FUN-MAZA-MASTI
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आंटी ने किया लंड की समस्या का हल – 1
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीरज है और में फन मजा मस्तीपर बहुत लंबे समय
से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और ऐसी ही एक कहानी में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ। यह कहानी तब की है.. जब में बारहवीं क्लास में
पड़ता था और मेरा सेक्स के प्रति बहुत झुकाव था। मेरे घर के पास एक मीनाक्षी
नाम की आंटी रहती थी। उनकी उम्र उस समय 38-40 होगी.. वो बहुत सुंदर थी और उनका फिगर इतना मस्त था
कि कोई भी पागल हो जाए। मुझे उनके फिगर का साईज तो पता नहीं बस इतना आज भी याद है कि उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े और टाईट थे और
गांड भी बहुत चौड़ी और टाईट थी। उनके दो बच्चे दिल्ली और जयपुर से पढ़ाई कर
रहे थे। इसलिए अंकल और आंटी घर में अकेले ही रहते थे। अंकल बेंक में नौकरी
करते थे और आंटी स्कूल में टीचर थी। में आंटी को हमेशा से ही बहुत पसंद करता
था और उनके बूब्स को हमेशा छुपकर देखा करता था और उनके बारे में सोचकर मुठ भी मारा करता था। मेरे मन में बस यही चाहत थी कि किसी तरह उनको एक बार
चोद सकूँ।
एक बार उनके पति दिल्ली अपनी बेटी के कॉलेज में गये हुए थे और वहाँ से अपने कुछ रिश्तेदारों के यहाँ भी होकर आने का प्लान बनाया था।
लेकिन आंटी नहीं जा सकी क्योंकि उस समय उनके पास दसवीं क्लास के पेपर्स चेक
होने के लिये आए थे.. इसलिए उनको घर पर ही रुकना पड़ा। किस्मत से उसी समय मेरे मम्मी, पापा भी दस दिनों के लिए बाहर गये हुए थे। घर पर में, मेरी दीदी, दादी और दादा जी थे। उसी शाम
आंटी हमारे घर पर आई और बोली कि मेरी दीदी रात को उनके यहाँ पर सो जाए क्योंकि वो घर पर अकेली हैं। मुझे लगा कि इस
बार भी कुछ काम नहीं हो पाएगा क्योंकि में तो उनके यहाँ जा ही नहीं पाऊंगा।
में यह बात सोचते सोचते गुस्से में टीवी देखने लगा। तभी दीदी मुझे पढ़ाई करने के लिए डाँटने लगी पर में नहीं माना और टीवी देखता रहा और फिर मेरी
दीदी ने रिमोट पटक दिया.. इस बात पर मेरी और मेरी दीदी की लड़ाई हो गयी।
फिर दीदी ने गुस्से में कहा कि मुझे कहीं नहीं जाना तुम ही घर से बाहर जाओ। तुम आंटी के यहाँ जाओ और आज वहीं सोना घर में आने की जरूरत नहीं
है। में सोचने लगा कि ग़लती से ही सही एक मौका तो मिला और में आंटी के यहाँ गया और उन्हे सारी बात बताई और मैंने कहा कि आज से मुझे ही रात को यहाँ
आना पड़ेगा। आंटी ने मुझे समझाया कि अपनी बड़ी दीदी से झगड़ा क्यों करते हो?
और कहा कि चलो कोई बात नहीं तुम्ही सो जाना। दोस्तों मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और रात को सोने से पहले मैंने कपड़े चेंज किये और
सिर्फ एक केप्री पहन ली और सो गया। वैसे तो मेरा कोई खास शरीर नहीं है में
दुबला पतला लड़का हूँ। फिर एक बार तो आंटी ने मुझे गौर से देखा.. लेकिन कुछ
नहीं बोली और हम एक ही बेड पर कूलर वाले रूम में सो गये क्योंकि गर्मी बहुत
थी। देर रात को मैंने नींद में ऐसे ही धीरे से आंटी के बूब्स पर हाथ रखा.. आंटी गहरी नींद में सो रही थी। फिर मैंने धीरे से ब्लाउज का एक बटन खोला
कि आंटी हिलने लगी और करवट लेकर मेरी तरफ घूम गयी.. लेकिन मेरा एक हाथ उनके नीचे दब गया। फिर धीरे से मैंने हाथ बाहर निकाला तो उनकी नींद खुल गयी
और में तुरंत नींद में होने का नाटक करने लगा और उनको भी ऐसा ही लगा कि शायद
यह सब नींद में ही हो गया होगा। फिर थोड़ी देर बाद में इधर उधर करवट लेने लगा.. तो बेड की आवाज़ से आंटी की नींद खुल गयी और वो मुझसे पूछने लगी कि
क्यों नींद नहीं आ रही है क्या? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे नींद नहीं आ रही है। आंटी ने पूछा कि क्यों नहीं आ रही? फिर मैंने बहुत देर सोचा और बड़ी
हिम्मत करके कहा कि कुछ प्राब्लम है। तो उन्होंने फिर पूछा कि क्या हुआ? क्या समस्या है बताओ? और बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा कि में जिससे टॉयलेट करता हूँ वो बहुत ज़्यादा टाईट हो गया है और उसमे बहुत खिंचाव भी हो रहा
है। दोस्तों.. मैंने यह सोचा कि ऐसा सुनने के बाद आंटी का सेक्स करने का मन
हो जाएगा। लेकिन इस बात का आंटी पर वैसा कोई असर नहीं हुआ जैसा मैंने सोचा
था। उन्होंने तुरंत पूछा कि ऐसा कब से हो रहा है? और कहा कि अपने पापा को बोलकर
किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाओ।
मैंने कहा कि ऐसा तो पिछले एक साल से हो रहा है। फिर उन्होंने कहा कि डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया? तो मैंने कहा कि वो जो नौकरानी
पहले हमारे घर पर काम करने आती थी.. वो इसको ठीक कर देती थी। तो उन्होंने पूछा कि उस नौकरानी को कैसे पता चला? तो मैंने कहा कि में एक दिन
टीवी पर फिल्म देख रहा था और घर पर कोई नहीं था.. तब भी ऐसा ही हुआ था और उस वक़्त नौकरानी ने ही ठीक किया था और उसके बाद जब भी ऐसा होता
था तो वही ठीक कर देती थी। उन्होंने कहा कि तुम्हे उससे ठीक करना सीख लेना चाहिए था और खुद ही कर लेते। तो मैंने कहा कि मैंने बहुत बार किया था..
लेकिन मुझसे ठीक हुआ ही नहीं जैसे वो करती थी और अब तो वो आती भी नहीं है।
फिर आंटी ने कहा कि अब तुमको होता है तो तुम क्या करते हो? मैंने कहा कि में तो बस पेट के
बल लेट जाता हूँ और बहुत ज़ोर ज़ोर से रगड़ता हूँ और थोड़ी ही देर के बाद सब ठीक हो जाता है.. लेकिन जैसे वो करती थी वैसा आराम नहीं
मिलता है।
फिर आंटी ने पूछा कि यह बताओ कि तुम्हारी नौकरानी कैसे ठीक करती थी? तो मैंने कहा कि जब मुझे पहली बार हुआ था तब में घर पर अकेला था
और वो रूम में झाड़ू लगा रही थी और तब मेरा बहुत ज़ोर से टाईट हुआ था और बहुत खुजली भी हो रही थी और इतना ज़ोर से टाईट हुआ था कि पेंट के बाहर दिख
रहा था और में बेड पर लेट गया और तकिये को ज़ोर से रगड़ने लगा.. तब वो उस समय रूम में ही थी और उसने पूछा कि क्या हुआ? तब मैंने अपनी समस्या उसे
बताई.. तो उसने कहा कि वो यह ठीक कर सकती है.. लेकिन मेरी भी एक समस्या है? और जब मैंने पूछा तो उसने कहा कि तुम्हे अपनी पेंट को उतारना पड़ेगा।
मैंने कहा कि क्या ऐसा करने से ठीक हो जाएगा? तो उसने कहा कि हाँ पक्का ठीक होगा और फिर मैंने
अपनी पेंट को उतार दिया.. तो वो मेरे लंड को अपने हाथ में बड़े अजीब तरीके से पकड़ कर हिलाने लगी और लंड की चमड़ी को ऊपर नीचे करने
लगी और थोड़ी देर बाद मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद मेरे लंड से कुछ रस निकला और मेरी समस्या एकदम ठीक हो गई। फिर उसके बाद जब भी ऐसा
हुआ तो वो हमेशा ऐसा ही कर देती थी और अगर घर पर कोई रहता तो छत पर जो कमरा
है उसमे जाकर करती थी। लेकिन हमेशा ठीक हो जाता था। तो यह सुनकर आंटी बहुत चकित हुई और मेरे लंड की तरफ देखने लगी जो कि पेंट के अंदर खड़ा हो गया
था और टेंट बना हुआ था। फिर मैंने आंटी से कहा कि आज बहुत ज़ोर से खुजली हो
रही है और आज टाईट भी बहुत ज़्यादा हो गया है और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो
रहा है। फिर आंटी ने कहा कि वो जो सब कुछ तुम्हारे साथ करती थी वो बहुत गंदी बात है। मैंने कहा कि मुझे यह सब नहीं मालूम.. मुझे बस अपनी समस्या
से आराम मिल जाता था। फिर मैंने कहा कि आंटी अब मुझेसे कंट्रोल नहीं हो रहा
है और मैंने तकिये को अपने लंड के नीचे रखा और ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा.. दोस्तों यह समझ लो कि में आंटी के सामने उस तकिये को चोदने लगा। तो आंटी
ने कहा कि अरे तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने फिर से कहा कि अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है और मुझे थोड़ी ही देर में आराम मिल जाएगा.. बस एक बार
वीर्य निकल जाए। तो आंटी ने सोचा कि में बेड पर वीर्य गिराकर बेड खराब कर
दूँगा और फिर आंटी ने कहा कि अरे यहाँ पर ऐसे मत करो.. यह सब बाथरूम में जाकर
करो। तो मैंने कहा कि मुझसे बाथरुम में नहीं होगा क्योंकि मुझे वो तरीका
नहीं आता और मैंने भी बहुत बार ट्राई किया है.. लेकिन कुछ नहीं हुआ और मुझे
लगता है कि जब कोई लड़की या औरत उस तरीके से करती है तो आराम तुरंत मिल
जाता है और क्यों ना में आपको तरीका बता देता हूँ आप कर दीजिए?
आंटी बहुत चकित हुई और मुझे गुस्से से देखने लगी.. मैंने एक बार और उनसे आग्रह
किया और तकिये को कसकर रगड़ने लगा। फिर आंटी ने पहले तो मना किया और थोड़ी देर
बाद कहा कि ठीक है में बस एक बार कर देती हूँ.. लेकिन यहाँ पर नहीं बाथरूम में चलो। फिर में उनके साथ बाथरूम में गया। उन्होंने कहा कि सबसे
पहले तो तुम यह बात किसी से नहीं कहोगे और में जो भी करूँगी वो सब हाथ से
करूँगी.. तुम्हारी नौकरानी की तरह मुहं से कुछ भी नहीं करूँगी। तो मैंने वादा
किया कि में किसी से नहीं कहूँगा और कहा कि आपको जैसे भी जो भी करना है कीजिए.. बस मुझे आराम दिला दीजिए। फिर उन्होंने कहा कि अपनी पेंट को खोलो..
में मन ही मन सोच रहा था कि अब तो चोदने का मौका मिल ही जाएगा। फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया। मेरा लंड अंडरवियर के अंदर से ऐसा लग रहा था कि
जैसे अभी फाड़कर बाहर निकल जाएगा। फिर उन्होंने कहा कि अपनी अंडरवियर को भी
जल्दी से उतारो बहुत रात हो गयी है और मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया और
वो मेरे 6.5 इंच के लंड
को देखकर बहुत हैरान हो गयी।
फिर उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और धीरे धीरे हिलाने लगी और उन्होंने मेरे
लंड की पूरी चमड़ी को उतार दिया और सुपाड़ा लाल लाल दिखने लगा और अब वो चमड़ी
को ऊपर नीचे करने लगी और वो इतने मस्त तरीके से हिला रही थी.. मुझे लगा कि
आंटी का भी अब सेक्स करने का मन हो गया है और यह बात सोचकर जब आंटी मेरा लंड
हिला रही थी तब मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स को दबाने के लिए आगे किया और फिर आंटी ने मेरा लंड छोड़कर मुझे एक कसकर थप्पड़ लगा दिया और कहा कि
में तुम्हारी प्राब्लम के लिए यह कर रही हूँ और तुम मेरे शरीर को छू रहे
हो.. जाओ में अब कुछ नहीं करूँगी और तुम भी दूसरे रूम में जाकर सो जाओ। तो मैंने कहा कि आंटी जब वो नौकरानी ऐसे करती थी तब में इसी तरह से उसके
शरीर के हिस्से को छूता था जिससे मेरा वीर्य जल्दी निकल जाता था और वो
नौकरानी ही मुझसे ऐसा करने के लिए कहती थी। लेकिन आपको बुरा लगा तो मुझे माफ़
करे.. लेकिन आंटी प्लीज आप जो कर रहे थे उसे पूरा कर दीजिए। फिर आंटी ने कहा कि चलो लाओ जल्दी से कर
दूं और फिर सोना भी है और फिर उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और बड़े मस्त तरीके से हिलाने लगी और आंटी लंड की चमड़ी को ज़ोर ज़ोर
से ऊपर नीचे करने लगी। में आखें बंद करके कंट्रोल किए हुआ था कि आज वीर्य छूटने नहीं दूँगा ताकि थोड़ी देर ही सही मेरे लंड को आंटी के हाथों का
सुख प्राप्त होगा। फिर आंटी ने कहा कि बहुत अच्छा कंट्रोल कर लेते हो और कहा कि जब वीर्य आने लगे तो बता देना। तो मैंने आआहह करते हुए हाँ भरी
और लगभग 4 मिनट हो
चुके थे और अब मेरा वीर्य निकलने वाला था और मैंने आंटी को नहीं बोला और जैसे ही लंड से वीर्य बाहर निकलने लगा तो मेरा शरीर कांप
उठा और मुझे कसकर पकड़ने को कुछ चाहिए था और मैंने पास में खड़ी आंटी को ही
कसकर अपनी बाहों में पकड़ लिया और मेरा वीर्य निकल गया। मेरा थोड़ा सा वीर्य
उनकी साड़ी और पेट पर लग गया और मैंने उनको कसकर पकड़े रखा था। आंटी छुड़ाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन दोस्तों जिस समय वीर्य निकलता है उस समय
कंट्रोल करना बिल्कुल ही मुश्किल हो जाता है और तभी मैंने उनकी गर्दन पर किस
कर दिए। तो आंटी ने मुझे ज़ोर से धक्का दिया और फिर से एक थप्पड़ लगा दिया और
कहा कि कुछ तो शरम करो। मैंने इसलिए तो कहा था कि जब निकलने वाला हो तो बोल देना और मेरी साड़ी भी पूरी गंदी कर दी और मुझसे कहा कि क्यों हो गये ना
अब तो नॉर्मल.. अब जाकर सो जाओ और मुझे अपने कपड़े चेंज करने दो।
में सोने के लिए रूम में आ गया और थोड़ी देर बाद आंटी भी आ गई। आंटी सिर्फ अपनी
साड़ी उतारकर आ गयी और उन्होंने बस ब्लाउज और पेटीकोट ही पहना हुआ था। मैंने
उनकी तरफ नजरें चुराकर देखा.. लेकिन आँख नहीं खोली। उन्होंने मुझे और फिर से मेरे लंड की तरफ देखा और बाप रे बाप बोलकर लेट गयी। फिर थोड़ी देर
बाद सुबह हो गयी और में अपने घर चला गया। इस तरह वो तीन दिन तक लगातार मेरी
मुठ मारती रही। लेकिन उनके अंदर सेक्स के लिए कोई अहसास नहीं आया और में समझ गया कि ऐसे कुछ नहीं होने वाला.. मुझे कुछ और करना होगा। फिर मुझे
याद आया कि उन्होंने अपने घर की एक चाबी मुझे भी दे रखी थी और कहा था कि अगर
तुम्हे दिन में भी आना हो तो आकर टीवी देख लेना। चोथे दिन मैंने सोचा कि अब कुछ और करना होगा। तो मैंने एक और प्लान बनाया और मुझे याद आया कि हर
रोज स्कूल से आने के बाद वो नहाने जाती हैं और नहाने के बाद नंगी ही बाहर आ
जाती हैं और फिर ब्रा और पेंटी पहनकर कर सो जाती हैं और फिर शाम को उठती हैं।
उस दिन भी जैसे ही वो स्कूल से आई और सीधी नहाने चली गयी तो उनके बाथरूम में जाने के बाद में भी दूसरी चाबी से जो मेरे पास थी घर के अंदर
आ गया और फिर जिस रूम से अटेच बाथरूम था उसी रूम में उनकी ब्रा, पेंटी और टावल बेड पर रखा हुआ
था। मैंने उनकी ब्रा, पेंटी को उठाकर अलमारी में रख दिया जो कि दूसरे रूम में थी और टावल को उठाकर तीसरे कमरे में चला गया
और मैंने तीसरे कमरे में जाकर अपने कपड़े उतार दिए और टावल पहनकर उस बाथरूम की तरफ जाने लगा जिसमे वो नहा रही थी। में बाथरूम की तरफ बड़ा और
जैसे ही कमरे में घुसा तो मैंने देखा कि आंटी पूरी नंगी हालत में बेड पर और
बेड के नीचे झुककर कुछ ढूंड रही थी। तभी अचानक पीछे घूमकर देखा और मुझे देखकर हैरान हो गयी और में उनको देखकर हैरान रह गया। वो क्या मस्त लग रही
थी उनके बूब्स एकदम सुडोल, बड़े बड़े और टाईट और उनकी गांड क्या चौड़ी और टाईट थी और उनकी चूत जिस पर हल्के हल्के बाल थे वो बहुत मस्त लग रही थी। उनके
पास शरीर पर ढकने के लिए कुछ भी नहीं था तो सबसे पहले उन्होंने मुझे दूसरी तरफ देखने के लिए कहा.. लेकिन में नहीं माना और मेरा लंड तो बिल्कुल ही
नहीं माना और टावल के अंदर ऐसा खड़ा हो गया कि मानो टवल के अंदर टेंट बन गया
हो। उस दिन मेरा सबसे ज़्यादा खड़ा हुआ था क्योंकि मैंने पहली बार किसी नंगी औरत को सामने खड़ी देखा था और वो भी इतनी खूबसूरत। फिर आंटी ने भी नीचे
देखा और थोड़ी सी सहम गयी। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम यहाँ इस समय क्या करने आए हो? तो मैंने कहा कि में नहाने आया हूँ मेरे घर की मोटर खराब हो
गई है। उन्होंने मुझसे कहा कि दूसरे रूम में जाकर मेरे कपड़े लाकर दो और
टावल भी। में दूसरे रूम में गया और जाकर बस उनकी ब्रा और पेंटी ले आया। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा कि टावल क्यों नहीं लाए और कपड़े की जगह इनको यहाँ
पर क्यों लाए हो? तो मैंने कहा कि यह भी तो कपड़े ही हैं और अभी आपको इनकी ही ज़्यादा ज़रूरत है। वो गुस्से से मुझ पर चिल्लाने लगी और डांटने लगी।
फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे यह टावल आपके बेड पर मिला था इसलिए मैंने पहन
लिया.. यह आपका है तो में आपको दे देता हूँ और मैंने वहीं टावल उतार कर दे
दिया.. वो मुझ पर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी कि तुम बहुत गंदे और बेशर्म हो
गये हो। तब तक उन्होंने ब्रा पेंटी पहन ली थी और दूसरे कमरे में कुछ और
पहनने के लिए जाने लगी.. तो में भी उनके साथ नंगा दूसरे कमरे में चला गया।
फिर उन्होंने अलमारी से साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट
निकाला और बेड पर रखे तो मैंने उन कपड़ों को उठाकर दूसरे तरफ रख दिया और कहा कि आप ऐसे ही बहुत
अच्छी लग रही हो। तो वो मुझ पर गुस्सा होने लगी और मुझे गाली देते हुए कहा कि अपने कपड़े तो पहन लो। फिर में उनकी तरफ बड़ा और उनको कसकर पकड़ लिया
और अपना खड़ा लंड उनकी पेंटी के ऊपर घुमाने लगा और उनसे कहा कि आप मुझे बहुत पसंद हो.. प्लीज़ मुझे एक मौका दे दो। में अपने मोटे लंड से आपको संतुष्ट
कर दूँगा और उन्हे गर्दन पर किस करने लगा। तो उन्होंने मुझे धक्का दिया और एक थप्पड़ लगा दिया.. लेकिन में आज कहाँ मानने वाला था। मैंने उन्हे
बहुत मनाया और बहुत देर तक कहता रहा कि में आपको संतुष्ट कर दूँगा.. प्लीज मुझे एक बार करने दो। फिर थोड़ी देर बाद वो बोली कि तुमसे ज़्यादा मोटा तो
मेरे पति का है इसलिए कपड़े पहनो और घर जाओ। लेकिन में फिर से उनकी तरफ
बढ़ा और उनको कसकर पकड़ लिया और अपने हाथ से उनकी पेंटी के ऊपर से चूत को
सहलाने लगा और वो मुझे धक्का देती रही। लेकिन मैंने भी अपनी पूरी ताक़त लगा
दी और फिर मैंने अपना हाथ जैसे ही पेंटी में डाला तो उन्होंने ज़ोर से मुझे
धक्के मारने शुरू कर दिए।
तब में वहीं बैठकर रोने लगा और वो अपने कपड़े पहनने लगी। उसके बाद मुझे चुप करने के लिए मेरे पास आई.. तो मैंने कहा कि
मुझे सेक्स करने का बहुत ज़्यादा मन करता है और आपके जितनी खूबसूरत औरत कोई नहीं है। फिर वो बोली कि देखो सबसे पहले तो में शादीशुदा हूँ और
तुम्हारी माँ की उम्र की हूँ। मैंने कहा कि जब भी में आपको देखता हूँ अपने आप को
कंट्रोल नहीं कर पाता.. प्लीज़ मुझे आप एक बार सेक्स करने दो.. में कभी कुछ नहीं कहूँगा। में आपके बूब्स से दूध पीना चाहता हूँ और में आपको संतुष्ट
करूँगा.. यह मेरा वादा है और अगर नहीं कर पाया तो कभी आपसे इस बारे में बात नहीं करूँगा। तो आंटी ने कहा कि देखो यह तो तुम शुरू से कह रहे हो कि
आपको संतुष्ट करूँगा.. यह तो तुमसे होने से रहा और में यह सब तुम्हारे साथ नहीं कर सकती। फिर मैंने कहा कि में आपको अगर संतुष्ट नहीं कर पाया तो
आप जो कहेंगी वो में करूँगा और में आपसे पक्का वादा करता हूँ कि में किसी से
नहीं कहूँगा। लेकिन फिर भी वो नहीं मानी और वो वहाँ से उठकर जाने लगी और मैंने उनके हाथ को पकड़ा और कहा कि आपने यह क्यों कहा कि में आपको संतुष्ट
नहीं कर सकता? तो आंटी ने
मेरे नंगे बदन की तरफ देखा और कहा कि तुम इतने दुबले पतले हो और फिर मेरे लंड की तरफ देखकर कहा कि चलो ठीक है तुम्हारा
लंड लंबा है, बहुत मोटा
है.. लेकिन फिर भी मुझे नहीं लगता कि तुममें इतना जोश है? और आंटी ने कहा कि वैसे भी में तुम्हारे साथ नहीं करना चाहती हूँ
क्योंकि में तुम्हारी मम्मी की उम्र की हूँ और यह सारी बातें गंदी हैं.. थोड़ी
अच्छी बातें सोचा करो। में समझती हूँ इस उम्र में होता है.. लेकिन कंट्रोल
करने की कोशिश किया करो। फिर मैंने कहा कि आंटी मुझसे कंट्रोल नहीं होता और जो आप कह रही है कि में आपको संतुष्ट नहीं कर सकता.. यह आप मुझे एक मौका
देने के बाद कहना। में आपसे वादा करता हूँ कि में आपको अच्छी तरह से संतुष्ट करूँगा। उन्होंने मुझसे कहा कि एक बार सोच लो में इतनी आसानी से
संतुष्ट नहीं होती हूँ।
मैंने कहा कि हाँ मैंने सोच लिया और उनकी तरफ बढ़ा और उन्हे पकड़ लिया और मैंने कहा कि जैसे जैसे में कहता हूँ बस आप करते
जाओ.. इससे आज पूरी तरह से संतुष्ट हो जाओगे। में उन्हें किस करने लगा फिर
में तो जमकर स्मूच करता रहा.. हमारा किस लगभग 11-12 मिनट तक चला.. उसके बाद मैंने उनकी साड़ी को खोल दिया
और उनकी गर्दन पर किस करने लगा और उसके बाद मैंने उनके बूब्स पर ब्लाउज के ऊपर से ही बहुत देर तक चूसा और मेरे थूक से
पूरा ब्लाउज गीला हो गया। फिर में उनकी नाभि पर किस करने लगा और नाभि और
पेट को चूसने लगा और फिर में धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ बढ़ा और चूत को
पेटीकोट के ऊपर से ही चाटने लगा और उनका पेटीकोट उस जगह पर मेरे थूक से भीग गया
और उसके बाद में उन्हें पीछे घुमाकर उनकी गांड को दाँतों से काटने लगा.. जैसे में आज गांड को खा जाऊंगा और फिर धीरे धीरे उनकी पीठ को चाटने लगा।
जब में पीठ चाट रहा था तभी एक हाथ से में उनके एक बूब्स को दबा रहा था और एक
हाथ उनकी गांड पर रखकर रगड़ रहा था और ऐसा करने से आंटी तो एकदम मदहोश हो चुकी थी। फिर मैंने पीछे से उनके ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए और एक
एक करके सारे बटन खोल दिए। फिर आगे आकर बूब्स को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा
और फिर अपने हाथों से उनके ब्लाउज को उतार दिया और उनके बूब्स को चूसने लगा। में एक बूब्स को चूसता और दूसरे को दबाता.. दबाने चूसने में ही
आंटी इतनी मदहोश हो गयी कि ज़ोर से मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और नीचे
झुककर चूसने लगी। में समझ गया कि आंटी की घंटी बज चुकी है अब और कमाल करना
होगा।
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