Thursday, August 18, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ ईमानदार नौकर--1



हिंदी सेक्सी कहानियाँ

ईमानदार नौकर--1


यूनिवर्सिटी से पढ़ के अब मैं ग्रॅजुयेशन कंप्लीट कर चुक्का था. मैं बचपन से ही अनाथ था. मैं 1 छोटे से गाओं मे पला बढ़ा और बाद मे यूनिवर्सिटी से ग्रॅजुयेशन कंप्लीट कर लिया. इसमे मेरे मामाजी का बहुत ही बड़ा हाथ था. उन्ही के कृपा से मैं एक काबिल आदमी बन पाया था. पिछले दो चार महीनो से मामाजी मुझे अक्सर कहते थे कि मेरे एक मित्र घयपुर जिले से आनेवाले है अपनी बहू को लेने के लिए, जिसने तीन महीने पूर्व ही एक बच्चे को जन्म दिया था.

एक दिन सबेरे सबेरे मुझे उठाते हुए ममाजी बोले "तुम्हे घयपुर जाना होगा सेठ जी के साथ" जब मैने पूछा कि क्यू तो जवाब मिला "उनके यहा पे एक अच्छे और ईमानदार व्यक्ति की उन्हे ज़रूरत है तो मैने तुम्हारा नाम आगे कर दिया और वो तुम्हे अच्छी तनख़्वाह देने के लिए भी राज़ी हो गये है " तो मैने पूछा अब आगे क्या तो ममाजी बोले "तो तुम्हे उनके साथ जाना होगा, 2 दिन का ट्रेन का सफ़र है, ट्रेन कल दोपेहर 2 बजे निकलने वाली है सब तय्यारी कर लो"

मैं कोई गाव –वाव मे काम नही करना चाहता था परंतु मामा जी का हुक्म था तो मैने सब तय्यारी कर ली और दूसरे दिन ममाजी के साथ स्टेशन पे पहुँच गया.

स्टेशन पे पहुचते ही ममाजी ने मुझे सेठ जी से मिलवाया. सेठ जी मिड्ल एज्ड लग रहे थे परंतु उनकी चाल ढाल से पता चल रहा था कि बूढ़ा तो बहुत ही ठंडा है, एक बात बोलनेको 10 मिनट लेता है. फिर मामा जी घर के लिए चल दिए. उतने मे ही ट्रेन आ गयी. और कुली ने जल्दी से 2 औरतो के साथ हमारा समान ट्रेन मे चढ़ा दिया. जैसे कि सेठ जी बड़े आदमी थे और बहुत पैसेवाले थे उन्होने 6 लोगो का 1 पूरा एसी कॉमपार्टमेंट ही बुक करवाया था. क्यू कि उनकी बहू और बीवी भी उनके जानेवाली थी जो बहुको लेने आई थी.

जब मैं अंदर आके बैठा तो मुझे ऐसे लगा जैसे मैं कही जन्नत मे आ गया हू. सेठ के बीवी को देख के ऐसे लग रहा था कि कोई मदमस्त हसीना ट्रेन मे बैठी हो. उसका वो गोल मटोल चेहरा, पुश्त बाहें, बड़ी बड़ी चुचिया जो उनके ब्लाउस से सॉफ दिखाई दे रही थी, बड़ी –लचकीली कमर, और मोटे भारी गांद देख मे मैं दंग रह गया और मैं देखते ही रह गया जब सेठ जी ने बैठ जाओ कहा तब मैं होश मे आया. मैं शेठ जी की बीवी के पास बैठ गया, बैठते ही शेठ जी की बीवी कोमल बाहें मेरे हाथो से टकराई और मेरे शरीर मे करेंट उतर गया. मैं जीवन मे पहली बार ऐसा एहसास कर रहा था. मेरा लंड ऐसे खड़ा हो गया जैसे मानो कोई बम्बू हो. शेठ जी के बीवी मुझे देखकर हस रही थी. और मुझे चिपकने की कोशिश कर रही थी. मेरे सामने शेठ जी की बहू बैठी थी और बच्चे को सुला रही थी और शेठ जी बाहर देखते हुए हवा खा रहे थे. बहू की तरफ देखा तो मैं कतई दंग रह गया, वो अपनी सास से दस्पाट सुंदर थी और हसीन थी, क्या फिगर थी उसकी मानो भगवान ने उसकी एक एक चीज़ घंटो बर्बाद कर कर के बनाई हो. उसकी चुचिया ब्लाउस से बाहर आने के लिए मानो जैसे तरस रही हो. और डेलिवरी के कारण तो और हसीन और कम्सीन दिख रही थी. परंतु थोड़ी उदास उदास दिख रही थी. इधर शेठ जी की बीवी मुझसे चिपके जा रही थी और मेरे हाथ से हाथ घिसने का कोई मौका नही छोड़ रही थी. उतने मे बहू का पैर मेरे पैरो को लगा और मैं चमक उठा. मैने अपना पैर थोड़ा पीछे खिचा, परंतु थोड़ी देर मे वोही घटना हो गई मैं समझ गया कि शेठ जी की बहू नाराज़ नाराज़ क्यू है और ये क्या हो रहा है. इसने बड़े लंबे समय से चुदवाया नही इसी कारण ये गरम हो रही है और पाव पर पाव घिस रही है. थोड़ी देर मे बहू मेरी तरफ देखकर थोड़ा थोड़ा हसने लगी. मैं भी पाव आगे करने लगा थोड़ी हिचखिचाहट थी परंतु अभी हौसला बढ़ रहा था. मैने अपना पैर उसके पंजे से उपर चढ़ाना शुरू किया और मुझे वो नरम नरम चिकने चिकने पैर से प्यार हो गया और मैं पैर ज़ोर ज़ोर से घिसने लगा. उधर बाजू मे शेठ की बीवी ने मेरे दाए साइड के पैर पर हाथ रख दिया और उसपे अपनी सारी सरका दी, ताकि कोई देख ना पाए. मैं थोड़ा नर्वस होने के कारण उधर से उठा गया और बाथरूम की और चल दिया. जैसे ही मैं बाथरूम का दरवाजा बंद करनेवाला था, मैने देखा शेठ की बीवी नेमेरा हाथ पकड़ लिया और चुपके से अंदर घुस आई मैं कुछ समझ पाउ इसके पहले ही उसने मुझे चुप रहने का इशारा किया और अपने शरीर से मुझे जाकड़ लिया. अब तो बस मेरा लंड पूरा के पूरा खड़ा हो गया. उस स्पर्श से मेरा रोम रोम जल उठा रहा था. शेठ जी की बीवीकी चुचिया मेरे छाती से चिपक रही थी और मुझे स्वर्ग मे जाने का आभास हो रहा था. मैने ज़ोर से शेठ की बीवी के मूह मे मूह डाल और ज़ोर से किस करने लगा वो भी मुझे ज़ोर्से किस करने लगी. हम दोनो की जीभ एक दूसरे टकरा रही थी और मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था. शेठ जी की बीवी ने मेरे मूह से थूक चाटनी शुरू की और मेरी थूक अपनी मूह मे ले ली. और मेरे पॅंट की ज़िप खोलने लगी.

ज़िप खोलते ही मेरा पहाड़ जैसा लंड बाहर या और सेठानी उसे देखते रह गयी बोली " मुझे माफ़ कर दो मुझे तुम्हारी औकात का पता नही था, मैं जाती हू मुझे जाने दो " मैने सेठानी की सारी पकड़ली चूत के नज़दीक के झाँत बाल सहलाए और हल्केसे खिचे, और वो ज़ोर से कराह उठी. उसकी चूत के बाल मेरे हाथ मे थे और वो मदमस्त दिख रही थी. उसके लाल लाल होंठो को मैं दांतो से चबाने लगा और उसका मुख रस अपने मुँह मे लेने लगा. मैने सेठानी को बोला "तुम यहा आई अपनी मर्ज़ी से हो जाओगी मेरी मार्जिसे रंडी" और वो थोड़ी डर सी गयी.

मैने उसकी सारी खोलने लगा. जैसे ही सारी खोल रहा था उसका वो असीम सौन्दर्य अपनी खुली आँखो मे समाने लगा, अब मेरे लंड के सूपदे से पानी निकलने लगा, मैने सारी खोली और खड़े खड़े ही उसके पीठ से चिपक गया, उसकेगालो को सहलाते हुए, लंड को उसकी गांद के दो पहाड़ो की झिर्री के बीच निकर्स से घिसने लगा…उसकी गांद का घेराव बहुत ही मस्त था….अब मुझे बहुत ही आनंद आ रा था, और अभी मैं पीठ को पूरी तरह से चिपक गया, और उसके शरीर को अपने अंदर महसूस करने लगा …मेरा अंग अंग रोमांचित हो रहा था…और उसी वक़्त मैने सोच लिया की एक दिन मैं इसकी गांद इस तरह फड़ुँगा कि ये किसीसे चुदवाने से पहले 10 बार सोचेगी. अब मैने सेठानी की निकर भी निकाल दी.

सेठानी सिर्फ़ ब्लू ब्लाउस मे मेरे सामने खड़ी थी. उस अपारदर्शक ब्लाउस से उसकी चुचया सॉफ दिख रही. एक चुचि को मूह मे लेके मैं उसे ब्लाउस के बाहर से ही चाटने लगा….ब्लाउस गीला हो रहा और सेठानी का निपल सख़्त होते जा रहे थे उसके तंग ब्लाउस से उसके कांख के नीचे के काले बाल दिख रहे थे थोड़े थोड़े मैने उन्हे थोड़ा सा खिचा…"एयेए…आ…ईयीई"…और वो आगे पीछे डोलने लगी थी मैने 1 चुचि को हल्केसे काट लिया सेठानी बोली "होले होले" मैं हस्ने लगा….और मैने फिरसे काट दिया …और वो कराह उठी…..उसकी आँखे लाल हो रही थी और गाल मानो जैसे टमाटर की तरह फूल रहे थे. मैने उसे वही नीचे बिठा दिया और मूह पे एक चपत लगा दी. वो दर्द से करहकर उठी बोली "तुम आदमी हो या जानवर, मारते हो …गधे जैसा तुम्हारा लंड है, इतना बड़ा 10 इंच का लंड मैने आज तक नही देखा है, मुझमे इतनी हिम्मत नही है कि मैं इससे जूझ पाउ, मुझे जाने दो."
मैने एक ना सुनी और मेरा लंड उसके मूह मे घुसेड दिया. और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. उसके मूह से गु गुगु गुगु गु की आवाज़ आने लगी. और उसकी आँखो मे पानी आ गया. जब मैने लंड बाहर निकाला तो वो ज़ोर्से हाफ़ रही थी. मैने मूह पे 1 और थप्पड़ मारा और कहा "इस उमर मे ऐसी हरकते करती हो तुम्हे सज़ा मिलनी ही चाहिए" मैने उसे वही खड़ा किया और उसकी चूत को सहलाने लगा, उसकी सासे तेज़ होने लगी और मैने ज़ोर से 1 उंगली अंदर घुसेड दी. वो चिल्लाने लगी वैसे ही मैने उसके मूह पे हाथ रख दिया. उसके हाथ पैर हिलने लगे.

अब मैने उसे कुत्ति की तरह आसान बनाके के खड़ा कर दिया . और बोला "ये ले मेरी रानी ……..मन मे बोला तू तो अब गयी" मैने अपना लंड उसकी चूत के उपर लगाया ..वो गोरी गोरी चूत काले घने बालो के बीच से मेरे लंड के सूपदे को पुकार रही थी. सेठानी की चूत की लाल लकीर काले बालो के बीच मे बहुत ही नाज़ुक और कोमल लग रही थी. मैने उसपे थोड़ा थुका, और चटा और और 1 उंगली डाल दी. सेठानी तड़पने लगी. मैने और थुका और चूत के लिप्स को अलग करते हुए अंदर देखने लगा. मैं जीवन मे पहली बार कोई चूत देख रहा था. वो इतनी हसीन थी कि लग रहा था कि देखते रहू..मैं सेठानी के चूतड़ मे उंगलिया डाल डाल के उसके लिप्स को बाजू कर कर के अंदर देख रहा था और थूक रहा था ऐसे लग रा था मानो मैं स्वर्ग मे हू. मैने अब चूत के अंदर के छोटेसे होल मे तीन उंगलिया डाली और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा. सेठानी तड़पने लगी और बोलने लगी "हल्लू हल्लू बहुत दुख रहा है वाहा ….हल्ल्लू हल्लू ".

मैने अभी देर ठीक नही समझी और मेरा लॉडा सेठानी के चूतड़ पे रखा और ज़ोर का झटका देके अंदर घुसेड दिया 1 ट्राइ मे 4 इंच अंदर चला गया और सेठानी बिखलने लगी "बाहर निकालो बाहर निकालो मैं मर जाउन्गि….बहुत दर्द हो रहा है" मैं बोला "अरे अभी तो आधा भी अंदर नही गया और बाहर निकालो चुपचाप खड़ी रहो मेरी रानी नही तो बाहर जाके सेठ जी को बोलता हू तेरी बीवी चुड़क्कड़ रांड़ है और सब से चुदवाती है तेरी रानी " इसके बाद वो कुछ ना बोली. सेठानी की चूत बहुत ही टाइट थी. इसके कारण मेरा लंड एकदम जाम हो गया हो ऐसे लग रहा था.

मैने 1 और ज़ोर का झटका लगाया और 3 इंच लंड अंदर घुसेड दिया. और सेठानी की आँखोसे आँसू निकल आए. "अरे अभी तो बाकी है ज़रा धीरज से काम लो " सेठानी बोली "इसे बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है मैं कांप रही हू ….इतने बड़े लंड की आदत मुझे नही है" मैं बोला "तो आदत डाल लो अभी तो मैं तुम्हारे गाव मे रहने वाला हू रानी …और इस दरम्यान तू अगर ,मुझसे चुदवाने से इनकार करेगी तो सब गाव वालो को जाके बोल दूँगा …समझी …? अब चुपचाप पड़ी रहना नही तो बहुत ज़ोर्से धक्का मारूँगा…" वो फिर चुप होगयि और मैने और 1 ज़ोर से धक्का मारा तो उसकी ज़ोर्से चीख निकल पड़ी और वो नीचे फिसल गयी. मैने उसके मूह पे हाथ रखा था इसलिए आवाज़ बाहर नही गयी. परंतु फिसलने के कारण मैं भी उसके उपर फिसल गया और मेरा पूरा लंड जड़ तक उसके चूत मे घुस गया. अब वो ज़ोर से कराहने लगी और हाथ पाव हिलाने लगी. परंतु मेरे उपर जानवर सवार था मैने उसके उपर धक्के शुरू कर दिए. और सेठानी को नानी याद आ गयी…वो ज़ोर ज़ोर से पाव हिलाने लगी और मुझे बाजू धकेलेने की कोशिश करने लगी ….उसकी चूत, मूह, गाल सब लाल –लाल हो रहे थे.

चूत नरम और छोटी होने के कारण एकदम मेरे लंड को पूरी तरह चिपक गयी जैसे मानो जन्मोसे मेरा लंड उसका साथी हो….लंड अंदर जाके पूरा गीला हो गया था…और मैं मदहोश हो रहा था उसी क्षण मैने सेठानी को उपर उठाया लंड बाहर निकाला और ज़ोर का झटका मारा सेठानी फिरसे घुटने से फिसल गयी और मेरा लंड जड़ तक उसके पेट तक घुस गया. और वो रोने लग गयी और बोली "सस्सस्स….हिस्स्स…..इसे बाहर निकालो नहियीईईई तो मैं मररर्र्र्र्ररर जाउन्गि ईई….मुझे बहुत दर्द हो रहा आआआअ है …आआ ईईए ऐसे तो मेरी चूत से खुन्न्न्न..निकल जाएगा .…आ एयेए आआ…ईयीई"

अब मैने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी और थोड़ी ही देर मे सेठानी के पानी के साथ मेरा भी वीर्य निकल गया. मैने सेठानी की चूत से लंड निकाल के उस पर थूक कर सेठानी के मूह मे घुसेड़ने लगा. उससे मेरा लंड चॅट के पूरा साफ करवाया. और सेठानी को उसकी सारी वापस दे दी. सेठानी पूरी लाल नीली हो गयी थी. उठने के लिए भी उसे मेरे सहारे की ज़रूरत पड़ी. मैने उसे हाथ देकर उठाया और बोला "जल्दी से यहा से निकलो और तैयार होके बाहर आ जाओ..समझी …. सेठ जी को अगर शक आ गया तो मेरी नौकरी लगने से पहले ही छूट जाएगी" और मेरी रानी कहकर उसके मूह का 1 कस के चुम्मा ले लिया.

मैं बाहर आने के लिए बाथरूम का दरवाजा खोला, तो मैं दंग रह गया. सामने सेठानी की बहू खड़ी थी. मुझे देखते ही उसने 1 उंगली अपने दात तले दबा ली और हल्केसे मुस्कुराइ और बोली " आपने तो सासू मा की छुट्टी कर दी…" मैं और सेठानी दंग रह गये, मैं बोला "वो –वो…… " बहू बोली " ये वो छोड़िए, अब मैं सब जाके ससुर्जीको बोलने वाली हू …" और मुस्कुराने लगी. इधर मेरी और सेठानी की हालत पतली हो जा रही थी. बहू ने हमे बाथरूम के बाहर खड़े होके रगेहाथ पकड़ लिया था. मैं बोला "ग़लती हो गयी…." उधर सेठानी बोली "किसी को मत बताना बहू ….तुझे मेरी कसम"
दोस्तो क्या बहू ने अपने ससुर को हमारे बारे मे बताया या फिर वो भी अपनी चुदाई करवाने के लिए हमे झूठी धमकी दे रही थी आगे की कहानी जानने के लिए पढ़े इस कहानी का पार्ट २ आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.........



 Imaandar Naukar--1


University se padh ke mai ab mai graduation complete kar chukka tha. Mai bachpan se hi anath tha. Mai 1 chote se gaon me pala badha aur baad me university se graduation complete kar liya. Isme mere maamaji ka bahut hi bada haat tha. Unhi ke kripa se mai ek kaabil aadmi ban paya tha. Pichale do char mahino se maamaji mujhe aksar kehte the ki mere ek mitra Gayapur jilhe se aanewale hai apne bahu ko leneke liye, jisne teen mahine purva hi ek bacche ko janma diya tha.

Ek din sabere sabere mujhe uthate huye mamaji bole "tumhe Gayapur jana hoga shejathi ke saath" jab maine pucha ki kyu to jawaab mila "Unke yaha pe ek acche aur immandar vyakti ki unhe jarurat hai to maine tumhara naam aage kar diya aur wo tumhe acchi tankhwah dene ke liye bhi raaji ho gaye hai " to maine pucha ab aage kya to mamaji bole "to tumhe unke saath jaana hoga, 2 din ka train ka safar hai, train kal dopehar 2 baje nikalane wali hai sab tayyari kar lo"

Mai koi gaav –vaav me kaam nahi karna chahataa tha parantu mamaji ka hukm tha to maine sab tayyari kar li aur duasare din mamaji ke saath station pe pahhuch gaya.

Station pe pahuchate hi mamaji ne mujhe shethji se milvaya. Shethji middle aged lag rahe the parantu unki chal dhal se pata chal raha tha ki budha to bahut hi thanda hai, ek baat bolneko 10 min leta hai. Phir mamaji ghar ke liye chal diye. Utane me hi traan aa gayi. Aur kuli ne jaldi se 2 aurato ke saath hamara samaan train me chadha diya. Jaise ki shethji bade aadmi the aur bahut paisewale the unhone 6 logo ka 1 pura AC compartment hi book karvaya tha. Kyu ki unki bahu aur biwi bhi unake janewali thi jo bahuko lene aayi thi.

Jab mai andar aake baitha to mujhe aise laga jaise mai kahi jannat me aa gaa hu. Shethji ke biwi ko dekh ke aise lag raha tha ki koi madmast haseena train me baithi ho. Uska wo gol matol chehara, pushta bahein, badi badi chuchiya jo unake blouse se saaf dikhai de rahi thi, badi –lachakili kamar, aur mote bhari gaand dekh me mai dang reh gaya aur mai dekhate hi reh gaya jab shethj ne baith jao kaha tab mai hosh me aya. Mi sheth ji ke biwi ke pass baith gaya, baithate hi Shethji ke biwi komal bahen mere hatho se takarayi aur mere sharir me current utar gaya. Mai jeevan me pehali baaar aisa ehsaas kar raha tha. Mera lund ase khada ho gaya jaise mano koi bamboo ho. Shethji ke biwi mujhe dekhkar has rahi thi. Aur mujhe chipakne ki koshish kar rahi thi. Mere saamane shethji ki bahu bathi thi aur bacche ko sula rah thi aur shethj bahar dekhte huye hava kha rahe the. Bahu ke taraf dekha to mai katai dang reh gaya, wo apani saas se daspat sundar thi aur haseen thi, kya figure thi uski maano bhagwaan ne uskki eke k cheej ghanto barbaaad kar kar ke banayi ho. Usaki chuchiya blouse se bahar aneke liye maano jaise taras rahi ho. Aur delivery ke karan to aur haseen aur kamseen dikh rahi thi. Parantu thodi udas udas dikh rahi thi. Idhar Shethji ki biwi mujhse chipake ja rahi th aur mere haath se haath ghisane ka koi mauka nahi chod rahi thi. Utane me bahu ka pair mere pairo ko laga aur mai chamak utha. Maine apana pair thoda piche khicha, parantu thodi der me wohi ghatna ho gai mai samaz gaya ki sheth ji ki bahu naaraj naaraj kyu hai aur ye kya ho raha hai. Isne bade lambe samay se chudavaya nahi isi kaaran ye garam ho rahi hai aur paav ko paav ghis rahi hai. Thodi der me bahu meri taraf dekhkar thoda thoda hasane lagi. Mai bhi paav aage karne laga thodi hichkhichahat thi parantu abhi hausala badh raha tha. Maine apana paav uski talpaav se upar chadhana shuru kiya aur mujhe wo naram naram chikani chikani paav se pyar ho gaya aur mai paav jor jor se ghisane laga. Dhar bbaju me Shethji ki biwi ne mere daye sde ke pair par haath rakh diya aur usape apani saari saraka dee, so ki koi dekh na paye. Ma thoda nervous hone ke kaaarna udhar se utha gay aur bathroom ki aur chal diya. Jase hi mai bathroom ka darwaja band karnewala tha, amine dekha Shethji ki biwi mera haath pakad lee aur chupake se andar ghus ai mai kuch samajh pau iske pehle hi usne mujhe chup rehne ka ishara kiya aur apane sharir se mujhe jakad liya. Ab to bass mera land pura ke pura khada ho gaya. Us sparsha se mera rom rom jal utha raha tha. Shethji ki biwi chuchiya mere chati se chipak rahi thi aur mujhe swarga me jane ka abhas ho raha tha. Maine jor se Shethji ki biwi ke muh me muh dla aur jor se kiss karne lga wo bhi mujhe jorse kiss karne lagi. Hamar dono ki jeebh ek dusare takara rahi thi aur mujhe bahut hi anand aa raha tha. Shethji ki biwi ne mere muh se thuk chatani shuru ki aur meri thuk apani muh me le li. Aur mere pant k zip kholane lagi.

Zip kholate hi mera pahad jaisa lund bahar ya aur shethani use dekhate reh gayi boli " mujhe maaf kar do mujhe tumhari aukat ka pata nahi tha, mai jati hu mujhe jane do " maine shethani ki saaree pakadli chut k najdik ke jake baal sahalaye aur halkese khiche, Aur wo jor se karah uthi. Uske chut ke baal mere haath me the aur wo madmast dikh rahi thi. Uske lal lal otho ko mai dato se chabane laga aur uska mukhras apane much me lene laga. Maine shethani ko bola "tu yaha aayi apani marzi se ho jaogi meri marjise randi" aur wo thodi dar si gayi.

maine uski saari kholne laga. Jaise hi saree khol raha tha uska wo aseem saundarya mai apane khuli aankho me samane laga, ab mere lund ke supade se paani nikalane laga, maine saree kholi aur khade khade hi uske peeth se chipak gaya, uskegaalo ko sehlatey huye, lund ko uski gaand ke do pahado ke dari ke beech ghisane knickers se ghisane laga…uski gaand ka gherav bahut hi mast tha….ab mujhe bahut hi anand aa rha tha, aur abhi mai peeth ko puri tarah se chipak gaya, aur uske sharir ko apane andar mahsus karne laga …mera anga anga romanchit ho raha tha…aur usi waqqt maine soch liya ki ek din mai iski gaand is tarah fadunga ki ye kisise chodane se pehle 10 baar sochegi. Ab maine shethanni ki knicker bhi nikal dee.

Shethani sirf blue blouse me mere samane khadi thi. Us apardarshak blouse se uski chuchya saaf dikh rahi. Ek chuchi ko muh me leke maine use blouse ke bahar se hi chatane laga….blouse gila ho raha aur shethanii ka nipple sakt hote ja rahe tha uske tang blouse se uske kakh ke niche ke kale baal dikh rahe the thode thode mane unhe thodasa khicha…"aaa…aa…eee"…aur wo aage piche dolne lagi thi maine 1 chuchi ko halkese kat liya shethani boli "hallu hallu" mai hasne laga….aur maine phirse kat diya …aur wo karah uthi…..usk aankhe lal ho rahi thi aur gaal maano jaise tamatar ki tarah phul rahe the. Maine use wohi niche bitha diya aur muh pe ek zapad laga dee. Wo dard se karahkar uthi boli "tum aadmi ho ya janwar, marte ho …gadhe jaisea tumhara lund hai, itana bada 10 inch ka lund maine aaj tak nahi dekha hai, mujhme itani himmat nahi hai ki mai isse juj pau, mujhe jane do."
Maine ek na suni aur mera lund uske muh me ghused diya. Aur jor jor se zatake marne laga. Uske muh se gu gugu gugu gu aawaj ane lagi. Aur uske aankh me paani aa gaya. Jab maine lund bahar nikala to wo jorse haaf rahi thi. Maine muh pe 1 aur thappad mara aur kaha "Is umar me aisi harkate karti ho tumhe saja milni hi chahiye" maine use wohi khada kiya aur uske chut ko sahlane laga, uski saase tez hone lagi aur maine jor se 1 ungali andar ghusedd dee. Wo chillane lagi waise hi maine uske muh pe haath rakh dia. Uske haath pair hilane lage.

Ab maine use kutti ki tarah aasaan banake ke khada kar diya . aur bola "ye le meri ranee ……..man me bola tu to ab gayi" maine apana lavda uski chut ke upar lagaya ..wo gori gori chut kale ghane balo ke beech se mere lund ke supade ko pukar rahi thi. Shethani ki chut ki lal lakir kale balo ke beech me bahut hi naajuk aur komal lag rahi thi. Maine uspe thoda thuka, aur chata aur aur 1 ungali dal dee. Shethani tadapane lagi. Maine aur thuka aur chut ke lips ko alag karte huye andar dekhane laga. Mai jeevan me pehli bar koi chut dekh raha tha. Wo itani haseen thi ki lag raha tha ki dekhate rahu..Mai shethani ke chuttad me ungliya dal dal ke uske lips ko baaju kar kar ke andar dekh raha tha aur thuk raha tha aise lag rha tha mano mai swarg me hu. Maine ab chut k andar ke chotese whole me teen ungaliya dale aur jor jor se andar bahar karne laga. Shethani tadapane lagi aur bolne lagi "hallu hallu bahut dukh raha hai waha ….halllu hallu ".

Maine abhi der thik nahi samazi aur mera lauda shethani ke chutad pe rakhaaur jor ka zatka deke andar ghused diya 1 try me 4 inch andaar chala gaya aur shethani bikhalane lagi "bahar nikalo bahar nikalo mai mar jaungi….bahut dard ho raha hai" mai bola "are abhi to aadha bhi andar nahi gaya aur bahar nikalo chupchap khadi raho meri raanee nahi to bahar jake shethji ko bolta hu teri biwi chudakkad rand hai aur sab se chudawati hai teri raanee " iske baad wo kuch na boli. Sheethani ki chut bahut hi tight thi. Iske karaan mera land ekdum jam ho gaya aise lag rha tha.

Maine 1 aur jor ka zatka lagaya aur 3 inch lund andar ghused diya. Aur shethani ke aankhose aansu nikal aye. "are abhi to baki hai jara dheeraj se kaam lo " shethani boli "Ise bahar nikalo mujhe bahut dard ho raha hai mai kamp rah hu ….itane bade land ki aadat mujhe nahi hai" mai bola "to aadat dal lo abhi to mai tumhare gaav me rehne wala hu raanee …aur is daramyan tu agar ,mujhse chudwaane se inkaar karegi to sab gaav waalo ko jaake bol dunga …samzi …? Ab chupchap padi rehna nahi to bahut jorse dhakka maruunga…" wo phir chup hogayi aur maine aur 1 jor se dhakka mara to uski jorse chikh nikal padi aur wo niche phisal gayi. Maine uske muh pe haath rakha tha isliye aawaj bahar nahi gayi. Parantu phisalane ke karan mai bhi uske upar phisal gaya aur mera pura land jad tak uske chut me ghus gaya. Ab wo jor se karahane lagi aur haath paav hilane lagi. Parantu mere upar jaanwar sawar tha main e ek ke upar dhakke shuru kar diya. Aur shethani ko naani yad aa gayi…wo jor jor se paav hilane lagi aur mujhe baaju dhakelene ki koshish karne lagi ….uski chut, muh, gal sab lal –lal ho rahe the.

Chut naram aur choti hone ke karan ekdum mere land ko puri tarah chipak gayi jaise mano janmose mera lund uska saathi ho….lund andar jake pura gila ho gaya tha…aur mai madhosh ho raha tha Usi kshana maine shethani ko upar uthaya lund bahar nikala aur jor ka zatka mara shethani phirse ghutane se phisal gayi aur mera lund jad tak uske pet tak ghus gaya. Aur wo rone lag gayi aur boli "sssss….hisss…..isse bahar nikalo nahiiiiiii to mai marrrrrrrrr jaungi eeee….mujhe bahut dard ho raha aaaaaaa hai …aaaa eeeee asie to mere chut se khunnnn..nikal jayega .…aa aaa aaaa…eee"

Ab maine dhakko ki rafter badha dee aur thodi hi der me shethani ke pane ke saath mera bhi virya nikal gaya. Maine shethani ki chut se lund nikal ke us par thuk kar shethani ke muh me ghusedane laga. Usase mera lund chat ke pura saaf karvaya. Aur shethani ko usaki saree vapas de dee. Shethani puri lal nili ho gayi thi. Uthane ke liye bhi use mere sahare ki jarurat padi. Maine use haath dekar uthaya aur bola "Jaldi se yahase nikalo aur taiyyar hoke bahar aa jao..samzi …. shetaji ko agar shak aa gaya to meri naukari lagne se pehle hi chut jayegi" Aur meri ranee kahkar uske muh ka 1 kas ke chumma le liya.

Mai bahar aaneke liye bathroom ka darwaja khola, to mai dang reh gaya. Samne shetaji ki bahu khadi thi. Mujhe dekhate hi usane 1 ungali apane daat tale daba lee aur halkese muskurayi aur boli " Aapne to saasu maa ki chutti kar dee…" Mai aur shethani dang reh gaye, mai bola "Wo –wo…… " bahu boli " ye wo chodiye, ab mai sab jake sasurjiko bolne wali hu …" aur muskurane lagi. idhar meri aur shethani ki halat patli ho ja rahi thi. Bahune hume bathroom ke bahar khade hoke ragehaath pakad liyaa tha. Mai bola "Galti ho gayi…." Udhar shethani boli "Kisi ko mat batana bahu ….tuze meri kasam"
kramashah.........







Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,


No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator