड़ा हुआ वो भी यही सोचे जा रहा था की अपनी सास को ये समझाए की पूजा वहां क्या कर रही है या पूजा को ये समझाए की उसने उसकी माँ की चूत क्यों मारी...
तीनो एक दूसरे का मुँह ताके जा रहे थे... किसी में भी शायद हिम्मत नही थी की बात की शुरूवात करे...
वो इस मुश्किल मे फँसे ही हुए थे की तभी वो हुआ जिसकी उन तीनो ने कल्पना भी नहीं की थी...
बाथरूम का दरवाजा खोलकर, नींद से भरी हुई आँखे मलती हुई , रिया अंदर दाखिल हुई... और बोली : "क्या जीजू.... आप लोग मुझे बिना बताए नहाने घुस आए.... अकेले-2 कब तक मज़े लेते रहोगे....''
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
No comments:
Post a Comment