जवानी की मिठास--3
सावधान-
दोस्तो ये कहानी मा और बहन की चुदाई पर आधारित है जिन भाइयो को इन रिश्तो
की कहानियाँ पढ़ने मे अरुचि होती है कृपया वो इस कहानी को ना पढ़े
गतान्क से आगे................
रुक्मणी- मूह बना कर अरे मेरा बेटा मुझ पर चढ़ता भी है तो तू क्यो जली जा रही है
जमुना- अरे आज मैं तुझे दोपाःआऱ को एक बात बताउन्गि फिर देखना तेरा मन भी
करेगा कि तेरा बेटा ही तुझ पर चढ़ कर तुझे चोद दे,
रुक्मणी-उसका हाथ पकड़ कर तो बना ना क्या बताने वाली है
जमुना- अरे बाद मैं बताउगि आराम से तुझे सहलाते हुए,
रुक्मणी- पर उस दिन जैसे मत करना उस दिन तूने सचमुच मेरा पानी निकाल दिया था
जमुना- चल मैं अब जा रही हू
विजय- जमुना की बात सुन कर सोचने लगता है यह जमुना काकी ना जाने मा को
क्या बताने वाली है आज चुपके से इनकी बात सुनना चाहिए, कुछ देर बाद विजय
नहा कर बाहर आता है और रुक्मणी बैठी-बैठी सब्जिया काट रही थी, लूँगी मे
उसका मोटा लंड लटका हुआ था लेकिन उसकी मोटाई का उभार लूँगी के बाहर भी
पता चल रहा था और रुक्मणी बार-बार अपने बेटे के मोटे लंड को देखने के लिए
तरस रही थी.
मा ये गुड़िया सुबह-सुबह कहा चली गई है
रुक्मणी- बेटे वह पड़ोस के गाँव मे उसकी सहेली के यहाँ शादी है इसलिए वह
दिन भर वही रहेगी शाम को वापस आ
जाएगी.
विजय- एक बात कहु मा
रुक्मणी-क्या
विजय- तुम कहो तो गुड़िया को कुछ दिन शहर मैं अपने पास रख लू, खाना बनाने
मे सुबह बड़ी देर हो जाती है और ड्यूटी को अक्सर लेट हो जाता हू बस कुछ
दिन और कट जाए फिर ऑफीस के पास ही एक घर का जुगाड़ करना पड़ेगा,
रुक्मणी- पर बेटे गुड़िया वहाँ रह लेगी अकेली
विजय- मा रह पाएगी तो ठीक है नही तो वापस पहुचा दूँगा.
रुक्मणी- मुस्कुराते हुए, कभी अपनी मा को भी घुमा ला शहर मे.
विजय- अपनी मा के पास नीचे उकड़ू बैठता हुआ उसे अपनी बाँहो मे भर कर
चूमता है और उसके नीचे बैठने से उसका
मोटा लंड लूँगी से निकल आता है और रुक्मणी अपने बेटे से चिपकी हुई
बिल्कुल करीब से उसके मोटे लंड को देख लेती है,
रुक्मणी की चूत पानी-पानी हो जाती है,
क्यो नही मा अगली बार तुम्हे भी अपने साथ सहर ले चलूँगा,
दोपहर को विजय खाना खाने के बाद अंदर कमरे मे सो रहा था और तभी जमुना
काकी अंदर आकर रुक्मणी के पास बैठ
जाती है, विजय जमुना काकी की आवाज़ सुन कर चुपचाप दरवाजे के पास आकर अपने
कान लगा लेता है.
जमुना- हो गया काम धंधा, और तेरा बेटा विजय कहाँ है, और फिर जमुना
रुक्मणी की दोनो जाँघो को फैला कर उसकी
टाँगो के बीच झँकति हुई कही अंदर तो नही छुपा लिया तूने अपने बेटे को
रुक्मणी- मुस्कुरकर, कामिनी मेरा बेटा कोई बच्चा है जो अब इतनी सी जगह मे
छुप जाएगा,
जमुना-हा हा उस मुस्टंडे के आने से ही तो तेरा ये भोसड़ा दिन भर भीगा रहता है
रुक्मणी- अच्छा ज़रा धीरे बोल और अब बता तू क्या बात बताने वाली थी, क्या
फिर किसी को तूने चुद्ते हुए देखा है,
जमुना- नही रे मैं तो तुझे ऐसी बात बता रही हू कि तेरा पानी छूट जाएगा,
रुक्मणी- तो फिर जल्दी बता ना
जमुना- अरे मैं तुझसे यह बता रही थी कि तेरा 32 साल का बेटा भी तुझे उतना
मज़ा नही देता होगा जितना आज कल कुछ दिनो से मेरा 16 साल का बेटा रिंकू
दे रहा है,
रुक्मणी- आश्चर्या से रिंकू, भाल वह क्या मज़ा देता है तुझे,
जमुना- अरे कुछ दिनो से जब मैं रात को सो जाती हू तो वह मुझे सोया हुआ
समझ कर धीरे- धीरे मेरी साडी मेरी कमर
तक चढ़ा देता है और फिर इतने प्यार से अपने हाथो से मेरी फूली हुई चूत को
सहलाता है कि क्या बताउ,
रुक्मणी-यह तू क्या कह रही है,
जमुना- सच रुक्मणी, जब पहली बार मुझे लगा कि कोई मेरी चूत को बड़े प्यार
से सहला रहा है तो मैंने चुपके से
आँखे खोल कर देखा तो मेरा बेटा रिंकू मेरे दोनो पैरो के पास बैठ कर बड़े
प्यार से मेरी फूली हुई चूत पर हाथ फेर
रहा था,
रुक्मणी- तो तूने उसे डांता नही
जमुना- अरे मेरी डाँटने की हिम्मत ही कहाँ थी, उसका इस तरह से मेरी चूत
सहलाना मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि क्या बताउ, और अब तो वह रोज जैसे ही
मैं सोने का नाटक करती हू वह रात-रात भर बैठ कर मेरी फूली हुई चूत को
बड़े प्यार से सहलाता है, और उसकी अब तो हिम्मत बढ़ती ही जा रही है,
कभी-कभी तो वह मेरी फूली हुई चूत को अपनी मुत्ती मे दबोच भी लेता है, हाय
रुक्मणी क्या बताउ उस समय कितना मज़ा आता है, और कल रात तो उसने मेरी
फूली हुई चिकनी चूत पर सीधे अपना मूह रख कर अपने मूह से जब दबाया तो मुझे
ऐसा लगा जैसे मैं पानी छ्चोड़ दूँगी,
जमुना- सच रुक्मणी सोच जब मेरा छ्होटा सा बेटा अपनी मम्मी की चूत इतने
प्यार से सहलाता है तो फिर अगर तेरा जवान बेटा तेरी इस गदराई चूत को अपने
मूह से चुसेगा तो तुझे कितना मज़ा आएगा, और वैसे भी तू इतनी मस्त घोड़ी
है कि तेरा बेटा एक बार तुझे पूरी नंगी देख लेगा तो अपनी मा की इस गदराई
फूली हुई रसीली चूत को मारे बिना नही रह पाएगा,
जमुना की बात सुन कर विजय का मोटा लंड अपनी मा को चोदने के लिए बुरी तरह
तन चुका था और वह अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रस दरवाजे के पीछे छुपा
हुआ अपनी आँखो से पी रहा था,
रुक्मणी- अरे तेरी किस्मत अच्छी है पर मेरा बेटा भला ऐसा क्यो करेगा,
जमुना- अरे तुझे क्या पता तेरे सोने के बाद तेरा बेटा भी तेरी चूत पर हाथ
मार देता हो,
रुक्मणी- मुस्कुराते हुए चल हट मेरा बेटा ऐसा नही है
जमुना- चल शर्त लगा ले, जिसकी मा इतनी मालदार हो उसका बेटा उसकी चूत का
प्यासा ना हो ऐसा हो ही नही सकता है, वह ज़रूर तुझे चोदने की फिराक मे
रहता होगा पर तू ध्यान ही नही देती है,
रुक्मणी- अच्छा चल तेरी बात मान लेती हू पर यह कैसे पता लगेगा कि मेरा
बेटा मुझे चोदना चाहता है
जमुना- अच्छा तू एक काम कर आज अपने बेटे से बात करते हुए इतना कहना बेटा
मैं पहले से बहुत मोटी हो गई हू ना फिर देखना तेरा बेटा सबसे पहले तेरे
मोटे-मोटे दूध उठा हुआ पेट और फिर तेरे भारी भरकम चूतादो को कैसे घूर कर
देखता है, और फिर देखना किसी बहाने से या तेरी तारीफ करके तुझसे कैसे
चिपकने की कोशिश करेगा, देखना उसका मन
करेगा कि वह तुझे पूरी नंगी करके खड़े-खड़े अपने मोटे लंड पे चढ़ा ले,
जब काफ़ी देर बाद जमुना वहाँ से चली जाती है तब विजय आँख मलता हुआ बाहर
अपनी मा के पास आकर बैठ जाता है
रुक्मणी-उठ गया बेटे
विजय- हाँ मा
रुक्मणी- अच्छा बेटे क्या मैं ज़्यादा मोटी हो गई हू
विजय- अपनी मा के मोटे-मोटे दूध उसका उठा हुआ मखमली पेट और फिर उसके भारी
चूतादो को खा जाने वाली नज़रो से
देखता हुआ अरे नही मा तुम तो बहुत अच्छी दिखती हो,
रुक्मणी- क्या मैं तुझे बहुत अच्छी लगती हू
विजय- अपनी मा को अपनी बाँहो मे भर कर, अरे मा किस बेटे को अपनी मा अच्छी नही लगेगी
रुक्मणी- मुझे देख कर तेरा क्या मन करता है बेटा
विजय- अपनी मा का भरा हुआ चेहरा अपने हाथो मे थाम कर, मा मेरा दिल करता
है अपनी मा को चूमता रहू और उसे
खूब प्यार करू और फिर विजय अपनी मा के गुलाबी गालो को चूमता हुआ अपने
दोनो हाथो से उसके भारी चूतादो को सहलाने लगता है, रुक्मणी अपने बेटे से
पूरी तरह चिपक जाती है, उस समय दोनो मा बेटे के लंड और चूत एक दूसरे मे
समा जाने को मचल जाते है,
शाम को गुड़िया जब लॉट आती है तो रुक्मणी अगले दिन उसके जाने की तैयारी
करने लगती है, इधर विजय शाम को घूमने निकलता है तो उसकी मुलाकात लखन से
हो जाती है और दोनो बाते करते-करते शराब लेकर एक आम के बाग मे जाकर बैठ
जाते है, दोनो के बीच जाम पर जाम शुरू हो जाते है,
लखन- अच्छा विजय भैया एक बात पुंचू
विजय- एक नही दो पूछ लखन
लखन- भैया तुम्हारा कैसी औरत को चोदने का मन करता है
विजय- नशे मे मस्त हो रहा था, अरे लखन मेरा भी मन कुछ दिनो से ऐसी औरत को
चोदने का करने लगा है जैसा
मन तेरा करता है,
लखन- नशे मे तुंन होकर मतलब भैया
विजय- अरे लखन जैसा मन तेरा अपनी मा को चोदने का करता है वैसा ही मेरा मन
अपनी मा को चोदने का करने लगा है
लखन- सच भैया बुरा मत मानना पर तुम्हारी मम्मी बहुत जोरदार माल है
विजय- हाँ लखन मैं दो दिन से दिन रात अपनी मा की गदराई जवानी को ठोकने के
लिए तरस रहा हू
लखन- क्या तुम्हे अपनी मा बहुत अच्छी लगती है
विजय- हा लखन तू सच कहता था मैं अपनी मा के भारी चूतादो को देख -देख कर
पागल रहने लगा हू जब उसकी मोटी
गंद और जंघे इतनी चौड़ी नज़र आती है तो उसका गुलाबी फूला हुआ भोसड़ा कैसा होगा
लखन- भैया ठकुराइन को वैसे तुम्हारे जैसे मोटे लंड से ही मज़ा आएगा, सच
भैया मैंने पूरे गाँव मे सुन
रखा है तुम्हारी मा बहुत चुदासी है उसे अपनी चूत मे मस्त लंड चाहिए, सारा
गाँव उसकी गदराई जवानी को चोदने के
लिए तरस रहा है पर वह किसी को घास तक नही डालती है,
विजय- अरे लखन एक बार जब अपने बेटे का मोटा लंड देखेगी तो अपने बेटे के
लंड पर चढ़े बिना नही रह पाएगी पर
यार लखन समझ मे नही आता अपनी मा को कैसे चोदु,
लखन- अरे भैया मैं भी एक समस्या से घिरा हू और उसका उपाय आ जाता तो आपकी
समस्या भी हल हो जाती और आप आराम से अपनी मा की चूत चोद सकते थे.
विजय- वह क्या
लखन- भैया मैं तो जब भी अपनी बीबी को चोदता हू मुझे मेरी मा ही नज़र आती
है जब अपनी बीबी की मस्त फूली हुई चूत देखता हू तो मुझे ऐसा लगता है जैसे
मैं अपनी मा की चूत को दबा और चूम रहा हू, सच पूछो तो जब मैं अपनी बीबी
को अपनी मा समझ कर चोदता हू तो मुझे चुदाई करने मे बड़ा मज़ा आता है, पर
क्या बताउ बस समझ नही आता की
कैसे अपनी मा की चूत चोदु.
विजय- एक आइडिया है मेरे मन मे लखन
लखन- वह क्या
विजय- तू अपनी मम्मी को अपनी बीबी की मदद से क्यो नही चोद लेता है, तेरी
बीबी को पटा ले वह ज़रूर तेरी मा की चूत को गरम करके तेरे सामने परोस
सकती है,
लखन- बात तो आप एक दम ठीक कह रहे हो भैया, मैं आज ही से अपनी बीबी को
पटाना शुरू कर देता हू
विजय- अच्छा एक बात बता लखन , किसी कुँवारी लोंड़िया को चोदना हो तो कैसे
चोदना चाहिए,
लखन- अरे क्या बताउ भैया कुँवारी लोंदियो को चोदने मैं भी बड़ा मज़ा
मिलता है, ऐसा कसा हुआ लंड जाता है उनकी
चूत मे कि मज़ा आ जाता है, पर तुम कौन सी कुँवारी लोंड़िया को चोदने का सोच रहे हो
विजय- बस है यार एक जो नज़र मे चढ़ गई है, और फिर विजय अपने मोटे लंड को
जो पूरी तरह तना हुआ था को मसल्ने लगता है
लखन- मुस्कुराता हुआ भैया बुरा ना मानो तो एक बात कहु
विजय-हाँ बोल ना
लखन- भैया वैसे मेरी नज़र मे एक बहुत ही मस्त लोंड़िया है और तुम उसे
बड़ी आसानी से चोद सकते हो
विजय- कौन है वह
लखन- वही जिसके बारे मे सोच कर तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है, तुम ज़रूर
अपनी बहन गुड़िया को ही चोदने का सोच
रहे हो ना
विजय- उसे हैरत भरी निगाहो से देखता हुआ, हा लेकिन तूने कैसे अंदाज़ा लगाया लखन
लखन- मैं तो पहले ही समझ गया था जब तुमने कुवारि लोंड़िया को चोदने की
बात की, अभी तुम्हारे घर के आस पास
गुड़िया से मस्त लोंड़िया है भी कौन,
विजय- हा लखन गुड़िया मुझे बहुत अच्छी लगती है मैं उसे चोदना चाहता हू,
लखन- अरे भैया अब मैं क्या कहु, गुड़िया को तुमने लगता है ठीक से देखा ही
नही अगर उसकी गुलाबी चूत और कसी हुई
गदराई गंद देख लो तो तुम पागल हो जाओगे
विजय- क्या तूने गुड़िया की गंद और चूत देखी है,
लखन- हा भैया एक बार खेतो मे वह घाघरा उँचा करके मूतने बैठी थी और सामने
पास ही के पेड़ के पीछे मैं दारू
पी रहा था तब मैंने गुड़िया को खूब अपनी चूत से खेलते हुए देखा था बड़ी
गुलाबी चूत है भैया आपकी बहन की, एक
बार उसे अपने लंड पर बैठा कर देखो सारे जमाने का मज़ा दे देगी आपको
विजय- अपने लंड को मसलता हुआ, क्या गुड़िया की चूत बहुत गुलाबी है,
लखन-हा भैया तुम्हारी बहन तो एक दम पका हुआ माल है अब यही समय है कि उसे
तुम खूब तबीयत से चोदो
विजय -अच्छा लखन तू तो हमेशा गाँव मे रहता है और कुछ बता ना अपने गाँव की
औरतो के बारे मे,
लखन- भैया अभी तो गाँव मे बस तुम्हारी मा रुक्मणी का ही चर्चा रहता है
कहो तो तुम्हारी मा की ही बाते बता दू
विजय- अपने मोटे लंड को मसल्ते हुए, क्यो क्या तूने मेरी मा की भी गंद और
चूत देखी है, अगर देखी हो तो बता ना
लखन मेरी मा की फूली हुई चूत कैसी लगती है उसकी नंगी गंद कैसी नज़र आती है,
लखन- भैया मैंने तो नही देखी तुम्हारी मा को नंगी पर हा यह ज़रूर सुना है
कि तुम्हारी मा और जमुना काकी दोनो
खूब एकदुसरे की चूत और गंद चाटती है, एक बार तो मेरी मा ने तुम्हारी मा
और जमुना काकी को पूरी नंगी होकर एक दूसरे से चिपके हुए देखा था,
विजय- तो तुझे कैसे पता चला
लखन- मेरी मा जमुना काकी के घर गई थी और उनका दरवाजा खुला था जब मेरी मा
ने उन्हे देखा तो वह दोनो जान
नही पाई कि मेरी मा ने उन दोनो को नंगी देखा है बस फिर यह बात मेरी मा ने
मेरी बीबी को बता दी और मेरी बीबी ने
मुझे, सच विजय भैया तुम्हारी मा बहुत बड़ी चुदासी है उसे अपना मोटा लंड
कैसे भी करके दे ही दो.
क्रमशः...............
JAWAANI KI MITHAS--3
gataank se aage................
rukmani- muh bana kar are mera beta mujh par chadhta bhi hai to tu kyo
jali ja rahi hai
jamuna- are aaj main tujhe dophar ko ek bat bataaungi phir dekhna tera
man bhi karega ki tera beta hi tujh par chadh kar
tujhe chod de,
rukmani-uska hath pakad kar to bana na kya batane wali hai
jamuna- are bad main bataaugi aaram se tujhe sahlate huye,
rukmani- par us din jaise mat karna us din tune sachmuch mera pani
nikal diya tha
jamuna- chal main ab ja rahi hu
vijay- jamuna ki bat sun kar sochne lagta hai yah jamuna kaki na jane
ma ko kya batane wali hai aaj chupke se inki bat
sunna chahiye, kuch der bad vicky naha kar bahar aata hai aur rukmani
baithi-baithi sabjiya kat rahi thi, lungi main uska
mota land latka hua tha lekin uski motai ka ubhar lungi ke bahar bhi
pata chal raha tha aur rukmani bar-bar apne bete
ke mote land ko dekhne ke liye taras rahi thi.
ma ye gudiya subah-subah kaha chali gai hai
rukmani- bete vah pados ke ganv main uski saheli ke yaha shadi hai
isliye vah din bhar vahi rahegi sham ko vapas aa
jayegi.
vijay- ek bat kahu ma
rukmani-kya
vijay- tum kaho to gudiya ko kuch din shahar main apne pas rakh lu,
khana banane main subah badi der ho jati hai aur duty
main aksar let ho jata hu bas kuch din aur kat jaye phir office ke pas
hi ek ghar ka jugad karna padega,
rukmani- par bete gudiya vaha rah legi akeli
vijay- ma rah payegi to thik hai nahi to vapas pahucha dunga.
rukmani- muskurate huye, kabhi apni ma ko bhi ghuma la shahar main.
vijay- apni ma ke pas niche ukadu baithta hua use apni banho main bhar
kar chumta hai aur uske niche baithne se uska
mota land lungi se nikal aata hai aur rukmani apne bete se chipki hui
bilkul karib se uske mote land ko dekh leti hai,
rukmani ki chut pani-pani ho jati hai,
kyo nahi ma agli bar tumhe bhi apne sath sahar le chalunga,
dophar ko vijay khana khane ke bad andar kamre main so raha tha aur
tabhi jamuna kaki andar aakar rukmani ke pas baith
jati hai, vijay jamuna kaki ki awaj sun kar chupchap darwaje ke pas
aakar apne kan laga leta hai.
jamuna- ho gaya kam dhandha, aur tera beta vijay kaha hai, aur phir
jamuna rukmani ki dono jangho ko phaila kar uski
tango ke beech jhankti hui kahi andar to nahi chupa liya tune apne bete ko
rukmani- muskurakar, kamini mera beta koi bachcha hai jo ab itni si
jagah main chup jayega,
jamuna-ha ha us mustande ke aane se hi to tera ye bhosda din bhar
bhiga rahta hai
rukmani- achcha jara dhire bol aur ab bata tu kya bat batane wali thi,
kya phir kisi ko tune chudte huye dekha hai,
jamuna- nahi re main to tujhe aisi bat bata rahi hu ki tera pani chhut jayega,
rukmani- to phir jaldi bata na
jamuna- are main tujhse yah bata rahi thi ki tera 32 sal ka beta bhi
tujhe utna maza nahi deta hoga jitna aaj kal kuch
dino se mera 16 sal ka beta rinku de raha hai,
rukmani- ashcharya se rinku, bhal vah kya maza deta hai tujhe,
jamuna- are kuch dino se jab main rat ko so jati hu to vah mujhe soya
hua samajh kar dhire- dhire meri sadi meri kamar
tak chadha deta hai aur phir itne pyar se apne hantho se meri phuli
hui chut ko sahlata hai ki kya bataau,
rukmani-yah tu kya kah rahi hai,
jamuna- sach rukmani, jab pahli bar mujhe laga ki koi meri chut ko
bade pyar se sahla raha hai to mainne chupke se
aankhe khol kar dekha to mera beta rinku mere dono pairo ke pas baith
kar bade pyar se meri phuli hui chut main hath pher
raha tha,
rukmani- to tune use danta nahi
jamuna- are meri dantne ki himmat hi kaha thi, uska is tarah se meri
chut sahlana mujhe itna achcha lag raha tha ki kya
bataau, aur ab to vah roj jaise hi main sone ka natak karti hu vah
rat-rat bhar baith kar meri phuli hui chut ko bade pyar se
sahlata hai, aur uski ab to himmat badhti hi ja rahi hai, kabhi-kabhi
to vah meri phuli hui chut ko apni mutti main daboch
bhi leta hai, hay rukmani kya bataau us samay kitna maza ata hai, aur
kal rat to usne meri phuli hui chikni chut par sidhe
apna muh rakh kar apne muh se jab dabaya to mujhe aisa laga jaise main
pani chhod dungi,
jamuna- sach rukmani soch jab mera chhota sa beta apni mummy ki chut
itne pyar se sahlata hai to phir agar tera jawan
beta teri is gadaraai chut ko apne muh se chusega to tujhe kitna maza
aayega, aur vaise bhi tu itni mast ghodi hai ki tera
beta ek bar tujhe puri nangi dekh lega to apni ma ki is gadaraai phuli
hui rasili chut ko mare bina nahi rah payega,
jamuna ki bat sun kar vijay ka mota land apni ma ko chodane ke liye
buri tarah tan chuka tha aur vah apni mummy ki
gadaraai jawani ka ras darwaje ke piche chupa hua apni aankho se pi raha tha,
rukmani- are teri kismat achchi hai par mera beta bhala aisa kyo karega,
jamuna- are tujhe kya pata tere sone ke bad tera beta bhi teri chut
par hath mar deta ho,
rukmani- muskurate huye chal hat mera beta aisa nahi hai
jamuna- chal shart laga le, jiski ma itni maldar ho uska beta uski
chut ka pyasa na ho aisa ho hi nahi sakta hai, vah jarur
tujhe chodane ki phirak main rahta hoga par tu dhyan hi nahi deti hai,
rukmani- achcha chal teri bat man leti hu par yah kaise pata lagega ki
mera beta mujhe chodna chahta hai
jamuna- achcha tu ek kam kar aaj apne bete se bat karte huye itna
kahna beta main pahle se bahut moti ho gai hu na phir
dekhna tera beta sabse pahle tere mote-mote doodh utha hua pet aur
phir tere bhari bharkam chutado ko kaise ghur kar
dekhta hai, aur phir dekhna kisi bahane se ya teri tarif karke tujhse
kaise chipakne ki koshish karega, dekhna uska man
karega ki vah tujhe puri nangi karke khade-khade apne mote land pe chadha le,
jab kaphi der bad jamuna vaha se chali jati hai tab vijay aankh malta
hua bahar apni ma ke pas aakar baith jata hai
rukmani-uth gaya bete
vijay- ha ma
rukmani- achcha bete kya main jyada moti ho gai hu
vijay- apni ma ke mote-mote doodh uska utha hua makhmali pet aur phir
uske bhari chutado ko kha jane wali najro se
dekhta hua are nahi ma tum to bahut achchi dikhti ho,
rukmani- kya main tujhe bahut achchi lagti hu
vijay- apni ma ko apni banho main bhar kar, are ma kis bete ko apni ma
achchi nahi lagegi
rukmani- mujhe dekh kar tera kya man karta hai beta
vijay- apni ma ka bhara hua chehra apne hantho main tham kar, ma mera
dil karta hai apni ma ko chumta rahu aur use
khub pyar karu aur phir vijay apni ma ke gulabi galo ko chumta hua
apne dono hantho se uske bhari chutado ko sahlane
lagta hai, rukmani apne bete se puri tarah chipak jati hai, us samay
dono ma bete ke land aur chut ek dusre main sama
jane ko machal jate hai,
sham ko gudiya jab lot aati hai to rukmani agle din uske jane ki
taiyari karne lagti hai, idhar vijay sham ko ghumne
nikalta hai to uski mulakat lakhan se ho jati hai aur dono bate
karte-karte sharab lekar ek aam ke bag main jakar baith
jate hai, dono ke beech jam par jam shuru ho jate hai,
lakhan- achcha vijay bhaiya ek bat punchu
vijay- ek nahi do puch lakhan
lakhan- bhaiya tumhara kaisi aurat ko chodane ka man karta hai
vijay- nashe main mast ho raha tha, are lakhan mera bhi man kuch dino
se aisi aurat ko chodane ka karne laga hai jaisa
man tera karta hai,
lakhan- nashe main tunn hokar matlab bhaiya
vijay- are lakhan jaisa man tera apni ma ko chodane ka karta hai vaisa
hi mera man apni ma ko chodane ka karne laga hai
lakhan- sach bhaiya bura mat manna par tumhari mummy bahut jordar mal hai
vijay- ha lakhan main do din se dinrat apni ma ki gadaraai jawani ko
thokne ke liye taras raha hu
lakhan- kya tumhe apni ma bahut achchi lagti hai
vijay- ha lakhan tu sach kahta tha main apni ma ke bhari chutado ko
dekh -dekh kar pagal rahne laga hu jab uski moti
gand aur janghe itni chaudi najar aati hai to uska gulabi phula hua
bhosda kaisa hoga
lakhan- bhaiya thakurain ko vaise tumhare jaise mote land se hi maza
aayega, sach bhaiya mainne pure ganv main sun
rakha hai tumhari ma bahut chudasi hai use apni chut main mast land
chahiye, sara ganv uski gadaraai jawani ko chodane ke
liye taras raha hai par vah kisi ko ghas tak nahi dalti hai,
vijay- are lakhan ek bar jab apne bete ka mota land dekhegi to apne
bete ke land par chadhe bina nahi rah payegi par
yaar lakhan samajh main nahi aata apni ma ko kaise chodu,
lakhan- are bhaiya main bhi ek samasya se ghira hu aur uska upay aa
jata to aapki samasya bhi hal ho jati aur aap aaram
se apni ma ki chut chod sakte the.
vijay- vah kya
lakhan- bhaiya main to jab bhi apni bibi ko chodataa hu mujhe meri ma
hi najar aati hai jab apni bibi ki mast phuli hui chut
dekhta hu to mujhe aisa lagta hai jaise main apni ma ki chut ko daba
aur chum raha hu, sach pucho to jab main apni bibi ko
apni ma samajh kar chodataa hu to mujhe chudai karne main bada maza
aata hai, par kya bataau bas samajh nahi aata ki
kaise apni ma ki chut chodu.
vijay- ek idea hai mere man main lakhan
lakhan- vah kya
vijay- tu apni mummy ko apni bibi ki madad se kyo nahi chod leta hai,
teri bibi ko pata le vah jarur teri ma ki chut ko
garam karke tere samne paros sakti hai,
lakhan- bat to aap ek dam thik kah rahe ho bhaiya, main aaj hi se apni
bibi ko patana shuru kar deta hu
vijay- achcha ek bat bata lakhan , kisi kunwari londiya ko chodna ho
to kaise chodna chahiye,
lakhan- are kya bataau bhaiya kunwari londiyo ko chodane main bhi bada
maza milta hai, aisa kasa hua land jata hai unki
chut main ki maza aa jata hai, par tum kaun si kunwari londiya ko
chodane ka soch rahe ho
vijay- bas hai yaar ek jo najar main chadh gai hai, aur phir vijay
apne mote land ko jo puri tarah tana hua tha ko masalne
lagta hai
lakhan- muskurata hua bhaiya bura na mano to ek bat kahu
vijay-ha bol na
lakhan- bhaiya vaise meri najar main ek bahut hi mast londiya hai aur
tum use badi aasani se chod sakte ho
vijay- kaun hai vah
lakhan- vahi jiske bare main soch kar tumhara land khada ho gaya hai,
tum jarur apni bahan gudiya ko hi chodane ka soch
rahe ho na
vijay- use hairat bhari nigaho se dekhta hua, ha lekin tune kaise
andaja lagaya lakhan
lakhan- main to pahle hi samajh gaya tha jab tumne kuwari londiya ko
chodane ki bat ki, abhi tumhare ghar ke aas pas
gudiya se mast londiya hai bhi kaun,
vijay- ha lakhan gudiya mujhe bahut achchi lagti hai main use chodna chahta hu,
lakhan- are bhaiya ab main kya kahu, gudiya ko tumne lagta hai thik se
dekha hi nahi agar uski gulabi chut aur kasi hui
gadaraai gand dekh lo to tum pagal ho jaoge
vijay- kya tune gudiya ki gand aur chut dekhi hai,
lakhan- ha bhaiya ek bar kheto main vah ghaghra uncha karke mutne
baithi thi aur samne pas hi ke ped ke piche main daru
pi raha tha tab mainne gudiya ko khub apni chut se khelte huye dekha
tha badi gulabi chut hai bhaiya apki bahan ki, ek
bar use apne land par baitha kar dekho sare jamane ka maza de degi aapko
vijay- apne land ko masalta hua, kya gudiya ki chut bahut gulabi hai,
lakhan-ha bhaiya tumhari bahan to ek dam paka hua mal hai ab yahi
samay hai ki use tum khub tabiyat se chodo
vijay -achcha lakhan tu to hamesha ganv main rahta hai aur kuch bata
na apne ganv ki aurto ke bare main,
lakhan- bhaiya abhi to ganv main bas tumhari ma rukmani ka hi charcha
rahta hai kaho to tumhari ma ki hi bate bata du
vijay- apne mote land ko masalte huye, kyo kya tune meri ma ki bhi
gand aur chut dekhi hai, agar dekhi ho to bata na
lakhan meri ma ki phuli hui chut kaisi lagti hai uski nangi gand kaisi
najar aati hai,
lakhan- bhaiya mainne to nahi dekhi tumhari ma ko nangi par ha yah
jarur suna hai ki tumhari ma aur jamuna kaki dono
khub ekdusre ki chut aur gand chatti hai, ek bar to meri ma ne tumhari
ma aur jamuna kaki ko puri nangi hokar ek dusre
se chipke huye dekha tha,
vijay- to tujhe kaise pata chala
lakhan- meri ma jamuna kaki ke ghar gai thi aur unka darwaja khula tha
jab meri ma ne unhe dekha to vah dono jan
nahi pai ki meri ma ne un dono ko nangi dekha hai bas phir yah bat
meri ma ne meri bibi ko bata di aur meri bibi ne
mujhe, sach vijay bhaiya tumhari ma bahut badi chudasi hai use apna
mota land kaise bhi karke de hi do.
KRAMASHAH...............
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,
No comments:
Post a Comment