Saturday, November 5, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ मासूम चुदाई

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
मासूम चुदाई
अनु नाम का पात्र, एक ऐसी लड़की का है जो अभी 17-18 साल की नवयुवती है और
एक अच्छे और आर्थिक दृष्टि से बहुत ही अच्छी स्थिति वाले परिवार से
संबंधित लड़की है। हालांकि वो खूबसूरत है, कामुक है पर अभी अपनी इस यौवन
अवस्था के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती है, उसकी सहेलियों का जो समूह
है हालांकि वो काफी आगे पहुँच चुका है इन मामलों में...पर अनु कभी आगे
नहीं बढ़ पायी, और उम्र के इस पड़ाव पर पहुँचने के बावजूद भी उसमे नादानी,
भोलापन और मासूमियत अभी भी है।

अमित काफी दिन से उसके संपर्क में था, पर इतना नजदीक आने का जब उसे समय
मिला तो उसने उसे जाने नहीं दिया और उधर अनु को जब अमित से इतने नजदीक
आने का समय मिला तो उसने भी इस अवसर को अपने हाथ से नहीं जाने दिया। अमित
के नेचर के बारे में तो पहले से ही जानते हो कि वो किस प्रवर्ती का लड़का
है।
अनु: हेलो अमित....आप आ सकते हो....मुझे लेने के लिए।
अमित: ओके...प्रोग्राम हो गया पूरा?
अनु:हाँ...बस पूरा ही होने वाला है....आ जाओ आप।

और कुछ ही मिनटों में अमित स्कूल पहुँच गया और अनु को वहाँ से ले कर घर
की तरफ चल दिया। रास्ते में उसने अनु से पूछा....
अमित: तो अनु....कैसा रहा...?
अनु: बहुत अच्छा....बहुत मजा आया...हमने खूब डांस किया...
अमित: अच्छा....वाउ
अनु: हाँ....कुछ लड़कों ने बहुत अच्छा डांस किया था.....बेवकूफ से थे।
अमित: तुमने उनके साथ किया था डांस?
अनु: नहीं...मैं वैसे भी उनके साथ डांस नहीं कर सकती थी।
अमित: क्यों...?
अनु: अरे...वो बहुत अच्छा डांस कर रहे थे...और मुझे उनके बराबर डांस नहीं आता न...
अमित: चलो कोई नहीं.......


थोड़ी देर में ही दोनों घर पहुँच गए। अमित ने कार पार्क की और मेन गेट लोक
कर दिया। अनु रसोई में थी।
अनु: अमित...कोल्ड आइस टी पीयोगे?
अमित: हाँ....हाँ।

अनु ने आइस टी बनाई और दोनों ड्राइंग रूम मे आकार खड़े हो गए। अनु ने
स्टेरियों प्लेयर में कुछ सीडी लगाई और बोली।
अनु: अमित....याद है....सुबह आपकी फॉर्च्यून कूकीज में क्या लिखा
था.....अपने अनुभव को बांटिए....तो क्या आप मुझे थोड़ा बहुत डांस स्टेप
सीखा सकते हो....प्लीज
अमित: तुम्हें मना कौन कर सकता है? चलो आओ...इधर सिखाता हूँ.....

अमित ने उसे अपनी तरफ बुलाया...अनु आई और अमित ने उसका एक हाथ अपने हाथ
में लिया और दूसरे हाथ को अपनी पींथ पर रखवा दिया, और अमित ने अपना दूसरा
हाथ अनु की कमर पर रख दिया। दोनों ने एक दूसरे से कुछ दूरी रखी हुयी थी।
और फिर दोनों ने बज रही धुन पर स्टेप्स लेने शुरू कर दिये।

अमित से रहा नहीं गया और उसने अपनी दोनों हथेलियाँ उसकि ओर बढ़ा  दी,
उसने ब्रा के ऊपर से ही उसके दोनों स्तनो को अपनी हथेली में महसूस करते
हुये कहा।

अमित: अनु, तुम्हारे बूब्स तो बहुत ही अच्छेहैं...औरयह कहते हुये उसने
ब्रा केऊपर से ही उसकेएक स्तन के निप्पल को अपने होंठों में दबा लियाऔर
चूमनेलगा।
अनु: आह....अमित....बहुत गुदगुदी सी होरहीहै।
अनु ने अपनी उंगलियाँ अमित के सर में चलाते हुये कहा।

अनु के मुह से हल्की हल्की सिसिकारी भरी आवाज़ेंआना शुरू हो  चुकी क्योंकि
अमित की जीभ से अनु की ब्रा गीली होती जा रही थी और उसके उभरे हुये
निप्पल अमित के होंठों की गरमाहट महसूस कर पा रहे थे। अमित ने देखा कि
अनु की ब्रा के दोनों कप्स के बीचों बीच एक स्लाइडर हुक लगा हुआ था, जिसे
अमित ने अपनी उंगलियों की मदद से खोल लिया और उन्हे एक तरफ खिसकाते हुये
अनु के कंधों पर से ब्रा के स्ट्रेप्स को धकेलते हुये पूरी ब्रा को उतार
डाला।

अमित का इंतजार समाप्त हुआ, अनु के उन्नत अन छूए स्तन उसके सामने थे।
उसके दोनों स्तन उभार उसकी छाती पर बड़ी ही आकर्षण युक्त छवि के साथ दिखाई
पड़ रहे थे। उसके निपपल्स का काला घेरा एकदम गोल और थोड़ी ज्यादा गोलाई लिए
हुये थे। अमित ने बिल्कुल भी देर करना उचित नहीं समझा और तुरंत ही उनमे
से एक निप्पल को अपने होंठों के बीच दबा लिया।

अनु: आह....ओह अमित, मुझे कुछ हो रहा है....फिर से कुछ अजीब सा हो रहा
है...इन्हे मत चूसो...

अमित अपने मन में सोचने लगा कि अनु तो वास्तव में एक पटाखे की तरह है, बस
एक छोटी सी चिंगारी और यह जल उठती है....अमित ने एक निप्पल को अपने मुह
में लिया हुआ था और दूसरे को अपने अंगूठे और उंगली की मदद से दबा रहा था।
अभी अभी योवनावस्था में कदम रखने वाली अनु के लिए यह सब बहुत ज्यादा ही
था, जिसकी वजह से उसे अपनी योनि के अंदर संसनाहट महसूस होने लगी थी और
उधर अमित भी कभी बाएँ तो कभी दायें निप्पल को चूस रहा था। और फिर बीच बीच
में वो उसके स्तनो का जब मर्दन करने लगता तो बस अनु की साँसे स्थिर सी ही
हो जाती थी और फिर ज्यादा देर नहीं...बस 2-3 मिनट के बाद ही वो इस सब से
उतपान होने वाले कामुक उन्माद को रोक नहीं पायी और पीछे बिस्तर की तरफ
लुढ़क गई और अपनी दोनों जांघों को जोरों से भींच लिया क्योंकि उसे एक
ओरगास्म के जबर्दस्त झटके ने घेर लिया था।

अमित समझ पा रहा था कि अनु इस सब को एंजॉय भी कर रही है और उसे ओरगास्म
भी हो गया है। अनु अपनी गर्दन को बाएँ दायें हिलाती हुयी अपने पूरे शरीर
को मरोड़ती हुयी ऐंठने सी लगी। अमित उसकी छाती के ऊपर था और अनु उसके
नीचे, अनु ने अपने ओरगास्म के टाइम पर महसूस किया कि न जाने उसे क्या हुआ
अनु के हाथ अपने आप ही उसकी योनि लिप्स के पास पहुँच गए और उसे बुरी तरह
मसलने का उपक्रम करने लगे। और फिर धीरे धीरे वो शांत होती चली गई।

अमित ने एक बार फिर से उसके निप्पल को किस किया और फिर अनु के चेहरे की
तरफ देखा, उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव था। उसकी आँखें बंद थी।

अनु: अमित...मुझे कभी नहीं पता था कि मेरे बूब्स इतने सेनसिटिव
हैं.....कि बस इन्हे ऐसे चूसने या छूने से ही मेरा ओरगस्म हो गया.....
अमित: कुछ लड़कियाँ इस मामले में भाग्यशाली होती हैं..और शायद तुम उनमे से
एक हो....लाओ जरा देखूँ तो तुम्हारी उंगलियान भी गीली हो गई क्या?
अमित ने अनु की उंगलियान देखी, वो अनु के योनि रस से सराबोर हो रखी थीं।
अमित एक बार फिर से उत्तेजना में था और इस बात को अनु ने भी महसूस कर
लिया था, वो बोली।
अनु: अरे, अमित, आपका वो फिर से खड़ा हो गया है....देखो तो....
उसके इतना कहने मात्र से पता नहीं क्या हुआ अमित को उसका लिंग एकदम स्पीड
से तनाव में आता चला गया और उसके बढ़ते हुये आकार को देख अनु भी अपने को
रोक नहीं पायी और बोली।
अनु: अमित...क्या मैं दुबारा एक बार फिर से इसे.....??
अमित अनु की तरफ देखते हुये मन में सोचने लगा 'वाह...अमित, यह भी क्या
लड़की है, इसे तो चूसने में बड़ा मजा आने लगा, हर समय तैयार ही रहती है। वो
बोला।

अमित: क्यों नहीं डियर...बिल्कुल....सारे दिन और सारी रात यह तुम्हारे
लिए ही है....पर उससे पहले मैंने तुम्हारे लिए कुछ और सोचा हुआ है...
अनु: वो क्या...?
अमित: क्या तुम्हारे पास कोई टाइट सी टी शर्ट और शॉर्ट्स हैं?
अनु: हाँ...बहुत सारे हैं...क्यों?
अमित: मैं चाहता हूँ...कि तुम मेरे लिए उसे पहनो...और हाँ, अंदर सफ़ेद
पेंटी भी...अगर हो तो...
अनु: ओके

और इतना कह कर अनु उछल कर बिस्तर पर बैठी और फिर उठकर अल्मारी में से
ड्रेस निकालने के लिए चली गई। वो अपने कपड़ों में से टाइट टी शर्ट ढूंढने
लगी और फिर बोली,
अनु: ओह या....यह देखो....यह मिल गई, आई होप यह सही रहेगी, इसे मैं एक
साल पहले पहना करती थी।
अमित (अपने लिंग को सहलाता हुआ): हाँ ...बिल्कुल....इस पहन लो।

अनु ने तुरंत ही उस टी शर्ट को अपने गले में डाला और पहनने लगी। अमित
उसकी इस टाइट टी शर्ट में से अब बुरी तरह से उभर रहे स्तनो और निप्पलों
को देख रहा था। अनु की नजर भी अमित की घूरती आँखों पर पड़ी और वो बोली,
अनु: हम्म...अब मैं समझी कि आपने मुझे यह टाइट टी शर्ट क्यों पननने के
लिए बोला.....इसीलिए न कि इससे आपको और भी ज्यादा उत्तेजना होगी...है न
अमित?
अमित कुछ नहीं बोला बस अपने लिंग को सहलाता हुआ उसकी तरफ देखता रहा। और
अनु ने अमित के हाथेलियों के बीच उसके विकराल रूप में आ चुके लिंग को
देखा और फिर अपने बालों को पीछे करते हुए पोनीटेल बनाकर बोली।
अनु: अमित.....मुझे लगता है कि मैं अब रुक नहीं पाउगी....मुझे अब मत
रोको...याद है न ...? पोनीटेल वाला सिग्नल...!?

अनु कहती हुयी बिस्तर के पास आकार जमीन पर अमित के पैरों के पास आकार बैठ
गई। अमित ने जब अनु की बात सुनी तो जोरों से हँसने लगा। और बोला।
अमित: जरूर....तुम्हें भूंखा नहीं रखूँगा....चिंता मत करो...पर इसे सच्ची
में मत खा जाना....हा हा हा

अनु : नहीं खाऊँगी....बस....
अमित: अरे बाबा...नाराज मत हो...अच्छा यह तो बताओ...तुम्हें इसे मुह में
लेना अच्छा लगता है क्या?
अनु: पता नहीं...बस मुझे लगता है कि अगर मैं इसे मुह मे लेती हूँ शायद
तुम्हें अच्छा लगता है। और मैं तुम्हें सुख देना चाहती हूँ। वैसे भी यह
सब पहली बार ही कर रही हूँ, अभी तक सही से कर नहीं पायी....पूरा अंदर
लेने की सोचती हूँ तो लगता है कि कहीं तुम्हारे चोट न लग जाये।
अमित: अच्छा तो यह बात है...चलो ठीक है...इस बार ऐसा ही कर लो...मैं
तुम्हें बता दूंगा अगर मुझे कोई दिक्कत लगेगी तो...मैं भी तुम्हें खुश
देखना चाहता हूँ।

अनु: बिल्कुल अमित....अभी तक जो भी तुमने कहा मैंने वो सब करा और मुझे
बहुत मजा भी आया...अब बताओ कि क्या करना है?
अमित: ओके...ठीक है, अब ऐसा करो कि अपनी कोहनी और घुटनो के बल बिस्तर पर
आ जाओ और मैं भी घुटनो के बल तुम्हारे सामने आ जाता हूँ....इस तरह से...

अमित ने अनु के चेहरे के ठीक सामने आकार अपने घुटनो पर खड़े होते हुये
कहा। उस समय अमित का खड़ा हो चुका लिंग अनु के उत्सुक मुह की तरफ तना हुआ
था।
अमित : अनु अब, अपना चेहरा थोड़ा सा ऊपर करो और अपने होंठों से o जैसे बना
लो हम लोग mouth fuck करेंगे...
अनु: ओह my god....I'm so excited ....!!

और इसी के साथ अमित ने अपने लिंग को उसकी जड़ से पकड़ा और उसके सिरे को अनु
के होंठों पर रगड़ने लगा। और जैसे ही अनु के नरम गुलाबी होंठों से उसके
लिंग के सिरे को जकड़ लिया, अमित ने अपने हाथ अनु के सर के पीछे लगा दिये।

अब तक अनु को पता लग चुका था कि लिंग को मुह मे ले जाने के बाद क्या और
कैसे करना होता है और इसका सबूत उसने लिंग के सिरे को अपनी लार से गीला
करके दे दिया था, जैसे कि अब वो समझने लगी थी कि लिंग जितना चिकनाहट में
होगा उतना ही मुह में आसानी से जा सकेगा।

कुछ देर तक अमित अपने हिप्स को एडजस्त करता रहा और फिर हल्के से उसने अनु
के मुह में अपने लिंग को अंदर बाहर करवाना शुरू किया।
अमित: ओके अनु , अब ध्यान से सुनो... इसे बड़े ही आराम से अंदर की तरफ ले
जाना है। मैं बहुत ही धीरे धीरे और प्यार से इसे अन्दर धकेलुंगा और जैसे
ही यह तुम्हारे गले तक पहुँचेगा तुम्हें अजीब सा लगेगा, पर घबराना नहीं
और डरना नहीं। अगर दर्द हो या दम घुटने का एहसास हो तो मुझे इशारा कर
देना मैं इसे बाहर निकाल लूँगा।

अनु ने सहमति में सर हिला दिया।
और अमित ने अपने लिंग को अंदर खिसकाना शुरू कर दिया। और धीरे धीरे अन्दर
डालता रहा जब तक कि उसे अनु के गले का एहसास नहीं हुआ, और उसके गले के
सिरे से टकराते ही अनु को थोड़ी सी कंपकंपाहट सी हुयी और उसके गले से
घर्घर की आवाज हुयी जिसे सुनते ही अमित ने अपने लिंग को वापस बाहर की तरफ
ले लिया पर मुह से बाहर नहीं निकाला।

अमित: तुम ठीक हो अनु?
अनु ने हामी भरते हुये अपनी गर्दन हिला दी और फिर कुछ सेकंड रुकने के बाद
अमित ने फिर से लिंग को अन्दर डालना शुरू कर दिया। और इस बार अमित ने उसे
थोड़ा और आगे बड़ाया और फिर उसे अपने लिंग पर एक कसावट सी महसूस
हुयी....हाँ...वो अनु के गले तक पहुँच चुका था और अनु इस बार एहसास का
आनंद ले रही थी। अमित ने कुछ सेकंड तक रुकने के बाद अनु के मुह से अपना
लिंग पूरा खींच लिया। उसके लिंग के साथ अनु के मुह की लार भी बह निकली।

अमित: तुम्हें कर दिखाता अनु....वास्तव में, तुमने पूरा का पूरा अंदर ले
लिया था यार....
अनु: थैंक्स अमित...पहले दर्द सा हुआ था पर बाद में ठीक लगा। तुम्हें अच्छा लगा न?
अमित: बिल्कुल....बहुत अच्छा लगा।
अनु: ओह...सच में अमित...मुझे भी अच्छा लगा कि मैं तुम्हें सुख दे पा रही
हूँ,....अच्छा अमित एक बात कहूँ?
अमित: हाँ अनु...बोलो?
अनु: जैसे कि यह मेरे मुह में गया था, ऐसे ही वहाँ भी जाता होगा न?
अमित: कहाँ?
अनु: तुम सब जानते हो बनो मत....बताओ न...?
अमित: हाँ....ऐसा ही कुछ होता है....क्यों?
अनु: हम वो सब कब करेंगे?

अनु ने अमित के सामने एक यक्ष प्रश्न कर दिया था जिसको सुनते ही अब अमित
के सामने कई सारे सवाल घूमने लगे...क्या अनु के साथ आगे बढ़ूँ? समीर भैया
और हेमा भाभी को पता लगा तो क्या होगा?

ऐसे कई सवाल घूम रहे थे अमित के मन में।
अमित: पता नहीं अनु....हमे वो सब करना चाहिए कि नहीं?
अनु: क्यों...? जब इतना सब कुछ कर चुके हैं तो ...फिर? क्या दिक्कत है बताओ न?
अमित: तुम अभी 17 साल ही की ही तो हो...
अनु: तो क्या, मैं इतनी भी छोटी नहीं हूँ....मेरी क्लास में वो प्रिया ,
नमिता, जेनी ...सभी ने सेक्स किया हुआ है...मैं ही हूँ...जिसने नहीं
किया...!!
अमित: पर....
अनु: पर क्या....? मैं समझ गई...तुम मेरे साथ करना ही नहीं चाहते....है न?
अमित: नहीं अनु ऐसा कुछ नहीं है...पर तुम वो पहली बार करोगी...और
दर्द...मेरा मतलब...थोड़ा खून...वो...तुम समझ रही हो न...
अनु: मैं सब समझ रही हूँ...पर जब मैं तुमसे कह रही हूँ तो फिर क्या
दिक्कत है....? देखो अमित , मैं नहीं चाहती कि मई यह सब पहली बार मेरे
किसी स्कूल के लड़के के साथ करूँ...मैं यह सब तुमसे सीखना चाहती हूँ....
बस...

अमित: ओके अनु...पर तुम प्रेग्नेण्ट हो सकती हो....!!!
अनु: नहीं जी....मेरे पीरियड अभी 3 दिन पहले ही खतम हुआ है... और हैल्थ
क्लास में जो बताया था उसके हिसाब से अभी सही समय है। प्लीज अमित....
और इस बार अनु की आवाज में जो टोन थी, वो मादकता से भरपूर और उत्तेजना
में भीगी हुयी थी, हर कोई उसे सुनकर अनु के प्रस्ताव को मंजूर कर लेता।

अमित: ठीक है ....अनु...मैं इसके बार में सोचुंगा...ठीक है...चलो फिलहाल
यह बताओ कि मेरे साथ शावर लोगी...?
अनु: बिल्कुल...क्यों नहीं ? और हाँ, दीदी और जिजू के बेडरूम वाले बाथरूम
में डबल शावर है, वहाँ चले?
अमित: हाँ चलो।
अमित और अनु दोनों समीर के बेडरूम में बने बाथरूम में पहुँचे। अमित अन्दर
घुसा और सामने शावर केस के ग्लास को एक तरफ खिसका कर अंदर चला गया। अन्दर
दो शावर हेड थे यानि दो जने आराम से खड़े होकर शावर ले सकते थे। बड़े ही
सुंदर टाइल लगे हुये थे और बेहद साफ सुथरा बाथरूम फ्लोर था। अमित ने
दोनों शावर हेड के वाल्व खोल दिये और पानी के टेम्परेचर को देखने लगा, जब
तक कि सामान्य टेम्परेचर नहीं आ गया। उधर अनु भी उसके पीछे ग्लास केस में
आ गई।

अनु: बाथरूम मस्त है न जिजू के रूम का...?
अनु ने दरवाजा बंद करते हुये पूछा। अनु ने कसी हुयी टॉप और अत्यधिक कटाव
वाली चड्डी पहनी हुयी थी।
अमित: हाँ वो तो है...
अनु ने अमित की तरफ बढ़ते हुये अपनी बाहों में अमित को भरा और उसे चूमने
लगी। दोनों ही जने वासनात्मक रूप से एक दूसरे का मुह चूमने लगे। अब तक
अनु भी अंदाजा लगा चुकी थी कि उसे ही आगे पहल करनी पड़ेगी। अमित ने शावर
हैड से अनु के ऊपर पानी का फव्वारा छोड़ दिया। अनु का टॉप बड़ी ही जल्दी
पूरा गीला हो गया और उसके कड़े निप्पल उसमे से उभरकर दिखाई देने लगे, ठीक
वैसे ही जैसे कि अमित चाहता था। अब अनु और भी ज्यादा कामुक लग रही थी
क्योंकि उसके कपड़े गीले होकर उसके घुमावदार बदन से चिपक गए थे।

अनु: क्या देख रहे हो...अमित?
अमित: तुम बहुत सेक्सी लग रही हो...
जल्दी ही उसकी चड्डी भी गीली हो गई थी और अब उसके हिप्स के बीच की दरार
और उसकी योनि के हिस्से भी चड्डी में से दिखाई पढ़ रहे थे।
इसी बीचे अनु ने शैम्पू की बोतल उठाई और अपने बालो में शैम्पू करने लगी।
तब अमित ने भी दूसरा शावर हैड लिया और अपने सर को धोने लगा।
अनु: अमित....do you think I could try washing you?"
अमित: हाँ ...sure । क्यों नहीं....?

अनु ने साबुन उठाया और उसे अमित के पेट और छाती पर लगाने लगी,
अनु: अमित....कैसा लगा रहा है...?
अमित: नाइस ...

अनु ने उसके कंधों पर भी साबुन मला, फिर उसे पलटने को कहा और फिर उसकी
पींठ पर और उसके हिप्स पर भी साबुन लगाने लगी। और फिर अनु ने कहा,
अनु: जरा सीधे खड़े हो जाओ....इस पर भी साबुन लगा दूँ....गंदा हो गया होगा न....
और बिना अमित के जवाब की परवाह किए अनु ने अपने हाथ उसके लिंग की तरफ बढ़ा
दिये। और जहाँ अनु के हाथों ने अमित के लिंग के आसपास के हिस्से को छूया
अमित ने अपने लिंग में तनाव महसूस किया और उसने देखा कि वो कड़ा होने लगा।
अनु की आँखें भी उसी पर लगी हुयी थी जैसे जैसे वो बड़ा होता जा रहा था। वो
अमित के लिंग पर साबुन मलती हुयी आगे पीछे करती रही और अमित का लिंग एक
बार फिर से अपने विकराल रूप में आने लगा।

अनु: अमित, तुम्हारा लंड एकदम मस्त है....कितना कड़ा हो जाता है...एकदम
पत्थर की तरह।
अमित अनु के मुह से लंड शब्द सुन कर सन्न सा रहा गया और उधर अनु भी उसके
लिंग को अपनी हथेलियों से ऐसे खींच खींच कर मल रही थी जैसे कि किसी रस्सी
को खींचा जाता है। अमित ने मन में सोचा कि अगर अनु ने कुछ देर और ऐसे ही
उसके लिंग के साथ किया तो उसका सारा वीर्य यहीं छूट पड़ेगा और जोकि वो
नहीं चाहता था। वो उसे कहीं और निकालना चाहता था। तो अमित ने अनु का हाथ
पकड़ा और उसे रोका।
अनु: क्या हुआ...? कुछ गलत है क्या॥?
अमित: नहीं ....कुछ गलत नहीं हुआ... मैं चाहता हूँ कि मेरा अभी न
निकले...इसे मैं कहीं और के लिए संभालना चाहता हूँ।
अनु: कहीं और के लिए...? कहाँ के लिए?
अमित: deep inside you ....!!

पहले तो अनु को शॉक लगा और फिर वो एक मुस्कुराहट के साथ बोली,
अनु: ओह... थैंक्स अमित...
अमित: ठीक है...पर अभी जल्दी से अपने कपड़े उतार लो और शावर लो, अब मैं
तुम्हारे साबुन लगता हूँ।
अनु: रिएलि...? तो क्या यही पर करेंगे...?
अमित: अरे नहीं....पर यहाँ से निकल कर पहले किचन में चल कर कुछ खाएँगे उसके बाद....

अनु: ओके
अनु ने कहा और अपनी टॉप और चड्डी एक झटके से अपने शरीर पर से हटा दी।
अमित के सामने अनु फिर से नंगी हो चुकी थी। अमित ने उसकी पींठ, बूब्स और
हिप्स पर साबुन मला और जानभूझकर योनि प्रदेश को छोड़ दिया और फिर बोला,
अमित:चलो अब शावर ले लो और 5 मिनट में किचन्न में आ जाओ...मैं वही जा रहा हूँ।

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अमित ने एक बॉक्सर पहन लिया था और किचन में खड़ा था तभी पीछे से अनु की आवाज आई,
अनु: अमित...देखो तो ...जो मैं पहने हुये हूँ...उसमे कैसी लग रही हूँ?
अमित ने पीछे मुड़कर देखा तो दंग रह गया। अनु ने अपने स्कूल की ड्रेस पहनी हुयी थी।

अनु: मैं उस दिन देख रही थी कि जब मैं स्कूल से आ रही थी तो तुम मुझे इस
ड्रेस में देख कर कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो रहे थे।
अमित: आई लव दिस अनु....!!!

अमित अनु की छोटी सी स्कर्ट में से दिखती उसकी गोरी जांघों को घूरता हुआ
बोला, और अनु ने अपने बालों में से बैंड निकाला और बोली,

अनु: अमित...यह सिग्नल तो याद है न....आओ इधर बैठ जाओ न।
अनु ने अमित को किचन में एक तरफ पड़ी हुयी कुर्सी पर बैठने के लिए कहा। और
उसका बॉक्सर खुद ही अपने हाथों से नीचे की तरफ खींच डाला और फिर खुद जमीन
पर उसके पैरों के सामने ही बैठ गई। अमित का लिंग पहली से ही खड़ा होना
शुरू हो चुका था उसको उस स्कूल ड्रेस में देख कर। अमित ने अपनी टी शर्ट
भी उतार दी और कुर्सी पर आराम से बैठ गया। अमित अनु की आँखों में चमकती
सेक्स की कामुकता को देख पा रहा था जोकि उसके बढ़ते हुये लिंग को देखे जा
रही थी।

अनु: यह मुझे बहुत प्यारा लगता है....
अनु ने उसके धड़कते हुये लिंग को देखते हुये कहा, और फिर आगे बढ़ते हुये
उसने उसके सिरे को अपने मुह में ले लिया। उसका मुह गरम और गीला महसूस हो
रहा था और उसकी लार अमित के लिंग पर बह रही थी। और जैसे ही उसने अमित के
लिंग को थोड़ा और अपने मुह में लिया उसने अपने दूसरे हाथ से अमित की
जांघों पर भी हाथ फेर दिया। वो अपने सर को अमित के लिंग के साथ ऊपर नीचे
हिलाने लगी और एक मिनट से भी कम समय में अमित का लिंग अपने पूर्ण आकार
में आ चुका था। जहाँ अनु उसके लिंग को अपने मुह में लेकर चूस रही थी वहीं
अमित को पसीने आ चुके थे और वो कुर्सी के हत्थे पकड़े हुये था।

वो समझ चुका था कि अब और नहीं रुका जा सकता और अनु को वो देना ही पड़ेगा
जो वो चाहती है।
अमित: उठो... इधर आओ...
अमित ने अपनी बाहें आगे बढ़ायीं और अनु को उठाते हुये बोला, जैसे ही वो
खड़ी हुयी उसे पीछे की तरफ हल्के से धक्का देते हुये बोला।
अमित: वहाँ, मेज के किनारे पर बैठ जाओ स्वीटी ....!!

अमित ने उसे हल्का सा उठाया जब तककि वो मेज की ऊँचाई तक नहीं उठ गई और
फिर बैठ गई और फिर अमित ने अपनी कुर्सी आगे खिसका ली।
अमित: अब अपने पैर इस कुर्सी के हत्थे पर रख लो। अनु ने मुस्कुराते हुये
अपनी दोनों टाँगे कुर्सी के दोनों हत्थो पर टिका दी और फिर बड़ी ही स्टाइल
से अपनी दोनों टाँगों को ऐसे फैलाया कि अमित को उसकी गोरी जांघों के बीच
सफ़ेद चड्डी में कसी हुयी योनि के दर्शन हो गए।
उसकी चड्डी में एक गीला धब्बा साफ दिखाई दे रहा था। अमित से रहा नहीं गया
और उसने अपने चेहरे को नीचे किया और उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी योनि
दरार को चूम लिया।
अनु सिसकारी सी भरने लगी।

अमित ने बढ़ी ही फुर्ती के साथ उसकी चड्डी को उतार दिया और फिर उसे पैरों
में से अलग कर दिया। फिर वो उसकी जांघों के बीच में फिर से घुस गया। उसके
योनि के आस पास हल्का हल्का गीला पन आ चुका था। एक अजीब सी गंध आ रही थी।
अमित उसकी फूली हुयी योनि द्वार के आसपास योनि रस को रिस्ता हुआ देख पा
रहा था। अमित ने अपनी जीभ से उसकी गीली योनि दरार को चाटते हुये उसकी
क्लिटोरिस तक अपनी जीभ फिरा दी।

अनु: आह....मैं मर जाऊँगी.....अमित।

अनु की आह ने अमित को एक बार फिर से पागल कर दिया और वो उसकी योनि को ऐसे
चाटने लगा कि मानो सामने आइस क्रीम हो। अनु की आँखें बंद हो चुकी थी। और
उसके होंठ खुले हुये थे। अमित ने उसकी तरफ देखा और बोला।
अमित: अनु...तुम ready हो ?
अनु ने बिना बोले अपनी गर्दन हिलाकर हामी भर दी।
अमित: अनु...अगर तुम चाहो तो हम यह नहीं भी कर सकते हैं...?
अनु: पता नहीं...पर अभी मुझे यह करना है.... बस थोड़ी सी नर्वस हूँ।
तुम्हारा लंड अब बहुत बड़ा हो गया है....यह अंदर चला जाएगा न?
अमित: तुम चिंता मत करो ....मैं सब संभाल लूँगा। अगर कौई दिक्कत हुयी तो
हम आराम आराम से कर लेंगे। तुम्हें पता है न कि थोड़ा सा दर्द होगा जब
तुम्हारी झिल्ली टूटेगी...!?
अनु: हाँ...पता है...और उसके बाद बहुत अच्छा भी लगता है ...है न?
अमित: हाँ...तुम विश्वास नहीं कर पाओगी कि कितना अच्छा लगता है....आई प्रोमिस !
अनु: ठीक है ...मैं तैयार हूँ...

अनु ने कहा और अपनी टाँगे फैला दी। अमित ने भी अपना लिंग हाथ में पकड़ा और
उसे अनु के गीले हो चुके योनि लिप्स की तरफ बड़ा दिया और उनसे सटा दिया।
जैसे ही दोनों का मिलन हुआ, कमाल की गरमाहट अमित ने महसूस की। और जैसे ही
अमित ने आगे की तरफ धक्का दिया तो देखा कि उसका लिंग अनु कि योनि के
लिप्स को खोलता हुआ अंदर जाने की कोशिश कर रहा है।

अनु: आह ...ओहह
अनु के मुह से सिसकारी निकल पड़ी जैसे ही अमित के लिंग मुंड ने उसकी योनि
द्वार को फैलाते हुये अंदर घुसना शुरू किआ। अमित ने और दवाब बनाया और
अपने लिंग पर काफी ज़ोर महसूस किया। उसके लिंग मुंड अभी भी अनु के गुलाबी
होंठों के बीच फंसा हुआ था।
अमित: तुम ठीक हो न?
अनु: yeah ! मैं ठीक हूँ....जल्दी से डालो...न

अमित ने फिर से दवाब डाला और फिर कुछ चीरता सा महसूस किया और अचानक ही
उसका लिंग अन्दर की तरफ धकेल गया।
अनु: owwwwwwhhhh !!

योनि की झिल्ली फट चुकी थी और उसका असर अनु के चेहरे पर दिखाई दे रहा था।
उसने अमित के शरीर को कस के पकड़ा हुआ था और जब तक पकड़े रखा जब तककि दर्द
थोड़ा कम नहीं हो गया। उसकी आँखें खुल गई और वो बोली।

अनु: अमित....हमने कर लिया...wow
अमित: हाँ...हमने कर दिया....पर तुम ठीक तो हो न...?
अनु: हाँ...मैं ठीक हूँ...थोड़ा सा दर्द हुआ पर अब ठीक है....बाप
रे....कितना बड़ा है यह अब पता लग रहा है...!!!
अमित: अरे अभी तो पूरा गया ही नहीं है....अब आगे डालूँ?
अनु: हाँ.....जल्दी से....अब रुका नहीं जाता....पूरा डाल दो...

अमित ने अपने लिंग को फिर से अन्दर डालना शुरू कर दिया। अमित को अपने
लिंग के चारो और गरम मखमली एहसास हो रहा था मानो उसने अपना लिंग गुंगुने
मक्खन मे डाल दिया हो। अनु की योनि बहुत ही कसावट लिए हुये थी।

अनु: हेय भगवान...कितना बड़ा है....
अनु ने आश्चर्य से अमित के लिंग को अपनी योनि में समाते हुये देख कर कहा।
आधा लिंग अंदर डालने के बाद अमित ने अपने लिंग को फिर से थोड़ा पीछे लिया
और फिर गहरी साँस लेकर अंदर धकेला।

अनु: ohhhhhhhhhhhhh
इस बार अनु की आह दर्द वाली नहीं बल्कि आनंद वाली थी। अमित ने लगभग पूरा
लिंग उसकी योनि में डाल दिया था।
अनु: ओहह अमित , कितना अच्छा लग रहा है...बता नहीं सकती....तुम्हारा लंड
बड़ा और बहुत ही सख्त है....वास्तव में।
अमित महसूस कर पा रहा था कि अनु अपनी योनि की मांसपेशियों को उसके लिंग
के चारो ओर जकड़ती थी और फिर छोड़ देती थी।
अब अमित ने अपने लिंग को एक बार फिर से पूरा बाहर निकाला और मुंड के बाहर
आते ही फिर से उसे अन्दर की तरफ धकेल दिया। क्या स्पर्श था वो...अनु पूरी
तरह से मदमस्त हो गई।

अनु: ओह god ...it feels so good !
अमित ने अभी 5-6 बार ही अपने पूरे लिंग को अन्दर बाहर किया था कि अनु को
ओरगस्म हो गया और उसकी साँसे थम सी गई...पूरा शरीर अकड़ सा गया। पर अमित
इसकी परवाह किए बिना अपने धक्के लगता रहा जिससे अनु की उत्तेजना और बढ़ ही
गई।

अमित के पींठ पर पसीनेकी धारे बह रही थी पर वो अपने धक्के लगातार जारी
रखे हुये था और जल्दी ही अनु ने फिर से ओरगस्म पा लिया। उसे अपने पर
विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है, हर ओरगस्म पर उसे
असीम आनंद की अनूभूति होती थी जिसके आगे वो सब कुछ भूलने को तैयार थी।

अमित भी अपने ओरगस्म के करीब पहुँचता जा रहा था और जब उसे महसूस हुआ कि
अब ज्यादा समय नहीं रहा है तो उसने अपने लिंग को बाहर निकाला और फिर
सिर्फ मुंड को ही अंदर डाला और फिर निकाला और फिर अंदर डाला, वो इंतजार
कर रहा था कि कब उसका वीर्य वेग के साथ बाहर निकलेगा और जैसे ही उसने
महसूस किया कि उसका वीर्य काफी वेग के साथ आने वाला है, उसने अपने लिंग
को एक बार फिर से पूरा का पूरा अंदर डाल दिया।
उधर जहाँ अमित अपने लिंग को पूरा नहीं डाल रहा था तो अनु की योनि उसे
अपने अंदर माँग रही थी और इसी कश्मकश में जब एकदम से अमित ने अपना लिंग
अंदर डाला तो अनु ने तीसरा ओरगस्म महसूस किया।

और जब अमित के लिंग ने अनु की योनि की गहराईओन में जाकर अपने वीर्य का
फवारा छोड़ा तो अमित ने अनु की योनि की दीवारों में एक कंकंपाहट सी महसूस
की और अनु ने अपनी योनि के अंदर एक तेज गरम धार को महसूस किया। अमित का
लिंग एक के बाद एक वीर्य की गाड़ी धारें उसकी योनि के अंदर छोड़े जा रहा
था। दोनों ने एक दूसरे को बाहों में कसके जकड़ा हुआ था। साँसे अनियंत्रित
तरीके से चल रही थी। और फिर धीरे धीरे दोनों जने सामान्य होने लगे।

अनु ने अमित को कस के चूम लिया।
अनु: थैंक्स अमित....तुमने मुझे वो दे दिया जो मैं चाहती थी।
अमित: अरे इसमे थैंक्स कैसा...?
अनु: आइ लव यू अमित....
अमित: आई लव यू टू अनु...

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