Saturday, November 5, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ वो सात दिन --4

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

वो सात दिन --4

गतान्क से आगे...............
चौथा दिन :

पिछली रात अनु और आंटी के साथ सोने के बाद अगले दिन की शुरुआत ही बहुत
रोमांचक थी… अनु सब से पहले उठ गयी और बाथरूम में चली गयी और आंटी रसोई
में जा के चाइ बना रही थी….मैं सोया हुआ था… रज़ाई में अभी तक…

मुझे जगाने के लिए अनु ने रज़ाई उठाई…. मेरे मुँह के पास अनु की पॅंटी
थी… सारा चेहरा रस से भरा था जो अब सूख चुक्का था.. बॉल बिखरे थे और
लिप्स कुछ सोज़िश देखा रहे थे… दोनो मुझे देख के मुस्कुरा दी…

अनु – जाओ और मुँह धो लो…और ब्रश के बाद माउत-वॉश से कुल्ला भी कर लेना…
मैं मुस्कुरा दिया और कुछ शर्मा भी गया…. मैं जल्दी से फ्रेश हुआ और बाहर
आ गया.. तब तक आंटी भी चाइ बना के रूम में आ चुकी थी.

आंटी – देखो इस को देख के नही लगता के यह इतना शातिर होगा
अनु – शातिर भी और चालू भी
मैं बोला – नही जी, मैं तो बस एक नादान प्यासा अनारी हूँ
और फिर हम सब हँसने लगे.

आंटी – आज तो मेरी भी छुट्टी है. तो क्या प्रोग्राम बनाया जाए…
अनु – बाहर जाने का मूड तो नही है क्या…
मैं बोला – बाहर क्या करेंगे जा के
अनु – हां दीदी , बाहर कहाँ जाएँगे इतनी सर्दी में
आंटी – ह्म्‍म्म.. शैतान हो तुम दोनो….

अनु – दीदी आज आप आराम कीजिए… मैं ब्रेकफास्ट बनाती हूँ.
आंटी बेड पे आ गयी और मुझे अपने टाँगों पे आते देखा तो एकदम बोली." अभी
कुछ नही, बस बहुत हो चुक्का…"
मैं बोला – "बॅस सिर्फ़ एक बार.. एक बार…. एक बार प्लीज़ अपनी फ्रंट &
बॅक चाटने दीजिए ना…"
आंटी – अभी भी मन नही भरा तेरा.. सारी रात चाट चाट के मेरे होटो को तूने
सूजा दिया….
यह कहते हुए आंटी ने अपना एलास्टिक नीचे किया और मैं झट से उनके सेंटर
पॉइंट पे लपका. अनु भी कमरे में आ गयी और मेरा सिर पकड़ के आंटी की सेंटर
पॉइंट में दबाने लगी…
आंटी – अब बस भी करो… चलो पहल नाश्ता कर लेते हैं…

पूरा दिन आंटी और अनु की मसाज की, सिर से ले कर पैर तक… बदन के एक एक
पार्ट पे मसाज किया, क्रीम लगाया…

अनु – दीदी आप की टाँगों पे तो बहुत बाल आ गये हैं…
आंटी – अनु अब ब्यूटी पार्लर जाने का टाइम नही मिलता और अकेले मैं कर नही सकती…
मैं बोला – अब तो हम एक दूसरे की हेल्प कर सकते हैं ना… आंटी आप बताइए..
मैं और अनु दीदी, दोनो आप के बाल सॉफ करने में हेल्प करेंगे..
आंटी – ओये—तू अभी भी अनु को दीदी बोलता है
अनु – ना जाने क्यूँ इस के मुँह से दीदी भी अच्छा लगता है और चटवाना भी …
मज़ा आता है यह सोच के की जो मुँह मुझे दीदी बोल रहा है वोही मेरी
चॅटेगा…
आंटी – बहुत अच्छे…

फिर अनु और मैने आंटी के लेग्स और आर्म्स के बाल साफ किए
मैने कैंची और फिर रेज़र से आंटी के आर्म-पिट्स (बगल) भी सॉफ किया..
आंटी बहुत खुश हो गयी के मैं उनकी वहाँ भी सॉफ सफाई करने से नही हिचक
रहा. और मज़ाक मज़ाक में सेंटर पॉइंट के बाल सॉफ करने का टॉपिक शुरू हो
गया…
मैं ज़मीन पे बैठ गया और आंटी कुर्सी पे…. बॅस बाल छाँते और फिर शुरू हो
गया कैंची के साथ…. आइर स्ट्रीप, ट्रिम्म्ड बुश और ना जाने कैसे कैसे
स्टाइल्स बनाए उनके नीचे के बालों के.

अनु ने गूगल सर्च से नीचे के बालों के कुछ डिज़ाइन्स दिखाए और हम सब
मस्ती करने लगे… फिर मैने एर स्ट्रीप वाला डिज़ाइन अनु के सेंटर पॉइंट पे
बनाया… बहुत ही मज़ेदार खेल था यह सब. एक रूल, मेषर्मेंट टेप और रेज़र के
साथ मैं बैठ के, नाप नाप के उनके सेंटर पॉइंट पे हेर कट बना रहा था….

दिन में लंच करने के बाद हम लोगों ने सीडी प्लेयर पे फिल्म लगा ली और मैं
हमेशा की तरह उन दोनो के नीचे रज़ाई में ही रहा….
शाम को हम लोग बाज़ार गये और मेरे लिए आंटी ने शर्ट खरीदी .
अनु ने अपने लिए एक टॉप और आंटी ने नयी नाइटी खरीदी
हम ने डिन्नर बाहर ही किया.

घर आते आते हम काफ़ी थक चुके थे.
मैने गेयिज़र से गरम पानी निकाला और एक टब में डाल के बेड रूम में ले आया…
वहाँ पे मैने अनु और आंटी के पैर धोए …..

अनु – क्या तुम हमारे पैरों वाले पानी से अपना मुँह धो सकते हो
आंटी – कमाल है, यह क्या बदतमीज़ी वाला सवाल है .. सूबी तुम्हे ऐसा कुछ
नही करना है.. अनु तुम बिल्कुल बदमाश होती जा रही हो
अनु – दीदी शरत लगा लो, अगर मैं कहूँगी तो सूबी यह पानी पी भी लेगा..
आंटी – चुप कर… क्यूँ उसको तंग कर रही है
अनु – बोलो सूबी.. तुम यह हमारे पैरों वाला पानी पी सकते हो… चलो इस पानी
का एक घूँट पी के दिखाओ
आंटी कुछ बोले इस से पहले मैने अपने हाथ में थोड़ा सा पानी लिया और पी लियाअ…

अनु – शाबाश मेरे कुत्ते… हाहहाहा
आंटी – सच में तुम दीवाने हो सूबी
मैं बोला –" यह पानी क्या मैं तों कहता हूँ आप लोगों को रात में बेड से
उठने की भी ज़रूरत नही.. मैं हूँ ना आप के लिए…
अनु एक शरारती हँसी में खो गयी.. वो जानती थी के मेरा इशारा किस तरफ है
आंटी ने प्यार से मुझे एक किस दिया

आंटी – आज जल्दी से सो जाओ, कोई शरारत नही क्यूँ कल हम घूमने के लिए शिमला जाएँगे….
मैने अनु की ओर देखा, इस उम्मीद से के अनु बाहर जाने को मना कर देगी, पर
इस बार अनु भी चुप रही. मैं थोड़ा दुखी था क्यूँ के बाहर जाने से मुझे
उनका का रस पीने को न्ही मिलेगा…

मुझ से रहा नही गया और मैने पूछ ही लिया "आंटी घर पे इतना मज़ा आ रहा है फिर..

आंटी – आज तुम्हारे कहने पे हम घर पे ही रहे, अब कल मेरे कहने पे शिमला चलो
मैं बोला – "पर शिमला, इतना दूर , क्यूँ?"
अनु बीच में बोली – सूबी… शिमला कहा तो शिमला चलो…
आंटी उठ के बाहर चली गयी

अनु- ओये सूबी भाई.. शिमला से दीदी की कुछ यादें जुड़ी हैं… अब वो 10 साल
बाद शिमला की तरफ जा रही हैं और तुम सवाल पे सवाल पूछ रहे हो…
मैं बोला – सॉरी… ठीक है कल चलेंगे शिमला

आंटी कुछ सीरियस हो गयी थी.. शायद बाहर गॅलरी में थोड़ी देर तक रो के आई
थी… सारा माहौल सीरीयस था. हमे सुबह 5 बजे निकलना था. हम सब ठीक से बिना
ज़्यादा शरारते किए सो गये.

पाँचवा दिन : दा शिमला ट्रिप

हम जल्दी ही उठ गये और सुबह 5 बजे तक तय्यार हो गये. मेरा मुँह और जीभ
बहुत अच्छा फील कर रहे थे, आख़िर 4 दिन बाद मेरी जीभ को आराम मिला था.
आंटी हमसे पहले उठ के संड्वीचेस बना रही थी और अनु कार को सेट कर रही थी.

मैने रात को 2-3 बॅग्स जो हम ने पॅक किए थे, कार में लोड कर दिए. और हम
सब तय्यार हो के शिमला की ओर चल दिए.आंटी ड्राइव कर रही थी. अनु आगे बैठी
थी और मैं बॅक सीट पे…. जैसे ही हम चंडीगढ़ से सोलन में एंटर हुए, बारिश
शुरू हो गयी…

अनु – दीदी मुझे बाथरूम आया है
आंटी – रुक जा, अभी बारिश बहुत तेज़ है और हवा भी बहुत है…
अनु – दीदी सिर्फ़ कार साइड में रोक दो, आप शायद भूल गयी, हमारे साथ सूबी भी है..
आंटी – चुप कर शैतान.. तेरे दिमाग़ में पता नही क्या क्या आता रहता है..
मैं बोला – कोई बात नही , यह तो मेरा फ़र्ज़ है के मेरे होते हुए आप को
कोई परेशानी ना हो…..
अनु – देखा दीदी, मेरे देवाने को
आंटी – वाकई यह तो पागल हो गया है .. बिल्कुल ठीक ही बोलती हो तुम इस को…
पागल कुत्ता जो हमारा पीशाब भी पीने को तय्यार है.. बॅस सिर्फ़ हमारे
सेंटर पॉइंट को चाटने की चाहत में सब कुछ करने को तय्यार है यह बेवकूफ़….

मुझे मुस्कुराने के इलावा और कुछ समझ नही आया..

आंटी ने एक वीरान सी जगह कार रोक दी. बारिश की वजह से ज़्यादा ट्रॅफिक भी
नही था . अनु कार में अगली सीट से पिछली सीट पे आ गयी और अगली सीट को
डाउन कर लिया. वो अपनी टांगे उठा के , जीन्स को घोटनो तक ले आई. मैने
अपना सिर उसके टाँगों के बीच में रख दिया और मुँह सेंटर पॉइंट से लगा
दिया

अनु – सूबी, तेरा इम्तिहान है.. कार में एक बूँद भी नही गिरनी चाहिए…
आंटी – रुक, मैं इस के सिर को पकड़ के रखती हूँ ताकि से मुँह हटा ना सके
वरना मेरी कार सीट्स गंदी हो जाएँगी..
अनु – दीदी चिंता मत करो… यह मेरे रस का इतना दीवाना है के मेरे पीशब की
एक बूँद भी नही गिरने देगा..

आंटी – अर्रे पहली बार पी रहा है… अगर इस से नही पीया गया तो…
अनु – पहली बार नही तीसरी बार पी रहा है. एक दिन पहले भी जब मेरा रस चाट
रहा था तो भी मैने इस को अपना पीशाब पिलाया था.

आंटी – पर आज तो तुम सीधा पीशाब ही पीला रही हो ना इस दीवाने को…
अनु – दीदी, बहुत चालू है यह कुत्ता.. मेरी सहेली वीना का भी पी चुक्का
है…चलो सूबी तय्यार हो जाओ.. मैं कोशिष्कारूँगी धीरे धीरे करूँ ताकि
तुम्हे पीने में कोई तकलीफ़ ना हो….

मैने कुछ ना बोलते हुए सिर हिला दिया और अपनी जीब को बीच में डाल दिया और
अनु को गुदगुदी करने लगा…
   क्रमशः...................


Peechli raat Anu aur Aunty ke saath sone ke baad agle din ki shuruaat
hi bahut romanchak thi… Anu sab se pehle uth gayi aur bathroom mein
chali gayi aur Aunty Rasoi mein ja ke chai bana rahi thi….Main soya
hua tha… razai mein abhi tak…

Mujhe jagane ke liye Anu ne razai uthai…. Mere munh ke paas Anu ki
paty thi… sara chehra ras se bhara tha jo ab sookh chukka tha.. baal
bikhre the aur lips kuch sojish dekha rahe the… dono mujhe dekh ke
muskura di…

Anu – Jao aur munh do lo…Aur brush ke baad mouth-wash se kulla bhi kar lena…
Main muskura diya aur kuch Sharma bhi gaya…. Main jaldi se fresh hua
aur bahar aa gaya.. tab tak aunty bhi chai bana ke room mein aa chuki
thi.

Aunty – Dekho is ko dekh ke nahi lagta ke yeh itna shatir hoga
Anu – Shatir bhi aur chalu bhi
Main bola – nahi ji, main toh bas ek nadan pyaasa anari hoon
Aur phir hum sab hansne lage.

Aunty – Aaj toh meri bhi chhotti hai. Toh kya programme banaya jaye…
Anu – bahar jane ka mood toh nahi hai kya…
Main bola – bahar kya karenge ja ke
Anu – haan did , bahar kahan jayenge itni sardi mein
Aunty – hmmm.. shaitan ho tum dono….

Anu – Didi aaj aap aaram kijiye… main breakfast banati hoon.
Aunty bed pe aa gayi aur mujhe apne taangon pe aate dekha toh ekdum
boli." Abhi kuch nahi, bas bahut ho chukka…"
Main bola – "Bass sirf ek baar.. ek bar…. Ek bar please apni front &
back chaaaatne dihiye naaa…"
Aunty – Abhi bhi man nahi bhara tera.. saari raat chaat chaat ke mere
hoton ko tune suja diya….
Yeh kehte hue Aunty ne apna elastic neeche kiya aur main jhat se unke
center point pe lapka. Anu bhi kamre mein aa gayi aur mera sir pakar
ke aunty ki center point mein dabane lagi…
Aunty – Ab bas bhi karo… chalo pehl nashta kar lete hain…

Poora din aunty aur Anu ki massage ki, sir se le kar pair tak… badan
ke ek ek part pe massage kiya, creame lagaya…

Anu – Didi aap ke taangon pe toh bahut baal aa gaye hain…
Aunty – Anu ab beauty parlour jane ka time nahi milta aur akele main
kar nahi sakti…
Main bola – ab toh hum ek doosre ki help kar sakte hain na… Aunty aap
bataiye.. main aur Anu didi, dono ap ke baal saaf karne mein help
karenge..
Aunty – oye—tu abhi bhi Anu ko didi bolta hai
Anu – Na jane kyun is ke mung se didi bhi accha lagta hai aur
chaatwana bhi … maza aata hai yeh soch ke ki jo mung mujhe didi bol
raha hai wohi meri chaatega…
Aunty – bahut acche…

Phir Anu aur maine Aunty ke legs aur arms ke baal saaf kiye
Maine kainchi aur phir razor se aunty ke arm-pits (bagal) bhi saaf kiya..
Aunty bahut kush ho gayi ke main unki wahan bhi saaf safai karne se
nahi hichak raha. Aur mazak mazak mein center point ke baal saaf karne
k topic shuru ho gaya…
Main zameen pe baith gaya aur Aunty kursi pe…. Bass baal chaate aur
phir shuru ho gaya kainchi ke saath…. Air strip, trimmed bush aur na
jane kaise kasie styles banaye nke neeche ke baalon ke.

Anu ne google search se neeche ke baalon ke kuch designs dikhaye aur
hum sab masti karne lage… phir main air strip wala design nu ke center
point pe banaya… bahut hi mazedar khel tha yeh sab. Ek rule,
measurement tape aur razor ke saath main baith ke, naap naap ke unke
center point pe hair cut bana raha tha….

Din mein lunch karne ke baad hum logon ne CD player pe film laga li
aur main hamesha ki tarah un dono ke neeche razai mein hi raha….
Sham ko hum log bazaar gaye aur mere liye Aunty ne shirt kharidi .
Anu ne apne liye ek top aur Aunty ne nayi nightie kharidi
Hum ne dinner bahar hi kiya.

Ghar aate aate hum kafi thak chuke the.
Maine geyser se garam pani nikala aur ek tub mein daal ke bed room mein le aaya…
Wahan pe maine Anu aur Aunty ke pair dhoye …..

Anu – kya tum humare pairon wale pani se apna munh dho sakte ho
Aunty – kamal hai, yeh kya badtameezi wala sawal hai .. Subie tume
aisa kuch nahi karna hai.. Anu tum bilkul badmash hoti ja rahi ho
Anu – Didi sharat laga lo, agar main kahoongi toh Subie yeh paani pee bhi lega..
Aunty – cup kar… kyun usko tang kar rahi hai
Anu – bolo Subie.. tum yeh humare pairon wala pani pee sakte ho… chalo
is paani ka ek ghoont pee ke dikhaaoo
Aunty kuch bole is se pehle maine apne haath mein thora sa paani liya
aur pee liyaaa…

Anu – Shbash mere kutte… hahahaha
Aunty – sach mein tum dewane ho Subie
Main bola –" yeh paani kya main ton kehta hoon aap logon ko raat mein
bed se uthne ki bhi zaroorat nahi.. main hoon na aap ke liya…
Anu ek shararti hansi mein kho gayi.. who janti thi ke mera ishara kis taraf hai
Aunty ne pyar se mujhe ek kiss diya

Aunty – aaj jaldi se so jao, koi sharart nahi kyun kal hum ghoomne ke
liye Shimla jayenge….
Maine Anu ki aur dekha, is umeed se ke Anu bahar jane ko mana kar
degi, par is baar Anu bhi chup rahi. Main thora dukhi tha kyun ke
bahar jane se mujhe unka ka ras peene ko nhi milega…

Mujh se raha nahi gaya aur maine pooch hi liya "Aunty ghar pe itna
maza aa raha hai phir..

Aunty – aaj tumhare kehne pe hum ghar pe hi rahe, ab kal mere kehne pe
Shimla chalo
Main bola – "par Shimla, itna dooor , kyun?"
Anu beech mein boli – Subie… Shimla kaha toh Shimla chalo…
Aunty uth ke bahar chali gayi

Anu- oye Subie bhai.. Shimla se Didi ki kuch yaaden judi hain… Ab who
10 saal baad Shiml ki taraf ja rahi hain aur tum sawal pe sawal pooch
rahe ho…
Main bola – sorry… theek hai kal challenge Shimla

Aunty kuch swerious ho gayi thi.. Shayad bahar gallery mein thori der
tak ro ke aayi thi… sara mahaul serious tha. Hume subah 5 baje nikalna
tha. Hum sab theek se bina jyada shararte kiye so gaye.

DAY 5 : The Shimla Trip

Hum jaldi hi uth gaye aur subah 5 baje tak tayyar ho gaye. Mera munh
aur jeebh bahut accha feel kar rahe the, akhir 4 din baad meri jeebh
ko aaram mil tha. Aunty hum e pehle ut k sandwhiches bana rahi thi aur
Anu car ko set kar rahi thi.

Maine raat ko 2-3 bags jo hum ne pack kiye the, car mein load kar
diye. Aur hum sb tayyar ho ke Shimla ki aur chal diye.Aunty drive kar
rahi thi. Anu aage baithi thi aur main back seat pe…. Jaise hi hum
Chandigarh se Solan mein enter hue, barish shuru ho gayi…

Anu – Didi mujhe bathroom aaya hai
Aunty – ruk ja, abhi barish bahut tez hai aur hawa bhi bahut hai…
Anu – Didi sirf car side mein rok do, aap shayad bhool gayi, humare
saath Subie bhi hai..
Aunty – chup kar shaitaan.. tere dimag mein pata nahi kya kya aata rehta hai..
Main bola – koi baat nahi , yeh toh mera farz hai ke mere hote hue aap
ko koi pareshani na ho…..
Anu – dekha didi, mere dewaane ko
Aunty – wakai yeh toh pagal ho gaya hai .. bilkul theek hi bolti ho
tum is ko… pagal kutta jo humara peeshaab bhi peen eko tayyar hai..
bass sirf humare center point ko chaatne ki chahat mein sab kuch karne
ko tayyar hai yeh bewkoof….

Mujhe muskurane ke ilawa aur kuch samajh nahi aaya..

Aunty ne ek viraan si jagah car rok di. Barish ki wajah se jyada
traffic bhi nahi tha . Anu car mein agli seat se peechli seat pe aa
gayi aur agli seat ko down kar liya. Who apni taange utha ke , jeans
ko ghotno tak le aayi. Maine apna sir uske taangon ke beech mein rakh
diya aur munh center point se laga diya

Anu – Subie, tera imtehaan hai.. car mein ek boond bhi nahi girni chahiye…
Aunty – ruk, main is ke sir ko pakar ke rakhti hoon take se munh hata
na sake warna meri car seats gandi ho jayengi..
Anu – Didi chinta mat karo… yeh mere ras ka itna diwana hai ke mere
peeshab ki ek boond bhi nahi girn edega..

Aunty – arre pehli baar pee raha hai… agar is se nahi peeya gaya toh…
Anu – pehli baar nahi teesri baar pee raha hai. Ek din pehle bhi jab
mera ras chaat raha tha toh bhi maine is ko ana peeshaab pilaya tha.

Aunty – Par aaj toh tum seedhja peeshab hi pila rahi ho na is dewaane ko…
Anu – Didi, bahut chalu hai yeh kutta.. meri saheli Vina ka bhi pee
chukka hai…Chalo Subie tayyar ho jao.. main koshishkaroongi dheere
dheere karoon taki tumhe peene mein koi taklif na ho….

Maine kuch na olte hue sir hila diya aur apni jeeb ko beech mein daal
diya aur Anu ko gudgudi karne laga…

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