हिंदी सेक्सी कहानियाँ
चुदाई की आग --5
गतान्क से आगे..................
कमला- क्या कह रहा था दीनू
हरिया- अपनी मम्मी के नंगे पेट और उसकी गहरी नाभि को सहलाते हुए, मम्मी वह कह रहे थे कि यार कमला भाभी का उठा हुआ पेट देख कर उनका लंड खड़ा हो जाता है,
कमला-हरिया की पीठ सहलाती हुई, और क्या कह रहा था वह
हरिया- अपनी मम्मी की मोटी जाँघो पर अपना एक पाँव लगा कर उसके गदराए पेट पर हाथ फेरता हुआ, मम्मी मैने जब उनकी यह बात सुनी तो मे वही रुक गया और फिर उन्होने तुम्हारे बारे मे बहुत गंदी-गंदी बाते की,
कमला की चूत अपने बेटे की बाते सुन कर खूब फूल चुकी थी और हरिया का मोटा लंड भी पूरी तरह तना हुआ था,
कमला- और क्या बाते की उन दोनो ने पूरी बात बता
हरिया- मम्मी मुझे शरम आती है
कमला- अरे अपनी मम्मी से भी कोई शरमाता है क्या, सब बेटे अपनी मम्मी से हर तरह की बात बता देते है चल बोल और क्या बात की उन दोनो ने
हरिया- मम्मी दीनू काका कह रहे थे कि कमला के भारी-भारी चूतड़ उन्हे बहुत अच्छे लगते है, वह तुम्हारे चुतडो को खूब नंगा करके चोदना चाहते है,
और फिर हरिया अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो को धीरे-धीरे दबाने लगता है,
कमला- और क्या कहा दीनू ने
हरिया- मम्मी वह कह रहे थे कि उन्हे तुम्हारा पूरा बदन बहुत अच्छा लगता है और वह तुम्हे अपनी गोदी मे अपने लंड के उपर बैठा कर तुम्हारे होंठो को खूब चूसना चाहते है, और कह रहे थे कि तुम एक बार मिल जाओ तो वह तुम्हे पूरी रात नंगी करके चोदना चाहते है,
कमला- तुझे बुरा नही लगा उनकी इस तरह की बातो से
हरिया- बुरा तो लगा पर मे क्या करता, जब तक वह बाते करते रहे मे वही खड़ा सुनता रहा और फिर जब वह दूसरी बात करने लगे तो मे वाहा से चुपचाप चला आया,
कमला- कितना गंदा आदमी है ये दीनू,
हरिया- अरे मम्मी सिर्फ़ दीनू को ही क्यो कोस्ती हो मुझे तो लगता है पूरा गाँव तुम्हारे बारे मे ऐसी ही बात करता होगा,
कमला-अच्छा पहले तू मेरे पास लेट जा और फिर मुझे पूरी बात अच्छे से बता कौन मुझे पूरी नंगी देखना चाहते है
हरिया- मा मैने तो सुना है गाँव के सभी लोग तुम्हे नंगी देखना चाहते है
कमला- क्या तेरा मन नही करता मुझे नंगी देखने का
कमला की बात सुन कर हरिया उससे एक दम से सॅट जाता है,
कमला- अच्छा यह बता तुझसे सबसे ज़्यादा मेरे बारे मे कौन बात करता है
हरिया- मम्मी वो जीतू है ना वही जब देखो मुझसे तुम्हारी बात करता है,
कमला- अच्छा तू बैठ कर मेरे पेर दबाते हुए बता क्या-क्या कहता है वह जीतू
हरिया-अपनी मा की मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर, मा वह हमेशा मुझसे कहता है कि तेरी मा के चूतड़ बहुत मोटे-मोटे है, वह मुझसे कहता है कि तेरी मा की मोटी गान्ड अगर चाटने को मिल जाए तो सारी रात चाटता रहू
कमला- सीस्यते हुए, तो तुझे बुरा लगता था क्या
हरिया- हा मुझे बुरा तो लगता था लेकिन कभी-कभी अच्छा भी लगता था
कमला- तो क्या तू भी यही चाहता है कि तुझसे कोई तेरी मा के बारे मे बात करे
हरिया- मा मुझे पता नही क्यो यह सब अच्छा लगने लगा है
कमला- तो क्या तू भी मेरे बारे मे ऐसा ही सोचता है
हरिया- का हाथ एक दम से अपनी मम्मी के चुतडो पर रुक जाता है, नही मम्मी मे आपके बारे मे ऐसा क्यो सोचूँगा
कमला- तो सारा गाँव मेरे बारे मे ऐसा क्यो सोचता है
हरिया- अब मम्मी तुम इतनी अच्छी लगती हो इसलिए
कमला- तो तुझे मे अच्छी नही लगती हू
हरिया- अपनी मम्मी का चेहरा अपने दोनो हाथो मे भर कर, नही मम्मी मुझे तो तुम सबसे अच्छी लगती हो और सबसे सुंदर तुम्हारा यह चेहरा है जिसे मे दिन रात चूमना चाहता हू
कमला-मुस्कुरकर, क्या सच मच तुझे मेरा चेहरा इतना अच्छा लगता है,
हरिया- हा मम्मी तुम्हारा चेहरा बहुत खूबसूरत है
कमला- और तेरा दिल करता होगा कि तू मुझे खूब चूम ले
हरिया- हा मम्मी, और फिर हरिया अपनी मम्मी का चेहरा चूमते हुए उसके रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर लेता है,
कमला- उसे अपने से पूरी तरह चिपका लेती है, अच्छा बेटा वो दीनू मेरे चुतडो के बारे मे क्या कह रहा था
हरिया का लंड अपनी मम्मी के पेट से चिपका हुआ था और दोनो करवट लेकर एक दूसरे को सहला रहे थे, हरिया अपने मम्मी की बात सुन कर उसके मोटे चुतडो को अपने हाथो मे दबाते हुए, मम्मी दीनू काका कह रहे थे उन्हे तुम्हारे भारी भरकम उठे हुए चूतड़ बहुत अच्छे लगते है,
कमला- और तुझे मेरे मोटी चूतड़ कैसे लगते है?
हरिया- अपनी मम्मी की गदराई गान्ड को अपने हाथो मे भरकर दबोचते हुए, ओह मम्मी मुझे दुनिया मे सबसे अच्छी गान्ड अपनी मम्मी की ही लगती है,
कमला- क्या मन करता है तेरा मेरे चुतडो को देख कर
हरिया- मम्मी मेरा मन करता है कि मे तुम्हारे दोनो चुतडो के पाटो को फैला कर तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाट लू,
दोनो वासना के नशे मे डूब चुके थे और एक दूसरे के जिस्म को बुरी तरह मसल रहे थे
कमला- कैसे चाटने का मन होता है बेटा
हरिया- मम्मी तुम्हे घोड़ी बना कर तुम्हारी गान्ड चाटने का मन बहुत करता है,
कमला- तो क्या तू अपनी मम्मी की गान्ड चतेगा
हरिया- क्यो नही मम्मी, एक बार बस तुम अपनी गुलाबी गान्ड अपने बेटे से चटवा लो
कमला- और उसके बदले मे अपनी मम्मी को क्या चाताएगा
हरिया का अपनी मम्मी के मुँह से इतना सुनना था कि उसने अपनी मम्मी का हाथ पकड़ कर सीधे अपने मोटे लंड पर रख दिया, अपने बेटे का लोहे जैसा सख़्त और गरम लंड का एहसास पाते ही कमला पागल हो उठी और अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर खूब कस-कस कर दबोचने लगी,
हरिया भी बड़े ही मस्ताने अंदाज मे अपनी मम्मी के चुतडो को पागलो की तरह खूब कस-कस कर मसल्ने लगा था और अपने हाथ को अपनी मम्मी की गान्ड की दरार मे भर कर गहराई तक अपनी मम्मी की गान्ड दबाने लगा
कमला अब पागलो की तरह अपने बेटे का लंड मसल रही थी
और हरिया अपनी 46 साल की गदराई मम्मी की उठी हुई गान्ड को खूब अपने हाथ के पंजो से दबोचता हुआ अपनी मम्मी के रसीले होंठो को चूमने लगा था, कमला का बदन काफ़ी भरा हुआ और उसकी टाँगे काफ़ी लंबी थी उन कसी हुई लंबी टांगो को सहारा दिए हुए उसकी मोटी मखमली जाँघो और उन जाँघो के उपर से बहुत ज़्यादा उभर कर आने वाले उसके चूतड़,
अपनी मम्मी की उसी मोटी गदराई गान्ड का दीवाना हो चुका था हरिया, उसका मन अब अपनी मम्मी की गान्ड को चाटने का होने लगा था,
दोनो एक दूसरे से पूरी तरह से चिपके हुए थे और एक दूसरे से बाते कर रहे थे
कमला- बेटे ये क्या कर रहा है क्या तू अपनी मम्मी को चोदेगा
हरिया- हाँ मम्मी मे तुम्हे खूब कस कर चोदना चाहता हू
कमला- अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो से मसल्ते हुए, बेटे तेरा लंड तो बहुत मोटा है,
हरिया- अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोचता हुआ, मम्मी तुम्हारा भोसड़ा भी तो किसी से कमजोर नही है,
कमला- हरिया के लंड को दबाते हुए, लगता है तुझे अपनी मम्मी की चूत बहुत अच्छी लग रही है इसी लिए इसे बार-बार छु रहा है
हरिया- मम्मी मे तो तुम्हारी चूत का रस पीना चाहता हू, और फिर हरिया अपनी मम्मी के पैरो की तरफ आ जाता है और कमला अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपने बेटे को अपनी गुलाबी रस से भीगी हुई चूत दिखा देती है, हरिया अपने दोनो हाथो को अपनी मम्मी की गान्ड के नीचे लेजा कर उसकी चूत को उभार लेता है और फिर अपनी मम्मी की रसीली चूत की दोनो मोटी-मोटी फांको को फैला कर अपनी जीभ सीधे अपनी मम्मी की चूत के छेद मे डाल देता है और उसकी इस हरकत से कमला अपनी गान्ड ज़ोर से अपने बेटे के मुँह पर मारती है और हरिया की जीभ अपनी मम्मी की चूत के गुलाबी छेद मे गहराई तक घुस जाती है, बस फिर क्या था हरिया अपनी मम्मी की रसीली चूत को खूब कस-कस कर पीने लगता है और कमला कसमसाती हुई,बेटे अपने पेर मेरी तरफ करले ना, हरिया समझ गया उसकी मम्मी भी उसका मोटा लंड पीना चाहती है,
हरिया और उसकी मम्मी दोनो एक दूसरे की और पेर करके चिपकते हुए हरिया अपनी मम्मी की दोनो मोटी जाँघो को खूब फैला कर उसकी रसीली चूत मे मुँह धर कर पागलो की तरह चाटना शुरू कर देता है और कमला अपने बेटे का मोटा लंड खूब अपने हाथो मे कस-कस कर दबोचते हुए चूसने लगती है.
हरिया- मम्मी तुम्हारी चूत बहुत फूली हुई और सुंदर है और यह कितनी बड़ी और गोरी है और इसको मे जितनी बार चाटता हू यह और ज़्यादा लाल हो जाती है और जब मे तुम्हारी चूत को खूब कस कर चूस्ता हू तो और भी लाल हो जाती है और मेरा दिल करता है कि तुम्हारी पूरी चूत को खूब चाटू खूब चुसू,
कमला- अपने बेटे के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर हाँ बेटे खूब कस कर चूस अपनी मम्मी की चूत खूब चाट-चाट कर लाल कर दे बेटे आह आह आहह और फिर कमला अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो से खूब दबाते हुए खूब कस-कस कर चूसने लगती है, दोनो मा बेटे एक दूसरे के लंड और चूत को चाट-चाट कर लाल कर देते है,
हरिया अब अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके उल्टी लिटा देता है और अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को जब अपने दोनो हाथो से फैला कर देखता है तो अपनी मम्मी की गान्ड की दरार मे कसा हुआ बड़ा सा छेद देख कर वह सीधे अपने मुँह को अपनी मम्मी के दोनो चुतडो के बीच की गहराई मे डाल कर खूब कर कर अपनी मम्मी की गान्ड चाटना शुरू कर देता है
हरिया अपनी मम्मी के भारी भरकम चुतडो को अपने दोनो हाथो से खूब कस कर दबोचते हुए कभी अपने होंठो से उसकी चूत को पकड़ लेता है कभी अपनी जीभ निकाल कर उसकी गान्ड के छेद और चूत के गुलाबी छेद को चूसने लगता है, कमला इस तरह की चुसाइ से पागलो की तरह अपने पेर फेकने लगती है, हरिया अपनी मम्मी को सीधी करके उसकी चूत को अपने दोनो हाथो से चौड़ी करके अपनी जीभ से चाटने लगता है और कमला आह आह करते हुए सिसकिया भरने लगती है
हाँ बेटा ऐसे ही आह आह और ज़ोर से चूस आ आ
हरिया लगातार अपनी मम्मी की बुर को पीता जा रहा था और कमला अपने बेटे के सर को अपनी फूली हुई चूत मे दबाए उसे अपना मस्त भोसड़ा चूसाए जा रही थी, जब हरिया अपनी मम्मी की गान्ड और चूत पूरी तरह चाट-चाट कर लाल कर देता है तब कमला उसे पकड़ कर अपने उपर खींच लेती है और अपने हाथो से हरिया के मोटी लॅंड को पकड़ कर अपनी चूत के लपलपते छेद मे जैसे ही रखती है हरिया एक ज़ोर का झटका अपनी मम्मी की गुलाबी रस से भरी चूत मे मार देता है और उसका पूरा लंड जड़ तक उसकी मम्मी की रस से भरी चूत मे समा जाता है,
हरिया अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुचियाँ को अपने हाथो मे कस कर थामते हुए अपनी कमर के गहरे और तेज धक्के अपनी मम्मी की चूत मे ठोकने लगता है और बीच-बीच मे अपनी मम्मी के होंठो और जीभ को पीते हुए अपने मोटे लंड से अपनी मम्मी की चूत मारने लगता है,
कमला आह आह करती हुई अपनी मोटी गान्ड को उठा-उठा कर अपने बेटे के लंड मे मारने लगती है, हरिया की स्पीड लगातार बढ़ती ही जा रही थी और वह पागलो की तरह अपनी गदराई मम्मी की जवान चूत को खूब हुमच-हुमच कर चोद रहा था और कमला अपनी दोनो जाँघो को खूब फैलाए हुए अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत मे ले रही थी, दोनो तरफ से धक्के बड़ी तेज़ी से पड़ रहे थे जिससे दोनो को बहुत ही मज़ा आ रहा था,
हरिया उपर से जब तेज झटका अपनी मम्मी की चूत मे मारता तब नीचे से कमला अपनी मोटी गान्ड उठा कर अपने बेटे के मोटे लंड पर मार देती और इस तरह उनकी रफ़्तार बढ़ने लगी और फिर हरिया ने जब देखा कि उसकी मम्मी उसके बदन से बुरी तरफ चिपकने लगी थी तब हरिया ने अपनी मम्मी की गान्ड के नीचे अपने हाथ को भर कर अपनी मम्मी के चुतडो को कस कर दबोचा और फिर उसे थोड़ा उपर उठा कर सतसट खूब तगड़े झटके अपनी मम्मी की चूत मे मारने लगा और जब उसने 10-15 तेज-तेज धक्के अपनी मम्मी की रसीली चूत मे मार दिए तब दोनो का पानी बह निकला और
दोनो ने अपने चूत और लंड को एक दूसरे से बुरी तरह से जाकड़ लिया,
हरिया अपनी मम्मी की गान्ड को दबाता हुआ अपने लंड को अपनी मम्मी की चूत मे जड़ तक पेलता हुआ झड़ने लगा था और कमला अपने बेटे से पूरी तरह चिपकी हुई थी और उसकी चूत का दाना बुरी तरह फदाक रहा था,
अपनी चूत मरवाने के बाद कमला जब नंगी उठ कर खड़ी हो गई और बाथरूम की तरफ जाने लगी तब अपनी मम्मी के भारी भरकम गोरे-गोरे नंगे फैले हुए चूतड़ देख कर हरिया का लंड फिर से झटके मारने लगा था
कमला अपने बेटे के सामने खूब अपने भारी-भारी चुतडो को मटका कर गई थी, हरिया जल्दी से उठा और अपनी मम्मी के पीछे बाथरूम मे चला गया जहाँ कमला बैठ कर मूत रही थी, हरिया ने अपनी मम्मी के पीछे जाकर बैठ गया और अपना हाथ उसकी गान्ड की ओर से भर कर उसकी मुतती चूत को पकड़ लिया और कमला का मूत एक दम से रुक गया,
कमला- ये क्या कर रहा है बेटे
हरिया- कुछ नही मम्मी, तुम मुतती जाओ मे तुम्हारी चूत सहलाता जाता हू, कमला सिसकिया लेते हुए मूतने लगती है और हरिया अपनी मम्मी की चूत को सहलाता जाता है कमला रुक-रुक कर मुतती है और हरिया उसकी पूरी चूत को अपने हाथ से सहलाता जाता है,
कुछ देर मूतने के बाद कमला खड़ी हो गई और हरिया अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को थोडा झुका कर उसकी गान्ड को अपने मुँह से दबाने लगता है, कमला वन्हि बाथरूम की दीवार पकड़ कर झुक जाती है और हरिया एक हाथ से अपनी मम्मी की चूत को सहलाते हुए उसकी गान्ड मे थूक लगा-लगा कर अपनी उंगली उसकी गान्ड मे भरने लगता है,
कुछ देर तक हरिया अपनी मम्मी की गान्ड और चूत को सहलाता रहता है उसके बाद हरिया खूब सारा थूक अपने लंड पर लगा कर अपने लंड के सूपदे को अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद मे लगा कर बड़े प्यार से उसकी कमर को अपने हाथो से थाम लेता है और फिर एक करारा धक्का अपनी मम्मी की मोटी गान्ड मे मार देता है और कमला एक दम से सीधी खड़ी होने लगती है लेकिन हरिया अपनी मम्मी की कमर को कस कर दबोच लेता है और बहुत ताक़त से उसकी मोटी गान्ड मे अपने लंड को अंदर तक पेल देता है और कमला आह आह मर गई रे कहती हुई फिर से झुक जाती है,
हरिया धीरे-धीरे लेकिन गहराई तक अपनी मम्मी की गान्ड को अपने मोटे लंड से चोदने लगता है और कमला की गान्ड का छेद हरिया के मोटी लंड की मोटाई के बराबर नज़र आने लगता है, हरिया अब अपने लंड से खूब करारे धक्के अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद मे मारते हुए अपना एक हाथ आगे लेजा कर अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को सहलाने लग जाता है, हरिया को जैसे-जैसे मज़ा आने लगता है वह अपने लंड से खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को चोदने लगता है,
कुछ देर बाद कमला भी अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के लंड पर मारने लग जाती है, हरिया एक बार जब अपने लंड को बाहर निकाल कर अपनी मम्मी की गान्ड का छेद देखता है तो उसे अपनी मम्मी की गुदा चुद-चुद कर पूरी गुलाबी नज़र आने लगी थी और वह अपनी मम्मी की ऐसी गुलाबी गुदा देख कर पागल हो जाता है और अपने लंड को अपनी मम्मी की गान्ड मे डाल कर खूब कस-कस कर चोदना शुरू कर देता है,
हरिया बार-बार अपने लंड को अपनी मम्मी की गुदा से बाहर निकाल कर अपनी मम्मी की गुदा को फैला-फैला कर देखता है और जब अपनी मम्मी की गुलाबी गुदा देखता है तब और भी जोश मे आकर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की गान्ड की ठुकाई करता है, हरिया ने जितना समय अपनी मम्मी की चूत मारने मे लिया था उससे डबल समय तक वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड मारने मे ले चुका था,
उस रात हरिया रात भर अपनी जवान गदराई 46 बरस की मस्तानी मम्मी को चोदता रहा, कभी आगे से कभी पीछे से सारी रात उसने कभी अपनी मम्मी की चूत मारी कभी गान्ड मारी और जब वह दोनो तक जाते तब दोनो मा बेटे एक दूसरे का लंड और चूत चाटने लगते थे, इस तरह हरिया ने पूरी रात अपनी मम्मी को खूब जी भर कर चोदा.
भाई लोगो इस तरह दोनो जिंदगी का मज़ा लेने लगे दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना
दा एंड
CHUDAAI KI AAG --5
gataank se aage..................
kamla- kya kah raha tha dinu
hariya- apni mummy ke nange pet aur uski gahri nabhi ko sahlate huye, mummy vah kah rahe the ki yaar kamla bhabhi ka utha hua pet dekh kar unka land khada ho jata hai,
kamla-hariya ki pith sahlati hui, aur kya kah raha tha vah
hariya- apni mummy ki moti jangho par apna ek panv lad kar uske gadraye pet par hath pherta hua, mummy maine jab unki yah bat suni to me vahi ruk gaya aur phir unhone tumhare bare me bahut gaanDi-gaanDi bate ki,
kamla ki chut apne bete ki bate sun kar khub phul chuki thi aur hariya ka mota land bhi puri tarah tana hua tha,
kamla- aur kya bate ki un dono ne puri bat bata
hariya- mummy mujhe sharam aati hai
kamla- are apni mummy se bhi koi sharmata hai kya, sab bete apni mummy se har tarah ki bat bata dete hai chal bol aur kya bat ki un dono ne
hariya- mummy dinu kaka kah rahe the ki kamla ke bhari-bhari chutad unhe bahut achche lagte hai, vah tumhare chutaDo ko khub nanga karke chodna chahte hai,
aur phir hariya apni mummy ke moti-moti chutaDo ko dhire-dhire dabane lagta hai,
kamla- aur kya kaha dinu ne
hariya- mummy vah kah rahe the ki unhe tumhara pura badan bahut achcha lagta hai aur vah tumhe apni godi me apne land ke upar baitha kar tumhare hontho ko khub chusna chahte hai, aur kah rahe the ki tum ek bar mil jao to vah tumhe puri rat nangi karke chodna chahte hai,
kamla- tujhe bura nahi laga unki is tarah ki bato se
hariya- bura to laga par me kya karta, jab tak vah bate karte rahe me vahi khada sunta raha aur phir jab vah dusri bat karne lage to me vaha se chupchap chala aaya,
kamla- kitna gaanDa aadmi hai ye dinu,
hariya- are mummy sirf dinu ko hi kyo kosti ho mujhe to lagta hai pura ganv tumhare bare me aisi hi bat karta hoga,
kamla-achcha pahle tu mere pas let ja aur phir mujhe puri bat achche se bata kaun mujhe puri nangi dekhna chahte hai
hariya- ma maine to suna hai ganv ke sabhi log tumhe nangi dekhna chahte hai
kamla- kya tera man nahi karta mujhe nangi dekhne ka
kamla ki bat sun kar hariya usse ek dam se sat jata hai,
kamla- achcha yah bata tujhse sabse jyada mere bare me kaun bat karta hai
hariya- mummy vo jitu hai na vahi jab dekho mujhse tumhari bat karta hai,
kamla- achcha tu baith kar mere per dabate huye bata kya-kya kahta hai vah jitu
hariya-apni ma ki moti jangho ko apne haatho me bhar kar, ma vah hamesha mujhse kahta hai ki teri ma ke chutad bahut moti-moti hai, vah mujhse kahta hai ki teri ma ki moti gaanD agar chatne ko mil jaye to sari rat chatta rahu
kamla- sisyate huye, to tujhe bura lagta tha kya
hariya- ha mujhe bura to lagta tha lekin kabhi-kabhi achcha bhi lagta tha
kamla- to kya tu bhi yahi chahta hai ki tujhse koi teri ma ke bare me bat kare
hariya- ma mujhe pata nahi kyo yah sab achcha lagne laga hai
kamla- to kya tu bhi mere bare me aisa hi sochta hai
hariya- ka hath ek dam se apni mummy ke chutaDo par ruk jata hai, nahi mummy me aapke bare me aisa kyo sochunga
kamla- to sara ganv mere bare me aisa kyo sochta hai
hariya- ab mummy tum itni achchi lagti ho isliye
kamla- to tujhe me achchi nahi lagti hu
hariya- apni mummy ka chehra apne dono haatho me bhar kar, nahi mummy mujhe to tum sabse achchi lagti ho aur sabse sundar tumhara yah chehra hai jise me dinrat chumna chahta hu
kamla-muskurakar, kya sach much tujhe mera chehra itna achcha lagta hai,
hariya- ha mummy tumhara chehra bahut khubsurat hai
kamla- aur tera dil karta hoga ki tu mujhe khub chum le
hariya- ha mummy, aur phir hariya apni mummy ka chehra chumte huye uske rasile hontho ko apne munh me bhar leta hai,
kamla- use apne se puri tarah chipka leti hai, achcha beta vo dinu mere chutaDo ke bare me kya kah raha tha
hariya ka land apni mummy ke pet se chipka hua tha aur dono karwat lekar ek dusre ko sahla rahe the, hariya apne mummy ki bat sun kar uske moti chutaDo ko apne haatho me dabate huye, mummy dinu kaka kah rahe the unhe tumhare bhari bharkam uthe huye chutad bahut achche lagte hai,
kamla- aur tujhe mere moti chutad kaise lagte hai?
hariya- apni mummy ki gadaraai gaanD ko apne haatho me bharkar dabochte huye, oh mummy mujhe duniya me sabse achchi gaanD apni mummy ki hi lagti hai,
kamla- kya man karta hai tera mere chutaDo ko dekh kar
hariya- mummy mera man karta hai ki me tumhare dono chutaDo ke pato ko phaila kar tumhari khub kas-kas kar gaanD chatu,
dono vasna ke nashe me dub chuke the aur ek dusre ke jism ko buri tarah masal rahe the
kamla- kaise chatne ka man hota hai beta
hariya- mummy tumhe ghodi bana kar tumhari gaanD chatne ka man bahut karta hai,
kamla- to kya tu apni mummy ki gaanD chatega
hariya- kyo nahi mummy, ek bar bas tum apni gulabi gaanD apne bete se chatwa bas lo
kamla- aur uske badle me apni mummy ko kya chatayega
hariya ka apni mummy ke munh se itna sunna tha ki usne apni mummy ka hath pakad kar sidhe apne moti land par rakh diya, apne bete ka lohe jaisa sakht aur garam land ka ehsas pate hi kamla pagal ho uthi aur apne bete ke moti land ko apne haatho me bhar-bhar kar khub kas-kas kar dabochne lagi,
hariya bhi bade hi mastane andaj me apni mummy ke chutaDo ko paglo ki tarah khub kas-kas kar masalne laga tha aur apne hath ko apni mummy ki gaanD ki darar me bhar kar gahrai tak apni mummy ki gaanD dabane laga
kamla ab paglo ki tarah apne bete ka land masal rahi thi
aur hariya apni 46 sal ki gadaraai mummy ki uthi hui gaanD ko khub apne hath ke panjo se dabochta hua apni mummy ke rasile hontho ko chumne laga tha, kamla ka badan kaphi bhara hua aur uski tange kaphi lambi thi un kasi hui lambi tango ko sahara diye huye uski moti makhmali jangho aur un jangho ke upar se bahut jyada ubhar kar aane wale uske chutad,
apni mummy ki usi moti gadaraai gaanD ka deewana ho chuka tha hariya, uska man ab apni mummy ki gaanD ko chatne ka hone laga tha,
dono ek dusre se puri tarah se chipke huye the aur ek dusre se bate kar rahe the
kamla- bete ye kya kar raha hai kya tu apni mummy ko chodega
hariya- ha mummy me tumhe khub kas kar chodna chahta hu
kamla- apne bete ke moti land ko apne haatho se masalte huye, bete tera land to bahut mota hai,
hariya- apni mummy ki phuli hui chut ko apni hatheli me bhar kar dabochta hua, mummy tumhara bhosda bhi to kisi se kamjor nahi hai,
kamla- hariya ke land ko dabate huye, lagta hai tujhe apni mummy ki chut bahut achchi lag rahi hai isi liye ise bar-bar chhu raha hai
hariya- mummy me to tumhari chut ka ras pina chahta hu, aur phir haria apni mummy ke pairo ki taraf aa jata hai aur kamla apni dono jangho ko phaila kar apne bete ko apni gulabi ras se bheegi hui chut dikha deti hai, hariya apne dono haatho ko apni mummy ki gaanD ke niche lejakar uski chut ko ubhar leta hai aur phir apni mummy ki rasili chut ki dono moti-moti phanko ko phaila kar apni jeebh sidhe apni mummy ki chut ke ched me dal deta hai aur uski is harkat se kamla apni gaanD jor se apne bete ke munh par marti hai aur hariya ki jeebh apni mummy ki chut ke gulabi ched me gahrai tak ghus jati hai, bas phir kya tha hariya apni mummy ki rasili chut ko khub kas-kas kar pine lagta hai aur kamla kasmasati hui,
bete apne per meri taraf karle na, hariya samajh gaya uski mummy bhi uska mota land pina chahti hai,
hariya aur uski mummy dono ek dusre ki aur per karke chipakte huye hariya apni mummy ki dono moti jangho ko khub phaila kar uski rasili chut me munh dhar kar paglo ki tarah chatna shuru kar deta hai aur kamla apne bete ka mota land khub apne hatho me kas-kas kar dabochte huye chusne lagti hai.
hariya- mummy tumhari chut bahut phuli hui aur sundar hai aur yah kitni badi aur gori hai aur isko me jitni bar chatta hu yah aur jyada lal ho jati hai aur jab me tumhari chut ko khub kas kar chusta hu to aur bhi lal ho jati hai aur mera dil karta hai ki tumhari puri chut ko khub chatu khub chusu,
kamla- apne bete ke land ko apne munh se bahar nikal kar ha bete khub kas kar chus apni mummy ki chut khub chat-chat kar lal kar de bete aah aah ahh aur phir kamla apne bete ke moti land ko apne haatho se khub dabate huye khub kas-kas kar chusne lagti hai, dono ma bete ek dusre ke land aur chut ko chat-chat kar lal kar dete hai,
hariya ab apni mummy ko puri nangi karke ulti lita deta hai aur apni mummy ki moti gaanD ko jab apne dono haatho se phaila kar dekhta hai to apni mummy ki gaanD ki darar me kasa hua bada sa ched dekh kar vah sidhe apne munh ko apni mummy ke dono chutaDo ke beech ki gahrai me dal kar khub kar kar apni mummy ki gaanD chatna shuru kar deta hai
hariya apni mummy ke bhari bharkam chutaDo ko apne dono haatho se khub kas kar dabochte huye kabhi apne hontho se uski chut ko pakad leta hai kabhi apni jeebh nikal kar uski gaanD ke ched aur chut ke gulabi ched ko chusne lagta hai, kamla is tarah ki chusai se pagalo ki tarah apne per phekne lagti hai, hariya apni mummy ko sidhi karke uski chut ko apne dono haatho se choudi karke apni jeebh se chatne lagta hai aur kamla aah aah karte huye siskiya bharne lagti hai
ha beta aise hi aah aah aur jor se chus aah aah
hariya lagatar apni mummy ki bur ko pita ja raha tha aur kamla apne bete ke sar ko apni phuli hui chut me dabaye use apna mast bhosda chusaye ja rahi thi, jab hariya apni mummy ki gaanD aur chut puri tarah chat-chat kar lal kar deta hai tab kamla use pakad kar apne upar khinch leti hai aur apne haatho se hariya ke moti land ko pakad kar apni chut ke laplapate ched me jaise hi rakhti hai hariya ek jor ka jhatka apni mummy ki gulabi ras se bhari chut me mar deta hai aur uska pura land jad tak uski mummy ki ras se bhari chut me sama jata hai,
hariya apni mummy ke moti-moti chuchiyaan ko apne haatho me kas kar thamte huye apni kamar ke gahre aur tej dhakke apni mummy ki chut me thokne lagta hai aur beech-beech me apni mummy ke hontho aur jeebh ko pite huye apne moti land se apni mummy ki chut marne lagta hai,
kamla aah aah karti hui apni moti gaanD ko utha-utha kar apne bete ke land me marne lagti hai, hariya ki speed lagatar badhti hi ja rahi thi aur vah paglo ki tarah apni gadaraai mummy ki jawan chut ko khub humach-humach kar chod raha tha aur kamla apni dono jangho ko khub phailaye huye apne bete ka mota land apni chut me le rahi thi, dono taraf se dhakke badi teji se pad rahe the jisse dono ko bahut hi maza aa raha tha,
hariya upar se jab tej jhatka apni mummy ki chut me marta tab niche se kamla apni moti gaanD utha kar apne bete ke moti land par mar deti aur is tarah unki raftar badhne lagi aur phir hariya ne jab dekha ki uski mummy uske badan se buri taraf chipakne lagi thi tab hariya ne apni mummy ki gaanD ke niche apne hath ko bhar kar apni mummy ke chutaDo ko kas kar dabocha aur phir use thoda upar utha kar satasat khub tagde land apni mummy ki chut me marne laga aur jab usne 10-15 tej-tej dhakke apni mummy ki rasili chut me mar diye tab dono ka pani bah nikla aur
dono ne apne chut aur land ko ek dusre se buri tarah se jakad liya,
hariya apni mummy ki gaanD ko dabata hua apne land ko apni mummy ki chut me jad tak pelta hua jhadne laga tha aur kamla apne bete se puri tarah chipki hui thi aur uski chut ka dana buri tarah fadak raha tha,
apni chut marwane ke bad kamla jab nangi uth kar khadi ho gai aur bathroom ki taraf jane lagi tab apni mummy ke bhari bharkam gore-gore nange phaile huye chutad dekh kar hariya ka land phir se jhatke marne laga tha
kamla apne bete ke samne khub apne bhari-bhari chutaDo ko matka kar gai thi, hariya jaldi se utha aur apni mummy ke piche bathroom me chala gaya jaha kamla baith kar mut rahi thi, hariya ne apni mummy ke piche jakar baith gaya aur apna hath uski gaanD ki aur se bhar kar uski mutti chut ko pakad liya aur kamla ka mut ek dam se ruk gaya,
kamla- ye kya kar raha hai bete
hariya- kuch nahi mummy, tum mutti jao me tumhari chut sahlata jata hu, kamla siskiya lete huye mutne lagti hai aur hariya apni mummy ki chut ko sahlata jata hai kamla ruk-ruk kar mutti hai aur hariya uski puri chut ko apne hath se sahlata jata hai,
kuch der mutne ke bad kamla khadi ho gai aur hariya apni mummy ki moti gaanD ko thoda jhuka kar uski gaanD ko apne munh se dabane lagta hai, kamla vanhi bathroom ki deewar pakad kar jhuk jati hai aur hariya ek hath se apni mummy ki chut ko sahlate huye uski gaanD me thuk laga-laga kar apni ungli uski gaanD me bharne lagta hai,
kuch der tak hariya apni mummy ki gaanD aur chut ko sahlata rahta hai uske bad hariya khub sara thuk apne land par laga kar apne land ke supade ko apni mummy ki moti gaanD ke ched me laga kar bade pyar se uski kamar ko apne haatho se tham leta hai aur phir ek karara dhakka apni mummy ki moti gaanD me mar deta hai aur kamla ek dam se sidhi khadi hone lagti hai lekin hariya apni mummy ki kamar ko kas kar daboch leta hai aur bahut takat se uski moti gaanD me apne land ko andar tak pel deta hai aur kamla aah aah mar gai re kahti hui phir se jhuk jati hai,
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hariya bar-bar apne land ko apni mummy ki guda se bahar nikal kar apni mummy ki guda ko phaila-phaila kar dekhta hai aur jab apni mummy ki gulabi guda dekhta hai tab aur bhi josh me aakar khub kas-kas kar apni mummy ki gaanD ki thukai karta hai, hariya ne jitna samay apni mummy ki chut marne me liya tha usse double samay tak vah apni mummy ki moti gaanD marne me le chuka tha,
us rat hariya rat bhar apni jawan gadaraai 46 baras ki mastani mummy ko chodataa raha, kabhi aage se kabhi piche se sari rat usne kabhi apni mummy ki chut mari kabhi gaanD mari aur jab vah dono thak jate tab dono ma bete ek dusre ka land aur chut chatne lagte the, is tarah hariya ne puri rat apni mummy ko khub jee bhar kar choda.
The end
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चुदाई की आग --5
गतान्क से आगे..................
कमला- क्या कह रहा था दीनू
हरिया- अपनी मम्मी के नंगे पेट और उसकी गहरी नाभि को सहलाते हुए, मम्मी वह कह रहे थे कि यार कमला भाभी का उठा हुआ पेट देख कर उनका लंड खड़ा हो जाता है,
कमला-हरिया की पीठ सहलाती हुई, और क्या कह रहा था वह
हरिया- अपनी मम्मी की मोटी जाँघो पर अपना एक पाँव लगा कर उसके गदराए पेट पर हाथ फेरता हुआ, मम्मी मैने जब उनकी यह बात सुनी तो मे वही रुक गया और फिर उन्होने तुम्हारे बारे मे बहुत गंदी-गंदी बाते की,
कमला की चूत अपने बेटे की बाते सुन कर खूब फूल चुकी थी और हरिया का मोटा लंड भी पूरी तरह तना हुआ था,
कमला- और क्या बाते की उन दोनो ने पूरी बात बता
हरिया- मम्मी मुझे शरम आती है
कमला- अरे अपनी मम्मी से भी कोई शरमाता है क्या, सब बेटे अपनी मम्मी से हर तरह की बात बता देते है चल बोल और क्या बात की उन दोनो ने
हरिया- मम्मी दीनू काका कह रहे थे कि कमला के भारी-भारी चूतड़ उन्हे बहुत अच्छे लगते है, वह तुम्हारे चुतडो को खूब नंगा करके चोदना चाहते है,
और फिर हरिया अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो को धीरे-धीरे दबाने लगता है,
कमला- और क्या कहा दीनू ने
हरिया- मम्मी वह कह रहे थे कि उन्हे तुम्हारा पूरा बदन बहुत अच्छा लगता है और वह तुम्हे अपनी गोदी मे अपने लंड के उपर बैठा कर तुम्हारे होंठो को खूब चूसना चाहते है, और कह रहे थे कि तुम एक बार मिल जाओ तो वह तुम्हे पूरी रात नंगी करके चोदना चाहते है,
कमला- तुझे बुरा नही लगा उनकी इस तरह की बातो से
हरिया- बुरा तो लगा पर मे क्या करता, जब तक वह बाते करते रहे मे वही खड़ा सुनता रहा और फिर जब वह दूसरी बात करने लगे तो मे वाहा से चुपचाप चला आया,
कमला- कितना गंदा आदमी है ये दीनू,
हरिया- अरे मम्मी सिर्फ़ दीनू को ही क्यो कोस्ती हो मुझे तो लगता है पूरा गाँव तुम्हारे बारे मे ऐसी ही बात करता होगा,
कमला-अच्छा पहले तू मेरे पास लेट जा और फिर मुझे पूरी बात अच्छे से बता कौन मुझे पूरी नंगी देखना चाहते है
हरिया- मा मैने तो सुना है गाँव के सभी लोग तुम्हे नंगी देखना चाहते है
कमला- क्या तेरा मन नही करता मुझे नंगी देखने का
कमला की बात सुन कर हरिया उससे एक दम से सॅट जाता है,
कमला- अच्छा यह बता तुझसे सबसे ज़्यादा मेरे बारे मे कौन बात करता है
हरिया- मम्मी वो जीतू है ना वही जब देखो मुझसे तुम्हारी बात करता है,
कमला- अच्छा तू बैठ कर मेरे पेर दबाते हुए बता क्या-क्या कहता है वह जीतू
हरिया-अपनी मा की मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर, मा वह हमेशा मुझसे कहता है कि तेरी मा के चूतड़ बहुत मोटे-मोटे है, वह मुझसे कहता है कि तेरी मा की मोटी गान्ड अगर चाटने को मिल जाए तो सारी रात चाटता रहू
कमला- सीस्यते हुए, तो तुझे बुरा लगता था क्या
हरिया- हा मुझे बुरा तो लगता था लेकिन कभी-कभी अच्छा भी लगता था
कमला- तो क्या तू भी यही चाहता है कि तुझसे कोई तेरी मा के बारे मे बात करे
हरिया- मा मुझे पता नही क्यो यह सब अच्छा लगने लगा है
कमला- तो क्या तू भी मेरे बारे मे ऐसा ही सोचता है
हरिया- का हाथ एक दम से अपनी मम्मी के चुतडो पर रुक जाता है, नही मम्मी मे आपके बारे मे ऐसा क्यो सोचूँगा
कमला- तो सारा गाँव मेरे बारे मे ऐसा क्यो सोचता है
हरिया- अब मम्मी तुम इतनी अच्छी लगती हो इसलिए
कमला- तो तुझे मे अच्छी नही लगती हू
हरिया- अपनी मम्मी का चेहरा अपने दोनो हाथो मे भर कर, नही मम्मी मुझे तो तुम सबसे अच्छी लगती हो और सबसे सुंदर तुम्हारा यह चेहरा है जिसे मे दिन रात चूमना चाहता हू
कमला-मुस्कुरकर, क्या सच मच तुझे मेरा चेहरा इतना अच्छा लगता है,
हरिया- हा मम्मी तुम्हारा चेहरा बहुत खूबसूरत है
कमला- और तेरा दिल करता होगा कि तू मुझे खूब चूम ले
हरिया- हा मम्मी, और फिर हरिया अपनी मम्मी का चेहरा चूमते हुए उसके रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर लेता है,
कमला- उसे अपने से पूरी तरह चिपका लेती है, अच्छा बेटा वो दीनू मेरे चुतडो के बारे मे क्या कह रहा था
हरिया का लंड अपनी मम्मी के पेट से चिपका हुआ था और दोनो करवट लेकर एक दूसरे को सहला रहे थे, हरिया अपने मम्मी की बात सुन कर उसके मोटे चुतडो को अपने हाथो मे दबाते हुए, मम्मी दीनू काका कह रहे थे उन्हे तुम्हारे भारी भरकम उठे हुए चूतड़ बहुत अच्छे लगते है,
कमला- और तुझे मेरे मोटी चूतड़ कैसे लगते है?
हरिया- अपनी मम्मी की गदराई गान्ड को अपने हाथो मे भरकर दबोचते हुए, ओह मम्मी मुझे दुनिया मे सबसे अच्छी गान्ड अपनी मम्मी की ही लगती है,
कमला- क्या मन करता है तेरा मेरे चुतडो को देख कर
हरिया- मम्मी मेरा मन करता है कि मे तुम्हारे दोनो चुतडो के पाटो को फैला कर तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाट लू,
दोनो वासना के नशे मे डूब चुके थे और एक दूसरे के जिस्म को बुरी तरह मसल रहे थे
कमला- कैसे चाटने का मन होता है बेटा
हरिया- मम्मी तुम्हे घोड़ी बना कर तुम्हारी गान्ड चाटने का मन बहुत करता है,
कमला- तो क्या तू अपनी मम्मी की गान्ड चतेगा
हरिया- क्यो नही मम्मी, एक बार बस तुम अपनी गुलाबी गान्ड अपने बेटे से चटवा लो
कमला- और उसके बदले मे अपनी मम्मी को क्या चाताएगा
हरिया का अपनी मम्मी के मुँह से इतना सुनना था कि उसने अपनी मम्मी का हाथ पकड़ कर सीधे अपने मोटे लंड पर रख दिया, अपने बेटे का लोहे जैसा सख़्त और गरम लंड का एहसास पाते ही कमला पागल हो उठी और अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर खूब कस-कस कर दबोचने लगी,
हरिया भी बड़े ही मस्ताने अंदाज मे अपनी मम्मी के चुतडो को पागलो की तरह खूब कस-कस कर मसल्ने लगा था और अपने हाथ को अपनी मम्मी की गान्ड की दरार मे भर कर गहराई तक अपनी मम्मी की गान्ड दबाने लगा
कमला अब पागलो की तरह अपने बेटे का लंड मसल रही थी
और हरिया अपनी 46 साल की गदराई मम्मी की उठी हुई गान्ड को खूब अपने हाथ के पंजो से दबोचता हुआ अपनी मम्मी के रसीले होंठो को चूमने लगा था, कमला का बदन काफ़ी भरा हुआ और उसकी टाँगे काफ़ी लंबी थी उन कसी हुई लंबी टांगो को सहारा दिए हुए उसकी मोटी मखमली जाँघो और उन जाँघो के उपर से बहुत ज़्यादा उभर कर आने वाले उसके चूतड़,
अपनी मम्मी की उसी मोटी गदराई गान्ड का दीवाना हो चुका था हरिया, उसका मन अब अपनी मम्मी की गान्ड को चाटने का होने लगा था,
दोनो एक दूसरे से पूरी तरह से चिपके हुए थे और एक दूसरे से बाते कर रहे थे
कमला- बेटे ये क्या कर रहा है क्या तू अपनी मम्मी को चोदेगा
हरिया- हाँ मम्मी मे तुम्हे खूब कस कर चोदना चाहता हू
कमला- अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो से मसल्ते हुए, बेटे तेरा लंड तो बहुत मोटा है,
हरिया- अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोचता हुआ, मम्मी तुम्हारा भोसड़ा भी तो किसी से कमजोर नही है,
कमला- हरिया के लंड को दबाते हुए, लगता है तुझे अपनी मम्मी की चूत बहुत अच्छी लग रही है इसी लिए इसे बार-बार छु रहा है
हरिया- मम्मी मे तो तुम्हारी चूत का रस पीना चाहता हू, और फिर हरिया अपनी मम्मी के पैरो की तरफ आ जाता है और कमला अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपने बेटे को अपनी गुलाबी रस से भीगी हुई चूत दिखा देती है, हरिया अपने दोनो हाथो को अपनी मम्मी की गान्ड के नीचे लेजा कर उसकी चूत को उभार लेता है और फिर अपनी मम्मी की रसीली चूत की दोनो मोटी-मोटी फांको को फैला कर अपनी जीभ सीधे अपनी मम्मी की चूत के छेद मे डाल देता है और उसकी इस हरकत से कमला अपनी गान्ड ज़ोर से अपने बेटे के मुँह पर मारती है और हरिया की जीभ अपनी मम्मी की चूत के गुलाबी छेद मे गहराई तक घुस जाती है, बस फिर क्या था हरिया अपनी मम्मी की रसीली चूत को खूब कस-कस कर पीने लगता है और कमला कसमसाती हुई,बेटे अपने पेर मेरी तरफ करले ना, हरिया समझ गया उसकी मम्मी भी उसका मोटा लंड पीना चाहती है,
हरिया और उसकी मम्मी दोनो एक दूसरे की और पेर करके चिपकते हुए हरिया अपनी मम्मी की दोनो मोटी जाँघो को खूब फैला कर उसकी रसीली चूत मे मुँह धर कर पागलो की तरह चाटना शुरू कर देता है और कमला अपने बेटे का मोटा लंड खूब अपने हाथो मे कस-कस कर दबोचते हुए चूसने लगती है.
हरिया- मम्मी तुम्हारी चूत बहुत फूली हुई और सुंदर है और यह कितनी बड़ी और गोरी है और इसको मे जितनी बार चाटता हू यह और ज़्यादा लाल हो जाती है और जब मे तुम्हारी चूत को खूब कस कर चूस्ता हू तो और भी लाल हो जाती है और मेरा दिल करता है कि तुम्हारी पूरी चूत को खूब चाटू खूब चुसू,
कमला- अपने बेटे के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर हाँ बेटे खूब कस कर चूस अपनी मम्मी की चूत खूब चाट-चाट कर लाल कर दे बेटे आह आह आहह और फिर कमला अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो से खूब दबाते हुए खूब कस-कस कर चूसने लगती है, दोनो मा बेटे एक दूसरे के लंड और चूत को चाट-चाट कर लाल कर देते है,
हरिया अब अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके उल्टी लिटा देता है और अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को जब अपने दोनो हाथो से फैला कर देखता है तो अपनी मम्मी की गान्ड की दरार मे कसा हुआ बड़ा सा छेद देख कर वह सीधे अपने मुँह को अपनी मम्मी के दोनो चुतडो के बीच की गहराई मे डाल कर खूब कर कर अपनी मम्मी की गान्ड चाटना शुरू कर देता है
हरिया अपनी मम्मी के भारी भरकम चुतडो को अपने दोनो हाथो से खूब कस कर दबोचते हुए कभी अपने होंठो से उसकी चूत को पकड़ लेता है कभी अपनी जीभ निकाल कर उसकी गान्ड के छेद और चूत के गुलाबी छेद को चूसने लगता है, कमला इस तरह की चुसाइ से पागलो की तरह अपने पेर फेकने लगती है, हरिया अपनी मम्मी को सीधी करके उसकी चूत को अपने दोनो हाथो से चौड़ी करके अपनी जीभ से चाटने लगता है और कमला आह आह करते हुए सिसकिया भरने लगती है
हाँ बेटा ऐसे ही आह आह और ज़ोर से चूस आ आ
हरिया लगातार अपनी मम्मी की बुर को पीता जा रहा था और कमला अपने बेटे के सर को अपनी फूली हुई चूत मे दबाए उसे अपना मस्त भोसड़ा चूसाए जा रही थी, जब हरिया अपनी मम्मी की गान्ड और चूत पूरी तरह चाट-चाट कर लाल कर देता है तब कमला उसे पकड़ कर अपने उपर खींच लेती है और अपने हाथो से हरिया के मोटी लॅंड को पकड़ कर अपनी चूत के लपलपते छेद मे जैसे ही रखती है हरिया एक ज़ोर का झटका अपनी मम्मी की गुलाबी रस से भरी चूत मे मार देता है और उसका पूरा लंड जड़ तक उसकी मम्मी की रस से भरी चूत मे समा जाता है,
हरिया अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुचियाँ को अपने हाथो मे कस कर थामते हुए अपनी कमर के गहरे और तेज धक्के अपनी मम्मी की चूत मे ठोकने लगता है और बीच-बीच मे अपनी मम्मी के होंठो और जीभ को पीते हुए अपने मोटे लंड से अपनी मम्मी की चूत मारने लगता है,
कमला आह आह करती हुई अपनी मोटी गान्ड को उठा-उठा कर अपने बेटे के लंड मे मारने लगती है, हरिया की स्पीड लगातार बढ़ती ही जा रही थी और वह पागलो की तरह अपनी गदराई मम्मी की जवान चूत को खूब हुमच-हुमच कर चोद रहा था और कमला अपनी दोनो जाँघो को खूब फैलाए हुए अपने बेटे का मोटा लंड अपनी चूत मे ले रही थी, दोनो तरफ से धक्के बड़ी तेज़ी से पड़ रहे थे जिससे दोनो को बहुत ही मज़ा आ रहा था,
हरिया उपर से जब तेज झटका अपनी मम्मी की चूत मे मारता तब नीचे से कमला अपनी मोटी गान्ड उठा कर अपने बेटे के मोटे लंड पर मार देती और इस तरह उनकी रफ़्तार बढ़ने लगी और फिर हरिया ने जब देखा कि उसकी मम्मी उसके बदन से बुरी तरफ चिपकने लगी थी तब हरिया ने अपनी मम्मी की गान्ड के नीचे अपने हाथ को भर कर अपनी मम्मी के चुतडो को कस कर दबोचा और फिर उसे थोड़ा उपर उठा कर सतसट खूब तगड़े झटके अपनी मम्मी की चूत मे मारने लगा और जब उसने 10-15 तेज-तेज धक्के अपनी मम्मी की रसीली चूत मे मार दिए तब दोनो का पानी बह निकला और
दोनो ने अपने चूत और लंड को एक दूसरे से बुरी तरह से जाकड़ लिया,
हरिया अपनी मम्मी की गान्ड को दबाता हुआ अपने लंड को अपनी मम्मी की चूत मे जड़ तक पेलता हुआ झड़ने लगा था और कमला अपने बेटे से पूरी तरह चिपकी हुई थी और उसकी चूत का दाना बुरी तरह फदाक रहा था,
अपनी चूत मरवाने के बाद कमला जब नंगी उठ कर खड़ी हो गई और बाथरूम की तरफ जाने लगी तब अपनी मम्मी के भारी भरकम गोरे-गोरे नंगे फैले हुए चूतड़ देख कर हरिया का लंड फिर से झटके मारने लगा था
कमला अपने बेटे के सामने खूब अपने भारी-भारी चुतडो को मटका कर गई थी, हरिया जल्दी से उठा और अपनी मम्मी के पीछे बाथरूम मे चला गया जहाँ कमला बैठ कर मूत रही थी, हरिया ने अपनी मम्मी के पीछे जाकर बैठ गया और अपना हाथ उसकी गान्ड की ओर से भर कर उसकी मुतती चूत को पकड़ लिया और कमला का मूत एक दम से रुक गया,
कमला- ये क्या कर रहा है बेटे
हरिया- कुछ नही मम्मी, तुम मुतती जाओ मे तुम्हारी चूत सहलाता जाता हू, कमला सिसकिया लेते हुए मूतने लगती है और हरिया अपनी मम्मी की चूत को सहलाता जाता है कमला रुक-रुक कर मुतती है और हरिया उसकी पूरी चूत को अपने हाथ से सहलाता जाता है,
कुछ देर मूतने के बाद कमला खड़ी हो गई और हरिया अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को थोडा झुका कर उसकी गान्ड को अपने मुँह से दबाने लगता है, कमला वन्हि बाथरूम की दीवार पकड़ कर झुक जाती है और हरिया एक हाथ से अपनी मम्मी की चूत को सहलाते हुए उसकी गान्ड मे थूक लगा-लगा कर अपनी उंगली उसकी गान्ड मे भरने लगता है,
कुछ देर तक हरिया अपनी मम्मी की गान्ड और चूत को सहलाता रहता है उसके बाद हरिया खूब सारा थूक अपने लंड पर लगा कर अपने लंड के सूपदे को अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद मे लगा कर बड़े प्यार से उसकी कमर को अपने हाथो से थाम लेता है और फिर एक करारा धक्का अपनी मम्मी की मोटी गान्ड मे मार देता है और कमला एक दम से सीधी खड़ी होने लगती है लेकिन हरिया अपनी मम्मी की कमर को कस कर दबोच लेता है और बहुत ताक़त से उसकी मोटी गान्ड मे अपने लंड को अंदर तक पेल देता है और कमला आह आह मर गई रे कहती हुई फिर से झुक जाती है,
हरिया धीरे-धीरे लेकिन गहराई तक अपनी मम्मी की गान्ड को अपने मोटे लंड से चोदने लगता है और कमला की गान्ड का छेद हरिया के मोटी लंड की मोटाई के बराबर नज़र आने लगता है, हरिया अब अपने लंड से खूब करारे धक्के अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद मे मारते हुए अपना एक हाथ आगे लेजा कर अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को सहलाने लग जाता है, हरिया को जैसे-जैसे मज़ा आने लगता है वह अपने लंड से खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को चोदने लगता है,
कुछ देर बाद कमला भी अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के लंड पर मारने लग जाती है, हरिया एक बार जब अपने लंड को बाहर निकाल कर अपनी मम्मी की गान्ड का छेद देखता है तो उसे अपनी मम्मी की गुदा चुद-चुद कर पूरी गुलाबी नज़र आने लगी थी और वह अपनी मम्मी की ऐसी गुलाबी गुदा देख कर पागल हो जाता है और अपने लंड को अपनी मम्मी की गान्ड मे डाल कर खूब कस-कस कर चोदना शुरू कर देता है,
हरिया बार-बार अपने लंड को अपनी मम्मी की गुदा से बाहर निकाल कर अपनी मम्मी की गुदा को फैला-फैला कर देखता है और जब अपनी मम्मी की गुलाबी गुदा देखता है तब और भी जोश मे आकर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की गान्ड की ठुकाई करता है, हरिया ने जितना समय अपनी मम्मी की चूत मारने मे लिया था उससे डबल समय तक वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड मारने मे ले चुका था,
उस रात हरिया रात भर अपनी जवान गदराई 46 बरस की मस्तानी मम्मी को चोदता रहा, कभी आगे से कभी पीछे से सारी रात उसने कभी अपनी मम्मी की चूत मारी कभी गान्ड मारी और जब वह दोनो तक जाते तब दोनो मा बेटे एक दूसरे का लंड और चूत चाटने लगते थे, इस तरह हरिया ने पूरी रात अपनी मम्मी को खूब जी भर कर चोदा.
भाई लोगो इस तरह दोनो जिंदगी का मज़ा लेने लगे दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना
दा एंड
CHUDAAI KI AAG --5
gataank se aage..................
kamla- kya kah raha tha dinu
hariya- apni mummy ke nange pet aur uski gahri nabhi ko sahlate huye, mummy vah kah rahe the ki yaar kamla bhabhi ka utha hua pet dekh kar unka land khada ho jata hai,
kamla-hariya ki pith sahlati hui, aur kya kah raha tha vah
hariya- apni mummy ki moti jangho par apna ek panv lad kar uske gadraye pet par hath pherta hua, mummy maine jab unki yah bat suni to me vahi ruk gaya aur phir unhone tumhare bare me bahut gaanDi-gaanDi bate ki,
kamla ki chut apne bete ki bate sun kar khub phul chuki thi aur hariya ka mota land bhi puri tarah tana hua tha,
kamla- aur kya bate ki un dono ne puri bat bata
hariya- mummy mujhe sharam aati hai
kamla- are apni mummy se bhi koi sharmata hai kya, sab bete apni mummy se har tarah ki bat bata dete hai chal bol aur kya bat ki un dono ne
hariya- mummy dinu kaka kah rahe the ki kamla ke bhari-bhari chutad unhe bahut achche lagte hai, vah tumhare chutaDo ko khub nanga karke chodna chahte hai,
aur phir hariya apni mummy ke moti-moti chutaDo ko dhire-dhire dabane lagta hai,
kamla- aur kya kaha dinu ne
hariya- mummy vah kah rahe the ki unhe tumhara pura badan bahut achcha lagta hai aur vah tumhe apni godi me apne land ke upar baitha kar tumhare hontho ko khub chusna chahte hai, aur kah rahe the ki tum ek bar mil jao to vah tumhe puri rat nangi karke chodna chahte hai,
kamla- tujhe bura nahi laga unki is tarah ki bato se
hariya- bura to laga par me kya karta, jab tak vah bate karte rahe me vahi khada sunta raha aur phir jab vah dusri bat karne lage to me vaha se chupchap chala aaya,
kamla- kitna gaanDa aadmi hai ye dinu,
hariya- are mummy sirf dinu ko hi kyo kosti ho mujhe to lagta hai pura ganv tumhare bare me aisi hi bat karta hoga,
kamla-achcha pahle tu mere pas let ja aur phir mujhe puri bat achche se bata kaun mujhe puri nangi dekhna chahte hai
hariya- ma maine to suna hai ganv ke sabhi log tumhe nangi dekhna chahte hai
kamla- kya tera man nahi karta mujhe nangi dekhne ka
kamla ki bat sun kar hariya usse ek dam se sat jata hai,
kamla- achcha yah bata tujhse sabse jyada mere bare me kaun bat karta hai
hariya- mummy vo jitu hai na vahi jab dekho mujhse tumhari bat karta hai,
kamla- achcha tu baith kar mere per dabate huye bata kya-kya kahta hai vah jitu
hariya-apni ma ki moti jangho ko apne haatho me bhar kar, ma vah hamesha mujhse kahta hai ki teri ma ke chutad bahut moti-moti hai, vah mujhse kahta hai ki teri ma ki moti gaanD agar chatne ko mil jaye to sari rat chatta rahu
kamla- sisyate huye, to tujhe bura lagta tha kya
hariya- ha mujhe bura to lagta tha lekin kabhi-kabhi achcha bhi lagta tha
kamla- to kya tu bhi yahi chahta hai ki tujhse koi teri ma ke bare me bat kare
hariya- ma mujhe pata nahi kyo yah sab achcha lagne laga hai
kamla- to kya tu bhi mere bare me aisa hi sochta hai
hariya- ka hath ek dam se apni mummy ke chutaDo par ruk jata hai, nahi mummy me aapke bare me aisa kyo sochunga
kamla- to sara ganv mere bare me aisa kyo sochta hai
hariya- ab mummy tum itni achchi lagti ho isliye
kamla- to tujhe me achchi nahi lagti hu
hariya- apni mummy ka chehra apne dono haatho me bhar kar, nahi mummy mujhe to tum sabse achchi lagti ho aur sabse sundar tumhara yah chehra hai jise me dinrat chumna chahta hu
kamla-muskurakar, kya sach much tujhe mera chehra itna achcha lagta hai,
hariya- ha mummy tumhara chehra bahut khubsurat hai
kamla- aur tera dil karta hoga ki tu mujhe khub chum le
hariya- ha mummy, aur phir hariya apni mummy ka chehra chumte huye uske rasile hontho ko apne munh me bhar leta hai,
kamla- use apne se puri tarah chipka leti hai, achcha beta vo dinu mere chutaDo ke bare me kya kah raha tha
hariya ka land apni mummy ke pet se chipka hua tha aur dono karwat lekar ek dusre ko sahla rahe the, hariya apne mummy ki bat sun kar uske moti chutaDo ko apne haatho me dabate huye, mummy dinu kaka kah rahe the unhe tumhare bhari bharkam uthe huye chutad bahut achche lagte hai,
kamla- aur tujhe mere moti chutad kaise lagte hai?
hariya- apni mummy ki gadaraai gaanD ko apne haatho me bharkar dabochte huye, oh mummy mujhe duniya me sabse achchi gaanD apni mummy ki hi lagti hai,
kamla- kya man karta hai tera mere chutaDo ko dekh kar
hariya- mummy mera man karta hai ki me tumhare dono chutaDo ke pato ko phaila kar tumhari khub kas-kas kar gaanD chatu,
dono vasna ke nashe me dub chuke the aur ek dusre ke jism ko buri tarah masal rahe the
kamla- kaise chatne ka man hota hai beta
hariya- mummy tumhe ghodi bana kar tumhari gaanD chatne ka man bahut karta hai,
kamla- to kya tu apni mummy ki gaanD chatega
hariya- kyo nahi mummy, ek bar bas tum apni gulabi gaanD apne bete se chatwa bas lo
kamla- aur uske badle me apni mummy ko kya chatayega
hariya ka apni mummy ke munh se itna sunna tha ki usne apni mummy ka hath pakad kar sidhe apne moti land par rakh diya, apne bete ka lohe jaisa sakht aur garam land ka ehsas pate hi kamla pagal ho uthi aur apne bete ke moti land ko apne haatho me bhar-bhar kar khub kas-kas kar dabochne lagi,
hariya bhi bade hi mastane andaj me apni mummy ke chutaDo ko paglo ki tarah khub kas-kas kar masalne laga tha aur apne hath ko apni mummy ki gaanD ki darar me bhar kar gahrai tak apni mummy ki gaanD dabane laga
kamla ab paglo ki tarah apne bete ka land masal rahi thi
aur hariya apni 46 sal ki gadaraai mummy ki uthi hui gaanD ko khub apne hath ke panjo se dabochta hua apni mummy ke rasile hontho ko chumne laga tha, kamla ka badan kaphi bhara hua aur uski tange kaphi lambi thi un kasi hui lambi tango ko sahara diye huye uski moti makhmali jangho aur un jangho ke upar se bahut jyada ubhar kar aane wale uske chutad,
apni mummy ki usi moti gadaraai gaanD ka deewana ho chuka tha hariya, uska man ab apni mummy ki gaanD ko chatne ka hone laga tha,
dono ek dusre se puri tarah se chipke huye the aur ek dusre se bate kar rahe the
kamla- bete ye kya kar raha hai kya tu apni mummy ko chodega
hariya- ha mummy me tumhe khub kas kar chodna chahta hu
kamla- apne bete ke moti land ko apne haatho se masalte huye, bete tera land to bahut mota hai,
hariya- apni mummy ki phuli hui chut ko apni hatheli me bhar kar dabochta hua, mummy tumhara bhosda bhi to kisi se kamjor nahi hai,
kamla- hariya ke land ko dabate huye, lagta hai tujhe apni mummy ki chut bahut achchi lag rahi hai isi liye ise bar-bar chhu raha hai
hariya- mummy me to tumhari chut ka ras pina chahta hu, aur phir haria apni mummy ke pairo ki taraf aa jata hai aur kamla apni dono jangho ko phaila kar apne bete ko apni gulabi ras se bheegi hui chut dikha deti hai, hariya apne dono haatho ko apni mummy ki gaanD ke niche lejakar uski chut ko ubhar leta hai aur phir apni mummy ki rasili chut ki dono moti-moti phanko ko phaila kar apni jeebh sidhe apni mummy ki chut ke ched me dal deta hai aur uski is harkat se kamla apni gaanD jor se apne bete ke munh par marti hai aur hariya ki jeebh apni mummy ki chut ke gulabi ched me gahrai tak ghus jati hai, bas phir kya tha hariya apni mummy ki rasili chut ko khub kas-kas kar pine lagta hai aur kamla kasmasati hui,
bete apne per meri taraf karle na, hariya samajh gaya uski mummy bhi uska mota land pina chahti hai,
hariya aur uski mummy dono ek dusre ki aur per karke chipakte huye hariya apni mummy ki dono moti jangho ko khub phaila kar uski rasili chut me munh dhar kar paglo ki tarah chatna shuru kar deta hai aur kamla apne bete ka mota land khub apne hatho me kas-kas kar dabochte huye chusne lagti hai.
hariya- mummy tumhari chut bahut phuli hui aur sundar hai aur yah kitni badi aur gori hai aur isko me jitni bar chatta hu yah aur jyada lal ho jati hai aur jab me tumhari chut ko khub kas kar chusta hu to aur bhi lal ho jati hai aur mera dil karta hai ki tumhari puri chut ko khub chatu khub chusu,
kamla- apne bete ke land ko apne munh se bahar nikal kar ha bete khub kas kar chus apni mummy ki chut khub chat-chat kar lal kar de bete aah aah ahh aur phir kamla apne bete ke moti land ko apne haatho se khub dabate huye khub kas-kas kar chusne lagti hai, dono ma bete ek dusre ke land aur chut ko chat-chat kar lal kar dete hai,
hariya ab apni mummy ko puri nangi karke ulti lita deta hai aur apni mummy ki moti gaanD ko jab apne dono haatho se phaila kar dekhta hai to apni mummy ki gaanD ki darar me kasa hua bada sa ched dekh kar vah sidhe apne munh ko apni mummy ke dono chutaDo ke beech ki gahrai me dal kar khub kar kar apni mummy ki gaanD chatna shuru kar deta hai
hariya apni mummy ke bhari bharkam chutaDo ko apne dono haatho se khub kas kar dabochte huye kabhi apne hontho se uski chut ko pakad leta hai kabhi apni jeebh nikal kar uski gaanD ke ched aur chut ke gulabi ched ko chusne lagta hai, kamla is tarah ki chusai se pagalo ki tarah apne per phekne lagti hai, hariya apni mummy ko sidhi karke uski chut ko apne dono haatho se choudi karke apni jeebh se chatne lagta hai aur kamla aah aah karte huye siskiya bharne lagti hai
ha beta aise hi aah aah aur jor se chus aah aah
hariya lagatar apni mummy ki bur ko pita ja raha tha aur kamla apne bete ke sar ko apni phuli hui chut me dabaye use apna mast bhosda chusaye ja rahi thi, jab hariya apni mummy ki gaanD aur chut puri tarah chat-chat kar lal kar deta hai tab kamla use pakad kar apne upar khinch leti hai aur apne haatho se hariya ke moti land ko pakad kar apni chut ke laplapate ched me jaise hi rakhti hai hariya ek jor ka jhatka apni mummy ki gulabi ras se bhari chut me mar deta hai aur uska pura land jad tak uski mummy ki ras se bhari chut me sama jata hai,
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kamla aah aah karti hui apni moti gaanD ko utha-utha kar apne bete ke land me marne lagti hai, hariya ki speed lagatar badhti hi ja rahi thi aur vah paglo ki tarah apni gadaraai mummy ki jawan chut ko khub humach-humach kar chod raha tha aur kamla apni dono jangho ko khub phailaye huye apne bete ka mota land apni chut me le rahi thi, dono taraf se dhakke badi teji se pad rahe the jisse dono ko bahut hi maza aa raha tha,
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kuch der tak hariya apni mummy ki gaanD aur chut ko sahlata rahta hai uske bad hariya khub sara thuk apne land par laga kar apne land ke supade ko apni mummy ki moti gaanD ke ched me laga kar bade pyar se uski kamar ko apne haatho se tham leta hai aur phir ek karara dhakka apni mummy ki moti gaanD me mar deta hai aur kamla ek dam se sidhi khadi hone lagti hai lekin hariya apni mummy ki kamar ko kas kar daboch leta hai aur bahut takat se uski moti gaanD me apne land ko andar tak pel deta hai aur kamla aah aah mar gai re kahti hui phir se jhuk jati hai,
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The end
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