Tuesday, November 15, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ मैं भ्रम में रह गया

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

मैं भ्रम में रह गया

प्रेषक : जितेन्द्र कुमार
मैं रामनगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र २३ वर्ष हो रही
है। मेरे परिवार में मात्र तीन लोग रहते हैं, मैं, मेरी माँ और मेरी
पत्नी ! और हाँ एक और सदस्य आज ही आया जो हमारे ही बीच का है पर आज से
ठीक दो साल पहले ही उसकी शादी हो चुकी है, जो अपने ससुराल में रहती है,
वह है मेरी दीदी ! जिसके पति तीन दिन पहले अरब देश जा चुके हैं, जिसके
चलते वह हमारे यहाँ रहने आ गई है।
पर आते ही मेरे कमरे और मेरी बीवी पर पहला अधिकार जमा लिया। सबकी दुलारी
होने से कोई कुछ नहीं मना करता और किसी काम को करने से नहीं रोकता है।
माँ की दुलारी तथा मेरी भी बड़ी दीदी होकर भी साथ साथ पले बढ़े हैं
क्योंकि मुझसे मात्र दो साल ही बड़ी है। हम लोग उनकी सेवा में लगे हुए थे
और देखते देखते शाम, फिर रात भी हो गई, परन्तु दीदी मेरे कमरे में जमी
रही। अंत में मुझे दूसरे कमरे में यह सोच कर सोना पड़ा कि शायद आज ही आई
है तो सो गई, कल से दूसरे कमरे में सोयेंगी।
दूसरे कमरे में आकर मैंने सोने की कोशिश की मगर नींद नहीं आई तो टी.वी.
चला लिया। शनिवार होने से चैनल बदलते हुए मेरा हाथ रैन टी.वी. पर रुक गया
जहाँ गर्म फिल्म आ रही थी। अब तो मेरी नींद भी जाती रही, एक तो बीवी से
डेढ़ साल में पहली बार रात में अलग सोना, उस पर से रैन टी.वी. का कहर !
मुठ मारते पूरी रात काटनी पड़ी पर मन टी.वी. बिना देखे मान ही नहीं रहा
था। किसी तरह मुठ मारते रात काट ली और सुबह काफी देर तक सोता रहा। जब उठा
तब मेरी बीवी नाश्ता बना रही थी। मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली- लगता
है कि काफी निश्चिंत होकर रात में सोये हैं जनाब !
मेरा नाराजगी भरा चेहरा देख कर और कुछ न बोल कर चाय का प्याला मेरी तरफ
बढ़ा दिया। मैं भी कुछ कहे बिना चुपचाप से चाय पीने लगा। दिन भर सभी अपने
अपने काम में लग गए, मैं भी अपने ब्रोकिंग एजेंसी को देखने चला। दिन भर
तो काम में लगा रहा, शाम को घर आने पर चाय और नाश्ता देकर बीवी फिर दीदी
के पास जाकर बैठ गई जो मेरे ही सामने के कुर्सी पर बैठी नाश्ता ले रही
थी।
अब मैंने थोड़ा ध्यान दीदी की तरफ दिया, सोचने लगा- क्या दीदी आज भी मेरे
ही कमरे में सोयेंगी?
और बातों बातों में पता लगा कि वे आज भी नहीं जान छोड़ने वाली !
फिर वही कहानी पिछली रात वाली !
मुझे आज फिर अकेले दूसरे कमरे में सोना था ! पर आज मुझे दीदी पर बहुत
गुस्सा आ रहा था और बकबकाते हुए मैं बाहर आ गया। पिछली पूरी रात खराब कर
के रख दी थी !
रात होते ही मेरा मुठ मारना शुरु हो गया और आज न जाने कैसे रात कट गई,
पता नहीं कब नींद लग गई !
सुबह जगा तो पूरे सात बज रहे थे। मैंने सोच रखा था चाहे कुछ भी हो आज रात
रानी को (मेरी बीवी) नहीं छोड़ना है, या तो मेरे कमरे में या रसोई में,
कहीं भी चुदाई होगी तो होगी !
जैसे ही दीदी ने नहाने के लिए स्नानघर में प्रवेश किया, मैं मौका देख कर
रसोई में घुस गया और पीछे से रानी को पकड़ उसके बोबे मसलते हुए चूतड़ों की
फांकों में अपने फनफनाये लंड का दबाब डालते हुए गालों को जोर से चूम लिया
तो रानी बोली- कोई देख लेगा ! क्या करते हो? दो रातों में ही अकडू महराज
पायजामे से बाहर हो रहे हैं, अगर दो रातें और बिता ली तो पायजामे से निकल
किसी बिल में ही घुस जायेंगे तो ढूंढना मुश्किल हो जायेगा !
मैंने कहा- देखो रानी, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा ! आज रात कुछ करो
यार ! यह दीदी अपने तो अकेली रहने की सजा कट रही हैं, साथ में हमें भी
मार रही हैं ! या तो तुम मेरे कमरे में आ जाना या रात को यहीं रसोई में
ही चुदाई करेंगे !
रानी भी थोड़ी उत्तेजित हो चुकी थी, वह बोली- नहीं, रसोई में ठीक नहीं
होगा ! मैं तुम्हारे कमरे में भी नहीं आ सकती क्योंकि दीदी सोचेगी कि दो
रात में जवानी काबू में ना रही जो मराने चली गई।
मैं बोला- तो मैं मुठ मार कर सोता रहूँ?
"नहीं जी ! मैंने ऐसा कब कहा? अगर यह समस्या सदा के लिए टालनी है तो हम
अपने कमरे में ही करेंगे। अगर दीदी जाग गई तो शरमा कर कल से नहीं
सोयेंगी। और ना जगी तो रोज ऐसे ही चलेगा !"
रानी का जबाब सुन कर मैंने कहा- पर इसमें तो दीदी के जागने का ज्यादा
चांस है, जागने पर क्या सोचेंगी?
रानी ने कहा- मैं तो चाहती हूँ कि रात को दीदी जग जाये जिससे कल से यह
समस्या ख़त्म हो जाये ! समझे बुद्धू ?
मैं समझने की कोशिश करता हुआ काम बनता देख ज्यादा ना पूछा पर जानना चाहा-
पर रात में मैं तुझे पहचानूँगा कैसे?
वह बोली- मैं बेड के इसी किनारे सोऊंगी और दरवाजा खुला रखूंगी ! तुम धीरे
से आ जाना बस !
मैं कुछ और पूछता, इससे पहले दीदी नहाकर निकलने जा रही थी। तो मैं धीरे
से निकल चला और रात के इंतजार में जल्दी से तैयार हो कर अपने काम पर चल
दिया।
अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी जो मेरी अपनी कहानी, मेरे असली जीवन की
है, जिसमें कवियों जैसे बनावटी कुछ भी शब्द नहीं हैं, हो सकता है आपको
अच्छा ना लगे, पर पहली कहानी समझ कर भूल क्षमा करने का कष्ट करें।.
पुनः अपनी बात पर आते हुए : मैं रानी के फीगर के बारे में आपको बताना ही
भूल गया। वह इतनी खूबसूरत है जैसे कोई माडल हो, उम्र लगभग बाइस वर्ष,
एकदम संगमरमरी गौरी चमड़ी, जैसे नाखून गड़ा दो तो खून टपक जायेगा, सर पर
भूरे रंग के लम्बे बाल, अप्सराओं जैसा अत्यन्त खूबसूरत चेहरा, बड़ी-बड़ी
काली आँखें जिनमें डूबने को दिल चाहे, तीखी नाक, धनुषाकार सुर्ख गुलाबी
रंगत लिये हुए होंठ, अत्यन्त मनमोहक मुस्कान जो सामने वाले को गुलाम बना
दे। लम्बाई लगभग पांच फीट छह इंच, स्तन 34, कमर 26 और कूल्हे 36 ईंची !
उसे पहली बार देखने पर किसी भी साधु सन्यासी का लण्ड भी दनदनाता हुआ खड़ा
होकर फुंफकारे मारने लगे।
और आज तो तिसरी रात होने के कारण उसमें और खूबसूरती आ गई है। अब मुझे
केवल रात का इन्तजार था।
आखिर शाम हुई, फिर रात हुई और सबने खाना खाकर अपने अपने बिछावन को पकड़
लिया पर दीदी मेरे ही कमरे में डेरा जमाये हुए थी। इन्तजार करते करते
लगभग रात के ग्यारह बज चुके थे। सम्पूर्ण अंधेरा था क्योंकि बिजली भी
नहीं थी, कमरों के भीतर की बत्तियाँ भी बंद थी, मकान में एकदम सन्नाटा
छाया था, माँ के कमरे से खर्राटों की आवाज आ रही थी। सुनने में ऐसा लगा
कि वह गहरी नींद में होगी।
मैंने निश्चिन्त होने के लिये पांच मिनट का इन्तजार किया। अब लगभग अपने
कमरे के पास पहुँच मैंने अपना दायां हाथ इस प्रकार से दरवाजे के तरफ़
बढ़ाया कि कोई हलचल न होने पाये। और कमरे के अन्दर अपने बेड के पास आकर
देखने की कोशिश करने लगा पर कुछ साफ न दिखने से अन्दाजा लगाया कि रानी ने
कहा था कि वह बेड के इसी तरफ़ सोयेगी। आज पहली बार मुझे अपने ही घर में
अपने कमरे में चोरों की तरह घुसना पड़ रहा था। धड़कते दिल से मैं बिछावन के
पास पहुँचा और मध्यम रौशनी के सहारे इस तरफ़ की आकृति को छुआ। मेरा हाथ
उसके चूतड़ पर लगा।
फिर कुछ देर रुक कर मैंने अपना हाथ आगे पेट की ओर बढ़ाते हुए आहिस्ता से
उसके उन्नत-शिखरों की ओर खिसका दिया। मेरे हाथ का पंजा उसके स्तनों के
पास पहुँच कर पूरे पंजे से उसके बोबे दबाने लगा। अब मैंने उसके खुले गले
के ब्लाऊज़ के गले के अंदर हाथ डाला तो मेरा पहला स्पर्श उसकी सिल्की ब्रा
का हुआ, पर इससे तो मुझे सन्तुष्टि नहीं हुई। फिर मैंने आहिस्ता से अपना
हाथ उसके स्तनों के बीच की घाटी में प्रविष्ट करा दिया और आहिस्ता
आहिस्ता उसके दोनों स्तनों पर अपने हाथ घुमाने लगा। मैं उसकी दूध की
दोनों डोडियों से खेलने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे
हैं।
अब मेरे दिमाग ने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया। मैं बिल्कुल कामातुर हो
चुका था, मैं यह भूल चुका था कि यदि दीदी ने जागकर देख लिया तो पता नहीं
क्या सोचने लगेगी ! अब मैं रानी के स्तनों के साथ उसकी चूत को भी मसलना
चाहता था। मैंने आहिस्ता से उसका साया खोल कर उसकी मखमली पैंटी पर हाथ रख
दिया और कोई प्रतिक्रिया न देखकर फिर अंदर चूत को सहलाने के लिये हाथ
बढ़ाया तो मेरा हाथ उसके दाने से टकराया। बिल्कुल छोटी मखमली झांटों को
सहलाने का लुत्फ उठाने लगा। अब लगा मेरे दोनों हाथों में जन्नत है, मेरा
बायां हाथ तो उसके वक्षों से खेल रहा था और दायां हाथ उसके वस्ति-क्षेत्र
का भ्रमण कर रहा था।
अब मुझे यह तो सुनिश्चित हो चुका था कि वह नींद में नहीं है तो मैं हौले
से उसके भग्नासा के दाने को सहालाकर उत्तेजित करने की कोशिश करने लगा। पर
वह भी आँखें मींचकर पड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि अब यह गर्म है तो समय भी
तो तेजी खिसका जा रहा है, इसके लिये दूसरा उपाय करना होगा। इधर उसके सिर
के तरफ़ मैंने लण्ड का रुख करके उसके मुँह के ऊपर रखा था तो मेरा लण्ड
मुँह खोलकर चूसने लगी। अब मैंने अपनी लुन्गी खोलकर कमर से हटाते हुए उसके
मुँह से पूरा सटा दिया, उसमें से चिपचिपाहट भी निकल रही थी जो उसके
होंठों को गीला कर रही थी। अब दोबारा मैंने अपने दोनों हाथों को व्यस्त
रखते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली प्रविष्ट कराई तो देखा वहाँ गीला-गीला
सा था, मतलब वह गर्म हो चुकी थी।
स्तन मर्दन के साथ जैसे ही मैंने उंगली चूत में अंदर-बाहर करनी शुरु की
तो रानी छटपटाने लगी और उसने अपनी नींद का नाटक छोड़ा और मेरी तरफ करवट
बदलकर मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने के बाद उसे लण्ड अपने मुँह में तेजी से
चूसना शुरु कर लिया। मैं तो अपने होशोहवास खो चुका था, वह भी पागलों की
तरह लण्ड मुँह में अंदर-बाहर कर रही थी। उधर मैं भी उसे अपने दोनों हाथों
से बराबर उसे उत्तेजित कर रहा था।
मैंने कमरे में अपने बगल की तरफ देखा, दीदी आराम से सोई हुई थी और
सम्पूर्ण अंधेरा था, तो कोई डर नहीं था कि देख लेंगी।
हम दोनों किसी भी किस्म की आवाज नहीं निकाल रहे थे क्योंकि दीदी जाग सकती
थी। अब रानी की लगातार मेहनत के कारण दस मिनट में ही मेरा लण्ड स्खलित
होने की कगार पर पहुँच गया, तो मैंने उसे हाथ के इशारे से समझाने की
कोशिश की पर उसने इस पर ध्यान नहीं दिया। तो मैं भी क्या करता, मैंने भी
वीर्य का फव्वारा उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने भी हिम्मत दिखाते हुए
पूरा का पूरा गटक लिया।
अब मैं तो खाली हो गया किन्तु उसकी उत्तेजना शांत नहीं हुई थी, वह मेरे
निर्जीव पड़े लण्ड को खड़ा करने की कोशिश करने लगी। मात्र पाँच मिनट में ही
हम दोनों सफल हो गये। मेरा लण्ड फिर कड़क होकर फुंफकारने लगा। फिर एक
दूसरे के शरीर को चूमने-सहलाने लगे। अब हम दोनों पागलॉ की तरह लिपट गये
और एक दूसरे के शरीर को टटोल कर आनंद लेने लग गये। अब मैंने उसकी चोली
खोल दी और पैंटी भी उतार दी, उसके तन व मेरे बीच में कोई नहीं था।
मैं अब बेड पर बैठ गया, वह मेरी गोद में दोनों टांगों को बीच में लेकर
अपने टाँगों को मोड़ कर इस प्रकार बैठी कि उसकी चूत मेरे लण्ड को स्पर्श
करने लगी। वह मेरे सीने को हाथ से सहला रही थी, नीचे चुदाई चालू थी, वह
भी हिलकर अपने शरीर को ऊपर नीचे होकर पूर्ण सहयोग कर रही थी। फिर मैं
बारी बारी से उसके दोनों स्तनों पर अपनी जीभ फिराने लगा। उसके बाद मैंने
उसकी गर्दन की दोनों तरफ कामुकता बढ़ाने वाली नस के साथ उसके कान की लोम व
आँखों की भोहों पर भी अपनी जीभ फिराई। वह मदमस्त होकर पागल हो उठी। दोनों
की सांसें एक दूसरे में विलीन हो रही थी। यदि हम किसी एकान्त कमरे में
होते तो पागलपन में न जाने कितनी आवाजें निकालते। पर जगह और समय का ध्यान
रखते हुए बिल्कुल खामोश रहने की कोशिश करते रहे।
अब इस मदहोश करने वाली अनवरत चुदाई को लगभग आधा घण्टा हो चुका था। अब एक
ही आसन में चोदते हुए थकान होने लगी थी। तभी रानी ने मुझसे गति बढ़ाने का
इशारा दिया और कुछ ही क्षण में हांफते हुए वह चरमसीमा पर पहुँच गई। फिर
वह पस्त होकर ढीली पड़ कर लेट गई।
मैं तो अभी तक भरा बैठा था, मैंने कुछ समय रुककर इशारा किया कि अब मैं भी
पिचकारी छोड़ना चाहता हूँ तो उसने इशारे से कहा- रुको !
वह खड़ी हुई और बेड पर हाथ रख और सिर झुकाकर खड़ी हो गई। मैंने भी पीछे से
उसकी चूत में लण्ड पेल दिया और अपने दोनों हाथों से उसके उन्नत स्तनों को
मसलते हुए उसे चोदने लगा। फिर जन्नत की यात्रा शुरु हुई। फिर मदमस्त होकर
वह भी आगे पीछे होकर मुझे सहयोग देने लगी। हम दोनों ने अपनी गति और बढ़ा
दी और लगभग दस मिनट बाद मेरी पिचकारी छुट गई, हम दोनों पस्त हो गये।
वह कुछ समय रुक कर सफाई करने बाथरुम मे जाकर वापिस अपनी बिछावन पर आ गई।
भगवान का लाख-लाख शुक्र था कि दीदी अब तक सोई हुई थी और उनको इस चुदाई के
बारे में शक भी नहीं हुआ।
अब मैं अपने कमरे मे आकर आराम से सो गया आज सुबह मेरा मन काफ़ी खुश था
मैंने रसोई में बीवी को जब अकेले देखा तब उसके पास जाकर पीछे से बाहों मे
भर चूमना शुरु कर दिया। रानी मुझे मनाने के लिये मेरे बालों मे उंगली
फिराते बोली- सॉरी जी ! मैं रात में सो गई पर आप भी नहीं आए?
मेरे कान में इतना पड़ना था कि मेरे दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया।
तो क्या मेरे साथ रात में दीदी थी, अब मैं समझ गया !
यह घटना मेरे मन-मस्तिष्क पर एक चलचित्र की तरह स्पष्ट चल रही थी।
हालांकि मैं भ्रम में रह गया लेकिन जब जान ही गया तो दोनों की तुलना करने
लगा तो पाया कि वाकई में रानी से ज्यादा मजा तो दीदी को चोदने में आया !
और अब वह अलग कमरे में भी सो कर मुझसे हर दो दिन बाद चुदती है, नैहर
(मेरे घर) अब अकसर आती है मेरे साथ चुदाई के लिये और फिर उसके पास मैं भी
अक्सर जाने लगा हूँ। वह आज भी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है।
रानी आज तक न जान पाई और ना मैंने उसे बताया। वह भी एक अद्वितीय अनुभव था।
मैं आपके पत्र का इन्तजार करुंगा, कृपया मुझे यह बतलाने का कष्ट करें कि
मेरे जीवन का यह अनोखा अनुभव आपको कैसा लगा।
jkjitendrakumar70@gmail.com


Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,

--

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator