FUN-MAZA-MASTI
अगर तुम बुरा ना मानो..
दोस्तो आपके लिए एक मस्त कहानी पेश है इस कहानी के मुख्य किरदार मैं और मेरी दीदी है दोस्तो मैने अपनी दीदी की गान्ड तो कई बार मारी थी पर चूत को जीजा की अमानत समझ कर हाथ भी नही लगाया था
मेरी दीदी का बर्थ डे आने को था.. और मैं इस बार अपनी दीदी को बहुत अच्छा गिफ्ट देना चाहता था। मैंने सोचा कि अपनी दीदी को एक अच्छा सा लेटेस्ट नोकिया का मोबाइल देता हूँ.. वो खुश हो जाएगी।
शाम को मैं मोबाइल लेने मोबाइल की मार्केट हफ़ीज़ सेंटर चला गया। मार्केट गया.. तो मुझे नोकिया का मोबाइल पसंद आया। वो उस वक़्त सबसे लेटेस्ट ही था। मैंने कहीं ना कहीं से पैसे का जुगाड़ करके वो मोबाइल ले लिया… और उस पर अच्छी सी पैकिंग कर दी और घर अपने रूम में ले गया।
सुबह मेरी दीदी की बर्थ डे थी.. मम्मी-पापा कमरे में थे और मैं अपने कमरे से निकल कर अपनी दीदी के कमरे में चला गया।
मेरी दीदी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी खुद को और खूबसूरत बना रही थी.. मेरा मतलब अपने होंठों पर लिपस्टिक लगा रही थी।
मैं उसके साथ चिपक कर खड़ा हो गया मैंने कहा- कल मेरी दीदी की बर्थ डे है और वो अपने भाई से क्या लेना चाहती है?
मेरी दीदी ने कहा- मुझे कुछ नहीं चाहिए तुमसे..
मैंने कहा- तूने अपनी बर्थ डे पार्टी पर किस-किस को बुलाया है?
मेरी दीदी ने कहा- मेरी कुछ ख़ास-ख़ास दोस्त हैं.. वो सब लड़कियाँ कल मेरी बर्थ डे पार्टी पर आ रही हैं।
इस तरह हम दोनों कुछ देर तक उल्टी सीधी बातें करते रहे।
फिर मैंने कहा- कल में तुमको एक बहुत अच्छा सर्प्राइज़ दूँगा। यह कह कर मैंने अपनी दीदी के गाल पर आहिस्ता से चुम्मी कर दी और कमरे से बाहर चला गया।
फिर मैं अपने कमरे में जा कर लेट गया.. मुझे नींद आ गई और मैं सो गया।
सुबह मेरी आँख 8 बजे खुल गई… मम्मी-पापा भी उठ गए थे.. मेरी दीदी अब तक सो रही थी।
बर्थ डे के लिए घर में कुछ इंतजामात करने थे.. लगभग 9 बजे तक मेरी दीदी भी उठ गई।
पापा ने मुझे 5000 रूपए दिए के साथ एक लिस्ट मुझे दे दी और कहा- यह सब तुम मार्केट से लेकर आ जाओ..
मैं बर्थ डे के लिए जरूरी सामान लेने मार्केट चला गया, एक बजे तक मैं सब चीज़ें ले आया।
घर पर मेरी दीदी खड़ी हो कर अपने कपड़े प्रेस कर रही थी। मेरी दीदी ने कॉटन की सफ़ेद सलवार पहनी हुई थी और ऊपर हल्के पिंक कलर की टी-शर्ट पहनी थी। वो अक्सर यही कपड़े पहन कर रहती है.. लेकिन कपड़े इस्तरी करते वक़्त उसने दुपट्टा नहीं लिया हुआ था। मुझे कुछ दूर से अपनी दीदी की गाण्ड की लाइन सलवार में से हल्की-हल्की नज़र आ रही थी..
मैंने देखा मम्मी-पापा लॉन में हैं.. और मैंने अपनी दीदी को पीछे से जा कर पकड़ लिया। मेरी दीदी डर गई और मुझसे कहने लगी- भाई तुम जाओ प्लीज़.. मुझे कपड़े इस्तरी करने दो और अभी मम्मी-पापा भी यहीं हैं..
मैंने कहा- तुम अपने कपड़े इस्तरी करो.. मैं क्या कुछ कह रहा हूँि?
मेरी दीदी अपने कपड़े इस्तरी करने लगी मैं उसके बिल्कुल पीछे ही खड़ा रहा।
फिर मैं अपनी दीदी की गाण्ड के पीछे ही बैठ गया और अपनी दीदी की सलवार थोड़ी सी नीचे को कर दी..ि मेरी दीदी ने मुझे कुछ ना कहा और अपने कपड़े इस्तरी करती रही।
मैंने अपनी ज़ुबान अपनी दीदी की गाण्ड की लाइन पर फेर दी और खड़ा हो गया।
इसके बाद मैंने अपनी दीदी की सलवार भी ऊपर को कर दी।
गाण्ड पर ज़ुबान लगाने से गाण्ड की लाइन गीली हो गई थी। जब उस पर कॉटन की हल्की सलवार ऊपर चढ़ी.. तो सलवार की वो जगह भी थोड़ी गीली हो गई, अब सलवार के ऊपर से मेरी दीदी की गाण्ड की लाइन साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी।
यह सब मैंने इसलिए किया क्योंकि मैं अपनी दीदी को थोड़ा सा गरम करना चाहता था और उससे कुछ हाँ करवाना चाहता था।
मेरा लंड मेरी पैन्ट में ही पूरी तरह से खड़ा था और मेरी दीदी अपनी गाण्ड पर मेरा खड़ा लंड साफ़ महसूस कर सकती थी।
मैंने कहा- जब तुमकी रात को बर्थ डे पार्टी खत्म हो जाएगी.. तो हम थोड़ी देर के लिए कहीं बाहर घूमने चलेंगे..
मेरी दीदी गरम हो चुकी थी.. वो मुझे उस वक़्त ‘ना’ ना कर सकी..
उसने कहा- ठीक है.. रात को हम दोनों कहीं घूम कर आएंगे।
यह सुनते ही मैं फिर से अपनी दीदी की गाण्ड के पीछे बैठ गया और एक बार फिर अपनी ज़ुबान अपनी दीदी की गाण्ड की लाइन पर फेर दी, इसी के साथ मैंने अपनी एक उंगली गाण्ड में डाल कर बाहर निकाल ली और सलवार ऊपर करके चला गया।
मेरे ऐसा करने से दीदी की गाण्ड लंड माँगने लगी थी और मैं उसको गरम करके आ गया। थोड़ी देर बाद मैंने जाकर देखा कि मेरी दीदी अपना लेफ्ट हाथ अपनी सलवार में डाल कर अपनी चूत मसल रही है।
मेरी दीदी कपड़े इस्तरी करके शावर लेने चली गई, मैं भी कपड़े इस्तरी करके शावर लेने चला गया।
मेरी दीदी ने शावर ले लिया था और वो उसी सलवार में बाहर आ गई। उसकी सलवार इतनी बारीक थी कि मैं तुमको क्या बताऊँ दोस्तो..
लेकिन उसने इस बार सलवार के ऊपर सफ़ेद कलर की कमीज़ पहन रखी थी.. जिससे इस बार उसके चूतड़ सही तरह नज़र आ रहे थी.. ब्रा में से उसके मम्मे साफ़-साफ़ नज़र आ रहे थे। बर्थ-डे पार्टी का टाइम शाम 6 बजे से था.. जिसको भी आना था.. शाम 6 बजे के बाद ही आना था।
पापा ने मुझसे कहा- दीदी को ब्यूटी पार्लर ले जाओ..
मैंने ऐसा ही किया.. अपनी दीदी को ब्यूटी-पार्लर ले गया।
मैं कार में बाहर ही बैठा रहा। लगभग 40 मिनट के बाद मेरी दीदी जब ब्यूटी-पार्लर से बाहर आई.. तो मैं देख कर देखता ही रह गया.. मेरी दीदी के बाल पहले ही बहुत सिल्की थे.. और उस पर उसने मेकअप भी बहुत कमाल का किया था..
मैं कार स्टार्ट करके घर की तरफ जा रहा था। मेरा एक हाथ स्टेयरिंग पर था और मेरा दूसरा हाथ मेरी दीदी की जांघ पर था, मैं अपना हाथ आहिस्ता-आहिस्ता से मसल रहा था, कुछ देर ऐसा करते-करते घर आ गया।
शाम के 5:30 का टाइम हो गया था.. मैंने केक ऑर्डर पर बनवाया था.. वो लेने मैं बेकरी चला गया।
बेकरी से थोड़ा दूर एक होटल है।मैंने केक बेकरी से लिया और उस होटल में चला गया.. होटल मेरे घर से 2 किलोमीटर ही दूर था और बेकरी के पास था।
मैंने होटल के रिसेप्शन पर जा कर साफ़-साफ़ कह दिया कि मुझे कुछ घंटे के लिए तुमका एक रूम चाहिए। मैं अपनी गर्ल-फ्रेंड से मिलना चाहता हूँ।
होटेल की रिसेप्शन पर एक यंग लड़का था, उसने कहा- सर तुमको रूम मिल जाएगा..
मैंने कहा- मुझे रूम 10 बजे से एक बजे तक ही चाहिए।
उस लड़के ने कहा- सर तुमको मिल जाएगा।
मैंने कहा- तुम मेरा एक रूम बुक कर लो।
और मैंने उधर 1000 रूपए देकर अपना फर्जी नाम और पता बता कर अपने घर चला गया। आज मैं दीदी को होटल में सुकून से प्यार करना चाहता था। वो इस लिए क्योंकि आज दीदी की बर्थ-डे जो थी।
घर में लुकछिप कर उसकी गाण्ड मार-मार कर अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा था.. इसलिए मैंने सोचा कि आज कुछ नया होना चाहिए। अब मैं घर गया तो दीदी की कुछ दोस्त आ गई थीं.. और मेरी दीदी नए कपड़े पहन कर अब पूरी तरह से तैयार खड़ी थी।
क्या बताऊँ दोस्तो कि वो कैसी माल लग रही थी.. उसने एक स्कर्ट पहना हुआ था… स्कर्ट सिर्फ इतना लंबा था कि उसके घुटने साफ़ नज़र आ रहे थे।
लगभग 7 बजे तक मेरी दीदी के सब फ्रेंड आ गए और अब मेरी प्यारी दीदी ने मिल कर केक काटा।
हम सबने केक खाया और फिर कुछ देर बाद सबने डिनर किया, मेरी दीदी को बहुत से गिफ्ट मिले।
मैंने अभी तक अपना गिफ्ट अपनी दीदी को नहीं दिया था..
मेरी दीदी अपनी सब दोस्तों को लेकर ड्राइंग रूम में चली गई.. वहाँ जाकर उन सबने म्यूज़िक चालू कर दिया और सबने डांस करना स्टार्ट कर दिया। यह सब 10 बजे तक होता रहा!
फिर आहिस्ता-आहिस्ता से सब दोस्त अपने-अपने घर जाने लगीं.. लगभग 10:30 तक सब चले गए.. लाइट्स बंद करते-करते और सब चीज़ें उठाते-उठाते करीब 11 बज गए। मम्मी-पापा ‘गुड नाइट’ कह कर 11:30 तक अपने कमरे में चले गए। अब मैं दीदी के रूम में गया.. तो दीदी अपना स्कर्ट उतार कर नाइट सूट पहन रही थी।
मैंने कहा- अभी तुम स्कर्ट ही पहन कर रखो.. हम थोड़ी देर बाद बाहर घूम कर आयेंगे।
मेरी दीदी ने कहा- तुमने तो मम्मी-पापा से कहा ही नहीं कि हम घूमने बाहर जा रहे हैं..
मैंने कहा- तो क्या हुआ.. अगर उनको पता भी चल गया.. तो कह देंगे कि हम दोनों का पिज़्ज़ा खाने को बहुत दिल कर रहा था और हम पिज़्ज़ा हट तक गए थे। और तुम अपने भाई के साथ जा रही हो कोई क्या कहेगा हमको?
उसने सफ़ेद कलर के टॉप पर काले कलर का स्कर्ट पहन रखा था। मैं अपनी दीदी के पीछे गया और उसका स्कर्ट उसकी गाण्ड तक उठा दिया। उसने नीचे रेड कलर की पैन्टी पहन रखी थी। उसकी दूधिया गाण्ड पर जब मैंने सुर्ख लाल रंग की रेशम की पैन्टी देखी.. तो मैंने दीदी को पैन्टी के ऊपर से चूम कर स्कर्ट नीचे कर दिया।
मैंने कहा- जितनी प्यारी तुम आज लग रही हो.. उतना ही प्यारा मैंने तुमके लिए गिफ्ट लिया है।
मेरी दीदी ने कहा- कहाँ है वो गिफ्ट?
मैंने कहा- सबर करो.. तुमको अभी मिल जाएगा..
यह कह कर मैं बाहर चला गया और थोड़ी देर बाद आकर मैंने दीदी से कहा- चलो, अब हम चलते हैं..
मैं और मेरी दीदी कार में जाकर बैठ गए, मैं कार स्टार्ट करके ड्राइव करने लगा, फिर मैंने पीछे की सीट से गिफ्ट निकाला और अपनी दीदी को दे दिया।
उसने उसको खोला और लेटेस्ट मोबाइल देख कर मुझे कहने लगी- भाई.. यह तो बहुत महँगा है?
मैंने कहा- तुम से ज़्यादा महँगा नहीं है..
यह कहते ही मैंने उसके गाल पर किस कर दिया।
फिर मैं एक हाथ से कार ड्राइव कर रहा था और दूसरे हाथ से अपनी दीदी की चूत के पास अपने हाथ से मसल रहा था..
मैंने महसूस किया कि मेरी दीदी ने अपनी दोनों टाँगें थोड़ी खोल लीं इसलिए कि मेरा हाथ अच्छी तरह से उसकी चूत से खेल सके!
कार ड्राइव करते-करते मैंने अपना लंड भी ज़िप से बाहर निकाल लिया और दीदी से कहा- तुम अपने लेफ्ट हाथ से इसको पकड़ लो।
उसने ऐसा ही किया.. अब वो मेरा लंड सहला रही थी और मैं उसकी चूत सहला रहा था..
रात के 11:45 का टाइम था.. मैंने दीदी से कहा- कार में मज़ा नहीं आ रहा है.. हम कुछ देर कहीं सुकून से बैठते हैं..
मेरी दीदी ने फ़ौरन पूछा- भाई हम इस वक़्त कहाँ बैठेंगे?
मैंने कहा- चलो मेरे दिमाग में एक जगह आई है.. हम वहाँ चल कर थोड़ी देर बैठते हैं..
मेरी दीदी ने भी कह दिया- हाँ चलो ठीक है..
मैं उस उसी होटल में ले गया, कार को होटल की पार्किंग में लगा कर मैंने दीदी से कहा- तुम कार में ही रहना.. मैं अभी आया..
जब मैं रिसेप्शन पर गया तो कोई दूसरा लड़का बैठा था.. मैंने कहा- प्लीज़ देखो इस होटल में मेरी आज रात की बुकिंग है और मुझे रूम की चाभी चाहिए..
वो नया लड़का था.. शायद उसकी ड्यूटी चेंज हो गई होगी.. उसने रजिस्टर खोला तो मेरा एंट्री की हुई थी।
उसने मुझसे कहा- सर तुम वेटर के साथ कमरे में जा सकते हैं.. यह तुमको कमरे में ले जाएगा।
मैंने कहा- तुम यहाँ रूको.. मैं कार में से अपनी फ्रेंड को ले आऊँ..
मैं कार में गया और दीदी से कहा- कार से बाहर आ जाओ।
वो कार से बाहर आ गई और मैं कार को लॉक करके अपनी दीदी को लेकर होटल में चला गया।
रिसेप्शन पर जो लड़का था.. वो मेरी दीदी को देख कर हैरान परेशान हो गया था कि आज होटल में कितनी प्यारी लड़की गाण्ड और चूत मरवाने आई है।
होटल का वेटर मुझे और मेरी दीदी को एक कमरे में ले गया, उस कमरे में 2 बेड थे और बहुत साफ़ था। होटल में लड़के अक्सर लड़कियों को लेकर आते हैं.. इसलिए वो लोग भी मेरी दीदी को रंडी (प्रॉस्टिट्यूट) समझ रहे होंगे।
कमरे में जाकर मैंने वेटर को 100 रुपए टिप के दे दिए।
वेटर ने मुझसे पूछा- सर तुमको शराब आदि कुछ चाहिए..?
मैं पहले भी बहुत बार शराब पी चुका हूँ, मैंने सोचा दीदी के साथ पीता हूँ, मैंने उसको 500 रूपए और दे दिए और सामान लाने को बोल कर अन्दर घुस गया।
मैं कमरे का गेट बंद करके कमरे में आ गया।, मेरी दीदी खिड़की में खड़ी होकर बाहर देख रही थी, वो इस तरह खड़ी थी कि उसका सिर आगे की तरफ था और उसकी उठी हुई गाण्ड पीछे की तरफ थी, स्कर्ट गाण्ड को टाइट दिखा रहा था जब कि मेरी दीदी की गाण्ड बहुत नरम है।
मैंने इसी स्टाइल में दीदी को पीछे से पकड़ लिया।
करीब 5 मिनट तक मैंने उसको पीछे से ही पकड़े रखा और अपना लंड पैन्ट में से ही अपनी दीदी की स्कर्ट के ऊपर से उसकी गाण्ड की दरार में रगड़ता रहा।
कुछ देर के बाद दरवाज़े पर दस्तक हुई.. मैं देखने गया.. तो वेटर आया था। उसने मुझे एक शराब की हाफ बोतल और 1.5 लीटर पेप्सी की बोतल दे दी और कुछ नमकीन आदि देकर चला गया।
सब चीज़ें लेकर मैं कमरे में आ गया। मेरी दीदी ने मुझसे कहा- यह तुमने क्या मँगवाया है भाई?
मैंने कहा- आज हम दोनों शराब पियेंगे.. मैंने तुम्हारे लिए विस्की मँगवाई है.. इसको पीने के बाद कोई भी काम करने में बहुत मज़ा आता है।
मेरी दीदी ने बड़े मज़े से पूछा- यह कैसी होती है?
मैंने कहा- अभी पी कर देख लेना..
मेरी दीदी ने आज से पहले कभी शराब नहीं पी थी.. मैं तो बहुत बार शराब पी चुका था। मैंने दो गिलास में थोड़ी-थोड़ी शराब डाली और थोड़ी-थोड़ी पेप्सी मिला दी। फिर एक गिलास अपनी दीदी को दे दिया और एक गिलास खुद पकड़ लिया.. मेरी दीदी ने जैसे ही एक घूँट शराब पी तो उस सारा मुँह का स्वाद खराब हो गया।
उसने मुँह बनाते हुए कहा- भाई यह तो पता नहीं कैसी सी है?
मैंने कहा- सिर्फ़ शुरू में थोड़ा टेस्ट खराब लगता है.. लेकिन बाद में बहुत मज़ा देती है..
मैं अपना एक गिलास भी पी गया और मेरी दीदी ने भी थोड़ी सी शराब पी, वो मुझे कहने लगी- भाई मुझसे नहीं पी जा रही है यह।
मैंने उसके गिलास में थोड़ी और पेप्सी डाल दी.. और अपने हाथ से उसका गिलास पकड़ कर उसको ज़बरदस्ती पिला दी।
एक गिलास उसने पिया और एक गिलास मैंने पिया।
उसके बाद मेरी दीदी बिस्तर पर बैठ गई थी, मैं ज़मीन पर पैरों को लटका कर बैठ गया..मैंने अपनी दीदी को खड़ा करके उसका मुँह उधर कर दिया, इससे उसकी गाण्ड मेरे मुँह के सामने आ गई।
मैंने उसका स्कर्ट उसकी गाण्ड से ऊपर उठा दिया और उसको स्कर्ट पकड़ने के लिए कहा।
मेरी दीदी अपना स्कर्ट पकड़े खड़ी थी, फिर मैंने बैठे-बैठे उसकी पैन्टी घुटनों तक नीचे कर दी, अब मेरे सामने उसकी दूध सी गोरी नरम गाण्ड थी। मैं उसकी रसीली गाण्ड पर अपनी ज़ुबान फेरता रहा।
फिर मैंने पैन्टी को पूरा उतार दिया और स्कर्ट ऊपर पकड़े हुए ही दीदी को बिस्तर पर बैठने के लिए कहा। दीदी अपना स्कर्ट पकड़ कर ही बिस्तर पर अपनी नंगी गाण्ड के बल बैठ गई।
मैंने एक बार फिर गिलास में थोड़ी-थोड़ी शराब डाली और थोड़ी पेप्सी मिला कर अपनी दीदी से एक गिलास पीने के लिए कहा।
एक गिलास ने ही मुझको तो सुरूर दे दिया था… जब दूसरा गिलास मैंने पिया तो मैं तो नशे में झूमने लगा था। मेरी दीदी को भी हल्का-हल्का नशा हो गया था।
मुझे इतना नशा हो गया था कि मैं अपनी दीदी के सामने ही बिल्कुल नंगा हो गया और मैंने खुद ही अपनी दीदी का स्कर्ट भी पूरा उतार दिया।
अब मेरी दीदी मेरे सामने सिर्फ ऊपरी कपड़ों में रह गई थी। मैं भी बिस्तर पर बैठ गया और उसकी टाँगें ऊपर बिस्तर पर रख दीं..मेरी दीदी मेरे बिल्कुल सामने थी.. मैंने उसको कमर से पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया।
अब मेरी दीदी के मम्मे मुझसे स्पर्श हो रहे थे, मेरा लंड दीदी की चूत से 2 इंच की दूरी पर था।
मैंने कुछ पलों के बाद यह दूरी भी खत्म कर दी और उसको अपने और करीब कर लिया।
अब मेरा लंड पहली बार अपनी दीदी की चूत के ऊपर था।
हम दोनों ने एक-दूसरे को ज़ोर से गले लगाया हुआ था। मैंने 10 मिनट तक अपनी दीदी को गले लगाए रखा और अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत पर रगड़ता रहा।
ऐसे करते-करते मुझे अपना लंड गीला-गीला सा महसूस हुआ, मैंने देखा कि मेरी दीदी ने अपना मुँह शरम से साइड में कर लिया। मैं समझ गया कि मेरी दीदी की चूत ने पानी निकाल दिया है।
उस पानी से मेरा लंड पूरी तरह गीला हो गया था, मेरी दीदी की गीली चूत मेरे लंड के बिल्कुल सामने थी। मेरी दीदी नशे में तो थी ही.. लेकिन जब उसका पानी निकला तो वो बिस्तर पर ही लेट गई।
यह भूल गए कि उसकी कुंवारी चूत का मुँह मेरे लंड के सामने था। आज मैं भी भूल गया था कि मैंने क़सम खाई है अपनी दीदी की चूत ना चोदने की।
मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और चूत के मुहाने पर रख दिया।
लंड को चूत पर रखते ही गीला होने की वजह से लौड़े का 15% भाग चूत के अन्दर तक चला गया।
तुम यक़ीन करो.. मेरा ऐसा करने से मेरी दीदी का सारा नशा उतर गया और उसने एक ज़ोरदार चीख मारी, उसने लेटे-लेटे ही अपने पैरों से खुद को पीछे को कर लिया.. जिससे मेरी दीदी की चूत मुझसे कुछ इंच दूर हो गई और मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया।
क्या बताऊँ.. मैं इतने मज़े में था कि मैं उसी पल डिसचार्ज हो गया था, मेरी दीदी ने अपनी टाँगें बंद कर लीं। मेरी सारी मलाई बिस्तर पर ही गिर गई..
मैं उठ कर वॉशरूम में गया और अपने लंड को धो कर पेशाब करके वापिस आ गया। मेरी दीदी शायद नशे की वजह बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी..
सच पूछो.. वर्जिन चूत में जब लौड़ा जाता है.. तो लड़की चीख उठती है.. चाहे वो जितने ही नशे में क्यों ना हो।
मैंने अपने लिए दारू एक गिलास और बनाया और एक दीदी के लिए भरा। मैंने अपनी दीदी को उठा कर उसे तीसरा गिलास भी पिला दिया। तीसरा गिलास पीते ही मेरी दीदी फिर बिस्तर पर अपने पैर फैला कर चूत को खोल कर लेट गई और उसने फिर मुझे चूत चोदने का इशारा किया।
वो इसलिए कि जब वो बिस्तर पर लेटी थी तो उसने अब अपनी टाँगें पूरी तरह से खोल दी थीं।
मैं अपना गिलास भी ख़त्म कर चुका था।
इतनी साफ़ चूत और तरगुलाबी चूत अपने सामने खुली देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं अपनी दीदी के ऊपर जाकर लेट गया और फिर से अपना लंड अपनी दीदी की चूत के ऊपर लगा दिया था।
फिर मैंने अपनी दीदी के मम्मों को चूसना शुरु कर दिया, मेरी दीदी ने मुझे अपनी दोनों टांगों के बीच में चांप लिया था।
मैं 15 मिनट तक अपनी दीदी के ऊपर लेट कर उसके मम्मों को चूसता रहा। एक बार फिर मेरी दीदी की चूत ने पानी निकाल दिया। अपनी दीदी की चूत के पानी से मेरा लंड एक बार फिर पूरा का पूरा गीला हो गया।
फिर मैं थोड़ा सा उठा और बिना किसी इंतज़ार के अपना लंड अपनी दीदी की चूत में डालने के लिए तैयार हो गया। लेटे-लेटे ही मैंने अपनी गाण्ड थोड़ी ऊपर की.. जिसकी वजह से मेरा लंड चूत से थोड़ा दूर चला गया।
एक हाथ से मैंने अपना लंड पकड़ कर अपनी दीदी की चूत की दरार पर रख दिया।
मैं दीदी पर लेटा हुआ था और मेरा लंड का सिर्फ़ सुपारा ही चूत में फँसा था। मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी की गर्दन को ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी दीदी के होंठों पर अपने होंठों रख कर अपनी दीदी के होंठों ज़ोर से जकड़ लिए और एक जानवर की तरह मैंने अपना पूरा लंड चूत में डाल दिया।
मेरे नीचे मेरी दीदी तड़प रही थी और मेरा लंड चूत के ‘एंडिंग पॉइंट’ तक चला गया।
मेरी दीदी छटपटाती रह गई.. ‘आआआ.. आआआहह.. हह.. ऊऊऊ ऊऊऊहह.. हह.. ऊऊऊऊओफफ फफफ्फ़.. फफफफ्फ़.. निकालो.. मैं मर गई.. ऊओफफफ्फ़.. आआआहह.. म्म्म्म़माआआ.. मैं मर गई प्ललीज़्ज़्ज़..
फिर उसने रोना शुरू कर दिया।
मैं ज़ालिम जानवर की तरह अपना लंड चूत में ही डाले रहा। मेरी दीदी ने बहुत कोशिश की.. कि वो अपनी टाँगें से मुझको हटा दे.. पर तुम यक़ीन करो मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड किसी ने अपने दोनों हाथों में ज़ोर से पकड़ कर दबा लिया है, मैंने अपनी पूरी जान लगा दी.. अपना लंड बाहर निकालने के लिए..
फिर किसी तरह मैंने अपने लंड को चूत में से एक तिहाई बाहर निकाल लिया, मेरा लंड खून से सन कर लाल हो रहा था, मेरा इतना लंड बाहर निकालने से दीदी को कुछ सुकून मिला और वो ठंडी पड़ गई।
अब मैं अपना बाकी का लंड ही चूत में डाले हुए हिला रहा था और बार-बार निकाल-डाल रहा था। चूत की सील टूटने से खून से सारी चादर खराब हो गई थी।
अब तक चूत बहुत टाइट थी और मेरा लंड बुरी तरह से चूत में फँसा हुआ था। अब जितना लवड़ा चूत के बाहर था वो भी चूत में जाने लगा और मज़ा आने लगा। अब मैं अपना पूरा लंड चूत से बाहर निकालता और निकाल कर पूरा का पूरा चूत में डाल देता..
कुछ पलों बाद मुझे महसूस हुआ कि जैसे मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ। मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से मुठियाने लगा।
ऐसा करते हुए मेरी सारी मलाई मेरी दीदी के पेट पर गिर गई..
मैं वॉशरूम में गया और अपना लंड साफ़ करके आ गया.. कुछ खून दीदी की टाँगों पर भी लग गया था, मैंने दीदी से कहा- टाइम बहुत हो गया है.. तुम जल्दी से वॉशरूम जाकर शावर ले लो..
मेरी दीदी 20 मिनट तक बिस्तर पर अपनी टाँगें बन्द करके लेटी रही..
जब वो बिस्तर से उठी.. तो मेरा यकीन करो.. मेरी दीदी से ठीक तरह चला भी नहीं जा रहा था, मैं उसको सहारा देकर वॉशरूम तक ले गया.. कुछ पल बाद मेरी दीदी भी वॉशरूम से खुद को साफ़ करके बाहर आ गई.
अब रात के 1:30 बजे का टाइम था। हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और घर जाने के लिए तैयार हो गए। कुछ पल बाद जब मेरी दीदी ने खुद को चलने के काबिल समझा.. तो मुझसे कहा- आज तो तुमने सब कुछ कर दिया है भाई.. मैंने कहा- आई एम सॉरी.. मैं बहुत नशे में हो गया था.. मुझे माफ़ कर दो दीदी..
मेरी दीदी ने कहा- अब जो होना था.. हो गया.. क्या अब हम अब चलें?
मैंने कहा- चलो..
यह कह कर हम होटल के कमरे से बाहर आ गए और रिसेप्शन पर जाने लगे..
रिसेप्शन पर दो लड़के खड़े थे.. उन्होंने जब मेरी दीदी का हसीन जिस्म देखा.. तो वे पागल हो गए और समझ गए कि अभी यह लड़की चूत मरवा कर आ रही है..
मैंने होटल के कमरे की चाभी वापिस कर दी और कार की तरफ़ जाने लगे।
इतने में जब हम कार में बैठ गए.. तो एक लड़का मेरे पास आया और बोला- प्लीज़ एक मिनट के लिए मेरी बात सुन लो.. अगर तुम बुरा ना मानो.. तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- कहो, क्या कहना है तुमने?
उस लड़के ने कहा- यार यह लड़की तुम किस जगह से लाए हो.. अगर बुरा ना मानो.. तो हम कुछ पल इस लड़की के साथ सेक्स करना चाहते हैं और जो यह लड़की नाइट का लेती है.. हम वो देने के लिए तैयार हैं।
मुझे गुस्सा तो बहुत आया.. लेकिन मैं ही अपनी दीदी को होटल लाया था और कोई अच्छी लड़की होटल जाती नहीं.. इसलिए उस लड़के का कहना भी ठीक था।
मैंने कहा- यह मेरी दोस्त है.. तुम गलत समझ रहे हो..
लड़के ने मुझसे ‘सॉरी’ कहा और चला गया।
मैं अपनी दीदी के साथ घर आ गया।
अभी तक हम दोनों को शराब का हल्का-हल्का नशा था.. मैंने देखा कि मेरी दीदी ने स्कर्ट भी नहीं उतारा और बिस्तर पर लेट गई। मैं भी अपने कमरे में चला गया और जा कर थोड़ी देर पहले की चुदाई की सोच कर सो गया..
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
अगर तुम बुरा ना मानो..
दोस्तो आपके लिए एक मस्त कहानी पेश है इस कहानी के मुख्य किरदार मैं और मेरी दीदी है दोस्तो मैने अपनी दीदी की गान्ड तो कई बार मारी थी पर चूत को जीजा की अमानत समझ कर हाथ भी नही लगाया था
मेरी दीदी का बर्थ डे आने को था.. और मैं इस बार अपनी दीदी को बहुत अच्छा गिफ्ट देना चाहता था। मैंने सोचा कि अपनी दीदी को एक अच्छा सा लेटेस्ट नोकिया का मोबाइल देता हूँ.. वो खुश हो जाएगी।
शाम को मैं मोबाइल लेने मोबाइल की मार्केट हफ़ीज़ सेंटर चला गया। मार्केट गया.. तो मुझे नोकिया का मोबाइल पसंद आया। वो उस वक़्त सबसे लेटेस्ट ही था। मैंने कहीं ना कहीं से पैसे का जुगाड़ करके वो मोबाइल ले लिया… और उस पर अच्छी सी पैकिंग कर दी और घर अपने रूम में ले गया।
सुबह मेरी दीदी की बर्थ डे थी.. मम्मी-पापा कमरे में थे और मैं अपने कमरे से निकल कर अपनी दीदी के कमरे में चला गया।
मेरी दीदी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी खुद को और खूबसूरत बना रही थी.. मेरा मतलब अपने होंठों पर लिपस्टिक लगा रही थी।
मैं उसके साथ चिपक कर खड़ा हो गया मैंने कहा- कल मेरी दीदी की बर्थ डे है और वो अपने भाई से क्या लेना चाहती है?
मेरी दीदी ने कहा- मुझे कुछ नहीं चाहिए तुमसे..
मैंने कहा- तूने अपनी बर्थ डे पार्टी पर किस-किस को बुलाया है?
मेरी दीदी ने कहा- मेरी कुछ ख़ास-ख़ास दोस्त हैं.. वो सब लड़कियाँ कल मेरी बर्थ डे पार्टी पर आ रही हैं।
इस तरह हम दोनों कुछ देर तक उल्टी सीधी बातें करते रहे।
फिर मैंने कहा- कल में तुमको एक बहुत अच्छा सर्प्राइज़ दूँगा। यह कह कर मैंने अपनी दीदी के गाल पर आहिस्ता से चुम्मी कर दी और कमरे से बाहर चला गया।
फिर मैं अपने कमरे में जा कर लेट गया.. मुझे नींद आ गई और मैं सो गया।
सुबह मेरी आँख 8 बजे खुल गई… मम्मी-पापा भी उठ गए थे.. मेरी दीदी अब तक सो रही थी।
बर्थ डे के लिए घर में कुछ इंतजामात करने थे.. लगभग 9 बजे तक मेरी दीदी भी उठ गई।
पापा ने मुझे 5000 रूपए दिए के साथ एक लिस्ट मुझे दे दी और कहा- यह सब तुम मार्केट से लेकर आ जाओ..
मैं बर्थ डे के लिए जरूरी सामान लेने मार्केट चला गया, एक बजे तक मैं सब चीज़ें ले आया।
घर पर मेरी दीदी खड़ी हो कर अपने कपड़े प्रेस कर रही थी। मेरी दीदी ने कॉटन की सफ़ेद सलवार पहनी हुई थी और ऊपर हल्के पिंक कलर की टी-शर्ट पहनी थी। वो अक्सर यही कपड़े पहन कर रहती है.. लेकिन कपड़े इस्तरी करते वक़्त उसने दुपट्टा नहीं लिया हुआ था। मुझे कुछ दूर से अपनी दीदी की गाण्ड की लाइन सलवार में से हल्की-हल्की नज़र आ रही थी..
मैंने देखा मम्मी-पापा लॉन में हैं.. और मैंने अपनी दीदी को पीछे से जा कर पकड़ लिया। मेरी दीदी डर गई और मुझसे कहने लगी- भाई तुम जाओ प्लीज़.. मुझे कपड़े इस्तरी करने दो और अभी मम्मी-पापा भी यहीं हैं..
मैंने कहा- तुम अपने कपड़े इस्तरी करो.. मैं क्या कुछ कह रहा हूँि?
मेरी दीदी अपने कपड़े इस्तरी करने लगी मैं उसके बिल्कुल पीछे ही खड़ा रहा।
फिर मैं अपनी दीदी की गाण्ड के पीछे ही बैठ गया और अपनी दीदी की सलवार थोड़ी सी नीचे को कर दी..ि मेरी दीदी ने मुझे कुछ ना कहा और अपने कपड़े इस्तरी करती रही।
मैंने अपनी ज़ुबान अपनी दीदी की गाण्ड की लाइन पर फेर दी और खड़ा हो गया।
इसके बाद मैंने अपनी दीदी की सलवार भी ऊपर को कर दी।
गाण्ड पर ज़ुबान लगाने से गाण्ड की लाइन गीली हो गई थी। जब उस पर कॉटन की हल्की सलवार ऊपर चढ़ी.. तो सलवार की वो जगह भी थोड़ी गीली हो गई, अब सलवार के ऊपर से मेरी दीदी की गाण्ड की लाइन साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी।
यह सब मैंने इसलिए किया क्योंकि मैं अपनी दीदी को थोड़ा सा गरम करना चाहता था और उससे कुछ हाँ करवाना चाहता था।
मेरा लंड मेरी पैन्ट में ही पूरी तरह से खड़ा था और मेरी दीदी अपनी गाण्ड पर मेरा खड़ा लंड साफ़ महसूस कर सकती थी।
मैंने कहा- जब तुमकी रात को बर्थ डे पार्टी खत्म हो जाएगी.. तो हम थोड़ी देर के लिए कहीं बाहर घूमने चलेंगे..
मेरी दीदी गरम हो चुकी थी.. वो मुझे उस वक़्त ‘ना’ ना कर सकी..
उसने कहा- ठीक है.. रात को हम दोनों कहीं घूम कर आएंगे।
यह सुनते ही मैं फिर से अपनी दीदी की गाण्ड के पीछे बैठ गया और एक बार फिर अपनी ज़ुबान अपनी दीदी की गाण्ड की लाइन पर फेर दी, इसी के साथ मैंने अपनी एक उंगली गाण्ड में डाल कर बाहर निकाल ली और सलवार ऊपर करके चला गया।
मेरे ऐसा करने से दीदी की गाण्ड लंड माँगने लगी थी और मैं उसको गरम करके आ गया। थोड़ी देर बाद मैंने जाकर देखा कि मेरी दीदी अपना लेफ्ट हाथ अपनी सलवार में डाल कर अपनी चूत मसल रही है।
मेरी दीदी कपड़े इस्तरी करके शावर लेने चली गई, मैं भी कपड़े इस्तरी करके शावर लेने चला गया।
मेरी दीदी ने शावर ले लिया था और वो उसी सलवार में बाहर आ गई। उसकी सलवार इतनी बारीक थी कि मैं तुमको क्या बताऊँ दोस्तो..
लेकिन उसने इस बार सलवार के ऊपर सफ़ेद कलर की कमीज़ पहन रखी थी.. जिससे इस बार उसके चूतड़ सही तरह नज़र आ रहे थी.. ब्रा में से उसके मम्मे साफ़-साफ़ नज़र आ रहे थे। बर्थ-डे पार्टी का टाइम शाम 6 बजे से था.. जिसको भी आना था.. शाम 6 बजे के बाद ही आना था।
पापा ने मुझसे कहा- दीदी को ब्यूटी पार्लर ले जाओ..
मैंने ऐसा ही किया.. अपनी दीदी को ब्यूटी-पार्लर ले गया।
मैं कार में बाहर ही बैठा रहा। लगभग 40 मिनट के बाद मेरी दीदी जब ब्यूटी-पार्लर से बाहर आई.. तो मैं देख कर देखता ही रह गया.. मेरी दीदी के बाल पहले ही बहुत सिल्की थे.. और उस पर उसने मेकअप भी बहुत कमाल का किया था..
मैं कार स्टार्ट करके घर की तरफ जा रहा था। मेरा एक हाथ स्टेयरिंग पर था और मेरा दूसरा हाथ मेरी दीदी की जांघ पर था, मैं अपना हाथ आहिस्ता-आहिस्ता से मसल रहा था, कुछ देर ऐसा करते-करते घर आ गया।
शाम के 5:30 का टाइम हो गया था.. मैंने केक ऑर्डर पर बनवाया था.. वो लेने मैं बेकरी चला गया।
बेकरी से थोड़ा दूर एक होटल है।मैंने केक बेकरी से लिया और उस होटल में चला गया.. होटल मेरे घर से 2 किलोमीटर ही दूर था और बेकरी के पास था।
मैंने होटल के रिसेप्शन पर जा कर साफ़-साफ़ कह दिया कि मुझे कुछ घंटे के लिए तुमका एक रूम चाहिए। मैं अपनी गर्ल-फ्रेंड से मिलना चाहता हूँ।
होटेल की रिसेप्शन पर एक यंग लड़का था, उसने कहा- सर तुमको रूम मिल जाएगा..
मैंने कहा- मुझे रूम 10 बजे से एक बजे तक ही चाहिए।
उस लड़के ने कहा- सर तुमको मिल जाएगा।
मैंने कहा- तुम मेरा एक रूम बुक कर लो।
और मैंने उधर 1000 रूपए देकर अपना फर्जी नाम और पता बता कर अपने घर चला गया। आज मैं दीदी को होटल में सुकून से प्यार करना चाहता था। वो इस लिए क्योंकि आज दीदी की बर्थ-डे जो थी।
घर में लुकछिप कर उसकी गाण्ड मार-मार कर अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा था.. इसलिए मैंने सोचा कि आज कुछ नया होना चाहिए। अब मैं घर गया तो दीदी की कुछ दोस्त आ गई थीं.. और मेरी दीदी नए कपड़े पहन कर अब पूरी तरह से तैयार खड़ी थी।
क्या बताऊँ दोस्तो कि वो कैसी माल लग रही थी.. उसने एक स्कर्ट पहना हुआ था… स्कर्ट सिर्फ इतना लंबा था कि उसके घुटने साफ़ नज़र आ रहे थे।
लगभग 7 बजे तक मेरी दीदी के सब फ्रेंड आ गए और अब मेरी प्यारी दीदी ने मिल कर केक काटा।
हम सबने केक खाया और फिर कुछ देर बाद सबने डिनर किया, मेरी दीदी को बहुत से गिफ्ट मिले।
मैंने अभी तक अपना गिफ्ट अपनी दीदी को नहीं दिया था..
मेरी दीदी अपनी सब दोस्तों को लेकर ड्राइंग रूम में चली गई.. वहाँ जाकर उन सबने म्यूज़िक चालू कर दिया और सबने डांस करना स्टार्ट कर दिया। यह सब 10 बजे तक होता रहा!
फिर आहिस्ता-आहिस्ता से सब दोस्त अपने-अपने घर जाने लगीं.. लगभग 10:30 तक सब चले गए.. लाइट्स बंद करते-करते और सब चीज़ें उठाते-उठाते करीब 11 बज गए। मम्मी-पापा ‘गुड नाइट’ कह कर 11:30 तक अपने कमरे में चले गए। अब मैं दीदी के रूम में गया.. तो दीदी अपना स्कर्ट उतार कर नाइट सूट पहन रही थी।
मैंने कहा- अभी तुम स्कर्ट ही पहन कर रखो.. हम थोड़ी देर बाद बाहर घूम कर आयेंगे।
मेरी दीदी ने कहा- तुमने तो मम्मी-पापा से कहा ही नहीं कि हम घूमने बाहर जा रहे हैं..
मैंने कहा- तो क्या हुआ.. अगर उनको पता भी चल गया.. तो कह देंगे कि हम दोनों का पिज़्ज़ा खाने को बहुत दिल कर रहा था और हम पिज़्ज़ा हट तक गए थे। और तुम अपने भाई के साथ जा रही हो कोई क्या कहेगा हमको?
उसने सफ़ेद कलर के टॉप पर काले कलर का स्कर्ट पहन रखा था। मैं अपनी दीदी के पीछे गया और उसका स्कर्ट उसकी गाण्ड तक उठा दिया। उसने नीचे रेड कलर की पैन्टी पहन रखी थी। उसकी दूधिया गाण्ड पर जब मैंने सुर्ख लाल रंग की रेशम की पैन्टी देखी.. तो मैंने दीदी को पैन्टी के ऊपर से चूम कर स्कर्ट नीचे कर दिया।
मैंने कहा- जितनी प्यारी तुम आज लग रही हो.. उतना ही प्यारा मैंने तुमके लिए गिफ्ट लिया है।
मेरी दीदी ने कहा- कहाँ है वो गिफ्ट?
मैंने कहा- सबर करो.. तुमको अभी मिल जाएगा..
यह कह कर मैं बाहर चला गया और थोड़ी देर बाद आकर मैंने दीदी से कहा- चलो, अब हम चलते हैं..
मैं और मेरी दीदी कार में जाकर बैठ गए, मैं कार स्टार्ट करके ड्राइव करने लगा, फिर मैंने पीछे की सीट से गिफ्ट निकाला और अपनी दीदी को दे दिया।
उसने उसको खोला और लेटेस्ट मोबाइल देख कर मुझे कहने लगी- भाई.. यह तो बहुत महँगा है?
मैंने कहा- तुम से ज़्यादा महँगा नहीं है..
यह कहते ही मैंने उसके गाल पर किस कर दिया।
फिर मैं एक हाथ से कार ड्राइव कर रहा था और दूसरे हाथ से अपनी दीदी की चूत के पास अपने हाथ से मसल रहा था..
मैंने महसूस किया कि मेरी दीदी ने अपनी दोनों टाँगें थोड़ी खोल लीं इसलिए कि मेरा हाथ अच्छी तरह से उसकी चूत से खेल सके!
कार ड्राइव करते-करते मैंने अपना लंड भी ज़िप से बाहर निकाल लिया और दीदी से कहा- तुम अपने लेफ्ट हाथ से इसको पकड़ लो।
उसने ऐसा ही किया.. अब वो मेरा लंड सहला रही थी और मैं उसकी चूत सहला रहा था..
रात के 11:45 का टाइम था.. मैंने दीदी से कहा- कार में मज़ा नहीं आ रहा है.. हम कुछ देर कहीं सुकून से बैठते हैं..
मेरी दीदी ने फ़ौरन पूछा- भाई हम इस वक़्त कहाँ बैठेंगे?
मैंने कहा- चलो मेरे दिमाग में एक जगह आई है.. हम वहाँ चल कर थोड़ी देर बैठते हैं..
मेरी दीदी ने भी कह दिया- हाँ चलो ठीक है..
मैं उस उसी होटल में ले गया, कार को होटल की पार्किंग में लगा कर मैंने दीदी से कहा- तुम कार में ही रहना.. मैं अभी आया..
जब मैं रिसेप्शन पर गया तो कोई दूसरा लड़का बैठा था.. मैंने कहा- प्लीज़ देखो इस होटल में मेरी आज रात की बुकिंग है और मुझे रूम की चाभी चाहिए..
वो नया लड़का था.. शायद उसकी ड्यूटी चेंज हो गई होगी.. उसने रजिस्टर खोला तो मेरा एंट्री की हुई थी।
उसने मुझसे कहा- सर तुम वेटर के साथ कमरे में जा सकते हैं.. यह तुमको कमरे में ले जाएगा।
मैंने कहा- तुम यहाँ रूको.. मैं कार में से अपनी फ्रेंड को ले आऊँ..
मैं कार में गया और दीदी से कहा- कार से बाहर आ जाओ।
वो कार से बाहर आ गई और मैं कार को लॉक करके अपनी दीदी को लेकर होटल में चला गया।
रिसेप्शन पर जो लड़का था.. वो मेरी दीदी को देख कर हैरान परेशान हो गया था कि आज होटल में कितनी प्यारी लड़की गाण्ड और चूत मरवाने आई है।
होटल का वेटर मुझे और मेरी दीदी को एक कमरे में ले गया, उस कमरे में 2 बेड थे और बहुत साफ़ था। होटल में लड़के अक्सर लड़कियों को लेकर आते हैं.. इसलिए वो लोग भी मेरी दीदी को रंडी (प्रॉस्टिट्यूट) समझ रहे होंगे।
कमरे में जाकर मैंने वेटर को 100 रुपए टिप के दे दिए।
वेटर ने मुझसे पूछा- सर तुमको शराब आदि कुछ चाहिए..?
मैं पहले भी बहुत बार शराब पी चुका हूँ, मैंने सोचा दीदी के साथ पीता हूँ, मैंने उसको 500 रूपए और दे दिए और सामान लाने को बोल कर अन्दर घुस गया।
मैं कमरे का गेट बंद करके कमरे में आ गया।, मेरी दीदी खिड़की में खड़ी होकर बाहर देख रही थी, वो इस तरह खड़ी थी कि उसका सिर आगे की तरफ था और उसकी उठी हुई गाण्ड पीछे की तरफ थी, स्कर्ट गाण्ड को टाइट दिखा रहा था जब कि मेरी दीदी की गाण्ड बहुत नरम है।
मैंने इसी स्टाइल में दीदी को पीछे से पकड़ लिया।
करीब 5 मिनट तक मैंने उसको पीछे से ही पकड़े रखा और अपना लंड पैन्ट में से ही अपनी दीदी की स्कर्ट के ऊपर से उसकी गाण्ड की दरार में रगड़ता रहा।
कुछ देर के बाद दरवाज़े पर दस्तक हुई.. मैं देखने गया.. तो वेटर आया था। उसने मुझे एक शराब की हाफ बोतल और 1.5 लीटर पेप्सी की बोतल दे दी और कुछ नमकीन आदि देकर चला गया।
सब चीज़ें लेकर मैं कमरे में आ गया। मेरी दीदी ने मुझसे कहा- यह तुमने क्या मँगवाया है भाई?
मैंने कहा- आज हम दोनों शराब पियेंगे.. मैंने तुम्हारे लिए विस्की मँगवाई है.. इसको पीने के बाद कोई भी काम करने में बहुत मज़ा आता है।
मेरी दीदी ने बड़े मज़े से पूछा- यह कैसी होती है?
मैंने कहा- अभी पी कर देख लेना..
मेरी दीदी ने आज से पहले कभी शराब नहीं पी थी.. मैं तो बहुत बार शराब पी चुका था। मैंने दो गिलास में थोड़ी-थोड़ी शराब डाली और थोड़ी-थोड़ी पेप्सी मिला दी। फिर एक गिलास अपनी दीदी को दे दिया और एक गिलास खुद पकड़ लिया.. मेरी दीदी ने जैसे ही एक घूँट शराब पी तो उस सारा मुँह का स्वाद खराब हो गया।
उसने मुँह बनाते हुए कहा- भाई यह तो पता नहीं कैसी सी है?
मैंने कहा- सिर्फ़ शुरू में थोड़ा टेस्ट खराब लगता है.. लेकिन बाद में बहुत मज़ा देती है..
मैं अपना एक गिलास भी पी गया और मेरी दीदी ने भी थोड़ी सी शराब पी, वो मुझे कहने लगी- भाई मुझसे नहीं पी जा रही है यह।
मैंने उसके गिलास में थोड़ी और पेप्सी डाल दी.. और अपने हाथ से उसका गिलास पकड़ कर उसको ज़बरदस्ती पिला दी।
एक गिलास उसने पिया और एक गिलास मैंने पिया।
उसके बाद मेरी दीदी बिस्तर पर बैठ गई थी, मैं ज़मीन पर पैरों को लटका कर बैठ गया..मैंने अपनी दीदी को खड़ा करके उसका मुँह उधर कर दिया, इससे उसकी गाण्ड मेरे मुँह के सामने आ गई।
मैंने उसका स्कर्ट उसकी गाण्ड से ऊपर उठा दिया और उसको स्कर्ट पकड़ने के लिए कहा।
मेरी दीदी अपना स्कर्ट पकड़े खड़ी थी, फिर मैंने बैठे-बैठे उसकी पैन्टी घुटनों तक नीचे कर दी, अब मेरे सामने उसकी दूध सी गोरी नरम गाण्ड थी। मैं उसकी रसीली गाण्ड पर अपनी ज़ुबान फेरता रहा।
फिर मैंने पैन्टी को पूरा उतार दिया और स्कर्ट ऊपर पकड़े हुए ही दीदी को बिस्तर पर बैठने के लिए कहा। दीदी अपना स्कर्ट पकड़ कर ही बिस्तर पर अपनी नंगी गाण्ड के बल बैठ गई।
मैंने एक बार फिर गिलास में थोड़ी-थोड़ी शराब डाली और थोड़ी पेप्सी मिला कर अपनी दीदी से एक गिलास पीने के लिए कहा।
एक गिलास ने ही मुझको तो सुरूर दे दिया था… जब दूसरा गिलास मैंने पिया तो मैं तो नशे में झूमने लगा था। मेरी दीदी को भी हल्का-हल्का नशा हो गया था।
मुझे इतना नशा हो गया था कि मैं अपनी दीदी के सामने ही बिल्कुल नंगा हो गया और मैंने खुद ही अपनी दीदी का स्कर्ट भी पूरा उतार दिया।
अब मेरी दीदी मेरे सामने सिर्फ ऊपरी कपड़ों में रह गई थी। मैं भी बिस्तर पर बैठ गया और उसकी टाँगें ऊपर बिस्तर पर रख दीं..मेरी दीदी मेरे बिल्कुल सामने थी.. मैंने उसको कमर से पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया।
अब मेरी दीदी के मम्मे मुझसे स्पर्श हो रहे थे, मेरा लंड दीदी की चूत से 2 इंच की दूरी पर था।
मैंने कुछ पलों के बाद यह दूरी भी खत्म कर दी और उसको अपने और करीब कर लिया।
अब मेरा लंड पहली बार अपनी दीदी की चूत के ऊपर था।
हम दोनों ने एक-दूसरे को ज़ोर से गले लगाया हुआ था। मैंने 10 मिनट तक अपनी दीदी को गले लगाए रखा और अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत पर रगड़ता रहा।
ऐसे करते-करते मुझे अपना लंड गीला-गीला सा महसूस हुआ, मैंने देखा कि मेरी दीदी ने अपना मुँह शरम से साइड में कर लिया। मैं समझ गया कि मेरी दीदी की चूत ने पानी निकाल दिया है।
उस पानी से मेरा लंड पूरी तरह गीला हो गया था, मेरी दीदी की गीली चूत मेरे लंड के बिल्कुल सामने थी। मेरी दीदी नशे में तो थी ही.. लेकिन जब उसका पानी निकला तो वो बिस्तर पर ही लेट गई।
यह भूल गए कि उसकी कुंवारी चूत का मुँह मेरे लंड के सामने था। आज मैं भी भूल गया था कि मैंने क़सम खाई है अपनी दीदी की चूत ना चोदने की।
मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और चूत के मुहाने पर रख दिया।
लंड को चूत पर रखते ही गीला होने की वजह से लौड़े का 15% भाग चूत के अन्दर तक चला गया।
तुम यक़ीन करो.. मेरा ऐसा करने से मेरी दीदी का सारा नशा उतर गया और उसने एक ज़ोरदार चीख मारी, उसने लेटे-लेटे ही अपने पैरों से खुद को पीछे को कर लिया.. जिससे मेरी दीदी की चूत मुझसे कुछ इंच दूर हो गई और मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया।
क्या बताऊँ.. मैं इतने मज़े में था कि मैं उसी पल डिसचार्ज हो गया था, मेरी दीदी ने अपनी टाँगें बंद कर लीं। मेरी सारी मलाई बिस्तर पर ही गिर गई..
मैं उठ कर वॉशरूम में गया और अपने लंड को धो कर पेशाब करके वापिस आ गया। मेरी दीदी शायद नशे की वजह बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी..
सच पूछो.. वर्जिन चूत में जब लौड़ा जाता है.. तो लड़की चीख उठती है.. चाहे वो जितने ही नशे में क्यों ना हो।
मैंने अपने लिए दारू एक गिलास और बनाया और एक दीदी के लिए भरा। मैंने अपनी दीदी को उठा कर उसे तीसरा गिलास भी पिला दिया। तीसरा गिलास पीते ही मेरी दीदी फिर बिस्तर पर अपने पैर फैला कर चूत को खोल कर लेट गई और उसने फिर मुझे चूत चोदने का इशारा किया।
वो इसलिए कि जब वो बिस्तर पर लेटी थी तो उसने अब अपनी टाँगें पूरी तरह से खोल दी थीं।
मैं अपना गिलास भी ख़त्म कर चुका था।
इतनी साफ़ चूत और तरगुलाबी चूत अपने सामने खुली देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं अपनी दीदी के ऊपर जाकर लेट गया और फिर से अपना लंड अपनी दीदी की चूत के ऊपर लगा दिया था।
फिर मैंने अपनी दीदी के मम्मों को चूसना शुरु कर दिया, मेरी दीदी ने मुझे अपनी दोनों टांगों के बीच में चांप लिया था।
मैं 15 मिनट तक अपनी दीदी के ऊपर लेट कर उसके मम्मों को चूसता रहा। एक बार फिर मेरी दीदी की चूत ने पानी निकाल दिया। अपनी दीदी की चूत के पानी से मेरा लंड एक बार फिर पूरा का पूरा गीला हो गया।
फिर मैं थोड़ा सा उठा और बिना किसी इंतज़ार के अपना लंड अपनी दीदी की चूत में डालने के लिए तैयार हो गया। लेटे-लेटे ही मैंने अपनी गाण्ड थोड़ी ऊपर की.. जिसकी वजह से मेरा लंड चूत से थोड़ा दूर चला गया।
एक हाथ से मैंने अपना लंड पकड़ कर अपनी दीदी की चूत की दरार पर रख दिया।
मैं दीदी पर लेटा हुआ था और मेरा लंड का सिर्फ़ सुपारा ही चूत में फँसा था। मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी की गर्दन को ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी दीदी के होंठों पर अपने होंठों रख कर अपनी दीदी के होंठों ज़ोर से जकड़ लिए और एक जानवर की तरह मैंने अपना पूरा लंड चूत में डाल दिया।
मेरे नीचे मेरी दीदी तड़प रही थी और मेरा लंड चूत के ‘एंडिंग पॉइंट’ तक चला गया।
मेरी दीदी छटपटाती रह गई.. ‘आआआ.. आआआहह.. हह.. ऊऊऊ ऊऊऊहह.. हह.. ऊऊऊऊओफफ फफफ्फ़.. फफफफ्फ़.. निकालो.. मैं मर गई.. ऊओफफफ्फ़.. आआआहह.. म्म्म्म़माआआ.. मैं मर गई प्ललीज़्ज़्ज़..
फिर उसने रोना शुरू कर दिया।
मैं ज़ालिम जानवर की तरह अपना लंड चूत में ही डाले रहा। मेरी दीदी ने बहुत कोशिश की.. कि वो अपनी टाँगें से मुझको हटा दे.. पर तुम यक़ीन करो मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड किसी ने अपने दोनों हाथों में ज़ोर से पकड़ कर दबा लिया है, मैंने अपनी पूरी जान लगा दी.. अपना लंड बाहर निकालने के लिए..
फिर किसी तरह मैंने अपने लंड को चूत में से एक तिहाई बाहर निकाल लिया, मेरा लंड खून से सन कर लाल हो रहा था, मेरा इतना लंड बाहर निकालने से दीदी को कुछ सुकून मिला और वो ठंडी पड़ गई।
अब मैं अपना बाकी का लंड ही चूत में डाले हुए हिला रहा था और बार-बार निकाल-डाल रहा था। चूत की सील टूटने से खून से सारी चादर खराब हो गई थी।
अब तक चूत बहुत टाइट थी और मेरा लंड बुरी तरह से चूत में फँसा हुआ था। अब जितना लवड़ा चूत के बाहर था वो भी चूत में जाने लगा और मज़ा आने लगा। अब मैं अपना पूरा लंड चूत से बाहर निकालता और निकाल कर पूरा का पूरा चूत में डाल देता..
कुछ पलों बाद मुझे महसूस हुआ कि जैसे मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ। मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से मुठियाने लगा।
ऐसा करते हुए मेरी सारी मलाई मेरी दीदी के पेट पर गिर गई..
मैं वॉशरूम में गया और अपना लंड साफ़ करके आ गया.. कुछ खून दीदी की टाँगों पर भी लग गया था, मैंने दीदी से कहा- टाइम बहुत हो गया है.. तुम जल्दी से वॉशरूम जाकर शावर ले लो..
मेरी दीदी 20 मिनट तक बिस्तर पर अपनी टाँगें बन्द करके लेटी रही..
जब वो बिस्तर से उठी.. तो मेरा यकीन करो.. मेरी दीदी से ठीक तरह चला भी नहीं जा रहा था, मैं उसको सहारा देकर वॉशरूम तक ले गया.. कुछ पल बाद मेरी दीदी भी वॉशरूम से खुद को साफ़ करके बाहर आ गई.
अब रात के 1:30 बजे का टाइम था। हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और घर जाने के लिए तैयार हो गए। कुछ पल बाद जब मेरी दीदी ने खुद को चलने के काबिल समझा.. तो मुझसे कहा- आज तो तुमने सब कुछ कर दिया है भाई.. मैंने कहा- आई एम सॉरी.. मैं बहुत नशे में हो गया था.. मुझे माफ़ कर दो दीदी..
मेरी दीदी ने कहा- अब जो होना था.. हो गया.. क्या अब हम अब चलें?
मैंने कहा- चलो..
यह कह कर हम होटल के कमरे से बाहर आ गए और रिसेप्शन पर जाने लगे..
रिसेप्शन पर दो लड़के खड़े थे.. उन्होंने जब मेरी दीदी का हसीन जिस्म देखा.. तो वे पागल हो गए और समझ गए कि अभी यह लड़की चूत मरवा कर आ रही है..
मैंने होटल के कमरे की चाभी वापिस कर दी और कार की तरफ़ जाने लगे।
इतने में जब हम कार में बैठ गए.. तो एक लड़का मेरे पास आया और बोला- प्लीज़ एक मिनट के लिए मेरी बात सुन लो.. अगर तुम बुरा ना मानो.. तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- कहो, क्या कहना है तुमने?
उस लड़के ने कहा- यार यह लड़की तुम किस जगह से लाए हो.. अगर बुरा ना मानो.. तो हम कुछ पल इस लड़की के साथ सेक्स करना चाहते हैं और जो यह लड़की नाइट का लेती है.. हम वो देने के लिए तैयार हैं।
मुझे गुस्सा तो बहुत आया.. लेकिन मैं ही अपनी दीदी को होटल लाया था और कोई अच्छी लड़की होटल जाती नहीं.. इसलिए उस लड़के का कहना भी ठीक था।
मैंने कहा- यह मेरी दोस्त है.. तुम गलत समझ रहे हो..
लड़के ने मुझसे ‘सॉरी’ कहा और चला गया।
मैं अपनी दीदी के साथ घर आ गया।
अभी तक हम दोनों को शराब का हल्का-हल्का नशा था.. मैंने देखा कि मेरी दीदी ने स्कर्ट भी नहीं उतारा और बिस्तर पर लेट गई। मैं भी अपने कमरे में चला गया और जा कर थोड़ी देर पहले की चुदाई की सोच कर सो गया..
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