Saturday, November 5, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ वो सात दिन --3

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

वो सात दिन --3

गतान्क से आगे...............
मैं दोनो के लिए फ्रेश जूस लाया और फ्रूट्स काट के प्लेट मे सज़ा दिए.
ड्रिंक्स और फ्रूट सर्व कर के मैं भी सोफे पे बैठने लगा तो अनु बोली..
यहाँ नही, अपनी जगह पे बैठो.. उसकी उंगली का इशारा ज़मीन पे था.. मैं
उनके कदमो में बैठ गया….

अनु ने अपने झूठे ग्लास में अपना बचा हुआ जूस मुझे पीने को दिया…
जो मैने खुशी खुशी पी लिया… यह देख के वीना भी मुस्कुरा दी और बोली… "यह
चाट पहले" और उसने अपने ग्लास से 2-4 बूँद जूस अपने सॅंडल पे गिरा दिए..
मैने उसके सॅंडल से जूस चाट लिया… मैं जानता था के इन को खुश कर दिया तो
अनु मुझे सब कुछ दे देगी जो मैं बड़ी बेकरारी से चाहता था…

अनु – वीना, तू वो सीडी लाई आई ना..
वीना – लाई हूँ.. चल आ, देखते हैं
अनु – सूबी, तुम जा के यह सीडी लगाओ. और जल्दी से देख लो तुम्हे क्या करना है
वीना – हां, सारे स्टाइल्स देख लो, आज तुम्हे हम लोग ट्रैनिंग देंगी
दोनो हंसते हुए फ्रूट्स खाने लगी
मैं सीडी ले कर अनु के कमरे आया और पासवर्ड मुझे पता था तो फटाफट कंप्यूट
ऑन किया और सीडी लोड कर दी.

सीडी इंटरनेट से डाउनलोडेड थी जिस में फीमेल डॉमिनेशन वाली ब्लू फिल्म
थी… यानी ऐसी ब्लू फिल्म जिस में आदमी एक दास या गुलाम की तरह औरत के साथ
सेक्स करता है.. सीडी देख के मेरा एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से पहले ही माल
छूट गया. मेरी पॅंट आगे से गीली हो गयी…

दोनो कमरे में आ गयी और मेरी पॅंट का गीलापन देख के हँसने लगी…
वीना – चलो अच्छा हुआ पहले ही छूट गया.. अब कोई डर नही
अनु – ना भी छूटा होता तो भी क्या डर था. कल दिन भर यह कुत्ते की तरह
मेरी चाट रहा था, एक बार भी अपनी लिमिट्स से बाहर नही गया
वीना – बहुत काम का और अच्छा लड़का है
अनु – लड़का नही कुत्ता है
दोनो हँसती रही….

मैने सीडी शुरू से लगा दी…. दोनो बेड पे बैठी थी और मैं उनके पैर दबा रहा
था… जब भी उनका दिल करता वो मेरे मुँह पे अपने पैर लगा देती और मैं चाटने
लगता.. धीरे धीरे टाँग और फिर थाइस चटवाने लगी…… और फिर दोनो एक दूसरे के
ब्रेस्ट चूसने लगी… और मैं उनके सेंटर पॉइंट को चाटने लगा….

दोनो ने मुझे अपना अपना माल पीलाया और मेरी जीभ को खूद अंदर तक जाने दिया….

वीना – अनु तू तो बता रही थी के यह बॅक साइड भी चाट्ता है..
अनु – हां, कल मेरी बॅक इस ने खूब स्वाद से चॅटी थी..सूबी आ के मेरी बॅक चॅटो
मैने मुँह अनु के हिप्स के अंदर डाल दिया…
वीना – अनु क्या इस की जीभ तेरे अंदर तक चाट रही है
अनु – हां बिल्कुल अंदर तक…
वीना- मुझे विश्वास नही होता
अनु – सूबी, जा कर अब वीना की बॅक चॅटो.. तभी इस को विश्वास होगा के तुम
मेरी बॅक के अंदर भी जीभ डाल के चाटते हो..
मैं वीना के बॅक पे पहुँच गया.. वीना जैसे पहले से ही तय्यार थी… उसने
खड़े होने की जगह, दोनो हाथ और पैर पे हो गयी और अपने हिप्स उपर उठा के
खोल दिए… मैं अपना मुँह उसके बीच में लगा के चाटने लगा
वीना – मज़ा नही आया.. इस की जीभ ज़्यादा अंदर नही जा रही.. अनु एक कम
कर.. तू इस के सर को अपने पैरों से दबा… ताकि इस का मुँह मेरे हिप्स में
से ना हटे….
अनु- वाउ .. टीक है,पहले मैं इस का सर तेरे बॅक में दबा देती हूँ. फिर
मैं भी ऐसे ही चटवाउन्गि
अब अनु ने खड़े हो के अपने एक पैर को मेरे सेर की बॅक पे रखा और दबा
दिया.. मेरा मुँह वीना की बॅक के अंदर तक गया और मेरी जीब बहुत अंदर तक
घूमने लगी…

मुझे साँस लेने में भी तकलीफ़ हो रही थी, पर मैं चाट्ता रहा… मेरे मुँह
को लाल होता देख अनु ने पैर हटा लिया तो मुझे साँस आने लगी.
फिर वीना कर माल छूटा और मैने दोबारा से उस की फ्रंट को चूस कर सारा माल पीया.

अनु ने भी अपनी बॅक मुझ से ऐसे ही चटाई…
फिर मैने दोनो को लंच सर्व किया…. अब वीना को वापिस अपने घर जाना था….
जात हुए उसने कहा – अनु लास्ट बार ज़रा सुबी को बोल के मेरे सेंटर पॉइंट
और बॅक को चाट ले….
अनु ने मुझे हाथ से इशारा किया…
तभी डोर बेल बजी…. और पड़ोस से कोई आंटी जी आ के बैठ गई.. शायद कुछ समान
लेने आई थी.

वीना से रहा नही गया और वो मुझे बोली "सुबी भाई, ज़रा मुझे मेरी बुक्स
ढूढ़ने में हेल्प करना..
मैं वीना का इशारा समझ गया. पहली बार इतनी इज़्ज़त से बोल रही थी क्यूँ
की सामने कोई आंटी जी बैठी थी.

वीना रूम से होते हुए बाथरूम की तरफ चली गयी. मुझे भी आइडिया था कि वो
वही गयी होगी…. वीना ने मेरे आते ही बाथरूम बंद किया और बोली – "यह ले
तेरा इनाम…."
और उस ने मेरे मुँह को अपने सेंटर पॉइंट से लगाया…. मेरा मुँह गरम पानी
से भर गया.. वो मेरे मुँह में थोड़ा सा पेशाब भी कर रही थी…. मैने सब कुछ
पी लिया.
वीना – अबे गधे… साले मेरे पीशाब को भी पी गया.. शाबाश…
हम दोनो बाहर आ गये. अब तक पड़ोस वाली ऑंटी जा चुकी थी.

वीना – अनु यह तो बहुत अच्छा है.. अब तुझे बाथरूम करने के लिए बेड से
उठने की ज़रूरत नही
अनु – हां… मतलब यह कुत्ता तेरा पीशब भी पी गया..
वीना- अच्छा तो क्या यह तेरा पीशब पी चुक्का है क्या… मैने सोचा शायद यह
पहली बार है के यह मेरा पी रहा है.
अनु – कल इस ने मेरे पीशाब वाली पॅंटी चॅटी थी और आज तेरा पीशाब पी गया.. वाउ

मैं अपनी तारीफ सुन के मज़े ले रहा था.

अनु – जा के नहा लो… कहीं दीदी को तुम से स्मेल ना आ जाए…वैसे भी आज दीदी
के स्कूल में रिज़ल्ट निकलना है, तो आज वो जल्दी आने वाली हैं.

मैं नहाने गया , अनु वीना को छोड़ने बाहर तक गयी .

मुझे अब अपने प्लान को साकार करना था. मैं सुबह अनु को बता चुक्का था के
मैं आंटी की पॅंटी भी चाट्ता हूँ और आंटी को अच्छा भी लगता है. अब बस
इंतेज़ार था के अनु अपनी दीदी यानी मेरी आंटी को यह बता दे, ताकि दोनो
आपस मे खुल जाएँ… अगर अनु ने अपनी दीदी से बात नही की, तो मैं खुद किसी
तरह से आंटी को बता दूँगा के मैं अनु के साथ भी सेक्सी खेल खेल रहा हूँ.
बॅस अब यही चाहत थी के मुझे रात को अकेले ना सोना पड़े.. दोनो आपस में
खुल जाए और मेरी रातें भी रंगीन हो जाए…..

शाम भी आ गई…. मैं और अनु खूब बातें करते रहे और "खेलते" भी रहे…
आंटी भी आ गयी.. वो बहुत थॅकी हुई थी.. उनको कुछ फीवर था…..

मैं बोला "क्या हुआ आंटी… आप को फीवर है क्या?"
आंटी – हां शायद.. आज सारा दिन स्कूल में बहुत काम था.
अनु चाइ बना के लाई और जैसे ही मैने देखा के अनु आ रही है, मैं आंटी के
पैर दबाने लगा…. आंटी हैरान परेशान हो गयी क्यूँ कि तभी अनु अंदर आ गयी….
मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था और आंटी के पैर दबाता रहा…

आंटी – "बस सूबी.. रहने दो ना…"
अनु – नही दीदी, दबाने दो, बहुत अच्छे से दबाता है…
आंटी – तुझे कैसे पता..
अनु – कल मेरा पैर फिसल गया था ना, तब इस ने बहुत अच्छे से दबाया कि
बिल्कुल भी दर्द नही हुई…
मैं बोला – आंटी आप चाइ लीजिए, तब तक आप का फीवर भी उत्तर जाएगा……

डिन्नर अनु ने तय्यार किया क्यूँ के आंटी को फीवर ज़्यादा था.
बेड पे ही डिन्नर के बाद अनु आंटी के पास बैठी थी.
मैं बोला –"मैं बर्तन धो लेता हूँ , अनु दीदी आप आंटी का ख़याल रखो"
अनु – ठीक है
आंटी – अरी अनु, क्या करती हो, उस से बर्तन धोल्वओगि
अनु – तो क्या हुआ दीदी
मैं बोला – मुझे अछा लगेगा अगर मैं आप की हेल्प कर सका…

दोनो मुस्कुरा दी

आंटी के सोने तक मैं बेड पे बैठा रहा
जब आंटी सो गयी तो मैं आंटी की अनु के पैर दबाने लगा….
रज़ाई मैं अब एक हाथ अनु की टाँग पे और दूसरा आंटी की टाँग पे था

कुछ देर बाद आंटी की नींद खुल गयी… तब भी मैं बैठा आंटी की टाँगो पे हाथ
फेर रहा था. आंटी मुस्कुराइ और अनु की तरफ देख.. वो सो गयी थी
मेरे हाथ रज़ाई में थे…. दोनो सोच रही होंगी के मैं एक की ही टाँगो पे
हाथ घूमा रहा हूँ… जब के मैं दोनो को गरम कर रहा था. दोनो ही जाग रही थी
पर सोने की आक्टिंग कर रही थी….

आंटी ने अनु को देखा.. वो सो रही थी.. आंटी ने मुझे दूसरे कमरे में जाने
का इशारा किया.
ड्रॉयिंग रूम में आंटी भी आ गयी और सोफे पे बैठ गयी…
आंटी – इतने सालों से दबे हुए लावा को तुम ने जगा दिया सुबी… तेरी वजह से
मुझे फीवर हो गया.. यह गर्मी तेरी ही दी हुई है…

यह कहते हुए आंटी ने मुझे सोफे पे लेटा दिया और मेरे उपर चढ़ गयी…
उसने अपनी एक टांग की सलवार खोली और मैने अपना पाजामा नीचे किया…
आप आंटी मेरी सवारी करने लगी….. सोफा भी चूं चूं की आवाज़ कर रहा था…
मैं जान के ज़्यादा हिल रहा था के आवाज़ से अनु भी वहाँ आ जाए….

अनु भी सोने का ड्रामा कर रही थी… उसे भी पता था के बाहर क्या हो रहा
है.. वो भी कुछ देर के बाद बाहर आ गयी….
अनु ने चुप चाप लाइट ऑन की… अजीब नज़ारा था, पर मैं टेन्षन फ्री था…
मैं सोफे पे, आंटी मेरे उपर और अनु सामने….
आंटी सकपका गयी.. पर अनु की हँसी छूट गयी और मेरी भी.. कुछ पल तक आंटी
सन्न रह गयी फिर हँसने लगी…. अब अनु मेरे मुँह पे दोनो तरफ टाँग कर के
बैठ गयी और मैं उसकी चाटने लगा…. आंटी मेरी सवारी कर रही थी….

आंटी – क्या तुम ने भी सूबी के साथ सब कुछ कर लिया?
अनु – नही दीदी, यह तो सिर्फ़ मेरी चाट्ता है… आगे और पीछे से बॅस!!!!
आंटी – ओह फिर तो ठीक है…. तुम भी चुदाई मत करवाना…
अनु – हां , जानती हू.. पर इस की जीभ ही काफ़ी है … बहुत अच्छे से चाट्ता है…
आंटी – अच्छा.. मैं भी ट्राइ करूँगी ..पर कल क्यूँ कि आज मुझे कुछ फीवर है
अनु – आप का काफ़ी फीवर तो इसने उतार दिया होगा
आंटी – हां .. उतारा कम और चढ़ाया ज़्यादा है …
आंटी कुछ देर बाद अपना माल छोड़ के उत्तर गयी
अनु – सूबी जा के अपने आप को धो लो और फिर आ जाओ रज़ाई मे….
आंटी – आने से पहले कुछ डेयाड्रांट भी लगा लेना
दोनो हँसने लगी

पूरी रात मे उनकी रज़ाई मे रहा और सुबह मेरे मुँह पे , होटो पे सूजन आ
गयी… मेरी जीभ पे भी दर्द हो रहा था… पर मंन अभी भी भरा नही था… एक जवान
लड़की और एक प्यासी औरत का माल, उनका रस और शायद कुछ और भी मैं पी चुक्का
था…
  क्रमशः...................
Main dono ke liye fresh juice laya aur fruits kat ke plate main saja
diye. Drinks aur fruit serve kar ke main bhi sofe pe baithne laga toh
Anu boli.. yahan nahi, apni jagah pe baitho.. uski ngli ka ishara
zameen pe tha.. main unke kadamo mein baith gaya….

Anu ne apne jhoote glass mein apna bacha hua juice mujhe peene ko diya…
Jo maine khushi khushi pee liya… yeh dekh ke Vina bhi muskura di aur
boli… "yeh chaat pehle" aur usne apne glass se 2-4 boond juice apne
sandalpe gira diye.. maine uske sandal se juice chaat liya… main janta
tha ke en ko khush kar diya toh Anu mujhe sab kuch de degi jo main
badi bekarari se chahta tha…

Anu – Vina, tu who CD layi ai na..
Vina – Layi hoon.. chal aa, dekhte hain
Anu – Subie, tum ja ke yeh CD lagao. Aur jaldi se dekh lo tumhe kya karn hai
Vina – haan, saare styles dekh lo, aaj tumhe hum log training dengi
Dono hanste hue fruits khane lagi
Main CD le kar Anu ke kamre aaya aur password mujhe pata tha toh
fatafat compute on kiya aur CD load kar di.

CD internet se downloaded thi jis mein female domination wali blue
film thi… yani aisi blue film jis mein aadmi ek daas ya gulam ki tarah
aurat ke saath sex karta hai.. CD dekh ke mera excitement ki wajah se
pehle hi maal chhot gaya. Meri pant aage se geele ho gayi…

Dono kamre mein aa gayi aur meri pant ka geelapan dekh ke hansne lagi…
Vina – chalo accha hua pehle hi chhot gaya.. ab koi darr nahi
Anu – na bhi chhotha toh bhi kya darr tha. Kal din bahr yeh kutte ki
tarah meri chaat raha tha, ek baar bhi apni limits se bahar nahi gaya
Vina – bahut kaam ka aur accha larka hai
Anu – larka nahi kutta hai
Dono hansti rahi….

Maine CD shuru se laga di…. Dono bed pe baithi thi aur main unke pair
daba raha tha… Jab bhi unka dil karta who mere munh pe apne pair laga
deti aur main chaatne lagta.. dheere dheere taang aur phir thighs
chatwane lagi…… aur phir dono ek doosre ke breast choosne lagi… aur
main unke center point ko chaatne laga….

Dono ne mujhe apna apna maal peelaya aur meri jeebh ko khood ander tak
jane diya….

Vina – Anu tu toh bata rahi thi ke yeh back side bhi chatha hai..
Anu – Haan, kal meri back es ne khoob swad se chaati thi..Subie aa ke
meri back chaato
Maine munh Anu ke hips ke andar daal diya…
Vina – Anu kya is ki jeebh tere andar tak chaat rahi hai
Anu – haan bilkul andar tak…
Vina- mujhe vishwas nahi hota
Anu – Subie, ja kar ab Vina ki back chaato.. tabhi es ko vishwas hoga
ke tum meri back ke andar bhi jeebh daal ke chaathe ho..
Main Vina ke back pe pahunch gaya.. Vina jaise pehle se hi tayyar thi…
usne khare hone ki jagah, dono haath aur pair pe ho gayi aur apne hips
upar utha ke khol diye… main apna munh uske beech mein laga ke chaatne
laga
Vina – maza nahi aaya.. is ki jeebh jyada ander nahi ja rahi.. Anu ek
kar kar.. tu is ke ser ko apne pairon se daba… taki is ka munh mere
hips mein se na hate….
Anu- wow .. teek hai,pehle main is ka ser tere back mein daba deti
hoon. Phir main bhi aise hi chatwaongi
Ab Anu ne khare ho ke apne ek pair ko mere ser ki back pe rakha aur
daba diya.. mera munh Vina ki back ke ander tak gaya aur meri jeeb
bahut ander tak ghoomne lagi…

Mujhe saans lene mein bhi takleef ho rahi thi, par main chatha raha…
mere munh ko laal hota dekh Anu ne pair hatya toh muhe saans aane
lagi.
Phir Vina kar maal chhota aur maine dobara se us ki front ko choos kar
sara maal peeya.

Anu ne bhi apni back mujh se aise hi chaati…
Phir maine dono ko lunch serve kiya…. Ab Vina ko wapis apne ghar jana tha….
Jaat hue usne kaha – Anu last baar zara Subi ko bol ke mere center
point aur back ko chaat le….
Anu ne mujhe hath se ishara kiya…
Tabhi door bell baji…. Aur pados se koi aunty ji aa ke baith gyi..
shayad kuch saman lene aayi thi.

Vina se raha nahi gaya aur who mujhe boli "Subi bhai, zara mujhe meri
books doondhne mein help karna..
Main Vina ka ishara samjh gaya. Pehli baar itne izzat se bol rahi thi
kyun ki samne koi aunty ji baith the.

Vina room se hote hue bathroom ki taraf chali gayi. Mujhe bhi idea ha
ke who wahi gayi hogi…. Vina ne mere aate hi bathroom band kiya aur
boli – "yeh le tera inaam…."
Aur us ne mere munh ko apne center point se lagaya…. Mera munh garam
pani se bhar gaya.. who mere munh mein thora sa peshaab bhi kar rahi
thi…. Maine sab kuch pee liya.
Vina – abe gadhe… sale mere peeshab ko bhi pe gaya.. shabash…
Hum dono bahar aa gaye. Ab tk pados wali aaunty ja chuki thi.

Vina – Anu yeh toh bhut achh hai.. ab tujhe bathroom karne ke liye bed
se uthne ki zroorat nahi
Anu – Haan… matlab yeh kutta tera peeshab bhi pee gaya..
Vina- accha toh kya yeh tera peeshb pee chukka hai kya… maine socha
shayad yeh pehli baar hai ke yeh mera pee raha hai.
Anu – kal is ne mere peeshaab wali panty chaati thi aur aaj tera
peeshab pee gya.. wow

Main apni tareef sun ke maze le raha tha.

Anu – Ja ke naha lo… kahin didi koo tum se smell na aa jaye…waise bhi
aaj did ke school mein result nikalna hai, toh aaj who jaldi aane wali
hain.

Main nahane gaya , Anu Vina ko chorne bhar tak gayi .

Mujhe ab apne plan ko sakar karna tha. Main subah Anu ko bata chukka
tha ke main Aunty ki panty bhi chath hoon aur Aunty ko accha bhi lagta
hai. Ab bas intezaar tha ke Anu apni did yani meri Aunty ko yeh bata
dey, taki dono aapas meinkhol jayen… agar Anu ne apni didi se baat
nahi ki, toh main khud kisi tarah se Aunty ko bata doonga ke main Anu
ke saath bhi sexy khel khel raha hoon. Bass ab yahi chahat thi ke
mujhe raat ko akele na sona parhe.. dono aapas mein khol jaye aur meri
raaten bhi rangeen ho jaye…..

Shaam bhi aa gai…. Main aur Anu khoob baaten karte rahe aur "khelte" bhi rahe…
Aunty bhi aa gayi.. who bahut thaki hui thi.. unko kuch fever tha…..

Main bola "Kya hua Aunty… aap ko fever hai kya?"
Aunty – haan shayad.. aaj sara din school mein bahut kaam tha.
Anu chai bana ke layi aur jaise hi maine dekha ke Anu aa rahi hai,
main Aunty ke pair dabane laga…. Aunty hairan pareshan ho gayi kyun ki
tabhi Anu ander aa gayi…. Main man hi man muskura raha tha aur Aunty
ke pair dabata raha…

Aunty – "Bas Subie.. rehne do naa…"
Anu – Nahi Didi, dabane do, bahut ache se dabata hai…
Aunty – Tujhe kaise pata..
Anu – kal mere pair phisal gaya tha na, tab is ne bahut acche se daba
ke bilkul bhi dard nahi hui…
Main bola – Aunty aap chai ligiye, tab tak aap ka fever bhi uttar jayega……

Dinner Anu ne tayyar kiya kyun ke Aunty ko fever jyada tha.
Bed pe hi dinner ke baad Anu Aunty ke paas baith thi.
Main bola –"main bartan dho leta hoon , Anu didi aap Aunty ka khayaal rakho"
Anu – theek hai
Aunty – aareey Anu, kya karti ho, us se bartan dholwaogi
Anu – toh kya hua did
Main bola – mujhe acha lagega agar main aap ki help kar saka…

Dono muskura di

Aunty ke sone tak main bed pe baitha raha
Jab aunty so gayi toh main aunty ki Anu ke pair dabane laga….
Razai main ab ek haath Anu ki taang pe aur doosra Aunty ki taang pe tha

Kuch der baad Aunty ki neend khul gayi… tab bhi main bait Aunty ki
tango pe haath pher raha tha. Aunty muskurai aur Anu ki taraf dekh..
woh so gayi thi
Mere haath razai mein the…. Dono soch rahi hongi ke main ek ke hi
tango pe haath ghooma raha hoon… jab ke main dono ko garam kar raha
tha. Dono hi jag rahi thi par sone ki acting kar rahi thi….

Aunty ne Anu ko dekha.. who so rahi thi.. Aunty ne mujhe doosre kamre
mein jane ka ishara kiya.
Drawing room mein Aunty bhi aa gayi aur sofe pe baith gayi…
Aunty – itne saalon se dabe hue lava ko tum ne jaga diya Sbie… teri
wajah se mujhe fever ho gaya.. yeh garmi teri hi di hui hai…

Yah kethe hue aunty ne muje sofe pe leta diya aur mere upar chad gayi…
Usne apni ek tang ki salwar kholi aur main apna pajama neeche kiya…
Aap aunty meri sawari karne lagi….. sofa bhi choon choon ki awaaz kar raha tha…
Main jaan ke jyada hil aha tha ke awaz se Anu bhi wahan aa jaye….

Anu bhi sone ka drama kar rahithi… use bhi pata tha ke bahar kya ho
raha hai.. who bhi kuch der ke bad bahar aa gayi….
Anu ne chup chaap light on ki… ajeeb nazara tha, par main tension free tha…
Main sofe pe, Aunty mere upar aur Anu samne….
Unty sakpaka gayi.. pr Anu ki hansi chhot gayi aur meri bhi.. kuch pal
tak aunty sann reh gayi phir hansne lagi…. Ab Anu mere munh pe dono
taraf taang kar ke baith gayi aur main uski chaatne laga…. Aunty meri
sawari kar rahi thi….

Aunty – kya tum ne bhi Subie ke saath sab kuch kar liya?
Anu – Nhi didi, yeh toh sirf meri chatha hai… aage aur peeche se bass!!!!
Aunty – oh phir toh theek hai…. Tum bhi chudai mat karwana…
Anu – haan , janti hon.. pr is ki jeebh hi kafi hai … bahut ache se chaatha hai…
Aunty – accha.. main bhi try karoongi ..par kal kyun ki aaj mujhe kuch fever hai
Anu – aap ka kafi fever toh isne utaar diya hoga
Aunty – haan .. utaara kam aur chadhaya jyada hai …
Aunty kuch deer baad apna maal chor ke uttar gayi
Anu – Subie ja ke apne aap ko dho lo aur phir aa jao razai main….
Aunty – aane se pehle kuch deodrant bhi laga lena
Dono hanse lagi

Poori raat main unki ki razai main raha aur subah mere munh pe , hoton
pe sojish aa gayi… meri jeebh pe bhi dard ho raha tha… par mann abhi
bhi bhra nahi tha… ek jawan larki aur ek pyaasi aurat ka maal, unka
ras ar shayad kuch aur bhi main pee chukka tha…


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